कुछ ऐसी होती है उन पलों में आपकी सैक्स फैंटेसी

शारीरिक संबंधों में अनावश्यक सहना या अपनेआप समय गुजरने के साथ उन में तबदीली हो जाने की गुंजाइश मान कर चलना भ्रम है. यह इन संबंधों के सहज आनंद को कम करता है. कुछ महिलाओं ने बताया कि उन्हें पति की आक्रामकता पसंद नहीं आती थी. लेकिन लज्जा या संकोचवश कुछ कहना अच्छा नहीं लगता था. कुछ महिलाओं का कहना है कि पति को खुद भी समझना चाहिए कि पत्नी को क्या पसंद आ रहा है, क्या नहीं. मगर इस पसंदनापसंद के निश्चित मानदंड तो हैं नहीं, जिन से कोई अपनेआप ही समझा जाए और आनंद के क्षण जल्दी और ज्यादा मिल जाएं.

एक महिला ने बताया कि उस का पति सुहागरात वाले दिन से ही अश्लील वीडियो देख कर उस के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाता था. यह सिलसिला शादी के कई साल बाद तक चलता रहा. अगर वह इस का विरोध करती तो पति उसे धमकियां देता. शर्म के कारण वह अपने मातापिता को इस बारे में बता नहीं पाती थी. इस दौरान उसे शारीरिक तौर पर परेशानी भी शुरू होने लगी. उस के मुताबिक, अप्राकृतिक संबंध से होने वाली परेशानी के बारे में पति को बताने पर भी वह नहीं माना. वह लगातार ऐसा करता रहा. शिकायत करने पर वह मारता भी. उस महिला के मुताबिक बाकी समय तो उस का पति सामान्य रहता था, लेकिन सहवास के समय वह हैवान बन जाता और लगभग रोज ऐसा करता. मजबूर हो कर उसे पुलिस स्टेशन में शिकायत करनी पड़ी.

भावना कहती है, ‘‘मैं कुछ समय पति की आक्रामकता बरदाश्त करती रही. हनीमून के बाद कहने की सोची पर हिम्मत नहीं जुटा पाई. मगर जब यह आक्रामकता थोड़ी और बढ़ने लगी तो कुछ महीनों बाद मुझे बात करनी ही पड़ी. उन्हें मेरा बात करना अच्छा नहीं लगा. हमारे संबंध कुछ समय के लिए प्रभावित हुए. पति बारबार ताना मारते. यह सच है कि यदि मैं ने समय पर उन से अपनी बात कह दी होती तो ऐसी नौबत नहीं आती.’’

रमा कहती है, ‘‘मैं ने तो पहली रात में ही पति से कह दिया कि यह अननैचुरल वाली आदत मुझे पसंद नहीं. इस पर पति का कहना था कि धीरेधीरे पड़ जाएगी. मगर मैं ने स्पष्ट कह दिया कि हम इंसान हैं, जानवर नहीं. फिर क्या था. 4-5 दिनों में सब ठीक हो गया. मैं जानती हूं इस प्रकार की आक्रामकता को बरदाश्त करना कितना कठिन होता है. इस से सैक्स बोझिल हो जाता है. खुल कर बोलने से न केवल अप्रिय स्थितियां सुधरती हैं, बल्कि अच्छी स्थितियों के लिए भी माहौल तैयार होता है.’’

सैक्स को ले कर जितने आतुर मर्द रहते हैं उतनी महिलाएं भी होती हैं. हां यह बात अलग है कि वे इस का जिक्र कभी किसी से नहीं करती हैं. बात अगर स्पैशल रात की हो तो मर्दों से ज्यादा महिलाओं में ऐक्साइटमैंट होता है. यह कहानी सिर्फ हीरो का इंतजार करती हीरोइन की नहीं, बल्कि हर उस लड़की की है जो बेसब्री से इंतजार करती है.

कोई रिश्ता परफैक्ट नहीं

सचाई यह है कि कोईर् भी रिश्ता परफैक्ट नहीं होता. यदि आप यह सोचती हैं कि रिश्ते में सब कुछ आप की मरजी के अनुसार या किसी फिल्मी कहानी की तरह होना चाहिए, तो चोट लगनी लाजिम है. हर रिश्ता अलग होता है. यही नहीं हर रिश्ते को आप के प्यार, समर्पण, श्रम और साथ के खादपानी की जरूरत होती है. कई बार रिश्ता टूटने की वजह बेमानी ही होती है.

वह हमेशा सही बातें करेगा

ऐसा नहीं होगा और न ही आप उस से ऐसी उम्मीद रखें. वह परफैक्ट नहीं है और न ही वह किसी रोमानी फिल्म का हीरो है, जो हमेशा सही और अच्छी बातें ही करेगा. वह भी इंसान है और आम इंसानों की तरह वह भी गलतियां करेगा. वह ऐसी बातें कर सकता है, जो उसे नहीं करनी चाहिए.

और्गैज्म

पति हो या पत्नी, दोनों में से किसी भी एक का तरीका यदि आक्रामक व नैगेटिव हो तो उस के भावों पर ध्यान देना चाहिए. बहुत सी पत्नियां अपने पति से कहतीं कि तुम स्वार्थी हो, तुम्हें सिर्फ अपने आनंद की पड़ी होती है, तुम्हें मेरी परवाह नहीं. इस का सीधा मतलब है अभी उस का और्गैज्म पर पहुंचना बाकी है या आप उस के और्गैज्म पर पहुंचने की परवाह नहीं करते. जल्दीजल्दी और बारबार कही गई बात चिढ़ाने और सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली हो सकती है.

