मैं अपनी टीचर के प्रति आकर्षित हूं और उन्हें एक पल को भी भूल नहीं पाता हूं, मैं क्या करूं?

सवाल
मेरी उम्र 18 साल है, मैं अपनी टीचर के प्रति आकर्षित हूं. मैं जानता हूं कि वे उम्र में मुझ से काफी बड़ी हैं. मगर मैं क्या करूं? कितनी भी कोशिश कर लूं, उन्हें एक पल को भी भूल नहीं पाता.

जवाब
इस उम्र में टीचर्स या सीनियर्स के प्रति आकर्षित होना सामान्य बात है. मगर आप दोनों के बीच उम्र का फासला काफी ज्यादा है, इसलिए उन्हें भूल जाएं. शिक्षक और छात्र के रिश्ते की मर्यादा को मान देते हुए उन्हें सिर्फ एक गुरु की नजरों से देखें. अपना मन दूसरे रचनात्मक कामों में लगाएं. पढ़ाई में मेहनत कर अच्छे नंबर लाएं और उन की नजरों में ऊपर उठें. उन की नजरों में खुद को तलाशना छोड़ दें क्योंकि इस से आप को कुछ हासिल नहीं होने वाला. वे उम्र में बड़ी हैं और संभवतया शादीशुदा भी होंगी.

आप अभी पढ़ाईलिखाई में मन लगाएंगे तो ही ऊंचे ओहदे पर पहुंचेंगे और भविष्य सुखमय बीतेगा. फिर कोई भी सुंदर लड़की आप की हमसफर बनने को तैयार हो जाएगी.

जानिए आखिर महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं

महिलाएं किसी पुरुष को आखिर क्‍यों पसंद करती हैं? और ऐसी कौन सी खास बात है जिससे प्रभावित होकर वह किसी पुरुष के साथ सेक्‍सुअल संबंध बनाने के लिए अपने आप को राजी करती हैं? इस तथ्‍य पर रिसर्च करने के बाद टैक्‍सास विवि के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर्स सिंडी मेस्टन और डेविड बस ने एक किताब लिखी है. इस किताब का नाम है वॉय वुमन हैव सेक्‍स. किताब सेक्‍स संबंधों को लेकर महिलाएं क्‍या सोचती हैं? इस सवाल पर कई रोचक खुलासे करती है, किताब में इस बात के 200 कारण बताए गए है, जिनके चलते महिलाएं किसी पुरुष के साथ सेक्‍सुअल संबंध बनाती हैं या उसे पसंद करती हैं.

टेक्सस यूनिवर्सिटी में साइकॉलजी के प्रोफेसर्स सिंडी मेस्टन और डेविड बस की लिखी किताब – वाय वुमेन हेव सेक्स ( महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं ) में करीब 200 कारणों को बताया गया है.

रिसर्च के दौरान देखा गया कि ज्यादातर पुरुषों को महिलाएं सेक्सुअली अट्रैक्टिव लगती हैं , जबिक महिलाओं को पुरुषों में ऐसी कोई बात नज़र नहीं आती. रिसर्च के दौरान 1000 महिलाओं का इंटरव्यू किया , जिसमें महिलाओं ने पुरुषों के साथ सोने के अपने कारण बताए.

एक महिला ने बताया – वह सेक्स इसलिए करती है ताकि बोरियत दूर कर सके क्योंकि सेक्स करना लड़ने से कहीं आसान है. जबकि कुछ दूसरी महिलाओं के लिए यह माइग्रेन और सिरदर्द दूर भगाने का उपचार है.

रिसर्च में कुछ महिलाओं ने ऐसी बातें भी कहीं जिन्हें सुनकर हैरानी हो सकती है. कुछ महिलाएं महज दया की वजह से पुरुषों के साथ सोती हैं जबकि कुछ महिलाएं अपने स्वार्थ के लिए सेक्स का इस्तेमाल करती हैं जैसे रुपये – पैसों के लिए और दूसरी कीमतों चीजों को हासिल करने के लिए.

कुछ ने कहा – मैंने किसी पुरुष के साथ इसलिए संबंध बनाए क्योंकि उसने मेरे लिए एक शानदार डिनर का आयोजन किया या उसने मुझ पर काफी रुपये खर्च किए.

यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों पर किए गए इस सर्वे में 10 में से 6 ने माना कि वह आमतौर पर ऐसे पुरुष के साथ सो चुकी हैं जो उनका बॉयफ्रेंड नहीं हैं. कुछ ने कहा – वह सेक्स इसलिए करती हैं ताकि अपनी सेक्सुअल परफॉर्मंस को इंप्रूव कर सकें. यही बताते हुए एक विद्यार्थी ने कहा – मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ इसलिए सेक्स किया ताकि मैं अपने सेक्सुअल स्किल्स को और बेहतर बना सकूं.

इस रिसर्च में यह भी पता चला कि महिलाएं ऐसे पुरुषों पर ज्यादा आकर्षित होती हैं जो लंबे हों, जिनकी आवाज़ रौबदार हो और जिनके शरीर से मदहोश कर देने वाली महक आती हो.

मेरी पत्नी का वजन बढ़ नहीं रहा है, इलाज बताएं?

सवाल-

मेरी पत्नी का वजन 40 किलो है. हमारे 2 बच्चे हैं. उस का वजन बढ़ नहीं रहा है. इलाज बताएं?

जवाब-

जल्दीजल्दी बच्चे होने से औरत के शरीर में कमजोरी आ जाती है, इसीलिए सलाह दी जाती है कि एक से दूसरे बच्चे के बीच कम से कम 5 साल का अंतर होना चाहिए.

