बड़े काम की है शीघ्रपतन की जानकारी, क्या यह है बड़ी बीमारी

आज के दौर में हर उम्र के मर्दों में शीघ्रपतन की समस्या देखने में आ रही है. आम भाषा में इसे जल्दी पस्त हो जाना और अंगरेजी में इसे प्रीमैच्योर इजैकुलेशन या अर्ली इजैकुलेशन कहा जाता है. ऐसा अकसर अंग में प्रवेश से पहले या उस के तुरंत बाद हो सकता है. इस की वजह से दोनों पार्टनर सैक्स संबंधों के लिहाज से असंतुष्ट रहते हैं.

दरअसल, शीघ्रपतन आदमियों में सैक्स की आम समस्याओं में से एक है. शायद हर मर्द अपनी जिंदगी में कभी न कभी इस परेशानी से घिरता है. अगर अंग में डालने से पहले ही मर्द का वीर्य गिर जाता है, तो ऐसे में उस जोड़े में बच्चे पैदा न होने की समस्या भी पेश आती है.

शीघ्रपतन की समस्या का असर आदमी की सैक्स लाइफ पर देखने को मिलता है. इस समस्या के चलते आदमी अपनी लाइफ पार्टनर या प्रेमिका को सैक्स सुख नहीं दे पाता. इस से नाजायज संबंध भी बन जाते हैं, जिस का नतीजा कई बार परिवार के टूटने के रूप में भी होता है.

इस समस्या के हल के लिए लोग नीमहकीमों के चंगुल में भी फंस जाते हैं, जो उन को लूटते हैं और समस्या को सुलझाने के बजाय और बढ़ा देते हैं.

ज्यादा हस्तमैथुन करने से शरीर के बायोलौजिकल क्लौक का सैट हो जाना है. इस की वजह से आदमी को क्लाइमैक्स पर पहुंचने की जल्दी होती है और वह जल्दी से जल्दी मजा पाना चाहता है.

* सैक्स के बारे में ज्यादा सोचना भी शीघ्रपतन के लिए जिम्मेदार होता है. सैक्स फैंटेसी या पोर्न फिल्में देखने से भी आदमी ज्यादा जोश में आ जाता है और जल्दी ही पस्त हो जाता है.

* शराब के ज्यादा सेवन या डायबिटीज की वजह से भी शीघ्रपतन की समस्या पैदा हो सकती है.

* सैक्स संबंध बनाने के शुरुआती दिनों में भी इस तरह की समस्या पैदा हो जाती है.

* नया पार्टनर होने के चलते जोश में जल्दी वीर्य गिर सकता है.

* जल्दी पस्त होना इस बात पर भी निर्भर करता है कि जोश देने का तरीका कैसा है.

* ओरल सैक्स से भी आदमी जल्दी डिस्चार्ज हो सकता है.

क्या करें?

अगर शीघ्रपतन की समस्या आप की जिंदगी में भी तनाव की वजह बन चुकी है, तो इसे चुपचाप सहन न करते रहें, बल्कि अपने डाक्टर से मिलें. वह आप की शारीरिक जांच कर इस की वजह पता लगाने की कोशिश करेगा.

डाक्टर के साथ खुल कर अपनी सैक्स लाइफ के बारे में बात करें और अगर कभी किसी बीमारी से पीडि़त हैं, तो उस के बारे में भी किसी तरह की जानकारी न छिपाएं.

ये उपाय भी आजमाएं

* जल्दी पस्त होना रोकने के लिए लंबी सांसें लें.

* जब भी वीर्य निकलने का समय हो, अपने साथी को लंबी सांसें लेने को कहें. इस से धड़कनों की रफ्तार कम होगी और वीर्य जल्दी नहीं निकलेगा.

* सैक्स के पहले इस प्रक्रिया के बारे में उसे अच्छे से समझाएं.

* ‘निचोड़ने की विधि’ के तहत अपने साथी के अंग को नीचे से जोर से दबाएं. ऐसा तब करें, जब आप के साथी का वीर्य निकलने वाला हो. इस से उस के अंग का इरैक्शन कम होगा और वीर्य नहीं निकलेगा.

* जल्द वीर्य को गिरने से रोकने के लिए स्टौप एंड स्टार्ट विधि अपनाएं. इस के तहत अपने साथी को 3 से 4 बार हस्तमैथुन करने के लिए कहें, जिस में वीर्य निकलने के समय पर उस का रुकना जरूरी है. इस से उसे पता चलेगा कि किस समय इजैकुलेशन होता है और वह इस पर अच्छे से काबू भी कर सकता है.

शीघ्रपतन और दवाएं

ऐसा नहीं है कि शीघ्रपतन होने से हर किसी के मन में तनाव की भावना पैदा हो जाती है. कुछ लोग इसे ले कर ज्यादा नहीं सोचते और इस का हल अपने तरीके से निकालते हैं. लेकिन अगर आप को लगता है कि इस से आप के मजे में कमी आ रही है, तो आप जोलोफ्ट, प्रोजाक जैसी दवाओं का सेवन कर सकते हैं. ये दवाएं शीघ्रपतन रोकने में आप की मदद करती हैं व आप का साथी बिस्तर पर आने से कई घंटे पहले भी इन दवाओं का सेवन कर सकता है.

एक बार इस दवा का सेवन कर लेने पर जब आप दोनों अच्छा वक्त बिताना शुरू कर रहे हों, तो उस समय मर्द की कामुकता में इजाफा होगा. इस से न सिर्फ वीर्य निकलने से रुकेगा, बल्कि पहले के मुकाबले आप के सैक्स संबंध भी बेहतर होंगे.

इन दवाओं के सेवन के लिए बेहतर यही होगा कि आप किसी माहिर सैक्स डाक्टर से सलाह लें.

इस के अलावा जोश रोकने के लिए अंग पर लोकल एनैस्थैटिक क्रीम या स्प्रे का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. अंग में जोश में कमी आने से वीर्य गिरने में देरी आएगी. कुछ मर्दों में कंडोम का इस्तेमाल भी इसी तरह जोश घटाने में मददगार होता है.

आमतौर पर आदमी वीर्य गिरने को कंट्रोल करना सीख लेते हैं. इस बारे में जानकारी हासिल करना और कुछ आसान उपायों को अपनाने से हालात पूरी तरह सामान्य हो जाते हैं, लेकिन लंबे समय तक शीघ्रपतन की समस्या का जारी रखना आदमी में डिप्रैशन या एंग्जाइटी की वजह से हो सकता है. किसी मनोवैज्ञानिक से मिल कर इन परेशानियों को दूर किया जा सकता है.

छोटे घर में कैसे करें पार्टनर से प्यार, जानें यहां

बड़े शहरों में सब से बड़ी समस्या आवास की होती है. 2 कमरों के छोटे से फ्लैट में पतिपत्नी, बच्चे और सासससुर रहते हैं. ऐसे में पतिपत्नी एकांत का नितांत अभाव महसूस करते हैं. एकांत न मिल पाने के कारण वे सैक्स संबंध नहीं बना पाते या फिर उन का भरपूर आनंद नहीं उठा पाते क्योंकि यदि संबंध बनाने का मौका मिलता है तो भी सब कुछ जल्दीजल्दी में करना पड़ता है. संबंध बनाने से पूर्व जो तैयारी यानी फोरप्ले जरूरी होता है, वे उसे नहीं कर पाते. इस स्थिति में खासकर पत्नी चरमसुख की स्थिति में नहीं पहुंच पाती है. पतिपत्नी को डर लगा रहता है कि कहीं बच्चे न जाग जाएं, सासससुर न उठ जाएं. मैरिज काउंसलर दीप्ति सिन्हा का कहना है, ‘‘संबंध बनाने के लिए एकांत न मिलने के कारण महिलाएं चिड़चिड़ी, झगड़ालू और उदासीन हो जाती हैं और फिर धीरेधीरे दांपत्य जीवन में दरार पड़नी शुरू हो जाती है, यह दरार अनेक समस्याएं खड़ी कर देती है. कभीकभी तो नौबत हत्या या आत्महत्या तक की आ जाती है.’’

कही अनकही

विकासपुरी की रहने वाली सीमा के विवाह को 5 वर्ष हो गए हैं. इस दौरान उस के 3 बच्चे हो गए. तीनों बच्चों की देखभाल, सासससुर की सेवाटहल और घर का काम करतेकरते शाम होतेहोते वह पूरी तरह थक जाती है. सीमा का कहना है कि उस के तीनों बच्चे पति के साथ ही बड़े बैड पर सोते हैं. सीमा पलंग के पास ही नीचे जमीन पर बिस्तर लगा कर सोती है. उसे हर वक्त यही डर लगा रहता है कि सैक्स करते समय कोई बच्चा उठ कर उन्हें देख न ले. परिणामस्वरूप वह सैक्स का पूर्ण आनंद नहीं उठा पाती. इस के असर से वह निराशा से घिरने लगी हैं. ढंग से कपड़े पहनने, सजनेसंवरने का उस का मन ही नहीं करता. फिर वह सजेसंवरे भी किसलिए? स्थिति यह हो गई है कि अब पतिपत्नी दोनों में मनमुटाव रहता है.

खानपान का असर

मांसमछली, शराब आदि का सेवन करने वाले पतियों की सैक्स की अधिक इच्छा होती है और इसीलिए वे न समय देखते हैं और न माहौल, पत्नी पर भूखे भेडि़ए की तरह टूट पड़ते हैं. संबंध बनाने से पहले फोरप्ले की बात तो दूर, वे यह भी नहीं देखते हैं कि बच्चे सोए हैं या जाग रहे हैं अथवा मांबाप ने देख लिया तो वे क्या सोचेंगे. ऐसे में कई बार पत्नी को सासससुर के सामने शर्म महसूस होती है. मांबाप अपने बेटे को कुछ न कह कर बहू को ही सैक्स के लिए उतावली मान बैठते हैं.

संयुक्त परिवार का दबाव

हमारे समाज में विवाह 2 प्राणियों का ही संबंध नहीं, बल्कि 2 परिवारों का संबंध भी होता है. लेकिन मौजूदा हालत में पतिपत्नी अकेले ही अपने बच्चों के साथ रहना पसंद करते हैं. यह उन की मजबूरी भी है, लेकिन यदि पत्नी को परिस्थितिवश सासससुर के साथ छोटे से आशियाने में 2-3 बच्चों के साथ रहना पड़े तो वह कई बार मानसिक दबाव महसूस करती है. सासससुर से शर्म और बातबात पर उन की टोकाटोकी से परेशान बहू पति के लिए खुद को न तो तैयार कर पाती है और न ही एकांत ही ढूंढ़ पाती है. मनोरोगचिकित्सक डाक्टर दिनेश के अनुसार, ‘‘कई बार मेरे पास ऐसे केस आते हैं कि शादी के बाद बच्चे जल्दीजल्दी हो गए. पत्नी उन की देखभाल में लगी रहती है और पति के प्रति उदासीन हो जाती है. इस के चलते पति भी कटाकटा सा रहने लगता है.’’

समय निकालना जरूरी

सैक्स ऐक्स्पर्ट डा. अशोक के अनुसार, ‘‘वास्तव में सैक्स के लिए उम्र की सीमा निर्धारित नहीं होती है कि आप 35 या 40 साल के हो गए हैं. छोटा घर है, बच्चे हैं, सैक्स ऐंजौय नहीं कर सकते. घरगृहस्थी और बच्चों की देखभाल के बाद यदि पतिपत्नी अपने लिए समय निकाल कर शारीरिक संबंध नहीं बनाएंगे तो आगे चल कर उन्हें कई परेशानियां हो सकती हैं. ‘‘डिप्रैशन के अलावा हारमोंस का स्राव भी धीरेधीरे कम हो जाता है. ऐसी स्थिति में अचानक संबंध बनाने पर पत्नी को तकलीफ होती है. फिर निरंतर तनाव बने रहने पर कभीकभी ऐसी स्थिति बन जाती है कि पत्नी को हिस्टीरिया के दौरे तक पड़ने लगते हैं.’’

मन की बात

जनकपुरी की रहने वाली काजल और राजेश ने लव मैरिज की है. उन की शादी को 7 साल हुए हैं. इन 7 सालों में 3 बच्चे भी हो गए. पहला बच्चा 3 साल का है. उस के बाद 2 बेटियां डेढ़ साल और 7 महीने की हैं. काजल कहती हैं, ‘‘हम शादी के शुरुआती दिनों से ही बहुत झगड़ते आ रहे हैं. वजह है राजेश का प्लान कर के साथ नहीं चलना. राजेश ने कहा था कि वे अपने मातापिता के लिए पड़ोस में ही मकान खरीद लेंगे. छोटे से 2 कमरों के मकान में हम ढंग से नहीं रह पाते हैं. मैं राजेश से अपने मन की बात नहीं कर पाती.

‘‘बस, यही डर लगा रहता है कि कहीं सासूमां कुछ कह न दें. जबकि मन की बात करने का मौका पतिपत्नी दोनों को ही मिलना चाहिए.’’ अगर आप भी इस समस्या से गुजर रहे हैं तो निम्न उपाय अपना कर शारीरिक संबंधों का पूर्ण आनंद उठा सकते हैं-

बच्चों को चाचा, मामा के पास भेजें. उन के बच्चों के लिए कोई भेंट भेजें. ऐसा उस समय करें जब सासससुर कहीं शादीविवाह में बाहर गए हों. यदि मांबाप को फिल्म देखने या पिकनिक मनाने भेज रहे हों तो बच्चों को भी उन के साथ भेज दें.

अगर आप का कोई मित्र छुट्टी पर अपने घर जा रहा हो तो उस के घर की देखभाल के लिए रात में पतिपत्नी वहां रहें और सैक्स ऐंजौय करें. बदले में मित्र के घर लौटने से पहले घर को सजासंवार कर अच्छा सा खाना बना कर उन के लिए रखें.

संबंध बनाने के लिए यह जरूरी नहीं है कि फोरप्ले ठीक सैक्स से पहले हो. उसे बारबार थोड़ेथोड़े समय में जब भी जहां भी समय मिले किया जा सकता है. इस से सैक्स के समय दोनों पूरी तरह तैयार होंगे. सुबह जब बच्चे स्कूल जा चुके हों तब मातापिता को सुबह घूमने जाने के लिए प्रेरित करें.

सैक्स का समय बदलें. नयापन मिलेगा.

पत्नी के साथ हर 15 दिन बाद कहीं डेट पर जाएं. यानी गैस्टहाउस या होटल में जा कर रहें और सैक्स ऐंजौय करें.

गरमी का मौसम हो तो पत्नी को देर रात छत पर बने कमरे में ले जाएं.

बरसात की रात में भी पत्नी को छत पर बने कमरे में ले जा कर बरसात की फुहारों का आनंद लेते हुए सैक्स एंजौय करें.

सुबह बच्चों के स्कूल जाने के बाद, रात में छत पर और किसी दिन यदि आप औफिस से जल्दी घर आते हैं और बच्चे स्कूल से नहीं आए हैं, मातापिता पड़ोस में गए हैं, तब भी आप सैक्स ऐंजौय कर सकते हैं. हां, इस के लिए आप पत्नी को पहले से ही तैयार कर लें.

9 टिप्स: सैक्स लाइफ को ऐसे बनाएं बेहतर

Sex Tips: ऐसा अकसर देखने में आता है कि पतिपत्नी सहवास के दौरान एकदूसरे की इच्छा और भावना को नहीं समझते. वे बस एक खानापूर्ति करते हैं. लेकिन वे यह बात भूल जाते हैं कि खानापूर्ति से सैक्सुअल लाइफ तो प्रभावित होती ही है, पतिपत्नी के संबंधों की गरमाहट भी धीरेधीरे कम होती जाती है. ऐसा न हो इस के लिए प्यार और भावनाओं को नजरअंदाज न करें. अपने दांपत्य जीवन में गरमाहट को बनाए रखने के लिए आगे बताए जा रहे टिप्स को जरूर आजमाएं.

पत्नी की इच्छाओं को समझें

सागरपुर में रहने वाली शीला की अकसर पति के साथ कहासुनी हो जाती है. शीला घर के कामकाज, बच्चों की देखभाल वगैरह से अकसर थक जाती है, लेकिन औफिस से आने के बाद शीला के पति देवेंद्र उसे सहवास के लिए तैयार किए बिना अकसर यौन संबंध बनाते हैं. वे यह नहीं देखते कि पत्नी का मन सहवास के लिए तैयार है या नहीं.

सैक्सोलौजिस्ट डा. कुंदरा के मुताबिक, ‘‘महिलाओं को अकसर इस बात की शिकायत रहती है कि पति उन की इच्छाओं को बिना समझे सहवास करने लगते हैं. लेकिन ऐसा कर के वे केवल खुद की इच्छापूर्ति करते हैं. पत्नी और्गेज्म तक नहीं पहुंच पाती. आगे चल कर इसी बात को ले कर आपसी संबंधों में कड़वाहट पैदा होती है.

‘‘पति को चाहिए कि सैक्स करने से पहले पत्नी की इच्छा को जाने. उसे सैक्स के लिए तैयार करे. तभी संबंधों में गरमाहट बरकरार रहती है.’’

करें प्यार भरी बातें

एक हैल्दी सैक्सुअल लाइफ के लिए बेहद जरूरी है कि यौन संबंध बनाने से पहले पत्नी से प्यार भरी बातें जरूर की जाएं. कोई समस्या हो तो उस का हल निकालें. पत्नी से बातोंबातों में पता करें कि वह सैक्स में क्या सहयोग, क्या नवीनता चाहती है.

जयपुर के संजय और रूपाली का विवाह 2007 में हुआ. शादी के कुछ सालों तक संजय रूपाली के साथ खुल कर यौन संबंध बनाते रहे. लेकिन इधर 1 साल से वे रूपाली के साथ सैक्स संबंध बनाने से कतराने लगे हैं. रूपाली कहती है कि संजय गाहेबगाहे शारीरिक संबंध बनाते तो हैं, लेकिन बाद में उस से अलग हो कर सोने लगते हैं.

दरअसल, संजय की नजरों में यौन संबंध केवल पुरुष की भूख है, इसलिए रूपाली चाह कर भी संजय को भरपूर सहयोग नहीं कर पाती है.

मनोचिकित्सक डा. दिनेश त्यागी का मानना है कि एक अच्छे सहवास सुख के लिए आवश्यक है कि पतिपत्नी आपस में सैक्स के दौरान प्यार भरी बातें करें. यदि ऐसा नहीं हो तो पत्नी को लगता है कि पति को केवल सैक्स की ही भूख है, प्यार की नहीं. इसलिए प्यार भरी बातों को नजरअंदाज न करें.

स्थान व समय को बदलें

दिल्ली के ही नवीन का कहना है कि यदि वे रोजरोज पत्नी के साथ यौन संबंध नहीं बनाएंगे तो दूसरे दिन औफिस में तरोताजा हो कर काम नहीं कर पाएंगे. लेकिन उन की पत्नी को कोई मजा नहीं आता है, क्योंकि यह रोज के ढर्रे जैसी बात बन गई है. उस में कोई भी नवीनता नहीं रहती.

डा. कुंदरा कहते हैं कि सहवास का भरपूर आनंद उठाने के लिए कभी सोफा, कभी फर्श, कभी कालीन तो कभी छत पर और अगर घर में झूला लगा हो तो झूले पर, नहीं तो लौन पर चटाई बिछा कर सैक्स का आनंद लिया जा सकता है. पत्नियां सैक्स को प्यार से जोड़ती हैं. प्यार के इस अनुभव को वे घर के अलगअलग स्थानों पर अलगअलग समय पर नएनए तरीके से करना चाहती हैं. लेकिन अकसर पति यह बात समझ कर भी नहीं समझते.

शुरुआत धीरे धीरे करें

डा. कुंदरा यह भी कहते हैं कि कई पत्नियों की यह शिकायत रहती है कि उन के पति सहवास की शुरुआत धीरेधीरे न कर के उन्हें बिना उत्तेजित किए जल्दीबाजी में करते हैं. जबकि सहवास की शुरुआत धीरेधीरे विभिन्न सैक्स मुद्राओं जैसे गालों को काटना, सैक्स के हिस्सों पर थप्पड़ लगाना आदि को अपना कर ही करनी चाहिए और उस के बाद ही सैक्स सुख का आनंद लेना चाहिए.

फोर प्ले का आनंद उठाएं

पति को चाहिए कि वह पत्नी के साथ चुंबन, आलिंगन, उसे सहलाना, केशों में उंगलियां फेरना, अंगों को स्पर्श करना वगैरह की अहमियत को समझे. ऐसा कर के वह पत्नी को उत्तेजित कर के मानसिक और शारीरिक रूप से सहवास के लिए तैयार करे. पत्नी का और्गेज्म तक पहुंचना जरूरी होता है. और्गेज्म तक नहीं पहुंच पाने के कारण घर में अकसर तनाव का माहौल पैदा हो जाता है, जो आपसी संबंधों में दिक्कतें भी पैदा करता है. एक सर्वे के मुताबिक 55% लोगों का मानना है कि सैक्स के दौरान जो आनंदमयी क्षण आते हैं, उन का अनुभव बेहद महत्त्वपूर्ण है.

बराबर का साथ दें

डा. कुंदरा के अनुसार, ‘‘सैक्सुअल लाइफ बेहद रोमांटिक तभी बन पाती है, जब पतिपत्नी सैक्स संबंध बनाते समय बराबर का साथ दें. सहवास के दौरान 70% महिलाएं बिस्तर पर चुपचाप ही पड़ी रहती हैं. पुरुष ऐसी महिलाओं को पसंद नहीं करते. सहवास के दौरान बराबर का साथ पति पसंद करते हैं. यदि पत्नी ऐसा करती है तो सैक्स का आनंद और भी ज्यादा बढ़ जाता है.’’

दिल्ली की जनकपुरी की रेशमा 48 साल की और उन के पति 54 साल के हो गए हैं, लेकिन हफ्ते में 1-2 बार दोनों खुल कर यौन संबंध बनाते हैं. एकदूसरे के लिए रोमांटिक बने रह कर वे खुल कर उस का आनंद उठाते हैं.

फालतू बातों को तूल न दें

मैरिज काउंसलर एन.के. सूद कहते हैं कि पतिपत्नी जब भी यौन संबंध बनाएं, पत्नी घर की समस्याओं या शिकायतों का पिटारा खोल कर न बैठे. सारिका जब भी रमेश के साथ सहवास करती थी, कोई न कोई शिकायत ले कर बातें शुरू कर देती थी. इस से रमेश असहज हो जाता था. आगे चल कर इन की समस्या इतनी बढ़ गई कि इन्हें आपसी संबंधों को सहज बनाने के लिए मैरिज काउंसलर की सहायता लेनी पड़ी.

संबंधों में गरमाहट बनी रहे इस के लिए ऐसी बातों को तूल न दे कर सैक्स लाइफ को ऐंजौय करें. पति का साथ दें, उन के साथ बिस्तर पर सक्रिय बनी रहें.

सैक्सी कपड़ों में लुभाएं

कोटा में रहने वाली राधा गोरी और खूबसूरत नैननक्श वाली है. लेकिन वह अपने पति महेंद्र के पास उन्हीं कपड़ों में जाती है, जो उस ने सुबह से पहने होते हैं. राधा को तरोताजा न देख कर महेंद्र सहवास में ढंग से सहयोग नहीं कर पाते हैं.

पति को लुभाने व उत्तेजित करने के लिए सैक्सी ड्रैस व हौट लुक में अपने पार्टनर को ऐसा सरप्राइज दें कि यौन संबंधों में नवीनता तो आए ही, सहवास सुखद भी बने. ऐसा होने से पतिपत्नी का आपसी विश्वास व प्यार भी बराकरार रहता है.

नए नए प्रयोग करें

डा. कुंदरा कहते हैं कि अकसर पुरुष सैक्स को ले कर ज्यादा ही उत्साहित होते हैं. वे नएनए आसनों का प्रयोग कर सहवास को सुखद बनाते हैं. लेकिन पत्नी यदि किसी तरीके को अनकंफर्टेबल महसूस करे तो पति को बताए जरूर.

बहुत सी महिलाएं यौन संबंध बनाते वक्त नएनए प्रयोगों से घबराती हैं. वे ऐसा न कर के पति के साथ सहवास में प्रयोग करें. उम्र कोई बाधा नहीं, दिलदिमाग और शरीर को स्वस्थ रखने और वैवाहिक जीवन को सफल बनाने में नए प्रयोग हमेशा मददगार ही साबित होते हैं.

पति की जबरदस्ती से बचें कुछ इस तरह

Sex News in Hindi: श्वेता खाना खा कर सोने चली गई थी. उस का पति प्रदीप अभी घर नहीं लौटा था. पहले रात के खाने पर श्वेता पति का देर रात तक इंतजार करती थी. कुछ दिनों के बाद प्रदीप ने कहा कि अगर वह 10 बजे तक घर न आए तो खाने पर उस का इंतजार न किया करे. इस के बाद प्रदीप के आने में देर होने पर श्वेता खाना खा कर लेट जाती थी. उस दिन भी वह लेट तो गई थी, मगर उसे नींद नहीं आ रही थी. वह अपने संबंधों के बारे में सोच रही थी. उसे लग रहा था जैसे वह पति की जबरदस्ती का शिकार हो रही है. प्रदीप ज्यादातर देर रात घर लौटता था. इस के बाद कभी सो जाता था, तो कभी श्वेता को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करने लगता था. नींद के आगोश में पहुंच चुकी श्वेता को तब संबंध बनाना अच्छा नहीं लगता था. श्वेता को कभीकभी लगता जैसे पति प्यार न कर के बलात्कार कर रहा हो.

श्वेता अपने को यह सोच कर समझाती कि पति की शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ही शादी होती है, इसलिए उसे केवल पति की जरूरतों को पूरा करना चाहिए. इस जोरजबरदस्ती में श्वेता को 4 साल के विवाहित जीवन में 1-2 बार ही ऐसा लगा था कि प्रदीप प्यार के साथ संबंध बना सकता है, ज्यादातर श्वेता जोरजबरदस्ती का ही शिकार बनी थी. इस का प्रभाव उस के ऊपर कुछ इस तरह पड़ा कि वह शारीरिक संबंधों से चिढ़ने लगी. श्वेता और प्रदीप का 1 बेटा था. श्वेता जब कभी अपनी सहेली शालिनी से मिलती तो उसे पता चलता कि उन का पतिपत्नी का रिश्ता मजे में चल रहा है. एक दिन जब श्वेता ने अपनी परेशानी शालिनी को बताई, तो वह उसे सैक्स काउंसलर के पास ले गई.

पति से करें बात

काउंसलर ने बातचीत कर के यह जानने की कोशिश की कि श्वेता की परेशानी क्या है? श्वेता ने काउंसलर को बताया कि उस का पति उस समय उस से सैक्स संबंध बनाने की कोशिश करता है जब उस का मन नहीं होता है. कई बार जब वह इस के लिए मना करती है, तो वह जोरजबरदस्ती पर उतर आता है. इस से श्वेता का सैक्स संबंधों से मन उचट गया है. काउंसलर रेखा पांडेय ने श्वेता को सलाह देते हुए कहा कि इस बारे में पति से आराम से बात करें और यह बातचीत सैक्स संबंधों के समय न कर के बाद में की जाए. इस के लिए प्यार से पति को मनाने की कोशिश की जाए. अगर पति कभी नशे की हालत में सैक्स संबंध बनाने की कोशिश करे तो उस समय कुछ न कह कर नशा उतरने के बाद बात करें. नशे की हालत में बात समझ में नहीं आती उलटे कभीकभी लड़ाईझगड़े से मामला बिगड़ जाता है.

पति हर समय गलत होता है, यह भी नहीं मान लेना चाहिए. उसे इस के लिए हमेशा टालना सही नहीं होता है. हो सकता है कि कभी आप का मन न हो, बावजूद इस के आप को सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए. सैक्स पति और पत्नी दोनों की जरूरत होती है. इसलिए इस से जुड़ी किसी भी परेशानी को हल करने के लिए पतिपत्नी दोनों को मिल कर सोचना चाहिए. जब आप खुल कर एकदूसरे से बात करेंगे तो सारी गलतफहमियां दूर हो जाएंगी.

क्यों करनी पड़ती जबरदस्ती

सैक्स दांपत्य जीवन की सब से अहम चीज होती है, यह बात पतिपत्नी दोनों को पता होती है. ऐसे में सवाल उठता है कि तब सैक्स संबंध के लिए जबरदस्ती क्यों करनी पड़ती है? कई बार कभी पति या पत्नी को कोई ऐसी बीमारी हो जाती है, जिस से सैक्स संबंधों से मन उचट जाता है. ऐसे में बहुत ही धैर्य और समझदारी की जरूरत होती है. सब से पहले अपने साथी की जरूरत को समझने की कोशिश करें. अगर कोई शारीरिक परेशानी है, तो उस का इलाज किसी योग्य डाक्टर से कराएं. सैक्स की ज्यादातर बीमारियों की वजह मानसिक ही होती है. इस के लिए आपस में बात करें. अगर बात न बने तो मनोरोगचिकित्सक से भी बातचीत कर सकती हैं.

सैक्स के प्रति पत्नी की नकारात्मक सोच ही पति को कभीकभी जबरदस्ती करने के लिए मजबूर करती है. कुछ पत्नियां सैक्स को गंदा काम मान कर उस से संकोच करती हैं. अगर आप भी इसी तरह के विचार रखती हैं, तो यह सही नहीं है. आप के इस तरह के विचार पति को जबरदस्ती करने के लिए उकसाते हैं  पति की जबरदस्ती से बचने के लिए इस तरह की नकारात्मक सोच से बचना चाहिए. इस मानसिकता के चलते न तो आप स्वयं कभी खुश रह सकती हैं और न ही पति को खुश रख पाएंगी. ऐसा कर के आप कभी सैक्स का आनंद न स्वयं ले पाएंगी और न कभी अपने पति को ही यह सुख दे पाएंगी. जबरदस्ती से बचने के लिए सैक्स के प्रति अपनी सोच को सकारात्मक बनाएं.

बहाने बनाने से बचें

आमतौर पर पतियों को यह शिकायत होती है कि पत्नियां बहाने बनाती हैं, जिस के चलते जबरदस्ती करनी पड़ती है. इन शिकायतों में बच्चों के बड़े होने, मूड ठीक न होने और घर में एकांत की कमी होना मुख्य कारण होते हैं. रमेश प्रधान का कहना है कि मैं जब भी अपनी पत्नी के साथ सैक्स करने की पहल करता था, वह बच्चों और परिवार का बहाना कर टाल जाती थी. इस का मैं ने हल यह निकाला कि सप्ताह में 1 बार पत्नी को ले कर आउटिंग पर जाने लगा. इस के बाद हमारे संबंध सही रूप से चलने लगे. अब पत्नी को यह अच्छा लगने लगा है. हमारे संबंध अब सहज हो गए हैं. पत्नी के बहाना बनाने का असर यह होता है कि जब कभी पत्नी को हकीकत में कोई परेशानी होगी तब भी पति को लगेगा कि वह बहाना बना रही है.

अत: मूड न होने पर भी साथी को सहयोग देने की कोशिश करें. इस से उस की जबरदस्ती से बच सकती हैं. पति का समीप आना पत्नी की अंदर की भावनाओं को जगा देता है. इस से पत्नी भी उत्तेजित हो जाती है. पति जबरदस्ती करने से बच जाता है. आप का मूड न हो तो भी उसे बनाया जा सकता है. आप को पति को बताना पड़ेगा कि मूड बनाने के लिए वह क्या करे. अगर कभी पति जबरदस्ती करे तो आप को उसे सहयोग दे कर जबरदस्ती से बचना चाहिए. पति जबरदस्ती करने लगे और आप भी संबंध न बनाने पर अड़ गईं, तो इस से संबंधों में दरार पड़ सकती है.

अगर सेक्स के दौरान होता है दर्द तो हो सकता है ये कारण

यदि आपने कभी संभोग के दौरान दर्द महसूस किया है तो घबराइए मत क्यूंकि आप अकेली नहीं हैं. डौक्टरों ने इस समस्या को ‘डिस्पेर्यूनिया’ का नाम दिया है और उनके अनुसार यह दो श्रेणियों में विभाजित है: एक में योनि में असहाय दर्द महसूस होता है, और दूसरी में योनि की ऊपरी सतह में पीड़ा का एहसास होता है. डौक्टरों का यह भी कहना है कि ऐसा होना बेहद आम है.

लेकिन कितना आम? और यह होता क्यों है? इन सवालों के जवाब जानने के लिए ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने देश भर में से 6500 से अधिक महिलाओं से बात की. शोधकर्ताओं ने महिलाओं से पूछा कि क्या पिछले साल सेक्स की वजह से उन्हें तीन या अधिक महीनों के लिए दर्द महसूस हुआ था और अगर हुआ था तो वो कितना बुरा था. महिलाओं को सेक्स सम्बंधित और मुद्दों के बारे में भी प्रश्न पूछे गए जैसे कि, क्या उन्हें उत्तेजित होने में कठिनाई होती है या सेक्स को लेकर किसी भी प्रकार की बेचैनी महसूस होती है.

शोधकर्ताओं ने जाना कि साढ़े सात प्रतिशत ब्रिटिश महिलाओं को सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव हुआ था. सिर्फ दो प्रतिशत महिलायें ऐसी थी जिनके लिए दर्दनाक सेक्स एक गंभीर समस्या था: उन्हें कई महीनों तक दर्द रहता था, हर बार सेक्स के समय दर्द होता था और उसकी वजह से वे बेहद तनावग्रस्त भी रहती थी.

शोध से पता चला कि सेक्स के दौरान दर्द महसूस करना 16 से 24 वर्ष और 55 से 64 वर्ष की उम्र के बीच की महिलाओं में ज्यादा आम है. शोधकर्ताओं ने यह भी जाना कि डिस्पेर्यूनिया से पीड़ित महिलाएं चाहती थी कि काश उन्हें इस समस्या के बारे में तब और पता होता जब उन्होंने अपना कौमार्य खोया था. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह महत्त्वपूर्ण है कि यौन शिक्षक और स्वास्थ्य सलाहकार सेक्स के दौरान दर्द होने की संभावना के बारे में खुले तौर पर बात करें.

सेक्स के दौरान तालमेल

अध्ययन में बताया गया है कि सेक्स के दौरान पीड़ा भी उन बाकी समस्याओं की तरह ही है जो एक महिला को अपने साथी के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने से हो सकती है. इसमें शायद कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि वही महिलाएं ज्यादा दर्द महसूस करती हैं जो सेक्स को लेकर ज्यादा घबराई हुई रहती हैं और जिन्हें यही चिंता सताती रहती है कहीं उत्तेजना जरुरत से ज्यादा ना बढ़ जाए. वो ना तो यौन क्रिया का पूरी तरह आनंद उठा पाती हैं (क्यूंकि तनाव की वजह से उनकी योनि में नमी उत्पन्न नहीं हो पाती और वो सूखी रहती है) और ना ही अपने साथी की जरूरतों (सेक्स के दौरान) के प्रति जागरूक रह पाती हैं.

अगर सेक्स के मामले में आप अपने और अपने साथी के बीच तालमेल में कमी महसूस कर रही हैं जैसे कितना सेक्स करना है, या सेक्स के दौरान आप दोनों को क्या पसंद है और क्या नहीं या इस बारे में बात करने में झिझक महसूस करती हैं – इन सभी की वजह सेक्स के दौरान आपका दर्द महसूस करना हो सकता है.

अध्ययन ने यह भी दर्शाया कि कुछ स्वास्थ्य समस्याएं किसी महिला के यौन जीवन से संबंधित नहीं होती हैं, कम से कम एक स्पष्ट तरीके से तो नहीं. यह भी सेक्स के दौरान दर्द के अनुभव की वजह से हो सकती हैं. उदाहरण के लिए, कोई एक से अधिक पुरानी बीमारी होना या कोई मानसिक स्वास्थ्य समस्या जैसे निराशा (डिप्रेशन), के तार भी डिस्पेर्यूनिया से जुड़े हो सकते हैं.

फोरप्ले

यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि शोधकर्ता यह सुनिश्चित नहीं कर पाए हैं कि इसका असली कारण क्या है. हालांकि उन्हें पता है कि यह अक्सर स्वास्थ्य संबंधी या एक रिश्ते में सेक्स सम्बंधित समस्याओं की वजह से ही होता है लेकिन किसकी वजह से क्या होता है, इस निष्कर्ष पर वो अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं.

क्योंकि यह अभी भी एक रहस्य ही है और दर्दपूर्ण सेक्स के कई संभावित कारण हो सकते हैं, इसीलिए इस समस्या का कोई एक समाधान नहीं है. लेकिन फोरप्ले इसमें जरूर मदद कर सकता है. और सिर्फ फोरप्ले नहीं, खूब सारा फोरप्ले! जब एक महिला उत्तेजित होती है तो उसकी श्रोणी की मांसपेशियों को आराम पहुंचता है और योनि भी अच्छी तरह से चिकनाई युक्त हो जाती है. महिलाओं के लिए दर्द-मुक्त, और सुखद सेक्स की ओर यह पहला कदम है. तो धीमा और लंबा फोरप्ले इस दर्द से मुक्ति पाने का पहला उपचार है.

क्या आपको भी सेक्स के समय दर्द होता है?

अंजली के पति अजय को अधिकतर अपने व्यवसाय के सिलसिले में दौरे पर रहना पड़ता है. जब भी वे दौरे से लौटने वाले होते हैं, अंजली को खुशी के बजाय घबराहट होने लगती है, क्योंकि लंबे अंतराल के बाद सेक्स के समय उसे दर्द होता है. इस कारण वह इस से बचना चाहती है. इस मानसिक तनाव के कारण वह अपनी दिनचर्या में भी चिड़चिड़ी होती जा रही है. अजय भी परेशान है कि आखिर क्या वजह है अंजली के बहानों की. क्यों वह दूर होती जा रही है या मेरे शहर से बाहर रहने पर कोई और आ गया है उस के संपर्क में? यदि शारीरिक संबंधों के समय दर्द की शिकायत बनी रही तो दोनों ही इस सुख से वंचित रहेंगे.

दर्द का प्रमुख कारण स्त्री का उत्तेजित न होना हो सकता है, जब वह उत्तेजित हो जाती है तो रक्त का प्रवाह तेज होता है, सांसों की गति तीव्र हो जाती है और उस के अंग में गीलापन आ जाता है. मार्ग लचीला हो जाता है, संबंध आसानी से बन जाता है.

फोरप्ले जरूरी

बगैर फोरप्ले के संबंध बनाना आमतौर पर महिलाओं के लिए पीड़ादायक होता है. फोरप्ले से संबंध की अवधि व आनंद दोनों ही बढ़ जाते हैं. महिलाओं को संबंध के लिए शारीरिक रूप से तैयार होने में थोड़ा समय लगता है. उसे इसे सामान्य बात मानते हुए किसी दवा आदि लेने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. यह देखा गया है कि कुछ दवाएं महिलाओं के गीलेपन में रुकावट पैदा करती हैं. इसीलिए सेक्स को भी एक आम खेल की तरह ही लेना चाहिए. जिस तरह खिलाड़ी खेल शुरू करने से पहले अपने शरीर में चुस्ती व गरमी लाने के लिए अभ्यास करते हैं उसी तरह से वार्मअप अभ्यास करते हुए फोरप्ले की शुरुआत करनी चाहिए. पुरुषों की तुलना में महिलाओं पर इस का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. महिलाओं के शरीर में कुछ बिंदु ऐसे होते हैं जिन्हें हाथों या होंठों के स्पर्श से स्पंदित किया जा सकता है. हलके स्पर्श से सहला कर उन की भावनाओं को जाग्रत किया जा सकता है.

अगर पर्याप्त फोरप्ले के बावजूद गीलापन न हो, उस स्थिति में चिकनाई वाली क्रीम इस्तेमाल की जा सकती है, जो एक प्रकार की जैली होती है. इस को लगाने के बाद कंडोम का प्रयोग करना चाहिए. कुछ कंडोम ऐसे होते हैं, जिन के बाहरी हिस्से में चिकना पदार्थ लगा होता है. इस से पुरुष का अंग आसानी से प्रवेश हो जाता है.

चिकनाईयुक्त कंडोम

यहां यह सावधानी बरतने योग्य बात है कि यदि सामान्य कंडोम प्रयोग किया जा रहा हो तो उस स्थिति में तेल आधारित क्रीम का प्रयोग न करें, क्योंकि तेल कंडोम में इस्तेमाल की गई रबड़ को कमजोर बना देता है व संबंध के दौरान कंडोम के फट जाने की संभावना बनी रहती है. कई बार कंडोम का प्रयोग करने से योनि में दर्द होता है. जलन या खुजली होने लगती है. इस का प्रमुख कारण कंडोम में प्रयोग होने वाली रबड़ से एलर्जी होना हो सकता है. पुरुषों के ज्यादातर कंडोम रबड़ या लैटेक्स के बने होते हैं. आमतौर पर 1 से 2% महिलाओं को इस से एलर्जी होती है. वे इस के संपर्क में आने पर बेचैनी, दिल घबराना यहां तक कि सांस रुकने तक की तकलीफ महसूस करती हैं. अत: यदि पति द्वारा इस्तेमाल कंडोम से ये लक्षण दिखाई पड़ें तो बेहतर है उन्हें अपने कंडोम का ब्रांड बदलने को कहें. इस का कारण कंडोम के ऊपर शुक्राणुओं को समाप्त करने के लिए जो रसायन लगाया जाता है, वह भी एलर्जी का कारण हो सकता है. सामान्य कंडोम का प्रयोग कर के भी इस एलर्जी से नजात पाई जा सकती है. इस के बावजूद यदि समस्या बनी रहे तो पुरुष कंडोम की जगह पत्नी स्वयं महिलाओं के लिए बनाए गए कंडोम का प्रयोग करे.

महिलाओं के कंडोम रबड़ की जगह पोलीयूरेथेन के बने होते हैं. वैसे बाजार में पुरुषों के लिए पोलीयूरेथेन कंडोम भी उपलब्ध हैं. इन के साथ एक बड़ी समस्या यह है कि यह आम रबड़ के बने कंडोम की तुलना में कमजोर होते हैं, संबंध के दौरान इन के फटने की आशंका बनी रहती है. यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि संबंध के दौरान कंडोम के प्रयोग से अनेक लाभ होते हैं. इसके कारण अनचाहे गर्भ से छुटकारा मिलता ही है, रोगों के संक्रमण से भी नजात मिल जाती है.

कहीं आप भी तो नहीं करते स्लीप सैक्स

आप ने आज तक नींद में चलने, नींद में बोलने और नींद में गाड़ी चलाने की आदत के बारे में सुना होगा. लेकिन, आपको बता दें कि कई लोगों को नींद में सैक्स करने से संबंधित विकार भी होता है. इस विकार को स्लीप सैक्स (Sleep sex) कहते हैं. इसको सेक्सोमिया (Sexsomnia) भी कहा जाता है. सेक्सोमिया, पेरासोमिया (Parasomnia) का ही एक प्रकार है.

व्यक्ति के द्वारा नींद में असामान्य व्यवहार करने की स्थिति को पेरासोमिया कहा जाता है. यह नींद का विकार होता है. सेक्सोमिया में व्यक्ति सोते हुए यौन गतिविधियां करता है. जिसमें व्यक्ति के द्वारा हस्तमैथुन, संभोग आदि सभी यौन गतिधियां की जा सकती है.

आइये इस गंभीर विकार के बारे में आगे जानें कि स्लीप सैक्स क्या है, स्लीप सैक्स के लक्षण, कारण और जोखिम कारक, स्लीप सैक्स के लिए क्या परीक्षण किए जाते हैं और इसका इलाज कैसे होता है.

स्लीप सैक्स क्या है

जैसा कि आपको ऊपर बताया जा चुका है कि नींद में सोते हुए व्यक्ति के द्वारा यौन गतिविधियां करना ही स्लीप सैक्स होता है. इसमें व्यक्ति गहरी नींद में हस्तमैथुन व सैक्स तक कर सकता है. यह नींद में सैक्स के सपने आने की स्थिति से बेहद ही अलग होती है. इसमें व्यक्ति नींद में चलने की तरह ही सोते समय यौन गतिविधियों को करता है. सेक्सोमिया नाम से पहचाने जाने वाले इस विकार के कई कारण होते हैं. जिसके आधार पर ही इसके लक्षण सामने आते हैं.

सेक्सोमिया चिकित्सीय क्षेत्र में कुछ वर्षों पहले सामने आया एक नया विकार है. इसका पहला मामला 1986 में दर्ज किया गया था. सेक्सोमिया विकार पर अध्ययन करना बेहद मुश्किल होता है, क्योंकि यह विकार सोते समय कभी भी हो सकता है. इसके होने का कोई निश्चित तरीका नहीं होता है.

स्लीप सैक्स के लक्षण

व्यक्ति के द्वारा सोते हुए सैक्स का सपना देखने के मुकाबले यह विकार काफी अलग व गंभीर होता है. सैक्स के सपने आना एक सामान्य स्थिति हो सकती है. लेकिन, नींद में शारीरिक संबंध बनाना किसी के लिए खरतनाक भी हो सकता है. सेक्सोमिया से ग्रसित व्यक्ति को पता ही नहीं चल पाता कि उसके साथ वास्तव में क्या हो रहा है. विकार से ग्रसित व्यक्ति में सेक्सोमिया के लक्षण सबसे पहले उसके परिजन, साथी, कमरे में साथ रहने वाले साथी या उसके पास सोने वाले मित्र महसूस करते हैं. किसी दूसरे के बताने पर ही व्यक्ति को यह पता चल पाता है कि उसके द्वारा नींद में किस तरह की गतिविधित की जा रही है.

सेक्सोमिया में किया जाने वाला व्यवहार और इसके लक्षण निम्न होते हैं –

  1. सोते हुए फोरप्ले की तरह महसूस करना.
  2. यौन क्रिया की तरह आवाजें निकालना.
  3. बिना उत्तेजना के चरमसुख अनुभव करना.
  4. दिल की धड़कने और सांसों का तेज होना.
  5. श्रोणी में संभोग की तरह गतिविधि करना.
  6. अधिक पसीना आना.
  7. हस्तमैथुन करना.
  8. साथ में सोने वाले के साथ फोरप्ले करना.
  9. साथ में सोए हुए के साथ संभोग करना.
  10. सोते समय किए गए यौन व्यवहार को याद न रख पाना.
  11. संभोग के समय न उठ पाना.
  12. जगाने पर रात की गतिविधियों को पूरी तरह से नकार देना.
  13. रात में चलना और बोलना.
  14. नींद में संभोग के समय आंखे खुली और भावहीन होना.

नींद के दौरान किए जाने वाला सैक्स भावनात्मक तौर पर रोगी को परेशान कर सकता है. इस दौरान व्यक्ति की आंखे खुली भी हो सकती है और लोगों को ऐसा भी लग सकता है कि व्यक्ति जगा हुआ है, जबकि वह नींद की अवस्था में ही ऐसा करता है.

डौक्टर से कब मिलें?

इस तरह के मामले आगे चलकर काफी गंभीर रूप धारण कर सकते हैं. सेक्सोमिया में सोते समय हस्तमैथुन करना आपके लिए समस्या का कारण बन सकता है. सेक्सोमिया में पीड़ित व्यक्ति की शादीशुदा जिंदगी पर भी खराब असर पड़ता है. इससे दोनों ही साथियों के रिश्ते में दरार आने लगती है. इन सभी कारणों के चलते आपको सेक्सोमिया में तुरंत डौक्टरी सलाह लेनी चाहिए. अगर कुछ सप्ताह से आपको सेक्सोमिया के लक्षण लगातार दिखाई दे रहें हैं तो आपको किसी विशेषज्ञ से मिलकर इस समस्या का इलाज शुरू करवाना चाहिए. अगर आपको इस बारे में कुछ समझ न आए तो आप अपने पारिवारिक डौक्टर की भी सलाह से सकते हैं.

स्लीप सैक्स के कारण

अन्य तरह के पेरासोमिया के अनुसार ही सेक्सोमिया में भी व्यक्ति का दिमाग गहरी नींद की अवस्था में सही तरह से कार्य नहीं कर पाता है. इस समस्या के कारण व्यक्ति को सुबह उठने पर पता ही नहीं चल पाता है कि वह कहां है. नींद में यौन गतिविधियों के सही कारणों का पता लगाना बेहद ही मुश्किल होता है. इस विकार की जाँच करने के बाद ही पता चल पाता है कि आपकी जीवनशैली में बदलाव, किसी प्रकार की दवाओं के सेवन या चिकित्सीय कारण आदि,  किन वजहों के चलते नींद के नियमित तरीके में बदलाव आया है.

अभी तक स्लीप सैक्स के सही कारणों का पता नहीं चल पाया है, परंतु इसको उत्तेजित (यौन व्यवहार के होने की तीव्रता) करने वाले कुछ कारण निम्नतः बताए जाते हैं –

  1. नींद में कमीं होना.
  2. अधिक थकान होना.
  3. अत्यधिक शराब पीना.
  4. नशीली दवाओं का उपयोग.
  5. चिंता.
  6. तनाव.
  7. सही तरह से नींद न आना.
  8. तनाव वाला काम करना या काम के घंटे ज्यादा होना.
  9. यात्रा करना.
  10. किसी व्यक्ति के साथ एक ही बिस्तर पर सोना.

कुछ निम्न तरह की चिकित्सीय स्थितियां, सेक्सोमिया होने की जोखिम कारक मानी जाती हैं –

  1. औब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (Obstructive Sleep Apnea/ नींद में सांस लेने में बाधा होना)
  2. रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (Restless leg syndrome/ पैरों में नियंत्रण न रहना)
  3. गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (Gastroesophageal reflux disease/ Gerd/ बार-बार एसिडिटी होना)
  4. इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (rritable Bowel Syndrome/ बड़ी आंत संबंधी विकार)
  5. पहले कभी पेरासोमिया हुआ हो, जैसे – सोते समय चलने या बोलने की आदत का होना.
  6. क्रोहन रोग (Crohn’s disease: पाचन तंत्र में सूजन आना)
  7. कोलाइटिस (Colitis/ बड़ी आंत में सूजन होना) (और पढ़ें – आंतों में सूजन का इलाज)
  8. अल्सर/ छाले (Ulcers) (और पढ़ें – छाले का घरेलू उपाय)
  9. माइग्रेन (Migrane/ सिर दर्द) (और पढ़ें – माइग्रेन के घरेलू उपाय)
  10. मिर्गी होना या शारीरिक अंगों का काम न कर पाना.
  11. सिर में गंभीर चोट आना.
  12. चिंता और अवसाद की दवाएं लेना. (और पढ़ें – अवसाद के घरेलू उपाय)
  13. बचपन में यौन अपराध का शिकार होना.
  14. पार्किंसन रोग होना.

स्लीप सैक्स का परीक्षण

इस विकार परीक्षण के लिए किसी डौक्टर से मिलने से पहले आपको अपने आसपास के उन लोगों से बात करनी होगी, जिन्होंने सोते समय आपकी यौन गतिविधियों की सही स्थिति को देखा हो. इसके बाद आप उनकी सभी बातों को किसी डायरी में लिख लें. इसके अलावा आपको दो-तीन दिनों में यौन गतिविधियों के नियमित तरीके को भी समझना होगा. दो चार दिनों की यौन गतिविधियों के आकंडों से डौक्टर को आपके विकार के बारे में सही तरह से जानने का मौका मिलेगा. अगर आपकी बात से डौक्टर सही स्थिति का पता नहीं लगा पाते हैं तो वह आपके सोने की स्थिति पर अध्ययन करेंगे.

चिकित्सीय जांच के विशेषज्ञों के द्वारा ही नींद की स्थिति का अध्ययन किया जाता है. इस टेस्ट को ‘पोलीसोम्नोग्राफी’ कहा जाता है. इसमें नींद के दौरान आपकी निम्न आधार पर जांच होती है –

  1. मस्तिष्क तरंगे.
  2. हृदय दर.
  3. सांस लेने का तरीका.
  4. आंखों और पैरों के संचालन का तरीका.

जांच के दौरान आपको परीक्षण केंद्र पर एक रात सोने के लिए भी कहा जा सकता है. एक रात में विकार के कारणों को समझने में मुश्किल होने पर डौक्टर आपको कुछ और रातें केंद्र पर सोने के लिए कह सकते हैं. इसके बाद भी विकार के कारणों का सही पता न लगने पर डौक्टर आपको कई अन्य परीक्षण की भी सलाह दे सकते हैं.

स्लीप सैक्स का इलाज

सही समय पर सोने और जगाने की नियमित आदत से आप स्लीप सैक्स विकार को आसानी से दूर कर सकते हैं. सेक्सोमिया के लक्षणों को दूर करने के बाद व्यक्ति को सही तरह से नींद आने लगती है. सामान्यतः स्लीप सैक्स के कारणों को समझने में लंबा समय लगता है.

सेक्सोमिया के लिए दवाएं –

सेक्सोमिया से संबंधित लक्षणों के इलाज के लिए दवाओं के प्रयोग करने से इस विकार में राहत मिलती है. इसमें आपकी नींद में बाधा आने वाले कारण, जैसे – स्लीप एप्निया का इलाज करने से सेक्सोमिया की समस्या कम होती है.

सेक्सोमिया के चिकित्सीय इलाज में शामिल हैं –

  1. चिंता और अवसाद को दूर करने वाली दवाओं का सेवन करें.
  2. नाक से सांस लेने की प्रक्रिया को सही करने के लिए सीपीएपी थेरेपी लेना.
  3. दर्द से राहत देने वाली दवाएं लेना.
  4. एसिडिटी को कम करने वाली दवाएं लेना.

जीवन शैली में क्या बदलाव करें-

सेक्सोमिया के इलाज के लिए जीवनशैली में भी बदलाव करना जरूरी होता है. सेक्सोमिया के लक्षण से आपके आसपास के लोगों को भी नकारात्मक प्रभाव झेलना पड़ता है. इसके लिए आपको रात में अलग या अकेले ही सोना चाहिए. सेक्सोमिया के कई मरीजों ने रात में अकेले सो कर और बेडरूम के दरवाजे पर अलार्म लगाकर भी अपने लक्षणों को कम किया है.

मनोचिकित्सक से मिलें

सेक्सोमिया के कारण होने वाली शर्मिंदगी को दूर करने के लिए आप मनोचिकित्सक से मिल सकते हैं. इस विकार के लक्षणों के चलते व्यक्ति मानसिक और भावनात्मक रूप से हताश हो जाता है, ऐसे में उसको मनोचिकित्सक से मिलने की आवश्यकता होती है. क्योंकि कई मामलों में सेक्सोमिया के लक्षण पीड़ित व्यक्ति के साथी के लिए भी समस्या का कारण बन सकते हैं.

स्लीप सैक्स से बचाव

अगर स्लीप सैक्स शराब और नशीली दवाओं के कारण हो रहा हो, तो आपको तुरंत इस तरह की दवाओं को लेना बंद करना होगा. इसके अलावा कई बार किसी रोग के लिए डौक्टर के द्वारा बताई जाने वाली दवाओं के सेवन और इसके विपरीत प्रभाव के कारण भी यह समस्या हो जाती है. अगर आप ऐसा महसूस करें तो इन दवाओं का सेवन रोक दें और इसकी जगह पर डौक्टरी सलाह के बाद कोई अन्य दवा लेना शुरू करें. स्लीप सैक्स के सही कारणों को समझकर आपको या डॉक्टर को इसका इलाज करना होता है.

सेक्स अच्छा तो है, लेकिन क्यों..?

अपने साथी के साथ सेक्स करने से आप बेहतर महसूस करते हैं और यह आपके लिए अच्छा भी है. जो भी व्यक्ति किसी स्वस्थ खुशनुमा रिश्ते में है या रह चुका है, वो इस बात से इंकार नहीं कर सकता. लेकिन इसके पीछे विज्ञान भी है. शोधकर्ता अनिक डेबरोत ने 2016 के इंटरनेशनल असोसीएशन फौर रेलेशन्शिप रीसर्च कांफ्रेंस के दौरान बताया. ‘दुनिया भर के देशों में हुई रिसर्च ये सिद्ध करती हैं कि अपने साथी के साथ अक्सर सेक्स करने से लोगों का जीवन खुशनुमा और संतुष्टिदायक होता है.”

सेक्स और लगाव

नियमित सेक्स रिश्तों के लिए अच्छा है, ये बात तो हम सब जानते हैं. लेकिन ऐसा क्यूं है, इस बारे में शोधकर्ता निश्चित नहीं थे. डेबरोत को विश्वास था कि ये सिर्फ शरीर की जरूरत और लाजवाब ओर्गैजम तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इसके पीछे एक और मीठी वजह थी, प्यार. जब आप और आपका साथी एक दूसरे को ये एहसास दिलाते हैं कि उन्हें आप और आपको वो बहुत पसंद हैं. लेकिन विश्वास होना और तथ्यों की पुष्टि होना दो अलग बातें हैं. इसलिए अपने शोधकर्ता दल के साथ मिलकर अनिक ने अधिक सेक्स करना, अच्छे एहसास का होना और लगाव होना के बीच के सम्बन्ध को लेकर खोजबीन शुरू की.

इस अध्यन के लिए उन्होंने ऐसे जोड़ों को शामिल किया जो गम्भीर रिश्तों में थे और उनसे दो तरह के लगाव के बारे में पूछा, पहला अपने साथी को स्पर्श करने के बारे में और दूसरा कोई भी ऐसी चीज जिससे उन्हें प्यार का एहसास होता है- फिर चाहे वो उसके द्वारा कहे गए शब्द हों या कोई ऐसा काम जो उनका साथी उनके लिए करता है. तीसरे चरण में उन्होंने इस बात पर ध्यान दिया कि इन लोगों के बीच सेक्स कितना नियमित है, अपने साथी के लिए उनके मन में कितना लगाव है और यह सब उनकी खुशी के लिए कितना मायने रखता है.

अधिक संतुष्ट रिश्ते

प्यार भरा स्पर्श बेशक एक अच्छा एहसास है, ऐसा रिसर्च ने दर्शाया. उन्होंने पाया कि जो लोग अधिक सेक्स करते हैं उनके जीवन में, खुशी और संतुष्टि के भाव थे और इसके पीछे का एक कारण उनके जीवन में शारीरिक प्यार का होना था.

लेकिन हम सिर्फ छोटे समय के लिए या सेक्स के तुरंत बाद के मूड या सोच के बारे में बात नहीं कर रहे. अध्ययन दर्शाता है कि अच्छे भाव, संतुष्टिपूर्वक सम्बन्ध समय के साथ बढ़ते हैं. रोज के घटनाक्रमों के आधार पर ये कहा जा सकता है कि सेक्स करने से एक दूसरे के प्रति सकारात्मक भावनाओं में बढ़त आती है जो आप दोनों के प्यार को और गहरा बनाती है.

डेबरोत कहती हैं, “सेक्स आपके साथी के प्रति आपके लगाव को बढ़ावा देता है और आप दोनों में नज़दीकियां बढ़ाता है. यही है वो सेक्स का सकारात्मक पहलू जिससे जीवन में खुशियां बनी रहती हैं.”

जी हां, लगाव और स्नेह सेक्स और खुशियों के बीच की कड़ी है. कुछ और पहलू भी महत्व रखते हैं जैसे अपने साथी के स्पर्श से तनाव के हार्मोन कोर्टिसोल में कमी आती है और ऑक्सीटोसन के परवाह में वृद्धि, जो अंतरंगता को बढ़ाता है.

स्पर्श और लगाव

सेक्स के अलावा स्पर्श का क्या? एक और अध्ययन में डेबरोत ने पाया कि अपने साथी को यह महसूस कराना कि वो आपको बहुत अच्छे लगते हैं, आपके लिए अच्छा है. “यह अच्छा एहसास केवल उसी पल के लिए नहीं होता बल्कि धीरे धीरे और मज़बूत होता है और जीवन को ख़ुशनुमा बनाने में मदद करता है,” डेबरोत बताती हैं.

तो डेबरोत की शोध से हम क्या सीख ले सकते हैं? स्नेह का प्रदर्शन! “चाहे शब्दों के जरिए हो या प्यार भरे स्पर्श के जरिये, चाहे सेक्स के जरिए हो या उनकी छोटी खुशियों का ध्यान रखकर, ये हमेशा आपके रिश्ते और खुशियों के लिए मददगार ही होगा.”

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