मकान मालिक की पत्नी मेरे साथ रिश्ता बनाना चाहती है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं दिल्ली में किराए के मकान में रहता हूं और बीए की तैयारी कर रहा हूं. मेरे मकान मालिक का किसी दूसरी औरत के साथ नाजायज रिश्ता है, ऐसा उस की पत्नी मु झे बताती है. वह अपने पति को सबक सिखाने के लिए मेरे साथ रिश्ता बनाना चाहती है. वह औरत भरेपूरे बदन की है. उसे देख कर मेरा भी ईमान डगमगाने लगता है. मैं क्या करूं?

जवाब-

अपने ईमान को काबू में रखें. आप के मांबाप ने दिल्ली में आप को पढ़ने के लिए भेजा है, भरेपूरे बदन का नाप लेने नहीं. अगर सबकुछ बिना किसी अड़ंगे के हो जाए तो अपनी ख्वाहिश पूरी कर लें, वरना ऐसे मामलों में कई बार लेने के देने भी पड़ जाते हैं, खासतौर से छात्रों का तो कैरियर बरबाद हो जाता है.

मुमकिन है कि आप की मकान मालकिन आप को हासिल करने के लिए पति के बाबत  झूठ बोल रही हो और इस के लिए वह आप के लिए अभी कुछ भी करने को तैयार हो सकती है. अब यह आप के सब्र और सम झ के ऊपर है कि आप हालात का फायदा कैसे उठाते हैं, भरेपूरे बदन के साथ कुछ और भी हासिल कर पाते हैं.

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मैं डायबिटीज का मरीज हूं, मैं अपने खाने पीने पर कंट्रोल कैसे करूं?

सवाल-

मेरी उम्र 48 साल है और मैं पिछले कई साल से डायबिटीज का मरीज हूं. इस के बावजूद मेरा मन उन्हीं चीजों को खाने का ज्यादा करता है, जिन्हें डाक्टर मुझे खाने से मना करते हैं. मैं इस समस्या से कैसे छुटकारा पाऊं?

जवाब-

जब आप टाइप 2 डायबिटीज से पीडित हों तो आप जो खाते हैं, उस से आप को ब्लड शुगर को कंट्रोल करने, भूख को कम करने में मदद मिलती है और लंबे समय तक पेट के भरे होने का अहसास होता है.

डायबिटीज तब होती है, जब आप का ब्लड शुगर या ग्लूकोज लैवल सामान्य से ज्यादा होता है. कार्बोहाइड्रेट से भरपूर चीजें जैसे रोटियां, अनाज, चावल, पास्ता, फल, दूध और मिठाई की वजह से इस की बढ़ोतरी होती है. इन का ज्यादा सेवन करने से बचें.

आप के खाने में फाइबर से भरपूर प्रोटीन और कम वसा वाली चीजें होनी चाहिए. आप को हमेशा डाक्टरी सलाह ले कर कम मात्रा में ऐसा खाना चाहिए जो आप को पसंद हो.

मेरी पत्नी दूसरे मर्दों से ज्यादा हंसबोल लेती है जिससे मुझे बहुत परेशानी होती है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी उम्र 28 साल है और मैं 2 बच्चों का पिता हूं. मेरी पत्नी वैसे तो मुझ से बहुत प्यार करती है और घर को भी अच्छी तरह से संभालती है, पर वह दूसरे मर्दों से भी हंसबोल लेती है, जिस से मुझे बड़ी पीड़ा होती है. मैं उसे समझाता हूं तो वह कहती है कि मुझे उस के किरदार पर शक नहीं करना चाहिए. मैं बहुत तनाव में रहता हूं. मैं क्या करूं?

जवाब-

पराए मर्दों से हंसबोल लेना कोई गुनाह नहीं है. आप अपनी पत्नी पर बेवजह शक या गुस्सा कर रहे हैं. उसे प्यार से समझाएं कि आप को यह पसंद नहीं और इस से आप को पीड़ा होती है, तो वह मान भी सकती है. लेकिन याद रखें कि यह उस के साथ ज्यादती ही होगी.

यह अकेले आप ही की नहीं, बल्कि कई पतियों की पीड़ा है, जिन की पत्नियां दूसरे मर्दों से हंसबोल लेती हैं. हर पति अपनी पत्नी को जायदाद या चाबी वाली गुडिया समझता है, जो उस की ख्वाहिश के मुताबिक चले. इस सोच से खुद को बचा कर रख पाएं, तो आप की समस्या अपनेआप हल हो जाएगी.

आखिर लड़कों से क्यों नहीं पूछी जाती वर्जिनिटी

हर युवक या बौयफ्रैंड अपने लिए वर्जिन युवती या गर्लफ्रैंड ही चाहता है. भले ही वह खुद कितनी ही युवतियों की वर्जिनिटी भंग कर चुका हो. साथ ही यह माना जाता है कि यदि युवती वर्जिन है तो ही वह चरित्रवान है, लेकिन युवक के लिए ऐसी कोई शर्त ही नहीं है. उसे तो हमेशा ही वर्जिन माना गया है. आखिर वर्जिनिटी क्या है? युवक क्यों देते हैं इसे इतनी अहमियत? इस का युवती के चरित्र से क्या संबंध? ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब और गलतफहमियों को समझने की जरूरत है.

पिछले साल की बहुचर्चित फिल्म ‘पिंक’ में जब वकील कोर्ट में खुलेआम तापसी पन्नू के किरदार से सवाल करता है कि उस की वर्जिनिटी कब खोई थी, तो वहां सन्नाटा पसर जाता है. भारत में युवकयुवती का फर्क सिर्फ लिंगभेद तक ही सीमित नहीं रहता  बल्कि वर्जिनिटी के सवाल को ले कर भी है.

सेक्स और वर्जिनिटी

गर्लफ्रैंड जब अपने बौयफ्रैंड से मिलती है तो जाहिर है कि आज की जनरेशन सेक्स से परहेज नहीं करती. इसलिए दोनों में उन्मुक्त सेक्स होता है और पारंपरिक रोमांस भी, जब तक दोनों का अफेयर चलता है, कायदे से दोनों ही अपनी वर्जिनिटी खो चुके होते हैं.

बौयफ्रैंड चाहे कितनी ही बार सेक्स कर ले, कितनी ही युवतियों का दिल तोड़े, उस से कभी उस की वर्जिनिटी को ले कर सवाल नहीं पूछा जाता. युवती की शादी में भी कई सवाल पूछे जाते हैं, लेकिन युवक वर्जिन है या नहीं, इस सवाल को कोई नहीं उठाता. वहीं युवती का हर दूसरा बौयफ्रैंड यही उम्मीद रखता है कि उस की गर्लफ्रैंड वर्जिन हो यानी उस ने किसी के साथ सेक्स न किया हो. भले ही युवक ने अपनी ऐक्स गर्लफ्रैंड के साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए हों पर युवती उसे वर्जिन चाहिए.

युवक भी वर्जिन होते हैं

कालेज और क्लास में अकसर स्टूडैंट्स के बीच आम बहस का टौपिक होता है कि उन की गर्लफ्रैंड या क्लासमेट ने अपनी वर्जिनिटी कब खोई थी. बड़े दिलचस्प अंदाज में युवक अंदाजा लगाते हैं कि फलां युवती वर्जिन है या नहीं. अपनी गर्लफ्रैंड बनाने की पहली प्राथमिकता भी वह एक वर्जिन युवती को ही देते हैं, लेकिन वे खुद के गिरेबान में कभी झांक कर नहीं देखते कि वे वर्जिन कहां हैं?

अमिताभ बच्चन इस विषय पर अपनी राय रखते हुए कहते हैं कि अगर युवतियों से उन की वर्जिनिटी, कौमार्य या कुंआरेपन को ले कर सवाल पूछे जाते हैं तो युवकों से भी ये सवाल पूछे जाने चाहिए. इस में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. वे आगे कहते हैं कि अगर किसी युवती से कुछ पूछा जाता है तो उस पर सवालिया निशान लगता है जैसे उस ने कोई गलत काम कर दिया है, लेकिन जब युवकों का मामला हो तो सवाल विस्मयादिबोधक चिह्न के साथ आता है जैसे उन्होंने कोई महान काम कर दिया हो.

वर्जिनिटी टैस्ट में फेल तो…

आएदिन अखबारों में इस तरह की खबरें पढ़ने को मिल जाती हैं, जहां वर्जिनिटी टैस्ट करने के नाम पर युवती की शादी टूट जाती है या फिर उसे प्रताडि़त किया जाता है. गर्लफ्रैंड और बौयफ्रैंड के रिश्ते भी इसी बात के आधार पर टूट जाते हैं. पिछले दिनों यह खबर आई थी कि महाराष्ट्र के नासिक में एक पति ने शादी के 2 दिन बाद ही अपनी पत्नी को सिर्फ इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि वह वर्जिनिटी टैस्ट में फेल हो गई.

इतना ही नहीं युवती वर्जिन है या नहीं इस का फैसला करने के लिए पंचायत के सदस्यों द्वारा शादीशुदा जोड़े को बिस्तर पर सफेद चादर बिछा कर सेक्स करने के लिए कहा जाता है. सेक्स के बाद अगर चादर पर खून के धब्बे नहीं मिलते, तो युवती को वर्जिन नहीं माना जाता. इस मामले में युवक ने अपनी पत्नी के वर्जिनिटी टैस्ट का प्रमाण पंचायत को सौंपा. युवक ने सुबूत के तौर पर वह चादर पंचायत के सामने पेश की. इस चादर पर खून के धब्बे न होने पर पंचायत के सदस्यों ने पति को शादी खत्म करने की अनुमति दे दी.

वर्जिन टैस्ट और भ्रम

आम धारणा है कि जिस युवती ने पहली बार सेक्स कर लिया उस की फीमेल रिप्रोडक्टिव और्गन में पाई जाने वाली हाइमन झिल्ली फट जाती है और ब्लड निकल जाता है. अगर वह झिल्ली न फटे तो उसे वर्जिन होने की निशानी माना जाता है. बस, इसी बात को ले कर गलतफहमी है कि पहली बार सेक्स करते समय गर्लफ्रैंड को ब्लीडिंग हुई तो वह वर्जिन वरना नहीं, जबकि गाइनोकोलौजिस्ट और सेक्स ऐक्सपर्ट मानते हैं कि हाइमन झिल्ली का सेक्स संबंध और वर्जिनिटी से कोई वास्ता नहीं है. 90त्न युवतियों की यह झिल्ली साइकिलिंग, घुड़सवारी, डांस या अन्य शारीरिक क्रियाओं के दौरान फट जाती है. ऐसे में यह कहना कि युवती ने सेक्स किया है, गलत है.

