4 टिप्स से जानें औरत की सैक्स चाह गंदी बात क्यों

Sex News in Hindi: समाज में स्त्रीपुरुष (Male Female) के हर क्षेत्र में समान होने का गुणगान हो रहा है, पर वैवाहिक जीवन (Married Life) में बिस्तर पर स्त्रियों की समानता शून्य है. महिलाएं जब अपनी पसंद के भोजन का मेन्यू तय नहीं कर सकतीं तो बिस्तर पर सैक्स संबंध (Sex Relation) में अपनी पसंद की बात तो बहुत दूर की है. हमारे यहां दांपत्य जीवन में सैक्स संबंध में मेन्यू क्या होगा, इस का निर्णय केवल पुरुष ही लेता है. हमारे समाज में पब्लिक प्लेस पर सैक्स, हस्तमैथुन, सैक्स में पसंद और कामोन्माद अर्थात और्गेज्म (Orgasum) आदि पर बात करना वर्जित है. सभ्य समाज में ऐसी गंदी बातें करना अच्छा नहीं माना जाता है. हां, मांबहन की गालियां खुलेआम दे सकते हैं और वे भी जी भर कर, अंगरेजी पढ़लिखे भी खुलेआम इस पर चर्चा कर सकते हैं.

सहवास में समय का चुनाव केवल पुरुष ही करेगा और चाह भी वही जाहिर करेगा तथा चरमोत्कर्ष भी वही प्राप्त करेगा. सहचरी का कुछ हो या नहीं वह इस बारे में कुछ बोल भी नहीं सकती. उस के लिए तो यह एक वर्जना ही है. यह पुरुषवादी महिलाओं के पालनपोषण का नतीजा है कि लड़कियां अपनी मरजी अथवा पसंद को जाहिर नहीं कर पातीं और मानसिक तनाव के गर्त में चली जाती हैं. इस पर बात होते ही संस्कृति की दुहाई दे दी जाती है.

1. सभ्यता के ठेकेदार

फिल्म ‘वीरे दी वैडिंग’ में अभिनेत्री स्वरा भास्कर के हस्तमैथुन के एक दृश्य और फिल्म ‘लस्ट स्टोरीज’ में अभिनेत्री कायरा आडवाणी के वाइब्रेटर द्वारा मास्टरबेशन के एक दृश्य को ले कर खूब हंगामा हुआ. हंगामा करने वाले पितृसत्ता के ठेकेदार हैं. उन के अनुसार फिल्मकारों और अभिनेत्रियों ने फिल्म में ऐसे दृश्य फिल्मा कर धर्म और सभ्यता दोनों को नष्ट करने का प्रयास किया है.

यौन जीवन जिंदगी का एक महत्त्वपूर्ण और जरूरी हिस्सा है जो समाज का केंद्रबिंदु है और उस पर खुल कर बिना किसी हिचक के चर्चा हो. इस बारे में हमें अपनी बेबाकी के लिए एक मशहूर शख्सीयत अंगरेजी लेखक और पत्रकार दिवंगत सरदार खुशवंत सिंह से सीख लेनी चाहिए. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान पूछे गए सवाल कि आप उम्र के पड़ाव में आ कर सब से ज्यादा क्या मिस करते हैं? के जवाब में एक वाक्य में उत्तर दिया ‘‘बढि़या सैक्स को बहुत मिस करता हूं.’’

एक अन्य इंटरव्यू में जब उन से पूछा गया कि सैक्स के बारे में महिलाओं की समझ तथा अनुभव क्या है? तो उन्होंने गंभीर होते हुए जवाब दिया, ‘‘हमारे यहां अधिकतर महिलाएं सिर्फ बच्चों को जन्म देने का यंत्र समझी जाती हैं. आधा दर्जन बच्चों की मां बन जाने पर भी उन्हें सैक्स का असली आनंद क्या होता है पता नहीं चलता.’’

2. नारी सिर्फ भोगने के लिए

स्त्रियों को शुरू से ही केवल पुरुष के लिए तैयार किया जाता है कि शादी के दिन सुहागरात में खुद को अपने पति के सामने परोस देना और जैसा वह कहे वैसा ही करना.

इस का सब से बेहतर उदाहरण हम प्रख्यात लेखक भीष्म साहनी के मशहूर नाटक ‘माधवी’ का ले सकते हैं. माधवी एक ऐसा क्रांतिकारी नाटक है, जो हमारे समाज में स्त्रियों की दशा और उन के स्थान को पूरी नग्नावस्था में प्रस्तुत करता है.

यह नाटक ‘महाभारत’ की एक कथा पर आधारित है, जिस में ऋषि विश्वामित्र का शिष्य गालव अपने गुरु से गुरुदक्षिणा मांगने की हठ करता है. ऋषि उस के जिद्दी स्वभाव से नाराज हो कर 800 अश्वमेधी घोड़े मांग लेते हैं. अब गालव अश्वमेधी घोड़े प्राप्त करने के लिए दानवीर राजा ययाति के आश्रम पहुंचता है. वहां राजपाट से निवृत्त हो चुके राजा गालव की प्रतिज्ञा सुन कर दुविधा में पड़ जाते हैं, लेकिन वे ठहरे दानवीर राजा सो वे अपनी पुत्री को गालव को दानस्वरूप सौंप देते हैं, यह कहते हुए कि उन की पुत्री को जहां कहीं किसी राजा के पास 800 अश्वमेधी घोड़े मिलें, तो उन के बदले माधवी को राजा के पास छोड़ दें.

माधवी के बारे में बताया गया कि उस के गर्भ से पैदा बालक चक्रवर्ती राजा बनेगा और माधवी गर्भधारण के बाद एक अनुष्ठान कर के फिर से कुंवारी बन जाएगी. इस पूरी प्रक्रिया में माधवी कई राजाओं के पास ले जाई जाती है. सभी राजाओं को पुत्ररत्न दे कर गालव के साथ आगे चल देती है. इस तरह गालव 800 अश्वमेघी घोड़े प्राप्त कर लेता है और ऋषि विश्वामित्र को गुरुदक्षिणा दे देता है.

इस पूरे घटनाक्रम में माधवी को किनकिन मानसिक और शारीरिक पीड़ाओं से गुजरना पड़ता है उस की सुध कोई नहीं लेता. माधवी जबजब मां बनती है तो उसे हर बार अपनी ममता का गला घोटना पड़ता है और अपनी सभी इच्छाओं को तिलांजलि देनी पड़ती है परंतु इस दौरान उसे गालव से प्रेम भी हो जाता है.

मगर आखिरी बार मां बनने के बाद माधवी फिर से कौमार्य प्राप्त करने से मना कर देती है और उसी अवस्था में गालव के साथ होना चाहती है, किंतु गालव बिना कौमार्य के माधवी को अपनाने से मना कर देता है. तब माधवी गालव को छोड़ कर चली जाती है.

नारी की तब भी यही स्थिति थी और आज भी ऐसी ही है. नारी को हमेशा पुरुष की भोग्या वस्तु मात्र समझा गया. उसे एक अलग व्यक्ति के रूप में पहचान मिली ही नहीं. उस के विचारों, इच्छाओं और पसंद का तिरस्कार ही किया गया.

3. इज्जत बचाने के दायरे में औरत

स्वरा भास्कर के शब्दों में, ‘‘रेप सर्वाइवर्स को भी जिंदा रहने का पूरा हक है, पति या उन के पुरुष साथी की मौत के बाद भी महिलाओं को जिंदा रहने का पूरा हक है. हां, महिलाओं के पास यह अंग होता है, लेकिन उन के पास और भी बहुत कुछ है.’’

हमारे समाज की विडंबना ही है कि वह आधुनिकता का आवरण ओढ़ कर पुरुषों को अपनी मरजी से जीने का समर्थन करता है, वहीं दूसरी ओर महिलाओं को सिर्फ इज्जत बचाने के लिए बने दायरों में सीमित कर रखा है. आधुनिकता की बड़ी बातें करने वाले लोग पवित्रता पर जितना जोर देते हैं, उतना महिलाओं के किसी अन्य मुद्दे पर नहीं देते हैं.

एक सच्चा किस्सा है- मांबाप ने अपनी एक बेहद पढ़ीलिखी और नौकरीपेशा लड़की की शादी अच्छे घर में तय कर दी. ससुराल पक्ष के लोग आधुनिकता का दंभ भरते नहीं थके तो मांबाप ने सोचा लड़की यहां सुखी रहेगी. शादी तय होने के कुछ दिनों के बाद ही होने वाले कथित पति ने लड़की से उस की वर्जिनिटी पर सवाल करने शुरू कर दिए. लड़की के लिए ये बेहद अपमानजनक पल होते थे, लेकिन वह सामाजिक भय से चुप रही. यह सिलसिला शादी से कुछ हफ्तों पहले तक चलता रहा. लड़के ने यहां तक बोला कि लड़की को उसे डाक्टर का सर्टिफिकेट देना होगा जिस में उस का वर्जिन होना बताया गया हो. तभी वह उस लड़की को स्वीकार करेगा. इस सब में उस लड़के की मां भी उस का साथ दे रही थी. आखिरकार लड़की ने अपने भावी भविष्य की कल्पना कर के शादी से मना कर दिया.

सभी मर्दों को अपनी बीवी छुईमुई और वर्जिन चाहिए होती है ताकि वह उन की अहं से भरी सैक्सुअल फंतासी (जिस में वर्जिन होना और पहली बार सैक्स में ब्लीडिंग होना अनिवार्य है) में खरी उतर सके. लेकिन दूसरी तरफ उन्हें अपनी ज्यादा सैक्सुअल डिजायर को पूरा करने के लिए एक सैक्स वर्कर भी चाहिए, जिस के साथ खुल कर वो सबकुछ कर सकें जो उन्हें अच्छा लगता है.

4. वर्जिनिटी पर किस का हक

हमें यह मानना होगा कि वर्जिन होना न होना औरतों का चरित्र तय नहीं करता है. यह उन की अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अधिकार है कि उन्हें कब और किस के साथ सैक्स करना है, नहीं करना है.

‘‘कुछ साल पहले जब मैं टीनऐजर थी तो हमउम्र लड़कों को देख कर मेरे अंदर एक अनजाना और अजीब सा एहसास होने लगता था. मेरे निचले हिस्से में गुदगुदी सी होनी लगती जो अच्छी लगती थी. आज कुछ सालों के बाद मैं इन सभी भावनाओं को पूरी तरह समझ चुकी हूं और स्वीकार भी कर चुकी हूं. काश, महिलाएं भी पुरुषों की ही तरह सैक्स से जुड़े अपने अनुभवों और भावनाओं पर खुल कर बात कर सकतीं तो कितना अच्छा हो,’’ यह विचार मैडिकल एडवाइस के लिए मशहूर वैबसाइट वैब एमडी पर प्रकाशित एक महिला के है.

वैब एमडी की एक रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं की तुलना में पुरुषों में न केवल सैक्स की इच्छा ज्यादा होती है, बल्कि सैक्स को ले कर उन का रवैया भी काफी सीधा होता है.

टीनऐजर्स में जहां हारमोंस उफान पर होते हैं, वहीं वयस्क महिलाओं और पुरुषों की सैक्स के लिए इच्छा के कम या ज्यादा होने को कई तरह की चीजें प्रभावित करती हैं. सामाजिक या आर्थिक पहलुओं में तालमेल बैठाने के साथसाथ प्रेम संबंधों की उम्मीदें और हालत आदि ऐसे कई पहलू हैं जो हमारी सैक्स लाइफ को प्रभावित करते हैं.

स्कूल में सभी मुझे बूढ़ा कह कर चिढ़ाते हैं जिससे मेरा पढ़ाई में भी मन नहीं लगता है, मैं क्या करू?

सवाल-

मैं 17 साल का हूं. मेरी घनी दाढ़ीमूंछ हैं. स्कूल में बाकी साथी मुझे बूढ़ा कह कर चिढ़ाते हैं. इस से मेरा पढ़ाई में भी मन नहीं लगता है. मैं क्या करूं?

जवाब-

घनी दाढ़ीमूंछ होना कोई परेशानी की बात नहीं है. दोस्तों के मजाक को दिल पर न लें. यह एक कुदरती बात?है, जो हार्मोन की गड़बड़ी से होती है. रोज दाढ़ी बनाएंगे तो वह घनी नहीं दिखेगी.

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मर्द, डाक्टर से न झिझकें

हिंदी फिल्मों में समाज से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात कहने की परंपरा रही है. इस कड़ी में आयुष्मान खुराना की फिल्मों को रखा जा सकता है, जिन में हमेशा ही किसी न किसी सामाजिक मुद्दे को उठाया जाता है, फिर चाहे उन की फिल्म ‘बाला’ हो या फिर ‘विकी डोनर’. इन दोनों ही फिल्मों में मर्दों के गंजेपन और बच्चे न हो पाने की समस्या पर रोशनी डाली गई है, जिन पर लोग अकसर ही बात करने से बचते हैं.

इसी लिस्ट में आयुष्मान खुराना की नई फिल्म ‘डाक्टर जी’ को रखा जा सकता है, जिस में वे अपने भाई की तरह और्थोपैडिक डाक्टर बनना चाहते हैं, लेकिन जब रैंक कम आती है तो उन्हें मजबूरी में गायनेकोलौजी ब्रांच लेनी पड़ती है. मतलब एक ऐसा डाक्टर, जो औरतों से जुड़ी बीमारियों का इलाज करता है.

पर क्या भारत जैसे देश में जहां औरतों को परदे में छिपा कर रखने को बढ़ावा दिया जाता है, वहां कोई मर्द डाक्टर उन के अंदरूनी अंगों की जांच कर सकता है? बड़े शहरों में शायद ऐसा मुमकिन हो, लेकिन गांवदेहात में तो यह अभी दूर की कौड़ी है.

फिल्म ‘डाक्टर जी’ के एक सीन से इस बात को समझते हैं. डाक्टर बने आयुष्मान खुराना चैकअप के लिए एक औरत से कपड़े ऊपर करने को कहते हैं, पर इतना सुनते ही वह औरत चिल्लाने लगती है. चीखपुकार सुन कर उस औरत का पति वहां आ जाता है और आयुष्मान खुराना को पीटने लगता है.

इसी सिलसिले में गायनेकोलौजिस्ट के तौर पर प्रैक्टिस करने वाले इंडियन मैडिकल एसोसिएशन के ईस्ट दिल्ली ब्रांच के अध्यक्ष डाक्टर कुमार गांधी ने ‘नवभारत गोल्ड’ को दिए एक इंटरव्यू में बताया था, ‘वैसे तो इस पेशे में बहुत इज्जत मिलती है, लेकिन कभीकभार ऐसे वाकिए हो जाते हैं, जो नहीं होने चाहिए. कई बार हमें न चाहते हुए भी औरत से उन मुद्दों पर बात करनी पड़ती है, जिन के बारे में वह सब से बात नहीं करती. उस दौरान हम मरीज के कंफर्ट का बहुत ध्यान रखते हैं.’

जब कोई डाक्टर अपने मरीज के कंफर्ट लैवल की बात करता है, तो वह इस बारे में काफी संजीदा होता है. यह कंफर्ट लैवल औरतों और लड़कियों की ‘खास’ बीमारियों या समस्याओं पर पूरी तरह लागू होता है.

मान लो, किसी औरत या लड़की को माहवारी में दिक्कत आती है, तो बतौर डाक्टर पहला सवाल मन में यही उठता है कि कहीं वह पेट से तो नहीं है? लेडी गायनेकोलौजिस्ट के सामने मरीज बता सकती है कि उस की शादी हुई है या नहीं, या फिर उस ने सैक्स करते हुए कोई सावधानी बरती थी या नहीं, क्योंकि आज के जमाने में शादी होना और पेट से होना 2 अलग बातें हैं.