इसलिए जब भी जितना कुछ कहा जाए वह किया भी जाए. तभी वह सार्थक और असरदार बदलाव लाने वाला होता है. निजी संबंधों को कहनेसुनने की कुशलता सिर्फ बैडरूम तक ही सीमित नहीं रहती. वह जीवन में घरबाहर भी सार्थक बातचीत का सिस्टम पैदा करती है और उसे बढ़ावा देती है.

सैक्स कोरी क्रिया नहीं, एक खूबसूरत कला है. इसे सदियों से काम कला का स्थान प्राप्त है. इस में हर बार कुछ नया, कुछ अनोखा किए जाने का स्कोप रहता है. पतिपत्नी के रिश्ते में प्यार और सैक्स दांपत्य की इमारत को खड़ा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मजबूत पिलर हैं.

जानें कैसे करें सेक्स को एंजॉय

सैक्सोलौजिस्ट डा. चंद्रकिशोर कुंदरा के मुताबिक, ‘प्रेमीप्रेमिका के बीच सैक्स संबंध स्थापित करने के लिए भौतिक, रासायनिक व मनोवैज्ञानिक कारक ही जिम्मेदार होते हैं. सैक्स ही एक ऐसी सरल क्रिया है जो प्रेमीप्रेमिका को एकसाथ एक ही समय में पूर्ण तृप्ति देती है.’ सैक्स की संपूर्णता प्रेमिका के बजाय प्रेमी पर निर्भर करती है, क्योंकि प्रेमी ही इस की पहल करता है. प्रेमिका सैक्स में केवल सहयोग ही नहीं करती बल्कि पूर्ण आनंद भी चाहती है. अकसर प्रेमीप्रेमिका सैक्स को सुखदायक मानते हैं, लेकिन कई बार सहवास ऐंजौय के साथसाथ कई समस्याओं को भी सामने लाता है. अनुभव के आधार पर इन को दूर कर प्रेमीप्रेमिका सैक्स का सुख उठाते हैं.

शरारती बनें

सैक्स को मानसिक व शारीरिक रूप से ऐंजौय करने के लिए प्रेमीप्रेमिका को शरारती बनना चाहिए. उत्साह, जोश, तनावमुक्त, हंसमुख, जिंदादिल, शरारती प्रेमीप्रेमिका ही सैक्स को संपूर्ण रूप से भोगते हैं.

आत्मविश्वास की कमी न हो

कई बार आत्मविश्वास की कमी हो जाती है. प्रेमी सैक्स के समय उतावलेपन के शिकार हो कर सैक्स के सुखदायक एहसास से वंचित रह जाते हैं.

सैक्स संबंध बनाते समय प्रेमीप्रेमिका के मन में यदि पौजिटिव सोच होगी, तभी दोनों पूर्ण रूप से संतुष्ट हो पाएंगे और सैक्स में कभी कमजोर नहीं पड़ेंगे.

पोर्न फिल्मों से प्रेरित न हों

प्रेमीप्रेमिका अकसर पोर्न फिल्में देख कर, किताबें पढ़ कर सैक्स में हर पल लिप्त रहने की कोशिश करते हैं. अत्यधिक मानसिक कामोत्तेजना की स्थिति में शीघ्रपतन व तनाव में कमी हो जाती है.

सैक्स में जल्दबाजी

कई बार सैक्स में प्रेमीप्रेमिका जल्दबाजी कर जाते हैं. शराब पी कर सैक्स करना चाहते हैं जोकि ठीक नहीं है. हमेशा मादक पदार्थों से दूर रहें. सैक्स के दौरान प्रेमिका ही मादकता का काम करती है.

बढ़ाएं शारीरिक आकर्षण

सहवास के लिए प्रेमी का शारीरिक आकर्षण, स्मार्टनैस, सैक्सी लुक, साफसफाई काफी महत्त्वपूर्ण है. पुरुषोचित्त गुण के साथसाथ गठीले बदन वाले चतुर सुरुचिपूर्ण वस्त्र, रसिक स्वभाव के प्रेमी ही सैक्स में सफल होते हैं.

रोमांटिक स्वभाव रखें

प्रेमिका सहवास के दौरान चाहती है कि उस का प्रेमी रोमांस व ताजगी द्वारा उसे कामोत्तेजित करे. अत: रोमांस की बातें कर सैक्स को सुखदायक बनाएं.

जब सैक्स का मौका मिले

प्रेमीप्रेमिका अकसर सैक्स के लिए मौके की तलाश में रहते हैं. जैसे ही उन्हें मौका मिलता है, वे एकदूसरे में समाने के लिए बेताब हो जाते हैं, लेकिन इस दौरान कई बार ऐसे अचानक किसी का दरवाजा खटखटाना व फोन की घंटी बज जाती है. ऐसी बाधाओं को दूर कर सहवास को मानसिक व शारीरिक रूप से सुखदायक बनाएं.

सबसे बेहतर है सप्ताह में एक बार सेक्स

आम धारणा है कि ज्यादा सेक्स से संबंध ज्यादा बेहतर होते हैं, लेकिन इसके विपरीत एक शोध में यह बताया गया है कि सप्ताह में एक बार सेक्स करने वाले जोड़े सबसे ज्यादा खुश रहते हैं. प्रमुख शोधार्थी कनाडा के टोरंटो-मिसीसोगा विश्वविद्यालय की एमी मूज बताती हैं, “हालांकि ज्यादा से ज्यादा सेक्स को खुशी से जोड़ा गया है. लेकिन सप्ताह में एक बार सेक्स सबसे बेहतर है.”

मूज कहती हैं, “हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि अपने साथी के साथ अंतरंग संबंध बनाए रखना जरूरी है. इसके लिए रोज सेक्स करने की कोई जरूरत नहीं है.”

हालांकि पिछले कई शोधों और स्वयं-सहायता पुस्तकों में यह बताया जाता रहा है कि ज्यादा सेक्स से ज्यादा खुशी मिलती है.

लेकिन 30,000 अमेरिकी नागरिकों पर चार दशकों तक किए गए इस शोध में पहली बार यह पता चला है कि जिन जोड़ो ने सप्ताह में औसतन एक से ज्यादा बार सेक्स किया उनके आपसी रिश्तों से इसका कोई संबंध नहीं देखा गया.

यह शोध सोशल साइकोलॉजिकल और पर्सनैलिटी साइंस जर्नल में प्रकाशित किया गया है. मूज कहती है, “हमारे निष्कर्ष युवा या बुजुर्ग जोड़ों, नए-नए शादीशुदा या फिर जिनकी शादी दशकों पहले हुई हो, सब पर समान रूप से लागू होते हैं.”

मूज कहती हैं कि इस सर्वेक्षण का मकसद यह नहीं है कि जोड़े सप्ताह में एक बार सेक्स के औसत तक पहुंचने के लिए कम या ज्यादा सेक्स करने लगे. लेकिन अपने साथी के साथ इस संबंध में बात जरूर करें कि क्या वे उनकी यौन जरूरतों को पूरा कर पा रहे हैं.

वे कहती हैं, “अपने साथी के साथ अंतरंग संबंध बनाए रखना जरूरी है न कि ज्यादा से ज्यादा सेक्स करना.”

छोटे घर में कैसे करें पार्टनर से प्यार, जानें यहां

बड़े शहरों में सब से बड़ी समस्या आवास की होती है. 2 कमरों के छोटे से फ्लैट में पतिपत्नी, बच्चे और सासससुर रहते हैं. ऐसे में पतिपत्नी एकांत का नितांत अभाव महसूस करते हैं. एकांत न मिल पाने के कारण वे सैक्स संबंध नहीं बना पाते या फिर उन का भरपूर आनंद नहीं उठा पाते क्योंकि यदि संबंध बनाने का मौका मिलता है तो भी सब कुछ जल्दीजल्दी में करना पड़ता है. संबंध बनाने से पूर्व जो तैयारी यानी फोरप्ले जरूरी होता है, वे उसे नहीं कर पाते. इस स्थिति में खासकर पत्नी चरमसुख की स्थिति में नहीं पहुंच पाती है. पतिपत्नी को डर लगा रहता है कि कहीं बच्चे न जाग जाएं, सासससुर न उठ जाएं. मैरिज काउंसलर दीप्ति सिन्हा का कहना है, ‘‘संबंध बनाने के लिए एकांत न मिलने के कारण महिलाएं चिड़चिड़ी, झगड़ालू और उदासीन हो जाती हैं और फिर धीरेधीरे दांपत्य जीवन में दरार पड़नी शुरू हो जाती है, यह दरार अनेक समस्याएं खड़ी कर देती है. कभीकभी तो नौबत हत्या या आत्महत्या तक की आ जाती है.’’

कही अनकही

विकासपुरी की रहने वाली सीमा के विवाह को 5 वर्ष हो गए हैं. इस दौरान उस के 3 बच्चे हो गए. तीनों बच्चों की देखभाल, सासससुर की सेवाटहल और घर का काम करतेकरते शाम होतेहोते वह पूरी तरह थक जाती है. सीमा का कहना है कि उस के तीनों बच्चे पति के साथ ही बड़े बैड पर सोते हैं. सीमा पलंग के पास ही नीचे जमीन पर बिस्तर लगा कर सोती है. उसे हर वक्त यही डर लगा रहता है कि सैक्स करते समय कोई बच्चा उठ कर उन्हें देख न ले. परिणामस्वरूप वह सैक्स का पूर्ण आनंद नहीं उठा पाती. इस के असर से वह निराशा से घिरने लगी हैं. ढंग से कपड़े पहनने, सजनेसंवरने का उस का मन ही नहीं करता. फिर वह सजेसंवरे भी किसलिए? स्थिति यह हो गई है कि अब पतिपत्नी दोनों में मनमुटाव रहता है.

