सैक्स और ताकत की दवा, जरा संभल कर करें इस्तेमाल

“भैया, आप से एक बात करनी है,” 25 साल के मदन ने अपने बड़े भाई जैसे दोस्त जितेंद्र से एक दिन अचानक कहा.

“बोलो, क्या बात है?” जितेंद्र बोला.

“भैया, आप शादीशुदा हैं, इसलिए जरूर समझेंगे. यह थोड़ी निजी समस्या है. आप इसे गंभीरता से लेना,” मदन धीरे से बोला.

जितेंद्र ने कहा, “ज्यादा पहेली न बुझाओ. गर्लफ्रैंड का चक्कर है क्या?”

मदन बोला, “हां, पर समस्या गर्लफ्रैंड से नहीं है. वहां तो सब सही है, लेकिन मैं जब भी सैक्स करता हूं तो बिना ताकत की दवा के मजा ही नहीं आता है. बिना उस के तो मैं जल्दी पस्त हो जाता हूं, पर दवा लेते ही घोड़ा बन जाता हूं.”

“तो समस्या क्या है?” जितेंद्र ने पूछा.

“कहीं मुझे ताकत की दवा लेने की लत तो नहीं लग गई है?” मदन ने अपने दिल की बात रखी.

“अच्छा, तो यह बात है. देखो मदन, मुझे लगता है कि तुम मन से यह मान चुके हो कि बिना ताकत की दवा के सैक्स का पूरा मजा ले ही नहीं सकते हो. अपनी गर्लफ्रैंड पर मर्दानगी जताने के लिए तुम ऐसा कर रहे हो. तुम्हें लगता है कि अगर गर्लफ्रैंड प्यासी रह जाएगी, तो वह तुम्हें छोड़ कर चली जाएगी,” जितेंद्र ने कहा.

“यही बात मुझे खाए जा रही है भैया. मैं अब इस जंजाल से निकलना चाहता हूं. मेरा खुद पर से यकीन कम होता जा रहा है. मुझे इन दवाओं से छुटकारा दिखाओ,” मदन असली मुद्दे पर आया.

“एक दोस्त होने के नाते मैं तुम्हें यही सलाह दूंगा कि इस तरह की ताकत की दवाएं तुम किसी माहिर डाक्टर की सलाह पर ही लेना. मुझे लगता है कि सैक्स को ले कर तुम में आत्मविश्वास की कमी है. हर किसी के साथ ऐसा हो सकता है कि उस में सैक्स करने की नाकामी का डर बैठ जाए,” जितेंद्र ने अपनी सलाह दी.

यह समस्या अकेले मदन की नहीं है, बल्कि बहुत से नौजवान, यहां तक कि अधेड़ और बूढ़े भी अपनी मर्दानगी बढ़ाने, लंबे समय तक सैक्स का मजा लेने और अपने पार्टनर के सामने शर्मिंदा न हों, इस डर से सैक्स की ताकत बढ़ाने की दवा का इस्तेमाल बिना किसी डाक्टरी सलाह के करते हैं.

आमतौर पर सैक्स की ताकत बढ़ाने वाली दवाएं अपना काम कर देती हैं, लेकिन इन का असर सभी पर एक जैसा पड़े, यह जरूरी नहीं है. होता क्या है कि ऐसी दवाएं शरीर में नाइट्रिक औक्साइड की मात्रा बढ़ा देती हैं, जिस से नसें मोटी हो जाती हैं और शरीर में खून का दौरा बढ़ जाता है. इस से अंग में तनाव में पैदा हो जाता है.

लेकिन बहुत से लोगों में ऐसी दवाओं के सेवन के बाद साइड इफैक्ट भी देखे गए हैं, जैसे सिरदर्द होना, चक्कर आना, देखने में कमी आना, गरमी लगना, नाक का बंद होना, जी मिचलाना वगैरह.

पर ये सामान्य लक्षण होते हैं. कई बार समस्या गंभीर भी हो जाती है, जिस में सीने में दर्द, दिखना बंद होना, सांस लेने में दिक्कत, घुटन महसूस होना, चेहरे पर सूजन की समस्या पैदा हो जाती है.

लिहाजा, जिन लोगों को सीने में दर्द की समस्या रहती है, तो उन्हें इस तरह की दवाओं का सेवन करने से बचना चाहिए. अगर किसी को हार्ट अटैक या फिर स्ट्रोक हो चुका है, तो वह ऐसी दवा का इस्तेमाल न करे.

अगर कोई ब्लड प्रैशर की दवा ले रहा है या किसी को डाइबिटीज है, तो भी इस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. किडनी की परेशानी है, तो बिना डाक्टरी सलाह के इस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

प्लास्टिक, कौस्मैटिक सर्जन और एंड्रोलौजिस्ट डाक्टर अनूप धीर ने बताया, “इस तरह की हर दवा का अपना फायदा और नुकसान होता है. लिहाजा, डाक्टर की सलाह पर ही दवा का सेवन करना चाहिए, क्योंकि वह बेहतर जानता है कि कौन सी दवा कितने समय तक लेनी चाहिए.

“डाक्टर ने जितने समय के लिए ऐसी दवा लेने की सलाह दी है, उस के बाद सेवन नहीं करना चाहिए. एक और बात कि इन दवाओं की लत नहीं लगती है, पर कुछ लोग इन के आदी हो जाते हैं, जो सही नहीं है.”

भारत जैसे देश में तो यह समस्या और ज्यादा गंभीर हो जाती है, जहां सैक्स जैसे मुद्दे पर खुल कर बातें नहीं होती हैं, तभी तो लोग ऐसी दवाओं का इस्तेमाल बिना सोचेसमझे करते हैं.

बहुत से लोग तो कैमिस्ट के पास जा कर भी दवा नहीं मांग पाते हैं, तो वे ऐसी दवाएं औनलाइन खरीद लेते हैं, जहां पता ही नहीं चल पाता है कि औनलाइन कंपनी सही है या नहीं. फिर बिना डाक्टरी सलाह के बहुत से लोग अपनी डोज बढ़ा देते हैं, जो कई बार जानलेवा साबित हो सकती है.

बहुत से लोग तो सड़कछाप नीमहकीम की शिलाजीत के नाम पर खरीदी गई चटनी, नीलीपीली गोलियों और मर्दाना तेल को ही सैक्स की ताकत बढ़ाने का फार्मूला मान लेते हैं और पैसे व सेहत से लुट जाते हैं.