लेकिन अगर सामने कोई मर्द डाक्टर बैठा है तो मरीज को लगता है कि वह उस के करैक्टर पर सवाल उठा रहा है और वह असहज हो जाती है, जिस से कभीकभार मामला गंभीर भी हो जाता है. लेकिन इस से मरीज का ही नुकसान होता है, क्योंकि सामने जो डाक्टर बैठा है, वह औरतों की बीमारियों को ठीक करने में माहिर है और उस का एक ही मकसद है कि उसे मरीज की बीमारी के बारे में सभी बातें पता हों, तभी वह सही दवा या सलाह दे पाएगा.

जब से गांवदेहात में गरीब और निचली जाति की लड़कियां पढ़ने लगी हैं, तब से वे बहुत ज्यादा जागरूक होने लगी हैं. वे अपने और आसपास के परिवार की औरतों को समझा सकती हैं कि अगर कोई मर्द गायनेकोलौजिस्ट आप की अंदरूनी बीमारी का इलाज कर रहा है, तो अपनी झिझक छोड़ कर बात रखें.

गायनेकोलौजिस्ट को कभी भी मर्द या औरत डाक्टर के तराजू में न तोलें, क्योंकि वे आप की बीमारी में दिलचस्पी रखते हैं, न कि शरीर में. उन के सामने खुल कर अपनी समस्या बताएं और इन बातों का तो खास खयाल रखें :

* अगर आप की माहवारी अनियमित है और वह डेट से काफी पहले या देर से आती हो या फिर महीने में 2 बार आती हो, तो तुरंत माहिर डाक्टर को बताएं.

* माहवारी से जुड़ी कोई भी परेशानी हो, तो उस की अनदेखी न करें और बिना देर किए गायनेकोलौजिस्ट के पास जाएं.

* अगर आप गर्भनिरोधक गोलियां या किसी दर्द निवारक दवा का सेवन कर रही हों और इस से आप की सेहत पर असर हो रहा हो, पीरियड में तकलीफ हो या जिस्मानी रिश्ता बनाते समय दर्द महसूस होता हो, तो गायनेकोलौजिस्ट से खुल कर बात करें.

* जिस्मानी रिश्ता बनाते समय अगर दर्द महसूस हो या फिर अंग से खून निकलने समेत कोई दूसरी परेशानी हो, तो घरेलू उपचार बिलकुल न करें और गायनेकोलौजिस्ट के पास जा कर अपना इलाज कराएं.

* अंग में खुजली होने या तेज बदबू आने पर तुरंत डाक्टर के पास जाना चाहिए.

* अगर आप के पेट, पीठ या कमर में कई दिन से दर्द हो रहा हो, तो इस की अनदेखी न करें और गायनेकोलौजिस्ट के पास जा कर इलाज कराएं.

औरतें और लड़कियां एक बात का तो खास खयाल रखें कि वे कभी भी पंडेपुजारियों, ओझातांत्रिकों और फकीरबाबाओं के चक्कर में पड़ कर अपनी अंदरूनी बीमारियों का रोना न रोएं, क्योंकि बहुत से पाखंडी उन की इसी बात का फायदा उठा कर शोषण करने की जुगत में रहते हैं. वे ऐसी औरतों और लड़कियों की शर्म का फायदा उठाते हैं और उन्हें पैसे और शरीर से नोंच डालते हैं.  डाक्टर का काम अपने मरीज की सेहत को ठीक करना होता है. अगर उसे बीमारी का ही नहीं पता चलेगा तो  दवा कैसे देगा? इस में मर्द या औरत डाक्टर का तो सवाल ही नहीं पैदा होता है. लिहाजा, औरतों को मर्द डाक्टर से बिलकुल नहीं झिझकना चाहिए.

निखारना चाहते हैं अपनी खूबसूरती तो ऐसे करें सेक्स

Sex News in Hindi: क्या सेक्स का सुंदरता से संबंध है? सुनने में भले ही अटपटा लगे पर है सोलह आने सच.आप अपनी खूबसूरती बढ़ाने व निखारने के लिए भले ही कई तरह के ब्यूटी प्रोड्क्ट्स व जिम में अपना पैसा बहाएं. मगर हम आप से यह कहें कि खूबसूरती बढ़ाने के लिए सेक्स सब से असरकारक है तो गलत नहीं होगा. दरअसल यह बात हम नहीं कह रहे हैं शोध से साबित हुआ है कि सेक्स करने से हारमोन निकलते हैं जिन से त्वचा को लाभ पहुंचता है, रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिस से शरीर में निखार आता है, सुंदरता बढ़ती है, पर इसे असरकारक तब माना गया है जब सेक्स को कुदरती तरीके से किया गया हो.

सेक्स: जीवन की गहराई तक जुड़ा है

स्कौटलैंड के रौयल एडिनबर्ग हौस्पीटल के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा नुस्खा बताया है जो मानवीय जीवन का एक अहम हिस्सा है. शोधकर्ताओं ने इस बारे में कुछ दिशानिर्देश भी जारी किए हैं. वे हैं प्रेमपूर्वक सेक्स यानि सिर्फ पति पत्नी के साथ ही सेक्स करने से मनचाहा परिणाम मिलता है. क्योंकि अनसेफ सेक्स से न सिर्फ तमाम तरह की बीमारियों का खतरा रहता है बल्कि स्ट्रैस भी बढ़ता है. इस से मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है, नतीजतन एगिंग की प्रक्रिया में तेजी आ जाती है.

बढ़ती उम्र घटाए खूबसूरती बढ़ाए

सेक्स कुदरती रूप से आनंद और उत्साह का संचार करता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कम अंतराल में सेक्स करने से (हफ्ते में कम से कम 3 बार) आदमी की उम्र उस की असली उम्र की तुलना में कम दिखती है, सैक्सुअल एक्टीविटी किसी एक्सरसाइज से कम नहीं है. इस से स्किन को यंग बनोन वोल और खुशी बढ़ाने वाले हार्मोन्स रिलीज होते हैं. इस से आप का चेहरा ग्लो करने लगता है और स्किन में कसाव आता है.

जानिए क्याक्या हैं फायदे

  • सेक्स इंसान की सेहत बनाए रखने में मदद करता है.
  • यह कैलोरी बर्न करने का काम करता है साथ ही दिल और दिमाग को सेहतमंद बनाए रखता है.
  • सेक्स कुदरती रूप से खूबसूरती में इजाफा करता है.
  • यह खूबसूरती बढ़ाने वाले प्रोडक्ट्स और स्टाइल के मुकाबले 20 (बीस) ही नजर आता है.
  • सेक्स कर के अपनी त्वचा की उम्र को 4 साल तक कम कर सकते हैं.
  • सेक्स एक कुदरती उपाय जो खूबसूरती बढ़ाए
  • सेक्स के यह कुदरती उपाय आप के चेहरे की शाइन बढ़ा सकते हैं.

खुशी का एहसास

सेक्स उन एक्टीविटीज में से है. जिस में दिमाग एकसाथ एक्साइट और रिलैक्स होता है. सेक्स के दौरान शरीर में औक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और इस से कोशिकाओं को नई एनर्जी मिलती है. इस से आप का मूड बेहतर रहता है.

स्वस्थ बाल

सेक्स के दौरान ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है. इस से बालों को एक नेचुरल मौइश्चराइजर मिलता है. इस से आप के बाल चमकदार बनते हैं.

त्वचा को रखें कोमल और स्थिर

जो महिलाएं नियमित सेक्स करती हैं उन की त्वचा में अहम किरदार निभाने वाले हार्मोन एस्ट्रोजेन का स्राव अधिक होता है. इस के साथ ही त्वचा को कुदरती रूप से कोमल और स्थिर बनाने वाले हार्मोन कोलेजन का स्राव भी अधिक होता है.

झुर्रियों से बचाएं

भले ही आप सूरज की हानिकारक किरणों से दूर रहें लेकिन फिर भी आप को झुर्रियां हो सकती हैं. ये झुर्रियां आप के हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों को हो सकती हैं. इस से दिल पर बुरा असर पड़ सकता है. दिल और चेहरे पर झुर्रियां पड़ने की प्रक्रिया समान है. सेक्स से आप के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है जिस से चेहरे पर कुदरती चमक आ जाती है.

