‘पिंक बूथों’ पर टीका लगवाएंगी यूपी की महिलाएं

लखनऊ. प्रदेश की महिलाओं और बेटियों को कोविड संक्रमण से बचाने के लिये योगी सरकार सोमवार से प्रदेश में विशेष टीकाकरण अभियान शुरू करने जा रही है. इसके लिये सभी 75 जिलों में पिंक बूथ बनाए जाएंगे. इन बूथों पर केवल महिलाओं का ही वैक्सीनेशन होगा. इसकी तैयारी के लिये सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं. उन्होंने वृहद स्तर पर प्रदेश में चल रहे टीकाकरण अभियान को गति देने के लिये नर्सिंग कॉलेजों के प्रशिक्षु विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने के लिये कहा है. अगले सप्ताह से टीकाकरण के लिये उनका प्रशिक्षण शुरू करने के निर्देश  दे दिये हैं.

कोविड संक्रमण से बचाव के लिये 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के अभिभावकों के बाद अब योगी सरकार महिलाओं को सुरक्षा कवर देने जा रही है. सरकार की ओर से यूपी में पहले से ही 18 से 44 और 45 आयु वर्ग से ऊपर के बुजुर्गों के लिये टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए सोमवार से यूपी की महिलाओं के लिये विशेष टीकाकरण का अभियान शुरू होने जा रहा है. महिलाओं को सशक्त और स्वाबलंबी बनाने के लिये योगी सरकार ने प्रदेश में कई अहम कदम उठाए हैं. उनके कदमों को रफ्तार देने के लिये कई योजनाएं भी यूपी में संचालित की गई हैं. वर्तमान में कोविड संक्रमण से महिलाओं को बचाने के लिये यह अभियान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है. प्रदेश के प्रत्येक जनपद में महिलाओं को सुरक्षा कवर प्रदान करने के लिये विशेष तैयारी की जा रही है.

यूपी में कोरोना से बचाव के लिए शुरू किये गये वृहद अभियान में अब तक प्रदेश में 01 करोड़ 98 लाख 38 हजार 187 डोज लगाए जा चुके हैं. बीते 24 घंटे में 04 लाख 01 हजार 582 लोगों ने टीका-कवर प्राप्त किया. गौरतलब है कि योगी सरकार ने प्रदेश में 18 से 44 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए 5000 सेंटर, 12 साल से कम उम्र के अभिभावकों के लिए बनाए 200 बूथ और 45 की आयु से ऊपर के लोगों के लिए 3000 सेन्टर बनाये हैं. सोमवार से महिलाओं के लिये भी यूपी सरकार पिंक बूथ बनाने जा रही है.

जून माह में एक करोड़ लोगों को टीका कवर देगी योगी सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा है कि कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया प्रदेश में सुचारू रूप से चल रही है, किंतु अब इसे और तेज करने की जरूरत है. जून माह में हमारा लक्ष्य एक करोड़ लोगों को टीका-कवर देना है. जबकि जुलाई माह में इसे दो से तीन गुना तक विस्तार देने की योजना है. उन्होंने कहा है कि इसके लिये बड़ी संख्या में वैक्सीनेटर की आवश्यकता होगी.

2000 से अधिक बच्चे चिन्हित मिलेगा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ

लखनऊ. कोरोना काल में निराश्रित बच्चों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुवात की है. महामारी से प्रभावित इन पात्र बच्चों की देखभाल, भरण पोषण, शिक्षा और आर्थिक सहायता की जिम्मा अब योगी सरकार उठाएगी. उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ महामारी के समय एक ओर प्रदेशवासियों को कोरोना के प्रकोप से बचा रहे हैं तो दूसरी कठिन समय में अपनों के दूर चले जाने से मायूस बच्चों के लिए भी संवेदनशील हैं. कई बार सीएम योगी आदित्यनाथ का वात्सल्य रूप सभी को देखने को मिला है. ऐसे में योगी सरकार द्वारा इस बड़ी योजना की शुरुवात किए जाने से सीधे तौर पर प्रदेश के जरूरतमंद प्रभावित बच्चों को राहत मिलेगी.

बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ विशेष गुप्ता ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ शुरू से ही बच्चों के लिए बेहद संवेदनशील रहे हैं. ऐसे में प्रदेश के प्रभावित बच्चों के लिए बड़ी योजना की शुरुआत कर सीएम आदित्यनाथ बच्चों के लिए नाथ बन गए हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में ऐसे लगभग 2000 बच्चों को अब तक चिन्हित किया जा चुका है अब इन सभी बच्चों में योजना के अनुसार पात्र बच्चों को चयनित कर योगी सरकार सीधा लाभ देगी.

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की होगी मॉनिटरिंग

डॉ विशेष गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में पात्र बच्चों को लाभ मिल सके इसके लिए प्रदेश में इस योजना की मॉनिटरिंग का कार्य भी किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जनपद स्तर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी के नियंत्रण में बनी समितियां जैसे बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई और ग्रामीण इलाकों में निगरानी समितियां इसकी मॉनिटरिंग करेंगी. इसके साथ ही प्रत्येक जनपद स्तर पर जिला अधिकारी और प्रदेश स्तर पर बाल संरक्षण आयोग भी इसकी निगरानी करेंगे.

