भारत-जापान दोस्ती की मिसाल

अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी दौरे पर आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “रुद्राक्ष” अंतर्राष्ट्रीय सहयोग सम्मेलन केंद्र का उद्घाटन करेंगे. उनके साथ जापान के प्रतिनिधि भी रहेंगे. रुद्राक्ष को जापानी शैली में सजाया जा रहा है. जैपनीज़ फूलों की सुगंध रुद्राक्ष में  फ़ैलेगी. रुद्राक्ष कन्वेंसन सेंटर परिसर में प्रधानमंत्री रुद्राक्ष के पौधे को भी लगाएंगे. कार्यक्रम के दौरान रुद्रक्ष कन्वेंसन सेण्टर में इन्डोजापन कला और संस्कृति की झलक भी दिखेगी. रुद्राक्ष कन्वेंसशन सेण्टर पर बने 3 मिनट के ऑडियो विज़ुअल को भी “रुद्राक्ष ” में प्रधानमंत्री मेहमानों के साथ देखने की संभवना है . प्रधानमंत्री  का  यहां करीब 500 लोगों से संवाद करना भी प्रस्तावित है . संभावना है कि वीडियो फ़िल्म के माध्यम से जापान के प्रधानमंत्री देंगे शुभकामनाएं.  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बदलते बनारस की तस्वीर दुनिया देखेगी.

सर्व विद्या की राजधानी काशी में धर्म ,अध्यात्म ,कला, संस्कृति और विज्ञान पर  चर्चा होती है, तो इसका सन्देश पूरी दुनिया में  जाता है.

बनारस में संगीत के सुर,लय और ताल की  त्रिवेणी अविरल बहती रहती है. 2015 में वाराणसी को यूनेस्को के ‘सिटीज ऑफ म्यूजिक’ से नवाजा गया था.  शिल्पियों की थाती वाले शहर बनारस ने दुनिया को कला की प्राचीन नमूनों से परिचित कराया है, जिसका कायल पूरा विश्व है.

दुनिया के सबसे प्राचीन और जीवंत शहर काशी को जापान ने भारत से दोस्ती का एक ऐसा नायाब तोहफ़ा रुद्राक्ष के रूप में दिया है ,जहां  आप बड़े म्यूजिक कंसर्न , कांफ्रेंस,नाटक और प्रदर्शनियां  जैसे कार्यक्रम दुनिया के बेहतरीन उपकरणों और सुविधाओं के साथ कर सकेंगे. कन्वेंशन सेंटर की नींव  2015 में उस समय पड़ गई थी, जब जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे  को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी लेकर आए थे.

शिवलिंग की आकृति वाला वाराणसी कन्वेंशन सेण्टर जिसका नाम शहर के मिज़ाज के अनुरूप रुद्राक्ष है. इसमें स्टील के एक सौ आठ रुद्राक्ष के दाने भी लगाए  गए है. जितना खूबसूरत ये देखने में  लग रहा है ,उतनी ही इसकी खूबियां भी है.

सिगरा में ,तीन एकड़ (13196 sq mt ) में ,186 करोड़ की लागत से बने  रुद्राक्ष में 120 गाड़ियों की पार्किंग  बेसमेंट में हो सकती है. ग्राउंड फ्लोर ,और प्रथम तल ,को लेकर हाल होगा जिसमे वियतनाम से मंगाई गई कुर्सियों पर 1200 लोग एक साथ बैठ सकते है. दिव्यांगों के लिए भी दोनों दरवाजो के पास 6 -6 व्हील चेयर का इंतज़ाम है. इसके अलावा शैचालय भी दिव्यांगों फ्रेंडली बनाए गए है.  हाल में बैठने की छमता पार्टीशन से कम या ज़्यादा भी किया जा सकता है. इसके अलावा आधुनिक ग्रीन रूम भी बनाया गया है. 150 लोगों की छमता वाला  दो कॉन्फ्रेंस हाल या गैलरी  भी है. जो दुनिया के आधुनिकतम उपकरणों से सुसज्जित  है. इस  हॉल को भी जरूरत के मुताबिक घटाया और  बढ़ाया जा सकता है.

रुद्राक्ष  को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने फंडिंग  किया है. डिजाइन  जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल ने  किया है. और निर्माण का काम भी जापान की फुजिता कॉरपोरेशन नाम की कंपनी ने किया है.

रुद्राक्ष में छोटा जैपनीज़ गार्डन बनाया गया है.  110 किलोवाट की ऊर्जा के लिए सोलर प्लांट लगा है.  वीआईपी रूप और उनके आने-जाने  का रास्ता भी अलग से है .

रुद्राक्ष को वातानुकूलित रखने के लिए इटली के उपकरण लगे है.दीवारों पर लगे ईंट भी ताप को रोकते और कॉन्क्रीट के साथ फ्लाई ऐश का भी इस्तेमाल किया गया  है. निर्माण और उपयोग की चीजों को देखते हुए ,ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट ( GRIHA ) की और से रुद्राक्ष को  ग्रेडिंग तीन मिली है. रुद्राक्ष में कैमरा समेत सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम है.   आग से भी सुरक्षा के उपकरणों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है.

रुद्राक्ष  को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने फण्ड किया है. डिजाइन  जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल ने ही किया है, और निर्माण का काम भी जापान की फुजिता कॉरपोरेशन नाम की कंपनी ने  किया है. इसका निर्माण  10 जुलाई 2018 को शुरू हुआ था . अब  भारत जापान की दोस्ती का प्रतीक रुद्राक्ष बन कर तैयार हो गया है.

विकास तभी सार्थक जब सभी लोग सुरक्षित रहें: योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास की योजनाएं तभी सार्थक हैं जब सभी लोग सुरक्षित रहें. सरकार प्रदेश की 24 करोड़ जनता की सुरक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है. प्रदेश की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों को किसी भी सूरत में छूट नहीं दी जा सकती, उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी ही होगी.

सीएम योगी मंगलवार को गोरखपुर में नगर निगम की 94 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 370 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास कर रहे थे. गोरखपुर क्लब में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हम सभी को विकास के साथ ही सुरक्षा के प्रति लगातार सजग रहना होगा. सुरक्षा के प्रति थोड़ी सी सजगता से कई लोगों का जीवन सुरक्षित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ह्यूमन इंटेलिजेंस यानी लोगों की सजगता से मिली जानकारी पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दो साजिशों को बेपर्दा किया गया है.  मूक बधिर बच्चों के जेहादी धर्मांतरण से राष्ट्र की सुरक्षा में सेंध लगाने का षडयंत्र किया जा रहा था. इसमें पकड़े गए लोगों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने लखनऊ में पकड़े गए दो संदिग्धों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान परस्त आतंकियों के साथ मिलकर आजादी के जश्न में खलल डालने की साजिश रची जा रही थी. ह्यूमन इंटेलिजेंस यानी लोगों की सजगता से मिली सूचना पर सुरक्षा एजेंसियों ने इन्हें बेपर्दा कर दिया. बारूद का जखीरा, बम व अत्याधुनिक हथियार मिले. समय रहते ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में क्या हो रहा है, जनता की सजगता से इसे जाना जा सकता है और जानकारी पर समय रहते राष्ट्र विरोधी तत्वों के मंसूबों को ध्वस्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जनता से निरन्तर संवाद बनाए रखने में पार्षदों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है.

विकास की योजना गरीब का हक : मुख्यमंत्री योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की योजना हर गरीब का हक है. अच्छा जनप्रतिनिधि चुने जाने पर विकास की योजनाएं हर गरीब तक पहुंचती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार पहले भी थी, पैसा पहले भी था लेकिन तब अराजकता होती थी, पैसों का बंदरबांट होता था. आज सिस्टम वही है बस चेहरे बदल गए हैं तो आमजन को योजनाओं का लाभ मिल रहा है. हर व्यक्ति तक सड़क, पेयजल, बिजली की सुविधा है. गरीब को पीएम आवास योजना से मकान मिल रहा है. यह सारे काम पहले भी हो सकते थे लेकिन अपने पूर्वजों के नाम योजनाओं के नामकरण में जुटे लोगों को गरीबों की चिंता नहीं थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों को आवास योजना की सौगात दी है. गोरखपुर में 25 हजार गरीबों को पीएम आवास मिला है. जो स्ट्रीट वेंडर पहले कुछ लोगों के लिए शोषण करने का जरिया थे, आज स्वनिधि योजना से आत्मनिर्भर होकर तरक्की की राह पकड़ रहे हैं.

यूपी से गायब होता दिखाई दे रहा कोरोना : सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंदगी दूर कर और शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के साथ बिना भेदभाव सबको स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिलाकर हमनें इंसेफेलाइटिस को दूर किया है. कोविड प्रोटोकाल के अनुपालन और सबको त्वरित स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराते हुए कोरोना पर भी काबू पाया है. अब तो उत्तर प्रदेश से कोरोना गायब होता दिखाई दे रहा है. मुख्यमंत्री ने कोविड के सेकेंड वेव में निगरानी समितियों व पार्षदों की भूमिका की प्रशंसा की.  उन्होंने पार्षदों को प्रेरित करते हुए कहा कि बेहतर कार्य पद्धति ही आपकी पहचान बनेगी, आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनेगी इसलिए बेहतर कार्य निरन्तर होने चाहिए. जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए अहर्निश प्रयास करना होगा.

कार्यक्रम में महापौर सीताराम जायसवाल, नगर विधायक डॉ राधामोहन दास अग्रवाल, गोरखपुर ग्रामीण के विधायक बिपिन सिंह, सहजनवा के विधायक शीतल पांडेय, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती अंजू चौधरी आदि की प्रमुख मौजूदगी रही.

370 परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण

इसके साथ ही सीएम योगी ने मंगलवार की शाम शहर को 93.89 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी. गोरखपुर क्लब में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 370 परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया. इनमें 150 परियोजनाओं का शिलान्यास और 220 परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ. मुख्यमंत्री ने नगर निगम परिसर में प्राइवेट, पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल से संचालित होने वाले म्यूजिकल फाउंटेन और फूड पार्क का भी लोकार्पण किया. सीएम शाम चार बजे मुख्यमंत्री गोरखपुर क्लब पहुंचे. स्वागत महापौर सीताराम जायसवाल ने किया. सभी परियोजनाएं 14वें व 15वें वित्त आयोग, अवस्थापना विकास निधि, अमृत योजना, सीवरेज एवं जल निकासी योजना और स्वच्छ भारत मिशन से है. मुख्यमंत्री ने वार्ड नंबर पांच में एक करोड़ 12 लाख 77 हजार रुपये से बनी डामर सड़क का भी लोकार्पण किया. चार करोड़ 11 लाख 67 हजार रुपये से लालडिग्गी पार्क में हुए जीर्णोद्धार कार्य का लोकार्पण कर मुख्यमंत्री ने पार्क को नागरिकों को सौंपा.

मिलेगा शुद्ध पानी

8.81 करोड़ रुपये की लागत से 13 गहरे नलकूप और आठ मिनी नलकूप का भी मुख्यमंत्री ने शिलान्यास किया. इन नलकूप से हजारों नागरिकों को शुद्ध पानी मिलेगा.

यहां लगेंगे गहरे नलकूप

भैरोपुर ओवरहेड टैंक परिसर में, बशारतपुर निकट एल्यूमीनियम फैक्ट्री रोड सुडिय़ा कुआं, राजेंद्र नगर पश्चिमी, राजेंद्र नगर पूर्वी, लच्छीपुर शिव मंदिर के पीछे मलिन बस्ती, पूर्व महापौर डा. सत्या पांडेय के घर के पास, ट्रांसपोर्टनगर स्थित गालन टोला मोहल्ला, धर्मशाला पुलिस लाइन बाउंड्री के अंदर, रुस्तमपुर, अलीनगर, सिविल लाइन द्वितीय पड़हा में रियाज हास्पिटल के बगल में, गोरखनाथ मंदिर परिसर में संस्कृत पीठ के पास और सिविल लाइन चौराहा के पास कार्य कराया जाएगा.

यहां लगेंगे मिनी नलकूप

जटेपुर उत्तरी काली मंदिर के पास, अंधियारीबाग रामलीला मैदान मलिन बस्ती, नरसिंहपुर, पार्षद जितेंद्र सैनी के आवास के पीछे, कृष्णा नगर, माधोपुर, रामप्रीत चौराहा काली मंदिर के पास और चक्सा हुसैन में.

जापान ओलंपिक में यूपी के विजेताओं को मिलेगी इनामी धनराशि

खेलों को बढ़ावा देने वाली प्रदेश सरकार इस साल टोकियो (जापान) में होने वाले ओलंपिक गेम्स में भाग लेने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को 10 लाख रुपये देगी. एकल और टीम खेलों में पदक लेकर लौटने वाले खिलाड़ियों का भी उत्साह बढ़ाएगी. यूपी से 10 खिलाड़ी विभिन्न स्पर्धाओं में भाग लेने के लिये टोकियो जाएंगे. राज्य सरकार ओलंपिक खेलों में होने वाले एकल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 6 करोड़ रुपये, रजत पाने वालों खिलाड़ी को 4 करोड़ रुपये और कांस्य पदक लाने वाले खिलाड़ियों को 2 करोड़ रुपये देगी.

सीएम योगी ने प्रदेश की कमान संभालने के बाद से लगातार खिलाड़ियों की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की है. खिलाड़ियों की प्रतिभा को और निखारने और सुविधाओं को बढ़ाने का भी काम किया है. सरकार ने टोकियो में आयोजित होने वाले ओलंपिक में टीम खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर लाने वाले खिलाड़ी को 3 करोड़ रुपये, रजत लाने पर 2 करोड़ रुपये और कांस्य लाने पर 1 करोड़ रुपये देने का निर्णय लिया है.

‘खूब खेलो-खूब बढ़ो’ मिशन को लेकर यूपी में खिलाड़ियों को राज्य सरकार बहुत मदद दे रही है. खेल में निखार लाने के लिये खिलाड़ियों के बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है. प्रशिक्षण देने वाले विशेषज्ञ कोच नियुक्त किये गये हैं. छात्रावासों में खिलाड़ियों की सहूलियत बढ़ाने के साथ-साथ नए स्टेडियमों का निर्माण भी तेजी से कराया है. गौरतलब है कि अपने कार्यकाल में योगी सरकार ने 19 जनपदों में 16 खेलों के प्रशिक्षण के लिये 44 छात्रावास बनवाए हैं. खेल किट के लिये धनराशि को 1000 से बढ़ाकर 2500 रुपये किया गया है.

आशा वर्कर जानेंगी बुजुर्गों की सेहत का हाल

बुजुर्गों की बेहतर सेहत के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. खासकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे और डायलिसिस करवा रहे बुजुर्गों की तीमारदारी में अब आशा वर्कर तैनात की जाएंगी. प्रदेश भर में आशा वर्कर इन बीमारियों से जंग लड़ रहे बुजुर्गों की सूची तैयार करेंगी और इनसे संवाद स्‍थापित कर रोजाना सेहत का हाल जानेंगी. साथ ही दवा और जांच कराने में भी इन बुजुर्गों की मदद करेंगी. मुख्‍यमंत्री ने एक उच्‍च स्‍तरीय बैठक में यह निर्देश जारी किए हैं.

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रदेश के वरिष्‍ठ नागरिकों की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं. चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को वरिष्‍ठ नागरिकों की सूची बनाने को कहा गया है. इससे जरूरत पड़ने पर हर संभव मदद पहुंचाने में आसानी होगी. इस काम में आशा वर्कर अहम रोल अदा करेंगी. अभी तक प्रदेश की 10 लाख 71 हजार से अधिक आशा वर्कर ग्रामीण व शहरी इलाकों में महिलाओं व बच्‍चों को स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी सेवाएं मुहैया कराने में मदद करती है. अब आशा वर्कर प्रदेश के वरिष्‍ठ नागरिकों की सेहत का ख्‍याल भी रखेंगी. आशा वर्कर अपने इलाके के वरिष्‍ठ नागरिकों की सूची तैयार करेंगी. खासकर कैंसर व डायलिसिस पीडि़त मरीजों पर इनका विशेष ध्‍यान होगा. इसके बाद आशा वर्कर रोजाना इनसे संवाद स्‍थापित करेंगी और सेहत का हालचाल पूछेंगी. वरिष्‍ठ नागरिकों को दवा व जांच कराने में सहयोग करेंगी.

एक कॉल पर मिलेगी एम्‍बुलेंस व दवा

चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य विभाग वरिष्‍ठ नागरिकों की बेहतर सेहत के लिए बनाई गई विशेष हेल्‍पलाइन नम्‍बर 14567 को और प्रभावी बनाने जा रहा है. ताकि सेहत से जुड़ी कोई समस्‍या होने पर बुजुर्गों तक फौरन मदद पहुंचाई जा सके. इसके अलावा हेल्‍पलाइन नम्‍बर की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए बड़ा जन जागरूकता अभियान भी शुरू किया जाएगा, ताकि अधिक लोगों को इस सेवा का लाभ मिल सके. हेल्‍पलाइन के जरिए विशेष परिस्थितियों में बुजुर्गों को एक कॉल पर एम्बुलेंस और दवा भी पहुंचाने का काम विभाग करेगा. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अगले 8-10 महीने में इसे लेकर अपनी कार्ययोजना तैयार करेगा.

अकेले रहने वाले बुजुर्गों के लिए योजना बनेगी वरदान

प्रदेश सरकार अकेले रहने वाले बुजुर्गों की बेहतर सेहत के लिए विशेष योजना तैयार कर रही है. इस योजना के तहत ऐसे बुजुर्गों की देखरेख के लिए एक व्‍यक्ति तैनात किया जाएगा. जो अकेले रह रहे बुजुर्ग को जरूरत पड़ने पर दवा पहुंचाने के साथ जांच के लिए अस्‍पताल ले जाएगा और उनको घर तक पहुंचाएगा. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अगले 8-10 महीने में इसे लेकर अपनी कार्ययोजना तैयार करेगा.

जनसंख्या नीति से पूरे होंगे विशिष्ट उद्देश्य

उत्तर प्रदेश में नई जनसंख्या नीति लागू करके नए भविष्य की नींव रखी जा रही है. उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-30 में खास बातें शामिल की गई है. उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति-2021 स्वैच्छिक और सूचित विकल्प के माध्यमों से और अपनी विकासशील आवश्यकताओं के साथ जनसांख्यिकीय लक्ष्यों को निर्धारित करके जनसंख्या स्थिरीकरण प्राप्त करने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है.

यह नीति, बाल-उत्तरजीविता, मातृ-स्वास्थ्य और गर्भनिरोधक के मुद्दों को संबोधित करने के लिए रणनीतियों को प्राथमिकता देने के लिए अगले दशक के लिए एक तन्त्र प्रदान करती है. इस तन्त्र में जागरूकता बढ़ाने और सेवाओं की मांग के साथ-साथ एक मजबूत प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली तक लोगों की पहुंच बढ़ाना भी शामिल है.उत्तर-प्रदेश जनसँख्या नीति -2021 का मूल लक्ष्य यही है कि सभी लोगों के लिए जीवन के प्रत्येक चरण में उसकी गुणवत्ता में सुधार करना और साथ ही साथ सतत् विकास के लिए एक व्यापक और समावेशी दृष्टिकोण को सक्षम करना. उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति-2021 का समग्र लक्ष्य सभी लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना, प्रदेश को प्रगति के पथ पर बढ़ाना और इसके सतत् विकास के लिए एक व्यापक और समावेशी दृष्टिकोण को सक्षम करना है.

उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति -2021 प्रदेश की संपूर्ण आबादी के लिए विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और किशोरों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल करने, नवीनीकृत करने और विस्तार करने की उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्वता की पुष्टि करती है. इस नीति के माध्यम से वर्ष 2026 तक महिलाओं द्वारा सूचित व स्वनिर्णय के माध्यम से प्रतिस्थापन स्तर (सकल प्रजनन दर -2.1) तथा वर्ष 2030 तक सकल प्रजनन दर 1.9 लाना है.

राज्य में परिवार नियोजन , विशेषकर सुदूरवर्ती व सेवाओं से वंचित समुदाय तक अपूर्ण मांग को कम करने के लिए तथा आधुनिक गर्भनिरोधक प्रचलन दर को बढ़ाने के लिए रणनीतियों को प्राथमिकीकृत किया जाएगा.

प्रदेश की जनसंख्या यथाशीघ्र स्थिर हो सके, इसके लिए दंपत्तियों को प्रोत्साहित एवं निरुत्साहित करने हेतु समुचित कदम उठाये जाएंगे. यह प्रयास भी किया जाएगा कि विभिन्न समुदायों के मध्य जनसंख्या का संतुलन बना रहे. जिन समुदायों, संवर्गो एवं भौगोलिक क्षेत्रों में प्रजनन दर अधिक है उनमें जागरूकता के व्यापक कार्यक्रम चलाए जाएंगे.

जनसंख्या नियंत्रण हेतु उठाए जा रहे विभिन्न कदमों तथा अपनाई जा रही विभिन्न रणनीतियों और प्रभावी बनाने के लिए आवश्यकतानुसार इस सम्बन्ध में नया कानून भी बनाने पर विचार किया जा सकता है.

स्कूल में लड़कियों को पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने और महिलाओं के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण हेतु विभागों और कार्यक्रमों के बीच सामंजस्य स्थापित किया जायेगा.

नई नीति में सामाजिक कुरीतियों को संबोधित करने पर भी विचार किया गया है. जैसे, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, बाल विवाह, लिंग चयन एवं पुत्र प्राप्ति को वरीयता देना आदि शामिल है.

इस नीति में विभिन्न उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सामाजिक एवं व्यावहारिक परिवर्तन की संचार रणनीतियों को विकसित किया जाएगा तथा सामाजिक निर्धारकों को भी सम्मिलित किया जाएगा .उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति -2021 में सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करने और उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं, शिशुओं, बीमार नवजात शिशुओं तथा अति कुपोषण के शिकार बच्चों पर विशेष ध्यान रखने के स्पष्ट प्रावधान किये गए. संस्थागत प्रसवों में वृद्धि के दृष्टिगत, प्रसव पश्चात परिवार नियोजन सेवाओं में वृद्धि की जाएगी.

प्रदेश सरकार शिशु और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु में कमी लाने, अधिक से अधिक नवजात शिशुओं को बचाने और बच्चे को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करने पर ध्यान देते हुए बच्चे को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है.  वर्तमान जनसंख्या नीति में जहाँ जनसंख्या स्थिरीकरण हेतु परिवार नियोजन की बात है, वहीं बाँझपन की चिकित्सा पर भी बल दिया जा रहा है. बाँझपन से प्रभावित दम्पत्तियों को प्रदेश की चिकित्सा इकाईयों पर प्रशिक्षित सेवाप्रदाताओं के माध्यम से परामर्श तथा निःशुल्क उपचार प्रदान किया जाएगा.

प्राथमिक , द्वितीय तथा तृतीय स्तर की चिकित्सा इकाईयो पर बाँझपन के निःशुल्क उपचार एवं सन्दर्भन हेतु रेगुलेटरी तन्त्र एवं प्रोटोकाल स्थापित किये जाएगें.गोद लेने की प्रक्रिया को सरल किया जाएगा, जिससे इच्छुक दम्पत्ति को बच्चों को गोद लेने में आसानी महसूस हो सके.

प्रदेश में लगभग 1.5 करोड़ लाख बुजुर्ग हैं , चूंकि राज्य की कुल प्रजनन दर लगातार कम हो रही है, जिससे आबादी में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा. अगले बीस साल में, राज्य की आबादी में धीरे-धीरे बुजुर्गों की आबादी का अनुपात ज्यादा होने का अनुमान है. तेजी से बुजुर्गों की रुग्णता दर और बीमारी बढ़ेगी, जिससे स्वास्थ्य पर बहुत अधिक व्यय होगा. अधिक निर्भरता अनुपात, अपर्याप्त सामाजिक सुरक्षा और एकल परिवार में तेजी से बढ़ोत्तरी से बुजुर्गों की देखभाल की अतिरिक्त चुनौती बढ़ेगी.

प्रदेश के समस्त 75 जनपदों के सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर बुजुर्गों के लिए समर्पित सेवायें, स्कीनिंग डिवाईसेस , उपकरण, प्रशिक्षण, अतिरिक्त मानव संसाधन और प्रचार प्रसार सहित उपलब्ध कराई जायेगी जिला अस्पतालों में 10 बेड वाले समर्पित वार्ड स्थापित किये जायेंगे जिसमें अतिरिक्त मानव संसाधन, उपकरण, उपभोग्य वस्तुएं और दवाईयाँ , प्रशिक्षण और आईईसीहोगी. बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं और सलाह को शामिल करने के लिए ई.संजीवनी जैसे टेली – परामर्श प्लेटफार्मों का विस्तार किया जाएगा.

उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य सम्बन्धी बिन्दुओं को चिन्हित किया है, जैसे आधारभूत संरचना , मानव संसाधन , गुणवत्तापरक देखभाल , सन्दर्भन प्रणाली, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और क्षमता वृद्धि शामिल है. नीति के माध्यम से प्रदेश में मौजूदा स्वास्थ्य संसाधनों के अधिकतम उपयोग के साथ-साथ आवश्यकतानुसार बढ़े हुए आवंटन और निवेश को भी सम्मिलित किया जाएगा.

राज्य में जनसंख्या और स्वास्थ्य शोध के मापन , सीख और मूल्यांकन के लिए एक विशेष स्वास्थ्य शोध इकाई स्थापित की जाएगी. नीति में मध्यमकालिक एवं दीर्घकालिक लक्ष्य परिभाषित किये गये है, जिनके सतत् अनुश्रवण से जनसंख्या स्थिरीकरण एवं मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में प्रगति , किशोरों की उन्नति, बुजूर्गो की खुशी एवं समावेशी विकास की परिकल्पना की प्राप्ति संभव हो सकेगी.

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस नीति में उल्लिखित लक्ष्यों तथा उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए हर सम्भव प्रयास किया जायेगा . नीति की प्रगति को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार विभिन्न विभागों , निर्वाचित प्रतिनिधियों , स्थानीय निकायों, निजी क्षेत्रों और सिविल सोसायटी संगठनों के सामंजस्य से कार्य करेगी. नीति के उददेश्यों की पूर्ति के लिए स्थानीय भागीदारी को बढ़ाना एक आवश्यक कदम होगा.

मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग का हब बन रहा उत्तर प्रदेश

बीते चार वर्षों में उत्तर प्रदेश की आईटी नीति ने देश में कमाल किया है. इस नीति के चलते राज्य में डिजिटल इंडिया अभियान ने गति पकड़ी है. आईटी मैन्यूफैक्चरिंग के सेक्टर में रिकार्ड निवेश हुआ है. और अब उत्तर प्रदेश मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग में देश का प्रमुख केंद्र बनने की दिशा में बढ़ चला है. राज्य में ओप्पो, वीवो, सेमसंग, लावा और फ़ॉरमी जैसी तमाम कंपनियां ने मोबाइल फोन का निर्माण करने में पहल की है. अब वह दिन दूर नहीं है, जब इन देशी और विदेशी कंपनियों के भरोसे यूपी मोबाइल फोन मैन्यू फैक्चरिंग का सबसे बड़ा हब बन जाएगा. देश के करोड़ों लोग यूपी में बने सैमसंग, वीवो, ओप्पो और लावा के मोबाइल हैंडसेट से बात करते हुए दिखाई देंगे.

यह दावा अब देश के बड़े औद्योगिक संगठनों से जुड़े उद्योगपति कर रहे हैं. इन औद्योगिक संगठनों के पदाधिकरियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में डिजिटल इंडिया अभियान के तहत मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है. इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में प्रदेश सरकार की इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली नीतियों की वजह से बड़ी कंपनियों ने राज्य में बड़ा निवेश किया हैं.

प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री एवं प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि कुछ साल पहले तक राज्य में मोबाइल हैंडसेट के निर्माण में सूबे का नाम तक नहीं लिया जाता था. वर्ष 2014 में देश में मात्र छह करोड़ मोबाइल हैंडसेटों का निर्माण होता था. फिर वर्ष 2015 -16 में 11 करोड़ और 2016-17 में 17.5 करोड़ मोबाइल हैंडसेट का निर्माण देशभर में हुआ. अब 12 करोड़ मोबाइल हैंडसेट का निर्माण यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण (यीडा) में स्थापित की जा रही वीवो की फैक्ट्री जल्दी ही होने लगेगा. यीडा के सेक्टर 24 में वीवो मोबाइल प्राइवेट लिमिटेड 7000 करोड़ रुपए का निवेश का मोबाइल हैंडसेट बनाने की फैक्ट्री लगा रही है. 169 एकड़ भूमि पर लगाई जा रही इस फैक्ट्री के प्रथम चरण में छह करोड़ मोबाइल सेट बनाए जाएंगे. दूसरे चरण में इस फैक्ट्री की क्षमता  बढ़ाई जाएगी, ताकि इस फैक्ट्री में हर वर्ष 12 करोड़ मोबाइल हैंडसेट बनाए जा सके. वीवो की इस फैक्ट्री में 60 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. वीवो की इस फैक्ट्री में बनाए जाने वाले हर मोबाइल से जीएसटी के रूप में सरकार को राजस्व प्राप्त होगा.

वीवो के अलावा चीन की बड़ी कंपनी ओप्पो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 2000 करोड़ रुपए का निवेश का ग्रेटर नोयडा में स्मार्ट फोन बनाएगी. ग्रेटर नोयडा में ही होलिटेच इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में मोबाइल फोन डिस्प्ले यूनिट लगाने का फैसला किया है. 1772 करोड़ का निवेश कर बनाए जाने वाली मोबाइल फोन डिस्प्ले यूनिट के लिए भूमि आंवटित हो चुकी है. नोएडा में लावा इलेक्ट्रानिक्स ने अपनी फैक्ट्री लगाकर वहां मोबाइल हैंडसेट बना रही है. सैमसंग ने भी बीते साल अपनी फैक्ट्री नोएडा में मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग की फैक्ट्री लगाई है. इसके अलावा प्रदेश सरकार की मैन्यूफैक्चरिंग पालिसी 2017 से प्रभावित होकर फ़ॉरमी ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा में और  केएचवाई इलेक्ट्रानिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नोएडा में मोबाइल हैंडसेट बनाने की फैक्ट्री लगा रही हैं. चीन की विख्यात कंपनी सनवोडा इलेक्ट्रानिक्स ने भी ग्रेटर नोएडा में स्मार्टफोन, लिथियम बैटरी और प्लास्टिक मोबाइल केस बनाने की फैक्ट्री लगाने में रूचि दिखाई है. 1500 करोड़ का निवेश कर सनवोडा को ग्रेटर नोएडा में अपनी फैक्ट्री लगाने का निर्णय किया है. यूपी में लगाई जा रही मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग की इन फैक्ट्रियों को देख कर अब यह कहा जा रहा है कि देश में मोबाइल हैंडसेट के लिए अभी तक जो कंपनियां चीन की मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों पर निर्भर थीं, वह अब उत्तर प्रदेश  में अपने ब्रांड के मोबाइल हैंडसेट बनवा रही हैं. इनमें ओप्पो, वीवो, सैमसंग, लावा और फ़ॉरमी जैसी कंपनियां शामिल हैं. यही सभी कंपनियां करोड़ों मोबाइल हैंडसेट हर साल बनाएंगी. देश में मोबाइल हैंडसेट की आधे से अधिक मांग को सूबे में लगाई जा रही कंपनियों से ही पूरी होगी.

मोबाइल हैंडसेट बनाने के लिए राज्य में हो रहे इस निवेश पर इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) महकमें का अफसरों का कहना है कि प्रदेश सरकार की आईटी और मैन्यूफैक्चरिंग पालिसी 2017 तथा मोबाइल हैंडसेट निर्माण  के क्षेत्र में आए इस बदलाव ने प्रदेश में मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में बड़ा निवेश हुआ है. इस वजह से नौकरियों के नए अवसर पैदा हुए हैं. अब जैसे-जैसे प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक व मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग का आधार बढ़ेगा, राज्य में ज्यादा-ज्यादा लोगों के लिए नौकरियों के अवसर पैदा होंगे. इन अधिकारियों के अनुसार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र देश में अपने यहां मोबाइल हैंडसेट के निर्माण को बढ़ावा दे रहे हैं. गर्व करने वाले बात यह है कि मोबाइल कंपनियों को आकर्षित करने में अब तक सबसे आगे उत्तर प्रदेश सरकार है. यूपी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई कंपनियां ने अपना प्लांट लगा रही हैं. कई कंपनियों ने अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए आगे आयी हैं. अब इन सारी कंपनियों के सहारे जल्दी ही यूपी बनेगा मोबाइल फोन बनाने का सबसे बड़ा हब देश में बन जाएगा.

ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग में यूपी ने पकड़ी रफ्तार

प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर को ध्‍यान में रखते हुए सरकार ने अस्‍पतालों में सभी पुख्‍ता इंतजाम कर लिए हैं. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के हर जिले में एक-एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल में ऑक्सीजन जेनरेटर्स युद्धस्‍तर पर लगाए जा रहे हैं. अस्पतालों में नौ हजार से अधिक पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) बेड तैयार किए जा चुके हैं. योगी सरकार ने निर्णयों से प्रदेश में अब कोरोना की दूसरी लहर पूरी तौर पर नियंत्रित है. दूसरे प्रदेशों के मुकाबले ‘योगी के यूपी मॉडल’ से संक्रमण पर तेजी से लगाम लगी है. कम समय में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट जीनोम सिक्वेंसिंग की तेजी से जांच की जा रही है.

केजीएमयू लखनऊ में 109 सैम्पल की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई गई. प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक 107 सैंपल में कोविड की दूसरी लहर वाले पुराने डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि ही हुई है, जबकि 02 सैम्पल में कप्पा वैरिएंट पाए गए. दोनों ही वैरिएंट प्रदेश के लिए नए नहीं हैं. प्रदेश में ट्रेसिंग से संक्रमण का प्रसार भी न्यूनतम स्‍तर पर है.

जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा से लैस केन्‍द्र की होगी स्‍थापना

कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा का लगातार विस्‍तार किया जा रहा है. जल्‍द ही प्रदेश में इस सुविधा से लैस केंद्र की स्थापना भी की जाएगी. सरकार ने पहले ही प्रदेश में जीनोम  सिक्वेंसिंग के दायरे को बढ़ाते हुए बीएचयू,  केजीएमयू,  सीडीआरआई,  आईजीआईबी, राम मनोहर लोहिया संस्‍थान में जीनोम परीक्षण की व्यवस्था की है.

15 अगस्‍त तक यूपी में 536 ऑक्‍सीजन प्‍लांट होंगें क्रियाशील 

यूपी ऑक्सीजन उपलब्धता में आत्मनिर्भर हो रहा है. प्रदेश में 536 ऑक्‍सीजन प्‍लांट पर तेजी से काम किया जा रहा है जिसमें से अब तक  146 ऑक्सीजन प्लांट प्रदेश में क्रियाशील हो चुके हैं. प्रदेश में ऑक्सीजन जेनरेटर के जरिए 15 फीसदी ऑक्सीजन की 3300 बेडों पर आपूर्ति हो रही है. विभिन्न औद्योगिक समूहों की ओर से ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्‍ध कराने में  मदद की गई है. अनेक औद्योगिक समूहों व इकाइयों ने ‘हेल्थ एटीएम’ उपलब्ध कराने के लिए आगे आए हैं. इन अत्याधुनिक मशीनों के जरिए से लोग बॉडी मास इंडेक्स, ब्लड प्रेशर , मेटाबॉलिक ऐज, बॉडी फैट, हाईड्रेशन, पल्स रेट, हाइट, मसल मास, शरीर का तापमान, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा, वजन सहित कई पैरामीटर की जांच कर सकते हैं.

जनसंख्या संतुलन के लिए समुदाय केंद्रित कार्यक्रमों की है जरूरत: सीएम योगी

करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में जनसंख्या स्थिरीकरण की जरूरतों को देखते हुए, राज्य सरकार नई जनसंख्या नीति घोषित करने वाली है. वर्ष 2021-30 की अवधि के लिए प्रस्तावित नीति के माध्यम से एक ओर जहां परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाना और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी, वहीं, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने, नपुंसकता/बांझपन की समस्या के सुलभ समाधान उपलब्ध कराते हुए जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयास भी किए जाएंगे.

नवीन नीति में एक अहम बिंदु 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी है. 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नवीन जनसंख्या नीति 2021-30 जारी करेंगे.

गुरुवार को लोकभवन में नवीन जनसंख्या नीति 2021-30 के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, आबादी विस्तार के लिए गरीबी और अशिक्षा बड़ा कारक है. कतिपय समुदाय में भी जनसंख्या को लेकर जागरूकता का अभाव है. ऐसे में समुदाय केंद्रित जागरूकता प्रयास की जरूरत है. प्रदेश की निवर्तमान जनसंख्या नीति 2000-16 की अवधि समाप्त हो चुकी है. अब नई नीति समय की मांग है.

प्रस्तुतिकरण के अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए जागरूकता और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ सभी जरूरी प्रयास किए जाएं.जागरूकता प्रयासों के क्रम में उन्होंने स्कूलों में “हेल्थ क्लब” बनाये जाने के निर्देश भी दिए. साथ ही, डिजिटल हेल्थ मिशन की भावनाओं के अनुरूप नवजातों, किशोरों और वृद्धजनों की डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि नई नीति तैयार करते हुए सभी समुदायों में जनसांख्यकीय संतुलन बनाये रखने, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं की सहज उपलब्धता, समुचित पोषण के माध्यम से मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर तक लाने का प्रयास होना चाहिए. नई नीति के उद्देश्यों में सतत विकास लक्ष्य के भावना निहित हो.

इससे पहले अपर मुख्य सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, अमित मोहन प्रसाद ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रस्तावित जनसंख्या नीति प्रदेश में एनएफएचएस-04 सहित अनेक रिपोर्ट के अध्ययन के उपरांत उपरांत तैयार की जा रही है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-05 की रिपोर्ट जल्द ही जारी होने वाली है.  नवीन नीति जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों को तेज करने वाली होगी. इसमें 2026 और 2030 तक के लिए दो चरणों में अलग-अलग मानकों पर केंद्रित लक्ष्य निर्धारित किये गए हैं.

रामगढ़ताल बाढ़ के पानी के साथ ही लोगों को बीमारियों से भी बचाया जाएगा : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 50 हजार राजस्व ग्रामों में इस वर्ष दिसंबर तक जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल परियोजना से शुद्ध पानी मिलेगा. बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में कार्य जारी है. शुद्ध पेयजल की उपलब्धता से इंसेफेलाइटिस समेत प्रदूषित पानी से होने वाली कई बीमारियों से भी निजात मिलेगी.

सीएम योगी सोमवार को गोरखपुर स्थित राप्ती नदी के मलौनी बांध स्थित तरकुलानी रेगुलेटर के समीप बाढ़ के पानी से निजात दिलाने के लिए निर्मित पंपिंग स्टेशन के लोकार्पण के बाद ग्राम बेलवार में जनसभा को संबोधित कर रहे थे.

अक्टूबर में पीएम मोदी करेंगे खाद कारखाने और एम्स का उद्घाटन

जनसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1990 में बंद गोरखपुर का खाद कारखाना बनकर लगभग तैयार है. अक्टूबर में इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराया जाएगा. इस अवसर पर उन्होंने अक्टूबर में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं वाले एम्स के पीएम मोदी के हाथों उद्घाटन किए जाने की जानकारी भी दी.

मुंबई को भी मात देगा रामगढ़

गोरखपुर में विकास के नए प्रतिमानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जो रामगढ़ताल कभी अपराधियों का अड्डा होता था, अब पर्यटन केंद्र बन चुका है. अपनी सुंदरता में यह मुम्बई को भी फेल कर देगा.

विकास भी होगा, विनाशकारी तत्वों पर सख्त कार्रवाई भी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपराधियों व उपद्रवियों की संपत्ति कब्जे में लेकर उसे गरीबों में बांट रही है. सरकार का बुजडोजर अपराधियों की छाती को रौंद रहा है. उदबोधन के दौरान ही माफिया के खिलाफ जारी कार्रवाई पर उनके सवाल पर जनता ने पुरजोर समर्थन किया. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार में विकास भी होगा और विनाशकारी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी.

कोरोनाकाल में भी विकास पर आंच नहीं आने दी : योगी

सीएम योगी ने कहा कि पिछला डेढ़ साल पूरी दुनिया के लिए बहुत खराब रहा. विश्व में न जाने कितने लोग कोरोना की चपेट में आए. हमनें कोरोना से जीवन के साथ जीविका को भी बचाया. कोरोनाकाल में भी विकास पर, नौजवानों के भविष्य पर आंच नहीं आने दी. सीएम ने कोरोना से अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश सुरक्षित स्थिति में है. उन्होंने कहा कि 33 करोड़ की आबादी वाले विकसित देश अमेरिका में उससे चार गुना आबादी वाले भारत की तुलना में दोगुनी मौतें हुईं. सीएम ने कहा कि जीवन के साथ जीविका की रक्षा के लिए हमें जागरूकता के साथ आगे बढ़ना है. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने गोरखपुर ग्रामीण व चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र के लिए 212 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया. इसमें 10 सड़कें, दो उपरगामी सेतु व विद्यालय निर्माण के कार्य शामिल हैं.

उन्होंने तरकुलानी पंपिंग स्टेशन समेत सिंचाई विभाग की मंडल में 10 परियोजनाओं का लोकार्पण करते हुए कहा कि, तरकुलानी रेगुलेटर पर निर्मित पंपिंग स्टेशन की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए कहा कि 2009 में जब से यह क्षेत्र गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में आया तब से यहां पंपिंग स्टेशन की मांग की जा रही थी. यह पचास हजार परिवारों, दो लाख की आबादी के लिए जरूरी था ताकि बाढ़ के साथ ही लोगों को बीमारी से भी बचाया जा सके. यह पंपिंग स्टेशन आज से प्रारंभ हो गया है. सीएम ने इसकी क्षमता का जिक्र करते हुए बताया कि रामगढ़ताल में जितना पानी है, यह पंपिंग स्टेशन उसे एक घण्टे में उड़ेलकर फेंक देगा. उन्होंने कहा कि यह होता है कार्य. जब केंद्र व राज्य में डबल इंजन की सरकार होती है तो वह कई गुना स्पीड से काम करती है और लोगों के जीवन मे खुशहाली लाती है.

खेती के साथ बीमारी से बचाव का माध्यम बनेगी यह परियोजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि तरकुलानी रेगुलेटर पर पंपिंग स्टेशन की यह परियोजना क्षेत्र में खेती बचाने के साथ ही बीमारी से बचाव का भी माध्यम बनेगी. उन्होंने कहा कि खोराबार ब्लॉक इंसेफेलाइटिस से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल रहा है. पंपिंग स्टेशन न होने से यहां जलजमाव से बीमारियां होती थीं. तरकुलानी का यह पंपिंग स्टेशन जलजमाव की समस्या का समाधान करेगा.

यूपी की दशा व दिशा बदलने में जुटे हैं योगी : गजेंद्र शेखावत

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की दशा व दिशा बदलने में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत, जल संरक्षण, पेयजल, सिंचाई आदि के क्षेत्र में यूपी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. केंद्र के बाद यूपी देश का पहला ऐसा राज्य है जहां एकीकृत जलशक्ति मंत्रालय का गठन है. श्री शेखावत ने कहा कि पीएम मोदी के विजन व सीएम योगी की देखरेख में यूपी के बाँदा, चित्रकूट, महोबा आदि क्षेत्रों में हर घर नल से जल पहुंचाने का कार्य तीव्र गति से हो रहा है. दो साल में प्रदेश के हर घर में शुद्ध पेयजल मिलने लगेगा. उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय की तरफ से सर्वाधिक 10400 करोड़ रुपये का बजट यूपी को दिया गया है, और जरूरत होगी तो उसे भी दिया जाएगा. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने बताया कि यूपी में सरयू, बाणगंगा, मध्यगंगा परियोजना तीन चार माह में पूरी हो जाएंगी. इन परियोजनाओं से इस प्रदेश में 22 लाख हेक्टेयर नई सिंचित भूमि उपलब्ध होगी.

बाढ़ राहत में यूपी ने पेश की मिसाल

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बाढ़ राहत के कार्यों में स्थायित्व देकर उत्तर प्रदेश ने पूरे देश मे मिसाल कायम किया है. यह अन्य राज्यो के लिए प्रेरणास्रोत है. तरकुलानी रेगुलेटर पर बने पंपिंग स्टेशन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि योगी जी ने इसके जरिये एक नई तकनीकी दी है. इस अनूठी परियोजना को देख उनका भरोसा जगा है कि इसे अपनाकर अन्य प्रदेश भी बाढ़ के पानी से खुद को प्रभावित होने से बचा सकते हैं.

पूरे प्रदेश को बाढ़ से बचाया है सीएम योगी ने: डॉ महेंद्र सिंह

जनसभा में अपनी बात रखते हुए प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से बदल रहा है. उन्होंने इस राज्य का मान, सम्मान व स्वाभिमान वापस कराया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश को बाढ़ से बचाया है. पहले बाढ़ से बचाव के कार्यों के लिए पैसा अप्रैल, मई में जारी होता था और काम जून में शुरू होता था. तब तक बाढ़ आ जाती थी और पैसा भी उसी में बह जाता था. अब योगी जी जनवरी में ही पैसा दे देते हैं और बाढ़ आने से काफी पहले काम पूरा हो जाता है. डॉ सिंह ने कहा कि वर्ष 2016 में यूपी में 543771 हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई थी, योगी जी के कुशल मार्गदर्शन में हुए कार्यों से 2020-21 तक यह घटकर 6886 हेक्टेयर रह गई है. सीएम योगी की देखरेख में बाढ़ बचाव की 170 परियोजनाओं का लोकार्पण व 246 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है. चार सालों में 25 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिली है. ऐसा अन्य किसी भी राज्य में नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि आज यूपी देश की हर योजना में नम्बर वन है और योगी जी के नेतृत्व में इसे पूरे देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाया जा रहा है.

वन महोत्सव में लगेंगे करोड़ो पेड़

वन महोत्‍सव के वृक्षारोपण महाअभियान के अन्‍तर्गत मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सुलतानपुर में पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे के किनारे 100 करोड़वां पौधा लगाया गया. मुख्‍यमंत्री ने कहा कि पांच साल में यूपी सरकार ने वृक्षारोपण अभियान में रिकार्ड कायम किया है. अब तक प्रदेश में वन विभाग के सहयोग से 100 करोड़ पेड़ लगाए जा चुके हैं, अ‍भी यह अभियान 7 जुलाई तक चलेगा. वहीं प्रदेश सरकार ने  विभिन्‍न जनपदों व गांवों में रविवार को 25 करोड़ पौधे लगाकर रिकार्ड बना दिया.  सीएम ने कहा कि पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे को ध्‍यान में रखते हुए पांच औद्योगिक स्‍थानों पर पांच औद्योगिक गलियारे विकसित किए जाएंगे, जहां पर उद्योग लगेंगे. इससे पूर्वांचल के युवाओं को नौकरी के लिए कहीं जाना नहीं पड़ेगा. उनको अपने ही शहर में नौकरी मिल जाएगी.  वृक्षारोपण अभियान के तहत राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल ने झांसी में वृक्षारोपण किया.

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि वृक्षारोपण के इस महाअभियान में सरकार कई रिकार्ड बनाने जा रही है. उस रिकार्ड के तहत यूपी में पिछले 5 साल में 100 करोड़ वृक्ष लगाए जा चुके हैं. एक जुलाई से सुबह 10 बजे तक 9 करोड़ पेड़ लगा दिए गए है. वहीं रविवार शाम तक प्रदेश के विभिन्‍न जनपदों में 25 करोड़ पौधे लगाए गए. यूपी में 7 जुलाई तक वन महोत्‍सव का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान पूरे प्रदेश में 30 करोड़ से अधिक वृक्ष लगाए जाएंगे. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि यहां पर 100 वर्ष पुराना एक बरगद का वृक्ष है. जिसको हेरिटेज वृक्ष के रूप में संरक्षित किया गया है. सीएम ने कहा कि वृक्षों को संरक्षित करके ही हम एक स्‍वच्‍छ समाज दे सकते हैं. एक्‍सप्रेस वे के किनारे पंचवटी, नक्षत्र वाटिका समेत अन्‍य औषधीय वाटिकाएं भी बनाई जाए.

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे के किनारे वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. यहां पर 2-3 साल पहले खेत हुए करते थे. यहां पर आज एक्‍सप्रेस वे है. जो पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के अर्थव्‍यवस्‍था की रीढ़ बनने जा रहा है. एक्‍सप्रेस वे के निर्माण के बाद यूपी को व्‍यापक रोजगार, नौकरी व औद्योगिकीकरण की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी . सीएम ने कहा कि पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे  देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित होगा. इससे पूर्वांचल वासियों व युवाओं को अपने शहर में रोजगार मिलेगा. यूपी समृद्ध होगा.

पांच औद्योगिक कलस्‍टर होंगे विकसित

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि एक्‍सप्रेस वे ध्‍यान में रखते हुए सरकार पूर्वांचल एक्‍सप्रेस के किनारे पांच औद्योगिक स्‍थानों पर 5 औद्योगिक कलस्‍टर विकसित करने जा रही है. यहां पर आईटी पार्क, ओडीओपी व टेक्सटाइल पार्क के साथ अन्‍य उद्योग लगाए जाएंगे. इन उद्योगों के जरिए लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा. यूपी का युवा अपने ही शहर में नौकरी हासिल कर सकेगा. जो स्‍वावलंबन के पथ पर चल कर यूपी के विकास में अपना योगदान देगा. पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप यूपी एक बिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन सकेगा. मुख्‍यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ औद्योगिक गलियारा नहीं बनेगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण का आधार भी साबित होगा.

स्‍मृति वाटिकाएं अपनों की यादें संजोने की एक अच्‍छी पहल

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि कोरोना कमजोर हुआ है लेकिन अभी खत्‍म नहीं हुआ है. इसलिए सोशल डिस्‍टेसिंग व मास्‍क का उपयोग बहुत जरूरी है. सीएम ने कहा कि आप खुद भी वैक्‍सीन लगवाए और अपने परिवार व आसपास के लोगों को वैक्‍सीन लगवाने के लिए जागरूक करें. मुख्‍यमंत्री ने कहा कि कोरोना में दिवंगत आत्माओं की याद में जो यहां स्‍मृति वाटिका बनाई गई है. उसके लिए जिला प्रशासन को बधाई. हर गांव व जिले में इस तरह की वाटिका बनाई जाए. उन दिवंगत आत्‍माओं को नमन व उनके याद में लगाए वृक्ष हमेशा उनकी याद संजोये रहेंगे.

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