मैं अपने बॉयफ्रेंड से इमोशनली अटैच नहीं हूं, क्या करूं?

सवाल

मेरे बौयफ्रैंड और मेरी रिलेशनशिप को एक साल से ज्यादा हो चुका है. फिर भी हम ने कभी साथ बैठ कर आम लोगों की तरह इमोशनल बातें नहीं की हैं. हमने कभी एकदूसरे को गाने डेडिकेट नहीं किए हैं. कभी शांति से साथ बैठ कर एकदूसरे की आंखों में नहीं झांका है. हम फिजिकली तो कई बार क्लोज आए हैं लेकिन यह क्लोजनैस कोई माने नहीं रखती है. इतना करीब हो कर भी मैं मन से करीबी महसूस नहीं करती तो क्या फायदा है ऐसे प्यार का. लेकिन, उस से दूर होने की हिम्मत भी नहीं होती मेरी. क्या करूं, कुछ समझ नहीं आ रहा.

जवाब

आप की रिलेशनशिप अलग रही है और उस में इमोशंस एक्सप्रैस करने के तरीके भी अलग रहे हैं. आप अगर इमोशनली अटैच्ड नहीं हैं लेकिन होना चाहती हैं तो इस के लिए आप को अपने बौयफ्रैंड से बात करने की जरूरत है. अपनी रिलेशनशिप कंपेयर करते रहने से आप को कोई हल नहीं मिलेगा.

आप अपने बौयफ्रैंड को बताइए कि आप क्या फील करती हैं और उस से क्या उम्मीदें रखती हैं. हो सकता है वह भी यही सब चाहता हो और आप से कह न पा रहा हो. अगर आप के बात करने के बावजूद कोई हल न निकले बात का या वह कहे कि उसे यह सब पसंद नहीं है या वह फिजिकल क्लोजनैस को ही रोमांस मानता है, तो फिर यह आप पर डिपैंड करता है कि आप इस रिलेशनशिप के साथ आगे बढ़ना चाहती हैं या नहीं. वह भी आप से उतना ही प्यार करता होगा जितना कि आप, तो वह कुछ एफर्ट्स करने की कोशिश तो जरूर करेगा.

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आखिर क्यों जरूरी है सेक्स का कारोबार, क्या झूठ की है भरमार

Sex News in Hindi: पहले गिनीचुनी कंपनियां सेक्स की ताकत (Sex Power) बढ़ाने वाली गोलियां, टौनिक(Sex Tonic) और स्प्रे (Sex Spray) बनाती थीं, पर बहुत लुकेछिपे ढंग से इस का प्रचार होता था. कुछ खास छोटी गुमनाम दुकानों पर ही यह सामान मिलता था. अब डिपार्टमैंटल दुकानों और दवा बेचने वालों के पास इस तरह की दवाओं के तमाम ब्रांड मिल जाते हैं. सेक्स (Sex) की दवाओं के इस कारोबार पर बहुत बड़ा हिस्सा उन लोगों के कब्जे में है जो दवाएं बेच रहे हैं. वे अपना नामपता तक गुप्त रखते हैं, पर बहुत से लोग जड़ीबूटी बता कर पता नहीं क्याक्या बेच रहे हैं. अपने प्रचार में ये लोग नामर्दी (Impotency) और बच्चा पैदा करने के लिए शुक्राणुओं की तादाद बढ़ाने के लिए इलाज का दावा करते हैं. पर हकीकत में इस तरह का इलाज इन झोलाछाप डाक्टरों के पास नहीं होता है. ये केवल भ्रामक प्रचार के जरीए ही लोगों को फंसाते हैं.

भ्रामक से मतलब है दवा के नाम पर डर को बेचना. अगर नामर्दी से जुड़ी कोई समस्या है तो किसी माहिर डाक्टर से ही अपना इलाज कराएं. उस डाक्टर द्वारा दी गई दवाओं का ही सेवन करें जो आसपास की कैमिस्ट की दुकान से आसानी से मिल जाती हैं.

मर्दाना ताकत बढ़ाने वाले स्प्रे या गोलियां कितनी कारगर होती हैं, इसे भी डाक्टर बता देते हैं और उन को इस्तेमाल करने की हिदायत भी दे देते हैं.

साल 1986 में एक स्प्रे पहली बार बाजार में आया था. तब यह कहींकहीं ही दिखता था. हालात ये हो गए थे कि इस को बनाने वाली कंपनी ने इस स्प्रे को बनाना बंद कर दिया था.

1990 में नामर्दी को ठीक करने का कारोबार जब बढ़ने लगा तो 1995 में इस स्प्रे को फिर से बाजार में उतारा गया. इस के बाद तो कंपनी ने इसी नाम से गोलियां भी बनानी शुरू कर दीं. यही नहीं, मुख मैथुन में मदद के लिए फलों के कई स्वादों वाला स्प्रे भी बाजार में आने लगा.

‘पुरुषों में चरम शक्ति बढ़ाने’ के नाम पर तमाम तरह की दवाओं का प्रचार किया जाता है. इन में हर्बल दवाओं का नाम भी दिया जाता है.

जब एलोपैथिक दवा वियाग्रा को बाजार में उतारा गया तो उस ने अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ दिए. 500 रुपए की यह गोली हर आदमी की जेब को सूट नहीं कर रही थी, इस वजह से वियाग्रा का देशी संस्करण भी बाजार में आ गया.