कई बार टीबी जैसी घातक बीमारी होने के चलते भी इस तरह की परेशानी आ सकती है. वे खाने में दालसब्जी, फलदूध का सेवन ज्यादा करें. थोड़ीबहुत कसरत करने से भी वजन बढ़ सकता है.

मेरे प्राइवेट पार्ट में सफेद रंग की परत जमा हो जाती है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 25 साल का नौजवान हूं. मेरे प्राइवेट पार्ट में सफेद रंग की परत जमा हो जाती है. उस में से बदबू भी आती है. पानी से धोने पर आराम मिलता है, पर समस्या दोबारा हो जाती है. इस बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा पाने का इलाज बताएं?

जवाब-

स्मेग्मा कही जाने वाली सफेद सतह उतरी हुई चमड़ी, कोशिकाओं, स्किन औयल और नमी का मिश्रण है. यह औरत और मर्द दोनों के अंगों में होती है. अगर इसे बढ़ने के लिए?छोड़ दिया जाए, तो इस में से बदबू आ जाती है या फिर यह इंफैक्शन की वजह बन सकती है.

इस से पीडि़त को शरीर के उन हिस्सों की नियमित सफाई करनी चाहिए, जहां स्मेग्मा की समस्या होती है. आप को इसे हर दिन पानी से साफ करने की सलाह दी जाती है.

सेक्स में मर्द को भी होता है दर्द, जानें कैसे

आमतौर पर यह माना जाता है कि सेक्स के समय केवल लड़कियों को ही दर्द होता है. हकीकत यह है कि कई बार खुद लडकों को भी इस तरह के दर्द से दो चार होना पडता है. इसकी अलग अलग वजहे होती है. इनके कारण लडकें भी सेक्स से दूर होने लगते है.

लखनऊ में सेक्स रोगो के जानकार और मक्कड मेडिकल सेंटर राजेन्द्र नगर के सर्जन डाक्टर गिरीश मक्कड का मानना हैं कि आदमी के अंग में संक्रमण के कारण होने वाला सहवास पीडादायक हो जाता हैं. इसमें इतना दर्द होता है कि आदमी को सेक्स की अरूचि हो जाती है. यह दर्द कई कारणो से हो सकता है. जाने क्या है वो कारण-

अंग में दर्द का कारण:

आदमी के अंग में दर्द की पहली वजह उसके अगले हिस्से दर्द का होना होता है. कभी-कभी यह दर्द स्खलन के बाद होने लगता है. जिससे आदमी जल्द ही अपना अंग बाहर निकाल लेता है. इससे यौन असंतुष्टि का भाव भी मन में आ जाता है.

दर्द होने की आशंका में यौन संबंध ठीक तरह से नही बन पाते हैं. अंग के ऊपर मौजूद त्वचा उसकी देखभाल का काम करती है. यह त्वचा कभीकभी परेशानी का कारण भी बन जाती हैं त्वचा के अंदर अगर नियमित रूप से सफाई न की जाय तो यहां पर गंदगी फैलने लगती है. इससे अंग में पहले सूजन और छिलने बाद में सक्रंमण हो जाता है.

इसके चलते आदमी को संबंध के दौरान दर्द और जलन होने लगती है. अंग में दर्द तब भी होता है जब इसकी त्वचा पीछे नही जाती है. इससे भी दर्द होने लगता है. औरत के अंग में प्रवेश करने के कारण उसका संक्रमण भी आदमी के अंग में आ जाता है. जिससे उसकी त्वचा पर फफोले पड जाते है. जिन औरतो के अंग में संक्रमण होता है उनके साथ संबंध बनाने से यह परेशानी आ जाती है. आदमी के अंग में किसी प्रकार की चोट लगने और झटका लगने से भी दर्द होने लगता है

यह चोट लगने और शारीरिक संबंध बनाने के दौरान अचानक मुद्रा बदलने से भी हो सकता है. कभीकभी अंडकोषो में किसी तरह की खराबी आने के कारण भी दर्द होने लगता है. दरअसल यह दर्द अंडकोषो में होता है. इसका असर आदमी के अंग पर पडता है. यदि किसी वजह से मूत्र मार्ग में कोई रूकावट होती है तो अंग में दर्द होने लगता है. सूजाक जैसे रोगो में ऐसा हो जाता है. इसमें जलन दर्द और मूत्राशय तक पहुच जाता है. उम्र दराज लोगो में प्रोटेस्ट ग्रंथि का बढ जाना भी दर्द का कारण बन जाता है.

दर्द का इलाज:

डाक्टर गिरीश मक्कड़ का कहना है कि अंग में इस तरह के दर्द को लोग छिपा कर रखते है. शर्म के कारण किसी अच्छे डाक्टर को दिखाने के बजाये झोला छाप डाक्टरो के पास जाते है. यह लोग दर्द की छोटी सी वजह को इतना बड़ा करके बताते है जिससे बीमार डर जाता है. झोला छाप डाक्टरो के द्वारा इस का इलाज कभी कभी और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है इसलिये इस तरह की परेशानी होने पर अच्छे डाक्टर से ही इलाज कराये. अंग का दर्द भी एक तरह की बीमारी है. इसमें शर्म करने जैसा कुछ नही होता है. अच्छे डाक्टरो के पास इस तरह की बीमारी के लिये कई तरह का इलाज मौजूद होता है.

