मेरी अंडरआर्म्स में बहुत खुजली होती है, कोई घरेलू उपाय बताएं?

सवाल
मैं 18 वर्षीय युवती हूं. पिछले कई दिनों से मेरी अंडरआर्म्स में बहुत खुजली होती है. कई तरह के उपाय कर लिए पर कोई फायदा नहीं हुआ. कोई घरेलू उपाय बताएं ताकि मेरी इस समस्या का समाधान हो सके?

जवाब

दरअसल, कई बार पसीने की दुर्गंध से बचने के लिए हम जो डियोड्रैंट प्रयोग करते हैं, जिसे ऐंटीपर्सपिरैंट भी कहा जाता है में कई ऐस्ट्रिंजैंट साल्ट होते हैं, जिन की वजह से त्वचा में खुजली व जलन की समस्या हो जाती है. इस के अलावा कई बार वैक्सिंग भी अंडरआर्म्स में इचिंग का कारण बनती है. इसलिए जब भी वैक्सिंग कराएं प्रोफैशनल सैलून में जा कर ही कराएं. अंडरआर्म्स को हमेशा ऐंटीसैप्टिक सोप से साफ करें व सूखा रखें. इस के अलावा प्रीवैक्स लोशन और पोस्टवैक्स लोशन लगाना न भूलें. अगर आप की त्वचा सैंसिटिव है, तो आप सैंसिटिव स्किन औयल का भी प्रयोग कर सकती हैं.

मेरा बॉयफ्रेंड सेक्स करने के लिए कहता है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 2 साल से एक लड़के से प्यार करती हूं. वह भी मुझे बेहद चाहता है. हमेशा मेरी इच्छाओं का सम्मान करता है. ऐसा कोई काम नहीं करता जो मुझे नागवार गुजरता हो. मगर अब कुछ दिनों से वह शारीरिक संबंध बनाने को कह रहा है पर साथ ही यह भी कहता है कि यदि तुम्हारी मरजी हो तो. मैं ने उस से कहा कि ऐसा करने से यदि मुझे गर्भ ठहर गया तो क्या होगा?

जवाब

इस पर उस का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं होगा. कृपया राय दें कि मुझे क्या करना चाहिए?
दोस्ती में एकदूसरे की इच्छाओं को तवज्जो देना जरूरी होता है. तभी दोस्ती कायम रहती है. इस के अलावा आप का बौयफ्रैंड अभी आप का विश्वास जीतने के लिए भी ऐसा कर रहा है. जहां तक शारीरिक संबंधों को लेकर आप की आशंका है तो वह पूरी तरह सही है. यदि आप संबंध बनाती हैं तो गर्भ ठहर
सकता है, इसलिए शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने से हर हाल में बचना चाहिए.

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मेरी शादी मेरे बौयफ्रेंड से नहीं हो पाई और वह अब भी मेरे पीछे पड़ा है, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं जिस लड़के से प्यार करती थी, उस से मेरी शादी नहीं हो पाई. हम दोनों की अलग अलग शादी हो गईं. लेकिन वह अब भी मेरे पीछे पड़ा रहता है और न मिलने पर जान देने की धमकी देता है. क्या करूं?

जवाब
अगर उसे आप से बहुत प्यार था, तो हर हालत में उसे आप से ही शादी करनी चाहिए थी. अब चूंकि ऐसा नहीं हुआ, तो आप उसे भूल कर पूरी तरह पति का ही खयाल रखें. वह जान कतई नहीं देगा. अलबत्ता, उस के चक्कर में आप अपने पति का यकीन खो सकती हैं.

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सुरक्षित सेक्स के इन खतरों के बारे में भी जानिए

हम सभी की तरह मार्केटिंग प्रोफेशनल प्रिया चौहान को भी पूरा भरोसा था कि कंडोम का इस्तेमाल उन्हें हर तरह की सेक्स से फैलनेवाली बीमारियों (एसटीडीज) से महफूज रखेगा. आखिरकार इस बात को लगभग सभी स्वीकार करने लगे हैं. वे तब अचरज से भर गईं, जब उन्हें वेजाइनल हिस्से में लालिमा और जलन की वजह से त्वचा विशेषज्ञ के पास जाना पड़ा.

‘‘डौक्टर ने मुझे बताया कि मुझे सिफलिस का संक्रमण हुआ है, जो एक तरह की एसटीडी है,’’ गायत्री बताती हैं. ‘‘मुझे लगता था कि कंडोम मुझे इस तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखता है और जलन की वजह के बारे में मैं सोचती थी कि शायद मैं पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पी रही हूं.’’

ये चुंबन से भी हो सकता है

गायत्री और उनके बौयफ्रेंड को कुछ ब्लड टेस्ट कराने कहा गया और ऐंटीबायोटिक्स दिए गए, ताकि सिफलिस के वायरस को फैलने से रोका जा सके. ये वो सबसे आम एसटीडी है, जिसे रोकने में कंडोम सक्षम नहीं है.