कही आप भी तो नहीं कर रहे प्रेग्नेंसी में बिना कंडोम के सेक्स

प्रेग्नेंसी नारी जीवन की ऐसी अवस्था है जिसमें एक महिला को जितना ध्यान अपने खानपान पर देना होता है उतना ही अपने लाइफस्टाइल पर भी देना होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जिस तरह से एक आम महिला और एक गर्भवती महिला की संरचना में काफी अंतर होता है. ठीक उसी तरह एक ​महिला के गर्भवती होते ही उसका लाइफस्टाल भी अन्य महिलाओं से अलग हो जाता है. लेकिन कई बार महिलाएं इसे जल्दी से स्वीकार करने से परहेज करती हैं और अपनी मस्ती में रहती हैं. उन महिलाओं को शायद इस बात की जानकारी नहीं होती है कि उनकी इन हरकतों का सीधा असर उनके शिशु पर पड़ रहा है.

सेक्स हर व्यक्ति की जिंदगी का वो पल होता है जिसे करते वक्त बेहद आनंद और खुशी मिलती है. प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करना अन्य अवस्थाओं से बहुत अलग होता है. यहां हम आपको बता रहे हैं कि गर्भवती महिला को सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल क्यों करना चाहिए.

अक्सर लोग ये सोचते हैं कि प्रेग्नेंसी के वक्त अगर वो बिना कंडोम के सेक्स करते हैं तो कोई नुकसान नहीं होगा. क्योंकि जब एक महिला प्रेग्नेंट है तो फिर ना तो गर्भवती होने के चांस रहते हैं और ना ही वैजाइना में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है. अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो ये आपके लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. क्योंकि गर्भावस्था में कंडोम के बिना सेक्स करने से एसटीडी, एड्स, वैजाइनल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. इससे मां और शिशु दोनों को गहरा खतरा होने के चांस रहते हैं.

प्रेगनेंसी के दौरान सर्विक्स म्यूकल प्लग से बंद हो जाता है जिससे गर्भाशय में स्पर्म घुस नहीं पाते हैं. जिसके चलते वैजाइना के अलावा शरीर के दूसरे अंगों में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है. प्रेग्नेंसी के वक्त इस बात का खास ध्यान रखें कि भूल कर भी कंडोम के बिना सेक्स ना करें.

प्रेग्नेंसी के चलते अगर आप एसटीडी के उपचार के लिए कोई दवा लेते हैं तो ये आपके शिशु के स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचा सकती है. प्रेग्नेंट महिला को एसटीडी के अलावा क्लामिडिया, सिफिलिस, हर्पिस, हेपाटाइटिस बी, ग्रोनोरियाम, एचआईवी/एड्स हो सकता है. इसका सीधा असर डिलीवरी के वक्त मां और शिशु दोनों पर पड़ता है. ध्यान रखें कि प्रेंग्नेसी की प्लानिंग से पहले ही अपना एसटीडी और अन्य चेकअप करा लें. क्योंकि प्रेग्नेंसी के वक्त इसके लक्षणों की पहचान करना बहुत मुश्किल हो जाता है.

मेरा मन अपने बौयफ्रेंड को किस करने का करता है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 14 साल की हूं, दिल्ली में रहती हूं. कुछ दिन पहले मेरी और मेरे ट्यूशन में पढ़ने वाले लड़के की बातचीत होनी शुरू हुई. वह और मैं एकदूसरे को बहुत पसंद करते हैं. वह 15 साल का है, बहुत स्मार्ट और इंटैलिजैंट भी है. उस की और मेरी बात होनी शुरू हुई तो हमें एकदूसरे की फीलिंग्स का पता चला. हम दोनों ही एकदूसरे को चाहते थे. सो, रिलेशनशिप में आ गए.

यह हम दोनों की पहली रिलेशनशिप है, इसलिए अब तक हम किसी भी तरह से फिजिकली क्लोज नहीं आए हैं. लेकिन, मैं उसे किस करना चाहती हूं, गले लगाना चाहती हूं, पर मैं बहुत डरती हूं कि उसे कैसे बताऊं या पूछूं.

हम कभी किसी अकेली जगह पर पहले मिले नहीं और उस ने मुझे सामने से किस के लिए कभी पूछा भी नहीं. क्या मुझे उस से पूछना चाहिए या इस के लिए आगे बढ़ना चाहिए?

जवाब-

इस उम्र में आप का फोकस आप का बौयफ्रैंड या उस को किस करना नहीं होना चाहिए बल्कि आप की पढ़ाई होनी चाहिए. किस करने को तो आप कर लेंगी लेकिन उस के बाद होगा क्या, वह भी जान लीजिए. 14 साल की उम्र और पहलापहला प्यार अकसर ऐसे होते हैं कि इन में हुई चीजें हमारे मनमस्तिष्क पर गहरा असर छोड़ जाती हैं.

आप किस करेंगे और एक महीने तक इसी खुशी में घूमते रहेंगे, फिर बारबार किस करने का मन करने लगेगा और पढ़ाई से ध्यान खुदबखुद हट जाएगा. इस के बाद कल को यदि लड़ाई हो गई तो उस गम में न पढ़ाई होगी न चैन आएगा. जिंदगी जितनी सुकूनभरी अभी है, किस के बाद नहीं रहेगी. बेहतर यही होगा कि चीजें स्लो पेस पर चलने दें और अपनी इच्छाओं को कुछ समय के लिए मन में दबा लें. पहले पढ़ाई और कैरियर पर फोकस करें. अभी तो पूरी जिंदगी पड़ी है किस करने और रिलेशनशिप में आने के लिए. इस के लिए आप को इंतजार नहीं करना पड़ेगा. वक्त के साथ यह सब होता चला जाएगा. चिंता मत करिए.

मुहब्बत पर सेक्स का कब्जा क्यों?

सच्चे प्रेम से खिलवाड़ करना किसी बड़े अपराध से कम नहीं है. प्रेम मनुष्य को अपने अस्तित्व का वास्तविक बोध करवाता है. प्रेम की शक्ति इंसान में उत्साह पैदा करती है. प्रेमरस में डूबी प्रार्थना ही मनुष्य को मानवता के निकट लाती है.

मुहब्बत के अस्तित्व पर सेक्स का कब्जा

आज प्रेम के मानदंड तेजी से बदल रहे हैं. त्याग, बलिदान, निश्छलता और आदर्श में खुलेआम सेक्स शामिल हो गया है. प्रेम की आड़ में धोखा दिए जाने वाले उदाहरणों की शृंखला छोटी नहीं है और शायद इसी की जिम्मेदारी बदलते सामाजिक मूल्यों और देरी से विवाह, सच को स्वीकारने पर डाली जा सकती है. प्रेम को यथार्थ पर आंका जा रहा है. शायद इसी कारण प्रेम का कोरा भावपक्ष अस्त हो रहा है यानी प्रेम की नदी सूख रही है और सेक्स की चाहत से जलराशि बढ़ रही है.

