सौजन्य- मनोहर कहानियां

उद्योगपति पवन ग्रोवर ने अपनी बेटी आंचल की शादी बड़े कारोबारी सूर्यांश खरबंदा से की थी. शादी में उन्होंने करीब एक करोड़ रुपए खर्च किए थे. शादी के करीब ढाई साल बाद ऐसा क्या हुआ कि आंचल की लाश पंखे से झूलती हुई मिली?

19नवंबर, 2021 की देर रात करीब साढ़े 11 के आसपास कानपुर के अशोक नगर में मसाला कारोबारी

सूर्यांश खरबंदा के घर के बाहर होने वाले शोरशराबे ने सोसाइटी में रहने वाले अन्य लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा. सूर्यांश खरबंदा देशविदेश में विख्यात मसाला कंपनी एमडीएच के डिस्ट्रीब्यूटर हैं. उन के घर के बाहर उस रात इतना ज्यादा शोरशराबा हो रहा था कि सोसाइटी वालों ने अपने घर से बाहर निकल कर सूर्यांश के घर के बाहर जमावड़ा लगा दिया था.

‘‘गेट खोलो, हम आंचल के मायके के लोग हैं. जल्दी गेट खोलो, वरना पुलिस को बुलाएंगे. बाहर निकलो.’’ ऐसा शोर अशोक नगर की उस पौश सोसाइटी में शायद पहली बार मचा था.

आंचल खरबंदा सूर्यांश की पत्नी थी और उस के मातापिता और भाई मकान के बाहर से घर में घुसने के लिए चीखचीख कर गुहार लगा रहे थे.

एक तरफ आंचल के मायके वालों का मकान में जल्दी घुसने का शोर, दूसरी तरफ मकान के भीतर से कुत्तों के भौैंकने का शोर. इस शोर की वजह से कौन क्या कहना चाह रहा था, किसी को कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था.

कुछ देर के संघर्ष के बाद भी जब सूर्यांश के मकान का गेट नहीं खुला तो आंचल की मां रीना ने फोन कर पुलिस को इस बारे में सूचना दे दी.

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इलाके का थाना नजीराबाद अशोक नगर से मात्र 10 मिनट की ही दूरी पर था. जब तक पुलिस आती, तब तक आंचल के मायके वालों ने इंतजार किया, लेकिन घर के भीतर से कुत्तों के भौंकने का शोर लगातार जारी रहा.

इस बीच मोहल्ले में इकट्ठा बाकी लोगों की भीड़ ने आंचल के मायके वालों से मकान में घुसने की वजह पूछी. इस से पहले कि वह कुछ बताते, पुलिस की गाड़ी मोहल्ले में जमी भीड़ को हटाते और सायरन बजाते हुए मकान के सामने आ पहुंची.

पुलिस के गाड़ी से उतरते ही आंचल की मां और पिता दोनों दौड़ कर उन के पास मदद की गुहार लगाते हुए पहुंच गए. आंचल के पिता पवन ग्रोवर रोते हुए थानाप्रभारी से बोले, ‘‘साहब, जल्दी दरवाजा खुलवाइए, इन्होंने अब तक मेरी बेटी को जान से मार दिया होगा. तब से मेरी बेटी फोन नहीं उठा रही है. कुछ समझ नहीं आ रहा है. न तो कोई फोन उठा रहा है और न ही कोई मकान का दरवाजा खोलने को राजी है. ऊपर से कुत्ते खुले छोड़ दिए हैं ताकि हम अंदर न घुस सकें.’’

नजीराबाद थानाप्रभारी ने पिता पवन ग्रोवर की बात सुनी और अपनी टीम को गेट खुलवाने का इशारा किया. पुलिस को दरवाजा खटखटाते हुए देख मकान में उस समय मौजूद सिक्युरिटी गार्ड ने तुरंत दरवाजा खोल दिया.

घुसने नहीं दिया घर में मौजूद पिटबुल कुत्तों ने दरवाजा खुलते ही गेट पर 7 बड़ेबड़े पिटबुल नस्ल के कुत्ते, जोकि कुत्तों में सब से खूंखार नस्ल के होते हैं, भौंकने लगे. उन्हें भौंकता देख पुलिस ने सिक्युरिटी गार्ड को डपटते हुए उन्हें अंदर करने के लिए कहा.