सेक्सोलौजिस्ट डा. राजीव आनंद, जो कई जोड़ों को कंडोम और एसटीडीज से जुड़े इस मिथक की सच्चाई बता चुके हैं, कहते हैं कि अधिकतर लोग कंडोम को एसटीडीज से बचने का सबसे सुरक्षित तरीका मानते हैं, लेकिन कुछ इन्फेक्शंस ऐसे हैं, जो ओरल सेक्स या चुंबन के जरिए भी फैल सकते हैं.

‘‘ये भ्रांति शायद इसलिए है कि एड्स से जुड़ी जानकारी के केंद्र में कंडोम ही है. हालांकि यह एड्स की रोकथाम में कारगर है, लेकिन यह कुछ एसटीडीज की रोकथाम में कारगर नहीं है,’’

वे कहते हैं. ‘‘कंडोम प्रेगनेंसी और कुछ एसटीडीज से बचाव करता है, लेकिन हरपीज वायरस के इन्फ़ेक्शन से बचाने में यह कारगर नहीं है. यह एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) और कुछ फंगल इन्फ़ेक्शंस, जो त्वचा के उन हिस्सों के संपर्क के कारण फैलते हैं, जो कंडोम से नहीं ढंके हैं, से भी बचाव नहीं कर पाता.’’

कंडोम के इस्तेमाल से शारीरिक स्राव का विनिमय तो रुक जाता है, लेकिन हरपीज, एचपीवी और गोनोरिया आदि होने की संभावना बनी रहती है.

इस खतरे को कम करें

अपने साथी को अच्छी तरह जानना तो जरूरी है ही, पर ऐसे लोगों की संख्या को सीमित रखें, जिनसे आप सेक्शुअल संबंध रखती हैं, ताकि आप एसटीडीज के खतरे से बच सकें. यदि आप किसी नए साथी के साथ संबंध बना रही हैं तो उसका चेकअप जरूर कराएं.

‘‘यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने साथी से चेकअप कराने को कहें और उसकी रिपोर्ट्स देखें. मुझे पता है कि ये थोड़ा अटपटा लगेगा, लेकिन हमें समय के साथ चलना होगा,’’ कहती हैं रश्मि बंसल, जो दो वर्षों तक लिव-इन रिश्तों में थीं. ‘‘यदि वह आपको सच में पसंद करता है तो ऐसा करने में उसे कोई समस्या नहीं होगी.’’ इसके अलावा हेपेटाइटिस बी और एचपीवी के लिए वैक्सीन लेना भी अच्छा रहता है.

मेरे सास-ससुर सीरियल देखते हैं और पूरे दिन उन पात्रों का जिक्र होता है, जिसे सुनकर मैं परेशान हो गई हूं

सवाल

मैं 28 वर्षीय शादीशुदा महिला हूं. हम संयुक्त परिवार में रहते हैं. सासससुर के अलावा घर में जेठजेठानी, उन के 2 बच्चे व मेरे पति सहित कुल 8 सदस्य रहते हैं. ससुर सेवानिवृत्त हो चुके हैं. मुख्य समस्या घर में सासूमां और जेठानी के धारावाहिक प्रेम को ले कर है. वे सासबहू टाइप धारावाहिकों, जिन में अतार्किक, अंधविश्वास भरी बातें होती हैं, को घंटों देखती रहती हैं और वास्तविक दुनिया में भी हम से यही उम्मीद रखती हैं. इस से घर में कभीकभी अनावश्यक तनाव का माहौल पैदा हो जाता है.

इन की बातचीत और बहस में भी वही सासबहू टाइप धारावाहिकों के पात्रों का जिक्र होता है, जिसे सुनसुन कर मैं बोर होती रहती हूं. कई बार मन करता है कि पति से कह कर अलग फ्लैट ले लूं पर पति की इच्छा और अपने मातापिता के प्रति उन का आदर और प्रेम देख कर चुप रह जाती हूं. समझ नहीं आता, क्या करूं?

जवाब

सासबहू पर आधारित धारावाहिक टीवी चैनलों पर खूब दिखाए जाते हैं. बेसिरपैर की काल्पनिक कहानियों और सासबहू के रिश्तों को इन धारावाहिकों में अव्यावहारिक तरीके से दिखाया जाता है. पिछले कई शोधों व सर्वेक्षणों में यह प्रमाणित हो चुका है कि परिवारों में तनाव का कारण सासबहू के बीच का रिश्ता भी होता है और इस में आग में घी डालने का काम इस टाइप के धारावाहिक कर रहे हैं. ये धारावाहिक न सिर्फ परिवार में तनाव को बढ़ा रहे हैं, बल्कि भूतप्रेत, ओझातांत्रिक, डायन जैसे अंधविश्वास को भी बढ़ावा दे रहे हैं.

काल्पनिक दुनिया व अंधविश्वास में यकीन रखने वाले लोगों में एक तरह का मनोविकार भी देखा गया है, जो इन चीजों को देखसुन कर ही इन्हें सही मानने लगते हैं. ऐसे लोगों की मानसिकता बदलना टेढ़ी खीर होता है. अलबत्ता, इस के लिए आप को धीरेधीरे प्रयास जरूर करना चाहिए.

