अच्छी सेहत के लिए बेहद जरूरी है सेक्स

Sex News in Hindi: हमारे प्राचीन साहित्य (Ancient Literature) में सेक्स को ले कर खुल कर चर्चा हुई है और महर्षि वात्स्यायन ने सेक्स को ले कर कामसूत्र (Kamasutra) जैसे ग्रंथ की रचना की है. यह विडंबना की बात है कि हमारे यहां आज भी सेक्स (Sex) पर खुल कर बात करना वर्जित माना जाता है और सेक्स को एक टैबू (Taboo) माना जाता है. घरेलू महिला (Domestic Women) सुनीता एवं मैरिज काउंसलर दीप्ति के अनुसार, ‘‘सेक्स जरूरी है, जीवन का अभिन्न अंग है, यह आनंद देता ही है. आनंद देने के साथसाथ सेक्स सृष्टि के चलते रहने के लिए संतान की उत्पत्ति का एकमात्र साधन भी है.’’

यौन रोग विशेषज्ञ प्रकाश कोठारी के अनुसार सेक्स शारीरिक प्रक्रियाओं और हारमोंस के संचालन को नियमित रखता है. इस से शरीर के इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरोधात्मक क्षमता को बढ़ावा मिलता है. सप्ताह में 2 बार सेक्स करने वालों की अपेक्षा जो कभीकभी सेक्स कर पाते हैं उन में इम्यूग्लोबिन ‘ए’ का स्तर कम पाया जाता है और रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता काफी कम होती है. ऐसे लोग अकसर बीमार रहते हैं. इसलिए विवाहितों की अपेक्षा अविवाहितों की मृत्युदर अधिक पाई गई है.

सेक्स से प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि

कैंसर रोग के खतरे से बचाव होता है, क्योंकि पिछले 35 सालों में जो व्यक्ति जितना अधिक स्खलित होता है उस की अपेक्षा कम स्खलित होने वाले पुरुषों की तुलना में 33% कम प्रोस्टेट कैंसर पाया गया, जबकि पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा अधिक रहता है.

प्रौढ़ावस्था संभालने में सहयोगी

प्रौढ़ावस्था एक ऐसी सीढ़ी है, जिस पर कदम रखते ही स्त्रीपुरुष दोनों ही कुंठाग्रस्त होने लगते हैं, खासकर पुरुष. ऐसे में सेक्स ही कुंठानाशक होता है. यह स्त्रीपुरुष दोनों को एहसास कराता है कि युवावस्था के बाद भी आप का जीवन पूर्ववत चल रहा है, आने वाले जीवन में विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है.

सेक्स सौंदर्य बढ़ाता है

1999 में प्रकाशित ‘सुपर यंग’ के लेखक डाक्टर डेविड ने इस संबंध में अनेक शोध कार्य किए. शोध ने प्रमाणित किया कि जो पतिपत्नी सप्ताह में 4 बार औसतन सहवास क्रिया को अंजाम देते हैं वे अपनी वास्तविक उम्र से कम से कम 10 साल छोटे दिखते हैं.

सेक्स उम्र बढ़ाने में मददगार

डा. चार्नतेस्की एवं डा. प्रकाश कोठारी के अनुसार, ‘‘संतुलित सेक्स का आनंद लेने वाले स्त्रीपुरुष, जो करीब 10 सालों में अधिकतम चरमसुख प्राप्त करते हैं, वे कम चरमसुख महसूस करने वाले स्त्रीपुरुषों की अपेक्षा अधिक उम्र तक जीवित रहते हैं.

सेक्स सही ऐक्सरसाइज

पत्रकार मधु सेक्स को सही ऐक्सरसाइज मानती हैं, सेक्स एक अच्छाखासा व्यायाम है. आप रात या सुबहसुबह खुल कर सेक्स करती हैं तो यह आप को चुस्तदुरुस्त रखता है. सेक्स खून के दौरे को नियंत्रित करने में सहायक ही नहीं होता, बल्कि नियमित सेक्स कोलैस्ट्रौल को कम करता है और अतिरिक्त कैलोरी को नष्ट करने में भी सहायक होता है.

सेक्स वजन घटाता है

स्त्रीपुरुष यदि हफ्ते में कम से कम 5 बार सेक्स सुख लेते हैं तो यकीनन उन का बढ़ा हुआ वजन घटाने में सेक्स मददगार होगा, क्योंकि सहवास के दौरान प्रति मिनट में 4-5 कैलोरी और 1 घंटे में 300 कैलोरी कम हो जाती है.

बीमारी से बचाव

सेक्स करने की सलाह देते हुए डा. प्रकाश कोठारी और डा. अशोक जैन का कहना है कि हर स्वस्थ स्त्रीपुरुष के लिए सेक्स जरूरी है. खासकर महिलाओं को होने वाली बीमारियों से सेक्स बचाता है. महिलाओं को विवाह करने की सलाह भी इसलिए दी जाती है ताकि उन की शारीरिक क्रिया संतुलित रहे वरना हिस्टीरिया जैसी बीमारियां जकड़ लेती हैं. बच्चे के जन्म के बाद स्त्री के गर्भाशय की सफाई हो जाती है. स्त्री के शरीर को यदि संतुलित एवं सिस्टम में रखना है तो सेक्स निहायत जरूरी है.

डिप्रैशन कम करने में सहायक

डिप्रैशन में सेक्स रामबाण का काम करता है. दिलीप और मंजू पतिपत्नी दोनों कई बार अवसाद से घिर जाते हैं. जब उन्हें लगता है कि घरेलू समस्याएं उन्हें अवसाद की ओर ले जा रही हैं तो दोनों आपस में खुल कर सेक्स का लुत्फ उठाते हैं.

क्रिएटिव सोच

सेक्स से स्त्रीपुरुष दोनों की सोच में परिवर्तन होते हैं. परिवर्तन से दिमाग में नई क्रिएटिव प्रक्रिया को अंजाम देने की सोच ही पैदा नहीं होती, बल्कि क्रिएटिव कामों को अंजाम भी दिया जाता है. सेक्स एक मैडिसिन है. इस का सब से बड़ा फायदा है कि यह केवल स्वस्थ ही नहीं रखता बल्कि जिंदगी को खुशनुमा भी बनाता है.