प्रदेश में युद्धस्तर पर किया जा रहा योजना पर काम

महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया कि महिला कल्याण विभाग ने प्रदेश के सभी जनपदों के डीएम को ऐसे सभी बच्चों की सूची तैयार कर भेजने के आदेश दिए हैं. जिससे ऐसे सभी बच्चों के संबंध में सूचनायें संबंधित विभागों, जिला प्रशासन को पूर्व से प्राप्त सूचनाओं, चाइल्ड लाइन, विशेष किशोर पुलिस इकाई, गैर सरकारी संगठनों, ब्लाॅक तथा ग्राम बाल संरक्षण समितियों, कोविड रोकथाम के लिए विभिन्न स्तरों पर गठित निगरानी समितियों और अन्य बाल संरक्षण हितधारकों के सहयोग व समन्वय किया जा रहा है.

डरने की नहीं है बात योगी जी हैं साथ

योजना के जरिए उन बच्चों को लाभ मिलेगा जिन्होंने अपने माता पिता या दोनो में. से एक कमाऊ सदस्य को एक मार्च 2020 के बाद महामारी के दौरान को दिया है. माता पिता किसी एक को मौत के बाद दिसरे की वार्षिक आय दो लाख से कम है तो उसको योजना का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही 10 साल से कम आयु के निराश्रित बच्चों की देखभाल प्रदेश व केंद्र सरकार के मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा, रामपुर के बालगृहों में की जाएगी. इसके साथ ही अवयस्क बच्चियों की देखभाल और पढ़ाई के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में रखा जाएगा. 18 अटल आवासीय विद्यालयों में भी उनकी देखभाल की जाएगी.

स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फाॅगिंग से रुकेगा गांव में संक्रमण

लखनऊ . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति से प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में प्रभावी सफलता मिल रही है. पॉजिटिविटी दर में लगातार कमी तथा रिकवरी दर में निरन्तर वृद्धि हो रही है. राज्य में कोविड संक्रमण के मामलों में आशानुकूल तेजी से कमी आयी है. उन्होंने कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को इसी प्रकार प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री जी आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे. बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 3,371 नए मामले आए हैं. इसी अवधि में 10,540 संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार करके डिस्चार्ज किया गया है. प्रदेश में 30 अप्रैल, 2021 को संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक एक्टिव मामले 3,10,783 थे. वर्तमान में संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 62,271 हो गयी है. इस प्रकार विगत 30 अप्रैल के सापेक्ष एक्टिव मामलों की संख्या में लगभग 80 प्रतिशत की कमी आयी है.

मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है. वर्तमान में यह दर बढ़कर 95.1 प्रतिशत हो गयी है. प्रदेश में पिछले 24 घण्टों में रिकाॅर्ड 3,58,243 कोविड टेस्ट किए गए हैं. यह न केवल प्रदेश में एक दिन में किए गए सर्वाधिक कोरोना टेस्ट हैं, बल्कि सम्पूर्ण देश में एक दिन में सम्पन्न सर्वाधिक कोरोना टेस्ट हंै. मुख्यमंत्री जी ने इतनी बड़ी संख्या में टेस्ट को संक्रमण की रोकथाम में उपयोगी बताते हुए कहा कि प्रतिदिन लगभग इतने टेस्ट की संख्या को बरकरार रखने का प्रयास किया जाए. मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि इन टेस्ट में संक्रमण की पॉजिटिविटी दर 01 प्रतिशत से भी कम रही है. प्रदेश में अब तक कुल 4 करोड़ 77 लाख 20 हजार 695 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए वृहद जांच अभियान सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है. निगरानी समितियों द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है. प्रदेश में संक्रमण निरन्तर कम हो रहा है. निगरानी समितियों द्वारा मेडिकल किट के वितरण की कार्यवाही निरंतर और प्रभावी ढंग से जारी रखी जाए. लक्षण युक्त एवं संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को मेडिकल किट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा सेक्टर के प्रभारी अधिकारी को जवाबदेह बनाया जाए. यह अधिकारी हर लक्षण युक्त एवं संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति को मेडिकल किट की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं.

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि बच्चों के लिए अलग से मेडिकल किट तैयार कर निगरानी समितियों को उपलब्ध कराने का प्रबंध हो रहा है. मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निगरानी समितियों द्वारा मेडिकल किट के वितरण के साथ ही, संबंधित व्यक्तियों की सूची बनाई जाए. यह सूची इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर (आई0सी0सी0सी0) तथा जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराई जाए. आई0सी0सी0सी0 द्वारा मेडिकल किट प्राप्त करने वाले व्यक्तियों से किट की उपलब्धता के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के साथ ही, उनका कुशलक्षेम भी लिया जाए. जनप्रतिनिधिगण द्वारा भी मेडिकल किट प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के साथ संवाद स्थापित कर उनका हालचाल प्राप्त किया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने राज्य में ब्लैक फंगस की दवाओं की उपलब्धता के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि ब्लैक फंगस के संक्रमण से प्रभावित सभी मरीजों को दवा उपलब्ध कराई जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों में ब्लैक फंगस की दवाओं की उपलब्धता रहे. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस संक्रमण की दवा की कालाबाजारी न होने पाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की सम्भावित थर्ड वेव की रोकथाम के लिए मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ किया जाना आवश्यक है. इसके लिए अभी से कार्यवाही किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में इंसेफेलाइटिस पर सफल नियंत्रण के अनुभव का उपयोग करते हुए कोरोना संक्रमण की भविष्य में किसी भी आशंका से निपटने की तैयारी की जानी चाहिए. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र के सभी सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर को सुदृढ़ बनाकर प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखा जाए. इन स्वास्थ्य केंद्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए एक व्यक्ति को जिम्मेदारी देकर कार्य व्यवस्थित, त्वरित तथा प्रभावी ढंग से संपन्न कराया जाए. साथ ही, मुख्यालय तथा जनपद स्तर पर नियमित समीक्षा भी की जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा विभाग में संचालित ऑपरेशन कायाकल्प की भांति जन सहयोग के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों तथा हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर में आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था तथा रखरखाव को बेहतर बनाया जाना चाहिए. इस सम्बन्ध में जनप्रतिनिधिगण का सहयोग प्राप्त करने का प्रयास किया जाए. मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित जिला चिकित्सालयों सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध सुविधाओं के सम्बन्ध में समग्र जानकारी उपलब्ध कराने वाला एक मोबाइल एप विकसित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री जी के अनुमोदन के उपरान्त इसे लॉन्च किया जाएगा.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भविष्य की आवश्यकता के दृष्टिगत कोविड बेड की संख्या में निरन्तर वृद्धि की जाए. आवश्यक मानव संसाधन की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी की जाए, इसके लिए भर्ती की कार्यवाही तेजी से सम्पन्न की जाए.

