मुहब्बत पर सेक्स का कब्जा क्यों?

सच्चे प्रेम से खिलवाड़ करना किसी बड़े अपराध से कम नहीं है. प्रेम मनुष्य को अपने अस्तित्व का वास्तविक बोध करवाता है. प्रेम की शक्ति इंसान में उत्साह पैदा करती है. प्रेमरस में डूबी प्रार्थना ही मनुष्य को मानवता के निकट लाती है.

मुहब्बत के अस्तित्व पर सेक्स का कब्जा

आज प्रेम के मानदंड तेजी से बदल रहे हैं. त्याग, बलिदान, निश्छलता और आदर्श में खुलेआम सेक्स शामिल हो गया है. प्रेम की आड़ में धोखा दिए जाने वाले उदाहरणों की शृंखला छोटी नहीं है और शायद इसी की जिम्मेदारी बदलते सामाजिक मूल्यों और देरी से विवाह, सच को स्वीकारने पर डाली जा सकती है. प्रेम को यथार्थ पर आंका जा रहा है. शायद इसी कारण प्रेम का कोरा भावपक्ष अस्त हो रहा है यानी प्रेम की नदी सूख रही है और सेक्स की चाहत से जलराशि बढ़ रही है.

विकृत मानसिकता व संस्कृति

आज के मल्टी चैनल युग में टीवी और फिल्मों ने जानकारी नहीं मनोरंजन ही परोसा है. समाज द्वारा किसी भी रूप में भावनाओं का आदर नहीं किया जाता. प्रेम का मधुर एहसास तो कुछ सप्ताह तक चलता है. अब तन के उपभोग की अपेक्षा है.

क्षणिक होता मुहब्बत का जज्बा

प्रेम अब सड़क, टाकीज, रेस्तरां और बागबगीचों का चटपटा मसाला बन गया है. वर्तमान प्रेम क्षणिक हो चला है, वह क्षणभर दिल में तूफान ला देता है और अगले ही पल बिलकुल खामोश हो जाता है. युवा आज इसी क्षणभर के प्रेम की प्रथा में जी रहे हैं. एक शोध के अनुसार, 86% युवाओं की महिला मित्र हैं, 92% युवक ब्लू फिल्म देखते हैं, तो 62% युवक और 38% युवतियों ने विवाहपूर्व शारीरिक संबंध स्थापित किए हैं.

यही है मुहब्बत की हकीकत

एक नई तहजीब भी इन युवाओं में गहराई से पैठ कर रही है, वह है डेटिंग यानी युवकयुवतियों का एकांत मिलन. शोध के अनुसार, 93% युवकयुवतियों ने डेटिंग करना स्वीकार किया. इन में से एक बड़ा वर्ग डेटिंग के समय स्पर्श, चुंबन या सहवास करता है. इस शोध का गौरतलब तथ्य यह है कि अधिकांश युवक विवाहपूर्व यौन संबंधों के लिए अपनी मंगेतर को नहीं बल्कि किसी अन्य युवती को चुनते हैं. पहले इस आयु के युवाओं को विवाह बंधन में बांध दिया जाता था और समय आने तक जोड़ा दोचार बच्चों का पिता बन चुका होता था.

अमीरी की चकाचौंध में मदहोश प्रेमी

मृदुला और मनमोहन का प्रेम कालेज में चर्चा का विषय था. दोनों हर जगह हमेशा साथसाथ ही दिखाई देते थे. मनमोहन की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. वह मध्यवर्गीय परिवार से था, लेकिन मृदुला के सामने खुद को थोड़ा बढ़ाचढ़ा कर दिखाने की कोशिश में रहता था. वह मृदुला को अपने दोस्त की अमीरी और वैभव द्वारा प्रभावित करना चाहता था. दूसरी ओर आदेश पर भी अपना रोब गांठना चाहता था कि धनदौलत न होने पर भी वह अपने व्यक्तित्व की बदौलत किसी खूबसूरत युवती से दोस्ती कर सकता है. लेकिन घटनाचक्र ने ऐसा पलटा खाया कि जिस की मनमोहन ने सपने में भी कल्पना नहीं की थी. उस की तुलना में अत्यंत साधारण चेहरेमुहरे वाला आदेश अपनी अमीरी की चकाचौंध से मृदुला के प्यार को लूट कर चला गया.