स्तनों का आकार बढ़ाएं

स्तनों को महिलाओं की खूबसूरती का अहम हिस्सा माना जाता है. सेक्स के दौरान स्तनों का आकार 25 फीसदी तक बढ़ जाता है इसलिए जानकार मानते हैं कि जो महिलाएं अपनी सेक्स लाइफ से अधिक संतुष्ट होती हैं उन का शरीर अधिक सुडौल होता है.

पेट की चर्बी हटाएं

शरीर में अगर कौलेस्ट्रौल का स्तर अधिक हो जाए, तो इस का सीधा असर हमारे पेट पर पड़ता है. यहां अतिरिक्त वसा इकट्ठा होने लगती है. औक्सीटोसिन इस से निजात दिलाता है यानि और्गेज्म से आप के शरीर पर जमा अतिरिक्त चर्बी दूर होती है.

तनाव दूर करें

तनाव से आप के चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं. और्गेज्म के दौरान शरीर में बड़ी मात्रा में औक्सीटोसिन का स्राव होता है. यह तनाव के काफी उत्तरदायी माने जाने वाले कौरटिसोल हार्मोन को दूर करता है.

आत्मविश्वास में करें इजाफा

जिन लोगों को अपने जीवन का लक्ष्य पता होता है, वे अधिक आकर्षक होते हैं सेक्स और व्यायाम मस्तिष्क के समान क्षेत्रों पर प्रभाव डालते हैं आप अपने आसपास की दुनिया के बारे में अच्छा महसूस करते. आप मानसिक रूप से अधिक शांति एकाग्र, शक्तीमान और सामर्थ्यवान महसूस करते.

इन उपायों को अपना कर अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने की कोशिश कीजिए इस से सेहतमंद तो होगी ही साथ ही खूबसूरती भी निखर जाएगी.

आखिर कब पड़ती है किसी और की जरूरत

Sex News in Hindi: वैवाहिक जीवन (Married Life) में सैक्स की अहम भूमिका होती है. लेकिन यदि पति किसी ऐबनौर्मल सैक्सुअल डिसऔर्डर (Abnormal Sexual Disorder) से ग्रस्त हो, तो पत्नी की जिंदगी उम्र भर के लिए कष्टमय हो जाती है. (Sexologist) सैक्सोलौजिस्ट डा. सी.के. कुंदरा ऐबनौर्मल सैक्सुअल डिसऔर्डर के बारे में बताते हुए कहते हैं कि उन की क्लीनिक में शादी के बाद कृष्णानगर की मृदुला अपनी मां के साथ आई. हुआ यह था कि शादी के बाद मृदुला एकदम बुझीबुझी सी मायके आई, तो उस की मां उसे देख कर परेशान हो गईं. लेकिन मां के लाख पूछने पर भी उस ने कोई वजह नहीं बताई. उस ने अपनी सहेली आशा को बताया कि वह अब ससुराल नहीं जाना चाहती, क्योंकि उस के पति महेश उस से संबंध बनाने के दौरान उस के यौनांग में बुरी तरह से चिकोटी काटते हैं और पूरे शरीर को हाथ फेरने के बजाय नाखूनों से खरोंचते हैं. जिस से घाव बन जाते हैं, हलका खून निकलता है. उसे देख कर महेश खुश होते हैं. फिर संबंध बनाते हैं. यह कह कर मृदुला रोने लगी. डा. कुंदरा ने आगे बताया कि आशा ने जब उस की मां को यह बात ताई तो वे मृदुला को ले कर मेरे पास आईं.

मृदुला की तरह कई महिलाएं अपनी पीड़ा को व्यक्त नहीं कर पाती हैं. मृदुला का पति ऐबनौर्मल सैक्सुअल डिसऔर्डर से ही पीडि़त था. इस स्थिति में स्त्री के लिए पूरी जिंदगी ऐसे पुरुष के साथ बिताना असंभव हो जाता है. उसे ऐसे किसी व्यक्ति की जरूरत महसूस होने लगती है, जो उस के मन की बात को समझे और उसे क्या करना चाहिए, इस के बारे में बताए.

कारण

सैक्सोलौजिस्ट डा. रामप्रसाद शाह के मुताबिक, ऐबनौर्मल सैक्सुअल डिसऔर्डर से व्यक्ति कई कारणों से ग्रसित होता है:

सैक्सफेरामौन: यानी गंध के प्रति कामुकता. ऐेसे पुरुष स्त्री देह की गंध से उत्तेजित हो कर सैक्स करते हैं. ऐसे में कोई भी स्त्री, जिस की देह गंध से ऐसा व्यक्ति उत्तेजित हुआ हो, उसे हासिल करने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है.

ऐक्सेसिव डिजायर: दीपक की उम्र 60 साल से ऊपर है. इस के बावजूद भी वह घर से बाहर सब्जी बेचने वाली, घरों में काम करने वाली और सस्ती कालगर्ल से कभीकभी सुबह तो कभी रात भर रख कर संबंध बनाता है. संबंध बनाने के लिए वह शराब का भी सहारा लेता है. घर वाले उस से परेशान रहते हैं, इसलिए उस से अलग और दूर रहते हैं. ऐसे शारीरिक संबंध बनाने वाला व्यक्ति ऐक्सेसिव डिजायर  पीडि़त होता है.

फेटिशिज्म: इस में व्यक्ति उन चीजों के प्रति आकर्षित रहता है, जो उस की सैक्स इच्छाओं को पूरा करने में सहायक होती हैं. जैसे सैक्सी किताबें, महिलाओं के अंडरगारमैंट्स और दोस्तों से सैक्स की बातें करना.

लक्ष्मी नगर की निशा का कहना है कि उस के पति दिनेश हमेशा दोस्तों के साथ किनकिन महिलाओं के साथ सहवास कबकब और कैसेकैसे किया जैसी बातें हमेशा करते हैं. उस के बाद वह निशा से संबंध बनाने की कोशिश करते हैं. ऐसे व्यक्ति महिलाओं को छिप कर देखने के साथ उन के साथ संबंध बनाने के लिए आतुर भी रहते हैं.

बस्टियैलिटी: ऐसे पुरुष पर सैक्स इतना हावी हो जाता है कि वह किसी से भी सहवास करने में नहीं झिझकता. जयपुर का रमेश अपनी इसी आदत की वजह से अपनी साली की 14 साल की लड़की से शारीरिक संबंध बना बैठा. ऐसे पुरुषों द्वारा अकसर रिश्तों की मर्यादा को ताक पर रख कर ऐसे संबंध बनाए जाते हैं. ऐसे में असहाय महिलाएं, लड़कियां, यहां तक कि पशु भी गिरफ्त में आ जाते हैं.

ऐग्जिबिशनिज्म: इस से ग्रस्त व्यक्ति अपने गुप्तांग को महिला या छोटेछोटे बच्चेबच्चियों को जबरदस्ती दिखाता है. इस से उसे खुशी के साथ संतुष्टि भी मिलती है. लेकिन इस से अप्रत्यक्ष रूप से ही सही हानि होती है इसलिए इसे अब गैरकानूनी की धारा में रखा जाता है. इस में जुर्माना और कैद भी है.

पीडोफीलिया: इस सैक्सुअल डिसऔर्डर से पीडि़त पुरुष अकसर छोटी उम्र की लड़कियों व लड़कों से संबंध बना कर अपनी कामवासना को संतुष्ट करता है. नरेंद्र की उम्र 50 के ऊपर हो चुकी थी पर वह बारबार 14 से 15 साल की नाबालिग लड़की से शारीरिक संबंध बनाने की लालसा रखता था. आखिर उस ने नाबालिग से संबंध बना ही डाला और कई दिनों तक सहवास करता रहा. अंत में पकड़े जाने पर नेपाल की जेल में 14 साल की सजा काट रहा है.

