देश के एक समाचारपत्र समूह द्वारा किए गए सर्वे में यह बात निकल कर आई है कि हमारे देश में हर तीसरे दिन एक मौत जादूटोना और अंधविश्वास की वजह से होती है.

साल 2001 से साल 2014 तक की 14 साल की रिपोर्ट में यह देखा गया कि भारत में 2,290 औरतों की मौत की वजह जादूटोना और अंधविश्वास है. इन 14 सालों में मध्य प्रदेश में 234 मौतें दर्ज की गईं. इन मौतों की वजह भी समाज के सभी तबकों में फैला अंधविश्वास ही है.

एक ऐसा ही मामला जबलपुर शहर की एक पढ़ीलिखी औरत के साथ हुआ. जबलपुर के गढ़ापुरवा में भद्रकाली दरबार के बाबा संजय उपाध्याय के परचे पूरे जबलपुर शहर में बांटे जाते थे.

परचे में छपे इश्तिहार में दावा किया गया था कि दरबार में एक नारियल चढ़ा कर सभी तरह की समस्याओं का समाधान किया जाता है.

संजय बाबा के इसी गलत प्रचारप्रसार के झांसे में जबलपुर शहर की 52 साल की एक औरत अनीता (बदला नाम) भी आ गई. अनीता का अपने पति से अलगाव चल रहा था, जिस की वजह से वह मानसिक रूप से परेशान रहती थी. बाबा द्वारा किए जा रहे प्रचारप्रसार के चक्कर में आ कर वह नवंबर, 2019 में भद्रकाली दरबार में पहुंची थी.

दरबार के पंडे संजय उपाध्याय ने उन्हें बताया कि पूजापाठ और मंत्र जाप करने से तुम्हारा पति तुम्हारे वश में हो जाएगा. इस तरह हैरानपरेशान अनीता को तांत्रिक संजय बाबा ने अपने झांसे में ले लिया.

संजय बाबा द्वारा बताए गए दिन जब अनीता मंदिर पहुंची, तो पूजापाठ के बहाने संजय महाराज उसे दरबार के नीचे बने एक ऐसे कमरे में ले गया, जो एकांत में होने के साथ आलीशान सुखसुविधाओं से सजा हुआ था.

संजय बाबा ने पूजापाठ के पहले उसे  जल पीने के लिए दिया. जल में कुछ नशीली चीज मिली हुई थी, जिस के चलते वह बेहोशी की हालत में चली गई. उसी दौरान संजय बाबा ने उस के साथ दुराचार कर मोबाइल फोन से वीडियो भी बना लिया.

इस घटना के बाद संजय बाबा अनीता को वीडियो दिखा कर ब्लैकमेल करने लगा. इस के बाद तो बाबा का जब मन होता, वह अनीता को वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए उसे अपने पास बुला लेता.

संजय बाबा द्वारा अनीता का कई बार शारीरिक शोषण किया गया. इस दुराचार से परेशान हो कर वह गुमसुम रहने लगी. परिवार के लोगों ने जब उस से वजह पूछी, तो अनीता ने अपने साथ हुए गलत बरताव की पूरी कहानी बता दी.

अनीता के परिवार वालों ने उसे हिम्मत बंधाते हुए 22 जुलाई, 2020 की रात जबलपुर के कोतवाली पुलिस थाने ले जा कर पूरी कहानी बताई और उस के साथ संजय बाबा द्वारा किए गए दुराचार की रिपोर्ट दर्ज करा दी.

पुलिस ने सक्रियता से जब मामले की जांच की, तो संजय उपाध्याय की काली करतूत सामने आ गई. बाबा लेता था हर महीने पैसे जबलपुर के कोतवाली थाना प्रभारी के मुताबिक, तांत्रिक संजय उपाध्याय अनीता से हर महीने उस के पति को वीडियो भेजने की धमकी दे कर 20,000 रुपए रखवा लेता था. परेशान अनीता को वह अपने दरबार में काम के लिए भी घंटों बैठाए रखता था.

इस तांत्रिक के खिलाफ पहले भी कई औरतों ने शिकायत की थी और वीडियो भी वायरल हुए थे. इस के बाद भी तांत्रिक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था. एक लड़की के मातापिता ने तो संजय उपाध्याय पर लिखित में भी गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन हर बार वह अपने संपर्कों का सहारा ले कर बच जाता था.

क्यों जाल में फंसती हैं

समाज में आज भी ऐसे बाबाओं, पीरफकीरों की कमी नहीं है, जो बीमारी के इलाज के नाम पर, तो कहीं औरतों की सूनी गोद भरने के नाम पर उन्हें बहलाफुसला कर अपनी हवस मिटाते हैं.

आखिर औरतों को यह बात समझ में क्यों नहीं आती है कि औलाद होने के लिए पतिपत्नी के बीच सैक्स संबंधों का होना जरूरी है? औरतों को इस बात पर विचार करना चाहिए कि पति को प्यार और विश्वास से मना कर उस के दिल पर राज किया जा सकता है.