नामर्दी के इस कारोबार ने जब अपना जलवा दिखाया तो टैलीविजन भी इस के जाल में फंस गया. टैलीविजन के जरीए इन दवाओं का प्रचार बैडरूम तक पहुंचने लगा.

नामर्दी को दूर करने का कारोबार करने के लिए पत्रपत्रिकाओं और टैलीविजन पर इश्तिहार दिए जाते हैं. इस के अलावा दूरदराज की जगहों पर वाल राइटिंग कराई जाती है. दवा की दुकानों पर पोस्टर लगवाए जाते हैं. कई तरीके से पंपलैट बांटे जाते हैं. एलोपैथिक दवाओं को बनाने वाले डाक्टरों के जरीए भी प्रचार किया जाता है.

इस धंधे में होने वाले मुनाफे का अंदाजा प्रचार में खर्च की जाने वाली रकम से लगाया जा सकता है. सब से पहले नामर्दी का शिकार सेक्स का इलाज करने वाले झोलाछाप डाक्टरों के पास जाता है. अपने इलाज पर जब वह कई हजार रुपए खर्च कर लेता है तब उस को डाक्टरों का खयाल आता है.

एक सर्वे के मुताबिक, भारत में 10 में से 2 आदमी को सेक्स की परेशानी होती है. यह परेशानी अंग में तनाव न आने की होती है. ज्यादातर लोग लुकछिप कर ही अपना इलाज कराने की कोशिश करते हैं. इसी में वे ठगे जाते हैं.

सेक्स रोगों के जानकार और सर्जन, लखनऊ के डाक्टर गिरीश मक्कड़ कहते हैं, ‘‘नामर्दी 2 तरह की होती है. एक, विवाह की शुरुआत में ही सामने आ जाती है. दूसरी, एक निश्चित उम्र के बाद आती है. इस में अंग में तनाव नहीं आता है. इस के शारीरिक और मानसिक 2 कारण होते हैं. कारण का पता लगा कर ही सही ढंग से उस का उपचार किया जा सकता है.’’

ज्यादा उम्र हो जाने पर किसी बीमारी के चलते या फिर मधुमेह, तनाव, एलर्जी या दिल की बीमारी के चलते यह परेशानी आ सकती है. शुरुआती समय में अगर इस का सही ढंग से इलाज हो जाए तो परेशानी से बचा जा सकता है.

अच्छी नौकरियां कर रहे लोग तनाव में फंस कर रह जाते हैं, जिस के चलते अंग में तनाव की कमी आ जाती है. वे इस को दूर करने के लिए महंगी से महंगी दवाओं को लेने लग जाते हैं.

एक मैडिकल स्टोर चलाने वाले दीपक कुमार कहते हैं कि नामर्दी दूर करने की दवाओं को खरीदने वाले हर उम्र के लोग होते हैं. ज्यादातर 20 से 30 साल और इस के बाद 40 से 45 साल की उम्र के लोग होते हैं.

अब महिलाएं भी इस तरह के मामलों में अपनी राय देने लगी हैं. कभीकभी वे खुद पहल कर के पतियों को डाक्टरों के पास लाती हैं. जरूरत इस बात की है कि नामर्दी का इलाज सही ढंग से माहिर डाक्टरों से कराया जाए. बहुत सारे मामलों में इस तरह की दवाओं का फायदा मनोवैज्ञानिक असर के चलते ही दिखता है. झोलाछाप डाक्टर इसी बात का फायदा उठा कर अपना कारोबार चलाते रहते हैं.

नामर्दी का कारोबार ज्यादातर गलतफहमी पर टिका हुआ है. अगर सही ढंग से इलाज कराया जाए तो नामर्दी का यह इलाज सस्ता भी है और इस में किसी तरह की कोई परेशानी भी नहीं होती है.

सभी तरह की नामर्दी का इलाज हो सकता है और इस में कामयाबी की गारंटी 80 से 100 फीसदी तक होती है. इस तरह के मामलों में पत्नी और अनुभवी डाक्टरों का इलाज में खास रोल होता है.

मेरी पत्नी अक्सर अपने बॉयफ्रेंड से मिलती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 28 साल का हूं और फौज में काम करता हूं. शादी को 3 साल हो गए. 2 बेटियां भी हैं. बीवी मेरे घर से 600 किलोमीटर दूर अपने मायके में रहती है. अपनी छोटी बहन के दोस्त से उस के नाजायज संबंध भी हैं. वह कहती है कि मुझे छोड़ देगी, लेकिन उस नाजायज आदमी को नहीं छोड़ेगी. जरा सी बात पर हाथपैर तुड़वाने की धमकी देती है. वह न तो तलाक देती है और न ही मेरे पास आती है. मैं क्या करूं?

जवाब

फौज में होते हुए भी आप घर के मोरचे पर मुसीबतों से घिरे हुए हैं. आमतौर पर पतिपत्नी के बीच सुलह होना ही अच्छा होता है, पर हालात देखते हुए इस के आसार नहीं लगते. आप किसी रिश्तेदार के जरीए एक बार समझौते की कोशिश कर सकते हैं. पत्नी को समझाएं कि अपनी बेटियों और आने वाले वक्त की बेहतरी के लिए आवारगी छोड़ कर घर लौट आए. दूसरा रास्ता है किसी काबिल वकील के जरीए तलाक की कोशिश करना. वैसे, पति को तलाक आसानी से नहीं मिलता.

