राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड अपने अदम्य साहस व शौर्य के लिए पूरे भारत में जाना जाता है : मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत आज यहां ‘1090’ चैराहे पर ‘सुदर्शन भारत परिक्रमा’ राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (ब्लैक कैट कार रैली) को झण्डी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एन0एस0जी0) अपने अदम्य साहस व शौर्य के लिए पूरे भारत में जाना जाता है. भारत की सुरक्षा, स्वाभिमान व सम्मान को बनाये रखने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि एन0एस0जी0 ने सदैव संवेदनशील स्थिति में जब भी समाज में भय और असुरक्षा का माहौल रहा, तब वहां सुरक्षा व राहत देने का कार्य किया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 15 अगस्त, 2022 को जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, तब प्रत्येक देशवासी के लिए वह अत्यन्त गौरव का वर्ष होगा. आजादी की क़ीमत क्या होती है, यह वर्तमान पीढ़ी को बताने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि आजादी अचानक नहीं मिली है. इसके लिए अनगिनत बलिदान दिये गये हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में आजादी के अमृत महोत्सव को पूरी भव्यता के साथ आयोजित किया जा रहा है. समाज का प्रत्येक वर्ग इससे जुड़ा है. देश को लम्बे संघर्ष और आन्दोलनों के बाद 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली. देश की स्वाधीनता को अक्षुण्ण बनाये रखने में पैरामिलिट्री, आम्र्ड फोर्स व सिविल पुलिस ने अपने-अपने क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा कि विगत दिनों सशस्त्र सेना बल (एस0एस0बी0) का एक दल प्रदेश आया था, जिसका उन्हें स्वागत करने का अवसर मिला था.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गृह मंत्री, भारत सरकार श्री अमित शाह जी द्वारा 02 अक्टूबर, 2021 को ‘सुदर्शन भारत परिक्रमा’ का शुभारम्भ लाल किला, दिल्ली से किया गया. उन्होंने कहा कि यह रैली 03 अक्टूबर, 2021 को आगरा पहुंची. यह रैली आज लखनऊ से वाराणसी को प्रस्थान कर रही है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश के अध्यात्मिक गौरव की वृद्धि में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान है. उत्तर प्रदेश भारत की स्वाधीनता आन्दोलन का प्रमुख केन्द्र बिन्दु भी रहा है. प्रदेश में प्रथम स्वातंत्र्य संग्राम की अलख बलिया, गोरखपुर, मेरठ में जली थी. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के संघर्ष को विस्मृत नहीं किया जा सकता है. मंगल पाण्डेय के नेतृत्व मंे वर्ष 1857 में प्रथम स्वातंत्र्य संग्राम का बिगुल बजाया गया था. उन्होंने कहा कि मेरठ में धनपाल सिंह कोतवाल के नेतृत्व में ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी गयी थी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में चैरी-चैरा शताब्दी महोत्सव का आयोजन भी किया जा रहा है. 04 फरवरी, 1922 को जनपद गोरखपुर के चैरी-चैरा में देश की स्वाधीनता के लिए स्थानीय नागरिकों, किसानों व श्रमिकों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ एक बड़ा आन्दोलन किया था. प्रदेश सरकार ने अमृत महोत्सव और चैरी-चैरा शताब्दी महोत्सव को एक साथ जोड़ते हुए यह व्यवस्था बनाई है कि इन दोनों आयोजनों से जुड़े प्रदेश के प्रत्येक शहीद स्थल व स्वाधीनता से जुड़े पवित्र स्थलों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं.

ज्ञातव्य है कि ‘सुदर्शन भारत परिक्रमा’ कार रैली देश के 12 राज्यों के लगभग 18 शहरों से होते हुए 7500 किलोमीटर की यात्रा 29 दिनों (02 अक्टूबर से 30 अक्टूबर, 2021 तक) में तय करेगी. ‘सुदर्शन भारत परिक्रमा’ लखनऊ से वाराणसी, बोधगया, जमशेदपुर, कोलकाता, भुवनेश्वर, बेहरामपुर, विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, हैदराबाद, ओंगोल, चेन्नई, बंगलुरु, हुबली, मुम्बई, अहमदाबाद, जयपुर होते हुए नई दिल्ली वापस आएगी. यह रैली अपनी यात्रा के दौरान स्वाधीनता आन्दोलन से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण कर देशभक्तों को श्रद्धांजलि अर्पित करेगी.

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री मुकुल गोयल व महानिदेशक एन0एस0जी0 श्री एम0ए0 गणपति सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

महिलाओं के लिए अलग से बने पिंक बूथ

यूपी पुलिस व्‍यवस्‍था में जो बदलाव बरसों से नहीं हो सके उसे प्रदेश सरकार ने मात्र साढ़े 04 सालों में करके दिखा दिया. प्रदेश की महिलाओं के लिए अलग से पिंक बूथ और पुलिस लाइन स्थित खस्‍ताहाल भवनों का नवीनीकरण कर पुलिस कर्मियों को नए आवास दिए गए हैं. सरकार ने यूपी के कई शहरों में कमिश्‍नरेट सिस्‍टम लागू कर पुलिसिंग को नई दिशा दी है. राज्य में यूपी पुलिस आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण आयोग का गठन किया गया और पुलिस रिफार्म के लिए बेहतर कदम उठाए गए.

साढ़े 4 सालों में प्रदेश सरकार ने पुलिस का चेहरा ही बदल कर रख दिया. सरकार ने संकल्‍प पत्र में यूपी पुलिस को आधुनिक बनाने के जो वादे किए उससे अधिक करके दिखाया. यूपी पुलिस को मॉडर्न पुलिस बनाने के लिए उनको अत्‍याधुनिक वाहनों व हथियारों से लैस किया. साथ ही 18 नई विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं का निर्माण कराया.  इसके साथ ही उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॅारेंसिक साइंसेज का निर्माण भी लखनऊ में शुरू हो चुका है. जिससे जटिल अपराधों की जांच आसानी से हो सकेगी.  पॉक्सो एक्ट में त्वरित न्याय दिलाने के लिए 218 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन क‍िया. पुलिस अधीक्षक कार्यालयों में एफ.आई.आर. काउन्टर स्थापित किए.  महिलाओं की सुरक्षा के लिए वूमेन पावर लाइन-1090 चलाई गई.

पुलिस विभाग में हुई रिकार्ड भर्ती

कानून व्‍यवस्‍था को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश में 214 नए थानों की स्‍थापना की गई. उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के द्वारा 1 लाख 43 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती व 76 हजार से अधिक अराजपत्रित पुलिसकर्मियों की पदोन्नति की गई.  महिलाओं के लिए प्रदेश के सभी 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई. यू.पी.-112 हेल्पलाइन से 6 लाख 46 हजार जरूरतमंद को मदद दिलाई. इसके अलावा ‘सवेरा’ कार्यक्रम में 7 लाख 33 हजार 770 लाख बुजुर्ग पंजीकृत किए गए हैं.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी गरीबों को पक्के मकान

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में देश की आजादी के अमृत महोत्सव पर ‘न्यू अर्बन इण्डिया थीम’ के साथ केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय तथा नगर विकास विभाग, उ0प्र0 के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय आजादी@75 कॉन्फ्रेन्स-कम-एक्सपो का शुभारम्भ किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने डिजिटल रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पी0एम0ए0वाई0-यू) के तहत बनाये गये आवासों की चाबी उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के 75 हजार लाभार्थियों को सौंपी. उन्होंने इस योजना के तहत लाभान्वित आगरा की श्रीमती विमलेश, कानपुर की श्रीमती रामजानकी पाल तथा ललितपुर की श्रीमती बबिता से संवाद भी किया.

