Hindi Story: आसमानी रंग की प्लेन साड़ी में कितनी खूबसूरत लग रही थी वह. उस की खुली हुई काली जुल्फें बारबार चेहरे पर गिरी जा रही थीं, जिन्हें वह बड़े नाज से फिर से संवारने की नाकाम कोशिश करती थी. खिड़की से अंदर आती हुई धूप की चमक से उस का सांवला चेहरा सुनहरी आभा से चमक उठता था.
अपने ही काम में तल्लीन वह 40 साल की औरत आज औफिस में सब की नजरों का केंद्र बनी हुई थी. लंचटाइम में मैनेजर साहब ने आ कर स्टाफ के सभी लोगों से उस का परिचय कराया था.
‘‘इन से मिलिए, ये हैं काजल. आज से ये भी हमारे साथ ही काम करेंगी और आप सब इन का सपोर्ट कीजिए,’’ बौस ने इशारोंइशारों में यह भी बता दिया था कि काजल के पति की पिछले साल एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी और इसीलिए अब काजल को नौकरी करने की जरूरत पड़ रही है.
बौस के चले जाने के बाद सभी लोग काजल से ‘हायहैलो’ करने लगे थे. इन में सब से आगे समीर था, जो अपनी तीखी नजरों से काजल के जिस्म का अच्छी तरह मुआयना कर रहा था काजल का रंग भले ही सांवला था, पर उस के नैननक्श बहुत तीखे थे, जो उस की खूबसूरती को और भी बढ़ा देते थे. वह समीर को पहली ही नजर में जंच गई थी. वैसे भी समीर की दिलफेंक नजरों को तो हर लड़की और हर औरत जंच ही जाती है.
समीर का पूरा नाम समीर सिंह था. वह अपनी जाति को बड़ा बताता था और सामने वाले की जाति में कमियां निकालना उस का फेवरेट काम था. वह नौकरी में रिजर्वेशन के भी खिलाफ था.
उस के मुताबिक, ऊंची जाति का हक दलितों ने छीन लिया है, इसीलिए ज्यादातर अगड़े आज बेरोजगार हैं. अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर उस ने ‘कट्टर क्षत्रिय’ वाली तसवीर लगा रखी थी.
समीर की उम्र 28 साल थी और उस के घर में सिर्फ उस की मां और 20 साला बहन रुचि थी, जो अभी पढ़ाई कर रही थी.
रात को समीर बिस्तर पर लेटा, तो उस से उम्र में पूरे 12 साल बड़ी, पर बेहद आकर्षक काया वाली काजल की याद सता रही थी.
औफिस में अगले दिन से ही समीर ने काजल पर डोरे डालने शुरू कर दिए थे. कभी वह काजल के पास जा कर काम के बारे में कुछ बात करता, तो कभी उस की तारीफ करने लगता.
काजल भी समीर को एक अच्छा इनसान सम झ बैठी थी. तभी तो उस दिन जब काजल औफिस का काम निबटा कर थके कदमों से रोड के किनारे खड़ी हो कर कैब का इंतजार कर रही थी कि तभी समीर अपनी बाइक ले कर आ गया और ठीक काजल के सामने आ कर खड़ी कर दी.
‘‘आइए, मैं आप को छोड़ देता हूं,’’ समीर ने यह बात इतने नाटकीय अंदाज में कही थी कि काजल कुछ कह नहीं सकी और मुसकराते हुए उस की बाइक पर बैठ गई.
थोड़ी देर के बाद ‘सिल्वेस्टर कैफे’ के सामने समीर ने अपनी बाइक रोक दी और काजल की तरफ देखते हुए कहा, ‘‘यह शहर का फेमस कैफे है, इसलिए एक कौफी पीना तो बनता ही है.’’
काजल ने भी कोई एतराज नहीं जताया और दोनों जा कर कौफी टेबल पर बैठ गए.
समीर ने अपनी कौफी में थोड़ी ऐक्स्ट्रा शुगर ली, जबकि काजल ने शुगर फ्री कौफी लेना ही पसंद किया.
कौफी के घूंट भरते समय समीर काजल को जीभर कर देख रहा था, पर जैसे ही काजल ने नजर उठाई तो समीर फिर से मासूम बनने का दिखावा सा करने लगा और इधरउधर की बातें करने लगा.
कौफी पीने के बाद समीर ने काजल को उस के अपार्टमैंट्स की बिल्डिंग के बाहर छोड़ दिया. काजल शालीमार अपार्टमैंट्स के फ्लैट नंबर 102 में अपने 22 साल के भाई गौतम के साथ रहती थी.
