पिटने पर भी मुनिया ने जिद नहीं छोड़ी, तो हरीराम की सांसें फूलने लगीं. उसे खांसी आनी शुरू हो गई. अपनी हार को छिपाने के लिए उस ने कोने में पड़ी शराब की बोतल निकाल ली.