प्रधानमंत्री जी ने स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत आगरा, अलीगढ़, बरेली, झांसी, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद एवं अयोध्या में इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर, इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेन्ट सिस्टम एवं नगरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा अमृत मिशन के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न शहरों में उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा निर्मित पेयजल एवं सीवरेज की कुल 4,737 करोड़ रुपए की 75 विकास परियोजनाओं का लोकर्पण/शिलान्यास किया. साथ ही, उन्होंने जनपद लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, झांसी, प्रयागराज, गाजियाबाद और वाराणसी के लिए 75 स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों का डिजिटल फ्लैग ऑफ भी किया. उन्होंने आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के विभिन्न प्रमुख मिशनों के तहत क्रियान्वित 75 परियोजनाओं के ब्यौरे वाली एक कॉफी-टेबल बुक भी जारी की. प्रधानमंत्री जी ने लखनऊ के बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में श्री अटल बिहारी वाजपेयी पीठ का डिजिटल शुभारम्भ किया. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित की गयी दो लघु फिल्मों का अवलोकन भी किया.

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी गरीबों को बड़ी संख्या में पक्के मकान उपलब्ध कराए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वंचित वर्गाें के लोगों को पक्का आवास उपलब्ध कराने की यह विश्व की सबसे बड़ी योजना है. इस योजना के तहत निर्मित 80 प्रतिशत घरों की रजिस्ट्री महिलाओं के नाम पर की जा रही है या वे उसकी संयुक्त स्वामी हैं.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि पहले की तुलना में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित घरों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में 01 करोड़ 13 लाख से ज्यादा घरों के निर्माण को मंजूरी दी है. इसमें से 50 लाख से ज्यादा घर बनाकर, उन्हें गरीबों को सौंपा भी जा चुका है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि मेरे जो साथी, झुग्गी-झोपड़ी में जिंदगी जीते थे, उनके पास पक्की छत नहीं थी, ऐसे तीन करोड़ परिवारों को लखपति बनने का अवसर मिला है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित आवासों में बिजली, पानी, शौचालय इत्यादि की सुविधा दी जा रही है. उज्ज्वला योजना के तहत परिवार को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन भी उपलब्ध कराया जा गया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक देश में लगभग 03 करोड़ घर बनाए गये हैं. इनकी कीमत करोड़ों रुपये में है. एक मकान की कीमत लाखों रुपये में है. इस प्रकार यह मकान पाने वाले लोग अब लखपति बन गये हैं.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि मौजूदा सरकार से पहले, उत्तर प्रदेश की पहले की सरकारों ने योजनाओं को लागू करने के लिए अपने पैर पीछे खींचे थे. उन्होंने कहा कि पिछली उत्तर प्रदेश सरकार को 18,000 से अधिक घरों को मंजूरी दी गई थी, किंतु उस समय 18 घरों का निर्माण भी नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी की वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद, 9 लाख से अधिक आवास इकाइयां शहरी गरीबों को सौंप दी गईं और 14 लाख इकाइयां निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं. ये घर आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 से पूर्व गरीबों के लिए निर्मित किये जाने वाले घरों के आकार की कोई स्थायी नीति नहीं थी. वर्ष 2014 में केन्द्र में नई सरकार बनने के बाद गरीबों के लिए निर्मित किये जाने वाले आवासों के आकार के सम्बन्ध में एक स्पष्ट नीति बनायी गयी. इस नीति में यह निर्धारित किया गया कि गरीबों के लिए बनाए जाने वाले घरों का आकार 22 वर्गमीटर से कम नहीं होगा. आज गरीबों को अपना घर निर्मित करने और उसका डिजाइन अपने ढंग से बनाने की आजादी है. उन्होंने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार के कार्यकाल के दौरान पी0एम0ए0वाई0 के तहत 01 लाख करोड़ रुपये की धनराशि गरीबों के बैंक खातों में ट्रांसफर की गयी है. उन्होंने कहा कि शहरों में मजदूरों को किराए के आवास उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्यवाही की गयी है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि शहरी मिडिल क्लास की परेशानियों और चुनौतियों को भी दूर करने के लिए केन्द्र सरकार ने काफी महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं. रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानि (रेरा) कानून ऐसा एक बड़ा कदम रहा है. इस कानून ने पूरे हाउसिंग सेक्टर को अविश्वास और धोखाधड़ी से बाहर निकालने में बहुत बड़ी मदद की है, सभी हितधारकों की मदद की है तथा उन्हें सशक्त बनाया है.

एल0ई0डी0 स्ट्रीट लाइट के उपयोग का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इनके लगने से शहरी निकायों के हर साल करीब 1000 करोड़ रुपये बच रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब ये राशि विकास के दूसरे कार्यों में उपयोग में लाई जा रही है. उन्होंने कहा कि एल0ई0डी0 ने शहर में रहने वाले लोगों का बिजली बिल भी बहुत कम किया है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि भारत में पिछले 6-7 वर्षों में शहरी क्षेत्र में बहुत बड़ा परिवर्तन प्रौद्योगिकी से आया है. उन्होंने कहा कि देश के 70 से ज्यादा शहरों में आज जो इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर चल रहे हैं, उसका आधार टेक्नोलॉजी ही है. उन्होंने अपनी संस्कृति के लिए मशहूर लखनऊ शहर का उल्लेख करते हुए कहा कि लखनऊ की ‘पहले आप पहले आप’ की तहजीब की तर्ज पर आज हमें ‘प्रौद्योगिकी पहले’- टेक्नोलॉजी फर्स्ट’ कहना होगा.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को, स्ट्रीट वेंडर्स को बैंकों से जोड़ा जा रहा है. इस योजना के माध्यम से 25 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की मदद दी गई है. इसमें भी उत्तर प्रदेश के 07 लाख से ज्यादा लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ लिया है. कोरोना काल के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में स्ट्रीट वेण्डर्स को इस योजना का भरपूर लाभ मिला. प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत आज उत्तर प्रदेश के 02 जनपद लखनऊ एवं कानपुर देश में टॉप पर हैं. उन्होंने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए वेण्डरों की सराहना की.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आज मेट्रो सर्विस का देश भर के प्रमुख शहरों में तेजी से विस्तार हो रहा है. वर्ष 2014 में, मेट्रो सेवा 250 किलोमीटर से कम रूट की लंबाई पर चलती थी, आज मेट्रो लगभग 750 किलोमीटर रूट की लंबाई में चल रही है. उन्होंने कहा कि देश में अभी लगभग 1,050 किलोमीटर से ज्यादा मेट्रो ट्रैकों पर काम चल रहा है. उत्तर प्रदेश के 06 शहरों में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो रहा है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि लखनऊ ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के रूप में एक विजनरी, मां भारती के लिए समर्पित राष्ट्रनायक देश को दिया है. उन्होंने कहा कि आज उनकी स्मृति में, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में अटल बिहारी वाजपेयी पीठ की स्थापना की जा रही है. उन्होंने कहा कि अटल जी ने देश के त्वरित विकास के लिए अवस्थापना एवं सड़कों के विकास पर विशेष बल दिया. उनकी अवधारणा थी कि प्रदेश के सभी जनपदों को अच्छे सड़क मार्गाें से जोड़ा जाए.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी के राज्य उत्तर प्रदेश के लिए शहरीकरण बहुत ही महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश में गतिमान विभिन्न विकास योजनाओं से शहरी परिवेश को बदलने एवं प्रत्येक नागरिक के जीवन में व्यापक सकारात्मक परिवर्तन लाने में सफलता प्राप्त हुई है. प्रदेश सरकार ने विगत साढ़े चार वर्षाें में शहरीकरण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में नए भारत का नया उत्तर प्रदेश अपनी पहचान स्थापित कर रहा है. प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों के विकास पर निरन्तर बल दे रही है. मार्च, 2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश में 654 नगरीय निकाय थे. प्रदेश सरकार ने 25 हजार से अधिक आबादी के राजस्व ग्रामों को नगरीय क्षेत्र में शामिल करते हुए नगरीय निकायों की संख्या बढ़ाकर 734 कर दी है. ताकि अधिक से अधिक जनसंख्या को शहरी विकास की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकें.