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि कोविड-19 के उपचार की व्यवस्था को प्रभावी बनाए रखने के लिए उनके निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की जा रही है. कोविड बेड की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है. विगत दिवस प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में 161 बेड की वृद्धि हुई है. इसमें आइसोलेशन बेड के अलावा लगभग 60 आई0सी0यू0 बेड भी शामिल हैं. मानव संसाधन में भी लगातार वृद्धि की जा रही है. विगत दिवस में 62 नए कर्मियों को भर्ती किया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) तथा निओनेटल आई0सी0यू0 (नीकू) के निर्माण की कार्यवाही युद्ध स्तर पर की जाए. इंसेफ्लाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अभी से पूरी सतर्कता बरती जाए. उपचार की व्यवस्था की भी अभी से पूरी तैयारी कर ली जाए.

ए0एन0एम0, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकत्र्रियों के प्रशिक्षण की कार्यवाही पूरी कर ली जाए. सभी जनपदों में उपलब्ध समस्त वेंटिलेटर कार्यशील अवस्था में रहें. खराब वेंटिलेटर की तुरन्त मरम्मत कराकर क्रियाशील किया जाए. वेंटीलेटर के संचालन के लिए आई0टी0आई0 में उपलब्ध टेक्निशियंस की जनपदवार सूची बनाकर राज्य स्तर पर फिजिकली ट्रेनिंग कराई जाए. ट्रेनिंग के पश्चात इन टेक्नीशियन की आवश्यकतानुसार तैनाती दी जाए. मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि पीकू और नीकू की स्थापना की कार्रवाई तेजी से गतिशील है. सभी मेडिकल कॉलेजों में 50 बेड का आई0सी0यू0 तथा 50 आइसोलेशन के बेड तैयार किए जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों तथा रीफिलर्स के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन बैकअप उपलब्ध है. होम आइसोलेशन के मरीजों में भी ऑक्सीजन की डिमाण्ड में कमी आयी है. विगत 24 घण्टों में राज्य में 663 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई. मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की कार्यवाही को त्वरित गति से आगे बढ़ाने के लिए जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी की तैनाती कर दैनिक समीक्षा की जाए. शासन स्तर पर भी ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना के संबंध में नियमित समीक्षा की जाए.

मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि कोविड वैक्सीनेशन की कार्यवाही व्यवस्थित, निर्बाध और सुचारु ढंग से जीरो वेस्टेज को ध्यान में रखकर संचालित की जाए.  वैक्सीनेशन सेंटर पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन आवश्यक रूप से हो. सेंटर पर भीड़-भाड़ से बचने के लिए वेटिंग एरिया तथा ऑब्जरवेशन एरिया की भी व्यवस्था अवश्य होनी चाहिए. उन लोगों को ही वैक्सीनेशन सेंटर पर बुलाया जाए, जिनका वैक्सीनेशन किया जाना है. ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीनेशन कार्य को त्वरित और प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए कॉमन सर्विस सेण्टर (सी0एस0सी0) को सक्रिय कर वैक्सीनेशन हेतु रजिस्ट्रेशन हेतु उपयोग किया जाए. मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि 1 जून, 2021 से सभी 75 जनपदों में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगांे के वैक्सीनेशन का कार्य प्रारंभ किया जाएगा. इस संबंध में गाइडलाइन आज जारी कर दी जाएगी.

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि उनके निर्देशानुसार प्रत्येक जनपद में 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों के लिए वैक्सीनेशन हेतु अभिभावक स्पेशल बूथ बनाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शहरी इलाकों से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में भी वैक्सीनेशन की व्यवस्था की जाए. सामान्यतया 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों की आयु 22 से 44 वर्ष के बीच होती है. यह प्रमुख कामकाजी वर्ग है. इनके वैक्सीनेशन के विशेष प्रयास आवश्यक हैं. भविष्य में कोरोना संक्रमण से बच्चों के प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए इस वर्ग को चिन्हित कर वैक्सीनेशन प्रभावी ढंग से कराया जाए. उन्होंने कहा कि भविष्य में वैक्सीनेशन कार्य को व्यापक पैमाने पर संचालित कराने के लिए आवश्यक मैन पावर की व्यवस्था कर प्रशिक्षण आदि संपन्न करा लिया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की कार्यवाही युद्ध स्तर पर जारी रखी जाए. ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर तथा घनी आबादी के क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फाॅगिंग का विशेष अभियान संचालित किया जाए. इसी प्रकार सभी नगर निकायों में भी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर पर स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग का कार्य कराया जाए. जल-जमाव को रोकने के लिए नाले व नालियों की सफाई करा ली जाए. स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन के कार्य में फायर ब्रिगेड तथा गन्ना विभाग के वाहनों एवं मशीनों का उपयोग किया जाए. मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत दिवस फायर ब्रिगेड के 394 फायर टेंडर्स ने स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन के कार्य में योगदान किया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू का प्रभावी ढंग से पालन कराया जाए. यह कार्यवाही सद्भाव पूर्ण होनी चाहिए. घर से बाहर निकलने वाले लोगों को मास्क के अनिवार्य प्रयोग तथा सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने के सम्बन्ध में जागरूक करने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का प्रभावी उपयोग किया जाए. इसके लिए इस व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जाए. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी गेहूं क्रय केन्द्र कार्यशील रहें. एम0एस0पी0 के तहत गेहूं खरीद तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न का वितरण कोविड प्रोटोकाॅल के पूर्ण पालन के साथ सुचारु ढंग से किया जाए. सभी जनपदों में कम्युनिटी किचन का प्रभावी ढंग से संचालन किया जाए. डोर स्टेप डिलीवरी  व्यवस्था सुदृढ़ रखी जाए. औद्योगिक गतिविधियां सुचारू ढंग से संचालित रहें.

ऑक्सीजन उपलब्धता में आत्मनिर्भर हो रहा उत्तर प्रदेश

लखनऊ . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के लिए बड़ी पहल की है. जल्द ही ऑक्सीजन को लेकर प्रदेश आत्मनिर्भर हो जाएगा और दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सीएम के निर्देश के बाद प्रदेश में युद्ध स्तर पर 485 ऑक्सीजन प्लांट में से 290 ऑक्सीजन प्लांट पर काम चल रहा है. जबकि 167 के प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे गए हैं.

सीएम योगी की पहल पर प्रदेश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं. सीएम योगी ने निजी मेडिकल कॉलेजों में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने के निर्देश दिए हैं. ऐसे निजी मेडिकल कॉलेज जिन्हें सरकार की ओर से टेकओवर किया गया है, उनमें अगर ऑक्सीजन प्लांट नहीं है, तो सरकार की ओर से ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा और इसकी प्रतिपूर्ति निजी मेडिकल कॉलेजों को दी जाने वाली धनराशि से की जाएगी.

प्रदेश में ऑक्सीजन आडिट और साफ्टवेयर आधारित ट्रैकिंग के बेहतर परिणाम मिल रहे हैं. मौजूदा समय में सभी जिलों में पर्याप्त बैकअप है. मेडिकल कॉलेजों में भी ढाई दिन तक का ऑक्सीजन स्टोर है, पिछले 24 घंटों में प्रदेश में 753 एमटी ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है. होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को भी ऑक्सीजन दिया जा रहा है.

33 ऑक्सीजन प्लांट लगे, 258 पर चल रहा काम

प्रदेश में 25 ऑक्सीजन प्लांट कार्य कर रहे हैं. पीएम केयर फंड से कुल 188 नए ऑक्सीजन प्लांट लगने हैं, जिसमें से पांच लग गए हैं और 16 पर काम चल रहा है. इसके अलावा 167 प्लांट के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. राज्य सरकार की ओर से 27, चीनी मिलों और आबकारी विभाग की ओर से 79, बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से 10, सांसद निधि से छह और विधायक निधि से 37, स्टेट डिजास्टर रीलिफ फंड (एसडीआरएफ) से 25 और पाथ की ओर से दो ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं. इसके अलावा सीएसआर फंड से 59 प्लांट लग रहे हैं, जिसमें तीन लग चुके हैं. सांसद निधि से दो, विधायक निधि से 20, एसडीआरएफ से पांच ऑक्सीजन प्लांट जल्द स्वीकृत होने की उम्मीद है.

इन 10 अस्पतालों में भी लगे रहे आक्सीजन प्लांट

प्रदेश के 10 अस्पतालों में लखनऊ के अवन्तीबाई, महिला चिकित्सालय और आरएसएम हास्पिटल-साढ़ामऊ, गौतमबुद्धनगर के 300 बेडेड कोविड हास्पिटल, कानपुरनगर के मान्यवर कांशीराम ट्रामा सेंटर, अमेठी के डीसीएच गौरीगंज, बिजनौर, देवरिया और इटावा के जिला चिकित्सालय, मथुरा के कम्बाइंड हास्पिटल वृन्दावन और पीलीभीत के जिला चिकित्सालय में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है.

उत्तर प्रदेश में गांव और वार्ड स्तर पर कोरोना को निगरानी से बदले हालत

लखनऊ . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर प्रभावी बनाए रखने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अत्यन्त सफल सिद्ध हो रही है. प्रदेश में कोविड संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आ रही है. रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है. इसके दृष्टिगत कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के प्रयासों को पूरी प्रतिबद्धता से जारी रखा जाये.

मुख्यमंत्री वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे. बैठक में मुख्यमंत्री जी को बातया गया कि विगत 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 7,735 केस आए हैं. इसी अवधि में 17,668 संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार करके  डिस्चार्ज किया गया है. प्रदेश में 30 अप्रैल, 2021 को संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक 3,10,783 मामले थे.

वर्तमान में संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 1,06,276 हो गयी है. इस प्रकार विगत 30 अप्रैल के सापेक्ष एक्टिव मामलों की संख्या में 2,04,507 की कमी आयी है.

मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है. वर्तमान में यह दर 92.5 प्रतिशत है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर लगातार कम हो रही है. प्रदेश में पिछले 24 घण्टों में 2,89,810 कोविड टेस्ट किए गए हैं. इनमें 1,32,226 कोरोना टेस्ट आर0टी0पी0सी0आर0 विधि से किये गये हैं.

