आखिर वह कौन था? सेल्विना का बौयफ्रैंड? मगर क्यों? कनैक्शन क्यों जमा आखिर? अचानक अंधेरे में रोशनी की तरह अपना नेपाली दोस्त अनादि याद आया, कालेज में 3 साल हम अच्छे ही दोस्त थे. अब वह कोलकाता में ही रहता है और सिक्यूरिटी गार्ड सप्लाई संस्थान चलाता है. बैचलर है, घरपरिवार का झंझट नहीं, मेरी मदद कर पाएगा.
हमारे कालेज के वाल्सअप गु्रप में हम सभी जुड़े हैं और इस लिहाज से उस के बारे में थोड़ीबहुत जानकारी मुझे थी. शाम के 6 बज रहे थे. मैं चल पड़ी उस के ठिकाने की ओर.
पहली मंजिल में उस का औफिस और दूसरी मंजिल में उस का घर था.
वह औफिस में ही मिल गया मुझे.
मुझे देख वह इतना खुश हुआ कि मुझे कुछ हद तक यह भी लगा कि मैं पहले ही इस से अपनी दोस्ती जारी रख सकती थी.
थोड़ी देर की बातचीत और कुछ स्नैक्सकौफी के बाद मैं मुद्दे पर आ गई. मैं ने उस से कहा, ‘‘अनादि, बात उतनी खतरनाक न सही, चिंता वाली तो है. मैं प्रोफैशनल तरीका अपना कर ज्यादा होहल्ला नहीं मचाना चाहती. बस जीजी की खुराफात बंद हो. मैं जानती हूं उस में बदले की भावना बचपन से ही कुछ ज्यादा है. अगर किसी पर उस ने टारगेट बना लिया तो उस की खैर नहीं.’’
मैं ने अपनी शादी और उस लड़के के इनकार की घटना बताई ताकि कुछ सूत्र मिल
सके अनादि को. सारी बातें सुन कर उस की दिलचस्पी जगी, कहा, ‘‘चलो कुछ तो खास
करने का मौका मिला वरना यह बिजनैस ऊबाने वाला है.’’
‘‘देखो, हमारे पास 2 पौइंट हैं. एक बदला जीजी का, दूसरा जीजू से पीछा छुड़ा कर किसी सुंदर लड़के के प्रेम में पड़ कर अपनी जिंदगी को अपनी मरजी से जीना, तो इन 2 बातों में से कौन सी के लिए जीजी इतनी डैस्परेट है?’’
‘‘आज रात को वह सेल्विना के बौयफ्रैंड को बुला रही है. सेल्विना के स्कूल में जीजी पेंटिंग्स सिखाती है.’’
‘‘बाप रे काफी मसले हैं. हमें क्या
करना है?’’
‘‘समस्या यह है कि जीजी के पास उस वक्त कैसे पहुंचा जाए जब जीजी का बुलाया व्यक्ति वहां मौजूद हो क्योंकि मुझे घर में
देखते ही वह पैतरा बदल देगी और विश्वास में
न लूं तो गेम डबल कर के मुझे उलझएगी.
बेहतर यही होगा कि उसे विश्वास दिलाया जाए कि हम से उसे कोई खतरा नहीं. तो एक बात
हो सकती है तुम मेरे बौयफ्रैंड बन कर मेरे साथ घर चलो.
‘‘जीजू के घर मम्मीपापा को छोड़ जब आ रही थी तो तुम से मुलाकात हुई और कालेज के दिनों से मुझ से प्रेम करने वाले तुम अब मुझे पा कर खोना नहीं चाहते, जीजी हमारी शादी में मदद करे, मम्मीपापा और रिश्तेदारों को समझने में मदद करे. तो हम भी उन की करतूतों पर आंख मूंदे ही साथ रहे हैं,’’ मैं ने प्लान बताया जो जीजी से कहना था.
‘‘ऐसा क्या?’’ नेपाली बाबू ने मेरी ओर बड़ी गहरी दृष्टि डाली.
मुझे कुछ अटपटा लगा. फिर भी मैं ने
सहज रह कर बाकी बातें पूरी की, ‘‘जब
जानेगी कि हमें उस की जरूरत है तो वह हमारा भी फायदा उठाना चाहेगी, और वक्तवक्त पर हमें भी अपनी कारगुजारियों से अनजाने ही अवगत करा देगी. इस के लिए वह कुछ हद तक हमारी ओर से निश्चिंत रहेगी. वह मेरे इस प्रेम वाले कमजोर पक्ष की वजह से मेरी ओर से लापरवाह हो जाएगी क्योंकि उसे लगेगा कि अब मैं ही
खुद अपनी जरूरत के लिए उस के सामन
झकी रहूंगी.’’
अनादि सामान्य दिख रहा था. बोला, ‘‘ग्रेट आइडिया, लैट्स प्रोसीड.’’
रात 9 बजे जब मैं और अनादि घर पहुंचे अपनी चाबी से दरवाजा खोल हम अंदर गए, जीजी के कमरे में लाइट जल रही थी. दोनों बिस्तर पर व्यस्त थे.
लड़का मेरी ही उम्र का लगभग 27 के आसपास, गोरा स्मार्ट और बहुत खूबसूरत था.
हम ने अपना वीडियो कैमरा औन कर लिया.
हमें प्रमाण चाहिए था और इस के लिए ग्रिल वाली खिड़की और परदे की आड़ हमारे लिए काफी थी. जीजी बीचबीच में लड़के से बातें भी करती जाती.
‘‘सेल्विना को वापस जाने को कब कहोगे?’’
‘‘रहने दो न उसे, बेचारी का बहुत पैसा लगा है स्कूल में.’’
‘‘तो मैं तुम्हें कैसे पा सकूंगी. शादी कैसे होगी हमारी?’’
‘‘तुम बड़ी हो उस से 4 साल, मां नहीं मानेगी.’’
‘‘अच्छा तो सिर्फ मजे के लिए मैं?’’ जीजी होश खो रही थी.
जीजी ने आगे कहा, ‘‘और वह नैकलैस लाए?’’
‘‘हां.’’
‘‘हीरे की लौकेट वाला न?’’
‘‘हां बाबा.’’
‘‘कल, 20 हजार ट्रांसफर करने को बोला था बैंक में. किए?’’
‘‘करता हूं.’’
‘‘अभी करो.’’
‘‘इतनी जल्दी क्या है?’’
‘‘फिर इस वीडियो को देखो, सेल्विना तो क्या हर जगह पहुंच जाएगा. अच्छा लगेगा?
तुम्ही बताओ?’’
तनय वीडियो देख कर तनाव में आ कर उठ बैठा, ‘‘तुम मुझे ब्लैकमेल कर रही हो?’’
‘‘नहीं तनय. मैं तो बस सावधान कर रही हूं, सुख मुझे अकेले नहीं मिल रहा है, तुम्हें भी मिल रहा है, तो कुछ तो चुकाओगे न?’’
तनय ने मोबाइल से तुरंत रुपए ट्रांसफ र कर दिए. जीजी शातिर गेम खेल सकती है, मैं जानती नहीं थी. मैं उलझती ही जा रही थी.
हम ने कैमरा बंद कर दरवाजा खटखटाया. दोनों संभल गए. कुछ देर बाद जीजी ने कमरे का दरवाजा खोला.
हम ने अपनी तय बातें उन के सामने रखीं. जैसाकि पहले से मालूम था वह भी इसी शर्त पर हमारी शादी में मदद को राजी हुई कि घर पर वे कुछ भी करें, हम उस के मामले में न दखल दें, न ही किसी से कुछ कहें.
हम ने उस का आभार माना और अपने कमरे में चले आए. 10 मिनट में अनादि चला गया. तनय भी थोड़ी देर बाद चला गया.
जीजू यानी निहार का संदेश मिला, ‘‘कब आओगी ईशा? साथ ही फोटो भी लाना. वाकई, जीजू ने कमाल किया. बेहद स्मार्ट और स्लिम हो गए. सच प्यार में बड़ी शक्ति है. उन की तसवीर देख चकित थी.’’
पता कर लिया था कि उन्होंने पार्कस्ट्रीट की एक कालोनी में सेल्विना के साथ मिल कर फ्लैट खरीदा था और सेल्विना के साथ तब तक लिवइन में था, जब तक न सेल्विना को भारतीय नागरिकता मिले और उस से कानूनी प्रक्रिया के तहत शादी हो जाए.
अनादि ने मुझे पता करने को कहा कि जीजी का इस तनय के साथ पहले से फेसबुक और चैटिंग का कोई रिश्ता है क्या?
जीजी से यह पूछने की फिराक में थी कि अनादि का संदेश आया, ‘‘ईशा क्या
मेरी बनोगी? बड़ा मिस करने लगा हूं यार तुम्हें.’’
‘‘यह क्या? जीजी के केस के बीच यह नया गेम क्या है?’’
5 फुट 7 ईंच का अनादि देखनेभालने में गोरा, सीधा, सरल नेपाली नहीं. कहती कि मुझे
5 फुट 7 ईंच की हाइट की लड़की के साथ बिलकुल नहीं जमेगा. लेकिन मैं तो…
मैं मन ही मन झल्ला गई. पर कोई जवाब नहीं दिया. क्या पता नहीं क्यों उसे दुखी कर
पाई. उस का हंसता सा चेहरा मेरी आंखों के आगे घूम गया.