Crime News in Hindi: 12 दिसंबर, 2024 को उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के खुर्जा टाउन में एक शख्स नवाब ने 22 साल के समीर की इतनी बेदर्दी से हत्या कर दी कि देखने वालों की आंखें फटी रह गईं. समीर टैक्सी चला कर परिवार का भरणपोषण करता था. कुछ दिनों पहले उस ने नवाब से 3,000 रुपए उधार लिए थे, जिसे उस ने वापस भी कर दिया था, जबकि नवाब उस से और 3,000 रुपए मांग रहा था. इसी पर विवाद के बाद नवाब ने कुछ दिनों पहले समीर की पिटाई भी की थी.

12 दिसंबर, 2023 को दोपहर में समीर अपने घर के बाहर गली में खड़ा था, तभी आरोपी नवाब चाकू ले कर आया और समीर के साथ गालीगलौज शुरू कर दिया. विरोध करने पर उस ने समीर की गरदन और पेट पर ताबड़तोड़ कई वार कर दिए, जिस से उस की गरदन का अगला भाग पूरी तरह से कट गया.

हमला इतना खौफनाक था कि समीर की आंतें तक उस के पेट से बाहर निकल आई थीं. वह लहूलुहान हो कर गिर पड़ा था.

भीड़ इकट्ठी होती देख आरोपी नवाब चाकू लहराता हुआ भाग निकला. समीर को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसे मरा हुआ ऐलान कर दिया गया.

ऐसी ही कुछ और वारदातों पर नजर डालते हैं : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 10 दिसंबर, 2023 को 68 साला एक औरत से जब उस के बेटे ने कुछ रुपए उधार मांगे, तो औरत ने पैसे देने से इनकार कर दिया. गुस्से में बौखलाए लड़के ने अपनी ही मां की फावड़े से हत्या कर दी.

इस से 2 दिन पहले यानी 8 दिसंबर, 2023 को 22 साल के एक नौजवान ने महाराष्ट्र के नवी मुंबई के सानपाड़ा में तड़के एक चौकीदार की माचिस की तीली देने से इनकार करने पर हत्या कर दी.

चौकीदार ने माचिस उधार देने से इनकार किया, तो 22 साल के लड़के शेख ने एक बड़ा पत्थर उठाया और पीड़ित के सिर पर दे मारा.

इसी तरह की पिछले साल की एक वारदात है, जब उत्तर प्रदेश के बिजनौर में उधार नहीं देने पर एक नौजवान ने दुकानदार यशपाल की पीटपीट कर हत्या कर दी थी. यशपाल सिंह की एक छोटी सी परचून की दुकान थी. इसी गांव का जितेंद्र दुकान से सामान खरीदने के लिए पहुंचा.

जितेंद्र ने दुकानदार यशपाल से उधार सामान मांगा, तो यशपाल ने देने से मना कर दिया. फिर यशपाल ने जितेंद्र से उधार के 30 रुपए वापस देने को भी कहा.

इसी बात पर यशपाल और जितेंद्र में झगड़ा हो गया. गुस्साए जितेंद्र ने अपने परिवार के लोगों के साथ मिल कर  दुकानदार को पीटपीट कर मौत के घाट उतार दिया. बीचबचाव करने आई दुकानदार की पत्नी को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया.

देशभर में आएदिन हो रही ऐसी वारदातें साबित करती हैं कि आज के समय में लोगों की सहने की ताकत इतनी कम हो गई है और वे गुस्से में इतने बौखला जाते हैं कि आगेपीछे सोचे बिना मामूली सी बात पर जिंदगी लेनेदेने को तैयार हो जाते हैं.

उन्हें लगता है कि सामने वाले ने बात नहीं मानी, तो उसे जान से मार दो. खासकर, अगर सामने वाला कोई कमजोर शख्स हो, तो उस पर जानलेवा हमला करने में वे बिलकुल भी नहीं हिचकते.

खौफनाक अंजाम

मगर सोचिए, इस का अंजाम क्या होता है? एक इनसान अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठता है. उस का पूरा परिवार भी टूट जाता है.

ऐसी खौफनाक वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी भी नहीं बचता. वह जिंदगीभर कोर्टकचहरी के चक्कर लगाने या जेल की हवा खाने को मजबूर हो जाता है.

कुछ लोग जिंदगीभर पुलिस और लोगों से बचते फिरते हैं. उन की जिंदगी का सुकून छिन जाता है और वे एक मुजरिम की तरह जिल्लतभरी जिंदगी जीते हैं.

गुस्से पर रखें काबू

क्या यह बेहतर नहीं होगा कि इनसान अपने गुस्से पर काबू रखना सीखे. जराजरा सी बातों को तूल देने और अपना आपा खोने के बजाय सामने वाले की परेशानी को समझे. बेवजह की बहसबाजी या झगड़े में न पड़े.

जिंदगी खूबसूरत है, इनसान इसे अपने हाथों बरबाद न करे. साथ ही, पैसों के मामले में लेनदेन करने से बचे. न किसी को उधार दें, न किसी से उधार लें, क्योंकि पैसे रिश्तों को तोड़ने और जिंदगी तबाह करने की अकसर बड़ी वजह साबित होते हैं.

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