भोजपुरी सिनेमा कुछ चुनिंदा कलाकारों की बदौलत जाना जाता है. भोजपुरी के जो कलाकार आज बुलंदियों पर हैं, उस में उन की गायकी का बहुत बड़ा योगदान रहा है. भोजपुरी सिनेमा में गायक से नायक बने ऐक्टरों को छोड़ दिया जाए, तो जितने भी लोग भोजपुरी सिनेमा में अपनी किस्मत अजमाने आए, उन्हें दर्शकों ने एक सिरे से नकार दिया. लेकिन भोजपुरी सिनेमा में ऐक्टर विमल पांडेय एक ऐसा नाम हैं, जिन का गायन से दूरदूर तक कोई नाता नहीं रहा है. इस के बाद भी वे भोजपुरी सिनेमा के सब से कामयाब और बिजी ऐक्टरों में गिने जाते हैं.

विमल पांडेय भोजपुरी में लगातार सुपरहिट फिल्में देने की वजह से आजकल काफी सुर्खियों में हैं. भोजपुरिया बैल्ट में ‘चौकलेटी बौय’ और ‘लवर बौय’ के नाम से चर्चित विमल पांडेय ने इस भरम को तोड़ने में भी कामयाबी पाई है कि भोजपुरी सिनेमा में वही हीरो के तौर पर कामयाब हो सकता है, जिस ने गायकी के जरीए ऐक्टिंग जगत में कदम रखा है.

भोजपुरी में दर्जनों रोमांटिक फिल्में देने वाले विमल पांडेय की फिल्म ‘हीरा बाबू एमबीबीएस’ ने लंबे समय बाद सिनेमाघरों के सूखे को खत्म करते हुए लगातार 3 हफ्ते तक हाउसफुल रहने का रिकौर्ड बनाया.

विमल पांडेय ने ‘मातृभूमि’, ‘मेरे हमसफर’, ‘आईपीएस देवी’, ‘गंगा तेरी मैली हो गई’, ‘हीरा बाबू एमबीबीएस’, ‘दीवाना मैं या तू’, ‘बलम मोरा रंगरसिया’, ‘दिल धड़के तोहरे नाम’, ‘मैं हूं मजनू तेरा’, ‘हमरे मरद के मेहरारू’, ‘अकेले हम अकेले तुम’ जैसी दर्जनों फिल्में की हैं, जिन में से कुछ जल्द ही रिलीज होने वाली हैं.

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में अपनी फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में आए विमल पांडेय से हुई मुलाकात में लंबी बातचीत हुई. पेश हैं, उसी के खास अंश :

भोजपुरी सिनेमा में बिना गायक बने आप को बतौर हीरो इतनी बड़ी कामयाबी कैसे मिली?

भोजपुरी में मेरी कामयाबी का राज केवल नैचुरल ऐक्टिंग और मेरा हीरो वाला लुक रहा है. मैं ने शुरुआती दौर में छोटेछोटे रोल के जरीए फिल्मों में पहचान बनाने की कोशिश की थी, लेकिन मेरी अदाकारी और लुक को देखते हुए मेरे ऊपर फिल्मकारों ने दांव लगाया, जिस का नतीजा यह रहा कि दर्शकों ने मुझे खूब प्यार दिया और फिल्मों में मुझे लगातार कामयाबी मिलती गई. मैं आज गर्व से कहता हूं कि मेरी कामयाबी में दर्शकों के साथसाथ फिल्म प्रोड्यूसरों के भरोसे का बड़ा योगदान रहा है.

आप की फिल्म ‘हीरा बाबू एमबीबीएस’ सिनेमाघरों में लगातार 3 हफ्ते तक हाउसफुल रही है. इस बारे में आप कैसा महसूस कर रहे हैं?

मुझे खुशी है कि मेरी इस फिल्म ने लंबे समय के बाद टिकट खिड़की के दबाव को कम किया है. मुझे यकीन है कि इस से भोजपुरी सिनेमा में निराशा का दौर छंटेगा.

फिल्म ‘हीरा बाबू एमबीबीएस’ में ऐसा क्या था, जो यह फिल्म इतनी बड़ी हिट रही?

यह एक फुल कौमेडी और पारिवारिक फिल्म है, जिस में सभी कलाकारों ने अपना बैस्ट देने की कोशिश की है. भोजपुरी सिनेमा में ‘हीरा बाबू एमबीबीएस’ के रूप में दर्शकों को लंबे समय बाद ऐसी फुल मस्ती वाली फिल्म देखने को मिली थी और यही वजह है कि यह फिल्म हिट साबित हुई है.