ब्लैक फंगस से निपटने की तैयारी

प्रदेश में अब तक 4 करोड़, 61 लाख, 12 हजार 448 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा ब्लैक फंगस के उपचार के सम्बन्ध में दिये गए सुझावों एवं निर्देशों का यथाशीघ्र क्रियान्वयन किया जाए. महामारी अधिनियम-1897 के अन्तर्गत ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित किया जाए. प्रदेश में इस रोग से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार के सभी प्रबन्ध सुनिश्चित किये जाएं.

ब्लैक फंगस के संक्रमण से प्रभावित सभी मरीजों को दवा तत्काल उपलब्ध कराई जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों में ब्लैक फंगस की दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे. निजी अस्पतालों में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों को भी दवा उपलब्ध कराई जाए. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस संक्रमण की दवा की कालाबाजारी न होने पाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए संचालित वृहद जांच अभियान के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं.

गांव स्तर पर हो अच्छी देखभाल

प्रदेश में संक्रमण दर निरन्तर कम हो रही है. इसे और गति प्रदान करने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर जागरूकता सृजित की जाए. इसके अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ तथा शहरी क्षेत्रों में ‘मेरा वाॅर्ड, कोरोना मुक्त वाॅर्ड’ अभियान संचालित किया जाए. अभियान का संचालन व्यापक जनसहभागिता से किया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि कोविड बेड की संख्या में निरन्तर वृद्धि की जाए. आवश्यक मानव संसाधन की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी की जाए, इसके लिए भर्ती की कार्यवाही तेजी से सम्पन्न की जाए. मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि कोविड-19 के उपचार की व्यवस्था को प्रभावी बनाए रखने के लिए उनके निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की जा रही है. कोविड बेड की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है. विगत दिवस प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में 197 बेड की वृद्धि हुई है. इसमें आइसोलेशन बेड के अलावा आई0सी0यू0 बेड भी शामिल हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर को सुदृढ़ बनाकर प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखा जाए. इन केन्द्रों के मेडिकल उपकरणों के रख-रखाव, आवश्यक मानव संसाधन, पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू बनाया जाए. स्वास्थ्य केन्द्रों की साफ-सफाई तथा रंगाई-पुताई कराई जाए. जनपदवार सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर में उपलब्ध मेडिकल उपकरणों तथा तैनात चिकित्सकों तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सूची संकलित कर उपलब्ध कराई जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों में उपलब्ध समस्त वेंटिलेटर कार्यशील अवस्था में रहे. खराब वेंटिलेटर की तुरन्त मरम्मत कराई जाए. प्रत्येक जनपद के अस्पतालों तथा मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध कुल वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स तथा डायलिसिस यूनिट की संख्या तथा उनकी क्रियाशीलता के सम्बन्ध में विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने कहा कि आयुष विभाग द्वारा संचालित हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर को सक्रिय किया जाए. आयुष विभाग द्वारा प्राणायाम के अभ्यास के सम्बन्ध में व्यापक जानकारी दी जाए, इसका प्रचार प्रसार भी कराया जाए.

अस्पताल रहे तैयार

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों एवं राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) स्थापित किये जाने हैं. इस सम्बन्ध में की गई कार्रवाई की जानकारी प्राप्त करते हुए उन्होंने कहा कि पीकू की स्थापना की कार्यवाही को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाया जाए. प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाए. उन्होंने कहा कि पीकू के संचालन के लिए पीडियाट्रिशियन्स, टेक्नीशियन्स तथा पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण का कार्य भी साथ-साथ कराया जाए.

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में राज्य में 753 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है. विगत कुछ दिनों में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या में कमी आने से ऑक्सीजन की मांग में भी तेजी से कमी आई है. अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों तथा रीफिलर्स के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन बैकअप उपलब्ध है. होम आइसोलेशन के मरीजों में भी ऑक्सीजन की डिमाण्ड में कमी आयी है. मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि राज्य में ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की कार्यवाही को त्वरित गति से आगे बढ़ाया जाए.

कोविड वैक्सीन का रखे ध्यान

मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि कोविड वैक्सीनेशन की कार्यवाही निर्बाध और सुचारु ढंग से संचालित की जाए. जीरो वेस्टेज को ध्यान में रखकर टीकाकरण कार्य किया जाए. वैक्सीनेशन कार्य को व्यापक स्तर पर संचालित किए जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि आगामी 06 माह में लक्षित आयु वर्ग के सभी प्रदेशवासियों के वैक्सीनेशन के लक्ष्य के साथ योजनाबद्ध ढंग से तैयारी की जाए. ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीनेशन कार्य को त्वरित और प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए कॉमन सर्विस सेण्टर (सी0एस0सी0) को सक्रिय कर वैक्सीनेशन हेतु रजिस्ट्रेशन में उपयोग किया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की कार्यवाही सुचारु ढंग से जारी रखी जाए. ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर तथा घनी आबादी के क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फाॅगिंग का विशेष अभियान संचालित किया जाए. इसी प्रकार सभी नगर निकायों में भी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर पर स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग का कार्य कराया जाए. जलजमाव को रोकने के लिए नाले व नालियों की सफाई करा ली जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू का प्रभावी ढंग से पालन कराया जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि घर से बाहर निकलने वाले लोग मास्क का इस्तेमाल और दो-गज की दूरी का पालन करें. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी गेहूं क्रय केन्द्र कार्यशील रहे.

एमएसपी के तहत हो खरीददारी

एम0एस0पी0 के तहत गेहूं खरीद तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न का वितरण कोविड प्रोटोकाॅल के पूर्ण पालन के साथ सुचारु ढंग से किया जाए. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद बनाकर उन्हें खाद्यान्न वितरण के समय राशन की दुकानों का भ्रमण करने के लिए आमंत्रित किया जाए. डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था सुदृढ़ रखी जाए, जिससे आम जनता को असुविधा न हो.