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मुझे शादी के लिए लड़कियों से कैसे सवाल करने चाहिए, बताएं

सवाल

मैं अच्छी सरकारी जौब में हूं. अभी अविवाहित हूं. घरवाले शादी के लिए पीछे पड़े हैं. मेरी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है इसलिए लड़की ढूंढ़ने का काम मैं ने घरवालों पर छोड़ दिया है. एकदो लड़कियों से मिल भी चुका हूं, दिक्कत यह आती है कि समझ नहीं आता कि उन से क्या पूछूं. मैं चाहता हूं कि मैं जब उन से सवाल पूछूं तो उन सवालों से मेरी मैच्योरिटी नजर आए, लड़की को मैं पढ़ालिखा, समझदार लगूं, जोकि मैं हूं. बताएं कि मुझे लड़की से कैसे सवाल करने चाहिए.

जवाब

आप के दिमाग में चल रही खलबली जायज है. लड़की से पहली मुलाकात में दिमाग में बहुत सवाल होते हैं लेकिन अलर्ट रहना पड़ता है कि कहीं कुछ गलत पूछ लिया तो गड़बड़ न हो, या कहीं ऐसा न पूछ लें कि वह बचकाना लगे या ऐसा न लगे कि बात करने का सलीका ही नहीं आता. आइए 2-4 सवाल आप को बताते हैं जो आप लड़की से बेहिचक पूछ सकते हैं और लड़की जवाब देते हुए आप से इंप्रैस भी होगी.

पहला, लड़की से पूछें कि शादी को ले कर उस की उम्मीदें क्या हैं? इस से आप को पता चलेगा कि लड़की शादी के बारे में क्या सोचती है. दूसरा, लड़की अच्छा महसूस करती है कि उस का होने वाला पार्टनर उस के फ्यूचर प्लान के बारे में पूछे. लड़की को अच्छा लगता है कि लड़का उस के कैरियर और लक्ष्य के बारे में जानना चाहता है.

तीसरा, यदि आप जानना चाहते हैं कि लड़की आप की आदतों से मेल खाती है या नहीं तो उस की रुचि, पसंदनापसंद, सोशल लाइफ के बारे में पूछें. पता चल जाएगा कि लड़की का स्वभाव कैसा है,
क्या विचार रखती है, कैसे कपड़े पहनना पसंद करती है.

चौथा, आप अरैंज मैरिज कर रहे हैं तो यह अहम सवाल जरूर पूछें कि क्या वह यह शादी अपनी मरजी से कर रही है. कई बार लड़की किसी और से प्यार करती है और परिवार के प्रैशर में आ कर शादी कर रही होती है, इसलिए इस सवाल से आप दोनों के मन से यह डर खत्म हो जाएगा कि दोनों की जिंदगी में कोई नहीं और आप एक फोर्स्ड अरैंज्ड मैरिज से बच सकते हैं.

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अरैंज मैरिज कर रहे हैं तो यह अहम सवाल जरूर पूछें कि क्या वह यह शादी अपनी मरजी से कर रही है. कई बार लड़की किसी और से प्यार करती है.

मेरे बड़े भाई की गर्लफ्रेंड फ्लर्ट करती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरे बड़े भाई की एक गर्लफ्रैंड है जो मुझ पर डोरे डालती है. मैं यह यों ही नहीं कह रहा, यह सच है. एक दिन वह बैठी भैया के साथ थी, टीवी पर कंडोम का ऐड आया, तो उस दौरान मुझे देखने लगी, वह भी लगातार घूरघूर कर. मैं तो बिलकुल झेंप गया था. आखिर बड़े भाई की गर्लफ्रैंड है वह. इसके अलावा भी कभी वह मेरे बालों पर हाथ फेरती है, तो कभी बेमतलब चिपकती है. मुझे जबतब कौल भी करती है जिस में फ्लर्ट करने की कोशिश भी करती है. मैं तो परेशान हो गया हूं. भैया को बताना तो चाहता हूं लेकिन समझ नहीं आ रहा कि कैसे कहूं, कहीं वे उलटा मुझे ही गलत न समझने लगें.

जवाब

जब घी सीधे हाथ से न निकले तो उंगली टेढ़ी करनी ही पड़ती है. अगर आप के भाई की गर्लफ्रैंड सचमुच सही नहीं है, आप पर डोरे डाल रही है, तो यह सब भाई को बताना तो बेहद जरूरी है. आप को यह चिंता सता रही है कि भाई आप को गलत न समझने लगे तो खुद कोई सुबूत ढूंढ़ लीजिए. वह लड़की आप को कौल्स करती है तो आप उस की कौल्स रिकौर्ड कर लीजिए, उस से चैटिंग करिए और चैट्स के स्क्रीनशौट ले लीजिए. इन चैट्स और रिकौर्डिंग्स को फिर आप अपने भाई को दिखा सकते हैं.