दर्द होने पर सबसे पहले मरीज के जननांगो और मूत्र प्रणाली से जुड़े अंगो की जांच की जाती है. अंग के ऊपर त्वचा, उसके आकार और प्रोस्टेट ग्रंथि का जायजा लिया जाता है. अगर त्वचा में कोई परेशानी या दाने है तो केवल साफ सफाई से ही बीमारी दूर हो जाती है. बहुत हुआ तो एक दो दिन दवा खानी पड सकती है. अपने आप भी अंगो की सफाई नियमित रूप से करनी चाहिये. अगर अंग की त्वचा जुडी हो या टांका लगा हो तो छोटा सा आपरेशन करके उसको हटाया जा सकता हैं. अगर औरत के अंग में संक्रमण से कोई परेशानी होती है तो पहले उसका इलाज करना पडता है. प्रोस्टेट ग्रंथि और अंडकोषो में दर्द कारण हो तो उसका इलाज करके परेशानी से बचा जा सकता है. साफसफाई और औरत से संबंध के दौरान कंडोम का प्रयोग करने से इस तरह की परेशानियो से बचा जा सकता है.

आदमी के अंगो में दर्द की वजह बहुत सामान्य सी बात है. इसमें डरने जैसा कुछ नही होता है. जरूरत इस बात की होती है कि जब भी परेशानी हो हमेशा अच्छे डाक्टर से ही इलाज कराये. अब तो तमाम सरकारी अस्पतालो और प्राइवेट नर्सिग होम में भी इस तरह का इलाज होने लगा है. गुप्त रोगो का इलाज करने वाले झोलाछाप डाक्टरों से इसका इलाज कराना ठीक नही रहता है. यह लोग सीधेसाधे इलाज को कठिन बना देते है. इससे बात और भी बिगड जाती है. इस तरह गुप्त रोगो को इलाज करने वाले झोलाझाप डाक्टर अपना प्रचार प्रसार ज्यादा करते है इससे लोग इनके जाल में फंस जाते है. शर्म छोड कर सही डाक्टर से इलाज कराने में आसानी से इस दर्द से राहत मिल सकती है.

मैं अपने बौयफ्रेंड से बेहद प्यार करती हूं पर मेरे पति मुझे तलाक नहीं दे रहे, मैं क्या करूं?

 सवाल

मै 24 वर्ष की हूं. मेरी शादी 8 महीने पहले हुई है. मैं अपने पति को जरा भी पसंद नहीं करती. हालांकि वे उच्च पदस्थ अधिकारी हैं और स्वभाव से भी सरल हैं. मैं मुंबई स्थित एक मल्टीनैशनल कंपनी में जौब करती हूं. मुंबई में रहते हुए ही पिछले 4 सालों से अपने बौयफ्रैंड के साथ रिलेशनशिप में रही. हम लोग एक ही फ्लैट में साथ रहते थे. बौयफ्रैंड बंगाल का रहने वाला है जबकि मैं उत्तराखंड की रहने वाली हूं.

हमारे रिश्ते के बारे में मेरे पेरेंट्स को भी जानकारी थी पर उन्हें यह रिश्ता पसंद नहीं था. बौयफ्रैंड शादी करने के लिए तैयार था. उस के घर वालों को भी कोई आपत्ति नहीं थी. पर मेरे घर वाले जिद कर मुझे एक बार साथ ले गए और शादी का दबाव बनाने लगे. इस दौरान उन्होंने मुझे राजी करने के लिए जातिधर्म व सामाजिक बदनामी का भय भी दिखाया. मैं फिर भी नहीं मान रही थी.

फिर एक दिन मेरी मम्मी ने आत्महत्या करने की कोशिश की. उन्हें अस्पताल में भरती कराने तक की नौबत आ गई. घरपरिवार, मामामामी और यहां तक कि मेरी एक टीचर, जिन्हें मैं बेहद सम्मान देती थी, से मुझ पर दबाव बनवाया जाने लगा. मैं टूट गई और शादी के लिए हां कर दी. पति सुलझे हुए खयाल के लगे. मैं उन के साथ देहरादून भी गई, जहां उन की पोस्टिंग थी. पर रातदिन बौयफ्रैंड की यादों में ही खोई रहती. नौकरी का हवाला दे कर बाद में मैं मुंबई आ गई और फिर से बौयफ्रैंड के साथ रहने लगी. बौयफ्रैंड बहुत रोया और पति से तलाक लेने की बात पर जोर देता रहा. मैं ने उसे बताया कि मैं पति से सैक्स संबंध बना चुकी हूं, बावजूद इस के वह कह रहा है कि उसे कोई ऐतराज नहीं है और वह मुझे ताउम्र प्यार करता रहेगा. उस के दबाव पर मैं ने एक दिन पति को फोन पर सब सचसच बता दिया.

वे कुछ पल तो चुप रहे, फिर कहा कि तुम्हारी अपनी जिंदगी है. तुम जिस के साथ रहना चाहो रहो. पर मैं तुम्हें तलाक नहीं दूंगा और तुम मेरे पास खुद लौट कर आओ इस का इंतजार करूंगा. मैं ने पति को बहुत समझाने की कोशिश की पर वे नहीं माने और कहते रहे कि तुम नहीं तो कोई नहीं.

इधर बौयफ्रैंड से दूर जाने की बात सुनते ही वह परेशान हो जाता है और किसी कीमत पर साथ न छोड़ने की जिद पर अड़ा हुआ है. मैं बहुत उलझन में हूं. समझ नहीं आ रहा क्या करूं. कृपया सलाह दें?

