सुनील मुजफ्फरपुर का रहने वाला था. बीए करने के बाद उसे कोलकाता में नौकरी मिल गई. कुछ दिनों की कोशिश के बाद उसे किराए पर मकान भी मिल गया.

मकान मालिक का नाम रंजीत प्रसाद था. उन की उम्र 40 साल के आसपास थी. उन की पत्नी का नाम पूनम था, जिस की उम्र 22 साल के आसपास थी. वह बेहद खूबसूरत थी.

पूनम रंजीत प्रसाद की दूसरी पत्नी थी. उन की पहली पत्नी की 4 साल पहले मौत हो गई थी. बच्चे की लालसा में रंजीत प्रसाद ने 2 साल पहले पूनम से शादी की थी. मगर पूनम ने भी उन्हें अब तक कोई बच्चा नहीं दिया था.

मकान 2 मंजिल का था. मकान मालिक ऊपरी मंजिल पर रहते थे और सुनील नीचे रहता था.

सुनील रंजीत प्रसाद को भैया कहता था और पूनम को भाभी. वह उन के घर के छोटेमोटे काम भी कर देता था.

एक दिन रंजीत प्रसाद ने सुनील से कहा, ‘‘अब तुम्हें खाना बनाने की जरूरत नहीं. कल से तुम हमारे साथ ही खाना खाओगे.’’

पहले सुनील इस के लिए तैयार नहीं हुआ, मगर जब पूनम ने भी जोर दिया, तो वह उन लोगों के साथ खाना खाने के लिए राजी हो गया. मगर शर्त यह रखी कि भोजन के बदले उन्हें रुपए लेने होंगे. आखिरकार रंजीत प्रसाद ने भी उस की शर्त मान ली.

धीरेधीरे सुनील को लगने लगा कि वह पूनम को चाहने लगा है. अगर पूनम उसे नहीं मिलेगी, तो उस की जिंदगी बेकार हो जाएगी.

इसी तरह 6 महीने बीत गए. उस के बाद एक दिन ऐसा वाकिआ हुआ कि वे दोनों एकदूसरे में समाए बिना न रह सके.

उस दिन रविवार था. सुनील की छुट्टी थी. रंजीत प्रसाद रोजाना की तरह सुबह 11 बजे अपनी दुकान पर चले गए थे. वे रात के 10 बजे से पहले घर नहीं लौटते थे. वे अपनी दुकान वृहस्पतिवार को बंद रखते थे.

दोपहर का भोजन करते समय अचानक पूनम ने सुनील से कहा कि वह उस के साथ सिनेमाघर में कोई फिल्म देखना चाहती है.

सुनील को लगा कि जैसे उस के मन की मुराद पूरी हो गई हो. दोनों ने शाम को फिल्म देखने की योजना बना ली.

शाम को सुनील अपने कमरे में तैयार हो रहा था कि अचानक वहां पूनम आ गई. वह एकटक उसे देखने लगा. उस की नजरें पूनम के हर एक अंग को निहारने लगीं.

कसा हुआ बदन, उभरी हुई छाती, बड़ीबड़ी आंखें, पतली कमर, गुलाबी होंठ और उस समय उस ने काले रंग का सूट भी पहन रखा था, जो उस के गोरे रंग पर कयामत ढा रहा था.

सुनील कुछ कहता, इस से पहले पूनम बोली, ‘‘क्या हुआ? इस तरह आंखें फाड़ कर मुझे क्यों देख रहे हो? क्या मैं इस लिबास में अच्छी नहीं लग रही?’’

‘‘अच्छी तो आप हर लिबास में लगती हैं, मगर इस लिबास में तो कुछ और ही बात है भाभी.’’

पूनम मुसकराती हुई बोली, ‘‘क्या तुम्हारा दिल घायल हो गया है?’’

सुनील खुद पर काबू न पा सका और दिल की बात जबान पर झट से ला दिया, ‘‘अगर मैं कहूं कि मेरा दिल आप को पाने के लिए छटपटा उठा है, तो…?’’

‘‘ऐसी बात है, तो तुम्हीं बताओ कि तुम्हारे दिल की छटपटाहट दूर करने के लिए मुझे क्या करना होगा?’’

सुनील को लगा कि अगर उस ने यह मौका गंवा दिया, तो पूनम को कभी भी पा नहीं सकेगा.

उस ने बगैर देर किए झट से पूनम को अपनी बांहों में भर लिया और कहा, ‘‘आप को कुछ करना नहीं है. जो कुछ करना है, मुझे करना है. आप को सिर्फ मेरा साथ देना है.’’

इतना कहने के बाद सुनील पूनम के गुलाबी गालों और रसीले होंठों को बारबार चूमने लगा.

थोड़ी देर बाद पूनम बोली, ‘‘अब छोड़ो, नहीं तो फिल्म जाने में देर हो जाएगी.’’

सुनील ने पूनम को अपनी बांहों से जुदा नहीं किया. उस ने पूनम के गालों पर एक जोरदार चुंबन जड़ कर कहा, ‘‘मैं कुछ और ही सोच रहा हूं.’’

‘‘वह क्या?’’

‘‘आज जब हम दोनों ने एकदूसरे पर अपने प्यार का इजहार कर ही दिया है, तो क्यों न जिंदगी का असली मजा बिस्तर पर लिया जाए? फिल्म फिर कभी देख लेंगे.’’

पूनम मुसकरा कर बोली, ‘‘खयाल बुरा नहीं है. दरवाजा बंद कर लो. मैं बिस्तर पर चलती हूं.’’

पूनम को अपनी बांहों से अलग कर सुनील कमरे का दरवाजा बंद करने चला गया.

वह दरवाजा बंद कर के बिस्तर पर आया, तो वहां पूनम मुंह के बल लेटी थी. सुनील की बेकरारी बढ़ गई, तो वह पूनम के कपड़े उतारने लगा. पूनम का संगमरमरी बदन देख कर सुनील को लगा कि आज उस की प्यास बुझ जाएगी.

वह धीरेधीरे प्यार के रास्ते पर आगे बढ़ता गया… पूनम भी लाजशर्म छोड़ कर उस का साथ देती गई.

प्यार की मंजिल पर पहुंच कर जब दोनों शांत हो गए, तो पूनम ने कहा, ‘‘आज तुम से जो सुख मुझे मिला है, वैसा सुख मुझे मेरे पति से सुहागरात को भी नहीं मिला था.’’ न चाहते हुए भी सुनील ने उस से पूछ लिया, ‘‘ऐसा क्यों?’’

‘‘शायद इसलिए कि वे उम्र में मुझ से काफी बड़े हैं. मैं सच कहती हूं, पति से मैं एक दिन भी खुश नहीं हो पाई. अगर मैं उन से संतुष्ट होती, तो अपना जिस्म तुम्हें क्यों सौंपती?’’

‘‘फिर आप ने रंजीत भैया से शादी क्यों की?’’

‘‘यह मेरी मजबूरी थी. मेरे पिता बहुत गरीब थे. मेरे अलावा उन की

4 बेटियां और थीं. मैं सब से बड़ी थी. कोई भी बिना दहेज के मु?ा से शादी करने के लिए तैयार नहीं था. मेरे पिता की दहेज देने की हैसियत नहीं थी.

‘‘इसलिए जब रंजीत प्रसाद ने मुझसे शादी करने के लिए पिता को प्रस्ताव दिया, तो वे मान गए. मैं पिता की मजबूरी समझाती थी, इसलिए इस बेमेल शादी का विरोध नहीं कर पाई.

‘‘मैं ने सोचा था कि रंजीत प्रसाद उम्र में मुझ से 18 साल बड़े जरूर हैं, मगर जब वे मुझे प्यार करेंगे, तो मैं सुख से भर जाऊंगी, पर ऐसा नहीं हुआ.

‘‘2 साल तक मैं ने अपनी कामनाओं को दबा कर रखा, मगर जब तुम्हें देखा, तो अपनेआप पर काबू न रख सकी और सोचा कि अपनी प्यास बुझने के लिए अपनेआप को तुम्हारे हवाले कर दूंगी. अभी मैं तुम्हारी बांहों में हूं.’’

यह कह कर पूनम चुप हो गई, तो सुनील ने उसे अपनी बांहों में कस लिया. उस के गालों पर एक चुंबन जड़ने के बाद कहा, ‘‘मैं सच कहता हूं भाभी, अगर आप मुझे नहीं मिलतीं, तो मैं जी नहीं पाता.’’

उस दिन के बाद से दोनों को जब भी मौका मिलता, वे एकदूसरे में समा जाते.

2 साल बीत गए. इस बीच सुनील के मातापिता ने शादी करने के लिए उस पर कई बार दबाव डाला, मगर उस ने हर बार कोई न कोई बहाना बना दिया.

एक बार जब सुनील गांव गया, तो उस की मां ने अपना यह फैसला सुनाया कि अगर उस ने 6 महीने के अंदर शादी नहीं की, तो वे खुदकुशी कर लेंगी.

यह सुन कर सुनील चिंता में पड़ गया. उस की मां ने उस के लिए एक लड़की भी देख रखी थी.

पूनम को सुनील इतना ज्यादा प्यार करने लगा था कि किसी भी हाल में वह उस से अलग नहीं होना चाहता था. काफी सोचने के बाद उस ने फैसला किया कि वह समाज की परवाह किए बिना पूनम से शादी करेगा.

गांव से लौट कर सुनील कोलकाता आया. मौका देख कर एक दिन उस ने पूनम को अपनी बांहों में भर लिया और कहा, ‘‘मुझे तुम से कुछ कहना है.’’