वैवाहिक रेप

हालांकि यह अजीब सा लगता है कि विवाह के बाद पति द्वारा पत्नी का रेप. लेकिन इस में कोई दोराय नहीं कि आज भी कई विवाहित महिलाओं को इस त्रासदी से गुजरना पड़ता है, क्योंकि अकसर पति अपनी पत्नी की इच्छाओं, भावनाओं को भूल कर जबरन यौन संबंध बनाता है. यह यौन शोषण और बलात्कार की श्रेणी में आता है. हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 375 और 379 के तहत पत्नी को अधिकार है कि वह ऐसा होने पर कानूनी तौर पर तलाक ले सकती है.

समाधान

सैक्सोलौजिस्ट डा. रामप्रसाद शाह का कहना है कि ऐसी स्थिति में नईनवेली दुलहन को संयम से काम लेना चाहिए. वह पति की उपेक्षा न कर के व ताना न दे कर प्यार से उसे समझाए.

सामान्य सहवास के लिए प्रेरित करे. ऐसे लोगों का मनोचिकित्सक द्वारा इलाज किया जा सकता है. ऐसे मरीज की काउंसलिंग की जाती है और बीमारी किस हद तक है पता चलने पर सलाह दी जाती है. अगर पति तब भी ठीक न हो और मानसिक व शारीरिक पीड़ा पहुंचाए, तो पत्नी तलाक ले कर अपनी जिंदगी को नई दिशा दे सकती है.

वैज्ञानिकों का मानना है कि मस्तिष्क में स्थित न्यूरो ट्रांसमीटर में किसी प्रकार की खराबी, मस्तिष्क में रासायनिक कोशिकाओं में कमी, जींस की विकृति आदि इस समस्या की वजहें होती हैं और अकसर 60 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति इस के शिकार होते हैं. गलत संगत, अश्लील किताबें पढ़ना, ब्लू फिल्में देखना आदि भी इस में सहायक होते हैं.

मैं तीसरा बच्चा चाहती हूं पर बच्चा ठहर नहीं रहा है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी 2 बेटियां हैं. बड़ी 14 साल की और छोटी 11 साल की. घर में सब ताना मारते हैं कि बेटा क्यों नहीं है. मैं तीसरा बच्चा चाहती हूं, पर बच्चा ठहर नहीं रहा है. मैं क्या करूं?

जवाब-

आजकल के जमाने में 2 बच्चे पालने में ही पसीने छूट जाते हैं. लड़के की चाहत में और जोखिम न उठाएं. अगर पेट से हो भी गईं और तीसरी औलाद भी लड़की हुई तो आप क्या करेंगी? आप लोगों के ताने नजरअंदाज करते हुए अपनी दोनों लड़कियों को ही पढ़ालिखा कर काबिल बनाएं.

9 टिप्स: सैक्स लाइफ को ऐसे बनाएं बेहतर

Sex Tips: ऐसा अकसर देखने में आता है कि पतिपत्नी सहवास के दौरान एकदूसरे की इच्छा और भावना को नहीं समझते. वे बस एक खानापूर्ति करते हैं. लेकिन वे यह बात भूल जाते हैं कि खानापूर्ति से सैक्सुअल लाइफ तो प्रभावित होती ही है, पतिपत्नी के संबंधों की गरमाहट भी धीरेधीरे कम होती जाती है. ऐसा न हो इस के लिए प्यार और भावनाओं को नजरअंदाज न करें. अपने दांपत्य जीवन में गरमाहट को बनाए रखने के लिए आगे बताए जा रहे टिप्स को जरूर आजमाएं.

पत्नी की इच्छाओं को समझें

सागरपुर में रहने वाली शीला की अकसर पति के साथ कहासुनी हो जाती है. शीला घर के कामकाज, बच्चों की देखभाल वगैरह से अकसर थक जाती है, लेकिन औफिस से आने के बाद शीला के पति देवेंद्र उसे सहवास के लिए तैयार किए बिना अकसर यौन संबंध बनाते हैं. वे यह नहीं देखते कि पत्नी का मन सहवास के लिए तैयार है या नहीं.

सैक्सोलौजिस्ट डा. कुंदरा के मुताबिक, ‘‘महिलाओं को अकसर इस बात की शिकायत रहती है कि पति उन की इच्छाओं को बिना समझे सहवास करने लगते हैं. लेकिन ऐसा कर के वे केवल खुद की इच्छापूर्ति करते हैं. पत्नी और्गेज्म तक नहीं पहुंच पाती. आगे चल कर इसी बात को ले कर आपसी संबंधों में कड़वाहट पैदा होती है.

‘‘पति को चाहिए कि सैक्स करने से पहले पत्नी की इच्छा को जाने. उसे सैक्स के लिए तैयार करे. तभी संबंधों में गरमाहट बरकरार रहती है.’’

करें प्यार भरी बातें

एक हैल्दी सैक्सुअल लाइफ के लिए बेहद जरूरी है कि यौन संबंध बनाने से पहले पत्नी से प्यार भरी बातें जरूर की जाएं. कोई समस्या हो तो उस का हल निकालें. पत्नी से बातोंबातों में पता करें कि वह सैक्स में क्या सहयोग, क्या नवीनता चाहती है.

जयपुर के संजय और रूपाली का विवाह 2007 में हुआ. शादी के कुछ सालों तक संजय रूपाली के साथ खुल कर यौन संबंध बनाते रहे. लेकिन इधर 1 साल से वे रूपाली के साथ सैक्स संबंध बनाने से कतराने लगे हैं. रूपाली कहती है कि संजय गाहेबगाहे शारीरिक संबंध बनाते तो हैं, लेकिन बाद में उस से अलग हो कर सोने लगते हैं.

दरअसल, संजय की नजरों में यौन संबंध केवल पुरुष की भूख है, इसलिए रूपाली चाह कर भी संजय को भरपूर सहयोग नहीं कर पाती है.

मनोचिकित्सक डा. दिनेश त्यागी का मानना है कि एक अच्छे सहवास सुख के लिए आवश्यक है कि पतिपत्नी आपस में सैक्स के दौरान प्यार भरी बातें करें. यदि ऐसा नहीं हो तो पत्नी को लगता है कि पति को केवल सैक्स की ही भूख है, प्यार की नहीं. इसलिए प्यार भरी बातों को नजरअंदाज न करें.

स्थान व समय को बदलें

दिल्ली के ही नवीन का कहना है कि यदि वे रोजरोज पत्नी के साथ यौन संबंध नहीं बनाएंगे तो दूसरे दिन औफिस में तरोताजा हो कर काम नहीं कर पाएंगे. लेकिन उन की पत्नी को कोई मजा नहीं आता है, क्योंकि यह रोज के ढर्रे जैसी बात बन गई है. उस में कोई भी नवीनता नहीं रहती.

डा. कुंदरा कहते हैं कि सहवास का भरपूर आनंद उठाने के लिए कभी सोफा, कभी फर्श, कभी कालीन तो कभी छत पर और अगर घर में झूला लगा हो तो झूले पर, नहीं तो लौन पर चटाई बिछा कर सैक्स का आनंद लिया जा सकता है. पत्नियां सैक्स को प्यार से जोड़ती हैं. प्यार के इस अनुभव को वे घर के अलगअलग स्थानों पर अलगअलग समय पर नएनए तरीके से करना चाहती हैं. लेकिन अकसर पति यह बात समझ कर भी नहीं समझते.

शुरुआत धीरे धीरे करें

डा. कुंदरा यह भी कहते हैं कि कई पत्नियों की यह शिकायत रहती है कि उन के पति सहवास की शुरुआत धीरेधीरे न कर के उन्हें बिना उत्तेजित किए जल्दीबाजी में करते हैं. जबकि सहवास की शुरुआत धीरेधीरे विभिन्न सैक्स मुद्राओं जैसे गालों को काटना, सैक्स के हिस्सों पर थप्पड़ लगाना आदि को अपना कर ही करनी चाहिए और उस के बाद ही सैक्स सुख का आनंद लेना चाहिए.

फोर प्ले का आनंद उठाएं

पति को चाहिए कि वह पत्नी के साथ चुंबन, आलिंगन, उसे सहलाना, केशों में उंगलियां फेरना, अंगों को स्पर्श करना वगैरह की अहमियत को समझे. ऐसा कर के वह पत्नी को उत्तेजित कर के मानसिक और शारीरिक रूप से सहवास के लिए तैयार करे. पत्नी का और्गेज्म तक पहुंचना जरूरी होता है. और्गेज्म तक नहीं पहुंच पाने के कारण घर में अकसर तनाव का माहौल पैदा हो जाता है, जो आपसी संबंधों में दिक्कतें भी पैदा करता है. एक सर्वे के मुताबिक 55% लोगों का मानना है कि सैक्स के दौरान जो आनंदमयी क्षण आते हैं, उन का अनुभव बेहद महत्त्वपूर्ण है.

बराबर का साथ दें

डा. कुंदरा के अनुसार, ‘‘सैक्सुअल लाइफ बेहद रोमांटिक तभी बन पाती है, जब पतिपत्नी सैक्स संबंध बनाते समय बराबर का साथ दें. सहवास के दौरान 70% महिलाएं बिस्तर पर चुपचाप ही पड़ी रहती हैं. पुरुष ऐसी महिलाओं को पसंद नहीं करते. सहवास के दौरान बराबर का साथ पति पसंद करते हैं. यदि पत्नी ऐसा करती है तो सैक्स का आनंद और भी ज्यादा बढ़ जाता है.’’

दिल्ली की जनकपुरी की रेशमा 48 साल की और उन के पति 54 साल के हो गए हैं, लेकिन हफ्ते में 1-2 बार दोनों खुल कर यौन संबंध बनाते हैं. एकदूसरे के लिए रोमांटिक बने रह कर वे खुल कर उस का आनंद उठाते हैं.

फालतू बातों को तूल न दें

मैरिज काउंसलर एन.के. सूद कहते हैं कि पतिपत्नी जब भी यौन संबंध बनाएं, पत्नी घर की समस्याओं या शिकायतों का पिटारा खोल कर न बैठे. सारिका जब भी रमेश के साथ सहवास करती थी, कोई न कोई शिकायत ले कर बातें शुरू कर देती थी. इस से रमेश असहज हो जाता था. आगे चल कर इन की समस्या इतनी बढ़ गई कि इन्हें आपसी संबंधों को सहज बनाने के लिए मैरिज काउंसलर की सहायता लेनी पड़ी.

संबंधों में गरमाहट बनी रहे इस के लिए ऐसी बातों को तूल न दे कर सैक्स लाइफ को ऐंजौय करें. पति का साथ दें, उन के साथ बिस्तर पर सक्रिय बनी रहें.

सैक्सी कपड़ों में लुभाएं

कोटा में रहने वाली राधा गोरी और खूबसूरत नैननक्श वाली है. लेकिन वह अपने पति महेंद्र के पास उन्हीं कपड़ों में जाती है, जो उस ने सुबह से पहने होते हैं. राधा को तरोताजा न देख कर महेंद्र सहवास में ढंग से सहयोग नहीं कर पाते हैं.

पति को लुभाने व उत्तेजित करने के लिए सैक्सी ड्रैस व हौट लुक में अपने पार्टनर को ऐसा सरप्राइज दें कि यौन संबंधों में नवीनता तो आए ही, सहवास सुखद भी बने. ऐसा होने से पतिपत्नी का आपसी विश्वास व प्यार भी बराकरार रहता है.

नए नए प्रयोग करें

डा. कुंदरा कहते हैं कि अकसर पुरुष सैक्स को ले कर ज्यादा ही उत्साहित होते हैं. वे नएनए आसनों का प्रयोग कर सहवास को सुखद बनाते हैं. लेकिन पत्नी यदि किसी तरीके को अनकंफर्टेबल महसूस करे तो पति को बताए जरूर.

बहुत सी महिलाएं यौन संबंध बनाते वक्त नएनए प्रयोगों से घबराती हैं. वे ऐसा न कर के पति के साथ सहवास में प्रयोग करें. उम्र कोई बाधा नहीं, दिलदिमाग और शरीर को स्वस्थ रखने और वैवाहिक जीवन को सफल बनाने में नए प्रयोग हमेशा मददगार ही साबित होते हैं.

इन तीन बातों का आपकी सेक्स लाइफ से है सीधा संबंध

कहा जाता रहा है कि स्त्री-पुरुष के बीच सेक्स संबंध सात साल तक ही चलते हैं और लगता था कि ये तो बहुत कम समय है लेकिन अगर नये सर्वे के नतीजों पर नज़र डालें तो लगेगा सात साल बहुत हैं. म्यूनिख की लुडविग सैक्ज़िमिलान यूनिवर्सिटी ने 25 से 41 साल के बीच के 3000 लोगों से उनकी सेक्स लाइफ के बारे में पूछा. उनके जवाब से पता चला कि सेक्स लाइफ एक साल तक ही चलती है और उसके बाद दोनों एक दूसरे में दिलचस्पी खोने लगते हैं.

दिलचस्प बात ये निकली की बच्चों की संख्या या उनकी उम्र से सेक्स से मिलने वाली संतुष्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ता, हालंकि पहले के रिसर्च में इसका सेक्स लाइफ पर बहुत बड़ा प्रभाव माना गया था.

सर्वे से पता चला है कम सेक्स की एक बड़ी वजह लड़ाई है. हम यहां आपको बता रहे हैं कुछ बातें जिनका सीधा संबंध है आपकी सेक्स लाइफ से:

  1.  एक ही समय में दोनों की सेक्स की चाह नहीं होती

एक छत के नीचे रह रहे महिला और पुरुष की सेक्स की इच्छा जरुरी नही कि एक ही समय पर हो. पुरुष जहां सुबह सेक्स करना पसंद करते हैं वहीं महिला रात को. और यही कभी-कभी एक बड़ी समस्या बन जाता है. एक अध्ययन से पता चला है कि 80 फीसदी दंपत्तियों को अलग अलग समय पर सेक्स की इच्छा होती है. ऐसा हफ़्ते में पांच बार होता है यानी दोनों की सेक्स इच्छा का समय अलग अलग.

2. जिन महिलाओं के बहुत से पुरुष दोस्त होते हैं वे ज्यादा सेक्स करती हैं

ये सुनने या पढ़ने में अजीब लग सकता है लेकिन है सच. एक सर्वे के अनुसार अगर किसी महिला के बहुत से पुरुष दोस्त हैं तो उनका पति/पार्टनर उनसे ज़्यादा सेक्स करने की कोशिश करेगा. मजे की बात ये है कि उसे खुद इस बात का एहसास नहीं होगा कि वो ऐसा कर रहा है. दरअसल वह अपनी पत्नी/पार्टनर के पुरुष दोस्तों के खतरे की वजह से ऐसा करता है.

3. जरूरी नहीं बेमेल सेक्स से संबंधों का टूटना

टोरंटो मिसीसौगा यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के अनुसार ऐसे लोगों की सेक्स में लिप्त होने (भले की इच्छा न हो या कम हो) की बहुत संभावना रहती है जब वे सोचते हैं कि कैसे सेक्स की वजह से उनके संबंध बेहतर हुए हैं. उन्हें लगता है कि सेक्स से उन्हें कुल मिलाकर संतुष्टि और अधिक मिलेगी. कुल मिलाकर लुब्ब-ए-लुआब ये है कि भले ही आपका मूड सेक्स करने का न हो लेकिन अगर आपको लगता है कि ये संबंधों के लिये फायदेमंद है तो आप सेक्स का ज़रुर और आनंद उठाएंगे.

जब पत्नी बहाना बनाए, नजदीक न आए

Sex News in Hindi: महेंद्र की शादी को 10 साल हुए गए हैं. उस के दो बच्चे हैं. उसे हर रात को अपनी पत्नी का साथ चाहिए. प्यार की बरसात चाहिए. पर उस की पत्नी मोहिनी उसे गच्चा दे जाती है. वह कभी छोटी बेटी को सुलाने का बहाना बना देती है तो कभी घर का ज्यादा काम करने की वजह से बदन दर्द की शिकायत करते हुए मुंह फेर कर सो जाती है. कभी नजदीक आती भी है तो बेमन से.