जवाब-

आप अपने घर वालों की इमोशनल ब्लैकमेलिंग की शिकार हुईं, इस में कोई शक नहीं. जातिधर्म व सामाजिक बदनामी का भय दिखा कर उन्होंने आप को मजबूरन शादी करने के लिए राजी किया, यह उन की गलती थी.

दूसरी तरफ, अगर आप अपने बौयफ्रैंड के साथ रिलेशनशिप में इतना आगे निकल चुकी थीं तो आप को भी यह शादी नहीं करनी चाहिए थी. आप और आप का बौयफ्रैंड दोनों अपने पैरों पर खड़े थे और बालिग थे. घर वाले नहीं मान रहे थे तो आप कोर्ट मैरिज कर सकती थीं. देरसबेर वे इस रिश्ते को अपना ही लेते.

अब जबकि आप की शादी हो गई है और जैसाकि आप ने बताया कि आप के पति सुलझे हुए इंसान हैं तो आप को अपने पति के साथ ही रहना चाहिए. वर्तमान में बौयफ्रैंड के साथ का रिश्ता अब नाजायज माना जाएगा. बेहतर होता कि बौयफ्रैंड के साथ रिश्ते की बात आप अपने पति से नहीं कहतीं और सब भूल कर नए जीवन की बेहतर तरीके से शुरुआत करतीं. अब जबकि आप ने अपने पति को सब सचसच बता ही दिया है और इस के बावजूद वे आप का साथ देने को तैयार हैं तो जाहिर है वे वाकई सुलझे हुए इंसान हैं जो विवाहरूपी संस्था को कमजोर नहीं होने देना चाहते. तलाक के बाद उन पर भी उंगलियां उठेंगी, यह वे जानते होंगे.

पति अच्छा कमाते हैं, उच्च पदस्थ अधिकारी हैं और आप को दिल से अपना रहे हैं तो बेहतर होगा आप अपने पति के पास लौट जाएं और इस अवैध रिश्ते पर विराम लगा दें.

जब बौयफ्रैंड करे चीटिंग तो अपनाएं ये उपाय

रीयल लाइफ में ऐसे कई कपल हैं, जो रिलेशनशिप में होते हुए भी एकदूसरे को चीट करते हैं और जब उन की सचाई सामने आती है तो पार्टनर को बहलानेफुसलाने लगते हैं.कई बार तो ऐसा होता है कि पार्टनर की सचाई सामने आने पर समझ नहीं पाते कि क्या करें, क्या नहीं.

अगर आप का बौयफ्रैंड भी आप को चीट कर रहा है या धोखा दे रहा है तो इन बातों पर ध्यान दें :

  • सुसाइड करने की कोशिश न करें : अगर आप का बौयफ्रैंड किसी और के साथ नजदीकियां बढ़ा रहा है तो इस का यह मतलब नहीं है कि आप की लाइफ खत्म हो गई है, इस के बाद आप की लाइफ का क्या होगा, यह सोच कर आप उलटीसीधी हरकतें न करें बल्कि खुद को आगे बढ़ाने की कोशिश करें.
  • सोशल साइट्स पर न निकालें भड़ास: जब पार्टनर से लड़ाई होती है या पार्टनर चीट करते हैं तो अकसर युवतियां फेसबुक पर डाल देती हैं, अजीबअजीब से इलजाम लगा कर भड़ास निकालती हैं. अगर आप भी ऐसा करने की सोच रही हैं तो एक बात अच्छे से समझ लें, ऐसा करने से आप के पार्टनर के साथसाथ आप की भी बदनामी होगी इसलिए बेहतर है कि सोशल साइट्स के बजाय आपस में झगड़े को सुलझाएं.
  • मारपीट कर हंगामा न करें : पार्टनर को जब हम किसी दूसरे के साथ देखते हैं तो झगड़ने लगते हैं, जोरजोर से चिल्लाने लगते हैं, उस लड़की को गाली देने लगते हैं, पागलों की तरह बिहेव करने लगते हैं. लेकिन ऐसा करने के बजाय आप वहां से चुपचाप चली जाएं. अपने बौयफ्रैंड को अपनी गलती का एहसास होने दें, क्योंकि मारपीट, लड़ाईझगड़े से कोई चीज सुधरती नहीं है बल्कि बिगड़ती जाती है.
  • बदला लेने के बजाय दूरी बनाएं : अगर आप ने अपने बौयफ्रैंड को किसी के साथ पकड़ा है, तो दोनों से बदला लेने की कोशिश न करें, न ही उन के सामने चिल्लाचिल्ला कर पूछें कि आखिर क्यों किया मेरे साथ ऐसा? ऐसा कर के आप खुद को कमजोर दिखाती हैं.
  • अपनी प्रौब्लम अपने तक रखें : पार्टनर का झूठ सामने आने पर गुस्से में उस के पेरैंट्स व दोस्तों को इस बारे में बताने की गलती न करें. उस ने आप के साथ जो भी किया हो, पर उस प्रौब्लम को खुद हैंडल करने की कोशिश करें.
  • प्यार में अंधी न हो जाएं : आप प्यार करती हैं इस का यह मतलब नहीं है कि आप प्यार में एकदम अंधी हो जाएं, गलतियों को अनदेखा कर दें. ऐसा भी हो सकता है कि इस से पहले भी वह आप की पीठ पीछे इस तरह की हरकत कर चुका हो, लेकिन आप को पता न चला हो. खुद को कमजोर न दिखाएं.