वर्ष 2014 से प्रारम्भ स्वच्छ भारत मिशन नारी गरिमा की रक्षा के साथ ही स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार करने में मील का पत्थर साबित हुआ है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत राज्य सरकार ने युद्धस्तर पर कार्य किये हैं. प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 02 करोड़ 61 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण हुआ है. इसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश शत-प्रतिशत ओ0डी0एफ0 हो गया. केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा 6,73,649 व्यक्तिगत घरेलू शौचालय तथा 51,524 सामुदायिक/सार्वजनिक शौचालय निर्मित किये गये. वर्ष 2017 के पूर्व प्रदेश में ओ0डी0एफ0 शहरों की संख्या मात्र 15 थी. जबकि वर्तमान में 652 नगरीय निकाय ओ0डी0एफ0, 595 नगरीय निकाय ओ0डी0एफ0 प्लस तथा 30 नगरीय निकाय ओ0डी0एफ0 प्लस-प्लस घोषित किये जा चुके हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी के बाद हर गरीब का यह सपना था कि उसका खुद का एक पक्का मकान हो. प्रधानमंत्री जी की संवेदनशीलता व उनके नेतृत्व का परिणाम है कि आज देश में गरीब व्यक्ति बिना भेदभाव के पारदर्शी व्यवस्था के साथ पक्के मकान प्रदान किये जा रहे हैं. प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के 42 लाख परिवारों को निःशुल्क पक्के आवास उपलब्ध कराये हैं. प्रदेश के शहरी क्षेत्र के 17 लाख परिवारों को पक्के आवास की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, जिसमें 09 लाख आवास पूर्ण हो चुके हैं और आज प्रधानमंत्री जी की उपस्थिति में 75 हजार आवासों में गृह प्रवेश कराया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नई दिशा दिखाने वाली लाइट हाउस परियोजना के लिए देश के 06 चयनित नगरों में प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी शामिल है. लाइट हाउस परियोजना के तहत नवीन तकनीक से सस्ते व अच्छे आवास निर्मित कराये जा रहे हैं. लखनऊ में गतिमान लाइट हाउस परियोजना के कार्याें को तेजी के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है. इस परियोजना के ज्यादातर आवासों को आवंटित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि अमृत योजना के तहत 60 नगरीय निकायों में 11,421 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं.

इसके तहत पेयजल, सीवरेज, हरित क्षेत्र और पार्क विकसित किये गये हैं. इन परियोजनाओं से एक बड़ी शहरी आबादी को सुगम एवं अच्छे जीवन स्तर को प्राप्त करने में मदद मिलेगी. केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के 17 नगर निगमों में से 10 नगर निगमों को स्मार्ट सिटी मिशन में चयनित किया गया है. शेष 07 नगर निगमों को प्रदेश सरकार स्मार्ट सिटी बनाने का कार्य कर रही है. इस प्रकार प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों में स्मार्ट सिटी मिशन के कार्य क्रियान्वित किये जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं प्रभावी मार्गदर्शन में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को प्रदेश सरकार ने राज्य में नियंत्रित किया है. वैश्विक जगत ने आपके कोरोना नियंत्रण एवं प्रबन्धन की भूरि-भूरि प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 11 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं और लगभग 08 करोड़ लोगों के कोविड टेस्ट सम्पन्न कर चुके हैं. प्रदेश सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के तहत प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से 07 लाख से अधिक स्ट्रीट वेण्डर्स को बैंकों से लोन उपलब्ध कराने में सफलता प्राप्त की है. आने वाले समय में 1.5 लाख स्ट्रीट वेण्डर्स को और जोड़ा जाएगा. इस योजना के लाभार्थियों के चयन तथा उन्हें ऋण उपलब्ध कराने में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की सदैव यह मंशा रही है कि देश में सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था बेहतर हो. इसी क्रम में, प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से आज प्रदेश के 07 जनपदों के लिए 75 स्मार्ट इलेक्ट्रिक बस के परिचालन की शुरुआत की गयी है. इस प्रकार, प्रदेश में वर्तमान में 115 स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है. आने वाले दिनों प्रदेश के 14 नगरीय निकायों में 700 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की कार्यवाही आगे बढ़ायी जाएगी. उन्होंने कहा कि मेट्रो रेल सार्वजनिक परिवहन का एक महत्वपूर्ण माध्यम है. आज प्रदेश के 04 बड़े शहरों-लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में मेट्रो का संचालन हो रहा है. कानपुर में नवम्बर, 2021 तक मेट्रो का संचालन हो जाएगा. आगरा मेट्रो का निर्माण कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है. रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत प्रदेश में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का निर्माण प्रगति पर है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बड़े नगरीय निकायों के विकास के साथ-साथ छोटे नगरीय निकायों में भी अवस्थापना सुविधाओं का समुचित विकास किया जा रहा है. छोटे नगर निकायों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2018 में ‘पं0 दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना’ की शुरुआत की गयी है. नगरीय क्षेत्रों में अल्पविकसित तथा मलिन बस्तियों में आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने के लिए ‘मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना’ संचालित की जा रही है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रयागराज कुम्भ-2019  की दिव्यता एवं भव्यता को देश व दुनिया ने देखा है. प्रयागराज कुम्भ ने स्वच्छता, सुरक्षा व सुव्यवस्था का एक मानक प्रस्तुत किया है. प्रयागराज कुम्भ को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में नगर विकास विभाग, उत्तर प्रदेश ने प्रमुख भूमिका निभायी थी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रयागराज में कुम्भ के दौरान इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर को विकसित करते हुए वहां की ट्रैफिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने का काम किया गया. इससे 24 करोड़ श्रद्धालुओं को सुव्यवस्था प्राप्त हुई.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 01 अक्टूबर, 2021 को स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) एवं अमृत योजना के द्वितीय चरण का शुभारम्भ किया है. द्वितीय चरण में नगरीय क्षेत्रों को कचरे से पूरी तरह मुक्त रखा जाए. प्रदेश के नगरों को पूरी तरह कचरामुक्त करने, शहरों को जल सुरक्षित बनाने और यह सुनिश्चित करने कि कहीं भी सीवेज का गन्दा नाला नदियों में न गिरे, इसके लिए प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ मिशन मोड पर कार्य करेगी.