कुत्तों की गरदन पर लगे पट्टे को पकड़ कर दोनों गार्डों ने एकएक कर के उन्हें काबू में किया और उन सभी को मकान के अंदर एक कमरे में ले जा कर बंद कर दिया.

कुत्तों को बंद करने के बाद पुलिस और आंचल के परिवार वाले देर न करते हुए मकान में चारों ओर फैल गए और आंचल को ढूंढने लगे. मकान में उस समय सूर्यांश के परिवार का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था.

पहली मंजिल पर डरीसहमी घर में काम करने वाली 2 नौकरानियां राधिका और किरन किचन में एक किनारे दुबके बैठी हुई थीं. राधिका की गोद में आंचल और सूर्यांश का 2 साल का बेटा अयांश भी था. इतने में आंचल की मां रीना किचन में आई और अयांश को राधिका की गोद से छीनते हुए अपने साथ मकान में दूसरे कमरों में आंचल को ढूंढने के लिए निकल गई.

पुलिस की पूछताछ में दोनों और डर गईं और उन्होंने पुलिस अधिकारियों को आंचल को आखिरी बार उस के कमरे में देखने की बात कही. पूरे मकान में ‘आंचल…आंचल’ का शोर गूंज रहा था.

आंचल के कमरे का गेट खुला था तो पुलिस टीम कमरे में घुस कर आंचल को ढूंढने लगी. लेकिन वह अपने कमरे में मौजूद नहीं थी. इतने में पुलिस की नजर कमरे में अटैच बाथरूम में गई, जिस का दरवाजा बंद था. यह बाथरूम दरअसल अंदर से बंद था. कई बार आवाज लगाने पर और दरवाजा खटखटाने पर जब कोई जवाब नहीं मिला तो बाथरूम से सटे काले रंग के कांच की खिड़की को तोड़ा गया.

कांच टूटते ही अंदर जो कुछ पुलिस और आंचल के घर वालों ने देखा, उसे देख सब के होश उड़ गए थे. बाथरूम में पंखे से चुन्नी के सहारे फांसी पर आंचल की लाश लटक रही थी.

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आंचल को लटकता देख मायके वाले जोरजोर से चीखनेचिल्लाने और रोने लगा, ‘‘मेरी बेटी को मार ही डाला इन्होंने. मेरी बेटी इतने समय से इन के जुल्म सह रही थी. इस की ससुराल वाले खूनी हैं. हम ने इन को दहेज में और पैसे नहीं दिए तो इन्होंने मेरी बेटी का मर्डर कर दिया.’’

थानाप्रभारी ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए मायके वालों को सांत्वना दी और अपनी टीम से आंचल की लाश को पंखे से उतारने, संबंधित अधिकारियों और संबंधित विभाग को सूचना देने का इशारा किया.

पलक झपकते ही यह खबर इलाके में आग की तरह फैल गई. सब यह जान कर हैरान थे कि जिस सूर्यांश का नाम पूरे इलाके में नामचीन था, जिन की संपत्ति में किसी तरह की कोई कमी नहीं थी, जो इलाके में सब से संपन्न परिवारों में से एक था, उन के घर की बहू (आंचल) को दहेज के लिए प्रताडि़त किया जा रहा था.

ससुराल वालों के खिलाफ लिखाई रिपोर्ट

पुलिस को पहली नजर में यह मामला आत्महत्या का लगा, लेकिन आंचल की लाश को पंखे से उतारने के बाद पिता पवन ने पुलिस को आंचल की आत्महत्या का नहीं, बल्कि उस के ससुरालवालों द्वारा उस की हत्या कर उस की लाश पंखे से लटकाने की बात कही.

पवन और रीना ने घटना को हत्या बता कर आंचल के परिवार वाले जिस में, पति सूर्यांश खरबंदा, सास निशा खरबंदा, फूफा भरत ग्रोवर, बुआ मीनाक्षी ग्रोवर और अनु खुल्लर, बहनोई पुनीत कोटवानी, ननद निकिता कोटवानी और तान्या ग्रोवर पर हत्या और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया.

थानाप्रभारी ने भी यह महसूस किया कि इतनी बड़ी घटना हो गई लेकिन आंचल के पति और सास का कहीं कोई अतापता ही नहीं था. उन से संपर्क करने के लिए उन्हें फोन किया गया, लेकिन फोन कनेक्ट नहीं हो सका.