खानपान का असर

मांसमछली, शराब आदि का सेवन करने वाले पतियों की सैक्स की अधिक इच्छा होती है और इसीलिए वे न समय देखते हैं और न माहौल, पत्नी पर भूखे भेडि़ए की तरह टूट पड़ते हैं. संबंध बनाने से पहले फोरप्ले की बात तो दूर, वे यह भी नहीं देखते हैं कि बच्चे सोए हैं या जाग रहे हैं अथवा मांबाप ने देख लिया तो वे क्या सोचेंगे. ऐसे में कई बार पत्नी को सासससुर के सामने शर्म महसूस होती है. मांबाप अपने बेटे को कुछ न कह कर बहू को ही सैक्स के लिए उतावली मान बैठते हैं.

संयुक्त परिवार का दबाव

हमारे समाज में विवाह 2 प्राणियों का ही संबंध नहीं, बल्कि 2 परिवारों का संबंध भी होता है. लेकिन मौजूदा हालत में पतिपत्नी अकेले ही अपने बच्चों के साथ रहना पसंद करते हैं. यह उन की मजबूरी भी है, लेकिन यदि पत्नी को परिस्थितिवश सासससुर के साथ छोटे से आशियाने में 2-3 बच्चों के साथ रहना पड़े तो वह कई बार मानसिक दबाव महसूस करती है. सासससुर से शर्म और बातबात पर उन की टोकाटोकी से परेशान बहू पति के लिए खुद को न तो तैयार कर पाती है और न ही एकांत ही ढूंढ़ पाती है. मनोरोगचिकित्सक डाक्टर दिनेश के अनुसार, ‘‘कई बार मेरे पास ऐसे केस आते हैं कि शादी के बाद बच्चे जल्दीजल्दी हो गए. पत्नी उन की देखभाल में लगी रहती है और पति के प्रति उदासीन हो जाती है. इस के चलते पति भी कटाकटा सा रहने लगता है.’’

समय निकालना जरूरी

सैक्स ऐक्स्पर्ट डा. अशोक के अनुसार, ‘‘वास्तव में सैक्स के लिए उम्र की सीमा निर्धारित नहीं होती है कि आप 35 या 40 साल के हो गए हैं. छोटा घर है, बच्चे हैं, सैक्स ऐंजौय नहीं कर सकते. घरगृहस्थी और बच्चों की देखभाल के बाद यदि पतिपत्नी अपने लिए समय निकाल कर शारीरिक संबंध नहीं बनाएंगे तो आगे चल कर उन्हें कई परेशानियां हो सकती हैं. ‘‘डिप्रैशन के अलावा हारमोंस का स्राव भी धीरेधीरे कम हो जाता है. ऐसी स्थिति में अचानक संबंध बनाने पर पत्नी को तकलीफ होती है. फिर निरंतर तनाव बने रहने पर कभीकभी ऐसी स्थिति बन जाती है कि पत्नी को हिस्टीरिया के दौरे तक पड़ने लगते हैं.’’

मन की बात

जनकपुरी की रहने वाली काजल और राजेश ने लव मैरिज की है. उन की शादी को 7 साल हुए हैं. इन 7 सालों में 3 बच्चे भी हो गए. पहला बच्चा 3 साल का है. उस के बाद 2 बेटियां डेढ़ साल और 7 महीने की हैं. काजल कहती हैं, ‘‘हम शादी के शुरुआती दिनों से ही बहुत झगड़ते आ रहे हैं. वजह है राजेश का प्लान कर के साथ नहीं चलना. राजेश ने कहा था कि वे अपने मातापिता के लिए पड़ोस में ही मकान खरीद लेंगे. छोटे से 2 कमरों के मकान में हम ढंग से नहीं रह पाते हैं. मैं राजेश से अपने मन की बात नहीं कर पाती.

‘‘बस, यही डर लगा रहता है कि कहीं सासूमां कुछ कह न दें. जबकि मन की बात करने का मौका पतिपत्नी दोनों को ही मिलना चाहिए.’’ अगर आप भी इस समस्या से गुजर रहे हैं तो निम्न उपाय अपना कर शारीरिक संबंधों का पूर्ण आनंद उठा सकते हैं-

बच्चों को चाचा, मामा के पास भेजें. उन के बच्चों के लिए कोई भेंट भेजें. ऐसा उस समय करें जब सासससुर कहीं शादीविवाह में बाहर गए हों. यदि मांबाप को फिल्म देखने या पिकनिक मनाने भेज रहे हों तो बच्चों को भी उन के साथ भेज दें.

अगर आप का कोई मित्र छुट्टी पर अपने घर जा रहा हो तो उस के घर की देखभाल के लिए रात में पतिपत्नी वहां रहें और सैक्स ऐंजौय करें. बदले में मित्र के घर लौटने से पहले घर को सजासंवार कर अच्छा सा खाना बना कर उन के लिए रखें.

संबंध बनाने के लिए यह जरूरी नहीं है कि फोरप्ले ठीक सैक्स से पहले हो. उसे बारबार थोड़ेथोड़े समय में जब भी जहां भी समय मिले किया जा सकता है. इस से सैक्स के समय दोनों पूरी तरह तैयार होंगे. सुबह जब बच्चे स्कूल जा चुके हों तब मातापिता को सुबह घूमने जाने के लिए प्रेरित करें.

सैक्स का समय बदलें. नयापन मिलेगा.

पत्नी के साथ हर 15 दिन बाद कहीं डेट पर जाएं. यानी गैस्टहाउस या होटल में जा कर रहें और सैक्स ऐंजौय करें.