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने न्यू इण्डिया का जो सपना देखा है, उसे पूरा करने के लिए वे मिशन मोड में कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रांे के समन्वित विकास के लिए प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शहरों का नियोजित नगरीय विकास भारत की प्राचीन परम्परा है. आज समय की मांग के अनुसार देश के नगरों का तेजी से विकास हो रहा है. लोगों को ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस का लाभ नगरीय विकास के कारण मिल रहा है.

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने में स्वच्छ भारत मिशन तथा अमृत योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. वर्ष 2015 से 2021 में नगरीय विकास के क्षेत्र में निवेश 07 गुना तक बढ़ा है. केन्द्र सरकार द्वारा लोगों को बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वच्छ भारत मिशन 2.0 तथा अमृत 2.0 प्रारम्भ किये गये हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी का विस्तार हुआ है. आज उत्तर प्रदेश में 08 हवाई अड्डे काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हवाई अड्डों के विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 2,000 करोड़ रुपये की धनराशि का प्राविधान किया गया है.

इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, केन्द्रीय भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्री डॉ0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय, केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर, उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य एवं डॉ0 दिनेश शर्मा, नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, नगर विकास राज्य मंत्री श्री महेश चन्द्र गुप्ता, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ0 रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

स्‍ट्रीट वेंडरों का संबल बनी है पीएम स्‍वनिधि योजना

इंदिरा गांधी प्रतिष्‍ठान में न्‍यू अर्बन इंडिया कॉन्‍क्‍लेव के उद्धाटन पर पीएम मोदी ने मंच से एक बार फिर सीएम योगी आदित्‍यनाथ के कामों को सराहा . उन्‍होंने कहा कि सीएम योगी के प्रयासों से कोरोना काल में गरीबों को संबल देने वाली पीएम स्‍वनिधि योजना के क्रियान्‍वयन में उत्‍तर प्रदेश देश में प्रथम स्‍थान पर है. उन्‍होंने कहा कि जिन तीन शहरों ने इस योजना में उत्‍कृष्‍ट काम किया है. उसमें यूपी के दो शहर लखनऊ व कानपुर शामिल है. योजना के तहत यूपी के 7 लाख से अधिक स्‍ट्रीट वेंडर को इसका सीधा लाभ मिला है, जो बड़ी उपलब्धि है. पीएम ने कहा कि रेहड़ी, पटरी व ठेला कारोबारियों को सीधे बैंक से जोड़ने का काम किया जा रहा है.

कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान देश भर के स्‍ट्रीट वेंडरों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा था. इनका कारोबार लगभग बंद हो गया था. दोबारा कारोबार शुरू करना इनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था. ऐसे में केन्‍द्र सरकार की पीएम स्‍वनिधि योजना स्‍ट्रीट वेंडर के लिए बड़ा सहारा बनी. कोरोना काल के बाद दोबारा काम शुरू करने के लिए इस योजना के जरिए स्‍ट्रीट वेंडरों को दस हजार रुपए तक लोन दिया गया. ताकि वह दोबारा अपना काम शुरू कर सकें. लोन की प्रक्रिया को काफी आसान रखा गया. इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों के रेहड़ी-पटरी वालों को एक साल के लिए 10,000 रुपये का ऋण बिना किसी गारंटी के उपलब्ध कराया गया.

लखनऊ व कानपुर आगे

पीएम मोदी ने स्‍ट्रीट वेंडरों को ऋण देने में लखनऊ व कानपुर के स्‍थानीय निकायों की तारीफ की. पीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री स्‍वनिधि योजना के क्रियान्‍वयन में यूपी अव्‍वल है. खासकर देश के तीन शहरों के स्‍थानीय निकायों ने इसमें उल्‍लेखनीय काम किया है. उसमें यूपी के दो शहर लखनऊ व कानपुर शामिल हैं. वहीं, यूपी केन्‍द्र सरकार की 41 योजनाओं के क्रियान्‍वयन में देश के सभी राज्‍यों में अव्‍वल है.

सीएम योगी का मनरेगा कर्मियों को बड़ा तोहफा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनरेगा कर्मियों को दशहरा और दीपावली के पहले बड़ा तोहफा दिया है. उन्होंने मनरेगा कर्मियों के मानदेय वृद्धि की इसी माह से देने की घोषणा की है.

उन्होंने मनरेगा कर्मियों के लिए उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की तरह एचआर पालिसी एक माह के अंदर लाने की घोषणा की है, जिसमें आकष्मिक अवकाश 24 दिन और चिकित्सा अवकाश 12 दिन मिलेगा. यह बातें उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी सम्मेलन के दौरान कहीं.

कार्यक्रम का आयोजन डिफेंस एक्सपो मैदान वृंदावन लखनऊ में किया गया था. सीएम योगी ने मनरेगा कर्मियों के जॉब चार्ट में ग्राम्य विकास विभाग के कई अन्य कार्यों को भी जोड़ने का ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि रोजगार सेवक की सेवा समाप्ति के पूर्व उपायुक्त मनरेगा की सहमति आवश्यक होगी. यानि कोई जबरदस्ती नहीं हटा पाएगा.

उन्होंने कहा कि ग्राम रोजगार सेवक यदि नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान के निकटतम संबंधी या परिवारीजन हैं, तो उन्हें निकटतम रिक्त ग्राम पंचायत में तैनात किया जाएगा. उनकी सेवाएं समाप्त नहीं होंगी. इसी तरह उन्होंने महिला ग्राम रोजगार सेविका के विवाह के बाद उन्हें नए जिले में तैनात किया जाएगा. इसके अलावा सभी महिला संविदा कार्मिकों 180 दिन का मातृत्व अवकाश लागू कर दिया गया है.

सीएम योगी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्य स्तर पर अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार आदि, विकास खंड के अधिकारियों, कई मनरेगा कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत भी किया. इस दौरान ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास विभाग के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह और राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया.

इन मनरेगा कर्मियों का बढ़ा मानदेय

सीएम योगी ने मनरेगा कर्मियों को अब ग्राम रोजगार सेवकों को 10 हजार, तकनीकी सहायकों को 15,656, कंप्यूटर आपरेटरों को 15,156, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को 34,140, लेखा सहायक को 15,156, आपरेशन सहायक को 18,320, हेल्पलाइन एक्जीक्यूटिव को 18,320, चतुर्थ श्रेणी कर्मी को नौ हजार, ब्लॉक सोशल आडिट कोआर्डिनेटर को 14,100, डिस्ट्रिक्ट सोशल आडिट कोआर्डिनेटर को 19 हजार नौ सौ रुपए का मानदेय अक्तूबर माह से देने की घोषणा की है.

भ्रष्टाचार संज्ञान में आए, तो करें कठोरता पूर्वक कार्यवाही: सीएम योगी

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह संकल्प है कि भ्रष्टाचार मुक्त पूणर्त: पारदर्शी ढंग से लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाए और जहां कहीं भी भ्रष्टाचार के प्रकरण संज्ञान में आएं, उसमें कठोरता पूर्वक कार्यवाही भी की जाए. उन्होंने कहा कि विभाग को इस वर्ष कम से कम 20 लाख परिवारों को सौ दिन का रोजगार देते हुए 13 हजार करोड़ का कार्य कराना चाहिए. महिला मेटों का समयबद्ध ढंग से प्रशिक्षण होने पर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं के स्वावलंबन में बड़ी भूमिका हो सकती है.