महेंद्र इस बात से चिड़चिड़ा हो गया है. वह ऑफिस में भी खुश नहीं रहता है. कभीकभार तो वह अपने साथी कर्मचारियों से भी भिड़ जाता है. नतीजतन अब वह शराब पीने लगा है और कभीकभार किसी प्रोफेशनल लड़की को पैसे दे कर उस के साथ रात बिता लेता है. बहाना बनाता है ऑफिस के टूर का या नाईट शिफ्ट का.

अभी तक तो उस के परिवार में सब कुछ सही चल रहा है पर जब मोहिनी को इस बारे में पता चलेगा तो गुस्से का बम जरूर फूटेगा. लेकिन इस में गलती किस की ज्यादा बड़ी है? मोहिनी के महेंद्र से दूर रहने की या महेंद्र की चोरीछिपे बाजारू औरत के साथ संबंध बनाने की?

अगर महेंद्र शराब न पीता और किसी पराई औरत के साथ संबंध नहीं बनाता और अपनी समस्या सीधे मोहिनी को बताता कि उसे अपनी पत्नी का जिस्मानी प्यार चाहिए तो उस की कोई गलती नहीं होती. मोहिनी को भी उस के जज्बात समझने का मौका मिल जाता पर महेंद्र पहले कुढ़ता रहा और जो रास्ता उस ने अपनाया वह बिलकुल गलत था.

वैसे मोहिनी का भी कम कुसूर नहीं है. उस का महेंद्र से बहाने बना कर दूर रहना या बेमन से उस के साथ जिस्मानी रिश्ता बनाना ही इस समस्या की असली जड़ है. उसे अपने बच्चों की खुशियों के अलावा पति की इच्छा का भी ध्यान रखना चाहिए.

शादी के जयदा साल हो जाने का यह मतलब नहीं है कि पति और पत्नी तन का प्यार बिलकुल न करें, बल्कि यह तो उन के रिश्ते को और ज्यादा मजबूत करता है. अगर मोहिनी महेंद्र को रात का देह सुख दे देती तो उसे यों गलत रस्ते की ओर रुख ही नहीं करना पड़ता. यहां इन दोनों को समझदारी दिखानी चाहिए थी.

बाद में ऐसा हुआ भी. जब मोहिनी को लगा कि महेंद्र उस के कटकटा सा रहने लगा है तो वह ताड़ गई कि मामला गड़बड़ है. वह अपने नाम की तरह खूबसूरत तो थी ही इसलिए पति को अपनी तरफ खींचना उस के बाएं हाथ का खेल था.

बात ज्यादा बिगड़ने से पहले उस ने महेंद्र को दोबारा से अपना बना लिया और उस की रातों को दोबारा से रंगीन बनाना शुरू कर दिया.

नहीं चाहते अपनी सेक्स लाइफ में कोई प्रोब्लम, तो जरूर अपनाएं ये टिप्स

Sex News in Hindi: कई महिलाओं की शिकायत होती है कि उन के पति में अब पहले वाला जोश नहीं रहा और वे अब सेक्स में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते. कई बार पुरुष चाह कर भी यौन समागम नहीं कर पाते क्योंकि उन के मन में डर या संकोच बैठ जाता है कि क्या वे सफलतापूर्वक यौन संबंध नहीं बना पाएंगे और अपनी पत्नी को संतुष्ट नहीं कर पाएंगे. उन का पुराना जोश और उमंग वापस लौटा कर अपनी सेक्स लाइफ को आनंदमयी बनाने के लिए आप अपना सकती हैं ये उपाय:

भारी न पड़े काम

उन्हें प्रेमपूर्वक समझाएं कि आप का कैरियर बेशक बेहद महत्त्वपूर्ण है और उसे पूरा समय देना भी जरूरी है, लेकिन इसे बैडरूम में घुसा लेना ‘बैड हैबिट’ ही माना जाएगा. जितना औफिस का काम कैरियर लाइफ के लिए जरूरी है, उतना ही शयनकक्ष का काम पर्सनल लाइफ के लिए जरूरी है. कमाई सुख के लिए की जाती है और आप सुख से ही वंचित रह जाएं तो ऐसी कमाई से क्या फायदा? मस्तिष्क दूसरे जंजाल से मुक्त रहेगा तभी शरीर के दूसरे अंगों को अपना काम करने का सही निर्देश दे पाएगा. इसलिए औफिस का काम औफिस में ही छोड़ कर आएं ताकि घर पर एकाग्रता और सुकून के साथ घर का काम कर सकें.

एक बार और ट्राई करें

सफलता का जो फौर्मूला कैरियर लाइफ या ऐकेडमिक लाइफ में काम करता है, वही यहां भी काम करता है. अगर आप के पति एक बार सेक्स करने में विफल हो गए और इरैक्शन से वंचित रह गए, तो इस का मतलब यह कतई नहीं है कि ऐसा बारबार होगा. ‘ट्राई वन मोर टाइम’ का फौर्मूला यहां भी लागू होता है. उन से खुल कर बात करें और बताएं कि अगर आप हस्तमैथुन करते वक्त उत्तेजित हो जाते हैं और इंटरकोर्स के वक्त नहीं हो पाते, तो जाहिर है प्रौब्लम अंग में नहीं उमंग में है यानी आप के दिमाग में झूठा भय समा चुका है.

दुत्कारें नहीं पुचकारें

पति आप के पास आएं, आप को सहलाएं और चूमने की कोशिश करें तो उन्हें दुत्कार कर दूर न भगाएं. इस से उन का उत्साह ठंडा पड़ जाएगा और वे अच्छे तरीके से परफौर्म नहीं कर पाएंगे. आप भी उतनी ही गर्मजोशी से उन्हें पुचकारें, दुलारें, सहलाएं और चूमें. इस से उन के मन में आत्मवश्वास लौटेगा और सेक्स की भावना भी जाग्रत होगी. ज्यादतर मामलों में ऐसी स्थिति में इरैक्शन न होने की समस्या भी हल हो जाती है. आप का स्पर्श और चुंबन उन के लिए सेक्स के मामले में टौनिक का काम करेगा.

व्यायाम से बनेगा काम

उन्हें शारीरिक रूप से ऐक्टिव रहने और नियमित व्यायाम करने के लिए प्रेरित करें और जरूरत पड़े तो आप भी उन का साथ दें. वे टालमटोल करें, तो उन्हें समझाएं कि इस का असर उन के और आप के यौन जीवन पर पड़ रहा है. ऐक्सरसाइज न करने या ऐक्टिव न रहने से ब्लड सर्कुलेशन दुरुस्त नहीं रहता, जिस का सीधा असर उत्तेजना और इरैक्शन पर पड़ता है. इसलिए रोज पुश अप्स, स्पौट जौगिंग और वौकिंग के लिए समय जरूर निकालें.

धुएं में न उड़ाएं जिंदगी का मजा

सिगरेट को स्टाइल स्टेटमैंट समझना बंद कर दें. पति को समझाएं कि धुआं सिगरेट का नहीं उन की जिंदगी का उड़ रहा है. कई अध्ययनों से पता चल चुका है कि स्मोकिंग से नपुंसकता की समस्या हो सकती है. शराब पीना भी कोई अच्छी बात नहीं है. शराब पीने से सेहत चौपट हो जाती है, लिवर नष्ट होने लगता है और जाहिर सी बात है स्वास्थ्य दुरुस्त नहीं रहता, तो इरैक्शन में प्रौब्लम आती है.

