दोपहर का खाना खा कर मेनका थोड़ी देर आराम करने के लिए कमरे में आई ही थी कि तभी दरवाजे की घंटी बज उठी. मेनका ने झल्लाते हुए दरवाजा खोला. सामने डाकिया खड़ा था.