विकृत मानसिकता व संस्कृति

आज के मल्टी चैनल युग में टीवी और फिल्मों ने जानकारी नहीं मनोरंजन ही परोसा है. समाज द्वारा किसी भी रूप में भावनाओं का आदर नहीं किया जाता. प्रेम का मधुर एहसास तो कुछ सप्ताह तक चलता है. अब तन के उपभोग की अपेक्षा है.

क्षणिक होता मुहब्बत का जज्बा

प्रेम अब सड़क, टाकीज, रेस्तरां और बागबगीचों का चटपटा मसाला बन गया है. वर्तमान प्रेम क्षणिक हो चला है, वह क्षणभर दिल में तूफान ला देता है और अगले ही पल बिलकुल खामोश हो जाता है. युवा आज इसी क्षणभर के प्रेम की प्रथा में जी रहे हैं. एक शोध के अनुसार, 86% युवाओं की महिला मित्र हैं, 92% युवक ब्लू फिल्म देखते हैं, तो 62% युवक और 38% युवतियों ने विवाहपूर्व शारीरिक संबंध स्थापित किए हैं.

यही है मुहब्बत की हकीकत

एक नई तहजीब भी इन युवाओं में गहराई से पैठ कर रही है, वह है डेटिंग यानी युवकयुवतियों का एकांत मिलन. शोध के अनुसार, 93% युवकयुवतियों ने डेटिंग करना स्वीकार किया. इन में से एक बड़ा वर्ग डेटिंग के समय स्पर्श, चुंबन या सहवास करता है. इस शोध का गौरतलब तथ्य यह है कि अधिकांश युवक विवाहपूर्व यौन संबंधों के लिए अपनी मंगेतर को नहीं बल्कि किसी अन्य युवती को चुनते हैं. पहले इस आयु के युवाओं को विवाह बंधन में बांध दिया जाता था और समय आने तक जोड़ा दोचार बच्चों का पिता बन चुका होता था.

अमीरी की चकाचौंध में मदहोश प्रेमी

मृदुला और मनमोहन का प्रेम कालेज में चर्चा का विषय था. दोनों हर जगह हमेशा साथसाथ ही दिखाई देते थे. मनमोहन की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. वह मध्यवर्गीय परिवार से था, लेकिन मृदुला के सामने खुद को थोड़ा बढ़ाचढ़ा कर दिखाने की कोशिश में रहता था. वह मृदुला को अपने दोस्त की अमीरी और वैभव द्वारा प्रभावित करना चाहता था. दूसरी ओर आदेश पर भी अपना रोब गांठना चाहता था कि धनदौलत न होने पर भी वह अपने व्यक्तित्व की बदौलत किसी खूबसूरत युवती से दोस्ती कर सकता है. लेकिन घटनाचक्र ने ऐसा पलटा खाया कि जिस की मनमोहन ने सपने में भी कल्पना नहीं की थी. उस की तुलना में अत्यंत साधारण चेहरेमुहरे वाला आदेश अपनी अमीरी की चकाचौंध से मृदुला के प्यार को लूट कर चला गया.

मनमोहन ने जब कुछ दिन बाद अपनी आंखों से मृदुला को आदेश के साथ उस की गाड़ी से जाते देखा तो वह सोच में पड़ गया कि क्या यह वही मृदुला है, जो कभी उस की परछाईं बन उस के साथ चलती थी. उसे अपनी बचकानी हरकत पर भी गुस्सा आ रहा था कि उस ने मृदुला और आदेश को क्यों मिलवाया. कालेज में मनमोहन की मित्रमंडली के फिकरों ने उस की कुंठा और भी बढ़ा दी.

प्रेम संबंधों में पैसे का महत्त्व

प्रेम संबंधों के बीच पैसे की महत्ता होती है. दोस्ती का हाथ बढ़ाने से पहले युवक की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रख कर निर्णय लेना चाहिए. प्रेमी का यह भय सही है कि यदि वह अपनी प्रेमिका को महंगे उपहार नहीं देगा तो वह उसे छोड़ कर चली जाएगी. कोई भी युवती अपने प्रेमी को ठुकरा कर एक ऐसा नया रिश्ता स्थापित कर सकती है, जिस का आधार स्वाभाविक प्यार न हो कर केवल घूमनेफिरने और मौजमस्ती करने की चाह हो. युवकों को पैसे के अनुभव के बावजूद अपनी प्रेमिकाओं और महिला मित्रों को प्रभावित करने के लिए हैसियत से ज्यादा खर्च करना होगा.

प्रेम में पैसे का प्रदर्शन, बचकानी हरकत

छात्रा अरुणा का विचार है कि अधिकतर युवक इस गलतफहमी का शिकार होते हैं कि पैसे से युवती को आकर्षित किया जा सकता है. यही कारण है कि ये लोग कमीज के बटन खोल कर अपनी सोने की चेन का प्रदर्शन करते हैं. सड़कों, पान की दुकानों या गलियों में खड़े हो कर मोबाइल पर ऊंची आवाज में बात करते हैं या गाड़ी में स्टीरियो इतना तेज बजाते हैं कि राह चलते लोग उन्हें देखें.

हैसियत की झूठी तसवीर पेश करना घातक

अरुणा कहती है कि कुछ लोग प्रेमिका से आर्थिक स्थिति छिपाते हैं तथा अपनी आमदनी, वास्तविक आय से अधिक दिखाने के लिए अनेक हथकंडे अपनाते हैं. इसी संबंध में उन्होंने अपने एक रिश्तेदार का जिक्र किया जो एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे. विवाह के तुरंत बाद उन्होंने पत्नी को टैक्सी में घुमाने, उस के लिए ज्वैलरी खरीदने तथा उसे खुश रखने के लिए इस कदर पैसा उड़ाया कि वे कर्ज में डूब गए.

कर्ज चुकाने के लिए जब उन्होंने कंपनी से पैसे का गबन किया तो फिर पकड़े गए. परिणामस्वरूप अच्छीखासी नौकरी चली गई. इतना ही नहीं, पत्नी भी उन की ऐसी स्थिति देख कर अपने मायके लौट गई. अगर शुरू से ही वह चादर देख कर पैर फैलाते, तो यह नौबत न आती.

