सेक्स के दौरान मैं बहुत जल्दी ढीला पड़ जाता हूं, मुझे कोई बीमारी तो नहीं है?

सवाल-

मैं 36 साल का हूं. मेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं. सेक्स के दौरान मैं बहुत जल्दी ढीला पड़ जाता हूं. क्या मुझे कोई बीमारी तो नहीं है?

जवाब-

आप को कोई बीमारी नहीं है. हर वक्त इस बारे में न सोचें. जब भी सेक्स का मूड बने, तो देर तक फोरप्ले करने के बाद ही सेक्स करें. फोरप्ले का मतलब होता है एकदूसरे को चूमना चाटना और नाजुक अंगों को सहला कर जोश में लाना.

वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाए रखने में सेक्‍स का बहुत अहम स्‍थान होता है. लेकिन, कई जोड़े इसका भरपूर आनंद नहीं उठा पाते. वजह, वे इसे सिर्फ शारीरिक जरूरत भी ही मानते हैं, नतीजतन जल्‍द ही उनकी सेक्‍स लाइफ बोरियत से भर जाती है.

बेहद भागमभाग वाली जिंदगी और काम की थकान भी सेक्‍स से दूरी एक बड़ी वजह बनती जाती है. सेक्‍स के प्रति उदासीनता का असर उनके वैवाहिक रिश्‍तों पर भी पड़ता है. जरूरत होती है सेक्‍स को रोचक और रोमांचक बनाए रखने की जरूरत होती है. और इस रोचकता को बनाए रखने में फोरप्‍ले बहुत महत्त्‍वपूर्ण होता है. फोरप्ले से न सिर्फ सेक्‍स संबंधों में नवीनता आती है, बल्कि रिश्‍ते भी मजबूत बनते हैं.

सेक्स तभी संपूर्ण माना जाता है जब दोनों को पूर्ण आनंद मिले. इसके लिए सबकी बड़ी जरूरत है आपके संबंधों में मधुरता का होना. यहां इस बात का ध्‍यान रखना भी जरूरी है कि आप सेक्‍स को महज शारीरिक जरूरत भर की चीज न समझें, बल्कि इसका भरपूर लुत्‍फ उठाएं. और इस लुत्‍फ के लिए सेक्स से पहले और बाद में फोरप्ले किया जा सकता है. जल्दबाजी या सिर्फ शरीर की जरूरत को पूरा करने के लिए हडबडाहट में कुछ मिनटों बाद मुंह फेरकर सो जाने से आपकी पत्नी या पार्टनर के मन में सेक्स के प्रति अरूचि पैदा हो जाती है.

काम क्रीडा स्त्री और पुरूष दोनों के मन में उत्साह जगाने का काम करती है. फोरप्ले से स्त्री और पुरूष दोनों की कामग्रंथियां खुलकर पूरी तरह से क्रियाशील हो जाती है. यह भी साबित हो चुका है कि पुरुष महिलाओं की अपेक्षा जल्‍दी उत्तेजित हो जाते हैं. महिलाओं को उत्तेजित होने के लिए सही माहौल, समय और कामक्रीडा की जरूरत होती है. स्त्री के उत्तेजित होने के समय को पुरूष अपने फोरप्ले से मेंटेन कर सकता है.

काम क्रीडा या फोरप्ले के जरिए स्‍त्री में काम भावना को बढ़ाया जा सकता है. पुरूष यदि चाहे तो स्त्री को फोरप्ले के माध्यम से ही चरम तक पहुंचा सकता है. औरतों की सेक्स चेतना बेहद गहरी और मानसिक होती है. औरतों चाहती हैं कि सेक्स के बाद भी उसका पार्टनर उसे तब तक जकडे रहे जब तक वह खुद तृप्त न हो जाए. ऐसा करने से स्त्री को अपार चरम सुख व संतुष्टि मिलती है. अत: पुरूष को सेक्स के बाद भी फोरप्ले करना चाहिए. फोरप्ले को अपनी सेक्स लाइफ में शामिल कीजिए और देखिए किस तरह से आपकी पार्टनर पूरी तरह से आपकी हो जाएगी और आपके संबंध मजबूत हो जाएंगे.

मैं शादी के बाद सेक्स को ले कर डरी हुई हूं, क्या महिलाओं में सेक्स संबंधी समस्याएं होती हैं?

सवाल-

मेरी उम्र 21 साल है और जल्द ही शादी होने वाली है. मैं शादी के बाद सेक्स को ले कर डरी हुई हूं. क्या महिलाओं में सेक्स संबंधी समस्याएं होती हैं? क्या इन का उपचार संभव है?

जवाब-

शादी के बाद सेक्स को ले कर आप नाहक डरी हुई हैं. सेक्स संबंध कुदरती प्रक्रिया है. महिलाओं में भी सेक्स समस्याएं हो सकती हैं जैसे सेक्स संबंध के समय योनि में दर्द, चरमसुख का अभाव, उत्तेजना में कमी आदि. मगर पुरुषों की ही तरह महिलाओं की सेक्स समस्याओं का भी निदान संभव है. आप के लिए बेहतर यही है कि इन सब बातों से डरे बगैर खुद को शादी के लिए तैयार करें.

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अधूरी सेक्स नौलेज

प्रेमिका को खुश रखने की युवा हर संभव कोशिश करते हैं, लेकिन जब सेक्स संबंधी समस्या हो तो उसे भी दूर करना होगा. युवा प्रेमियों को लगता है कि सेक्स का अधूरा ज्ञान उन्हें मंझधार में ले जा सकता है. सेक्स संबंधों के दौरान सेक्स क्षमता का बहुत महत्त्व है. सहवास करने की क्षमता ही व्यक्ति को पूर्ण पुरुष के रूप में स्थापित करती है.

कई ऐसे कारण हैं जिन पर हम खुल कर चर्चा नहीं करते न ही उन्हें दूर करने का उपाय खोजते हैं. नतीजतन, सेक्स लाइफ का मजा काफूर हो जाता है. ऐसी  कई समस्याएं हैं जिन्हें दूर कर हम वैवाहिक जिंदगी जी सकते हैं.

झिझक 

सहवास की पूर्ण जानकारी न होना, सेक्स के बारे में झिझक, संबंध बनाने से पहले ही घबराना, यौन दुर्बलता से सेक्स इच्छा की कमी, मानसिकरूप से खुद को सेक्स के प्रति तैयार न कर पाना, शीघ्रपतन, स्वप्नदोष, मोबाइल सेक्स आदि समस्याओं से युवावर्ग पीडित है. सेक्स में मंझधार में न रहें, समस्याओं को समझें व इन्हें दूर करें और सेक्स का भरपूर आनंद उठाएं.

सेक्स इच्छा में मानसिक कारणों को दूर करें

आज की भागदौड़भरी जिंदगी में धनपदयश पाने की उलझन में फंसे युवा एक खास मुकाम तक पहुंचने के चक्कर में सहवास के बारे में अंत में सोचते हैं. वे इस तनाव से ऐसे ग्रस्त हो गए हैं कि उन का वैवाहिक जीवन इस से प्रभावित हुआ है.

सेक्स में डरें नहीं

डर यौनसुख को सब से ज्यादा प्रभावित करता है. इस की वजह से शीघ्र स्खलित होना, कोई देख लेगा, कमरे के बाहर आवाज सुनाई देने का डर, पार्टनर द्वारा उपहास, गर्भ ठहरने का खतरा आदि युवाओं की यौनक्षमता पर प्रश्नचिह्न लगा देते हैं. युवावस्था में यौन इच्छा चरम पर होती है इसलिए सेक्स संबंध जल्दीजल्दी बना लेते हैं, लेकिन धीरेधीरे समय में ठहराव कम हो जाता है, क्योंकि विवाह से पहले प्रेमिका से संबंध बनाना उसे अपराधबोध लगता है और वह शीघ्र स्खलित हो जाता है. इन सभी बातों को नजरअंदाज करते हुए सेक्स संबंध बनाएं.

मोबाइल सेक्स

इंटरनैट के परिवेश में आज का युवा मोबाइल पर सैक्सी फिल्में देखता है और खुद को भी सेक्स में लिप्त कर लेता है. यही कारण है कि वह वास्तविक जीवन में सेक्स का भरपूर आनंद नहीं उठा पाता.

स्वयं पर विश्वास करें

कुछ युवा स्वस्थ होते हुए भी सेक्स के प्रति आत्मविश्वासी नहीं होते. सहवास के दौरान वे धैर्य खो बैठते हैं. ऐसे युवाओं में कोई कुंठा छिपी होती है, जो उन्हें पूर्ण सेक्स करने से रोकती है. खुद पर विश्वास रखें, अन्यथा किसी अच्छे सैक्सोलौजिस्ट एवं मनोचिकित्सक को दिखाएं.

यौनांग पर चोट

किसी ऐक्सिडैंट या अत्यंत तेजी से शारीरिक संबंध बनाते हुए या कष्टप्रद आसनों से यौनांग को चोट पहुंचती है. इस से युवती का सेक्स से मन हटने लगता है. अत: यौनांग पर चोट न पहुंचे, ऐसा प्रयास करें.

शारीरिक कारण

आज युवाओं का सेक्स में सफल न हो पाना दवाओं का दुष्प्रभाव है. बीटा रिसेप्टार्स, प्रोपेनोलोल, मिथाइल डोपा, सिमेटिडिन आदि दवाएं सेक्स इच्छा में कमी लाती हैं. खुद को बीमारी से दूर रखने का प्रयास करें. यौनांग में कसावट होने (फिमोसिस) के फलस्वरूप दर्द, जलन होना, तनाव व स्खलन के कारण सहवास में कमी आ जाती है. अत: शल्यक्रिया द्वारा इसे दूर किया जा सकता है.

गुप्तांग में तनाव न आना

सहवास के दौरान तनाव न आना और यदि  तनाव आता भी है तो कम समय के लिए आता है. युवावस्था में ऐसा होने के कई कारण हैं, जैसे मातापिता का व्यवहार व मानसिक तनाव सेक्स क्रिया में असफलता की मुख्य वजह है.

सीमेन की मात्रा कम होना

कई बार स्खलन का समय सामान्य होता है, लेकिन सीमेन काफी कम मात्रा में निकलने से सेक्स के दौरान पूर्णआनंद नहीं आता. युवा यदि इस समस्या से पीडि़त हों तो चरमोत्कर्ष तक नहीं पहुंच पाते. ऐसे में सैक्सोलौजिस्ट से मिलें. मानसिक रूप से खुद को तैयार कर के सहवास करें, समस्या अवश्य दूर होगी.

इजाक्युलेशन

जब युवा अपने पार्टनर को संतुष्ट किए बिना ही स्खलित हो जाते हैं तो इसे इजाक्यूलेशन कहा जाता है. सैक्सुअल संबंधों के दौरान ऐसा होने से वैवाहिक जीवन में कड़वाहट आती है.

प्रीमैच्योर इजाक्युलेशन

युवाओं में सेक्स में और्गेज्म की अनुभूति इजाक्युलेशन से पूरी होती है. सहवास शुरू करने के 30 सैकंड से 1 मिनट पहले स्खलित होने पर उसे प्रीमैच्योर इजाक्युलेशन कहते हैं. गुप्तांग की कठोरता खत्म हो जाती है और इस वजह से पार्टनर की इच्छा पूरी नहीं हो पाती है. यह वास्तव में समस्या नहीं बल्कि चिंता, संतुष्ट न कर पाने का डर, मानसिक अशांति, मानसिक तनाव, डायबिटीज या यूरोलौजिकल डिसऔर्डर के कारण होता है. इस के लिए ऐंटीडिप्रैंसेट दवाओं का सेवन डाक्टर की सलाह ले कर करें.

ड्राइ इजाक्युलेशन

इस में पुरुषों की ब्लैडर मसल्स ठीक से काम नहीं करतीं, जिस कारण सीमेन बाहर नहीं निकल पाता. इस से फर्टिलिटी प्रभावित होती है, लेकिन आर्गेज्म या सेक्स संतुष्टि पर कोई असर नहीं पड़ता.

पौष्टिक आहार व पर्याप्त नींद लें

संतुलित व पर्याप्त पौष्टिक भोजन के अभाव में शरीर परिपुष्ट नहीं हो पाता. ऐसे में सीमेन का पतलापन और इजाक्युलेशन जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है. पर्याप्त नींद और भोजन से शरीर में सेक्स हारमोन का स्तर काफी बढ़ जाता है, जो सफल सहवास के लिए जरूरी है.

तनाव से दूर रहें

तनाव के दौरान कभी भी सेक्स संबंध न बनाएं. तनाव सेक्स प्रक्रिया को पूरी तरह प्रभावित करता है और इंसान को कई बीमारियों से ग्रसित कर देता है. मुंबई की मशहूर मनोचिकित्सक डा. यदुवीर पावसकर का मानना है कि युवाओं के एक बहुत बडे़ वर्ग, जिसे तनाव ने अपने घेरे में ले लिया है, को सेक्स से अरुचि होने लगी है. इस का मुख्य कारण भागदौड़ भरी दिनचर्या है.

फोरप्ले को समझें

शारीरिक संबंध बनाने से पहले पूर्ण शारीरिक स्पर्श, मुखस्पर्श, नख, दंत क्रीड़ा करने के बाद ही सहवास शुरू करें. सेक्स प्रक्रिया का पहला चरण फोरप्ले है. बिना फोरप्ले युवकों को उतनी समस्या नहीं आती लेकिन ज्यादा नोचनेखसोटने से युवती को पीड़ा हो सकती है. उस का सहवास से मन हट सकता है. इसलिए शारीरिक संबंध बनाते समय पार्टनर की भावनाओं की भी कद्र करें और अगर उसे इस दौरान दर्द हो रहा है तो अपने ऐक्शंस पर थोड़ा कंट्रोल करें.

सेक्स ऐंजौय करने के कुछ उपाय

–       पूरी नींद लें.

–       पौष्टिक आहार लें.

–       नियमित व्यायाम करें.

–       शराब या तंबाकू का सेवन न करें.

–       नियमित रूप से हैल्थ चैकअप करवाएं.

–       साल में 1-2 बार किसी हिल स्टेशन पर जाएं.

–       शारीरिक संबंध तभी बनाएं जब पार्टनर भी तैयार हो.

पुरुष भी होते है सेक्सुअल हैरेसमैंट का शिकार

राघवन को समझ में नहीं आ रहा था कि अचानक उन के 20 वर्षीय बेटे को क्या हो गया है. फर्स्ट ईयर में उस ने टौप किया था. इस सैमेस्टर में अचानक फेल कैसे हो गया? डरासहमा रहता है सो अलग? राघवन समझदार पिता हैं. पहले उन्हें लगा कि शायद बुली का मामला है. कालेज में ऐसा थोड़ाबहुत सब के साथ होता ही है. काउंसलर से कई सैशन काउंसलिंग कराने के बाद मामला खुला तो राघवन भी सकते में आ गए. उन के बेटे रोहित के साथ 2 नाइजीरियन युवकों ने दुष्कर्म किया था. उस के बाद रोहित मन ही मन रोता रहता था. उस ने दोस्तों को भी इस घटना के बारे में नहीं बताया. उस ने गर्लफ्रैंड के फोन उठाने भी बंद कर दिए. पुलिस के पास जाने का तो सवाल ही नहीं था.

राघवन का हैरत और गुस्से के मारे बुरा हाल था. उन्होंने रोहित के लाख मना करने पर भी थाने में एफआईआर दर्ज करा दी. वैसे पुलिस का रवैया भी लचर ही था.

‘‘इतने दिन बाद शिकायत दर्ज कराने का क्या तुक है,’’ थाना इंचार्ज ने रोहित से पूछा तो वह काफी परेशान हो गया और काफी समय बाद सामान्य हो पाया, लेकिन अब वह अच्छीभली नौकरी कर रहा है. लव लाइफ भी ठीकठाक है.

यह किसी भी युवक के साथ हो सकता है. शारीरिक शोषण कितने ही युवकों का उन के परिचितों, रिश्तेदारों सीनियर या किसी पड़ोसी द्वारा भी किया जा सकता है या यों कहें कि आप के आसपास या मित्रों में कोई भी युवक शोषण का शिकार हो सकता है.

यहां तक कि टीचर या प्रोफैसर भी शोषक हो सकते हैं. यदि आप या आप का कोई परिचित किसी न किसी प्रकार से शोषण का शिकार है तो इसे न सहें.

युग 9वीं कक्षा का छात्र है. उस के पीटीआई टीचर ने उस का शारीरिक शोषण करने की कोशिश की, लेकिन बगैर देर किए उस ने इस बारे में अपने दोस्तों को बता दिया. दोस्तों ने आगे अपने सीनियर्स को बताया तथा वहां से फैलते हुए यह बात टीचर्स में फैल गई. परिणाम यह हुआ कि पीटीआई टीचर स्कूल से खुद ही रिजाइन कर के चला गया.

ऐसा ही कुछ रियाज अहमद के साथ भी हुआ. उस के एक बेहद करीबी रिश्तेदार ने उस के साथ गलत हरकत की. इस के बारे में किसी को बताने पर उसे धमकी भी दी कि यदि तुम ने इस बारे में किसी को बताया तो तुम्हारे परिवार के साथ मैं कुछ बुरा कर दूंगा. बेचारा रियाज उस की इस धमकी से डर गया और परेशान रहने लगा. कुछ समय बाद रियाज ने इसे अपनी करनी का फल मान लिया.

आखिर क्या कारण है कि युवकों के शारीरिक शोषण के बारे में काफी कम घटनाएं सामने आ पाती हैं जबकि सचाई इस के एकदम विपरीत है.

युवक सामाजिक रूप से अधिक रफटफ बने रहना चाहते हैं. उन्हें लगता है वे दोस्तों और समाज में हंसी का पात्र बन जाएंगे. कई बार परिवार भी उन्हें सपोर्ट नहीं करता.

क्या करें

– कड़े और स्पष्ट शब्दों में प्रतिरोध करें.

– यदि इस तरह की हरकत किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाती है जो आप का करीबी है, तो उसे चेतावनी दें.

– अगर आप के प्रतिरोध को धमकी या नुकसान द्वारा दबाया जाता है तो भी न डरें. किसी जिम्मेदार व्यक्ति को पूरी बात बताएं.

– पार्टी में किसी अनजान व्यक्ति द्वारा गलत हरकत करने पर शोर मचाएं और प्रथम प्रयास में ही खुद को सुरक्षित करने पर ध्यान दें.

क्या न करें

– चुपचाप न सहें. याद रखें पहली हार में आप की चुप्पी है.

– खुद को दोषी न ठहराएं.

– हर किसी को इस प्रसंग के बारे में न बताएं.

– अगर आप ने अपने साथ हुए व्यवहार का विरोध किया है और दोस्तों के बीच व परिवार में आप अपनी उपेक्षा महसूस करते हैं, तो खुद पर गर्व करें कि आप ने अपने लिए कदम उठाया.

– ऐसी घटनाएं या तो आप को तोड़ती हैं या फिर मजबूत बनाती हैं.

जरूर करें

– ऐसे समय में अच्छे साहित्यिक व प्रेरणादायक सामग्री का उपयोग अवश्य करें.

– एक सब से आवश्यक बात जो आप को कठिन समय से उबार लेगी, अच्छी तरह से कोई नई स्किल सीखें.

मैं 12वीं क्लास में हूं और मेरी गर्लफ्रेंड 11वीं में, मैं उसे छोड़कर नहीं जाना चाहता हूं क्या करूं?

सवाल….

मैं 12वीं कक्षा में पढ़ता हूं. मेरी गर्लफ्रैंड 11वीं कक्षा में है. हम एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं. मैं उसे छोड़ कर इस स्कूल से नहीं निकलना चाहता. मैं यदि 12वीं में फेल हो जाऊं तो यह संभव है, पर मुझे समझ नहीं आ रहा कि ऐसा करना सही होगा या नहीं?

जवाब…

इस उम्र में लड़का-लड़की सिर्फ अपनी दुनिया में खोए होते हैं. जैसे ही हकीकत की जमीन पर आते हैं तो गुब्बारे की हवा की तरह उन का प्यार भी फुस हो जाता है. फेल होने जैसी बेवकूफी न करें. यह समय अपने भविष्य को संवारने का है, प्रेम संबंधों में पड़ कर अपने जीवन के कीमती समय को व्यर्थ करने का नहीं. आप के मातापिता को आप से बहुत उम्मीदें हैं. आप के पास पछताने के सिवा कुछ नहीं बचेगा.

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सवाल…

मेरी उम्र 23 साल है और मैं एक 30 साल की विधवा से प्यार करता हूं. क्या हमारी शादी हो सकती है?

जवाब….

शादी तो हो सकती है पर 7 साल बड़ी एक विधवा. शादी कर के उसे निभा पाना आसान बात नहीं है. अगर आप की आमदनी ठीकठाक? है और आप समाज का मुकाबला कर सकते हैं तो ही शादी करें. शादी से पहले कुछ दिन साथ रह कर देख लें कि आप का प्यार सिर्फ बातों का ही तो नहीं है. वैसे, अब जब जीवन 60-70 साल तक आराम से चलता है, तब 7 साल का फर्क ज्यादा नहीं है.

पिता की अचानक मौत से घर की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई है

सवाल

मैं 23 साल का हूं. पिता की अचानक मौत से घर की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई है. लेकिन फिलहाल मेरे पास किसी भी तरह की नौकरी नहीं है. इस वजह से मैं चिंता में बहुत ज्यादा घुलने लगा हूं. मुझे इस समस्या से छुटकारा दिलाने का उपाय बताएं?

जवाब

कम उम्र में पिता की मौत किसी दुख के पहाड़ से कमतर नहीं होती, लेकिन चिंता करने से आप की समस्या हल नहीं होने वाली है. इसे एक चुनौती की शक्ल में लें कि हां, मैं पिता की छोड़ी जिम्मेदारियां निभाऊंगा और फिर जो?भी काम मिले, उसे करें. जब चार पैसे खुद की मेहनत के आएंगे तो आप की चिंता भी दूर होने लगेगी. पिता की छोड़ी जमापूंजी ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी, इसलिए वक्त रहते पूरे आत्मविश्वास से जिंदगी की जंग लड़ें.

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सवाल

मेरी उम्र 23 साल है और मैं एक 30 साल की विधवा से प्यार करता हूं. क्या हमारी शादी हो सकती है?

जवाब

शादी तो हो सकती है पर 7 साल बड़ी एक विधवा. शादी कर के उसे निभा पाना आसान बात नहीं है. अगर आप की आमदनी ठीकठाक? है और आप समाज का मुकाबला कर सकते हैं तो ही शादी करें. शादी से पहले कुछ दिन साथ रह कर देख लें कि आप का प्यार सिर्फ बातों का ही तो नहीं है. वैसे, अब जब जीवन 60-70 साल तक आराम से चलता है, तब 7 साल का फर्क ज्यादा नहीं है.

अगर आप भी हैं पोर्न देखने के शौकीन, तो हो जाइए सावधान

पोर्न आज के दौर में एक बड़ी इंडस्ट्री बन गया है, जिस का सालाना टर्नओवर अरबों डौलर का है. विश्व के अधिकतर लोगों ने कभी न कभी पोर्न फिल्में देखी होंगी. भारत में युवाओं में पोर्न देखने का चलन बढ़ता जा रहा है. इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत पिछले 2-3 वर्षों में सब से ज्यादा पोर्न देखने वाले देशों में 10वें से तीसरे स्थान पर आ गया है.

अति तो किसी भी चीज की बुरी होती है. पोर्न की लत किसी नशे की तरह है, जो आसानी से पीछा नहीं छोड़ती. पोर्न देखने में उतनी बुराई नहीं पर पोर्न का एडिक्शन होना बुरा होता है. यह सामाजिक, शारीरिक और मानसिक हर रूप में जीवन पर बुरा प्रभाव डालता है. एक रिसर्च में पाया गया कि जो व्यक्ति ज्यादा पोर्न फिल्में देखते हैं, उन का दिमाग सिकुड़ जाता है.

यदि व्यक्ति के दिमाग का स्ट्रेटम छोटा है तो उसे ज्यादा नुकसान हो सकता है. इसी अध्ययन में यह भी पता चला है कि पोर्न फिल्में देखने वाला व्यक्ति अपनी निजी जिंदगी में भी उसी तरह सेक्स करना चाहता है, लेकिन अकसर ऐसा हो नहीं पाता क्योंकि पोर्न फिल्मों को जानबूझ कर ज्यादा भड़काऊ और आकर्षक बनाया जाता है. वैसा करना आम आदमी के बस की बात नहीं. इस का नुकसान यह होता है कि व्यक्ति को कभी संतुष्टि नहीं मिल पाती. व्यक्ति के स्वभाव में क्रूरता और उग्रता आ जाती है जिस से वह चिड़चिड़ा हो जाता है.

सेहत और पढ़ाई पर प्रभाव      

युवावस्था कैरियर बनाने के लिहाज से सब से अहम होती है. इस दौरान युवाओं का पोर्न की तरफ आकर्षित होना कैरियर पर बुरा प्रभाव डालता है. मनोविज्ञानी बताते हैं कि इसे देखने वाले युवाओं का मन भटक  जाता है. वे हमेशा इस के प्रभाव में रहते हैं. ऐसे में उन का कैरियर खराब हो जाता है. आमिर खान की फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ में यह दिखाया गया है कि साथी अपने ही दोस्तों का ध्यान पढ़ाई से हटाने के लिए होस्टल में उन्हें पोर्न किताबें दे देते थे जिस से साथी के नंबर कम आएं या वह फेल हो जाए.

पोर्न देखने वाले ज्यादातर युवा अप्राकृतिक सेक्स के आदीहो जाते हैं. वैसे मैडिकली यह बुरा नहीं है पर अगर सही तरह और हाईजीन का ध्यान रख कर नहीं किया जाएगा तो यह हैल्थ की नजर से खराब होता है.

सेक्स जीवन पर असर

लगातार पोर्न देखने से व्यक्ति अपने पार्टनर से वैसी ही उम्मीद रखने लगता है जैसा पोर्न फिल्मों में दिखाया जाता है लेकिन इसे हकीकत में उतारना मुमकिन नहीं होता. इस का नुकसान यह होता है कि व्यक्ति का अपने पार्टनर के प्रति अलगाव पैदा होने लगता है. जब लड़कियां ऐसे पोर्न देखती हैं और शादी के बाद उन्हें ऐसे हालात नहीं मिलते तो उन का वैवाहिक जीवन खराब होने लगता है.

पोर्न देखने से सेक्स को ले कर विकृत नजरिया बन जाता है. शादी के बाद तमाम लड़कियों को यह शिकायत होती है कि उन के पति ने अप्राकृतिक सेक्स की डिमांड की या जोरजबरदस्ती की. औक्सिटौसिन दिमाग में पाया जाने वाला एक शक्तिशाली हार्मोन है जिसे ‘लव हार्मोन’ भी कहा जाता है. यह हार्मोन पुरुष और महिलाओं दोनों को बंधन में बांधने में मदद करता है. अगर सेक्स पोर्न फिल्मों की तरह किया जाए तो यह हार्मोन काम नहीं करता जिस का असर रिश्तों पर पड़ता है.

सेक्स को पोर्न फिल्मों की तरह करने वाले व्यक्ति फोरप्ले ठीक ढंग से नहीं कर पाते. फोरप्ले के दौरान जोड़े चरम सुख लेते हैं जिस से उन में काफ ी निकटता आती है पर पोर्न वाली मानसिकता के कारण यह कहीं खो जाती है.

कुछ लोग उत्तेजित होने के लिए पोर्न का सहारा लेने लगते हैं और धीरेधीरे यह उन की आदत बन जाती है. इस का नुकसान यह होता है कि व्यक्ति प्राकृतिक तौर पर उत्तेजित होने में नाकाम होने लगता है जिस का आगे चल कर नुकसान होता है. अवैध संबंधों के लिए पोर्न काफी हद तक जिम्मेदार है. ज्यादा पोर्न देखने वाले लोग अकसर किसी के साथ अवैध संबंध बनाने के बारे में सोचते रहते हैं जो समाज के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो रहा है और कई बार मर्यादा तारतार होने की भी आशंका रहती है. पोर्न देखने का यह सब से बड़ा नुकसान है.

पत्नी की करें मनुहार, बढ़ेगा प्यार

सुबहसुबह छोटी सी बात पर ही दिवाकर की अपनी पत्नी नीलम से लड़ाई हो गई. दोनों ही देर तक बहस करते रहे और आखिर में नीलम रोने बैठ गई.दिवाकर को बहुत गुस्सा आया और बिना टिफिन लिए ही औफिस चला आया. वहां पूरे दिन उस का दिल नहीं लगा. शाम को लौटते समय उस ने एक दुकान से कुछ हरी चूडि़यां खरीदीं और घर पहुंचा.नीलम अभी भी उदास और गुस्से में थी. उस ने दिवाकर से कोई बात नहीं की. खाने के समय सामने प्लेट रख कर वह चली गई.

जब दिवाकर कमरे में घुसा, तो यह देख कर दंग रह गया कि नीलम अपना बैग पैक कर रही थी. पूछने पर वह बोली, ‘‘मैं कल सुबह की ट्रेन से अपने घर चली जाऊंगी. मुझे तुम्हारे साथ नहीं रहना. तुम मेरा दर्द नहीं समझते. न ही मुझ से प्यार करते हो. मैं तुम्हारी आंखों में खटकती हूं, तो फिर यहां क्यों रहूं?’’ दिवाकर समझ गया कि बात बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है. वह चुपके से चूडि़यां ले कर आया और नीलम के आगे रखता हुआ बोला, ‘‘मेरा प्यार इन चूडि़यों की खनखनाहट में है. मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता. प्लीज, मत जाओ. मेरी जिंदगी की हर सुबह तुम से है. ‘‘आज सुबह मैं ने कुछ गलत कहा तो उसे भूल जाओ. बस इतना याद रखो कि मैं हूं तो बस तुम से हूं.’’

दिवाकर ने यह सब इतने मनुहार भरे शब्दों में कहा कि नीलम का दिल पसीज गया. वह यही तो चाहती थी कि दिवाकर उसे मना ले. यही हुआ भी. दिवाकर के इस अंदाज पर नीलम का दिल उस के प्रति प्यार से भर उठा. इस तरह नाराजगी की जगह उन के रिश्ते में प्यार खिल उठा. सच है कि कभी शहद सा मीठा और कभी इमली सा खट्टा होता है पतिपत्नी का रिश्ता. कभी प्यार भरी बातें, मानमनुहार, तो कभी नोकझोंक. ताउम्र साथ निभाने और सुखदुख में साथ चलने के इस रिश्ते में जाने कितनी ख्वाहिशें और उम्मीदें होती हैं. इसी में छिपी होती है जिंदगी की असली खुशी. पर कभीकभी इनसान अपने अहम की वजह से आपसी रिश्ते के बीच एक दीवार खड़ी कर लेता है. छोटीछोटी बातें दिल से लगा कर अपने ही जीवनसाथी से अबोला रखने लगता है. प्यार भरे इस रिश्ते में ऐसी चुप्पी छा जाती है कि समझ में ही नहीं आता कि इसे तोड़ा कैसे जाए.

इस सब की वजह भले ही बहुत छोटी सी होती है, फिर भी लंबे समय तक की खामोशी और नाराजगी इस रिश्ते में कड़वाहट ला कर उसे तोड़ देने के लिए काफी होती है. अगर पतिपत्नी में से एक शांत और दूसरा तेज स्वभाव वाला हो, तो दोनों के बीच संतुलन बना रह सकता है. पर अगर दोनों ही स्वभाव से तेज और गुस्से वाले हों, तो वैचारिक टकराव के साथसाथ लड़ाईझगड़े और हाथापाई भी हो जाती है और तब पूरा घर बिखरने लगता है. इसलिए जरूरी है कि संबंधों में आई उस कड़वाहट को समय रहते दूर कर लिया जाए, तभी परिवार बिखरने से बच सकता है.

अकसर उम्मीद की जाती है कि एक औरत को ही अपनी गलती मान लेनी चाहिए और पति के आगे झुक जाना चाहिए. ज्यादातर पत्नियां झुक भी जाती हैं, पर इस तरह के रिश्तों में फिर प्यार बाकी नहीं रह जाता. नतीजतन, औरत केवल समझौते ही करती रहती है. पति के लिए उस के मन में प्यार और इज्जत नहीं रह जाती है, इसलिए रिश्ते में प्यार और चाहत बनाए रखने के लिए जरूरी है कि पति अपनी पत्नी को बराबरी का दर्जा दे. कभी पत्नी झुक रही है, रूठे पति को मना रही है, तो कभी पति को भी अपनी पत्नी के साथ प्यारमनुहार से पेश आना चाहिए. अहम से रहें दूर पतिपत्नी के बीच जब किसी भी चीज को ले कर अहम का भाव आ जाता है, तो फिर वह प्यार की सीमा लांघ कर अहंकार बन जाता है. ऐसे में कई बार पति दूसरों के सामने भी पत्नी की बेइज्जती कर देते हैं. इस से पत्नी के स्वाभिमान को ठेस पहुंचती है. इस की वजह से फिर रिश्ते में कड़वाहट ही रह जाती है.

अहंकार और स्वाभिमान में थोड़ा सा ही फर्क है, पर इन के नतीजे में बहुत अंतर है. ध्यान रखें कि पतिपत्नी के संबंधों में अहंकार नहीं, बल्कि स्वाभिमान होना चाहिए. पति को पत्नी  के स्वाभिमान की हिफाजत करनी चाहिए और अपना सुर कभी ऊंचा नहीं करना चाहिए. दोस्तों को न बनने दें दीवार अनुज हमेशा रविवार को अपने दोस्तों के साथ घूमने निकल जाता. उस की यह आदत कालेज के समय से थी. शादी के बाद भी जब उस की यह आदत बरकरार रही, तो उस की पत्नी निभा को यह बात अखरने लगी, मगर वह कुछ कह नहीं सकी.

हर रविवार को निभा उखड़ीउखड़ी सी रहती. 1-2 बार उस ने कहना चाहा भी कि कहीं बाहर चलते हैं, मगर अनुज दोस्तों के साथ अपने बिजी शैड्यूल का हवाला दे देता. अब निभा खामोश रहने लगी. वह हर समय प्यार के बजाय झगड़ने को तैयार रहती. अनुज ने जब यह बात दोस्तों से शेयर की, तो उस के दोस्त निलय ने समझाया, ‘‘तुझे अपनी छुट्टी का दिन पत्नी के साथ बिताना चाहिए. उस के भी कुछ अरमान होते होंगे. हम में से 4 अभी कुंआरे हैं. केवल तुम और सौरभ ही शादीशुदा हो, इसलिए तुझे समझा रहा हूं. तेरा पत्नी की तरफ भी कुछ फर्ज बनता है न.’’

अनुज को बात समझ आ गई. वह निभा के साथ वक्त बिताने लगा. उस का खयाल रखने लगा. जल्द ही उन के रिश्ते में खो रहा प्यार वापस लौट आया. जन्मदिन और शादी की सालगिरह याद रखें हर पत्नी की यह ख्वाहिश रहती है कि पति उस के जन्मदिन व शादी की सालगिरह की तारीख जरूर याद रखे, क्योंकि पत्नियां इन से काफी इमोशनली जुड़ी होती हैं. इस के अलावा उन्हें यह जान कर भी बेहद खुशी होती है कि पति को उन के साथ की पहली मुलाकात, पहली बार दिया गया तोहफा, बीते हुए यादगार लमहे, शादी के काफी समय बीत जाने के बाद भी याद हैं.

इसी तरह इन मौकों पर आप अगर पत्नी के लिए उन की पसंद के तोहफे ले कर जाएंगे, तो उन की खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा. ऐसे समय में महंगे तोहफे जरूरी नहीं होते, बस प्यार से दो गुलाब के फूल देने और तारीफ के चंद शब्द बोलने से भी पत्नी का दिल आप के लिए प्यार से भर उठेगा. तारीफ करें तारीफ सुनना औरतों की सब से बड़ी कमजोरी होती है, खासकर पत्नियां इस मामले में और भी संवेदनशील होती हैं, इसलिए जब कभी पत्नी ने आप के लिए प्यार से लजीज खाना बनाया हो, घरपरिवार से जुड़ा अच्छा काम किया हो या खूबसूरती से तैयार हुई हो, तो उस की तारीफ जरूर करें. इस से पत्नी को न केवल खुशी होगी, बल्कि उस का प्यार भी बढ़ेगा. ऐसे लोग भी होते हैं, जो पत्नी  में बेवजह गलतियां ढूंढ़ते रहते हैं और गलती न होने पर भी उस के हर काम में मीनमेख निकालते रहते हैं. ऐसा न करें. तारीफ जहां पत्नी के आत्मविश्वास को बढ़ाती है, वहीं शादीशुदा जिंदगी को भी खुशहाल बनाती है.

निशाने पर किसी और को न रखें अकसर पतिपत्नी आपसी मनमुटाव का शिकार एकदूसरे के परिवार के सदस्यों को बना लेते हैं और अपने दिल की भड़ास एकदूसरे के परिवार के सदस्यों के विरोध में बोल कर निकालते हैं खासकर पति अपनी ससुराल वालों को बात सुनाने से बाज नहीं आते. इस से बात संभलने के बजाय और भी ज्यादा बढ़ जाती है. कोई भी औरत अपने घर वालों या मातापिता के खिलाफ नहीं सुन सकती, इसलिए पति की कही ऐसी कोई बात पत्नी के दिल में कहीं गहरे तक जा कर चोट करती है.

इस के उलट अगर पत्नी नाराज है या दोनों में झगड़ा हुआ है, तो पति अपनी पत्नी के मायके से किसी को बुला कर पत्नी को सरप्राइज दे या उस के मायके वालों की तारीफ कर दे, तो पत्नी का गुस्सा पलभर में काफूर हो सकता है. तब रिश्ते में तनाव की जगह प्यार का आगाज हो जाएगा. फैसला न लादें पति हो या पत्नी, हर किसी का अपना वजूद है. बहुत से पति सोचते हैं कि पत्नी को उन के हिसाब से चलना चाहिए. यह सोच सही नहीं है. किसी भी बात को ले कर पत्नी पर अपना फैसला थोपने की कोशिश न करें.

आप की पत्नी को हक है कि वह जिंदगी को अपने ढंग से जी सके. अगर आप उस की ख्वाहिशों और इच्छाओं की इज्जत करेंगे, तो पत्नी के दिल में आप के लिए प्यार बढ़ता जाएगा. पहल करने से न हिचकिचाएं याद रखें कि कई बार रोजमर्रा की छोटीछोटी तकरार भी गहरे विवाद का रूप ले लेती है, जिस से परिवार टूटने के कगार पर पहुंच जाता है. परिवार के टूटने के चलते भले ही कोई भी वजह हो, पर इस का खमियाजा बड़ों के साथसाथ बच्चों को भी जिंदगीभर भुगतना पड़ता है. आपसी संबंधों में विवाद से उपजी चुप्पी को समय रहते तोड़ देना ही बेहतर होता है और अगर वह पहल नहीं करती, तो आप खुद ही पहल कर सकते हैं.

इज्जत दें, प्यार बढ़ाएं याद रखें कि ससुराल में पत्नी की इज्जत की जिम्मेदारी उस के पति की होती है, क्योंकि जिस ससुराल में पति पत्नी की इज्जत नहीं करता, उस परिवार में कोई और सदस्य अमूमन उसे इज्जत नहीं देता और ऐसा होता है तो घर में कभी शांति नहीं रह पाती, इसलिए पत्नी को इज्जत दें और उस के दिल पर राज करें. तब आप की जिंदगी खुशियों से भर जाएगी. भावनात्मक रूप से साथ दें पत्नी को आप के भावनात्मक साथ की जरूरत होती है. हर छोटीबड़ी बात पर, सुखदुख में, मुश्किल हालात में वह उम्मीद करती है कि पति उस का साथ दे.

यह भावनात्मक साथ पत्नी को तनाव और अवसाद से निकालने में सहयोग देता है. कैसे भी हालात हों, आप पत्नी को अपने साथ का अहसास कराएं, फिर देखिए कैसे पत्नी के दिल में आप के लिए प्यार बढ़ता है.खरीदारी के लिए साथ जाएं ऐसी शायद ही कोई औरत होगी, जिसे खरीदारी करने का शौक न हो. एक सर्वे के मुताबिक, ज्यादातर औरतें अपनी टैंशन व परेशानी को दूर करने के लिए खरीदारी करना ज्यादा पसंद करती हैं. वैसे भी हर पत्नी की यह इच्छा होती है कि वह पति के पसंद की चीजें पहने, फिर चाहे वह ज्वैलरी हो या ड्रैस. पतियों को खरीदारी करना कम ही पसंद आता है, पर जब आप अपनी पत्नी के साथ खरीदारी करते हैं, तो इस से आपसी लगाव और भी बढ़ जाता है.

प्यार से गले लगाना औरतों को प्यार से गले लगाना, रूठना, मानमनुहार कराना बहुत अच्छा लगता है. इस से यह भी पता चलता है कि आप अपने पार्टनर को कितना प्यार करते हैं. पार्टनर को प्यार से गले लगाने पर दोनों एकदूसरे के साथ भावनात्मक रूप से भी जुड़ते हैं.दरअसल, प्यार करना केवल सैक्सुअल रिलेशन ही नहीं होता है, बल्कि पतिपत्नी को गले लगा कर, चूम कर, लाड़दुलार दिखा कर भी अपने संबंधों में ज्यादा मिठास व मजबूती ला सकते हैं.

मैं मुंबई जाकर कोरियोग्राफर बनना चाहता हूं, क्या मुझे कोई डांस कोर्स करना होगा?

सवाल-

मैं 18 साल का हूं और पढ़ाई में ठीकठाक हूं. मैं डांस भी अच्छा कर लेता हूं और आसपास के लोग मुझे डांस का गोविंदा कहते हैं. मैं मुंबई जा कर कोरियोग्राफर बनना चाहता हूं. क्या इस के लिए मुझे कोई डांस कोर्स करना होगा?

जवाब-

आप की तरह हर महल्ले में कोई न कोई गोविंदा या मिथुन चक्रवर्ती होता ही है, इसलिए कोई गलतफहमी अपने बारे में न पालें. कमर, छाती और कूल्हे मटका लेने से कोई डांसर नहीं हो जाता.

कुछ दिन पहले विदिशा के डांसर डब्बूजी का वीडियो खूब वायरल हुआ था, बड़ेबड़े फिल्म कलाकारों ने मुंबई बुला कर उन की तारीफ की थी, पर काम किसी ने नहीं दिया. बेहतर होगा कि आप अपने शहर की किसी डांस अकादमी से कोई कोर्स करें, पर यह भी कुछ बन जाने की गारंटी नहीं होगी.

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गोविंदा बेहतरीन डांसर: फराह –

निर्देशक-कोरियोग्राफर फराह खान ने वैसे तो बॉलीवुड के कई दिग्गज कलाकारों को अपनी लय पर थिरकाया है, लेकिन जब इनमें से सबसे पसंदीदा कलाकार को चुनने की बात आती है तो फराह कहती हैं कि वह हमेशा से गोविंदा को चुनेंगी.

फराह ने कहा ‘‘मेरे लिए, गोविंदा एक बेहतरीन बॉलीवुड डांसर हैं. मैंने उनसे अधिक बढ़िया नाचते किसी को नहीं देखा. आप मुझे सर्वश्रेष्ठ तकनीकी डांसर दिखा सकते हैं लेकिन जो मजा उनके डांस को देखकर आता है वह दिखाना मुश्किल है. मैं उन्हें घंटों डांस करते देख सकती हूं.’’ उनका मानना है कि गोविंदा ने अपने गीतों में जो लय और उन्मुक्तता दिखाई उसका जोड़ मिलना मुश्किल है.

मनपसंद कोरियोग्राफरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे प्रभुदेवा, सरोज जी पसंद हैं.. 1980 और 1990 के दशक में सरोज जी मलिका थीं. उनके डांस स्टेप्स बेजोड़ थे.

श्यामक डावर भी बहुत अच्छे हैं और इसके बाद रेमो डीसूजा और बोस्को-सीजर आते हैं. वैभवी का भी भारतीय शास्त्रीय गीतों में कोई जोड़ नहीं है. ऐसे बहुत सारे लोग हैं. मुझे हर तरह के डांस पसंद हैं.’’

एक अनजान लड़के का मुझे फोन आया था, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल…

मैं 19 साल की लड़की हूं. कुछ महीने पहले एक अनजान लड़के का मुझे फोन आया था. धीरे-धीरे हम दोनों फोन पर बातें करने लगे और एकदूसरे को पसंद भी करने लगे. वह लड़का कहता है कि उसे मुझ से प्यार हो गया है, जबकि हम दोनों आज तक मिले ही नहीं हैं. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब…

इस तरह का यानी सोशल मीडिया का प्यार अक्सर छलावा ही साबित होता है? इसलिए जरूरी है कि आप लड़के से एक नहीं, बल्कि कई बार मिलें, फिर कोई फैसला लें. जिसे आप ने रूबरू देखा नहीं और समझा नहीं, उस के प्यार को बिना सोचे-समझे मंजूरी न दें. मिलने पर भूल कर भी जिस्मानी रिश्ता न बनाएं.

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पिता की अचानक मौत से घर की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई है….

सवाल

मैं 23 साल का हूं. पिता की अचानक मौत से घर की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई है. लेकिन फिलहाल मेरे पास किसी भी तरह की नौकरी नहीं है. इस वजह से मैं चिंता में बहुत ज्यादा घुलने लगा हूं. मुझे इस समस्या से छुटकारा दिलाने का उपाय बताएं?

जवाब

कम उम्र में पिता की मौत किसी दुख के पहाड़ से कमतर नहीं होती, लेकिन चिंता करने से आप की समस्या हल नहीं होने वाली है. इसे एक चुनौती की शक्ल में लें कि हां, मैं पिता की छोड़ी जिम्मेदारियां निभाऊंगा और फिर जो?भी काम मिले, उसे करें. जब चार पैसे खुद की मेहनत के आएंगे तो आप की चिंता भी दूर होने लगेगी. पिता की छोड़ी जमापूंजी ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी, इसलिए वक्त रहते पूरे आत्मविश्वास से जिंदगी की जंग लड़ें.

मैंने अपनी दोस्त को डांस करते हुए किस कर दिया, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल-

मेरी एक दोस्त है जिस का मेरे घर पिछले 3 सालों से आनाजाना है. हम दोनों की उम्र 19 साल है. मैं एक लड़का हूं बावजूद इस के मेरे घरवालों ने कभी हमारे रिश्ते पर सवाल नहीं उठाया. अब हुआ यों कि वह और मैं हमारे एग्जाम के एक दिन पहले मेरे कमरे में पढ़ रहे थे. घर पर मम्मी थीं जो नीचे कमरे में टीवी देख रही थीं. मैं ने यों ही उस के साथ डांस करने की इच्छा जताई और उस ने हां कह दिया.

स्लो सौंग पर हम ने डांस किया और मैं ने उसे किस कर दिया जिस पर उस ने एतराज नहीं किया. पर उस किस के बाद हमारे बीच उस दिन से रिलेटेड कोई बात नहीं हुई और अब मुझे समझ नहीं आ रहा कि करूं तो करूं क्या. अब यह दोस्ती है, दोस्ती से कुछ ज्यादा है या कुछ भी नहीं है, मेरी समझ से बाहर होता जा रहा है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

इस उम्र में अकसर ही ऐसा होता है और सिचुएशन औक्वर्ड हो जाती है. आप पहले तो अपनी फीलिंग्स को ले कर क्लियर हो जाइए. अगर आप को अपनी दोस्त के प्रति दोस्ती से ज्यादा कोई फीलिंग नहीं है तो उसे साफसाफ बता दीजिए. इन बातों से भाग कर केवल सिचुएशन कौंप्लिकेटेड ही होगी, सुलझेगी नहीं. यदि फीलिंग्स हैं तब भी साफसाफ कह दीजिए. अपनी दोस्त से मिलिए, उस से कहिए कि उस दिन जो कुछ हुआ आप उस बारे में बात करना चाहते हैं.

मन में जो हो, कह दीजिए. यदि उस के और आप के विचार इस विषय पर मेल खाते हों तब तो सब सही है, नहीं तो सोचसमझ कर ही कोई कदम उठाएं. यह न सोचें कि फीलिंग्स के चक्कर में कहीं दोस्ती खराब न हो जाए क्योंकि दोस्ती पर इन सब चीजों का असर पड़ता ही पड़ता है. हां, हो सके तो आमनेसामने बैठ कर ही बात करें, मैसेज पर नहीं.

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