अपनाएं उमंगभरा सेक्स

उमंगभरे सेक्स के लिए हफ्ते में 5-6 दिन कुछ कार्डियो (हृदय संबंधी) व्यायाम करें. इस से सेक्स क्षमता बढ़ेगी, कैलोरी बर्न होगी और ब्लड शुगर नियंत्रण में रहेगा. स्त्रीपुरुष दोनों ही स्वस्थ रहने के साथसाथ खुश भी रहेंगे.

भावनात्मक संबंध मजबूत करता है

जब तक स्त्रीपुरुष के भावनात्मक संबंध आपस में प्रगाढ़ नहीं होंगे तब तक सेक्स आप के लिए जरूरी नहीं होगा. मानसिक लगाव के बिना सेक्स अधूरा है. इस के अभाव में केवल खानापूर्ति ही होती है. सेक्स के बिना जिंदगी बेरौनक है. दांपत्य जीवन को तरोताजा रखने के लिए सेक्स को जीवन का अहम हिस्सा मान कर चलें.

 

पुरुषों को क्यों भाता है गैर महिलाओं का छूना?

Society News in Hindi: इस में कोई दोराय नहीं कि विपरीत सैक्स के प्रति आकर्षण स्त्रीपुरुष दोनों को ही होता है. लेकिन हाल ही में एक अध्ययन के बाद यह बात सामने आई है कि स्त्रीपुरुष में शारीरिक स्पर्श को ले कर कितनी समानताएं हैं. इस शोध का दिलचस्प तथ्य यह है कि स्त्री हो या पुरुष उसे दूसरों का स्पर्श कितना सुखकर लगता है. यानी स्त्रीपुरुष को यदि कोई गैर व्यक्ति छूता है तो वह शरीर के किनकिन जगहों को छूने की अनुमति देते हैं और शरीर के किन जगहों को छूने से असहज होते हैं.

अनजान महिलाओं का छूना

अध्ययनकर्ताओं ने इस के निष्कर्षों को जानने व समझने के लिए 2 बौडी माप बनाए, जिन में अलगअलग नतीजे बताए गए.

अध्ययन में यह बात सामने आई कि एक महिला अपने पुरुष पार्टनर को पूरे शरीर को छूने की अनुमति देती है.

मगर इस में हैरान करने वाली बात यह सामने आई है कि पुरुषों को अपनी महिला पार्टनर का छूना असहज करता है, मगर कोई गैर अथवा अनजान महिला का छूना खूब भाता है.

छू लो एक बार

इस अध्ययन का सब से दिलचस्प तथ्य यह भी रहा है कि पुरुष जहां अपने जानकारों, दोस्तों, परिवार के लोगों द्वारा छूने से असहज हो जाते हैं, वहीं महिलाएं इस की अनुमति दे देती हैं. हां, महिलाएं अनजान लोगों चाहे वह स्त्री हो या पुरुष की निकटता में असहज महसूस करती हैं.

पुरुषों को अनजान महिलाओं का स्पर्श इतना भाता है कि वे उन्हें खुद छूने का आमंत्रण देते हैं.

आखिर क्यों जरूरी है सेक्स का कारोबार, क्या झूठ की है भरमार

Sex News in Hindi: पहले गिनीचुनी कंपनियां सेक्स की ताकत (Sex Power) बढ़ाने वाली गोलियां, टौनिक(Sex Tonic) और स्प्रे (Sex Spray) बनाती थीं, पर बहुत लुकेछिपे ढंग से इस का प्रचार होता था. कुछ खास छोटी गुमनाम दुकानों पर ही यह सामान मिलता था. अब डिपार्टमैंटल दुकानों और दवा बेचने वालों के पास इस तरह की दवाओं के तमाम ब्रांड मिल जाते हैं. सेक्स (Sex) की दवाओं के इस कारोबार पर बहुत बड़ा हिस्सा उन लोगों के कब्जे में है जो दवाएं बेच रहे हैं. वे अपना नामपता तक गुप्त रखते हैं, पर बहुत से लोग जड़ीबूटी बता कर पता नहीं क्याक्या बेच रहे हैं. अपने प्रचार में ये लोग नामर्दी (Impotency) और बच्चा पैदा करने के लिए शुक्राणुओं की तादाद बढ़ाने के लिए इलाज का दावा करते हैं. पर हकीकत में इस तरह का इलाज इन झोलाछाप डाक्टरों के पास नहीं होता है. ये केवल भ्रामक प्रचार के जरीए ही लोगों को फंसाते हैं.

भ्रामक से मतलब है दवा के नाम पर डर को बेचना. अगर नामर्दी से जुड़ी कोई समस्या है तो किसी माहिर डाक्टर से ही अपना इलाज कराएं. उस डाक्टर द्वारा दी गई दवाओं का ही सेवन करें जो आसपास की कैमिस्ट की दुकान से आसानी से मिल जाती हैं.

मर्दाना ताकत बढ़ाने वाले स्प्रे या गोलियां कितनी कारगर होती हैं, इसे भी डाक्टर बता देते हैं और उन को इस्तेमाल करने की हिदायत भी दे देते हैं.

साल 1986 में एक स्प्रे पहली बार बाजार में आया था. तब यह कहींकहीं ही दिखता था. हालात ये हो गए थे कि इस को बनाने वाली कंपनी ने इस स्प्रे को बनाना बंद कर दिया था.

1990 में नामर्दी को ठीक करने का कारोबार जब बढ़ने लगा तो 1995 में इस स्प्रे को फिर से बाजार में उतारा गया. इस के बाद तो कंपनी ने इसी नाम से गोलियां भी बनानी शुरू कर दीं. यही नहीं, मुख मैथुन में मदद के लिए फलों के कई स्वादों वाला स्प्रे भी बाजार में आने लगा.

‘पुरुषों में चरम शक्ति बढ़ाने’ के नाम पर तमाम तरह की दवाओं का प्रचार किया जाता है. इन में हर्बल दवाओं का नाम भी दिया जाता है.

जब एलोपैथिक दवा वियाग्रा को बाजार में उतारा गया तो उस ने अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ दिए. 500 रुपए की यह गोली हर आदमी की जेब को सूट नहीं कर रही थी, इस वजह से वियाग्रा का देशी संस्करण भी बाजार में आ गया.

नामर्दी के इस कारोबार ने जब अपना जलवा दिखाया तो टैलीविजन भी इस के जाल में फंस गया. टैलीविजन के जरीए इन दवाओं का प्रचार बैडरूम तक पहुंचने लगा.

