विजय का जब मन चाहा अपने बरसों पुराने मित्र को बुला लिया अपनी दौलत की नुमाइश दिखाने के लिए. इस बार भी बुलाया था अपने बच्चे के जन्मदिन पर. पर मित्र के न आने पर विजय को तकलीफ क्यों होने लगी थी.