शादी से पहले मुझे एक लड़की से प्यार था, उसके मुताबिक मैं उसकी बेटी का बाप हूं, मैं क्या करूं?

सवाल
मेरी शादी हो चुकी है. शादी से 6 साल पहले मुझे एक लड़की से प्यार था. उस लड़की की भी शादी हो चुकी है, फिर भी हम दोनों अभी भी एकदूसरे को चाहते हैं. उस लड़की की एक बेटी भी है. उस के मुताबिक उस की बेटी का बाप मैं हूं. मैं क्या करूं?

जवाब
आप अपनी प्रेमिका को समझा दें कि अगर बेटी आप की है, तो भी उस का खुलासा करने से नुकसान ही होगा. उस का पति उसे अपनी औलाद समझता रहे, इसी में भलाई है. इस खुलासे से आप की बीवी और प्रेमिका के पति को काफी तकलीफ होगी. लिहाजा, इसे राज ही रखें. हो सके तो प्रेमिका से कम से कम मिलें.

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बड़े काम की है सेक्सटिंग की कला

हम टेबल पर, बिस्तर पर, वौशरूम में, सार्वजनिक जगहों पर, मूवी थिएटर में, डिनर टेबल के नीचे सभी जगह तो करते हैं… शरारतभरी बात है ना? पर हम फोन के इस्तेमाल की बात कर रहे हैं. भई, जब तकनीक आपके पास है तो इसका इस्तेमाल दिलों को वाइब्रेट करने के लिए क्यों न किया जाए? और एक समय हम उस जगह भी तो जाते थे-जब सेक्सटिंग को साइबर सेक्स के नाम से जाना जाता था, वो अस्त-व्यस्त से चैट रूम्स, जहां लोग औनलाइन बड़े ही व्यस्त नजर आते थे-तब हम एज/सेक्स/लोकेशन की भाषा में बात करते थे.

हमें लगता है कि सेक्सटिंग कूल है, क्योंकि लोग इसे बार-बार पढ़ना चाहते हैं. पर सच्चाई ये भी है कि ये आसान और बहुत सुविधाजनक भी है. हम आपको इस कला के कुछ सामान्य नियमों का पालन करने कहेंगे.

साथी को जानें

क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ सेक्सटिंग कर रही हैं, जिसे जानती हैं और जिसपर भरोसा कर सकती हैं? तो थम्स अप, आगे बढ़ने के लिए. यदि आप उसे नहीं जानती हैं तो सावधानीपूर्वक आगे बढ़ें. व्यक्तिगत जानकारियां न दें और तस्वीरें भेजने से बचें. टेलेग्राम जैसे ऐप का इस्तेमाल करें, जो आपके और उनके, दोनों ही ओर के सेक्स्ट को ‘सेव’ ना करने का विकल्प देता है.

चैट-अप लाइन तय करें

रियल लाइफ के लिए पिक-अप लाइन्स होती हैं तो आपके औनलाइन वर्जन के लिए चैट-अप लाइन क्यों न हो? ऐसी लाइन का चुनाव करें, जो आपके लिए सही हो, जो सेक्स्ट-स्टार्टर की तरह काम करे. सामनेवाले व्यक्ति की इसपर मिली प्रतिक्रिया आपको बताएगी कि आपको रोमांटिक गीत गाने हैं या अपने लिए किसी दूसरे चौकलेट केक की तलाश करनी है. हां, यदि वे रात 11 बजे के बाद आपके साथ सेक्सटिंग कर रहे हैं तो फिर चाहे जो भी बातें हो रही हों-आप उनकी नजरों में आ चुकी हैं.

स्पष्ट रहें

केवल लिखे हुए शब्दों के माध्यम से आपको अस्पष्ट व सांकेतिक और स्पष्ट व ग्रैफिक होने की पतली-सी रेखा के बीच अंतर रखना है. थंब रूल ये है कि जितना हौट आपका ऐक्शन होगा, उतना ही मुश्किल होगा सेक्सटिंग को समाप्त कर पाना. आपका सेक्स-टेंशन ऐसा होना चाहिए, जो उन्हें फोन से चिपके रहने पर मजबूर कर दे. यहां इमोजीज का इस्तेमाल न करें. शब्द और वाक्य यहां आपके दोस्त बनेंगे, इमोजीज पर्याप्त नहीं हैं.

अजीबोगरीब अब्रीविएशन्स से बचें

कुछ अब्रीविएशन्स आपकी बातों को अंदाजा तो दे देते हैं, लेकिन लोगों को पसंद नहीं आते. प्रसन्नता जैसे मनोभावों को जताना कठिन होता है, पर एलओएल या एलएमओज से बचें.

वैज्ञानिकता न बघारें

अपने नारीत्व का विवरण देने के लिए क्लीनिकल टर्म्स का इस्तेमाल करने से बचें.

सेक्सटिंग के आंकड़े

33% युवा वयस्क (20-26) कभी न कभी सेक्स्ट भेज चुके होते हैं. जुलाई 2011 में हुए एक सर्वे में सामने आया कि सोशल नेटवर्किंग और डेटिंग साइट्स पर मौजूद दो तिहाई महिलाओं ने कभी न कभी सेक्स्ट किया है, इनकी तुलना में यहां मौजूद केवल आधे पुरुषों ने ही सेक्स्ट किया है.

महिलाएं (48%), पुरुषों (45%) से ज़्यादा सेक्स्ट करती हैं, कुछ सर्वेज़ का कहना है. महिलाओं की तुलना में पुरुष सेक्सटिंग की पहल ज़्यादा करते हैं. आंकड़े बताते हैं कि 60% सेक्स्ट उस साथी को भेजे जाते हैं, जिसके साथ महिला/पुरुष रिश्ते में हैं और 33% संभावित बॉयफ्रेंड्स या गर्लफ्रेंड्स को.

मेरी बीवी को महीने में 2-3 बार पीरीयड्स होते है, इस कारण वो संबंध बनाने से इनकार करती है, मैं क्या करूं?

सवाल
मेरी बीवी को महीने में 2-3 बार माहवारी होती है और वह संबंध बनाने से इनकार करती है. मैं क्या करूं?

जवाब
हारमोनों की गड़बड़ी से माहवारी सही तरीके से नहीं हो पाती. इस के लिए आप माहिर महिला डाक्टर से अपनी बीवी की जांच कराएं. जहां तक संबंध बनाने की बात है, तो इस के लिए बीवी को प्यार से तैयार किया जा सकता है.

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अनियमित माहवारी

औरतों को हर माह पीरियड से दोचार होना पड़ता है, इस दौरान कुछ परेशानियां भी आती हैं. मसलन, फ्लो इतना ज्यादा क्यों है? महीने में 2 बार पीरियड क्यों हो रहे हैं? हालांकि अनियमित पीरियड कोई असामान्य घटना नहीं है, किंतु यह समझना आवश्यक है कि ऐसा क्यों होता है.

हर स्त्री की मासिकधर्म की अवधि और रक्तस्राव का स्तर अलगअलग है. किंतु ज्यादातर महिलाओं का मैंस्ट्रुअल साइकिल 24 से 34 दिनों का होता है. रक्तस्राव औसतन 4-5 दिनों तक होता है, जिस में 40 सीसी (3 चम्मच) रक्त की हानि होती है.

कुछ महिलाओं को भारी रक्तस्राव होता है (हर महीने 12 चम्मच तक खून बह सकता है) तो कुछ को न के बराबर रक्तस्राव होता है.

अनियमित पीरियड वह माना जाता है जिस में किसी को पिछले कुछ मासिक चक्रों की तुलना में रक्तस्राव असामान्य हो. इस में कुछ भी शामिल हो सकता है जैसे पीरियड देर से होना, समय से पहले रक्तस्राव होना, कम से कम रक्तस्राव से ले कर भारी मात्रा में खून बहने तक. यदि आप को प्रीमैंस्ट्रुल सिंड्रोम की समस्या नहीं है तो आप उस पीरियड को अनियमित मान सकती हैं, जिस में अचानक मरोड़ उठने लगे या फिर सिरदर्द होने लगे.

असामान्य पीरियड के कई कारण होते हैं जैसे तनाव, चिकित्सीय स्थिति, अतीत में सेहत का खराब रहना आदि. इन के अलावा आप की जीवनशैली भी मासिकधर्म पर खासा असर कर सकती है.

कई मामलों में अनियमित पीरियड ऐसी स्थिति से जुड़े होते हैं जिसे ऐनोवुलेशन कहते हैं. इस का मतलब यह है कि माहवारी के दौरान डिंबोत्सर्ग नहीं हुआ है. ऐसा आमतौर पर हारमोन के असंतुलन की वजह से होता है. यदि ऐनोवुलेशन का कारण पता चल जाए, तो ज्यादातर मामलों में दवा के जरीए इस का इलाज किया जा सकता है.