कोरोना संक्रमण से बचाव में बच्चों के लिये ‘रक्षा कवच’ बनेगा ‘पीआईसीयू’

लखनऊ . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के बच्चों को कोविड के प्रकोप से बचाने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार कर अधिकारियों को कार्य करने के निर्देश दिए हैं. जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. प्रदेश में युद्धस्तर पर आईसीयू की तर्ज पर बच्चों के उपचार की व्यवस्था की जा रही है. प्रदेश के सभी जिलों में विशेष स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस पीडियाट्रिक वार्ड पीकू तैयार किया जा रहा है. जहां बच्चों को  एक जगह पर सभी तरह का इलाज मिलेगा.

लखनऊ समेत सभी महानगरों के अस्पतालों में बच्चों को बीमारी से बचाने के लिये आधुनिक संसाधनों से युक्त पीडियाट्रिक बेड ‘रक्षा कवच’ तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद विशेषज्ञों और डॉक्टरों से बातचीत करने में जुटे हैं. कोरोना की दूसरी वेव से लड़ाई लड़ने के दौरान उन्होंने भविष्य की संभावित आंशका को देखते हुए तत्काल सभी शहरों में 50 से 100 बेड के पीडियाट्रिक बेड (पीआईसीयू) बनाने के निर्देश दिये हैं.

यह बेड विशेषकर एक महीने से ऊपर के बच्चों के लिए होंगे. इनका साइज छोटा होगा और साइडों में रेलिंग लगी होगी. गंभीर संक्रमित बच्चों को इसी पर इलाज और ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

प्रतापगढ़, प्रयागराज, जालौन व कौशांबी में  पीडियाट्रिक वार्ड किए जा रहे तैयार

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ विशेष गुप्ता ने बताया कि प्रतापगढ़, प्रयागराज, जालौन कौशांबी में एक हफ्ते के भीतर ही पीकू बनकर तैयार हों जाएंगे. जिसमें प्रयागराज में 25, प्रतापगढ़ में 30,जालौन में 10 और कौशांबी में 20 बेड वाले पीडियाट्रिक वार्ड तैयार किए जा रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि झांसी, अमेठी, मथुरा, मुरादाबाद, अयोध्या, गोरखपुर, मेरठ, चित्रकूट, लखनऊ, आजमगढ़ में तेजी से कार्य चल रहा है.

डॉक्टरों ने कहा कि बच्चों के लिये वरदान साबित होंगे पीडियाट्रिक बेड

लखनऊ में डफरिन अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान खान ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से तत्काल सभी बड़े शहरों में 50 से 100 पीडियाट्रिक बेड बनाने के निर्णय को बच्चों के इलाज में कारगर बताया है. उन्होंने बताया कि एक महीने से ऊपर के बच्चों के लिये पीआईसीयू (पेडरिएटिक इनटेन्सिव केयर यूनिट), एक महीने के नीचे के बच्चों के उपचार के लिये एनआईसीयू (नियोनेटल इनटेन्सिव केयर यूनिट) और महिला अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों के लिये एसएनसीयू (ए सिक न्यूबार्न केयर यूनिट) बेड होते हैं. जिनमें बच्चों को तत्काल इलाज देने की सभी सुविधाएं होती हैं.

कोरोना से लड़ाई युवाओं के सहयोग से

लखनऊ. सरकार के साथ कदमताल करते हुए लखनऊ शहर के युवाओं ने कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने की जिम्‍मेदारी उठा ली है. इन युवाओं में पेशे से कोई एमबीए एचआर है, तो एमबीए ट्रेनर है. लॉकडाउन के दौरान जब पूरा शहर कोरोना से जूझ रहा था तो इन युवाओं ने आगे आते हुए नगर निगम के साथ खुद शहर को सेनीटाइज करने की जिम्‍मेदारी उठाई. यह युवा अब तक शहर के तीन हजार से अधिक मकानों को सेनीटाइज कर चुके हैं.

गोमतीनगर निवासी एमबीए एचआर नूर आलम सिद्दीकी कहते हैं कि कोरोना से लड़ाई सिर्फ सरकार की जिम्‍मेदारी नहीं है. हम सभी को कोरोना से लड़ाई जीतने के लिए आगे आना होगा. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पूरे प्रदेश में सेनीटाइजेशन अभियान चला रहे हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में. सरकार के प्रयासों को देखते हुए हमारे दोस्‍तों ने इस लड़ाई में आगे आने का निर्णय लिया. इसके लिए हम लोगों ने शहर में सेनीटाइजेशन अभियान चलाने का निर्णय लिया. ग्रुप में शामिल करीब आधा दर्जन युवा अब तक तीन हजार से अधिक मकानों को सेनीटाइज कर चुके हैं.

यहां चला अभियान

एमबीए एचआर व एनएस साल्‍यूशन में शिक्षक नूर सिद्दीकी बताते हैं  सेनीटाइजेशन कार्य में वह केमिकल वाइरेक्‍स 256 का इस्‍तेमाल कर रहे हैं. गोमतीनगर उजरियांव से उन्‍होंने सेनीटाइजेशन काम को शुरू किया .

यहां पर उनकी टीम इसमें शहनवाज, शहजाद, शादाब व आरिज ने करीब 1500 से अधिक मकानों को सेनीटाइज किया. इसके बाद उन्‍होंने कैसरबाग, भीमनगर में 1200 से अधिक मकानों व अपार्टमेंट का सेनीटाइज करने काम किया है. नूर का कहना है कि हम सभी को कोरोना से लड़ाई में सरकार का सहयोग करना चाहिए.

