मेरी शादी मेरे बौयफ्रेंड से नहीं हो पाई और वह अब भी मेरे पीछे पड़ा है, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं जिस लड़के से प्यार करती थी, उस से मेरी शादी नहीं हो पाई. हम दोनों की अलग अलग शादी हो गईं. लेकिन वह अब भी मेरे पीछे पड़ा रहता है और न मिलने पर जान देने की धमकी देता है. क्या करूं?

जवाब
अगर उसे आप से बहुत प्यार था, तो हर हालत में उसे आप से ही शादी करनी चाहिए थी. अब चूंकि ऐसा नहीं हुआ, तो आप उसे भूल कर पूरी तरह पति का ही खयाल रखें. वह जान कतई नहीं देगा. अलबत्ता, उस के चक्कर में आप अपने पति का यकीन खो सकती हैं.

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सुरक्षित सेक्स के इन खतरों के बारे में भी जानिए

हम सभी की तरह मार्केटिंग प्रोफेशनल प्रिया चौहान को भी पूरा भरोसा था कि कंडोम का इस्तेमाल उन्हें हर तरह की सेक्स से फैलनेवाली बीमारियों (एसटीडीज) से महफूज रखेगा. आखिरकार इस बात को लगभग सभी स्वीकार करने लगे हैं. वे तब अचरज से भर गईं, जब उन्हें वेजाइनल हिस्से में लालिमा और जलन की वजह से त्वचा विशेषज्ञ के पास जाना पड़ा.

‘‘डौक्टर ने मुझे बताया कि मुझे सिफलिस का संक्रमण हुआ है, जो एक तरह की एसटीडी है,’’ गायत्री बताती हैं. ‘‘मुझे लगता था कि कंडोम मुझे इस तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखता है और जलन की वजह के बारे में मैं सोचती थी कि शायद मैं पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पी रही हूं.’’

ये चुंबन से भी हो सकता है

गायत्री और उनके बौयफ्रेंड को कुछ ब्लड टेस्ट कराने कहा गया और ऐंटीबायोटिक्स दिए गए, ताकि सिफलिस के वायरस को फैलने से रोका जा सके. ये वो सबसे आम एसटीडी है, जिसे रोकने में कंडोम सक्षम नहीं है.

सेक्सोलौजिस्ट डा. राजीव आनंद, जो कई जोड़ों को कंडोम और एसटीडीज से जुड़े इस मिथक की सच्चाई बता चुके हैं, कहते हैं कि अधिकतर लोग कंडोम को एसटीडीज से बचने का सबसे सुरक्षित तरीका मानते हैं, लेकिन कुछ इन्फेक्शंस ऐसे हैं, जो ओरल सेक्स या चुंबन के जरिए भी फैल सकते हैं.

‘‘ये भ्रांति शायद इसलिए है कि एड्स से जुड़ी जानकारी के केंद्र में कंडोम ही है. हालांकि यह एड्स की रोकथाम में कारगर है, लेकिन यह कुछ एसटीडीज की रोकथाम में कारगर नहीं है,’’

वे कहते हैं. ‘‘कंडोम प्रेगनेंसी और कुछ एसटीडीज से बचाव करता है, लेकिन हरपीज वायरस के इन्फ़ेक्शन से बचाने में यह कारगर नहीं है. यह एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) और कुछ फंगल इन्फ़ेक्शंस, जो त्वचा के उन हिस्सों के संपर्क के कारण फैलते हैं, जो कंडोम से नहीं ढंके हैं, से भी बचाव नहीं कर पाता.’’

कंडोम के इस्तेमाल से शारीरिक स्राव का विनिमय तो रुक जाता है, लेकिन हरपीज, एचपीवी और गोनोरिया आदि होने की संभावना बनी रहती है.

इस खतरे को कम करें

अपने साथी को अच्छी तरह जानना तो जरूरी है ही, पर ऐसे लोगों की संख्या को सीमित रखें, जिनसे आप सेक्शुअल संबंध रखती हैं, ताकि आप एसटीडीज के खतरे से बच सकें. यदि आप किसी नए साथी के साथ संबंध बना रही हैं तो उसका चेकअप जरूर कराएं.

‘‘यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने साथी से चेकअप कराने को कहें और उसकी रिपोर्ट्स देखें. मुझे पता है कि ये थोड़ा अटपटा लगेगा, लेकिन हमें समय के साथ चलना होगा,’’ कहती हैं रश्मि बंसल, जो दो वर्षों तक लिव-इन रिश्तों में थीं. ‘‘यदि वह आपको सच में पसंद करता है तो ऐसा करने में उसे कोई समस्या नहीं होगी.’’ इसके अलावा हेपेटाइटिस बी और एचपीवी के लिए वैक्सीन लेना भी अच्छा रहता है.