मनमोहन ने जब कुछ दिन बाद अपनी आंखों से मृदुला को आदेश के साथ उस की गाड़ी से जाते देखा तो वह सोच में पड़ गया कि क्या यह वही मृदुला है, जो कभी उस की परछाईं बन उस के साथ चलती थी. उसे अपनी बचकानी हरकत पर भी गुस्सा आ रहा था कि उस ने मृदुला और आदेश को क्यों मिलवाया. कालेज में मनमोहन की मित्रमंडली के फिकरों ने उस की कुंठा और भी बढ़ा दी.

प्रेम संबंधों में पैसे का महत्त्व

प्रेम संबंधों के बीच पैसे की महत्ता होती है. दोस्ती का हाथ बढ़ाने से पहले युवक की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रख कर निर्णय लेना चाहिए. प्रेमी का यह भय सही है कि यदि वह अपनी प्रेमिका को महंगे उपहार नहीं देगा तो वह उसे छोड़ कर चली जाएगी. कोई भी युवती अपने प्रेमी को ठुकरा कर एक ऐसा नया रिश्ता स्थापित कर सकती है, जिस का आधार स्वाभाविक प्यार न हो कर केवल घूमनेफिरने और मौजमस्ती करने की चाह हो. युवकों को पैसे के अनुभव के बावजूद अपनी प्रेमिकाओं और महिला मित्रों को प्रभावित करने के लिए हैसियत से ज्यादा खर्च करना होगा.

प्रेम में पैसे का प्रदर्शन, बचकानी हरकत

छात्रा अरुणा का विचार है कि अधिकतर युवक इस गलतफहमी का शिकार होते हैं कि पैसे से युवती को आकर्षित किया जा सकता है. यही कारण है कि ये लोग कमीज के बटन खोल कर अपनी सोने की चेन का प्रदर्शन करते हैं. सड़कों, पान की दुकानों या गलियों में खड़े हो कर मोबाइल पर ऊंची आवाज में बात करते हैं या गाड़ी में स्टीरियो इतना तेज बजाते हैं कि राह चलते लोग उन्हें देखें.

हैसियत की झूठी तसवीर पेश करना घातक

अरुणा कहती है कि कुछ लोग प्रेमिका से आर्थिक स्थिति छिपाते हैं तथा अपनी आमदनी, वास्तविक आय से अधिक दिखाने के लिए अनेक हथकंडे अपनाते हैं. इसी संबंध में उन्होंने अपने एक रिश्तेदार का जिक्र किया जो एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे. विवाह के तुरंत बाद उन्होंने पत्नी को टैक्सी में घुमाने, उस के लिए ज्वैलरी खरीदने तथा उसे खुश रखने के लिए इस कदर पैसा उड़ाया कि वे कर्ज में डूब गए.

कर्ज चुकाने के लिए जब उन्होंने कंपनी से पैसे का गबन किया तो फिर पकड़े गए. परिणामस्वरूप अच्छीखासी नौकरी चली गई. इतना ही नहीं, पत्नी भी उन की ऐसी स्थिति देख कर अपने मायके लौट गई. अगर शुरू से ही वह चादर देख कर पैर फैलाते, तो यह नौबत न आती.

समय के साथ बदलती मान्यताएं

मीनाक्षी भल्ला जो एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, का कहना है कि प्यार में प्रेमीप्रेमिका दोनों ही जहां एकदूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने की भावना रखते हैं, वहीं अपने साथी से कुछ अपेक्षाएं भी रखते हैं.

व्यापार बनता आज का प्रेम

इस प्रकार के रवैए ने प्यार को एक प्रकार का व्यापार बना दिया है. जितना पैसा लगाओ, उतना लाभ कमाओ. कुछ मित्रों का अनुभव तो यह है कि जो काम प्यार का अभिनय कर के तथा झूठी भावुकता दिखा कर साल भर में भी नहीं होता, वही काम पैसे के दम पर हफ्ते भर में हो सकता है. अगर पैसे वाला न हो तो युवती अपना तन देने को तैयार ही नहीं होती.

