अगर आप अनचाहे सेक्स का शिकार हैं तो जरूर पढ़ें ये खबर

दिन ब दिन बलात्कार की घटनाओं में बढ़ोतरी होती जा रही है. इस के कई कारण हैं, जिन में एक है मानसिक हिंसा की प्रवृत्ति का बढ़ना. बलात्कार शब्द से एक लड़की या युवती पर जबरदस्ती झपटने वाले लोगों के लिए हिंसात्मक छवि उभर कर सामने आती है. इस घृणित कार्य के लिए कड़े दंड का भी प्रावधान है. मगर बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि वैवाहिक जिंदगी में भी बलात्कार वर्जित है और इस के लिए भी दंड दिया जाता है. मगर इसे बलात्कार की जगह एक नए शब्द से संबोधित किया जाता है और वह शब्द है अनचाहा सेक्स संबंध.

आज अनचाहे सेक्स संबंधों की संख्या बढ़ गई है. समाज जाग्रत हो चुका है और अपने शरीर या आत्मसम्मान पर किसी भी तरह का दबाव कोई बरदाश्त नहीं करना चाहता है. इस विषय पर हम ने समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों से बातचीत भी की और जानने की कोशिश की कि आखिर क्या है यह अनचाहा सेक्स संबंध?

डा. अनुराधा परब, जो एक प्रसिद्ध समाजशास्त्री हैं, बताती हैं, ‘‘बलात्कार और अनचाहे सेक्स में बहुत महीन सा फर्क है. बलात्कार अनजाने लोगों के बीच हुआ करता है और एक पक्ष इस का सशरीर पूर्ण विरोध करता है. अनचाहा सेक्स परिचितों के बीच होता है और इस में एक पक्ष मानसिक रूप से न चाह कर भी शारीरिक रूप से पूर्णत: विरोध नहीं करता है. सामान्यत: यही फर्क होता है. मगर गहराई से जाना जाए तो बहुत ही सघन भेद होता है. ‘‘अनचाहा सेक्स ज्यादातर पतिपत्नी के बीच हुआ करता है और आजकल प्रेमीप्रेमिका भी इस संबंध की चपेट में आ गए हैं. आधुनिक युग में शारीरिक संबंध बनाना एक आम बात भले ही हो गई हो, फिर भी महिलाएं इस से अभी भी परहेज करती हैं. कारण चाहे गर्भवती हो जाने का डर हो या मानसिक रूप से समर्पण न कर पाने का स्वभाव, मगर अनचाहे सेक्स संबंध की प्रताड़नाएं सब से ज्यादा महिलाओं को ही झेलनी पड़ती हैं.’’

वजह वर्कलोड

एक एडवरटाइजिंग कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर के पद पर कार्यरत पारुल श्रीनिवासन, जिन का विवाह 6 साल पहले हुआ था, एक चौंका देने वाला सत्य सामने लाती हैं. वह बताती हैं, ‘‘मैं अपने पति को बेहद प्यार करती हूं. उन के साथ आउटिंग पर भी अकसर जाती रहती हूं, मगर सेक्स संबंधों में बहुत रेगुलर नहीं हूं. इस का कारण जो भी हो, मगर मुझे ऐसा लगता है कि इस का मुख्य कारण है, हम दोनों का वर्किंग  होना. शुरूशुरू में 1 महीना हम दोनों छुट्टियां ले कर हनीमून के लिए हांगकांग और मलयेशिया गए थे. वहां से आने के बाद अपनेअपने कामों में व्यस्त हो गए. रात को बेड पर जाने के बाद सेक्स संबंध बनाने की इच्छा न तो मुझे रहती है, न मेरे पति को. पति कभी आगे बढ़ते भी हैं तो मैं टालने की पूरी कोशिश करती हूं.’’

कारण की तह तक पहुंचने पर पता चला कि शुरूशुरू के दिनों में पति सेक्स संबंध बनाना चाहता था. मगर पारुल को अपनी मार्केटिंग का वर्कलोड इतना रहता था कि वह उसी में खोई रहती थी. पति के समक्ष अपना शरीर तो समर्पित कर देती थी, मगर मन कहीं और भटकता रहता था. पति को यह प्रक्रिया बलात्कार सी लगती. कई बार समझाने, मनाने की कोशिश भी उस ने की. मगर पारुल हमेशा यही कहती कि आज मूड नहीं बन रहा है. और एक दिन पारुल ने खुल कर कह ही दिया कि वह यदि सेक्स संबंधों में रत होती भी है तो बिना मन और इच्छा के. वह अनचाहा सेक्स संबंध जी रही है. पति को यह बुरा लगा और धीरेधीरे सेक्स के प्रति उसे भी अरुचि होती चली गई.

भयमुक्त करना जरूरी

ऐसी कई पत्नियां हैं, जो अनचाहा सेक्स संबंध बनाने पर विवश हो जाती हैं. मगर तबस्सुम खानम की कहानी कुछ और ही है.  26 वर्षीय तबस्सुम एक टीचर हैं, उन के पति उन से 12 साल बड़े हैं. उन की एक दुकान है. वह बताती हैं, ‘‘जब मैं किशोरी थी, तभी से मुझे सेक्स संबंधों के प्रति भय बना हुआ था. सहेलियों से इस को ले कर सेक्स अनुभव की बातें करती थीं और मुझे सुन कर डर सा लगता था. मैं सहेलियों से कहती थी कि मैं तो अपने शौहर से कहूंगी कि बस मेरे गले लग कर मेरे पहलू में सोए रहें. इस से आगे मैं उन्हें बढ़ने ही नहीं दूंगी. सभी सहेलियां खूब हंसती थीं. जब मेरी शादी हुई तो शौहर हालांकि बड़े समझदार हैं, मगर शारीरिक उत्तेजना की बात करें तो खुद पर संयम नहीं रख पाते हैं.’’

थोड़ा झिझकती हुई, थोड़ा शरमाती हुई तबस्सुम बताती हैं, ‘‘मेरे पति ने मेरे लाख समझाने पर भी सुहागरात के दिन ही मुझे अपनी मीठीमीठी बातों में बहला लिया. उन का यह सिलसिला महीनों चलता रहा, मुझे आनंद का अनुभव तो होता, मगर भय ज्यादा लगता था. मेरा भय बढ़ता गया. जब भी रात होती, मेरे पति बेडरूम में प्रवेश करते, मैं डर से कांप उठती थी. हालांकि मेरे पति के द्वारा कोई भी अमानवीय हरकत कभी नहीं होती. काफी प्यार और भावुकता से वे फोरप्ले करते हुए, आगे बढ़ते थे.

मगर मेरे मन में जो डर समाया था, वह निकलता ही न था. 3 महीनों के बाद जब मैं गर्भवती हो गई तो डाक्टर ने हम दोनों के अगले 2 महीनों तक शारीरिक संबंध बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. मुझे तो ऐसा लगाजैसे एक नया जीवन मिल गया. मेरा बेटा हुआ. इस बीच मैं ने धीरेधीरे पति को अपने डर की बात बता दी और वे भी समझ गए. मेरे पति ने भी परिपक्वता दिखाई और मुझ से दूर रह कर मुझे धीरेधीरे समझाने लगे. वे सेक्स संबंधों को स्वाभाविक और जीवन का एक अंश बताते. अंतत: उन्होंने मेरे मन से भय निकाल ही दिया.’’

इच्छाअनिच्छा का खयाल

विनोद कामलानी, जो एक प्रसिद्ध मनोचिकित्सक हैं, अपना क्लीनिक चलाते हैं, बताते हैं, ‘‘तबस्सुम के मन में बैठा हुआ सेक्स का डर था. बहुत सी लड़कियां इस भय से भयातुर हुआ करती हैं. मगर बहुत कम पति ऐसे होते हैं, जो धीरेधीरे इस भय को निकालते हैं. ऐसे कई केस मेरे पास आते हैं. पुरुषों के भी होते हैं, मगर अनचाहे सेक्स की शिकार ज्यादातर महिलाएं ही हुआ करती हैं.’’ डा. कामलानी के ही एक मरीज तरुण पटवर्धन ने बताया कि उन की शादी को 3 साल हो गए हैं, मगर आज तक उन्होंने अनचाहा सेक्स संबंध ही जीया है.

तरुण के अनुसार, विवाहपूर्व उन का प्रेम अपने पड़ोस की एक लड़की से था. किसी कारणवश शादी नहीं हो पाई, मगर प्रेम अभी भी बरकरार है. उस लड़की ने तरुण की याद में आजीवन कुंआरी रहने की शपथ भी ले रखी है. यही कारण है कि जब भी तरुण अपनी पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने की पहल करते हैं, उन की प्रेमिका का चेहरा सामने आ जाता है. उन्हें एक ‘गिल्ट’ महसूस होता है और वे शांत हो कर लेट जाते हैं. वे अपनी पत्नी से यह सब कहना भी नहीं चाहते हैं वरना उस के आत्मसम्मान को चोट पहुंचेगी. चूंकि उन की पत्नी तरुण को सेक्स प्रक्रिया बनाने में अयोग्य न समझे, उन्हें अपनी पत्नी के साथ सेक्स संबंध बनाना पड़ता है. वे सेक्स संबंध बिना मन, बिना रुचि के बनाते हैं और इस तरह वे अनचाहा सेक्स संबंध ही जी रहे हैं.

एक सर्वे के अनुसार, आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में काम की होड़ और आगे निकलने की चाह ने इनसान को मशीन बना दिया है. पैसा कमाना ही एक मात्र ध्येय बन चुका है. ऐसी भागदौड़ में इनसान सेक्स संबंधों के प्रति इंसाफ नहीं कर पाता है और बिना मन और बिना प्रोपर फोरप्ले के बने हुए सेक्स संबंध, मन में सेक्स के प्रति अरुचि पैदा कर देते हैं.

यहीं से शुरुआत होती है अनचाहे सेक्स संबंधों की. अपने पार्टनर की खुशी के लिए संबंध बनाना कभीकभी विवशता भी होती है. अंतत: यही संबंध ऊब का रूप धारण कर लेते हैं या पार्टनर बदलने की चाह मन में उठती है. यद्यपि यह अनचाहा सेक्स पश्चिमी देशों में तेजी से बढ़ रहा है, भारत भी इस से अछूता नहीं है, परंतु यहां का अनुपात अन्य देशों के मुकाबले नगण्य है.

मेरे प्रेमी के साथ शारीरिक संबंध थे लेकिन अब मुझे लग रहा है कि कहीं यौन रोग का शिकार न हो जाऊं, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी उम्र 24 साल है. मैं एक कंसलटैंसी में काम करती हूं. मेरे अपने प्रेमी के साथ शारीरिक संबंध थे. हालांकि हम सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते रहे. लेकिन फिर भी मुझे लग रहा है कि कहीं किसी यौन रोग का शिकार न हो जाऊं, बताएं, मैं क्या करूं?

जवाब

आप किसी अच्छे गाइनेकोलौजिस्ट के पास जाएं और अपनी जांच करवाएं. आप का गर्भावस्था परीक्षण भी किया जा सकता है. साथ ही, भविष्य के लिए आप को सलाह है कि खुद को किसी ऐसी गतिविधि में फिर से शामिल न करें.

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बेहतर सेक्स के लिए यौन रोगों से बचिए

प्रतिभा की शादी को कई साल हो गए थे. समय पर 2 बच्चे भी हो गए पर कुछ समय के बाद प्रतिभा को लगा कि उस के अंग से कभी कभी तरल पदार्थ निकलता है. शुरुआत में प्रतिभा ने इसे मामूली समझ कर नजरअंदाज कर दिया. मगर कुछ दिनों बाद उसे महसूस हुआ कि इस तरल पदार्थ में बदबू भी है जिस से अंग में खुजली होती है. प्रतिभा ने यह बात स्त्रीरोग विशेषज्ञा को बताई. उस ने जांच कर के प्रतिभा से कहा कि उस को यौनरोग हो गया है, लेकिन इस में घबराने वाली कोई बात नहीं है. प्रतिभा ने तो समय पर डाक्टर को अपनी समस्या बता दी पर बहुत सारी औरतें प्रतिभा जैसी समझदार नहीं होतीं. वे इस तरह के रोगों को छिपाती हैं. पर यौनरोगों को कभी छिपाना नहीं चाहिए. दीपा जब अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाती थी, तो उसे दर्द होता था. इस परेशानी के बारे में उस ने डाक्टर को बताया. डाक्टर ने दीपा के अंग की जांच कर के बताया कि उसे यौनरोग हो गया है. डाक्टर ने उस का इलाज किया. इस के बाद दीपा की बीमारी दूर हो गई.

प्रदीप को पेशाब के रास्ते में जलन होती थी. वह नीमहकीमों के चक्कर में पड़ गया पर उसे कोई लाभ नहीं हुआ. तब उस ने अच्छे डाक्टर से इस संबंध में बात की तो डाक्टर ने कुछ दवाएं लिखीं, जिन से प्रदीप को लाभ हुआ. डाक्टर ने प्रदीप को बताया कि उस को यौनरोग हो गया था. इस का इलाज नीमहकीमों से कराने के बजाय जानकार डाक्टरों से ही कराना चाहिए.

क्या होते हैं यौनरोग

मक्कड़ मैडिकल सैंटर, लखनऊ के डाक्टर गिरीश चंद्र मक्कड़ का कहना है कि यौनरोग शरीर के अंदरूनी अंग में होने वाली बीमारियों को कहा जाता है. ये पतिपत्नी के शारीरिक संपर्क करने से भी हो सकते हैं और बहुतों के साथ संबंध रखने से भी हो सकते हैं. अगर मां को कोई यौनरोग है, तो बच्चे का जन्म औपरेशन के जरिए कराना चाहिए. इस से बच्चा योनि के संपर्क में नहीं आता और यौनरोग से बच जाता है. कभीकभी यौनरोग इतना मामूली होता है कि उस के लक्षण नजर ही नहीं आते. इस के बाद भी इस के परिणाम घातक हो सकते हैं. इसलिए यौनरोग के मामूली लक्षण को भी नजरअंदाज न करें. मामूली यौनरोग कभीकभी खुद ठीक हो जाते हैं. पर इन के बैक्टीरिया शरीर में पड़े रहते हैं और कुछ समय बाद वे शरीर में तेजी से हमला करते हैं. यौनरोग झ्र शरीर के खुले और छिले स्थान वाली त्वचा से ही फैलते हैं.

हारपीज : यह बहुत ही सामान्य किस्म का यौनरोग है. इस में पेशाब करने में जलन होती है. पेशाब के साथ कई बार मवाद भी आता है. बारबार पेशाब जाने का मन करता है. किसीकिसी को बुखार भी हो जाता है. शौच जाने में भी परेशानी होेने लगती है. जिस को हारपीज होता है उस के जननांग में छोटेछोटे दाने हो जाते हैं. शुरुआत में यह अपनेआप ठीक हो जाता है, मगर यह दोबारा हो तो इलाज जरूर कराएं.

वाट्स : वाट्स में शरीर के तमाम हिस्सों में छोटीछोटी गांठें पड़ जाती हैं. वाट्स एचपीवी वायरस के चलते फैलता है. ये 70 प्रकार के होते हैं. ये गांठें अगर शरीर के बाहर हों और 10 मिलीमीटर के अंदर हों तो इन को जलाया जा सकता है. इस से बड़ी होने पर औपरेशन के जरिए हटाया जा सकता है. योनि में फैलने वाले वायरस को जेनेटल वाट्स कहते हैं. ये योनि में बच्चेदानी के द्वार पर हो जाते हैं. समय पर इलाज न हो तो इन का घाव कैंसर का रूप ले लेता है. इसलिए 35 साल की उम्र के बाद एचपीवी वायरस का कल्चर जरूर करा लें.

गनोरिया : इस रोग में पेशाब नली में घाव हो जाता है जिस से पेशाब नली में जलन होने लगती है. कई बार खून और मवाद भी आने लगता है. इस का इलाज ऐंटीबायोटिक दवाओं के जरिए किया जाता है. अगर यह रोग बारबार होता है, तो इस का घाव पेशाब नली को बंद कर देता है. इसे बाद में औपरेशन के जरिए ठीक किया जाता है. गनोरिया को सुजाक भी कहा जाता है. इस के होने पर तेज बुखार भी आता है. इस के बैक्टीरिया की जांच के लिए मवाद की फिल्म बनाई जाती है. शुरू में ही यह बीमारी पकड़ में आ जाए तो अच्छा रहता है.

सिफलिस : यह यौनरोग भी बैक्टीरिया के कारण फैलता है. यह यौन संबंधों के कारण ही फैलता है. इस रोग के चलते पुरुषों के अंग के ऊपर गांठ सी बन जाती है. कुछ समय के बाद यह ठीक भी हो जाती है. इस गांठ को शैंकर भी कहा जाता है. शैंकर से पानी ले कर माइक्रोस्कोप के सहारे देखा जाता है. पहली स्टेज पर माइक्रोस्कोप के सहारे ही बैक्टीरिया को देखा जा सकता है. इस बीमारी की दूसरी स्टेज पर शरीर में लाल दाने से पड़ जाते हैं. यह बीमारी कुछ समय के बाद शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करने लगती है. इस बीमारी का इलाज तीसरी स्टेज के बाद संभव नहीं होता. यह शरीर की धमनियों को प्रभावित करती है. इस से धमनियां फट भी जाती हैं. यह रोग आदमी और औरत दोनों को हो सकता है. दवा और इंजैक्शन से इस का इलाज होता है.

क्लामेडिया : यह रोग योनि के द्वारा बच्चेदानी तक फैल जाता है. यह बांझपन का सब से बड़ा कारण होता है. बीमारी की शुरुआत में ही इलाज हो जाए तो अच्छा रहता है. क्लामेडिया के चलते औरतों को पेशाब में जलन, पेट दर्द, माहवारी के समय में दर्द, शौच के समय दर्द, बुखार आदि की शिकायत होने लगती है.

यौनरोगों से बचाव

  • अंग पर किसी भी तरह के छाले, खुजलाहट, दाने, कटनेछिलने और त्वचा के रंग में बदलाव की अनदेखी न करें.
  • जब भी शारीरिक संबंध बनाएं कंडोम का प्रयोग जरूर करें. यह यौनरोगों से बचाव का आसान तरीका है.
  • कंडोम का प्रयोग ठीक तरह से न करने पर भी यौनरोगों का खतरा बना रहता है.
  • ओरल सेक्स करने वालों को अपनेअपने अंग की साफसफाई का पूरा खयाल रखना चाहिए.
  • यौनरोग का इलाज शुरुआत में सस्ता और आसान होता है. शुरुआत में इस से शरीर को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचता है.
  • गर्भवती औरतों को अपनी जांच समयसमय पर करानी चाहिए ताकि उस से बच्चे को यौनरोग न लग सके.
  • नीमहकीमों के चक्कर में पड़ने के बजाय डाक्टर की सलाह से ही दवा लें.
  • अंग की साफसफाई से यौनरोगों से दूर रहा जा सकता है.
  • औरतों को यौनरोग ज्यादा होते हैं. अत: उन्हें पुरुषों से ज्यादा सतर्क रहना चाहिए.
  • यौनरोगी के संपर्क में जाने से बचें. बाथरूम की ठीक से साफसफाई न करने से भी एक व्यक्ति का यौनरोग दूसरों को लग सकता है.

जानें सेक्स ड्राइव में कमी की वजहें

मोना और मौलोए उन हैप्पी मैरिट कपल्स में से हैं जिन्होंने शादी के बाद अपनी मैरिट लाइफ खूब इंजौय की. शादी के 2 साल बाद एक प्यारा सा बेटा और 5वें साल में खूबसूरत सी बेटी के मातापिता बन गए. विवाह के बाद कोई दिन ऐसा न जाता जब दोनों अंतरंग न होते हों. दोनों की सैक्स लाइफ भरपूर रंगीन थी. बच्चे होने के बाद भी दोनों ने अपनी सैक्स लाइफ में कमी नहीं आने दी लेकिन फिर जैसेजैसे बच्चे बड़े होने लगे और मौलोए की औफिस की जिम्मेदारियां हद से ज्यादा बढ़ने लगीं, मोना भी बच्चों की परवरिश में व्यस्त होने लगी, घर के काम बढ़ने लगे, मोना और मौलोए के बीच की नजदीकियां धीरेधीरे कम होने लगीं.

ऐसा नहीं था कि दोनों के बीच प्यार कम हो रहा था या दोनों एकदूसरे के लिए प्यार महसूस नहीं करते थे या सैक्स के लिए उन की चाह कम हो गईर् थी लेकिन अब पहले जैसी गरमजोशी व उतावलापन, एकदूसरे के प्रति खिंचाव कम होने लगा था. वह सोचने लगे थे शायद 40+ और बढ़ती हुई उन की उम्र का तकाजा है.

ऐसे कितने ही कपल हैं जिन के सामने ये समस्या आती है. कुछ कपल यह सोच कर अपने मन को तसल्ली देने लगते हैं कि यार अब तो उग्र बढ़ रही है, सैक्स में रुचि कम हो ही जाती है.

लेकिन सच में क्या ऐसा होता है यदि आप पार्टनर के साथ सैक्स का आनंद उठाते हैं तो कभी भी सेक्स में आप की रुचि कम नहीं हो सकती. इस के बावजूद देखने में आ रहा है कि युवा मैरिट कपल में कामेच्छा, सैक्स की कमी हो रही है. वे सैक्स में उतना इंजौय नहीं करते जितना कि उन्हें करना चाहिए. यदि आप भी उन कपल्स में से हैं तो सजग हो जाइए. कोशिश कीजिए और जानिए ऐसा क्यों हो रहा है, आखिर यह कमी क्यों आ रही है.

आप के सैक्सुअल रिलेशन में कमी की कही ये वजहें तो नहीं :

अधिक तनाव : घर का तनाव, बच्चों का तनाव, औफिस का तनाव, रिश्तेदारों का तनाव और भी न जाने कैसीकैसी बातें रोजमर्रा में होती रहती हैं जिन से हमारा दिमाग तनावमुक्त नहीं हो पाता. तनाव से निपटने का समाधान मिलता नहीं है और हम हर समय तनाव से ग्रस्त रहते हैं, जो वजह बनती है सैक्स में कमी की. डाक्टरों का मानना है तनाव की वजह से कार्टिसोल नाम का स्ट्रैस हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, इस से टेस्टोस्टोन और लिबिडो कम हो जाते हैं, यही कारण है कि सैक्स की चाह कम हो जाती है. यदि अपनी जिंदगी में सैक्स की गर्मजोशी बरकरार रखना चाहते हैं तो तनाव से दूरी बनाएं.

अत्याधिक ऐक्सरसाइज : यों तो ऐक्सरसाइज शरीर के लिए अति उत्तम है लेकिन कहते हैं न हर चीज की अति बुरी होती है. जी हां, यदि आप ऐक्सरसाइज लवर हैं तो आप के जीवन का लव कम हो सकता है.

आप ऐक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या के कई घंटे देते हैं तो इस से नैगेटिव रिजल्ट सामने आएंगे, जैसे कि एक रिसर्च कहती है कि एक्सरसाइज करते समय जो मेहनत आप करते हैं उस से शरीर में तनाब बढ़ता है जिस से एंड्रोक्राइन सिस्टम में गड़बड़ी होती है, जिस की वजह से टैस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो सकता है जिस से सैक्स के प्रति चाह में कमी आती है.

यही नहीं अतिरिक्त एक्सरसाइज की वजह से एस्ट्रोजेन के स्तर में भी कमी हो सकती है जिस से कामेच्छा कम होने की आशंका होती है. आप हर समय थकान और सुस्ती महसूस करते हैं और यही कारण है कि सैक्स से दूर रहते हैं.

नींद का पूरा न होना : आजकल व्यक्ति की दिनचर्या बहुत व्यस्त हो गई है. कामकाज के चक्कर में सारा दिन भागादौड़ी लगी रहती है. रात में व्यक्ति थकान से चूर होता है. ऐसे में सैक्स में कमी आना वाजिब है. बात सिर्फ काम की अधिकता की नहीं, काम की वजह से रात को पर्याप्त नींद नहीं लेने के कारण भी थकान से भरे रहते हैं जिस से सैक्स की चाह में कमी आ सकती है. आराम न करने से लिबिडो कम हो सकता है. जिस से अवसाद, वजन बढ़ने की समस्या भी सैक्स में कमी लाती है. सीधे तौर पर कहें तो सैक्स में इच्छा बढ़ानी है तो पर्याप्त आराम और नींद लें.

दवाइयां भी बन सकती हैं वजह : कुछ ऐसी दवाइयां हैं जो आप अपनी आम बीमारियों को दूर करने के लिए लेते हैं लेकिन इन दवाओं के सेवन से आप की सैक्स इच्छा में कमी आ सकती है जैसे कि उक्त रक्तचाप की दवाएं, हार्मोंन संबंधी दवाइयां, पेनकिलर्स, अस्थमा में ली जाने वाली दवाइयां, एंटी डिप्रैसेंट दवाएं ऐसी है जिन के नियमित लेने से सैक्स में रुचि कम होने लगती है.

टेक्नोलौजी बढ़ाए दूरियां : आज व्यक्ति सोने से पहले, सुबह उठने के बाद, मैट्रो में सफर करते हुए, जब खाली समय मिले तो उंगलियां मोबाइल पर चलने लगती हैं. इंटरनेट, मोबाइल, कंप्यूटर, टीवी जिंदगी के अभिन्न अंग बन गए हैं, जबकि इन तकनीकी गेजेट्स से कुछ समय के लिए दूरी बनाए रखनी चाहिए. लेकिन हम ने टेक्नोलौजी को अपने से चिपका लिए है जिस की वजह से सैक्स इच्छा दिनोंदिन घट रही है.

यदि कुदरत के इस सुख को भोगना चाहते हैं तो इन कृत्रिम सुख से दूर रहें. मोबाइल से नजरें उठा कर अपने पार्टनर पर ध्यान दें. इसे अपना समय दें. सैक्स की बातें करें. यकीन मानिए इस तरह सैक्स के प्रति चाह अपनेआप बढ़ जाएगी.

मैं अपनी चाची के कपड़े चुरा कर मास्टरबेट करता हूं और उनके साथ सेक्स करना चाहता हूं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 18 साल का हूं और 5 सालों से मास्टरबेट कर रहा हूं. अब मैं पड़ोस की 36 साला विधवा चाची के साथ सेक्स करना चाहता हूं. मैं उन के अंदरूनी कपड़े चुरा कर उन में मास्टरबेट भी करता हूं. मुझे सही सलाह दें?

जवाब-

आप हस्तमैथुन या हमबिस्तरी के चक्कर में पड़ने के बजाय अपनी पढ़ाई व कैरियर पर ध्यान दें. दोगुनी उम्र की चाची के चक्कर में आप तबाह हो सकते हैं. एक बार कुछ बन गए, तो जिंदगी में सोने के बहुत मौके मिलेंगे. बेहतर होगा कि सिर्फ खेलकूद व पढ़ाई वगैरह में ही ध्यान दें.

अपने से विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षित होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन पुरूषों में यह बात देखी गई है कि वह अक्सर ही अपने से बड़ी उम्रदराज की महिलाओं के प्रति एक अजीब सा आकर्षण महसूस करते हैं. एक शोध में यह भी पाया गया है कि पुरुष अपने से बड़ी उम्र की औरतों से संबंध बनाने के बाद ज्यादा मानसिक और शारीरिक संतुष्टि प्राप्त करते हैं. इसके पीछे के कारणों को खोजा गया तो सबसे पहला कारण निकला कि अधिक उम्र की महिलाओं का जिम्मेदार होना. वह पुरुष के मानसिक और शारीरिक संतुलन का ज्यादा अच्छे से मैनेज कर लेती हैं, इस कारण से पुरुष को एक संतुष्टि की अनुभूति होती है.अपने से बड़ी उम्र की महिलाएं क्यों करती हैं आकर्षित…

दूसरा कारण- यौन संबंधों के दौरान सही तरीके से तालमेल, इस कारण से पुरुष को लगता है कि उनसे उम्र में बढ़ी औरत उसे ज्यादा अच्छे से समझती है.

तीसरा कारण- 40 से 50 साल की उम्र में उत्तेजना का बढ़ना,इसलिए वह कम उम्र की महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा उम्र की महिलाएं पुरूषों को ज्यादा संतुष्ट कर सकती हैं. इसके साथ ही बड़े उम्र की महिलाओं में घमंड नहीं होता और यह बात पुरुषों को बहुत पसंद आती है.

क्या आप जानते हैं सेक्सुअलिटी के राज, पढ़ें खबर

क्या आप जानते हैं कि सेक्स का संबंध जितना दैहिक आकर्षण, दिली तमन्ना, परिवेश और भावनात्मक प्रवाह से है, उतना ही यह विज्ञान से भी जुड़ा हुआ है. हर किसी के मन में उठने वाले कुछ सामान्य सवाल हैं कि किसी पुरुष को पहली नजर में अपने जीवनसाथी के सुंदर चेहरे के अलावा और क्या अच्छा लगता है? रिश्ते को तरोताजा और एकदूसरे के प्रति आकर्षण पैदा करने के लिए क्या तौरतरीके अपनाने चाहिए?

सेक्स जीवन को बेहतर बनाने और रिश्ते में प्यार कायम रखने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है? रिश्ते में प्रगाढ़ता कैसे आएगी? हमें कोई बहुत अच्छा क्यों लगने लगता है? किसी की धूर्तता या दीवानगी के पीछे सेक्स की कामुकता के बदलाव का राज क्या है? खुश रहने के लिए कितना सेक्स जरूरी है? सेक्स में फ्लर्ट किस हद तक किया जाना चाहिए?

इन सवालों के अलावा सब से चिंताजनक सवाल अंग के साइज और शीघ्र स्खलन की समस्या को ले कर भी होता है. इन सारे सवालों के पीछे वैज्ञानिक तथ्य छिपा है, जबकि सामान्य पुरुष उन से अनजान बने रह कर भावनात्मक स्तर पर कमजोर बन जाता है या फिर आत्मविश्वास खो बैठता है.

वैज्ञानिक शोध : संसर्ग का संघर्ष

हाल में किए गए वैज्ञानिक शोध के अनुसार, यौन सुख का चरमोत्कर्ष पुरुषों के दिमाग में तय होता है, जबकि महिलाओं के लिए सेक्स के दौरान विविध तरीके माने रखते हैं. चिकित्सा जगत के वैज्ञानिक बताते हैं कि पुरुष गलत तरीके के यौन संबंध को खुद नियंत्रित कर सकता है, जो उस की शारीरिक संरचना पर निर्भर है.

पुरुषों के लिए बेहतर यौनानंद और सहज यौन संबंध उस के यौनांग, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर निर्भर करता है. पुरुषों में यदि रीढ़ की हड्डी की चोट या न्यूरोट्रांसमीटर सुखद यौन प्रक्रिया में बाधक बन सकता है, तो महिलाओं के लिए जननांग की दीवारें इस के लिए काफी हद तक जिम्मेदार होती हैं और कामोत्तेजना में बाधक बन सकती हैं.

शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि एक पुरुष में संसर्ग सुख तक पहुंचने की क्षमता काफी हद तक उस के अपने शरीर की संरचना पर निर्भर है, जिस का नियंत्रण आसानी से नहीं हो पाता है. इस के लिए पुरुषों में मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और शिश्न जिम्मेदार होते हैं.

मैडिसन के इंडियाना यूनिवर्सिटी स्कूल और मायो क्सीविक स्थित वैज्ञानिकों ने सैक्सुअल और न्यूरो एनाटोमी से संबंधित संसर्ग के प्रचलित तथ्यों का अध्ययन कर विश्लेषण किया. विश्लेषण के अनुसार,

डा. सीगल बताते हैं, ‘‘पुरुष के अंग के आकार के विपरीत किसी भी स्वस्थ पुरुष में संसर्ग करने की क्षमता काफी हद तक उस के तंत्रिकातंत्र पर निर्भर है. शरीर को नियंत्रित करने वाले तंत्रिकातंत्र और सहानुभूतिक तंत्रिकातंत्र के बीच संतुलन बनाया जाना चाहिए, जो शरीर के भीतर जूझने या स्वच्छंद होने की स्थिति को नियंत्रित करता है.’’

डा. सीगल अपने शोध के आधार पर बताते हैं कि शारीरिक संबंध के दौरान संवेदना मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी द्वारा पहुंचती है और फिर इस के दूसरे छोर को संकेत मिलता है कि आगे क्या करना है. इस आधार पर वैज्ञानिकों ने पाया कि उत्तेजना 2 तथ्यों पर निर्भर है.

एक मनोवैज्ञानिक और दूसरी शारीरिक, जिस में शिश्न की उत्तेजना प्रत्यक्ष तौर पर बनती है. इन 2 कारणों में से सामान्य मनोवैज्ञानिक तर्क की मान्यता में पूरी सचाई नहीं है. डा. सीगल का कहना है कि रीढ़ की हड्डी की चोट से शिश्न की उत्तेजना में कमी आने से संसर्ग सुख की प्राप्ति प्रभावित हो जाती है. इसी तरह से मस्तिष्क में मनोवैज्ञानिक समस्याओं में अवसाद आदि से तंत्रिका रसायन में बदलाव आने से संसर्ग और अधिक असहज या कष्टप्रद बन जाता है.

स्त्री की यौन तृप्ति

कोई युवती कितनी कामुक या सेक्स के प्रति उन्मादी हो सकती है? इस के लिए बड़ा सवाल यह है कि उसे यौन तृप्ति किस हद तक कितने समय में मिल पाती है? विश्लेषणों के अनुसार, शोधकर्ता वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि ऐसे लोगों को चिकित्सकीय सहायता मिल सकती है और वे सुखद यौन संबंध में बाधक बनने वाली बहुचर्चित भ्रांतियों से बच सकते हैं.

इस शोध में यह भी पाया गया है कि युवतियों के लिए यौन तृप्ति का अनुभव कहीं अधिक जटिल समस्या है. इस बारे में पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने माइक्रोस्कोप के जरिए युवतियों के अंग की दीवारों में होने वाले बदलावों और असंगत प्रभाव बनने वाली स्थिति का पता लगाया है. वैज्ञानिकों ने एमआरआई स्कैन के जरिए महिला के दिमाग में संसर्ग के दौरान की  सक्रियता मालूम कर उत्तेजना की समस्या से जूझने वाले पुरुषों को सुझाव दिया है कि वे अपनी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं. उन्हें सैक्सुअल समस्याओं के निबटारे के लिए डाक्टरी सलाह लेनी चाहिए, न कि नीम हकीम की सलाह या सुनीसुनाई बातों को महत्त्व देना चाहिए. इस अध्ययन को जर्नल औफ क्लीनिकल एनाटौमी में प्रकाशित किया गया है.

महत्त्वपूर्ण है संसर्ग की शैली

डा. सीगल के अनुसार, महिलाओं के लिए संसर्ग के सिलसिले में अपनाई गई पोजिशन महत्त्वपूर्ण है. विभिन्न सैक्सुअल पोजिशंस के संदर्भ में शोधकर्ताओं द्वारा किए गए सर्वेक्षणों में भी पाया गया है कि स्त्री के यौनांग की दीवारों को विभिन्न तरीके से उत्तेजित किया जा सकता है. आज की भागदौड़भरी जीवनशैली में मानसिक तनाव के साथसाथ शारीरिक अस्वस्थता भी सेक्स जीवन को प्रभावित कर देती है.

ऐसे में कोई पुरुष चाहे तो अपनी सेक्स संबंधी समस्याओं को डाक्टरी सलाह के जरिए दूर कर सकता है. कठिनाई यह है कि ऐसे डाक्टर कम होते हैं और जो प्रचार करते हैं वे दवाएं बेचने के इच्छुक होते हैं, सलाह देने में कम. वैसे, बड़े अस्पतालों में स्किन व वीडी रोग (वैस्कुलर डिजीज) विभाग होता है. अगर कोई युगल किसी सेक्स समस्या से जूझ रहा है तो वह इस विभाग में डाक्टर को दिखा कर सलाह ले सकता है.

मेरे मोहल्ले में आवारा जानवरों का बड़ा जोर है, इस का समाधान बताएं?

सवाल-

मैं लखनऊ के एक ऐसे महल्ले में रहता हूं, जहां आवारा जानवरों का बड़ा जोर है. आवारा कुत्ते, गाय और सांड़. लोगों का गली से निकलना मुश्किल कर देते हैं. नगर-निगम भी सुनवाई नहीं करता है. बच्चों का गली में खेलना मुश्किल हो गया है. इस का समाधान बताएं?

जवाब-

यह समस्या हमारी और आप की खुद की ही देन है. रिहाइशी इलाकों में लोग पुण्य कमाने के लिए खूब तबीयत से कुत्तों और गायों को खाना खिलाते हैं, जिस से ये जानवर वहीं रहने लगते हैं और लोग इन्हें भगाते भी नहीं हैं. पर जब ये नुकसान पहुंचाने लगते हैं, तो हर कोई हायहाय करने लगता है.

यह ठीक है कि इन्हें खदेड़ने का काम नगरनिगम का है, लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं करता. आप महल्ले वालों को ले कर शिकायत करें, लोकल मीडिया वालों को बुला कर हकीकत दिखाएं. बिना हल्ला मचाए काम नहीं बनने वाला.

जानें कौन सा समय है सेक्स के लिए सबसे सुरक्षित

बेहतर सेक्स लाइफ न सिर्फ पति-पत्नी के संबंधों को रुमानी बनाने के लिए जरूरी है बल्कि सेहत के लिए भी इसके फायदे किसी से छिपे नहीं हैं. ऐसे में अगर सेक्स उस समय हो जब इसका फायदा न सिर्फ आपका मूड बनाएगा बल्कि आपके लिए सेहत से जुड़े कई फायदों की वजह हो सकता है. क्वीन्स यूनिवर्सिटी के शोध के आधार पर जानिए सुबह के समय सेक्स करने के बड़े फायदों के बारे में.

दिन भर रहेंगे टेंशन फ्री

सेक्स की प्रक्रिया के दौरान शरीर से ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन रिलीज होते हैं जो मूड अच्छा रखने और आपको तनावमुक्त रखने में सहायक होता है.

इंफेक्शन से दूर

यूनिवर्सिटी ऑफ वाइक बैरे के अनुसार, सुबह के समय सेक्स के दौरान शरीर में इम्यूनोग्लोबिन ए नामक एंडीबॉडी तत्व बनता है जो शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है और दूसरों की अपेक्षा संक्रमण का खतरा 30 प्रतिशत तक कम करता है.

वजन घटाने में मददगार

शोधों में माना जा चुका है कि एक घंटे तक संभोग की प्रक्रिया के दौरान करीब 300 कैलोरी बर्न होती है जो वजन घटाने के लिए किसी दिलचस्प कसरत से कम नहीं.

वीर्य की गुणवत्ता

सिडनी आईवीएफ क्लीनिक के शोध की मानें तो सुबह के समय सेक्स से वीर्य की गुणवत्ता 12 प्रतिशत बढ़ जाती है. इससे सेक्स संबंधी कई समस्याओं में आराम हो सकता है.

ग्लोइंग स्किन

यूवायर यूनिवर्सिटी के शोध की मानें तो सुबह के समय सेक्स से शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर अधिक तेजी से बढ़ता है जिससे ऑक्सीजन का संचार त्वचा और बालों में अच्छी तरह होता है.

सेक्सुअली आइसोलेट रहने का वक्त

सेक्स में खुलापन जरूरी है. जितना इसे मन के अंदर दबाएंगे उतना ही यह उभर कर सामने आएगा, लेकिन सेक्स भी अब संभल कर करना होगा. सेक्स करने से पहले अपने को तैयार करना जरूरी होता है. लेकिन सेक्स के बाद भी आप को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. उन में सब से अहम है सेक्सुअल आइसोलेशन.

अकसर हमारे देश में अपने प्राइवेट पार्ट के बारे में लोग नहीं सोचते. आइसोलेशन का महत्त्व नहीं समझते. उन का ध्यान उस तरफ नहीं जाता, क्योंकि ये बातें बचपन में भी नहीं सिखाई जातीं. लेकिन अब वक्त बदल रहा है. ऐसे में आप को सेक्सुअली आइसोलट होना बहुत जरूरी है. पूरा विश्व इस समय कोरोना महामारी की चपेट में है. सोशल डिस्टैंसिंग पर जोर दिया जा रहा है. ऐसे में सेक्स करते समय कैसे सुरक्षित रहें इस पर ध्यान देने की जरूरत है. अगर मैं सेक्स करता हूं तो क्या मुझे कोरोना हो जाएगा?

आप के जेहन में यह बात कई बार आई होगी, लेकिन आप शर्मिंदगी के डर से यह पूछ नहीं पा रहे हैं तो आइए हम आप को बताते हैं कि कैसे बचें कोरोना से सेक्स करते समय. रिलेशनशिप पर असर अगर आप रिलेशनशिप में हैं और किसी शख्स के साथ रह रहे हैं तो थोड़ी दूरी बना कर रहिए. अगर आप में से किसी को भी कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं तो अपने को आइसोलेट कर लेना चाहिए. इस में पार्टनर को बुरा नहीं मानना चाहिए. इस से दोनों सुरक्षित रहेंगे.

ध्यान रहे सेक्स का मजा तभी ले पाएंगे जब आप बचे रहेंगे. किस पर पाबंदी लगाएं अब आप को किस करने से पहले सोचना पड़ेगा. पहले तो किस को प्यार की निशानी माना जाता था. लेकिन अब यह एक भयानक बीमारी का रास्ता भी हो सकता है. इस का मतलब यह नहीं कि आप किस करें ही न. किस करें लेकिन वो सांकेतिक होना चाहिए. हां अगर आप में खांसीजुकाम के लक्षण दिखाई देते हैं और आप जानते हैं कि आप ने हाल में ही किसी को किस किया है तो आप को उन्हें यह बात बता देनी चाहिए.

अगर आप ने किसी ऐसे को किस किया है जिस में अब लक्षण दिख रहे हैं तो आप को खुद को सैल्फ आइसोलेशन में डाल लेना चाहिए. अगर आप किसी के जननांग छूते हैं तो यह मुमकिन है कि आप ने उसे किस भी किया हो. आप को मालूम है कि यह वायरस सलाइवा से फैलता है. अत: किस करना जोखिम भरा है. ऐसे में जिस पार्टनर के साथ आप रह नहीं रहे हैं उन के साथ कौंटैक्ट मत रखिए. अच्छी सेक्स लाइफ जीएं इस महामारी ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि एक अच्छी सेक्स लाइफ क्या है.

इस बीमारी के कारण जो लोग आइसोलेशन में हैं वे इस मौके और दूरी का फायदा उठा रहे हैं. वे क्रिएटिव हो गए हैं. अगर आप और आप के पार्टनर को एक ही घर में आइसोलेशन में रहना पड़ रहा है तो इस दौरान आप अपने पार्टनर के बारे में काफी कुछ जान सकते हैं. एकदूसरे की पसंदनापसंद को समझ सकते हैं. दूर रहिए लेकिन दिल को जोड़े रखिए. इंटर कोर्स में सावधानी बरतें कोरोना किसी को पहचानता नहीं. वह तो बस एक रास्ता खोजता है.

इंटरकोर्स की वजह से किसी भी तरह के इंफैक्शन का खतरा न रहे इस के लिए आप को सतर्क रहना पड़ेगा. यानी साफसफाई से जुड़ी कुछ बातों को अपनी आदत में शुमार कर लेना चाहिए. सेक्स लाइफ में सेक्सुअल हाइजीन उतनी ही जरूरी है जितना कि हमारे जीवन में साफसफाई. एक सेहतमंद दांपत्य जीवन के लिए यौन संबंधों से पहले और बाद में सफाई रखना जरूरी है.

अकसर लोग सेक्सुअल हाइजीन के बारे में कम ही ध्यान देते हैं जिस से यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफैक्शन का खतरा दोनों ही पार्टनर को बना रहता है. इसलिए साफसफाई का ध्यान रखना चाहिए. सेक्स के बाद आप दोनों को कितनी ही नींद क्यों न आ रही हो लेकिन अगर आप हाइजीन से समझौता करेंगे तो आप को इंफैक्शन होने की आशंका बढ़ जाएगी. यहां यह भी ध्यान देना होगा कि आप को या आप के पार्टनर को सर्दीजुकाम तो नहीं हुआ है.

ऐसे में आप को आइसोलेट करना ही होगा क्योंकि थोड़े से मजे के लिए जीवन को खतरे में नहीं डाल सकते. सेक्सुअल वाशिंग सेक्स से पहले और सेक्स के बाद अच्छी तरह से हैंड वाश करना भी बेहद जरूरी है, क्योंकि बैक्टीरिया और कीटाणु आमतौर पर हमारे हाथों से ही फैलते हैं. सेक्स के दौरान अकसर हम अपना या पार्टनर का जैनिटल एरिया पेनिट्रेट करने के लिए हाथों का इस्तेमाल करते हैं.

ऐसे में अगर आप के हाथ गंदे होंगे तो प्राइवेट पार्ट में बैक्टीरिया ट्रांसफर होने का खतरा बना रहेगा. लिहाजा सेक्स से पहले और इंटरकोर्स के बाद हाथों को अच्छी तरह से रगड़ कर करीब 20 सैकेंड तक साफ करें. यौन संबंध बनाने से पहले और बाद में अपने जननांगो को अच्छी तरह साफ जरूर करें. संक्रमित प्राइवेट पार्ट सेक्स के बाद अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई करना भी बेहद जरूरी है. किसी भी तरह के बैक्टीरिया को फैलने से रोकने के लिए बेहद जरूरी है कि इंटरकोर्स के बाद पानी से प्राइवेट पार्ट की सफाई की जाए. आप चाहें तो पानी के साथ माइल्ड साबुन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन अगर आप की स्किन सैंसिटिव है तो आप को इरिटेशन की समस्या हो सकती है. प्राइवेट पार्ट की सफाई के लिए फैंसी लोशन या परफ्यूम का इस्तेमाल करने की बजाए कुनकुने पानी से इसे धोएं.

पार्टनर संग इंटरकोर्स के बाद जब आप बाथरूम में क्लीनिंग के लिए जाएं तो टौयलेट करना न भूलें. इस का मकसद यह है कि आप का ब्लैडर खाली होना चाहिए क्योंकि अगर सेक्स के दौरान किसी तरह का बैक्टीरिया आप के यूरेथा तक पहुंच गया होगा तो टौयलेट के दौरान वह शरीर से बाहर निकल जाएगा. सेक्स के बाद एक गिलास पानी पी कर मन को शांत कर सकते हैं. कौंडम ही बचाव है कोरोना वायरस के कारण दुनिया के कई देशों में लौकडाउन है. कौंडम बनाने वाली कंपनियां भी इस से अछूती नहीं हैं. ऐसे में कौंडम की सप्लाई कम हो रही है दुनियाभर में इस की भारी कमी हो गई है, जिस से बाजार में लोगों को यह नहीं मिल पा रहा है.

अगर आप भी इस स्थिति से गुजर रहे हैं तो कामेच्छा पर काबू रखें. लाइफ पार्टनर से खुल कर इस विषय पर बात करें. दोनों मिल कर रास्ता ढूंढ़ें. अगर आप सेक्सुअल अर्ज को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं तो वह कई तरह से इस पर नियंत्रण पाने में आप की मदद कर सकती हैं. अपने विचारों पर काबू करने की कोशिश करें. हर बार यौन संबंधों के बारे में सोचेंगे तो आप की कामेच्छा को काबू करना नामुमकिन हो जाएगा. बेहतर यही है कि जब भी ऐसा कोई खयाल आए तो दिमाग को तुरंत किसी और थौट की ओर डायवर्ट करने की कोशिश करें. सेक्सुअल ऊर्जा को किसी क्रिएटिव कार्य में लगा दें.

रोमांस और प्यार का मतलब सिर्फ यौन संबंध ही नहीं होता है. मोटे पुरुष और महिला दूर ही रहें कुछ दिनों पहले हुई एक स्टडी से पता चलता है कि पुरुष जिन का वजन अधिक होता है वे ज्यादा सेक्स करते हैं. ऐंगलिया रस्किन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं ने ब्रिटेन के करीब 5 हजार सेक्सुअली ऐक्टिव पुरुषों का विश्लेषण किया है और फिर इस नतीजे पर पहुंचे कि मोटे पुरुष, दुबले-पतले पुरुषों की तुलना में ज्यादा सेक्स करते हैं. सिर्फ पुरुषों में ही नहीं बल्कि महिलाओं में भी यही बात देखने को मिली.

अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि ओवरवेट महिलाओं ने भी कम वजन वाली महिलाओं की तुलना में 16 प्रतिशत ज्यादा सेक्स किया. कोरोना के प्रकोप से बचे रहें इसलिए मोटे लोग सेक्स विचारों से बचें.

अगर आप भी हैं सेक्स एडिक्ट तो हो जाइए अलर्ट

क्या है सेक्स ऐडिक्शन ?  

सेक्स ऐडिक्शन आउट औफ कंट्रोल हो जाने वाली सेक्शुअल ऐक्टिविटी है. इस स्थिति में सेक्स से जुड़ी हर बात आती है चाहे पौर्न देखना हो, मास्टरबेशन हो या फिर प्रौस्टिट्यूट्स के पास जाना, बस यह एक ऐसी ऐक्टिविटी होती है जिस पर इंसान का कंट्रोल नहीं रहता.

क्या हैं लक्षण?

सेक्स थेरेपिस्ट के साथ रेग्युलर मीटिंग्स के बिना यह बताना बहुत मुश्किल है कि किसे यह डिसऔर्डर है लेकिन कुछ लक्षण है जिनसे आप अंदाजा लगा सकती हैं और फिर डौक्टर से कंसल्ट कर सकती हैं. जैसे, बहुत सारे लोगों के साथ अफेयर होना, मल्टिपल वन नाइट स्टैंड, मल्टिपल सेक्शुअल पार्टनर्स, हद से ज्यादा पॉर्न देखना, अनसेफ सेक्स करना, साइबर सेक्स, प्रौस्टिट्यूट्स के पास जाना, शर्मिंदगी महसूस होना, सेक्शुअल नीड्स पर से नियंत्रण खो देना, ज्यादातर समय सेक्स के बारे में ही सोचना या सेक्स करना, सेक्स न कर पाने की स्थिति में तनाव में चले जाना.

ऐसे पायें छुटकारा

सेक्स ऐडिक्शन  के शिकार लोगों को फौरन साइकौलजिस्ट या साइकायट्रिस्ट के पास जाना चाहिए. साइकौलजिस्ट काउंसिलिंग और बिहेवियर मौडिफिकेशन के आधार पर इस ऐडिक्शन का इलाज करते हैं और मरीज के विचारों में परिवर्तन लाने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोगों को दूसरे कामों में व्यस्त रहने की सलाह दी जाती है. उन्हें समझाया जाता है कि वे संगीत, लौन्ग वौक आदि का सहारा लें और अपने परिवारवालों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताएं. साइकायट्रिस्ट दवाओं के माध्यम से इलाज करता है.

सेक्स ऐडिक्शन  एनोनिमस (एसएए) सेक्स ऐडिक्शन के शिकार लोगों का संगठन हैं. यहां कोई फीस नहीं ली जाती और न ही दवा दी जाती है. मीटिंग में इसके सदस्य जीवन के कड़वे अनुभवों, इससे जीवन में होने वाले नुकसान और काबू पाने की कहानी शेयर करते हैं. मीटिंग में आने वाले नए सदस्यों को इससे छुटकारा दिलाने के लिए मदद भी करते हैं. इससे पीड़ितों का आत्मबल बढ़ता है और उनमें इस बुरी आदत को छोड़ने की शक्ति विकसित होती है.

मेरे पति का औफिस की एक लड़की के साथ फिजिकल रिलेशन है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं शादीशुदा महिला हूं. विवाह को 15 वर्ष हो चुके हैं. मैं अपने पति को बहुत प्यार करती हूं और वे भी मुझे बहुत प्यार करते हैं. हमारा दांपत्य जीवन सुखपूर्वक बीत रहा था कि एक रोज मुझे पता चला कि उन का अपने औफिस की एक लड़की से अफेयर चल रहा है और दोनों के शारीरिक संबंध भी बन चुके हैं.

मैं ने जब इस बाबत उन से पूछा तो उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया और गलती के लिए माफी भी मांगी. मैं ने उन्हें माफ तो कर दिया, लेकिन उन की बेवफाई को चाह कर भी भुला नहीं पा रही. समझ में नहीं आता कि क्या करूं?

जवाब

यह सच है कि जिसे हम प्यार करते हैं, वह जब बेवफाई करता है तो बहुत दुख होता है. इसे आसानी से भुलाया नहीं जा सकता पर दूसरा कोई विकल्प भी नहीं है. पति पत्नी का रिश्ता परस्पर विश्वास पर टिका होता है, इसलिए आप के पति ने यदि अपनी गलती स्वीकार ली है.

आप से माफी भी मांग ली है और आइंदा आप को शिकायत का मौका न देने का भरोसा दिलाया है, तो आप को उन पर यकीन कर लेना चाहिए. पर साथ ही आप को भविष्य के लिए थोड़ा सतर्क रहना चाहिए.

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