घरवाले मेरी लव मैरिज नहीं कर रहे हैं इसलिए मैं भाग रही हूं, क्या मेरा निर्णय सही है?

सवाल
मेरी उम्र 18 साल है, मुझे अपने कालेज के एक लड़के से प्यार हो गया है. वह भी मुझ से बहुत प्यार करता है और शादी भी करना चाहता है. यहां तक कि उस ने अपने घर में भी इस बारे में जिक्र किया है. लेकिन दोनों की फैमिली वाले मानने को तैयार नहीं हैं. लेकिन मैं उस के बिना नहीं रह सकती, चाहे मुझे घर से भागना ही क्यों न पड़े. बताएं कि क्या मेरा निर्णय सही है?

जवाब
देखिए अभी आप की उम्र पढ़ाई लिखाई व लोगों को जाननेसमझने की है क्योंकि अभी न ही आप और न ही वह युवक इतना मैच्योर हुआ है कि आप शादी जैसे जिम्मेदारीभरे रिश्ते में बंध जाएं. आप के परिवार वाले आप के हितैषी हैं तभी तो वे इस रिश्ते के लिए अभी इनकार कर रहे हैं ताकि आप को बाद में पछताना न पड़े. आप दोनों मिल कर परिवार वालों को समझाएं कि हम दोनों एकदूसरे से बहुत प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं लेकिन कैरियर बनने के बाद.

इस से वे भी आप को जरूर समझेंगे और इस रिश्ते को समय आने पर स्वीकार भी करेंगे. और आप भूल कर भी घर से भागने की बात मन से निकाल दीजिए वरना बाद में पछतावे के सिवा कुछ हाथ नहीं लगेगा क्योंकि जल्दबाजी में कुछ नहीं रखा. आप ही सोचिए जब आर्थिकरूप से आप दोनों सशक्त होंगे तो आप को जिंदगी जीने का अलग ही आनंद आएगा वरना पैसों की कमी के कारण आप जीवनभर इस निर्णय पर पछताएंगी ही.

मैं 25 साल की हूं, यूरिन के दौरान प्राइवेट पार्ट में जलन महसूस होती है, क्या करूं?

सवाल
मैं 25 वर्षीय अविवाहित स्त्री हूं. वजन 45 किलोग्राम है. मुझे पेशाब करते समय योनिमुख में जलन महसूस होती है. खुजलाहट नहीं होती है, लेकिन योनि से सफेद चिपचिपा डिस्चार्ज निकलता है, जिस से दुर्गंध आती है. मैं ने पेशन की पूरी माइक्रोस्कोपी करवाई है. रिपोर्ट में मेरा पीएच का स्तर 5, विशिष्ट घनत्व 1.05 था और नाइट्राइटिस तथा बिलिरुबिन नैगेटिव था.  मैं ने बैक्टीरिया का पता लगाने के लिए यूरिन कल्चर भी करवाया. डाक्टर ने कैंडिड क्रीम और वी वौश लिखा, लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा है. बताएं क्या करूं?

जवाब
डाक्टर ने आप को कैंडिडिआसिस (फंगल इन्फैक्शन) मान कर दवा लिखी है. मेरे विचार से आप की मूत्रनली में इन्फैक्शन (यूटीआई) हो सकता है. आप 5 दिनों तक भोजन करने के बाद सिप्रोफ्लोक्सासिन की गोली रोजाना 2 बार लें. इस से आप ठीक हो जाएंगी.

वायग्रा सिर्फ सेक्स के लिए नहीं, जानें यहां

डायमंड के आकार वाली छोटी सी नीली गोली वियाग्रा सैक्स पावर को बढ़ाने के अलावा दूसरी बीमारियों में भी कमाल का असर दिखाती है. वियाग्रा में मौजूद दवा सिल्डेनाफिल को मर्दों की सैक्स संबंधी कमजोरियों को दूर करने में असरकारक माना जाता है लेकिन एक नई रिसर्च के अनुसार, वियाग्रा अन्य कई गंभीर रोगों में भी फायदेमंद है.

कई देशों में वियाग्रा के साइड इफैक्ट्स के बारे में शोध करने पर इस के कई फायदे सामने आए जो चौंकाने वाले हैं. अमेरिका में किए गए एक शोध के अनुसार, ठंड के मौसम में अकसर लोगों की उंगलियों में ऐंठन, दर्द होना, मुड़ न पाना, पीली पड़ जाना जैसी समस्याएं हो जाती हैं. ठंड से बच कर इन समस्याओं से बचा जा सकता है.

