विद्याधर के घर वालों को दहेज लेना अनिवार्य था लेकिन माया के परिवार के पास दौलत न थी कि कुछ दे सकते. इस हकीकत को जानते हुए भी मनोरमा उन दोनों की शादी का तानाबाना बुनने लगीं.