बौयफ्रैंड की भी वर्जिनिटी जांचें

अगर बौयफ्रैंड बातबात पर वर्जिन होने का सुबूत मांगे तो उस का भी वर्जिनिटी का परीक्षण करना चाहिए. इस से न सिर्फ उसे सबक मिलेगा बल्कि वह वर्जिन जैसी बेमतलब की बातों को दोबारा नहीं पूछेगा. लेकिन यह कैसे पता करें? यदि आप को भी बौयफ्रैंड की वर्जिनिटी चैक करनी है तो उस से सवाल करें और उस के व्यवहार को समझें. मसलन, अगर बौयफ्रैंड वर्जिन है तो आप के साथ सेक्स करने में जल्दबाजी नहीं करेगा. सेक्स के दौरान भी काफी असहज दिखेगा. पहली बार संबंध बनाते समय घबराता है या फिर वह पोजीशन नहीं जमा पाता. वह आप के साथ संबध बनाने से कतराएगा, जबकि पहले से सेक्स संबंध बना चुका बौयफ्रैंड आसानी से सेक्स करेगा. वर्जिन बौयफ्रैंड गर्लफ्रैंड से एक दूरी बना कर बात करेगा और कई बार घबराएगा भी, जबकि वर्जिनिटी खो चुका बौयफ्रैंड खुल कर गर्लफ्रैंड को टच करेगा और जबतब सेक्स करने के मौके खोजेगा.

कुल मिला कर युवकयुवती का संबंध प्रेम पर टिका हो न कि सेक्स और वर्जिनिटी के सवाल पर. वर्जिन कोई नहीं होता. किसी ने सेक्स किया होता है और कोई पोर्न फिल्में देख कर खयाली सेक्स करता है इसलिए गर्लफ्रैंडबौयफ्रैंड का रिश्ता भरोसे पर टिका हो और जो युवक युवती से उस की वर्जिनिटी को ले कर सवाल करे उसे पहले युवती को अपनी वर्जिनिटी का सुबूत देना चाहिए.

मेरी बीवी हमेशा नाराज रहती है, मैं क्या करुं?

सवाल

मेरी शादी को 3 साल हो गए हैं. मैं अपनी बीवी से बहुत प्यार करता हूं. लेकिन पता नहीं क्यों वह हर समय मुझ से नाराज रहती है और कुछ बताती भी नहीं है. मैं ने कई बार पूछा भी लेकिन वह चुप्पी साध लेती?है. मैं क्या करूं?

जवाब

मुमकिन है कि आप की पत्नी ने अपनी पसंद से शादी न की हो लेकिन 3 साल में उस की नाराजगी की वजह कुछ भी हो, दूर हो जानी चाहिए थी. हालांकि, यह भी जरूरी नहीं है कि इस की कोई वजह हो. कई लोगों का?स्वभाव ही ऐसा होता है कि वे हर किसी से खिंचेखिंचे से रहते हैं. बेहतर होगा कि आप अपनी पत्नी से खुल कर बात करें.

आखिर कैसे सेक्स लाइफ को प्रभावित करती है शराब, पढ़े खबर

मशहूर नाटककार शेक्सपियर ने कहा है कि शराब कामेच्छा तो जगाती है, पर काम को बिगाड़ती भी है. यह बात सौ फीसदी सच है. अगर लंबे समय तक शराब का सेवन किया जाए तो उत्तेजना में कमी आ जाती है. यही नहीं और भी कई तरह की परेशानियां शराब के कारण हो जाती हैं.

इस बारे में सेक्सोलौजिस्ट डाक्टर बीर सिंह का कहना है, ‘‘शराब सेक्स के लिए जहर है. यह बात और है कि शराब पी लेने के बाद चिंता थोड़ी कम हो जाती है और शराब पीने वाला ज्यादा आत्मविश्वास से सहवास कर पाता है. लेकिन कोई व्यक्ति लंबे समय तक शराब का सेवन करता रहे तो वह नामर्दी तक का शिकार हो सकता है.’’

आइए, जानें कि शराब किस तरह से सेक्स के लिए हानिकारक है:

छवि का खराब होना

सुहागरात से पहले शराब का सेवन करने से जीवनसाथी की नजर में छवि खराब होती है. ऐसे में यह भी संभव है कि वह अपने जीवनसाथी का विश्वास पहली ही रात को खो दें. सुहागरात नए रिश्ते की शुरुआत की रात होती है. इस मौके पर अपने जीवनसाथी के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करें. उसे समझें और खुद को भी उसे समझने का मौका दें. आप के शराब पी कर आने पर वह आप के बारे में अच्छा नहीं सोच पाएगी.

स्पर्म काउंट कम होने की संभावना

शराब के अधिक सेवन और जरूरत से ज्यादा तनाव लेने से पुरुषों के स्पर्म काउंट कम होने की संभावना भी रहती है. हाल ही में एक रिसर्च से पता चला है कि लगातार शराब के सेवन से शुक्राणुओं पर बुरा असर पड़ता है. जितनी अधिक शराब का सेवन उतनी ही खराब क्वालिटी का वीर्य. शराब के दुष्प्रभाव से हारमोन का संतुलन भी बिगड़ता है, जिस से शुक्राणुओं पर बुरा असर पड़ता है.

नशा उतरने पर अफसोस होता है

शराब के सेवन के बाद आप अपने होश में नहीं रहते हैं और कुछ ऐसा कर जाते हैं, जिस के बारे में आप ने सोचा नहीं होता. नशे में आप को वह महिला भी आकर्षक नजर आती है जिसे आप होश में होने पर पसंद नहीं करते. नशे में आप उस के साथ काफी आगे तक बढ़ जाते हैं. लेकिन जब नशा उतरता है तो पता चलता है कि आप से क्या हो गया, क्योंकि तब आप को वह उतनी आकर्षक नहीं लगती जितनी कि नशे में लग रही थी. तब आप को अफसोस होता है कि आप ने ऐसा क्यों किया.