आंचल की मौत की खबर उस के मायके के अन्य लोगों व रिश्तेदारों को रातोंरात हो गई और वे लोग शोक व्यक्त करने और मुश्किल हालात में परिवार का सहारा बनने के लिए पहुंचने लगे.

रात बहुत ज्यादा हो गई थी तो पुलिस ने आंचल की डैडबौडी पास के अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दी. लेकिन पोस्टमार्टम अगले दिन 20 नवंबर को सुबह होना था, इसलिए परिवार के कुछ सदस्य सूर्यांश के घर मौजूद थे तो कुछ अस्पताल के बाहर.

अस्पताल के बाहर पुलिस की पूरी फौज ने अस्पताल को घेरा हुआ था. एडिशनल डीसीपी (क्राइम) मनीष चंद्र सोनकर, एसीपी (नागराबाद) संतोष कुमार सिंह, एसीपी (गोविंद नगर) विकास कुमार पांडेय, एसीपी (बाबरपुरवा) आलोक सिंह समेत पुलिस के कई उच्च अधिकारी भी शामिल थे.

20 नवंबर की दोपहर 2 बजे आंचल का पोस्टमार्टम हुआ तो पुलिस ने अस्पताल के बाहर खड़े आंचल के मायके वालों को शव सौंपना चाहा तो उन्होंने आंचल का शव स्वीकार करने से साफ इंकार कर दिया. घर वालों ने जल्द से जल्द आंचल की हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की. घर वालों ने आंचल के शव के साथ ही सड़क जाम करते हुए आंचल को न्याय दिलाने की मांग करते हुए नारेबाजी की.

मायके वालों ने कर दी सड़क जाम

करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाया और आरोपियों को जल्द पकड़ने और सजा दिलाने का आश्वासन दिया तो वह शांत हुए. फिर पुलिस ने उन्हें घर भेज दिया गया.

आंचल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस प्रशासन के हाथों में थी, जिस के अनुसार आंचल के शरीर पर किसी तरह के जख्म का निशान मौजूद नहीं था और मरने का कारण फांसी को ही बताया गया.

एक तरफ तो आंचल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मरने की वजह फांसी थी, लेकिन दूसरी ओर आंचल के पति और सास दोनों का नदारद होना पुलिस के दिमाग में घटना का कुछ और ही रूप बयान कर रहे थे.

पुलिस टीम ने वक्त बरबाद न करते हुए सब से पहले आंचल के पति सूर्यांश को तलाश करने की कोशिश की. लेकिन सूर्यांश का फोन बंद होने की वजह से उस का पता लगा पाना पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती बन कर उभर रहा था.

सूर्यांश के फोन की लास्ट लोकेशन और उस से पहले की लोकेशन का जायजा लेने के बाद पुलिस की टीम ने पूरे प्रदेश में अपने मुखबिरों को सूर्यांश का पता लगाने को लगा दिया.

करीब 7 घंटों की लगातार मेहनत के बाद पुलिस टीम को बड़ी कामयाबी हाथ लगी. राजधानी लखनऊ से सूर्यांश और उस की मां निशा खरबंदा को उन के एक रिश्तेदार के घर से खोज निकाला और उन्हें गिरफ्तार कर आगे की काररवाई और पूछताछ के लिए उन्हें कानपुर नजीराबाद थाने लाया गया.

आंचल के पति सूर्यांश और सास निशा से शुरुआती पूछताछ के बाद मामला सुलझने के बजाए और उलझता चला गया. सूर्यांश और निशा ने उल्टा आंचल को ही दोषी करार करते हुए कहा कि आंचल ने ही उस के परिवार का जीना हराम कर रखा था.

सूर्यांश और निशा ने पुलिस के सामने ऐसे वीडियो दिखाए, जिस में आंचल अपने पति और सास को गालियां बकते हुए दिखाई दे रही थी.

वीडियो देख पुलिस के सामने सवाल और दुविधा दोनों ही उठ खड़े हुए थे. ऐसे में सवाल यह था कि आखिर आंचल के परिवार और सूर्यांश के बीच सच कौन बोल रहा था, ऐसे क्या कारण थे जिस की वजह से आंचल को आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ा.