समय के साथ बदलती मान्यताएं

मीनाक्षी भल्ला जो एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, का कहना है कि प्यार में प्रेमीप्रेमिका दोनों ही जहां एकदूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने की भावना रखते हैं, वहीं अपने साथी से कुछ अपेक्षाएं भी रखते हैं.

व्यापार बनता आज का प्रेम

इस प्रकार के रवैए ने प्यार को एक प्रकार का व्यापार बना दिया है. जितना पैसा लगाओ, उतना लाभ कमाओ. कुछ मित्रों का अनुभव तो यह है कि जो काम प्यार का अभिनय कर के तथा झूठी भावुकता दिखा कर साल भर में भी नहीं होता, वही काम पैसे के दम पर हफ्ते भर में हो सकता है. अगर पैसे वाला न हो तो युवती अपना तन देने को तैयार ही नहीं होती.

नोटों की ऐसी कोई बौछार कब उन के लिए मछली का कांटा बन जाए, पता नहीं चलेगा. ऐसी आजाद खयाल या बिंदास युवतियों का यह दृष्टिकोण कि सच्चे आशिक आज कहां मिलते हैं, इसलिए जो भी युवक मौजमस्ती और घूमनेफिरने का खर्च उठा सके, आराम से बांहों में समय बिताने के लिए जगह का इंतजाम कर सके, उसे अपना प्रेमी बना लो.

एकतरफा नहीं, दोनों की मंजूरी से Enjoy करें सेक्स

पार्टनर के साथ संबंध बनाना एक सुखद अनुभूति प्रदान करता है. लेकिन इसमें आनंद के लिए शारीरिक जुड़ाव के साथसाथ भावनात्मक लगाव होना भी बहुत जरुरी होता है तभी इसका जी भरकर मज़ा लिया जा सकता है. लेकिन कई बार पार्टनर को सेक्स के दौरान इतना अधिक दर्द महसूस होता है कि वे सेक्स से कतराने लगती है और यह पल उसके लिए खुशी देने के बजाए दर्द देने वाला एहसास बनकर रह जाता है. ऐसे में अगर आप इस पल का बिना किसी रूकावट आनंद लेना चाहते हैं तो अपनाएं ये टिप्स.

1. लुब्रीकेंट से लें मजा

प्लेज़र के लिए कुछ भी करने से शर्माए नहीं बल्कि वो सब करें जिससे दोनों को मज़ा आए और आप उस पल को याद कर पूरा दिन खुद को फ्रेश फील कर सकें. जैसे आप लुब्रीकेंट का इस्तेमाल करें. ये आपको जेल फौर्म, सिलिकौन फौर्म या ऑयल बेस्ड फौर्म में मिल जाएगा. इसे सेक्स के दौरान महिला व पुरुष दोनों इस्तेमाल कर सकते है. इसके इस्तेमाल से पेनिटेशन के दौरान वेजिना सेक्स के लिए पूरी तरह तैयार हो जाती है. क्योंकि इससे खिंचाव व इरिटेशन जो कम होती है. कई महिलाओं को सेक्स के दौरान यह समस्या आती है कि उनकी वेजिना ड्राई हो जाती है. ऐसा अक्सर एस्ट्रोजन लेवल के कम होने के कारण होता है.

2. दोनों का मूड होना जरूरी

सेक्स का आनंद तभी भरपूर लिया जा सकता है जब दोनों की मरज़ी हो वरना सेक्स एकतरफा बनकर रह जाता है. इसके लिए जब आप पार्टनर के करीब जाएं तो उसकी इच्छा व मूड जानें. अगर लगे कि मूड सेक्स के अनुकूल है तो सेक्स आपको वो मज़ा दे देगा जिसकी आपको इच्छा थी. यकीन मानिये ये अनुभूति आपको दर्द का अनुभव भी नहीं होने देगी.

3. माहौल हो अनुकूल

शादी के बाद कपल हनीमून पर बेहतर जगह व माहौल में एकदूसरे के करीब आने के साथ एकदूसरे को जानने की कोशिश करते हैं और उनके ये दिन उनकी ज़िन्दगी के यादगार पल बन जाते हैं. ऐसे में जब भी आप पार्टनर के साथ संबंध बनाएं और उसे यादगार बनाना चाहे तो ध्यान रखें कि कमरे का माहौल खुशनुमा व सैक्स के अनुकूल हो. इससे पार्टनर दिल से उस पल को एन्जॉय कर पाएगा. और यह सभी जानते हैं कि जो चीज़ दिल से महसूस होती है उसमें दर्द की नहीं बल्कि प्यार की अनुभूति होती है.

4. करें प्यार से शुरुआत

सेक्स के लिए लुब्रिकेशन बहुत जऱूरी होता है और इसके लिए पहले पार्टनर के साथ आप शारीरिक जुड़ाव बनाएं. जैसे उसके हाथपैरों पर स्पर्श आदि करें . इससे पार्टनर सेक्स के लिए तैयार हो जाता है और फिर पार्टनर के साथ सेक्स का जो मज़ा आता है उसका कहना ही क्या.

5. प्यारप्यारी बातों से लाएं करीब

जब भी आपका सेक्स का मूड हो तो अपने पार्टनर से प्यार भरी बातें करें. जैसे तुम आज बहुत खूबसूरत लग रही हो, तुम्हारे हाथ कितने सौफ्ट हैं , तुम्हे तो आज जी भरकर देखने को दिल कर रहा है. आपकी ऐसे बातें न चाहते हुए भी उसे सेक्स करने के लिए मजबूर कर देगी और वे खुद ब खुद आपके करीब आने को मज़बूर हो जाएगी. आप भी तो यही चाहते है न.

चैटिंग से सैक्सटिंग तक काम आएंगे ये इमोजी

सैक्ंिस्टग का अपना मजा होता है. ऊपर से इमोजी इसे दोगुना कर देते हैं पर तभी जब अपने इमोशन के लिए सही इमोजी का यूज करना आता हो. जानें ऐसे ही इमोजी के बारे में. कहते हैं परफैक्ट पिक्चर वही है जो आप के हजारों शब्दों को बयां कर दे.

सोशल मीडिया ने कम्युनिकेशन के तमाम रास्ते खोले हैं. अब गलीमहल्ले के दायरों से दूर सोशल मीडिया पर प्यार के कई रास्ते खुल गए हैं. इन्हीं पर चलते हुए लव रिलेशनशिप बने हैं, पके हैं और कुछ तनातनी के बाद टूट भी गए हैं. रिलेशनशिप के बनने और टूटने के बीच एक समय ऐसा भी होता है जब प्यार सातवें आसमान पर रहता है.