225 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिया ग्राम रोजगार सेवकों को मानदेय

उन्होंने कहा कि मुझे याद है, जब ग्राम रोजगार सेवकों को कई-कई वर्षों से मानदेय का भुगतान नहीं हो पाता था. यह बात अकसर हमारे सामने आती थी. हमने कहा कि यह सभी लोग शासन से अल्प मानदेय पाते हैं और इसे भी हम कई-कई वर्षों तक न दें, तो अन्याय है. तत्काल हमने शासन से 225 करोड़ रुपए स्वीकृत किए और विभाग ने समयबद्ध ढंग से पहुंचाने का कार्य किया. इसी प्रकार से अप्रैल 2020 में मनरेगा संविदा कर्मियों का भुगतान राज्य स्तरीय केंद्रीयकृत पूल के माध्यम से जो पहले नहीं हो पाता था, उसे अब सीधे उनके खाते में भेजने की व्यवस्था कर दी गई है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि तकनीक के प्रयोग से कार्य करने में आसानी व पारदर्शिता आती है. इसके इस्तेमाल से कार्य क्षेत्र में दक्षता आती है. यह कार्य को सम्पादित करने वाले व्यक्ति को सम्मान का पात्र भी बनाती है. आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को दिया जा रहा स्मार्ट फोन उनकी कार्य पद्धति को स्मार्ट बनाएगा. इसके माध्यम से आप सब आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री शासन-प्रशासन एवं जनविश्वास जीतकर अपनी पहचान बना सकती हैं.

मुख्यमंत्री जी ने लोकभवन में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आयोजित आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ एवं आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. मुख्यमंत्री जी ने अपने कर कमलांे द्वारा 20 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ एवं 10 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ प्रदान किये. उन्होंने ‘एक संग मोबाइल एप’ लॉन्च किया. इस अवसर पर एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी.

इस अवसर पर प्रदेश में पोषण अभियान के अन्तर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को तकनीक से जोड़ने व उनकी कार्य सुविधा के लिए 1,23,000 ‘स्मार्ट फोन’ एवं बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए 1,87,000 ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ वितरित किये जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सामान्य रूप से कहने के लिए यह केवल ‘स्मार्ट फोन व ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ के वितरण का कार्यक्रम हो सकता है, लेकिन इसकी गूंज सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में नींव के पत्थर के रूप में है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का संकल्प है कि पारदर्शी और ईमानदार सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तकनीक के माध्यम से शासन की योजनाओं को प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाया जाए. इसके लिए आवश्यक है कि ऐसे संसाधन उन लोगों को उपलब्ध कराए जाएं, जो शासन की योजनाओं को अन्तिम पायदान के व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के प्रति लोगों में सम्मान व आदर का भाव बढ़ा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या संस्था की पहचान विपत्ति व आपत्ति के समय पता चलती है. जो व्यक्ति संकट आने पर भाग खड़ा हो, सहयोग न करे वह, कितना भी बड़ा, सम्पन्न व बुद्धिमान हो, अगर उसकी बुद्धिमत्ता व उसका ऐश्वर्य लोक कल्याण व समाज कल्याण के उपयोग में नहीं आ रहा है, तो उसका कोई महत्व नहीं है. संकट के समय सहयोगात्मक व लोक कल्याणकारी कार्य करने वाला ही महत्वपूर्ण होता है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की द्वितीय लहर के समय प्रदेश सरकार द्वारा निर्णय लिया गया कि प्रत्येक ग्राम व शहरी मोहल्लों में एक निगरानी समिति बनायी जाएगी. अप्रैल, 2021 में प्रदेश में निगरानी समितियां गठित की गयीं. इनके द्वारा घर-घर जाकर एक-एक व्यक्ति की पहचान कर संदिग्ध व्यक्ति को मेडिसिन किट उपलब्ध करायी गयी. इनकी सूची बनाकर अगले 24 घण्टे के अन्दर आर0आर0टी0 की टीम द्वारा जांच कराने की कार्यवाही की गयी. इस कार्य में 10 से 12 लोगों की एक टीम का गठन किया गया था, जिसमें आंगनबाड़ी, आशा वर्कर, ए0एन0एम0, ग्राम प्रधान, पार्षद, सहित ग्राम्य विकास, नगर विकास, पंचायतीराज तथा राजस्व विभाग के कर्मी शामिल थे.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना वर्करों एवं निगरानी समितियों के सहयोग से प्रदेश में कोरोना नियंत्रित स्थिति में है. प्रदेश में कोरोना नियंत्रण एक मॉडल के रूप में सामने आया है कि किस प्रकार सामूहिक प्रयासों से एक महामारी को नियंत्रित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है, इसके पूर्व, राज्य सरकार इंसेफेलाइटिस के सफल नियंत्रण का मॉडल प्रस्तुत कर चुकी है. वर्ष 1977 से वर्ष 2017 तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के 07 जनपदों सहित प्रदेश के कुल 38 जनपदों में इन्सेफेलाइटिस रोग से मौतें होती थीं. इसमें अकेले बस्ती व गोरखपुर जनपद में प्रत्येक वर्ष डेढ़ से दो हजार बच्चों की असमय मृत्यु हो जाती थी. प्रदेश सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से पूर्वी उत्तर प्रदेश में इन्सेफेलाइटिस रोग से होने वाली 95 से 97 प्रतिशत मृत्यु को नियंत्रित किया जा चुका है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में कोरोना वॉरियर्स, खास तौर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, आशा, ए0एन0एम0 ने अत्यन्त सराहनीय कार्य किया है. उन्होंने कहा कि अच्छा कार्य करेंगे, तो समाज आपको सम्मान देगा. यही भूमिका आपको आगे बढ़ाएगी. कार्य करने से व्यक्ति शारीरिक रूप से मजबूत, मानसिक रूप से परिपक्व तथा आत्मविश्वास से भरपूर होता है. प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक जनपद में कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं के लिए पोषाहार तैयार करने के लिए संयंत्र स्थापित किया जा रहा है. उसकी क्वॉलिटी की जांच की व्यवस्था की जा रही है. यह प्रदेश में मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर को कम करने व देश के औसत के समकक्ष लाने में मदद करेगा. इससे राज्य सरकार की दवा एवं अन्य खर्चाें में बचत होगी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछले दिनों पोषण माह के कार्यक्रम में मैंने कहा था कि आंगनबाड़ी या आशा वर्कर का जितना पिछला मानदेय बकाया है, उसका तत्काल भुगतान किया जाए. विभाग ने उसकी कार्यवाही प्रारम्भ की है. यह पिछला वाला था. अभी सरकार उनको और भी देने जा रही है. आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री अपनी पूरी तन्मयता से कार्य कर रही हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 में एक्साइज के क्षेत्र में हावी गिरोह को पारदर्शी कार्यपद्धति एवं नीतियों को लाकर पूरी तरह से समाप्त किया. जब भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बन्द कर दिये जाते हैं, तो विकास अपने आप बढ़ता हुआ दिखायी देता है. प्रदेश सरकार द्वारा सर्वांगीण विकास की नींव को रखने का कार्य किया जा रहा है. प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन का निर्माण कराया जा रहा है. इन आंगनबाड़ी भवनों को बाद में प्री-प्राइमरी के रूप में बनाने पर सरकार गम्भीरता से विचार कर रही है.

इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों ने बड़ी निष्ठा से कार्य किया. मुख्यमंत्री जी नेे वर्ष 2017 में प्रदेश की बागडोर संभालते ही, राज्य में गुड गवर्नेंस लाए. इस गुड गवर्नेंस का आधार ई-गवर्नेंस है. मुख्यमंत्री जी की मान्यता है कि जब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ई-गवर्नेंस से नहीं जोड़ा जाएगा, तब तक गुड गवर्नेंस की सोच को साकार नहीं किया जा सकता. इसके दृष्टिगत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ तथा सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ‘एक संग मोबाइल एप’ आंगनबाड़ी केन्द्रों को सामुदायिक भागीदारी का एक मंच प्रदान करेगा, जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति एवं संस्था अपनी सहायता प्रदान कर सकता है.

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती एस0 राधा चौहान, प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती वी0 हेकाली झिमोमी, सूचना निदेशक श्री शिशिर, निदेशक राज्य पोषण मिशन श्री कपिल सिंह, निदेशक बाल विकास सुश्री सारिका मोहन सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

यूपी के हर जिले में मेडिकल कॉलेज का संकल्प

प्रदेश में 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सरकार की आकर्षक नीति की वजह से देश के कई बड़े संस्थानों ने पहल की है. इन जिलों में मेडिकल कॉलेज बनने से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए पांच नवंबर तक आवेदन मांगे हैं. विभाग की ओर से http://etender.up.nic.in वेबसाइट पर टेंडर जारी कर दिया गया है. सरकार की ओर से निजी निवेशकों को कई तरह की छूट भी दी जा रही है.

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कैबिनेट की मुहर लगने के बाद हाल ही में नीति जारी की थी और तीन तरह के विकल्प उपलब्ध कराए थे. हर विकल्प के लिए नियम और शर्तें अलग हैं. निजी क्षेत्र के निवेशक अपनी जमीन या सरकारी जमीन पर भी मेडिकल कॉलेज खोल सकते हैं. खास बात यह है कि विभाग ने इन सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जमीन पहले से चिह्नित कर आरक्षित कर ली है.

चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कई बड़े निवेशकों ने इच्छा जाहिर की है. विभाग की ओर से नीति जारी कर दी गई है. निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निविदा प्रक्रिया के तहत निवेशकों का चयन किया जाएगा. सीएम योगी के निर्देश पर पूरी प्रक्रिया को तीव्र गति से पूरा किया जा रहा है.

हर साल मिलेंगे 16 सौ नए डॉक्टर, 10 हजार लोगों को मिलेगी नौकरी

प्रदेश में 16 जिलों में बनने वाले मेडिकल कॉलेजों से हर साल 16 सौ नए डॉक्टर मिलेंगे. साथ ही इन मेडिकल कॉलेजों में करीब 10 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी. इसके अलावा इन मेडिकल कॉलेजों में लोगों के उपचार के लिए करीब छह हजार नए बेड उपलब्ध होंगे. इन मेडिकल कॉलेजों में आम लोगों को भी उच्च स्तरीय सहुलियत मिलेगी.

सीएम योगी ने इन जिलों में भी मेडिकल कॉलेज खोलने का लिया है संकल्प

प्रदेश में 16 जिलों बागपत, बलिया, भदोही, चित्रकूट, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मऊ, रामपुर, संभल, संतकबीरनगर, शामली और श्रावस्ती में सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज नहीं हैं. हालांकि इन जिलों में जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी की सुविधा उपलब्ध है. इन जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं में और इजाफा करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में मेडिकल कालेज का खोलने का संकल्प लिया है.

सरकार किसानों के जीवन में व्यापक बदलाव लाने के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए तत्पर : मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के जीवन में व्यापक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए तत्पर है. उन्हांेने कहा कि राज्य सरकार ने गन्ना किसानों के हित में गन्ना मूल्य में वृद्धि का निर्णय लिया है. 325 रुपये प्रति कुन्तल के गन्ने का गन्ना मूल्य बढ़ाकर 350 रुपये प्रति कुन्तल, 315 रुपये प्रति कुन्तल के सामान्य गन्ने का गन्ना मूल्य 340 रुपये प्रति कुन्तल तथा अनुपयुक्त गन्ने के गन्ना मूल्य में 25 रुपये प्रति कुन्तल वृद्धि की जा रही है. गन्ना मूल्य में इस वृद्धि से प्रदेश के 45 लाख गन्ना किसानों की आय में 08 प्रतिशत की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी होगी. उन्हांेने विश्वास व्यक्त किया कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से प्रोत्साहित होकर किसान उत्पादन क्षमता बढ़ाकर प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाएंगे.

मुख्यमंत्री जी आज यहां आयोजित किसान सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे. किसान सम्मेलन में हल भेंट कर मुख्यमंत्री जी का स्वागत किया गया.