इलाज संभव

जिन वजहों से माहवारी अनियमित हो सकती है या पीरियड मिस हो सकते हैं वे हैं: अत्यधिक व्यायाम या डाइटिंग, तनाव, गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन, पोलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, युटरिन पोलिप्स या फाइब्रौयड्स, पैल्विक इनफ्लैमेटरी डिजीज, ऐंडोमिट्रिओसिस और प्रीमैच्योर ओवरी फेल्योर.

कुछ थायराइड विकार भी अनियमित पीरियड का कारण बन सकते हैं. थायराइड एक ग्रंथि होती है, जो वृद्धि, मैटाबोलिज्म और ऊर्जा को नियंत्रित करती है. किसी स्त्री में आवश्यकता से अधिक सक्रिय थायराइड है, इस का रक्तपरीक्षण से आसानी से पता किया जा सकता है. फिर रोजाना दवा खा कर इस का इलाज किया जा सकता है. हारमोन प्रोलैक्टिन का उच्च स्तर भी इस समस्या का कारण हो सकता है.

यदि किसी महिला को पीरियड के दौरान बहुत दर्द हो, भारी रक्तस्राव हो, दुर्गंधयुक्त तरल निकले, 7 दिनों से ज्यादा पीरियड चले, योनि में रक्तस्राव हो या पीरियड के बीच स्पौटिंग, नियमित मैंस्ट्रुअल साइकिल के बाद पीरियड अनियमित हो जाए, पीरियड के दौरान उलटियां हों, गर्भाधान के बगैर लगातार 3 पीरियड न हों तो अच्छा यही होगा कि तुरंत चिकित्सीय परामर्श लिया जाए. अगर किसी लड़की को 16 वर्ष की आयु तक भी पीरियड शुरू न हो तो तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए.

– डा. मालविका सभरवाल
स्त्रीरोग विशेषज्ञा, नोवा स्पैशलिटी हौस्पिटल्स

मैं अपनी दूर की भतीजी से 2 साल से प्यार करता हूं, क्या हम दोनों का विवाह संभव नहीं है?

सवाल
मैं 28 वर्षीय युवक हूं. एक लड़की से 2 साल से प्यार करता हूं. वह भी मुझे चाहती है. हम दोनों शादी करना चाहते हैं. लड़की के घर वालों को एतराज नहीं है, परंतु मेरे घर वाले इस शादी का विरोध कर रहे हैं. कारण लड़की दूर के रिश्ते में मेरी भतीजी लगती है. क्या हम दोनों का विवाह संभव नहीं है? यदि है तो मैं अपने घर वालों को कैसे मनाऊं?

जवाब
लड़की से चूंकि आप की दूर की रिश्तेदारी है, इसलिए यह आप के रिश्ते में आड़े नहीं आएगी. खासकर तब जब लड़की वालों को इस रिश्ते से कोई एतराज नहीं है. आप को अपने घर वालों पर दबाव बनाना होगा. यदि आप की बात वे नहीं सुन रहे तो किसी सगेसंबंधी या पारिवारिक मित्र से मदद ले सकते हैं. वे उन्हें समझा सकते हैं कि इतनी दूर की रिश्तेदारी माने नहीं रखती. यदि लड़की आप के लिए उपयुक्त जीवनसंगिनी है और विवाह के लिए गंभीर है, तो घर वाले देरसवेर मान ही जाएंगे. लड़की के घर वाले भी उन्हें मना सकते हैं.

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जब बेटी को विवाहित से प्रेम हो जाए

युवाओं में प्रेम होना एक आम बात है. अब समाज धीरेधीरे इसे स्वीकार भी कर रहा है. माता- पिता भी अब इतना होहल्ला नहीं मचाते, जब उन के बच्चे कहते हैं कि उन्हें अमुक लड़की/लड़के से ही शादी करनी है, लेकिन अगर कोई बेटी अपनी मां से आ कर यह कहे कि वह जिस व्यक्ति को प्यार करती है, वह शादीशुदा है तो मां इसे स्वीकार नहीं कर पाती.

ऐसे में बेटी से बहस का जो सिलसिला चलता है, उस का कहीं अंत ही नहीं होता लेकिन बेटी अपनी जिद पर अड़ी रहती है. मां समझ नहीं पाती कि वह ऐसा क्या करे, जिस से बेटी के दिमाग से इश्क का भूत उतर जाए.

ऐसे संबंध प्राय: तबाही का कारण बनते हैं. इस से पहले कि बेटी का जीवन बरबाद हो, उसे उबारने का प्रयास करें.

कारण खोजें : मौलाना आजाद मेडिकल कालिज में मनोचिकित्सा विभाग के निदेशक, डा. आर.सी. जिलोहा का कहना है कि इस तरह के मामले में मां एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती हैं.

मां के लिए पहले यह जानना जरूरी है कि बेटी का किसी अन्य व्यक्ति की ओर आकर्षण का कारण घरेलू वातावरण तो नहीं है. कहीं यह तो नहीं कि जिस प्यार व अपनेपन की बेटी को जरूरत है, वह उसे घर में नहीं मिलता हो और ऐसे में वह बाहर प्यार ढूंढ़ती है और हालात उसे किसी विवाहित पुरुष से मिलवा देते हैं.

यह भी संभव है कि वह व्यक्ति अपने वैवाहिक जीवन से संतुष्ट न हो. चूंकि दोनों के हालात एक जैसे हैं, सो वे भावुक हो एकदूसरे के साथ न जुड़ गए हों. यह भी संभव है कि अपनी पत्नी की बुराइयां कर के और खुद को बेचारा बना कर लड़कियों की सहानुभूति हासिल करना उस व्यक्ति की सोचीसमझी साजिश का एक हिस्सा है.

सो, बेटी से एक दोस्त की तरह व्यवहार करें व बातोंबातों में कारण जानने का प्रयास करें, तभी आप अगला कदम उठा पाएंगी.

सही तरीका अपनाएं : डा. जिलोहा का कहना है कि बेटी ने किसी शादीशुदा से प्यार किया तो अकसर माताएं उन को डांटतीफटकारती हैं और उसे उस व्यक्ति को छोड़ने के लिए कहती हैं, पर ऐसा करने से बेटी मां को अपना दुश्मन मानने लगती है. बेहतर होगा कि प्यार से उसे इस के परिणाम बताएं. बेटी को बताएं कि ऐसे रिश्तों का कोई वजूद नहीं होता. व्यावहारिक तौर पर उसे समझाएं कि उस के संबंधों के कारण बहुत सी जिंदगियां तबाह हो सकती हैं.

फिर जो व्यक्ति उस के लिए अपनी पत्नी व बच्चों को छोड़ सकता है, वह किसी और के लिए कभी उसे भी छोड़ सकता है, फिर वह क्या करेगी?

मदद लें : आप चाहें तो उस व्यक्ति की पत्नी से मिल कर समस्या का हल ढूंढ़ सकती हैं. अकसर पति के अफेयर की खबर सुनते ही कुछ पत्नियां भड़क जाती हैं और घर छोड़ कर मायके चली जाती हैं. उसे समझाएं कि वह ऐसा हरगिज न करे. बातोंबातों में उस से यह जानने का प्रयास करें कि कहीं उस के पति के आप की बेटी की ओर झुकाव का कारण वह स्वयं तो नहीं. ऐसा लगे तो एक दोस्त की तरह उसे समझाएं कि वह पति के प्रति अपने व्यवहार को बदल कर उसे वापस ला सकती है.      द्य

प्लान बनाएं

आप की सभी तरकीबें नाकामयाब हो जाएं तो उस की पत्नी से मिल कर एक योजना तैयार करें, जिस के तहत पत्नी आप की बेटी को बिना अपनी पहचान बताए उस की सहेली बन जाए. उसे जताएं कि वह अपने पति से बहुत प्यार करती है. उस के सामने पति की तारीफों के पुल बांधें. अगर वह व्यक्ति अपनी पत्नी की बुराई करता है तो एक दिन सचाई पता चलने पर आप की बेटी जान जाएगी कि वह अब तक उसे धोखा देता रहा है. ऐसे में उसे उस व्यक्ति से घृणा हो जाएगी और वह उस का साथ छोड़ देगी. यह भी हो सकता है कि उन का शादी का इरादा न हो और अपने संबंधों को यों ही बनाए रखना चाहते हों. ऐसे में बेटी को बारबार समझाने या टोकने से वह आप से और भी दूर हो जाएगी. उस को दोस्त बना कर उसे समझाएं और प्रैक्टिकली उसे कुछ उदाहरण दें तो शायद वह समझ जाए.

मुझे एक शादीशुदा औरत से प्यार हो गया है और हम एकदूसरे के बगैर नहीं रह सकते, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं 21 साल का हूं. मुझे एक शादीशुदा औरत से प्यार हो गया है. हम एकदूसरे के बगैर नहीं रह सकते, लेकिन घर वाले इस बात के खिलाफ हैं. मैं क्या करूं?

जवाब
आप के घर वाले सही हैं. शादीशुदा औरत के चक्कर में आप अपनी जिंदगी तो बरबाद कर ही रहे हैं, साथ ही उसे भी तबाह कर रहे हैं. उस के पति को पता चलेगा तो वह कहीं की न रहेगी. उस औरत से दूर रहने में ही सब की भलाई है.

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प्यार के अंधेरे में डूबता चला गया प्रकाश

छत्तीसगढ़ के जिला रायपुर की कोतवाली के अंतर्गत आने वाले मोहल्ला रिसाईपारा की रहने वाली 20 साल की खूबसूरत नगमा परवीन 18 जनवरी, 2017 की रात ब्यूटीपार्लर से लौट कर नहीं आई तो घर वालों को चिंता हुई. उस के अब्बू मोहम्मद असलम ने उस के मोबाइल पर फोन किया तो पता चला कि मोबाइल घर पर ही रखा है. उस से संपर्क का एकमात्र साधन फोन था, जो घर पर ही रखा था. ब्यूटीपार्लर ज्यादा दूर नहीं था. वहां जा कर पता किया तो पता चला कि उस दिन वह ब्यूटीपार्लर पर गई ही नहीं थी. यह जान कर घर वाले परेशान हो उठे. उन की समझ में यह नहीं आ रहा था कि नगमा ब्यूटीपार्लर पर नहीं गई तो बिना बताए कहां चली गई. जबकि उसे कहीं बाहर जाना होता था तो वह घर वालों को बता कर जाती थी.

ऐसा पहली बार हुआ था, जब नगमा घर वालों को बिना बताए न जाने कहां चली गई थी. अपने हिसाब से मोहम्मद असलम ने बेटी को हर तरह से खोजा, लेकिन उस का कुछ पता नहीं चला. वह कोई छोटी बच्ची नहीं थी कि कोई उसे बहलाफुसला कर उठा ले जाता. वह जहां भी गई थी, अपनी मरजी से गई थी. अगर उस के साथ जबरदस्ती की गई होती तो पता चल जाता.

मोहम्मद असलम और उन के घर वालों ने किसी तरह रात बिताई. सवेरा होते ही वह कुछ लोगों के साथ कोतवाली पहुंच गए और बेटी की गुमशुदगी दर्ज करा दी. गुमशुदगी दर्ज होने के बाद इंसपेक्टर श्रीप्रकाश सिंह ने इस मामले में जांच शुरू की तो पता चला कि नगमा सुबह तेजप्रकाश सेन की मोटरसाइकिल पर बैठ कर कहीं गई थी.

उसे तेजप्रकाश की मोटरसाइकिल पर बैठ कर जाते किसी और ने नहीं, नगमा की 8 साल की छोटी बहन ने देखा था. लेकिन यह बात उस ने घर वालों को नहीं बताई थी. जब पुलिस ने उस से पूछा, तभी उस ने बताया था.

श्रीप्रकाश सिंह को जब पता चला कि नगमा तेजप्रकाश के साथ गई है तो उन्होंने उस के बारे में मोहम्मद असलम से पूछा. पता चला कि तेजप्रकाश मोहल्ला आमातालाब में अपने परिवार के साथ रहता था. वह शादीशुदा था और 2 बच्चों का बाप था, इस के बावजूद उस ने खुद को कुंवारा बता  कर नगमा से कोर्टमैरिज कर ली थी.

नगमा को जब उस के शादीशुदा और 2 बच्चों का बाप होने का पता चला था तो वह अदालत चली गई, जहां से उसे ढाई लाख रुपए गुजाराभत्ता देने का आदेश हुआ था. ये रुपए तेजप्रकाश को 27 हजार रुपए हर महीने की किस्त के रूप में देने थे. लेकिन तेजप्रकाश ने 27 हजार रुपए की मात्र एक किस्म ही दी थी. उस के बाद उस ने एक पैसा नहीं दिया था.

नगमा और तेजप्रकाश की इस कहानी को जान कर श्रीप्रकाश सिंह को समझते देर नहीं लगी कि मामला क्या हो सकता है.  उन्होंने तुरंत तेजप्रकाश सेन के घर छापा मारा तो वह घर पर ही मिल गया. पूछताछ के लिए उसे कोतवाली लाया गया, लेकिन पुलिस हिरासत में होने के बावजूद उस के चेहरे पर जरा भी भय नहीं था.

एसएसपी राजीव टंडन और सीओ ए.सी. द्विवेदी की उपस्थिति में उस से पूछताछ शुरू हुई. श्रीप्रकाश सिंह ने पूछा, ‘‘तुम नगमा परवीन को जानते हो?’’

‘‘जी जानता हूं. लेकिन आप उस के बारे में मुझ से क्यों पूछ रहे हैं?’’ तेजप्रकाश ने कहा.

‘‘इसलिए कि वह 4 दिनों से गायब है.’’

‘‘क्या?’’ उस ने चौंक कर कहा, ‘‘वह 4 दिनों से गायब है?’’

‘‘हां, वह 4 दिनों से गायब है. काफी प्रयास के बाद भी उस का कुछ पता नहीं चल रहा है. घर से ब्यूटीपार्लर जाने के लिए वह निकली थी, लेकिन वह ब्यूटीपार्लर पहुंच नहीं पाई. बीच से ही वह गायब हो गई.’’

‘‘ब्यूटीपार्लर नहीं गई तो फिर वह कहां गई?’’

‘‘यही पता करने के लिए तो तुम्हें यहां लाया गया है.’’ श्रीप्रकाश सिंह ने कहा.

‘‘लेकिन मुझे क्या पता कि वह ब्यूटीपार्लर नहीं गई तो कहां गई? वह जहां भी गई है, मुझे बता कर थोड़े ही गई है. वह कहां जाती है, किस से मिलती है, क्या करती है, मुझे बता कर थोड़े ही करती है?’’ सफाई देते हुए तेजप्रकाश ने कहा, ‘‘अगर उस के बारे में कुछ पूछना है तो उस के घर वालों से जा कर पूछें. वही बता सकते हैं कि वह कहां है?’’

‘‘ठीक है, घर वालों से पूछ लेंगे. लेकिन तुम एक बात यह बताओ, क्या तुम नगमा की छोटी बहन को जानते हो?’’

‘‘जी, बिलकुल जानता हूं.’’

‘‘वह कह रही थी कि जिस दिन नगमा गायब हुई है, उस दिन उस ने तुम्हें नगमा को मोटरसाइकिल पर बैठा कर ले जाते हुए देखा था.’’

‘‘वह झूठ बोल रही है.’’ तेजप्रकाश ने एकदम से कहा. लेकिन इस बात से वह घबरा गया, जो उस के चेहरे पर स्पष्ट नजर आ रहा था. पुलिस अधिकारियों ने उसे भांप भी लिया था. इस के बाद तो पुलिस अधिकारियों ने उसे अपने सवालों से इस तरह घेरा कि बिना सख्ती किए ही उस ने एसएसपी के पैर पकड़ लिए.

वह गिड़गिड़ाते हुए बोला, ‘‘सर, मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई. नगमा को मैं ने मार दिया है. उसे मारता न तो क्या करता. मैं ने उस से प्यार किया, पत्नीबच्चों को छोड़ कर शादी की, इस के बावजूद उस ने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा. उस की वजह से मेरे परिवार ने मुझे छोड़ दिया. इस के बावजूद वह मुझे छोड़ कर चली ही नहीं गई, मेरे ऊपर मुकदमा भी कर दिया था.’’

पुलिस ने तेजप्रकाश को अदालत में पेश कर के 5 दिनों के रिमांड पर ले लिया. रिमांड अवधि के दौरान उस ने नगमा परवीन की हत्या का अपना अपराध तो स्वीकार कर ही लिया, मोटरसाइकिल और उस की डिक्की में रखा चाकू, बोरी, रस्सी आदि भी बरामद करवा दी. पूछताछ में उस ने नगमा की हत्या की जो कहानी पुलिस अधिकारियों को सुनाई, वह इस प्रकर थी—

नगमा परवीन मोहम्मद असलम की बड़ी बेटी थी. प्राइवेट नौकरी करने वाले मोहम्मद असलम की जिंदगी मजे से कट रही थी. वह जमाने से कदम मिला कर चलने वालों में थे, इसलिए उन्होंने अपने सभी बच्चों को पढ़ायालिखाया. नगमा ने भी बीए किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद उस ने नौकरी करने के बजाए ब्यूटीपार्लर का काम सीखा और घर से थोड़ी दूरी पर अपना ब्यूटीपार्लर खोल लिया. उस का ब्यूटीपार्लर चल भी निकला.

खूबसूरत नगमा परवीन पर मर मिटने वालों की कमी नहीं थी. उन्हीं में आमातालाब का रहने वाला तेजप्रकाश सेन भी था. वह किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था. उस के पिता सरकारी नौकरी में थे. बापबेटे को ठीकठाक तनख्वाह मिलती थी, इसलिए परिवार सुखी और संपन्न था.

तेजप्रकाश मांबाप की एकलौती संतान था. उस की शादी ही नहीं हो चुकी थी, बल्कि वह एक बेटे और एक बेटी का बाप भी था. इस के बावजूद वह पहली ही नजर में नगमा पर मर मिटा था. नगमा पर दिल आते ही वह उस की एक झलक पाने के लिए उस के घर और ब्यूटीपार्लर के चक्कर ही नहीं लगाने लगा था, बल्कि घंटों उस के ब्यूटीपार्लर के सामने खड़ा हसरतभरी नजरों से ताका करता था.

उस की इस हरकत को देख कर नगमा को समझते देर नहीं लगी कि वह क्या चाहता है. फिर तो वह उसे देख कर अनायास ही मुसकराने लगी. इसी मुसकान ने दोनों को एकदूसरे के करीब ला दिया. उस समय नगमा 18 साल की थी तो तेजप्रकाश 29 साल का. देनों के बीच उम्र में 10 साल का लंबा फासला था. लेकिन तेजप्रकाश की कदकाठी ऐसी थी कि वह इतनी उम्र का लगता नहीं था.

जल्दी ही नगमा के घर वालों को उस के और तेजप्रकाश के प्रेमसंबंधों का पता चल गया था. लेकिन उन्होंने किसी तरह का ऐतराज नहीं किया. नगमा ने तेजप्रकाश को दिल का राजकुमार बनाया तो उसी से शादी करने का फैसला कर लिया. इस की वजह यह थी कि दोहरी जिंदगी जी रहे शातिर तेजप्रकाश सेन ने अपनी शादी के बारे में न तो नगमा को पता चलने दिया और न ही उस के घर वालों को.

जल्दी ही दोनों ने कोर्टमैरिज कर ली. चूंकि नगमा बालिग हो चुकी थी, इसलिए घर वाले चाह कर भी विरोध नहीं कर सकते थे. अदालत से पतिपत्नी की तरह रहने की इजाजत ले कर तेजप्रकाश ने किराए का कमरा लिया और उसी में नगमा परवीन के साथ रहने लगा.

तेजप्रकाश ने जो कुछ छिपा कर नगमा से शादी की थी, जल्दी ही उस सब की जानकारी नगमा को हो गई. जब तेजप्रकाश की सच्चाई नगमा के सामने आई तो वह सन्न रह गई. उस के सपने चूरचूर हो गए थे. उस ने तेजप्रकाश से ऐसी उम्मीद कतई नहीं की थी कि वह उस के साथ इतना बड़ा धोखा कर सकता है. इसलिए उस की सच्चाई जान कर उसे उस से नफरत हो गई.

नगमा परवीन की समझ में नहीं आ रहा था कि उस ने जो गलती की है, उसे मांबाप को कैसे बताए, क्योंकि एक तरह से उस ने मांबाप के भरोसे को तोड़ा था. उस ने मांबाप को बताए बिना तेजप्रकाश से शादी की थी. आखिर में मजबूर हो कर उस ने सारी बातें अपने अब्बू को बताई तो बेटी की परेशानी को देखते हुए वह उस की मदद के लिए तैयार हो गए. क्योंकि बेटी की जिंदगी का सवाल था.

तेजप्रकाश को सबक सिखाने के लिए मोहम्मद असलम ने अदालत में उस के खिलाफ धोखा दे कर शादी करने का मुकदमा दायर कर दिया. मुकदमा दायर होने के बाद तेजप्रकाश के घर वालों को जब उस की इस करतूत का पता चला तो मांबाप ने उस की मदद करने के बजाए उसे उस के हाल पर छोड़ दिया.

पत्नी भी बच्चों को ले कर मायके चली गई. तेजप्रकाश की स्थिति धोबी के कुत्ते की जैसी हो गई. वह न घर का रहा न घाट का. अदालत ने नगमा परवीन के हक में फैसला सुनाया. उस ने तेजप्रकाश को ढाई लाख रुपए देने का आदेश दिया, जिसे उसे 27 हजार रुपए महीने की किस्त के रूप में देना था. उस ने 27 हजार रुपए की पहली किस्त तो नगमा परवीन को दे दी, लेकिन उस के बाद उस ने उसे एक भी रुपया नहीं दिया. धीरेधीरे 3 साल बीत गए. मजबूर हो कर नगमा ने एक बार फिर अदालत का दरवाजा खटखटाया.

नगमा द्वारा दोबारा मुकदमा करने पर तेजप्रकाश परेशान हो उठा. अब उसे अपने किए का पश्चाताप हो रहा था. क्योंकि अब वह कहीं का नहीं रह गया था. पत्नी पहले ही उसे छोड़ कर चली गई थी. मांबाप ने भी मुंह मोड़ लिया था. पत्नी और मांबाप को मनाने की उस ने बहुत कोशिश की, लेकिन उन्होंने उसे साथ रखने से साफ मना कर दिया. जिस की वजह से यह सब हुआ था, वह भी साथ रहने को तैयार नहीं थी. बल्कि वह उसे परेशान कर रही थी.

तेजप्रकाश की समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे? नगमा द्वारा दोबारा मुकदमा करने से वह काफी परेशान था. इस परेशानी में उस ने नगमा नाम की इस बला से निजात पाने के लिए सोचाविचारा तो उसे लगा कि वह इस बला से हमेशा के लिए तभी छुटकारा पा सकता है, जब उसे खत्म कर दे.

लेकिन इस में खतरा बहुत था. पकड़े जाने पर उस की पूरी जिंदगी जेल में बीतती. इसलिए वह हत्या इस तरह करना चाहता था कि पकड़ा न जाए. उसे पता था कि वह पकड़ा तभी नहीं जाएगा, जब पुलिस की हत्या का कोई सबूत न मिले. इस के लिए तेजप्रकाश टीवी पर आने वाले आपराधिक धारावाहिक देखने लगा. इन्हीं धारावाहिकों को देख कर उस ने नगमा की हत्या की योजना बना डाली. योजना के अनुसार उस ने पहले नगमा पर विश्वास जमाया. तेजप्रकाश नगमा का पहला प्यार था, इसलिए उस ने भले ही उसे धोखा दिया था, लेकिन वह उसे अपने दिल से निकाल नहीं पाई थी.

इसलिए जब भी तेजप्रकाश उसे फोन करता था, वह फोन उठा लेती थी. यही वजह थी कि वह नगमा को यकीन दिलाने में सफल रहा कि वह उसे फिर से अपना लेगा, दोनों पतिपत्नी की तरह रहेंगे. विश्वास दिलाने के लिए उस ने कहा था कि पत्नी से उस ने संबंध तोड़ लिए हैं. उस की इसी बात पर नगमा झांसे में आ गई.

नगमा को पूरी तरह विश्वास में ले कर 17 जनवरी, 2017 की रात 9 बजे के करीब तेजप्रकाश ने उसे फोन कर के कहा कि अगले दिन वह उसे ले कर घूमने जाना चाहता है. नगमा उस के साथ चलने को तैयार हो गई. उस ने यह बात मांबाप को भी नहीं बताई. इस की वजह यह थी कि शायद वे उसे उस के साथ जाने न देते.

18 जनवरी की सुबह 9 बजे तेजप्रकाश ने फोन कर के नगमा से कहा कि वह उस के घर से थोड़ी दूरी पर सड़क पर मोटरसाइकिल लिए खड़ा है. इस के बाद उस ने कहा था कि वह अपना फोन घर में ही छोड़ कर आए, क्योंकि वह उसे नया फोन गिफ्ट में दिलाना चाहता है.

बात नए फोन की थी, इसलिए नगमा ने वैसा ही किया, जैसा तेजप्रकाश ने कहा था. उस ने अपना फोन घर में ही छोड़ दिया. इस के बाद घर वालों से ब्यूटीपार्लर जाने की बात कह कर वह तेजप्रकाश के साथ उस की मोटरसाइकिल से चली गई. नगमा ने भले ही घर वालों को नहीं बताया था कि वह कहां जा रही है, लेकिन उस की छोटी बहन ने उसे तेजप्रकाश के साथ मोटरसाइकिल से जाते देख लिया था.

तेजप्रकाश उसे ले कर पड़ोसी जिले बालोद के सियादेई मंदिर पर पहुंचा. दर्शन करने के बाद उस ने सुनसान जगह पर मोटरसाइकिल रोक कर नगमा को धक्का दे कर जमीन पर गिरा दिया और फुरती से गले में पड़े दुपट्टे से उस का गला घोंट दिया. जब वह बेहोश हो गई तो उस ने डिक्की में रखे चाकू और पेंचकस से उस के गले पर कई वार किए.

जब उसे लगा कि नगमा मर गई है तो उस ने साथ लाए बोरे में उस की लाश भरी और उसे पीछे बांध कर वहां से 40 किलोमीटर दूर रुद्री घाट पर ले गया. वहां से उस ने धमतरी के एक लकड़ी व्यवसाई से फोन पर बात कर के अंतिम संस्कार के बहाने घाट पर लकडि़यां मंगवा लीं. उस समय तक शाम हो चुकी थी. उस ने मोटरसाइकिल से पैट्रोल निकाल कर लकडि़यों पर लाश रखी और पैट्रोल डाल कर आग लगा दी. उस समय घाट सूना पड़ा था. इसलिए उसे लाश जलाते हुए किसी ने नहीं देखा.

लाश जल गई तो उस ने राख ठंडी कर के नदी में फेंक दी, जिस से पुलिस को कोई साक्ष्य न मिले. इस के बाद नहाधो कर साफ कपड़े पहने और रात 11 बजे के करीब दुर्ग जिला के उतई गांव स्थित अपनी ससुराल पहुंच गया. रात उस ने वहीं बिताई और अगले दिन अपने घर आ गया.

रिमांड अवधि खत्म होने पर कोतवाली पुलिस ने उसे दोबारा अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

कथा लिखे जाने तक वह जेल में बंद था. पुलिस उस के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी कर रही थी. तेजप्रकाश ने चालाकी तो बहुत दिखाई, पर कानून के लंबे हाथों से बच नहीं सका. सोचने वाली बात यह है कि आखिर तेजप्रकाश को मिला क्या? अगर वह अपनी पत्नी में ही संतोष किए रहता तो न उस का घर बरबाद होता और न जिंदगी?

कामुक बने रहने के लिए ये क्या कर रही हैं लड़कियां

यूं तो महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पूरी दुनिया में अनेक कदम उठाए जा रहे हैं. लेकिन आज भी कई जगहें ऐसी हैं जहां महिलाओं को हवस मिटाने का जरिया समझा जाता है. आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जहां महिलाओं के साथ यौन शोषण के नाम पर जो होता है उसे सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी. यहां पर ये लोग लड़कियों को कामुक बने रहने के लिए ड्रग्स का सेवन करने के लिए मजबूर करते हैं.

मामला उत्तर प्रदेश का है, जहां कई बड़े शहरों में चल रहे अनैतिक काम के अड्डों पर अवयस्क लड़कियों को खूबसूरत-जवान और कामुक बनाने के लिये खतरनाक ड्रग्स के इंजेक्शन दिये जाते हैं. तीन-चार दिन तक लगातार इंजेक्शन दिये जाने के बाद लड़कियों को इंजेक्शन की लत पड़ जाती है फिर वो खुद बिना इंजेक्शन रह नहीं पाती.

इस मामले का खुलासा आगरा के रेड लाइट ऐरिया से छुड़ायी गयी लड़कियों ने पुलिस के सामने किया है. चिकित्साविज्ञानियों के अनुसार रेड लाइट ऐरिया में लड़कियों को संभवतः वो इंजेक्शन दिये जा रहे थे जिनको डॉक्टर्स विशेष परिस्थितियों में किसी रोगी को प्रेसक्राइब्ड करते हैं. क्यों कि ऐसे ड्रग्स लगातार या ज्यादा मात्रा में लेने से मेंटल और फिजिकल डिसऑर्डर की भी आशंका रहती है.

चिकित्सा विज्ञानियों का यह भी कहना है कि अगर इस ड्रग्स का इंजेक्शन किसी 15-16 साल की लड़की को दिया जा रहा है तो 20-22 साल की होने से पहले ही उसकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. और बहुत ही कम उम्र में ही अर्थराइटिस की शिकार हो सकती है. इसके अलावा वो किसी न किसी मनोरोग की भी शिकार हो सकती है. इस ड्रग्स का सबसे बड़ा साइड इफेक्ट ये है कि कोई दूसरी ड्रग्स अपना पूरा असर कभी डाल ही नहीं पाती और लड़की पूरी जिंदगी रोगी बनी रहती है. कोई देखभाल करने वाला न हो तो कम उम्र में मृत्यु की भी आशंका बढ़ जाती है.

मैंने अपने पति के साथ बिना कंडोम के संबंध बनाए थे, कहीं मैं प्रेग्नेंट तो नहीं हो गई हूं?

सवाल
मैं ने अपने पति के साथ बिना कंडोम के 5 मिनट तक हमबिस्तरी की थी. कहीं मैं पेट से तो नहीं हो गई हूं?

जवाब
आजकल दवाओं की दुकानों पर अच्छी कंपनियों के प्रेग्नेंसी चैक करने वाले किट मिलते हैं. आप उस किट के जरीए पता लगा सकती हैं कि आप पेट से हैं या नहीं.

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कंडोम से सैक्स को मजेदार बनाएं

सुरेश को अपनी एक साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाना भारी पड़ेगा, यह उस ने सपने में भी नहीं सोचा था. दरअसल, उस साथी से सैक्स संबंध बनाते समय सुरेश ने कंडोम का इस्तेमाल नहीं किया था.

कुछ दिनों बाद सुरेश को अपने अंग में जलन सी महसूस होने लगी. छोटेछोटे दाने भी निकल आए. डाक्टर ने बताया कि यह असुरक्षित यौन संबंध बनाने की वजह से हुआ है. वह कंडोम का इस्तेमाल कर के सैक्स का मजा उठाता तो बाद में उसे यह परेशानी नहीं होती.

सबलोक क्लिनिक के यौन रोग विशेषज्ञ डाक्टर बिनोद सबलोक बताते हैं कि चाहे मर्द हो या औरत एचआईवी  समेत यौन संक्रामक रोगों को रोकने के लिए कंडोम एक आसान और बेहतर तरीका है. कंडोम न सिर्फ असुरक्षित गर्भधारण से, बल्कि यौन रोगों से भी शरीर की हिफाजत करता है.

शर्म क्यों

बाजार में आसानी से मिलने वाला कंडोम खरीदना अब शर्म वाली बात भी नहीं रही है. कंडोम खरीदने के लिए डाक्टर की परची की जरूरत भी नहीं होती है. इस की कीमत भी बहुत कम होती है. कई सरकारी व गैरसरकारी योजनाओं के तहत कंडोम मुफ्त में भी बांटे जाते हैं.

अब तो अलगअलग फ्लेवर व कई बनावटों में मिलने वाले कंडोम सैक्स संबंध बनाने के दौरान भरपूर मजा भी देते हैं.

कंडोम का इस्तेमाल कर खुले दिमाग से सैक्स का मजा लिया जा सकता है. अब तो बाजार में ऐसे भी कंडोम हैं जिन से लंबे समय तक सैक्स किया जा सकता है.

बेहतर साथी है कंडोम

कंडोम आप के लिए इस तरह एक बेहतर साथी साबित हो सकता है:

* यह बच्चा ठहरने से रोकने का सब से आसान और महफूज तरीका है.

* कंडोम का इस्तेमाल बिना किसी झिझक के कर सकते हैं.

* कोई साइड इफैक्ट नहीं होता.

* कंडोम यौन रोगों से बचाव में कारगर हथियार है.

ऐसे बढ़ाएं रोमांच

बाजार में वनीला, स्ट्राबेरी, केला, चौकलेट, बबलगम, कौफी वगैरह फ्लेवर में भी कंडोम मिलते हैं. मुंह से सैक्स के शौकीनों के लिए ये कंडोम सैक्स के दौरान ज्यादा मजा देते हैं और कोई बीमारी भी नहीं होती है.

जो लोग सैक्स का मजा लंबे समय यानी देर तक नहीं उठा पाते हैं उन के लिए लौंग लास्टिंग कंडोम इस्तेमाल करना बेहतर रहेगा.

सैक्स बनाएं मजेदार

अगर आप सैक्स का मजा उठाना चाहते हैं तो बाजार में डौटेड कंडोम भी आते हैं. डौटेड कंडोम में अपनी साथी का जोश बढ़ाने के लिए इस की बाहरी सतह पर बिंदीनुमा छोटेछोटे उभरे हुए दाने होते हैं. यह चिकनाई वाला होता है.

इन बातों पर ध्यान दें

* कंडोम खरीदते समय उस की ऐक्सपायरी डेट जरूर देख लें.

* ज्यादा तेजी से सैक्स का मजा उठाते समय कंडोम फट भी सकता है. इस का ध्यान रखें और कंडोम को तुरंत बदल दें.

* इस्तेमाल करने से पहले कंडोम के सामने वाले भाग को चुटकी से दबा कर हवा को बाहर निकाल दें, फिर धीरेधीरे अंग पर चढ़ाएं.

* कंडोम खरीदते समय दुकानदार से खुल कर बात करें. बात करते समय जरा भी न शरमाएं.

* सैक्स कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है. इस का जम कर मजा उठाएं, पर सावधानी और एहतियात भी बरतें.

प्रेग्नेंसी के बाद मैंने ब्रा पहनना छोड़ दिया है पर डरती हूं कि कहीं स्तन बेडौल न हो जाएं, क्या करूं?

सवाल
मैं 26 वर्षीय शादीशुदा युवती हूं. मुझे 5 महीने का गर्भ है. समस्या यह है कि मेरा पेट तो उतना नहीं बढ़ रहा पर स्तन काफी बढ़ गए हैं. ब्रा भी कसने लगी है. इसलिए मैं ने ब्रा पहनना छोड़ दिया है. पर डरती हूं कि कहीं स्तन बेडौल न हो जाएं. मैं क्या करूं?

जवाब
गर्भावस्था के दौरान स्तनों का आकार बढ़ जाता है, इसलिए आप को अपनी पुरानी ब्रा टाइट होती होगी. बेहतर होगा कि सही आकार की और अच्छी क्वालिटी की ब्रा खरीदें. ब्रा पहनना न छोड़ें वरना स्तन बेडौल हो जाएंगे. अभी स्तनों के आकार को ले कर चिंतित न हों. प्रसूति के बाद और बच्चे को स्तनपान कराने पर स्तन फिर से पहले वाले आकार में आ जाएंगे.

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जब करें इनरवियर का चुनाव

फैशनेबल दिखने के लिए इनरवियर्स का सही चुनाव बहुत जरूरी है, क्योंकि इनरवियर्स ही ड्रैस की फिटिंग को उभारते हैं. यदि सही इनरवियर्स नहीं होंगे तो बौडी शेप भी खराब दिखेगी. लेकिन इनरवियर किसे दिखाने हैं, यह सोच कर लड़कियां अकसर सस्ते इनरवियर खरीद लेती हैं और यहीं हो जाती है उन से फैशन मिस्टेक. जबकि आजकल बाजार में हर ड्रैस के लिए तरहतरह के इनरवियर्स उपलब्ध हैं.

आइए, जानते हैं किस ड्रैस के साथ कौन सा इनरवियर पहनना चाहिए:

– मिनिमाइजर ब्रा स्लिम फिट टौप के लिए है यदि आप अपनी हैवी ब्रैस्ट का साइज कम दिखाना चाहती हैं तो यह ब्रा आप के लिए परफैक्ट है.

– टी शर्ट पहन रही हैं तो टीशर्ट ब्रा ही पहनें. यह ब्रा आप की ब्रैस्ट को सही आकार देगी और टीशर्ट की फिटिंग भी सही आएगी.

– पैडेड ब्रा उन ड्रैसेज के लिए है, जो बहुत ही महीन फैब्रिक मसलन सिल्क, कौटन और लिनेन से बनी होती हैं.

– यदि डीपनैक ड्रैस पहनने जा रही हैं तो डैमी ब्रा पहनना न भूलें. यह ब्रा औफशोल्डर और ट्यूब टौप के नीचे भी पहनी जा सकती है.

– हाल्टरनेक ब्रा को ढीलेढाले स्पोर्टवियर के नीचे पहनना चाहिए. यह न केवल ब्रैस्ट को स्थाई रखती है, बल्कि पसीने को भी सोखती है. यह पसीने को आप के आउटरवियर पर नहीं आने देती.

फैशन ऐक्सपर्ट विनीता कहती हैं, ‘‘ब्रैस्ट और बंप्स महिलाओं के शरीर के बहुत ही अहम हिस्से होते हैं. ये दोनों ही हिस्से महिलाओं को अच्छी फिगर देते हैं और ड्रैस को अच्छी शेप. यदि किसी महिला की ब्रैस्ट का साइज कम है तो उसे आर्टिफिशियली बढ़ाने के लिए पैडेड ब्रा पहनी जा सकती है. ब्रा की ही तरह बंप्स को बढ़ाने के लिए पैडेड पैंटीज भी मिलती हैं.’’

टीनऐजर्स के इनरवियर

दरअसल, आज की युवा पीढ़ी में इनरवियर्स से जुड़ी सही जानकारी का ज्ञान होना बहुत जरूरी है खासतौर पर जब हम टीनऐजर्स की बात करते हैं, तब यह और भी महत्त्वपूर्ण विषय बन जाता है.

वर्तमान समय में कई तरह के पर्यावरण बदलाव हो रहे हैं, जिन का सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है. इन बदलावों का ही असर है, जो आज लड़कियों में बहुत से शारीरिक बदलाव देखे जा रहे हैं.

इस की एक बड़ी वजह आजकल का खानपान भी है. मासिकधर्म शुरू होने पर लड़कियों के शारीरिक अंगों में विकास होता है. स्तनों का विकास भी मासिकधर्म पर निर्भर करता है.

इस तरह कम उम्र से ही लड़कियों को ब्रा पहननी होती है. यह एक ऐसी उम्र होती है जब अधिकतर लड़कियों को इस बात का आभास भी नहीं होता कि उन के स्तनों में उभार आ रहा है और वे आकार ले रहे हैं. ऐसे में एक मां ही अपनी बेटी को ब्रैस्ट केयर और ब्रा के सही चुनाव की जानकारी दे सकती है.

पेश है, कुछ खास जानकारी जो मां को अपनी बढ़ती बेटी को जरूर देनी चाहिए:

जब बेटी के स्तन आकार लेने लगें, तो तुरंत अपनी बेटी को इस बदलाव के बारे में समझाएं और उसे ट्रेनिंग या स्पोर्ट ब्रा खरीद कर पहनने को दें.

– विकसित होते स्तन कभीकभी लड़कियों को अवसाद में ले जाते हैं. इस बदलाव को लड़कियां आसानी से स्वीकार नहीं कर पातीं. दरअसल, खुद के शारीरिक अंगों में हो रहे बदलाव के बारे में दूसरों के मुंह से सुनती हैं, तो उन्हें यह परिस्थिति अटपटी लगती है, साथ ही विकसित होते स्तनों की बनावट भी अटपटी सी ही होती है. ऐसे में बेटी को कप्ड ब्रा पहनने का सुझाव दें. ऐसी ब्रा स्तनों के आकार को पौइंटेड दिखाने की जगह गोल आकार देती है. इस ब्रा में लगे अंडरवायर भी स्तनों को अच्छी सपोर्ट देते हैं.

– स्कूल में बहुत सारी ऐक्टिविटीज होती हैं, जिन में शारीरिक क्षमता का बहुत प्रयोग करना होता है. इन गतिविधियों में इस उम्र की लड़कियों को भी हिस्सा लेना होता है. मगर इस से पहले मां का फर्ज बनता है कि वह बेटी को समझाए कि उसे विकसित होते स्तनों का ध्यान रखना है और इस का ध्यान वह एक अच्छी स्पोर्ट ब्रा पहन कर ही रख सकती है. स्पोर्ट ब्रा पहनने से स्तनों के टिशूज पर प्रभाव नहीं पड़ता. इसलिए इस ब्रा को किसी स्पोर्ट में हिस्सा लेते या व्यायाम करते वक्त बेटी को पहनने को कहें.

– सवाल होते हैं. मसलन, फिटिंग, साइज और ब्रा पहनने के बाद कितना सहज महसूस हो सकता है. बेटी के मन में चल रही इस उथलपुथल को एक अच्छी फिटेड ब्रा के साथ मां ही खत्म कर सकती है.

– बेटी को डार्क कलर की ब्रा की जगह हलके रंग, हो सके तो स्किन टोन से मैच करते रंग की ब्रा पहनने की सलाह दें. दरअसल, डार्क रंग की ब्रा कपड़ों पर फ्लांट हो सकती है, लेकिन स्किन टोन कलर की ब्रा में यह दिक्कत नहीं आती.

कोई लड़की मेरे पति को रात के वक्त रोमांटिक मैसेज भेजती है, मुझे डर लगने लगा है कि कहीं वह मेरे पति को मुझ से छीन न ले, क्या करूं?

सवाल
मेरे पति की जिंदगी में कोई लड़की है जो रात के वक्त उन्हें रोमांटिक मैसेजेज भेजती है. पति ने यह बात स्वयं मुझे बताई थी. वे उस लड़की को तवज्जुह नहीं देते. मगर आजकल वे मुझ से छिप कर उस लड़की के मैसेज पढ़ने लगे हैं. मुझे डर लगने लगा है कि कहीं वह मेरे पति को मुझ से छीन न ले. उन्होंने अपने मोबाइल में पासवर्ड भी डाल दिया है ताकि मैं उसे चैक न कर सकूं.

जवाब
सर्वप्रथम अपने मन में विश्वास रखें. अगर आप का पति के साथ रिश्ता मजबूत है तो कोई तीसरा आसानी से बीच में नहीं आ सकता. आप पति के साथ पहले की तरह ही व्यवहार कीजिए. बारबार शक की नजरों से देखने पर वे आप से बातें छिपाने लगेंगे. बेहतर होगा कि उन की जिंदगी में दखल देने के बजाय उन्हें अपने खूबसूरत साथ का हर पल एहसास दिलाएं और उस लड़की को अपने बीच में आने ही न दें. यदि फिर भी आप को लगे कि अब पति हाथ से निकल चुके हैं तो स्पष्ट तौर पर उन से इस संदर्भ में बात करें.