अगले दिन औफिस में लंच के समय समीर के एक दोस्त राघव ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘तू तो अपनेआप को ‘कट्टर क्षत्रिय’ कहता है, पर फिर इस दलित जाति वाली काजल पर क्यों डोरे डाल रहा है?’’
काजल दलित जाति की है, यह बात तो समीर अच्छी तरह जानता ही था. वह मुसकराया और उस ने राघव से फुसफुसाते हुए कहा, ‘‘अरे, तु झे क्या पता कि ये दलित जाति की औरतें तो बिस्तर पर बहुत मजा देती हैं और अगर दलित औरत विधवा हो तो फिर तो कहने ही क्या?
‘‘और फिर इन के साथ मजे लेने से कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि दलित औरतें और तंबाकू वाली चिलम कभी जूठी नहीं होती.’’
समीर के चेहरे पर एक जहरीली मुसकराहट अब भी दौड़ रही थी. उस दिन पता नहीं क्यों, पर समीर औफिस में चुपचाप था. उस की चुप्पी काजल को अच्छी नहीं लगी, तो उस ने समीर की चुप्पी की वजह पूछी.
समीर ने उसे बताया कि उसे जुकाम है और सिर में भी दर्द हो रहा है. यह बात सुन कर काजल ने उसे दवा लेने की सलाह दी.
रोज की तरह ही औफिस से निकलते हुए समीर ने अपनी बाइक पर काजल को बिठाया और शालीमार अपार्टमैंट्स के सामने उतार दिया.
जैसे ही काजल आगे बढ़ी, तो समीर ने कहा, ‘‘कम से कम अपने फ्लैट पर बुला कर इस बीमार को एक कप चाय तो पिला दीजिए.’’
समीर की इस बात पर काजल थोड़ा सोच में पड़ गई थी, क्योंकि आज उस का भाई किसी सिलसिले में शहर सेबाहर गया हुआ था और ऐसे में वह किसी गैरमर्द को फ्लैट में बुलाना तो नहीं चाहती थी, पर समीर के चेहरे का भोलापन देख कर काजल ने मुसकराते हुए उसे अपने फ्लैट की तरफ चलने का इशारा किया.
काजल 2 कप चाय ले आई. अपनी चाय सिप करते ही समीर ने बुरा सा मुंह बनाया और काजल से चाय में और ज्यादा चीनी डाल कर लाने को कहा.
काजल किचन की ओर चीनी लेने गई, इतनी देर में समीर ने काजल के कप में नशे की गोली डाल दी.
काजल को कुछ पता नहीं चला. चाय पीने के बाद समीर बहाने से फोन करने लगा. काजल पर धीरेधीरे नशा हावी होने लगा था और कुछ देर बाद वह गहरी नींद के आगोश में चली गई.
समीर को इसी बात का इंतजार था. उस ने काजल को बिस्तर पर लिटाया और उस के जरूरी कपड़े हटा दिए और बेहोशी की सी हालत में काजल का रेप किया और एक वीडियो भी बना लिया.
जब काजल को होश आया, तो उस की दुनिया लुट चुकी थी. एक बार फिर दलित विधवा किसी ऊंची जाति वाले की हवस का शिकार हुई थी.
समीर जा चुका था. अपने साथ हुआ जुल्म काजल से सहन नहीं हो रहा था. वह बहुत रोई. अपनी जिंदगी को खत्म तक करने के बारे में सोचा, पर मर जाना किसी समस्या का हल तो नहीं और फिर उस का भाई भी तो उसे चरित्रहीन ही समझेगा.
काजल इसी उधेड़बुन में थी. जब कुछ सम झ नहीं आया, तो वह शावर के नीचे जा कर खड़ी हो गई. जब वह बाहर आई, तो खुद को तरोताजा महसूस करने लगी.
काजल की सम झ में इतना तो आ ही गया था कि हो न हो, बात इतने पर ही खत्म नहीं होगी और यही हुआ भी.
अगले दिन ही समीर का फोन आया. कांपते हाथों से काजल ने फोन रिसीव तो कर लिया, पर कुछ बोल न सकी.
उधर से समीर ने ही काजल को उस के पोर्न वीडियो के उस के मोबाइल में होने की बात बताई और दोबारा जिस्मानी संबंध बनाने की मांग की. ऐसा न करने पर वीडियो इंटरनैट पर और काजल के भाई और औफिस के लोगों के बीच वायरल कर देने की धमकी दे दी. अपनी इज्जत इस तरह से तारतार हो जाने की बात सोच कर काजल डर गई थी.
बेचारी काजल एक दलित जाति की ऐसी विधवा औरत थी, जिस को अपने भाई का कैरियर बनाना था. काजल के लिए नौकरी करना भी जरूरी था और फिर उसे तो समाज का भी डर था.