आप ने अचानक फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन में भी कदम रख कर सब को चौंका दिया है. इस की क्या वजह है?

भोजपुरी सिनेमा में फिल्में तो बहुत बन रही हैं, लेकिन फिल्मों को मनचाही कामयाबी न मिलने से डिस्ट्रीब्यूटर पैसा लगाने से डरते हैं, इसीलिए मैं ने यह फैसला लिया कि भोजपुरी सिनेमा से जुड़े इस मिथक को मैं तोडूंगा. लिहाजा, मैं ने अपनी फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ‘विमल कुमार पांडेय ऐंटरटेनमैंट’ बना कर उत्तर प्रदेश सिनेमाघरों में अपनी ही फिल्म ‘हीरा बाबू एमबीबीएस’ को रिलीज किया.

भोजपुरी के आप पहले ऐक्टर हैं, जो अपनी ऐक्टिंग के साथसाथ खेतीबारी को भरपूर समय देते हैं. लगातार फिल्मों की शूटिंग और इस के साथसाथ खेतीबारी का काम एकसाथ कैसे हो पाता है?

आप का प्रोफेशन आप की बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकता है. आप की ख्वाहिशें पूरी कर सकता है, लेकिन पेट की आग केवल अनाज के निवाले से बुझ सकती है. मैं क्या दुनिया का कोई भी इनसान बिना खाए नहीं रह सकता है, इसलिए मैं जितना जरूरी अपने ऐक्टिंग प्रोफैशन को मानता हूं, उस से ज्यादा अपने बापदादा की विरासत और खेतीबारी को मानता हूं, इसलिए मैं खेतीबारी के सीजन में बोआई, कटाई और मंड़ाई के समय में फिल्मों के शूटिंग की तारीख नहीं देता हूं, बल्कि इन दिनों मै अपना पूरा समय खेतीबारी को देता हूं.

मेरा मानना है कि हर इनसान अगर साल के 3 महीने खेतीबारी को दे और 9 महीने अपने प्रोफैशन को दे, तो देश में कोई भी आदमी भूखा नहीं रहेगा.

भोजपुरी फिल्मकारों का का कहना है कि आप हमेशा खुद को चुनौती देना पसंद करते हैं. इस बारे में आप का क्या कहना है?

जिस क्षेत्र में चुनौतियां होती हैं, उस के जब नतीजे आते हैं, तो वे लीक से हट कर होते हैं. मेरा भी यही मानना है कि जब तक मेरे अभिनय में चुनौती नहीं होगी, तब तक मैं अपने असली हुनर को दर्शकों के सामने नहीं ला पाऊंगा, इसीलिए मैं हमेशा चुनौतियों वाले रोल ही पसंद करता हूं.

आप का खुद कहते हैं कि आप को चुनौतियां पसंद हैं, तो फिर भोजपुरी में सुपरहीरो पर फिल्में कब बनेंगी?

भोजपुरी में भी सुपरहीरो पर फिल्में बनेंगी और कामयाब भी होंगी. अभी भोजपुरी में सुपरहीरो पर फिल्में बनने का समय नहीं है, क्योंकि भोजपुरी फिल्मों का बजट उतना नहीं है, जितने में सुपरहीरो वाली फिल्में बनाई जा सकें. लेकिन आप ने बात छेड़ ही दी है, तो आप को भरोसा दिलाता हूं कि भोजपुरी में सुपरहीरो वाली पहली फिल्म की घोषणा मैं जल्द ही करूंगा.

ऐक्टिंग लाइफ से जुड़ा कोई ऐसा किस्सा जो आप को अच्छा न लगा हो?

हाल ही में मैं ने भोजपुरी की ‘बबली गर्ल’ रितु सिंह के साथ एक फिल्म ‘अकेले हम अकेले तुम’ की थी, जिस में एक सीन में रितु सिंह मेरे साथ ब्राइडल लुक में नजर आई थीं. पता नहीं यह फोटो कैसे वायरल हो गया, जिसे लोगों ने रियल शादी का नाम दे कर खूब वायरल किया, जबकि यह रील का हिस्सा था.

इसी तरह मेरी फिल्म ‘हीरा बाबू एमबीबीएस’ से जुड़े एक शादी के फोटो को वायरल कर एक हीरोइन से मेरे शादी के चर्चे उड़ा दिए गए थे. मुझे लगता है कि सोशल मीडिया पर कुछ लाइक्स और कमैंट्स के लिए इस तरह की चीजें नहीं होनी चाहिए.

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