परफौर्मैंस गिराती है

शराब के नशे में नियंत्रण खो देना आम बात है. खासकर जब 1 या 2 पैग ज्यादा ले लिए जाएं. लेकिन जब आप बिस्तर में पहुंचते हैं तो आप को लगता है कि काश कम पी होती, क्योंकि आप होश में नहीं होते और खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाते. इस का असर आप की परफौर्मैंस पर पड़ता है. शायद इसी वजह के चलते शैक्सपीयर ने कहा है कि शराब डिजायर बढ़ाती है पर परफौर्मैंस गिराती है.

खतरे से भरी सेक्स लाइफ

शराब के असर से लोग अकसर अविवेकपूर्ण सेक्स में लिप्त हो जाते हैं. इस का परिणाम सेक्स संक्रमित रोग होना, गर्भ ठहरना और पुराने रिश्तों के टूटने में हो सकता है. इस के अलावा और भी कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं. महिलाओं में शराब की वजह से मासिकधर्म की दिक्कतें शुरू हो जाती हैं. हारमोन संतुलन भी बिगड़ जाता है, जिस का असर सेक्स लाइफ पर पड़ता है. शराब के सेवन से लिवर खराब हो जाता है, पाचनतंत्र पर असर पड़ता है, कैंसर की संभावना बढ़ जाती है. अधिक मात्रा में शराब का सेवन दिल को कमजोर करता है, क्योंकि शराब पीने के बाद रक्तसंचार बढ़ जाता है जिस कारण दिल ज्यादा तेजी से धड़कता है.

नशे की हालत में भूल

नशे की हालत में अकसर गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करना भूल जाना आम बात है, क्योंकि आप अपने होश में नहीं होते. आप में सही और गलत के बीच फर्क करने की क्षमता नहीं होती. फिर जब सुबह आंख खुलती है और नशा उतर गया होता है तब एहसास होता है कि हम गलती कर बैठे. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और उस गलती का खमियाजा भुगतना पड़ता है.

गर्भावस्था के लिए हानिकारक

जब आप गर्भवती हो जाएं तो आप का शराब से दूर रहना आवश्यक है, क्योंकि यह एक कटु सत्य है कि अगर मां शराब पी रही है तो बच्चा भी शराब पी रहा है. मां के द्वारा पी गई शराब बच्चे के रक्तप्रवाह का हिस्सा बन जाती है. इस का प्रभाव शिशु के मानसिक विकास पर भी पड़ता है. अधिक शराब के सेवन से शिशु के शरीर का आकार कम हो सकता है.

उत्तेजना में कमी आती है

अधिक शराब पीने से लिंग की उत्तेजना में कमी आ जाती है. इसी तरह यदि महिला ने भी शराब पी हो, तो उस के लिए भी चरम सुख तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है.

सेक्स का मजा किरकिरा हो जाता है

सेक्स क्रिया को ऐंजौय करने और मिलन का समय बढ़ाने के लिए जरूरी है कि आप शराब या अन्य नशीले पदार्थ का सेवन न करें, क्योंकि नशे में आप को जल्दी नींद आ सकती है, जिस से सेक्स का मजा किरकिरा हो सकता है.

कुछ भी करने को मजबूर कर देती है

नशे की लत लोगों को कुछ भी करने को मजबूर कर देती है. नशे के लिए लोग अच्छे और बुरे में फर्क को भूल जाते हैं. जब शराब की लत लगती है तो वे इस के लिए कुछ भी करने से गुरेज नहीं करते. महिलाएं पैसे के लिए अपना शरीर बेचने तक को तैयार हो जाती हैं.

आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में अस्मत के एक ऐसे लुटेरे का मामला सामने आया, जो शराब और सिगरेट देने के एवज में लड़कियों की इज्जत लूटता था. यह व्यक्ति फ्री में शराब और सिगरेट देने के एवज में लड़कियों से शारीरिक संबंध बनाता था. मन भर जाने पर उन से किनारा कर लेता था. पर उधर लड़कियों को नशा करने की लत लग गई होती थी. तब वे अपनी इस लत को पूरा करने के लिए अपनी मरजी से उस के साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो जाती थीं. सिडनी की एक जिला अदालत में उस व्यक्ति पर सेक्स, बलात्कार और नशे का लालच देने जैसे कई मामलों में केस चल रहे हैं.

मैं एक हिंदू लड़की से प्यार करता हूं पर अब किसी और से उस की शादी हो गई है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 25 साल का मुसलिम हूं. मैं पिछले 4 सालों से एक हिंदू लड़की से प्यार करता हूं, अब किसी और से उस की शादी हो गई है, पर वह मेरे पास आने के लिए बेताब है. वह कहती है कि मेरे बगैर वह जान दे देगी. मैं भी उस के बिना जी नहीं पा रहा हूं. मैं क्या करूं?

जवाब-

आप दोनों में इतना प्यार था, तो उस की कहीं और शादी होने से पहले ही आप लोगों को अदालती शादी कर लेनी चाहिए थी. अब चूंकि उस की शादी हो चुकी है, इसलिए समझदारी यही होगी कि आप लोग इस प्यार को यहीं खत्म कर दें. तलाक ले कर दूसरी शादी करना आसान नहीं.

सैक्स स्टार्वेशन से खुद को बचाएं

कोरोना वायरस के चलते लोगों का जीवन उथलपुथल हो गया. इस ने न केवल लोगों के दिलोदिमाग बल्कि उन की सैक्सलाइफ में भी भारी दखल दिया है. ऐसे में कपल्स के जीवन में सैक्स स्टार्वेशन नाम की नई समस्या पैदा हो गई. आइए जानते हैं, यह है क्या?

कोरोना के कहर के बाद लगे लौकडाउन के दौरान लोगों की जिंदगी किस तरह प्रभावित हुई, इस के दीर्घकालिक नतीजे काफी दिनों बाद आएंगे क्योंकि विभिन्न एजेंसियां अभी सर्वे और स्टडी कर रहीं हैं. लेकिन, तात्कालिक नतीजों से एहसास होता है कि उन दिनों और एक हद तक इन दिनों में भी सबकुछ पहले जैसा और एकदम सामान्य नहीं है. लोग अभी भी खुद को असहज महसूस कर रहे हैं क्योंकि कोरोना की दहशत उन के दिलोदिमाग पर छाई हुई है. और जब तक जिंदगी उलटपुलट कर देने वाले इस वायरस की वैक्सीन नहीं आ जाएगी तब तक सबकुछ सामान्य हो जाने की उम्मीद करना मनबहलाऊ बात ही होगी.

खानपान, रहनसहन और परंपराओं सहित लोगों की सैक्सलाइफ पर भी इस दौरान असर हुआ लेकिन कैसे, यह जानना किसी दिलचस्प उपन्यास पढ़ने जैसा काम है.

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आइए कुछ सर्वे और स्टडी रिपोर्ट्स पर नजर डालें.

यूके की एक स्टडी के मुताबिक, लौकडाउन के शुरुआती दौर में कपल्स ने साथ रहते हुए भी सैक्स संबंधों से परहेज रखा. जबकि, उम्मीद यह की जा रही थी कि अकेले रह रहे कपल्स सैक्स को एंजौय करेंगे. जून के दूसरे सप्ताह में यूके की एंग्लिया यूनिवर्सिटी के प्रोफैसर्स मार्क टुली और ली स्मिथ ने बताया था कि इस वक्त लोग महामारी की चिंता के चलते अच्छे मूड में नहीं थे, इसलिए उन्होंने सैक्स से दूरी बनाए रखी. जो लोग शादीशुदा नहीं हैं वे भी अपने सैक्सुअल पार्टनर से नहीं मिल पाए.

इस स्टडी के एकदम उलट एक दिलचस्प वाकेआ दक्षिण अफ्रीका से सामने आया था जहां की एक महिला ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करते हुए सरकार से शिकायत की थी कि लौकडाउन में उस का पति दिनरात सैक्स करता रहता है. इस से उस का जीना दूभर हो गया है. लिहाजा, सरकार लौकडाउन हटा ले. फिर देखते ही देखते सैकड़ों महिलाओं ने सरकार से मांग कर डाली कि लौकडाउन खत्म करो और पतियों को काम पर भेजो. एक पीडि़त पत्नी ने तो यह तक कह डाला था कि जैसे ही उस की नींद खुलती है, पति सैक्स के लिए तैयार खड़ा मिलता है. पहले पति को संतुष्ट करो, फिर खाना बनाओ, लेकिन खाने के बाद वह फिर सैक्स के लिए तैयार हो जाता है. क्या सरकार ने लौकडाउन सैक्स के लिए किया है.

हैरानी की बात यह है कि हमारे देश में सैक्स पर चर्चा करना भी वर्जित है, हालांकि, लौकडाउन के दौरान यहां सैक्सटौयज की बिक्री में 65 फीसदी का इजाफा हुआ. एक वैबसाइट, डेट्स पर्सनल डौट कौम, की एनालिटिकल रिपोर्ट ‘इंडिया अनकवर्ड – इनसाइटफुल एनालिसिस औफ सैक्स प्रोडक्ट्स ट्रैंड्स इन इंडिया’ में खुलासा किया गया कि भारतीय बाजार में सैक्स प्रोडक्ट्स की बिक्री के रु झानों और ग्राहकों के व्यवहार का अंदाजा लगता है. सैक्सटौयज की बिक्री में महाराष्ट्र पहले, कर्नाटक दूसरे और तमिलनाडु तीसरे नंबर पर रहे जबकि शहरों के लिहाज से देखें तो मुंबई पहले, बेंगलुरु दूसरे और नई दिल्ली तीसरे नंबर पर रहे. इस लंबेचौड़े ब्योरे में यह भी बताया गया कि सैक्सटौयज खरीदने वाले अधिकांश उम्मीदवारों की उम्र 25 से 34 साल के बीच है.

यह सैक्स स्टार्वेशन है

अलगअलग देशों के लोगों ने लौकडाउन के दौरान अलगअलग यौन व्यवहार प्रदर्शित किया, लेकिन, हमारे देश में सैक्सटौयज की बढ़ती बिक्री यह बताती है कि लोगों, खासतौर से युवाओं, ने सैक्स की अपनी भूख मिटाने के लिए कृत्रिम तरीके का सहारा ज्यादा लिया, क्योंकि उन का सैक्सपार्टनर से मिल पाना दूभर हो गया था और जो लोग सैक्स के लिए रैडलाइट इलाकों में जाया करते हैं उन्हें भी या तो इन्हीं खिलौनों का सहारा लेना पड़ा या फिर वे भी मन मसोस कर गुजर करते रहे. सैक्स स्टार्वेशन की इस से ज्यादा सटीक व्याख्या कोई हो भी नहीं सकती कि संतुष्टि उपलब्ध तो थी लेकिन पहुंच से दूर थी. खौफ कोरोना और पुलिस दोनों का था.

प्रोफैसर ली स्मिथ की बात पर गौर करें तो लोग सैक्स से डरते रहे, जबकि संतुष्टि का माध्यम यानी पार्टनर उन के पास था. निश्चितरूप से यह भी सैक्स स्टार्वेशन से बहुत ज्यादा भिन्न बात नहीं है कि थाली सामने रखी थी लेकिन लोग भूखे ही रहे. दूसरी तरफ अफ्रीका के लोग भूख न होते हुए भी भुक्खड़ों की तरह थाली पर टूटे रहे. भारत में ज्यादातर लोगों ने अलग तरीका अपनाया जिस से लगता है कि अधिकतर युवाओं की पार्टनर की कमी खिलौनों से दूर हुई. जो लोग, जिन में होस्टलर्स और पीजी में रहने वाले ज्यादा थे, जिन बदनाम इलाकों में सैक्स की भूख मिटाने जाया करते थे, वहां की सैक्सवर्कर्स भूखों मरने की कगार पर हैं. दिल्ली का जीबी रोड हो, कोलकाता का सोनागाछी हो, या फिर मुंबई का कमाठीपुरा इलाका हो, वहां की सैक्सवर्कर्स कैसेकैसे फाके कर रही हैं, यह अभी तक खबरों की सुर्खियों में रहता है.

यौन अतृप्ति से बचें

लौकडाउन के दौरान और अभी भी लोगों का सैक्स व्यवहार सामान्य नहीं है. भोपाल के वरिष्ठ मनोविज्ञानी डाक्टर विनय मिश्रा बताते हैं, ‘‘सैक्स स्टार्वेशन का एक मतलब यौन अतृप्ति भी है.’’ क्या यह लौकडाउन के दौरान ज्यादा पनपी, इस सवाल पर वे कहते हैं, ‘‘निश्चितरूप से कई मामलों में ऐसा हुआ, खासतौर से उन युवाओं के साथ जिन का पार्टनर उन के पास या साथ नहीं था या नहीं है.’’
बकौल डाक्टर विनय मिश्रा, ‘‘एक युवा कपल साल में औसतन 54 बार सैक्स करता है. लेकिन लौकडाउन में जिन का यह क्रम या सिलसिला, वजह कुछ भी हो, टूटा, उन्हें दिक्कत पेश आई. सैक्स जिंदगी के हर पहलू को प्रभावित करता है और इस का सेहत से भी गहरा संबंध है.’’ वहीं, हालिया एक सर्वे में 27 फीसदी कपल्स ने माना था कि लौकडाउन के दौरान उन के सैक्स संबंध सुधरे, लेकिन 42 फीसदी ने इसी दौरान सैक्स संबंध बिगड़ने की भी बात कही थी.

इस सर्वे में शामिल ज्यादातर लोग शादीशुदा थे. लेकिन जो युवा यहांवहां से कभीकभार अपने पार्टनर से सैक्स की जरूरत और इच्छा पूरी कर रहे थे, सही मानो में उन्हें ही सैक्स स्टार्वेशन का असल मतलब सम झ आया होगा. पर, वे कर भी कुछ नहीं सकते थे और तय है कि कोरोना वैक्सीन के आने तक उन्हें जैसेतैसे काम चलाना पड़ेगा. लेकिन डाक्टर विनय मिश्रा की मानें तो इस दौरान उन्हें सुरक्षित कृत्रिम तरीकों या हस्तमैथुन का सहारा लेने से हिचकिचाना नहीं चाहिए.

सेक्स और प्यार!

सच्चे प्रेम से खिलवाड़ करना किसी बड़े अपराध से कम नहीं है. प्रेम मनुष्य को अपने अस्तित्व का वास्तविक बोध करवाता है. प्रेम की शक्ति इंसान में उत्साह पैदा करती है. प्रेमरस में डूबी प्रार्थना ही मनुष्य को मानवता के निकट लाती है.

मुहब्बत के अस्तित्व पर सेक्स का कब्जा

आज प्रेम के मानदंड तेजी से बदल रहे हैं. त्याग, बलिदान, निश्छलता और आदर्श में खुलेआम सेक्स शामिल हो गया है. प्रेम की आड़ में धोखा दिए जाने वाले उदाहरणों की शृंखला छोटी नहीं है और शायद इसी की जिम्मेदारी बदलते सामाजिक मूल्यों और देरी से विवाह, सच को स्वीकारने पर डाली जा सकती है. प्रेम को यथार्थ पर आंका जा रहा है. शायद इसी कारण प्रेम का कोरा भावपक्ष अस्त हो रहा है यानी प्रेम की नदी सूख रही है और सेक्स की चाहत से जलराशि बढ़ रही है.

विकृत मानसिकता व संस्कृति

आज के मल्टी चैनल युग में टीवी और फिल्मों ने जानकारी नहीं मनोरंजन ही परोसा है. समाज द्वारा किसी भी रूप में भावनाओं का आदर नहीं किया जाता. प्रेम का मधुर एहसास तो कुछ सप्ताह तक चलता है. अब तन के उपभोग की अपेक्षा है.

क्षणिक होता मुहब्बत का जज्बा

प्रेम अब सड़क, टाकीज, रेस्तरां और बागबगीचों का चटपटा मसाला बन गया है. वर्तमान प्रेम क्षणिक हो चला है, वह क्षणभर दिल में तूफान ला देता है और अगले ही पल बिलकुल खामोश हो जाता है. युवा आज इसी क्षणभर के प्रेम की प्रथा में जी रहे हैं. एक शोध के अनुसार, 86% युवाओं की महिला मित्र हैं, 92% युवक ब्लू फिल्म देखते हैं, तो 62% युवक और 38% युवतियों ने विवाहपूर्व शारीरिक संबंध स्थापित किए हैं.

यही है मुहब्बत की हकीकत

एक नई तहजीब भी इन युवाओं में गहराई से पैठ कर रही है, वह है डेटिंग यानी युवकयुवतियों का एकांत मिलन. शोध के अनुसार, 93% युवकयुवतियों ने डेटिंग करना स्वीकार किया. इन में से एक बड़ा वर्ग डेटिंग के समय स्पर्श, चुंबन या सहवास करता है. इस शोध का गौरतलब तथ्य यह है कि अधिकांश युवक विवाहपूर्व यौन संबंधों के लिए अपनी मंगेतर को नहीं बल्कि किसी अन्य युवती को चुनते हैं. पहले इस आयु के युवाओं को विवाह बंधन में बांध दिया जाता था और समय आने तक जोड़ा दोचार बच्चों का पिता बन चुका होता था.

अमीरी की चकाचौंध में मदहोश प्रेमी

मृदुला और मनमोहन का प्रेम कालेज में चर्चा का विषय था. दोनों हर जगह हमेशा साथसाथ ही दिखाई देते थे. मनमोहन की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. वह मध्यवर्गीय परिवार से था, लेकिन मृदुला के सामने खुद को थोड़ा बढ़ाचढ़ा कर दिखाने की कोशिश में रहता था. वह मृदुला को अपने दोस्त की अमीरी और वैभव द्वारा प्रभावित करना चाहता था. दूसरी ओर आदेश पर भी अपना रोब गांठना चाहता था कि धनदौलत न होने पर भी वह अपने व्यक्तित्व की बदौलत किसी खूबसूरत युवती से दोस्ती कर सकता है. लेकिन घटनाचक्र ने ऐसा पलटा खाया कि जिस की मनमोहन ने सपने में भी कल्पना नहीं की थी. उस की तुलना में अत्यंत साधारण चेहरेमुहरे वाला आदेश अपनी अमीरी की चकाचौंध से मृदुला के प्यार को लूट कर चला गया.

मनमोहन ने जब कुछ दिन बाद अपनी आंखों से मृदुला को आदेश के साथ उस की गाड़ी से जाते देखा तो वह सोच में पड़ गया कि क्या यह वही मृदुला है, जो कभी उस की परछाईं बन उस के साथ चलती थी. उसे अपनी बचकानी हरकत पर भी गुस्सा आ रहा था कि उस ने मृदुला और आदेश को क्यों मिलवाया. कालेज में मनमोहन की मित्रमंडली के फिकरों ने उस की कुंठा और भी बढ़ा दी.

प्रेम संबंधों में पैसे का महत्त्व

प्रेम संबंधों के बीच पैसे की महत्ता होती है. दोस्ती का हाथ बढ़ाने से पहले युवक की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रख कर निर्णय लेना चाहिए. प्रेमी का यह भय सही है कि यदि वह अपनी प्रेमिका को महंगे उपहार नहीं देगा तो वह उसे छोड़ कर चली जाएगी. कोई भी युवती अपने प्रेमी को ठुकरा कर एक ऐसा नया रिश्ता स्थापित कर सकती है, जिस का आधार स्वाभाविक प्यार न हो कर केवल घूमनेफिरने और मौजमस्ती करने की चाह हो. युवकों को पैसे के अनुभव के बावजूद अपनी प्रेमिकाओं और महिला मित्रों को प्रभावित करने के लिए हैसियत से ज्यादा खर्च करना होगा.

प्रेम में पैसे का प्रदर्शन, बचकानी हरकत

छात्रा अरुणा का विचार है कि अधिकतर युवक इस गलतफहमी का शिकार होते हैं कि पैसे से युवती को आकर्षित किया जा सकता है. यही कारण है कि ये लोग कमीज के बटन खोल कर अपनी सोने की चेन का प्रदर्शन करते हैं. सड़कों, पान की दुकानों या गलियों में खड़े हो कर मोबाइल पर ऊंची आवाज में बात करते हैं या गाड़ी में स्टीरियो इतना तेज बजाते हैं कि राह चलते लोग उन्हें देखें.

हैसियत की झूठी तसवीर पेश करना घातक

अरुणा कहती है कि कुछ लोग प्रेमिका से आर्थिक स्थिति छिपाते हैं तथा अपनी आमदनी, वास्तविक आय से अधिक दिखाने के लिए अनेक हथकंडे अपनाते हैं. इसी संबंध में उन्होंने अपने एक रिश्तेदार का जिक्र किया जो एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे. विवाह के तुरंत बाद उन्होंने पत्नी को टैक्सी में घुमाने, उस के लिए ज्वैलरी खरीदने तथा उसे खुश रखने के लिए इस कदर पैसा उड़ाया कि वे कर्ज में डूब गए. कर्ज चुकाने के लिए जब उन्होंने कंपनी से पैसे का गबन किया तो फिर पकड़े गए. परिणामस्वरूप अच्छीखासी नौकरी चली गई. इतना ही नहीं, पत्नी भी उन की ऐसी स्थिति देख कर अपने मायके लौट गई. अगर शुरू से ही वह चादर देख कर पैर फैलाते, तो यह नौबत न आती.

समय के साथ बदलती मान्यताएं

मीनाक्षी भल्ला जो एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, का कहना है कि प्यार में प्रेमीप्रेमिका दोनों ही जहां एकदूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने की भावना रखते हैं, वहीं अपने साथी से कुछ अपेक्षाएं भी रखते हैं.

व्यापार बनता आज का प्रेम

इस प्रकार के रवैए ने प्यार को एक प्रकार का व्यापार बना दिया है. जितना पैसा लगाओ, उतना लाभ कमाओ. कुछ मित्रों का अनुभव तो यह है कि जो काम प्यार का अभिनय कर के तथा झूठी भावुकता दिखा कर साल भर में भी नहीं होता, वही काम पैसे के दम पर हफ्ते भर में हो सकता है. अगर पैसे वाला न हो तो युवती अपना तन देने को तैयार ही नहीं होती.

नोटों की ऐसी कोई बौछार कब उन के लिए मछली का कांटा बन जाए, पता नहीं चलेगा. ऐसी आजाद खयाल या बिंदास युवतियों का यह दृष्टिकोण कि सच्चे आशिक आज कहां मिलते हैं, इसलिए जो भी युवक मौजमस्ती और घूमनेफिरने का खर्च उठा सके, आराम से बांहों में समय बिताने के लिए जगह का इंतजाम कर सके, उसे अपना प्रेमी बना लो.

शरीर के ये हिस्से बनाते हैं सेक्स को मजेदार

यदि आप उनके शरीर के कुछ विशेष हिस्सों पर ध्यान देंगी तो सेक्शुअल रिश्तों पर इसका जादुई असर होगा और आपकी सेक्शुअल लाइफ पहले से ज़्यादा संतुष्टिदायक हो जाएगी.

कमाल आंखों का!

कमरे के अलग-अलग हिस्सों पर खड़े होकर उन पर लगातार एक-दो सेकेंड तक नज़र डालें. नजरों से समझाएं कि आप उनका साथ चाहती हैं. ये प्रक्रिया जितनी शरारतभरी और फ्लर्ट अंदाज में होगी, उनका दिल उतने ही जोर से धड़केगा. और हां, हाई हील्स पहनिए. लंबे पैर हमेशा पुरुषों का ध्यान आकर्षित करते हैं. तब भी, जब आप चलते हुए उनसे दूर जा रही हों.

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सुगंध, जो मदहोश कर दे

शनेल नंबर 5, की खुशबू पुरुषों को आकर्षित नहीं करती. उन्हें मदहोश करनेवाली खुशबू है-पम्प्किन पाई की मीठी-तीखी सुगंध. ‘‘परफ्यूम्स को फेंक दीजिए और पम्प्किन पाई खरीद लाइए,’’ कहना है शिकागो के स्मेल ऐंड टेस्ट ट्रीटमेंट सेंटर के डॉ ऐलेन हिअर्श का.

शोध बताते हैं कि इसकी खुशबू पुरुषों को महिला की चाहत से भर देती है. यदि इसे लैवेंडर की खुशबू के साथ मिला देंगी तो आपको उनके उफान को शांत करने के लिए एक बाल्टी ठंडे पानी की ज़रूरत पड़ेगी. पम्प्किन की खुशबू से प्रतिभागियों के पीनियल (शिश्न) रक्त-प्रवाह में औसतन 40% की बढ़ोतरी पाई गई. वनीला की ख़ुशबू का भी जबरदस्त असर होता है. संतुष्टिदायक सेक्स जीवनवाले पुरुषों ने माना कि स्ट्रॉबेरी की महक भी उन्हें पसंद है.

हाथों का जादू

उनका हाथ थामे रहें. यूनिवर्सिटी कौलेज, लंदन द्वारा वर्ष 2013 में कराए गए एक अध्ययन के अनुसार, जब कभी आप तनावपूर्ण स्थिति से गुजर रहे हों अपने जीवनसाथी का हाथ थाम लें, ऐसा करने से मस्तिष्क का वह क्षेत्र शांत हो जाता है, जहां खतरे की आशंका की शुरुआत होती है. साथ ही, शरीर का तनाव कम हो जाता है.

कान महत्वपूर्ण हैं

कानों को हम भूल जाते हैं. लेकिन यह वो हिस्सा है जो सुखदायी होने के साथ-साथ उन्हें उत्तेजित कर सकता है. अपना अंगूठा और अनामिका उंगली उस जगह पर रखें, जहां उनका ईयर लोब और चेहरा आपस में मिलते हैं. हल्का-सा नीचे की ओर खींचते हुए अपनी उंगलियों को वहां फिसलने दें, ताकि आप दोबारा शुरू कर सकें. और देखें कि उनकी प्रतिक्रिया कैसी होती है.

होंठों का आकर्षण

पुरुष के होंठ स्वाभाविक जगह हैं, जहां स्पर्श उन्हें पसंद होता है. पर उनके निचले होंठ और ठोढ़ी के बीच की ढलान पर आपका स्पर्श उन्हें आनंद से भर देगा. ‘‘हमने पाया है कि ये छोटा, नाज़ुक और वक्रीय हिस्सा बहुत संवेदनशील नर्व रिसेप्टर है,’’ लो पेजेट ने अपनी किताब द बिग ओ में यह बात कही है.

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घुटनों का आनंद

घुटनों के पीछे की त्वचा नर्म-मुलायम होती है और पुरुषों को इसकी मालिश अच्छी लगती है. ‘‘शरीर के ऐसे हिस्से जहां कम बाल होते हैं, पुरुषों के लिए ज़्यादा संवेदनशील और उत्तेजक होते हैं,’’ कहना है न्यू यॉर्क की सेक्स कोच ऐमि लेविन का. ‘‘उनकी इच्छा को उभारने के लिए उनके घुटनों के पीछे के हिस्से की मालिश अपनी उंगलियों के पोरों से गोलाकार गति में करके देखिए.’’

पैरों से खेलें

एड़ी और टखने (ऐंग्कल) की हड्डी के बीच पीछे की ओर एक फ़िंगर-टिप साइज़ का प्रेशर पॉइंट है, जिसमें उत्तेजना की अपार संभावनाएं छिपी हैं, यह बात लॉरा नॉर्मैन ने अपनी किताब फीट फर्स्ट में बताई है. ‘‘यह जगह सेक्स अंगों से जुड़ी होती है,’’ लॉरा कहती हैं, जो आनंद का एहसास जगाती है. जरनल औफ सेक्शुअल मेडिसिन के सर्वे में भाग लेनेवाले आधे से ज्यादा पुरुषों का कहना था कि निपल (वक्षाग्र) पर किए गए स्पर्श ने न सिर्फ उनकी उत्तेजना को बढ़ाया, बल्कि उनके जोश को चरम पर पहुंचा दिया.

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