चांद सा मुखड़ा, सोलहसत्रह सितारे तोड़ने के वादे के बाद जिस्म की खुशबू और गरमी के एहसास की इच्छा करती है, यानी इंटिमेसी हाई रहती है.  हर बात डबल मीनिंग सी महसूस होती है, बात पैरों की पायल और हाथ के कंगन से ऊपर बढ़ जाने की होती है. इन बातों में जिस्म के उतारचढ़ाव का जिक्र होने लगता है, एक हद पार कर जाने का मन करने लगता है, यानी सैक्ंिस्टग करने का मन करता है. सैक्ंिस्टग यानी ऐसी चैटिंग जिस में सैक्स टौक हो.  पर समस्या यह है कि सोशल मीडिया पर चैट करते हुए अपनी बातों को कैसे सामने रखा जाए कि वल्गर भी न लगे और बात इजिली कन्वे हो जाए, वह भी बिना लागलपेट के.

अच्छी बात यह है कि आज चैटिंग करते हुए तमाम सोशल मीडिया प्लेटफौर्म्स ऐसे ‘इमोजी’ के औप्शंस साथ में देते हैं जिस से आप अपने इमोशन को दिखा सकते हैं. गूगल वैब के अनुसार, ‘इमोजी’ का मतलब एक छोटी डिजिटल छवि या आइकन, जिस का यूज किसी इमोशन को व्यक्त करने के लिए किया जाता है. ‘इमोजी’ शब्द जापानी भाषा से आया है. जैपनीज में ‘इ’ का अर्थ होता है ‘चित्र’ और ‘मोजी’ का अर्थ होता है वर्ड. व्हाट्सऐप में देखेंगे तो चैट करते हुए यह बाईं तरफ होता है.

आजकल इसे अपडेट कर लिया गया है तो साथ में जीआईएफ इमेज का भी औप्शन दिखाई देता है. वहीं, अगर इंस्टाग्राम की बात करें तो यह मैसेज करते हुए दाईं तरफ स्पीकर व पिक्चर की साइड में होता है. यहां इमोजी पहले से एडवांस हो गए हैं. अब स्टीकर इमोजी भी देखने को मिल जाते हैं. पर खास बात यह है कि हर बात को एक्सप्रैस करने का एक तरीका होता है.

आप अगर अपने पार्टनर से सैक्सटिंग कर रहे हैं तो सही इमोजी भेजना जरूरी है वरना हीट एंड हौट कन्वर्सेशन में इमोशन दबे रह जाते हैं. मस्क्ल्युलिन इमोजी सैक्सटिंग कपल के बीच प्राइवेट कन्वर्सेशन होती है. बहुत बार चैट करते हुए इमोजीबौक्स में दिखाए गए इमोजी समझ से बाहर हो सकते हैं कि इन का काम क्या है. लेकिन यदि कपल अच्छे मूड में हैं तो कुछ इमोजी हैं जिन का इस्तेमाल वे अपने कन्वर्सेशन में कर सकते हैं.

मेल पेनिस के रिप्रेजेंटेशन करने के लिए किसी भी लंबे, फौलिक साइज वाले इमोजी का यूज किया जा सकता है. इस के लिए वे चीजें भी यूज की जा सकती हैं जो खाने की होती हैं. जैसे, बैगन, हौट डौग, केला, ब्रैड का लंबा टुकड़ा, गाजर, मक्का, सांप, मुरगा. फिमाइन इमोजी चैट करते हुए ऐसी कई इमोजी हैं जो इनडायरैक्ट फीमेल जेनेटल को रिप्रेजेंट करती हैं. इन सब का इस्तेमाल वैसे तो किसी भी तरह से किया जा सकता है पर बात जब सैक्ंिस्टग की आती है तो ये इमोशन को सीधे कन्वे कर देते हैं. जैसे ट्यूलिप, पीस सिंबल, टाको, शहद का पौट, सुशी, कुकीज, बिल्ली.

अन्य हिस्सों को ले कर शरीर के दूसरे हिस्सों के लिए अधिकांश ऐसी ढेर सारी इमोजी हैं जो होती तो अलग हैं लेकिन उन्हें सैक्ंिस्टग करते हुए बराबर यूज किया जा सकता है. जो कपल के रोमांच को बढ़ाने का ही काम करते हैं, जैसे आड़ू से ले कर नाशपाती और सेब तक के आकारों का यूज किया जा सकता है. जैसे पीच, सेब, नाशपाती, चेरी, ओके सिंबल, डोनट. प्ले बौल एमोजी बहुत सारी बातें ऐसी होती हैं जिन पर शुरुआत करते हैं तो हिचकिचाहट हो सकती है.

ऐसे में सिंबल का यूज किया जा सकता है जिस से बात कन्वे भी हो जाए और सामने पार्टनर को आक्वर्ड भी न लगे. जैसे, ब्रैस्ट के बारे में बात करते हुए ऐसे सिंबल के बारे जिक्र किया जा सकता है जिस से इमोशन समझ आ जाए. जैसे चेरीज, 2 तरबूजों का जोड़ा, शौकर बौल, बास्केट बौल. एक्सप्लोसिव इमोजी, दे सेम फील जब क्लाइमैक्स की बात आती है तो हिंदी में ऐसे वर्ड नहीं हैं जो सही हों और कहते हुए ठीक लगें.

इस के लिए ऐसे इमोजी का यूज किया जा सकता है जो चैट में भेजते हुए आप के इमोशन को बयां कर सकें, जैसे, फायरवर्क्स, एक्सप्लोजन, बौम्ब, रौकेट शिप, पोपिंग शैंपेन बौटल, माइंड ब्लोइंग फेस, पानी की बूंदें. अन्य इमोजी कुछ ऐसी इमोजी हैं जो सैक्ंिस्टग करते हुए जरूर काम का सकती हैं. इन के मीनिंग तभी सटीक बैठेंगे जब सही जगह इस्तेमाल किए जाएं. जैसे जीभ, लौलीपौप, स्पैकिंग, शौवर सैक्स, रैसिप्रोकल ओरल सैक्स.

डिजिटल ऐरा में डेटिंग ऐप्स एंड रिलेशनशिप

भारतीय युवाओं के लिए डेटिंग ऐप्स किसी डेटिंग क्रांति से कम नहीं हैं. यहां अपने लिए पार्टनर आसानी से ढूंढ़े जा सकते हैं. ये ऐप्स युवाओं के लिए कन्वीनिएंट हैं पर तभी जब सिर्फ पार्टनर ढूंढ़ने का माध्यम समझा जाए, सही पार्टनर ढूंढ़ना आप की अंडरस्टैंडिंग पर निर्भर करेगा. वक्त बदल रहा है, दुनिया बदल रही है और उस के साथ बदल रहे हैं प्यार ढूढ़ने के तरीके. इंटरनैट और सोशल मीडिया के इस दौर में यंगस्टर्स अपने सराउंडिंग से कटते जा रहे हैं.