जब बौयफ्रैंड की धोखाधड़ी का पता चलता है तब कुछ युवतियां तो बोल्डली हैंडल कर लेती हैं, लेकिन कुछ इमोशनली टूट जाती हैं और उन्हें रोते देख बौयफ्रैंड उन की कमजोरी का फायदा उठाते हैं. इसलिए खुद को कमजोर दिखाने के बजाय कौन्फिडैंट बनें.

ऐसे करें सैक्स, नहीं रहेगा बच्चा होने का डर

‘‘नहीं, आज नहीं,’’ अजय ने जैसे ही भारती को अपने करीब खींचने की कोशिश की, भारती ने झट से उसे पीछे धकेल दिया.

‘‘यह क्या है? कुछ समय से देख रहा हूं कि जब भी मैं तुम्हारे पास आना चाहता हूं, तुम कोई न कोई बहाना बना कर दूर भागती हो. क्या अब मुझ में दिलचस्पी खत्म हो गई है?’’ अजय ने क्रोधित स्वर में पूछा.

‘‘मुझे डर लगता है,’’ भारती ने उत्तर दिया.

‘‘2 बच्चे हो गए, अब किस बात का डर लगता है?’’ अजय हैरान था.

‘‘इसीलिए तो डर लगता है कि कहीं फिर से प्रैग्नैंट न हो जाऊं. तुम से कहा था कि मैं औपरेशन करा लेती हूं, पर तुम माने नहीं. तुम गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करना पसंद नहीं करते, इसलिए मैं किसी किस्म का रिस्क नहीं लेना चाहती हूं.’’

भारती की बात सुन कर अजय दुविधा में पड़ गया कि पत्नी कह तो ठीक रही है, लेकिन वह भी क्या करे? उसे कंडोम का इस्तेमाल करना पसंद नहीं था. उसे लगता था कि इस से सहवास का मजा बिगड़ जाता है, जबकि भारती को लगता था कि अगर वे कोई कॉन्ट्रासेप्टिव इस्तेमाल कर लेंगे तो यौन संबंधों का वह पूरापूरा आनंद उठा सकेगी.

अब सुजाता की ही बात लें. उस का बेटा 8 महीने का ही था कि उसे दोबारा गर्भ ठहर गया. उसे अपने पति व स्वयं पर बहुत क्रोध आया. वह किसी भी हालत में उस बच्चे को जन्म देने की स्थिति में नहीं थी, न मानसिक न शारीरिक रूप से और न ही आर्थिक दृष्टि से. पहले बच्चे के जन्म से पैदा हुई कमजोरी अभी तक बनी हुई थी, उस पर उसे गर्भपात का दर्द झेलना पड़ा. वह शारीरिक व मानसिक तौर पर इतनी टूट गई कि उस ने पति से एक दूरी बना ली, जिस की वजह से उन के रिश्ते में दरार आने लगी. जब पति कंडोम का इस्तेमाल करने को राजी हुए तभी उन के बीच की दूरी खत्म हुई.

प्रैग्नैंसी का डर नहीं रहता

अगर पति या पत्नी दोनों में से एक भी किसी गर्भनिरोधक का प्रयोग करता है, तो महिला के मन में प्रैग्नैंट हो जाने का डर नहीं होता, जिस से वह यौन क्रिया का आनंद उठा पाती है. अगर पत्नी इस क्रिया में खुशी से पति का सहयोग देती है, तो दोनों को ही संतुष्टि मिलती है. अगर इस दौरान पत्नी तनाव में रहे और बेमन से पति की बात माने तो पति का असंतुष्ट रह जाना स्वाभाविक है. गर्भ ठहर जाने के डर से पत्नी का ध्यान उसी ओर लगा रहता है. यही नहीं, उस के बाद भी जब तक उसे मासिकधर्म नहीं हो जाता, वह तनाव में ही जीती है. पति से जितनी दूरी हो सके वह बनाए रखने की कोशिश करती है. वह जानती है कि गर्भवती होने पर बारबार गर्भपात करवाने का झंझट कितना तकलीफदेह होता है. बारबार गर्भपात कराने से उस की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है.

तनावमुक्त संबंध

इंडियाना यूनिवर्सिटी के किसी इंस्टिट्यूट के नए आंकड़े बताते हैं कि अधिकांश औरतों का मानना है कि गर्भनिरोधक तरीके चाहे वे हारमोनल कॉन्ट्रासेप्टिव हों या कंडोम, यौन संतुष्टि व उस के आनंद में कई गुना बढ़ोतरी कर देते हैं. तनावमुक्त यौन संबंध आपसी रिश्तों में तो उष्मा बनाए ही रखते हैं, साथ ही आनंद की चरम सीमा तक भी पहुंचा देते हैं.

दिल्ली के फोर्टिस एस्कौर्ट्स हार्ट इंस्टिट्यूट की सीनियर क्लीनिकल साइकोलौजिस्ट डा. भावना बर्मी के अनुसार, अवरोध या किसी तरह का तनाव या फिर दबाव एक तरह का मनोवैज्ञानिक भय होता है, जिस के चलते हमारा मन ही नहीं, शरीर भी असहज हो जाता है. खासकर यौन संबंधों को ले कर मन व शरीर दोनों को ही ऐसे में कुछ अच्छा नहीं लगता है और तब वे अपने को हर तरह के आनंद से दूर कर लेते हैं. अगर शरीर चाहता भी है तो मन का अवरोध उसे रोक लेता है. तनाव के न होने पर जिस स्थिति को हम ‘कंडीशंड रिफलैक्स औफ द बौडी’ कहते हैं, वह यौन संबंधों को आनंददायक बना देता है. जाहिर सी बात है कि अगर गर्भवती होने या गर्भपात करवाने का तनाव न हो तो महिला उन्मुक्त हो कर यौन संबंधों का आनंद उठा सकती है.