इसी तरह से न जाने कितनी बार समीर ने काजल को ब्लैकमेल कर के उस की इज्जत लूटी. पर उस दिन तो हद हो गई, जब समीर अपने साथ एक दोस्त को भी ले आया. वे दोनों काजल के साथ जिस्मानी संबंध बनाना चाहते थे, पर अब काजल का सब्र जवाब दे गया था.
इस तरह तो समीर उसे पूरी दुनिया में बदनाम कर देगा और न जाने कितने दिनों तक उसे यह सब सहना पड़ेगा, इसलिए आज वह नहीं झुकेगी. यह तय करते ही काजल ने अपना बैग उठाया और कमरे से बाहर निकल गई.
उसे जाता देख समीर बेफिक्र था, क्योंकि वह जानता था कि काजल के बेहूदा वीडियो उस के पास होने के चलते काजल को फिर से मजबूर करना मुश्किल नहीं होगा, पर यह सिर्फ उस का सोचना भर था. अगले कई दिनों तक काजल औफिस नहीं आई और काजल का फोन भी स्विच औफ आता रहा.
समीर बेचैन हो रहा था. हाथ आई एक मस्त दलित औरत, जिस के साथ वह जब चाहे मजे कर सकता था, पर अब तो उस का कोई अतापता नहीं था. अब वह क्या करता. उसे यही लगा था कि या तो काजल ने खुदकुशी कर ली है या वह शहर छोड़ कर बहुत दूर चली गई है.
यह सोच कर समीर मन मसोस कर रह जाता था, पर अब उसे और दुखी नहीं रहना पड़ेगा, क्योंकि काजल तो आज औफिस आ गई थी और यही नहीं, अब तो वह पहले से भी ज्यादा तरोताजा दिख रही थी और सब से मुसकरा कर बात भी कर रही थी.
समीर ने भी उस से बात करनी चाही तो भी काजल ने सामान्य ढंग से उस की बातों का जवाब दिया. समीर सम झ गया था कि यह चिडि़या तो अब पूरी तरह से उस के कब्जे में है ही, क्योंकि काजल एक सम झदार औरत है, जो समाज के सामने कभी बदनाम नहीं होना चाहेगी.
यही बात सोच कर शाम को औफिस से निकलते हुए समीर ने बेशर्मी दिखाते हुए काजल से कहा, ‘‘अरे मैडम, न जाने कहां चली गई थीं तुम. चलो, अब तो तुम आ ही गई हो, तो क्यों न आज रात रंगीन कर लें.’’
इस सवाल के बदले में काजल ने आंखें झुका लीं और समीर ने तुरंत ही अपनी बाइक काजल के सामने खड़ी कर दी. काजल बड़ी खामोशी से उस की पिछली सीट पर बैठ गई थी.
वे दोनों एक होटल के कमरे में थे. समीर महंगी वाली शराब की बोतल अपने साथ लाया था, जिसे खोल कर वह काजू की नमकीन के साथ पीने लगा और काजल को कपड़े उतारने का इशारा करने लगा.
काजल ने कहा कि वह कपड़े तो बाद में उतारेगी, पर पहले अपना मूड तो बना लिया जाए और इस के लिए काजल ने खुद ही एक पोर्न मूवी एलईडी की स्क्रीन पर चला दी.
समीर तो पहले से ही कहता था कि दलित औरतें बहुत गरम होती हैं, पर काजल को भी पोर्न देखने का शौक है, यह जान कर समीर को मजा ही आ गया था.
‘अब आज नए अंगरेजी ढंग से काजल के साथ रात गुजारूंगा…’ अभी समीर सोच ही रहा था कि स्क्रीन पर एक पोर्न मूवी के सीन आनेजाने लगे, जिन्हें देख कर समीर जोश से पागल हुआ जा रहा था. समीर ने काजल को फिर से पकड़ने की कोशिश की, पर तभी सामने की एलईडी स्क्रीन पर सीन बदल गया था.
समीर ने स्क्रीन पर देखा कि एक भारतीय लड़की बिस्तर पर बैठी हुई है और तभी एक लड़के ने बिस्तर पर आ कर उसे बांहों में जकड़ लिया और दोनों एकदूसरे को चूमने लगे और दोनों के हाथ एकदूसरे के जिस्म पर फिसलने लगे थे.
समीर अभी इस वीडियो में मजा ढूंढ़ ही रहा था कि उस की नजर लड़की के चेहरे पर गई, तो वह बुरी तरह चौंक गया. वह लड़की कोई और नहीं, बल्कि उस की सगी बहन रुचि ही तो थी.
