मन को ऐसे ही चंचल नहीं कहा जाता. उस के मन में कई बातें एकसाथ आई थीं कि जो वह कह रही है, वह क्या यही है? मलय की इच्छा के खिलाफ बूढ़े, बीमार और लाचार सासससुर को अकेले उन के अपने रहमोकरम पर छोड़ कर इस तरह घर छोड़ना क्या ठीक था?