रहती है बेफिक्री

गर्भनिरोधकों का प्रयोग करने से युगल को इस बात का डर नहीं रहता कि उन्हें अनचाही प्रैग्नैंसी का सामना करना पड़ेगा. चूंकि ये कॉन्ट्रासेप्टिव एक सुरक्षाकवच की तरह काम करते हैं, इसलिए सैक्स के दौरान एक बेफिक्री औरत में रहती है, जो उस के हावभाव व पति को दिए जा रहे सहयोग में नजर आती है.

दिल्ली के फोर्टिस एस्कौर्ट्स हौस्पिटल की गाइनेकोलौजिस्ट डा. निशा कपूर कहती हैं, ‘‘इन के इस्तेमाल से औरत के दिमाग में एक सिक्योरिटी से रहती है कि अवांछित प्रैग्नैंसी या गर्भपात से उस का बचाव हो रहा है. इस कारण सेक्सुअल आनंद में बढ़ोतरी होती है और सहवास करने से पहले उसे सोचना नहीं पड़ता या इस से बचने के बहाने नहीं सोचने पड़ते. वैवाहिक जीवन को सुखी व सैक्स जीवन को आनंदमय बनाने के लिए इन का इस्तेमाल किया जा सकता है.’’

कॉन्ट्रासेप्टिव चाहे पति इस्तेमाल करे या पत्नी, यह निर्णय तो उन दोनों का होता है, पर यह सही है कि कॉन्ट्रासेप्टिव सैक्स के आनंद की चाबी होते हैं. सहवास करते समय दोनों के मन में अगर किसी तरह की टैंशन हो तो सिवा मनमुटाव के कोई परिणाम सामने नहीं आता है. लेकिन बेफिक्री और सहर्ष बनाए गए यौन संबंध वैवाहिक जीवन में तो दरार डालने से बचाते ही हैं, साथ ही सैक्स के आनंद को भी दोगुना कर देते हैं.

स्कूल में सभी मुझे बूढ़ा कह कर चिढ़ाते हैं जिससे मेरा पढ़ाई में भी मन नहीं लगता है, मैं क्या करू?

सवाल-

मैं 17 साल का हूं. मेरी घनी दाढ़ीमूंछ हैं. स्कूल में बाकी साथी मुझे बूढ़ा कह कर चिढ़ाते हैं. इस से मेरा पढ़ाई में भी मन नहीं लगता है. मैं क्या करूं?

जवाब-

घनी दाढ़ीमूंछ होना कोई परेशानी की बात नहीं है. दोस्तों के मजाक को दिल पर न लें. यह एक कुदरती बात?है, जो हार्मोन की गड़बड़ी से होती है. रोज दाढ़ी बनाएंगे तो वह घनी नहीं दिखेगी.

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मर्द, डाक्टर से न झिझकें

हिंदी फिल्मों में समाज से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात कहने की परंपरा रही है. इस कड़ी में आयुष्मान खुराना की फिल्मों को रखा जा सकता है, जिन में हमेशा ही किसी न किसी सामाजिक मुद्दे को उठाया जाता है, फिर चाहे उन की फिल्म ‘बाला’ हो या फिर ‘विकी डोनर’. इन दोनों ही फिल्मों में मर्दों के गंजेपन और बच्चे न हो पाने की समस्या पर रोशनी डाली गई है, जिन पर लोग अकसर ही बात करने से बचते हैं.

इसी लिस्ट में आयुष्मान खुराना की नई फिल्म ‘डाक्टर जी’ को रखा जा सकता है, जिस में वे अपने भाई की तरह और्थोपैडिक डाक्टर बनना चाहते हैं, लेकिन जब रैंक कम आती है तो उन्हें मजबूरी में गायनेकोलौजी ब्रांच लेनी पड़ती है. मतलब एक ऐसा डाक्टर, जो औरतों से जुड़ी बीमारियों का इलाज करता है.

पर क्या भारत जैसे देश में जहां औरतों को परदे में छिपा कर रखने को बढ़ावा दिया जाता है, वहां कोई मर्द डाक्टर उन के अंदरूनी अंगों की जांच कर सकता है? बड़े शहरों में शायद ऐसा मुमकिन हो, लेकिन गांवदेहात में तो यह अभी दूर की कौड़ी है.

फिल्म ‘डाक्टर जी’ के एक सीन से इस बात को समझते हैं. डाक्टर बने आयुष्मान खुराना चैकअप के लिए एक औरत से कपड़े ऊपर करने को कहते हैं, पर इतना सुनते ही वह औरत चिल्लाने लगती है. चीखपुकार सुन कर उस औरत का पति वहां आ जाता है और आयुष्मान खुराना को पीटने लगता है.

इसी सिलसिले में गायनेकोलौजिस्ट के तौर पर प्रैक्टिस करने वाले इंडियन मैडिकल एसोसिएशन के ईस्ट दिल्ली ब्रांच के अध्यक्ष डाक्टर कुमार गांधी ने ‘नवभारत गोल्ड’ को दिए एक इंटरव्यू में बताया था, ‘वैसे तो इस पेशे में बहुत इज्जत मिलती है, लेकिन कभीकभार ऐसे वाकिए हो जाते हैं, जो नहीं होने चाहिए. कई बार हमें न चाहते हुए भी औरत से उन मुद्दों पर बात करनी पड़ती है, जिन के बारे में वह सब से बात नहीं करती. उस दौरान हम मरीज के कंफर्ट का बहुत ध्यान रखते हैं.’

