ऐसे बनाएं अपनी सेक्स लाइफ सुखद, पढ़ें टिप्स

ऐसा अकसर देखने में आता है कि पतिपत्नी सहवास के दौरान एकदूसरे की इच्छा और भावना को नहीं समझते. वे बस एक खानापूर्ति करते हैं. लेकिन वे यह बात भूल जाते हैं कि खानापूर्ति से सैक्सुअल लाइफ तो प्रभावित होती ही है, पतिपत्नी के संबंधों की गरमाहट भी धीरेधीरे कम होती जाती है. ऐसा न हो इस के लिए प्यार और भावनाओं को नजरअंदाज न करें. अपने दांपत्य जीवन में गरमाहट को बनाए रखने के लिए आगे बताए जा रहे टिप्स को जरूर आजमाएं.

पत्नी की इच्छाओं को समझें

‘‘महिलाओं को अकसर इस बात की शिकायत रहती है कि पति उन की इच्छाओं को बिना समझे सहवास करने लगते हैं. लेकिन ऐसा कर के वे केवल खुद की इच्छापूर्ति करते हैं. पत्नी और्गेज्म तक नहीं पहुंच पाती. आगे चल कर इसी बात को ले कर आपसी संबंधों में कड़वाहट पैदा होती है.

‘‘पति को चाहिए कि सैक्स करने से पहले पत्नी की इच्छा को जाने. उसे सैक्स के लिए तैयार करे. तभी संबंधों में गरमाहट बरकरार रहती है.’’

करें प्यार भरी बातें

एक हैल्दी सैक्सुअल लाइफ के लिए बेहद जरूरी है कि यौन संबंध बनाने से पहले पत्नी से प्यार भरी बातें जरूर की जाएं. कोई समस्या हो तो उस का हल निकालें. पत्नी से बातोंबातों में पता करें कि वह सैक्स में क्या सहयोग, क्या नवीनता चाहती है.

एक अच्छे सहवास सुख के लिए आवश्यक है कि पतिपत्नी आपस में सैक्स के दौरान प्यार भरी बातें करें. यदि ऐसा नहीं हो तो पत्नी को लगता है कि पति को केवल सैक्स की ही भूख है, प्यार की नहीं. इसलिए प्यार भरी बातों को नजरअंदाज न करें.

स्थान व समय को बदलें

सहवास का भरपूर आनंद उठाने के लिए कभी सोफा, कभी फर्श, कभी कालीन तो कभी छत पर और अगर घर में झूला लगा हो तो झूले पर, नहीं तो लौन पर चटाई बिछा कर सैक्स का आनंद लिया जा सकता है. पत्नियां सैक्स को प्यार से जोड़ती हैं. प्यार के इस अनुभव को वे घर के अलगअलग स्थानों पर अलगअलग समय पर नएनए तरीके से करना चाहती हैं. लेकिन अकसर पति यह बात समझ कर भी नहीं समझते.

शुरुआत धीरेधीरे करें

कई पत्नियों की यह शिकायत रहती है कि उन के पति सहवास की शुरुआत धीरेधीरे न कर के उन्हें बिना उत्तेजित किए जल्दीबाजी में करते हैं. जबकि सहवास की शुरुआत धीरेधीरे विभिन्न सैक्स मुद्राओं जैसे गालों को काटना, सैक्स के हिस्सों पर थप्पड़ लगाना आदि को अपना कर ही करनी चाहिए और उस के बाद ही सैक्स सुख का आनंद लेना चाहिए.

फोर प्ले का आनंद उठाएं

पति को चाहिए कि वह पत्नी के साथ चुंबन, आलिंगन, उसे सहलाना, केशों में उंगलियां फेरना, अंगों को स्पर्श करना वगैरह की अहमियत को समझे. ऐसा कर के वह पत्नी को उत्तेजित कर के मानसिक और शारीरिक रूप से सहवास के लिए तैयार करे. पत्नी का और्गेज्म तक पहुंचना जरूरी होता है. और्गेज्म तक नहीं पहुंच पाने के कारण घर में अकसर तनाव का माहौल पैदा हो जाता है, जो आपसी संबंधों में दिक्कतें भी पैदा करता है. एक सर्वे के मुताबिक 55% लोगों का मानना है कि सैक्स के दौरान जो आनंदमयी क्षण आते हैं, उन का अनुभव बेहद महत्त्वपूर्ण है.

बराबर का साथ दें

‘‘सैक्सुअल लाइफ बेहद रोमांटिक तभी बन पाती है, जब पतिपत्नी सैक्स संबंध बनाते समय बराबर का साथ दें. सहवास के दौरान 70% महिलाएं बिस्तर पर चुपचाप ही पड़ी रहती हैं. पुरुष ऐसी महिलाओं को पसंद नहीं करते. सहवास के दौरान बराबर का साथ पति पसंद करते हैं. यदि पत्नी ऐसा करती है तो सैक्स का आनंद और भी ज्यादा बढ़ जाता है.’’

फालतू बातों को तूल न दें

पतिपत्नी जब भी यौन संबंध बनाएं, पत्नी घर की समस्याओं या शिकायतों का पिटारा खोल कर न बैठे. सारिका जब भी रमेश के साथ सहवास करती थी, कोई न कोई शिकायत ले कर बातें शुरू कर देती थी. इस से रमेश असहज हो जाता था. आगे चल कर इन की समस्या इतनी बढ़ गई कि इन्हें आपसी संबंधों को सहज बनाने के लिए मैरिज काउंसलर की सहायता लेनी पड़ी.

संबंधों में गरमाहट बनी रहे इस के लिए ऐसी बातों को तूल न दे कर सैक्स लाइफ को ऐंजौय करें. पति का साथ दें, उन के साथ बिस्तर पर सक्रिय बनी रहें.

सैक्सी कपड़ों में लुभाएं

पति को लुभाने व उत्तेजित करने के लिए सैक्सी ड्रैस व हौट लुक में अपने पार्टनर को ऐसा सरप्राइज दें कि यौन संबंधों में नवीनता तो आए ही, सहवास सुखद भी बने. ऐसा होने से पतिपत्नी का आपसी विश्वास व प्यार भी बराकरार रहता है.

नएनए प्रयोग करें

अकसर पुरुष सैक्स को ले कर ज्यादा ही उत्साहित होते हैं. वे नएनए आसनों का प्रयोग कर सहवास को सुखद बनाते हैं. लेकिन पत्नी यदि किसी तरीके को अनकंफर्टेबल महसूस करे तो पति को बताए जरूर.

बहुत सी महिलाएं यौन संबंध बनाते वक्त नएनए प्रयोगों से घबराती हैं. वे ऐसा न कर के पति के साथ सहवास में प्रयोग करें. उम्र कोई बाधा नहीं, दिलदिमाग और शरीर को स्वस्थ रखने और वैवाहिक जीवन को सफल बनाने में नए प्रयोग हमेशा मददगार ही साबित होते हैं.

नितंब सौंदर्य भी जरूरी है : बदल रहा है खूबसूरती का पैमाना

सुंदर नितंब की चाहत हर महिला को होती है. आकर्षक नितंब न सिर्फ महिलाओं की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं, बल्कि यह महिलाओं की फिटनैस का भी अहम हिस्सा है.

यों तो महिलाओं की हर अदा और शारीरिक बनावट को देख कर पुरूष रोमांचित होते हैं, मगर आप को यह जान कर हैरानी होगी कि महिलाओं की ब्रैस्ट की तरह ही उभार लिए नितंब यानी बट को ले कर पुरूषों में खासा दिलचस्पी रहती है. इसलिए आज की आधुनिक महिलाएं सुडौल नितंब को ले कर काफी सजग रहने लगी हैं.

वैसे, आमतौर पर देखा गया है कि जिन महिलाओं का शरीर भारी होता है, वे अगर जींस पैंट या टाइट फिटिंग ड्रैस पहन लेती हैं तो फिर यह उन पर सूट नहीं करता. ऐसे में जरूरी यही है कि वे मनमाफिक फैशन के कपङे पहनने से पहले फिटनैस पर ध्यान दें और खासकर नितंब यानी बट पर.

अकसर महिलाएं अपने नितंब के आकार को ले कर भी परेशान रहती हैं. वे कई तरह के उपाय आजमाती हैं  ताकि सुडौल नितंब पा सकें. अगर आप को भी सुंदर नितंब पाने की चाहत है तो आप नियमित व्यायाम, सही खानपान और सही जीवनशैली अपना कर सुडौल नितंब पा सकती हैं.

इस के लिए पहले आप को नितंब की मांसपेशियों और हिप फैट पर ध्यान देना होगा. सुडौल नितंब पाने के लिए व्यायाम आप की काफी मदद कर सकते हैं.

आइए, जानते हैं कुछ ऐसे ही व्यायाम :

ग्लूट ब्रिज : यह सुंदर नितंब पाने के लिए अच्छा व्यायाम है. इस के लिए पीठ के बल लेट जाएं. घुटनों को मोड़ लें. अब ऐड़ियों को भी कूल्हों के पास ले आएं. हाथों को सीधा रखें. ध्यान रहे कि इस दौरान हथेलियां जमीन को छूती रहें. अब कूल्हों और कमर को अपने कंधों से घुटनों तक ऊपर एकसीध में उठाएं. इस दौरान अपने पैरों और हथेलियों को जमीन पर टिका कर रखें. इस स्थिति में कुछ देर तक रुकें और फिर आराम से सामान्य अवस्था में लौट आएं. इसे 2-3 बार दोहराएं.

सिंगल लेग ब्रिज : पीठ के बल लेट जाएं. एक घुटने को मोड़ लें. इस दौरान अपने तलवों को जमीन के साथ सटा कर रखें. अब दूसरे पैर को जमीन पर सीधा रखें. सांस छोड़ते हुए पैर व शरीर को ऊपर उठाएं. इस दौरान पूरे शरीर का वजन दूसरे पैर पर रहे. इस अवस्था में धीरेधीरे सांस लें. इस पोजिशन में 3 सैकंड तक रुकें और फिर धीरेधीरे पुरानी अवस्था में लौट आएं.

लैग लिफ्ट : पीठ के बल लेट जाएं. अपने पैरों को सीधा हवा में रखें. अपने हाथों को जमीन पर सटाकर रखें और पैरों को ऊपर की ओर उठाएं. इस अवस्था में भी कुछ देर रुकें और फिर दोहराएं.

इन सरल व्यायाम से आप जल्दी ही खुद में अंतर महसूस करेंगी. बेहतर होगा कि इस के लिए किसी योग्य फिटनैस ट्रैनर से भी परामर्श ले लें.

सेक्सी पौइंट

सुंदर और आकर्षक नितंब को ले कर एक दिलचस्प वाकेआ भी है. वह यह कि पिछले दिनों अमेरिका में एक सर्वे किया गया था. इस सर्वे में पुरूषों से यह पूछा गया था कि वे महिलाओं के किस अंग की तरफ अधिक आकर्षित होते हैं. तब कई पुरूषों ने बताया था कि उन्हें ब्रैस्ट के साथसाथ महिलाओं के नितंब को देखना अथवा छूना अच्छा लगता है.

दरअसल, नितंब महिला शरीर का वह खास अंग होता है, जो न सिर्फ किसी महिला की फिगर में चार चांद लगाता है, बल्कि यह पुरूषों को अपना दीवाना भी बना लेता है. एक तरह से यह सैक्सी पौइंट भी है.

रोमांचक अनुभव

एक शोध में पुरूषों की महिलाओं को घूरने को ले कर निष्कर्ष निकाला गया. इस के अनुसार जब कोई आदमी किसी महिला को पहली बार देखता है तो सब से पहले उस की नजर सामने से ब्रैस्ट पर और पीछे से उस के नितंब पर पड़ती है.

इस के साथ ही जब कोई पुरूष  किसी महिला के बारे में सोचता है, तो वह उस के ब्रैस्‍ट और नितंब को ले कर रोमांचित होता रहता है.

जान कर हैरानी होगी

महिलाओं को यह जान कर हैरानी होगी कि नितंब के बारे में ऐसी कौन सी बातें हैं जो पुरुषों को पसंद आती हैं? न सिर्फ पसंद बल्कि वह महिला के नितंब को छूने से भी खुद को रोक नहीं पाते. पुरूष अकसर महिलाओं के इस खास अंग को घूरते हुए पकड़े भी जाते हैं.

महिलाओं के इस खास अंग को घूरना, स्पर्श करना न सिर्फ सेक्स के समय पुरूषों को अच्छा लगता है, बल्कि एक पुरूष की यही तमन्ना होती है कि वह घूमते समय, साथ चलते समय बारबार अपने हाथों से उसे स्पर्श करे. इस कार्य में उसे चरम आनंद की अनुभूति होती है. एक तरह से इस खास अंग का पुरूष दीवाना होता है.

खूबसूरती का पैमाना

आप को यह जान कर भी आश्चर्य होगा कि साउथ अफ्रीका के कई देशों में तो किसी महिला की खूबसूरती का पैमाना ही नितंब होते हैं और इसी आधार पर उन की शादियां भी होती हैं.

जिस युवती का नितंब जितना आकर्षक होता है, घर वाले भी उसे ही तवज्जो देते हैं. इतना ही नहीं, वहां एक खास आयोजन भी होता है जिस में कई महिलाएंलङकियां इस खास अंग को हिला कर पुरूषों को आकर्षित भी करती हैं.

शायद तभी हमारे यहां भी अकसर कोई न कोई महिला जो जींस अथवा ऐसे परिधान पहनी हों, जिस में इस अंग का प्रदर्शन होता हो, पुरूषों को चोरीछिपे देखने में आनंद की अनुभूति देता है.

एक तरह से कह सकते हैं कि एक सुंदर और आकर्षक नितंब महिलाओं के लिए अपने पुरूष साथी को दीवाना बनाने का खास हथियार भी है.

इस तरह से बनाएं पहले सेक्स को यादगार

अगर आप अपने जीवनसाथी के साथ पहले मिलन को यादगार बनाना चाहती हैं तो आप को न केवल कुछ तैयारी करनी होंगी, बल्कि साथ ही रखना होगा कुछ बातों का भी ध्यान. तभी आप का पहला मिलन आप के जीवन का यादगार लमहा बन पाएगा.

करें खास तैयारी: पहले मिलन पर एकदूसरे को पूरी तरह खुश करने की करें खास तैयारी ताकि एकदूसरे को इंप्रैस किया जा सके.

डैकोरेशन हो खास: वह जगह जहां आप पहली बार एकदूसरे से शारीरिक रूप से मिलने वाले हैं, वहां का माहौल ऐसा होना चाहिए कि आप अपने संबंध को पूरी तरह ऐंजौय कर सकें.

कमरे में विशेष प्रकार के रंग और खुशबू का प्रयोग कीजिए. आप चाहें तो कमरे में ऐरोमैटिक फ्लोरिंग कैंडल्स से रोमानी माहौल बना सकती हैं. इस के अलावा कमरे में दोनों की पसंद का संगीत और धीमी रोशनी भी माहौल को खुशगवार बनाने में मदद करेगी. कमरे को आप रैड हार्टशेप्ड बैलूंस और रैड हार्टशेप्ड कुशंस से सजाएं. चाहें तो कमरे में सैक्सी पैंटिंग भी लगा सकती हैं.

फूलों से भी कमरे को सजा सकती हैं. इस सारी तैयारी से सेक्स हारमोन के स्राव को बढ़ाने में मदद मिलेगी और आप का पहला मिलन हमेशा के लिए आप की यादों में बस जाएगा.

सैल्फ ग्रूमिंग: पहले मिलन का दिन निश्चित हो जाने के बाद आप खुद की ग्रूमिंग पर भी ध्यान दें. खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करें. इस से न केवल आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि आप स्ट्रैस फ्री हो कर बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगी. पहले मिलन से पहले पर्सनल हाइजीन को भी महत्त्व दें ताकि आप को संबंध बनाते समय झिझक न हो और आप पहले मिलन को पूरी तरह ऐंजौय कर सकें.

प्यार भरा उपहार: पहले मिलन को यादगार बनाने के लिए आप एकदूसरे के लिए गिफ्ट भी खरीद सकते हैं. जो आप दोनों का पर्सनलाइज्ड फोटो फ्रेम, की रिंग या सैक्सी इनरवियर भी हो सकता है. ऐसा कर के आप माहौल को रोमांटिक और उत्तेजक बना सकती हैं.

खुल कर बात करें: पहले मिलन को रोमांचक और यादगार बनाने के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार करें. अपने पार्टनर से इस बारे में खुल कर बात करें. अपने मन में उठ रहे सवालों के हल पूछें. एकदूसरे की पसंदनापसंद पूछें. जितना हो सके पौजिटिव रहने की कोशिश करें.

सेक्स सुरक्षा: संबंध बनाने से पहले सैक्सुअल सुरक्षा की पूरी तैयारी कीजिए. सैक्सुअल प्लेजर को ऐंजौय करने से पहले सेक्स प्रीकौशंस पर ध्यान दें. आप का जीवनसाथी कंडोम का प्रयोग कर सकता है. इस से अनचाही प्रैगनैंसी का डर भी नहीं रहेगा और आप यौन रोगों से भी बच जाएंगी.

सेक्स के दौरान

 – सैक्सी पलों की शुरुआत सैक्सी फूड जैसे स्ट्राबैरी, अंगूर या चौकलेट से करें.

– ज्यादा इंतजार न कराएं.

– मिलन के दौरान कोई भी ऐसी बात न करें जो एकदूसरे का मूड खराब करे या एकदूसरे को आहत करे. इस दौरान वर्जिनिटी या पुरानी गर्लफ्रैंड या बौयफ्रैंड के बारे में कोई बात न करें.

– संबंध के दौरान कल्पनाओं को एक तरफ रख दें. पोर्न मूवी की तुलना खुद से या पार्टनर से न करें और वास्तविकता के धरातल पर एकदूसरे को खुश करने की कोशिश करें.

– बैडरूम में बैड पर जाने से पहले अगर आप घर में या होटल के रूम में अकेली हों तो थोड़ी सी मस्ती, थोड़ी सी शरारत आप काउच पर भी कर सकती हैं. ऐसी शरारतों से पहले सेक्स का रोमांच और बढ़ जाएगा.

– सेक्स संबंध के दौरान उंगलियों से छेड़खानी करें. पार्टनर के शरीर के उत्तेजित करने वाले अंगों को सहलाएं और मिलन को चरमसीमा पर ले जा कर पहले मिलन को यादगार बनाएं.

– मिलन से पहले फोरप्ले करें. पार्टनर को किस करें. उस के खास अंगों पर आप की प्यार भरी छुअन सेक्स प्लेजर को बढ़ाने में मदद करेगी.

– सेक्स के दौरान सैक्सी टौक करें. चाहें तो सैक्सुअल फैंटेसीज का सहारा ले सकती हैं. ऐसा करने से आप दोनों सेक्स को ज्यादा ऐंजौय कर पाएंगे. लेकिन ध्यान रहे सैक्सुअल फैंटेसीज को पूरा के लिए पार्टनर पर दबाव न डालें.

– संयम रखें. यह पहले मिलन के दौरान सब से ज्यादा ध्यान रखने वाली बात है, क्योंकि पहले मिलन में किसी भी तरह की जल्दबाजी न केवल आप के लिए नुकसानदेह होगी, बल्कि आप की पहली सेक्स नाइट को भी खराब कर सकती है.

सेक्स के दौरान बातें करते हुए सहज रह कर संबंध बनाएं. तभी आप पहले मिलन को यादगार बना पाएंगे. संबंध के दौरान एकदूसरे के साथ आई कौंटैक्ट बनाएं. ऐसा करने से पार्टनर को लगेगा कि आप संबंध को ऐंजौय कर रहे हैं.

मैं लोगों के सामने अपनी बात रखने में घबरा जाता हूं और मेरे पसीने छूटने लगते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं एक गरीब घर का होनहार लड़का हूं और पढ़ाई में भी अच्छा हूं. मेरी दिक्कत यह है कि मैं लोगों के सामने अपनी बात रखने में घबरा जाता हूं. मेरे पसीने छूटने लगते हैं. अभी मेरी उम्र 17 साल है. मुझे लगता है कि आगे यह समस्या मुझे और भी दुखी करेगी. कोई उपाय बताएं?

जवाब-

आप खुद को होनहार होने का सर्टिफिकेट जिस बिना पर दे रहे हैं, वही यह बात है जो आप दूसरों के सामने अपनी बात रखने में घबरा जाते हैं, लेकिन यह कोई बड़ी समस्या नहीं है. आप लोगों में उठेंबैठें और धीरेधीरे अपनी बात सामने रखें.

दरअसल, आप में आत्मविश्वास की कमी है और गरीब होना इस की वजह हो सकती है, पर ध्यान रखें, गरीब होने का बोलने से कोई लेनादेना नहीं है.

आगे यह समस्या परेशान करेगी, आप का यह अंदाजा सही है, इसलिए अभी से इसे काबू करें. स्कूल के प्रोग्रामों में हिस्सा लें और मंच से बोलना सीखें. एकाध बार दिक्कत होगी, पर जब आत्मविश्वास आ जाएगा, तब यह समस्या दूर हो जाएगी.

जानें पत्नी को सेक्स के लिए कैसे मनाएं

सुबह से शाम तक मन होता है कि एकदूसरे को जितना महसूस कर सकते हैं करते रहें, हर पल साथ रहें, सेक्स एन्जौए करें. लेकिन, शादी को जब कुछ महीने या कहें साल गुजर जाते हैं तो सेक्स के प्रति पत्नी की उदासीनता बढ़ती जाती है. घर के काम, बच्चों की जिम्मेदारी और रोमांस के लगभग खत्म होने के साथ ही उस की सेक्स की इच्छा भी खत्म होने लगती है. ऐसे में पति के लिए बहुत जरूरी है कि वह अपनी पत्नी को सेक्स के लिए इस तरह मनाए कि वह सेक्स के लिए केवल हां न कहे बल्कि पूरी तरह उस का आनंद भी ले.

रोमांस को रखें बरकरार

अकसर पति काम से थक हारकर घर आता है तो खाना खा कर सीधा बिस्तर पर पसर जाता है. वह उम्मीद करने लगता है कि पत्नी बिस्तर पर आए और वे दोनों सेक्स करना शुरू कर दें. लेकिन, ऐसे में या तो पत्नी सेक्स के लिए स्पष्टरूप से मना कर देगी या फिर फिर हां कहेगी भी तो बेमन से. इस तरह पति खुद भी सेक्स का लुत्फ़ नहीं उठा पाते. पति होने के नाते आप का काम सीधा सेक्स करना ही नहीं है बल्कि उस से पहले थोड़ा रोमांस करना भी है. पत्नी कोई काम कर रही हो तो उसे जा कर थोड़ा छेड़ आएं, कभी उस की बाहें पकड़ें तो कभी उस के कान में फुसफुसाएं कि वह कितनी खूबसूरत लग रही है. उस के लिए उस की पसंद की चीज़े लाएं तो कभी उस के खाने की तारीफ कर दें. ऐसे रोमांस बरकरार रहेगा और सेक्स के लिए पत्नी का मन भी करेगा.

पत्नी को नजरअंदाज न करें

आप यदि हर बात पर पत्नी को उलाहनाएं देते रहते हैं, उस की बुराई करते हैं, उस की बातों, चिंताओं और परेशानियों पर गौर नहीं करते तो भला कैसे वह अपना दिमाग खाली कर पाएगी और सेक्स में मन लगा पाएगी? आप की पत्नी वैसे आप के लिए हर काम करती है लेकिन  सेक्स ऐसी क्रिया है जिसे यदि वह न करना चाहे तो उस का शरीर भी ‘न’ की मुद्रा में आ जाता है. इसलिए जरूरी है कि आप अपनी पत्नी को केवल अपनी जरुरत न समझें बल्कि उस पर ध्यान दें और उसे खुश रखने की कोशिश करें.

प्यार का इजहार करना न भूलें

किसी महान व्यक्ति का कहना है कि सेक्स के समय किया गया प्यार का इजहार असल में प्यार नहीं होता, वह उस मोमेंट की नजाकत में निकले कुछ शब्दभर होते हैं जो किसी के भी मुंह से निकल सकते हैं. इसलिए कभी भी अपने प्यार का इजहार सेक्स के समय के लिए बचाकर न रखें बल्कि अपनी पत्नी को जब मौका मिले बताएं कि आप उस से कितना प्यार करते हैं. इस से उसे आप के प्रति प्यार भी उभरेगा और सेक्स के लिए उस में उत्सुकता भी जागेगी.

खुद की ग्रूमिंग पर ध्यान दें

वह आप की पत्नी है तो इस का मतलब यह नहीं की आप यह सोचें कि जैसे हैं वैसे ही वह आप को पसंद करे. माना आप दोनों पतिपत्नी हैं लेकिन इस का मतलब यह तो नहीं कि आप अपनी तरफ से कोई एफर्ट डाले ही न. अच्छे कपड़े पहनें, अपने इंटिमेट एरिया को क्लीन रखें, दांत, नाक, सब साफ़ रखें. खुद को साफसुथरा और आकर्षित बनाएंगे तो आप की पत्नी भी आप की तरफ आकर्षित होगी.

सेक्स में पत्नी की इच्छाओं का ध्यान रखें

आप की पत्नी को सेक्स से ओर्गास्म या प्लेजर नहीं मिलता तो वह सेक्स के प्रति हमेशा उदासीन ही रहेगी. इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि सेक्स करते समय आप वह पोजेज व मूव्स भी करें जो आप की पत्नी को पसंद हों. उसे वहांवहां छुएं जहां उसे सब से ज्यादा प्लेअजर मिलता हो, शरीर में सनसनी होती हो. सेक्स के समय इतने वाइल्ड भी न हों कि पत्नी को दर्द या तकलीफ हो. औरतों को सेक्स जितना ही मजा फोरप्ले में आता है या कहें उस से ज्यादा ही, तो फोरप्ले को इगनोर न करें. यह सब कर के यकीनन आप की पत्नी का सेक्स करने का मन होगा और वह आप को मना नहीं करेगी.

कहीं आप भी डेमिसेक्सुअल तो नहीं, पढ़ें खबर

आप ने अब तक सेक्सुअलिटी को ले कर कई शब्द सुने होंगे जैसे बाईसेक्सुअल, पैनसेक्सुअल, पौलिसेक्सुअल, असेक्सुअल, सेपोसेक्सुअल और भी कई तरह के शब्द. पर अब एक और नया शब्द सेक्सुअलिटी को ले कर एक नए रूप में आ रहा है और वह है डैमीसेक्सुअल. ये वे लोग हैं जो असेक्सुअलिटी के कगार पर हो सकते हैं पर पूरी तरह से अलैंगिक नहीं हैं. यदि आप किसी से सैक्सुअली आकर्षित होने से पहले अच्छे दोस्त होना पसंद करते हैं तो आप निश्चित रूप से डेमीसेक्सुअल हैं.

सेक्सुअलिटी की पहचान

यह जानने के कई तरीके हैं कि आप डेमीसेक्सुअल हैं या नहीं. सब से मुख्य तरीका यह है कि जब तक आप किसी से भावनात्मक रूप से नहीं जुड़ते, आप सेक्सुअल फीलिंग्स महसूस नहीं करते. आप के लिए भावनाएं महत्त्वपूर्ण हैं. आप सारी उम्र एक ही व्यक्ति से संबंध बना कर रह सकते हैं. आप प्रयोग से डरते हैं.

आप सेक्सुअल इंसान नहीं हैं, इस में कोई बुराई नहीं है. सेक्स के पीछे भागने से ज्यादा आप को जीवंत, वास्तविक बातचीत करना ज्यादा अच्छा लगता है. यदि आप किसी से रिलेशनशिप में हैं और उस से इमोशनली जुड़ हुए हैं तभी आप अपने पार्टनर के प्रति सैक्सुअली आकर्षित होते हैं. यदि आप सिंगल हैं, तो आप निश्चित रूप से सेक्स से ज्यादा पार्क में एक अच्छी सैर या अपनी पसंद की कोई चीज खाना पसंद करेंगे.

जिसे आप पसंद करती हैं, उस से मिलने के बाद आप उस के व्यक्तित्व से प्रभावित होंगी, उस के लुक्स से नहीं, इसलिए किसी भी चीज से पहले आप की उस से दोस्ती होगी. आप किसी से मिलने पर सेक्सुअल होने या फ्लर्टिंग में विश्वास नहीं रखते. यदि एक व्यक्ति ने आप को अपने व्यक्तित्व से प्रभावित किया है तो आप पहले दोस्ती में अपना हाथ बढ़ाएंगे. घंटों, हफ्तों, महीनों में ही डेटिंग शुरू करने की आप सोच भी नहीं सकते, फ्लर्टिंग आप के दिमाग में आती ही नहीं है.

आकर्षण के प्रकार

आकर्षण 2 तरह का होता है-प्राइमरी और सैकेंडरी. प्राइमरी आकर्षण में आप किसी के लुक्स से आकर्षित होते हैं और सैकेंडरी आकर्षण में आप किसी के व्यक्तित्व से प्रभावित होते हैं. यदि आप डेमीसेक्सुअल हैं तो आप निश्चित रूप से सैकेंडरी पर्सनैलिटी टाइप में फिट बैठते हैं. अब इस का मतलब यह नहीं है कि आप को कोई आकर्षित नहीं करता. बहुत लोग आप को आकर्षक लगे होंगे पर आप लुक्स पर ही संबंध नहीं बना सकते. आप तभी आगे बढ़ते हैं जब किसी का व्यक्तित्व आप को प्रभावित करता है.

जब आप के दिल में किसी के लिए फीलिंग्स पैदा होने लगती हैं, विशेषरूप से सेक्सुअल फीलिंग, तो आप दुविधा में पड़ जाते हैं, क्योंकि आप उतने सेक्सुअल पर्सन नहीं हैं. आप नहीं जानते कि इन फीलिंग्स पर क्या प्रतिक्रिया दें या उस व्यक्ति से कैसे शारीरिक कनैक्शन बनाएं. एक बार आप घबराहट और दुविधा की स्थिति से बाहर निकल गए, तो आप अपने पार्टनर से ही सेक्स करना चाहेंगे और किसी से भी नहीं. किसी से सैक्सुअली खुलने के लिए उसे बताएं कि आप उसे कितना प्यार करते हैं, क्योंकि आप बहुत भावुक हैं और फिर सेक्स आप दोनों के लिए बहुत कंफर्टेबल हो जाएगा.

लोगों का आप के प्रति नजरिया

क्योंकि आप सेक्स को ले कर ज्यादा नहीं सोचते, लोग सोच सकते हैं कि आप विवाह होने का इंतजार कर रहे हैं. वे आप को घमंडी और पुराने विचारों का समझ सकते हैं पर इस से आप विचलित न हों. जैसे हैं वैसे ही रहें. आप किसी स्विच को औनऔफ करने की तरह किसी से भी सेक्स नहीं कर सकते. लोगों को अपने मनोभावों पर स्पष्टीकरण देने की चिंता में पड़ें ही नहीं. आप को अपने आसपास हाइली सेक्सुअल लोगों से कोई समस्या भी नहीं होती है. बस आप स्वयं इस स्थिति से खुद को दूर रखते हैं, क्योंकि आप वैसे नहीं हैं. आप सही इंसान का इंतजार कर रहे हैं और अपना जीवन उस के साथ ही सेक्स कर के बिताना चाहते हैं. इस में कुछ भी गलत नहीं है.

डेमीसेक्सुअल होने का मतलब यह नहीं है कि आप को सेक्स पसंद नहीं है. आप को सेक्स पसंद है, सब को सेक्स पसंद होता है पर आप उसी के साथ सेक्स करना चाहते हैं जिस से आप का भावनात्मक जुड़ाव हो. जब सही इंसान आप को मिलता है, आप सैक्सुअली उस से जुड़ जाते हैं. बातचीत और बौंडिंग दोनों आप के लिए ज्यादा महत्त्व रखते हैं.

आप डेमीसेक्सुअल हैं तो आप को यह नहीं सोचना है कि यह कुछ गलत है. आप भावुक हैं, मन के मिले बिना तन से न जुड़ पाएं, तो इस में बुरा क्या है और मन मिलने पर तो आप खुल कर जीते ही हैं. यह बहुत अच्छा है. तो अपनी पसंद का व्यक्ति मिलने पर जीवन का आनंद उठाएं, प्रसन्न रहें.

कुंआरा बाप बन कर मैं बहुत खुश था

आज मैं खुश था. हाथ में 4,800 रूपए थे जिसे मैं अपनी पहली कमाई मान रहा था. मन ही मन खुश था पर अपनी इस खुशी को किसी से शेयर न करना मेरी मजबूरी थी, क्योंकि मैं एक स्पर्म डोनर था. अगर दोस्तों से कहता तो वे मेरा मजाक उड़ाते यह तय था.

खैर, उस पैसे से मैं ने अपने लिए कपडे खरीदे और वापस कमरे पर लौट आया. अगले महीने इंजीनियरिंग का ऐंट्रैस भी था जिस के लिए मैं पूरी लगन से मेहनत कर रहा था.

अब अगले 72 घंटे तक मुझे इंतजार करना था क्योंकि लैब के स्टाफ ने बताया था कि एक बार के बाद अगले 72 घंटे बाद ही आना है

पहले थोडी परेशानी हुई मगर…

इस काम में मुझे मजा भी आने लगा था क्योंकि  हस्तमैथुन करना मैं छोड चुका था और मुझे लगने लगा था कि यह शरीर के एक महत्वपूर्ण चीज की बरबादी है.

अब 72 घंटे के इंतजार के बाद मुझे लैब जाना था और इस में मुझे कोई परेशानी भी नहीं होती थी क्योंकि स्पर्म बैंक मेरे होस्टल से ज्यादा दूर नहीं था.

सप्ताह में मैं 2 दिन जाता था और महीने में 8 बार तो हो ही आता था. इस लिहाज से मुझे 4-5 हजार की आमदनी महीने में हो जाती थी जिसे मैं यों ही बरबाद कर देता था.

किसी के सपने पूरे करने में अलग ही खुशी मिलती गई

वैसे, जब एक दोस्त ने मुझे यह सब करने की सलाह दी तो मुझे बडा अजीब सा लगा. मगर दिल को यह सुकून था कि मेरे स्पर्म से एक मां की सूनी गोद भर जाएगी. और फिर यह कोई गलत काम भी तो नहीं था.

लैब में पहली बार गया तो वहां के स्टाफ ने एक जारनुमा चीज दे कर वाशरूम की तरफ इशारा कर दिया. वह पुरूषों का वाशरूम था जहां 2-3 केबिन बने थे. वाशरूम साफसुथरा था और हैंडवाश की सुविधा थी. एक तरफ साफ तौलिया टंगा था.

मुझे पहली बार देर हो रही थी. स्पर्म को वहीं एक दराजनुमा अलमारी में रख कर और उस पर अपना कोड लिख कर मैं बाहर आया, रजिस्टर में नाम लिखवा कर मैं दोस्त के साथ निकल गया. दोस्त ने मजाकमजाक में कह भी दिया,”तुम तो बहुत देर लगाते हो…”

मैं झेंप सा गया था. पहली बार आया तो इस के लिए मुझे एक स्लिप भरनी पङी. कुछ टेस्ट के लिए ब्लड का सैंपल लिया गया. मेरी शारीरिक जांच हुई और ब्लड शुगर, एचआईवी आदि को देखा गया कि कहीं मुझे कोई बीमारी तो नहीं है.

यह कोई गलत काम नहीं था

काउंटर से एक बार के 600 रूपए मिले थे तो मुझे थोडा अजीब सा लगा था, क्योंकि आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘विक्की डोनर’ मैं ने देखी थी जिस में वह स्पर्म डोनेट कर अमीर बन गया था पर मैं कोई आयुष्मान खुराना तो था नहीं. जो पैसे मिले वे अतिरिक्त पौकेट खर्च में मेरे काम आ रहे थे और मैं थोडी मस्ती भी कर पा रहा था.

इतने दिनों में मैं यही अच्छी तरह जान गया था कि यह कोई गलत काम नहीं है बल्कि किसी दंपति के पुरूष साथी में प्रजनन की समस्याओं के कारण अथवा किसी महिला का कोई पुरूष साथी नहीं होने के कारण उन्हें डोनेट किए गए स्पर्म की आवश्यकता हो सकती है.

एक सकारात्मक कार्य है

स्पर्म डोनेट यानी वीर्य दान एक सकारात्मक कार्य है जो कई ऐसी जोङियों को संतानसुख देता है जिस के घर में सालों से बच्चों की किलकारियां न गूंजी हों. इसलिए मैं एक ऐसा काम कर रहा था जिस से दूसरे लोगों की परिवार बनाने की उम्मीदें पूरी हो सकें.

आज मैं एक इंजीनियर हूं. मेरे अपने परिवार और एक प्यारी सी बेटी के साथ मैं बहुत खुश हूं.

कभीकभी सोचता हूं कि जो युवा हस्तमैथुन कर अपना वीर्य बरबाद कर देते हैं उन्हें स्पर्म डोनर्स क्यों नहीं बन जाना चाहिए?

जब पत्नी को पता चला

एक दिन मैं ने अपनी बीवी से अपनी पिछली जिंदगी के बारे में बताया तो वह भी बिना मुसकराए नहीं रह सकी. कभीकभी वह मुझे इस बात के लिए छेङती है तो हम दोनों ही खूब खुल कर हंसते हैं और एकदूसरे के गले लग जाते हैं.

कई रोगों कों आमंत्रण देती है उत्तेजक गोली

कई साइड इफेक्ट के बाद भी खुश की कशमकश के लिए इन गोलियों का उपयोग तेजी से हो रहा है . यहाँ बात हो रही है यौन उत्तेजना बढ़ाने वाली छोटी-सी उत्तेजक गोली (वियाग्रा) की. वर्त्तमान समय से बारह साल पहले 27 मार्च 2001 को अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इन गोलियों को बाजार में बिक्री की इजाजत दी थी.

तब किसी ने नही सोचा था कि ये दवाए आगे चलाकर नुकशानदायक होगी. उस समय इन गोलियों को क्रांतिकारी माना गया था, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति साफ होती गई. क्रांतिकारी माने जाने वाला दवा लोगो के लिए नुकशान दायक सिद्ध होने लगा, समय रहते ही इसके नुकसान को गंभीरता से लिया जाने लगा और अब पुरे विश्व भर में छोटी-सी उत्तेजक गोली पर खुल कर चर्चा हो रही है. तों आईये नजदीक से जानते है,छोटी-सी उत्तेजक गोली के बारे में….

* गोलियों के माध्यम से खुश करने की कशमकश :- समय के साथ समाज में बहुत बदलाव आया है, आज के समय में सिर्फ उम्र दराज लोग ही पुंसत्ववर्धक दवाएँ नहीं ले रहे हैं, बल्कि युवा भी बिस्तर पर अपने हमसाथी की माँग पूरी करने के लिए उत्तेजक दवाओ का सहारा लेने लगे हैं. एक अनुमान के अनुसार हर रोज उत्तेजक दवाओ का इस्तेमाल करने वालो की संख्या दुगुने गति से बढ़ रहा, यानि दिन -प्रतिदिन इन दवाओ की मांग बढ़ रही है. कई जानकारों का कहना है कि कई लोग औनलाइन उत्तेजक दवायों (वियाग्रा) कों खरीदकर अवैध दवाओं के धंधे को बढ़ावा दे रहे हैं.

विशेषज्ञों के अनुसार आज की महिलाएं अश्लीलता से भरपूर विदेशी धारावाहिकों (सेक्स और सिटी जैसे धारावाहिकों से) में महिलाओं की भूमिका से प्रेरणा ले रही हैं और अपने यौन इ‘छाओं का खुलकर इजहार कर रही हैं तथा बिस्तर पर अपने पुरुष साथियों से ’यादा क्षमता और सोच की माँग करने लगी हैं. परिणामस्वरूप 18 से 40 साल के बीच के लोग धीरे-धीरे दुर्बलता महसूस करने लगे हैं. इन आधुनिक महिलाओं के कारण मर्द अपने आप में नपुंसकता महसूस कर सकते हैं, फलस्वरूप उत्तेजक दवा का सहारा लेकर अपने साथी कों खुश करने कि कोशिश करना शुरू कर देते है. शुरुयात में यह सब एक कोशिश होता है, लेकिन धीरे-धीरे ये दवाए पुरुषो की आदत बन जाती है. इस तरह शुरू होता है, रोजाना उत्तेजक गोलियों के माध्यम से साथी कों खुश करने की कशमकश.

* साइड इफेक्ट्स :- उत्तेजक दवायो का उपयोग लोग यौन शक्ति बढ़ाने के लिए होती है, लेकिन लगातार उपयोग करने की दशा में लोग अपना यौन शक्ति तों खोते ही है, साथ-साथ कई बीमारियों कों आमंत्रित करते है. कुछ नए शोधों से तो यहां तक पता चला है कि कामोत्तेजना बढ़ाने वाली दवाओ के प्रभाव से कानों की सुनने की क्षमता भी खत्म हो जाती है. शोध से यह भी साबित हुआ है कि उत्तेजक गोली (वियाग्रा) से वीर्य पर भी असर पड़ता है और निषेचन की क्षमता घटती है, यानि बच्चा पैदा करने की पुरुषों की क्षमता घटाती है. जानकारों का मानना है कि इसके साइड इफेक्ट्स काफी हद तक बढ़ गई है,

सिर में दर्द और चेहरे पर लाल दाने उभर जाना सबसे आम है. इसके अलावा कई लोगों में नाक में खून जमना, छींक आना, अपच, पीठ में दर्द, दिल की धडक़न बढऩा और रोशनी से डर लगना जैसे लक्षण भी नजर आते हैं. यही नही यौन क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं का जो सबसे खतरनाक दुष्प्रभाव है, कि वह धमनियों में फैलाव ला देती है. जिसके फलस्वरूप निम्न रक्तचाप, लिंग में दर्द, दिल का दौरा, आंखों की रोशनी कमना और कई बार तो अंधेपन जैसी समस्या सामने आ जाती है.

* क्या कहते है विशेषज्ञ :- शारीरिक संबंध (सेक्स) शरीर का मिलन भर नही है, बल्कि दो लोगो का अन्दुरुनी प्रेम सम्बन्ध है, विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तेजक दवाo से काफी हद तक दुरिया बनाई रखनी चाहिए. कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि छणिक सुख के लिए दूरगामी बीमारियों का न्यौता ना दे, जहाँ तक हो सके इन दवाओ के सेवन से बचे.

डाक्टरों का कहना है कि उत्तेजक दवा आपको आपके साथी से दुरिया बनाने में अहम रोल अदा करता है. इस बात कों बहुत लोग मानाने कों तैयार नही है, लेकिन यह सच है कि इन दवाओ का सेवन शुरुयात में आपके जीवन में मीठा रस घोलता है, फिर नीम से कड़ा कड़वाहाट आपके संबंध में आ जाता है. शारीरिक संबंध (सेक्स) के संबंधित मामलो पर 20 साल से काम करने वाले डाँ विनीत बताते है कि इन दवाओ का उपयोग नपुंसक लोगो के लिए कारगर है, जबकि सामान्य लोगो के लिए बेहद खतरनाक जहाँ तक हो सके इन दवाo के सेवन से बचना चाहिए. क्यों कि पिछले दो सालो में नवयुवको का छुकाव इन दवाओ के तरफ तेजी बढा है, जो बेहद खतरनाक है.

* क्या कहता है कानून :- उत्तेजक दवाओ के बिक्री के संबंध में कई कड़े कानून ना होने के कारण हमारे देश में इन दवाओ के नाम पर लूट जोरो से हो रही है. कुछ अंग्रेजी उत्तेजक दवा भी समान्य दवा विक्री कानून के अंदर आते है. एक अनुमान के अनुसार नीम-हाकिम के द्वारा दिए जाने वाले उत्तेजक दवाओ कों लोग कभी कारगर मन कर बड़े पैमाने पर उसका उपयोग कर रहे है. ऐसे कई नीम- हकीम है, जो चोरी छुपे उत्तेजक दवाओ के नाम पर कुछ भी बेच रहे है. इस तरह के मामले प्रकाश में नही आ पाते है, क्यों कि पीडि़त लोग शर्म के मारे समाज में इनके विरोध कुछ बोल नही पाता है. जिससे कई मामलों का सच सामने आता ही नही है और नित्य इन गोलियों के माध्यम से कानून के आँखों में धुल झोका जा रहा है.

मेरी बेटी टीचिंग का कोर्स करना चाहती है, मेरे पति उस पर भी डाक्टर बनने का दबाव डाल रहे हैं.

सवाल-

मेरी बेटी 12वीं के बाद टीचिंग का कोर्स करना चाहती है. लेकिन मेरे पति खुद डाक्टर होने के कारण उस पर भी डाक्टर बनने का दबाव डाल रहे हैं. वह तनाव में है और किसी से भी बात नहीं कर रही. मैं अपनी बेटी को ऐसी स्थिति में नहीं देख सकती?

जवाब-

आजकल मातापिता बच्चों पर जरूरत से ज्यादा कैरियर बनाने का दबाव बना रहे हैं. इस कारण वे तनावग्रस्त हो कर आत्महत्या जैसे कठोर कदम उठाने में भी देर नहीं लगाते. बच्चों को वही करने दें जिस में उन की रुचि हो, न कि पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहे प्रोफैशन को उन पर थोपें. वैसे शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत प्रतियोगिता है और अच्छी नौकरी मिलनी मुश्किल है. अभी बेटी छोटी है और डाक्टरी की पढ़ाई से भयभीत है, उसे समझाना जरूरी है.

सेक्स फैंटेसी को लेकर लोगों की बदलती सोच, पढ़ें खबर

सेक्स को ले कर महिलाओं पर रूढिवादी सोच हमेशा हावी रही है. लेकिन अब समय के साथ यह टूटने लगी है. अब पुरुषों की ही तरह महिलाएं भी सेक्स को पूरी तरह ऐंजौय करना चाहती हैं. इसे ले कर उन के मन में कई तरह के सपने भी होते हैं. अब ये बातें भी पुरानी हो गई हैं कि कौमार्य पति की धरोहर है. अब शादी के पहले ही नहीं शादी के बाद भी सेक्स की वर्जनाएं टूटने लगी हैं. शादी के बाद पतिपत्नी खुद भी ऐसे अवसरों की तलाश में रहते हैं जहां वे खुल कर अपनी हसरतें पूरी कर सकें.

परेशानियों से बचाव

सेक्स के बाद आने वाली परेशानियों से बचाव के लिए भी महिलाएं तैयार रहती हैं. प्लास्टिक सर्जन डाक्टर रिचा सिंह बताती हैं, ‘‘शादी से कुछ समय पहले लड़कियां हमारे पास आती हैं, तो उन का एक ही सवाल होता है कि उन्होंने शादी के पहले सेक्स किया है.

इस बात का पता उन के होने वाले पति को न चले, इस के लिए वे क्या करें? लड़कियों को जब इस बारे में सही राय दी जाती है तो भी वे मौका लगते ही सेक्स को ऐंजौय करने से नहीं चूकतीं. शादी के कई साल बाद महिलाएं हमारे पास इस इच्छा से आती हैं कि वे शारीरिक रूप से कुंआरी सी हो जाएं.’’

विदेशों में तो सेक्स को ले कर तमाम तरह के सर्वे होते रहते हैं पर अपने देश में ऐसे सर्वे कम ही होते हैं. कई बार ऐसे सैंपल सर्वों में महिलाएं अपने मन की पूरी बात सामने रखती हैं. इस से पता चलता है कि सेक्स को ले कर उन में नई सोच जन्म ले रही है. डाक्टर रिचा कहती हैं कि शादी से पहले आई एक लड़की की समस्या को एक बार सुलझाया गया तो कुछ दिनों बाद वह दोबारा आ गई और बोली कि मैडम एक बार फिर गलती हो गई.

सेक्स रोगों की डाक्टर प्रभा राय बताती हैं कि हमारे पास ऐसी कई महिलाएं आती हैं, जो जानना चाहती हैं कि इमरजैंसी पिल्स को कितनी बार खाया जा सकता है. कई महिलाएं तो बिना डाक्टर की सलाह के इस तरह की गोलियों का प्रयोग करती हैं. कुछ महिलाएं तो गर्भ ठहर जाने के बाद खुद ही मैडिकल स्टोर से गर्भपात की दवा ले कर खा लेती हैं. मैडिकल स्टोर वालों से बात करने पर पता चलता है कि बिना डाक्टर की सलाह के इस तरह की दवा का प्रयोग करने वाले पतिपत्नी नहीं होते हैं.

बदल रही सोच

सेक्स अब ऐंजौय का तरीका बन गया है. शादीशुदा जोड़े भी खुद को अलगअलग तरह की सेक्स क्रियाओं के साथ जोड़ना चाहते हैं. इंटरनैट के जरीए सेक्स की फैंटेसीज अब चुपचाप बैडरूम तक पहुंच गई है, जहां केवल दूसरे मर्दों के साथ ही नहीं पतिपत्नी भी आपस में तमाम तरह की सेक्स फैंटेसीज करने का प्रयास करते हैं.

इंटरनैट के जरीए सेक्स की हसरतें चुपचाप पूरी होती रहती हैं. सोशल मीडिया ग्रुप फेसबुक और व्हाट्सऐप इस में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. फेसबुक पर महिलाएं और पुरुष दोनों ही अपने निक नेम से फेसबुक अकाउंट खोलते हैं और मनचाही चैटिंग करते हैं. इस में कई बार महिलाएं अपना नाम पुरुषों का रखती हैं ताकि उन की पहचान न हो सके. वे चैटिंग करते समय इस बात का खास खयाल रखती हैं कि उन की सचाई किसी को पता न चल सके. यह बातचीत चैटिंग तक ही सीमित रहती है. बोर होने पर फ्रैंड को अनफ्रैंड कर नए फ्रैंड को जोड़ने का विकल्प हमेशा खुला रहता है.

इस तरह की सेक्स चैटिंग बिना किसी दबाव के होती है. ऐसी ही एक सेक्स चैटिंग से जुड़ी महिला ने बातचीत में बताया कि वह दिन में खाली रहती है. पहले बोर होती रहती थी. जब से फेसबुक के जरीए सेक्स की बातचीत शुरू की है तब से वह बहुत अच्छा महसूस करने लगी है. वह इस बातचीत के बाद खुद को सेक्स के लिए बहुत सहज अनुभव करती है. पत्रिकाओं में आने वाली सेक्स समस्याओं में इस तरह के बहुत सारे सवाल आते हैं, जिन्हें देख कर लगता है कि सेक्स की फैंटेसी अब फैंटेसी भी नहीं रह गई है. इसे लोग अपने जीवन का अंग बनाने लगे हैं.

तरहतरह के लोग

फेसबुक को देखने, पसंद करने और चैटिंग करने वालों में हर वर्ग के लोग हैं. ज्यादातर लोग गलत जानकारी देते हैं. व्यक्तिगत जानकारी देना पसंद नहीं करते. छिबरामऊ की नेहा पाल की उम्र 20 साल है. वह पढ़ती है. वह लड़के और लड़कियों दोनों से दोस्ती करना चाहती है. 32 साल की गीता दिल्ली में रहती है. वह नौकरी करती है.

उस की किसी लड़के के साथ रिलेशनशिप है. वह केवल लड़कियों से सैक्सी चैटिंग पसंद करती है. उस की सब से अच्छी दोस्त रीथा रमेश है, जो केरल की रहने वाली है. वह दुबई में अपने पति के साथ रहती है. अपने पति के साथ शारीरिक संबंधों पर वह खुल कर गीता से बात करती है.

ऐसे ही तमाम नामों की लंबी लिस्ट है. इन में से कुछ लड़कियां अपने को खुल कर लैस्बियन मानती हैं और लड़कियों से दोस्ती और सैक्सी बातों की चैटिंग करती हैं. कुछ गृहिणियां भी इस में शामिल हैं, जो अपने खाली समय में चैटिंग कर के मन को बहलाती हैं. कुछ लड़केलड़कियां और मर्द व औरतें भी आपस में सैक्सी बातें और चैटिंग करते हैं.

कई लड़केलड़कियां तो अपने मनपसंद फोटो भी एकदूसरे को भेजते हैं. फेसबुक एकजैसी रुचियां रखने वाले लोगों को आपस में दोस्त बनाने का काम भी करता है. एक दोस्त दूसरे दोस्त को अपनी फ्रैंडशिप रिक्वैस्ट भेजता है. इस के बाद दूसरी ओर से फ्रैंडशिप कन्फर्म होते ही चैटिंग का यह खेल शुरू हो जाता है. हर कोई अपनीअपनी पसंद के अनुसार चैटिंग करता है.

कुछ लड़कियां तो ऐसी चैटिंग करने के लिए पैसे तक वसूलने लगी हैं. वाराणसी के रहने वाले राजेश सिंह कहते हैं, ‘‘मुझ से चैटिंग करते समय एक लड़की ने अपना फोन नंबर दिया और कहा इस में क्व500 का रिचार्ज करा दो. मैं ने नहीं किया तो उस ने सैक्सी चैटिंग करना बंद कर दिया.’’

इसी तरह से लखनऊ के रहने वाले रामनाथ बताते हैं, ‘‘मेरी फ्रैंडलिस्ट में 4-5 लड़कियों का एक ग्रुप है, जो मुझे अपने सैक्सी फोटो भेजती हैं. मेरे फोटो देखना भी वे पसंद करती हैं. कभीकभी मैं उन का नैटपैक रिचार्ज करा देता हूं. इन से बात कर मैं बहुत राहत महसूस करता हूं. मुझे यह अच्छा लगता है, इसलिए मैं कुछ रुपए खर्च करने को भी तैयार रहता हूं.’’ फेसबुक के अलावा अब व्हाट्सऐप पर भी इस तरह की चैटिंग होने लगी है.

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