लाड़प्यार में पलीबढ़ी रज्जी की हर गलती को दूसरों पर डाल कर उसे बचा लेने की मां की आदत ने उस को इस कदर स्वार्थी बना दिया था कि वह अपनी गृहस्थी को भी राजनीति का अखाड़ा बनाने से बाज नहीं आई.