शादी के लिए तो युवतियां सहज तैयार हो जाती हैं, लेकिन सैक्स के लिए खुद को तैयार करने में उन्हें खासी मशक्कत करना पड़ती है. ऐसा इसलिए कि उन्हें सैक्स की बहुत ज्यादा वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी नहीं होती. यह बात और है कि युवतियां शिक्षित और आधुनिक होने के नाते यह मान बैठती हैं कि वे सैक्स के बारे में बहुत कुछ जानती हैं और इस का आधार सैक्स ऐजुकेशन के वीडियो, इंटरनैट की चुनिंदा साइट और एक हद तक पोर्न फिल्में होती हैं.

सैक्स की जानकारी के ये सोर्स फौरी तौर पर उत्तेजना तो देते हैं पर कोई शिक्षा नहीं देते और न ही सैक्स के लिए बेफिक्री की हद की गारंटी होते. सैक्स को पूरी तरह सम?ाने का दावा अकसर भ्रम ही साबित होता है जिस की तुलना ऐग्रीकल्चर से की जा सकती है जो साइंस भी है और आर्ट भी. खेत को कितनी गहराई तक जोतना है, सिंचाई कब और कितनी करनी है, खाद कितनी देनी है, कटाई कब करनी है जैसी बातें कहेसुने की बीना पर हर किसी को किसान नहीं बना देतीं. ठीक इसी तरह पेपर वर्क में सैक्स साइंस होता है लेकिन करते वक्त आर्ट हो जाता है.

जिंदगी के आनंद में खलल

जिंदगी पहले के मुकाबले अब और ज्यादा कठिन होती जा रही है खासतौर से सैक्स के मामले में जटिलताएं अकसर मुंह बाए खड़ी रहती हैं चूंकि यह नितांत व्यक्तिगत मसला होता है इसलिए बात या परेशानी उजागर नहीं होती लेकिन इस का यह मतलब नहीं कि वह हल हो गई. युवतियों को सैक्स संबंधी जानकारी जिन स्रोतों से मिल रही है वह वैज्ञानिक नहीं है इसलिए युवतियां सैक्सुअली जरूरत के मुताबिक तैयार नहीं हो पातीं जिस से दांपत्य के आनंद में खलल पड़ता है.

किसी युवती से यह पूछा जाए कि क्या वह सैक्सुला तैयार है तो शायद ही वह ईमानदारी से इस का जवाव हां में दे पाए. इस की बड़ी वजह सैक्स की बुनियादी जानकारी का न होना है और अधिकतर युवतियां इसे शादी के बाद का विषय मानते हुए कहेंगी कि देखेंगे वह तो अपनेआप हो जाता है.

अपनेआप के नुकसान

अपनेआप तो खेती भी होती है लेकिन वह जंगल और खरपतवार टाइप होती है जिस से किसी को फायदा नहीं होता. यही बात अपनेआप होने वाले सैक्स की मानसिकता को ले कर है कि इस की सारी जिम्मेदारी पुरुष की है. बिलाशक सैक्स अपनेआप हो सकता है लेकिन इस से मैरिड लाइफ का एक बड़ा सुख खुशी या उपलब्धि छिनती है. हमारे समाज में कभी भी किसी स्तर पर लड़कियों को सैक्सुअली तैयार या मैच्योर होने देने का माहौल कभी नहीं बनने दिया गया. उलटे उन्हें डराने और रोकने छत्तीसों लोग खड़े रहते हैं.

अब इस के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं. नई पीढ़ी स्मार्ट है, ऊर्जावान है, कमाऊ है और महत्त्वाकांक्षी भी है. वह जिंदगी को जितना हो जिंदादिली से जी लेने में यकीन करती है. यह सब रहने, पहनने और खानपान के मामलों में तो बिंदास लागू होता है क्योंकि ये चीजें पैसे से खरीदीं लेकिन सैक्स के मामले में नहीं. निश्चित रूप से यह वर्जनाओं की वजह से है.

शादी की तैयारियों में किसी भी लड़की का सारा उत्साह फोटोग्राफी, ज्वैलरी, कपड़ों और दूसरी शौपिंग में देखते बनता है लेकिन सैक्स को ले कर उस की क्या तैयारियां हैं यह बात बहुत छोटे में सिमट कर रह जाती है. इस बात को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत हर युवती को है कि वह शादीशुदा जिंदगी के मद्देनजर सैक्स की अहमियत को शिद्दत से सम?ो और इस मानसिकता से बाहर आए कि सहवास ही सैक्स होता है.

बदल रही सोच

ऐसा गलत नहीं कहा जाता कि शादी के बाद शुरुआती दिनों का सैक्स अच्छी और सुखी जिंदगी की नींव रखता है. पहले युवतियां सोचती थीं कि अगर वे पति से सैक्स पर खुल कर बात करेंगी तो वह उसे अन्यथा लेगा और चरित्र पर भी शक करेगा. क्या आज भी ऐसा है इस बारे में लोगों की राय अलगअलग हो सकती है पर शादी के पहले मौडर्न युवा सैक्स पर चर्चा करने से कतराते नहीं. लेकिन एक बड़ा फर्क है.

भोपाल के एक बैंककर्मी सारांश का कहना है कि लड़कालड़की शादी के पहले एकदूसरे को सम?ाने के लिए मिलते हैं तो तमाम मुद्दों पर चर्चा करते हैं मसलन फाइनैंशियल, पारिवारिक, कैरियर और सामाजिक. वे धीरेधीरे रोमांटिक भी होते जाते हैं लेकिन सैक्स पर खुल कर बात नहीं कर पाते. मु?ो लगता है कि फ्लैट कब लेंगे, कार कब खरीदेंगे जैसी प्लानिंग के साथसाथ सैक्स प्लानिंग भी जरूरी है. सारांश बताते हैं कि लड़के भी इस चर्चा में ?ि?ाकते हैं.

उन्हें लगता है कि सैक्स की बात करने पर होने वाली पत्नी की राय और इमेज उन के बारे में अच्छी स्थापित नहीं होगी. वह उन्हें लंपट सम?ा सकती है.

बकौल सारांश आप यह न सम?ों कि लड़के सैक्स के बारे में बहुत कुछ जानते हैं. हां वे बहुत कुछ जानने का दिखावा जरूर करते हैं लेकिन यदि पत्नी मैच्योर और सम?ादार हो तो बहुत सी उल?ानें और परेशानियां पैदा होने के पहले ही खत्म हो जाती हैं और रिश्ते की शुरुआत बेहद खुशनुमा होती है. ऐसे में युवती का रोल और ज्यादा अहम हो जाता है बशर्ते वह खुद को सैक्स के लिए तन और मन दोनों से तैयार कर ले.

इस के लिए जरूरी है-

आप को सैक्स के बारे में अधिकतम जानकारी हो और उस के सोर्स शैक्षणिक होने चाहिए. तभी आप खुद को सैक्सुअली फिट मान सकती हैं. इसे कुछ उदाहरणों से सम?ा जा सकता है. मसलन, पहली बार सैक्स के बाद ब्लीडिंग हो यह जरूरी नहीं लेकिन हां दर्द जरूर होता है. मगर यह कोई डरावनी या घबराने वाली बात नहीं है. यह बहुत कुदरती बात है और कुछ दिनों तक ही ऐसा होता है.

सैक्स के पहले फोर प्ले ज्यादा माने रखता है. यह असल में कला है इस के लिए खुद को तैयार रखें और पार्टनर को उत्साहित करती रहें. सिर्फ सहवास ही मकसद नहीं होना चाहिए. बेहतर तो यह भी होता है कि अच्छी सैक्स लाइफ और ऐंजौयमैंट के लिए शुरूआती दिनों में ज्यादातर ध्यान और कोशिश फोर प्ले की हो.

पुरुष जल्दी उत्तेजित होते हैं और कुछ ही देर में स्खलित होने की कोशिश करने लगते हैं. ऐसे में सब्र से पार्टनर को संभालें और सैक्स को लंबा से लंबा खींचने की कोशिश करें. अगर वह जल्दी डिस्चार्ज होने लगे तो अपनी तरफ से कुछ जाहिर न होने दें. इस से उस की परफौर्मैंस पर असर पड़ता है. इस से बचने के लिए बीच में ब्रैक ले सकती हैं.

मुमकिन है आप अपने ही प्राइवेट पार्ट्स की बनाबट के बारे में ज्यादा नहीं जानती हों लेकिन यह आप को मालूम होना चाहिए कि पेनिट्रेशन कहां से और कैसे होना चाहिए. न केवल

बनाबट बल्कि दूसरी सैक्स ऐक्टिविटीज के बारे में भी आप को शादी के पहले जानकारी इकट्ठा कर लेनी चाहिए जैसाकि पीरियड के कितने दिन बाद गर्भ ठहरने की संभावना ज्यादा रहती है और सहवास के बाद वैजाइना में गीलापन कोई बीमारी नहीं होती.

यह बहुत स्वाभाविक बात है जिसे कुछ दिनों के अनुभव के बाद आप सम?ाने लगेंगी. हालांकि युवती खुद को कितना ही बोल्ड और ऐडवांस सम?ो शुरूशुरू में पेनिस को छूना तो दूर की बात है ज्यादा देर तक देखने में भी हिचकती है. और्गेज्म बहुत अहम होता है और यही असल सैक्स सुख होता है लेकिन शुरू के दिनों में इस तक पहुंचना या इसे महसूसना थोड़ा कठिन होता है. ऐसा दोनों के जोश के चलते भी हो सकता है इसलिए इसे सब्र से पाने की कोशिश करें.

सैक्स के शुरुआती दिनों में सैक्स के बाद यूरिन इन्फैक्शन भी बहुत आम बात है जो थोड़ी सी दवाइयों से ठीक हो जाता है. इस से घबराना नहीं चाहिए. ऐसी कई बातें और हैं जो आप को सैक्स के लिए बिना किसी डर के तैयार करती हैं. सैक्स को ले कर मन में कोई वहम या डर मजा खराब कर सकता है. इसलिए सैक्स हमेशा बिना किसी ?ि?ाक के करें और इस पर पति से बातचीत करती रहें.

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