वेट को करें सैट

मोटापा अपनेआप में ही एक बीमारी है और यह अपने साथ कई बीमारियों को भी लाता है. वजन ज्यादा रहेगा, तो शरीर में लचीलापन नहीं रहेगा. लचीलापन नहीं रहेगा, तो पुरुष सेक्स क्या खाक करेगा वजन अनियंत्रित रहने पर शरीर में शुगर बढ़ जाती है. नतीजा, डायबिटीज. डायबिटीज तो इरैक्शन का दुश्मन नंबर वन है. वैसे भी मोटापा हार्ट डिजीज, हाई ब्लडप्रैशर, हाई कोलैस्ट्रौल वगैरह का सबब बन सकता है. इसलिए उन्हें वजन कम रखने, पौष्टिक भोजन करने और अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रेरित करें.

पति की जबरदस्ती से बचें कुछ इस तरह

Sex News in Hindi: श्वेता खाना खा कर सोने चली गई थी. उस का पति प्रदीप अभी घर नहीं लौटा था. पहले रात के खाने पर श्वेता पति का देर रात तक इंतजार करती थी. कुछ दिनों के बाद प्रदीप ने कहा कि अगर वह 10 बजे तक घर न आए तो खाने पर उस का इंतजार न किया करे. इस के बाद प्रदीप के आने में देर होने पर श्वेता खाना खा कर लेट जाती थी. उस दिन भी वह लेट तो गई थी, मगर उसे नींद नहीं आ रही थी. वह अपने संबंधों के बारे में सोच रही थी. उसे लग रहा था जैसे वह पति की जबरदस्ती का शिकार हो रही है. प्रदीप ज्यादातर देर रात घर लौटता था. इस के बाद कभी सो जाता था, तो कभी श्वेता को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करने लगता था. नींद के आगोश में पहुंच चुकी श्वेता को तब संबंध बनाना अच्छा नहीं लगता था. श्वेता को कभीकभी लगता जैसे पति प्यार न कर के बलात्कार कर रहा हो.

श्वेता अपने को यह सोच कर समझाती कि पति की शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ही शादी होती है, इसलिए उसे केवल पति की जरूरतों को पूरा करना चाहिए. इस जोरजबरदस्ती में श्वेता को 4 साल के विवाहित जीवन में 1-2 बार ही ऐसा लगा था कि प्रदीप प्यार के साथ संबंध बना सकता है, ज्यादातर श्वेता जोरजबरदस्ती का ही शिकार बनी थी. इस का प्रभाव उस के ऊपर कुछ इस तरह पड़ा कि वह शारीरिक संबंधों से चिढ़ने लगी. श्वेता और प्रदीप का 1 बेटा था. श्वेता जब कभी अपनी सहेली शालिनी से मिलती तो उसे पता चलता कि उन का पतिपत्नी का रिश्ता मजे में चल रहा है. एक दिन जब श्वेता ने अपनी परेशानी शालिनी को बताई, तो वह उसे सैक्स काउंसलर के पास ले गई.

पति से करें बात

काउंसलर ने बातचीत कर के यह जानने की कोशिश की कि श्वेता की परेशानी क्या है? श्वेता ने काउंसलर को बताया कि उस का पति उस समय उस से सैक्स संबंध बनाने की कोशिश करता है जब उस का मन नहीं होता है. कई बार जब वह इस के लिए मना करती है, तो वह जोरजबरदस्ती पर उतर आता है. इस से श्वेता का सैक्स संबंधों से मन उचट गया है. काउंसलर रेखा पांडेय ने श्वेता को सलाह देते हुए कहा कि इस बारे में पति से आराम से बात करें और यह बातचीत सैक्स संबंधों के समय न कर के बाद में की जाए. इस के लिए प्यार से पति को मनाने की कोशिश की जाए. अगर पति कभी नशे की हालत में सैक्स संबंध बनाने की कोशिश करे तो उस समय कुछ न कह कर नशा उतरने के बाद बात करें. नशे की हालत में बात समझ में नहीं आती उलटे कभीकभी लड़ाईझगड़े से मामला बिगड़ जाता है.

पति हर समय गलत होता है, यह भी नहीं मान लेना चाहिए. उसे इस के लिए हमेशा टालना सही नहीं होता है. हो सकता है कि कभी आप का मन न हो, बावजूद इस के आप को सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए. सैक्स पति और पत्नी दोनों की जरूरत होती है. इसलिए इस से जुड़ी किसी भी परेशानी को हल करने के लिए पतिपत्नी दोनों को मिल कर सोचना चाहिए. जब आप खुल कर एकदूसरे से बात करेंगे तो सारी गलतफहमियां दूर हो जाएंगी.

क्यों करनी पड़ती जबरदस्ती

सैक्स दांपत्य जीवन की सब से अहम चीज होती है, यह बात पतिपत्नी दोनों को पता होती है. ऐसे में सवाल उठता है कि तब सैक्स संबंध के लिए जबरदस्ती क्यों करनी पड़ती है? कई बार कभी पति या पत्नी को कोई ऐसी बीमारी हो जाती है, जिस से सैक्स संबंधों से मन उचट जाता है. ऐसे में बहुत ही धैर्य और समझदारी की जरूरत होती है. सब से पहले अपने साथी की जरूरत को समझने की कोशिश करें. अगर कोई शारीरिक परेशानी है, तो उस का इलाज किसी योग्य डाक्टर से कराएं. सैक्स की ज्यादातर बीमारियों की वजह मानसिक ही होती है. इस के लिए आपस में बात करें. अगर बात न बने तो मनोरोगचिकित्सक से भी बातचीत कर सकती हैं.

सैक्स के प्रति पत्नी की नकारात्मक सोच ही पति को कभीकभी जबरदस्ती करने के लिए मजबूर करती है. कुछ पत्नियां सैक्स को गंदा काम मान कर उस से संकोच करती हैं. अगर आप भी इसी तरह के विचार रखती हैं, तो यह सही नहीं है. आप के इस तरह के विचार पति को जबरदस्ती करने के लिए उकसाते हैं  पति की जबरदस्ती से बचने के लिए इस तरह की नकारात्मक सोच से बचना चाहिए. इस मानसिकता के चलते न तो आप स्वयं कभी खुश रह सकती हैं और न ही पति को खुश रख पाएंगी. ऐसा कर के आप कभी सैक्स का आनंद न स्वयं ले पाएंगी और न कभी अपने पति को ही यह सुख दे पाएंगी. जबरदस्ती से बचने के लिए सैक्स के प्रति अपनी सोच को सकारात्मक बनाएं.

बहाने बनाने से बचें

आमतौर पर पतियों को यह शिकायत होती है कि पत्नियां बहाने बनाती हैं, जिस के चलते जबरदस्ती करनी पड़ती है. इन शिकायतों में बच्चों के बड़े होने, मूड ठीक न होने और घर में एकांत की कमी होना मुख्य कारण होते हैं. रमेश प्रधान का कहना है कि मैं जब भी अपनी पत्नी के साथ सैक्स करने की पहल करता था, वह बच्चों और परिवार का बहाना कर टाल जाती थी. इस का मैं ने हल यह निकाला कि सप्ताह में 1 बार पत्नी को ले कर आउटिंग पर जाने लगा. इस के बाद हमारे संबंध सही रूप से चलने लगे. अब पत्नी को यह अच्छा लगने लगा है. हमारे संबंध अब सहज हो गए हैं. पत्नी के बहाना बनाने का असर यह होता है कि जब कभी पत्नी को हकीकत में कोई परेशानी होगी तब भी पति को लगेगा कि वह बहाना बना रही है.

अत: मूड न होने पर भी साथी को सहयोग देने की कोशिश करें. इस से उस की जबरदस्ती से बच सकती हैं. पति का समीप आना पत्नी की अंदर की भावनाओं को जगा देता है. इस से पत्नी भी उत्तेजित हो जाती है. पति जबरदस्ती करने से बच जाता है. आप का मूड न हो तो भी उसे बनाया जा सकता है. आप को पति को बताना पड़ेगा कि मूड बनाने के लिए वह क्या करे. अगर कभी पति जबरदस्ती करे तो आप को उसे सहयोग दे कर जबरदस्ती से बचना चाहिए. पति जबरदस्ती करने लगे और आप भी संबंध न बनाने पर अड़ गईं, तो इस से संबंधों में दरार पड़ सकती है.

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