कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पूर्व कथा

पिछले अंक में आप ने पढ़ा कि नित्या एक बार प्यार में धोखा खा चुकी थी इसलिए अब फूंकफूंक कर कदम रख रही थी. उस ने दूसरे शहर में एमबीए जौइन कर लिया. कालेज में जब सब उसे ठूंठ कहने लगे तो उस ने अपने मकान में रहने वाले एक और पेइंगगैस्ट राहुल को बौयफ्रैंड बना लिया. नित्या प्यार की परिणति विवाह मानती थी जबकि उस की रूममेट शिखा उसे समझाती कि वह प्यार और शादी को अलगअलग रख कर चले. नित्या राहुल से जब भी शादी की बात करती, वह टाल जाता.

पढ़िए आगे...

 नित्या का मन खट्टा हो गया, लेकिन उस ने राहुल से दूरी बनाने का कोई प्रयास नहीं किया. उस से फायदा भी क्या होता. उच्छृंखल प्यार आज के युवाओं की नियति है.

‘‘तुम्हारा अफेयर कैसा चल रहा है?’’ एक दिन शिखा ने नित्या से पूछ लिया.

‘‘ठीक जैसा कुछ भी नहीं है,’’ उस ने उदासीनता से कहा. फिर पूछा, ‘‘एक बात बताओ शिखा, प्यार के मामले में क्या युवक अपने बारे में सबकुछ सहीसही नहीं बताते?’’

शिखा ने कुछ सोचने के बाद जवाब दिया, ‘‘हां, मुझे भी ऐसा लगता है. ज्यादातर मामलों में हम इन के नाम के सिवा और कुछ नहीं जानते. युवतियों को इंप्रैस करने के लिए ये बड़ीबड़ी बातें करते हैं. अपने घरपरिवार और बाप की आमदनी के बारे में बहुत ऊंचीऊंची हांकते हैं. अपनी हैसियत से बढ़ कर खर्च करते हैं, पर जब युवती चंगुल में फंस जाती है, तो धीरेधीरे इन की पोलपट्टी खुलने लगती है. ऐसे संबंधों में बहुत जल्दी खटास घुल जाती है, लेकिन तुम ये यह क्यों पूछ रही हो. क्या राहुल से कोईर् अनबन हुई है? ’’

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...