आप के कहेनुसार वह आप से फोन पर फ्लर्ट करती है जो बातों से स्पष्ट तो होगा ही और उसे सुन कर किसी को भी आप की बात पर यकीन भी हो जाएगा. ध्यान दें कि आप ऐसा कुछ न बोलें जिस से आगे चल कर वह लड़की आप पर ही इलजाम लगा दे. इन सबूतों को देख कर आप के भाई आप पर विश्वास नहीं, तो अपनी आंखोंदेखी और कानोंसुनी पर तो विश्वास करेंगे ही.

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सैक्स महंगा है, जानना चाहते हैं क्यों

Sex News in Hindi: सोशल बैवसाइट सर्वे करने वाली एक आईटी कंपनी की हालिया रिपोर्ट चौंकाती है, जिस में पोर्न बेस्ड सर्वे के आधार पर ये आंकड़े दिए गए हैं कि देश में 22 से 34 आयुवर्ग के युवा पोर्नोग्राफी, पेड सैक्स, बैव सैक्स चैट के जरिए अपनी पौकेट ढीली कर रहे हैं. उन की कमाई का लगभग 20 से 30त्न हिस्सा पेड सैक्स के लिए जा रहा है. माध्यम चाहे जो भी हो, सैक्स के लिए मोटी रकम अदा करनी पड़ रही है यानी सैक्स अब सस्ता व सुलभ नहीं, बल्कि महंगा और अनअफोर्डेबल है. पेड सैक्स की बढ़ती लोकप्रियता व चलन ने सैक्स को आम लोगों की पहुंच से दूर कर दिया है. अब यह पैसे वालों का शौक बन गया है. सैक्स की बढ़ती मांग और आपूर्र्ति के बीच गड़बड़ाए तालमेल ने सैक्स बाज़ार के रेट आसमान पर पहुंचा दिए हैं. इस का दूसरा बड़ा कारण है मोटी जेब वालों की सैक्स तक आसान पहुंच. जहां जैसी जरूरत हो, मोटी रकम दे कर सैक्स बाज़ार से सैक्स खरीद लिया, नो बारगेनिंग, नो पचड़ा. इस का नतीजा हाई रेट्स पेड सैक्स के रूप में सामने आया. सैक्स वर्कर्स ने भी मांग के आधार पर अपनी दरें ऊंची कर लीं.

क्या है पेड सैक्स

 सैक्स के लिए जो रकम अदा की जाती है उसे पेड सैक्स कहा जाता है. इस के कई रूप हो सकते हैं. वर्चुअल सैक्स से ले कर लाइव फिजिकल सैक्स तक. औनलाइन सैक्स मसलन, पोर्न वीडियो, पोर्नोग्राफी, औनलाइन पेड फ्रैंडशिप, वीडियो सैक्स, वैब औरिएंटेड सैक्स. औफलाइन सैक्स मसलन, ब्रोथल पिकअप सैक्स, कौलगर्ल औन डिमांड आदि. सैक्स के इन तमाम माध्यमों में कहीं न कहीं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पैसे इनवैस्ट किए जाते हैं. सैक्स के तमाम माध्यमों में सीधे इनवैस्टमैंट को पेड सैक्स कहते हैं.

सैक्स की राह नहीं आसान

 कुछ दशक पहले तक सैक्स तक आम लोगों की आसान पहुंच थी. छोटीमोटी रकम अदा कर के यौनसुख का आनंद उठाया जा सकता था, पर सैक्स के विभिन्न मौडल सामने आने के बाद उस की दरों में कई गुणा वृद्धि हुई है.

क्या है इन की कैटेगरी व प्रचलित दरें

 – औनलाइन पेड सैक्स : प्रति मिनट डेटा चार्जेज.

– फोन फ्रैंडशिप : 2 से 3 हजार रुपए प्रतिमाह सदस्यता.

–       कौलगर्ल औन डिमांड : 2 से 10 हजार रुपए प्रति घंटा.

–       स्कौर्ट सर्विस (श्रेणी एबीसी ) शुरुआती दर.

–       ब्रोथल सैक्स : 500 से 1,500 रुपए तक नाइट/आवर.

–       हाउस सर्विस : पर शौट (हाउसवाइफ, कालेज/वर्किंग वूमन)  3 से 5 हजार रुपए पर शौट.

मार्केट में चल रही इन दरों को देख कर आसानी से यह कहा जा सकता है कि ऐक्स्ट्रा मैरिटल सैक्स की चाह रखने वालों को अब मनी कैपेबिलिटी भी ऊंची रखनी होगी. यौनतृप्ति की राह आसान नहीं है. सैक्स के बाजार ने एक बड़ा रूप ले लिया है, जहां जिस की जितनी हैसियत है उस हिसाब से यौन संतुष्टि पा सकता है. आम व सामान्य लोगों के लिए यौनलिप्सा के दरवाजे लगभग बंद होते प्रतीत हो रहे हैं.

कौलगर्ल रिचा चंद्रा बताती हैं, ‘‘वर्षों से (लगभग 11 साल पहले) जब वे इस पेशे में आई थीं, तब उन के पास ठीक से खाने व ब्रोथल की मैडम को रैंट चुकाने तक के पैसे नहीं थे, क्योंकि तब ग्राहकों की पेइंग कैपेसिटी बहुत कम थी और मार्केट में सप्लाई ज्यादा. इसलिए औनेपौने रेट पर भी वे ग्राहक पटा लेती थीं, तब न तो इतने बड़े और ग्लैमरस तरीके से उन्हें प्रोजैक्ट किया जाता था और न ही इंटरनैट के जरिए विज्ञापन व प्रचारप्रसार था.