किसान सम्मेलन में किसानों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्नदाता किसान कठिन परिश्रम करके अन्न पैदा करता है. अन्न जीवन चक्र का आधार है. किसान द्वारा अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से बिना भेदभाव के सभी के लिए अन्न उत्पन्न करना पुण्य का कार्य है. इससे पूर्व, कृषि विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के पश्चात उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. प्रदर्शनी में कृषि उत्पादक संगठनों के उत्पाद, आधुनिक कृषि यंत्रों, पराली प्रबन्धन विधियों, जैविक कृषि उत्पादों आदि को प्रदर्शित किया गया था.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 मंे श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने पर देश का भाग्योदय हुआ. प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व की सरकार ने गांव, गरीब, नौजवान, महिलाओं तथा समाज के सभी तबकों के लिए कार्य किया. धरती माता की सेहत का ध्यान रखा जा सके, इस उद्देश्य से उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया. कृषकों के हित और कल्याण के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना जैसी योजनाएं संचालित की गयीं. वर्ष 2017 में वर्तमान राज्य सरकार के सत्ता में आने के बाद पहला निर्णय प्रदेश के 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ करने का लिया गया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्नदाता किसान के खुशहाल होने से राज्य प्रगति और समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर होता है. इस उद्देश्य से वर्तमान राज्य सरकार ने बिचौलियों को समाप्त कर सीधे किसानों से उनके कृषि उत्पादों की खरीद के लिए   अप्रैल, 2017 में प्रोक्योरमेन्ट पॉलिसी लागू की. विगत साढ़े चार वर्षाें में प्रदेश में किसानों से रिकॉर्ड मात्रा में उनके कृषि उपज की खरीद की गयी है. एम0एस0पी0 पर गेहूं खरीद के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने 19,02,098 किसानों को 12,808 करोड़ रुपये का भुगतान किया. वर्तमान सरकार ने साढ़े चार साल के कार्यकाल में 43,75,574 किसानों को 36,405 करोड़ रुपये का भुगतान किया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने पर पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल का वर्ष 2009-10 से लेकर वर्ष 2018-19 तक का किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान बकाया था. इससे गन्ने का रकबा सिकुड़ता जा रहा था. वर्तमान सरकार ने गन्ना किसानों के हित में बन्द चीनी मिलों का संचालन प्रारम्भ कराया. पिपराइच, मुण्डेरवा, रमाला में पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा बेची गयी चीनी मिलों के स्थान पर नये संयंत्र स्थापित कराए. साथ ही, बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान सुनिश्चित कराया. विगत साढ़े चार वर्षों में किसानों को 01 लाख 44 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया. 30 नवम्बर, 2021 तक गन्ना मूल्य के भुगतान एवं चीनी मिलों के संचालन के निर्देश दिए गए हैं. कोरोना कालखण्ड में जब देश और दुनिया में चीनी उद्योग प्रभावित हो रहा था, वर्तमान राज्य सरकार ने तकनीक का उपयोग करते हुए प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलों का संचालन कराया. जब तक किसानों के खेत में गन्ना उपलब्ध था, चीनी मिलें चलायी गयीं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार ने किसानों के हित को ध्यान में रखकर नीतियां बनायीं. वर्ष 1918 में स्पैनिश फ्लू में बीमारी के साथ-साथ भूख से भी बड़ी संख्या में मौत हुई. कोरोना के समय में प्रधानमंत्री जी के देशवासियों का जीवन और जीविका बचाने के संकल्प का अनुसरण करते हुए राज्य सरकार ने कार्य किया. देश व प्रदेश में किसी भी व्यक्ति की भूख से मृत्यु नहीं हुई. कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से देश के 80 करोड़ व प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को अप्रैल, 2020 से लेकर नवम्बर, 2020 तथा मई, 2021 से लेकर नवम्बर, 2021 तक निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने प्रदेशवासियों को निःशुल्क खाद्यान्न एवं वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य ने अब तक 10 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की खुराक उपलब्ध कराने में सफलता प्राप्त की है. इससे प्रदेश में कोरोना का संक्रमण समाप्त प्राय हो गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में सावधानी व सतर्कता बरतने के साथ ही जीवन और जीविका को बचाने के लिए प्रभावी प्रयास जारी रहेंगे. राज्य सरकार ने पराली जलाने के सम्बन्ध में किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस ले लिए हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में देश व प्रदेशवासियों का जीवन एवं जीविका बचाने के साथ ही किसानों के हित में लगातार कदम उठाए गए. किसान को 24 जिन्स के लिए लागत का डेढ़ गुना दाम दिलाने की घोषणा प्रधानमंत्री जी ने की. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गयी कृषि उपज की खरीद की धनराशि का भुगतान किसान के खाते में किया गया. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से बिना भेदभाव के सभी किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है. प्रदेश में 02 करोड़ 54 लाख किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसानों को सिंचाई के बेहतर साधन सुलभ कराने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं. किसानों को सोलर पम्प तथा खेत-तालाब योजना के तहत लाभान्वित किया गया है. वर्षों से लम्बित बाणसागर परियोजना को पूर्ण कराकर प्रारम्भ कराया गया. अर्जुन सागर परियोजना बनकर लगभग तैयार हो चुकी है. अगले महीने इसे प्रधानमंत्री जी से राष्ट्र को समर्पित कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. सरयू नहर परियोजना लगभग पूरी हो गयी है. इसके अलावा पहाड़ी बांध, जमरार बांध, रसिन बांध सहित विभिन्न परियोजनाओं को पूर्ण कराया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तराई एवं विन्ध्य क्षेत्र में अक्सर किसानों और जंगली जानवरों के मध्य संघर्ष हो जाता है. राज्य सरकार ने इसे आपदा घोषित करते हुए वन्य जीवों के हमले में मृत व्यक्ति के आश्रितों को 04 लाख रुपये अथवा कृषक बीमा योजना के तहत 05 लाख रुपये की धनराशि देने की व्यवस्था भी की. किसानों के बिजली बिल के सम्बन्ध में ब्याज माफ करते हुए एकमुश्त समाधान योजना के माध्यम से शीघ्र ही एक ठोस योजना लागू की जाएगी. प्रधानमंत्री जी ने सब्सिडी की दर बढ़ाकर डी0ए0पी0 और यूरिया की कीमतों में वृद्धि नहीं होने दी. किसानों को समय पर उर्वरक तथा विद्युत की सुचारु आपूर्ति सुनिश्चित की गयी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ किया है. वर्तमान में खेत में किसान की मोटर सुरक्षित है, उसे कोई ले नहीं जा सकता. विगत साढ़े चार वर्षों में प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ है. अवैध स्लॉटर हाउस बंद करा दिए गए हैं. राज्य सरकार द्वारा निराश्रित गोआश्रय स्थलों का संचालन कराया जा रहा है. यह व्यवस्था भी की गयी है कि कोई भी इच्छुक किसान निराश्रित गोवंश में से 04 गोवंश का पालन-पोषण करने के लिए अपने पास रख सकता है. इसके लिए उसे 900 रुपये प्रति गोवंश प्रति माह प्रदान किए जाने की व्यवस्था की गयी है. कुपोषित महिला अथवा कुपोषित बच्चों के लिए दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु उनकी इच्छा पर एक निराश्रित गोवंश दिए जाने की व्यवस्था की गयी है. इस गोवंश के रख-रखाव के लिए उन्हें 900 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाने की भी व्यवस्था है.

सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार ने लगातार देश और समाज की उन्नति व समृद्धि तथा सभी वर्गों के उत्थान के लिए कार्य किया है. वर्तमान राज्य सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट में किसानों के ऋण माफ करने का निर्णय लिया. बड़ी मात्रा में किसानों से उनकी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय की गयी. प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को दिए जा रहे प्रभावी प्रोत्साहन से वर्तमान में राज्य गेहूं, गन्ना, आलू, सब्जी, फलों आदि के उत्पादन में देश में नम्बर एक है. किसानों को खाद, बीज, पानी की समय पर उपलब्धता से प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में देश में सबसे ऊपर है.

गन्ना विकास मंत्री श्री सुरेश राणा ने अपने सम्बोधन में कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने चीनी मिलों को बेचा और बंद किया.

मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने बंद चीनी मिलों का संचालन कराया. गन्ना किसानों के हित में कोरोना काल में भी जरूरी सतर्कता बरतते हुए सभी 119 चीनी मिलों का संचालन कराया गया. 18 से अधिक चीनी मिलों की पेराई क्षमता में वृद्धि की गयी. मुख्यमंत्री जी ने पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराया. विगत साढ़े चार वर्षों में 01 लाख 44 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया है. खाण्डसारी उद्योगों को लाइसेंस देने से पेराई क्षमता में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है.

किसान सम्मेलन को पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद श्री राधा मोहन सिंह, सांसद श्री राजकुमार चाहर, विधान परिषद सदस्य श्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी सम्बोधित किया.

इस अवसर पर महिला कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह, उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीराम चौहान, कृषि राज्य मंत्री श्री लाखन सिंह राजपूत सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में कृषक समुदाय उपस्थित था.

सम्मेलन में अतिथियों का स्वागत श्री कामेश्वर सिंह ने किया. कार्यक्रम का संचालन श्री घनश्याम पटेल द्वारा किया गया. मंचासीन अतिथियों का स्वागत श्री सुधीर सिंह, श्री रामबाबू द्विवेदी एवं श्री सतेन्दर तुगाना ने किया.

पांच और शहरों में मेट्रो का काम अंतिम चरण में : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के चार शहरों लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मेट्रो रेल का सफल संचालन किया जा रहा है. कानपुर और आगरा में मेट्रो का काम  चल रहा है. इसके साथ ही पांच अन्य प्रमुख शहरों गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ और झांसी में मेट्रो के लिए डीपीआर तैयार है या अंतिम चरण में है. इन शहरों में भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध होगी.

सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर से कानपुर और आगरा मेट्रो की प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन का वर्चुअल अनावरण कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए उल्लास का क्षण है. वास्तव में मेट्रो जैसा सुरक्षित और आरामदायक पब्लिक ट्रांसपोर्ट आज की आवश्यकता है. हम अपेक्षा करते हैं कि 30 नवम्बर के आसपास हम कानपुर मेट्रो को देश को समर्पित करने की स्थिति में होंगे.