गरमी का मौसम हो तो पत्नी को देर रात छत पर बने कमरे में ले जाएं.

बरसात की रात में भी पत्नी को छत पर बने कमरे में ले जा कर बरसात की फुहारों का आनंद लेते हुए सैक्स एंजौय करें.

सुबह बच्चों के स्कूल जाने के बाद, रात में छत पर और किसी दिन यदि आप औफिस से जल्दी घर आते हैं और बच्चे स्कूल से नहीं आए हैं, मातापिता पड़ोस में गए हैं, तब भी आप सैक्स ऐंजौय कर सकते हैं. हां, इस के लिए आप पत्नी को पहले से ही तैयार कर लें.

मेरी पत्नी का वजन बढ़ नहीं रहा है, इलाज बताएं?

सवाल-

मेरी पत्नी का वजन 40 किलो है. हमारे 2 बच्चे हैं. उस का वजन बढ़ नहीं रहा है. इलाज बताएं?

जवाब-

जल्दीजल्दी बच्चे होने से औरत के शरीर में कमजोरी आ जाती है, इसीलिए सलाह दी जाती है कि एक से दूसरे बच्चे के बीच कम से कम 5 साल का अंतर होना चाहिए.

कई बार टीबी जैसी घातक बीमारी होने के चलते भी इस तरह की परेशानी आ सकती है. वे खाने में दालसब्जी, फलदूध का सेवन ज्यादा करें. थोड़ीबहुत कसरत करने से भी वजन बढ़ सकता है.

कुछ कहते हैं पार्टनर के ये इशारे

स्त्री और पुरुष के बीच जिस्मानी रिश्ते इंसान की फितरत मानी जाती है, यानी ये एक स्वाभाविक बात है. यही रिश्ता होता है जिसकी वजह से किसी परिवार का वंश आगे बढ़ता है. विवाह के पहले शारीरिक संबंध बनाना पश्चिम देशों में तो आम बात मानी जाती है लेकिन भारतीय समाज में इस प्रकार के रिश्ते विवाह के बाद ही सही माने जाते हैं. लेकिन तमाम बंदिशों के बावजूद हमारे समाज में भी सदियों से विवाह के पहले भी स्त्री-पुरुष में शारीरिक संबंध बनते रहे हैं.

इस तरह के संबंध सिर्फ दैहिक सुख के लिये होते हैं और इनकी कोई खास लंबी उम्र नहीं होती. शोधकर्ताओं ने स्‍त्री-पुरुष की भाव-भंगिमाओं को लेकर कुछ ठोस निष्‍कर्ष निकाले हैं, जिससे यह जाना जा सकता है कि स्त्री अथवा पुरुष जिस्मानी संबंध बनाने के इच्छुक है या नहीं.

अध्ययन के अनुसार पुरुष की बॉडी लैंग्‍वेज से साफ़ साफ ज़ाहिर हो जाता है कि वह जिस्मानी रिश्ते बनाना चाहता है. शोधकर्ताओं ने कुछ इशारे बताये हैं जो इस प्रकार हैं.

पुरुषों के इशारे

मोहब्बत के आगोश में आने के बाद पुरुष के चेहरे के उस हिस्‍से में कसावट आ जाती है जो आमतौर पर थोड़ा फूला होता है. ऐसे पुरुषों का जहां एक ओर सीना थोड़ा बाहर की ओर निकल जाता है वहीं दूसरी ओर उस उनका पेट थोड़ा अंदर की ओर धंस जाता है. रक्‍त का प्रवाह तेज़ होने के कारण पुरुषों के होठ और गाल समेत पूरे चेहरे की लालिमा बढ़ जाती है.

महिलाओं के इशारे

वहीं सेक्स की इच्छा रखने वाली महिलाएं की कुछ भंगिमाएं होती हैं. वे अपनी भावना का इजहार करने के लिये अपने बालों को छूती है और अपने कपड़ों पर भी हाथ फेरती हैं. इसके आलावा वे बाल झटककर पीछे की ओर कर लेती है.

पलकों को झुका कर पुरुष को निहारना और टकटकी से देखते रहना भी महिलाओं के इशारे माने जाते हैं. महिलाओं के पिछले हिस्‍से में पहले की तुलना में थोड़ा और उभार आ जाता है. कामातुर स्‍त्री प्‍यार पाने के लिए अपने पैरों को एक-दूसरे से रगड़ती रहती हैं.

मेरे प्राइवेट पार्ट में सफेद रंग की परत जमा हो जाती है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 25 साल का नौजवान हूं. मेरे प्राइवेट पार्ट में सफेद रंग की परत जमा हो जाती है. उस में से बदबू भी आती है. पानी से धोने पर आराम मिलता है, पर समस्या दोबारा हो जाती है. इस बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा पाने का इलाज बताएं?

जवाब-

स्मेग्मा कही जाने वाली सफेद सतह उतरी हुई चमड़ी, कोशिकाओं, स्किन औयल और नमी का मिश्रण है. यह औरत और मर्द दोनों के अंगों में होती है. अगर इसे बढ़ने के लिए?छोड़ दिया जाए, तो इस में से बदबू आ जाती है या फिर यह इंफैक्शन की वजह बन सकती है.

इस से पीडि़त को शरीर के उन हिस्सों की नियमित सफाई करनी चाहिए, जहां स्मेग्मा की समस्या होती है. आप को इसे हर दिन पानी से साफ करने की सलाह दी जाती है.

इन 7 वजहों से लड़कियों को दी जानी चाहिए यौन शिक्षा

अमेरिका के सेंटर फौर डिसीज कंट्रोल के अनुसार हाल ही वर्षों में शेमिडिया, गोनोरिया और शिफलिस के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है. STD (यौन रोग) से सबसे ज़्यादा युवतियां प्रभावित होती हैं.

स्थिति कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चार में से एक युवती यौन रोग से प्रभावित है. युवतियों में बढ़ते यौन रोग का प्रमुख कारण है यौन शिक्षा का अभाव. आज भी कई ऐसे देश हैं जहां स्कूल के पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा विषय नहीं है.

यौन शिक्षा के अभाव में 13 से 19 साल की युवतियां प्रभावित हो रही हैं. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं 7 ऐसे कारण जिसकी वजह से युवतियों के लिये यौन शिक्षा जरूरी है.

  1. युवा महिलाओं में यौन रोग होने की अधिक संभावना

एक अध्ययन नो द फैक्ट्स के अनुसार पुरुष की तुलना में युवतियों के शरीर चूंकि कुछ कमजोर रहते हैं, इसलिये उन्हें यौन रोग लगने की ज्यादा संभावना रहती है. इस बारे में कई युवतियों को खबर भी नहीं रहती. इस समय 15 से 24 साल की उम्र के ग्रुप में 51 प्रतिशत युवतियां यौन रोग की शिकार हैं. पुरुषों के मामले में ये प्रतिशत 49 है.

  1. 19 की होने तक 60 फीसद युवतियां सेक्स कर चुकी होती हैं

नो द फैक्ट्स के अनुसार 15 साल पूरे करने तक 13 फीसद युवतियां सेक्स का अनुभव करने लगती हैं और 19 की होते तक 68 फीसद युवतियां पूरी तरह सेक्स करने लगती हैं. इस संख्या को देखकर ही यौन शिक्षा की जरुरत महसूस होती है.

  1. यौन रोग से अनजान रहती हैं युवतियां

ज्यादातर युवतियों को पता ही नहीं होता कि यौन रोग कैसे होता है. इनमें से कई युवतियों को लगता है कि टॉयलेट की सीट पर बैठने से यौन रोग हो जाता है.

  1. तीस लाख से ज्यादा युवतियां यौन रोग से ग्रस्त हैं

एक अध्ययन के अनुसार तीस लाख से ज्यादा युवतिया शेमिडिया, हरपीस और ट्रिख जैसे यौन रोग से ग्रस्त हैं. ये संख्या और अधिक हो सकती है क्योंकि अध्ययन में सिफलिस, HIV, गोनोरिया जैसे रोग को शामिल नहीं किया गया है.

  1. महिलाओं को अधिक होते हैं यौन रोग

पुरुष की तुलना में महिलाओं को यौन रोग होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है. महिलाओं में यौन रोग का इलाज न करने पर सरवाइकल कैंसर भी हो सकता है और गर्भधारण करने में भी मुश्किल हो सकती है.

  1. 10 फीसद से ज्यादा युवतियों को एक से ज्यादा यौन रोग होते हैं

कंडोम का प्रयोग न करने या ठीक से प्रयोग न करने से एक से ज्यादा यौन रोग हो सकते हैं. सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के अनुसार 14 से 19 साल के बीच की 15 फीसद युवतियों को एक से ज्यादा यौन रोग होते हैं.

  1. तीन या इससे अधिक पुरुषों से संबंध बनाने वाली आधी से ज्यादा युवतियों को होता है यौन रोग

हालंकि अगर आप कंडोम इस्तेमाल करते हैं तो यौन रोग होने की संभावना कम ही रहती है भले ही आप कितनों के भी साथ शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन सेंटर फौर डिसीज कंट्रोल के अनुसार युवतियों के मामले में ऐसा नहीं है. 50 फीसद से ज्यादा युवतियों में, जिन्होंने तीन या इससे अधिक पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं, यौन रोग पाए गए हैं.

सेक्स में मर्द को भी होता है दर्द, जानें कैसे

आमतौर पर यह माना जाता है कि सेक्स के समय केवल लड़कियों को ही दर्द होता है. हकीकत यह है कि कई बार खुद लडकों को भी इस तरह के दर्द से दो चार होना पडता है. इसकी अलग अलग वजहे होती है. इनके कारण लडकें भी सेक्स से दूर होने लगते है.

लखनऊ में सेक्स रोगो के जानकार और मक्कड मेडिकल सेंटर राजेन्द्र नगर के सर्जन डाक्टर गिरीश मक्कड का मानना हैं कि आदमी के अंग में संक्रमण के कारण होने वाला सहवास पीडादायक हो जाता हैं. इसमें इतना दर्द होता है कि आदमी को सेक्स की अरूचि हो जाती है. यह दर्द कई कारणो से हो सकता है. जाने क्या है वो कारण-

अंग में दर्द का कारण:

आदमी के अंग में दर्द की पहली वजह उसके अगले हिस्से दर्द का होना होता है. कभी-कभी यह दर्द स्खलन के बाद होने लगता है. जिससे आदमी जल्द ही अपना अंग बाहर निकाल लेता है. इससे यौन असंतुष्टि का भाव भी मन में आ जाता है.

दर्द होने की आशंका में यौन संबंध ठीक तरह से नही बन पाते हैं. अंग के ऊपर मौजूद त्वचा उसकी देखभाल का काम करती है. यह त्वचा कभीकभी परेशानी का कारण भी बन जाती हैं त्वचा के अंदर अगर नियमित रूप से सफाई न की जाय तो यहां पर गंदगी फैलने लगती है. इससे अंग में पहले सूजन और छिलने बाद में सक्रंमण हो जाता है.

इसके चलते आदमी को संबंध के दौरान दर्द और जलन होने लगती है. अंग में दर्द तब भी होता है जब इसकी त्वचा पीछे नही जाती है. इससे भी दर्द होने लगता है. औरत के अंग में प्रवेश करने के कारण उसका संक्रमण भी आदमी के अंग में आ जाता है. जिससे उसकी त्वचा पर फफोले पड जाते है. जिन औरतो के अंग में संक्रमण होता है उनके साथ संबंध बनाने से यह परेशानी आ जाती है. आदमी के अंग में किसी प्रकार की चोट लगने और झटका लगने से भी दर्द होने लगता है

यह चोट लगने और शारीरिक संबंध बनाने के दौरान अचानक मुद्रा बदलने से भी हो सकता है. कभीकभी अंडकोषो में किसी तरह की खराबी आने के कारण भी दर्द होने लगता है. दरअसल यह दर्द अंडकोषो में होता है. इसका असर आदमी के अंग पर पडता है. यदि किसी वजह से मूत्र मार्ग में कोई रूकावट होती है तो अंग में दर्द होने लगता है. सूजाक जैसे रोगो में ऐसा हो जाता है. इसमें जलन दर्द और मूत्राशय तक पहुच जाता है. उम्र दराज लोगो में प्रोटेस्ट ग्रंथि का बढ जाना भी दर्द का कारण बन जाता है.

दर्द का इलाज:

डाक्टर गिरीश मक्कड़ का कहना है कि अंग में इस तरह के दर्द को लोग छिपा कर रखते है. शर्म के कारण किसी अच्छे डाक्टर को दिखाने के बजाये झोला छाप डाक्टरो के पास जाते है. यह लोग दर्द की छोटी सी वजह को इतना बड़ा करके बताते है जिससे बीमार डर जाता है. झोला छाप डाक्टरो के द्वारा इस का इलाज कभी कभी और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है इसलिये इस तरह की परेशानी होने पर अच्छे डाक्टर से ही इलाज कराये. अंग का दर्द भी एक तरह की बीमारी है. इसमें शर्म करने जैसा कुछ नही होता है. अच्छे डाक्टरो के पास इस तरह की बीमारी के लिये कई तरह का इलाज मौजूद होता है.

दर्द होने पर सबसे पहले मरीज के जननांगो और मूत्र प्रणाली से जुड़े अंगो की जांच की जाती है. अंग के ऊपर त्वचा, उसके आकार और प्रोस्टेट ग्रंथि का जायजा लिया जाता है. अगर त्वचा में कोई परेशानी या दाने है तो केवल साफ सफाई से ही बीमारी दूर हो जाती है. बहुत हुआ तो एक दो दिन दवा खानी पड सकती है. अपने आप भी अंगो की सफाई नियमित रूप से करनी चाहिये. अगर अंग की त्वचा जुडी हो या टांका लगा हो तो छोटा सा आपरेशन करके उसको हटाया जा सकता हैं. अगर औरत के अंग में संक्रमण से कोई परेशानी होती है तो पहले उसका इलाज करना पडता है. प्रोस्टेट ग्रंथि और अंडकोषो में दर्द कारण हो तो उसका इलाज करके परेशानी से बचा जा सकता है. साफसफाई और औरत से संबंध के दौरान कंडोम का प्रयोग करने से इस तरह की परेशानियो से बचा जा सकता है.

आदमी के अंगो में दर्द की वजह बहुत सामान्य सी बात है. इसमें डरने जैसा कुछ नही होता है. जरूरत इस बात की होती है कि जब भी परेशानी हो हमेशा अच्छे डाक्टर से ही इलाज कराये. अब तो तमाम सरकारी अस्पतालो और प्राइवेट नर्सिग होम में भी इस तरह का इलाज होने लगा है. गुप्त रोगो का इलाज करने वाले झोलाछाप डाक्टरों से इसका इलाज कराना ठीक नही रहता है. यह लोग सीधेसाधे इलाज को कठिन बना देते है. इससे बात और भी बिगड जाती है. इस तरह गुप्त रोगो को इलाज करने वाले झोलाझाप डाक्टर अपना प्रचार प्रसार ज्यादा करते है इससे लोग इनके जाल में फंस जाते है. शर्म छोड कर सही डाक्टर से इलाज कराने में आसानी से इस दर्द से राहत मिल सकती है.

मैं अपने बौयफ्रेंड से बेहद प्यार करती हूं पर मेरे पति मुझे तलाक नहीं दे रहे, मैं क्या करूं?

 सवाल

मै 24 वर्ष की हूं. मेरी शादी 8 महीने पहले हुई है. मैं अपने पति को जरा भी पसंद नहीं करती. हालांकि वे उच्च पदस्थ अधिकारी हैं और स्वभाव से भी सरल हैं. मैं मुंबई स्थित एक मल्टीनैशनल कंपनी में जौब करती हूं. मुंबई में रहते हुए ही पिछले 4 सालों से अपने बौयफ्रैंड के साथ रिलेशनशिप में रही. हम लोग एक ही फ्लैट में साथ रहते थे. बौयफ्रैंड बंगाल का रहने वाला है जबकि मैं उत्तराखंड की रहने वाली हूं.

हमारे रिश्ते के बारे में मेरे पेरेंट्स को भी जानकारी थी पर उन्हें यह रिश्ता पसंद नहीं था. बौयफ्रैंड शादी करने के लिए तैयार था. उस के घर वालों को भी कोई आपत्ति नहीं थी. पर मेरे घर वाले जिद कर मुझे एक बार साथ ले गए और शादी का दबाव बनाने लगे. इस दौरान उन्होंने मुझे राजी करने के लिए जातिधर्म व सामाजिक बदनामी का भय भी दिखाया. मैं फिर भी नहीं मान रही थी.

फिर एक दिन मेरी मम्मी ने आत्महत्या करने की कोशिश की. उन्हें अस्पताल में भरती कराने तक की नौबत आ गई. घरपरिवार, मामामामी और यहां तक कि मेरी एक टीचर, जिन्हें मैं बेहद सम्मान देती थी, से मुझ पर दबाव बनवाया जाने लगा. मैं टूट गई और शादी के लिए हां कर दी. पति सुलझे हुए खयाल के लगे. मैं उन के साथ देहरादून भी गई, जहां उन की पोस्टिंग थी. पर रातदिन बौयफ्रैंड की यादों में ही खोई रहती. नौकरी का हवाला दे कर बाद में मैं मुंबई आ गई और फिर से बौयफ्रैंड के साथ रहने लगी. बौयफ्रैंड बहुत रोया और पति से तलाक लेने की बात पर जोर देता रहा. मैं ने उसे बताया कि मैं पति से सैक्स संबंध बना चुकी हूं, बावजूद इस के वह कह रहा है कि उसे कोई ऐतराज नहीं है और वह मुझे ताउम्र प्यार करता रहेगा. उस के दबाव पर मैं ने एक दिन पति को फोन पर सब सचसच बता दिया.

वे कुछ पल तो चुप रहे, फिर कहा कि तुम्हारी अपनी जिंदगी है. तुम जिस के साथ रहना चाहो रहो. पर मैं तुम्हें तलाक नहीं दूंगा और तुम मेरे पास खुद लौट कर आओ इस का इंतजार करूंगा. मैं ने पति को बहुत समझाने की कोशिश की पर वे नहीं माने और कहते रहे कि तुम नहीं तो कोई नहीं.

इधर बौयफ्रैंड से दूर जाने की बात सुनते ही वह परेशान हो जाता है और किसी कीमत पर साथ न छोड़ने की जिद पर अड़ा हुआ है. मैं बहुत उलझन में हूं. समझ नहीं आ रहा क्या करूं. कृपया सलाह दें?

जवाब-

आप अपने घर वालों की इमोशनल ब्लैकमेलिंग की शिकार हुईं, इस में कोई शक नहीं. जातिधर्म व सामाजिक बदनामी का भय दिखा कर उन्होंने आप को मजबूरन शादी करने के लिए राजी किया, यह उन की गलती थी.

दूसरी तरफ, अगर आप अपने बौयफ्रैंड के साथ रिलेशनशिप में इतना आगे निकल चुकी थीं तो आप को भी यह शादी नहीं करनी चाहिए थी. आप और आप का बौयफ्रैंड दोनों अपने पैरों पर खड़े थे और बालिग थे. घर वाले नहीं मान रहे थे तो आप कोर्ट मैरिज कर सकती थीं. देरसबेर वे इस रिश्ते को अपना ही लेते.

अब जबकि आप की शादी हो गई है और जैसाकि आप ने बताया कि आप के पति सुलझे हुए इंसान हैं तो आप को अपने पति के साथ ही रहना चाहिए. वर्तमान में बौयफ्रैंड के साथ का रिश्ता अब नाजायज माना जाएगा. बेहतर होता कि बौयफ्रैंड के साथ रिश्ते की बात आप अपने पति से नहीं कहतीं और सब भूल कर नए जीवन की बेहतर तरीके से शुरुआत करतीं. अब जबकि आप ने अपने पति को सब सचसच बता ही दिया है और इस के बावजूद वे आप का साथ देने को तैयार हैं तो जाहिर है वे वाकई सुलझे हुए इंसान हैं जो विवाहरूपी संस्था को कमजोर नहीं होने देना चाहते. तलाक के बाद उन पर भी उंगलियां उठेंगी, यह वे जानते होंगे.

पति अच्छा कमाते हैं, उच्च पदस्थ अधिकारी हैं और आप को दिल से अपना रहे हैं तो बेहतर होगा आप अपने पति के पास लौट जाएं और इस अवैध रिश्ते पर विराम लगा दें.

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