‘‘अब स्थिति बिलकुल उलट है. ऐडवर्ल्ड व सोशल मीडिया की आसान पहुंच ने सबकुछ बदल दिया है. अब वे विज्ञापन के जरिए अपना बेस प्राइस भी तय कर सकती हैं और अपनी सर्विस के लिए बारगेनिंग भी. साथ ही ग्लैमरस प्रोजैक्शन ने मार्केट में उन की प्राइस वैल्यू औैर बढ़ा दी है.

‘‘इस तरह जहां वे पहले वननाइट सर्विस के लिए 200 से 500 रुपए तक ही कमा पाती थीं आज वह बढ़ कर 2 से 5 हजार रुपए तक हो गया है. रिचा आगे बताती हैं कि विवाह से इतर सैक्स की चाह ने भी बाज़ार में क्लाइंट की संख्या में खासा इजाफा किया है. इंटरनैट पर बढ़ते सैक्स के प्रोजैक्शन ने युवाओं में लाइव सैक्स की चाह को बढ़ाया है.’’

चाहे जो हो, सैक्स का बाज़ार महंगाई के प्रभाव से अछूता है. जब तक लोगों की जेबें गरम रहेंगी, बिस्तर भी गरम होता रहेगा. हैसियत और ओहदे के हिसाब से बेहतर सेवाएं भी मिलती रहेंगी. पैसे वालों के लिए अल्ट्रामौडर्न स्कौर्ट्स सर्विस तो आम लोगों के लिए साधारण ब्रोथल सर्विस.

मांग है तो आपूर्त्ति भी लगातार बनी रहेगी, तो पैसा फेंकिए और तमाशा देखिए. इस में हर्ज ही क्या है?

मेरी सहेली को मेरे बौयफ्रैंड में ज्यादा ही इंट्रैस्ट है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी सहेली को मेरे बौयफ्रैंड में ज्यादा ही इंट्रैस्ट है. जब भी वह सामने आता है तो उस की चालढाल बदल जाती है. मुझ से ज्यादा खुशी तो जैसे उसे हो जाती है. किसी न किसी काम के बहाने वह उस के पास मंडराती रहती है. उस के चक्कर में मेरी अपने बौयफ्रैंड से लड़ाई हो जाती है. मैं अपनी सहेली से लड़ना नहीं चाहती, लेकिन उस की हरकतें मेरा दिमाग खराब करने लगी हैं. मुझे लगता है एक दिन या तो मेरी रिलेशनशिप बचेगी या मेरी दोस्ती, दोनों मुझ से साथ में संभाली नहीं जा रहीं.

जवाब

आप दोनों ही चीजों को साथ ले कर चल सकती हैं. अपने बौयफ्रैंड से लड़ते रहने के बजाय अपनी दोस्त से कहिए कि वह थोड़ी दूरी बना कर रखे. वह जानबूझ कर आप के बौयफ्रैंड से चिपकने की कोशिश करती हो या अनजाने में, लेकिन आप को उस से यह साफसाफ कह देना चाहिए. उसे बुरा लग सकता है, लेकिन वह आगे से इस तरह का व्यवहार नहीं करेगी. उस के थोड़ी दूरी बना लेने से आप की रिलेशनशिप में उस के कारण तो लड़ाई नहीं होगी.

आप अपनी दोस्त से पहले जैसा ही व्यवहार रखें जिस से उसे यह न लगे कि आप उस के लिए मन में कोई बैर ले कर बैठी हैं. हां, इस बात पर गौर करें कि कहीं आप का बौयफ्रैंड ही तो उसे अपने पास भटकने का बढ़ावा तो नहीं देता है. अगर ऐसा हुआ, तो आप को अपने बौयफ्रैंड को भी आड़े हाथों लेना चाहिए.

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कंडोम मुसीबत नहीं दोस्त है आपका

Sex News in Hindi: फिल्म ‘डियर जिंदगी’ (Dear Zindagi) में शाहरुख खान ने दिमाग के डाक्टर का किरदार निभाया था और दिमागी बीमारी या परेशानी को ले कर एक बात समझाई गई कि लोग शरीर की बीमारी को तो नहीं छिपाते हैं, पर जैसे ही उन्हें पता चलता है कि घर में कोई दिमागी तौर पर बीमार है, तो उन्हें जैसे सांप सूंघ जाता है.फुसफुसाहट सी शुरू हो जाती है, जैसे दिमागी बीमारी होना जिंदगी की सब से बड़ी दुश्वारी है. अनपढ़ ही नहीं, बल्कि पढ़ेलिखे लोग भी दिमागी समस्याओं पर दिमाग खोल कर बात नहीं कर पाते हैं. ऐसा ही हाल कंडोम (Condom) के इस्तेमाल की बहस का माना जा सकता है. बहुत से लोग तो इस बात से जूझते रहते हैं कि कंडोम उन का दोस्त है या मुसीबत. सब से बड़ी मुसीबत तो यह कि कैमिस्ट से खरीदा कैसे जाए या सरकारी अस्पताल में नर्स से मांगा कैसे जाए? लेकिन हैरत की बात तो यह है कि कैमिस्ट या नर्स के लिए किसी को कंडोम देना उतना ही आसान काम है, जितना कोई दूसरी दवा देना.