नोटों की ऐसी कोई बौछार कब उन के लिए मछली का कांटा बन जाए, पता नहीं चलेगा. ऐसी आजाद खयाल या बिंदास युवतियों का यह दृष्टिकोण कि सच्चे आशिक आज कहां मिलते हैं, इसलिए जो भी युवक मौजमस्ती और घूमनेफिरने का खर्च उठा सके, आराम से बांहों में समय बिताने के लिए जगह का इंतजाम कर सके, उसे अपना प्रेमी बना लो.

मेरा बॉयफ्रेंड दूसरी लड़कियों से भी बात करता है, क्या वह मुझे धोखा दे रहा है?

सवाल

मैं कालेज में पढ़ती हूं. मैं एक लड़के से बहुत प्यार करती हूं. वह भी मुझ से प्यार करता है और हमारे बीच सबकुछ हो चुका है. पर वह लड़का दूसरी लड़कियों से भी बात करता है. क्या वह मुझे धोखा दे रहा है?

जवाब

शादी से पहले यह सबकुछ हो जाना खासतौर से लड़कियों के लिए ठीक बात नहीं है. दूसरी लड़कियों से बात करने का यह मतलब तो नहीं कि आप का प्रेमी अब आप से प्यार नहीं करता है. बेवजह के शक को दिल में जगह न बनाने दें और उस लड़के से खुल कर बात करें.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

कुछ ऐसी होती है उन पलों में आपकी सैक्स फैंटेसी

शारीरिक संबंधों में अनावश्यक सहना या अपनेआप समय गुजरने के साथ उन में तबदीली हो जाने की गुंजाइश मान कर चलना भ्रम है. यह इन संबंधों के सहज आनंद को कम करता है. कुछ महिलाओं ने बताया कि उन्हें पति की आक्रामकता पसंद नहीं आती थी. लेकिन लज्जा या संकोचवश कुछ कहना अच्छा नहीं लगता था. कुछ महिलाओं का कहना है कि पति को खुद भी समझना चाहिए कि पत्नी को क्या पसंद आ रहा है, क्या नहीं. मगर इस पसंदनापसंद के निश्चित मानदंड तो हैं नहीं, जिन से कोई अपनेआप ही समझा जाए और आनंद के क्षण जल्दी और ज्यादा मिल जाएं.

एक महिला ने बताया कि उस का पति सुहागरात वाले दिन से ही अश्लील वीडियो देख कर उस के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाता था. यह सिलसिला शादी के कई साल बाद तक चलता रहा. अगर वह इस का विरोध करती तो पति उसे धमकियां देता. शर्म के कारण वह अपने मातापिता को इस बारे में बता नहीं पाती थी. इस दौरान उसे शारीरिक तौर पर परेशानी भी शुरू होने लगी. उस के मुताबिक, अप्राकृतिक संबंध से होने वाली परेशानी के बारे में पति को बताने पर भी वह नहीं माना. वह लगातार ऐसा करता रहा. शिकायत करने पर वह मारता भी. उस महिला के मुताबिक बाकी समय तो उस का पति सामान्य रहता था, लेकिन सहवास के समय वह हैवान बन जाता और लगभग रोज ऐसा करता. मजबूर हो कर उसे पुलिस स्टेशन में शिकायत करनी पड़ी.

भावना कहती है, ‘‘मैं कुछ समय पति की आक्रामकता बरदाश्त करती रही. हनीमून के बाद कहने की सोची पर हिम्मत नहीं जुटा पाई. मगर जब यह आक्रामकता थोड़ी और बढ़ने लगी तो कुछ महीनों बाद मुझे बात करनी ही पड़ी. उन्हें मेरा बात करना अच्छा नहीं लगा. हमारे संबंध कुछ समय के लिए प्रभावित हुए. पति बारबार ताना मारते. यह सच है कि यदि मैं ने समय पर उन से अपनी बात कह दी होती तो ऐसी नौबत नहीं आती.’’

रमा कहती है, ‘‘मैं ने तो पहली रात में ही पति से कह दिया कि यह अननैचुरल वाली आदत मुझे पसंद नहीं. इस पर पति का कहना था कि धीरेधीरे पड़ जाएगी. मगर मैं ने स्पष्ट कह दिया कि हम इंसान हैं, जानवर नहीं. फिर क्या था. 4-5 दिनों में सब ठीक हो गया. मैं जानती हूं इस प्रकार की आक्रामकता को बरदाश्त करना कितना कठिन होता है. इस से सैक्स बोझिल हो जाता है. खुल कर बोलने से न केवल अप्रिय स्थितियां सुधरती हैं, बल्कि अच्छी स्थितियों के लिए भी माहौल तैयार होता है.’’

