ICC Champions Trophy 2025 : कप्तान रोहित शर्मा की अगुआई में भारतीय क्रिकेट टीम ने रविवार, 9 मार्च, 2025 को दुबई के ‘दुबई इंटरनैशनल क्रिकेट स्टेडियम’ में खेले गए फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को 4 विकेट से शिकस्त दे कर चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम कर लिया. यह तीसरी बार है जब ‘टीम इंडिया’ ने यह ट्रॉफी जीती है. अब तक कोई भी टीम इस ट्रॉफी को 3 बार नहीं जीत सकी है.
इस अच्छी खबर से अलग बात की जाए, तो इस बार की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी विवादों में ज्यादा रही. सब से पहले तो इस के मेजबान देश पाकिस्तान को ले कर ही बखेड़ा खड़ा हो गया था. भारत ने सिक्योरिटी का राग अलाप कर पाकिस्तान जा कर मैच खेलने से मना कर दिया था.
आप को बता दें इस बार की चैंपियंस ट्रॉफी में भारत, बंगलादेश, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, आस्ट्रेलिया, इंगलैंड, दक्षिण अफ्रीका, अफगानिस्तान समेत कुल 8 क्रिकेट टीमों ने हिस्सा लिया था. ग्रुप ए में भारत, बंगलादेश, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान थे, तो ग्रुप बी में आस्ट्रेलिया, इंगलैंड, दक्षिण अफ्रीका और अफगानिस्तान थे. भारत ने इस टूर्नामैंट में अपना एक भी मैच नहीं हारा था.
विवाद नंबर 1
खबरों की मानें तो मेजबान पाकिस्तान में इस आईसीसी ट्रॉफी में चुने गए पुलिस वालों ने चैंपियंस ट्रॉफी में ड्यूटी करने से ही इनकार कर दिया था. इस के बाद इन पुलिस वालों पर गाज गिरी थी. पंजाब पुलिस के बड़े अफसरों के मुताबिक, इन बरखास्त पुलिस वालों को बारबार ड्यूटी से गायब पाया गया था. इन पुलिस वालों को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम और होटल के बीच खिलाड़ियों की सिक्योरिटी के लिए लगाया गया था, लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी का पालन नहीं किया.
बंगलादेश और न्यूजीलैंड के बीच हुए एक मैच के दौरान एक शख्स स्टेडियम में घुस आया था और उस ने न्यूजीलैंड के बल्लेबाज रचिन रविंद्र के गले लगने की कोशिश की थी.
हालांकि, मैदान पर अनजान शख्स को देख कर वहां मौजूद सिक्योरिटी गार्ड ऐक्शन में आए थे और उस शख्स को पकड़ कर मैदान से बाहर ले गए थे. पर डराने वाली बात यह रही कि उस शख्स के हाथ में आतंकवादी संगठन तहरीक ए लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रमुख हाफिज साद हुसैन रिजवी की तसवीर थी.
विवाद नंबर 2
पाकितान ने क्रिकेट ग्राउंड को बारिश के पानी से सुखाने का जो तरीका अपनाया, वह बड़ा हो लोकल लैवल का था. इस बात से उस की देशदुनिया में बड़ी किरकिरी हुई थी.
आस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के बीच हुए मैच की मिसाल लेते हैं. आस्ट्रेलिया की पारी में 12.5 ओवर के बाद बारिश होने लगी थी और तकरीबन 30 मिनट तक लगातार बारिश हुई थी. इस वजह से मैदान पूरी तरह पानी से भर गया था, लेकिन मैदान को न सुखा पाने के चलते सोशल मीडिया पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की जम कर क्लास लगाई गई थी.
हद तो यह थी कि साधारण वाइपर ले कर 3 स्टाफ दौड़ते हुए बारिश के जमा हुए पानी को सुखाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इसी दौरान एक सफाई वाला फिसल कर गिर गया था.
विवाद नंबर 3
मेजबान पाकिस्तान को भारत के साथ अपना मैच खेलने के लिए दुबई आना पड़ा, जबकि वहां की आम जनता भारत को अपने देश में खेलते देखना चाहती थी. पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने साफ मना कर दिया कि जब तक भारत और पाकिस्तान के साथ दोस्ताना रिश्ते नहीं होंगे, तब तक भारत वहां नहीं जाएगा.
इस बात से दबी जबान में यह भी कहा गया कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल से बड़ा हो गया, जो अपनी मनमानी कर रहा है. चूंकि इंटरनैशनल क्रिकेट बोर्ड के चैयरमैन जय शाह हैं, तो उन्होंने अपने हिसाब से भारत के मैच दुबई की ऐसी पिच पर मैच रखे कि भारत को यह टूर्नामैंट जीतने में आसानी हुई.