घर की चारदीवारी से बाहर निकलना बड़ा एक्सपैंसिव हो गया है. ऐसे में उन के लिए गर्लफ्रैंड और बौयफ्रैंड ढूंढ़ना मुश्किल होता जा रहा है. रिश्तों की तलाश के दायरे बढ़ते जा रहे हैं. गलीमहल्ले से निकल कर यंगस्टर्स दुनियाभर में अपने कुछ वक्त या लाइफटाइम के लिए पार्टनर की तलाश कर रहे हैं.

यही वजह है कि यंगस्टर्स अब सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स का सहारा ले रहे हैं. यह एक अच्छा माध्यम है दुनियाभर के लोगों से जुड़ने का. टिंडर, बंबल, मिंगल और हिंगे जैसे डेटिंग ऐप्स प्यार और रोमांस के पारंपरिक तरीके से हट कर नए मौके दे रहे हैं. भारत में डेटिंग ऐप्स पिछले कुछ सालों से ज्यादा ऐक्टिव हुए हैं, खासकर कोरोना के वक्त से जब लोगों का घर से बाहर निकलना नामुमकिन था.

उस वक्त यंगस्टर्स अपनी बोरियत दूर करने के लिए लोगों को औनलाइन तलाश कर रहे थे. कोरोना महामारी ने यंगस्टर्स की आदतों को भी हमेशा के लिए बदल दिया है. अधिक से अधिक भारतीय युवा, यहां तक कि छोटे शहरोंकसबों के भी, प्यार और साथ पाने के लिए डेटिंग ऐप्स पर भरोसा कर रहे हैं. एकदूसरे को जानने के लिए पर्सनली मिलने के बजाय वीडियो कौल को चूज कर रहे हैं और फिर लोगों से मिल रहे हैं.

जैसेजैसे भारत में डेटिंग कल्चर बढ़ा, वैसेवैसे ही डेटिंग ऐप्स की लोकप्रियता भी बढ़ी. लोग नए मौके तलाश रहे हैं. वे स्कूलकालेजों से निकल कर नैशनल और इंटरनैशनली डेटिंग के अनुभव तलाश रहे हैं. सोशल ऐक्सेप्टेंस से बदलता नजरिया डेटिंग ऐप्स अब भारतीय सोसाइटी का एक हिस्सा बन गए हैं.

यंगस्टर्स, एडल्ट, नौकरीपेशा भी कैजुअल डेटिंग या लाइफपार्टनर ढूंढ़ने के लिए इन प्लेटफौर्मों का इस्तेमाल कर रहे हैं और वे कामयाब भी हो रहे हैं. अपने मनपसंद पार्टनर, जिन से उन के विचार मिलते हों, पाने के लिए वे इन प्लेटफौर्मों का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं. एक वक्त था जब आप के मम्मीपापा जिद पर अड़ जाते थे कि आप का लाइफपार्टनर वे ही ढूंढ़ेंगे.

बदलते वक्त के साथ अब मांबाप इस की जिम्मेदारी बच्चों पर छोड़ने लगे हैं, इस के लिए वे खुद यंगस्टर्स को डायरैक्टइनडायरैक्ट डेटिंग ऐप्स का हिंट कर देते हैं. इस से यह दिखता है कि सोसाइटी भी इसे ऐक्सैप्ट करने लगी है. टिंडर ने जिस तरह डेटिंग ऐप्स की एक नकारात्मक छवि सोसाइटी में तैयार की थी, अब वह बदल गई है. टिंडर वैस्टर्न डेटिंग तौरतरीकों के लिए ज्यादातर फेमस था.

विदेश में इस ने खूब कामयाबी पाई. हालांकि इस का इस्तेमाल करने वाले भारत में भी रहे. इस में ओवरएक्सपोजर और वल्गैरिटी भी थी. लेकिन भारत में आने वाले बंबल, हिंगे, ट्रूली मैडली और मिंगल जैसे ऐप्स लगातार इस छवि को सुधारने में लगे हैं और डेटिंग ऐप्स को एक मींटिगरूम बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिस में ये कामयाब भी रहे हैं.

क्यों इस्तेमाल करें डेटिंग ऐप्स अब बात आती है कि क्यो करें डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल? भारत में कितने ही लोग अब औनलाइन डेटिंग ऐप्स की दुनिया में कदम रख रहे हैं. 27 साल की सुधा मिंगल पर ऐक्टिव है, वह कहती है कि असल जिंदगी में आप के पास औप्शन कम होते हैं. आजकल सब की अपनीअपनी प्रायोरिटी होती है. अपनीअपनी पार्टनर प्रेफरैंस होती है जिसे ढूंढ़ पाना आसान नहीं होता. इसलिए डेटिंग ऐप्स का सहारा लेना कन्वीनिएंट लगता है.

औनलाइन डेटिंग ऐप्स आप को कामयाबी मिलने की गारंटी नहीं देता क्योंकि ऐप्स सिर्फ एक मुलाकात का जरिया है. इस के अलावा कुछ नहीं. वैसे भी, यह पूरी तरह आप पर ही निर्भर करता है. भारत में इस का विरोध करने वालों की भी कमी नहीं है. उन के अनुसार डेटिंग का मतलब सैक्स या शादी. अकसर इसीलिए इस का विरोध होता आया है लेकिन वक्त के साथसाथ ये धारणाएं भी बदल रही हैं और भारत में डेटिंग ऐप्स के यूजर्स लगातार बढ़ रहे हैं.

भारत में डेटिंग ऐप यूजर भारत दुनिया का 5वां सब से तेजी से बढ़ने वाला डेटिंग ऐप बाजार है. यहां इसे इस्तेमाल करने वाले हर साल लाखों खर्च करते हैं, जो कि वैश्विक औसत 12 फीसदी की सालदरसाल वृद्धि से कहीं अधिक है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कंजूमर ने डेटिंग और फ्रैंडशिप ऐप्स पर दिसंबर 2022 तक 9.9 मिलियन डौलर खर्च किए.