सैक्स को ले कर जितने आतुर मर्द रहते हैं उतनी महिलाएं भी होती हैं. हां यह बात अलग है कि वे इस का जिक्र कभी किसी से नहीं करती हैं. बात अगर स्पैशल रात की हो तो मर्दों से ज्यादा महिलाओं में ऐक्साइटमैंट होता है. यह कहानी सिर्फ हीरो का इंतजार करती हीरोइन की नहीं, बल्कि हर उस लड़की की है जो बेसब्री से इंतजार करती है.

कोई रिश्ता परफैक्ट नहीं

सचाई यह है कि कोईर् भी रिश्ता परफैक्ट नहीं होता. यदि आप यह सोचती हैं कि रिश्ते में सब कुछ आप की मरजी के अनुसार या किसी फिल्मी कहानी की तरह होना चाहिए, तो चोट लगनी लाजिम है. हर रिश्ता अलग होता है. यही नहीं हर रिश्ते को आप के प्यार, समर्पण, श्रम और साथ के खादपानी की जरूरत होती है. कई बार रिश्ता टूटने की वजह बेमानी ही होती है.

वह हमेशा सही बातें करेगा

ऐसा नहीं होगा और न ही आप उस से ऐसी उम्मीद रखें. वह परफैक्ट नहीं है और न ही वह किसी रोमानी फिल्म का हीरो है, जो हमेशा सही और अच्छी बातें ही करेगा. वह भी इंसान है और आम इंसानों की तरह वह भी गलतियां करेगा. वह ऐसी बातें कर सकता है, जो उसे नहीं करनी चाहिए.

और्गैज्म

पति हो या पत्नी, दोनों में से किसी भी एक का तरीका यदि आक्रामक व नैगेटिव हो तो उस के भावों पर ध्यान देना चाहिए. बहुत सी पत्नियां अपने पति से कहतीं कि तुम स्वार्थी हो, तुम्हें सिर्फ अपने आनंद की पड़ी होती है, तुम्हें मेरी परवाह नहीं. इस का सीधा मतलब है अभी उस का और्गैज्म पर पहुंचना बाकी है या आप उस के और्गैज्म पर पहुंचने की परवाह नहीं करते. जल्दीजल्दी और बारबार कही गई बात चिढ़ाने और सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली हो सकती है.

इसलिए जब भी जितना कुछ कहा जाए वह किया भी जाए. तभी वह सार्थक और असरदार बदलाव लाने वाला होता है. निजी संबंधों को कहनेसुनने की कुशलता सिर्फ बैडरूम तक ही सीमित नहीं रहती. वह जीवन में घरबाहर भी सार्थक बातचीत का सिस्टम पैदा करती है और उसे बढ़ावा देती है.

सैक्स कोरी क्रिया नहीं, एक खूबसूरत कला है. इसे सदियों से काम कला का स्थान प्राप्त है. इस में हर बार कुछ नया, कुछ अनोखा किए जाने का स्कोप रहता है. पतिपत्नी के रिश्ते में प्यार और सैक्स दांपत्य की इमारत को खड़ा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मजबूत पिलर हैं.

मैं अपनी टीचर के प्रति आकर्षित हूं और उन्हें एक पल को भी भूल नहीं पाता हूं, मैं क्या करूं?

सवाल
मेरी उम्र 18 साल है, मैं अपनी टीचर के प्रति आकर्षित हूं. मैं जानता हूं कि वे उम्र में मुझ से काफी बड़ी हैं. मगर मैं क्या करूं? कितनी भी कोशिश कर लूं, उन्हें एक पल को भी भूल नहीं पाता.

