मेरी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है, क्या करूं?

सवाल

मैं 24 वर्षीय नौजवान हूं और पापा का बिजनैस संभाल रहा हूं. मेरे सभी दोस्तों की गर्लफ्रैंड हैं लेकिन मेरी कभी कोई गर्लफ्रैंड नहीं बनी. ऐसी बात नहीं कि मैं देखने में अच्छा नहीं लगता बल्कि मेरी पर्सनैलिटी देख कर सब कहते हैं कि मैं छिपा रहा हूं कि मेरी गर्लफ्रैंड नहीं है. उन्हें क्या पता कि मेरी वाकई में कोई गर्लफ्रैंड नहीं. मुझे अच्छा नहीं लगता. इस वजह से आजकल मैं उदास रहने लगा हूं. लाइफ बोर लगने लगी है. अभी शादी भी नहीं करना चाहता. क्या करूं?

जवाब

आप जिंदगी से नाराज क्यों हैं. गर्लफ्रैंड नहीं है तो न सही, इस में उदास होने की क्या बात है. आप अकेले हैं क्या जिस की गर्लफ्रैंड नहीं है. आप जैसे हजारों लड़के होंगे. क्या वे जिंदगी के मजे नहीं उठा रहे. अरे भई, क्या कभी सोचा है कि गर्लफ्रैंड के न रहने से आप की जिंदगी कितनी बेहतर हो सकती है? नहीं जानते तो हम बताते हैं. सब से बड़ा फायदा यह है कि गर्लफ्रैंड न होने से आप किसी भी लड़की के साथ घूमफिर सकते हैं. आप को हर वक्त कोई रोकनेटोकने वाला नहीं होता. दूसरा, आप कभी भी नाइटआउट के लिए बाहर जा सकते हैं.

इतना ही नहीं, आप को अपने दोस्तों से मिलने के लिए किसी को जवाब नहीं देना पड़ता. तीसरा, आप की जिंदगी में अगर लड़की न हो तो आप अपने हिसाब से रह सकते हैं. आप को किसी की पसंद से कुछ भी पहनने की जरूरत नहीं होती. चौथी बात, पैसों की बचत तो है ही. गर्लफ्रैंड को खुश रखने के लिए जेब तो ढीली करनी ही पड़ती है और आखिरी बात, गर्लफ्रैंड न होने का सब से बड़ा फायदा यह है कि आप के पास अपने लिए काफी समय होता है. आप जो चाहे वह कर सकते हैं.

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सुहागरात पर मसाज का मजा लिया क्या?

अमूमन यह माना जाता है कि सुहागरात पर जिस्मानी रिश्ता तो हर कीमत पर बनना ही चाहिए. दूल्हे के दिमाग में तो यह भर दिया जाता है कि पहली रात को ही अपनी दुलहन को अपने जिस्म से मसल देना. बहुत सी लड़कियां भी सुहागरात पर ऐसा ही कुछ चाहती हैं कि उन का दूल्हा बादाम का दूध पीने के बाद उस की पूरी कीमत वसूले.

लेकिन एक बड़ा सच यह भी होता है कि अपनी शादी की रस्मों की थकावट के बाद दूल्हा और दुलहन इस कदर परेशान हो चुके होते हैं कि वे सुहारागत पर सेक्स से ज्यादा मसाज की चाहत रखते हैं. लिहाजा, जब दूल्हा-दुलहन अपने कमरे में बंद होते हैं तो वे एकदूसरे को मसाज दे कर शुरू होने वाले रिश्ते को नई गरमाहट दे सकते हैं.

उत्तर प्रदेश के एक नौजवान ने यही तरीका अपनाया था. उस की बरात बहुत दूर किसी ठेठ देहात में गई थी. शादी हुई और दुलहन चल पड़ी अपने ससुराल. हालांकि वह नौजवान कार से अपनी दुलहन को घर ला रहा था, पर रास्तेभर उस ने देखा कि उस की नई नवेली दुल्हन अपने भारी लहंगे और नींद की खुमारी में हद से ज्यादा परेशान थी.

ससुराल में भी रस्मों के नाम पर दुलहन की चकरघिन्नी बना दी गई. रात हुई तो उसे सुहाग सेज के लिए सजा दिया गया, पर असल में तो यह उस के लिए बहुत बड़ी सजा थी.

रात को जब पति कमरे में आया तो दुल्हन की सांसें ऊपर-नीचे होने लगीं, पर वह नौजवान बड़ा समझदार निकला. उस ने चंद बातें करने के बाद अपनी दुलहन को एक नाइटी गिफ्ट की और खुद भी कपड़े बदल कर बिस्तर पर एक तरफ लेट गया.

जब दुलहन नाइटी पहन कर कमरे में आई तो उस का हाथ पकड़ कर अपने पास लिटा लिया. थोड़ी देर में ही उस नौजवान के हाथ अपनी पत्नी के बदन से ऐसे खेलने लगे जैसे कोई मसाज करता है. पत्नी को थोड़ा आराम मिला तो पति ने लाइट बंद कर के उस की अपने मजबूत हाथों से इस तरह अच्छी मसाज की कि पत्नी उस के आगोश में ही सो गई. पत्नी की सारी थकावट जो उतर गई थी.

इस के बाद तो पत्नी की नींद सुबह 5 बजे ही टूटी. पति बगल में सो रहा था. पत्नी ने उसे प्यार से चूम लिया. पति की नींद खुल गई. उस ने दोबारा अपनी पत्नी को गले से लगा लिया.

पत्नी ने कहा, ‘‘अब मेरी बारी. आप भी तो बहुत थके हुए लग रहे हैं.’’

रात को पति से जो मसाज करने का गुर सीखा था, पत्नी ने वही अपनाया. कुछ देर बाद ही पति की नींद काफूर हो गई. अब तो वे दोनों पूरी तरह खुल चुके थे और बड़े तरोताजा लग रहे थे. पति ने इसी बात का फायदा उठाते हुए अपनी पत्नी को चूम लिया. इस के बाद उन दोनों के बीच वही हुआ जिस की सुहागरात पर उन से उम्मीद की जा रही थी और हुआ भी बड़े अच्छे तरीके से.

मेरा बौयफ्रेंड मुझ पर शादी का दबाव बना रहा है, क्या करूं?

सवाल 

मेरी उम्र 20 साल है. मैं एक लड़के से प्यार करती हूं. वह भी मुझ से बहुत प्यार करता है. वह मुझ से शादी करना चाहता है पर मैं चाहती हूं कि अभी कैरियर पर ध्यान दूं फिर शादी करूं. वह शादी के लिए बहुत दबाव बना रहा है और मेरे मना करने पर मुझ से बातचीत तक नहीं कर रहा. मैं क्या करूं?

जवाब 

आप बिलकुल सही हैं. आजकल लड़कियों को सब से पहले अपने कैरियर पर ही ध्यान देना चाहिए. इस के लिए आप अपने प्रेमी को समझाने की कोशिश कीजिए. अगर वह नहीं मानता है तो यह समय आप के पढ़ाईलिखाई के लिए यानी कैरियर बनाने के लिए है. बौयफ्रैंड से ज्यादा जरूरी आप का कैरियर है. अभी सिर्फ अपने कैरियर पर ही ध्यान दें तो ज्यादा बेहतर है.

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अंग का आकार : क्या बड़ा है तो बेहतर है?

काफी समय पहले की बात है. करन जौहर अपने इंगलिश टेलीविजन शो ‘कौफी विद करन’ में अक्षय कुमार और उन की पत्नी ट्विंकल खन्ना से सवालजवाब कर रहे थे.

करन जौहर ने ट्विंकल खन्ना से पूछा कि अक्षय में ऐसा क्या है जो खान (शाहरुख, आमिर और सलमान वगैरह) में नहीं है?

इस पर ट्विंकल खन्ना ने तपाक से कहा, “कुछ इंच ज्यादा का फर्क है.”

यह सुन कर अक्षय शरमा से गए और करन अपने चिरपरिचित अंदाज में खीसें निपोरने लगे.

उस समय बाद में चाहे ट्विंकल खन्ना ने कहा कि वे अक्षय के पैरों (जूते) के साइज का जिक्र कर रही थीं, पर उन की इस डबल मीनिंग वाली बात ने दर्शकों को हैरान के साथसाथ हंसने पर भी मजबूर कर दिया था.

आम जिंदगी की बात करें तो जवानी फूटते ही लड़कों को यह बात ज्यादा हैरानपरेशान करती है कि क्या उन के अंग का साइज इतना है कि वे अपनी पत्नी या प्रेमिका को जिस्मानी तौर पर संतुष्ट कर पाएंगे?

कभीकभी तो अपने अंग के साइज को ले कर नौजवान इतने आतंकित हो जाते हैं कि सार्वजनिक शौचालयों में चिपके नीमहकीमों के अंग के फौलादी और लंबे होने के इश्तिहारों पर इतने मुग्ध हो जाते हैं कि बिना सोचेसमझे उन से अधकचरी जानकारी ले लेते हैं और अपना पैसा लुटवा देते हैं.

रमेश के साथ ऐसा ही हुआ. शादी से पहले उस के दोस्तों ने उसे एक ब्लू फिल्म दिखा दी. उस फिल्म के मर्द कलाकार का अंग बहुत बड़ा था और इस वजह से औरत कलाकार को खूब मजे आए थे.

चूंकि रमेश का अंग उतना बड़ा नहीं था तो वह तनाव में आ गया. सुहागरात पर उस के मन में डर बैठ गया कि वह अपनी पत्नी को बड़े अंग का सुख नहीं दे पाएगा और उस की शादी शुरुआत में ही नरक बन जाएगी.

इस का नतीजा यह हुआ कि रमेश सुहागरात पर पत्नी के नजदीक जाने से कतराने लगा. उस रात तो पत्नी ने ज्यादा कुछ नहीं सोचा, पर जब हर रात रमेश उस से दूर रहने लगा तो उस का माथा ठनका.

ज्यादा जोर देने पर रमेश ने इस समस्या की तरफ इशारा किया. पत्नी पढ़ीलिखी और बहुत समझदार थी तो उस ने रमेश का यह वहम दूर करने के लिए एक काबिल सैक्स डाक्टर का सहारा लिया.

जब डाक्टर को यह बात पता चली तो उस ने रमेश को समझाते हुए कहा, “रमेश, यह अकेले तुम्हारी ही समस्या नहीं है, बल्कि बहुत से लोग इस छोटी सी बात का बड़ा बना कर अपनी शादीशुदा जिंदगी को खराब कर लेते हैं.

“दुनिया में हर मर्द के अंग का साइज, उस का मोटापन अलगअलग हो सकता है. अमूमन यह सख्त होने पर औसतन 5 से 6 इंच का होता है. किसी का अंग इस से छोटा या बड़ा भी हो सकता है. वैसे, अगर किसी का सख्त अंग, अगर वह 2 इंच का भी हो तो, औरत को संतुष्ट करने के लिए काफी होता है.”

यह सुन कर रमेश के कान खड़े हुए और उस ने पूछा, “वह कैसे?”

इस पर डाक्टर ने बताया, “किसी औरत का उस के अंग का अगला डेढ़ से 2 इंच का हिस्सा ही संवेदनशील होता है, जहां मरदाना अंग की रगड़ से उसे मजा आता है. बात अंग के साइज की नहीं रगड़ की होती है कि वह आप ने कितनी बार किया है.”

“मतलब?” रमेश ने पूछा.

मतलब यह कि तुम अपनी पत्नी के साथ कितनी देर तक जिस्मानी रिश्ता बनाते हो, वह ज्यादा जरूरी है न कि तुम्हारा अंग कितना बड़ा है. इस में फोरप्ले और आफ्टरप्ले का रोल भी बड़ा अहम होता है.”

“फोरप्ले और आफ्टरप्ले क्या बला है?

रमेश के यह पूछने पर डाक्टर ने कहा, “जिस्मानी रिश्ता बनाने से पहले और बाद का प्यार. फोरप्ले में पत्नी के अंगों को चूमना, मसलना, उन्हें सहलाना, प्यार भरी बातें करना होता है, जिस से तुम्हारे अंग में पूरा तनाव आ जाएगा और पत्नी को जोश. बहुत सी औरतों को यह फोरप्ले इतना पसंद आता है कि वे इस में पति का भरपूर साथ देती हैं और रात को रंगीन बना देती हैं. इस से जिस्मानी रिश्ता भी काफी देर तक टिक पाता है.

“जब पतिपत्नी जिस्मानी रिश्ता बना कर संतुष्ट हो चुके होते हैं, तब बहुत से थकेहारे मर्द मुंह फेर कर सो जाते हैं और पत्नी बेचारी सिसकती रहती है. यहां पर आफ्टरप्ले काम आता है. इस में भी पतिपत्नी का एकदूसरे की बांहों में समाना, बालों को सहलाना, चूमना और नींद के आगोश में ले जाना शामिल होता है.

“जब यह सब पूरा होता है तो इस से पतिपत्नी का प्यार ज्यादा बढ़ जाता है और वे जिस्मानी रिश्ता बनाने का भरपूर मजा लेते हैं.”

“इस का मतलब मेरे अंग के साइज में कोई दिक्कत नहीं है?”

बिलकुल नही, बल्कि कभीकभार तो ज्यादा बड़े और मोटे साइज का अंग औरत को दर्द दे सकता है और जिस्मानी सुख को फीका कर सकता है.”

यह सुन कर रमेश को बड़ी राहत मिली. उस ने उसी रात अपनी सुहागरात मनाई और फोरप्ले और आफ्टरप्ले का भी ध्यान रखा. इस का बड़ा ही सुखद नतीजा रहा, पति और पत्नी दोनों के लिए.

मुझे अपनी सेक्रेटरी से प्यार हो गया है लेकिन मैं अपनी पत्नी को नहीं छोड़ना चाहता, क्या करूं?

सवाल
मेरी उम्र 28 वर्ष है और मेरी शादी को 3 साल हो गए हैं. मेरी पत्नी काफी अच्छी है. लेकिन पिछले 3 महीनों से मुझे अपनी सहकर्मी से प्यार हो गया है और वह भी मुझ से प्यार करने लगी है जिस से मैं अब अपनी पत्नी को इग्नोर करने लगा हूं. इस बात से वह बहुत दुखी है. मैं न तो अपनी पत्नी को छोड़ना चाहता हूं और न ही उसे. आप ही बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए.

जवाब
देखिए, जिस राह पर आप चल रहे  हैं उस में डूबने की आशंका है क्योंकि आप विवाहित हैं. आप एक नहीं बल्कि कई जिंदगियों से खेल रहे हैं. जब आप की पत्नी अच्छी है, तो आप को बाहर किसी दूसरी महिला की तरफ देखना ही नहीं चाहिए. और अगर आप आकर्षित हो भी गए हैं तो उस महिला को प्यार से समझाएं कि मेरी पत्नी है जिसे मैं ऐसा कर के धोखा दे रहा हूं और तुम्हें भी. इसलिए मुझे मेरी गलती के लिए माफ कर दो और पत्नी को भी भरोसा दिलाएं कि आगे से ऐसा नहीं होगा. वरना आप की एक भूल आप की जिंदगी खराब कर देगी जिस का पछतावा आप को जीवनभर रहेगा.

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गलतफहमियां जब रिश्तों में जगह बनाने लगें

राधा और अनुज की शादी को 2 वर्ष हो चुके हैं. राधा को अपनी नौकरी की वजह से अकसर बाहर जाना पड़ता है. वीकैंड पर जब वह घर पर होती है, तो कुछ वक्त अकेले, पढ़ते हुए या आराम करते हुए गुजारना चाहती है या फिर घर के छोटेमोटे काम करते हुए समय बीत जाता है.

अनुज जो हफ्ते में 5 दिन उसे मिस करता है, चाहता है कि वह उन 2 दिनों में अधिकतम समय उस के साथ बिताए, दोनों साथ आउटिंग पर जाएं, मगर राधा जो ट्रैवलिंग करतेकरते थक गई होती है, बाहर जाने के नाम से ही भड़क उठती है. यहां तक कि फिल्म देखने या रेस्तरां में खाना खाने जाना भी उसे नागवार गुजरता है.

अनुज को राधा का यह व्यवहार धीरेधीरे चुभने लगा. उसे लगने लगा कि राधा उसे अवौइड कर रही है. वह शायद उस का साथ पसंद नहीं करती है जबकि राधा महसूस करने लगी थी कि अनुज को न तो उस की परवाह है और न ही उस की इच्छाओं की. वह बस अपनी नीड्स को उस पर थोपना चाहता है. इस तरह अपनीअपनी तरह से साथी के बारे में अनुमान लगाने से दोनों के बीच गलतफहमी की दीवार खड़ी होती गई.

अनेक विवाह छोटीछोटी गलतफहमियों को न सुलझाए जाने के कारण टूट जाते हैं. छोटी सी गलतफहमी को बड़ा रूप लेते देर नहीं लगती, इसलिए उसे नजरअंदाज न करें. गलतफहमी जहाज में हुए एक छोटे से छेद की तरह होती है. अगर उसे भरा न जाए तो रिश्ते के डूबने में देर नहीं लगती.

भावनाओं को समझ न पाना

गलतफहमी किसी कांटे की तरह होती है और जब वह आप के रिश्ते में चुभन पैदा करने लगती है तो कभी फूल लगने वाला रिश्ता आप को खरोंचें देने लगता है. जो युगल कभी एकदूसरे पर जान छिड़कता था, एकदूसरे की बांहों में जिसे सुकून मिलता था और जो साथी की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता था, उसे जब गलतफहमी का नाग डसता है तो रिश्ते की मधुरता और प्यार को नफरत में बदलते देर नहीं लगती. फिर राहें अलगअलग चुनने के सिवा उन के पास कोई विकल्प नहीं बचता.

आमतौर पर गलतफहमी का अर्थ होता है ऐसी स्थिति जब कोई व्यक्ति दूसरे की बात या भावनाओं को समझने में असमर्थ होता है और जब गलतफहमियां बढ़ने लगती हैं, तो वे झगड़े का आकार ले लेती हैं, जिस का अंत कभीकभी बहुत भयावह होता है.

रिलेशनशिप ऐक्सपर्ट अंजना गौड़ के अनुसार, ‘‘साथी को मेरी परवाह नहीं है या वह सिर्फ अपने बारे में सोचता है, इस तरह की गलतफहमी होना युगल के बीच एक आम बात है. अपने पार्टनर की प्राथमिकताओं और सोच को गलत समझना बहुत आसान है, विशेषकर जब बहुत जल्दी वे नाराज या उदास हो जाते हों और कम्यूनिकेट करने के बारे में केवल सोचते ही रह जाते हों.

‘‘असली दिक्कत यह है कि अपनी तरह से साथी की बात का मतलब निकालना या अपनी बात कहने में ईगो का आड़े आना, धीरेधीरे फूलताफलता रहता है और फिर इतना बड़ा हो जाता है कि गलतफहमी झगड़े का रूप ले लेती है.’’

वजहें क्या हैं

स्वार्थी होना: पतिपत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने और एकदूसरे पर विश्वास करने के लिए जरूरी होता है कि वे एकदूसरे से कुछ न छिपाएं और हर तरह से एकदूसरे की मदद करें. जब आप के साथी को आप की जरूरत हो तो आप वहां मौजूद हों. गलतफहमी तब बीच में आ खड़ी होती है जब आप सैल्फ सैंटर्ड होते हैं. केवल अपने बारे में सोचते हैं. जाहिर है, तब आप का साथी कैसे आप पर विश्वास करेगा कि जरूरत के समय आप उस का साथ देंगे या उस की भावनाओं का मान रखेंगे.

मेरी परवाह नहीं: पति या पत्नी किसी को भी ऐसा महसूस हो सकता है कि उस के साथी को न तो उस की परवाह है और न ही वह उसे प्यार करता है. वास्तविकता तो यह है कि विवाह लविंग और केयरिंग के आधार पर टिका होता है. जब साथी के अंदर इग्नोर किए जाने या गैरजरूरी होने की फीलिंग आने लगती है तो गलतफहमियों की ऊंचीऊंची दीवारें खड़ी होने लगती हैं.

जिम्मेदारियों को निभाने में त्रुटि होना: जब साथी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने या उठाने से कतराता है, तो गलतफहमी पैदा होने लगती है. ऐसे में तब मन में सवाल उठने स्वाभाविक होते हैं कि क्या वह मुझे प्यार नहीं करता? क्या उसे मेरा खयाल नहीं है? क्या वह मजबूरन मेरे साथ रह रहा है? गलतफहमी बीच में न आए इस के लिए युगल को अपनीअपनी जिम्मेदारियां खुशीखुशी उठानी चाहिए.

वैवाहिक सलाहकार मानते हैं कि रिश्ता जिंदगी भर कायम रहे, इस के लिए 3 मुख्य जिम्मेदारियां अवश्य निभाएं-अपने साथी से प्यार करना, अपने पार्टनर पर गर्व करना और अपने रिश्ते को बचाना.

काम और कमिटमैंट: आजकल जब औरतों का कार्यक्षेत्र घर तक न रह कर विस्तृत हो गया है और वे हाउसवाइफ की परिधि से निकल आई हैं, तो ऐसे में पति के लिए आवश्यक है कि वह उस के काम और कमिटमैंट को समझे और कद्र करे. बदली हुई परिस्थितियों में पत्नी को पूरा सहयोग दे. रिश्ते में आए इस बदलाव को हैंडल करना पति के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि यह बात आज के समय में गलतफहमी की सब से बड़ी वजह बनती जा रही है. इस के लिए दोनों को ही एकदूसरे के काम की कमिटमैंट के बारे में डिस्कस कर उस के अनुसार खुद को ढालना होगा.

धोखा: यह सब से आम वजह है. यह तब पैदा होती है जब एक साथी यह मानने लगता है कि उस के साथी का किसी और से संबंध है. ऐसा वह बिना किसी ठोस आधार के भी मान लेता है. हो सकता है कि यह सच भी हो, लेकिन अगर इसे ठीक से संभाला न जाए तो निश्चित तौर पर यह विवाह के टूटने का कारण बन सकता है. अत: आप को जब भी महसूस हो कि आप का साथी किसी उलझन में है और आप को शक भरी नजरों से देख रहा है तो तुरंत सतर्क हो जाएं.

दूसरों का हस्तक्षेप: जब दूसरे लोग चाहे वे आप के ही परिवार के सदस्य हों या मित्र अथवा रिश्तेदार आप की जिंदगी में हस्तक्षेप करने लगते हैं तो गलतफहमियां खड़ी हो जाती हैं. ऐसे लोगों को युगल के बीत झगड़ा करा कर संतोष मिलता है और उन का मतलब पूरा होता है. यह तो सर्वविदित है कि आपसी फूट का फायदा तीसरा व्यक्ति उठाता है. पतिपत्नी का रिश्ता चाहे कितना ही मधुर क्यों न हो, उस में कितना ही प्यार क्यों न हो, पर असहमति या झगड़े तो फिर भी होते हैं और यह अस्वाभाविक भी नहीं है. जब ऐसा हो तो किसी तीसरे को बीच में डालने के बजाय स्वयं उन मुद्दों को सुलझाएं जो आप को परेशान कर रहे हों.

सैक्स को प्राथमिकता दें: सैक्स संबंध शादीशुदा जिंदगी में गलतफहमी की सब से अहम वजह है. पतिपत्नी दोनों ही चाहते हैं कि सैक्स संबंधों को ऐंजौय करें. जब आप दूरियां बनाने लगते हैं, तो शक और गलतफहमी दोनों ही रिश्ते को खोखला करने लगती हैं. आप का साथी आप से खुश नहीं है या आप से दूर रहना पसंद करता है, तो यह रिश्ते में आई सब से बड़ी गलतफहमी बन सकती है.

मैं अपनी वाइफ को सैक्स में खुश नहीं कर पाता हूं, क्या करूं?

सवाल

मैं 26 वर्षीय युवक हूं. हाल ही में विवाह हुआ है. शादी को लेकर मैं बहुत एक्साइटेड था पर अब पता नहीं क्यों मैं वाइफ के साथ सैक्स करते हुए अचानक ही ढीला पड़ जाता हूं. डिप्रैशन में आ जाता हूं. क्या डाक्टर से मिलूं?

जवाब

पुरुषों में यह एक आम समस्या है. कामेच्छा के समय पेनिस में तनाव न आना या आते ही पेनिस का ढीला पड़ जाना इरैक्टाइल डिस्फंक्शन कहलाता है. इस का प्रमुख कारण शारीरिक न हो कर, मानसिक होता है. पेनिस में तनाव न आने की सब से बड़ी वजह चिंता है.

इस का इलाज भी यही है कि आप सैक्स से पहले खुश रहें और पूरी तरह तनावरहित हो कर बैड पर जाएं. फिर भी समस्या बनी रहे तो सैक्सोलौजिस्ट के पास जाएं.

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सैक्स के ये चार राज बड़े काम के हैं

वे आपके इशारों को नहीं समझ रहे हैं और आपने तय कर रखा है कि आप भी उन्हें नहीं बताने वालीं कि आप क्या चाहती हैं. पर कुछ तरीके ऐसे भी हैं जिनके सहारे सैक्स के दौरान आप बिन कुछ कहे अपनी इच्छाओं को पूरा करवा सकती हैं.

मादकता हमेशा सैक्सी लौन्जरीज, सेंशुअल परफ्यूम या स्मोकी आंखों में ही नहीं छिपी होती. सच है कि ये चीजें निजी पलों में उत्साह का संचार करती हैं, लेकिन कभी-कभी मन की बात मनवाने के लिए छल और चालाकी से भी गुरेज करें.

अक्सर पुरुषों को हल्का-सा इशारा समझ में नहीं आता और आपका शर्मीलापन लंबे इंतजार का कारण बन सकता है, जबकि र्स्माट चालें इस खेल में आपको मनचाहा नतीजा दे सकती हैं.

1. अपने भीतर की युवती को बाहर निकालें

वे मूड में नहीं हैं और आप हैं. हो सकता है कि वे सचमुच थके हुए हों या फिर केवल उन्हें थोड़ा उकसाने की जरूरत हो. ऐसे में समय की कसौटी पर खरे उतरे हथियार इस्तेमाल करें. ‘‘जब मैं सैक्स चाहती हूं और वे बहानेबाजी कर रहे होते हैं तो मैं सैक्स के झटपट सेशन का सुझाव देती हूं,’’ कहती हैं रोहिणी. वहीं नित्या कहती हैं, ‘‘मैं लौन्जरी उतारकर स्नग टी-शर्ट पहन लेती हूं. लेकिन ये नहीं दिखती कि मैं इसकी मांग कर रही हूं. फिर यदि वे किताब पढ़ रहे हैं तो मैं उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए फिजूल के सवाल पूछने लगती हूं.’’

2. इंतजार करवाएं

अपने साथी के साथ सेक्स के दौरान हम जानते हैं कि आगे क्या होनेवाला है. सेक्शुअल गतिविधियों का क्रम जैसे पूरी तरह पता होता है-गर्दन पर चुंबन, होंठों पर गहन चुंबन, नाभि पर चुंबन… इस एकरसता से उबरना चाहती हैं? तो इसे चुहलबाजी के साथ करें. खेलें और उन्हें आनंद से वंचित रखें. जहां बात खुद को बेहतर समझने का खेल खेलने की हो तो पुरुष इसे किसी महिला के साथ खेलने से कभी बोर नहीं होते.

3. हिम्मत करें

आप उम्मीद करती हैं कि वे घिसी-पिटी सेक्शुअल गतिविधियों के बजाय आपके शरीर के दाएं हिस्से पर ज्यादा समय बिताएं? तो उन्हें चुनौती देने की कोशिश करें. प्रत्येक पुरुष को चुनौती पसंद होती है. वो पूरी बेशर्मी से उसका सामना करेंगे. उनसे कहें कि आपको नहीं लगता कि आप ‘फलां’ चीज में अच्छे हैं और वे तुरंत आपको गलत साबित करने में जुट जाएंगे. यहां तरकीब ये है कि यह बात उन्हें चुनौती देने की तरह कहिए, व्यंग्य या ताने की तरह नहीं.

4. बाद का प्यार जरूर पाएं

संतुष्टिदायक पलों के बाद उनकी बेरुखी हमेशा ही झगड़े का करण बनता है. इस उन्माद के बाद उन्हें अकेला छोड़ दें, क्योंकि इजेकुलेशन के बाद उनके हार्मोन्स का स्तर उन्हें शिथिल कर देता है और वे आराम करना चाहते हैं. लेकिन कौन-सा पुरुष ये नहीं सुनना चाहता कि निजी पलों के दौरान उसका प्रदर्शन कितना बेहतरीन था? ‘‘जब मैं अपने बौयफ्रेंड को बताती हूं कि कहां-कहां उनका स्पर्श और चुंबन मुझे रोमांचित कर गया और जब उन्होंने कमान संभाली तो मैंने कितनी गर्माहट महसूस की तो वो मुझे अपनी ओर खींचकर आलिंगन में ले लेते हैं. मुझे लगता है जब कोई आपको प्यार करता है और इसका एहसास करता है तो आपको भी उसे ऐसा ही महसूस कराना चाहिए,’’ ये कहना है रानी का.

सर्द मौसम में सैक्स का लुत्फ उठाने के लिए अपनाएं ये हौट टिप्स

हर मौसम में प्रेमी प्रेमिका के प्यार का अपना अलग ही अंदाज होता है. बारिश के मौसम में, सर्दी के सर्द मौसम में प्रेमीप्रेमिका के बीच रंगीनियत अधिक बढ़ जाती है. सर्दियों की गुलाबी ठंड में दोनों आपस में एकदूसरे की बांहों में गरमाहट का एहसास पाना चाहते हैं. साथ ही, ऐसे में सहवास का मजा और बढ़ जाता है. ‘‘ठंड के मौसम में पशुपक्षी से ले कर इंसान तक सभी ज्यादा से ज्यादा सहवास करने के इच्छुक होते हैं.’’ इसीलिए अपनाएं कुछ हौट टिप्स जिन के माध्यम से आप सैक्स का भरपूर लुत्फ उठा सकते हैं :

गरम बाथ का मजा लें

प्रेमी-प्रेमिका अकसर पिकनिक पर जाते हैं. पिकनिक स्पौट पर बने रूम में बाथटब है तो ठंड के मौसम में हलके गरम पानी का मजा बाथटब में उठा सकते हैं. बाथटब में कुनकुने पानी में चंदन और गुलाब की कुछ बूंदें डालें व बाथरूम को सुगंधित कैंडल से सजा दें. आप का यह तरीका ऐक्साइटमैंट में नया जोश भर देगा. प्यार में नया तरीका व नई उमंग प्रेमीप्रेमिका के संबंधों में ऊर्जा का संचार करेगी.

कैंप फायर का आनंद लें

ठंड के मौसम में कैंप फायर का मजा ही कुछ अलग है. प्रेमीप्रेमिका अकसर ठंड के मौसम में हिल स्टेशन जाते हैं. ऐसे में अलाव जला कर अपने हमदम के साथ बैठ कर आग सेंकने का मजा उठाएं, इस का अलग ही आनंद है. ठंड में यह कैंप फायर दोनों तरफ अलग ही आग लगा देती है. अनोखे अंदाज में प्रेमीप्रेमिका शारीरिक आनंद उठाते हैं.

नृत्य करें

गुलाबी ठंड के मौसम में रोमांटिक गाना बजाएं और स्लो मोशन में प्रेमी-प्रेमिका एकसाथ एकदूसरे की कमर में हाथ डाल कर डांस करें. संगीत की धुन पर आप दोनों के कदम अपनेआप थिरकने लगेंगे. इस से प्यार की तलब और बढ़ेगी. ध्यान रखें कि गाना प्रेमीप्रेमिका की पसंद का हो.

थोड़ी शरारत करें

हलकीफुलकी शरारत से मुहब्बत का इजहार और भी गहरा हो जाता है. प्रेमी-प्रेमिका दोनों एकदूसरे के साथ शरारत और मनुहार करें, छेड़छाड़ करें, एकदूसरे को अचानक बांहों में भर लें, किस करें, साथी को फोर प्ले के लिए तैयार करें. यह छेड़छाड़ प्रेमी-प्रेमिका के रिश्तों को मजबूत बनाएगी.

स्पर्श करें

स्पर्श, अभिव्यक्ति का सब से अच्छा माध्यम माना जाता है. प्रेमी-प्रेमिका एकदूसरे को प्यारभरा स्पर्श दें ताकि ठंड के मौसम में केवल प्यार और सहवास का आनंद उठा सकें.

एक हो जाएं

गुलाबी ठंड का मौसम बेहद हसीन होता है. इस दौरान प्रेमी-प्रेमिका एकदूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय गुजारना चाहते हैं. सिंगल ब्लैकफिट का प्रयोग करें. सर्द मौसम सेक्स के लिहाज से सब से उपयुक्त है. इस मौसम में एकदूसरे से दूर रहना प्रेमी-प्रेमिका के लिए असंभव होता है, ऐसे में जब मौका भी हो तो कहने ही क्या, तो आजमाइए ये हौट टिप्स और उठाइए बिंदास प्रेम का लुत्फ.

मेरी पत्नी हमेशा शक की निगाहों से देखती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 36 साल का हूं. मेरी शादी को 8 साल हो गए हैं. मेरी पत्नी को लगता है कि मैं अब उसे प्यार नहीं करता हूं. वह मुझे हमेशा शक की निगाहों से देखती है. वह सोचती है कि उस के हिस्से का प्यार मैं किसी दूसरी औरत पर लुटा रहा हूं. यह सरासर झूठ है.

पर अपने शक के चलते मेरी पत्नी घर में तनाव का माहौल बनाए रखती है और मुझ पर चिल्लाती है. वह किसी तरह से मानने को तैयार नहीं है. इस बात से मैं बहुत ज्यादा परेशान हो जाता हूं और मेरा ब्लड प्रैशर बढ़ जाता है. मैं क्या करूं?

जवाब

आप कहीं जानेअनजाने में अपनी पत्नी से दूर तो नहीं होते जा रहे हैं, जो उसे ऐसा लगता है. यह सवाल आप अपनेआप से पूछें, फिर पत्नी का शक प्यार से दूर करें. पत्नी के साथ ज्यादा से ज्यादा समय गुजारें, उसे घुमाएंफिराएं, होटल ले जाएं और सैक्स में ढीले न पड़ें. इस के लिए आप को कुछ दिन सब्र से काम लेना होगा.

पत्नियों का अपने पति पर शक करना कोई नई बात नहीं है, लेकिन यह शक और न बढ़े, इस बात का खयाल रखें. अपना ब्लड प्रैशर बढ़ाने से आप को कुछ हासिल नहीं होगा.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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मेरे पति का प्यार कम होने लगा है, बताएं कि मैं पति का प्यार फिर से कैसे हासिल करूं?

सवाल
मैं 30 वर्षीया विवाहित स्त्री हूं. कुछ समय से मैं महसूस कर रही हूं कि जब से मेरी बच्ची हुई है, मेरे पति का मेरे प्रति प्यार कम होने लगा है. वे मुझ से दूरी बनाए रखते हैं. इस वजह से मैं दुखी रहने लगी हूं. आप मुझे बताएं कि मैं अपने पति का प्यार फिर से कैसे हासिल कर सकती हूं?

जवाब
लगता है कि आप बच्चे के कारण इतनी व्यस्त हो गई हैं कि पति के लिए समय नहीं निकाल पा रही हैं. ऐसे में अगर आप अपने पति का प्यार फिर से हासिल करना चाहती हैं तो थोड़ा वक्त उन के लिए भी निकालें और खुद भी बनठन कर रहें जिस से वे आप की ओर अपनेआप  खिंचे चले आएं. इस के लिए आप को थोड़ी मेहनत तो करनी ही पड़ेगी.

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जब पति को लगे पत्नी खटकने

प्राचीनकाल से ही भारत पुरुषप्रधान देश है. लेकिन अब समय करवट ले चुका है. महिला हो या पुरुष दोनों को ही समानता से देखा जाता है. ऐसे में यदि बात पति और पत्नी के बीच की हो तो दोनों ही आधुनिक काल में सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते दिखते हैं. पर कई बार ऐसा होता है कि पति अपनी पत्नी से यदि किसी चीज में कम है तो वह हीनभावना का शिकार होने लगता है और उसे पत्नी कांटे के समान लगने लगती है.

ऐसे में जरूरी है पतिपत्नी में आपसी तालमेल, क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि पतिपत्नी में खटास नहीं होती है, लेकिन दूसरे लोग ताने कसकस कर आग में घी का काम करते हैं. ऐसे में जरूरी है कि इस कठिन स्थिति से निकलने की कोशिश पतिपत्नी दोनों करें.

गलत मानसिकता में रचाबसा समाज समाज में यह मानसिकता हमेशा बनी रहती है कि पत्नी के बजाय पति का ओहदा हमेशा उच्च होता है. पत्नी के उच्च शिक्षित, सुंदर, मशहूर और सफल होने से पति को ईगो प्रौब्लम होने लगती है. समाज की दृष्टि से पति को पत्नी की तुलना में प्रतिभाशाली, गुणी, उच्च पदस्थ आदि होना चाहिए. लेकिन पतिपत्नी को समझना चाहिए कि यह आप की अपनी जिंदगी है. इस में छोटाबड़ा कोई माने नहीं रखता है.

यदि पत्नी ऊंचे ओहदे पर है

अकसर देखने में आता है कि पत्नी का ऊंचे ओहदे पर होना समाज में लोगों को गवारा नहीं होता. ऐसा ही कुछ शालिनी के साथ हुआ. उस की लव मैरिज थी. वह उच्च शिक्षा प्राप्त और एक बड़ी कंपनी में उच्च पद पर कार्य करती थी जबकि पति अरुण उस से कम पढ़ालिखा और अपनी पत्नी के मुकाबले निम्न पद पर था. अकसर उस से लोग कहते रहते थे कि तुझे इतनी शिक्षित और कमाऊ बीवी कहां से मिल गई. साथ ही, शालिनी भी उसे ताने देती रहती थी. इन सभी बातों से अरुण इतना अधिक डिप्रेशन में रहने लगा कि उस के मन में अपनी पत्नी के खिलाफ जहर घुलने लगा और फिर तलाक की नौबत आ गई.

पत्नी दे ध्यान: पत्नी के सामने यदि ऐसी स्थिति आए तो वह इस से घबराए नहीं, बल्कि डट कर सामना करे. कई बार हम सामने वालों की गलतियां गिना देते हैं, लेकिन कहीं न कहीं हम में भी खोट होता है. अकसर एक बड़े ओहदे पर होने के कारण पत्नी अपने पति को खरीखोटी सुनाती रहती है जैसे वह अपनी पढ़ाई व कमाई के नशे में चूर अपने पति की कमियों का उपहास उड़ाती रहती है कि घर का सारा खर्च तो उस की कमाई पर ही चलता है.

कई कमाऊ पत्नियां सब के सामने यह कहती पाई जाती हैं कि अरे यह कलर टीवी तो मैं लाई हूं, वरना इन के वेतन से तो ब्लैक ऐंड व्हाइट ही आता. इन सब बातों से रिश्तों में खटास बढ़ती है. ऐसी स्थिति में पत्नियों को चाहिए कि वे अपने पति को प्रोत्साहित करें कि वे भी जीवन में तरक्की करें न कि हीनभावना से ग्रस्त हो कर कौंप्लैक्स पर्सनैलिटी बन जाएं.

पति ध्यान दें: पति को चाहिए कि वह अपनी पत्नी से हीनभावना रखने के बजाय उसे आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दे. यदि कोई बाहरी व्यक्ति कमज्यादा तनख्वाह का मुद्दा उठाए तो कहे कि हमारे घर में सब कुछ साझा है और हम दोनों पतिपत्नी मिलजुल कर घर की जिम्मेदारियां निभाते हैं.

पत्नी का खूबसूरत होना

वैसे तो हर आदमी की चाह होती है कि उस की पत्नी खूबसूरत हो, लेकिन यदि पत्नी बेहद खूबसूरत हो और पति कम स्मार्ट और सिंपल हो तो लोग यह बोलते नहीं रुकते कि अरे देखो तो लंगूर के मुंह में अंगूर या बंदर के गले में मोतियों की माला. ऐसे में पति को पत्नी बेहद खटकने लगती है. वह न चाह कर भी उसे ताने देता रहता है.

वैसे तो पत्नी की तारीफें पति को गर्व से भर देती हैं, लेकिन जब पत्नी की आकर्षक पर्सनैलिटी पति के साधारण व्यक्तित्व को और दबा देती है, तब संतुलित विचारों वाला पति और भी बौखला जाता है. नतीजतन, पति अपनी सुंदर पत्नी के साथ पार्टीसमारोह में जाने से बचने लगता है. अगर साथ ले जाना जरूरी हो तो पार्टी में पहुंच कर पत्नी से अलगथलग खड़ा रहता है. सजनेधजने तक पर भी ताने देता है.

पत्नी ध्यान दे: ऐसे में पत्नी को समझदारी से काम लेना चाहिए. यदि पत्नी को लगता है कि उस का पति उस की खूबसूरती को ले कर हीनभावना महसूस कर रहा है तो वह पति को समझाए कि पति से बढ़ कर उस के लिए दुनिया में कोई माने नहीं रखता है. साथ ही अपने पति के सामने किसी आकर्षक दिखने वाले आदमी की बात भी न करे. किसी महफिल या समारोह में पति के हाथों में हाथ डाल कर यह दिखाने की कोशिश करे कि वह पति को दिल से प्रेम करती है.

पति ध्यान दे: जिंदगी में उतारचढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन पत्नी पति का हर परिस्थितियों में साथ निभाती है. ऐसे में जरूरी है कि पति लोगों की बातों को नजरअंदाज करे, क्योंकि कुछ लोगों का काम ही होता है कि दूसरे के खुशहाल परिवार में आग लगाना. यदि पतिपत्नी दोनों एकदूसरे का साथ सही से निभाएं तो दूसरा कोई उंगली नहीं उठा सकता.

मायके के पैसे का घमंड

कई बार ऐसा होता है कि पत्नी के मायके में ससुराल के मुकाबले ज्यादा पैसा होता है. पत्नी की सहज मगर रईस जीवनशैली उस के मायके वालों का लैवल, गाडि़यां, कोठियां आदि पति को हीनता का एहसास दिलाने लगते हैं. साथ ही पत्नी भी पति के समक्ष मायके में ज्यादा पैसे होने का राग अलापती रहती है. बातबात पर अपने मायके के सुख बखान कर पति को ताने देती रहती है, जिस से पति हीनभावना से ग्रस्त हो जाता है और उसे पत्नी खटकने लगती है.

पत्नी ध्यान दे: पतिपत्नी के रिश्ते में एकदूसरे का सम्मान सब से ज्यादा अहम होता है. पत्नी को चाहिए कि वह अपने मातापिता के पैसे पर इतना अभिमान न करे कि उस से दूसरे को ठेस पहुंचे. हमेशा मायके के ऐश्वर्य को अपने पति के सामने न जताए. इस से पति के अहम को ठेस पहुंचती है, साथ ही वह पत्नी को मायके जैसा सुख न देने के कारण हीनभावना से ग्रस्त हो जाता है.

पति ध्यान दें: कई बार पत्नी के कुछ खरीदने पर या किसी डिमांड पर पति क्रोधित हो कर उस के मायके के ऐश्वर्य को ले कर उलटासीधा बोलने लगता है. ऐसे में जरूरी यह होता है कि आप प्रेमपूर्वक आपस में बैठ कर बात करें न कि लड़ाई ही इस विषय का समाधान है. जैसे पत्नी का बारबार अपने मायके के सुख के ताने देना पति को खराब लगता है ऐसे ही पति का पत्नी के मायके के लिए बोलना भी उसे खराब लगता है.

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