नामर्दी को दूर करने का कारोबार करने के लिए पत्रपत्रिकाओं और टैलीविजन पर इश्तिहार दिए जाते हैं. इस के अलावा दूरदराज की जगहों पर वाल राइटिंग कराई जाती है. दवा की दुकानों पर पोस्टर लगवाए जाते हैं. कई तरीके से पंपलैट बांटे जाते हैं. एलोपैथिक दवाओं को बनाने वाले डाक्टरों के जरीए भी प्रचार किया जाता है.

इस धंधे में होने वाले मुनाफे का अंदाजा प्रचार में खर्च की जाने वाली रकम से लगाया जा सकता है. सब से पहले नामर्दी का शिकार सेक्स का इलाज करने वाले झोलाछाप डाक्टरों के पास जाता है. अपने इलाज पर जब वह कई हजार रुपए खर्च कर लेता है तब उस को डाक्टरों का खयाल आता है.

एक सर्वे के मुताबिक, भारत में 10 में से 2 आदमी को सेक्स की परेशानी होती है. यह परेशानी अंग में तनाव न आने की होती है. ज्यादातर लोग लुकछिप कर ही अपना इलाज कराने की कोशिश करते हैं. इसी में वे ठगे जाते हैं.

सेक्स रोगों के जानकार और सर्जन, लखनऊ के डाक्टर गिरीश मक्कड़ कहते हैं, ‘‘नामर्दी 2 तरह की होती है. एक, विवाह की शुरुआत में ही सामने आ जाती है. दूसरी, एक निश्चित उम्र के बाद आती है. इस में अंग में तनाव नहीं आता है. इस के शारीरिक और मानसिक 2 कारण होते हैं. कारण का पता लगा कर ही सही ढंग से उस का उपचार किया जा सकता है.’’

ज्यादा उम्र हो जाने पर किसी बीमारी के चलते या फिर मधुमेह, तनाव, एलर्जी या दिल की बीमारी के चलते यह परेशानी आ सकती है. शुरुआती समय में अगर इस का सही ढंग से इलाज हो जाए तो परेशानी से बचा जा सकता है.

अच्छी नौकरियां कर रहे लोग तनाव में फंस कर रह जाते हैं, जिस के चलते अंग में तनाव की कमी आ जाती है. वे इस को दूर करने के लिए महंगी से महंगी दवाओं को लेने लग जाते हैं.

एक मैडिकल स्टोर चलाने वाले दीपक कुमार कहते हैं कि नामर्दी दूर करने की दवाओं को खरीदने वाले हर उम्र के लोग होते हैं. ज्यादातर 20 से 30 साल और इस के बाद 40 से 45 साल की उम्र के लोग होते हैं.

अब महिलाएं भी इस तरह के मामलों में अपनी राय देने लगी हैं. कभीकभी वे खुद पहल कर के पतियों को डाक्टरों के पास लाती हैं. जरूरत इस बात की है कि नामर्दी का इलाज सही ढंग से माहिर डाक्टरों से कराया जाए. बहुत सारे मामलों में इस तरह की दवाओं का फायदा मनोवैज्ञानिक असर के चलते ही दिखता है. झोलाछाप डाक्टर इसी बात का फायदा उठा कर अपना कारोबार चलाते रहते हैं.

नामर्दी का कारोबार ज्यादातर गलतफहमी पर टिका हुआ है. अगर सही ढंग से इलाज कराया जाए तो नामर्दी का यह इलाज सस्ता भी है और इस में किसी तरह की कोई परेशानी भी नहीं होती है.

सभी तरह की नामर्दी का इलाज हो सकता है और इस में कामयाबी की गारंटी 80 से 100 फीसदी तक होती है. इस तरह के मामलों में पत्नी और अनुभवी डाक्टरों का इलाज में खास रोल होता है.

जुराब पहनकर करेंगे सेक्स तो दोगुना हो जाएगा मजा

 Sex News in Hindi: जिंदगी को खुशनुमा बनाने के लिए जरूरी है सेक्स. ये तनाव (Stress) कम करता है. आपको खुश रखता है और आपके जीवन को एक जीने की वजह देता है. लेकिन ये सारी चीजें तब होती हैं जब आपको इसमें पूरी तरह से संतुष्टि मिलें और आपका पार्टनर (Partner) आपके प्रति वफादार हो. फिर भी कई बार लोग एक-दूसरे के प्रति वफादार होते हैं तब भी उन्हें सेक्सलाइफ (Sex Life) में संतुष्टि नहीं मिलती. ऐसा क्यों…? ऐसा कई कारणों से होता है और हर कारण, अलग-अलग स्थितियों पर निर्भर करते हैं. ये सारे कारण तो किसी सेक्सोलॉजिस्ट (Sexologist) से मिल कर ही हल हो सकते हैं. फिर भी अगर आपको अपनी सेक्स लाइफ में संतुष्टि चाहिए तो यहां दिया गया उपाय अपनाइए.

ये समाधान है, सोते समय जुराब मतलब मोजे पहनने का

अगर आप सोते समय कपड़ों के साथ पैरों में मोजे मतलब जुराब पहनते हैं तो ये खबर आपके लिए है. सर्दियों में तो बहुत सारे लोग मोजे पहनकर सोते हैं लेकिन इस खबर को पढ़ने के बाद आप पूरे साल मोजे पहनकर सोएंगे. हाल ही में हुए एक सर्वे में इस बात की पुष्टि हुई है कि आप मोजे पहनकर सेक्स करते हैं तो आपको चरम सुख की प्राप्ति होती है.

सर्वे में इस बात का कारण देते हुए कहा गया है कि दोनों पांवों में मोजे पहन कर सोने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है खासकर पैरों में, जिससे पैरों की रक्त वाहिकाओं में ब्लड सर्कुलेशन बना रहता है. ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनने से आप सेक्स करने के दौरान ज्यादा एक्टिव रहते हैं.

यह सर्वे नीदरलैंड की गोनिन्जम यूनिवर्सिटी द्वारा करवाया गया है. इस सर्वे में शोधकर्ता ने पाया की मोजे पहनकर सेक्स करने वालों में से 80% कपल को चरम सुख की प्राप्ति हुई. वैसे हर कोई इस सर्वे से इत्तेफाक नहीं रखता है. कई एक्सपर्ट इस स्टडी को एक सिरे से खारिज भी करते हैं.

