Social Issue: उत्तरमध्य रेलवे ने ‘रेल के साथ रील बनाएं’ प्रतियोगिता शुरू की है. एक तरफ जहां यह एक जरूरी आयोजन लग सकता है, वहीं दूसरी तरफ यह भी सच है कि इस प्रतियोगिता से लोगों के लिए खतरे भी हैं और अगर कोई रील बनाते हुए हादसे का शिकार हो गया, तो आखिर कुसूरवार कौन होगा?

रेलवे द्वारा बताया गया है कि इस प्रतियोगिता में मुसाफिर ट्रेन के अंदर, स्टेशन या प्लेटफार्म पर रील बना कर हिस्सा ले सकते हैं. हालांकि, इस प्रतियोगिता को ले कर सुरक्षा संबंधी चिंताएं जताई जा रही हैं, खासकर रेलवे दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए, जबकि रेलवे का पक्ष है कि इस प्रतियोगिता से मुसाफिरों को अपनी क्रिएटिविटी दिखाने का एक अनोखा मौका मिलता है.

यह रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की खूबसूरती को उजागर करने का एक नया तरीका है. यही नहीं, इस से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. दिलचस्प और मनोरम रीलें पर्यटन को बढ़ावा दे सकती हैं और लोगों को रेल यात्रा के लिए आकर्षित कर सकती हैं. रेलवे स्टेशनों की खूबसूरती और वहां की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा. सब से बड़ी बात रेलवे का प्रचार मुफ्त में होगा.

इस तरह यह प्रतियोगिता रेलवे के प्रचार का एक कारगर तरीका साबित हो सकता है, खासकर नौजवानों के बीच. और तो और, रेलवे की तरफ लोगों का रुझान भी बढ़ेगा, लेकिन खतरे इस फायदे से कहीं ज्यादा हैं.

सुरक्षा जोखिम और रेलवे

रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में रील बनाते समय हादसों का खतरा बढ़ जाता है. देखा गया है कि नौजवान रील बनाने के चक्कर में अपनी सुरक्षा को भूल जाते हैं और कई बार हादसे का शिकार हो जाते हैं. रेलवे ट्रैक के आसपास रील बनाने से गंभीर हादसे हो सकते हैं.

रील बनाने के चक्कर में मुसाफिर भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर दूसरों के लिए मुसीबत पैदा कर सकते हैं. स्टाफ और मुसाफिरों का ध्यान रील बनाने में भटक सकता है, जिस से सुरक्षा संबंधी चूक हो सकती है.

रेलवे कर्मचारियों का ध्यान उन के काम से भटक सकता है, जिस से काम की क्वालिटी पर असर पड़ सकता है.

नौजवान इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए खतरनाक स्टंट कर सकते हैं, जिस से गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं. रेलवे में पहले से ही दुर्घटनाओं की संख्या चिंताजनक है और इस तरह की प्रतियोगिताएं इसे और बढ़ा सकती हैं. बहुतेरे लोग इस प्रतियोगिता को असंवेदनशील मानते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने रेलवे दुर्घटनाओं में अपने प्रियजनों को खोया है.

‘रेल के साथ रील बनाएं’ नामक प्रतियोगिता में यकीनन क्रिएटिविटी और प्रचार की संभावनाएं हैं. हालांकि, रेलवे को मुसाफिरों की सिक्योरिटी को प्राथमिकता देनी चाहिए. प्रतियोगिता के दौरान सुरक्षा दिशानिर्देषों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए और लोगों को खतरनाक स्टंट करने से रोका जाना चाहिए. रेलवे को इस प्रतियोगिता के लिए नियम बनाने चाहिए, जिस से लोगों की सिक्योरिटी पक्की हो सके.

रेलवे को इस प्रतियोगिता के आयोजन से पहले सभी सुरक्षा संबंधी पहलुओं पर सावधानी से विचार करना चाहिए. अगर सुरक्षा तय नहीं की जा सकती है, तो प्रतियोगिता को तत्काल प्रभाव से रद्द कर देना ही जनहित में बेहतर होगा.

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