जब कोई डाक्टर अपने मरीज के कंफर्ट लैवल की बात करता है, तो वह इस बारे में काफी संजीदा होता है. यह कंफर्ट लैवल औरतों और लड़कियों की ‘खास’ बीमारियों या समस्याओं पर पूरी तरह लागू होता है.

मान लो, किसी औरत या लड़की को माहवारी में दिक्कत आती है, तो बतौर डाक्टर पहला सवाल मन में यही उठता है कि कहीं वह पेट से तो नहीं है? लेडी गायनेकोलौजिस्ट के सामने मरीज बता सकती है कि उस की शादी हुई है या नहीं, या फिर उस ने सैक्स करते हुए कोई सावधानी बरती थी या नहीं, क्योंकि आज के जमाने में शादी होना और पेट से होना 2 अलग बातें हैं.

लेकिन अगर सामने कोई मर्द डाक्टर बैठा है तो मरीज को लगता है कि वह उस के करैक्टर पर सवाल उठा रहा है और वह असहज हो जाती है, जिस से कभीकभार मामला गंभीर भी हो जाता है. लेकिन इस से मरीज का ही नुकसान होता है, क्योंकि सामने जो डाक्टर बैठा है, वह औरतों की बीमारियों को ठीक करने में माहिर है और उस का एक ही मकसद है कि उसे मरीज की बीमारी के बारे में सभी बातें पता हों, तभी वह सही दवा या सलाह दे पाएगा.

जब से गांवदेहात में गरीब और निचली जाति की लड़कियां पढ़ने लगी हैं, तब से वे बहुत ज्यादा जागरूक होने लगी हैं. वे अपने और आसपास के परिवार की औरतों को समझा सकती हैं कि अगर कोई मर्द गायनेकोलौजिस्ट आप की अंदरूनी बीमारी का इलाज कर रहा है, तो अपनी झिझक छोड़ कर बात रखें.

गायनेकोलौजिस्ट को कभी भी मर्द या औरत डाक्टर के तराजू में न तोलें, क्योंकि वे आप की बीमारी में दिलचस्पी रखते हैं, न कि शरीर में. उन के सामने खुल कर अपनी समस्या बताएं और इन बातों का तो खास खयाल रखें :

* अगर आप की माहवारी अनियमित है और वह डेट से काफी पहले या देर से आती हो या फिर महीने में 2 बार आती हो, तो तुरंत माहिर डाक्टर को बताएं.

* माहवारी से जुड़ी कोई भी परेशानी हो, तो उस की अनदेखी न करें और बिना देर किए गायनेकोलौजिस्ट के पास जाएं.

* अगर आप गर्भनिरोधक गोलियां या किसी दर्द निवारक दवा का सेवन कर रही हों और इस से आप की सेहत पर असर हो रहा हो, पीरियड में तकलीफ हो या जिस्मानी रिश्ता बनाते समय दर्द महसूस होता हो, तो गायनेकोलौजिस्ट से खुल कर बात करें.

* जिस्मानी रिश्ता बनाते समय अगर दर्द महसूस हो या फिर अंग से खून निकलने समेत कोई दूसरी परेशानी हो, तो घरेलू उपचार बिलकुल न करें और गायनेकोलौजिस्ट के पास जा कर अपना इलाज कराएं.

* अंग में खुजली होने या तेज बदबू आने पर तुरंत डाक्टर के पास जाना चाहिए.

* अगर आप के पेट, पीठ या कमर में कई दिन से दर्द हो रहा हो, तो इस की अनदेखी न करें और गायनेकोलौजिस्ट के पास जा कर इलाज कराएं.

औरतें और लड़कियां एक बात का तो खास खयाल रखें कि वे कभी भी पंडेपुजारियों, ओझातांत्रिकों और फकीरबाबाओं के चक्कर में पड़ कर अपनी अंदरूनी बीमारियों का रोना न रोएं, क्योंकि बहुत से पाखंडी उन की इसी बात का फायदा उठा कर शोषण करने की जुगत में रहते हैं. वे ऐसी औरतों और लड़कियों की शर्म का फायदा उठाते हैं और उन्हें पैसे और शरीर से नोंच डालते हैं.  डाक्टर का काम अपने मरीज की सेहत को ठीक करना होता है. अगर उसे बीमारी का ही नहीं पता चलेगा तो  दवा कैसे देगा? इस में मर्द या औरत डाक्टर का तो सवाल ही नहीं पैदा होता है. लिहाजा, औरतों को मर्द डाक्टर से बिलकुल नहीं झिझकना चाहिए.

निखारना चाहते हैं अपनी खूबसूरती तो ऐसे करें सेक्स

Sex News in Hindi: क्या सेक्स का सुंदरता से संबंध है? सुनने में भले ही अटपटा लगे पर है सोलह आने सच.आप अपनी खूबसूरती बढ़ाने व निखारने के लिए भले ही कई तरह के ब्यूटी प्रोड्क्ट्स व जिम में अपना पैसा बहाएं. मगर हम आप से यह कहें कि खूबसूरती बढ़ाने के लिए सेक्स सब से असरकारक है तो गलत नहीं होगा. दरअसल यह बात हम नहीं कह रहे हैं शोध से साबित हुआ है कि सेक्स करने से हारमोन निकलते हैं जिन से त्वचा को लाभ पहुंचता है, रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिस से शरीर में निखार आता है, सुंदरता बढ़ती है, पर इसे असरकारक तब माना गया है जब सेक्स को कुदरती तरीके से किया गया हो.