प्रयास होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से इसका शुभारंभ कराया जाए. उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि वड़ोदरा के उपक्रम में कोविडकाल की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन को समय से पहले उपलब्ध कराया गया है. सीएम ने कहा कि इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना भी साकार हो रही है. मुख्यमंत्री ने आगरा व कानपुर मेट्रो के प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन के वर्चुअल अनावरण के दौरान वड़ोदरा से जुड़े यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक, मेसर्स एचटॉम इंडिया ट्रांसपोर्ट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक समेत सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को इसके लिए बधाई भी दी.

शिल्प को सम्मान शिल्पियों का स्वावलंबन: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगले 03 महीने में प्रदेश के 75 हजार कारीगरों और शिल्पियों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य तय किया है. इन तीन माह में 75 हजार शिल्पियों को प्रशिक्षित कर इन्हें विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जोड़ते हुए स्वावलम्बन से जोड़ा जाएगा आजादी के अमृत महोत्सव पर शिल्पियों और करीगरों के लिए यह सबसे बड़ा तोहफा होगा.

मुख्यमंत्री ने यह बातें विश्वकर्मा दिवस के मौके पर शुक्रवार को ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के तहत 21,000 लाभार्थियों को टूलकिट और 11 हजार लाभार्थियों को ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजनांतर्गत ऋण वितरण करते हुए कहीं. लोकभवन में आयोजित मुख्य समारोह के साथ-साथ जिला मुख्यालयों पर भी कार्यक्रम आयोजित हुए.

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 26 दिसम्बर 2018 में हमने प्रदेश में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का शुभारंभ किया, तब से परंपरागत हस्तशिल्पियों, कारीगरों को सम्मान देने, उनको स्वावलंबी बनाने और प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का यह सिलसिला चलता आ रहा है. हस्तशिल्पियों ने योजनाओं का लाभ लेकर एक जनपद एक उत्पाद और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने रोजगार उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में हर व्यक्ति चिंता में था कि उत्तर प्रदेश का क्या होगा. लेकिन हमारे पारंपरिक करीगरों, हस्तशिल्पियों ने मिलकर ऐसा तंत्र विकसित किया जिससे हर प्रवासी को शासन की योजनाओं से जुड़ने और प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का काम किया. आज बेरोजगारी की दर चार पांच फीसदी है. यह प्रसन्नता प्रदान करने वाला है.  हमने दिसम्बर 2018 से 68412 से अधिक शिल्पियों को 100 करोड़ के उन्नत टूल किट वितरित किये हैं. सीएम ने कहा कि बहनें और माताएं यदि ठान लें तो उत्तर प्रदेश को रेडीमेड गारमेंट का हब बनाने में देरी नहीं लगेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमें अपने परंपरागत उद्यम और कारीगरी को एक मंच देना ही होगा. उनका प्रशिक्षित कराएं. आज प्रदेश के 21,000 से अधिक कारीगरों व हस्तशिल्पियों को टूलकिट वितरित किए जा रहे हैं. प्रदेश सरकार अपने परंपरागत कारीगरों व उद्यमियों को स्वावलंबी बना रही है, जिससे वह आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना योगदान दे सकें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के मोची, नाई, बढ़ई को मंच मिलना चाहिए. उन्हें सबल बनाना है. उन्हें उच्च प्रशिक्षण देकर तकनीकी से जोड़ना है और सर्टिफिकेट देकर साथ ही ट्रेनिंग के दौरान 250 रुपये प्रतिदिन प्रशिक्षण भत्ता देते हुए  मजबूत बनाना है. उन्होंने बताया कि आज तक 1 लाख हस्तशिल्पियों को इस योजना से जोड़ा गया है, प्रशिक्षित करके टूलकिट उपलब्ध करवाए हैं. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अगले 03 महीनों में 75 हजार करीगरों और हस्तशिल्पियों को टूल किट और ऋण उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाएं.

उन्होंने विभाग के मंत्रियों से कहा कि वो गांव-गांव में करीगरों, हस्तशिल्पियों के यहां पहुंचकर उनको प्रोत्साहित करने का भी काम करें. उन्होंने कहा कि हमें कारीगरों को सम्मान देना होगा वो ही हमारी धरोहर हैं. उन्होंने कहा कि आज इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए विभाग को और आपको धन्यवाद बधाई देता हूं. प्रधानमंत्री जी के जन्मदिन के दिन से और सेवा के उनके 20 वर्ष के उपलक्ष्य में अगले 20 दिनों तक अलग अलग कार्यक्रम होंगे.

मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को दी जन्मदिन की बधाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि आज दो महत्वपूर्ण दिन है एक तो विश्वकर्मा जी की जयंती और दूसरा दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का जन्मदिन. प्रधानमंत्री जी के इस वर्ष 6 अक्टूबर को सेवा के 20 वर्ष के रूप में पूरे हो रहे हैं. मैं प्रदेश की जनता की तरफ से देश में जो उनकी ओर से की गई सेवाएं हैं उनके लिए हृदय से अभिनन्दन करता हूं.

मोदी जी के प्रयास से जो खुशहाली आपके जीवन में प्रारंभ हुई है, देश-समाज को नई दिशा मिली है. उसको विकास के उत्सव में रूप में प्रदेश में 7 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. हुनरमंदों, कारीगरों और हस्तशिल्पियों को सम्मान देने वाले कार्यक्रम से इसकी शुरुआत की जा रही है.

आयोध्या में इस बार हम साढ़े 7 लाख दिए जलाने जा रहे : सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव के लिए 51 हजार दीप जुटाने के लिए हमें पूरे प्रदेश की खाक छाननी पड़ी थी. इस वर्ष हम साढ़े सात लाख दिए जलाने जा रहे हैं. हमने तकनीक से करीगरों को जोड़ा तभी यह संभव हो पाया है. हमारे कारीगर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति बनाना छोड़ दिया था. चीन जैसे नास्तिक देश मूर्तियां बनाने लगा. पिछली सरकारों ने चिंता नहीं की. आज हमारे कारीगर मूर्तियां बना रहे हैं. चीन से अच्छी, सुंदर, सस्ती और टिकाऊ. उन्हीं कारीगरों के चेहरों पर आज खुशहाली आ गयी है.

मुख्यमंत्री योगी के आर्थिक मॉडल से प्रदेश बन रहा आत्मनिर्भर: सिद्धार्थनाथ सिंह

एमएसएमई विभाग के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आर्थिक मॉडल ने प्रदेश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने का काम किया है. बहुत कम लोगों को इसकी समझ है. पंडित दीनदयाल जी कह गये कि आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचना चाहिये. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसको प्रदेश में पूरा करने का काम किया है.

एक जनपद एक उत्पाद योजना ने उन गरीबों को जिनके पास हुनर है उनको आगे ले जाने का काम किया है. ओडीओपी और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि कोरोना के होते हुए भी प्रदेश में 68412 लोगों ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से प्रशिक्षण लिया है.

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्यमंत्री की अभिनव सोच को आगे बढ़ाने का और 17 दिसम्बर को एक बड़ा आयोजन कर 75 हजार लोगों को विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से प्रशिक्षण दिलाकर टूलकिट वितरित किये जाने का आश्वासन दिया.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें