संजय चावला, बस नाम ही काफी है दिल्ली की लड़कियों के लिए. उस के नाम से ही हजारों सीने धड़कने लगते थे. ऐसा नहीं है कि आज उस के नाम से दिल नहीं धड़कते, लेकिन आज कुछ ऐसा हो गया कि उस का चेहरा देख कर हमदर्दी होती है उस से, तरस आता है उस पर कि कैसी जिंदगी ले कर