समीर ने आंखें फाड़फाड़ कर देखा, पर उसे कुछ सम झ नहीं आया कि उस की बहन का यह वीडियो कैसे बना और यह लड़का कौन है.
समीर झुं झला गया था. उस ने काजल के चेहरे की ओर देखा, जो खड़ी मुसकरा रही थी और उस के हाथ में एक मोबाइल था.
समीर गुस्से में भर कर उसे मारने दौड़ा, तो काजल ने उसे हाथ के इशारे से रोकते हुए अपने मोबाइल की ओर इशारा किया और धमकी देते हुए कहा कि उस की एक क्लिक में उस की बहन का यह वीडियो अभी पूरे इंटरनैट पर वायरल हो जाएगा, इसलिए अब आगे से वह उसे ब्लैकमेल करना छोड़ दे और उस का वह वीडियो डिलीट कर दे.
समीर जहां का तहां रुक गया था. आखिरकार उस की बहन की इज्जत का मामला था और अपनी बहन को बदनामी से बचाने के लिए उस ने काजल की सारी बातें भी मान ली थीं.
काजल की आंखों में बदले की भावना थी. उस की आंखें मानो कह रही थीं कि एक दलित विधवा अब और शोषण नहीं सहेगी.
काजल वहां से तुरंत बाहर की ओर चल दी और कैब ले कर एक होटल में पहुंची, जहां पहले से ही उस का भाई और समीर की बहन रुचि काजल का इंतजार कर रहे थे.
काजल ने रुचि को गले लगा कर उस का धन्यवाद कहा, क्योंकि गौतम और रुचि के इस प्लान और खेले गए इस नाटक ने ही तो समीर के चंगुल से उसे बाहर निकालने में मदद की थी.
जब बारबार समीर के द्वारा ब्लैकमेल किए जाने के कारण काजल बिलकुल टूट गई थी, तो उस ने शर्म और हिचक छोड़ कर अपने भाई गौतम को ब्लैकमेलिंग वाली बात बता दी थी, तो गौतम ने आव देखा न ताव और समीर को मारने पहुंच गया.
पर जब समीर के साथ उस ने उस की सुंदर बहन को देखा, तो गौतम का प्लान बदल गया और अगले दिन से ही रुचि के कालेज जा कर उस के साथ प्यार का झूठा नाटक खेलने लगा, उस के इर्दगिर्द डोल कर प्यार की पेंगें बढ़ाने लगा.
सीधीसादी रुचि जल्दी ही गौतम की बातों में आ गई और रुचि ने भी अपने प्यार का इजहार गौतम से कर दिया.
गौतम रुचि के साथ सैक्स वीडियो बना कर उसे छोड़ देना चाहता था, ताकि अपनी बहन का बदला ले सके, पर गौतम को भी अब तक रुचि से सचमुच का प्यार हो गया था, इसलिए एक दिन गौतम ने रुचि को सारी बात बता दी.
रुचि नाराज नहीं हुई, बल्कि उस ने अपने भाई समीर को ही गलत ठहराते हुए एक प्लान बनाया, जो काजल को और ज्यादा ब्लैकमेल होने से बचा सके.
तभी रुचि और गौतम ने एकदूसरे के साथ किसी फिल्म हीरोहीरोइन के जैसी ऐक्टिंग की जो देखने में एकदम बेहूदा एमएमएस की तरह लगे और इस में रुचि के चेहरे को साफ दिखाया गया था, ताकि समीर जल्दी से उसे पहचान ले और यह ट्रिक काम कर गई. इस एक छोटे से नाटक ने समीर को उस की औकात दिखा दी थी.
अभी समीर इस सारे मामले से उबर भी नहीं पाया था कि उस के मोबाइल पर रुचि का वीडियो काल आया, जिस में वह समीर से कह रही थी कि समीर ने एक दलित विधवा के साथ जो कुकर्म किया है, वह जानने के बाद अब वह उस के साथ नहीं रह सकती, इसलिए वह घर से जा रही है और वैसे भी उस ने अपना जीवनसाथी चुन लिया है और वह कोई और नहीं, बल्कि काजल का भाई गौतम था.
वीडियो काल पर काजल के साथ गौतम को देख कर समीर ने अपना माथा पीट लिया था. एक विधवा को गलत ढंग से ब्लैकमेल करने का इतना बुरा अंजाम भुगतना पड़ेगा, यह तो उस ने कभी सोचा ही नहीं था.
समीर अब कुछ नहीं कर सकता था. उस ने भारी मन से काजल का वीडियो डिलीट कर दिया था और अब उस की सोशल मीडिया प्रोफाइल से ‘कट्टर क्षत्रिय’ नामक शब्द उसे लगातार मुंह चिढ़ा रहे थे.