यूपी चुनाव से पहले “आप” की मुफ्त बिजली के वादे पर कृषि मंत्री ने कसा तंज

घरेलू बिजली उपभोक्ता को मुफ्त बिजली देने का वादा कर यूपी विधानसभा चुनाव जोर-आजमाइश कर रही आम आदमी पार्टी को  कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आड़े हाथों लिया है. शाही ने कहा कि ‘केजरीवाल प्राइवेट लिमिटेड’ को यह तो मालूम ही है कि गरीबों, गांव में रहने वालों और किसानों का योगी सरकार ने कितना ध्यान रखा है.

योगी सरकार बिजली का मीटर रखने वाले  ग्रामीण उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 2.80 रुपए के और बगैर मीटर वालों को 4.07 रुपए की छूट शुरू से ही दे रही है. इसके अलावा एक किलोवाट लोड तक और 100 यूनिट की खपत तक के शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं को भी चार रुपए से अधिक प्रति यूनिट छूट मिलती है.

यही नहीं गांव में मीटर और बिना मीटर वाले कृषि उपभोक्ताओं  को तो छूट क्रमशः पांच रुपए और 6.32 रूपए है. इस तरह सरकार ग्यारह हजार करोड़ की सब्सिडी तो सिर्फ गरीब और किसानों के लिए देती है.

कृषि मंत्री ने तंज किया कि केजरीवाल के पास यूपी की जनता के लिए विकास का कोई मॉडल नहीं है. दिल्ली में अब तक यह पार्टी ने कोई ऐसा काम नहीं कर सकी जिसे वह अपना बता सके. ऐसे में “मुफ्तखोरी के लालच” को उसने चुनावी हथियार बनाया है.

उन्होंने कहा कि यूपी की योगी सरकार ने जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे, तहसील मुख्यालयों पर 20 घंटे और गांवों में 18 घंटे बिजली देने का वादा किया था और उसे पूरा किया.  यही नहीं, साढ़े चार साल  में यूपी के हर कोने को बिजली से रोशन कर दिया गया है. सौभाग्य योजना से 01 करोड़ 40 लाख घरों में बिजली आई है. चार साल पहले तक यूपी में बिजली आना अखबारों की सुर्खियां बनती थीं, आज अगर कभी बिजली कट जाए तो लोग हैरान होते हैं. यह होता है विकास, लेकिन ऐसे विकास के लिए जिस विजन की जरूरत होती है, वह न अरविंद केजरीवाल के पास है न मनीष सिसौदिया के पास. ऐसे में ले देकर मुफ्त बिजली देने का लालच ही उनके पास बचा है.

सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह की बेतुकी एवं घोषणाएं राजनीति को दूषित करते हैं, जो न केवल घातक है बल्कि एक बड़ी विसंगति भी है.

उत्तर प्रदेश में पेप्सिको इण्डिया फूड्स प्लांट्स

मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की सोच उसकी कार्य पद्धति में दिखाई देती है. सरकार की सकारात्मक सोच से निवेश बढ़ता है. निवेश से रोजगार सृजन होता है, जिससे आत्मनिर्भरता व स्वावलम्बन प्राप्त करने में मदद मिलती है. पेप्सिको द्वारा कोसी कलां में स्थापित इकाई इसी सकारात्मक सोच का परिणाम है. उन्हांेने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा कल 14 सितम्बर, 2021 को जनपद अलीगढ़ में उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर के अलीगढ़ नोड का शुभारम्भ किया गया था. इससे 1,250 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को जमीनी धरातल पर उतारने की कार्यवाही सम्पन्न हुई है. श्रीकृष्ण की पावन भूमि मथुरा के कोसी कलां में 800 करोड़ रुपए से अधिक की इस यूनिट का उद्घाटन सम्पन्न हुआ.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ब्रज भूमि के किसानों की वर्षाें से मांग थी कि उनके क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण की अत्याधुनिक इकाइयां स्थापित हों. प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीति के अन्तर्गत पेप्सिको ने कोसी कलां में निवेश किया है. आज पेप्सिको द्वारा स्थापित इकाई का उद्घाटन किया गया है. सरकार व निवेशक जब मिलकर सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ंेगे, तो इसके सकारात्मक परिणाम इसी रूप में सामने आएंगे. उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य सरकार और पेप्सिको की साझेदारी उन्नति, विश्वास तथा स्वावलम्बन की साझेदारी होने के साथ ही, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्पों को आगे बढ़ाने की भी साझेदारी होगी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए बनायी गयी नीतियों के तहत निवेशकों द्वारा राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है. यह निवेश किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन का आधार बन रहा है. साथ ही, इससे नौजवानों के लिए रोजगार का सृजन हो रहा है. 04 वर्ष पूर्व प्रदेश में आलू उत्पादक किसान संकट में था. ऐसी स्थिति में आलू उत्पादक किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार ने आलू का न्यून्तम समर्थन मूल्य घोषित किया, जिससे किसानों के सामने असहाय जैसी स्थिति पैदा न हो और उन्हें आलू का उचित मूल्य प्राप्त हो सके. पेप्सिको इण्डिया द्वारा स्थापित प्लाण्ट से इस क्षेत्र के किसानों को लाभ मिलेगा.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्हें अवगत कराया गया कि कोसी कलां में स्थापित फूड्स प्लाण्ट यूनिट के माध्यम से डेढ़ लाख मीट्रिक टन आलू का प्रति वर्ष प्रसंस्करण किया जाएगा.

पेप्सिको इण्डिया किसान भाइयों के साथ पहले से ही साझेदारी करते हुए उनके उत्पाद का उचित मूल्य प्रदान करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि कोसी कलां में स्थापित प्लाण्ट खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आलू उत्पादक किसानों की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा. इस खाद्य प्रसंस्करण इकाई से किसानों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए एक मंच मिला है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा खाद्यान्न उत्पादक राज्य है. प्रदेश मंे पर्याप्त जल संसाधन एवं उर्वरा भूमि मौजूद है. प्रदेश में किसानों की बड़ी संख्या एवं देश का सबसे बड़ा बाजार है. प्रदेश में 24 करोड़ जनता निवास करती है. साथ ही, यहां पर निवेश के लिए अनुकूल वातावरण भी है. ब्रज क्षेत्र में आगरा एवं अलीगढ़ मण्डलों के 08 जनपदों में बड़े पैमाने पर आलू उत्पादन होता है. इस यूनिट की स्थापना इस क्षेत्र के आलू उत्पादक किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ाने में सहायक होगी.

औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में औद्योगिक विकास के नये युग की शुरुआत हुई है. सरकार, किसानों और उद्यमियों के बीच विश्वास पैदा हुआ है. प्रदेश सरकार के सहयोग से पेप्सिको द्वारा कोसी कलां में दो वर्ष से भी कम समय में खाद्य प्रंसस्करण इकाई की स्थापना की गयी है. यहां प्रति वर्ष डेढ़ लाख टन आलू का प्रसंस्करण किया जाएगा. प्लाण्ट की स्थापना से 1500 लोगों को प्रत्यक्ष तथा बड़ी संख्या में लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.

दुग्ध विकास मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चैधरी ने कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में जनपद मथुरा में पर्यटन विकास, बिजली, सड़क आदि विभिन्न विकास कार्य सम्पन्न कराये गये हैं. मुख्यमंत्री जी के प्रयास से प्रदेश में पेप्सिको की इकाई स्थापित हुई है. इससे किसानों को लाभ होगा. साथ ही, युवाओं को रोजगार के अवसर भी सुलभ होंगे.

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रेसिडेण्ट पेप्सिको इण्डिया श्री अहमद अलशेख ने कहा कि मुख्यमंत्री जी द्वारा पेप्सिको इण्डिया के कोसी कलां, मथुरा फूड्स प्लाण्ट का उद्घाटन पेप्सिको के लिए गर्व का विषय है. राज्य सरकार के सहयोग से दो वर्ष से भी कम समय में इस प्लाण्ट को स्थापित कर प्रारम्भ कराया जा रहा है. यह पेप्सिको इण्डिया का भारत में स्थापित सबसे बड़ा खाद्य प्रसंस्करण प्लाण्ट है. सीईओ एएमईएसए पेप्सिको श्री यूजीन विलेम्सन ने भी कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित किया. कार्यक्रम के दौरान पेप्सिको द्वारा निर्मित एक लघु फिल्म ‘उन्नति की साझेदारी’ भी प्रदर्शित की गयी.

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आरकेतिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री अरविन्द कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

पीएम मोदी ने की सीएम योगी की तारीफ

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की सरकार में प्रदेश में वृहद टीकाकरण अभियान के तहत ‘सबका साथ, सबका विकास, सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन’ के मूल मंत्र पर टीकाकरण किया जा रहा है.

सबको मुफ्त वैक्सीन अभियान का आयोजन हो रहा है. ये बातें प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अलीगढ़ के संबोधन में कहीं. उन्‍होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक 8 करोड़ से अधिक वैक्सीन के साथ एक दिन में सबसे ज्यादा वैक्सीन लगाने का रिकॉर्ड भी उत्तर प्रदेश के ही नाम है.

यूपी ने टीकाकरण में दूसरे प्रदेशों को पीछे छोड़ते हुए रोजाना नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. महाराष्‍ट्र, दिल्‍ली, आंध्र प्रदेश, वेस्‍ट बंगाल समेत दूसरे कई राज्‍यों से आगे निकल आठ करोड़ 94 लाख से अधिक टीकाकरण की डोज दी हैं. यह आंकड़ा देश के दूसरे प्रदेशों से कहीं अधिक है. यूपी टीकाकरण के साथ ही सर्वाधिक जांच करने वाला प्रदेश है. ट्रिपल टी की रणनीति व टीकाकरण से यूपी में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर नियंत्रण में हैं. प्रदेश में वैक्‍सीन की पहली खुराक 7 करोड़ 42 लाख से अधिक और  वैक्‍सीन की दूसरी डोज 1 करोड़ 51 लाख से अधिक को दी जा चुकी है.

मजबूत इरादों से बदले हालात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश की जेलों को हमनें सुधारगृह के रूप में बदला है. यहां अपराधियों को सुधरने का अवसर दिया गया है लेकिन जेलों को अपराध का गढ़ या अपराधियों की मौज मस्ती का केंद्र नहीं बनने दिया है. एक दौर वह भी था जब सत्ता माफिया का शागिर्द बन उसके पीछे चलती थी, आज माफिया पर हमारी सरकार का बुलडोजर चलता है.

सीएम योगी ने संतकबीरनगर जिले में 126 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित जिला कारागार का लोकार्पण समेत कुल 245 करोड़ रुपये की लागत वाली 122 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करने के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार में माफिया को मिले सत्ता के संरक्षण पर जमकर निशाना साधा.

सुधरे नहीं तो हराम कर देंगे माफियाओं को जीना

सीएम योगी ने कहा कि माफिया के लिए हमारा संदेश बिलकुल स्पष्ट है. माफिया यदि गरीब, किसान, व्यापारी का जीना हराम करेगा तो हमारी सरकार उसका जीना हराम कर देगी. सरकार ने यह करके दिखाया भी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि संतकबीरनगर में जिला कारागार बन जाने से अब यहां के कैदियों को बस्ती नहीं भेजना पड़ेगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह कारागार सुधारगृह के रूप में आदर्श कारागार बनेगा.

पहले नौकरियां नीलाम होती थीं,अब ऐसा करने वालों के घर

मुख्यमंत्री ने कहा कि साढ़े चार साल पहले कैसी सरकार थी, इसे आप सभी जानते हैं. वंशवाद, भाई भतीजावाद, तुष्टिकरण से जनता के हित पर डकैती, गुंडागर्दी और दंगा ही प्रदेश की पहचान बन गई थी. नौजवानों की नौकरियों की नीलामी होती थी और गरीबों के निवाले की डकैती. नौकरियां पहले गिरवी रख दी जाती थीं. एक परिवार के लोग नौकरी के नाम पर वसूली करने निकल जाते थे. आज किसी ने नौकरी नीलाम करने की कोशिश भी की तो हम उसका घर नीलाम करवा देंगे.

योग्यता 4.5 लाख सरकारी नौकरियां, 90 हजार और आ रहीं

सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने नौजवानों को उनकी योग्यता के आधार पर 4.5 लाख सरकारी नौकरियां दी हैं. पूरी पारदर्शिता के साथ, कहीं भी सिफारिश नहीं, एक रुपये वसूली की शिकायत नहीं. उन्होंने कहा कि 90 हजार सरकारी नौकरियां और आ रही हैं.

प्रतियोगी परीक्षाओं में जुटे नौजवानों को देंगे भत्ता, टेबलेट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर नौजवानों के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से खजाना खोलने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना का प्रभाव है, उनकी सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे नौजवानों को वाहन किराया भत्ता व तैयारी भत्ता देने जा रही है. इसके अलावा वर्चुअली या फिजिकली तैयारी करने वाले, उच्च-तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा में अध्ययनरत नौजवानों को मुफ्त टैबलेट के साथ उन्हें डिजिटल असेस भी प्रदान किया जाएगा.

महिलाओं के सुरक्षा,सम्मान व स्वावलंबन पर सरकार का जोर

सीएम ने कहा कि उनकी सरकार का जोर महिलाओं की सुरक्षा के साथ उनके सम्मान और स्वावलंबन पर भी है. 30 हजार महिला पुलिसकर्मीयों की भर्ती इसी दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है. महिलाओं के हित में सरकार मिशन शक्ति, कन्या सुमंगला, निराश्रित महिलाओं को पेंशन जैसी अनेकानेक योजनाओं को निरंतर आगे बढ़ा रही है.

रेडीमेड गारमेंट का हब बन सकता है संतकबीरनगर

सीएम योगी आदित्यनाथ ने समारोह में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत पांच महिलाओं को टेलरिंग टूलकिट भी प्रदान किया. इसका जिक्र अपने संबोधन में करते हुए उन्होंने कहा कि यह टूलकिट महिलाओं के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप वोकल फॉर लोकल के मंत्र का अनुसरण करते हुए स्वरोजगार का मंच बन सकता है. सीएम ने कहा कि एक समय इस जिले का खलीलाबाद करघा और हथकरघा का बड़ा केंद्र हुआ करता था. ऐसे में यह रेडीमेड गारमेंट का हब क्यों नहीं बन सकता. अगर हम महिलाओं को आधुनिक सिलाई मशीन देकर उन्हें मार्केट से लिंक कर दें तो हर घर रेडीमेड गारमेंट बनने लगेगा. ऐसी स्थिति में रेडीमेड गारमेंट के उत्पादन के मामले में हम बांग्लादेश और वियतनाम को भी पीछे छोड़ सकते हैं.

बखिरा के बर्तन उद्योग को दिलाएंगे वैश्विक पहचान

मुख्यमंत्री ने संतकबीरनगर जिले के बखिरा के बर्तन उद्योग का भी प्रमुखता से उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि कभी इस जिले की पहचान बखिरा के बर्तनों से होती थी. पूर्व की सरकारों में इसे भुला दिया गया लेकिन हम बखिरा के बर्तन उद्योग को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं. यह स्थानीय स्तर पर नौजवानों व महिलाओं के लिए रोजगार का बड़ा माध्यम बनेगा.

संतकबीरनगर में पीपीपी मॉडल पर बनेगा मेडिकल कॉलेज

सीएम योगी ने कहा कि एक समय तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों से बहुत मौतें होती थीं. इलाज का सारा दारोमदार गोरखपुर के जर्जर बीआरडी मेडिकल कॉलेज पर होता था. लोगों को मजबूरन लखनऊ, दिल्ली या मुम्बई जाना पड़ता था. आज प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था हो रही है. गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज नए व बेहतरीन रूप में है. गोरखपुर में एम्स भी बनकर तैयार है जिसका उद्घाटन पीएम मोदी शीघ्र करेंगे. देवरिया, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, अयोध्या, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ को मेडिकल कॉलेज की सौगात दी गई है. प्रदेश में कोई भी जिला शेष नहीं रहेगा जहां मेडिकल कॉलेज न हो. मुख्यमंत्री ने एक बार फिर कहा कि संतकबीरनगर में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा.

हर बाढ़ पीड़ित को उपलब्ध कराई जा रही राहत किट

संतकबीरनगर में लोगों से मुखातिब सीएम योगी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के चलते आई बाढ़ का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार हर पीड़ित तक पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री का किट उपलब्ध करा रही है. साथ ही बाढ़ के कारण होने वाली बीमारी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक वेनम और एंटी रेबीज वैक्सिन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की वे हर बाढ़ पीड़ित तक राहत सामग्री पहुंचना सुनिश्चित करें.

सपा-बसपा शासन के दौरान कोरोनाकाल में केरल, दिल्ली जैसे होते यूपी के हालात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज यूपी में कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण है. पर सपा-बसपा का शासन होता तो कोरोनाकाल में यूपी के हालात केरल व दिल्ली जैसे खतरनाक होते. उन्होंने यूपी में कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जनता के अनुशासन, स्वास्थ्यकर्मियों, कोरोना वारियर्स, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व मीडिया की भूमिका की सराहना की.

अब विकास में किसी से पीछे नहीं रहेगा संतकबीरनगर

सीएम ने अपने संबोधन में लोगों को जिले की विकास परियोजनाओं से जोड़ते हुए कहा कि अब संतकबीरनगर विकास के पैमाने पर किसी भी जनपद से पीछे नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि बाबा तामेश्वरनाथ और महान सूफी संत संतकबीर की यह धरती 24 वर्ष से विकास की आस में थी. विकास के लिए राजनीतिक घोषणाएं तो होती थीं लेकिन उनका क्रियान्वयन नहीं होता था. योजनाएं ठेके पट्टे, भाई भतीजावाद के चक्कर में फंसकर रह जाती थीं. पर बीते साढ़े चार सालों में परिवर्तन आया है.

245 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं से जुड़ा यह कार्यक्रम प्रदर्शित करता है कि यह जिला अब विकास के नए प्रतिमानों को छुएगा. विकास जनता की आवश्यकता है और इससे ही हर व्यक्ति के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि दो वर्ष पूर्व मगहर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संतकबीर की साधना स्थली पर कबीरपीठ की स्थापना की थी, इसके लोकार्पण की शुभ तिथि भी अब आने वाली है.

कोरोना से निराश्रित बच्चों को प्यार-दुलार

कार्यक्रम में कोरोना से निराश्रित बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का स्वीकृति पत्र प्रदान करने के दौरान सीएम योगी ने बच्चों को खूब प्यार-दुलार दिया. उनसे उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा और सिर पर हाथ फेरकर आशीर्वाद दिया. सीएम ने कहा कि हर पीड़ित के साथ सरकार खड़ी है. निराश्रित बच्चों के अलावा कोरोना से निराश्रित हुई महिलाओं के लिए भी सरकार शीघ्र योजना ला रही है.

कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र का वितरण

समारोह के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लाभार्थियों, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना व शादी अनुदान योजना के लाभार्थियों तथा सामुदायिक शौचालयों का स्वच्छता प्रबंधन करने वाले स्वयं सहायता समूहों के केयर टेकर्स को मानदेय स्वीकृति पत्र का वितरण भी किया. कोविड 19 से मृतक सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने के साथ ही उन्होंने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लाभार्थियों को टूलकिट सौंपा. इस अवसर पर सीएम के हाथों सबमिशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन योजना के लाभार्थियों को चाबी का वितरण भी किया गया. समारोह में कारागार मंत्री जयकुमार सिंह जैकी, उद्यान एवं कृषि विपणन मंत्री श्रीराम चौहान, जिले के प्रभारी मंत्री व स्टाम्प पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल, सांसद प्रवीण निषाद, विधायक राकेश सिंह बघेल, दिग्विजय नारायण चौबे, दयाराम चौधरी आदि भी मौजूद रहे. आभार ज्ञापन अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने किया.

महिला सशक्तिकरण को विशेष महत्व

प्रदेश सरकार एक ओर अपनी योजनाओं से महिलाओं के मनोबल को बढ़ा रही है वहीं दूसरी ओर मिशन शक्ति जैसे वृहद अभियान से उनको सुरक्षा, सम्‍मान और स्‍वावलंबन का कवच प्रदान कर रही है. प्रदेश सरकार की दो योजनाओं से महिलाओं और बेटियों को लाभ मिल रहा है जिसमें पति की मृत्यु के बाद निराश्रित महिला पेंशन योजना और मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से महिलाओं और बेटियों को सीधे तौर पर मदद मिल रही है.

मिशन शक्ति अभियान के तहत इन दोनों योजनाओं से नए लाभार्थियों को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है. महिला कल्‍याण विभाग की ओर से स्‍वावलंबन कैंप कार्यक्रम का आयोजन कर नई महिलाओं बेटियों के आवेदनों को स्‍वीकार कर इस योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है. बता दें क‍ि म‍िशन शक्ति अभियान से प्रदेश की महिलाओं और बेटियों को योगी सरकार की योजनाओं की जानकारी संग उनको विभिन्‍न योजनाओं से जोड़ा जा रहा है.

महज एक साल में जुड़े 1.73 लाख पात्र नवीन लाभार्थी

पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत साल 2017 से 2021 तक पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत कुल 12.36 लाख नए लाभार्थी जुड़े हैं. वहीं साल 2021-22 में 1.73 लाख पात्र नवीन लाभार्थी जोड़े गए हैं. अब तक 29.68 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया जा चुका है. बता दें कि पात्र लाभार्थियों को 500 रुपए प्रतिमाह की दर से 04 तिमाही में पेंशन का भुगतान पीएफएमएस के जरिए से सीधे उनके बैंक खाते में किया जाता है. इसके साथ ही योजना के लिए लाभार्थी की आयु की अधिकतम सीमा को समाप्त करते हुए वार्षिक आय सीमा को बढ़ाकर 2.00 लाख कर दिया गया है.

कन्या सुमंगला योजना से संवर रहा बेटियों का भविष्‍य

प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने, बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को सुदृढ करने, बालिका के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने साथ ही बालिका के प्रति आम जन में सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने अप्रैल 2019 में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की शुरूआत की. इस योजना तहत अब तक 9.91 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है.

साढ़े चार वर्षाें में प्रदेश ने खाद्यान्न उत्पादन में बनाया नया रिकॉर्ड

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में देश ने सर्वांगीण विकास के नये प्रतिमान स्थापित किये हैं. कृषि एवं कृषि कल्याण के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ है. देश में पहली बार मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किये गये. न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत किसानों को लागत का डेढ़ गुना मूल्य प्रदान करने के साथ ही, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत किसानों को आर्थिक सहायता सुलभ करायी गयी. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना सहित विभिन्न योजनाएं प्रभावी ढंग से क्रियान्वित की गयीं.

मुख्यमंत्री जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के सम्बन्ध में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. वर्चुअल माध्यम से 03 चरणों में इस सम्मेलन का आयोजन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है. सम्मेलन को केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने भी सम्बोधित किया.

मुख्यमंत्री जी ने सम्मेलन के आयोजन के लिए केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तथा केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के प्रति आभार जताते हुए कहा कि इस आयोजन से राज्यों को कृषि एवं किसान कल्याण के सम्बन्ध में रणनीति बनाने में सहायता मिलेगी. इस प्रकार निर्मित रणनीति का सफल क्रियान्वयन करके प्रधानमंत्री जी के किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त किया जा सकेगा.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कृषि प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. विषम परिस्थितियों में भी कृषि और किसानों का कल्याण प्रदेश सरकार का मुख्य लक्ष्य है. कोविड-19 की वैश्विक महामारी देश के लिए चुनौतीपूर्ण रही है. स्वस्थ जीवन, व्यक्ति की सबसे बड़ी आवश्यकता है. समुचित पोषण एवं सुरक्षित भोजन वर्तमान परिवेश की सबसे बड़ी चुनौती है. कोविड कालखण्ड में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किसानों द्वारा अनाज, दलहन, तिलहन, सब्जी, फल, दूध आदि की प्रचुर उपलब्धता आमजन को सुनिश्चित करायी गई है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत लगभग साढ़े चार वर्षाें में प्रदेश ने खाद्यान्न उत्पादन में नया रिकॉर्ड स्थापित किया है. वर्ष 2012 से वर्ष 2017 की अवधि में प्रति वर्ष धान का औसत उत्पादन 139.40 लाख मीट्रिक टन था. वर्तमान सरकार के साढ़े चार वर्ष में यह औसत बढ़कर 163.45 लाख मीट्रिक टन हो गया. वर्ष 2012 से वर्ष 2017 की अवधि में धान की खरीद 123.61 लाख मीट्रिक टन रही. वर्तमान सरकार के साढ़े चार वर्ष में यह बढ़कर 214.56 लाख मीट्रिक टन हो गई. वर्ष 2012 से वर्ष 2017 की अवधि में 14,87,519 कृषकों को 17,119 करोड़ रुपए धान मूल्य का भुगतान हुआ. वर्तमान सरकार के साढ़े चार वर्ष की अवधि में 31,88,529 कृषकों को अब तक 37,885 करोड़ रुपए धान मूल्य का भुगतान किया जा चुका है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2012 से वर्ष 2017 की अवधि में गेहूं उत्पादन 288.14 लाख मीट्रिक टन था. वर्तमान सरकार के साढ़े चार वर्ष की अवधि में यह बढ़कर 369.47 लाख मीट्रिक टन हो गया है. वर्ष 2012 से वर्ष 2017 की अवधि में 94.38 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी. वर्तमान सरकार के साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में ही 209.67 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है. वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य 19,02,098 कृषकों को 12,808 करोड़ रुपए गेहूं मूल्य का भुगतान किया गया. वर्तमान सरकार के साढ़े चार वर्ष की अवधि में ही 43,75,574 कृषकों को 36,405 करोड़ रुपए गेहूं मूल्य का भुगतान किया जा चुका है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खरीफ फसलों की बुआई के समय डी0ए0पी0 उर्वरक की कीमतें अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में बढ़ने के कारण प्रति बोरी मूल्य 2400 रुपए हो गया था. प्रधानमंत्री जी द्वारा 500 रुपए अनुदान प्रति बोरी से बढ़ाकर 1200 रुपए प्रति बोरी कर दिया गया. इससे किसानों को पूर्व की भांति 1200 रुपए प्रति बोरी की दर पर पर्याप्त मात्रा में डी0ए0पी0 उपलब्ध हुई. खरीफ 2020-21 में 57 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 52.95 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की उपलब्धता कराते हुए 36.76 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण कराया गया है. दानेदार यूरिया के स्थान पर इफ्को द्वारा विकसित नैनो तरल यूरिया का कृषकों द्वारा उपयोग किए जाने के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गन्ना किसानों को वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक की अवधि में 95,215 करोड़ रुपए गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ. वर्तमान सरकार द्वारा 45.74 लाख गन्ना कृषकों को अब तक 1,42,366 करोड़ रुपए से अधिक का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है. वर्ष 2020-21 में कुल 21.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में कुल 1783.40 लाख मीट्रिक टन गन्ने का उत्पादन हुआ है, जो 818.07 कुन्तल प्रति हेक्टेयर है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माह जुलाई, 2021 तक प्रदेश में कुल 165.55 लाख किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण किया गया. वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य 239515.07 करोड़ रुपए का ऋण वितरण हुआ था, जबकि वर्तमान सरकार के साढ़े चार वर्ष में यह बढ़कर 471723.82 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है. इस प्रकार वर्तमान सरकार के कार्यकाल में फसली ऋण वितरण में पूर्व की सरकार के सापेक्ष 96.95 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्तमान सरकार द्वारा परम्परागत कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 36 जनपदों में 585 क्लस्टर के 11,700 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जैविक खेती कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है. प्राकृतिक खेती के क्रियान्वयन हेतु 35 जनपदों के 38,670 हे0 क्षेत्रफल की 03 वर्ष के लिए 197 करोड़ रुपए की कार्य योजना भारत सरकार को प्रेषित की गई है. नमामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत 3,309 क्लस्टर (66,180 हे0) स्थापित कर 1,03,442 कृषकों को लाभान्वित किया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा भारत सरकार द्वारा कृषि अवसंरचना निधि की स्थापना की गयी है, जिससे कृषक अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें. इस उद्देश्य को पूर्ण करने हेतु भारत सरकार द्वारा फार्मगेट एवं समेकन केन्द्र (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, किसान उत्पादन संगठन, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप, मण्डी समिति, एफ0पी0ओ0) के वित्त पोषण के लिए एक लाख करोड़ रुपए की वित्तीय सुविधा कृषि अवसंरचना निधि द्वारा प्रदान की गयी है. उन्होंने सुझाव दिया कि कृषि अवसंरचना निधि का पोर्टल अंग्रेजी भाषा में होने के कारण कृषकों को योजना समझने एवं आवेदन करने में कठिनाई हो रही है. अतः पोर्टल को हिन्दी भाषा में भी संचालित कराया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि योजना के अन्तर्गत प्रदेश के शेड्यूल कॉमर्शियल बैंकों को कुल 197 परियोजनाओं के आवेदन प्राप्त हुए, जिनकी लागत 218 करोड़ रुपये है. इन आवेदनों में से लगभग 20 करोड़ रुपए की 20 परियोजनाओं की स्वीकृति के बाद प्रथम किस्त वितरित की गई है. वर्तमान में सेण्ट्रल पी0एम0यू0 तथा विभिन्न शेड्यूल कॉमर्शियल बैंक के स्तर पर 74 आवेदन प्रक्रियाधीन हैं. इनकी परियोजना लागत 126 करोड़ रुपए है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कृषि अवस्थापना निधि के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के पैक्स को नाबार्ड की मल्टी सर्विस सेण्टर योजना के तहत लगभग 1,100 पैक्स के आवेदन पोर्टल पर प्राप्त हुए हैं. इनमें से नाबार्ड द्वारा 549 पैक्स के लगभग 120 करोड़ रुपए की डी0पी0आर0 स्वीकृत की गई है. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश द्वितीय स्थान पर है. लगभग 45 करोड़ रुपए की लागत के 250 पैक्स के प्रस्ताव स्वीकृत हैं. 170 पैक्स को, प्रति पैक्स 4.25 लाख रुपए की दर से, प्रथम किस्त के रूप में कुल 10 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी कृषक 250.09 लाख हैं. 165.55 लाख किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए जा चुके हैं.योजना के प्रारम्भ से वित्तीय वर्ष 2021-22 के माह अगस्त, 2021 तक 250.09 लाख कृषकों के बैंक खातों में कुल 32571.29 करोड़ रुपए की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से हस्तान्तरित की गई है. कुल 07 जनपदों में 100 प्रतिशत तथा 14 जनपदों में 90 प्रतिशत या उससे अधिक किसान क्रेडिट कार्डधारक कृषक हैं. 17 जनपदों में 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक तथा केवल 01 जनपद में 25 प्रतिशत से कम किसान क्रेडिट कार्डधारक कृषक हैं. इन जनपदों में अभियान चलाकर किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाने की कार्यवाही प्रगति पर है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माह जनवरी, 2020 तक कुल 111.13 लाख किसान क्रेडिट कार्ड बने थे, जबकि जुलाई, 2021 तक कुल 165.55 लाख किसान क्रेडिट कार्ड बन गए थे. इस प्रकार जनवरी, 2020 से जुलाई, 2021 तक की अल्प अवधि में ही कुल 54.42 लाख किसान क्रेडिट कार्ड बनाए गए हैं. कुछ जनपदों में किसान क्रेडिट कार्ड कम बनने का मुख्य कारण, कृषकों का अप्रवासी होना तथा छोटी जोत के कृषकों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड बनवाए जाने में रुचि न लेना है. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि पीएम किसान के लाभार्थियों का डाटाबेस तथा किसान क्रेडिट कार्ड का डाटाबेस भारत सरकार के पास है, यदि दोनों डाटा की मैचिंग राज्य सरकार को उपलब्ध करा दी जाए, तो किसान क्रेडिट कार्ड बनाने में गति आएगी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा देश के किसानों का एक डाटाबेस तैयार किए जाने की योजना है, जिसमें किसानों के कल्याण के लिए संचालित सभी योजनाओं को लिंक किया जाएगा, किसानों को समय-समय पर एडवाइजरी उपलब्ध करायी जाएगी तथा उनके उत्पादों के उचित विपणन की व्यवस्था की जाएगी. पायलट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के 03 जनपदों-मथुरा, मैनपुरी तथा हाथरस को सम्मिलित किया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तिलहनी फसलों के उत्पादन में वृद्धि हेतु भारत सरकार द्वारा पुरोनिधानित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (ऑयल सीड्स) योजना प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में संचालित है. कृषकों की आय में वृद्धि करने हेतु योजना के अन्तर्गत तिलहनी फसलों के मिनीकिट भारत सरकार द्वारा निःशुल्क प्रदान किए जाते हैं. वर्तमान वर्ष में खरीफ में 13,960 तिल एवं मूंगफली के बीज मिनीकिट कृषकों को निःशुल्क वितरित कराए जा चुके हैं. राई/सरसों एवं अलसी के 4,77,500 बीज मिनीकिट का वितरण कराया जाना प्रस्तावित है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गत वर्ष कुल तिलहनी फसलों (खरीफ व रबी) से 11.93 लाख हे0 भूमि आच्छादित की गई तथा कुल 12.71 लाख मीट्रिक टन तिलहनी फसलों का उत्पादन हुआ. वर्ष 2021-22 हेतु कुल तिलहनी फसलों से 13.68 लाख हे0 क्षेत्रफल को आच्छादित करने का लक्ष्य है तथा कुल 15 लाख मीट्रिक टन तिलहनी फसलों का उत्पादन सम्भावित है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड से प्रभावित होने के बावजूद वर्ष 2020-21 के दौरान प्रदेश से कृषि निर्यात 17,58,479.29 मीट्रिक टन रहा, जिसका मूल्य 2,389,89 मिलियन यू0एस0 डॉलर था. गत वर्ष 2019-20 में उत्तर प्रदेश से 15,15,784.59 मीट्रिक टन कृषि निर्यात, जिसका 2,227.87 मिलियन यू0एस0 डॉलर था. रुपए के सन्दर्भ में यह कीमत बढ़कर 17,699.12 करोड़ रुपए हो गई, जबकि गत वर्ष 2019-20 में 15,902.78 करोड़ रुपए थी. वित्तीय वर्ष 2020-21 में उत्तर प्रदेश से सर्वाधिक वृद्धि नॉन-बासमती चावल के निर्यात में रही. मात्रा के सन्दर्भ में यह वृद्धि 50.34 प्रतिशत बढ़कर 3,60,897.38 मीट्रिक टन हो गयी है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में यह निर्यात 24,0043.93 मीट्रिक टन था. रुपए के सन्दर्भ में यह बढ़कर 913.16 करोड़ रुपए हो गई है. वर्ष 2019-20 में 689.70 करोड़ रुपए का निर्यात हुआ था.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत सरकार की कृषि निर्यात नीति के सामंजस्य में प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2019 में अपनी राज्य कृषि निर्यात नीति अधिसूचित की गई है. इसका उद्देश्य राज्य से वर्ष 2019 के निर्यात से वर्ष 2024 तक कृषि निर्यात को दोगुना करना है. राज्य स्तर की निर्यात निगरानी समिति, मण्डल स्तरीय कृषि निर्यात निगरानी समिति और जिला स्तर पर क्लस्टर फैसिलिटेटिंग सेल बनाकर राज्य, मण्डल और जिला स्तर पर कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए संस्थागत तंत्र विकसित किया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 06 माह में कानपुर से गंगा जी के किनारे उत्पादित जामुन का मई-जून, 2021 में लगभग 5,000 किलोग्राम का प्रथम बार यूनाईटेड किंगडम को निर्यात किया गया है. जामुन निर्यात से किसानों को 35 रुपए से 40 रुपए प्रति किलोग्राम के स्थान पर लगभग 70 रुपए प्रति किलोग्राम प्राप्त हुआ है. प्रदेश में कृषि निर्यात हेतु दो पैक हाउस लखनऊ एवं सहारनपुर में स्थापित हैं. लखनऊ पैक हाउस का इण्टीग्रेटेड पैक हाउस के रूप में आधुनिकीकरण किया जा रहा है तथा अमरोहा एवं वाराणसी में नये पैक हाउस निर्मित किये जा रहे हैं.

यूपी ने कायम की मिसाल, वैक्सिनेशन छह करोड़ पार

यूपी ने कोरोना टीकाकरण में दूसरे प्रदेशों को पीछे छोड़ते हुए अपने  नाम एक नया रिकार्ड हासिल किया है. महाराष्‍ट्र, दिल्‍ली, आंध्र प्रदेश, वेस्‍ट बंगाल समेत दूसरे कई राज्‍यों से आगे निकल 6 करोड़ से अधिक टीकाकरण की डोज दी हैं. यह आंकड़ा देश के दूसरे प्रदेशों से कहीं अधिक है. यूपी टीकाकरण के साथ ही सर्वाधिक जांच करने वाला प्रदेश है. ट्रिपल टी की रणनीति व टीकाकरण से यूपी में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर नियंत्रण में हैं. प्रदेश में वृहद टीकाकरण अभियान के तहत ‘सबका साथ, सबका विकास, सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन’ के मूल मंत्र पर टीकाकरण किया जा रहा है.

प्रदेश में वैक्‍सीन की पहली खुराक 5 करोड़ 07 लाख से अधिक और 94 लाख से अधिक वैक्‍सीन की दूसरी डोज दी जा चुकी है. बता दें क‍ि मेगा वैक्सिनेशन में एक दिन में सर्वाधिक टीकाकरण कर यूपी देश के दूसरे प्रदेशों के समक्ष नज़ीर पेश कर चुका है. योगी सरकार ने मेगा वैक्सिनेशन ड्राइव के तहत एक दिन में 20 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया था जिसके सापेक्ष में यूपी ने 29.52 लाख लोगों का टीकाकरण किया था. जो एक दिन में किया गया अब तक का सर्वाधिक टीकाकरण था. एक दिन में अब तक सबसे अधिक वैक्‍सीन की डोज लगाकर योगी सरकार रिकार्ड बना चुकी है.

14 दिनों के अंदर एक करोड़ टीकाकरण कर अपने लक्ष्‍य के करीब पहुंचा यूपी

यूपी में टीकाकरण अभियान को गति देते हुए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में युद्धस्‍तर पर टीकाकरण किया जा रहा है. तीन अगस्‍त को यूपी ने पांच करोड़ टीकाकरण कर एक कीर्तिमान बनाया था वहीं महज 14 दिनों में एक करोड़ टीकाकरण कर यूपी ने छह करोड़ टीकाकरण कर अपने निर्धारित टीकाकरण लक्ष्‍य की ओर तेजी  से आगे बढ़ रहा है. 31 अगस्‍त तक 10 करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है. मिशन जून के तहत प्रदेश सरकार ने एक करोड़ लोगों को वैक्‍सीन की डोज लगाने का लक्ष्‍य निर्धारित किया था लेकिन प्रदेश में इससे कहीं अधिक एक करोड़ 29 हजार टीके की डोज दी गई.

यूपी ऐसे रहा महाराष्ट्र, दिल्ली और अन्य प्रदेशों से टीकाकरण में अव्वल

25 करोड़ के आबादी वाले उत्तर प्रदेश से देश के दूसरे प्रदेश टीकाकरण में कहीं पीछे हैं.  वेस्ट बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों में जहां काम आबादी होने के बावजूद टीकाकरण धीमी गति से चल रहा कहीं यूपी लगातार रिकॉर्ड बना रहा है. वेस्ट बंगाल में अब तक तीन करोड़ 47 लाख, केरल में दो करोड़ 47 लाख,महाराष्ट्र में पांच करोड़ 03 लाख, दिल्ली में एक करोड़ 17  लाख और तमिलनाडु दो करोड़ 72 लाख ही वैक्सिनेशन किया गया है.

सुविधाओं से लैस होगी एटीएस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में आतंकी गतिविधियों के प्रभावी रोकथाम के लिए बड़ी पहल की है. उन्होंने प्रदेश में पहली बार एक साथ एटीएस की 12 इकाइयों की स्थापना की संस्तुति की है. साथ ही एटीएस को और मजबूत करने के लिए प्रस्ताव मांगा है, आशा है कि जल्द ही एटीएस को और अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया जाएगा और समुचित मानव संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा.

प्रदेश के संवेदनशील 10 जिलों मेरठ, अलीगढ़, श्रावस्ती, बहराइच, ग्रेटर नोएडा (जेवर एयरपोर्ट), आजमगढ़ (निकट एयरपोर्ट), कानपुर, सोनभद्र, मीरजापुर और सहारनपुर के देवबंद में एटीएस इकाई/कमाण्डो ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा. इसके लिए संबंधित जिलों में भूमि आवंटित हो गई है और भवनों के निर्माण के लिए कार्यवाही चल रही है. इसके अलावा वाराणसी और झांसी में एटीएस इकाई की स्थापना के लिए जल्द ही भूमि आवंटन होने की संभावना है. शासन के निर्देशानुसार एटीएस को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बहराइच और श्रावस्ती में एटीएस की नई फील्ड यूनिट स्थापित की जा चुकी है और कार्य सुचारु रूप से चल रहा है.

एटीएस आतंकी मंसूबों पर फेर रहा पानी, राष्ट्र द्रोहियों को भेज रहा जेल

एटीएस ने विभिन्न आतंकवादी संगठनों आईएसआईएस, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जैश-ए-मोहम्मद, जेएमबी, आईएसआई जासूस, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई), नक्सल, टेरर फंडिंग, एबीटी/बांग्लादेश, बब्बर खालसा, जाली भारतीय मुद्रा आदि से सम्बन्धित 69 आतंकवादियों, विभिन्न अपराधों से संबंधित 216 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा मूक बधिर छात्रों, कमजोर आय वर्ग के लोगों को धन, नौकरी और शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाले सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा 16 जनवरी को एटीएस ने कूट रचित प्रपत्रों के आधार पर भारी मात्रा में फर्जी मोबाईल सिम एक्टीवेट कराने से संबंधित 18 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, जिसमें तीन चीनी नागरिक भी शामिल हैं. यह मामला आर्थिक घोटाले के साथ-साथ राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से जुड़ा है, जिसकी गहराई से जांच हो रही है.

खतरनाक ऑपरेशन के लिए स्पॉट की पांच टीमें और स्नाईपर्स की चार टोलियां तैयार

प्रदेश में एनएसजी की तरह खतरनाक ऑपरेशन को विशेषज्ञ तरीके से करने के लिए एटीएस के विशेष पुलिस संचालन दल (स्पॉट) का गठन 2017 में किया गया है. स्पॉट कर्मियों ने बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी आदि पुलिस के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण लिया है. स्पॉट की पांच टीमें तैयार हैं, दो टीमें प्रशिक्षण ले रही हैं और दो अन्य टीमों के लिए कार्यवाही चल रही है. इसके अलावा यूपी पुलिस की पहली स्नाईपर्स टीम की चार टोलियां तैयार की गई हैं, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने प्रशिक्षण दिया है. इसके बाद यूपी पुलिस की दक्षता और प्रभावशीलता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है.

सीएचसी और पीएचसी पर ही मिलेगा सस्ता एवं आधुनिक इलाज

सरकार एक बार फिर मुख्यमंत्री आरोग्य मेले की शुरुआत करने जा रही हैं. विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं.

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में योगी सरकार ने यह सुनिश्चित किया था कि प्रदेश में प्रत्येक रविवार को सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य योजना के तहत आरोग्य मेलों का आयोजन हो. उस समय मात्र छह-सात आरोग्य मेले ही सम्पन्न हो पाये थे, जिसके माध्यम से 30 लाख से अधिक लोगों ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त कीं. उसी दौरान वैश्विक महामारी कोरोना ने दस्तक दे दी. ऐसे में सरकार को यह कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा. अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री के ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट की प्रभावी नीति के नाते प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर लगभग नियंत्रण में है, सरकार लोगों को सस्ते और बेहतर इलाज की सुविधा देने के लिए फिर से मुख्यमंत्री आरोग्य मेले शुरू करने जा रही है.

विभागीय अधिकारियों को इस बावत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए जा चुके हैं. उम्मीद है कि कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के साथ व्यापक जनहित में एक बार फिर यह आयोजन शीघ्र ही शुरू होगा.

तमाम रोगों के नियंत्रण में मददगार बनेगा आयोजन

कोरोना को न्यूनतम स्तर पर लाने के बाद अन्य तमाम रोगों के नियंत्रण में यह आयोजन मददगार बनेगा. स्वास्थ्य विभाग इस विशेष अभियान की नोडल एजेंसी होगी. बाकी विभाग पहले की तरह ही इसमें सहयोग करेंगे. यह आयोजन न केवल लोगों के आरोग्य लाभ का जरिया बनेगा बल्कि उनको विभिन्न विषाणु जनित बीमारियों, खुले में शौच, गंदगी और प्रदूषित पानी से होने वाले रोगों के प्रति जागरूक करने का मंच भी बनेगा. मुख्यमंत्री आरोग्य मेले में स्वास्थ्य के साथ-साथ परिवार कल्याण, पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता, आयुष्मान कार्ड, मिशन इंद्रधनुष, खुशहाल परिवार दिवस और मातृत्व वंदना दिवस जैसे कार्यक्रमों के बारे में भी सविस्तार जानकारी दी जाएगी.

सबका बेहतर स्वास्थ्य सीएम योगी की सर्वोच्च प्राथमिकता

आम आदमी को भी पास में ही सस्ता और आधुनिक इलाज मिले, यह योगी आदित्यनाथ की बतौर सांसद भी प्रथमिकता रही है. गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज की बेहतरी, पूर्वांचल के मासूमों के लिए करीब चार दशकों से काल बनी इंसेफेलाइटिस के टीककरण, इलाज एवं इसकी जांच के लिए इंडियन वायरोलॉजिकल सेंटर पुणे से संबद्ध रीजनल सेंटर की स्थापना तथा गोरखपुर में एम्स के लिए सड़क से संसद तक संघर्ष, उनकी स्वास्थ्य के क्षेत्र में रुचि का प्रमाण है. इतना ही नहीं, अपने स्तर से उन्होंने गुरु श्रीगोरक्षनाथ अस्पताल की स्थापना कराकर पूर्वांचल की जनता को आधुनिक और सस्ती इलाज की सुविधा मुहैया कराई. इस अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सुविधा दूरदराज के गांवों में भी मिले, इसके लिए ब्लॉक स्तर पर जांच, इलाज और दवा वितरण के लिए निःशुल्क कैंप आयोजित किए गए. मुख्यमंत्री बनने के बाद भी यह सिलसिला जारी है.

वैक्‍सिनेशन में देश में यूपी बना नंबर वन

यूपी ने कोरोना टीकाकरण में दूसरे प्रदेशों को पीछे छोड़ते हुए अपने  नाम एक नया रिकार्ड हासिल किया है. महाराष्‍ट्र, दिल्‍ली, आंध्र प्रदेश, वेस्‍ट बंगाल समेत दूसरे कई राज्‍यों से आगे निकल 5 करोड़ 09 लाख से अधिक टीकाकरण की डोज दी हैं. यह आंकड़ा देश के दूसरे प्रदेशों से कहीं अधिक है. यूपी टीकाकरण के साथ ही सर्वाधिक जांच करने वाला प्रदेश है. ट्रिपल टी की रणनीति व टीकाकरण से यूपी में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर नियंत्रण में हैं. प्रदेश में वृहद टीकाकरण अभियान के तहत ‘सबका साथ, सबका विकास, सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन’ के मूल मंत्र पर टीकाकरण किया जा रहा है.

प्रदेश में वैक्‍सीन की पहली खुराक 4 करोड़ 28 लाख से अधिक और 80 लाख से अधिक वैक्‍सीन की दूसरी डोज दी जा चुकी है. मेगा वैक्सिनेशन के दिन मंगलवार को एक दिन में सर्वाधिक टीकाकरण कर यूपी ने देश के दूसरे प्रदेशों के समक्ष नज़ीर पेश की. योगी सरकार ने मेगा वैक्सिनेशन ड्राइव के तहत एक दिन में 20 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया था जिसके सापेक्ष में यूपी ने 23.94 लाख वैक्सीन डोज दिए गए जो एक दिन में किया गया अब तक का सर्वाधिक टीकाकरण है. एक दिन में अब सबसे अधिक वैक्‍सीन की डोज लगाकर योगी सरकार ने रिकार्ड बनाया है. बता दें कि इससे पहले बीते 24 जून को नौ लाख तीन हजार लोगों को वैक्‍सीन की डोज दी गई थी.

अगस्त के अंत तक 10 करोड़ लोगों को टीका लगाने का निर्धारित किया लक्ष्‍य

यूपी में टीकाकरण अभियान को गति देते हुए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में युद्धस्‍तर पर टीकाकरण किया जा रहा है. 31 अगस्‍त तक 10 करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है. मिशन जून के तहत प्रदेश सरकार ने एक करोड़ लोगों को वैक्‍सीन की डोज लगाने का लक्ष्‍य निर्धारित किया था लेकिन प्रदेश में इससे कहीं अधिक एक करोड़ 29 हजार टीके की डोज दी गई.

यूपी ऐसे रहा महाराष्ट्र, दिल्ली और अन्य प्रदेशों से अव्वल

25 करोड़ के आबादी वाले उत्तर प्रदेश से देश के दूसरे प्रदेश टीकाकरण में कहीं पीछे हैं.  वेस्ट बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों में जहां काम आबादी होने के बावजूद टीकाकरण धीमी गति से चल रहा कहीं यूपी लगातार रिकॉर्ड बना रहा है. वेस्ट बंगाल में अब तक तीन करोड़ छह लाख, केरल में दो करोड़ नौ लाख, महाराष्ट्र में चार करोड़ 52 लाख, दिल्ली में एक करोड़ दो लाख और तमिलनाडु दो करोड़ 38 लाख ही वैक्सिनेशन किया गया है.

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