उत्तर प्रदेश में गांव-गांव ‘विशेष स्वच्छता अभियान’ से हो रहा कोरोना का मुकाबला

लखनऊ. कोविड-19 संक्रमण को रोकने में यूपी के ग्रामीण इलाकों में ‘विशेष स्वच्छता अभियान’ ने बड़ी भूमिका निभाई है. बरसात से पूर्व गांव-गांव तक की जा रही साफ-सफाई संक्रामक रोगों का प्रसार कम कर रही है. सरकार प्रत्येक व्यक्ति की जान बचाने के लिये कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है. इसके लिये उसने ग्रामीण इलाकों में बड़े स्तर पर स्वच्छता अभियान चला रखा है. इस तरह का अभियान चलाने वाले प्रदेशों में यूपी ने पहले स्थान पा लिया है.

कोरोना की पहली लहर के दौरान भी योगी सरकार के शानदार कोविड मैनेजमेंट की डब्ल्यूएचओ समेत देश और दुनिया में जम कर तारीफ हुई थी.

सरकार के निर्देश पर यूपी के समस्त ग्राम पंचायतों में साप्ताहिक बंदी, शनिवार और रविवार को विशेष सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं.

क्षेत्र पंचायतों में रविवार तक कुल 58194 ग्राम पंचायतों और 97509 राजस्व ग्रामों में 86663 कर्मियों ने साफ-सफाई, सैनीटाइजेशन और फॉगिंग कार्य किया गया है. अभी तक अभियान दिवसों में 62611 राजस्व ग्रामों में विशेष सफाई अभियान चलाए गये हैं. सरकार के निर्देश पर कुल 32966 राजस्व ग्रामों में ब्लीचिंग पाउडर और सोडियम हाइपोक्लोराइउ का छिड़काव किया गया है. कुल 14096 राजस्व ग्रामों में फॉगिंग कराई गई है.

बीमारी की चेन तोड़ने में लगी सरकार के प्रयासों से पहली बार गांवों में विशेष स्वच्छता अभियान के दौरान नालियों की सफाई, ग्राम पंचायतों में स्थापित हैण्डपम्पों के चबूतरों की मरम्मत कराई गई है. अभियान काल में ग्रामीण इलाकों में अभी तक सरकार के प्रयास से 20,62, 499 सफाई अभियान संचालित किये जा चुके हैं.

तेज रफ्तार से बीमारी को रोकने में सफल हो रहीं निगरानी समितियां

सरकार को गांवों में भी ‘टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट’ के मूलमंत्र से रोज बड़ी सफलता मिल रही है. निगरानी समितियां बीमारी को रोकने के लिये ढाल बन गई हैं. गांव-गांव में कोरोना वायरस के खात्मे के लिये तिगुनी ताकत से आर-पार की लड़ाई में जुटी हैं. निगरानी समितियों के सदस्य रोज 14403 मेडिकल किटों का वितरण कर रहे हैं. अभी तक कुल 254720 मेडिकल किट का वितरण ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा चुका है.

कुल 201265 लोगों को आइसोलेट किया गया है. निगारानी समितियों के सदस्य अभी तक बाहर से आए 228945 लोगों का चिन्हींकरण कर चुकी हैं. निगरानी समितियां बीमारी के लक्षण वाले लोगों को तत्काल इलाज दिला रही हैं.

मेडिकल किट से लेकर होमआईसोलेशन में रहने की गाईडलाइनों से परिचित करा रही हैं. जो घरों में आईसोलेट नहीं रह सकते हैं उनको गांव के ही विद्यालयों, सामुदायिक केन्द्रों व स्वास्थ्य केन्द्रों पर इलाज की मुफ्त सुविधाएं दिला रही हैं. निगरानी समिति में लेखपाल, रोजगार सेवक, एनजीओ, एसएचजी, कोटेदार से लेकर सफाई कर्मचारी तक सभी बड़ी भूमिका अदा कर रहे हैं.

सरकार का प्रयास ला रहा रंग, लोग समझने लगे स्वच्छता का महत्व

योगी सरकार के बीमारी को मात देने के लिये किये जा रहे प्रयासों का ही असर है कि अब प्रदेश के लोगों को समझ में आने लगा है कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में स्वच्छता बेहद जरूरी है. प्रदेश में गठित 60569 निगरानी समितियों के 4 लाख सदस्य प्रतिदिन एक-एक व्यक्ति के घर तक पहुंच रहे हैं.

ग्राम पंचायत स्तर पर गठित समितियों के सदस्य नियमित रूप से लोगों की व्यक्तिगत स्वच्छता पर ध्यान दे रहे हैं. उनको नियमित रूप से साबुन से हाथ धोने आदि विषय में जागरूक कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को व्यक्तिगत तथा आसपास के वातावरण की स्वच्छता और समाजिक दूरी के महत्व के बारे में भी जानकारी दी जा रही है.

योगी सरकार के कोविड प्रबंधन का कायल हुआ डब्‍ल्‍यूएचओ

लखनऊ- योगी सरकार के शानदार कोविड प्रबंधन पर एक बार फिर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने मुहर लगा दी है. ग्रामीण इलाकों में राज्‍य सरकार के कोरोना के माइक्रो मैनेजमेंट का डब्‍ल्‍यूएचओ भी कायल‍ है. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर यूपी सरकार के कोविड प्रबंधन की खुल कर तारीफ की है.