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सैक्स लाइफ में इन चीजों की हो नो ऐंट्री

दिलीप ने जब रुही से यह कहा कि वह बिस्तर पर अब पहले जैसा साथ नहीं देती, तो वह यह सुन कर परेशान हो उठी. फिर रुही ने सैक्स ऐक्सपर्ट डा. चंद्रकिशोर कुंदरा से संपर्क किया. डा. कुंदरा के मुताबिक, सैक्स सफल दांपत्य जीवन का महत्त्वपूर्ण आधार है. इस की कमी पतिपत्नी के रिश्ते को प्रभावित करती है. पतिपत्नी की एकदूसरे के प्रति चाहत, लगाव, आकर्षण खत्म होने के कई कारण होते हैं जैसे शारीरिक, मानसिक, लाइफस्टाइल. ये सैक्स ड्राइव को कमजोर बनाते हैं.

तनाव: औफिस, घर का वर्कलोड, आर्थिक समस्या, असमय खानपान आदि का सीधा असर तनाव के रूप में नजर आता है, जो हैल्थ के साथसाथ सैक्स लाइफ को भी प्रभावित करता है.

डिप्रैशन: यह सैक्स का सब से बड़ा दुश्मन है. यह पतिपत्नी के संबंधों को प्रभावित करने के साथसाथ परिवार में कलह को भी जन्म देता है. डिप्रैशन के कारण वैसे ही सैक्स की इच्छा में कमी आ जाती है. ऊपर से डिप्रैशन की दवा का सेवन भी कामेच्छा को खत्म करने लगता है.

नींद पूरी न होना: 4-5 घंटे की नींद से हम फ्रैश फील नहीं कर पाते, जिस से धीरेधीरे हमारा स्टैमिना कम होने लगता है. इतना ही नहीं सैक्स में भी हमारा इंट्रैस्ट नहीं रहता है.

गलत खानपान: वक्तबेवक्त खाना और जंक फूड व प्रोसैस्ड फूड का सेवन भी सैक्स ड्राइव को खत्म करता है.

टेस्टोस्टेरौन की कमी: शरीर में मौजूद यह हारमोन हमारी सैक्स इच्छा को कंट्रोल करता है. इस की कमी से पतिपत्नी दोनों ही प्रभावित होते हैं.

बर्थ कंट्रोल पिल्स: बर्थ पिल्स महिलाओं में टेस्टोस्टेरौन लैवल को कम करती हैं, जिस से महिलाओं में सैक्स संबंधों को ले कर विरक्ति हो जाती है. पतिपत्नी का दांपत्य जीवन तभी सफल होता है, जब सैक्स में दोनों एकदूसरे को सहयोग करें. सैक्स एक दोस्त की तरह भी जीवन में रंग भर देता है. शादीशुदा जिंदगी से प्यार की कशिश और इश्क का रोमांच खत्म होने लगा है तो सावधान हो जाएं.

यदि आप की सैक्स लाइफ अच्छी है तो इस का सकारात्मक प्रभाव आप की सेहत पर भी पड़ता है.

जानिए, सैक्स के सेहत से जुड़े कुछ फायदे:

शारीरिक तथा मानसिक पीड़ा में राहत दिलाता है: सैक्स के समय शरीर में हारमोन पैदा होते हैं, जो दर्द की अनुभूति कम करते हैं. भले ही कुछ समय के लिए.

सर्दीजुकाम के असर को कम करता है: सैक्स गरमी, सर्दीजुकाम के प्रभाव को काफी हद तक कम कर देता है. अमेरिका स्थित ओहियो यूनिवर्सिटी के अध्ययन बताते हैं कि चुंबन एवं प्यारदुलार करने से रक्त में बीमारियों से लड़ने वाले टी सैल्स की तादाद बढ़ जाती है.

मानसिक तनाव को कम करता है: सैक्स मन को शांति देने के साथसाथ मूड को भी बढि़या बनाने वाले हारमोन ऐंडोर्फिंस के उत्पादन में वृद्धि करता है. इस के मानसिक तनाव कम हो जाता है.

मासिकधर्म के पूर्व की कमी को कम करता है: सैक्स में लगातार गरमी के चलते ऐस्ट्रोजन स्तर काफी हद तक कम होता है. इस दौरान शरीर में थकान कम महसूस होती है.

दिल के रोग और दौरों की आशंका कम होती है: अकसर दिल के मरीजों को सैक्स संबंध बनाने से दूर रहने की सलाह दी जाती है. मगर अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ, डा. के.के. सक्सेना के अनुसार, पत्नी के साथ सैक्स संबंध बनाने से पूरे शरीर का समुचित व्यायाम होता है, जिस से दिमाग तनावरहित हो जाता है. दिल के दौरों की आशंका कम हो जाती है. सैक्स संबंध बनाने से धमनियों में रक्त का प्रवाह और हृदय की मांसपेशियों की क्षमता बढ़ती है.

मैंने शादी से पहले गर्भपात करवाया था, उसके बाद से ही मेरा पीरियड अनियमित हो गया मैं क्या करूं?

सवाल
मेरी उम्र 30 साल है. शादी को 2 साल हो गए हैं. शादी के बाद से ही गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हूं. मैं ने शादी से पहले गर्भपात करवाया था. उस के बाद से ही मेरा पीरियड अनियमित हो गया है और पीरियड के दौरान स्राव भी बहुत कम होता है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब
पीरियड के दौरान कम रक्तस्राव होने के कई कारण हो सकते हैं. इस का पता लगाने के लिए प्रारंभिक परीक्षण के तौर पर आप के पैल्विक का अल्ट्रासाउंड करना होगा, जिस में आप के गर्भाशय की भीतरी परत की मोटाई  की माप ली जाएगी. हारमोन का भी ठीक से पता लगाया जाएगा. उस के बाद अश्रमैंस सिंड्रोम पता लगाने के लिए हिस्टेरोस्कोपी जांच महत्त्वपूर्ण होगी. इस के अलावा जननांग की तपेदिक का पता लगाने के लिए बायोप्सी कर जांच के लिए भेजी जाएगी, क्योंकि पीरियड के दौरान कम रक्तस्राव होने का यह एक सामान्य कारण है.

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गर्भपात के साइड इफैक्ट्स

कई वजहों से किसी महिला को गर्भपात कराना पड़ जाता है. कई बार अनचाहे गर्भधारण के कारण भी ऐसा कदम उठाना पड़ता है, जबकि कई बार भ्रूण की कुदरती खामियों या गर्भधारण से जुड़ी घातक स्वास्थ्य स्थितियों के कारण दंपती गर्भ गिराने का फैसला लेते हैं. वजह चाहे जो भी हो, गर्भपात कराने से महिला पर मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से असर पड़ता है. गर्भपात किसी भी लिहाज से सुरक्षित नहीं है. कुछ शोध बताते हैं कि कुछ महिलाएं गर्भपात कराने के बाद राहत महसूस करती हैं, जबकि कुछ अनचाहे गर्भपात या मिसकैरिज के कारण अवसादग्रस्त हो जाती हैं. महिलाओं में राहत और अवसाद की वजह भी अलगअलग होती है.

गर्भपात कराने के बाद जितने शारीरिक साइड इफैक्ट्स होते हैं, उतने ही मानसिक साइड इफैक्ट्स भी होते हैं. गर्भपात कराने के बाद शारीरिक इफैक्ट्स से कहीं ज्यादा भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक असर देखा गया है और इस में मामूली खेद से ले कर अवसाद जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. गर्भपात कराने के बाद किसी ऐसे अनुभवी प्रोफैशनल से सभी खतरों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा कर लेना बहुत जरूरी है जो आप के सभी सवालों और उन से जुड़ी आशंकाओं का जवाब दे सके.

नकारात्मक, भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक असर से जुड़ा एक सब से महत्त्वपूर्ण फैक्टर यह है कि आप को यही लगता है कि आप के अंदर अभी भी बच्चा पल रहा है. कुछ महिलाओं में नकारात्मक भावनात्मक परिणाम विकसित होने की संभावना कम रहती है, क्योंकि गर्भधारण को ले कर उन का नजरिया बिलकुल अलग रहता है और वे समझती हैं कि भ्रूण एक अविकसित जीव है. हालांकि कुछ महिलाएं गर्भधारण के प्रति कुछ ज्यादा ही भावनात्मक लगाव पाल लेती हैं और अपने अंदर पल रहे बच्चे को जीव मान लेती हैं. ऐसी महिलाओं पर गर्भपात या मिसकैरिज के बाद कुछ ज्यादा ही नकारात्मक असर पड़ता है.

गर्भपात कराने के बाद निम्नलिखित संभावित भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक खतरे हो सकते हैं. अलगअलग व्यक्तियों पर इन नकारात्मक प्रभावों की अवधि और तीव्रता अलगअलग होती है. संभावित साइड इफैक्ट्स में ये शामिल हैं:

खानपान में डिसऔर्डर, बेचैनी, खेद, गुस्सा, अपराधबोध, शर्म, आपसी संबंध की समस्याएं, अकेलापन या अलगथलग रहने का एहसास, आत्मविश्वास में कमी, अनिद्रा या दु:स्वप्न, आत्महत्या का विचार, अवसाद.

गर्भपात कराने के बाद संभव है कि किसी को भी अनापेक्षित भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक साइड इफैक्ट का अनुभव हो. हालांकि अकसर देखा गया है कि कुछ महिलाएं कुछ खास प्रकार के भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक जद्दोजहद की चपेट में जल्दी आ जाती हैं. जिन महिलाओं पर नकारात्मक, भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक साइड इफैक्ट पड़ने की संभावना अधिक रहती है, उन में ये शामिल हैं:

– जो महिलाएं गर्भधारण के बहुत बाद की अवस्था में गर्भपात कराती हैं.

– जो महिलाएं पहले से किसी भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक परेशानी से जूझ रही होती हैं.

– जो महिलाएं गर्भपात कराने के लिए अभिशप्त, बाध्य या बहकाई गई हों.

– गर्भपात को ले कर जिन महिलाओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हों.

– जिन महिलाओं को लगता है कि गर्भपात कराना अनैतिक है.

– जिन महिलाओं को इस के लिए अपने परिजनों या पार्टनर का सहयोग नहीं मिल रहा हो.

– जो महिलाएं आनुवंशिक या भू्रण संबंधी गड़बडि़यों के कारण गर्भपात करा रही हों.

कुछ सुझाव

मदद लें: अनियोजित गर्भधारण की समस्या से निबटने के लिए संभवतया सब से जरूरी चीज होती है ऐसे प्रशिक्षित प्रोफैशनल से सलाह लेना, जो आप के सवालों के जवाब दे सके और आप की व्यक्तिगत स्थितियों पर चर्चा कर सके.

एकांत में रहने से बचें: यदि आप अनियोजित गर्भधारण की समस्या से जूझ रही हैं तो हो सकता है कि आप इस समस्या को गोपनीय रखने के लिए दूसरों से कटने लगेंगी या अकेली ही इस समस्या का सामना करने की सोचेंगी. हालांकि यह मुश्किल हो सकता है, लेकिन इस बारे में अपने परिजनों और मित्रों को बताने की कोशिश करें जो आप को सहयोग कर सकें.

अपनी स्थितियों का आकलन करें: उन महिलाओं की व्यक्तिगत समस्याओं पर गौर करें जिन्हें साइड इफैक्ट्स का अनुभव हुआ हो.

तनाव से बचें: ऐसे लोगों से बचें जो आप पर इस तरह का दबाव बना रहे हों कि वे जो सोचते हैं, वही सब से अच्छा है. आप चाहे मां बनना चाहें, बच्चे गोद लेना चाहें या गर्भपात कराना, आप अपनी पसंद के साथ जीने के लिए स्वतंत्र हैं. यानी कोई भी फैसला 100% आप का अपना ही होना चाहिए.

गर्भपात के बाद महिलाओं में अलगअलग शारीरिक साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं. गर्भपात के बाद संभावित विस्तृत साइड इफैक्ट्स के बारे में किसी अनुभवी हैल्थ प्रोफैशनल से जानकारी पाना जरूरी है. यह भी जरूरी है कि गर्भपात के 4 से

6 हफ्ते बाद आप की मासिक क्रिया सुचारु हो जाए और गर्भपात कराने के बाद आप दोबारा मां बनने लायक हो जाएं. संक्रमण से बचने के लिए अपने डाक्टर के परामर्श के मुताबिक ही दवा का सेवन करना चाहिए

सतर्कता जरूरी

गर्भपात कराने के बाद निम्न शारीरिक साइड इफैक्ट्स उभर सकते हैं और इन का असर 2 से 4 हफ्तों तक बना रह सकता है: पेट दर्द और मरोड़, दाग और रक्तस्राव.

करीब 5 से 10% महिलाएं तत्काल किसी न किसी समस्या से ग्रस्त हो जाती हैं. अत: निम्नलिखित खतरों से सतर्क रहें:

– लगातार रक्तस्राव.

– संक्रमण या सेप्सिस/पीआईडी/ऐंडोमैट्रियोसिस.

– गर्भाशय को नुकसान.

– गर्भाशय वाले हिस्से पर दाग.

सेक्स अच्छा तो है, लेकिन क्यों..?

अपने साथी के साथ सेक्स करने से आप बेहतर महसूस करते हैं और यह आपके लिए अच्छा भी है. जो भी व्यक्ति किसी स्वस्थ खुशनुमा रिश्ते में है या रह चुका है, वो इस बात से इंकार नहीं कर सकता. लेकिन इसके पीछे विज्ञान भी है. शोधकर्ता अनिक डेबरोत ने 2016 के इंटरनेशनल असोसीएशन फौर रेलेशन्शिप रीसर्च कांफ्रेंस के दौरान बताया. ‘दुनिया भर के देशों में हुई रिसर्च ये सिद्ध करती हैं कि अपने साथी के साथ अक्सर सेक्स करने से लोगों का जीवन खुशनुमा और संतुष्टिदायक होता है.”

सेक्स और लगाव

नियमित सेक्स रिश्तों के लिए अच्छा है, ये बात तो हम सब जानते हैं. लेकिन ऐसा क्यूं है, इस बारे में शोधकर्ता निश्चित नहीं थे. डेबरोत को विश्वास था कि ये सिर्फ शरीर की जरूरत और लाजवाब ओर्गैजम तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इसके पीछे एक और मीठी वजह थी, प्यार. जब आप और आपका साथी एक दूसरे को ये एहसास दिलाते हैं कि उन्हें आप और आपको वो बहुत पसंद हैं. लेकिन विश्वास होना और तथ्यों की पुष्टि होना दो अलग बातें हैं. इसलिए अपने शोधकर्ता दल के साथ मिलकर अनिक ने अधिक सेक्स करना, अच्छे एहसास का होना और लगाव होना के बीच के सम्बन्ध को लेकर खोजबीन शुरू की.

इस अध्यन के लिए उन्होंने ऐसे जोड़ों को शामिल किया जो गम्भीर रिश्तों में थे और उनसे दो तरह के लगाव के बारे में पूछा, पहला अपने साथी को स्पर्श करने के बारे में और दूसरा कोई भी ऐसी चीज जिससे उन्हें प्यार का एहसास होता है- फिर चाहे वो उसके द्वारा कहे गए शब्द हों या कोई ऐसा काम जो उनका साथी उनके लिए करता है. तीसरे चरण में उन्होंने इस बात पर ध्यान दिया कि इन लोगों के बीच सेक्स कितना नियमित है, अपने साथी के लिए उनके मन में कितना लगाव है और यह सब उनकी खुशी के लिए कितना मायने रखता है.

अधिक संतुष्ट रिश्ते

प्यार भरा स्पर्श बेशक एक अच्छा एहसास है, ऐसा रिसर्च ने दर्शाया. उन्होंने पाया कि जो लोग अधिक सेक्स करते हैं उनके जीवन में, खुशी और संतुष्टि के भाव थे और इसके पीछे का एक कारण उनके जीवन में शारीरिक प्यार का होना था.

लेकिन हम सिर्फ छोटे समय के लिए या सेक्स के तुरंत बाद के मूड या सोच के बारे में बात नहीं कर रहे. अध्ययन दर्शाता है कि अच्छे भाव, संतुष्टिपूर्वक सम्बन्ध समय के साथ बढ़ते हैं. रोज के घटनाक्रमों के आधार पर ये कहा जा सकता है कि सेक्स करने से एक दूसरे के प्रति सकारात्मक भावनाओं में बढ़त आती है जो आप दोनों के प्यार को और गहरा बनाती है.

डेबरोत कहती हैं, “सेक्स आपके साथी के प्रति आपके लगाव को बढ़ावा देता है और आप दोनों में नज़दीकियां बढ़ाता है. यही है वो सेक्स का सकारात्मक पहलू जिससे जीवन में खुशियां बनी रहती हैं.”

जी हां, लगाव और स्नेह सेक्स और खुशियों के बीच की कड़ी है. कुछ और पहलू भी महत्व रखते हैं जैसे अपने साथी के स्पर्श से तनाव के हार्मोन कोर्टिसोल में कमी आती है और ऑक्सीटोसन के परवाह में वृद्धि, जो अंतरंगता को बढ़ाता है.

स्पर्श और लगाव

सेक्स के अलावा स्पर्श का क्या? एक और अध्ययन में डेबरोत ने पाया कि अपने साथी को यह महसूस कराना कि वो आपको बहुत अच्छे लगते हैं, आपके लिए अच्छा है. “यह अच्छा एहसास केवल उसी पल के लिए नहीं होता बल्कि धीरे धीरे और मज़बूत होता है और जीवन को ख़ुशनुमा बनाने में मदद करता है,” डेबरोत बताती हैं.

तो डेबरोत की शोध से हम क्या सीख ले सकते हैं? स्नेह का प्रदर्शन! “चाहे शब्दों के जरिए हो या प्यार भरे स्पर्श के जरिये, चाहे सेक्स के जरिए हो या उनकी छोटी खुशियों का ध्यान रखकर, ये हमेशा आपके रिश्ते और खुशियों के लिए मददगार ही होगा.”

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