ऐसे सर्वे होते रहते हैं. सर्वे के परिणाम अधिकतर लोगों पर कारगर होते हैं इसलिए इन्हें फाइनल माना जाता है. इसका मतलब ये नहीं की ये हर किसी पर कारगर हों. पिछले दिनों ऐसा ही एक सर्वे आया था कि घर में सेक्स करने की तुलना में होटल के कमरे में सेक्स करने में ज्यादा मजा आता है. ये सर्वे 11 देशों के 2,200 लोगों पर शोध कर तैयार किया गया थी. यह सर्वे मोबाइल बुकिंग सर्विस होटल टूनाइट द्वारा किए गए सर्वेक्षण पर आधारित था. तो इसका मतलब ये नहीं की घर में मजा नहीं आता. हर किसी की अपनी पसंद होती है और हर किसी का अपना अनुभव होता है.

पचपन की उम्र में भी न करें सेक्स से परहेज, होगा ये फायदा

Sex Tips in Hindi: कुछ समय पहले की बात है. एक विख्यात सेक्स विशेषज्ञ (Sex Specialist) को एक महिला का पत्र मिला. लिखा था, मेरे पति 54 साल के हैं. उन्होंने फैसला किया है कि वह अब भविष्य में मुझ से कोई जिस्मानी संबंध (Physical Relation) न रखेंगे. उन का कहना है कि उन्होंने कहीं पढ़ा है कि 50 साल बाद वीर्य का निकलना मर्द पर अधिक शारीरिक दबाव डालता है और वह अगर नियमित संभोग में लिप्त रहेगा तो उस की आयु कम रह जाएगी यानी वह वक्त से पहले मर जाएगा. इसलिए उन्होंने सेक्स को पूरी तरह से त्याग दिया है. क्या इस बात में सचाई है? अगर नहीं, तो आप कृपया उन्हें सही सलाह दें.

मैं आशा करती हूं कि इस में कोई सत्य न हो, क्योंकि यद्यपि मैं 50 की हूं मेरी इच्छाएं अभी बहुत जवान हैं. मैं इस विचार से ही बहुत उदास हो जाती हूं कि अब ताउम्र मुझे सेक्स सुख की प्राप्ति नहीं होगी. मैं ने अपने पति को समझाने की बहुत कोशिश की. मुझे यकीन है कि वह गलत हैं. लेकिन मेरे पास कोई मेडिकल सुबूत नहीं है, इसलिए वह मेरी बात पर ध्यान नहीं देते. मुझे विश्वास है कि जहां मैं नाकाम रही वहीं आप कामयाब हो जाएंगे.

यह केवल एक महिला का दुखड़ा नहीं है. अगर सर्वे किया जाए तो 50 से ऊपर की ज्यादातर महिलाएं इसी कहानी को दोहराएंगी और महिलाएं ही क्यों पुरुषों का भी यही हाल है. सेक्स से इस विमुखता के कारण स्पष्ट और जगजाहिर हैं, लेकिन एक बात जिसे मुश्किल से स्वीकार किया जाता है और जो आधुनिक शोध से साबित है, वह यह है कि सेक्स न करने से व्यक्ति जल्दी बूढ़ा हो जाता है और उसे बीमारियां भी घेर लेती हैं.

एक 55 साल की महिला से सेक्स के बाद जब उस के प्रेमी ने कहा कि वह जवान लग रही है, तो उस ने आईना देखा. उस ने अपने शरीर में अजीब किस्म की तरंगों को महसूस किया और उसे लगा कि वह अपने जीवन में 20 वर्ष पहले लौट आई है.

50 के बाद सेक्स में दिलचस्पी कम होने की कई वजहें हैं. हालांकि अब वैदिक काल जैसी कट्टरता नहीं है, लेकिन अब भी सोच यही है कि 50 पर गृहस्थ आश्रम खत्म हो जाता है और वानप्रस्थ आश्रम शुरू हो जाता है. इसलिए शायद ही कोई घर बचा हो जिस में यह वाक्य न दोहराया जाता हो : नातीपोते वाले हो गए, अब तुम्हारे खेलने के दिन कहां बाकी हैं. शर्म करो, अब बचपना छोड़ो. बहूबेटे क्या कहेंगे? क्या सोचेंगे कि बूढ़ों को अब भी चैन नहीं है.

दरअसल, भक्तिकाल में जब ब्रह्मचर्य और वीर्य को सुरक्षित रखने पर जो बल दिया गया उस से यह सोच विकसित हो गई कि सेक्स का उद्देश्य आनंदित स्वस्थ और तनावमुक्त रहना नहीं बल्कि केवल उत्पत्ति है. एक बार जब संतान की उत्पत्ति हो जाए तो सेक्स पर विराम लगा देना चाहिए.

इस तथाकथित धार्मिक धारणा पर अब तक साइंस का गिलाफ चढ़ाने का प्रयास किया जाता रहा है. मसलन, हाल ही में ‘योग’ से  संबंधित एक पत्रिका में लिखा था, ‘‘वीर्य में सेक्स हारमोन होते हैं. उन्हें सुरक्षित रखें और सेक्स में लिप्त हो कर उसे बरबाद न करें. यह कीमती हारमोन यदि बचा लिए जाते हैं तो वापस रक्त में चले जाते हैं और शरीर में ताजगी और स्फूर्ति आ जाती है. आधी छटांक वीर्य 40 छटांक रक्त के बराबर होता है, क्योंकि वह इतने ही खून से बनता है. जिस्म से जितनी बार वीर्य निकलता है उतनी ही बार कीमती रासायनिक तत्त्व बरबाद हो जाते हैं, वह तत्त्व जो नर्व व बे्रन टिश्यू के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण  हैं. यही वजह है कि अति उत्तेजक पुरुषों की पत्नियां और वेश्याओं की आयु बहुत कम होती है.

इस पूरे ‘प्रवचन’ के लिए एक ही शब्द है, बकवास. सब से पहली बात तो यह है कि वीर्य में शुक्राणु बड़ी मात्रा में साधारण शकर, सेट्रिक एसिड, एसकोरबिक एसिड, विटामिन सी, बाइकारबोनेट, फासफेट और अन्य पदार्थ होते हैं जो ज्यादातर एंजाइम होते हैं, इन सब का उत्पादन अंडकोशिकाएं, सेमिनल बेसिकल्स और एपिडर्मिस व वसा की डक्ट के जरिए होता है. वीर्य में सेक्स हारमोन होते ही नहीं. यह सारे तत्त्व या पदार्थ जिस्म में खाने की सप्लाई से बनते हैं जोकि एक न खत्म होने वाली प्रक्रिया है. निष्कासित होने से पहले वीर्य सेमिनल वेसिकल्स में स्टोर होता है, अगर इसे निष्कासित नहीं किया गया तो भीगे ख्वाबों से यह अपनेआप हो जाएगा. जाहिर है इस के शरीर में स्टोर होने का अर्थ है कि जिस्म में यह सरकुलेशन का हिस्सा रहा ही नहीं है और न ही ऐसी कोई प्रक्रिया है जिस से वीर्य फिर खून में शामिल हो कर ऊर्जा का हिस्सा बन जाए.

विख्यात वैज्ञानिक डॉक्टर इसाडोर रूबिन का कहना है, ‘‘अगर यह धारणा सही होती कि वीर्य के निकलने से या महिला के चरम आनंद प्राप्त करने से जिस्म में कमजोरी आ जाती है और उम्र में कटौती हो जाती है, तो कुंआरों की आयु विवाहितों से ज्यादा होती, क्योंकि अविवाहितों को सेक्स के अवसर कम मिलते हैं. वास्तविकता यह है कि विवाहित व्यक्ति लंबे समय तक जीते हैं.’’ हाल में किए गए शोधों से पता चला है कि अगर कोई व्यक्ति काफी दिन तक सेक्स से दूर रहता है तो कुछ प्रोस्टेटिक फ्लूड सख्त हो कर ग्रंथि में रह जाते हैं. इस से प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बढ़ जाता है और व्यक्ति को पेशाब करने में कठिनाई होने लगती है. इस समस्या पर अगर ध्यान न दिया जाए तो फिर प्रोस्टेट की सर्जरी आवश्यक हो जाती है.

50 के बाद सेक्स से विमुखता का एक अन्य कारण यह है कि जवानी में लोग कसरत पर और अपने जिस्म को सुडौल रखने के लिए खानपान पर अकसर खास ध्यान नहीं  देते. इस से उम्र के साथ उन के शरीर पर फैट जमा होने लगता है जिस से वह मोटे हो जाते हैं. यह जानने के लिए ज्ञानी होना आवश्यक नहीं है कि मोटापा अपनेआप में कई गंभीर बीमारियों की जड़ होता है. व्यक्ति जब बीमार रहेगा तो उस का ध्यान सेक्स की ओर कहां जाएगा, साथ ही पुरुष का जब पेट निकल जाता है और उस का सीना भी औरतों की तरह लटक जाता है तो वह उस मुस्तैदी से सेक्स में लिप्त नहीं हो पाता जैसे वह जवानी में होता था. महिलाओं के बेडौल और मोटे होने से उन में मर्द के लिए पहले जैसा आकर्षण नहीं रह पाता. इसलिए जरूरी है कि उम्र के हर हिस्से में कसरत की जाए और अपना वजन नियंत्रित रखा जाए.

वैसे सेक्स भी अपनेआप में बेहतरीन कसरत है. अन्य फायदों के अलावा इस से मांसपेशियों सुगठित रहती हैं, ब्लड प्रेशर सामान्य और अतिरिक्त फैट कम हो जाता है. गौरतलब है कि पुरुष के गुप्तांग में जोश स्पंजी टिश्यू के छिद्रों में खून के बहाव से आता है. अगर आप के जिस्म पर 1 किलो अतिरिक्त फैट है तो रक्त को 22 मील और ज्यादा सरकुलेट होना पड़ता है. अगर व्यक्ति बहुत मोटा है तो फैट उस के सामान्य सरकुलेशन को और कमजोर कर देता है और खास मौके पर इतना रक्त उपलब्ध नहीं होता कि पूरी तरह से जोश में आ जाए.

दरअसल, खानेपीने का तरीका सामान्य सेहत को ही नहीं सेक्स जीवन को भी प्रभावित करता है. इस में कोई दोराय नहीं कि पतिपत्नी क्योंकि एक ही छत के नीचे रहते हैं इसलिए खाना भी एक सा ही खाते हैं. अगर किसी दंपती के खाने में विटामिन ‘बी’ की कमी है तो इस का उन के जीवन पर जटिल प्रभाव पडे़गा. इस की वजह से पत्नी में अतिरिक्त एस्ट्रोजन (महिला सेक्स हारमोन) आ जाएंगे और उस की सेक्स इच्छाएं बढ़ जाएंगी जबकि पति में इस का उलटा असर होता है. एस्टो्रजन के बढ़ने से उस के एंड्रोजन (पुरुष सेक्स हारमोन) में कमी आ जाती है.

दूसरे शब्दों में, स्थिति यह हो जाएगी कि पत्नी तो ज्यादा प्यार करना चाहेगी, लेकिन पति की इच्छाएं कम हो जाएंगी. इसलिए आवश्यक है कि संतुलित हाई प्रोटीन खुराक ली जाए. साथ ही शराब और सिगरेट की अधिकता से बचा जाए, क्योंकि इन दोनों के सेवन से व्यक्ति वक्त से पहले चरम पर पहुंच जाता है और फिर अतृप्त सा महसूस करता है.

गौरतलब है कि इंटरनेशनल जर्नल आफ सेक्सोलोजी-7 के अनुसार विटामिन और हारमोंस का गहरा रिश्ता है. दर्द भरी माहवारी में राहत के लिए जब टेस्टेस्टेरोन हारमोन दिया जाता है तो उस की अधिक सफलता के लिए साथ ही विटामिन ‘डी’ भी दिया जाता है. इसी तरह से गर्भपात के संभावित खतरे से बचने के लिए प्रोजेस्टरोन हारमोन के साथ विटामिन ‘सी’  दिया जाता है.

50 के बाद सेक्स से विमुखता की एक वजह यह भी है कि दोनों पतिपत्नी बननासंवरना काफी हद तक कम कर देते हैं. अच्छे और आकर्षक कपडे़ पहनने से और बाल अच्छी तरह बनाने से यकीनन महिला का मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ता है.

यहां यह बताना भी आवश्यक होगा कि इसी किस्म का आकर्षण लाने के लिए पुरुषों को भी चाहिए कि वे कसरत करें, ब्यूटी पार्लर जाएं और अच्छे कपडे़ पहनें, साथ ही उन की पत्नी जब रजोनिवृत्ति से गुजर रही हो तो उस का विशेष ध्यान रखें. पत्नी जितना खुल कर अपने पति से बातें कर सकती है उतना वह अपने डाक्टर से भी नहीं कह पाती. इसलिए अगर रजोनिवृत्ति के दौरान पति ने उसे सही से संभाल लिया तो आगे का सेक्स जीवन बेहतर रहेगा.

अब तक जो बहस की गई है उस से स्पष्ट है कि अच्छे, स्वस्थ और लंबे जीवन के लिए 50 के बाद भी सेक्स उतना ही आवश्यक है जितना कि उस से पहले. लेकिन उसे बेहतर बनाए रखने के लिए अपने नजरिए में बदलाव लाना भी जरूरी है और अगर कोई समस्या है तो मनोवैज्ञानिक और डाक्टर से खुल कर बात करने में कोई शर्म नहीं करनी चाहिए.

कंडोम मुसीबत नहीं दोस्त है आपका

Sex News in Hindi: फिल्म ‘डियर जिंदगी’ (Dear Zindagi) में शाहरुख खान ने दिमाग के डाक्टर का किरदार निभाया था और दिमागी बीमारी या परेशानी को ले कर एक बात समझाई गई कि लोग शरीर की बीमारी को तो नहीं छिपाते हैं, पर जैसे ही उन्हें पता चलता है कि घर में कोई दिमागी तौर पर बीमार है, तो उन्हें जैसे सांप सूंघ जाता है.फुसफुसाहट सी शुरू हो जाती है, जैसे दिमागी बीमारी होना जिंदगी की सब से बड़ी दुश्वारी है. अनपढ़ ही नहीं, बल्कि पढ़ेलिखे लोग भी दिमागी समस्याओं पर दिमाग खोल कर बात नहीं कर पाते हैं. ऐसा ही हाल कंडोम (Condom) के इस्तेमाल की बहस का माना जा सकता है. बहुत से लोग तो इस बात से जूझते रहते हैं कि कंडोम उन का दोस्त है या मुसीबत. सब से बड़ी मुसीबत तो यह कि कैमिस्ट से खरीदा कैसे जाए या सरकारी अस्पताल में नर्स से मांगा कैसे जाए? लेकिन हैरत की बात तो यह है कि कैमिस्ट या नर्स के लिए किसी को कंडोम देना उतना ही आसान काम है, जितना कोई दूसरी दवा देना.

दूसरी मुसीबत होती है इसे इस्तेमाल करना. कई मर्दों को शिकायत रहती है कि सैक्स के दौरान यह मजे में रुकावट बनता है और उन्हें अंग का उतना जोश नहीं मिलता जितना बगैर कंडोम के जोश रहता है.

कुछ मामलों में औरतों को भी यह रास नहीं आता है. सरकारी अस्पतालों में मिलने वाले ‘मुफ्त के निरोध’ की गंध उन के सैक्स के खेल को बेकार बना देती है और चरमसुख से पहले वे अनचाही झल्लाहट से रूबरू होती हैं.

लेकिन ये कुछ मुसीबतें कंडोम की अहमियत को कम नहीं कर सकती हैं. यह एक ऐसा दोस्त है, जो आप पर आने वाली मुसीबत को खुद पर झेल लेता है. सच मानिए, तो यह सैक्स के मजे को दोगुना कर देता है.

 कंडोम से दोस्ती करने के फायदों के बारे में :

सैक्स बीमारियों से बचाव : सैक्स के दौरान कंडोम मर्द और औरत के प्राइवेट पार्ट के बीच एक ऐसी झिल्लीनुमा पतली दीवार का काम करता है, जो उन्हें सैक्स बीमारियों से बचाता है. माहिर डाक्टरों की राय मानें, तो अगर किसी के एक से ज्यादा सैक्स पार्टनर हैं, तो सैक्स करने के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करने से एड्स जैसी खतरनाक बीमारी को काफी हद तक खत्म किया जा सकता है. इस से शुक्राणु और कीटाणु नहीं फैलते हैं.

अनचाहे पेट से छुटकारा : जल्दी बच्चा न चाहने या 2 बच्चों के बीच कुछ वक्त का फर्क करने में कंडोम काफी असरदार माना जाता है. यह अनचाहे पेट से छुटकारा दिलाने में मददगार होता है और शादी के बाद परिवार नियोजन में मदद करता है. कंडोम आजकल तकरीबन हर मैडिकल स्टोर में आसानी से मिलता. यह सस्ता होता है और अलगअलग रंगों, फ्लेवर व साइज में मिलता है.

सैक्स पावर में बढ़ोतरी : एक रिसर्च से यह बात सामने आई है कि कंडोम के इस्तेमाल से मर्दों की अपनी पार्टनर के साथ सैक्स करने की कूबत बढ़ती है. वे दोनों लंबे समय तक बिस्तर पर अपना समय बिता सकते हैं.

इस के अलावा कई बार सैक्स के दौरान मर्द के अंग में दर्द होता है, लेकिन कंडोम के इस्तेमाल से उन्हें इस दर्द से छुटकारा मिल सकता है, क्योंकि कंडोम से अंग की बाहरी चमड़ी पर कम दबाव पड़ता है और रगड़ कम लगने से दर्द नहीं होता है. और हां, इस के इस्तेमाल से अंग पर चोट लगने का खतरा भी कम हो जाता है.

सुख का एहसास : सैक्स के दौरान जो लोग कंडोम का इस्तेमाल करते हैं, उन में से बहुतों का मानना है कि यह पहनने से उन्हें नयापन सा महसूस होता है, सैक्स करने की ज्यादा ताकत मिलती है. अब तो कंडोम कई फ्लेवर में आने लगे हैं, जो सैक्स के दौरान अजीब से सुख का एहसास कराते हैं.