पाकिस्तान, आस्ट्रेलिया और इंगलैंड के कई पुराने खिलाड़ियों ने कहा है कि भारत को सारे मैच एक ही जगह पर खेलने से दूसरी टीमों के मुकाबले हालात के मुताबिक बेहतर ढलने में मदद मिली.
दक्षिण अफ्रीका के टौप और्डर के बल्लेबाज रासी वान डेर डुसेन ने कहा है कि यह जानने के लिए ‘राकेट साइंटिस्ट’ होने की जरूरत नहीं है कि भारत को चैंपियंस ट्रॉफी में दुबई में खेलने का फायदा मिल रहा है.
विवाद नंबर 4
पाकिस्तान को हुआ पैसे का तगड़ा नुकसान. अगर भारत फाइनल मुकाबले के लिए क्वालिफाई नहीं करता तो फाइनल मुकाबला पाकिस्तान में लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में खेला जाता. लेकिन भारत की जीत से फाइनल मुकाबला दुबई में शिफ्ट हो गया.
दरअसल, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने करोड़ों रुपए खर्च कर कराची के गद्दाफी स्टेडियम का रिनोवेशन कराया था, जो किसी काम का नहीं रहा.
पाकिस्तान ने इस क्रिकेट आयोजन की मेजबानी के लिए अपने 3 स्टेडियमों का रिनोवेशन करने में तकरीबन 5 अरब रुपए खर्च करने का अंदाजा जताया था. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को उम्मीद थी कि मैचों के लिए स्टेडियमों में फैंस का जनसैलाब उमड़ पड़ेगा, लेकिन हुआ उस का उलटा, क्योंकि पाकिस्तान की टीम नौकआउट से पहले ही बाहर हो गई और 2 मैच बारिश ने धो डाले.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आईसीसी ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए तकरीबन 586 करोड़ रुपए के बजट को मंजूर किया था. इस टूर्नामैंट में कुल 15 मुकाबले होने थे. इन में भारत के 3 ग्रुप मुकाबले और एक सैमीफाइनल मुकाबला दुबई में खेला गया. बाद में फाइनल मुकाबला भी दुबई में खेला गया.
एक मैच के लिए तकरीबन 39 करोड़ रुपए का बजट था. ऐसे में पाकिस्तान को 4 मैच का 156 करोड़ रुपए का नुकसान पहले ही हो चुका था. फिर फाइनल मुकाबला दुबई में होने से पाकिस्तान को 39 करोड़ रुपए का और नुकसान उठाया.
विवाद नंबर 5
इस टूर्नामैंट में पाकिस्तान क्रिकेट टीम का भी अंदरूनी विवाद सामने आया. पूरी टीम बिखरी हुई नजर आई. पहले 2 मुकाबले वह न्यूजीलैंड और भारत से हार गई थी और बंगलादेश के साथ उस का मुकाबला बारिश के चलते धुल गया था. इतना ही नहीं, कप्तान और कोच एकमत नहीं दिखे.
क्रिकेट पाकिस्तान की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पाकिस्तान का खराब प्रदर्शन टीम के कप्तान मोहम्मद रिजवान और मुख्य कोच आकिब जावेद के बीच ‘अंदरूनी कलह’ के चलते हुआ. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि मोहम्मद रिजवान अहम फैसलों पर सलाह की कमी के चलते निराश दिखे. जब उन्होंने खुशदिल शाह को शामिल करने की वकालत की, तो आकिब जावेद ने आगे बढ़ कर फहीम अशरफ को खुद ही चुन लिया.
हालांकि, बोर्ड प्रमुख ने इस के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं करने का फैसला किया, क्योंकि वे टीम के मसलों में घुसना नहीं चाहते थे. वहीं, खराब प्रदर्शन के चलते घरेलू मैदानों पर चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब बचाने का सपना भी पाकिस्तान का टूट गया.
इस के अलावा फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के नुमाइंदे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सुमेर अहमद, जो टूर्नामैंट निदेशक के रूप में भी कार्यरत थे, दुबई में मौजूद थे, लेकिन उन्हें पोडियम पर नहीं बुलाया गया.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इस मुद्दे को इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल के सामने उठाने की योजना बना रहा है, ताकि यह समझा जा सके कि उन के सीईओ को समारोह में शामिल क्यों नहीं किया गया.