दूसरी मुसीबत होती है इसे इस्तेमाल करना. कई मर्दों को शिकायत रहती है कि सैक्स के दौरान यह मजे में रुकावट बनता है और उन्हें अंग का उतना जोश नहीं मिलता जितना बगैर कंडोम के जोश रहता है.

कुछ मामलों में औरतों को भी यह रास नहीं आता है. सरकारी अस्पतालों में मिलने वाले ‘मुफ्त के निरोध’ की गंध उन के सैक्स के खेल को बेकार बना देती है और चरमसुख से पहले वे अनचाही झल्लाहट से रूबरू होती हैं.

लेकिन ये कुछ मुसीबतें कंडोम की अहमियत को कम नहीं कर सकती हैं. यह एक ऐसा दोस्त है, जो आप पर आने वाली मुसीबत को खुद पर झेल लेता है. सच मानिए, तो यह सैक्स के मजे को दोगुना कर देता है.

 कंडोम से दोस्ती करने के फायदों के बारे में :

सैक्स बीमारियों से बचाव : सैक्स के दौरान कंडोम मर्द और औरत के प्राइवेट पार्ट के बीच एक ऐसी झिल्लीनुमा पतली दीवार का काम करता है, जो उन्हें सैक्स बीमारियों से बचाता है. माहिर डाक्टरों की राय मानें, तो अगर किसी के एक से ज्यादा सैक्स पार्टनर हैं, तो सैक्स करने के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करने से एड्स जैसी खतरनाक बीमारी को काफी हद तक खत्म किया जा सकता है. इस से शुक्राणु और कीटाणु नहीं फैलते हैं.

अनचाहे पेट से छुटकारा : जल्दी बच्चा न चाहने या 2 बच्चों के बीच कुछ वक्त का फर्क करने में कंडोम काफी असरदार माना जाता है. यह अनचाहे पेट से छुटकारा दिलाने में मददगार होता है और शादी के बाद परिवार नियोजन में मदद करता है. कंडोम आजकल तकरीबन हर मैडिकल स्टोर में आसानी से मिलता. यह सस्ता होता है और अलगअलग रंगों, फ्लेवर व साइज में मिलता है.

सैक्स पावर में बढ़ोतरी : एक रिसर्च से यह बात सामने आई है कि कंडोम के इस्तेमाल से मर्दों की अपनी पार्टनर के साथ सैक्स करने की कूबत बढ़ती है. वे दोनों लंबे समय तक बिस्तर पर अपना समय बिता सकते हैं.

इस के अलावा कई बार सैक्स के दौरान मर्द के अंग में दर्द होता है, लेकिन कंडोम के इस्तेमाल से उन्हें इस दर्द से छुटकारा मिल सकता है, क्योंकि कंडोम से अंग की बाहरी चमड़ी पर कम दबाव पड़ता है और रगड़ कम लगने से दर्द नहीं होता है. और हां, इस के इस्तेमाल से अंग पर चोट लगने का खतरा भी कम हो जाता है.

सुख का एहसास : सैक्स के दौरान जो लोग कंडोम का इस्तेमाल करते हैं, उन में से बहुतों का मानना है कि यह पहनने से उन्हें नयापन सा महसूस होता है, सैक्स करने की ज्यादा ताकत मिलती है. अब तो कंडोम कई फ्लेवर में आने लगे हैं, जो सैक्स के दौरान अजीब से सुख का एहसास कराते हैं.

रेप की सजा काट चुका हूं, जिससे शादी होने वाली है उसे ये बात बताऊं या नहीं ?

सवाल

मैं 37 वर्षीय अविवाहित डाक्टर हूं, एक सरकारी अस्पताल में कौंट्रैक्ट बेसिस पर कार्यरत हूं. मैं एक लड़की से विवाह करना चाहता हूं. समस्या यह है कि इस से पहले मैं रेप के अपराध में 5 साल की जेल की सजा भुगत चुका हूं. मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं जिस लड़की से विवाह करना चाहता हूं उसे इस बारे में बताऊं या नहीं. हालांकि वह और उस का परिवार अगर जांच पड़ताल करेंगे, भी तो इस बारे में उन्हें कुछ पता नहीं चल पाएगा. पर मुझे क्या करना चाहिए, उन्हें सब कुछ बता देना चाहिए या नहीं?

जवाब

आप का परेशान होना जायज है लेकिन इस मामले में हमारी आप को यही सलाह होगी कि जिस लड़की के साथ आप अपनी आने वाली जिंदगी गुजारना चाहते हैं, उसे अपने अतीत से अवश्य वाकिफ कराएं, फिर उस के बाद वह लड़की जो निर्णय ले, उसे आप मंजूर करें. आप उसे पूरी बात विस्तार से बताएं और वर्तमान स्थिति से भी अवगत कराएं क्योंकि यह जानना उस का हक भी है. जहां तक आप का यह समझना कि लड़की और उस के परिवार वालों को आप के अतीत के बारे में पता नहीं चलेगा, इस गलतफहमी में न रहें. ऐसी बातें छिपाए नहीं छिपतीं, इसलिए उसे यह बात कहीं और से पता चले और उस का असर आप की आने वाली जिंदगी पर पड़े, इस से बेहतर है उसे आप सबकुछ सचसच बता दें. इसी में आप की भलाई है.