सर्द मौसम और सैक्स के टिप्स

Sex Tips in Hindi: हर मौसम में प्रेमीप्रेमिका के प्यार का अपना अलग ही अंदाज होता है. बारिश के मौसम में, सर्दी के सर्द मौसम में प्रेमीप्रेमिका के बीच रंगीनियत अधिक बढ़ जाती है. सर्दियों की गुलाबी ठंड में दोनों आपस में एकदूसरे की बांहों में गरमाहट का एहसास पाना चाहते हैं. साथ ही, ऐसे में सहवास का मजा और बढ़ जाता है.सैक्सोलौजिस्ट डा. चंद्रकिशोर कुंदरा के मुताबिक, ‘‘ठंड के मौसम में पशुपक्षी से ले कर इंसान तक सभी ज्यादा से ज्यादा सहवास करने के इच्छुक होते हैं.’’  इसीलिए अपनाएं कुछ हौट टिप्स जिन के माध्यम से आप सैक्स का भरपूर लुत्फ उठा सकते हैं :

गरम बाथ का मजा लें

प्रेमीप्रेमिका अकसर पिकनिक पर जाते हैं. पिकनिक स्पौट पर बने रूम में बाथटब है तो ठंड के मौसम में हलके गरम पानी का मजा बाथटब में उठा सकते हैं. बाथटब में कुनकुने पानी में चंदन और गुलाब की कुछ बूंदें डालें व बाथरूम को सुगंधित कैंडल से सजा दें. आप का यह तरीका ऐक्साइटमैंट में नया जोश भर देगा. प्यार में नया तरीका व नई उमंग प्रेमीप्रेमिका के संबंधों में ऊर्जा का संचार करेगी.

कैंप फायर का आनंद लें

ठंड के मौसम में कैंप फायर का मजा ही कुछ अलग है. प्रेमीप्रेमिका अकसर ठंड के मौसम में हिल स्टेशन जाते हैं. ऐसे में अलाव जला कर अपने हमदम के साथ बैठ कर आग सेंकने का मजा उठाएं, इस का अलग ही आनंद है. ठंड में यह कैंप फायर दोनों तरफ अलग ही आग लगा देती है. अनोखे अंदाज में प्रेमीप्रेमिका शारीरिक आनंद उठाते हैं.

नृत्य करें

गुलाबी ठंड के मौसम में रोमांटिक गाना बजाएं और स्लो मोशन में प्रेमीप्रेमिका एकसाथ एकदूसरे की कमर में हाथ डाल कर डांस करें. संगीत की धुन पर आप दोनों के कदम अपनेआप थिरकने लगेंगे. इस से प्यार की तलब और बढ़ेगी. ध्यान रखें कि गाना प्रेमीप्रेमिका की पसंद का हो.

थोड़ी शरारत करें

हलकीफुलकी शरारत से मुहब्बत का इजहार और भी गहरा हो जाता है. प्रेमीप्रेमिका दोनों एकदूसरे के साथ शरारत और मनुहार करें, छेड़छाड़ करें, एकदूसरे को अचानक बांहों में भर लें, किस करें, साथी को फोर प्ले के लिए तैयार करें. यह छेड़छाड़ प्रेमीप्रेमिका के रिश्तों को मजबूत बनाएगी.

स्पर्श करें

स्पर्श, अभिव्यक्ति का सब से अच्छा माध्यम माना जाता है. प्रेमीप्रेमिका एकदूसरे को प्यारभरा स्पर्श दें ताकि ठंड के मौसम में केवल प्यार और सहवास का आनंद उठा सकें.

एक हो जाएं

गुलाबी ठंड का मौसम बेहद हसीन होता है. इस दौरान प्रेमीप्रेमिका एकदूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय गुजारना चाहते हैं. सिंगल ब्लैकफिट का प्रयोग करें. सर्द मौसम सैक्स के लिहाज से सब से उपयुक्त है. इस मौसम में एकदूसरे से दूर रहना प्रेमीप्रेमिका के लिए असंभव होता है, ऐसे में जब मौका भी हो तो कहने ही क्या, तो आजमाइए ये हौट टिप्स और उठाइए बिंदास प्रेम का लुत्फ.

मैं अपने एक दोस्त से प्यार करने लगी हूं पर वो इस बारे में कोई बात नहीं करता, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी उम्र 20 साल है. कुछ महीनों पहले ही मुझे एहसास हुआ कि मैं लगातार अपने एक दोस्त के लिए कुछ फील करने लगी हूं. मैं उस से बात करने के बहाने ढूंढ़ने लगी, उस के मैसेजेस का इंतजार करने लगी और न चाहते हुए भी उसे चाहने लगी. मुझ से अपनी फीलिंग्स ज्यादा दिन छिपाई नहीं गई तो मैं ने उस से सबकुछ कह दिया. उस ने ज्यादा कुछ तो नहीं कहा लेकिन यह कह दिया कि उस के मन में भी मेरे लिए कुछ है. अगले दिन जब हम मिले तो उस ने इस बारे में कोई बात ही नहीं की तो मैं ने भी कुछ नहीं कहा. उस के अगले दिन भी हम ने बात की लेकिन एक दूसरे के प्रति फीलिंग्स की नहीं. इस बात को 2 हफ्तों से ज्यादा हो गए हैं. अब मेरे लिए इंतजार करना मुश्किल हो रहा है. उस के इतना पास हो कर भी मैं इतनी दूर हूं. मैं क्या करूं, समझ नहीं आता?

जवाब-

लड़कों का स्वभाव चाहे कैसा भी हो लेकिन जब वे किसी लड़की को पसंद करते हैं तो उस से अपनी फीलिंग्स का इजहार करने से खुद को नहीं रोक पाते. आप के इजहार करने के इतने दिनों बाद भी अगर वह आप से इस विषय पर बात नहीं कर रहा तो इस का मतलब साफ है कि वह बात करना नहीं चाहता. आप की कुलबुलाहट जायज है लेकिन वह लड़का आप में इंटरैस्टेड नहीं है, यह भी झुठलाया नहीं जा सकता.

आजकल वैसे भी मैसेजेस पर लोग जो कहते हैं, जरूरी नहीं कि वह सच ही हो. हां, आप एक बार हिम्मत कर के उस से इस बारे में बात कर के देख लीजिए. बाद में पछताने से बेहतर है कि एक बार में मसला सुलझा लिया जाए. यदि वह सचमुच इंटरैस्टेड न हो तो आप भी अपनी फीलिंग्स को कंट्रोल करने की कोशिश कीजिए, नहीं तो आप को केवल दुख ही पहुंचेगा.

