योगी काशी के मूल स्वरुप के साथ खींच रहे विकास का ख़ाका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब जापान के शहर क्योटो की यात्रा पर गए थे, तभी से वह चाहते थे कि काशी के मूल स्वरूप को बरकार रखते हुए इस प्राचीन शहर को क्योटो के तर्ज पर विकसित किया जाए . यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने काशी के हेरिटेज़ को ध्यान में रखते हुए तेजी से वाराणसी में चौतरफ़ा विकास का ख़ाका खींचा है. जिसका परिणाम अब सामने आने लगा है. इसकी बानगी है , गोदोलिया से शीतला घाट तक पिंक कॉरिडोर. वाराणसी का गौदोलिया क्षेत्र अब ग़ुलाबी गलियारा सा दिखने लगा है. सड़क के दोनों तरफ़ की प्राचीन इमारतों को उनके मूल स्वरुप के साथ ख़ूबसूरत बनाया गया है . काशी के हेरिटेज़ को ध्यान में रखते हुए दुकानों व भवनों को सजाया सवारा गया है. चित्रकारी की थीम वाराणसी के प्राचीन पौराणिक भवनों के संरचना पर आधारित है. वाराणसी नगर के ऐतिहासिक भवनों एवं किलों में प्रयोग किये गये पत्थर की नक्काशी तथा भवनों की संरचना, डिजाईनों का ,चित्रकारी के कार्य में समावेश किया गया है.

काशी के गोदोलिया क्षेत्र में आप आये तो शायद चौंक जाएंगे. इस क्षेत्र का रंग -रूप संवर गया है. गोदोलिया से शीतला घाट तक जाने वाला रास्ता अब आपको बदला-बदला सा नज़र आएगा. इस बाज़ार से गुजरने पर आप को ग़ुलाबी एहसास होगा. इस मार्ग के दोनों तरफ के भवनों और दुकानों में एक रूपता दिखे इसका ध्यान रखते हुए सुंदरीकरण का काम किया गया है. काशी के हेरिटेज को ध्यान में रखते हुए भवनों व दुकानों की समरूपता को बनाए रखते हुए गोदौलिया चौराहे से शीतला घाट तक जाने वाले मार्ग के दोनो तरफ स्थित 58 भवनों एवं 350 दुकानों के शटर पर पेंटिंग,फसाड डिजाइनिंग का काम किया गया है. इस बाज़ार में पड़ने वाली सभी दुकानों के साइनेज बोर्ड में भी एक रूपता रखी गई है. जो देखने में सुन्दर लग रहे है. पेंटिंग की थीम वाराणसी के धार्मिक ,आध्यात्मिक व ऐतिहासिक भवनों के बनावट पर आधारित है. बनारस के ऐतिहासिक भवनों एवं किलों में प्रयोग किये गए पत्थर की नक्काशी तथा भवनों की संरचना, गुम्बद, खिड़की, दरवाजों, झज्जों के डिजाईनों की चित्रकारी के कार्य में इसका समावेश किया गया है.

वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया की काशी बहुत प्राचीन शहर है. इसका मूलस्वरूप बदले बिना यहाँ के धरोहरों को सहेजने का काम किया जा रहा है. ऐतिहासिक धरोहरों के पेंटिंग में इस्तमाल रंगों का ख़ास ख़्याल रखा गया है. इसका चयन चुनार के लाल पत्थर से लिया गया है क्योकि चुनार के लाल पत्थर ही वाराणसी के अधिकतर प्राचीन भवनों, महलों, किलों में उपयोग किया गया है. दुकानों के शटर का डिजाईन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की डिजाईन पर आधारित है. वाराणसी स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा ग़ुलाबी गलियारे का काम कराया जा रहा है. जिसकी लागत करीब 94 लाख रुपये आयी है.

मेजर ध्यानचन्द्र के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को असंख्यच खेलप्रेमियों के चेहरों पर मुस्का न बिखेर दी है. उन्हों्ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल दिया है. अब खेल रत्न हॉकी के ‘जादूगर’ कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम पर दिया जाएगा. प्रधानमंत्री ने इस बात की जानकारी ट्वीट करके दी. ज‍िसके बाद खेलप्रेमियों ने मोदी सरकार के इस फैसले का खुले दिल से स्वागत किया. मोदी सरकार के इस बड़े फैसले का स्वादगत उत्त र प्रदेश के मुख्येमंत्री योगी आदित्यिनाथ ने भी अभिनन्दन किया है. योगी ने ट्विटर पर लिखा “उत्तर प्रदेश में जन्मे देश के हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जी के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नामकरण असंख्य खेल प्रेमियों व सम्पूर्ण खेल जगत का सम्मान है.” सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी जताया है.

बता दें कि इस अवार्ड को 1991-92 में शुरू किया गया था. इसका नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था. पीएम मोदी ने कहा कि मेजर ध्यानचंद भारत के उन अग्रणी खिलाड़ियों में से थे जिन्होंने भारत के लिए सम्मान और गौरव अर्जित किया. उन्होंने कहा कि हमारे देश का सर्वोच्च खेल सम्मान उन्हीं के नाम पर रखा जाना बिल्कुल सही है.देश लम्बे समय से हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग कर रहा था. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार का नाम देकर भारत की खेलप्रेमी जनता को सबसे शानदार उपहार दिया है.
हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का हॉकी में अविश्वसनीय योगदान रहा है. उन्होंने अपने आखिरी ओलंपिक (बर्लिन 1936) में कुल 13 गोल दागे थे. इस तरह एम्स्टर्डम, लॉस एंजेलिस और बर्लिन ओलंपिक को मिलाकर ध्यानचंद ने कुल 39 गोल किए, जिससे उनके बेहतरीन प्रदर्शन का पता चलता है.

सीएचसी और पीएचसी पर ही मिलेगा सस्ता एवं आधुनिक इलाज

सरकार एक बार फिर मुख्यमंत्री आरोग्य मेले की शुरुआत करने जा रही हैं. विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं.

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में योगी सरकार ने यह सुनिश्चित किया था कि प्रदेश में प्रत्येक रविवार को सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य योजना के तहत आरोग्य मेलों का आयोजन हो. उस समय मात्र छह-सात आरोग्य मेले ही सम्पन्न हो पाये थे, जिसके माध्यम से 30 लाख से अधिक लोगों ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त कीं. उसी दौरान वैश्विक महामारी कोरोना ने दस्तक दे दी. ऐसे में सरकार को यह कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा. अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री के ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट की प्रभावी नीति के नाते प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर लगभग नियंत्रण में है, सरकार लोगों को सस्ते और बेहतर इलाज की सुविधा देने के लिए फिर से मुख्यमंत्री आरोग्य मेले शुरू करने जा रही है.

विभागीय अधिकारियों को इस बावत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए जा चुके हैं. उम्मीद है कि कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के साथ व्यापक जनहित में एक बार फिर यह आयोजन शीघ्र ही शुरू होगा.

तमाम रोगों के नियंत्रण में मददगार बनेगा आयोजन

कोरोना को न्यूनतम स्तर पर लाने के बाद अन्य तमाम रोगों के नियंत्रण में यह आयोजन मददगार बनेगा. स्वास्थ्य विभाग इस विशेष अभियान की नोडल एजेंसी होगी. बाकी विभाग पहले की तरह ही इसमें सहयोग करेंगे. यह आयोजन न केवल लोगों के आरोग्य लाभ का जरिया बनेगा बल्कि उनको विभिन्न विषाणु जनित बीमारियों, खुले में शौच, गंदगी और प्रदूषित पानी से होने वाले रोगों के प्रति जागरूक करने का मंच भी बनेगा. मुख्यमंत्री आरोग्य मेले में स्वास्थ्य के साथ-साथ परिवार कल्याण, पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता, आयुष्मान कार्ड, मिशन इंद्रधनुष, खुशहाल परिवार दिवस और मातृत्व वंदना दिवस जैसे कार्यक्रमों के बारे में भी सविस्तार जानकारी दी जाएगी.

सबका बेहतर स्वास्थ्य सीएम योगी की सर्वोच्च प्राथमिकता

आम आदमी को भी पास में ही सस्ता और आधुनिक इलाज मिले, यह योगी आदित्यनाथ की बतौर सांसद भी प्रथमिकता रही है. गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज की बेहतरी, पूर्वांचल के मासूमों के लिए करीब चार दशकों से काल बनी इंसेफेलाइटिस के टीककरण, इलाज एवं इसकी जांच के लिए इंडियन वायरोलॉजिकल सेंटर पुणे से संबद्ध रीजनल सेंटर की स्थापना तथा गोरखपुर में एम्स के लिए सड़क से संसद तक संघर्ष, उनकी स्वास्थ्य के क्षेत्र में रुचि का प्रमाण है. इतना ही नहीं, अपने स्तर से उन्होंने गुरु श्रीगोरक्षनाथ अस्पताल की स्थापना कराकर पूर्वांचल की जनता को आधुनिक और सस्ती इलाज की सुविधा मुहैया कराई. इस अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सुविधा दूरदराज के गांवों में भी मिले, इसके लिए ब्लॉक स्तर पर जांच, इलाज और दवा वितरण के लिए निःशुल्क कैंप आयोजित किए गए. मुख्यमंत्री बनने के बाद भी यह सिलसिला जारी है.

वैक्‍सिनेशन में देश में यूपी बना नंबर वन

यूपी ने कोरोना टीकाकरण में दूसरे प्रदेशों को पीछे छोड़ते हुए अपने  नाम एक नया रिकार्ड हासिल किया है. महाराष्‍ट्र, दिल्‍ली, आंध्र प्रदेश, वेस्‍ट बंगाल समेत दूसरे कई राज्‍यों से आगे निकल 5 करोड़ 09 लाख से अधिक टीकाकरण की डोज दी हैं. यह आंकड़ा देश के दूसरे प्रदेशों से कहीं अधिक है. यूपी टीकाकरण के साथ ही सर्वाधिक जांच करने वाला प्रदेश है. ट्रिपल टी की रणनीति व टीकाकरण से यूपी में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर नियंत्रण में हैं. प्रदेश में वृहद टीकाकरण अभियान के तहत ‘सबका साथ, सबका विकास, सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन’ के मूल मंत्र पर टीकाकरण किया जा रहा है.

प्रदेश में वैक्‍सीन की पहली खुराक 4 करोड़ 28 लाख से अधिक और 80 लाख से अधिक वैक्‍सीन की दूसरी डोज दी जा चुकी है. मेगा वैक्सिनेशन के दिन मंगलवार को एक दिन में सर्वाधिक टीकाकरण कर यूपी ने देश के दूसरे प्रदेशों के समक्ष नज़ीर पेश की. योगी सरकार ने मेगा वैक्सिनेशन ड्राइव के तहत एक दिन में 20 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया था जिसके सापेक्ष में यूपी ने 23.94 लाख वैक्सीन डोज दिए गए जो एक दिन में किया गया अब तक का सर्वाधिक टीकाकरण है. एक दिन में अब सबसे अधिक वैक्‍सीन की डोज लगाकर योगी सरकार ने रिकार्ड बनाया है. बता दें कि इससे पहले बीते 24 जून को नौ लाख तीन हजार लोगों को वैक्‍सीन की डोज दी गई थी.

अगस्त के अंत तक 10 करोड़ लोगों को टीका लगाने का निर्धारित किया लक्ष्‍य

यूपी में टीकाकरण अभियान को गति देते हुए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में युद्धस्‍तर पर टीकाकरण किया जा रहा है. 31 अगस्‍त तक 10 करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है. मिशन जून के तहत प्रदेश सरकार ने एक करोड़ लोगों को वैक्‍सीन की डोज लगाने का लक्ष्‍य निर्धारित किया था लेकिन प्रदेश में इससे कहीं अधिक एक करोड़ 29 हजार टीके की डोज दी गई.

यूपी ऐसे रहा महाराष्ट्र, दिल्ली और अन्य प्रदेशों से अव्वल

25 करोड़ के आबादी वाले उत्तर प्रदेश से देश के दूसरे प्रदेश टीकाकरण में कहीं पीछे हैं.  वेस्ट बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों में जहां काम आबादी होने के बावजूद टीकाकरण धीमी गति से चल रहा कहीं यूपी लगातार रिकॉर्ड बना रहा है. वेस्ट बंगाल में अब तक तीन करोड़ छह लाख, केरल में दो करोड़ नौ लाख, महाराष्ट्र में चार करोड़ 52 लाख, दिल्ली में एक करोड़ दो लाख और तमिलनाडु दो करोड़ 38 लाख ही वैक्सिनेशन किया गया है.

गृहमंत्री ने की यूपी सरकार की जमकर तारीफ

राजधानी लखनऊ में  यूपी स्‍टेट फॉरेंसिक साइंस इंस्‍टीट्यूट के शिलान्‍यास के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने यूपी को माफिया राज से मुक्ति दिलाने और महिलाओं की सुरक्षा व स्‍वावलंबन पर योगी सरकार की जमकर तारीफ की. अमित शाह ने कहा कि पहले का यूपी मुझे ठीक तरह से याद है. महिलाएं असुरिक्षत थी, दिन दहाड़े गोलियों चलती थी, यूपी में माफियाओं का राज था. आज यूपी में खड़ा हूं तो मुझे गर्व होता है कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने यूपी से माफियाराज खत्‍म कर दिया. महिलाएं अकेले बेफिक्र होकर कहीं भी जा सकती है. यूपी अपराधमुक्‍त है. योगी सरकार ने उत्‍तर प्रदेश का आगे ले जाने का काम किया है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी भी कई मंचों से योगी सरकार की तारीफ कर चुके हैं.

अमित शाह ने कहा कि कोरोना काल के कारण लम्बे समय बाद मैं यूपी आया हूं. उन्‍होंने कहा आजादी मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, इस नारे से अंग्रेजी शासन की नींव हिला देने वाले स्‍व बाल गंगाधर तिलक की आज पुण्‍यतिथि भी है. देश की युवा पी‍ढ़ी को उनके दिखाए मार्ग पर चलकर देश का मान बढ़ाना चाहिए. यूपी 2022 में फिर से भाजपा की सरकार बनने जा रही है. जिनको इस तरह के सपने आ रहे हैं, वह ‘भारत माता की जय’ नारे से स्‍वागत करें.

कोरोना प्रबंधन व वैक्‍सीनेशन में यूपी अव्‍वल

अमित शाह ने कहा कि यूपी में अपराधियों और भ्रष्‍टाचारियों के मन में योगी सरकार का भय है. अपराधी यह तो उत्‍तर प्रदेश छोड़ चुके हैं या फिर जेल की सलाखों के पीछे हैं. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व में उत्‍तर प्रदेश तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है. कोरोना काल के दौरान बेहतरीन प्रबंधन हो या फिर रोजगार सबमें यूपी अव्‍वल रहा है. वैक्‍सीनेशन में यूपी पूरे देश में सबसे आगे हैं. भारतीय जनता पार्टी देश के विकास के लिए काम करती है. हमने कहा था कि शासन एक जाति के लिए नहीं बल्कि सबके लिए होगा. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जब गुजरात के मुख्‍यमंत्री थे तो गांधीनगर में राष्‍ट्रीय फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी बनाने का काम किया. उन्‍होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार जातियों और परिवार के आधार पर नहीं चलती हैं.

यूपी में आज महिलाएं व जनता सुरक्षित है

कार्यक्रम के दौरान मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले उत्‍तर प्रदेश को दंगों का प्रदेश माना जाता था. चारों तरफ माफियाओं का राज था. चार सालों में माफियाओं पर नकेल कसी गई. पुलिसिंग को बेहतर किया गया. चार सालों में पेशेवर माफियाओं और गैंगस्‍टरों की 1584 करोड़ रुपए की सम्‍पत्ति को जब्‍त किया गया. आज यूपी में महिलाएं व जनता आज अपने को सुराक्षित महसूस कर रही हैं. उत्तर प्रदेश में जो परिवर्तन हुआ है वो किसी से छिपा नहीं है. यूपी के इस परिवर्तन में सबसे अहम रोल गृहमंत्री अमित शाह का है.

50 एकड़ में बन रहा यूपी फॉरेंसिक इंस्‍टीट्यूट

प्रदेश सरकार का आपराधिक मामलों के जल्‍द निस्तारण के लिए सरोजनीनगर में 50 एकड़ की भूमि में यूपी स्‍टेट फॅारेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट का निर्माण करा रही है. जो डीएनए के क्षेत्र में स्थापित किए जाने वाला या सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अपने आप में देश में अनूठा संस्थान होगा. यह संस्‍थान प्रदेश के युवाओं को शिक्षा व रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्‍ध कराएगा. इस संस्‍थान में विज्ञान व आईटी वर्ग के छात्र विभिन्‍न विषयों में कोर्स कर सकेंगे. जहां पर विशेषज्ञों द्वारा उनको फारेंसिक साइंस, डीएनएन आदि के बारे में पढ़ाएंगे. 50 एकड़ में बनने वाले यूपी स्‍टेट फॉरेंसिक साइंस इंस्‍टीट्यूट सबसे खास बात यह है कि यहां पर गुजरात के गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय न्यायालय विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डीएनए की स्थापना की जाएगी. डीएनए के क्षेत्र में स्थापित किए जाने वाला यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अपने आप में देश का सबसे अनूठा संस्थान होगा .

प्रदेश में कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए : सीएम योगी

कोरोना की वैश्विक महामारी में भाजपा की डबल ईंजन सरकार हर जरूरतमंद और गरीब के साथ खड़ी है. केंद्र सरकार की ओर से 15 करोड़ लोगों को 11 महीने और राज्य सरकार की ओर से पांच महीने राशन फ्री दिया गया है. अब तक केंद्र और राज्य सरकार की ओर से करीब 10 करोड़ कुंतल राशन लोगों को फ्री दिया गया है. यह सिलसिला अभी नवंबर तक और चलने वाला है. ई-पॉस मशीनों से राशन वितरण कराने के कारण राज्य सरकार को इस साल मई तक करीब 3263 करोड़ से अधिक की सब्सिडी की बचत हुई है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में गरीबों और जरूरतमंदों को लेकर निर्देश दिया था कि एक भी जरूरतममंद राशन से वंचित न रहे. राशन कार्ड न हो, तो तत्काल बनाएं. प्रदेश में कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए. केंद्र सरकार की ओर से ‘‘प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना’’ के तहत नवम्बर तक और राज्य सरकार की ओर से अगस्त तक मुफ्त राशन दिया जा रहा है. 25 करोड़ की आबादी वाले राज्य यूपी के 14.81 करोड़ लाभार्थियों को हर माह निशुल्‍क राशन दिया जा रहा है. फिलहाल, केंद्र सरकार की ओर से पिछले साल अप्रैल, मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्तूबर, नवंबर और इस साल मई, जून और जुलाई तक करीब नौ करोड़ 99 लाख 97 हजार 815 कुंतल निशुल्क राशन दिया गया है. कोरोना काल में राज्य में किसी को राशन के लिए परेशान न होना पड़े, इसलिए राज्य सरकार की ओर से भी पिछले साल अप्रैल, मई, जून और इस साल जून, जुलाई में 23 लाख 60 हजार 402 कुंतल राशन निशुल्क दिया गया है.

43,572 कार्डधारकों ने दूसरे राज्यों और दूसरे राज्यों के 6616 कार्डधारकों ने प्रदेश में लिया राशन

प्रदेश के सभी नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में अन्तः जनपदीय राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू है. साथ ही पिछले साल पांच फरवरी से प्रदेश में स्टेट लेवेल पोर्टेबिलिटी सुविधा लागू है. वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना के तहत प्रदेश में नेशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा पिछले साल जून से लागू है, जिसके तहत प्रदेश के 43,572 कार्डधारकों द्वारा अन्य राज्यों से और अन्य राज्यों के 6616 कार्डधारकों द्वारा उत्तर प्रदेश में राशन लिया गया है.

8137 से अधिक असहाय लोगों को उनके घर पर ही पहुंचाया गया राशन

केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से 16 महीने तक प्रति यूनिट पांच किलो राशन दिया गया है, यानि एक व्यक्ति को 80 किलो राशन अभी तक दिया जा चुका गया है. इसके अलावा खाद्य एवं रसद विभाग की ओर से प्रदेश के 8137 से अधिक असहाय लोगों को उनके घर पर ही राशन दिया गया है.

मरीजों और उनके परिजन का उत्पीड़न बर्दाश्‍त नहीं: योगी

कोरोना महामारी के बीच मरीजों और तीमारदारों को मुसीबतों का सामना न करना पड़े इसके लिए सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को एम्बुलेंस संचालन की व्यवस्थाओं की सतत निगरानी करने के आदेश दिए हैं. प्रदेश के सभी जनपदों में मरीजों को समय से एंबुलेंस की सेवा मिले इसके लिए सीएम ने एम्बुलेंस की उपलब्धता को सुनिश्चिति करने के आदेश जारी किए हैं. उन्‍होंने कहा कि किसी भी हाल में मरीजों और उनके परिजन का उत्पीड़न न हो इस बात का ध्‍यान रखा जाए. सीएम ने बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि एम्बुलेंस की अनुपलब्धता के कारण अगर किसी की असमय मृत्यु की दुःखद घटना की सूचना मिली, तो दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.

प्रदेश में बेहतर चिकित्‍सीय सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर में खुद को हर स्‍तर पर बेहतर साबित किया है. सर्वाधिक आबादी वाला प्रदेश होने के बावजूद कोरोना पर लगाम लगाने वाले उत्‍तर प्रदेश के योगी के यूपी मॉडल की चर्चा आज देश के दूसरे प्रदेशों में है. प्रदेश के नौ जिलों में बीते 24 घंटों में कोरोना का एक भी एक्टिव केस नहीं मिला वहीं, अब एक्टिव कोविड केस की संख्या 729 ही रह गई है. जो दूसरे प्रदेशों के मुकाबले काफी कम है. रोजना ढाई लाख से तीन लाख टेस्ट करने वाले यूपी में नए केस की संख्या में हर दिन गिरावट दर्ज की जा रही है. जनपद अलीगढ़, अमरोहा, बस्ती, एटा, हाथरस, कासगंज, कौशांबी, महोबा और श्रावस्ती में अब कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है. यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं.

55 जिलों में नहीं मिला संक्रमण का एक भी केस

सर्वाधिक कोविड टेस्टिंग करने वाले राज्य यूपी में अब तक 06 करोड़ 52 लाख से अधिक कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है. बीते 24 घंटों में 02 लाख 44 हजार से अधिक की गई जांचों में महज 42 नए मरीजों की पुष्टि हुई. इस दौरान 91 लोगों ने कोरोना को मात दी है. बता दें कि किसी भी जिले में दोहरे अंक में नए केस की पुष्टि नहीं हुई. वहीं, 55 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं मिला. केवल 20 जनपदों में ही इकाई अंक में मरीजों की पुष्टि हुई है. पॉजिटिविटी रेट 0.01 फीसदी व रिकवरी रेट 98.6 फीसदी दर्ज किया गया है. कानपुर में बीते दिन संक्रमित पाए गए 22 लोगों की गहन कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की गई. इनके परिजनों समेत संपर्क में आए लगभग 1,400 लोगों की कोविड टेस्टिंग कराई गई जिसमें एक भी पॉजिटिव मरीज की पुष्टि नहीं हुई.

टीकाकरण में अब भी यूपी है अव्‍वल

ट्रिपल टी, टीकाकरण और ठोस निर्णयों के चलते प्रदेश में कोविड संक्रमण की रफ्तार थम गई है. प्रदेश में टीकाकरण का कार्य तेजी से चल रहा है. अब तक प्रदेश में 04 करोड़ 71 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. प्रदेश के 03 करोड़ 94 लाख से अधिक लोगों ने कम से कम कोविड की एक खुराक ले ली है. यह किसी एक राज्य द्वारा किया गया सर्वाधिक वैक्सीनेशन है.

‘मेक इन इण्डिया’ और ‘डिफेंस काॅरिडोर’ आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगा : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की ‘मेक इन इण्डिया’ संकल्पना को साकार करने में उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर की महत्वपूर्ण भूमिका है. यह काॅरिडोर रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगा. उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर एक ग्रीन-फील्ड परियोजना है. यह परियोजना डिफेंस तथा एयरोस्पेस उद्योग के लिए ही नहीं, अपितु परियोजना क्षेत्र में स्थापित, रक्षा क्षेत्र से सम्बन्ध न रखने वाली एमएसएमई इकाइयों तथा स्टार्टअप के लिए भी लाभकारी होगी.

मुख्यमंत्री जी आज सीआईआई-इण्डिजेनाइजेशन समिट ऑन डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस-2021 (सीआईआई-आईएसडीए-2021) को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने विश्वास जताया कि इस समिट के माध्यम से ऐसे उपयोगी सुझाव प्राप्त होंगे, जो आदरणीय प्रधानमंत्री जी की भावना के अनुरूप रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उपयोगी सिद्ध होंगे. ‘इण्डिया मार्चिंग टुवड्र्स सेल्फ-रिलायन्स इन डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस’ थीम पर आधारित इस समिट का आयोजन सीआईआई, यूपीडा तथा सोसाइटी आॅफ इण्डियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) द्वारा संयुक्त रूप से 28 जुलाई से 31 जुलाई, 2021 तक किया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री जी के विकास के माॅडल को पूरी प्रतिबद्धता से लागू किया है. विगत 4 वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने जो पहल की है, उसने देश व दुनिया में उत्तर प्रदेश के सम्बन्ध में लोगों की धारणा में परिवर्तन किया है. अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति राज्य सरकार की जीरो टाॅलरेन्स नीति से उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण हुआ है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2018 के केन्द्रीय बजट में देश में 02 डिफेंस काॅरिडोर स्थापित किये जाने की घोषणा की गयी थी. फरवरी, 2018 में आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा लखनऊ में ‘उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट’ का शुभारम्भ किया गया था. इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी द्वारा उत्तर प्रदेश में डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर की स्थापना की घोषणा की गयी थी. इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त 4.68 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों में से 03 लाख करोड़ रुपए के एमओयू क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर में निवेश प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2018’ लागू की. इस नीति को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए माह दिसम्बर, 2019 में कई महत्वपूर्ण संशोधन किये गये. उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर में निवेश के प्रोत्साहन के लिए नीतियों के अन्तर्गत प्रदान की जा रहीं अनेक प्रकार की छूट एवं सब्सिडी से, उत्तर प्रदेश सरकार देश में मार्गदर्शक की भूमिका निभा रही है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर के तहत आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, झांसी, कानपुर तथा लखनऊ में 06 नोड चिन्हित किये गये हैं. सभी 06 नोड्स में लगभग 1500 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है. इस परियोजना के प्रति निवेशकों एवं उद्यमियों के उत्साह को देखते हुए निर्देश दिये गये हैं कि जहां पर भूमि की मांग अधिक है, वहां भूमि क्रय की जाए. अलीगढ़ नोड में सड़क, बिजली एवं पानी की सुविधा विकसित करने की प्रक्रिया गतिमान है. अलीगढ़ नोड में लगभग 74 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की गयी है, जिसका लगभग पूर्ण रूप से आवंटन 19 इकाइयों में हो चुका है. इनके माध्यम से कुल 1500 करोड़ रुपये का निवेश सम्भावित है. अलीगढ़ नोड का शिलान्यास अगस्त, 2021 में प्रस्तावित है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर के विकास में प्रधानमंत्री जी तथा रक्षा मंत्री जी का निरन्तर मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है. फरवरी, 2020 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डिफेंस एक्सपो का 11वां संस्करण सफलतापूर्वक आयोजित किया गया. यह एक यूनीक इवेन्ट थी. डिफेंस एक्सपो-2020 अपनी श्रेणी का अब तक का सबसे वृहद एवं सफलतम आयोजन रहा है. इसके माध्यम से डिफेंस इण्डस्ट्री से जुड़े पूरी दुनिया के प्रतिष्ठित उद्यमियों, कम्पनियों एवं निवेशकों को राज्य के डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर की विस्तृत जानकारी मिली. राज्य सरकार उन्हें यह अवगत कराने में सफल रही कि उत्तर प्रदेश में भारत का सबसे बड़ा एमएसएमई का बेस उपलब्ध है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र की इकाइयों की संख्या सर्वाधिक है. राज्य में एमएसएमई सेक्टर में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 03 करोड़ लोग कार्यरत हैं. राज्य सरकार द्वारा एमएसएमई सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना तथा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना लागू की गई है. इन योजनाओं के उत्साहजनक परिणाम मिल रहे हैं. प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई सेक्टर के महत्व को देखते हुए राज्य सरकार निरन्तर इस सेक्टर को सुदृढ़ कर रही है. वर्तमान सरकार द्वारा बैंकों से समन्वय करते हुए अब तक 70 लाख 69 हजार से अधिक एमएसएमई इकाइयों को 02 लाख 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक धनराशि का ऋण उपलब्ध कराया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डिफेंस एक्सपो के आयोजन से रक्षा उद्योग व एयरोस्पेस सेक्टर में उत्तर प्रदेश में भारी निवेश को बल मिला. उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर के तहत अभी तक 41 अनुबन्ध किये गये हैं. इनमें से 23 निवेशक कम्पनियों के साथ 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश के एमओयू डिफेंस एक्सपो-2020 के दौरान हस्ताक्षरित हुए. भारत सरकार के उपक्रम ओएफबी, एचएएल तथा बीईएल द्वारा आने वाले 05 वर्षाें में 2,317 करोड़ रुपये के निवेश की उद्घोषणा की गयी है. ओएफबी तथा एचएएल द्वारा लगभग 820 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है. इसके अलावा, निजी कम्पनियों का निवेश भी प्राविधानित है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार ने डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम के अन्तर्गत डिफेंस काॅरिडोर में प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है. इससे उद्योग जगत, एमएसएमई इकाइयों तथा स्टार्ट-अप को टेक्नोलाॅजी परीक्षण, प्रोटोटाइपिंग, डिजाइन और डेवलपमेण्ट में सुविधा होगी. काॅमन फैसिलिटी सेण्टर की स्थापना के लिए देश की अग्रणी संस्थाओं से वार्ता की प्रक्रिया अन्तिम चरण में है. इन प्रतिष्ठानों में टाटा टेक्नोलाॅजी, सीमेन्स और दासाॅल्ट सिस्टम शामिल हैं.

प्रदेश के डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर से भारतीय नौसेना के जुड़ाव को गौरवपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गत वर्ष भारतीय नौसेना तथा डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर की कार्यदायी संस्था यूपीडा के मध्य एक एमओयू हस्ताक्षरित हुआ. राज्य सरकार ने आईआईटी, बीएचयू तथा आईआईटी, कानपुर में ‘सेण्टर ऑफ एक्सिलेंस’ स्थापित किये हैं, जो भारतीय नौसेना के साथ मिलकर कार्य करेंगे. यह ‘सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस’ इण्डस्ट्रीज और एकेडमियों के बीच समन्वय करते हुए उद्यमियों एवं निवेशकों की जरूरतों के अनुरूप तकनीकी समाधान उपलब्ध कराएंगे. प्रदेश सरकार द्वारा इन संस्थाओं को अनुसंधान एवं विकास के लिए अग्रिम ग्राण्ट की प्रथम किश्त दी जा चुकी है. द्वितीय किश्त हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है. आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अपने विजन में नवाचार और स्वदेशीकरण पर बल दिया है. इसके दृष्टिगत यह ‘सेण्टर आॅफ एक्सीलेंस’ महत्वपूर्ण योगदान करेंगे.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने भारत की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन डाॅलर का बनाने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रदेश की बड़ी भूमिका है. राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेश को 01 ट्रिलियन डाॅलर अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करना है. राज्य सरकार ने इस दिशा में निरन्तर प्रयास किये. परिणामस्वरूप न केवल ‘ईज आॅफ डूइंग बिजनेस’ में प्रदेश की रैंकिंग बढ़कर दूसरी हो गयी है, बल्कि राज्य देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. राज्य सरकार विकास और समृद्धि की गति को और तेज करते हुए वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2021-22 तक प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को दोगुनी करने के लिए प्रयत्नशील है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में निवेश का उत्तम वातावरण सृजित करने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य किया है. नई औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति (2017) के साथ 20 से अधिक क्षेत्र-विशिष्ट निवेशोन्मुखी नीतियों के पारदर्शी कार्यान्वयन से, राज्य सरकार रोजगार सृजन के लिए निवेश और ‘मेक इन यूपी’ को बढ़ावा दे रही है. निवेश प्रोत्साहन में गतिशीलता लाने के लिए प्रदेश का ‘निवेश मित्र’ पोर्टल उद्यमियों को सेवाएं प्रदान कर रहा है. यह पोर्टल भारत के सबसे विशाल एवं व्यापक डिजिटल सिंगल विण्डो क्लीयरेंस प्लेटफाॅम्र्स में से एक है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार सम्पूर्ण राज्य में मैन्युफैक्चरिंग केन्द्रों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और त्वरित कनेक्टिविटी का विकास करा रही है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जा रहा है. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे भी निर्माणाधीन है. यह परियोजनाएं शीघ्र पूरी हो जाएंगी. राज्य सरकार ने मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण का भी निर्णय लिया है. यह भारत के सबसे लम्बे एक्सप्रेस-वे में से एक होगा.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी तथा कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे हैं. जेवर एवं अयोध्या में बनने वाले अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों को सम्मिलित करते हुए राज्य में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर 05 हो जाएगी. प्रदेश में वर्ष 2017 में मात्र 04 एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर तथा आगरा क्रियाशील थे तथा कुल 25 गंतव्य स्थान हवाई सेवाओं से जुड़े थे. वर्तमान में 08 एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज, कानपुर नगर, हिंडन, बरेली क्रियाशील हैं, जिनसे कुल 71 गंतव्य स्थानों के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं. ‘उड़ान योजना’ के तहत विभिन्न जनपदों में हवाई अड्डों का विकास कराया जा रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट काॅरिडोर तथा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट काॅरिडोर उत्तर प्रदेश से गुजरते हैं. राज्य में दादरी, बोराकी तथा वाराणसी में मल्टीमोडल लाॅजिस्टिक/ट्रांसपोर्ट हब की स्थापना की जा रही है. वाराणसी से हल्दिया के बीच देश का पहला राष्ट्रीय जलमार्ग क्रियाशील है. रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत प्रदेश में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ काॅरिडोर का निर्माण कार्य प्रगति पर है. कानपुर तथा आगरा जनपदों में मेट्रो रेल परियोजना का कार्य तेजी से चल रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं. लैण्ड बैंक में वृद्धि के लिए अनेक सुधार लागू किए गए. औद्योगिक भूमि के लिए एफआर को बढ़ाकर 3.5 कर दिया गया है. सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को मेगा एवं इससे उच्च श्रेणी के उद्योगों को, आवेदन की तिथि से 15 दिन के भीतर भूमि प्रदान करने के लिए निर्देशित किया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड काल खण्ड की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने अनेक नई नीतियां घोषित की हैं. प्रदेश में 250 मेगावाॅट क्षमता के डाटा सेण्टर उद्योग में 20,000 करोड़ रुपए के निवेश के लक्ष्य के साथ डाटा सेण्टर नीति-2021 घोषित की गई है. इसी प्रकार, गैर-आईटी आधारित स्टार्ट अप्स को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने नई स्टार्ट अप नीति-2020 घोषित की है. इलेक्ट्राॅनिक्स सिस्टम डेवलपमेण्ट एण्ड मेनटेनेन्स और कम्पोनेण्ट निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए नई इलेक्ट्राॅनिक नीति-2020 के अन्तर्गत नवीनीकृत प्लाण्ट और मशीनरी पर स्थिर पूंजीगत निवेश के 40 प्रतिशत तक प्रोत्साहन प्रदान करने जैसे नीतिगत निर्णय लिए गए हैं.

समिट को अपर मुख्य सचिव गृह एवं यूपीडा के सीईओ श्री अवनीश कुमार अवस्थी, एसआईडीएम के प्रेसिडेंट श्री जयन्त पाटिल, एसआईडीएम यूपी चैप्टर के चेयरमैन श्री सचिन अग्रवाल, सीआईआई नाॅर्दर्न रीजन कमेटी आॅन डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस के चेयरमैन श्री मनोज गुप्ता एवं को-चेयरमैन सुश्री अमिता सेठी ने भी सम्बोधित किया.

इस अवसर पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, विशेष सचिव मुख्यमंत्री श्री अमित सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

नए कलेवर में नजर आएगा मिशन शक्ति अभियान

योगी सरकार ने जब से उत्तर प्रदेश में सत्ता की बागड़ोर संभाली तब से निरंतर महिलाओं और बेटियों के उत्थान पर काम कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा, सेहत, शिक्षा और उनको आत्मनिर्भर यूपी की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार ने मिशन शक्ति जैसे वृहद अभियान की शुरूआत कर उनके कदमों को विकास पथ पर बढ़ाने का कार्य किया है. राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सम्‍मान और सशक्तिकरण के लिए संकल्पित है. जिसके तहत “मिशन शक्ति” के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं. ऐसे में मिशन शक्ति के पहले व दूसरे चरण की सफलता के बाद जल्‍द ही प्रदेश में फिर से मिशन शक्ति के नए चरण की शुरूआत होने जा रही है.

ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की जरूरतमंद महिलाओं और बेटियों के लिए कई स्वर्णिम योजनाओं को प्रदेश में लागू किया जिसके कारण कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद सीएम योगी की यह स्वर्णिम योजनाएं प्रदेश की महिलाओं बेटियों के लिए ढाल बनी हैं. ऐसे में मिशन शक्ति अभियान नवीन ऊर्जा के साथ एक बार फिर से प्रदेश में शुरू होने जा रहा है जिससे महिलाओं व बेटियों को संबल मिलेगा. सीएम ने बैठक में आदेश दिए की स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास पंचायती राज, गृह, महिला एवं बाल विकास विभाग परस्पर समन्वय के साथ मिशन शक्ति के अगले चरण की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें. इसके साथ ही उन्‍होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि महिलाओं व बेटियों से जुड़े आपराधिक घटनाओं पर संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्रवाई की जाए.

योजनाओं के जरिए महिलाओं को दिखाई स्वावलंबन की राह

महिला स्वयं सहायता समूह, बीसी सखी जैसी योजनाओं ने महिलाओं को स्वावलंबन की राह दिखाई है. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह जैसी योजना ने बालिकाओं और उनके अभिभावकों को बड़ा संबल दिया है. ऐसे में प्रदेश में मिशन शक्ति के पहले और दूसरे चरण की सफलता के बाद सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने संबधित विभाग और अधिकारियों को मिशन शक्ति अभियान को नवीन ऊर्जा के साथ नई दिशा देने के निर्देश दिए हैं.

कोरोना काल में भी योगी सरकार की योजनाओं से आधी आबादी को मिला प्रोत्‍साहन

कोरोना काल खंड के बावजूद भी कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना,181 महिला हेल्प डेस्क, वन स्टॉप सेंटर,महिला शक्ति केंद्र और रानी लक्ष्मी बाई महिला सम्मान कोष जैसी सीएम की लाभकारी योजनाओं से कई नए लाभार्थी जुड़े हैं. महिलाओं के चौमुखी विकास के लिए उनकी सुरक्षा, शिक्षा, स्‍वावलंबन, सम्‍मान, सेहत को केन्द्रित करते हुए योगी सरकार की योजनाओं से प्रदेश की आधी आबादी को प्रोत्‍साहन मिल रहा है. कोरोना काल में ‘पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना’ के तहत 1.85 लाख नए लाभार्थी जुड़े हैं. पति की मृत्‍योपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 27.95 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है. प्रदेश में कन्या सुमंगला योजना एक अप्रैल 2019 से लागू हुई. तब से आज तक प्रदेश में इस योजना के तहत 7.58 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है. बता दें कि मार्च 2021 तक यह आंकड़ा 7.14 लाख था पर महज तीन महीनों में इस योजना से लगभग 44 हजार नए लाभार्थियों को जोड़ उन तक योजना का लाभ पहुंचाया जा रहा है.

12.76 लाख महिलाओं और बेटियों को योजनाओं का लाभ

प्रदेश के 64 जनपदों में महिला शक्ति केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. साल 2020-2021 में कुल 37,406 गतिविधियों के जरिए 18.46 लाख महिलाओं और बेटियों को जागरूक किया गया. इसके साथ ही कोरोना काल के बावजूद महिला शक्ति केंद्रों के जरिए प्रदेश की 12.76 लाख महिलाओं और बेटियों को सीएम की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा गया है.

मैन्युफैक्चरिंग और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने में जुटी यूपी सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने सरकारी आवास पर आहूत एक बैठक में में उत्तर प्रदेश की प्रगति के सम्बन्ध में भारत के सतत् विकास लक्ष्य इण्डेक्स 3.0 की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि निर्धारित 15 सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर प्रदेश तेजी से कार्य करते हुए सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है. सतत् विकास लक्ष्य इण्डेक्स 2020 में उत्तर प्रदेश 60 अंकों के साथ परफॉर्मर स्टेट के रूप में आगे आया है, जबकि वर्ष 2019 व वर्ष 2018 में  प्रदेश के क्रमशः 55 एवं 42 अंक थे. उन्होंने मानकों के अनुसार कार्य करते हुए इन लक्ष्यों के सम्बन्ध में और बेहतर स्कोर किए जाने पर बल दिया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्तर्विभागीय समन्वय एवं निरन्तर समीक्षा करते हुए सतत् विकास लक्ष्यों की पूर्ति में तेजी लायी जाए. इसके लिए सभी नोडल विभाग तथा उनके साथ लिंक किए गए विभाग सम्बन्धित फोकस सेक्टरों पर मिलकर काम करें. उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागों को अद्यतन डाटा फीडिंग कराए जाने के निर्देश दिए. विभागीय स्तर पर सतत् विकास लक्ष्यों के सम्बन्ध में अद्यतन डाटा उपलब्ध रहे. नीति आयोग से समन्वय बनाते हुए डाटा में सुधार के प्रयास किए जाएं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर तथा स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किया जाए. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार हमें सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बेहतर परिणाम प्राप्त करते हुए आगे बढ़ना है. विभागीय स्तर पर लक्ष्यों का निर्धारण करते हुए उन्हें प्राप्त करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जाएं. उन्होंने नियोजन विभाग को लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रति माह नोडल/सम्बन्धित विभागों से रिपोर्ट प्राप्त कर इनकी गहन मॉनीटरिंग किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सतत् विकास के लक्ष्यों का लाभ वंचित वर्गों तक पहुंचाना राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है. विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति गुणवत्तापरक होनी चाहिए, तभी समाज को इनका लाभ मिलेगा.

मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित 15 एस0डी0जी0 लक्ष्यों में नो पॉवर्टी (ग्राम्य विकास विभाग), जीरो हंगर (खाद्य एवं आपूर्ति तथा कृषि विभाग), गुड हेल्थ एण्ड वेल बींग (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग), क्वॉलिटी एजुकेशन (बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग), जेण्डर इक्वॉलिटी (महिला एवं बाल विकास विभाग), क्लीन वॉटर एण्ड सैनीटेशन (सिंचाई, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग), एफोर्डेबल एण्ड क्लीन इनर्जी (ऊर्जा विभाग), डीसेण्ट वर्क एण्ड इकोनॉमिक ग्रोथ (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग), इण्डस्ट्री इनोवेशन एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर (अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग), रिड्यूस्ड इनइक्वॉलिटीज (समाज कल्याण विभाग), सस्टेनेबल सिटीज एण्ड कम्युनिटीज (नगर विकास विभाग), रिस्पॉन्सिबल कन्जम्पशन एण्ड प्रोडक्शन (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग), क्लाइमेट एक्शन (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग), लाइफ ऑन लैण्ड (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग) तथा पीस, जस्टिस एण्ड स्ट्रॉन्ग इंस्टीट्यूशंस (गृह विभाग) की विस्तृत समीक्षा की.

बैठक में मुख्य सचिव श्री आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव नियोजन श्री सुरेश चन्द्रा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव सिंचाई श्री टी0 वेंकटेश, अपर मुख्य सचिव वित्त श्रीमती एस0 राधा चौहान, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला, अपर मुख्य सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव नगर विकास श्री रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव खाद्य एवं आपूर्ति श्रीमती वीना कुमारी मीना, प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती वी. हेकाली झिमोमी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

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