एक तरफ तो औरतें बाबाओं और तांत्रिकों को अपना सबकुछ सौंपने के लिए तैयार हो जाती हैं, पर पति और उस के परिवार की खुशियों के लिए अपने अहम को सब से ऊपर रख कर पति की बात मानने के लिए तैयार नहीं होती हैं.

इसी तरह शारीरिक और मानसिक परेशानियों का इलाज भी डाक्टरी सलाह और दवाओं से किया जा सकता है. लिहाजा, औरतों को सोचसमझ कर ऐसे ढोंगी बाबाओं के चक्कर में फंसने से बचना होगा.

नेता फैला रहे अंधविश्वास

देश के नेता मौजूदा दौर में अंधविश्वास को पनपने में मददगार बने हुए हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बारबार धार्मिक स्थलों पर जा कर साधुसंन्यासियों से मिलना तो यही दिखाता है.

महाकाल की नगरी उज्जैन में रात्रि विश्राम करने पर राजा का राजपाठ चले जाने का अंधविश्वास उन्हें कभी उज्जैन में रात को नहीं रुकने देता. कुरसी जाने के डर से वे अशोकनगर नहीं जाते हैं, तो नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक जाने के लिए वे हैलीकौप्टर से नदी पार नहीं करते हैं.

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह अपने धार्मिक गुरु से पूछे बिना कोई काम नहीं करते हैं. उन की पत्नी राजयोग सदा बने रहने के लिए सुहागिनों को सिंगार का सामान बांटती हैं.

मध्य प्रदेश की एक राज्यमंत्री ललिता यादव बुंदेलखंड में अच्छी बारिश के लिए मेढकमेढकी की शादी रचा कर अंधविश्वास फैलाने का काम करती हैं, तो मंत्री गोपाल भार्गव रोजाना नंगे पैर चल कर गणेश मंदिर में पूजापाठ करते हैं.

मंत्री नरोत्तम मिश्रा पीतंबरा देवी के दर्शन के बिना कोई काम नहीं करते हैं. कांग्रेस के दिग्विजय सिंह शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के चेला हैं. वे भी बिना साधुसंतों की सलाह के कोई कदम नहीं उठाते हैं.

परंपरा के नाम पर फैला अंधविश्वास आज भी समाज में अपनी जड़ें इतनी गहरी जमाए बैठा है कि 21वीं सदी का मौडर्न कहा जाने वाला इनसान इस के बुरे नतीजों से बच नहीं पा रहा है.

मध्य प्रदेश का गोटमार मेला और हिंगोट युद्ध इस की जीतीजागती मिसाल है, जिस में हर साल परंपरा के नाम पर सैकड़ों लोग घायल होते हैं और कभीकभी तो उन की जान पर भी बन आती है. ऐसे कार्यक्रमों में शराब के नशे में होश खो चुके लोग पत्थरबाजी के साथ हिंसक हो जाते हैं और प्रशासन मूकदर्शक बन कर हाथ पर हाथ धरे बैठा रहता है.

अंधविश्वास के प्रसारप्रचार में धर्म के ठेकेदारों की भूमिका काफी अहम रही है. अपनी दुकानदारी जमाने के लिए धार्मिक किताबों में लोगों को धर्म का डर दिखा कर कर्मकांड के नाम पर अंधभक्ति का बीज बोने वाले पंडेपुजारी आज अंधविश्वास की फसल काट कर उसे ही अपनी कमाई का जरीया बनाए हुए हैं.

हमारे देश में साक्षरता की दर बढ़ने और सामाजिक जीवन में विज्ञान के आविष्कारों के आने के बावजूद लोगों का मोह अंधविश्वासों से भंग नहीं हुआ है, बल्कि नएनए अंधविश्वास समाज में जन्म ले रहे हैं. विज्ञान के प्रयोग और सरकारी कार्यक्रम भी अंधविश्वास भगाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं.

देश के नेता मौजूदा दौर में अंधविश्वास को पनपने में सहायक बने हुए हैं. कुरसी पाने के लिए मठमंदिरों में मत्था टेकने और साधुसंतों की शरण में जाने वाले समाज के बड़े लोगों के आचरण आम जनता में अंधश्रद्घा फैलाने का काम कर रहे हैं. राजनीतिक पार्टियों के नेता ऐसे मठाधीशों, बाबाओं और प्रवचनकर्ताओं के साथ हैं, जिन के पीछे बड़ी तादाद में भक्तों की भीड़ हो.

जब इसरो के वैज्ञानिक चंद्रयान की कामयाबी के लिए नारियल फोड़ने और मंदिरों में पूजापाठ के भरोसे हों और धर्मनिरपेक्ष देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राफेल लड़ाकू विमान को फ्रांस से लाने के बाद उस पर ‘ओम’ लिख कर, नारियल चढ़ा कर विमान के पहियों के नीचे नीबू रखते हों, तो जनता का तो अंधविश्वासी होना लाजिमी है.

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