इस समस्या से जूझ रहे मरीजों को सिल्डेनाफिल देने पर उन्हें काफी फायदा हुआ. ऐसे?स्थान जहां अधिक बर्फ पड़ती है, वहां के लोगों को माउंटेन सिकनैस की समस्या हो जाती है. ऊंचे स्थानों पर औक्सीजन की कमी होने से ब्लड में इस का लेवल कम हो जाता है जिस से पल्मोनरी धमनियां संकरी हो जाती हैं. ऐसे में हृदय को पंपिंग करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है और व्यक्ति की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है.

पल्मोनरी हाइपरटैंशन जैसी समस्या में भी सिल्डेनाफिल काफी प्रभावशाली होती है. फेफड़ों की बीमारी व हृदय संबंधी गड़बडि़यां होने पर पल्मोनरी हाइपरटैंशन की समस्या हो सकती है. पल्मोनरी हाइपरटैंशन के इलाज के लिए पुरुष व स्त्री दोनों के लिए सिल्डेनाफिल की 20 एमजी की 1-1 खुराक दिन में 3 बार निर्धारित की गई है. क्लीनिकल ट्रायल्स में इस दवा के काफी बेहतर परिणाम मिले हैं.

हृदय रोगियों के लिए हालांकि वियाग्रा सुरक्षित नहीं है लेकिन एक ही जगह पर रक्त की अधिकता, जिस की वजह से हार्ट फेल्योर की समस्या उत्पन्न होती है, के मरीजों के लिए सिल्डेनाफिल काफी प्रभावकारी होती है.  स्ट्रोक जैसी समस्या में सिल्डेनाफिल कमाल का असर दिखाती है. इस विषय पर शोध करने वाले जरमनी के डा. मैक रैपर का कहना है कि सिल्डेनाफिल मस्तिष्क के स्ट्रोक को दूर  करने में काफी अच्छा काम करती है.

सिल्डेनाफिल को ले कर नए शोध जारी हैं.  शोधों में इस से होने वाले लाभ और नुकसान के नतीजे सामने आ रहे हैं. बहरहाल, अब तक किए गए नतीजों से वियाग्रा एक लाभदायक दवा के रूप में भी सामने आई है. मगर ध्यान रहे, ऐसी कोई भी दवा बिना विशेषज्ञों की सलाह के बगैर न लें.

कंडोम: बीमारी दूर, मजा भरपूर

भारत जैसे विकासशील देश में बढ़ती हुई आबादी पर काबू पाना बहुत जरूरी हो गया है. आसान शब्दों में कहें कि अब ‘छोटा परिवार सुखी परिवार’ महज नारा ही नहीं, बल्कि आज की जरूरत है. इस के अलावा सेफ सैक्स से पतिपत्नी को किसी तरह की सैक्स संबंधी बीमारियों से भी बचाया जा सकता है.

सेफ सैक्स कैसे किया जाता है? इस के लिए क्याक्या सावधानियां बरतनी चाहिए? सेफ सैक्स करने के क्याक्या फायदे होते हैं और इस में किनकिन बातों का ध्यान रखना चाहिए? पतिपत्नी को इन सवालों के जवाबों की सही जानकारी होनी चाहिए.

भले ही सैक्स इनसान की जरूरत है, लेकिन इस का सेफ भी होना जरूरी है. एक बार की लापरवाही से बनाए गए सैक्स संबंध से आप की जिंदगी पूरी तरह से बदल सकती है. पत्नी को पेट से करा सकती है या फिर जिंदगीभर के लिए न ठीक हो सकने वाली कोई बीमारी दे सकती है.

वैसे भी आज के समाज में बहुत ज्यादा खुलापन आ गया है. पतिपत्नी के अलावा कई लोगों से जिस्मानी संबंध रखना आम बात हो गई है.

कुछ लोग तो इसे फैशन और नई सोच समझते?हैं, पर यह साथी के प्रति वफादारी और सेहत दोनों ही नजरिए से गलत है. इसी का नतीजा है कि समाज में सैक्स से जुड़ी कई तरह की बीमारियां बढ़ गई हैं.

पहले तो यह जान और मान लें कि शादी से पहले इस तरह के जिस्मानी संबंध बनाना किसी के भी भविष्य को बरबाद कर सकता है, इसलिए शादी से पहले इस तरह के संबंधों को न बनाएं.

सैक्स रोगों से बचने का सब से अच्छा तरीका है कि सैक्स ही न किया जाए या किया भी जाए तो केवल एक ही साथी से, जो आप का पति या पत्नी हो.

सेफ सैक्स का आसान और सस्ता तरीका है कंडोम का इस्तेमाल. हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें. यह अनचाहे पेट और सैक्स रोगों से बचाता है.

सैक्स और कंडोम

कंडोम का इस्तेमाल सेफ सैक्स के लिए किया जाता है. सेफ सैक्स को ले कर लोगों में आज भी तमाम भ्रांतियां फैली हुई हैं. इस के लिए न सिर्फ सेफ सैक्स के बारे में जानना जरूरी है, बल्कि यह भी जानना जरूरी है कि आखिर कंडोम के इस्तेमाल के फायदे क्या हैं. कंडोम और सेफ सैक्स में क्या संबंध है.