‘‘मैं भी तुम्हें एक बात बताने के पिछले एक हफ्ते से बेचैन हूं. कहो तो बता दूं.’’

‘‘पहले तुम अपनी बात कहो, फिर मैं कहूंगा.’’

‘‘मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनने वाली हूं…’’ कहतेकहते पूनम शरमा गई, ‘‘मैं जानती हूं कि तुम मुझे बहुत प्यार करते हो, इसीलिए मैं ने यह फैसला किया है कि अब मैं रंजीत प्रसाद के साथ नहीं रहूंगी. उन से तलाक ले कर तुम से शादी करूंगी. तुम मुझ से शादी करोगे न?’’

सुनील खुशी से झूम उठा. पूनम ने कहा कि सब से पहले वह अपने और सुनील के जिस्मानी संबंध की जानकारी अपने पति को देगी और फिर उन से तलाक की बात करेगी. अगर वे मान गए तो ठीक, नहीं तो उन्हें नामर्द साबित कर के कोर्ट से तलाक ले लेगी.

पूनम ने सुनील से कहा था कि वह रंजीत प्रसाद से रात में तलाक की बात करेगी और अगले दिन सुबह वह उसे उन का फैसला बता देगी.

मगर अगले दिन सुबह सुनील को पूनम से बात करने का मौका नहीं मिला. मजबूरी में वह दफ्तर चला गया.

दफ्तर से लौट कर सुनील शाम के 6 बजे घर आया, तो पूनम अपने कमरे में थी. रोज की तरह उस समय रंजीत प्रसाद घर पर नहीं थे.

पूनम के पास बैठ कर सुनील ने उस से पूछा, ‘‘तुम ने रंजीत से तलाक की बात की?’’

‘‘बात की थी, मगर उन्होंने जो कुछ कहा, उस पर सोचने के बाद मैं ने अपना फैसला बदल दिया.

‘‘अब मैं उन्हें तलाक नहीं दूंगी और न ही तुम्हारे साथ कोई संबंध रखूंगी.’’

यह सुन कर सुनील हैरान रह गया. उस ने पूनम से पूछा, ‘‘ऐसी कौन सी बात उन्होंने तुम्हें बताई कि तुम मेरे साथ विश्वासघात करने पर उतारू हो गई.’’

‘‘उन से बात करने के बाद मुझे पता चला कि उन्हें मेरे और तुम्हारे नाजायज संबंध की जानकारी बहुत पहले से थी. उन्होंने जानबूझ कर हमें रोकने की कोशिश नहीं की.

‘‘उन्होंने ऐसा इसलिए किया कि उन का मानना है कि औरत अगर किसी मर्द के साथ बेवफाई करना चाहे, तो सात तालों में बंद रहने के बावजूद कर डालेगी. अगर औरत किसी के प्रति वफादार रहना चाहेगी, तो दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है कि उसे बेवफाई करने पर मजबूर कर दे.

‘‘मेरे पति ने मुझे यह भी कहा, ‘अगर तुम्हें मुझ से संतुष्टि नहीं मिलती है, सुनील से मिलती है, तो तुम उस से नाजायज संबंध बनाए रख सकती हो. मगर मुझे तलाक दे कर उस से शादी करने की बात मत करो, क्योंकि मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं, तुम्हारे बिना मेरी जिंदगी बेकार हो जाएगी.’

‘‘मेरे पति की बातों ने मुझे झकझोर कर रख दिया. आखिरकार मैं ने फैसला किया कि अब मैं पति को नहीं छोड़ूंगी.’’

पूनम का फैसला जान कर सुनील गुस्से में आ गया. उस ने पूनम का गला दबोच लिया और कहा, ‘‘अगर तुम मुझ से शादी नहीं करोगी, तो मैं तुम्हें जान से मार दूंगा.’’

पूनम ने कहा, ‘‘तुम मुझे जान से मार दो, मैं चूं तक नहीं करूंगी. पर पति के साथ बेवफाई करने को मत कहना.’’

सुनील उस के गले पर अपने हाथ का दबाव डालने ही जा रहा था कि अचानक उसे लगा कि वह सही नहीं है, सही रास्ते पर तो पूनम थी.

उस के बाद सुनील ने पूनम के गले पर से अपना हाथ हटा लिया और कहा, ‘‘मैं तुम्हें मार नहीं सकता पूनम, क्योंकि मैं तुम्हें दिल की गहराइयों से चाहता हूं. तुम्हें तुम्हारा पति भी चाहता है. तुम तो एक ही हो. तुम दोनों के साथ तो रह नहीं सकती, इसलिए तुम अपने पति के साथ ही रहो.

‘‘मैं कल ही तुम्हारे घर से, तुम्हारी दुनिया से दूर चला जाऊंगा. तुम अपने पति के साथ हमेशा खुश रहना.’’

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