यह 2021 की तुलना में दोगुने से भी अधिक था. यंगस्टर्स ज्यादा स्वाइप या परफैक्ट मैच पाने के लिए और अपनी प्रोफाइल की रीच बढ़ाने के लिए इन ऐप्स की सर्विस खरीदने के लिए पैसे खर्च करते हैं. यह नंबर लगातार बढ़ता जा रहा है और भविष्य में इस के और बढ़ने की पौसिबिलिटी है. इस्टेटिस्टा डौट कौम ने भारत में औनलाइन डेटिंग का कारोबार 2021 में 454 मिलियन डौलर से बढ़ कर 2024 तक 783 मिलियन डौलर तक पहुंचने की उम्मीद जताई थी.

फिलहाल डेटिंग ऐप्स भारत की कुल आबादी के 2.2 फीसदी तक पहुंचते हैं, जिस के 2024 तक 3.6 फीसदी होने का अनुमान है. 5 वर्षों पहले तक लगभग 20 मिलियन भारतीय डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल करते थे और अब यह आंकड़ा 293 फीसदी की भारी वृद्धि के साथ 2023 में 82.4 मिलियन तक पहुंच गया. डेटिंग ऐप्स के इस्तेमाल में वृद्धि विशेष रूप से मैट्रो शहरों के बाहर काफी ज्यादा हो रही है जहां अब टिंडर, बंबल और ट्रूली मैडली जैसे डेटिंग ऐप्स के 70 फीसदी उपयोगकर्ता हैं और यह नंबर लगातार बढ़ रहा है. सावधानी भी जरूरी आज देश में डेटिंग को ले कर माहौल बदल रहा है.

डेटिंग का डिजिटलाइजेशन होने की वजह से उस में धोखाधड़ी भी उतनी ही व्यापक है जितनी कि सामान्य दुनिया में. इसलिए सावधानी के साथ इस का इस्तेमाल करते हुए बदलती दुनिया के साथ तालमेल बैठाना चाहिए. भारतीय युवाओं के लिए डेटिंग ऐप्स किसी डेटिंग क्रांति से कम नहीं हैं जहां लड़केलड़कियों को एकसाथ दिख भर जाने से सवाल खड़े होते हैं. ऐसे में इन ऐप्स का इस्तेमाल युवा पीढ़ी को बड़ा कन्वीनिएंट लगता है, लेकिन हां. सावधान रहने की जरूरत है.

मेरा बॉयफ्रेंड दूसरी लड़कियों से भी बात करता है, क्या वह मुझे धोखा दे रहा है?

सवाल

मैं कालेज में पढ़ती हूं. मैं एक लड़के से बहुत प्यार करती हूं. वह भी मुझ से प्यार करता है और हमारे बीच सबकुछ हो चुका है. पर वह लड़का दूसरी लड़कियों से भी बात करता है. क्या वह मुझे धोखा दे रहा है?

जवाब

शादी से पहले यह सबकुछ हो जाना खासतौर से लड़कियों के लिए ठीक बात नहीं है. दूसरी लड़कियों से बात करने का यह मतलब तो नहीं कि आप का प्रेमी अब आप से प्यार नहीं करता है. बेवजह के शक को दिल में जगह न बनाने दें और उस लड़के से खुल कर बात करें.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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बड़े काम की है शीघ्रपतन की जानकारी, क्या यह है बड़ी बीमारी

आज के दौर में हर उम्र के मर्दों में शीघ्रपतन की समस्या देखने में आ रही है. आम भाषा में इसे जल्दी पस्त हो जाना और अंगरेजी में इसे प्रीमैच्योर इजैकुलेशन या अर्ली इजैकुलेशन कहा जाता है. ऐसा अकसर अंग में प्रवेश से पहले या उस के तुरंत बाद हो सकता है. इस की वजह से दोनों पार्टनर सैक्स संबंधों के लिहाज से असंतुष्ट रहते हैं.

दरअसल, शीघ्रपतन आदमियों में सैक्स की आम समस्याओं में से एक है. शायद हर मर्द अपनी जिंदगी में कभी न कभी इस परेशानी से घिरता है. अगर अंग में डालने से पहले ही मर्द का वीर्य गिर जाता है, तो ऐसे में उस जोड़े में बच्चे पैदा न होने की समस्या भी पेश आती है.

शीघ्रपतन की समस्या का असर आदमी की सैक्स लाइफ पर देखने को मिलता है. इस समस्या के चलते आदमी अपनी लाइफ पार्टनर या प्रेमिका को सैक्स सुख नहीं दे पाता. इस से नाजायज संबंध भी बन जाते हैं, जिस का नतीजा कई बार परिवार के टूटने के रूप में भी होता है.

इस समस्या के हल के लिए लोग नीमहकीमों के चंगुल में भी फंस जाते हैं, जो उन को लूटते हैं और समस्या को सुलझाने के बजाय और बढ़ा देते हैं.

ज्यादा हस्तमैथुन करने से शरीर के बायोलौजिकल क्लौक का सैट हो जाना है. इस की वजह से आदमी को क्लाइमैक्स पर पहुंचने की जल्दी होती है और वह जल्दी से जल्दी मजा पाना चाहता है.

* सैक्स के बारे में ज्यादा सोचना भी शीघ्रपतन के लिए जिम्मेदार होता है. सैक्स फैंटेसी या पोर्न फिल्में देखने से भी आदमी ज्यादा जोश में आ जाता है और जल्दी ही पस्त हो जाता है.

* शराब के ज्यादा सेवन या डायबिटीज की वजह से भी शीघ्रपतन की समस्या पैदा हो सकती है.

* सैक्स संबंध बनाने के शुरुआती दिनों में भी इस तरह की समस्या पैदा हो जाती है.

* नया पार्टनर होने के चलते जोश में जल्दी वीर्य गिर सकता है.

* जल्दी पस्त होना इस बात पर भी निर्भर करता है कि जोश देने का तरीका कैसा है.

* ओरल सैक्स से भी आदमी जल्दी डिस्चार्ज हो सकता है.

क्या करें?

अगर शीघ्रपतन की समस्या आप की जिंदगी में भी तनाव की वजह बन चुकी है, तो इसे चुपचाप सहन न करते रहें, बल्कि अपने डाक्टर से मिलें. वह आप की शारीरिक जांच कर इस की वजह पता लगाने की कोशिश करेगा.

डाक्टर के साथ खुल कर अपनी सैक्स लाइफ के बारे में बात करें और अगर कभी किसी बीमारी से पीडि़त हैं, तो उस के बारे में भी किसी तरह की जानकारी न छिपाएं.

ये उपाय भी आजमाएं

* जल्दी पस्त होना रोकने के लिए लंबी सांसें लें.