कामुकता की ये 5 बातें आप शायद नहीं जानते

अगर आपको लगता है कि आप मानव कामुकता के बारे में सब कुछ जानते हैं तो ये शायद आपकी खुशफहमी है क्योंकि कामुकता की कई ऐसी बातें हैं जिनके बारे में या तो आप जानते नहीं या फिर आपकी जानकारी गलत है.

हम यहां आपको बता रहे हैं कामुकता की 5 बातें जिससे आप शायद अनभिज्ञ रहे हैं.

  1. स्थाई Erection जानलेवा हो सकता है

स्थाई Erection को प्रायप्रिज्म कहते हैं. ये दो तरह का होता है: एक लिंग में बहुत ज्यादा रक्त संचार से होता है और दूसरा ब्लौकेज से होता है जिसकी वजह से लिंग में जमा रक्त वापस नहीं लौट पाता.  प्रायप्रिज्म एक गंभीर मसला है क्योंकि इससे लिंग के टिशू को नुकसान हो सकता है.

प्रायप्रिज़्म बीमारी का नाम सुनकर आपको हंसी आ सकती है लेकिन शायद आपको पता नही कि इससे जान भी जा सकती है. एक 44 साल के व्यक्ति को ये बीमारी थी और उसकी जान बचाने के लिये डॉक्टर को उसका लिंग काटना पड़ा.

  1. इंग्लैंड ने सेक्स वर्कर्स को STD से बचाने के लिये कानून बनाया था

इंग्लैंड में विक्टोरिया शासनकाल को बहुत रुढ़िवादी माना जाता है लेकिन शायद आपको नहीं पता कि 1866 में विक्टोरिया ने सेक्स वर्कर्स और उनके सैनिक ग्राहकों को सेक्स संबंधी बीमारी से बचाने के लिये क़ानून बनाया था. इस कानून के तहत हर सेक्स वर्कर नियमित रुप से जांच की जाती थी और बीमारी होने पर मुफ्त इलाज किया जाता था.

3- साइकिल की सीट से कम हो सकती है पुरुष की कामुक-क्षमता

साइकिल चलाना सेहत और पर्यावरण के लिये अच्छा माना जाता है लेकिन इससे पुरुष की कामुक-क्षमता पर भी बुरा असर पड़ सकता है. 2005 के एक शोध में पाया गया है कि आधुनिक साइकिल की सीट से अंडकोष और लिंग पर बहुत प्रेशर पड़ता है जिससे गुदा द्वार में ट्यूमर हो सकता है और लिंग में रक्त संचार कम हो सकता है.

4- कद्दू की महक बढ़ाती है कामुकता

2014 के एक अध्ययन से पता चला है कि कद्दू की महक से कामुकता बढ़ जाती है. इसकी महक से लिंग में रक्त संचार बढ़ जाता है.

5- बहुत सेक्स का मतलब बहुत ख़ुशी नहीं है

2015 में टोरंटो यूनिवर्सिटी ने एक रिसर्च में पाया कि ज़रुरी नहीं है कि अगर आप बहुत सेक्स करते हों तो आपका जीवन भी खुशहाल हो. हफ़्ते में एक बार सेक्स करने से ही ज़्यादा ख़ुशी मिलती है जबकि एक से ज़्यादा बार सेक्स करने से खुशी में कोई इज़ाफ़ा नहीं होता.

मेरा बौयफ्रैंड बहुत शक्की है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरा बौयफ्रैंड बहुत शक्की है. मुझ पर हर पल नजर रखता है और मेरा किसी भी लड़के से बात करना उसे बिलकुल पसंद नहीं है. जबकि मैं उसे सब बताती हूं. शुरुआत में तो मुझे लगता था कि वह मेरी केयर करता है लेकिन अब मुझे घुटन होती है इस रिश्ते से. हर वक्त मुझ पर सवाल उठाना, इस से मैं कठपुतली सी बन गई हूं. मैं ब्रेकअप की बात करती हूं तो वह मुझे इमोशनली ब्लैकमेल करता है. मैं उस के साथ सब खत्म करना चाहती हूं. मैं क्या करूं?

जवाब

जिस व्यक्ति के बारे में आप को अभी से पता है कि शक करना उस के स्वभाव में है, वह आप को गुलाम बना कर रखना चाहता है और आप की आजादी की राह में बहुत बड़ी रुकावट बन सकता है, तो ऐसे व्यक्ति के साथ जीवन में बहुत लंबी दूरी का सफर तय नहीं किया जा सकता. जब आप को इस रिश्ते में सुकून और खुशी नहीं मिल पा ही तो सारी जिंदगी उस के साथ रह कर छटपटाने से बेहतर है कि आप अभी उस से अलग होने का निर्णय कर लें. उस की इमोशनल बातें आप को ऐसा निर्णय लेने से रोकेंगी मगर आप दृढ़ता से अपने फैसले पर टिकी रहें. धीरेधीरे वह भी समझ जाएगा और उचित दूरी बना लेगा. अगर फिर भी न माने तो अपने घर वालों को सारी बात बता दें.

सवाल

मैं 24 वर्षीय महिला हूं. मेरी शादी को 3 महीने हो चुके हैं. शादी से पहले मैं किसी और से प्यार करती थी. घर वालों के दबाव में आ कर मैं ने यह शादी कर ली. मेरे पति बहुत ही खुले विचार के हैं. उन्होंने मुझे पूरी आजादी दी हमारे रिश्ते को समझने की. इन 3 महीनों में हमारे बीच कोई संबंध नहीं बन पाया लेकिन अब मैं चाहती हूं कि हमारे बीच की दूरियां खत्म हों. कृपया उचित सलाह दें?

जवाब

यह तो बहुत अच्छी बात है कि आप के पति ने आप को पूरा वक्त दिया इस रिश्ते को समझने के लिए. अब आप समझ चुकी हैं कि आप का वर्तमान घरपरिवार आप का पति ही है. उन से दूरियां मिटाने के लिए बेहतर होगा कि आप पति के साथ घूमेंफिरें, उन्हें पर्याप्त समय दें. अगर फिर भी बात न बने तो पति के साथ रोमांटिक होने की कोशिश करें. उन के लिए सरप्राइज प्लान करें. रात को अपने बैडरूम को फूलों और कैंडल्स से डैकोरेट करें. खुद को हौट ऐंड सैक्सी बनाए रखें. इस दौरान ऐसे परिधान पहनें जो आप की खूबसूरती को निखारें. फिर देखिए आप के पति आप के प्यार में किस कदर खो जाते हैं.

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