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‘‘मैं ने कहा, ‘बिल? क्या उन लोगों ने बिल नहीं दिया?’‘‘जवाब में बेरे ने कहा कि नहीं, उन्होंने बिल नहीं दिया. उन्होंने तो कहा कि बिल आप देंगे. 8 हजार रुपए का बिल है.‘‘यह सुन कर मेरा दिमाग चकरा गया. इधर बैरे की निगाह वोदका की बोतल पर लगी थी. उस में काफी शराब बची हुई थी. मैं ने उस से कहा कि पीना है, तो पी ले. वह जल्दीजल्दी वोदका गटकने लग गया.

‘‘मैं सोचने लगा कि 8 हजार रुपए कहां से लाऊंगा. ‘‘इधर बैरे ने देखते ही देखते बोतल साफ कर दी. फिर उसी ने कहा कि साहब, आप लुट चुके हो. यहां रोजाना यही खेल होता है. इतने पैसे कहां से लाओगे? पर शराब पिला कर आप ने मु?ो खुश कर दिया. मैं यहां से निकलने में आप की मदद करूंगा.‘‘मैं ने पूछा, ‘वह कैसे?’‘‘उस ने कहा कि आप के पास कोई खास सामान तो है नहीं,

बस एक थैला है. उस थैले में भी कुछ खास नहीं होगा.‘‘मैं ने कहा, ‘कुछ नहीं, एक जोड़ी कपड़े हैं.’बैरे ने कहा कि आप बाहर निकलो और मैनेजर से कहो कि मु?ो आज रुकना है. वह कुछ एडवांस जमा कराने को कहेगा. आप कहना कि अभी एटीएम से पैसे निकलवा कर जमा कराता हूं.

मेरा सामान कमरे में है. इस तरह आप निकल भागना.‘‘मु?ो बैरे की सलाह अच्छी लगी. मैं ने वैसा ही किया. होटल से निकलते ही मु?ो जो बस दिखाई पड़ी, उसी को पकड़ लिया और अपने कमरे पर पहुंचा.‘‘लेकिन असली मुसीबत तो अब शुरू हुई है. फ्रैंडशिप क्लब वालों के दिन में 2-4 फोन आ जाते हैं कि 50 हजार रुपए खाते में जमा कराओ, नहीं तो तेरे साथ जो कुछ हुआ है, उस की फिल्म वे इंटरनैट पर डाल देंगे. ‘‘वे कहते हैं कि इंटरनैट पर तेरी फिल्म लाख रुपए में बिकेगी, हम तो बस 50 हजार रुपए ही मांग रहे हैं...‘‘अंकलजी, अब आप ही बताएं कि मैं अब क्या करूं?

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