आंचल सूर्यांश की शादी

कानपुर के रानीगंज, काकादेव में रहने वाले प्लास्टिक जेर्किन फैक्ट्री के मालिक पवन ग्रोवर की बेटी आंचल की अशोक नगर निवासी सूर्यांश खरबंदा, जोकि नामचीन मसाला कंपनी एमडीएच के डिस्ट्रीब्यूटर हैं, से फरवरी 2019 में शादी हुई. आंचल शादी से पहले एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाया करती थी. पिता की लाडली बेटी और पूरे परिवार की आंख का तारा होने की वजह से आंचल और सूर्यांश की शादी में परिवार वालों ने किसी भी तरह की कोई कमी नहीं होने दी थी. उन्होंने आंचल की शादी में करीब एक करोड़ रुपए खर्च किए थे.

बेटी को सुखी वैवाहिक जीवन देने के लिए पिता ने पैसों की बिलकुल भी परवाह नहीं की थी. बेटी आंचल की शादी क्योंकि किसी आम लड़के के साथ नहीं, बल्कि नामचीन कारोबारी से हुई थी इसलिए पवन ने शादी के बाद अपनी बेटी की चिंता छोड़ ही दी थी.

उन्हें लगा कि उन की बेटी सुरक्षित और सुखी जीवन जी रही है, लेकिन इस की हकीकत तो शादी के एक साल होने के बाद आंचल को पता चली.

आंचल और सूर्यांश की शादी को करीब साल भर हो गया था. इस बीच उन के रिश्तों में कभी भी कोई वादविवाद या टकराव जैसी स्थिति पैदा नहीं हुई थी. दोनों के बीच बेपनाह प्यार था और दोनों ही एकदूसरे को लगभग हर महीने महंगे गिफ्ट्स दिया करते थे.

लेकिन साल भर बाद जब आंचल ने सूर्यांश को अपने मां और उस के पिता होने की खुशखबरी सुनाई तो इस खबर से सूर्यांश खुश नहीं हुआ.

पिछले कुछ समय से सूर्यांश ने आंचल को कानपुर में ही एक ‘पब’ खोलने की बात कही थी. जिसे ले कर सूर्यांश काफी गंभीर था. उस ने आंचल के सामने यह भी कहा था कि उसे पब खोलने के लिए करीब 70 लाख रुपयों की जरूरत है, जोकि उस के पास नहीं है.

इस से पहले कि आंचल कुछ समझ पाती, सूर्यांश ने आंचल से 70 लाख रुपयों की मांग कर डाली. आंचल ने सूर्यांश को शुरुआती दिनों में समझाया कि उस के पिता के पास उसे देने के लिए अभी इस समय कुछ भी पैसे नहीं हैं. लेकिन समय बीतने के साथ सूर्यांश आंचल से पैसों को ले कर उस पर दबाव बनाने लगा.

दोनों के बीच पैसों की बात वादविवाद, फिर छोटेमोटे झगड़े, फिर हाथापाई वाले झगड़े और बड़े झगड़े होने लगे. यह बात अब परिवार में किसी से छिपी हुई नहीं थी. लेकिन आंचल ने यह बात अपने परिवार को तब तक नहीं बताई थी, जब तक उन के बीच कोई बड़ा विवाद या झगड़ा नहीं हो गया.

दरअसल, आंचल अपने पिता और परिवार के हालात जानती थी. वह जानती थी कि उस के पिता ने उस की शादी कितनी मुश्किल से उधार ले कर करवाई थी. वह उन तक सूर्यांश के साथ होने वाले झगड़े नहीं पहुंचने देना चाहती थी.

इसलिए आंचल हर तरीके से खुद सारे दुख झेलती, खुद पर होने वाली सारी प्रताड़नाएं झेलती लेकिन अपने परिवार को इन सभी बातों से अछूता रखा हुआ था.

पैसों को ले कर सूर्यांश के साथ होने वाले झगड़े में अब उस के ससुराल वाले भी शरीक होने लगे थे. आंचल की सास निशा भी पैसों को ले कर उसे ताना मारने लगी थी.

धीरेधीरे उस की ननद निकिता और तान्या भी उस के साथ झगड़ने लगे. यही नहीं, निकिता के पति पुनीत कोटवानी की आंचल पर शुरुआत से गंदी नजर थी.

आंचल की खूबसूरती को देख पुनीत कोटवानी खुद को रोक नहीं पाता था, इसलिए पैसों की बात सुन उस ने घर पर अन्य लोगों को भी आंचल के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया था.

इस पूरे घटनाक्रम में सूर्यांश की बुआ और फूफा भी पीछे नहीं थे. एक समय बाद सूर्यांश और उस के परिवार वालों ने आंचल को इतना ज्यादा परेशान करना शुरू कर दिया था कि हार मान कर आंचल को अपने मायके में अपनी मां और पिता को उस पर होने वाली प्रताड़नाओं के बारे में बताने को मजबूर होना पड़ा.

आत्महत्या के लिए उकसाता था सूर्यांश

पुलिस ने मृतका के मातापिता के बयान दर्ज किए. परिजनों ने स्पष्ट कहा कि ससुराल वालों ने आंचल को दहेज के लिए प्रताडि़त किया. आए दिन खुदकुशी करने के तरीके बता कर उस को उकसाया. आखिर में मार कर लटका दिया. बयानों के साथ मातापिता ने आंचल के मोबाइल समेत तमाम तथ्य भी पुलिस को उपलब्ध कराए.

आंचल की मां रीना ने बताया कि सूर्यांश और उस का परिवार आए दिन आंचल को प्रताडि़त करते थे. दहेज की मांग करते थे. विवाद हुआ तो समझौता कराया गया, जिस से बेटी का परिवार बिखरने से बचा रहे. मगर आरोपी नहीं माने. आखिर में मार ही डाला.

आंचल के पिता पवन और भाई अक्षय ने पुलिस को बताया कि कई बार सूर्यांश फ्लाईओवर पर गाड़ी रोक चुका था. इस दौरान वह आंचल से कहता था कि यहां से कूद जाओ. इसी तरह से घर पर वह पंखे से लटक कर खुदकुशी करने को कहता था. यह भी कहता था कि जब भी लटकना तो बाथरूम वाले पंखे से लटकना, क्योंकि वह सस्ता है.

खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए आरोपी पति सूर्यांश और सास निशा खरबंदा द्वारा मृतका आंचल से विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने पर आंचल के पिता पवन ग्रोवर ने सवाल उठाए. उन्होंने सवाल किया कि अगर आंचल के ससुराल वाले उस से प्रताडि़त थे तो उन की बेटी क्यों मरी?

इस संबंध में उन्होंने पुलिस कमिश्नर के सामने भी अपना पक्ष रखा. दरअसल, आरोपियों ने थाने में अपनी बेगुनाही के सबूत के रूप में एक वीडियो दिखाया था. इस वीडियो में आंचल अपने पति और सास के साथ अभद्रता करते दिख रही थी.

इस पर सवाल उठाते हुए आंचल के पिता पवन ग्रोवर ने बताया कि वीडियो में उन की बेटी बारबार बोल रही है कि और मार… और मार… इस से साफ है कि वीडियो बनाने से पहले उस के साथ जम कर मारपीट की गई थी.

वीडियो में आंचल अपनी सास के चरित्र पर सवाल उठाते हुए किसी शख्स से उस के संबंध होने की भी बात कर रही थी. इस के बाद मां और बेटा एक शब्द नहीं बोल रहे.

उन्होंने कहा इस से साफ है कि जानबूझ कर ऐसी परिस्थितियां बनाई गईं कि आंचल आक्रोशित हो और मांबेटे इस वीडियो का गलत तरीके से इस्तेमाल कर सकें. उन्होंने वीडियो बनाने के लिए उन की बेटी को उकसाने का आरोप लगाया.

‘‘आरोपी मांबेटा अगर बेटी से प्रताडि़त थे तो कभी थाने में शिकायत क्यों नहीं की? वीडियो में सच्चाई थी तो इस को बेटी के जीते जी कभी वायरल क्यों नहीं किया? अगर बेटी उन के साथ मारपीट और प्रताडि़त करती थी तो वो कैसे मरी? अगर बेटी 2 सालों से मांबेटे के साथ अभद्र व्यवहार

कर रही थी तो पुलिस कंट्रोल रूम पर कितनी बार मदद मांगी?’’ आंचल के पिता पवन ने पुलिस के सामने इसी तरह के सवाल उठाए.

आंचल की मौत को हत्या कहें, आत्महत्या कहें या फिर आत्महत्या के लिए उकसाना कहें, इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए पुलिस की टीम जांच में कथा संकलन तक जुटी हुई थी.

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