* जब भी वीर्य निकलने का समय हो, अपने साथी को लंबी सांसें लेने को कहें. इस से धड़कनों की रफ्तार कम होगी और वीर्य जल्दी नहीं निकलेगा.

* सैक्स के पहले इस प्रक्रिया के बारे में उसे अच्छे से समझाएं.

* ‘निचोड़ने की विधि’ के तहत अपने साथी के अंग को नीचे से जोर से दबाएं. ऐसा तब करें, जब आप के साथी का वीर्य निकलने वाला हो. इस से उस के अंग का इरैक्शन कम होगा और वीर्य नहीं निकलेगा.

* जल्द वीर्य को गिरने से रोकने के लिए स्टौप एंड स्टार्ट विधि अपनाएं. इस के तहत अपने साथी को 3 से 4 बार हस्तमैथुन करने के लिए कहें, जिस में वीर्य निकलने के समय पर उस का रुकना जरूरी है. इस से उसे पता चलेगा कि किस समय इजैकुलेशन होता है और वह इस पर अच्छे से काबू भी कर सकता है.

शीघ्रपतन और दवाएं

ऐसा नहीं है कि शीघ्रपतन होने से हर किसी के मन में तनाव की भावना पैदा हो जाती है. कुछ लोग इसे ले कर ज्यादा नहीं सोचते और इस का हल अपने तरीके से निकालते हैं. लेकिन अगर आप को लगता है कि इस से आप के मजे में कमी आ रही है, तो आप जोलोफ्ट, प्रोजाक जैसी दवाओं का सेवन कर सकते हैं. ये दवाएं शीघ्रपतन रोकने में आप की मदद करती हैं व आप का साथी बिस्तर पर आने से कई घंटे पहले भी इन दवाओं का सेवन कर सकता है.

एक बार इस दवा का सेवन कर लेने पर जब आप दोनों अच्छा वक्त बिताना शुरू कर रहे हों, तो उस समय मर्द की कामुकता में इजाफा होगा. इस से न सिर्फ वीर्य निकलने से रुकेगा, बल्कि पहले के मुकाबले आप के सैक्स संबंध भी बेहतर होंगे.

इन दवाओं के सेवन के लिए बेहतर यही होगा कि आप किसी माहिर सैक्स डाक्टर से सलाह लें.

इस के अलावा जोश रोकने के लिए अंग पर लोकल एनैस्थैटिक क्रीम या स्प्रे का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. अंग में जोश में कमी आने से वीर्य गिरने में देरी आएगी. कुछ मर्दों में कंडोम का इस्तेमाल भी इसी तरह जोश घटाने में मददगार होता है.

आमतौर पर आदमी वीर्य गिरने को कंट्रोल करना सीख लेते हैं. इस बारे में जानकारी हासिल करना और कुछ आसान उपायों को अपनाने से हालात पूरी तरह सामान्य हो जाते हैं, लेकिन लंबे समय तक शीघ्रपतन की समस्या का जारी रखना आदमी में डिप्रैशन या एंग्जाइटी की वजह से हो सकता है. किसी मनोवैज्ञानिक से मिल कर इन परेशानियों को दूर किया जा सकता है.

जानिए आखिर महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं

महिलाएं किसी पुरुष को आखिर क्‍यों पसंद करती हैं? और ऐसी कौन सी खास बात है जिससे प्रभावित होकर वह किसी पुरुष के साथ सेक्‍सुअल संबंध बनाने के लिए अपने आप को राजी करती हैं? इस तथ्‍य पर रिसर्च करने के बाद टैक्‍सास विवि के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर्स सिंडी मेस्टन और डेविड बस ने एक किताब लिखी है. इस किताब का नाम है वॉय वुमन हैव सेक्‍स. किताब सेक्‍स संबंधों को लेकर महिलाएं क्‍या सोचती हैं? इस सवाल पर कई रोचक खुलासे करती है, किताब में इस बात के 200 कारण बताए गए है, जिनके चलते महिलाएं किसी पुरुष के साथ सेक्‍सुअल संबंध बनाती हैं या उसे पसंद करती हैं.

टेक्सस यूनिवर्सिटी में साइकॉलजी के प्रोफेसर्स सिंडी मेस्टन और डेविड बस की लिखी किताब – वाय वुमेन हेव सेक्स ( महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं ) में करीब 200 कारणों को बताया गया है.

रिसर्च के दौरान देखा गया कि ज्यादातर पुरुषों को महिलाएं सेक्सुअली अट्रैक्टिव लगती हैं , जबिक महिलाओं को पुरुषों में ऐसी कोई बात नज़र नहीं आती. रिसर्च के दौरान 1000 महिलाओं का इंटरव्यू किया , जिसमें महिलाओं ने पुरुषों के साथ सोने के अपने कारण बताए.

एक महिला ने बताया – वह सेक्स इसलिए करती है ताकि बोरियत दूर कर सके क्योंकि सेक्स करना लड़ने से कहीं आसान है. जबकि कुछ दूसरी महिलाओं के लिए यह माइग्रेन और सिरदर्द दूर भगाने का उपचार है.

रिसर्च में कुछ महिलाओं ने ऐसी बातें भी कहीं जिन्हें सुनकर हैरानी हो सकती है. कुछ महिलाएं महज दया की वजह से पुरुषों के साथ सोती हैं जबकि कुछ महिलाएं अपने स्वार्थ के लिए सेक्स का इस्तेमाल करती हैं जैसे रुपये – पैसों के लिए और दूसरी कीमतों चीजों को हासिल करने के लिए.

कुछ ने कहा – मैंने किसी पुरुष के साथ इसलिए संबंध बनाए क्योंकि उसने मेरे लिए एक शानदार डिनर का आयोजन किया या उसने मुझ पर काफी रुपये खर्च किए.

यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों पर किए गए इस सर्वे में 10 में से 6 ने माना कि वह आमतौर पर ऐसे पुरुष के साथ सो चुकी हैं जो उनका बॉयफ्रेंड नहीं हैं. कुछ ने कहा – वह सेक्स इसलिए करती हैं ताकि अपनी सेक्सुअल परफॉर्मंस को इंप्रूव कर सकें. यही बताते हुए एक विद्यार्थी ने कहा – मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ इसलिए सेक्स किया ताकि मैं अपने सेक्सुअल स्किल्स को और बेहतर बना सकूं.

इस रिसर्च में यह भी पता चला कि महिलाएं ऐसे पुरुषों पर ज्यादा आकर्षित होती हैं जो लंबे हों, जिनकी आवाज़ रौबदार हो और जिनके शरीर से मदहोश कर देने वाली महक आती हो.

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