जवाब
इस उम्र में टीचर्स या सीनियर्स के प्रति आकर्षित होना सामान्य बात है. मगर आप दोनों के बीच उम्र का फासला काफी ज्यादा है, इसलिए उन्हें भूल जाएं. शिक्षक और छात्र के रिश्ते की मर्यादा को मान देते हुए उन्हें सिर्फ एक गुरु की नजरों से देखें. अपना मन दूसरे रचनात्मक कामों में लगाएं. पढ़ाई में मेहनत कर अच्छे नंबर लाएं और उन की नजरों में ऊपर उठें. उन की नजरों में खुद को तलाशना छोड़ दें क्योंकि इस से आप को कुछ हासिल नहीं होने वाला. वे उम्र में बड़ी हैं और संभवतया शादीशुदा भी होंगी.

आप अभी पढ़ाईलिखाई में मन लगाएंगे तो ही ऊंचे ओहदे पर पहुंचेंगे और भविष्य सुखमय बीतेगा. फिर कोई भी सुंदर लड़की आप की हमसफर बनने को तैयार हो जाएगी.

जानें कैसे करें सेक्स को एंजॉय

सैक्सोलौजिस्ट डा. चंद्रकिशोर कुंदरा के मुताबिक, ‘प्रेमीप्रेमिका के बीच सैक्स संबंध स्थापित करने के लिए भौतिक, रासायनिक व मनोवैज्ञानिक कारक ही जिम्मेदार होते हैं. सैक्स ही एक ऐसी सरल क्रिया है जो प्रेमीप्रेमिका को एकसाथ एक ही समय में पूर्ण तृप्ति देती है.’ सैक्स की संपूर्णता प्रेमिका के बजाय प्रेमी पर निर्भर करती है, क्योंकि प्रेमी ही इस की पहल करता है. प्रेमिका सैक्स में केवल सहयोग ही नहीं करती बल्कि पूर्ण आनंद भी चाहती है. अकसर प्रेमीप्रेमिका सैक्स को सुखदायक मानते हैं, लेकिन कई बार सहवास ऐंजौय के साथसाथ कई समस्याओं को भी सामने लाता है. अनुभव के आधार पर इन को दूर कर प्रेमीप्रेमिका सैक्स का सुख उठाते हैं.

शरारती बनें

सैक्स को मानसिक व शारीरिक रूप से ऐंजौय करने के लिए प्रेमीप्रेमिका को शरारती बनना चाहिए. उत्साह, जोश, तनावमुक्त, हंसमुख, जिंदादिल, शरारती प्रेमीप्रेमिका ही सैक्स को संपूर्ण रूप से भोगते हैं.

आत्मविश्वास की कमी न हो

कई बार आत्मविश्वास की कमी हो जाती है. प्रेमी सैक्स के समय उतावलेपन के शिकार हो कर सैक्स के सुखदायक एहसास से वंचित रह जाते हैं.

सैक्स संबंध बनाते समय प्रेमीप्रेमिका के मन में यदि पौजिटिव सोच होगी, तभी दोनों पूर्ण रूप से संतुष्ट हो पाएंगे और सैक्स में कभी कमजोर नहीं पड़ेंगे.

पोर्न फिल्मों से प्रेरित न हों

प्रेमीप्रेमिका अकसर पोर्न फिल्में देख कर, किताबें पढ़ कर सैक्स में हर पल लिप्त रहने की कोशिश करते हैं. अत्यधिक मानसिक कामोत्तेजना की स्थिति में शीघ्रपतन व तनाव में कमी हो जाती है.

सैक्स में जल्दबाजी

कई बार सैक्स में प्रेमीप्रेमिका जल्दबाजी कर जाते हैं. शराब पी कर सैक्स करना चाहते हैं जोकि ठीक नहीं है. हमेशा मादक पदार्थों से दूर रहें. सैक्स के दौरान प्रेमिका ही मादकता का काम करती है.

बढ़ाएं शारीरिक आकर्षण

सहवास के लिए प्रेमी का शारीरिक आकर्षण, स्मार्टनैस, सैक्सी लुक, साफसफाई काफी महत्त्वपूर्ण है. पुरुषोचित्त गुण के साथसाथ गठीले बदन वाले चतुर सुरुचिपूर्ण वस्त्र, रसिक स्वभाव के प्रेमी ही सैक्स में सफल होते हैं.

रोमांटिक स्वभाव रखें

प्रेमिका सहवास के दौरान चाहती है कि उस का प्रेमी रोमांस व ताजगी द्वारा उसे कामोत्तेजित करे. अत: रोमांस की बातें कर सैक्स को सुखदायक बनाएं.

जब सैक्स का मौका मिले

प्रेमीप्रेमिका अकसर सैक्स के लिए मौके की तलाश में रहते हैं. जैसे ही उन्हें मौका मिलता है, वे एकदूसरे में समाने के लिए बेताब हो जाते हैं, लेकिन इस दौरान कई बार ऐसे अचानक किसी का दरवाजा खटखटाना व फोन की घंटी बज जाती है. ऐसी बाधाओं को दूर कर सहवास को मानसिक व शारीरिक रूप से सुखदायक बनाएं.

सबसे बेहतर है सप्ताह में एक बार सेक्स

आम धारणा है कि ज्यादा सेक्स से संबंध ज्यादा बेहतर होते हैं, लेकिन इसके विपरीत एक शोध में यह बताया गया है कि सप्ताह में एक बार सेक्स करने वाले जोड़े सबसे ज्यादा खुश रहते हैं. प्रमुख शोधार्थी कनाडा के टोरंटो-मिसीसोगा विश्वविद्यालय की एमी मूज बताती हैं, “हालांकि ज्यादा से ज्यादा सेक्स को खुशी से जोड़ा गया है. लेकिन सप्ताह में एक बार सेक्स सबसे बेहतर है.”

मूज कहती हैं, “हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि अपने साथी के साथ अंतरंग संबंध बनाए रखना जरूरी है. इसके लिए रोज सेक्स करने की कोई जरूरत नहीं है.”

हालांकि पिछले कई शोधों और स्वयं-सहायता पुस्तकों में यह बताया जाता रहा है कि ज्यादा सेक्स से ज्यादा खुशी मिलती है.

लेकिन 30,000 अमेरिकी नागरिकों पर चार दशकों तक किए गए इस शोध में पहली बार यह पता चला है कि जिन जोड़ो ने सप्ताह में औसतन एक से ज्यादा बार सेक्स किया उनके आपसी रिश्तों से इसका कोई संबंध नहीं देखा गया.

यह शोध सोशल साइकोलॉजिकल और पर्सनैलिटी साइंस जर्नल में प्रकाशित किया गया है. मूज कहती है, “हमारे निष्कर्ष युवा या बुजुर्ग जोड़ों, नए-नए शादीशुदा या फिर जिनकी शादी दशकों पहले हुई हो, सब पर समान रूप से लागू होते हैं.”

मूज कहती हैं कि इस सर्वेक्षण का मकसद यह नहीं है कि जोड़े सप्ताह में एक बार सेक्स के औसत तक पहुंचने के लिए कम या ज्यादा सेक्स करने लगे. लेकिन अपने साथी के साथ इस संबंध में बात जरूर करें कि क्या वे उनकी यौन जरूरतों को पूरा कर पा रहे हैं.

वे कहती हैं, “अपने साथी के साथ अंतरंग संबंध बनाए रखना जरूरी है न कि ज्यादा से ज्यादा सेक्स करना.”

मेरी पत्नी का वजन बढ़ नहीं रहा है, इलाज बताएं?

सवाल-

मेरी पत्नी का वजन 40 किलो है. हमारे 2 बच्चे हैं. उस का वजन बढ़ नहीं रहा है. इलाज बताएं?

जवाब-

जल्दीजल्दी बच्चे होने से औरत के शरीर में कमजोरी आ जाती है, इसीलिए सलाह दी जाती है कि एक से दूसरे बच्चे के बीच कम से कम 5 साल का अंतर होना चाहिए.

कई बार टीबी जैसी घातक बीमारी होने के चलते भी इस तरह की परेशानी आ सकती है. वे खाने में दालसब्जी, फलदूध का सेवन ज्यादा करें. थोड़ीबहुत कसरत करने से भी वजन बढ़ सकता है.

मेरे प्राइवेट पार्ट में सफेद रंग की परत जमा हो जाती है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 25 साल का नौजवान हूं. मेरे प्राइवेट पार्ट में सफेद रंग की परत जमा हो जाती है. उस में से बदबू भी आती है. पानी से धोने पर आराम मिलता है, पर समस्या दोबारा हो जाती है. इस बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा पाने का इलाज बताएं?