* आज भी ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें कंडोम की सिक्योरिटी पर शक होता है. ऐसे लोगों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि अगर कंडोम का सही और सावधानी से इस्तेमाल किया जाए तो इस के कोई बुरे नतीजे सामने नहीं आते?हैं.

* कंडोम को सेफ सैक्स का अच्छा विकल्प तो माना ही जाता है, साथ ही यह सैक्स में तमाम तरह की सेफ्टी भी रखता?है.

* सैक्स संबंधी तमाम बीमारियों से बचाने के लिए कंडोम बहुत ही फायदेमंद?है.

* कंडोम न सिर्फ अनचाहे पेट से बचाने में काफी मददगार है, बल्कि यह सैक्स संबंधी बीमारियों को भी काबू में रखता है.

  • आज कंडोम कई तरह की वैराइटी में, रंगों में मौजूद?है, लेकिन हर किसी को अपनी जरूरत के हिसाब से कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए.

* कंडोम से न सिर्फ इंफैक्शन, बल्कि किसी भी तरह की एलर्जी से बचा जा सकता?है.

* कंडोम के इस्तेमाल करने से एचआईवी एड्स जैसी खतरनाक बीमारियों को काबू में भी किया जा सकता?है.

* कंडोम न सिर्फ महफूज है, बल्कि बहुत उपयोगी, सस्ता और इस्तेमाल करने में भी आसान है.

* जिस्मानी संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करने से कंट्रासैप्टिव पिल्स यानी गर्भनिरोधक गोलियों को खाने से बचा जा सकता है.

* सेफ सैक्स के विकल्प के साथ ही यह अनचाहे पेट से भी बचाता है.

आमतौर पर किसी सैक्स रोग से पीडि़त औरत से बिना सावधानी बरते जिस्मानी संबंध बनाने से यह रोग मर्द को भी लग सकता है या फिर मर्द से औरत को भी यह रोग लग सकता है, इसीलिए संक्रमित रोगों के बचाव के लिए और सेफ सैक्स के लिए कंडोम का इस्तेमाल जरूरी है.

* कंडोम एक शारीरिक बाधा पैदा करता?है जो शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने से रोकता?है. इस वजह से औरत पेट से नहीं होती?है.

* कंडोम मुख्य रूप से बहुत पतले लेटैक्स रबड़ या पौलीयूरेथेन से बनता है.

कम कीमत और सुविधाजनक कंडोम को दुकानों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और औनलाइन हासिल करना बहुत ही आसान है. आप को कंडोम खरीदने के लिए कोई डाक्टरी परची या आईडी की जरूरत नहीं है. कहींकहीं पर तो यह मुफ्त में भी मिलता है.

एक फ्रैंडशिप क्लब में मेरे पैसे फंसे हुए हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी उम्र 23 साल है. कुछ समय पहले मैं ने एक फ्रैंडशिप क्लब में काम करने के लिए फार्म भरा था. उन्होंने दाखिले की फीस के नाम पर मुझ से काफी पैसे ले लिए. मुझे अभी तक कोई काम नहीं मिला है.

वे लोग अब कहते हैं कि और ज्यादा पैसे दो, तभी बात बनेगी. मेरे पैसे फंसे हुए हैं. क्या वे मुझे वापस मिल सकते हैं?

जवाब-

आप धोखेबाजों के चंगुल में फंस गए हैं. पहले रोजगार के लालच में पैसा दे चुके हैं, अब दोबारा ऐसी बेवकूफी न करें. पुराने पैसों के बाबत उन पर दबाव बनाएं और पैसा देने का कोई सुबूत हो तो पुलिस में रिपोर्ट लिखाएं. मीडिया के जरीए भी उन का फरेब उजागर करें, जिस से और नौजवान ठगने से बचें. उम्मीद कम ही है कि अब आप का पैसा वापस मिल पाएगा.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

आप भी पा सकते हैं मल्टिपल और्गैज्म

आप इस सच को अच्छा भी कह सकती हैं और बुरा भी, क्योंकि इससे सेक्शुअल संबंधों में आपका दबदबा कम भी हो सकता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि हालांकि मल्टिपल और्गैज्म (एक से अधिक बार चरम पर पहुंचना) पाना महिलाओं की शारीरिक विशेषता है, लेकिन यदि पुरुष इसे पाने के लिए थोड़ी मशकक्त करें तो वे भी इसका आनंद ले सकते हैं. यह मानना कि पुरुष हर सत्र में केवल एक बार ही और्गैज्म का अनुभव करते हैं, मिथक है.

