शकील हैरान था. यह तरन्नुम, जो हर आदमी को, आदमी की जात पर लानत देती थी, कैसे अचानक ही बहुत लजीलीशर्मीली ओस से भीगे गुलाब सी धुलीधुली नजर आने लगी.