सीएम योगी का मनरेगा कर्मियों को बड़ा तोहफा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनरेगा कर्मियों को दशहरा और दीपावली के पहले बड़ा तोहफा दिया है. उन्होंने मनरेगा कर्मियों के मानदेय वृद्धि की इसी माह से देने की घोषणा की है.

उन्होंने मनरेगा कर्मियों के लिए उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की तरह एचआर पालिसी एक माह के अंदर लाने की घोषणा की है, जिसमें आकष्मिक अवकाश 24 दिन और चिकित्सा अवकाश 12 दिन मिलेगा. यह बातें उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी सम्मेलन के दौरान कहीं.

कार्यक्रम का आयोजन डिफेंस एक्सपो मैदान वृंदावन लखनऊ में किया गया था. सीएम योगी ने मनरेगा कर्मियों के जॉब चार्ट में ग्राम्य विकास विभाग के कई अन्य कार्यों को भी जोड़ने का ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि रोजगार सेवक की सेवा समाप्ति के पूर्व उपायुक्त मनरेगा की सहमति आवश्यक होगी. यानि कोई जबरदस्ती नहीं हटा पाएगा.

उन्होंने कहा कि ग्राम रोजगार सेवक यदि नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान के निकटतम संबंधी या परिवारीजन हैं, तो उन्हें निकटतम रिक्त ग्राम पंचायत में तैनात किया जाएगा. उनकी सेवाएं समाप्त नहीं होंगी. इसी तरह उन्होंने महिला ग्राम रोजगार सेविका के विवाह के बाद उन्हें नए जिले में तैनात किया जाएगा. इसके अलावा सभी महिला संविदा कार्मिकों 180 दिन का मातृत्व अवकाश लागू कर दिया गया है.

सीएम योगी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्य स्तर पर अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार आदि, विकास खंड के अधिकारियों, कई मनरेगा कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत भी किया. इस दौरान ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास विभाग के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह और राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया.

इन मनरेगा कर्मियों का बढ़ा मानदेय

सीएम योगी ने मनरेगा कर्मियों को अब ग्राम रोजगार सेवकों को 10 हजार, तकनीकी सहायकों को 15,656, कंप्यूटर आपरेटरों को 15,156, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को 34,140, लेखा सहायक को 15,156, आपरेशन सहायक को 18,320, हेल्पलाइन एक्जीक्यूटिव को 18,320, चतुर्थ श्रेणी कर्मी को नौ हजार, ब्लॉक सोशल आडिट कोआर्डिनेटर को 14,100, डिस्ट्रिक्ट सोशल आडिट कोआर्डिनेटर को 19 हजार नौ सौ रुपए का मानदेय अक्तूबर माह से देने की घोषणा की है.

भ्रष्टाचार संज्ञान में आए, तो करें कठोरता पूर्वक कार्यवाही: सीएम योगी

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह संकल्प है कि भ्रष्टाचार मुक्त पूणर्त: पारदर्शी ढंग से लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाए और जहां कहीं भी भ्रष्टाचार के प्रकरण संज्ञान में आएं, उसमें कठोरता पूर्वक कार्यवाही भी की जाए. उन्होंने कहा कि विभाग को इस वर्ष कम से कम 20 लाख परिवारों को सौ दिन का रोजगार देते हुए 13 हजार करोड़ का कार्य कराना चाहिए. महिला मेटों का समयबद्ध ढंग से प्रशिक्षण होने पर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं के स्वावलंबन में बड़ी भूमिका हो सकती है.

225 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिया ग्राम रोजगार सेवकों को मानदेय

उन्होंने कहा कि मुझे याद है, जब ग्राम रोजगार सेवकों को कई-कई वर्षों से मानदेय का भुगतान नहीं हो पाता था. यह बात अकसर हमारे सामने आती थी. हमने कहा कि यह सभी लोग शासन से अल्प मानदेय पाते हैं और इसे भी हम कई-कई वर्षों तक न दें, तो अन्याय है. तत्काल हमने शासन से 225 करोड़ रुपए स्वीकृत किए और विभाग ने समयबद्ध ढंग से पहुंचाने का कार्य किया. इसी प्रकार से अप्रैल 2020 में मनरेगा संविदा कर्मियों का भुगतान राज्य स्तरीय केंद्रीयकृत पूल के माध्यम से जो पहले नहीं हो पाता था, उसे अब सीधे उनके खाते में भेजने की व्यवस्था कर दी गई है.

Top 10 Best Relationship Tips in Hindi: रिलेशनशिप से जुड़ी टॉप 10 खबरें हिंदी में

Top 10 Best Relationship Tips in Hindi: हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. क्योंकि हरेक के विचार और व्यवहार एक दूसरे से अलग होते हैं. कभी-कभी ऐसा होता है कि छोटी-छोटी बातों के कारण रिश्ता टूट भी जाता है. तो अगर आप अपने रिश्ते को मजबूत बनाना चाहते हैं तो पढ़िए सरस सलिल की Top 10 Best Relationship Tips in hindi. आप इन खास टिप्स को अपनाकर रिश्ते को मजबूत कर सकते हैं.

  1. रिलेशनशिप में सेक्स का है बहुत महत्व, जानें कैसे

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संबंधों में एक-दूसरे का साथ बेहद जरूरी है. आपसी संबंधों में जहां एक साथी का दूसरे साथी से मानसिक जुड़ाव होता है ऐसे में शारीरिक देह को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मानसिक जुडा़व के साथ-साथ शारीरिक जुड़ाव भी संबंधों में मधुरता लाता है. पति-पत्नी के संबंधों में सेक्स का अपना अलग महत्व है. न सिर्फ पति-पत्नी बल्कि वैवाहिक जीवन में सेक्स का महत्व बहुत अधिक होता है. इससे पति-पत्नी न सिर्फ एक-दूसरे के नजदीक रहते हैं बल्कि सेक्स संबंधों में खटास को भी दूर करता है. जिस प्रकार जीवन में भोजन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी तरह से वैवाहिक जीवन में सेक्स की आवश्यकता होती है. आइए जानते हैं संबंधों में सेक्स के महत्व के बारे में.

सही मायने में सेक्स सिर्फ भौतिक सुख ही नहीं बल्कि मानसिक सुख भी देता है, इसके साथ ही ये तनाव दूर करने में भी बहुत कारगर है. सेक्स के माध्यम से ही पति-पत्नी के संबंधों में भावनात्मक जुड़ाव अधिक दिखाई देता है.

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2. पति की दूरी, आखिर कैसे बने नजदीकी

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शायद ही ऐसी कोई पत्नी होगी जो अपनी शादी पर 2-4 आंसू न बहाती हो. शादी के कुछ साल गुजरने के बाद पति में तो अपनी भावनाएं व्यक्त करने की काबिलीयत जैसे कुम्हला सी जाती है और पत्नी अपने पति को दिनबदिन नीरस बनता देखती रहती है, जिस से उस का मन व्यग्रता और हताशा से भरने लगता है. ये दूरियां एक ऐसी कशमकश पैदा करती हैं जिस की शिकायत पत्नियां बरसों से करती आई हैं, उन्हें रविवार की दोपहर को क्रिकेट मैच में, अखबार के पन्नों में या फिर चुप्पी में सिमटा या लिपटा पति मिलता है.

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3. जब पत्नी बहाना बनाए, नजदीक न आए

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महेंद्र की शादी को 10 साल हुए गए हैं. उस के दो बच्चे हैं. उसे हर रात को अपनी पत्नी का साथ चाहिए. प्यार की बरसात चाहिए. पर उस की पत्नी मोहिनी उसे गच्चा दे जाती है. वह कभी छोटी बेटी को सुलाने का बहाना बना देती है तो कभी घर का ज्यादा काम करने की वजह से बदन दर्द की शिकायत करते हुए मुंह फेर कर सो जाती है. कभी नजदीक आती भी है तो बेमन से.

महेंद्र इस बात से चिड़चिड़ा हो गया है. वह ऑफिस में भी खुश नहीं रहता है. कभीकभार तो वह अपने साथी कर्मचारियों से भी भिड़ जाता है. नतीजतन अब वह शराब पीने लगा है और कभीकभार किसी प्रोफेशनल लड़की को पैसे दे कर उस के साथ रात बिता लेता है. बहाना बनाता है ऑफिस के टूर का या नाईट शिफ्ट का.

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4. बारिश में इश्क की खुमारी!

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मानसून के मदमाते मौसम में तो उन का प्यार सावन के झड़ी बन कर एकदूसरे पर बरस जाता है. कल की ही बात है. दोनों सुबह ऑफिस जाने के लिए तैयार हो चुके थे. रीना साड़ी पहने हुई थी जबकि रंजन ने फॉर्मल पैंटशर्ट. इसी बीच बारिश ने अपना रंग दिखा दिया. पहले रिमझिम, उस के बाद तेज बरसात. रीना अपनी बालकनी में जा कर आसमान से बरसते पानी का लुत्फ़ लेने लगी. थोड़ी देर में वह भूल गई कि उसे ऑफिस जाना है. बेखयाली में वह थोड़ा सा भीग गई.

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5. सेक्स लाइफ बेहतर बनाने के लिए करें ये आसान काम

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हम अपना वजन कम करने के लिए क्या नहीं करते हैं. इसके लिए हम डाइटिंग भी करते है. जिससे लिए हम कम से कम खाना खाते हैं, लेकिन आप जानते हैं कि कम खाना खाने से कई फायदे हैं. इन्हीं में से एक फायदा है सेक्स लाइफ. कम खाना खाने से आपकी सेक्स लाइफ बेहतर रहती है. यह बात एक शोध में सामने आई.

अगर आप कैलोरी के प्रति सचेत हैं और अतिरिक्त वजन घटाने के लिए स्वास्थ्यवर्धक भोजन ग्रहण करते हैं तो आपके खुश होने का एक और बड़ा कारण मिल गया है. एक दिलचस्प शोध में यह पता चला है कि कम खाने से न सिर्फ लोगों को वजन कम करने में मदद मिलती है, बल्कि यह मूड को भी बेहतर बनाता है और तनाव को कम करता है, जिससे आपकी सेक्स लाइफ बेहतर होती है.

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6. रिश्ता दिल से

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क्या प्यार की कोई सही उम्र होती है? क्या प्यार के लिए कोई छोटा और कोई बूढ़ा होता है? जी नहीं, प्यार की कोई उम्र, कोई सीमा नहीं होती. प्रसिद्ध लेखिका मारिया एजवर्थ ने कहा था कि इंसानी दिल किसी भी उम्र में उस दिल के आगे खुलता है जो बदले में अपने दिल का रास्ता खोल दे. तकरीबन 2 शतक पूर्व कही गई उन की बात आज भी सटीक साबित होती है. शायद इसी बात की मार्मिकता को समझते हुए गजल सम्राट जगजीत सिंह ने फिल्म ‘प्रेम गीत’ (1981) के एक गीत ‘होठों से छू लो तुम…’ की कुछ पंक्तियों में कहा है, ‘न उम्र की सीमा हो… न जन्मों का हो बंधन, जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन…’ चार दशक पहले लिखा यह गीत आज भी प्रासांगिक है. तब प्यार की जो नई परिभाषा कल्पना में पिरो कर शब्दों से सजाई गई थी, आज वह समाज की हकीकत बन गई है.

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7. ब्रेकअप से टूटता है पुरुषों का दिल भी

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समीर (बदला हुआ नाम) कुछ महीनों से काफी डिप्रैशन में रहने लगा है. हंसमुख मिजाज का और दूसरों को भी खुश रखने वाला समीर न तो अब किसी से ज्यादा बातें करता है और न ही कहीं आताजाता है. औफिस से आते ही वह अपने कमरे में बंद हो जाता है. कारण, कुछ महीने पहले उस का अपनी गर्लफ्रैंड से ब्रेकअप हो गया, जिस के कारण वह काफी डिप्रैस्ड रहने लगा है. समीर का कहना है जब उस की गर्लफ्रैंड से उस का ब्रेकअप हुआ तो लगा मानो उस की पूरी दुनिया ही उजड़ गई. वह अपने ब्रेकअप के दर्द से बाहर नहीं आ पा रहा है.

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8. पति-पत्नी के रिश्ते में कायम रखें रोमांस

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सुमित और पूजा के विवाह को हुए 10 साल बीत चुके हैं. लेकिन दोनों के बीच का प्यार देख कर लगता है जैसे कुछ ही अरसा हुआ है. दोनों का कहना है कि आज भी दोनों अपने रिश्ते में वही ताजगी और नयापन महसूस करते हैं जैसे शुरुआती दिनों में. दरअसल, उन्होंने अपने रिश्ते को बो िझल नहीं बनने दिया. एकदूसरे की खुशी का खयाल रखा. सिर्फ शारीरिक नहीं, भावनात्मक रिश्ता इतना मजबूत बनाया हुआ है कि उस में ‘मैं’ की भावना नहीं है. लेकिन हर पतिपत्नी सुमित और पूजा की तरह खुशमिजाज नहीं होते.

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9. क्या आपकी दोस्ती खतरे में है?

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एक रिश्ता है जो हम अपने व्यवहार से बनाते हैं, वह है दोस्ती. दोस्ती एकमात्र ऐसा रिश्ता है जो हम खुद जोड़ते हैं. दोस्त हम स्वयं चुनते हैं. लेकिन दोस्त की इस दोस्ती से कब व कैसे कट कर लिया जाए. आप भी जानिए.

संभव है कि किन्हीं कारणों से आप की दोस्ती अब पहले जैसी नहीं रह गई हो. आप के दोस्त के बरताव में आप कुछ बदलाव महसूस कर सकते हैं या आप में उस की दिलचस्पी अब न रही हो या कम हो गई हो. कुछ संकेतों से आप पता लगा सकते हैं कि अब यह दोस्ती ज्यादा दिन निभने वाली नहीं है और बेहतर है कि इस दोस्ती को भूल जाएं.

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10.जब पार्टनर हो शक्की

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‘‘इतनी लेट नाइट किस से बात कर रहे थे? मेरा फोन क्या नहीं उठाया? वह तुम्हें देख कर क्यों मुसकराई? मेरी पीठ पीछे कुछ चल रहा है क्या?’’ यदि ऐसे सवालों से आप का रोज सामना होता है तो आप ठीक समझे आप का पार्टनर शक्की है.

यदि आप इन सवालों से थक गए हैं और यह रिश्ता नहीं निभा सकते, पर अपने बौयफ्रैंड या गर्लफ्रैंड को प्यार भी करते हैं और उसे इस शक की आदत पर छोड़ना भी नहीं चाहते, तो ऐसे शक्की पार्टनर से निबटने के लिए इन टिप्स पर गौर करें:

द्य किसी भी रिश्ते में सब से बुरी चीज शक करना ही हो सकता है. इस से असुरक्षा, झूठ, चीटिंग, गुस्सा, दुख, विश्वासघात सब आ सकता है. रिश्ते की शुरुआत में एकदूसरे को समझने के लिए ज्यादा कोशिश रहती है. एकदूसरे पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है. एक बार आप दोनों में बौंडिंग हो गई तो आप जीवन की और महत्त्वपूर्ण बातों की तरफ ध्यान देने लगते हैं. इस का मतलब यह नहीं होता है कि पार्टनर में रुचि कम हो गई है. इस का मतलब है कि अब वह आप की लाइफ का पार्ट है और आप अब उस के साथ कुछ और बातों में, कामों में अपना ध्यान लगा सकते हैं.

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आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि तकनीक के प्रयोग से कार्य करने में आसानी व पारदर्शिता आती है. इसके इस्तेमाल से कार्य क्षेत्र में दक्षता आती है. यह कार्य को सम्पादित करने वाले व्यक्ति को सम्मान का पात्र भी बनाती है. आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को दिया जा रहा स्मार्ट फोन उनकी कार्य पद्धति को स्मार्ट बनाएगा. इसके माध्यम से आप सब आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री शासन-प्रशासन एवं जनविश्वास जीतकर अपनी पहचान बना सकती हैं.

मुख्यमंत्री जी ने लोकभवन में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आयोजित आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ एवं आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. मुख्यमंत्री जी ने अपने कर कमलांे द्वारा 20 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ एवं 10 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ प्रदान किये. उन्होंने ‘एक संग मोबाइल एप’ लॉन्च किया. इस अवसर पर एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी.

इस अवसर पर प्रदेश में पोषण अभियान के अन्तर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को तकनीक से जोड़ने व उनकी कार्य सुविधा के लिए 1,23,000 ‘स्मार्ट फोन’ एवं बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए 1,87,000 ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ वितरित किये जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सामान्य रूप से कहने के लिए यह केवल ‘स्मार्ट फोन व ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ के वितरण का कार्यक्रम हो सकता है, लेकिन इसकी गूंज सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में नींव के पत्थर के रूप में है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का संकल्प है कि पारदर्शी और ईमानदार सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तकनीक के माध्यम से शासन की योजनाओं को प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाया जाए. इसके लिए आवश्यक है कि ऐसे संसाधन उन लोगों को उपलब्ध कराए जाएं, जो शासन की योजनाओं को अन्तिम पायदान के व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के प्रति लोगों में सम्मान व आदर का भाव बढ़ा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या संस्था की पहचान विपत्ति व आपत्ति के समय पता चलती है. जो व्यक्ति संकट आने पर भाग खड़ा हो, सहयोग न करे वह, कितना भी बड़ा, सम्पन्न व बुद्धिमान हो, अगर उसकी बुद्धिमत्ता व उसका ऐश्वर्य लोक कल्याण व समाज कल्याण के उपयोग में नहीं आ रहा है, तो उसका कोई महत्व नहीं है. संकट के समय सहयोगात्मक व लोक कल्याणकारी कार्य करने वाला ही महत्वपूर्ण होता है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की द्वितीय लहर के समय प्रदेश सरकार द्वारा निर्णय लिया गया कि प्रत्येक ग्राम व शहरी मोहल्लों में एक निगरानी समिति बनायी जाएगी. अप्रैल, 2021 में प्रदेश में निगरानी समितियां गठित की गयीं. इनके द्वारा घर-घर जाकर एक-एक व्यक्ति की पहचान कर संदिग्ध व्यक्ति को मेडिसिन किट उपलब्ध करायी गयी. इनकी सूची बनाकर अगले 24 घण्टे के अन्दर आर0आर0टी0 की टीम द्वारा जांच कराने की कार्यवाही की गयी. इस कार्य में 10 से 12 लोगों की एक टीम का गठन किया गया था, जिसमें आंगनबाड़ी, आशा वर्कर, ए0एन0एम0, ग्राम प्रधान, पार्षद, सहित ग्राम्य विकास, नगर विकास, पंचायतीराज तथा राजस्व विभाग के कर्मी शामिल थे.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना वर्करों एवं निगरानी समितियों के सहयोग से प्रदेश में कोरोना नियंत्रित स्थिति में है. प्रदेश में कोरोना नियंत्रण एक मॉडल के रूप में सामने आया है कि किस प्रकार सामूहिक प्रयासों से एक महामारी को नियंत्रित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है, इसके पूर्व, राज्य सरकार इंसेफेलाइटिस के सफल नियंत्रण का मॉडल प्रस्तुत कर चुकी है. वर्ष 1977 से वर्ष 2017 तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के 07 जनपदों सहित प्रदेश के कुल 38 जनपदों में इन्सेफेलाइटिस रोग से मौतें होती थीं. इसमें अकेले बस्ती व गोरखपुर जनपद में प्रत्येक वर्ष डेढ़ से दो हजार बच्चों की असमय मृत्यु हो जाती थी. प्रदेश सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से पूर्वी उत्तर प्रदेश में इन्सेफेलाइटिस रोग से होने वाली 95 से 97 प्रतिशत मृत्यु को नियंत्रित किया जा चुका है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में कोरोना वॉरियर्स, खास तौर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, आशा, ए0एन0एम0 ने अत्यन्त सराहनीय कार्य किया है. उन्होंने कहा कि अच्छा कार्य करेंगे, तो समाज आपको सम्मान देगा. यही भूमिका आपको आगे बढ़ाएगी. कार्य करने से व्यक्ति शारीरिक रूप से मजबूत, मानसिक रूप से परिपक्व तथा आत्मविश्वास से भरपूर होता है. प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक जनपद में कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं के लिए पोषाहार तैयार करने के लिए संयंत्र स्थापित किया जा रहा है. उसकी क्वॉलिटी की जांच की व्यवस्था की जा रही है. यह प्रदेश में मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर को कम करने व देश के औसत के समकक्ष लाने में मदद करेगा. इससे राज्य सरकार की दवा एवं अन्य खर्चाें में बचत होगी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछले दिनों पोषण माह के कार्यक्रम में मैंने कहा था कि आंगनबाड़ी या आशा वर्कर का जितना पिछला मानदेय बकाया है, उसका तत्काल भुगतान किया जाए. विभाग ने उसकी कार्यवाही प्रारम्भ की है. यह पिछला वाला था. अभी सरकार उनको और भी देने जा रही है. आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री अपनी पूरी तन्मयता से कार्य कर रही हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 में एक्साइज के क्षेत्र में हावी गिरोह को पारदर्शी कार्यपद्धति एवं नीतियों को लाकर पूरी तरह से समाप्त किया. जब भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बन्द कर दिये जाते हैं, तो विकास अपने आप बढ़ता हुआ दिखायी देता है. प्रदेश सरकार द्वारा सर्वांगीण विकास की नींव को रखने का कार्य किया जा रहा है. प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन का निर्माण कराया जा रहा है. इन आंगनबाड़ी भवनों को बाद में प्री-प्राइमरी के रूप में बनाने पर सरकार गम्भीरता से विचार कर रही है.

इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों ने बड़ी निष्ठा से कार्य किया. मुख्यमंत्री जी नेे वर्ष 2017 में प्रदेश की बागडोर संभालते ही, राज्य में गुड गवर्नेंस लाए. इस गुड गवर्नेंस का आधार ई-गवर्नेंस है. मुख्यमंत्री जी की मान्यता है कि जब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ई-गवर्नेंस से नहीं जोड़ा जाएगा, तब तक गुड गवर्नेंस की सोच को साकार नहीं किया जा सकता. इसके दृष्टिगत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ तथा सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ‘एक संग मोबाइल एप’ आंगनबाड़ी केन्द्रों को सामुदायिक भागीदारी का एक मंच प्रदान करेगा, जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति एवं संस्था अपनी सहायता प्रदान कर सकता है.

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती एस0 राधा चौहान, प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती वी0 हेकाली झिमोमी, सूचना निदेशक श्री शिशिर, निदेशक राज्य पोषण मिशन श्री कपिल सिंह, निदेशक बाल विकास सुश्री सारिका मोहन सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

यूपी के हर जिले में मेडिकल कॉलेज का संकल्प

प्रदेश में 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सरकार की आकर्षक नीति की वजह से देश के कई बड़े संस्थानों ने पहल की है. इन जिलों में मेडिकल कॉलेज बनने से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए पांच नवंबर तक आवेदन मांगे हैं. विभाग की ओर से http://etender.up.nic.in वेबसाइट पर टेंडर जारी कर दिया गया है. सरकार की ओर से निजी निवेशकों को कई तरह की छूट भी दी जा रही है.

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कैबिनेट की मुहर लगने के बाद हाल ही में नीति जारी की थी और तीन तरह के विकल्प उपलब्ध कराए थे. हर विकल्प के लिए नियम और शर्तें अलग हैं. निजी क्षेत्र के निवेशक अपनी जमीन या सरकारी जमीन पर भी मेडिकल कॉलेज खोल सकते हैं. खास बात यह है कि विभाग ने इन सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जमीन पहले से चिह्नित कर आरक्षित कर ली है.

चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कई बड़े निवेशकों ने इच्छा जाहिर की है. विभाग की ओर से नीति जारी कर दी गई है. निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निविदा प्रक्रिया के तहत निवेशकों का चयन किया जाएगा. सीएम योगी के निर्देश पर पूरी प्रक्रिया को तीव्र गति से पूरा किया जा रहा है.

हर साल मिलेंगे 16 सौ नए डॉक्टर, 10 हजार लोगों को मिलेगी नौकरी

प्रदेश में 16 जिलों में बनने वाले मेडिकल कॉलेजों से हर साल 16 सौ नए डॉक्टर मिलेंगे. साथ ही इन मेडिकल कॉलेजों में करीब 10 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी. इसके अलावा इन मेडिकल कॉलेजों में लोगों के उपचार के लिए करीब छह हजार नए बेड उपलब्ध होंगे. इन मेडिकल कॉलेजों में आम लोगों को भी उच्च स्तरीय सहुलियत मिलेगी.

सीएम योगी ने इन जिलों में भी मेडिकल कॉलेज खोलने का लिया है संकल्प

प्रदेश में 16 जिलों बागपत, बलिया, भदोही, चित्रकूट, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मऊ, रामपुर, संभल, संतकबीरनगर, शामली और श्रावस्ती में सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज नहीं हैं. हालांकि इन जिलों में जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी की सुविधा उपलब्ध है. इन जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं में और इजाफा करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में मेडिकल कालेज का खोलने का संकल्प लिया है.

सरकार किसानों के जीवन में व्यापक बदलाव लाने के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए तत्पर : मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के जीवन में व्यापक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए तत्पर है. उन्हांेने कहा कि राज्य सरकार ने गन्ना किसानों के हित में गन्ना मूल्य में वृद्धि का निर्णय लिया है. 325 रुपये प्रति कुन्तल के गन्ने का गन्ना मूल्य बढ़ाकर 350 रुपये प्रति कुन्तल, 315 रुपये प्रति कुन्तल के सामान्य गन्ने का गन्ना मूल्य 340 रुपये प्रति कुन्तल तथा अनुपयुक्त गन्ने के गन्ना मूल्य में 25 रुपये प्रति कुन्तल वृद्धि की जा रही है. गन्ना मूल्य में इस वृद्धि से प्रदेश के 45 लाख गन्ना किसानों की आय में 08 प्रतिशत की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी होगी. उन्हांेने विश्वास व्यक्त किया कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से प्रोत्साहित होकर किसान उत्पादन क्षमता बढ़ाकर प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाएंगे.

मुख्यमंत्री जी आज यहां आयोजित किसान सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे. किसान सम्मेलन में हल भेंट कर मुख्यमंत्री जी का स्वागत किया गया.

किसान सम्मेलन में किसानों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्नदाता किसान कठिन परिश्रम करके अन्न पैदा करता है. अन्न जीवन चक्र का आधार है. किसान द्वारा अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से बिना भेदभाव के सभी के लिए अन्न उत्पन्न करना पुण्य का कार्य है. इससे पूर्व, कृषि विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के पश्चात उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. प्रदर्शनी में कृषि उत्पादक संगठनों के उत्पाद, आधुनिक कृषि यंत्रों, पराली प्रबन्धन विधियों, जैविक कृषि उत्पादों आदि को प्रदर्शित किया गया था.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 मंे श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने पर देश का भाग्योदय हुआ. प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व की सरकार ने गांव, गरीब, नौजवान, महिलाओं तथा समाज के सभी तबकों के लिए कार्य किया. धरती माता की सेहत का ध्यान रखा जा सके, इस उद्देश्य से उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया. कृषकों के हित और कल्याण के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना जैसी योजनाएं संचालित की गयीं. वर्ष 2017 में वर्तमान राज्य सरकार के सत्ता में आने के बाद पहला निर्णय प्रदेश के 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ करने का लिया गया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्नदाता किसान के खुशहाल होने से राज्य प्रगति और समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर होता है. इस उद्देश्य से वर्तमान राज्य सरकार ने बिचौलियों को समाप्त कर सीधे किसानों से उनके कृषि उत्पादों की खरीद के लिए   अप्रैल, 2017 में प्रोक्योरमेन्ट पॉलिसी लागू की. विगत साढ़े चार वर्षाें में प्रदेश में किसानों से रिकॉर्ड मात्रा में उनके कृषि उपज की खरीद की गयी है. एम0एस0पी0 पर गेहूं खरीद के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने 19,02,098 किसानों को 12,808 करोड़ रुपये का भुगतान किया. वर्तमान सरकार ने साढ़े चार साल के कार्यकाल में 43,75,574 किसानों को 36,405 करोड़ रुपये का भुगतान किया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने पर पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल का वर्ष 2009-10 से लेकर वर्ष 2018-19 तक का किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान बकाया था. इससे गन्ने का रकबा सिकुड़ता जा रहा था. वर्तमान सरकार ने गन्ना किसानों के हित में बन्द चीनी मिलों का संचालन प्रारम्भ कराया. पिपराइच, मुण्डेरवा, रमाला में पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा बेची गयी चीनी मिलों के स्थान पर नये संयंत्र स्थापित कराए. साथ ही, बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान सुनिश्चित कराया. विगत साढ़े चार वर्षों में किसानों को 01 लाख 44 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया. 30 नवम्बर, 2021 तक गन्ना मूल्य के भुगतान एवं चीनी मिलों के संचालन के निर्देश दिए गए हैं. कोरोना कालखण्ड में जब देश और दुनिया में चीनी उद्योग प्रभावित हो रहा था, वर्तमान राज्य सरकार ने तकनीक का उपयोग करते हुए प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलों का संचालन कराया. जब तक किसानों के खेत में गन्ना उपलब्ध था, चीनी मिलें चलायी गयीं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार ने किसानों के हित को ध्यान में रखकर नीतियां बनायीं. वर्ष 1918 में स्पैनिश फ्लू में बीमारी के साथ-साथ भूख से भी बड़ी संख्या में मौत हुई. कोरोना के समय में प्रधानमंत्री जी के देशवासियों का जीवन और जीविका बचाने के संकल्प का अनुसरण करते हुए राज्य सरकार ने कार्य किया. देश व प्रदेश में किसी भी व्यक्ति की भूख से मृत्यु नहीं हुई. कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से देश के 80 करोड़ व प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को अप्रैल, 2020 से लेकर नवम्बर, 2020 तथा मई, 2021 से लेकर नवम्बर, 2021 तक निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने प्रदेशवासियों को निःशुल्क खाद्यान्न एवं वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य ने अब तक 10 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की खुराक उपलब्ध कराने में सफलता प्राप्त की है. इससे प्रदेश में कोरोना का संक्रमण समाप्त प्राय हो गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में सावधानी व सतर्कता बरतने के साथ ही जीवन और जीविका को बचाने के लिए प्रभावी प्रयास जारी रहेंगे. राज्य सरकार ने पराली जलाने के सम्बन्ध में किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस ले लिए हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में देश व प्रदेशवासियों का जीवन एवं जीविका बचाने के साथ ही किसानों के हित में लगातार कदम उठाए गए. किसान को 24 जिन्स के लिए लागत का डेढ़ गुना दाम दिलाने की घोषणा प्रधानमंत्री जी ने की. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गयी कृषि उपज की खरीद की धनराशि का भुगतान किसान के खाते में किया गया. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से बिना भेदभाव के सभी किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है. प्रदेश में 02 करोड़ 54 लाख किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसानों को सिंचाई के बेहतर साधन सुलभ कराने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं. किसानों को सोलर पम्प तथा खेत-तालाब योजना के तहत लाभान्वित किया गया है. वर्षों से लम्बित बाणसागर परियोजना को पूर्ण कराकर प्रारम्भ कराया गया. अर्जुन सागर परियोजना बनकर लगभग तैयार हो चुकी है. अगले महीने इसे प्रधानमंत्री जी से राष्ट्र को समर्पित कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. सरयू नहर परियोजना लगभग पूरी हो गयी है. इसके अलावा पहाड़ी बांध, जमरार बांध, रसिन बांध सहित विभिन्न परियोजनाओं को पूर्ण कराया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तराई एवं विन्ध्य क्षेत्र में अक्सर किसानों और जंगली जानवरों के मध्य संघर्ष हो जाता है. राज्य सरकार ने इसे आपदा घोषित करते हुए वन्य जीवों के हमले में मृत व्यक्ति के आश्रितों को 04 लाख रुपये अथवा कृषक बीमा योजना के तहत 05 लाख रुपये की धनराशि देने की व्यवस्था भी की. किसानों के बिजली बिल के सम्बन्ध में ब्याज माफ करते हुए एकमुश्त समाधान योजना के माध्यम से शीघ्र ही एक ठोस योजना लागू की जाएगी. प्रधानमंत्री जी ने सब्सिडी की दर बढ़ाकर डी0ए0पी0 और यूरिया की कीमतों में वृद्धि नहीं होने दी. किसानों को समय पर उर्वरक तथा विद्युत की सुचारु आपूर्ति सुनिश्चित की गयी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ किया है. वर्तमान में खेत में किसान की मोटर सुरक्षित है, उसे कोई ले नहीं जा सकता. विगत साढ़े चार वर्षों में प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ है. अवैध स्लॉटर हाउस बंद करा दिए गए हैं. राज्य सरकार द्वारा निराश्रित गोआश्रय स्थलों का संचालन कराया जा रहा है. यह व्यवस्था भी की गयी है कि कोई भी इच्छुक किसान निराश्रित गोवंश में से 04 गोवंश का पालन-पोषण करने के लिए अपने पास रख सकता है. इसके लिए उसे 900 रुपये प्रति गोवंश प्रति माह प्रदान किए जाने की व्यवस्था की गयी है. कुपोषित महिला अथवा कुपोषित बच्चों के लिए दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु उनकी इच्छा पर एक निराश्रित गोवंश दिए जाने की व्यवस्था की गयी है. इस गोवंश के रख-रखाव के लिए उन्हें 900 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाने की भी व्यवस्था है.

सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार ने लगातार देश और समाज की उन्नति व समृद्धि तथा सभी वर्गों के उत्थान के लिए कार्य किया है. वर्तमान राज्य सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट में किसानों के ऋण माफ करने का निर्णय लिया. बड़ी मात्रा में किसानों से उनकी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय की गयी. प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को दिए जा रहे प्रभावी प्रोत्साहन से वर्तमान में राज्य गेहूं, गन्ना, आलू, सब्जी, फलों आदि के उत्पादन में देश में नम्बर एक है. किसानों को खाद, बीज, पानी की समय पर उपलब्धता से प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में देश में सबसे ऊपर है.

गन्ना विकास मंत्री श्री सुरेश राणा ने अपने सम्बोधन में कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने चीनी मिलों को बेचा और बंद किया.

मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने बंद चीनी मिलों का संचालन कराया. गन्ना किसानों के हित में कोरोना काल में भी जरूरी सतर्कता बरतते हुए सभी 119 चीनी मिलों का संचालन कराया गया. 18 से अधिक चीनी मिलों की पेराई क्षमता में वृद्धि की गयी. मुख्यमंत्री जी ने पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराया. विगत साढ़े चार वर्षों में 01 लाख 44 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया है. खाण्डसारी उद्योगों को लाइसेंस देने से पेराई क्षमता में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है.

किसान सम्मेलन को पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद श्री राधा मोहन सिंह, सांसद श्री राजकुमार चाहर, विधान परिषद सदस्य श्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी सम्बोधित किया.

इस अवसर पर महिला कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह, उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीराम चौहान, कृषि राज्य मंत्री श्री लाखन सिंह राजपूत सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में कृषक समुदाय उपस्थित था.

सम्मेलन में अतिथियों का स्वागत श्री कामेश्वर सिंह ने किया. कार्यक्रम का संचालन श्री घनश्याम पटेल द्वारा किया गया. मंचासीन अतिथियों का स्वागत श्री सुधीर सिंह, श्री रामबाबू द्विवेदी एवं श्री सतेन्दर तुगाना ने किया.

Top 10 Best Health Tips in Hindi: हेल्थ से जुड़ी टॉप 10 खबरें हिंदी में

Top 10 Best Health Tips in Hindi: भागदौड़ भरी जिंदगी में आप अपने हेल्थ का केयर करना भूल जाते है लेकिन उम्र बढ़ने के बाद किसी खतरनाक बीमारी से सामना करना पड़ता है तो आपको अपने हेल्थ की चिंता सताती है. इस आर्टिकल में हम आपको 10 Best Health Tips के बारे में बताएंगे. जिसे आप अपनाकर फिट एंड फाइन रह सकते हैं. तो यहां पढ़िए सरस सलिल की Top 10 Best Health Tips in Hindi.

  1. Piles की बीमारी से इस तरह मिलेगा छुटकारा

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गुदा के अंदर वौल्व की तरह गद्देनुमा कुशन होते हैं, जो मल को बाहर निकालने या रोकने में सहायक होते हैं. जब इन कुशनों में खराबी आ जाती है, तो इन में खून का प्रवाह बढ़ जाता है और ये मोटे व कमजोर हो जाते हैं. फलस्वरूप, शौच के दौरान खून निकलता है या मलद्वार से ये कुशन फूल कर बाहर निकल आते हैं. इस व्याधि को ही बवासीर कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि कब्ज यानी सूखा मल आने के फलस्वरूप मलद्वार पर अधिक जोर पड़ता है तथा पाइल्स फूल कर बाहर आ जाते हैं. बवासीर की संभावना के कई कारण हो सकते हैं.

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2. घर पर कैसे रहें फिट

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कोरोनाकाल में युवाओं की फिटनैस काफी प्रभावित हुई है. जिम बंद हुए तो अधिकतर का शरीर ढीला पड़ता गया. लेकिन अब चिंता की जरूरत नहीं क्योंकि यहां फिटनैस मंत्र जो उपलब्ध है जो आप को बिन जिम के भी फिट रखेगा.

कोरोनाकाल में लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहने की खास हिदायत दी गई है, क्योंकि कोविड-19 का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी तेजी से फैलता है. जिस के प्रसार का माध्यम छींकने, खांसने, पसीने और बातचीत के आम व्यवहार से हो सकता है.   यही कारण है कि समयसमय पर ऐसी जगहों पर सरकार द्वारा कड़े प्रतिबंध लगाने की नौबत आई जहां संक्रमण फैलने का अधिक खतरा बना रहता है और उन स्थानों में से एक ‘जिम’ रहा.

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3. अगर आप भी करते हैं रक्तदान तो जरूर ध्यान रखें इन बातों का

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आज के समय में ब्लड डोनेट (रक्तदान) करके आप दूसरों की मदद तो करते ही हैं साथ ही आपको भी इसके बहुत फायदे होते हैं. कई लोगों को लगता है कि रक्तदान करने के बाद शरीर में कमजोरी आ जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है. रक्तदान करने के 21 दिन बाद यह दोबारा बन जाता है. इसलिए रक्तदान करने से पहले घबराए नहीं बल्कि रक्तदान करते समय इन बातों का खास खयाल रखें.

– कोई भी हेल्दी व्यक्ति रक्तदान कर सकता है. बात करें पुरुष की तो वह 3 माह में एक बार रक्तदान कर सकते हैं वहीं महिलाएं 4 माह में एक बार ब्लड डोनेट कर सकती हैं.

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4. जोड़ों के दर्द को न करें अनदेखा

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कुछ तरह के गठिया में जोड़ों का बहुत ज्यादा नुकसान होता है. गठिया यानी जोड़ों की सूजन, जो एक या एक से ज्यादा जोड़ों पर असर डाल सकती है. डाक्टरों की मानें, तो हमारे शरीर में 10 से ज्यादा तरह का गठिया होता है.

गठिया जोड़ों के ऊतकों में जलन और टूटफूट के चलते पैदा होता है. जलन के चलते ही ऊतक लाल, गरम, सूजन और दर्द से भर जाते हैं. गठिया के लक्षण आमतौर पर बुढ़ापे में दिखते हैं, लेकिन आजकल ये लक्षण बच्चों और नौजवानों में भी देखे जा रहे हैं.

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5. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए ये हैं 9 खास टिप्स

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शरीर कई तरह की बीमारियों के जीवाणुओं का हमला झेलता रहता है और कई बार इन की चपेट में आ जाता है. इन हमलों को नाकाम तभी किया जा सकता है, जब हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो यानी इम्यून सिस्टम सौलिड होना जरूरी है. इसे मजबूत करना ज्यादा मुश्किल नहीं है. तो आइए, देखते हैं कि किस तरह हम अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बना सकते हैं.

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6. पैनक्रियाटिक रोगों की बड़ी वजहें

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युवा कामकाजी प्रोफैशनल्स में अल्कोहल सेवन, धूम्रपान के बढ़ते चलन और गालस्टोन के कारण पैनक्रियाटिक रोगों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पैनक्रियाज से जुड़ी बीमारियों में एक्यूट पैनक्रियाटाइटिस, क्रोनिक पैनक्रियाटाइटिस और पैनक्रियाटिक कैंसर के मामले ज्यादा हैं. लेकिन आधुनिक एंडोस्कोपिक पैनक्रियाटिक प्रक्रियाओं की उपलब्धता और इस बीमारी की बेहतर सम झ व अनुभव रखने वाली विशेष पैनक्रियाटिक केयर टीमों की बदौलत इस से जुड़े गंभीर रोगों पर भी अब आसानी से काबू पाया जा सकता है.

आधुनिक पैनक्रियाटिक उपचार न्यूनतम शल्यक्रिया तकनीक के सिद्धांत पर आधारित है और इसे मरीजों के लिए सुरक्षित व स्वीकार्य इलाज माना जाता है.

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7. अगर आप भी करते हैं तंबाकू का सेवन तो हो जाइए सावधान

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तंबाकू से बनी बीड़ी व सिगरेट में कार्बन मोनोऔक्साइड, थायोसाइनेट, हाइड्रोजन साइनाइड व निकोटिन जैसे खतरनाक तत्त्व पाए जाते हैं, जो न केवल कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को जन्म देते हैं, बल्कि शरीर को भी कई खतरनाक बीमारियों की तरफ धकेलते हैं. जो लोग तंबाकू या तंबाकू से बनी चीजों का सेवन नहीं करते हैं, वे भी तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों खासकर बीड़ीसिगरेट पीने वालों की संगत में बैठ कर यह बीमारी मोल ले लेते हैं. इसे अंगरेजी भाषा में ‘पैसिव स्मोकिंग’ कहते हैं.

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8. वजन कम करने के लिए डाइट में नींबू का ऐसे करें इस्तेमाल

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नींबू  आपके हेल्द के लिए काफी फायदेमंद है. अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो इसके लिए भी नींबू बहुत ज्यादा लाभदायक है. यह बौडी में कौलेस्ट्राल के स्तर को भी कम करता है. तो चलिए जानते हैं, आप अपने डाइट में नींबू का कैसे इस्तेमाल करें कि आपका वजन झट से कम हो जाए.

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9. क्या आप पेनकिलर एडिक्टेड हैं तो पढ़ें ये खबर

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आज की भागतीदौड़ती जिंदगी में हमारे पास आराम करने का बिलकुल भी समय नहीं है. ऐसे में भीषण दर्द की वजह से हमें बैठना पड़े तो उस से बड़ी मुसीबत कोई नहीं लगती है. कोई भी दर्द से लड़ने के लिए न तो अपनी एनर्जी लगाना चाहता है और न ही समय. इसलिए पेनकिलर टैबलेट खाना बहुत आसान विकल्प लगता है. बाजार में हर तरह के दर्द जैसे बदनदर्द, सिरदर्द, पेटदर्द आदि के लिए कई तरह के पेनकिलर मौजूद हैं.

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10. क्या पुरुषों को भी होता है मोनोपौज?

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मेनोपोज, यानी एक उम्र के बाद शरीर में होने वाले हार्मोनल चेंज और कुछ शारीरिक क्रियाओं में आने वाली कमी. अधेड़ावस्था की शुरुआत है मेनोपोज. मेनोपोजसे उत्पन्न कुछ शारीरिक समस्याओं की चर्चा अब तक स्त्रियों के सम्बन्ध में ही की जाती रही हैं, लेकिन यह चर्चा बहुत कम होती है कि मेनोपोज की स्थिति और इससे उत्पन्न समस्याओं से पुरुष भी जूझते हैं.

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पांच और शहरों में मेट्रो का काम अंतिम चरण में : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के चार शहरों लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मेट्रो रेल का सफल संचालन किया जा रहा है. कानपुर और आगरा में मेट्रो का काम  चल रहा है. इसके साथ ही पांच अन्य प्रमुख शहरों गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ और झांसी में मेट्रो के लिए डीपीआर तैयार है या अंतिम चरण में है. इन शहरों में भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध होगी.

सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर से कानपुर और आगरा मेट्रो की प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन का वर्चुअल अनावरण कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए उल्लास का क्षण है. वास्तव में मेट्रो जैसा सुरक्षित और आरामदायक पब्लिक ट्रांसपोर्ट आज की आवश्यकता है. हम अपेक्षा करते हैं कि 30 नवम्बर के आसपास हम कानपुर मेट्रो को देश को समर्पित करने की स्थिति में होंगे.

प्रयास होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से इसका शुभारंभ कराया जाए. उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि वड़ोदरा के उपक्रम में कोविडकाल की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन को समय से पहले उपलब्ध कराया गया है. सीएम ने कहा कि इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना भी साकार हो रही है. मुख्यमंत्री ने आगरा व कानपुर मेट्रो के प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन के वर्चुअल अनावरण के दौरान वड़ोदरा से जुड़े यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक, मेसर्स एचटॉम इंडिया ट्रांसपोर्ट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक समेत सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को इसके लिए बधाई भी दी.

शिल्प को सम्मान शिल्पियों का स्वावलंबन: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगले 03 महीने में प्रदेश के 75 हजार कारीगरों और शिल्पियों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य तय किया है. इन तीन माह में 75 हजार शिल्पियों को प्रशिक्षित कर इन्हें विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जोड़ते हुए स्वावलम्बन से जोड़ा जाएगा आजादी के अमृत महोत्सव पर शिल्पियों और करीगरों के लिए यह सबसे बड़ा तोहफा होगा.

मुख्यमंत्री ने यह बातें विश्वकर्मा दिवस के मौके पर शुक्रवार को ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के तहत 21,000 लाभार्थियों को टूलकिट और 11 हजार लाभार्थियों को ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजनांतर्गत ऋण वितरण करते हुए कहीं. लोकभवन में आयोजित मुख्य समारोह के साथ-साथ जिला मुख्यालयों पर भी कार्यक्रम आयोजित हुए.

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 26 दिसम्बर 2018 में हमने प्रदेश में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का शुभारंभ किया, तब से परंपरागत हस्तशिल्पियों, कारीगरों को सम्मान देने, उनको स्वावलंबी बनाने और प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का यह सिलसिला चलता आ रहा है. हस्तशिल्पियों ने योजनाओं का लाभ लेकर एक जनपद एक उत्पाद और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने रोजगार उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में हर व्यक्ति चिंता में था कि उत्तर प्रदेश का क्या होगा. लेकिन हमारे पारंपरिक करीगरों, हस्तशिल्पियों ने मिलकर ऐसा तंत्र विकसित किया जिससे हर प्रवासी को शासन की योजनाओं से जुड़ने और प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का काम किया. आज बेरोजगारी की दर चार पांच फीसदी है. यह प्रसन्नता प्रदान करने वाला है.  हमने दिसम्बर 2018 से 68412 से अधिक शिल्पियों को 100 करोड़ के उन्नत टूल किट वितरित किये हैं. सीएम ने कहा कि बहनें और माताएं यदि ठान लें तो उत्तर प्रदेश को रेडीमेड गारमेंट का हब बनाने में देरी नहीं लगेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमें अपने परंपरागत उद्यम और कारीगरी को एक मंच देना ही होगा. उनका प्रशिक्षित कराएं. आज प्रदेश के 21,000 से अधिक कारीगरों व हस्तशिल्पियों को टूलकिट वितरित किए जा रहे हैं. प्रदेश सरकार अपने परंपरागत कारीगरों व उद्यमियों को स्वावलंबी बना रही है, जिससे वह आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना योगदान दे सकें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के मोची, नाई, बढ़ई को मंच मिलना चाहिए. उन्हें सबल बनाना है. उन्हें उच्च प्रशिक्षण देकर तकनीकी से जोड़ना है और सर्टिफिकेट देकर साथ ही ट्रेनिंग के दौरान 250 रुपये प्रतिदिन प्रशिक्षण भत्ता देते हुए  मजबूत बनाना है. उन्होंने बताया कि आज तक 1 लाख हस्तशिल्पियों को इस योजना से जोड़ा गया है, प्रशिक्षित करके टूलकिट उपलब्ध करवाए हैं. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अगले 03 महीनों में 75 हजार करीगरों और हस्तशिल्पियों को टूल किट और ऋण उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाएं.

उन्होंने विभाग के मंत्रियों से कहा कि वो गांव-गांव में करीगरों, हस्तशिल्पियों के यहां पहुंचकर उनको प्रोत्साहित करने का भी काम करें. उन्होंने कहा कि हमें कारीगरों को सम्मान देना होगा वो ही हमारी धरोहर हैं. उन्होंने कहा कि आज इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए विभाग को और आपको धन्यवाद बधाई देता हूं. प्रधानमंत्री जी के जन्मदिन के दिन से और सेवा के उनके 20 वर्ष के उपलक्ष्य में अगले 20 दिनों तक अलग अलग कार्यक्रम होंगे.

मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को दी जन्मदिन की बधाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि आज दो महत्वपूर्ण दिन है एक तो विश्वकर्मा जी की जयंती और दूसरा दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का जन्मदिन. प्रधानमंत्री जी के इस वर्ष 6 अक्टूबर को सेवा के 20 वर्ष के रूप में पूरे हो रहे हैं. मैं प्रदेश की जनता की तरफ से देश में जो उनकी ओर से की गई सेवाएं हैं उनके लिए हृदय से अभिनन्दन करता हूं.

मोदी जी के प्रयास से जो खुशहाली आपके जीवन में प्रारंभ हुई है, देश-समाज को नई दिशा मिली है. उसको विकास के उत्सव में रूप में प्रदेश में 7 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. हुनरमंदों, कारीगरों और हस्तशिल्पियों को सम्मान देने वाले कार्यक्रम से इसकी शुरुआत की जा रही है.

आयोध्या में इस बार हम साढ़े 7 लाख दिए जलाने जा रहे : सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव के लिए 51 हजार दीप जुटाने के लिए हमें पूरे प्रदेश की खाक छाननी पड़ी थी. इस वर्ष हम साढ़े सात लाख दिए जलाने जा रहे हैं. हमने तकनीक से करीगरों को जोड़ा तभी यह संभव हो पाया है. हमारे कारीगर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति बनाना छोड़ दिया था. चीन जैसे नास्तिक देश मूर्तियां बनाने लगा. पिछली सरकारों ने चिंता नहीं की. आज हमारे कारीगर मूर्तियां बना रहे हैं. चीन से अच्छी, सुंदर, सस्ती और टिकाऊ. उन्हीं कारीगरों के चेहरों पर आज खुशहाली आ गयी है.

मुख्यमंत्री योगी के आर्थिक मॉडल से प्रदेश बन रहा आत्मनिर्भर: सिद्धार्थनाथ सिंह

एमएसएमई विभाग के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आर्थिक मॉडल ने प्रदेश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने का काम किया है. बहुत कम लोगों को इसकी समझ है. पंडित दीनदयाल जी कह गये कि आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचना चाहिये. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसको प्रदेश में पूरा करने का काम किया है.

एक जनपद एक उत्पाद योजना ने उन गरीबों को जिनके पास हुनर है उनको आगे ले जाने का काम किया है. ओडीओपी और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि कोरोना के होते हुए भी प्रदेश में 68412 लोगों ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से प्रशिक्षण लिया है.

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्यमंत्री की अभिनव सोच को आगे बढ़ाने का और 17 दिसम्बर को एक बड़ा आयोजन कर 75 हजार लोगों को विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से प्रशिक्षण दिलाकर टूलकिट वितरित किये जाने का आश्वासन दिया.

यूपी चुनाव से पहले “आप” की मुफ्त बिजली के वादे पर कृषि मंत्री ने कसा तंज

घरेलू बिजली उपभोक्ता को मुफ्त बिजली देने का वादा कर यूपी विधानसभा चुनाव जोर-आजमाइश कर रही आम आदमी पार्टी को  कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आड़े हाथों लिया है. शाही ने कहा कि ‘केजरीवाल प्राइवेट लिमिटेड’ को यह तो मालूम ही है कि गरीबों, गांव में रहने वालों और किसानों का योगी सरकार ने कितना ध्यान रखा है.

योगी सरकार बिजली का मीटर रखने वाले  ग्रामीण उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 2.80 रुपए के और बगैर मीटर वालों को 4.07 रुपए की छूट शुरू से ही दे रही है. इसके अलावा एक किलोवाट लोड तक और 100 यूनिट की खपत तक के शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं को भी चार रुपए से अधिक प्रति यूनिट छूट मिलती है.

यही नहीं गांव में मीटर और बिना मीटर वाले कृषि उपभोक्ताओं  को तो छूट क्रमशः पांच रुपए और 6.32 रूपए है. इस तरह सरकार ग्यारह हजार करोड़ की सब्सिडी तो सिर्फ गरीब और किसानों के लिए देती है.

कृषि मंत्री ने तंज किया कि केजरीवाल के पास यूपी की जनता के लिए विकास का कोई मॉडल नहीं है. दिल्ली में अब तक यह पार्टी ने कोई ऐसा काम नहीं कर सकी जिसे वह अपना बता सके. ऐसे में “मुफ्तखोरी के लालच” को उसने चुनावी हथियार बनाया है.

उन्होंने कहा कि यूपी की योगी सरकार ने जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे, तहसील मुख्यालयों पर 20 घंटे और गांवों में 18 घंटे बिजली देने का वादा किया था और उसे पूरा किया.  यही नहीं, साढ़े चार साल  में यूपी के हर कोने को बिजली से रोशन कर दिया गया है. सौभाग्य योजना से 01 करोड़ 40 लाख घरों में बिजली आई है. चार साल पहले तक यूपी में बिजली आना अखबारों की सुर्खियां बनती थीं, आज अगर कभी बिजली कट जाए तो लोग हैरान होते हैं. यह होता है विकास, लेकिन ऐसे विकास के लिए जिस विजन की जरूरत होती है, वह न अरविंद केजरीवाल के पास है न मनीष सिसौदिया के पास. ऐसे में ले देकर मुफ्त बिजली देने का लालच ही उनके पास बचा है.

सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह की बेतुकी एवं घोषणाएं राजनीति को दूषित करते हैं, जो न केवल घातक है बल्कि एक बड़ी विसंगति भी है.

उत्तर प्रदेश में पेप्सिको इण्डिया फूड्स प्लांट्स

मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की सोच उसकी कार्य पद्धति में दिखाई देती है. सरकार की सकारात्मक सोच से निवेश बढ़ता है. निवेश से रोजगार सृजन होता है, जिससे आत्मनिर्भरता व स्वावलम्बन प्राप्त करने में मदद मिलती है. पेप्सिको द्वारा कोसी कलां में स्थापित इकाई इसी सकारात्मक सोच का परिणाम है. उन्हांेने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा कल 14 सितम्बर, 2021 को जनपद अलीगढ़ में उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर के अलीगढ़ नोड का शुभारम्भ किया गया था. इससे 1,250 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को जमीनी धरातल पर उतारने की कार्यवाही सम्पन्न हुई है. श्रीकृष्ण की पावन भूमि मथुरा के कोसी कलां में 800 करोड़ रुपए से अधिक की इस यूनिट का उद्घाटन सम्पन्न हुआ.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ब्रज भूमि के किसानों की वर्षाें से मांग थी कि उनके क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण की अत्याधुनिक इकाइयां स्थापित हों. प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीति के अन्तर्गत पेप्सिको ने कोसी कलां में निवेश किया है. आज पेप्सिको द्वारा स्थापित इकाई का उद्घाटन किया गया है. सरकार व निवेशक जब मिलकर सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ंेगे, तो इसके सकारात्मक परिणाम इसी रूप में सामने आएंगे. उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य सरकार और पेप्सिको की साझेदारी उन्नति, विश्वास तथा स्वावलम्बन की साझेदारी होने के साथ ही, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्पों को आगे बढ़ाने की भी साझेदारी होगी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए बनायी गयी नीतियों के तहत निवेशकों द्वारा राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है. यह निवेश किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन का आधार बन रहा है. साथ ही, इससे नौजवानों के लिए रोजगार का सृजन हो रहा है. 04 वर्ष पूर्व प्रदेश में आलू उत्पादक किसान संकट में था. ऐसी स्थिति में आलू उत्पादक किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार ने आलू का न्यून्तम समर्थन मूल्य घोषित किया, जिससे किसानों के सामने असहाय जैसी स्थिति पैदा न हो और उन्हें आलू का उचित मूल्य प्राप्त हो सके. पेप्सिको इण्डिया द्वारा स्थापित प्लाण्ट से इस क्षेत्र के किसानों को लाभ मिलेगा.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्हें अवगत कराया गया कि कोसी कलां में स्थापित फूड्स प्लाण्ट यूनिट के माध्यम से डेढ़ लाख मीट्रिक टन आलू का प्रति वर्ष प्रसंस्करण किया जाएगा.

पेप्सिको इण्डिया किसान भाइयों के साथ पहले से ही साझेदारी करते हुए उनके उत्पाद का उचित मूल्य प्रदान करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि कोसी कलां में स्थापित प्लाण्ट खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आलू उत्पादक किसानों की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा. इस खाद्य प्रसंस्करण इकाई से किसानों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए एक मंच मिला है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा खाद्यान्न उत्पादक राज्य है. प्रदेश मंे पर्याप्त जल संसाधन एवं उर्वरा भूमि मौजूद है. प्रदेश में किसानों की बड़ी संख्या एवं देश का सबसे बड़ा बाजार है. प्रदेश में 24 करोड़ जनता निवास करती है. साथ ही, यहां पर निवेश के लिए अनुकूल वातावरण भी है. ब्रज क्षेत्र में आगरा एवं अलीगढ़ मण्डलों के 08 जनपदों में बड़े पैमाने पर आलू उत्पादन होता है. इस यूनिट की स्थापना इस क्षेत्र के आलू उत्पादक किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ाने में सहायक होगी.

औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में औद्योगिक विकास के नये युग की शुरुआत हुई है. सरकार, किसानों और उद्यमियों के बीच विश्वास पैदा हुआ है. प्रदेश सरकार के सहयोग से पेप्सिको द्वारा कोसी कलां में दो वर्ष से भी कम समय में खाद्य प्रंसस्करण इकाई की स्थापना की गयी है. यहां प्रति वर्ष डेढ़ लाख टन आलू का प्रसंस्करण किया जाएगा. प्लाण्ट की स्थापना से 1500 लोगों को प्रत्यक्ष तथा बड़ी संख्या में लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.

दुग्ध विकास मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चैधरी ने कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में जनपद मथुरा में पर्यटन विकास, बिजली, सड़क आदि विभिन्न विकास कार्य सम्पन्न कराये गये हैं. मुख्यमंत्री जी के प्रयास से प्रदेश में पेप्सिको की इकाई स्थापित हुई है. इससे किसानों को लाभ होगा. साथ ही, युवाओं को रोजगार के अवसर भी सुलभ होंगे.

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रेसिडेण्ट पेप्सिको इण्डिया श्री अहमद अलशेख ने कहा कि मुख्यमंत्री जी द्वारा पेप्सिको इण्डिया के कोसी कलां, मथुरा फूड्स प्लाण्ट का उद्घाटन पेप्सिको के लिए गर्व का विषय है. राज्य सरकार के सहयोग से दो वर्ष से भी कम समय में इस प्लाण्ट को स्थापित कर प्रारम्भ कराया जा रहा है. यह पेप्सिको इण्डिया का भारत में स्थापित सबसे बड़ा खाद्य प्रसंस्करण प्लाण्ट है. सीईओ एएमईएसए पेप्सिको श्री यूजीन विलेम्सन ने भी कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित किया. कार्यक्रम के दौरान पेप्सिको द्वारा निर्मित एक लघु फिल्म ‘उन्नति की साझेदारी’ भी प्रदर्शित की गयी.

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आरकेतिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री अरविन्द कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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