जिस मायके के कणकण में मीनू रचीबसी हुई थी, जहां किसी भी प्रकार के कामकाज के लिए सब से पहले मीनू की पूछ होती थी, वही मायका भैया की शादी होते ही मीनू के लिए कितना पराया सा हो गया था.