जवाब-

स्मेग्मा कही जाने वाली सफेद सतह उतरी हुई चमड़ी, कोशिकाओं, स्किन औयल और नमी का मिश्रण है. यह औरत और मर्द दोनों के अंगों में होती है. अगर इसे बढ़ने के लिए?छोड़ दिया जाए, तो इस में से बदबू आ जाती है या फिर यह इंफैक्शन की वजह बन सकती है.

इस से पीडि़त को शरीर के उन हिस्सों की नियमित सफाई करनी चाहिए, जहां स्मेग्मा की समस्या होती है. आप को इसे हर दिन पानी से साफ करने की सलाह दी जाती है.

मेरी गर्लफ्रेंड सभी लड़कों से फ्रैंक होकर बात करती है,क्या करूँ?

सवाल

मैं जिस लड़की से प्यार करता हूं वह मेरे अलावा बाकी लड़कों से भी खुल कर बात करती है. कभीकभी मुझे लगता है कि वह मुझ से फ्लर्ट कर रही है. यह बात मैं उस से कई बार कह चुका हूं, लेकिन उस का कहना है कि बात करने से प्यार नहीं होता. उस ने मुझ से यह भी कहा कि अगर मुझे ये सब नहीं भाता तो मैं अपना रास्ता नापूं. मैं उसे बहुत प्यार करता हूं. मैं क्या करूं?

जवाब

प्यार का मतलब यह नहीं है कि कोई सरेआम बेइज्जती करे और आप प्यार के नाम पर सबकुछ बरदाश्त करते रहें. आप के सामने 2 रास्ते हैं कि या तो चुपचाप सब सहन कीजिए या पीछे हट जाइए. रही बाकी लड़कों से बात करने की बात तो आप को समझ लेना चाहिए कि किसी से प्यार का मतलब यह नहीं कि वह व्यक्ति आप के लिए ही बौंड हो गया.

प्यार का अर्थ किसी के स्वतंत्र अस्तित्व का खोना नहीं होता. उस लड़की का कहना बिलकुल सही है कि सब से बात करने का मतलब प्यार नहीं होता. यहां तो आप अपनी सड़ी मानसिकता का ही परिचय दे रहे हैं. खुश रहिए, ओपन हार्ट रखिए, चीजों को देखने समझने का नजरिया तंग नहीं, खुला होना चाहिए.

सेक्स में मर्द को भी होता है दर्द, जानें कैसे

आमतौर पर यह माना जाता है कि सेक्स के समय केवल लड़कियों को ही दर्द होता है. हकीकत यह है कि कई बार खुद लडकों को भी इस तरह के दर्द से दो चार होना पडता है. इसकी अलग अलग वजहे होती है. इनके कारण लडकें भी सेक्स से दूर होने लगते है.

लखनऊ में सेक्स रोगो के जानकार और मक्कड मेडिकल सेंटर राजेन्द्र नगर के सर्जन डाक्टर गिरीश मक्कड का मानना हैं कि आदमी के अंग में संक्रमण के कारण होने वाला सहवास पीडादायक हो जाता हैं. इसमें इतना दर्द होता है कि आदमी को सेक्स की अरूचि हो जाती है. यह दर्द कई कारणो से हो सकता है. जाने क्या है वो कारण-

अंग में दर्द का कारण:

आदमी के अंग में दर्द की पहली वजह उसके अगले हिस्से दर्द का होना होता है. कभी-कभी यह दर्द स्खलन के बाद होने लगता है. जिससे आदमी जल्द ही अपना अंग बाहर निकाल लेता है. इससे यौन असंतुष्टि का भाव भी मन में आ जाता है.

दर्द होने की आशंका में यौन संबंध ठीक तरह से नही बन पाते हैं. अंग के ऊपर मौजूद त्वचा उसकी देखभाल का काम करती है. यह त्वचा कभीकभी परेशानी का कारण भी बन जाती हैं त्वचा के अंदर अगर नियमित रूप से सफाई न की जाय तो यहां पर गंदगी फैलने लगती है. इससे अंग में पहले सूजन और छिलने बाद में सक्रंमण हो जाता है.

इसके चलते आदमी को संबंध के दौरान दर्द और जलन होने लगती है. अंग में दर्द तब भी होता है जब इसकी त्वचा पीछे नही जाती है. इससे भी दर्द होने लगता है. औरत के अंग में प्रवेश करने के कारण उसका संक्रमण भी आदमी के अंग में आ जाता है. जिससे उसकी त्वचा पर फफोले पड जाते है. जिन औरतो के अंग में संक्रमण होता है उनके साथ संबंध बनाने से यह परेशानी आ जाती है. आदमी के अंग में किसी प्रकार की चोट लगने और झटका लगने से भी दर्द होने लगता है

यह चोट लगने और शारीरिक संबंध बनाने के दौरान अचानक मुद्रा बदलने से भी हो सकता है. कभीकभी अंडकोषो में किसी तरह की खराबी आने के कारण भी दर्द होने लगता है. दरअसल यह दर्द अंडकोषो में होता है. इसका असर आदमी के अंग पर पडता है. यदि किसी वजह से मूत्र मार्ग में कोई रूकावट होती है तो अंग में दर्द होने लगता है. सूजाक जैसे रोगो में ऐसा हो जाता है. इसमें जलन दर्द और मूत्राशय तक पहुच जाता है. उम्र दराज लोगो में प्रोटेस्ट ग्रंथि का बढ जाना भी दर्द का कारण बन जाता है.

दर्द का इलाज:

डाक्टर गिरीश मक्कड़ का कहना है कि अंग में इस तरह के दर्द को लोग छिपा कर रखते है. शर्म के कारण किसी अच्छे डाक्टर को दिखाने के बजाये झोला छाप डाक्टरो के पास जाते है. यह लोग दर्द की छोटी सी वजह को इतना बड़ा करके बताते है जिससे बीमार डर जाता है. झोला छाप डाक्टरो के द्वारा इस का इलाज कभी कभी और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है इसलिये इस तरह की परेशानी होने पर अच्छे डाक्टर से ही इलाज कराये. अंग का दर्द भी एक तरह की बीमारी है. इसमें शर्म करने जैसा कुछ नही होता है. अच्छे डाक्टरो के पास इस तरह की बीमारी के लिये कई तरह का इलाज मौजूद होता है.

दर्द होने पर सबसे पहले मरीज के जननांगो और मूत्र प्रणाली से जुड़े अंगो की जांच की जाती है. अंग के ऊपर त्वचा, उसके आकार और प्रोस्टेट ग्रंथि का जायजा लिया जाता है. अगर त्वचा में कोई परेशानी या दाने है तो केवल साफ सफाई से ही बीमारी दूर हो जाती है. बहुत हुआ तो एक दो दिन दवा खानी पड सकती है. अपने आप भी अंगो की सफाई नियमित रूप से करनी चाहिये. अगर अंग की त्वचा जुडी हो या टांका लगा हो तो छोटा सा आपरेशन करके उसको हटाया जा सकता हैं. अगर औरत के अंग में संक्रमण से कोई परेशानी होती है तो पहले उसका इलाज करना पडता है. प्रोस्टेट ग्रंथि और अंडकोषो में दर्द कारण हो तो उसका इलाज करके परेशानी से बचा जा सकता है. साफसफाई और औरत से संबंध के दौरान कंडोम का प्रयोग करने से इस तरह की परेशानियो से बचा जा सकता है.

आदमी के अंगो में दर्द की वजह बहुत सामान्य सी बात है. इसमें डरने जैसा कुछ नही होता है. जरूरत इस बात की होती है कि जब भी परेशानी हो हमेशा अच्छे डाक्टर से ही इलाज कराये. अब तो तमाम सरकारी अस्पतालो और प्राइवेट नर्सिग होम में भी इस तरह का इलाज होने लगा है. गुप्त रोगो का इलाज करने वाले झोलाछाप डाक्टरों से इसका इलाज कराना ठीक नही रहता है. यह लोग सीधेसाधे इलाज को कठिन बना देते है. इससे बात और भी बिगड जाती है. इस तरह गुप्त रोगो को इलाज करने वाले झोलाझाप डाक्टर अपना प्रचार प्रसार ज्यादा करते है इससे लोग इनके जाल में फंस जाते है. शर्म छोड कर सही डाक्टर से इलाज कराने में आसानी से इस दर्द से राहत मिल सकती है.

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