अनचाहे सेक्स की शिकार, कौन करता है वार

Sex News in Hindi: दिन ब दिन बलात्कार (Rape) की घटनाओं में बढ़ोतरी होती जा रही है. इस के कई कारण हैं, जिन में एक है मानसिक हिंसा (Mental Voilence) की प्रवृत्ति का बढ़ना. बलात्कार शब्द से एक लड़की या युवती पर जबरदस्ती झपटने वाले लोगों के लिए हिंसात्मक छवि उभर कर सामने आती है. इस घृणित कार्य के लिए कड़े दंड का भी प्रावधान है. मगर बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि वैवाहिक जिंदगी (Married Life) में भी बलात्कार वर्जित है और इस के लिए भी दंड दिया जाता है. मगर इसे बलात्कार की जगह एक नए शब्द से संबोधित किया जाता है और वह शब्द है अनचाहा सेक्स  संबंध (Unwanted Sex relation).

आज अनचाहे सेक्स संबंधों की संख्या बढ़ गई है. समाज जाग्रत हो चुका है और अपने शरीर या आत्मसम्मान पर किसी भी तरह का दबाव कोई बरदाश्त नहीं करना चाहता है. इस विषय पर हम ने समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों से बातचीत भी की और जानने की कोशिश की कि आखिर क्या है यह अनचाहा सेक्स संबंध?

डा. अनुराधा परब, जो एक प्रसिद्ध समाजशास्त्री हैं, बताती हैं, ‘‘बलात्कार और अनचाहे सेक्स में बहुत महीन सा फर्क है. बलात्कार अनजाने लोगों के बीच हुआ करता है और एक पक्ष इस का सशरीर पूर्ण विरोध करता है. अनचाहा सेक्स परिचितों के बीच होता है और इस में एक पक्ष मानसिक रूप से न चाह कर भी शारीरिक रूप से पूर्णत: विरोध नहीं करता है. सामान्यत: यही फर्क होता है. मगर गहराई से जाना जाए तो बहुत ही सघन भेद होता है. ‘‘अनचाहा सेक्स ज्यादातर पतिपत्नी के बीच हुआ करता है और आजकल प्रेमीप्रेमिका भी इस संबंध की चपेट में आ गए हैं. आधुनिक युग में शारीरिक संबंध बनाना एक आम बात भले ही हो गई हो, फिर भी महिलाएं इस से अभी भी परहेज करती हैं. कारण चाहे गर्भवती हो जाने का डर हो या मानसिक रूप से समर्पण न कर पाने का स्वभाव, मगर अनचाहे सेक्स संबंध की प्रताड़नाएं सब से ज्यादा महिलाओं को ही झेलनी पड़ती हैं.’’

वजह वर्कलोड

एक एडवरटाइजिंग कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर के पद पर कार्यरत पारुल श्रीनिवासन, जिन का विवाह 6 साल पहले हुआ था, एक चौंका देने वाला सत्य सामने लाती हैं. वह बताती हैं, ‘‘मैं अपने पति को बेहद प्यार करती हूं. उन के साथ आउटिंग पर भी अकसर जाती रहती हूं, मगर सेक्स संबंधों में बहुत रेगुलर नहीं हूं. इस का कारण जो भी हो, मगर मुझे ऐसा लगता है कि इस का मुख्य कारण है, हम दोनों का वर्किंग  होना. शुरूशुरू में 1 महीना हम दोनों छुट्टियां ले कर हनीमून के लिए हांगकांग और मलयेशिया गए थे. वहां से आने के बाद अपनेअपने कामों में व्यस्त हो गए. रात को बेड पर जाने के बाद सेक्स संबंध बनाने की इच्छा न तो मुझे रहती है, न मेरे पति को. पति कभी आगे बढ़ते भी हैं तो मैं टालने की पूरी कोशिश करती हूं.’’

कारण की तह तक पहुंचने पर पता चला कि शुरूशुरू के दिनों में पति सेक्स संबंध बनाना चाहता था. मगर पारुल को अपनी मार्केटिंग का वर्कलोड इतना रहता था कि वह उसी में खोई रहती थी. पति के समक्ष अपना शरीर तो समर्पित कर देती थी, मगर मन कहीं और भटकता रहता था. पति को यह प्रक्रिया बलात्कार सी लगती. कई बार समझाने, मनाने की कोशिश भी उस ने की. मगर पारुल हमेशा यही कहती कि आज मूड नहीं बन रहा है. और एक दिन पारुल ने खुल कर कह ही दिया कि वह यदि सेक्स संबंधों में रत होती भी है तो बिना मन और इच्छा के. वह अनचाहा सेक्स संबंध जी रही है. पति को यह बुरा लगा और धीरेधीरे सेक्स के प्रति उसे भी अरुचि होती चली गई.

भयमुक्त करना जरूरी

ऐसी कई पत्नियां हैं, जो अनचाहा सेक्स संबंध बनाने पर विवश हो जाती हैं. मगर तबस्सुम खानम की कहानी कुछ और ही है.  26 वर्षीय तबस्सुम एक टीचर हैं, उन के पति उन से 12 साल बड़े हैं. उन की एक दुकान है. वह बताती हैं, ‘‘जब मैं किशोरी थी, तभी से मुझे सेक्स संबंधों के प्रति भय बना हुआ था. सहेलियों से इस को ले कर सेक्स अनुभव की बातें करती थीं और मुझे सुन कर डर सा लगता था. मैं सहेलियों से कहती थी कि मैं तो अपने शौहर से कहूंगी कि बस मेरे गले लग कर मेरे पहलू में सोए रहें. इस से आगे मैं उन्हें बढ़ने ही नहीं दूंगी. सभी सहेलियां खूब हंसती थीं. जब मेरी शादी हुई तो शौहर हालांकि बड़े समझदार हैं, मगर शारीरिक उत्तेजना की बात करें तो खुद पर संयम नहीं रख पाते हैं.’’

थोड़ा झिझकती हुई, थोड़ा शरमाती हुई तबस्सुम बताती हैं, ‘‘मेरे पति ने मेरे लाख समझाने पर भी सुहागरात के दिन ही मुझे अपनी मीठीमीठी बातों में बहला लिया. उन का यह सिलसिला महीनों चलता रहा, मुझे आनंद का अनुभव तो होता, मगर भय ज्यादा लगता था. मेरा भय बढ़ता गया. जब भी रात होती, मेरे पति बेडरूम में प्रवेश करते, मैं डर से कांप उठती थी. हालांकि मेरे पति के द्वारा कोई भी अमानवीय हरकत कभी नहीं होती. काफी प्यार और भावुकता से वे फोरप्ले करते हुए, आगे बढ़ते थे. मगर मेरे मन में जो डर समाया था, वह निकलता ही न था.

“3 महीनों के बाद जब मैं गर्भवती हो गई तो डाक्टर ने हम दोनों के अगले 2 महीनों तक शारीरिक संबंध बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. मुझे तो ऐसा लगाजैसे एक नया जीवन मिल गया. मेरा बेटा हुआ. इस बीच मैं ने धीरेधीरे पति को अपने डर की बात बता दी और वे भी समझ गए. मेरे पति ने भी परिपक्वता दिखाई और मुझ से दूर रह कर मुझे धीरेधीरे समझाने लगे. वे सेक्स संबंधों को स्वाभाविक और जीवन का एक अंश बताते. अंतत: उन्होंने मेरे मन से भय निकाल ही दिया.’’

इच्छा अनिच्छा का खयाल

विनोद कामलानी, जो एक प्रसिद्ध मनोचिकित्सक हैं, अपना क्लीनिक चलाते हैं, बताते हैं, ‘‘तबस्सुम के मन में बैठा हुआ सेक्स का डर था. बहुत सी लड़कियां इस भय से भयातुर हुआ करती हैं. मगर बहुत कम पति ऐसे होते हैं, जो धीरेधीरे इस भय को निकालते हैं. ऐसे कई केस मेरे पास आते हैं. पुरुषों के भी होते हैं, मगर अनचाहे सेक्स की शिकार ज्यादातर महिलाएं ही हुआ करती हैं.’’ डा. कामलानी के ही एक मरीज तरुण पटवर्धन ने बताया कि उन की शादी को 3 साल हो गए हैं, मगर आज तक उन्होंने अनचाहा सेक्स संबंध ही जीया है.

तरुण के अनुसार, विवाहपूर्व उन का प्रेम अपने पड़ोस की एक लड़की से था. किसी कारणवश शादी नहीं हो पाई, मगर प्रेम अभी भी बरकरार है. उस लड़की ने तरुण की याद में आजीवन कुंआरी रहने की शपथ भी ले रखी है. यही कारण है कि जब भी तरुण अपनी पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने की पहल करते हैं, उन की प्रेमिका का चेहरा सामने आ जाता है. उन्हें एक ‘गिल्ट’ महसूस होता है और वे शांत हो कर लेट जाते हैं. वे अपनी पत्नी से यह सब कहना भी नहीं चाहते हैं वरना उस के आत्मसम्मान को चोट पहुंचेगी. चूंकि उन की पत्नी तरुण को सेक्स प्रक्रिया बनाने में अयोग्य न समझे, उन्हें अपनी पत्नी के साथ सेक्स संबंध बनाना पड़ता है. वे सेक्स संबंध बिना मन, बिना रुचि के बनाते हैं और इस तरह वे अनचाहा सेक्स संबंध ही जी रहे हैं.

एक सर्वे के अनुसार, आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में काम की होड़ और आगे निकलने की चाह ने इनसान को मशीन बना दिया है. पैसा कमाना ही एक मात्र ध्येय बन चुका है. ऐसी भागदौड़ में इनसान सेक्स संबंधों के प्रति इंसाफ नहीं कर पाता है और बिना मन और बिना प्रोपर फोरप्ले के बने हुए सेक्स संबंध, मन में सेक्स के प्रति अरुचि पैदा कर देते हैं. यहीं से शुरुआत होती है अनचाहे सेक्स संबंधों की. अपने पार्टनर की खुशी के लिए संबंध बनाना कभीकभी विवशता भी होती है. अंतत: यही संबंध ऊब का रूप धारण कर लेते हैं या पार्टनर बदलने की चाह मन में उठती है. यद्यपि यह अनचाहा सेक्स पश्चिमी देशों में तेजी से बढ़ रहा है, भारत भी इस से अछूता नहीं है, परंतु यहां का अनुपात अन्य देशों के मुकाबले नगण्य है.

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