इस राज का खुलासा

पुरुषों के लिए मल्टिपल और्गैज्म कोई नई संकल्पना नहीं है, बल्कि यदि आप प्राचीन ताओइस्ट की तकनीकों में मल्टिपल और्गैज्म के राज़ का खुलासा किया गया है. ताओइस्ट मान्तक चिया की किताब दि मल्टी-ऑर्गैज़्मिक मैन: सेक्शुअल सीक्रेट्स एवरी मैन शुड नो के अनुसार,‘‘और्गैज्म और इजेकुलेशन (स्खलन)-जो दो अलग-अलग शारीरिक प्रक्रियाएं हैं, के बीच के अंतर को सीखकर पुरुष मल्टिपल और्गैज्म पा सकते हैं.’’

होती है योग्यता

स्टेट यूनिवर्सिटी औफ न्यूयौर्क के एम ई डन और जेई फ्रॉस्ट द्वारा वर्ष 1979 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, पुरुषों में मल्टिपल और्गैज़्म पाने की योग्यता होती है. उन्होंने बताया कि पारंपरिक मान्यता के अनुसार एक स्वस्थ पुरुष में और्गैज्म के दो चरण होते हैं-और्गैज्म के बाद तुरंत स्खलन और फिर थोड़ा समय, जो सामान्य होने में लगता है. पर अपने शोध के दौरान डन और फ्रॉस्ट ने पाया कि एक नॉन-इजैकुलेटरी और्गैज्म भी होता है, जो इजैकुलेटरी और्गैज्म के पहले या बाद में भी आ सकता है. और इस तरह के कई और्गैज्म आ सकते हैं. ‘‘अध्ययनों से पता चलता है कि मास्टबेशन के दौरान युवकों को कई ऑगैज़्मिक पीक्स का अनुभव होता है, खासतौर पर इजैकुलेशन से ठीक पहले,’’ यह कहना है डॉ फेलिस डनास का, जो क्लीनिकल चायनीज मेडिसिन के विशेषज्ञ हैं.

इस कला को अर्जित किया जा सकता है

पुरुषों के लिए मल्टिपल और्गैज्म नाबिल्कुल अपने सपनों की महिला को पाने जैसा होता है-इसके लिए लगन, संयम और तीव्र इच्छाशक्ति की जरूरत होती है. सेक्सोलॉजिस्ट डॉ प्रकाश कोठारी इसे अर्जित कर सकनेवाली कला मानते हैं. वे कहते हैं,‘‘हालांकि पुरुषों में मल्टिपल और्गैज्म पाने की स्वाभाविक विशेषता नहीं होती, लेकिन सही तकनीक को सीख कर वे इसका आनंद उठा सकते हैं.’’

सेक्स का डबल मजा लेना चाहते हैं तो आज ही आजमाएं ‘डर्टी टौकिंग’

यों तो भारतीय समाज का एक बड़ा तबका सेक्स पर खुल कर बात नहीं पसंद करता व सेक्स आनंद की चीज है, यह तो पता होता है पर सिर्फ रात के अंधेरे में ही. कमरे की बत्तियों को बुझा कर सेक्स का लुत्फ उठाने वालों के लिए यह भले ही एक सामान्य प्रक्रिया लगती हो, पर विशेषज्ञों का मानना है कि सेक्स में नए नए प्रयोग शारीरिक सुख के साथ साथ मानसिक खुशी भी देती है.

लंबे सेक्स लाइफ के दौरान उब गए हों, कुछ नयापन चाहते हों, सेक्स संबंध के दौरान चुहूलबाजी कर उसे और भी मजेदार बनाना चाहते हों, तो डर्टी टौकिंग विद सेक्स संबंधों में गरमाहट ला देगी.

क्या है डर्टी टौकिंग

सेक्स के दौरान डर्टी टौकिंग न तो गाली है न ही ऐसी कोई बात कहनी होती है, जो सेक्स पार्टनर को बुरी लगे. सेक्स में डर्टी टौकिंग सेक्स क्रिया के दौरान साथी के अंगों को निहारना, सहलाना, हलकी छेड़छाड़ व खुल कर बातचीत करनी होती है.

कैसे बनाएं मजेदार

अगर आप को अपने प्यार भरे शब्दों के बाण से साथी को घायल करने में थोङी भी महारत हासिल है, तो डर्टी टौकिंग का कुछ इस तरह अंदाज गुदगुदी का एहसास कराएगी-

* सेक्स के दौरान कमरे की बत्तियों को जलने दें. संभव हो तो रंगीन बल्व जलाएं.

* हलका म्यूजिक चला दें. इस से मदहोशी का आलम बना रहेगा.

* एकदूसरे के अंगों को अपलक निहारें और उन की तारीफ करें.

* सेक्स के दौरान बातचीत उस पल को और हसीन बनाता है. आप चाहें तो तेज स्वर में भी बातचीत कर सकते हैं.

* अंगों का खुल कर नाम लें और बताएं कि वे आप को कितने पसंद हैं. सेक्स पार्टनर से भी ऐसा ही करने को कहें.

* इस दौरान सेक्स पार्टनर को अपनी आंखें खुली रखने के लिए बोलें.

* किचन में, बाथरूम में, बाथटब में बनाए सेक्स संबंधों को याद करें और खूब हंसें.

* कंडोम्स को ले कर भी खुल कर बात करें कि आप के सेक्स पार्टनर को कौन सी पसंद हैं.

* मार्केट में कई फ्लेवर्स व रंगों के कंडोम्स उपलब्ध हैं. उन पर खुल कर बात करिए और उन्हें आजमाइए भी.

यकीन मानिए, सेक्स की उपरोक्त क्रियाएं तनाव व भागदौड़ भरी जिंदगी से अलग ही सुकून देंगी और न सिर्फ रोमांचक लगेंगी, रिश्तों में नई जान व ताजगी का एहसास भी कराएंगी. याद रखिए कि सेक्स कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है.

क्या एक्सरसाइज दे सकती है आपको चरम सुख ?

आप महिला हो या पुरुष अगर आपको बिस्तर में बोरियत होने लगती है तो इसका मतलब है आप जिम में, खेल के मैदान में या व्यायाम करने में अधिक समय नहीं गुजार रहे हैं. ऑनलाइन प्रकाशित एक महत्वपूर्ण शोध आलेख ‘एन इन्वेस्टिगेशन ऑफ़ द रिलेशनशिप बेटवीन फिजिकल फिटनेस, सेल्फ-कांसेप्ट एंड सेक्सुअल फंक्शनिंग’ के मुताबिक कसरत के जरिए आप अपना सेक्स जीवन बेहतर बना सकते हैं. कसरत से होता यह है कि आपके जिस्म के निचले हिस्से में खून का संचार बढ़ जाता है और आप मूड में आ जाते हैं. साथ ही फिट और टोंडअप होने की वजह से आपका प्रेम सत्र खासे लम्बे समय तक के लिए चलता है और नयी व दिलचस्प चाहतों के लिए आपका बदन लचीला रहता है.

व्यायाम और उसके बाद रक्त गुप्तांगों में प्रवाह करने लगता है. इससे जब आप मूड में आते हैं तो सेंसेशन बढ़ जाता है. इस तथ्य को साबित करने के लिए टेक्सास विश्वविद्यालय की एक रिसर्च टीम ने एक प्रयोग किया. उसने 18 से 34 वर्ष की महिलाओं को एक्सरेटिड फिल्म दो बार दिखायी. पहली बार फिल्म देखने से पहले महिलाओं ने लगभग बीस मिनट तक बहुत मेहनत से साइकिलिंग की थी. लेकिन दूसरी बार कोई कसरत नहीं करायी गयी थी. शोधकर्ताओं ने दोनों स्थिति में उनकी उत्तेजना स्तर को मापा एक ऐसे यंत्र से जो गुप्तांगों में खून के संचार को नाप सकता है. उन्होंने पाया कि व्यायाम करने के बाद उत्तेजना स्तर 169 प्रतिशत बढ़ जाता है. इसकी वजह यह है कि व्यायाम से ब्लड प्रेशर बेहतर हो जाता है.

कसरत सेक्स की इच्छा को भी बढ़ा देती है क्योंकि इससे इंड्रोफिंस नामक दिमागी रसायन सक्रिय हो जाते हैं. इन रसायनों की वजह से ही आप सेक्स के दौरान अच्छा महसूस करते हैं. शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि जो महिलाएं नियमित कसरत करती हैं, वह संसर्ग से अधिक आनंदित होती हैं, उन महिलाओं की तुलना में जो व्यायाम को बोझ समझती हैं और आलसी होती हैं. कसरत से पुरुषों को महिलाओं से भी ज्यादा फायदा होता है. अध्ययन से मालूम हुआ कि अधेड़ उम्र के जो पुरुष व्यायाम नहीं करते थे, जब उन्हें एक-एक घंटे के लिए सप्ताह में तीन बार व्यायाम कराया गया तो उनका सेक्स जीवन बेहतर हो गया और वे अधिक संतुष्ट होने लगे. 20 से 30 मिनट तक रोजाना नियमित कसरत करने वालों को उन लोगों की तुलना में जो बिल्कुल व्यायाम नहीं करते, यौन शिथिलता की भी समस्या नहीं आती लेकिन ध्यान रहे कि अधिक कसरत भी अच्छी बात नहीं है; क्योंकि तब बेडरूम की हरकतों के लिए ऊर्जा ही नहीं बच पाती.

कसरत करने से आपका जिस्म चुस्त-दुरुस्त हो जाता है और आपमें अधिक आत्मविश्वास आ जाता है. आप नये प्रयोग करने में आराम महसूस करते हैं लेकिन दो-चार बार हाथ-पैरों को हिलाने से कसरत नहीं हो जाती. परिणाम हासिल करने के लिए कसरत करने के भी तरीके हैं. तैराकी इस सिलसिले में सबसे अच्छी कसरत है क्योंकि इससे आपका फिटनेस स्तर बढ़ जाता है और लव मेकिंग स्टेमिना भी. बिना उच्च प्रभाव के यह ऐरोबिकली तीव्र है. जो सेक्स के लिए आवश्यक मांसपेशियां हैं जैसे पेट, हाथ, हैमस्ट्रिंग आदि से वह मजबूत हो जाती हैं. दिल मजबूत हो जाता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर. तैराकी में भी ब्रेस्ट स्ट्रोक अधिक फायदेमंद है क्योंकि फ्राग किक से जांघों के अंदर की मांसपेशियां तगड़ी हो जाती हैं और आप अपने आपको नियंत्रित करना सीख जाते हैं.

अच्छे सेक्स के लिए जिस्म के निचले हिस्से को जिम में टोनिंग क्लासेस के जरिए बेहतर बनाया जा सकता है. इससे वह सब मांसपेशियां टाइट हो जाती हैं जो सेक्स के दौरान हरकत में आती हैं. इसे आज की भाषा में लेग, बम एंड टम कहते हैं और इससे कमर का निचला हिस्सा ताकतवर हो जाता है और मसल स्ट्रेन से आपको बचाता है. पाइलेट क्लासेस से पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियां ताकतवर हो जाती हैं और महिलाओं को चरम सुख हासिल करने में मदद करती हैं. इससे नये प्रयोग किये जा सकते हैं बिना टांगों और जांघों में क्रैम्प लाये.

दौड़ना भी अच्छी कसरत है. यह दिल को मजबूत, टांगों को टोन करता है और सेल्यूलाइट को खत्म कर देता है. दौड़ने से ऊर्जा और स्टेमिना बढ़ता है साथ ही बर्दाश्त करने के स्तर में इजाफा होता है और सांस पर नियंत्रण. अगर सेक्स के दौरान आप अपने सांस पर एकाग्रता रखें तो आप अपनी उत्तेजना के स्तर से अधिक परिचित रहेंगे, जिससे आप चरम आनंद को नियंत्रित कर सकते हैं. यह धारणा गलत है कि दौड़ने से सेक्स के लिए ऊर्जा खत्म हो जाती है. एथलीटों के अनुभव सुनें, तो वह बताते हैं कि दौड़ने ने उन्हें बिस्तर में अधिक सक्रिय बना दिया है.

आप किसी भी डांसर को देख लें, उसमें स्टेमिना भी होगा और उसका जिस्म भी टोंडअप होगा. बैले डांस तो अल्टीमेट वर्कआउट है. आपके ताकतवर हाथ-पैर कमर के निचले हिस्से पर पड़ने वाले दबाव को कम कर देते हैं जिससे आप बेडरूम में अधिक नियंत्रण प्रदर्शित कर सकते हैं. अधिक फायदा उठाने के लिए किसी डांस क्लास के सदस्य बन जाओ और फिर जीवन का आनंद उठाओ.

मेरी छाती लड़कियों की तरह फूल गई है, इलाज बताएं?

सवाल-

मैं एक 22 साल का लड़का हूं. मेरी छाती लड़कियों की तरह फूल गई है. इलाज बताएं?

जवाब-

आप गायनेकोमैस्टिया से पीड़ित हैं जो आप की उम्र के लड़कों में सामान्य बात है. इसे लिपोसक्शन और सर्जरी कर ऐक्स्ट्रा फैट और ग्लैंड्सयूलर टिशू को निकाल कर सर्जिकल तरीके से ठीक किया जा सकता है. यह सर्जरी लोकल या जनरल एनेस्थैटिक में की जा सकती है. इस के लिए आप को एक प्लास्टिक सर्जन से सलाह लेनी होगी.

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पूरे बदन की साफ-सफाई के प्रति लापरवाही न बरतने वाले मर्द भी अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई पर खास ध्यान नहीं देते हैं, जिस की वजह से वे कई तरह के खतरनाक इंफैक्शन के शिकार हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि प्राइवेट पार्ट की साफसफाई कैसे की जाती है और उस से होने वाले फायदों के बारे में :

बालों की छंटाई करें

प्राइवेट पार्ट के आसपास के अनचाहे बालों की समयसमय पर सफाई करनी चाहिए, वरना बाल बड़े हो जाते हैं. इस की वजह से ज्यादा गरमी पैदा होती है और इन बालों की वजह से ज्यादा पसीना निकलने लगता है. बदबू भी आने लगती है. बैक्टीरिया पैदा होने से इंफैक्शन फैल जाता है. इस वजह से चमड़ी खराब हो जाती है. खुजली, दाद वगैरह की समस्या पैदा हो जाती है. देखा गया है कि अनचाहे बाल लंबे व घने हो जाने से उन में जुएं भी हो जाती हैं, इसलिए उन्हें समयसमय पर साफ करते रहना चाहिए. प्राइवेट पार्ट के अनचाहे बालों की सफाई के लिए कैंची से छंटाई करना अच्छा उपाय है. इस के अलावा ब्लेड  या हेयर रिमूवर क्रीम का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

सावधानी

प्राइवेट पार्ट के अनचाहे बालों की सफाई जल्दबाजी, हड़बड़ी या डर कर न करें. छंटाई के लिए छोटी धारदार कैंची का इस्तेमाल करें. अनचाहे बालों को अगर रेजर से साफ करना चाहते हैं, तो नए ब्लेड का इस्तेमाल करें. पहले इस्तेमाल किए ब्लेड से बाल ठीक तरह से नहीं कटते हैं. उलटा ब्लेड कभी न चलाएं, इस से चमड़ी पर फोड़ेफुंसी होने का डर रहता है. हेयर रिमूवर क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले एक बार टैस्ट जरूर कर लें. अगर उस से एलर्जी होती है, तो इस्तेमाल न करें.

अंग दिखेगा बड़ा

प्राइवेट पार्ट के एरिया में बाल बड़े हो जाने से अंग उन में छिप जाता है, जिस से उस का आकार छोटा दिखाई देने लगता है. अनचाहे बालों को साफ करने से अंग का आकार बड़ा दिखने लगता है. इसे देख कर आप की पार्टनर ज्यादा मोहित होती है. प्यार के पलों के समय वह ज्यादा सहज महसूस करती है.

सेहतमंद महसूस करेंगे

प्राइवेट पार्ट के एरिया को साफ रखने से अंग सेहतमंद दिखाई देता है. आप भी संतुष्ट महसूस करते हैं, क्योंकि आप निश्चिंत हो जाते हैं कि अब आप को किसी तरह का इंफैक्शन नहीं है.

यह भी करें

अंग की नियमित सफाई करें. अंग के ऊपर की त्वचा को सावधानी के साथ पीछे की ओर ले जाएं. वहां सफेदपीला क्रीमनुमा चीज जमा होती है. यह पूरी तरह से कुदरती होती है. इस की नियमित सफाई न करने से बदबू आने या इंफैक्शन फैलने का डर बना रहता है. रोजाना नहाते समय कुनकुने पानी से इसे साफ करना चाहिए.

पेशाब करने के बाद अंग को अच्छी तरह से हिला कर अंदर रुके पेशाब को जरूर निकाल दें. इसे अपनी आदत में शुमार करें, क्योंकि अंग के अंदर रुका हुआ पेशाब बुढ़ापे में प्रोटैस्ट कैंसर के रूप में सामने आ सकता है. माहिर डाक्टरों का कहना है कि अगर अंग के अंदर का पेशाब अच्छी तरह से निकाल दिया जाए, तो प्रोटैस्ट कैंसर का डर खत्म हो जाता है.

अंडरगारमैंट्स पर ध्यान दें

रोजाना नहाने के तुरंत बाद ही अपने अंडरगारमैंट्स को बदलें. कई दिनों तक इस्तेमाल किए गए अंडरगारमैंट्स पहनने से प्राइवेट पार्ट के एरिया में इंफैक्शन फैलने का डर बढ़ जाता है. दूसरों के अंडरगारमैंट्स, साबुन वगैरह इस्तेमाल न करें. इस से भी इंफैक्शन फैलने का डर रहता है. नहाने के बाद इस एरिया को तौलिए से अच्छी तरह से सुखा लें. हमेशा सूती अंडरगारमैंट्स पहनें. नायलौन के अंडरगारमैंट्स कतई न पहनें, क्योंकि उन में से हवा पास नहीं हो पाती है. इस वजह से प्राइवेट पार्ट के एरिया को भी अच्छी तरह से हवा नहीं मिल पाती है, जिस से कई तरह की बीमारियां पैदा हो सकती हैं.

सेक्स संबंध बनाने के बाद

सेक्स संबंध बनाने के बाद अंग को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए, क्योंकि सेक्स के समय व बाद में इस के अंदर कई तरह के स्राव बनते हैं. इन्हें साफ न करने पर इंफैक्शन हो सकता है. इस एरिया को पानी से साफ करें. सफाई करने के बाद अंग को अच्छी तरह से पोंछ कर सुखा लें.

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