डब्‍ल्‍यूएचओ ने यूपी के ग्रामीण इलाकों में कोरोना को रोकने के लिए  चलाए जा रहे महा अभियान की चर्चा करते हुए अपनी रिपोर्ट में बताया  है कि राज्‍य सरकार ने किस तरह से 75 जिलों के 97941 गांवों में घर घर संपर्क कर कोरोना की जांच करने के साथ आइसोलेशन और मेडिकल किट की सुविधा उपलब्‍ध कराई.

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने योगी सरकार के कोविड मैनेजमेंट को धरातल पर परखने के लिए यूपी के ग्रामीण इलाकों में 10 हजार घरों का दौरा किया . डब्‍ल्‍यू एचओ की टीम ने खुद गांवों में कोविड मैनेजमेंट का हाल जाना. कोरोना मरीजों से उनको मिल रही चिकित्‍सीय सुविधाओं के बारे में पूछताछ की. इतना ही नहीं विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के विशेषज्ञों ने फील्‍ड में काम कर रही 2 हजार सरकारी टीमों के काम काज की गहन समीक्षा भी की है.

डब्‍ल्‍यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में  बताया है कि किस तरह यूपी के ग्रामीण इलाकों में किस तरह योगी सरकार ने सामुदायिक केंद्रों, पंचायत भवनों और स्‍कूलों में कोरोना मरीजों की जांच और इलाज की सुविधा दे रही है. जिले के हर ब्‍लाक में कोविड जांच के लिए राज्‍य सरकार की ओर से दो मोबाइल वैन तैनात की गई है. कोरोना के खिलाफ महाअभियान के लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की 141610 टीमें दिन रात काम कर रही हैं.

कोविड मैनेजमेंट की इस पूरे अभियान पर नजर रखने के लिए योगी सरकार ने 21242 पर्यवेक्षकों की तैनाती की है.

ग्रामीण इलाकों में कोविड समेत अन्‍य संक्रामक बीमारियों की  रोकथाम के लिए योगी सरकार ने बड़े स्‍तर पर स्‍वच्‍छता अभियान चला रखा है. 60 हजार से अधिक निगरानी समितियों के 4 लाख सदस्‍य गांवों में घर घर पहुंच कर न सिर्फ कोविड के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं बल्कि साफ, सफाई और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं से भी जोड़ रहे हैं. राज्‍य में इस तरह का अभियान चलाने वाला यूपी देश का पहला राज्‍य है.  गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान भी योगी सरकार के शानदार कोविड मैनेजमेंट की डब्‍ल्‍यूएचओ समेत देश और दुनिया में जम कर तारीफ हुई थी.

महिलाओं की सुरक्षा और आत्मसम्मान के प्रति सजग उत्तर प्रदेश सरकार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष ‘मिशन शक्ति’ की प्रगति, इसके द्वितीय फेज़ तथा इसमें विभिन्न विभागों द्वारा दिए गए योगदान के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा तथा आत्मसम्मान सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है. ‘मिशन शक्ति’ को इसी उद्देश्य से लागू किया गया था. उन्होंने कहा कि 08 मार्च, 2021 को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस है. इसके दृष्टिगत ‘मिशन शक्ति’ के तहत महिला सशक्तीकरण से सम्बन्धित विभिन्न विभागीय आयोजन 26 फरवरी, 2021 से ही शुरू कर दिए जाएं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस अभियान का सकारात्मक प्रभाव समाज पर पड़ा है और महिलाओं की सुरक्षा और आत्मसम्मान के प्रति समाज अब और जागरूक हो रहा है. उन्होंने राजस्व विभाग को घरौनी के तहत स्वामित्व का अधिकार घर की महिला को देने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए गए सामुदायिक शौचालयों में महिला कर्मी की तैनाती शीघ्र की जाए. उन्होंने सभी जनपदों में अपर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक रिपोर्टिंग चौकी स्थापित करने के निर्देश दिए, जहां महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के सम्बन्ध में सूचना दर्ज कर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कन्या सुमंगला योजना और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री जी के समक्ष नारी सुरक्षा, नारी सम्मान तथा नारी स्वावलम्बन के लिए चलाए जा रहे ‘मिशन शक्ति’-द्वितीय फेज़ का प्रस्तुतीकरण अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने किया.

उन्होंने ‘मिशन शक्ति’ के द्वितीय फेज़ के दौरान महिला थाने की रिपोर्टिंग पुलिस चौकी की स्थापना तथा इससे सम्बन्धित प्रस्ताव, महिला साइबर क्राइम सेल, साइबर बुलीइंग व साइबर स्टॉकिंग के लिए डूज़ व डोन्ट्स, कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत महिला सुरक्षा समिति के गठन, समिति के स्वरूप, महिला हेल्प डेस्क में प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा, अत्यधिक वृद्ध महिला कैदी/शारीरिक रूप से अशक्त महिला कैदियों की रिहाई, ‘मिशन शक्ति’ पुरस्कार इत्यादि के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया.

प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री जी के समक्ष ‘मिशन शक्ति’ में प्रतिभाग करने वाले विभिन्न विभागों जिनमें कृषि, पंचायती राज, राजस्व, महिला कल्याण तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, युवा कल्याण, बेसिक शिक्षा, समाज कल्याण, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास, चिकित्सा शिक्षा, संस्कृति, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, औद्योगिक विकास, ग्राम्य विकास, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, परिवहन, नगर विकास, पशुपालन, अल्पसंख्यक कल्याण, न्याय तथा सहकारिता विभाग शामिल हैं, ने अपने-अपने विभाग द्वारा किए गए कार्यों तथा उपलब्धियों के विषय में जानकारी दी.

उल्लेखनीय है कि ‘मिशन शक्ति’ की शुरुआत शारदीय नवरात्र 2020 से की गई थी. यह अभियान बासन्तिक नवरात्र 2021 तक चलेगा.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें