कंडोम से सैक्स को मजेदार बनाएं : डॉक्टरी पर्ची की जरूरत नहीं

Sex News in Hindi: सुरेश को अपनी एक साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाना भारी पड़ेगा, यह उस ने सपने में भी नहीं सोचा था. दरअसल, उस साथी से सैक्स संबंध बनाते समय सुरेश ने कंडोम का इस्तेमाल नहीं किया था. कुछ दिनों बाद सुरेश को अपने अंग में जलन सी महसूस होने लगी. छोटेछोटे दाने भी निकल आए. डाक्टर ने बताया कि यह असुरक्षित यौन संबंध बनाने की वजह से हुआ है. वह कंडोम का इस्तेमाल कर के सैक्स का मजा उठाता तो बाद में उसे यह परेशानी नहीं होती.सबलोक क्लिनिक के यौन रोग विशेषज्ञ डाक्टर बिनोद सबलोक बताते हैं कि चाहे मर्द हो या औरत एचआईवी  समेत यौन संक्रामक रोगों को रोकने के लिए कंडोम एक आसान और बेहतर तरीका है. कंडोम न सिर्फ असुरक्षित गर्भधारण से, बल्कि यौन रोगों से भी शरीर की हिफाजत करता है.

शर्म क्यों

बाजार में आसानी से मिलने वाला कंडोम खरीदना अब शर्म वाली बात भी नहीं रही है. कंडोम खरीदने के लिए डाक्टर की परची की जरूरत भी नहीं होती है. इस की कीमत भी बहुत कम होती है. कई सरकारी व गैरसरकारी योजनाओं के तहत कंडोम मुफ्त में भी बांटे जाते हैं.

अब तो अलगअलग फ्लेवर व कई बनावटों में मिलने वाले कंडोम सैक्स संबंध बनाने के दौरान भरपूर मजा भी देते हैं.

कंडोम का इस्तेमाल कर खुले दिमाग से सैक्स का मजा लिया जा सकता है. अब तो बाजार में ऐसे भी कंडोम हैं जिन से लंबे समय तक सैक्स किया जा सकता है.

बेहतर साथी है कंडोम

कंडोम आप के लिए इस तरह एक बेहतर साथी साबित हो सकता है:

* यह बच्चा ठहरने से रोकने का सब से आसान और महफूज तरीका है.

* कंडोम का इस्तेमाल बिना किसी झिझक के कर सकते हैं.

* कोई साइड इफैक्ट नहीं होता.

* कंडोम यौन रोगों से बचाव में कारगर हथियार है.

ऐसे बढ़ाएं रोमांच

बाजार में वनीला, स्ट्राबेरी, केला, चौकलेट, बबलगम, कौफी वगैरह फ्लेवर में भी कंडोम मिलते हैं. मुंह से सैक्स के शौकीनों के लिए ये कंडोम सैक्स के दौरान ज्यादा मजा देते हैं और कोई बीमारी भी नहीं होती है.

जो लोग सैक्स का मजा लंबे समय यानी देर तक नहीं उठा पाते हैं उन के लिए लौंग लास्टिंग कंडोम इस्तेमाल करना बेहतर रहेगा.

सैक्स बनाएं मजेदार

अगर आप सैक्स का मजा उठाना चाहते हैं तो बाजार में डौटेड कंडोम भी आते हैं. डौटेड कंडोम में अपनी साथी का जोश बढ़ाने के लिए इस की बाहरी सतह पर बिंदीनुमा छोटेछोटे उभरे हुए दाने होते हैं. यह चिकनाई वाला होता है.

इन बातों पर ध्यान दें

* कंडोम खरीदते समय उस की ऐक्सपायरी डेट जरूर देख लें.

* ज्यादा तेजी से सैक्स का मजा उठाते समय कंडोम फट भी सकता है. इस का ध्यान रखें और कंडोम को तुरंत बदल दें.

* इस्तेमाल करने से पहले कंडोम के सामने वाले भाग को चुटकी से दबा कर हवा को बाहर निकाल दें, फिर धीरेधीरे अंग पर चढ़ाएं.

* कंडोम खरीदते समय दुकानदार से खुल कर बात करें. बात करते समय जरा भी न शरमाएं.

* सैक्स कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है. इस का जम कर मजा उठाएं, पर सावधानी और एहतियात भी बरतें.

पहले सेक्स करने के ये हैं फायदे

Sex Benefits in Hindi: आपको इस नए रिश्ते (Relation) में अभी कुछ ही महीने हुए हैं. अभी तक आप लोग एक दूसरे को ढंग से जान भी नहीं पाए हैं कि अचानक ही एक मुलाकात में आप दोनों की चर्चा इस दिशा में बढ़ जाती है कि पूर्व में आप दोनों के कितने रिश्ते रहे हैं. ना सिर्फ आपको अतीत में रहे आपकी गर्लफ्रेंड के बौयफ्रेंडों (Girlfriend-Boyfriend) की संख्या जानकर आश्चर्य होता है, आपकी साथी की प्रतिक्रिया भी आपके पुराने रिश्तों के बारे में जानकर कुछ अजीब ही होती है. कई बार देखा गया है कि जब भी कोई नया रिश्ता शुरू होता है तो दोनों ही साथियो के पूर्व में शारीरिक सम्बन्ध (Physical Relation) भी रहे होते हैं. फिर चाहे वो सम्बन्ध गंभीर रिश्तों के दौरान बने हो या फिर वो एक रात के रिश्ते हो.

ऐसा हो सकता है कि होने वाले साथी के पूर्व में रहे रिश्तों के बारे में जानना किसी के लिए कामोत्तेजक हो या फिर यह भी हो सकता है कि किसी को इस बारे में जानकर बिलकुल भी अच्छा नहीं लगे. लेकिन शोधकर्ता अभी भी निश्चित रूप से किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं कि स्पष्ट रूप से कह सकें कि आखिरकार अपने साथी के पूर्व में रहे रिश्तों के बारे में जानकर लोगों को कैसा लगता है.

सेक्स का अनुभव – कितना फायदेमंद?

यूके के शोधकर्ताओं के एक समूह ने इस बारे में जानने के लिए 18 से 35 साल के 188 युवाओं को इकठ्ठा किया. उन्हें कुछ काल्पनिक लोगों की एक सूची दी गयी जिनके पूर्व में शून्य से लेकर 60 तक या उससे ज्यादा रिश्ते रहे थे. फिर उनसे पूछा गया कि वो उन लोगों के साथ रिश्ता जोड़ने में कितने तैयार होंगे. उन्हें अपने जवाब में 1 से लेकर 9 तक अंक देने थे.

जो लंबे चलने वाले रिश्ते चाहते थे उनकी नजर में वो लोग पहली पसंद थे जिनके पूर्व में दो साथी रहे थे. ऐसे लोगों की औसतन उम्र 21 साल थी. जब सूचना को अलग तरीके से आयोजित किया गया तो यह साफ हो गया कि अधिक उम्र के सहभागियों की नजर में आदर्श साथी वो था जिसके पूर्व में दो से ज्यादा रिश्ते रहे थे.

लेकिन उम्र पर ध्यान दिए बिना गौर किया गया तो एक बात स्पष्ट हो गयी थी, खासकर यूके के नागरिकों के लिए. लोगों को यह तो अच्छा लगता है कि उनके संभावित साथी के पास थोड़ा बहुत यौनिक अनुभव हो, लेकिन अगर किसी के पूर्व में बहुत ज्यादा साथी रहे हों तो यह बात ज्यादातर लोगों को आकर्षित नहीं करती और यह अध्ययन में हिस्सा लेने आये पुरुषों और महिलाओं, दोनों के ही जवाबों से स्पष्ट थी.

लेकिन जब बात हो लघु अवधि के रोमांस के लिए साथी ढूंढने की तो पुरुष और महिलाओं के जवाबों में असमानता पायी गयी. पुरुषों को वो महिलाएं पसंद आयी जिनके पूर्व में दो से लेकर 10 साथी रहे हों, जबकि दूसरी और महिलाएं उन पुरुषों के साथ रिश्ता बनाने की इच्छुक थी जिनके पूर्व में दो से लेकर पांच महिलाओं के साथ शारीरिक सम्बंध रहे हों.

सेक्स और संस्कृति

तो पुरुषों और महिलाओं को दीर्घ-कालिक रिश्तों के लिए ऐसे साथी क्यों पसंद आते हैं जिनको सेक्स का बहुत ज्यादा नहीं, बस थोड़ा बहुत अनुभव हो?

शोधकर्ताओं का कहना था कि अध्ययन से निकले निष्कर्ष उन्हीं संस्कृतियों के लिए उपयुक्त होंगे जहाँ शादी से पहले सेक्स करना स्वीकार्य है. जाहिर सी बात है कि विश्व के उन हिस्सों में जहां शादी से पहले सेक्स को गलत समझा जाता है, वहां एक प्रतिबद्ध रिश्ते से पहले किसी भी प्रकार के यौनिक अनुभव का होना कतई वांछनीय नहीं है.

लेकिन शोधकर्ता यह भी कहते हैं कि ब्रिटैन जैसी कुछ उदार संस्कृतियों में बिलकुल भी यौन अनुभव नया होने का अर्थ यह निकाला जा सकता है कि शायद उस व्यक्ति में सामाजिक कौशल और रिश्तों की समझ की कमी है. अगर आपका अभी तक कोई बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड नहीं है तो हो सकता है कि आप में कोई कमी है!

इसके साथ-साथ कई बार यह भी देखा गया है कि लोग दूसरो के प्रति सिर्फ इसलिए आकर्षित हो जाते हैं क्योंकि और लोग भी उनकी तरफ आकर्षित हैं. इसे ‘मेट-चॉइस कोपयिन्ग’ का नाम दिया गया है. आपके पास यौन अनुभव है तो इसका मतलब है कि लोग आपको पसंद करते हैं और इसलिए किसी को आप अच्छे लग सकते हैं.

धोखेबाज?

संस्कृति चाहे कोई भी हो, शोधकर्ताओं को लगता है कि जिन लोगों के पूर्व में बहुत सारे प्रेमी रहे हैं, वो उन लोगों की पहली पसंद कभी नहीं बन पाते जो अपने साथी के साथ दीर्घ-कालिक रिश्ता बनाना चाहते हैं. शायद उन्हें यह लगता हो कि जिस व्यक्ति के इतने सारे साथी हो उससे यौन संक्रमण का खतरा हो सकता है. शोधकर्ता कहते हैं कि आंकड़ों पर नजर डालें तो जिस व्यक्ति के कई साथी रहे हों, उसके लिए किसी दीर्घकालिक रिश्ते में रहना या किसी रिश्ते में ईमानदार रहना मुश्किल हो सकता है.

पीरियड्स में भी सैक्स कर सकती हैं आप, बस रखें इन बातों का ध्यान

अमूमन कहा जाता है कि महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान सैक्स नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस से बहुत नुकसान हो सकता है, लेकिन यह एक मिथक है. दरअसल, महिलाओं में मासिक धर्म का होना एक प्राकृतिक शारीरिक प्रकिया है और ज्यादातर महिलाओं को यह पता नहीं होता है कि मासिक धर्म में क्या करें और क्या न करें. खासकर बात जब मासिक धर्म के दौरान सैक्स की हो. आमतौर पर हमारी यह धारणा होती है कि मासिक धर्म के दौरान सैक्स करना सही नहीं है, लेकिन क्या वास्तव में ऐसा है, आइए जानते हैं…

मासिक धर्म में हैं सैक्स के ये फायदे
अगर आप मासिक धर्म के दौरान सहवास करना चाहती हैं तो कर सकती हैं. अगर दोनों पार्टनर की रजामंदी हो सैक्स तो वैज्ञानिक रूप से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं है.

कुछ लोग तो मासिक धर्म के दौरान ही सहवास करना ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि उस दौरान महिला जननांग में गीलापन पहले से ही बना रहता है जिस से सैक्स करने में आसानी होती है.

मासिक धर्म में सैक्स करने से गर्भ ठहरने की आशंका न के बराबर रह जाती है. एक खास बात यह भी है कि मासिक धर्म में सैक्स के दौरान अगर किसी महिला को चरमसुख मिलता है तो उसे मासिक धर्म के दौरान होने वाले कमर और पेड़ू के दर्द से काफी आराम मिलता है.

मासिक धर्म में सैक्स से स्त्री और पुरुष दोनों को कोई नुकसान नहीं होता. लेकिन जो महिलाएं मलशुद्धि के लिए पानी की बजाय टिशू पेपर का इस्तेमाल करती हैं, उन के साथ मासिक धर्म में सैक्स करने से इंफैक्शन हो सकता है, क्योंकि मासिक के दौरान होने वाला रक्तस्राव गुदा द्वार के करीब होने की वजह से वहां बैक्टीरिया के बढ़ने की आशंका पैदा हो सकती है. इस से बचने के लिए ऐसी महिलाओं के साथ सैक्स करते समय कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए.

अगर आप के पार्टनर को मासिक धर्म के दौरान पेट या योनि में दर्द नहीं हो रहा हो और यदि आप के पार्टनर को कोई आपत्ति न हो तो मासिक धर्म के दौरान कंडोम के बिना भी सैक्स किया जा सकता है. इस से किसी तरह की बीमारी नहीं होती. लेकिन मासिक धर्म के दौरान यदि महिला को किसी तरह के इंफैक्शन की आशंका है, तो ऐसे में सेक्स कदापि नहीं करना चाहिए.

मासिक धर्म के समय सैक्स करने के लिए यौनांगों की साफसफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए. सैक्स के बाद शिश्न तथा योनि को ठीक तरह से पानी से धोना चाहिए. माइल्ड डिसइंफैक्टेड मैडिसिन मिला कर भी सप्ताह में 2 बार यौनांगों की सफाई करनी चाहिए.

जब पति ना लगाना चाहे कंडोम तो क्या करें

रीना और दिनेश की शादी को 3 महीने ही हुए हैं. उन की सेक्स लाइफ मस्त है बस एक ही दिक्कत है कि सेक्स के दौरान दिनेश को कंडोम का इस्तेमाल सिरदर्द लगता है, जबकि रीना ऐसा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती, जिस से वह समय से पहले गर्भवती हो जाए. वह कम से कम 2 साल तक मां नहीं बनना चाहती है.

इस बारे में रीना और दिनेश की खूब बातें हो चुकी है, बहस भी हो चुकी है पर दिनेश को रीना की समस्या समझ नहीं आ रही है या वह जानबूझ कर उस के अरमानों की अनदेखी कर रहा है.

ऐसा अकसर होता है कि सेक्स संबंधों में भी औरत को ही समझौता करना पड़ता है कि वही गर्भनिरोधक का कोई साधन इस्तेमाल करे, मर्द को तो खुला खेल चाहिए, किसी तरह की रुकावट न आए रात को बिस्तर पर.

लेकिन कंडोम केवल बच्चा रोकने के लिए ही नहीं बनाया गया है, बल्कि यह सेक्स संबंधों के दौरान होने वाली बीमारियों की भी रोकथाम करता है. एड्स जैसी जानलेवा बीमारी को यह कम कीमत की रबड़ की पतली दीवार पनपने से पहले ही रोक देती है. यह ठीक है कि बिना इस के इस्तेमाल से सेक्स का मजा शानदार रहता है पर यह है बड़े काम की चीज.

अब तो कई वैरायटी के कंडोम

कंडोम का बाजार बहुत बड़ा है और कौम्पिटिशन भी ज्यादा है इसलिए अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए कंडोम बनाने वाली कंपनियां पतले से पतले कंडोम बाजार में उतार रही हैं, ताकि उस के पहने जाने का अहसास ही न हो. इतना ही नहीं बाजार में तरह तरह के ऐसे कंडोम बिक रहे हैं जिन में डौट लगे होते हैं ताकि रगड़ का अनूठा अहसास हो.

इस के अलावा अब बाजार में अलग अलग फ्लेवर के कंडोम बिक रहे हैं जैसे स्ट्रौबेरी, बनाना, चौकलेट, वनीला, बबल गम कौफी और न जाने क्या क्या. पैकेट से इन के खुलते है माहौल में मस्त खुशबू घुल जाती है जिस से सेक्स करना और भी मादकता भरा हो जाता है.

अगर खुशबू वाले कंडोम न भाएं तो अन्फ्लेवर्ड, रिब्ड, लौन्ग लास्टिंग, बिग हेड, एक्स्ट्रा लुब्रिकेटेड, वार्म, अल्ट्रा थिन और एलोवेरा कंडोम भी बाजार में आप की राह देख रहे हैं.

सौ बात की बात, मर्दों को सेक्स संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल हौव्वा नहीं समझना चाहिए, बल्कि एक बार इस की आदत पड़ जाए तो यह सेक्स का समय भी बढ़ा देता और पत्नी खुश रहती है सो अलग.

अगर सुरक्षित होने के नजरिए से भी देखा जाए तो कंडोम का कोई बुरा असर नहीं पड़ता है. अगर कभी किसी कंडोम के इस्तेमाल से कोई एलर्जी हो तो माहिर डौक्टर की सलाह लें.

पोर्न के साइड इफैक्ट्स : हैं भी या नहीं?

24 साल की नेहा मल्टीनैशनल कंपनी में काम करती है. उसे काम के सिलसिले में विदेश जाना पड़ता है. वह अभी अविवाहित है. पोर्नोग्राफी के बारे में पूछे गए सवाल पर वह कहती है, ‘‘दूसरी लड़कियों का तो मुझे पता नहीं लेकिन मेरा जब मूड होता है, पोर्न मूवी देखती हूं. कई बार हम पार्टी भी करते हैं. नाइट पार्टी में अगर बौयज हैं तो कुछ न कुछ हो सकता है. ऐसे में मैं पार्टी से पहले पोर्न देखती हूं. मुझे इस में कोई बुराई नजर नहीं आती. यह मेरे जीवन का निजी हिस्सा है. मैं कभी किसी के साथ इस विषय पर कोई बात नहीं करती, अपनी सहेलियों से भी नहीं.’’

पोर्न आज के दौर में एक बड़ी इंडस्ट्री बन गया है, जिस का सालाना टर्नओवर अरबों डौलर का है. विश्व के अधिकतर लोगों ने कभी न कभी पोर्न फिल्में देखी होंगी. भारत में युवाओं में पोर्न देखने का चलन बढ़ता जा रहा है. इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत पिछले 2-3 वर्षों में सब से ज्यादा पोर्न देखने वाले देशों में 10वें से तीसरे स्थान पर आ गया है.

अति तो किसी भी चीज की बुरी होती है. पोर्न की लत किसी नशे की तरह है, जो आसानी से पीछा नहीं छोड़ती. पोर्न देखने में उतनी बुराई नहीं पर पोर्न का एडिक्शन होना बुरा होता है. यह सामाजिक, शारीरिक और मानसिक हर रूप में जीवन पर बुरा प्रभाव डालता है. एक रिसर्च में पाया गया कि जो व्यक्ति ज्यादा पोर्न फिल्में देखते हैं, उन का दिमाग सिकुड़ जाता है.

यदि व्यक्ति के दिमाग का स्ट्रेटम छोटा है तो उसे ज्यादा नुकसान हो सकता है. इसी अध्ययन में यह भी पता चला है कि पोर्न फिल्में देखने वाला व्यक्ति अपनी निजी जिंदगी में भी उसी तरह सैक्स करना चाहता है, लेकिन अकसर ऐसा हो नहीं पाता क्योंकि पोर्न फिल्मों को जानबूझ कर ज्यादा भड़काऊ और आकर्षक बनाया जाता है. वैसा करना आम आदमी के बस की बात नहीं. इस का नुकसान यह होता है कि व्यक्ति को कभी संतुष्टि नहीं मिल पाती. व्यक्ति के स्वभाव में क्रूरता और उग्रता आ जाती है जिस से वह चिड़चिड़ा हो जाता है.

पोर्न से दूर होते दोस्त और परिवार

नेहा ने बताया कि हम दोस्तों से भले ही हर बात शेयर करते हों पर यह नहीं बताते कि हम पोर्न देखते हैं. असल में पोर्न के शिकार युवा दोस्तों से दूरी बनाने लगते हैं. वे हमेशा नया पोर्न देखने का लिए प्रयासरत रहते हैं.

पोर्न न देखने का कारण बताते हुए शिविका कहती है, ‘‘पोर्न देखने से सैक्स की जानकारी होती है क्योंकि जिंदगी में सैक्स का काफी महत्त्व है. हमारे समाज में सैक्स पर खुल कर बात नहीं होती है. सैक्स में सावधानी और संयम की बहुत जरूरत है. पोर्न देखने वाले युवा एकाकी स्वभाव के होते हैं.’’

ऐसे युवा परिवार में भी अलगथलग रहने की कोशिश करते हैं. वे अपने पेरैंट्स से दूर होते जाते हैं. धीरेधीरे वे अपने भाईबहन से भी दूर होने लगते हैं. वे हमेशा एकांत की तलाश में रहते हैं. अब मोबाइल, लैपटौप और कंप्यूटर पर इस की सुविधा होने से पोर्न देखना आसान हो गया है. आज मोबाइल पर सब से ज्यादा पोर्न देखा जाता है. युवा अपने मोबाइल इसी कारण दूसरों से दूर रखते हैं. कई बार किसी को दूसरी फिल्में या फोटो भेजने की जगह पर पोर्न फिल्में गलती से चली जाती हैं जिस से इमेज खराब होती है.

सेहत और पढ़ाई पर प्रभाव   

युवावस्था कैरियर बनाने के लिहाज से सब से अहम होती है. इस दौरान युवाओं का पोर्न की तरफ आकर्षित होना कैरियर पर बुरा प्रभाव डालता है. मनोविज्ञानी बताते हैं कि इसे देखने वाले युवाओं का मन भटक  जाता है. वे हमेशा इस के प्रभाव में रहते हैं. ऐसे में उन का कैरियर खराब हो जाता है. आमिर खान की फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ में यह दिखाया गया है कि साथी अपने ही दोस्तों का ध्यान पढ़ाई से हटाने के लिए होस्टल में उन्हें पोर्न किताबें दे देते थे जिस से साथी के नंबर कम आएं या वह फेल हो जाए.

पोर्न देखने वाले ज्यादातर युवा अप्राकृतिक सैक्स के आदी हो जाते हैं. वैसे मैडिकली यह बुरा नहीं है पर अगर सही तरह और हाईजीन का ध्यान रख कर नहीं किया जाएगा तो यह हैल्थ की नजर से खराब होता है.

सैक्स जीवन पर असर

लगातार पोर्न देखने से व्यक्ति अपने पार्टनर से वैसी ही उम्मीद रखने लगता है जैसा पोर्न फिल्मों में दिखाया जाता है लेकिन इसे हकीकत में उतारना मुमकिन नहीं होता. इस का नुकसान यह होता है कि व्यक्ति का अपने पार्टनर के प्रति अलगाव पैदा होने लगता है. जब लड़कियां ऐसे पोर्न देखती हैं और शादी के बाद उन्हें ऐसे हालात नहीं मिलते तो उन का वैवाहिक जीवन खराब होने लगता है.

पोर्न देखने से सैक्स को ले कर विकृत नजरिया बन जाता है. शादी के बाद तमाम लड़कियों को यह शिकायत होती है कि उन के पति ने अप्राकृतिक सैक्स की डिमांड की या जोरजबरदस्ती की. औक्सिटौसिन दिमाग में पाया जाने वाला एक शक्तिशाली हार्मोन है जिसे ‘लव हार्मोन’ भी कहा जाता है. यह हार्मोन पुरुष और महिलाओं दोनों को बंधन में बांधने में मदद करता है. अगर सैक्स पोर्न फिल्मों की तरह किया जाए तो यह हार्मोन काम नहीं करता जिस का असर रिश्तों पर पड़ता है.

सैक्स को पोर्न फिल्मों की तरह करने वाले व्यक्ति फोरप्ले ठीक ढंग से नहीं कर पाते. फोरप्ले के दौरान जोड़े चरम सुख लेते हैं जिस से उन में काफी निकटता आती है पर पोर्न वाली मानसिकता के कारण यह कहीं खो जाती है.

कुछ लोग उत्तेजित होने के लिए पोर्न का सहारा लेने लगते हैं और धीरेधीरे यह उन की आदत बन जाती है. इस का नुकसान यह होता है कि व्यक्ति प्राकृतिक तौर पर उत्तेजित होने में नाकाम होने लगता है जिस का आगे चल कर नुकसान होता है. अवैध संबंधों के लिए पोर्न काफी हद तक जिम्मेदार है. ज्यादा पोर्न देखने वाले लोग अकसर किसी के साथ अवैध संबंध बनाने के बारे में सोचते रहते हैं जो समाज के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो रहा है और कई बार मर्यादा तारतार होने की भी आशंका रहती है. पोर्न देखने का यह सब से बड़ा नुकसान है.

सैक्स लाइफ बनाएं कमाल, पत्नी होगी खुशहाल

विवेक कई दिनों से अपनी पत्नी आशु के साथ अंतरंग संबंध बनाना चाह रहा था, पर आशु कोई न कोई बहाना बना कर टाल देती. रोज की नानुकर से तंग आ कर एक दिन आखिर विवेक ने झल्लाते हुए आशु से कहा कि आशु, तुम्हें क्या हो गया है? मैं जब भी तुम्हें प्यार करना चाहूं, तुम कोई न कोई बहाना बना कर टाल देती हो. कम से कम खुल कर तो बताओ कि आखिर बात क्या है?

यह सुन कर आशु रोते हुए बोली कि ये सब करने का उस का मन नहीं करता और वैसे भी बच्चे तो हो ही गए हैं. अब इस सब की क्या जरूरत है?

यह सुन कर विवेक हैरान रह गया कि उस की बीवी की रुचि अंतरंग संबंध में बिलकुल खत्म हो गई है. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसा क्यों हो गया जबकि उस की पत्नी पहले इस सब में बहुत रुचि लेती थी?

यह परेशानी सिर्फ विवेक की ही नहीं है, बल्कि ऐसे बहुत से पति हैं, जो मिडिल ऐज में आने पर या बच्चों के हो जाने पर इस तरह की समस्याओं से जूझते हैं.

कम क्यों हो जाती है दिलचस्पी

सैक्सोलौजिस्ट डा. बीर सिंह का कहना है कि कई बार पतिपत्नी के बीच प्यार में कोई कमी नहीं होती है, फिर भी उन के बीच सैक्स को ले कर समस्या खड़ी हो जाती है. विवाह के शुरू के बरसों में पतिपत्नी के बीच सैक्स संबंधों में जो गरमाहट होती है, वह धीरेधीरे कम हो जाती है. घरेलू जिम्मेदारियां बढ़ने के कारण सैक्स को ले कर उदासीनता आ जाती है. इस की वजह से आपस में दूरी बढ़ने लगती है.

इस समस्या से बाहर आने के लिए पतिपत्नी को एकदूसरे से अपने सैक्स अनुभव शेयर करने चाहिए. अपनी सैक्स अपेक्षाओं पर खुल कर बात करनी चाहिए. इस के अलावा उन कारणों को भी ढूंढ़ें जिन की वजह से साथी सैक्स में रुचि नहीं लेता, फिर उन्हें दूर करने की कोशिश करें. ये कारण हर कपल के अलगअलग होंगे. आप को बस उन्हें दूर करना है, तब आप की सैक्स लाइफ फिर से पहले जैसी खुशहाल हो जाएगी.

यह भी एक कारण

उम्र बढ़ने के साथसाथ एक स्त्री कामक्रीड़ा में पहले जैसी दिलचस्पी क्यों नहीं लेती है? अमेरिका में चिकित्सकों और शोधकर्ताओं की पूरी टीम इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने में जुट गई. इस में एक अहम जानकारी सामने आई, जो निश्चित तौर पर एक स्त्री की सैक्स संबंधी दिलचस्पी की पड़ताल करती है. दरअसल, यह सवाल स्त्री की उम्र और सैक्स के रिश्ते से जुड़ा है. कई लोग मानते हैं कि स्त्री की उम्र उस की सैक्स संबंधी दिलचस्पी पर काफी असर डालती है. यह माना जाता है कि उम्र बढ़ने के साथसाथ एक स्त्री कामक्रीड़ा में पहले जैसी दिलचस्पी नहीं लेती.

हालांकि शोध से यह बात साफ हो गई कि मध्य आयुवर्ग की महिलाओं में संभोग के प्रति दिलचस्पी होना अथवा न होना सिर्फ बढ़ती उम्र पर निर्भर नहीं करता. यह इस बात पर निर्भर करता है कि उन के लाइफपार्टनर का स्वास्थ्य कैसा है? और सैक्स संबंधी गतिविधियों में वे कितनी रुचि लेते हैं.

भावनात्मक कारण

आम धारणा के विपरीत शोध में यह पाया गया कि मध्य आयु में भी महिलाएं न सिर्फ सैक्सुअली सक्रिय होती हैं, बल्कि कई मामलों में उन की दिलचस्पी बढ़ती हुई नजर आई. शोध के दौरान जब यह जानने की कोशिश की गई कि जो महिलाएं सैक्स में सक्रिय नहीं हैं उस के पीछे क्या वजह है तो पता चला कि कई भावनात्मक कारणों से उन की सैक्स और अपने पार्टनर में दिलचस्पी खत्म हो चुकी होती है. पार्टनर में दिलचस्पी घटना या किसी प्रकार की अक्षमता का सीधा असर महिलाओं की यौन सक्रियता पर पड़ता है. ऐसी भी महिलाएं हैं, जिन की सैक्स में दिलचस्पी खत्म होने की और भी वजहें हैं. मगर उन की संख्या कम है.

उम्र से नहीं है कोई संबंध

इस शोध में मध्य आयुवर्ग की सैक्स संबंधी हर दिलचस्पी को शामिल किया गया था, जिस में हस्तमैथुन भी शामिल था. शोध के दौरान महिलाओं का एक बड़ा वर्ग सैक्सुअल ऐक्टिविटीज में उम्र बढ़ने के साथ ज्यादा सक्रिय होता पाया गया. शोध से यह स्पष्ट सामने आया कि किसी भी स्त्री की सैक्स संबंधी सक्रियता का उस की उम्र से कोई सीधा संबंध नहीं है. इस आधार पर मनोवैज्ञानिकों और सैक्स सलाहकारों ने कुछ कारण और सुझाव भी रखे:

– ध्यान दें कि आप का पार्टनर किसी दवा के साइड इफैक्ट की वजह से भी सैक्स में दिलचस्पी खो सकता है. यदि ऐसा है तो डाक्टर से सलाह लें.

– कई महिलाएं मानसिक दबाव के चलते भी सैक्स में रुचि नहीं लेतीं.

– बच्चों में ज्यादा व्यस्त हो जाने और सामाजिक मान्यताओं के चलते महिलाओं को लगता है कि सैक्स में बहुत दिलचस्पी लेना उचित नहीं है.

– कई बार बच्चों के हो जाने के बाद महिलाएं अपने शरीर को ले कर असहज हो जाती हैं और हीनभावना का शिकार हो जाती हैं. इस के चलते भी वे सैक्स से जी चुराने लगती हैं.

– बढ़ती उम्र में घरपरिवार और कामकाज की बढ़ती जिम्मेदारियों के कारण वे थकने लगती हैं और सैक्स के लिए उन में पर्याप्त ऐनर्जी नहीं बचती.

– कई महिलाएं अपने पति के साथ एकांत चाहती हैं और ऐसा न होने पर सैक्स के प्रति उन की रुचि घटने लगती है.

– अगर पतिपत्नी के बीच तनाव रहता है और रिश्ता आपस में सही नहीं है तो इस से भी सैक्स लाइफ पर विपरीत असर पड़ता है.

गाइनोकोलौजिस्ट डाक्टर अंजली वैश के अनुसार कुछ बीमारियां भी होती हैं, जिन की वजह से सैक्स में रुचि कम हो जाती है. ड्रग्स, शराब, धूम्रपान का सेवन करने से भी सैक्स में रुचि कम हो जाती है, डाइबिटीज की बीमारी भी महिलाओं में सैक्स ड्राइव को घटाती है, गर्भावस्था के दौरान और उस के बाद हारमोन चेंज के कारण सैक्स में महिला कम रुचि लेती है, अगर डिप्रैशन की समस्या हो तो हर समय अवसाद में डूबी रहती हैं. वे ऊटपटांग बातें सोचने में ही अपनी सारी ऐनर्जी लगा देती हैं. सैक्स के बारे में सोचने का टाइम ही नहीं मिलता है.

कई महिलाएं बहुत मोटी हो जाती हैं. मोटापे के कारण सैक्स करने में उन्हें काफी दिक्कत होती है. अत: वे सैक्स से बचने लगती हैं.

दवा भी कम जिम्मेदार नहीं

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, कई ऐसी दवाएं हैं जिन से सैक्स लाइफ पर असर पड़ता है. सैक्स के लिए जरूरी हारमोंस शरीर की जरूरत व संदेशों को मस्तिष्क तक पहुंचाने वाले तत्त्व डोपामाइन व सैरोटोनिन और सैक्स अंगों के बीच तालमेल बहुत जरूरी होता है. डोपामाइन सैक्स क्रिया को बढ़ाता है और सैरोटोनिन उसे कम करता है. जब दवाएं इन हारमोंस के स्तर में बदलाव लाती हैं तो कामेच्छा में कमी आती है. पेनकिलर, अस्थमा, अल्सर की दवा, हाई ब्लडप्रैशर और हारमोन संबंधी दवा से कामेच्छा में कमी हो सकती है.

मगर यह जरूरी नहीं कि आप की सैक्स लाइफ में अरुचि सिर्फ दवा की वजह से ही हो. इसलिए अगर आप को अपनी सैक्स लाइफ में बदलाव महसूस हो रहा है, तो दवा बंद करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें.

सैक्स में रुचि कैसे पैदा करें

सैक्स में जरूरी है मसाज: जब आप पार्टनर के नाजुक अंगों पर हाथों से हौलेहौले तेल लगा कर मसाज करेंगे तो यह उस के लिए बिलकुल नया अनुभव होगा. तेल आप के और पार्टनर के बीच जो घर्षण पैदा करता है उस से प्यार में बढ़ोतरी होती है और सैक्स की इच्छा जाग उठती है. मसाज एक ऐसी थेरैपी है, जिस से न सिर्फ शरीर को आराम मिलता है, बल्कि अपनी बोरिंग सैक्स लाइफ को भी फिर से पहले जैसी बना सकती हैं.

ऐक्सपैरिमैंट कर सकते हैं: अगर आप का पार्टनर सैक्सुअल ऐक्सपैरिमैंट नहीं करता है या ऐक्सपैरिमैंट करने से बचता है तो फेंटैसी की दुनिया में आप का स्वागत है. अगर आप सैक्स के बारे में अच्छी फेंटैसी कर सकती हैं तो अपने बैडरूम से बाहर निकले बिना आप अपने पार्टनर के साथ जंगल में मंगल कर सकती हैं. आप अपने पार्टनर के साथ जो चाहती हैं उसे फेंटैसी के जरीए महसूस करिए. आप की अपने पार्टनर से सारी शिकायतें दूर हो जाएंगी, क्योंकि आप का पार्टनर आप को खयालों में जो मिल गया है.

बारबार हनीमून मनाएं: सैक्स संबंधों में बोरियत न हो, इस के लिए पतिपत्नी को चाहिए कि हर साल वे हनीमून पर जाएं और इसे वे आपस में घूमने जाना न कह कर हनीमून पर जाना कहें. इस से उन के बीच ऐक्साइटमैंट बना रहता है. जब हनीमून पर जाएं तो एकदूसरे को वहां पहली बार बिताए लमहे याद दिलाएं. इस तरह घूमने और हनीमून के बारे में बात करने पर सैक्स संबंधों की याददाश्त ताजा हो जाएगी.

सैक्स में नयापन लाएं: कहीं ऐसा तो नहीं कि आप के सैक्स करने का एक ही तरीका हो और उस तरीके से आप की पत्नी बोर हो गई हो? अत: उस से इस विषय पर बात करें और सैक्स करने के परंपरागत तरीके छोड़ कर नएनए तरीके अपनाएं. इस से सैक्स संबंधों में एक नयापन आ जाएगा.

अपने साथी को समय दें: शादी के कुछ सालों बाद कुछ जोड़ों को लगता है कि सहवास में उन की रुचि कम होती जा रही है. सहवास उन्हें एक डेली रूटीन जैसा उबाऊ कार्य लगता है. इसलिए सहवास को डेली रूटीन की तरह न लें, बल्कि उसे पूरी तरह ऐंजौय करें. रोज करने के बजाय हफ्ते में भले ही 1 बार करें लेकिन उसे खुल कर जीएं और अपने पार्टनर को एहसास दिलाएं कि ऐसा करना और उस के साथ होना आप के लिए कितना खास है.

सैक्स ऐसा जिसे दोनों ऐंजौय करें: सिर्फ आप अपने मन की बात ही पार्टनर पर न थोपते रहें, बल्कि सैक्स में उस की इच्छा भी जानें और उस का सम्मान करें. जिन तरीकों में आप दोनों कंफर्टेबल हों और ऐंजौय कर सकें, उन्हें अपनाएं.

नियमित करें सैक्स: यह सच है कि तनाव और थकान का पतिपत्नी के यौन जीवन पर बुरा असर पड़ता है. मगर वहीं यह भी सच है कि सैक्स ही आप के जीवन में पैदा होने वाले दबावों और परेशानियों से जूझने का टौनिक बनता है. इसलिए कोशिश करें कि सप्ताह में कम से कम 3 बार संबंध जरूर बनाएं. इस से सैक्स लाइफ में मधुरता बनी रहेगी.

एकदूसरे के प्रति प्यार को बढ़ावा दें : अधिकतर जोड़ों के शादी के बाद कुछ सालों तक संबंध अच्छे रहते हैं, लेकिन जैसेजैसे समय बीतता जाता है वैसे काम व अन्य कारणों से उन के बीच दूरी बढ़ती जाती है, जिस से उन्हें आपस में प्यार करने का मौका नहीं मिलता. इस से उन के बीच सैक्स संबंधों में खटास आने लगती है. वैवाहिक जीवन में उत्पन्न हुई इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए आवश्यक है कि पतिपत्नी आपस में बातचीत करने के लिए कुछ समय निकालें. एकदूसरे से अच्छी बातें करें और एकदूसरे की बातों को सुनें, शिकायतों को दूर करने की कोशिश करें. एकदूसरे का सम्मान करें, इस से सैक्स लाइफ भी काफी बेहतर होगी.

पहल करें: अकसर महिलाएं सैक्स के लिए पहल करने में हिचकिचाती हैं, इसलिए आप द्वारा पहल करने में कोई बुराई नहीं है, बल्कि आप का पहल करना महिला को सुखद एहसास में डुबो देता है. यदि बच्चे छोटे हैं तो सैक्स लाइफ में मुश्किलें तो आती ही हैं और महिलाएं इतनी खुली व रिलैक्स भी नहीं रह पातीं. ऐसे में बच्चों के सोने का इंतजार करने से अच्छा है कि जब मौका मिले प्यार में खो जाएं.

फिटनैस का भी खयाल रखें: अच्छी सैक्स लाइफ के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से फिट रहना भी जरूरी है. इस के लिए बैलेंस्ड डाइट लें. थोड़ीबहुत ऐक्सरसाइज करें. भरपूर नींद लें. सिगरेट, शराब का सेवन न करें.

कल्पना करें: अगर आप को सैक्स करते समय किसी और पुरुष की या फिर किसी बौलीवुड ऐक्टर आदि की कल्पना उत्तेजित करती है और सैक्स का आनंद बढ़ाती है तो ऐसा करें. इस के लिए मन में किसी तरह का अपराधबोध न आने दें. ऐसा करना गलत नहीं है क्योंकि सब का सैक्स करने और उस के बारे में सोचने का तरीका अलग होता है.

फ्रैश मूड में आनंद उठाएं: अगर पतिपत्नी दोनों वर्किंग हैं, व्यस्त हैं, रात को देर से आते हैं, तो उन की सैक्स लाइफ न के बराबर होती है और महिला ऐसे में इसे बोझ की तरह लेती है. इसलिए अगर वह थकी हुई है तो जबरदस्ती न करें. सुबह उठ कर फ्रैश मूड में सैक्स का आनंद उठाएं.

गंदी बातें अच्छी हैं: सैक्स के लिए मूड बनाने के लिए कुछ भी किया जा सकता है. आप को लगता है कि कहीं आप की डर्टी टौक्स और डार्क फेंटैसी सुन कर पार्टनर का मूड न बिगड़ जाए, इसलिए आप चाहते हुए भी उन से यह सब शेयर नहीं करते हैं तो जान लें कि ऐसा नहीं है. सच तो यह है कि हर लड़की अपने पार्टनर से ऐसी बातें सुनने के लिए बेकरार रहती है. इसलिए बेझिझक उन से ऐसी बातें करें. जैसे ही आप की बातें शुरू होंगी उन की बेचैनी भी बढ़ती जाएगी.

सैक्स लाइफ का अंत नहीं है बच्चे का आना

अगर आप का मानना है कि बच्चे के आने के बाद सैक्स लाइफ खत्म हो जाती है तो जरा रुकिए. दुनिया भर में हो रही स्टडी के मुताबिक मां बनने के कुछ समय बाद कामेच्छा स्वाभाविक रूप से लौट आती है. आमतौर पर बच्चे के जन्म के 6 हफ्ते बाद डाक्टर महिलाओं को सैक्स संबंध बनाने की इजाजत दे देते हैं. लेकिन इतने समय में भी सब महिलाएं सहज नहीं हो पातीं. कई महिलाओं की सैक्स संबंध इच्छा को लौटने में साल भर तक का समय लग जाता है. शुरू में अंतरंग पलों के लिए समय निकालना मुश्किल होता है. लेकिन धीरेधीरे गाड़ी ट्रैक पर लौटने लगती है, इसलिए बच्चे का होना सैक्स पर पूर्णविराम नहीं है, बल्कि एक नई शुरुआत है.

रिसर्च बताती है कि बच्चों के जन्म के बाद क्लाइमैक्स की तीव्रता बढ़ जाती है. इस का कारण है नर्व एंडिंग का ज्यादा सैंसिटिव होना.

बनाएं पत्नी का मूड ऐसे

– महिलाओं की पीठ काफी सैंसिटिव होती है. थोड़ा सा अंधेरा कीजिए, म्यूजिक प्ले कीजिए और पत्नी की पीठ पर हौलेहौले हाथ फिराते हुए मसाज कीजिए. फिर आगे का जादू खुद ही चल जाएगा.

– पार्टनर के कानों से खेलिए और हौले से कुछ कहिए. एकदम से यह न कहें कि आप का करने का मन है.

– गले में गुदगुदी कीजिए. देखिएगा कुछ ही देर में पत्नी आंहें भर रही होगी.

– फुट मसाज दीजिए. पत्नी के पैरों को सहलाते हुए बताएं कि आप उन से कितना प्यार करते हैं. बस वह एकदम से आप को बांहों में भर लेगी और उस के लिए पत्नी का तुरंत मूड बन जाएगा.

जब लड़की बोल दे ‘परे हट नामर्द’

अनिल और श्रुति का कई महीने से मिलनाजुलना था. वे दोनों इस रिश्ते को अब शादी में बदलना चाहते थे. एक दिन श्रुति ने उस से कहा कि शादी से पहले वह अनिल के साथ एक बार हमबिस्तर होना चाहती है, लेकिन अनिल शादी से पहले हमबिस्तर होने के पक्ष में नहीं था.

दरअसल, श्रुति नहीं चाहती थी कि उसे शादी के बाद सैक्स संबंधों को ले कर किसी तरह की समस्या झेलनी पडे़, लेकिन जब अनिल श्रुति की दलील सुनने को तैयार नहीं हुआ तो श्रुति को अनिल की मर्दानगी पर कुछ शक होने लगा.

अब श्रुति अनिल को परखना चाहती थी, इसलिए उस ने अनिल के साथ एक दिन बाहर घूमने का प्रोग्राम बनाया और दोनों एक पिकनिक स्पौट पर साथसाथ एक ही कमरे में रुके, जहां श्रुति ने अनिल के साथ छेड़छाड़ शुरू की, लेकिन इस का अनिल पर कोई असर नहीं हुआ. वह अनिल को सैक्स संबंध बनाने के लिए खुला औफर दे रही थी, लेकिन अनिल के सैक्स के नाम पर दूर भागने से उस के मन में शक का कीड़ा कुलबुलाने लगा.

श्रुति ने कहा कि अगर उस ने उस के साथ सैक्स करने से इनकार किया तो वह लोगों से चिल्ला कर कहेगी कि होटल के कमरे में उसे अकेला पा कर उस ने जबरदस्ती करने की कोशिश की है.

आखिर अनिल भी श्रुति के सामने अपने कपडे़ उतारने को तैयार हो गया, लेकिन लाख प्रयासों के बाद भी अनिल सैक्स के मामले में फुस्स साबित हुआ तो श्रुति का गुस्सा सातवें आसमान पर था, क्योंकि उसे अनिल के नानुकुर का राज पता चल चुका था. वह बोली कि तुम अपनी नामर्दी की बात जानते हुए भी मुझ से यह बात छिपाते रहे. तुम ने प्यार के नाम पर मेरे साथ धोखा किया है.

नामर्दी छिपाने के लिए की जाती है शादी

नामर्दी के मामले में होने वाली शादियां भी अकसर धोखे से ही की जाती हैं, जिस का बाद में खुलासा होना निश्चित होता है. फिर भी नामर्दी के शिकार लोग कालेज में घंटों लड़कियों का इंतजार करने व उन पर डोरे डालने से बाज नहीं आते और जब बात प्यार व सैक्स तक पहुंचती है तब वे अपने पार्टनर के साथ सैक्स करने में आनाकानी करते हैं. ज्यादातर मामलों में शादी से पहले सैक्स संबंध स्थापित न हो पाने की वजह से उस के होने वाले जीवनसाथी को यह पता ही नहीं चलता कि जो व्यक्ति उस के साथ अपनी मर्दानगी की बड़ीबड़ी बातें कर रहा है वह बिस्तर पर जाने के बाद फुस्स साबित होगा.

रिचा के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ. डाक्टरी की पढ़ाई के दौरान ही वह अपने सहपाठी से प्रेम कर बैठी और बाद में दोनों ने शादी कर ली, लेकिन जब शादी की पहली रात रिचा के लाख प्रयास के बाद भी उस का पति संबंध नहीं बना पाया तो उस ने पति से कहा कि जब उसे पता था कि वह नामर्द है तो फिर मुझे धोखे में रख कर शादी क्यों की? उस के पति राजेश ने उसे विश्वास दिलाया कि उस की यह नामर्दी अस्थायी है जो कुछ दवाओं से दूर हो सकती है, चूंकि रिचा और राजेश मैडिकल सैक्टर से ही थे, इसलिए उन्होंने इस बात को सावधानी से लिया और राजेश आज अपनी अस्थायी नामर्दी से मुक्ति पा कर सफल वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहा है.

चूंकि रिचा एक डाक्टर थी इसलिए उसे पता था कि नामर्दी क्या होती है और उस का निदान किस तरह से संभव है, लेकिन ज्यादातर नामर्दी के मामलों में समस्या को दूर नहीं किया जाता. ऐसे में स्थिति तलाक तक पहुंच जाती है या फिर महिला के अपने पति के अलावा किसी दूसरे के साथ शारीरिक संबंध स्थापित हो जाते हैं, जो आगे चल कर हत्या या आत्महत्या का कारण भी बन जाता है.

सौम्या के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ. उस ने कालेज लाइफ में एक युवक से प्रेम किया और उस की रजामंदी से शादी भी हो गई, लेकिन शादी की पहली रात जब सौम्या का पति उस से सैक्स संबंध न बना पाया तो सौम्या और उस के पति में तूतू मैंमैं हो गई और वह बोली कि जब तुम नामर्द थे तो तुम ने मुझ से प्रेम क्यों किया और यह बात छिपा कर शादी क्यों की.

शादी के दूसरे दिन ही सौम्या ने अपने सासससुर से कहा कि वह उन के बेटे से तलाक लेना चाहती है, क्योंकि वह नामर्द है.

सौम्या के मामले में उस का पति शादी न कर के अपनी किरकिरी से बच सकता था, लेकिन शादी के लिए उस ने नामर्दी की बात छिपा कर लोगों में अपनी जगहंसाई कराई, जिस की वजह से वह घोर मानसिक निराशा का शिकार हो गया.

इस तरह के तमाम मामले सामने आते हैं, जिस में युवकों द्वारा युवतियों से धोखे से शादी कर ली जाती है और बाद में पता चलता है कि उस के अंग में या तो तनाव ही नहीं आता या फिर वह सैक्स से पहले ही स्खलित हो जाता है.

शादी से पहले सैक्स संबंध

भारत में शादी से पहले सैक्स संबंध बनाना गलत माना जाता है. ऐसे में जब शादी हो जाए और बिस्तर पर जाने के बाद यह पता चले कि जिस मर्द के साथ उस की शादी हुई है वह नामर्द है तो शादी से पहले संजोए गए उस के सारे सपनों पर न केवल पानी फिर जाता है बल्कि वैवाहिक जीवन भी बरबाद हो जाता है.

ऐसे में अगर युवती ने अपने होने वाले पति के साथ शादी से पहले सैक्स संबंध बनाए हैं तो निश्चित ही उस का वैवाहिक जीवन सुखमय बीतेगा, क्योंकि उसे यह पता होता है कि वह जिस के साथ शादी करने जा रही है उस के साथ सैक्स संबंध सफल होंगे या नहीं.

कालेज लाइफ के दौरान प्यार हो जाना आम बात है और ज्यादातर मामलों में प्यार शादी में बदल जाता है. ऐसे में प्यार करने वाले युवकयुवती में शादी से पहले सैक्स संबंध बन जाना आम बात है. इसे आमतौर पर अच्छा भी माना जा सकता है, क्योंकि इस तरह से शादी करने में धोखे की आशंका एकदम समाप्त हो जाती है.

शादी से पहले अपने होने वाले पति के सैक्स की जानकारी रखना हर महिला का अधिकार होना चाहिए और यह बिना सैक्स संबंध बनाए संभव नहीं है. इसलिए पुराने दकियानूसी खयालों से निकल कर युवाओं को इस की पहल करनी होगी.

नपुंसकता के कारण

सैक्स संबंध में संतुष्टि के मानदंडों का आकलन करना कठिन है, लेकिन शादी से पहले युवती व उस के परिवार वालों को चाहिए कि जिस युवक के साथ उस की बेटी की शादी होने जा रही है वे इस मसले पर उस से खुल कर बात करें और अगर कहीं शक की गुजाइंश हो तो उस युवक से दूरी बना लेनी चाहिए.

यह भी जरूरी नहीं कि पुरुष जिसे नामर्दी समझ रहा है वह असल में हो. यह उस का भ्रम भी हो सकता है, क्योंकि उस के अंग में तनाव न आना किन्हीं दूसरे कारणों की वजह हो सकता है. ऐसे में पुरुष को भी चाहिए कि एक बार सैक्स स्पैशलिस्ट से सलाह जरूर ले.

नामर्दी के ज्यादातर मामले स्थायी नहीं होते. अंग में तनाव न आना, कुछ ही क्षणों में हमबिस्तरी के दौरान पस्त हो जाना, अस्थायी नामर्दी में गिना जाता है. जिस का इलाज संभव है. अगर इस में उस की महिला मित्र द्वारा समझदारी और संयम दिखाया जाए तो पति की इस समस्या से नजात दिलाने में वह मदद कर सकती है.

सैक्स विशेषज्ञ डा. मलिक मोहम्मद अकमलुद्दीन का कहना है कि नामर्दी के मामले में यह देखा गया है कि या तो पुरुष के अंग में तनाव आता ही नहीं है और किसी तरह तनाव आता भी है तो वह सैक्स संबंध बनाने से पहले ही पस्त हो जाता है. इस का मतलब जरूरी नहीं कि वह नामर्द हो. हो सकता है कि वह अस्थायी नामर्दी का शिकार हो.

इस अस्थायी नामर्दी के तमाम कारण हो सकते हैं, जिन में मानसिक अवसाद, नशा, धूम्रपान, मधुमेह, हृदय रोग, हाई ब्लडप्रैशर और दवा की अत्यधिक डोज लेना भी शामिल हैं. नामर्दी का कारण अंग में चोट लगने की वजह भी होता है, जिसे समय से इलाज कर दूर किया जा सकता है, इसलिए अगर कोई अस्थायी नपुंसकता का शिकार है तो उसे किसी योग्य डाक्टर को दिखाना चाहिए.

ज्यादा उम्र के शख्स से शादी करने से बचें

आप यदि अपनी उम्र से दोगुनी उम्र के बड़े व्यक्ति से शादी का विचार मन में ला रही हैं तो इस खयाल को मन से निकाल दीजिए, क्योंकि ज्यादातर मामलों में पति की उम्र में ज्यादा अंतर होने से सैक्स ताकत जल्दी खत्म हो जाती है फिर पत्नी को या तो सैक्स के बिना तड़पते हुए बाकी जीवन काटने पर मजबूर होना पड़ता है या तो किसी गैर मर्द से संबंध स्थापित करना पड़ता है, जो ठीक नहीं है.

दूर हो सकती है नामर्दी

पुरुषों की तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारियां भी नामर्दी का कारण बन सकती हैं. अगर इन समस्याओं से नजात पा ली जाए तो निश्चय ही नामर्दी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है.

डा. अकमलुद्दीन के अनुसार अगर पुरुष को लगता है कि उस के अंग में तनाव नहीं आ रहा है तो उसे डाक्टर से परामर्श लेना नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि नामर्दी के 75 फीसदी मामलों में नामर्दी से छुटकारा पाया जा सकता है.

पुरुष की नामर्दी को दूर करने में महिला पार्टनर भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. उसे कोशिश करनी चाहिए कि पार्टनर के साथ संयम और प्यार से पेश आए और उस में मानसिक तनाव और निराशा की भावना को न उपजने दे.

यदि पति की दिनचर्या अनियंत्रित है तो उस में भी सुधार करने के प्रयास करने चाहिए, पति के अच्छे खानपान व नियंत्रित लाइफस्टाइल को बढ़ावा देना चाहिए. इन उपायों को अपना कर कुछ हद तक नामर्दी की समस्या से नजात पाई जा सकती है.

नामर्दी से छुटकारा दिलाने वाली कई दवाएं भी बाजार में उपलब्ध हैं जिन का सेवन करने से अंग में पर्याप्त तनाव आ जाता है, लेकिन दवाओं का उपयोग बिना डाक्टर के परामर्श के नहीं करना चाहिए. यह जानलेवा भी साबित हो सकता है.

नार्मदी दूर करने में वैक्यूम पंप कारगर साबित हुआ है. रक्त कोशिका संबंधित समस्या या रक्त विकार से पीड़ित पुरुषों के लिए यह उपयोगी साबित हुआ है. यह एक तरह का वैक्यूम पंप होता है जिस को पुरुष अपने अंग में डाल कर पंप करता है. इस से उस के अंग में तनाव आ जाता है और वह सैक्स के लिए तैयार हो जाता है. इस पंप का उपयोग बिना डाक्टरी सलाह के नहीं किया जाना चाहिए.

सैक्स से पहले फोरप्ले व आफ्टर प्ले भी कारगर उपाय हैं. इस से जोश में वृद्धि होती है जिस से अंग में रक्त संचार बढ़ने से तनाव आ सकता है.

स्थायी नामर्दी की दशा में पुरुष को शादीविवाह जैसे पचडे़ से दूर रहना चाहिए, क्योंकि न तो यह शादी सफल हो सकती है और न ही उस का विवाहित जीवन.

अगर मातापिता की तरफ से अरेंज मैरिज का दबाव बनाया जाए तो नामर्दी के शिकार युवक को खुल कर अपनी समस्या उन्हें बतानी चाहिए, ताकि सोचसमझ कर फैसला लिया जा सके और शादी के बाद होने वाली किल्लत और जिल्लत दोनों से बच सकें.

समझें प्रेमी के इशारे ताकि न मिले धोखा

भले ही आप एक नया रिश्ता शुरू कर रही हैं या फिर पहले से ही किसी रिश्ते में हैं और अपने प्रेमी को बहुत प्यार करती हैं, उस पर भरोसा करती हैं तो उसी भरोसे, प्यार और विश्वास की अपेक्षा आप उस से भी अवश्य करती होंगी. जब दो लोग एकदूसरे को पूरी ईमानदारी से चाहें तो जिंदगी बहुत खुशनुमा हो जाती है, लेकिन अगर दोनों में से एक भी स्वार्थपूर्ति और धोखा देने की राह पर चल निकलता है तो दूसरे साथी को समझने में देर नहीं करनी चाहिए.

अगर आप को भी पिछले कुछ दिनों से अपने साथी पर शक हो रहा है तो इन इशारों को समझें और सही निर्णय लें :

इग्नोर करना

कालेज में नजर पड़ने पर भी जब वह आप को इग्नोर करे और खाली पीरियड में आप के साथ टाइम स्पैंड करने के बजाय अपने दोस्तों के साथ हंसीमजाक में व्यस्त रहने लगे. आप के बारबार पास आने पर चिपकू कहे, तो समझ लीजिए अब बात आप की सैल्फ रिस्पैक्ट पर आ गई है. अब आप उस के पीछे भागना छोड़ दें और साथी के इग्नोरैंस को समझने की कोशिश करें तथा उस से थोड़ी दूरी बना लें, तब खुद ब खुद यह पता चल जाएगा कि आप का रिश्ता कितना मजबूत है.

डेट पर इंतजार करवाना

डेट फिक्स होने पर जो पहले आप का घंटों इंतजार करता था, आज आप के एक मिनट भी लेट होने पर झल्लाना शुरू कर दे. सिर्फ यही नहीं बल्कि जब पूरी सिचुएशन ही बदलने लगे और वह आप का नहीं बल्कि आप उस का इंतजार करने लगें तो समझ जाएं कि मामला गड़बड़ है.

झूठ बोलना

सच्चा प्यार विश्वास की नींव पर टिका होता है और वहां झूठ का कोई स्थान नहीं होता, लेकिन अगर आप का प्रेमी आप से छोटीछोटी बातों में झूठ बोलता है, तो समझ लीजिए कि वह आप के और अपने रिश्ते के बारे में भी झूठ बोल रहा है. इस बारे में उस से खुल कर बात करें ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.

फोन करना कम कर देना

जहां पहले प्रेमी आप को दिन में कई बार कौल करता था और मना करने पर भी उसे आप की चिंता या आप से बात करने का मन होता था, वह अब कौल ही नहीं करता या बहुत कम करता है और बिजी होने का बहाना बनाता है. अगर आप कौल करती हैं तो घंटों उस का फोन बिजी रहता है, तो समझ लीजिए कि दाल में कुछ काला है.

डिमांड पूरी न करना

अब यह डिमांड फिजिकली भी हो सकती है और जनरल किसी बात को ले कर भी जैसे कि मूवी दिखाना, कोई नई ड्रैस दिलाना, किसी रैस्टोरैंट में खाना खिलाना आदि. पहले मुंह से बात निकलते ही बौयफ्रैंड उसे पूरा करने की कोशिश करता था, लेकिन अब चिढ़ कर वह साफ इनकार कर देता है.

पैसे की तरफ भागना

अगर प्रेमी पैसे को प्यार से ज्यादा अहमियत देने लगे और बातबात पर पैसे की बात करे, यहां तक कि अमीर युवतियों पर लाइन मारने लगे तो समझ लीजिए कि आप का नाता ज्यादा दिन टिकने वाला नहीं है.

मिलने से कतराना

पहले आप से रोज मिलने की जिद करने वाला पार्टनर जब खुद से मिलने की बात करने से भी कतराने लगे और आप के कहने पर भी मिलने की इच्छा न जताए तो यह समझें कि उसे अब आप में इंट्रस्ट नहीं है.

किसी और युवती के साथ घूमना

अगर आप ने अपने बौयफ्रैंड को कई बार किसी और युवती के साथ घूमते देखा है, तो उसे हलके में न लें. भले ही वह लाख दलीलें दे कि वह सिर्फ उस की अच्छी दोस्त है और उस से किसी काम से मिला था, लेकिन आप उस पर पूरी तरह से विश्वास न करें, बल्कि उस पर नजर रखें. अगर शक सही निकले तो समय रहते बौयफ्रैंड के धोखे और उस की हरकतों से आप को सचेत होना होगा.

फोन हिस्टरी डिलीट होना

अगर प्रेमी के कौल रिकौर्ड, मैसेज रिकौर्ड आदि बिलकुल क्लीन रहते हैं और वह आप को अपना फोन देने से भी हिचकिचाने लगा है, तो समझ लें कुछ गड़बड़ जरूर है.

खर्च करने से बचें

पहले आप पर हजारों रुपए लुटा देने वाला प्रेमी अब हर बार छुट्टे न होने के बहाने बना कर बिल आप से भरवाए, आप पर खर्च करना भी बंद कर दे. तो समझ लें कि वह आप को अपनी लाइफ का इतना अहम हिस्सा नहीं समझता.

तारीफ करना बंद कर दे

क्या वह पहले हमेशा आप की तारीफ किया करता था और अब अचानक उस ने आप की तारीफ करना बंद कर दिया, बल्कि अब उसे आप के हर काम में नुक्स नजर आने लगा है? वह आप की किसी भी बात की तारीफ न करता हो, तो समझ लीजिए कि उस ने ये बातें किसी और के लिए बचा कर रख ली हैं.

शादी के बारे में बात करने से बचे

जब भी आप प्रेमी से अपनी और उस की शादी के बारे में बात करें तो उस का टालमटोल करना और नाराज होना यह दर्शाता है कि वह आप को सीरियसली नहीं ले रहा है.

धोखे की आशंका हो तो…

जैसे ही आप को पता चले कि आप का प्रेमी आप को धोखा दे रहा है या फिर चीटिंग कर रहा है तो उसे छोड़ने में ज्यादा वक्त न लगाएं. वह आप को छोड़े इस से पहले ही आप उसे छोड़ दें ताकि आप की सैल्फ  रिस्पैक्ट बनी रहे.

– ऐसा करने से पहले अपने लव लैटर्स, कार्ड्स और जरूरी सामान उस से वापस ले लें.

– प्रेमी का साथ छूटने पर डिप्रैशन में जाने के बजाय इस बात की खुशी मनाएं कि चलो, अच्छा है ऐसे गलत युवक से आप का पीछा जल्दी ही छूट गया.

– अब अपना मन पढ़ाई में लगाएं और उसे भूलने की कोशिश करें. इस से अच्छे युवक आप को मिल जाएंगे.

पत्नी की करें मनुहार, बढ़ेगा प्यार

सुबहसुबह छोटी सी बात पर ही दिवाकर की अपनी पत्नी नीलम से लड़ाई हो गई. दोनों ही देर तक बहस करते रहे और आखिर में नीलम रोने बैठ गई.दिवाकर को बहुत गुस्सा आया और बिना टिफिन लिए ही औफिस चला आया. वहां पूरे दिन उस का दिल नहीं लगा. शाम को लौटते समय उस ने एक दुकान से कुछ हरी चूडि़यां खरीदीं और घर पहुंचा.नीलम अभी भी उदास और गुस्से में थी. उस ने दिवाकर से कोई बात नहीं की. खाने के समय सामने प्लेट रख कर वह चली गई.

जब दिवाकर कमरे में घुसा, तो यह देख कर दंग रह गया कि नीलम अपना बैग पैक कर रही थी. पूछने पर वह बोली, ‘‘मैं कल सुबह की ट्रेन से अपने घर चली जाऊंगी. मुझे तुम्हारे साथ नहीं रहना. तुम मेरा दर्द नहीं समझते. न ही मुझ से प्यार करते हो. मैं तुम्हारी आंखों में खटकती हूं, तो फिर यहां क्यों रहूं?’’ दिवाकर समझ गया कि बात बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है. वह चुपके से चूडि़यां ले कर आया और नीलम के आगे रखता हुआ बोला, ‘‘मेरा प्यार इन चूडि़यों की खनखनाहट में है. मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता. प्लीज, मत जाओ. मेरी जिंदगी की हर सुबह तुम से है. ‘‘आज सुबह मैं ने कुछ गलत कहा तो उसे भूल जाओ. बस इतना याद रखो कि मैं हूं तो बस तुम से हूं.’’

दिवाकर ने यह सब इतने मनुहार भरे शब्दों में कहा कि नीलम का दिल पसीज गया. वह यही तो चाहती थी कि दिवाकर उसे मना ले. यही हुआ भी. दिवाकर के इस अंदाज पर नीलम का दिल उस के प्रति प्यार से भर उठा. इस तरह नाराजगी की जगह उन के रिश्ते में प्यार खिल उठा. सच है कि कभी शहद सा मीठा और कभी इमली सा खट्टा होता है पतिपत्नी का रिश्ता. कभी प्यार भरी बातें, मानमनुहार, तो कभी नोकझोंक. ताउम्र साथ निभाने और सुखदुख में साथ चलने के इस रिश्ते में जाने कितनी ख्वाहिशें और उम्मीदें होती हैं. इसी में छिपी होती है जिंदगी की असली खुशी. पर कभीकभी इनसान अपने अहम की वजह से आपसी रिश्ते के बीच एक दीवार खड़ी कर लेता है. छोटीछोटी बातें दिल से लगा कर अपने ही जीवनसाथी से अबोला रखने लगता है. प्यार भरे इस रिश्ते में ऐसी चुप्पी छा जाती है कि समझ में ही नहीं आता कि इसे तोड़ा कैसे जाए.

इस सब की वजह भले ही बहुत छोटी सी होती है, फिर भी लंबे समय तक की खामोशी और नाराजगी इस रिश्ते में कड़वाहट ला कर उसे तोड़ देने के लिए काफी होती है. अगर पतिपत्नी में से एक शांत और दूसरा तेज स्वभाव वाला हो, तो दोनों के बीच संतुलन बना रह सकता है. पर अगर दोनों ही स्वभाव से तेज और गुस्से वाले हों, तो वैचारिक टकराव के साथसाथ लड़ाईझगड़े और हाथापाई भी हो जाती है और तब पूरा घर बिखरने लगता है. इसलिए जरूरी है कि संबंधों में आई उस कड़वाहट को समय रहते दूर कर लिया जाए, तभी परिवार बिखरने से बच सकता है.

अकसर उम्मीद की जाती है कि एक औरत को ही अपनी गलती मान लेनी चाहिए और पति के आगे झुक जाना चाहिए. ज्यादातर पत्नियां झुक भी जाती हैं, पर इस तरह के रिश्तों में फिर प्यार बाकी नहीं रह जाता. नतीजतन, औरत केवल समझौते ही करती रहती है. पति के लिए उस के मन में प्यार और इज्जत नहीं रह जाती है, इसलिए रिश्ते में प्यार और चाहत बनाए रखने के लिए जरूरी है कि पति अपनी पत्नी को बराबरी का दर्जा दे. कभी पत्नी झुक रही है, रूठे पति को मना रही है, तो कभी पति को भी अपनी पत्नी के साथ प्यारमनुहार से पेश आना चाहिए. अहम से रहें दूर पतिपत्नी के बीच जब किसी भी चीज को ले कर अहम का भाव आ जाता है, तो फिर वह प्यार की सीमा लांघ कर अहंकार बन जाता है. ऐसे में कई बार पति दूसरों के सामने भी पत्नी की बेइज्जती कर देते हैं. इस से पत्नी के स्वाभिमान को ठेस पहुंचती है. इस की वजह से फिर रिश्ते में कड़वाहट ही रह जाती है.

अहंकार और स्वाभिमान में थोड़ा सा ही फर्क है, पर इन के नतीजे में बहुत अंतर है. ध्यान रखें कि पतिपत्नी के संबंधों में अहंकार नहीं, बल्कि स्वाभिमान होना चाहिए. पति को पत्नी  के स्वाभिमान की हिफाजत करनी चाहिए और अपना सुर कभी ऊंचा नहीं करना चाहिए. दोस्तों को न बनने दें दीवार अनुज हमेशा रविवार को अपने दोस्तों के साथ घूमने निकल जाता. उस की यह आदत कालेज के समय से थी. शादी के बाद भी जब उस की यह आदत बरकरार रही, तो उस की पत्नी निभा को यह बात अखरने लगी, मगर वह कुछ कह नहीं सकी.

हर रविवार को निभा उखड़ीउखड़ी सी रहती. 1-2 बार उस ने कहना चाहा भी कि कहीं बाहर चलते हैं, मगर अनुज दोस्तों के साथ अपने बिजी शैड्यूल का हवाला दे देता. अब निभा खामोश रहने लगी. वह हर समय प्यार के बजाय झगड़ने को तैयार रहती. अनुज ने जब यह बात दोस्तों से शेयर की, तो उस के दोस्त निलय ने समझाया, ‘‘तुझे अपनी छुट्टी का दिन पत्नी के साथ बिताना चाहिए. उस के भी कुछ अरमान होते होंगे. हम में से 4 अभी कुंआरे हैं. केवल तुम और सौरभ ही शादीशुदा हो, इसलिए तुझे समझा रहा हूं. तेरा पत्नी की तरफ भी कुछ फर्ज बनता है न.’’

अनुज को बात समझ आ गई. वह निभा के साथ वक्त बिताने लगा. उस का खयाल रखने लगा. जल्द ही उन के रिश्ते में खो रहा प्यार वापस लौट आया. जन्मदिन और शादी की सालगिरह याद रखें हर पत्नी की यह ख्वाहिश रहती है कि पति उस के जन्मदिन व शादी की सालगिरह की तारीख जरूर याद रखे, क्योंकि पत्नियां इन से काफी इमोशनली जुड़ी होती हैं. इस के अलावा उन्हें यह जान कर भी बेहद खुशी होती है कि पति को उन के साथ की पहली मुलाकात, पहली बार दिया गया तोहफा, बीते हुए यादगार लमहे, शादी के काफी समय बीत जाने के बाद भी याद हैं.

इसी तरह इन मौकों पर आप अगर पत्नी के लिए उन की पसंद के तोहफे ले कर जाएंगे, तो उन की खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा. ऐसे समय में महंगे तोहफे जरूरी नहीं होते, बस प्यार से दो गुलाब के फूल देने और तारीफ के चंद शब्द बोलने से भी पत्नी का दिल आप के लिए प्यार से भर उठेगा. तारीफ करें तारीफ सुनना औरतों की सब से बड़ी कमजोरी होती है, खासकर पत्नियां इस मामले में और भी संवेदनशील होती हैं, इसलिए जब कभी पत्नी ने आप के लिए प्यार से लजीज खाना बनाया हो, घरपरिवार से जुड़ा अच्छा काम किया हो या खूबसूरती से तैयार हुई हो, तो उस की तारीफ जरूर करें. इस से पत्नी को न केवल खुशी होगी, बल्कि उस का प्यार भी बढ़ेगा. ऐसे लोग भी होते हैं, जो पत्नी  में बेवजह गलतियां ढूंढ़ते रहते हैं और गलती न होने पर भी उस के हर काम में मीनमेख निकालते रहते हैं. ऐसा न करें. तारीफ जहां पत्नी के आत्मविश्वास को बढ़ाती है, वहीं शादीशुदा जिंदगी को भी खुशहाल बनाती है.

निशाने पर किसी और को न रखें अकसर पतिपत्नी आपसी मनमुटाव का शिकार एकदूसरे के परिवार के सदस्यों को बना लेते हैं और अपने दिल की भड़ास एकदूसरे के परिवार के सदस्यों के विरोध में बोल कर निकालते हैं खासकर पति अपनी ससुराल वालों को बात सुनाने से बाज नहीं आते. इस से बात संभलने के बजाय और भी ज्यादा बढ़ जाती है. कोई भी औरत अपने घर वालों या मातापिता के खिलाफ नहीं सुन सकती, इसलिए पति की कही ऐसी कोई बात पत्नी के दिल में कहीं गहरे तक जा कर चोट करती है.

इस के उलट अगर पत्नी नाराज है या दोनों में झगड़ा हुआ है, तो पति अपनी पत्नी के मायके से किसी को बुला कर पत्नी को सरप्राइज दे या उस के मायके वालों की तारीफ कर दे, तो पत्नी का गुस्सा पलभर में काफूर हो सकता है. तब रिश्ते में तनाव की जगह प्यार का आगाज हो जाएगा. फैसला न लादें पति हो या पत्नी, हर किसी का अपना वजूद है. बहुत से पति सोचते हैं कि पत्नी को उन के हिसाब से चलना चाहिए. यह सोच सही नहीं है. किसी भी बात को ले कर पत्नी पर अपना फैसला थोपने की कोशिश न करें.

आप की पत्नी को हक है कि वह जिंदगी को अपने ढंग से जी सके. अगर आप उस की ख्वाहिशों और इच्छाओं की इज्जत करेंगे, तो पत्नी के दिल में आप के लिए प्यार बढ़ता जाएगा. पहल करने से न हिचकिचाएं याद रखें कि कई बार रोजमर्रा की छोटीछोटी तकरार भी गहरे विवाद का रूप ले लेती है, जिस से परिवार टूटने के कगार पर पहुंच जाता है. परिवार के टूटने के चलते भले ही कोई भी वजह हो, पर इस का खमियाजा बड़ों के साथसाथ बच्चों को भी जिंदगीभर भुगतना पड़ता है. आपसी संबंधों में विवाद से उपजी चुप्पी को समय रहते तोड़ देना ही बेहतर होता है और अगर वह पहल नहीं करती, तो आप खुद ही पहल कर सकते हैं.

इज्जत दें, प्यार बढ़ाएं याद रखें कि ससुराल में पत्नी की इज्जत की जिम्मेदारी उस के पति की होती है, क्योंकि जिस ससुराल में पति पत्नी की इज्जत नहीं करता, उस परिवार में कोई और सदस्य अमूमन उसे इज्जत नहीं देता और ऐसा होता है तो घर में कभी शांति नहीं रह पाती, इसलिए पत्नी को इज्जत दें और उस के दिल पर राज करें. तब आप की जिंदगी खुशियों से भर जाएगी. भावनात्मक रूप से साथ दें पत्नी को आप के भावनात्मक साथ की जरूरत होती है. हर छोटीबड़ी बात पर, सुखदुख में, मुश्किल हालात में वह उम्मीद करती है कि पति उस का साथ दे.

यह भावनात्मक साथ पत्नी को तनाव और अवसाद से निकालने में सहयोग देता है. कैसे भी हालात हों, आप पत्नी को अपने साथ का अहसास कराएं, फिर देखिए कैसे पत्नी के दिल में आप के लिए प्यार बढ़ता है.खरीदारी के लिए साथ जाएं ऐसी शायद ही कोई औरत होगी, जिसे खरीदारी करने का शौक न हो. एक सर्वे के मुताबिक, ज्यादातर औरतें अपनी टैंशन व परेशानी को दूर करने के लिए खरीदारी करना ज्यादा पसंद करती हैं. वैसे भी हर पत्नी की यह इच्छा होती है कि वह पति के पसंद की चीजें पहने, फिर चाहे वह ज्वैलरी हो या ड्रैस. पतियों को खरीदारी करना कम ही पसंद आता है, पर जब आप अपनी पत्नी के साथ खरीदारी करते हैं, तो इस से आपसी लगाव और भी बढ़ जाता है.

प्यार से गले लगाना औरतों को प्यार से गले लगाना, रूठना, मानमनुहार कराना बहुत अच्छा लगता है. इस से यह भी पता चलता है कि आप अपने पार्टनर को कितना प्यार करते हैं. पार्टनर को प्यार से गले लगाने पर दोनों एकदूसरे के साथ भावनात्मक रूप से भी जुड़ते हैं.दरअसल, प्यार करना केवल सैक्सुअल रिलेशन ही नहीं होता है, बल्कि पतिपत्नी को गले लगा कर, चूम कर, लाड़दुलार दिखा कर भी अपने संबंधों में ज्यादा मिठास व मजबूती ला सकते हैं.

पहली डेट: न लेट, न वेट

पहली नजर के प्यार सरीखी भले ही न होती हो, लेकिन पहली डेट आखिरकार पहली डेट होती है, जो यूथ की न केवल लव स्टोरी बल्कि लाइफ भी बदल देती है. दिल धाड़धाड़ करे, मन रोमांचित हो, दिमाग और दिल बारबार बेकाबू हों, कुछ भी अच्छा या बुरा न लग रहा हो, ऐसा बहुतकुछ पहली डेट पर जाते वक्त होता है और यह भी कि उसे कैसे कुछ इस तरह इंप्रैस किया जाए कि वह हमेशा के लिए मेरी या मेरा मुरीद हो कर रह जाए. यह मुमकिन है बशर्ते आप पहली डेट को सम झदारी से प्लान करें और खुद पर काबू रखते इन टिप्स पर शिद्दत से अमल करें-

युवकों के लिए

सब से पहले जगह चुनें कि कहां मिलना उपयुक्त होगा. ऐसी जगह चुनें जो बहुत न सही थोड़ी तो रोमांटिक हो और एकदम सुनसान या फिर ज्यादा भीड़भाड़ वाली न हो. शहर के बाहर की तरफ के पार्क, रैस्टोरैंट या फिर रिजौर्ट इस के लिए बेहतर होते हैं. लेकिन देख लें कि वह आप के बजट के मुताबिक हो.

बगैर तोहफे के न जाएं. तोहफा बहुत ज्यादा महंगा नहीं होना चाहिए. वैसे तो गुलाब का एक फूल, टैडी, चौकलेट या खुबसूरत बुके ही काफी होता है लेकिन फ्रैंड या माशूका के लिए उस के उपयोग का आइटम जेब के मुताबिक जरूर ले जाएं, मसलन परफ्यूम, पर्स या फिर आर्टिफिशियल ज्वैलरी वगैरह. गिफ्ट एक खास अदा से दें और मिलते ही न दें, बल्कि औपचारिक हायहैलो के बाद दें.

पहली डेट में ड्रैस अब युवकों के लिए परेशानी का सबब होने लगी है कि क्या पहनें. बेहतर होगा कि कैजुअल ड्रैस में ही जाएं. ज्यादा तड़कभड़क वाले कपड़े इंप्रैसिव होते हैं, यह गलतफहमी मन में न पालें. हां, साफसुथरे हो कर जाएं  और दाढ़ी बहुत ज्यादा बड़ी नहीं  होनी चाहिए.

शर्ट या टीशर्ट लाइट कलर की पहनें, हलका परफ्यूम, आफ्टर शेव और टैलकम पाउडर लगा कर जाएं. लड़कियां लड़कों का ड्रैसिंग सैंस बहुत बारीकी से देखती हैं और आमतौर पर उसी से आप के स्वभाव व व्यक्तित्व का अंदाजा लगाती हैं. खुद को फिलौसफर या बुद्धिजीवी दिखाने के चक्कर में फटीचरों जैसे जाएंगे, तो यह आखिरी डेट भी साबित हो सकती है.

निश्चित रूप से आप उसे इंप्रैस करना चाहेंगे और करना भी चाहिए लेकिन इस के लिए अतिरिक्त कोशिश न करें बल्कि जितना हो सके, सहज रहें. लंबीचौड़ी डींगें हांक कर और खुद की तारीफें करते रहने से आप उसे इम्प्रैस नहीं कर पाएंगे.

बातचीत का विषय पारिवारिक, धार्मिक या फिर राजनीतिक न रखें क्योंकि पहली डेट कोई डिबेट नहीं होती. यह अच्छी दोस्ती या प्यार की शुरुआत होती है, इसलिए हलकेफुलके विषयों पर बात करें,  जैसे फिल्में, बुक्स, मैगजींस और सामने वाले की हौबीज सहित टूरिस्ट प्लेस वगैरह. बहुत ज्यादा सैक्सी बातें करने की गलती या डबल मीनिंग वाली बातें न करें. इस से आप की इमेज बिगड़ सकती है. हां, बीचबीच में एकाध बार कोई रोमांटिक बात कर सकते हैं जो उस की तारीफ के मकसद से की गई लगे.

परिचय की औपचारिकता और बातचीत शुरुआत होने के बाद आती है खानेपीने की जो पहली डेट का खास शगुन है. शिष्टतापूर्वक सामने वाले के सामने मैन्यू कार्ड कर दें और उसे अपनी पसंद के आइटम और्डर करने दें. एकाध आइटम अपनी पसंद का भी और्डर करें. बारबार मैन्यू कार्ड न देखें.

खाना सलीके से खाएं और अपनी दोस्त को खुद सर्व करें. अगर वह सर्व  करने का शिष्टाचार दिखाए तो थैंक्स जरूर कहें.

पुरुष होने के नाते पेमैंट खुद करें, लेकिन वह जिद कर के खुद करना चाहे तो उसे करने दें. यह हर्ज या हेठी की बात नहीं.

अपने बारे में जरूरत से ज्यादा यानी अनावश्यक जानकारी न दें और न ही लेने की कोशिश करें.

अगर ज्यादा वक्त हो तो मौल जाएं या फिर लौंग ड्राइव पर उसे ले जाएं लेकिन भभका जमाने को बाइक या कार तेज रफ्तार से न चलाएं. ट्रैफिक नियमों का पालन करें.

पहली डेट में उसे खरीदारी कराने की गलती न करें. इस से वह आप को फुजूलखर्च, मजनूं या बेवकूफ भी सम झ सकती है जो बाद के लिए ठीक नहीं होगा.

वह जरूरत से ज्यादा छूट दे तो खुद को संयमित रखें. एकदम छिछोरी हरकतें न करें. मुमकिन है वह आप का इम्तिहान ले रही हो कि आप कितने पानी में हैं और औरतों के प्रति आप का नजरिया कैसा है.

युवतियों के लिए

युवतियों के लिए भी लगभग वही बातें उपयोगी होती हैं जो युवकों के लिए होती हैं लेकिन कुछ बातों का उन्हें खास ध्यान रखना चाहिए, मसलन-

बहुत ज्यादा तंग और अंग दिखाऊ कपड़े पहली डेट पर नहीं पहनने चाहिए. इस से आप की इमेज उस के दिमाग में वैसी बन सकती है जैसी आप नहीं चाहतीं.

मेकअप सलीके का करना चाहिए जो न ज्यादा सादा हो और न ही ज्यादा भड़काऊ.

खाने का और्डर करते वक्त ताबड़तोड़ डिशेज नहीं मंगानी चाहिए, खासतौर से यह सोचते हुए कि मर्द होने के नाते पेमैंट तो वही करेगा, इसलिए जितना हो सके खा लो.

खानेपीने का पेमैंट करने की पहल करनी चाहिए.

अगर बातचीत का रुख सैक्स की तरफ मुड़ता दिखे तो संभल कर बात करनी चाहिए. हालांकि सैक्स पर चर्चा कोई गलत या बुरी बात नहीं लेकिन पहली  डेट पर इस से परहेज ही करना  चाहिए. अपनी पसंदनापसंद के बारे में उसे इशारा कर देने से माहौल सहज रहता है.

उस से शौपिंग के लिए नहीं कहना चाहिए. पहली डेट परिचय के लिए ज्यादा होती है, बाकी सब बाद में होता रहता है बशर्ते खयालात मिलते हों और मिलनेजुलने का सिलसिला जारी रहे.

खुद के और परिवार के बारे में जरूरत से ज्यादा जानकारी नहीं देनी चाहिए. अंतरंग या पर्सनल बातें भी नहीं बतानी चाहिए.

दोनों के लिए पहली डेट से ही भविष्य, चाहे वह दोस्ती का, प्यार का या फिर शादी का तय होता है. दोनों को पहले यह तय कर लेना चाहिए कि रिश्ते की सीमाएं क्या होंगी. लेकिन पहली डेट यादगार बनाना जरूरी है कि दोनों ही लेट न हों बल्कि तयशुदा वक्त पर निर्धारित जगह पर पहुंच जाना चाहिए. अगर किसी वजह से देर हो रही हो तो मोबाइल पर सूचित कर देना चाहिए और मिलने पर सौरी भी बोलना चाहिए. जिस से सामने वाले का मूड न उखड़े. अगर किसी मुद्दे पर विचार न मिलते हों तो दोनों को खुद को एकदूसरे पर थोपना नहीं चाहिए और न ही बहस करना चाहिए.

दोनों को ही किसी न किसी भरोसेमंद दोस्त को बता कर जाना चाहिए और घर वालों की तरफ से अगर डेटिंग की छूट मिली हो तो उन्हें सूचित कर जाना चाहिए. डेटिंग के दौरान अगर दोनों के खयालात मिलें और अपनापन महसूस हो तो भी भावनाओं को नियंत्रित रखना ठीक रहता है. सैल्फी और फोटो दोनों सहमत हों तो ही लेना चाहिए और ऐसे कुछ काम बाद के लिए भी छोड़ने चाहिए क्योंकि पहली डेट के माने यह होता है कि एकदूसरे को सम झने की कोशिश करते यह फैसला लिया जाए कि अगला कदम उठाना है या नहीं.

मुलाकात कैसी भी रही हो, अंत में दोनों को एकदूसरे को थैंक्स जरूर बोलना चाहिए. डेट यदि अच्छी रही हो तो अगली बार कहां और कब मिलेंगे, यह फोन पर तय करने की बात कर लेनी चाहिए. घर आने के बाद इत्मीनान से आगे के बारे में सोचना चाहिए. अगर ऐसा लगे कि पटरी नहीं बैठेगी या आप का स्वभाव और आदतें उस के स्वभाव से मेल नहीं खाते हैं तो रिश्ते को बिना किसी गिल्ट के मशहूर शायर साहिर लुधियानवी की लिखी एक नज्म की ये लाइनें गुनगुनाते विराम दे देना चाहिए-

वो अफसाना जिसे अंजाम तक ले जाना हो नामुमकिन उसे एक खूबसूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें