एक रोमांचक अनुभव : साथी को कराएं सतरंगी दुनिया की सैर

सेक्स कुदरत का वह शानदार तोहफा है जिस में आनंद तो है ही, इस से ताउम्र रिश्तों में गरमाहट भी बनी रहती है.

यों तो सेक्स को मजेदार बनाने के कई आसन हैं, मगर फिंगर सेक्स इस प्रकिया को और भी आनंद से भर देता है.

तो फिर आइए, इस पल को मजेदार बनाने के लिए जानें कि फिंगर सेक्स किस तरह दांपत्य जीवन को सुखमय बना सकता है :

हाइजीन का रखें ध्यान : हाथों और उंगलियां हमेशा दूषित पदार्थों और बैक्टीरिया के संपर्क में रहते हैं. फिंगर सेक्स शुरू करने से पहले यह जरूरी है कि हाथ और खासकर उंगलियां साफ और स्वच्छ रहें.

संक्रमण या चोट से बचने के लिए नाखूनों को काट लें व उन्हें साफ रखें.

ध्यान रखें : फिंगर सेक्स शुरू करने से पहले यह जरूरी है कि ड्राइनैस की समस्या न रहे. आमतौर पर यह तभी होता है जब सेक्स पार्टनर इस के लिए तैयार हो. हालांकि उत्तेजना के दौरान साथी पूरी तरह सेक्स के लिए तैयार रहती है और यह समय ही उचित है जब पार्टनर के साथ फिंगर सेक्स का आनंद उठाया जाए. चिकनाई के लिए क्रीम अथवा तेल का प्रयोग भी किया जा सकता है.

यदि आप चरमोत्कर्ष पर जाने का लक्ष्य बना रहे हैं, तो ध्यान दें कि कुछ महिलाएं दूसरों की तुलना में बाद में सुख प्राप्त करती हैं. इसलिए जरूरी होगा कि पार्टनर इस के लिए पूरी तरह तैयार हो.

पार्टनर को क्या पसंद है : फिंगर सेक्स के दौरान पार्टनर से पूछिए कि उसे क्या पसंद है और क्या नहीं? मसलन शरीर के अन्य अंगों पर भी उंगलियों से सहलाना और हलकाहलका चिकोटी काटना पार्टनर को खूब आनंदित करेगा.

आप सेक्स पार्टनर से सलाह भी ले सकते हैं. इस के अलावा, यह एक अच्छा, चिढ़ाने वाला फोरप्ले बनाता है. पार्टनर के अंगों को करीब से देखें और उसे अपने हाथों को सही स्थानों पर निर्देशित करने के लिए कहें.

कैसे करें शुरुआत : फिंगर सेक्स करने से पहले उसे फोरप्ले के साथ शुरू करना सुखद अनुभव से भर देगा.

सेक्स को अधिक सुखद बनाने के लिए एक उपयोगी ट्रिक यह भी है कि आप साथी के नाजुक अंगों और उस के आसपास की जगहों पर उंगलियों से पियानो की तरह बजा सकते हैं. यकीन मानिए, इस से पार्टनर को अच्छा लगेगा और वह पुरूष साथी को प्रोत्साहित करती रहेगी.

जी स्पौट को ढूंढ़ें : जी स्पौट महिला अंग का एक स्पंजी हिस्सा है जो उस के पूर्व भाग पर स्थित होता है या ऊपरी भाग पर. हालांकि उत्तेजित करने का कोई समान्य तरीका नहीं है, और यह प्रति व्यक्ति अलगअलग हो सकता है. बावजूद इस प्रकिया में आप पहले साथी से बातचीत कर लें.

कमरे में प्रकाश का संयोजन : संवेदनशील व नाजुक अंगों को हलकाहलका स्पर्श कर उसे प्रारंभ करने और उसे उस लायक तैयार करने का एक अच्छा तरीका है कि अपनी उंगलियों को लगातार बाहरी भाग पर स्पर्श कराते रहें. यह एक ऐसी प्रकिया है जो पार्टनर को आनंद से भर देगा.

इस दौरान कमरे में प्रकाश का ध्यान रखें. मध्यम और रंगबिरंगी लाइटों में सेक्स प्रकिया शानदार अनुभव देता है.

कैसे करें शुरूआत : इस दौरान तर्जनी और मध्यमा उंगुली का प्रयोग करें. जी स्पौट को उत्तेजित करते हुए धीरेधीरे प्रयोग करना शुरू करें. इस दौरान साथी से पूछें कि उसे कैसा लग रहा है? उस के कहे अनुसार ही इस में आगे बढ़ें.

धीमी शुरुआत करें और बाद में आक्रामकता तभी लाएं जब पार्टनर बोले.

इस दौरान पार्टनर के गरदन पर चुंबन, उस के कान की बालियों, कानाफूसी के दौरान डर्टी टौकिंग, विभिन्न जगहों पर चुंबन आदि पार्टनर को इस प्रकिया में आनंदित महसूस कराएगा.

सेक्स के दौरान मैं बहुत जल्दी ढीला पड़ जाता हूं, मुझे कोई बीमारी तो नहीं है?

सवाल-

मैं 36 साल का हूं. मेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं. सेक्स के दौरान मैं बहुत जल्दी ढीला पड़ जाता हूं. क्या मुझे कोई बीमारी तो नहीं है?

जवाब-

आप को कोई बीमारी नहीं है. हर वक्त इस बारे में न सोचें. जब भी सेक्स का मूड बने, तो देर तक फोरप्ले करने के बाद ही सेक्स करें. फोरप्ले का मतलब होता है एकदूसरे को चूमना चाटना और नाजुक अंगों को सहला कर जोश में लाना.

वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाए रखने में सेक्‍स का बहुत अहम स्‍थान होता है. लेकिन, कई जोड़े इसका भरपूर आनंद नहीं उठा पाते. वजह, वे इसे सिर्फ शारीरिक जरूरत भी ही मानते हैं, नतीजतन जल्‍द ही उनकी सेक्‍स लाइफ बोरियत से भर जाती है.

बेहद भागमभाग वाली जिंदगी और काम की थकान भी सेक्‍स से दूरी एक बड़ी वजह बनती जाती है. सेक्‍स के प्रति उदासीनता का असर उनके वैवाहिक रिश्‍तों पर भी पड़ता है. जरूरत होती है सेक्‍स को रोचक और रोमांचक बनाए रखने की जरूरत होती है. और इस रोचकता को बनाए रखने में फोरप्‍ले बहुत महत्त्‍वपूर्ण होता है. फोरप्ले से न सिर्फ सेक्‍स संबंधों में नवीनता आती है, बल्कि रिश्‍ते भी मजबूत बनते हैं.

सेक्स तभी संपूर्ण माना जाता है जब दोनों को पूर्ण आनंद मिले. इसके लिए सबकी बड़ी जरूरत है आपके संबंधों में मधुरता का होना. यहां इस बात का ध्‍यान रखना भी जरूरी है कि आप सेक्‍स को महज शारीरिक जरूरत भर की चीज न समझें, बल्कि इसका भरपूर लुत्‍फ उठाएं. और इस लुत्‍फ के लिए सेक्स से पहले और बाद में फोरप्ले किया जा सकता है. जल्दबाजी या सिर्फ शरीर की जरूरत को पूरा करने के लिए हडबडाहट में कुछ मिनटों बाद मुंह फेरकर सो जाने से आपकी पत्नी या पार्टनर के मन में सेक्स के प्रति अरूचि पैदा हो जाती है.

काम क्रीडा स्त्री और पुरूष दोनों के मन में उत्साह जगाने का काम करती है. फोरप्ले से स्त्री और पुरूष दोनों की कामग्रंथियां खुलकर पूरी तरह से क्रियाशील हो जाती है. यह भी साबित हो चुका है कि पुरुष महिलाओं की अपेक्षा जल्‍दी उत्तेजित हो जाते हैं. महिलाओं को उत्तेजित होने के लिए सही माहौल, समय और कामक्रीडा की जरूरत होती है. स्त्री के उत्तेजित होने के समय को पुरूष अपने फोरप्ले से मेंटेन कर सकता है.

काम क्रीडा या फोरप्ले के जरिए स्‍त्री में काम भावना को बढ़ाया जा सकता है. पुरूष यदि चाहे तो स्त्री को फोरप्ले के माध्यम से ही चरम तक पहुंचा सकता है. औरतों की सेक्स चेतना बेहद गहरी और मानसिक होती है. औरतों चाहती हैं कि सेक्स के बाद भी उसका पार्टनर उसे तब तक जकडे रहे जब तक वह खुद तृप्त न हो जाए. ऐसा करने से स्त्री को अपार चरम सुख व संतुष्टि मिलती है. अत: पुरूष को सेक्स के बाद भी फोरप्ले करना चाहिए. फोरप्ले को अपनी सेक्स लाइफ में शामिल कीजिए और देखिए किस तरह से आपकी पार्टनर पूरी तरह से आपकी हो जाएगी और आपके संबंध मजबूत हो जाएंगे.

मैं शादी के बाद सेक्स को ले कर डरी हुई हूं, क्या महिलाओं में सेक्स संबंधी समस्याएं होती हैं?

सवाल-

मेरी उम्र 21 साल है और जल्द ही शादी होने वाली है. मैं शादी के बाद सेक्स को ले कर डरी हुई हूं. क्या महिलाओं में सेक्स संबंधी समस्याएं होती हैं? क्या इन का उपचार संभव है?

जवाब-

शादी के बाद सेक्स को ले कर आप नाहक डरी हुई हैं. सेक्स संबंध कुदरती प्रक्रिया है. महिलाओं में भी सेक्स समस्याएं हो सकती हैं जैसे सेक्स संबंध के समय योनि में दर्द, चरमसुख का अभाव, उत्तेजना में कमी आदि. मगर पुरुषों की ही तरह महिलाओं की सेक्स समस्याओं का भी निदान संभव है. आप के लिए बेहतर यही है कि इन सब बातों से डरे बगैर खुद को शादी के लिए तैयार करें.

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अधूरी सेक्स नौलेज

प्रेमिका को खुश रखने की युवा हर संभव कोशिश करते हैं, लेकिन जब सेक्स संबंधी समस्या हो तो उसे भी दूर करना होगा. युवा प्रेमियों को लगता है कि सेक्स का अधूरा ज्ञान उन्हें मंझधार में ले जा सकता है. सेक्स संबंधों के दौरान सेक्स क्षमता का बहुत महत्त्व है. सहवास करने की क्षमता ही व्यक्ति को पूर्ण पुरुष के रूप में स्थापित करती है.

कई ऐसे कारण हैं जिन पर हम खुल कर चर्चा नहीं करते न ही उन्हें दूर करने का उपाय खोजते हैं. नतीजतन, सेक्स लाइफ का मजा काफूर हो जाता है. ऐसी  कई समस्याएं हैं जिन्हें दूर कर हम वैवाहिक जिंदगी जी सकते हैं.

झिझक 

सहवास की पूर्ण जानकारी न होना, सेक्स के बारे में झिझक, संबंध बनाने से पहले ही घबराना, यौन दुर्बलता से सेक्स इच्छा की कमी, मानसिकरूप से खुद को सेक्स के प्रति तैयार न कर पाना, शीघ्रपतन, स्वप्नदोष, मोबाइल सेक्स आदि समस्याओं से युवावर्ग पीडित है. सेक्स में मंझधार में न रहें, समस्याओं को समझें व इन्हें दूर करें और सेक्स का भरपूर आनंद उठाएं.

सेक्स इच्छा में मानसिक कारणों को दूर करें

आज की भागदौड़भरी जिंदगी में धनपदयश पाने की उलझन में फंसे युवा एक खास मुकाम तक पहुंचने के चक्कर में सहवास के बारे में अंत में सोचते हैं. वे इस तनाव से ऐसे ग्रस्त हो गए हैं कि उन का वैवाहिक जीवन इस से प्रभावित हुआ है.

सेक्स में डरें नहीं

डर यौनसुख को सब से ज्यादा प्रभावित करता है. इस की वजह से शीघ्र स्खलित होना, कोई देख लेगा, कमरे के बाहर आवाज सुनाई देने का डर, पार्टनर द्वारा उपहास, गर्भ ठहरने का खतरा आदि युवाओं की यौनक्षमता पर प्रश्नचिह्न लगा देते हैं. युवावस्था में यौन इच्छा चरम पर होती है इसलिए सेक्स संबंध जल्दीजल्दी बना लेते हैं, लेकिन धीरेधीरे समय में ठहराव कम हो जाता है, क्योंकि विवाह से पहले प्रेमिका से संबंध बनाना उसे अपराधबोध लगता है और वह शीघ्र स्खलित हो जाता है. इन सभी बातों को नजरअंदाज करते हुए सेक्स संबंध बनाएं.

मोबाइल सेक्स

इंटरनैट के परिवेश में आज का युवा मोबाइल पर सैक्सी फिल्में देखता है और खुद को भी सेक्स में लिप्त कर लेता है. यही कारण है कि वह वास्तविक जीवन में सेक्स का भरपूर आनंद नहीं उठा पाता.

स्वयं पर विश्वास करें

कुछ युवा स्वस्थ होते हुए भी सेक्स के प्रति आत्मविश्वासी नहीं होते. सहवास के दौरान वे धैर्य खो बैठते हैं. ऐसे युवाओं में कोई कुंठा छिपी होती है, जो उन्हें पूर्ण सेक्स करने से रोकती है. खुद पर विश्वास रखें, अन्यथा किसी अच्छे सैक्सोलौजिस्ट एवं मनोचिकित्सक को दिखाएं.

यौनांग पर चोट

किसी ऐक्सिडैंट या अत्यंत तेजी से शारीरिक संबंध बनाते हुए या कष्टप्रद आसनों से यौनांग को चोट पहुंचती है. इस से युवती का सेक्स से मन हटने लगता है. अत: यौनांग पर चोट न पहुंचे, ऐसा प्रयास करें.

शारीरिक कारण

आज युवाओं का सेक्स में सफल न हो पाना दवाओं का दुष्प्रभाव है. बीटा रिसेप्टार्स, प्रोपेनोलोल, मिथाइल डोपा, सिमेटिडिन आदि दवाएं सेक्स इच्छा में कमी लाती हैं. खुद को बीमारी से दूर रखने का प्रयास करें. यौनांग में कसावट होने (फिमोसिस) के फलस्वरूप दर्द, जलन होना, तनाव व स्खलन के कारण सहवास में कमी आ जाती है. अत: शल्यक्रिया द्वारा इसे दूर किया जा सकता है.

गुप्तांग में तनाव न आना

सहवास के दौरान तनाव न आना और यदि  तनाव आता भी है तो कम समय के लिए आता है. युवावस्था में ऐसा होने के कई कारण हैं, जैसे मातापिता का व्यवहार व मानसिक तनाव सेक्स क्रिया में असफलता की मुख्य वजह है.

सीमेन की मात्रा कम होना

कई बार स्खलन का समय सामान्य होता है, लेकिन सीमेन काफी कम मात्रा में निकलने से सेक्स के दौरान पूर्णआनंद नहीं आता. युवा यदि इस समस्या से पीडि़त हों तो चरमोत्कर्ष तक नहीं पहुंच पाते. ऐसे में सैक्सोलौजिस्ट से मिलें. मानसिक रूप से खुद को तैयार कर के सहवास करें, समस्या अवश्य दूर होगी.

इजाक्युलेशन

जब युवा अपने पार्टनर को संतुष्ट किए बिना ही स्खलित हो जाते हैं तो इसे इजाक्यूलेशन कहा जाता है. सैक्सुअल संबंधों के दौरान ऐसा होने से वैवाहिक जीवन में कड़वाहट आती है.

प्रीमैच्योर इजाक्युलेशन

युवाओं में सेक्स में और्गेज्म की अनुभूति इजाक्युलेशन से पूरी होती है. सहवास शुरू करने के 30 सैकंड से 1 मिनट पहले स्खलित होने पर उसे प्रीमैच्योर इजाक्युलेशन कहते हैं. गुप्तांग की कठोरता खत्म हो जाती है और इस वजह से पार्टनर की इच्छा पूरी नहीं हो पाती है. यह वास्तव में समस्या नहीं बल्कि चिंता, संतुष्ट न कर पाने का डर, मानसिक अशांति, मानसिक तनाव, डायबिटीज या यूरोलौजिकल डिसऔर्डर के कारण होता है. इस के लिए ऐंटीडिप्रैंसेट दवाओं का सेवन डाक्टर की सलाह ले कर करें.

ड्राइ इजाक्युलेशन

इस में पुरुषों की ब्लैडर मसल्स ठीक से काम नहीं करतीं, जिस कारण सीमेन बाहर नहीं निकल पाता. इस से फर्टिलिटी प्रभावित होती है, लेकिन आर्गेज्म या सेक्स संतुष्टि पर कोई असर नहीं पड़ता.

पौष्टिक आहार व पर्याप्त नींद लें

संतुलित व पर्याप्त पौष्टिक भोजन के अभाव में शरीर परिपुष्ट नहीं हो पाता. ऐसे में सीमेन का पतलापन और इजाक्युलेशन जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है. पर्याप्त नींद और भोजन से शरीर में सेक्स हारमोन का स्तर काफी बढ़ जाता है, जो सफल सहवास के लिए जरूरी है.

तनाव से दूर रहें

तनाव के दौरान कभी भी सेक्स संबंध न बनाएं. तनाव सेक्स प्रक्रिया को पूरी तरह प्रभावित करता है और इंसान को कई बीमारियों से ग्रसित कर देता है. मुंबई की मशहूर मनोचिकित्सक डा. यदुवीर पावसकर का मानना है कि युवाओं के एक बहुत बडे़ वर्ग, जिसे तनाव ने अपने घेरे में ले लिया है, को सेक्स से अरुचि होने लगी है. इस का मुख्य कारण भागदौड़ भरी दिनचर्या है.

फोरप्ले को समझें

शारीरिक संबंध बनाने से पहले पूर्ण शारीरिक स्पर्श, मुखस्पर्श, नख, दंत क्रीड़ा करने के बाद ही सहवास शुरू करें. सेक्स प्रक्रिया का पहला चरण फोरप्ले है. बिना फोरप्ले युवकों को उतनी समस्या नहीं आती लेकिन ज्यादा नोचनेखसोटने से युवती को पीड़ा हो सकती है. उस का सहवास से मन हट सकता है. इसलिए शारीरिक संबंध बनाते समय पार्टनर की भावनाओं की भी कद्र करें और अगर उसे इस दौरान दर्द हो रहा है तो अपने ऐक्शंस पर थोड़ा कंट्रोल करें.

सेक्स ऐंजौय करने के कुछ उपाय

–       पूरी नींद लें.

–       पौष्टिक आहार लें.

–       नियमित व्यायाम करें.

–       शराब या तंबाकू का सेवन न करें.

–       नियमित रूप से हैल्थ चैकअप करवाएं.

–       साल में 1-2 बार किसी हिल स्टेशन पर जाएं.

–       शारीरिक संबंध तभी बनाएं जब पार्टनर भी तैयार हो.

मैं 12वीं क्लास में हूं और मेरी गर्लफ्रेंड 11वीं में, मैं उसे छोड़कर नहीं जाना चाहता हूं क्या करूं?

सवाल….

मैं 12वीं कक्षा में पढ़ता हूं. मेरी गर्लफ्रैंड 11वीं कक्षा में है. हम एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं. मैं उसे छोड़ कर इस स्कूल से नहीं निकलना चाहता. मैं यदि 12वीं में फेल हो जाऊं तो यह संभव है, पर मुझे समझ नहीं आ रहा कि ऐसा करना सही होगा या नहीं?

जवाब…

इस उम्र में लड़का-लड़की सिर्फ अपनी दुनिया में खोए होते हैं. जैसे ही हकीकत की जमीन पर आते हैं तो गुब्बारे की हवा की तरह उन का प्यार भी फुस हो जाता है. फेल होने जैसी बेवकूफी न करें. यह समय अपने भविष्य को संवारने का है, प्रेम संबंधों में पड़ कर अपने जीवन के कीमती समय को व्यर्थ करने का नहीं. आप के मातापिता को आप से बहुत उम्मीदें हैं. आप के पास पछताने के सिवा कुछ नहीं बचेगा.

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सवाल…

मेरी उम्र 23 साल है और मैं एक 30 साल की विधवा से प्यार करता हूं. क्या हमारी शादी हो सकती है?

जवाब….

शादी तो हो सकती है पर 7 साल बड़ी एक विधवा. शादी कर के उसे निभा पाना आसान बात नहीं है. अगर आप की आमदनी ठीकठाक? है और आप समाज का मुकाबला कर सकते हैं तो ही शादी करें. शादी से पहले कुछ दिन साथ रह कर देख लें कि आप का प्यार सिर्फ बातों का ही तो नहीं है. वैसे, अब जब जीवन 60-70 साल तक आराम से चलता है, तब 7 साल का फर्क ज्यादा नहीं है.

पिता की अचानक मौत से घर की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई है

सवाल

मैं 23 साल का हूं. पिता की अचानक मौत से घर की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई है. लेकिन फिलहाल मेरे पास किसी भी तरह की नौकरी नहीं है. इस वजह से मैं चिंता में बहुत ज्यादा घुलने लगा हूं. मुझे इस समस्या से छुटकारा दिलाने का उपाय बताएं?

जवाब

कम उम्र में पिता की मौत किसी दुख के पहाड़ से कमतर नहीं होती, लेकिन चिंता करने से आप की समस्या हल नहीं होने वाली है. इसे एक चुनौती की शक्ल में लें कि हां, मैं पिता की छोड़ी जिम्मेदारियां निभाऊंगा और फिर जो?भी काम मिले, उसे करें. जब चार पैसे खुद की मेहनत के आएंगे तो आप की चिंता भी दूर होने लगेगी. पिता की छोड़ी जमापूंजी ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी, इसलिए वक्त रहते पूरे आत्मविश्वास से जिंदगी की जंग लड़ें.

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सवाल

मेरी उम्र 23 साल है और मैं एक 30 साल की विधवा से प्यार करता हूं. क्या हमारी शादी हो सकती है?

जवाब

शादी तो हो सकती है पर 7 साल बड़ी एक विधवा. शादी कर के उसे निभा पाना आसान बात नहीं है. अगर आप की आमदनी ठीकठाक? है और आप समाज का मुकाबला कर सकते हैं तो ही शादी करें. शादी से पहले कुछ दिन साथ रह कर देख लें कि आप का प्यार सिर्फ बातों का ही तो नहीं है. वैसे, अब जब जीवन 60-70 साल तक आराम से चलता है, तब 7 साल का फर्क ज्यादा नहीं है.

अगर आप भी हैं पोर्न देखने के शौकीन, तो हो जाइए सावधान

पोर्न आज के दौर में एक बड़ी इंडस्ट्री बन गया है, जिस का सालाना टर्नओवर अरबों डौलर का है. विश्व के अधिकतर लोगों ने कभी न कभी पोर्न फिल्में देखी होंगी. भारत में युवाओं में पोर्न देखने का चलन बढ़ता जा रहा है. इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत पिछले 2-3 वर्षों में सब से ज्यादा पोर्न देखने वाले देशों में 10वें से तीसरे स्थान पर आ गया है.

अति तो किसी भी चीज की बुरी होती है. पोर्न की लत किसी नशे की तरह है, जो आसानी से पीछा नहीं छोड़ती. पोर्न देखने में उतनी बुराई नहीं पर पोर्न का एडिक्शन होना बुरा होता है. यह सामाजिक, शारीरिक और मानसिक हर रूप में जीवन पर बुरा प्रभाव डालता है. एक रिसर्च में पाया गया कि जो व्यक्ति ज्यादा पोर्न फिल्में देखते हैं, उन का दिमाग सिकुड़ जाता है.

यदि व्यक्ति के दिमाग का स्ट्रेटम छोटा है तो उसे ज्यादा नुकसान हो सकता है. इसी अध्ययन में यह भी पता चला है कि पोर्न फिल्में देखने वाला व्यक्ति अपनी निजी जिंदगी में भी उसी तरह सेक्स करना चाहता है, लेकिन अकसर ऐसा हो नहीं पाता क्योंकि पोर्न फिल्मों को जानबूझ कर ज्यादा भड़काऊ और आकर्षक बनाया जाता है. वैसा करना आम आदमी के बस की बात नहीं. इस का नुकसान यह होता है कि व्यक्ति को कभी संतुष्टि नहीं मिल पाती. व्यक्ति के स्वभाव में क्रूरता और उग्रता आ जाती है जिस से वह चिड़चिड़ा हो जाता है.

सेहत और पढ़ाई पर प्रभाव      

युवावस्था कैरियर बनाने के लिहाज से सब से अहम होती है. इस दौरान युवाओं का पोर्न की तरफ आकर्षित होना कैरियर पर बुरा प्रभाव डालता है. मनोविज्ञानी बताते हैं कि इसे देखने वाले युवाओं का मन भटक  जाता है. वे हमेशा इस के प्रभाव में रहते हैं. ऐसे में उन का कैरियर खराब हो जाता है. आमिर खान की फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ में यह दिखाया गया है कि साथी अपने ही दोस्तों का ध्यान पढ़ाई से हटाने के लिए होस्टल में उन्हें पोर्न किताबें दे देते थे जिस से साथी के नंबर कम आएं या वह फेल हो जाए.

पोर्न देखने वाले ज्यादातर युवा अप्राकृतिक सेक्स के आदीहो जाते हैं. वैसे मैडिकली यह बुरा नहीं है पर अगर सही तरह और हाईजीन का ध्यान रख कर नहीं किया जाएगा तो यह हैल्थ की नजर से खराब होता है.

सेक्स जीवन पर असर

लगातार पोर्न देखने से व्यक्ति अपने पार्टनर से वैसी ही उम्मीद रखने लगता है जैसा पोर्न फिल्मों में दिखाया जाता है लेकिन इसे हकीकत में उतारना मुमकिन नहीं होता. इस का नुकसान यह होता है कि व्यक्ति का अपने पार्टनर के प्रति अलगाव पैदा होने लगता है. जब लड़कियां ऐसे पोर्न देखती हैं और शादी के बाद उन्हें ऐसे हालात नहीं मिलते तो उन का वैवाहिक जीवन खराब होने लगता है.

पोर्न देखने से सेक्स को ले कर विकृत नजरिया बन जाता है. शादी के बाद तमाम लड़कियों को यह शिकायत होती है कि उन के पति ने अप्राकृतिक सेक्स की डिमांड की या जोरजबरदस्ती की. औक्सिटौसिन दिमाग में पाया जाने वाला एक शक्तिशाली हार्मोन है जिसे ‘लव हार्मोन’ भी कहा जाता है. यह हार्मोन पुरुष और महिलाओं दोनों को बंधन में बांधने में मदद करता है. अगर सेक्स पोर्न फिल्मों की तरह किया जाए तो यह हार्मोन काम नहीं करता जिस का असर रिश्तों पर पड़ता है.

सेक्स को पोर्न फिल्मों की तरह करने वाले व्यक्ति फोरप्ले ठीक ढंग से नहीं कर पाते. फोरप्ले के दौरान जोड़े चरम सुख लेते हैं जिस से उन में काफ ी निकटता आती है पर पोर्न वाली मानसिकता के कारण यह कहीं खो जाती है.

कुछ लोग उत्तेजित होने के लिए पोर्न का सहारा लेने लगते हैं और धीरेधीरे यह उन की आदत बन जाती है. इस का नुकसान यह होता है कि व्यक्ति प्राकृतिक तौर पर उत्तेजित होने में नाकाम होने लगता है जिस का आगे चल कर नुकसान होता है. अवैध संबंधों के लिए पोर्न काफी हद तक जिम्मेदार है. ज्यादा पोर्न देखने वाले लोग अकसर किसी के साथ अवैध संबंध बनाने के बारे में सोचते रहते हैं जो समाज के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो रहा है और कई बार मर्यादा तारतार होने की भी आशंका रहती है. पोर्न देखने का यह सब से बड़ा नुकसान है.

मैं मुंबई जाकर कोरियोग्राफर बनना चाहता हूं, क्या मुझे कोई डांस कोर्स करना होगा?

सवाल-

मैं 18 साल का हूं और पढ़ाई में ठीकठाक हूं. मैं डांस भी अच्छा कर लेता हूं और आसपास के लोग मुझे डांस का गोविंदा कहते हैं. मैं मुंबई जा कर कोरियोग्राफर बनना चाहता हूं. क्या इस के लिए मुझे कोई डांस कोर्स करना होगा?

जवाब-

आप की तरह हर महल्ले में कोई न कोई गोविंदा या मिथुन चक्रवर्ती होता ही है, इसलिए कोई गलतफहमी अपने बारे में न पालें. कमर, छाती और कूल्हे मटका लेने से कोई डांसर नहीं हो जाता.

कुछ दिन पहले विदिशा के डांसर डब्बूजी का वीडियो खूब वायरल हुआ था, बड़ेबड़े फिल्म कलाकारों ने मुंबई बुला कर उन की तारीफ की थी, पर काम किसी ने नहीं दिया. बेहतर होगा कि आप अपने शहर की किसी डांस अकादमी से कोई कोर्स करें, पर यह भी कुछ बन जाने की गारंटी नहीं होगी.

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गोविंदा बेहतरीन डांसर: फराह –

निर्देशक-कोरियोग्राफर फराह खान ने वैसे तो बॉलीवुड के कई दिग्गज कलाकारों को अपनी लय पर थिरकाया है, लेकिन जब इनमें से सबसे पसंदीदा कलाकार को चुनने की बात आती है तो फराह कहती हैं कि वह हमेशा से गोविंदा को चुनेंगी.

फराह ने कहा ‘‘मेरे लिए, गोविंदा एक बेहतरीन बॉलीवुड डांसर हैं. मैंने उनसे अधिक बढ़िया नाचते किसी को नहीं देखा. आप मुझे सर्वश्रेष्ठ तकनीकी डांसर दिखा सकते हैं लेकिन जो मजा उनके डांस को देखकर आता है वह दिखाना मुश्किल है. मैं उन्हें घंटों डांस करते देख सकती हूं.’’ उनका मानना है कि गोविंदा ने अपने गीतों में जो लय और उन्मुक्तता दिखाई उसका जोड़ मिलना मुश्किल है.

मनपसंद कोरियोग्राफरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे प्रभुदेवा, सरोज जी पसंद हैं.. 1980 और 1990 के दशक में सरोज जी मलिका थीं. उनके डांस स्टेप्स बेजोड़ थे.

श्यामक डावर भी बहुत अच्छे हैं और इसके बाद रेमो डीसूजा और बोस्को-सीजर आते हैं. वैभवी का भी भारतीय शास्त्रीय गीतों में कोई जोड़ नहीं है. ऐसे बहुत सारे लोग हैं. मुझे हर तरह के डांस पसंद हैं.’’

एक अनजान लड़के का मुझे फोन आया था, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल…

मैं 19 साल की लड़की हूं. कुछ महीने पहले एक अनजान लड़के का मुझे फोन आया था. धीरे-धीरे हम दोनों फोन पर बातें करने लगे और एकदूसरे को पसंद भी करने लगे. वह लड़का कहता है कि उसे मुझ से प्यार हो गया है, जबकि हम दोनों आज तक मिले ही नहीं हैं. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब…

इस तरह का यानी सोशल मीडिया का प्यार अक्सर छलावा ही साबित होता है? इसलिए जरूरी है कि आप लड़के से एक नहीं, बल्कि कई बार मिलें, फिर कोई फैसला लें. जिसे आप ने रूबरू देखा नहीं और समझा नहीं, उस के प्यार को बिना सोचे-समझे मंजूरी न दें. मिलने पर भूल कर भी जिस्मानी रिश्ता न बनाएं.

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पिता की अचानक मौत से घर की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई है….

सवाल

मैं 23 साल का हूं. पिता की अचानक मौत से घर की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई है. लेकिन फिलहाल मेरे पास किसी भी तरह की नौकरी नहीं है. इस वजह से मैं चिंता में बहुत ज्यादा घुलने लगा हूं. मुझे इस समस्या से छुटकारा दिलाने का उपाय बताएं?

जवाब

कम उम्र में पिता की मौत किसी दुख के पहाड़ से कमतर नहीं होती, लेकिन चिंता करने से आप की समस्या हल नहीं होने वाली है. इसे एक चुनौती की शक्ल में लें कि हां, मैं पिता की छोड़ी जिम्मेदारियां निभाऊंगा और फिर जो?भी काम मिले, उसे करें. जब चार पैसे खुद की मेहनत के आएंगे तो आप की चिंता भी दूर होने लगेगी. पिता की छोड़ी जमापूंजी ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी, इसलिए वक्त रहते पूरे आत्मविश्वास से जिंदगी की जंग लड़ें.

मैंने अपनी दोस्त को डांस करते हुए किस कर दिया, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल-

मेरी एक दोस्त है जिस का मेरे घर पिछले 3 सालों से आनाजाना है. हम दोनों की उम्र 19 साल है. मैं एक लड़का हूं बावजूद इस के मेरे घरवालों ने कभी हमारे रिश्ते पर सवाल नहीं उठाया. अब हुआ यों कि वह और मैं हमारे एग्जाम के एक दिन पहले मेरे कमरे में पढ़ रहे थे. घर पर मम्मी थीं जो नीचे कमरे में टीवी देख रही थीं. मैं ने यों ही उस के साथ डांस करने की इच्छा जताई और उस ने हां कह दिया.

स्लो सौंग पर हम ने डांस किया और मैं ने उसे किस कर दिया जिस पर उस ने एतराज नहीं किया. पर उस किस के बाद हमारे बीच उस दिन से रिलेटेड कोई बात नहीं हुई और अब मुझे समझ नहीं आ रहा कि करूं तो करूं क्या. अब यह दोस्ती है, दोस्ती से कुछ ज्यादा है या कुछ भी नहीं है, मेरी समझ से बाहर होता जा रहा है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

इस उम्र में अकसर ही ऐसा होता है और सिचुएशन औक्वर्ड हो जाती है. आप पहले तो अपनी फीलिंग्स को ले कर क्लियर हो जाइए. अगर आप को अपनी दोस्त के प्रति दोस्ती से ज्यादा कोई फीलिंग नहीं है तो उसे साफसाफ बता दीजिए. इन बातों से भाग कर केवल सिचुएशन कौंप्लिकेटेड ही होगी, सुलझेगी नहीं. यदि फीलिंग्स हैं तब भी साफसाफ कह दीजिए. अपनी दोस्त से मिलिए, उस से कहिए कि उस दिन जो कुछ हुआ आप उस बारे में बात करना चाहते हैं.

मन में जो हो, कह दीजिए. यदि उस के और आप के विचार इस विषय पर मेल खाते हों तब तो सब सही है, नहीं तो सोचसमझ कर ही कोई कदम उठाएं. यह न सोचें कि फीलिंग्स के चक्कर में कहीं दोस्ती खराब न हो जाए क्योंकि दोस्ती पर इन सब चीजों का असर पड़ता ही पड़ता है. हां, हो सके तो आमनेसामने बैठ कर ही बात करें, मैसेज पर नहीं.

मेरे पति सेक्स के बाद पोर्न देख कर मास्टरबेट करते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं अपने पति से बहुत प्यार करती हूं, पर उन की गंदी आदत से परेशान हूं. वे मेरे साथ सेक्स करने के बाद पोर्न फिल्म देख कर मास्टरबेट करते हैं और तो और वे दूसरी औरतों की तरफ भी आकर्षित होते हैं. मैं क्या करूं?

जवाब

आप की परेशानी बड़ी नहीं है. जब तक आप को ज्यादा दिक्कत न हो, तब तक चुप रहिए. वैसे आप अपने पति को मास्टरबेट करने के नुकसान के बारे में बता सकती हैं. मास्टरबेशन पर हुए कई सर्वे में यह बात सामने आ चुकी है कि अक्सर किशोरावस्था या युवावस्‍था में मास्टरबेशन की शुरुआत की सबसे ज्‍यादा संभावना होती है और जब व्यक्ति को एक बार मास्टरबेशन कि लत लग जाती है तो वह मास्टरबेट करने की बार-बार कोशिश करता है.

कई बार व्यक्ति जल्दीबाजी के चक्कर में बहुत तेजी से मास्टरबेट करने लगता है. जिस कारण वीर्य से पहले निकलने वाला तरल पानी उसके लिंग की मांसपेशियों में चला जाता है. इसका परिणाम यह होता है कि व्यक्ति के लिंग में सूजन आने लगती है और तब तक रहती है जब तक वह वापस खून में न मिल जाये.

कई लोग मास्टरबेट करते समय अपने लिंग को बहुत ही मजबूती से जकड़ लेते है और उसे दबाने या मोड़ने लगते है. ऐसा करने से आपको गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है. ऐसा करने से आपके लिंग की मांसपेशियां टूट सकती हैं और पायरोनी नाम की बीमारी भी हो सकती है. इस बीमारी से व्यक्ति का लिंग टेढ़ा हो जाता है.

किसी व्यक्ति द्वारा रोजाना मास्टरबेट करने से उसके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या बहुत कम हो जाती है. इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होता है जब व्यक्ति की शादी हो जाती है तब उसके बाद उसके वीर्य में शुक्राणुओं की कमी के कारण वह पिता बनने से भी वंचित रह सकता है.

व्यक्ति मास्टरबेट करते समय हमेशा ही कल्पनाओ में खोया रहता है. इससे उस व्यक्ति कि सेक्स के प्रति चाह में निरंतर बढ़ोतरी होती रहती है. अपनी सेक्स की भूख को शांत करने के लिए वह अवैध संपर्कों की ओर चले जाता है. इससे जाने अनजाने वह कई ऐसी भूल कर देता है जो उसे ज़िन्दगी भर पछतावा देते रहता है. कई बार तो व्यक्ति इससे यौन अपराधो में भी शामिल हो जाता है.

‘स्लीप सेक्स’ बर्बाद न कर दे आपकी जिंदगी

स्लीप सेक्स को मेडिकल भाषा में सेक्सोनोमिया भी कहते हैं जो कि एक सेक्सुअल डिसऑर्डर है. इस बीमारी में इंसान सोते हुए सेक्स करता है. आपको याद होगा कि आपने 2014 में एक स्वीडिश घटना की एक न्यूज पढ़ी या सुनी होगी. जिसमें एक स्वीडिश आदमी को 2014 में रेप के आरोप से बाइज्जत बरी कर दिया गया था. क्योंकि उसके वकील ने कोर्ट में प्रूफ कर दिया था कि वो उस समय नींद में था और उसका दिमाग क्या कर रहा है इसके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं थी. उसके वकील ने कोर्ट को बताया था कि वह इंसान सेक्सोनोमिया का शिकार है औऱ उसने नींद में रेप किया है, इसलिए वह निर्दोष है. जिसके बाद इस घटना की चर्चा पूरी दुनिया में होने लगी.

जहां इस केस के बाद सेक्सोनोमिया पर रिसर्च होने लगी वहीं एक्टिविस्ट इस फैसले का विरोध करने लगे. उनका कहना था कि इससे मुजरिमों को रेप के जुर्म से बचने का आसान वैज्ञानिक रास्ता मिल जाएगा जो एक हद तक सच भी है. आज सेक्सोनोमिया के कारण कई लोगों की वैवाहिक जिंदगी तो खराब हो चुकी है. लेकिन फिर भी भारत में इस पर शायद ही चर्चा हो. तो आइए आज इस लेख के जरिए इस पर चर्चा करना शुरू करते हैं और पता करते हैं कि क्या है सेक्सोनोमिया और कैसे एक इंसान करता है स्लीप सेक्स.

स्लीप सेक्स या सेक्सोनोमिया

स्लीप सेक्स एक भयंकर बीमारी है जो मरीजों के साथ मरीजों के आसपास रहने वालों की जिंदगी बर्बाद कर देता है. जैसे की नींद में चलने की बीमारी होती है वैसे ही ये नींद में सेक्स करने की बीमारी है. इसमें इंसान नींद में सेक्स करने लगता है. कई बार स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि इंसान रेप तक कर देता है और अगली सुबह जब उठता है तो उसे कुछ याद भी नहीं रहता.

सेक्सोनोमिया के एक ऐसे ही मामले के बारे में मिनेसोटा विश्वविद्यालय में प्रफेसर, एमडी, न्यूरोलॉजिस्ट मिशेल क्रेमर बोर्नेमन बताते हैं जिसमें एक वैवाहिक दंपति के सो जाने के बाद पति नींद में मैस्टर्बेट करने लगता था. शुरू में पत्नी ने इसे नजरअंदाज किया लेकिन जब ये ज्यादा हो गया तो दोनों ने डॉक्टर से बात की. डॉक्टर से मिलने के बाद पता चला कि वो ऐसा सेक्सुअल डिसऑर्डर से ग्रस्त होने के कारण करते हैं, जिसे स्लीप सेक्स या सेक्सोम्निया भी कहते हैं.

इस डिसऑर्डर पर 1996 में टोरंटो विश्वविद्यालय के डॉ. कॉलिन शापिरो और डॉ निक ने ओटावा विश्वविद्यालय से डॉ पॉल के साथ मिलकर कनाडा में इस पर एक रिसर्च पेपर तैयार किया. इस रिसर्च पेपर के पब्लिश होने के बाद दुनिया भर में इस पर चर्चा होनी शुरू हो गई. इसका नुकसान ये रहा कि इसके बाद से कई आरोपियों के वकील अपने मुवक्किल को रेप के केस से बचाने के लिए इस डिसऑर्डर का सहारा लेने लगे.

पेरोसोम्निया की स्थिति

स्लीप सेक्स असल में एक पेरोसोम्निया की स्थिति है जिसमें मरीज को ये नहीं पता होता कि वो जगा है या सोया हुआ है. मरीज का दिमाग कन्फ़्यूज़ रहता है. मरीज को देखकर कोई नहीं कह सकता की वो सोया हुआ है. जबकि सच्चाई ये होती है कि मरीज को पता नहीं होता कि वो क्या कर रहा है.

अब भी इस पर दुनिया के शोधकर्ता रिसर्च कर रहे हैं. शोधकर्ता इस बीमारी का कारण पता नहीं कर पा रहे हैं. लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि जिन लोगों को नींद में चलने औऱ बोलने की बीमारी है उनमें सेक्सोनोमिया होने की ज्यादा संभावना है.

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