सेक्स: जीवन की गहराई तक जुड़ा है

स्कौटलैंड के रौयल एडिनबर्ग हौस्पीटल के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा नुस्खा बताया है जो मानवीय जीवन का एक अहम हिस्सा है. शोधकर्ताओं ने इस बारे में कुछ दिशानिर्देश भी जारी किए हैं. वे हैं प्रेमपूर्वक सेक्स यानि सिर्फ पति पत्नी के साथ ही सेक्स करने से मनचाहा परिणाम मिलता है. क्योंकि अनसेफ सेक्स से न सिर्फ तमाम तरह की बीमारियों का खतरा रहता है बल्कि स्ट्रैस भी बढ़ता है. इस से मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है, नतीजतन एगिंग की प्रक्रिया में तेजी आ जाती है.

बढ़ती उम्र घटाए खूबसूरती बढ़ाए

सेक्स कुदरती रूप से आनंद और उत्साह का संचार करता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कम अंतराल में सेक्स करने से (हफ्ते में कम से कम 3 बार) आदमी की उम्र उस की असली उम्र की तुलना में कम दिखती है, सैक्सुअल एक्टीविटी किसी एक्सरसाइज से कम नहीं है. इस से स्किन को यंग बनोन वोल और खुशी बढ़ाने वाले हार्मोन्स रिलीज होते हैं. इस से आप का चेहरा ग्लो करने लगता है और स्किन में कसाव आता है.

जानिए क्याक्या हैं फायदे

  • सेक्स इंसान की सेहत बनाए रखने में मदद करता है.
  • यह कैलोरी बर्न करने का काम करता है साथ ही दिल और दिमाग को सेहतमंद बनाए रखता है.
  • सेक्स कुदरती रूप से खूबसूरती में इजाफा करता है.
  • यह खूबसूरती बढ़ाने वाले प्रोडक्ट्स और स्टाइल के मुकाबले 20 (बीस) ही नजर आता है.
  • सेक्स कर के अपनी त्वचा की उम्र को 4 साल तक कम कर सकते हैं.
  • सेक्स एक कुदरती उपाय जो खूबसूरती बढ़ाए
  • सेक्स के यह कुदरती उपाय आप के चेहरे की शाइन बढ़ा सकते हैं.

खुशी का एहसास

सेक्स उन एक्टीविटीज में से है. जिस में दिमाग एकसाथ एक्साइट और रिलैक्स होता है. सेक्स के दौरान शरीर में औक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और इस से कोशिकाओं को नई एनर्जी मिलती है. इस से आप का मूड बेहतर रहता है.

स्वस्थ बाल

सेक्स के दौरान ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है. इस से बालों को एक नेचुरल मौइश्चराइजर मिलता है. इस से आप के बाल चमकदार बनते हैं.

त्वचा को रखें कोमल और स्थिर

जो महिलाएं नियमित सेक्स करती हैं उन की त्वचा में अहम किरदार निभाने वाले हार्मोन एस्ट्रोजेन का स्राव अधिक होता है. इस के साथ ही त्वचा को कुदरती रूप से कोमल और स्थिर बनाने वाले हार्मोन कोलेजन का स्राव भी अधिक होता है.

झुर्रियों से बचाएं

भले ही आप सूरज की हानिकारक किरणों से दूर रहें लेकिन फिर भी आप को झुर्रियां हो सकती हैं. ये झुर्रियां आप के हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों को हो सकती हैं. इस से दिल पर बुरा असर पड़ सकता है. दिल और चेहरे पर झुर्रियां पड़ने की प्रक्रिया समान है. सेक्स से आप के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है जिस से चेहरे पर कुदरती चमक आ जाती है.

स्तनों का आकार बढ़ाएं

स्तनों को महिलाओं की खूबसूरती का अहम हिस्सा माना जाता है. सेक्स के दौरान स्तनों का आकार 25 फीसदी तक बढ़ जाता है इसलिए जानकार मानते हैं कि जो महिलाएं अपनी सेक्स लाइफ से अधिक संतुष्ट होती हैं उन का शरीर अधिक सुडौल होता है.

पेट की चर्बी हटाएं

शरीर में अगर कौलेस्ट्रौल का स्तर अधिक हो जाए, तो इस का सीधा असर हमारे पेट पर पड़ता है. यहां अतिरिक्त वसा इकट्ठा होने लगती है. औक्सीटोसिन इस से निजात दिलाता है यानि और्गेज्म से आप के शरीर पर जमा अतिरिक्त चर्बी दूर होती है.

तनाव दूर करें

तनाव से आप के चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं. और्गेज्म के दौरान शरीर में बड़ी मात्रा में औक्सीटोसिन का स्राव होता है. यह तनाव के काफी उत्तरदायी माने जाने वाले कौरटिसोल हार्मोन को दूर करता है.

आत्मविश्वास में करें इजाफा

जिन लोगों को अपने जीवन का लक्ष्य पता होता है, वे अधिक आकर्षक होते हैं सेक्स और व्यायाम मस्तिष्क के समान क्षेत्रों पर प्रभाव डालते हैं आप अपने आसपास की दुनिया के बारे में अच्छा महसूस करते. आप मानसिक रूप से अधिक शांति एकाग्र, शक्तीमान और सामर्थ्यवान महसूस करते.

इन उपायों को अपना कर अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने की कोशिश कीजिए इस से सेहतमंद तो होगी ही साथ ही खूबसूरती भी निखर जाएगी.

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