दिल्ली प्रैस की पत्रिकाएं समाज में व्याप्त ढकोसलों, पाखंडों व अंधविश्वासों के खिलाफ शुरू से मुहिम चलाती आई हैं और अब महिलाएं समाज में व्याप्त ढकोसलों, पाखंडों का विरोध करने लगी हैं. फिलहाल आप खाली समय में उपयुक्त वक्त देख कर सास और जेठानी को इस के गलत प्रभावों के बारे में बता सकती हैं. आप को उन के मन में यह बात बैठानी होगी कि इस से घर में तनाव का माहौल रहता है और इस का सब से ज्यादा गलत प्रभाव बच्चों और उन के भविष्य पर पड़ता है और वे वैज्ञानिक सोच से भटक कर तथ्यहीन और बेकार की चीजों को सही मान कर भटक सकते हैं. आप अपने ससुर से भी इस में दखल करने को कह सकती हैं.

बेहतर होगा कि खाली समय को ऊर्जावान कार्यों की तरफ लगाएं और उन्हें भी इस के लिए प्रेरित करें. उन्हें पत्रपत्रिकाएं व अच्छा साहित्य पढ़ने को दें. कुप्रथाओं, परंपराओं, अंधविश्वास के गलत प्रभावों को तार्किक ढंग से बताएं ताकि उन की आंखों की पट्टी खुल जाए और वे इस टाइप के धारावाहिकों को देखना बंद कर दें.

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घरवाले मेरी लव मैरिज नहीं कर रहे हैं इसलिए मैं भाग रही हूं, क्या मेरा निर्णय सही है?

सवाल
मेरी उम्र 18 साल है, मुझे अपने कालेज के एक लड़के से प्यार हो गया है. वह भी मुझ से बहुत प्यार करता है और शादी भी करना चाहता है. यहां तक कि उस ने अपने घर में भी इस बारे में जिक्र किया है. लेकिन दोनों की फैमिली वाले मानने को तैयार नहीं हैं. लेकिन मैं उस के बिना नहीं रह सकती, चाहे मुझे घर से भागना ही क्यों न पड़े. बताएं कि क्या मेरा निर्णय सही है?

जवाब
देखिए अभी आप की उम्र पढ़ाई लिखाई व लोगों को जाननेसमझने की है क्योंकि अभी न ही आप और न ही वह युवक इतना मैच्योर हुआ है कि आप शादी जैसे जिम्मेदारीभरे रिश्ते में बंध जाएं. आप के परिवार वाले आप के हितैषी हैं तभी तो वे इस रिश्ते के लिए अभी इनकार कर रहे हैं ताकि आप को बाद में पछताना न पड़े. आप दोनों मिल कर परिवार वालों को समझाएं कि हम दोनों एकदूसरे से बहुत प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं लेकिन कैरियर बनने के बाद.

इस से वे भी आप को जरूर समझेंगे और इस रिश्ते को समय आने पर स्वीकार भी करेंगे. और आप भूल कर भी घर से भागने की बात मन से निकाल दीजिए वरना बाद में पछतावे के सिवा कुछ हाथ नहीं लगेगा क्योंकि जल्दबाजी में कुछ नहीं रखा. आप ही सोचिए जब आर्थिकरूप से आप दोनों सशक्त होंगे तो आप को जिंदगी जीने का अलग ही आनंद आएगा वरना पैसों की कमी के कारण आप जीवनभर इस निर्णय पर पछताएंगी ही.

मैं 25 साल की हूं, यूरिन के दौरान प्राइवेट पार्ट में जलन महसूस होती है, क्या करूं?

सवाल
मैं 25 वर्षीय अविवाहित स्त्री हूं. वजन 45 किलोग्राम है. मुझे पेशाब करते समय योनिमुख में जलन महसूस होती है. खुजलाहट नहीं होती है, लेकिन योनि से सफेद चिपचिपा डिस्चार्ज निकलता है, जिस से दुर्गंध आती है. मैं ने पेशन की पूरी माइक्रोस्कोपी करवाई है. रिपोर्ट में मेरा पीएच का स्तर 5, विशिष्ट घनत्व 1.05 था और नाइट्राइटिस तथा बिलिरुबिन नैगेटिव था.  मैं ने बैक्टीरिया का पता लगाने के लिए यूरिन कल्चर भी करवाया. डाक्टर ने कैंडिड क्रीम और वी वौश लिखा, लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा है. बताएं क्या करूं?

जवाब
डाक्टर ने आप को कैंडिडिआसिस (फंगल इन्फैक्शन) मान कर दवा लिखी है. मेरे विचार से आप की मूत्रनली में इन्फैक्शन (यूटीआई) हो सकता है. आप 5 दिनों तक भोजन करने के बाद सिप्रोफ्लोक्सासिन की गोली रोजाना 2 बार लें. इस से आप ठीक हो जाएंगी.

मैं पैसा कमाता हूं पर मेरी पत्नी मुझे कामचोर समझती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 38 साल का हूं. मेरे 2 बच्चे हैं. मेरी पत्नी मु झे आज भी कामचोर सम झती है, जबकि मैं परिवार पालने लायक पैसे कमा लेता हूं. उस के सपने बड़े हैं और ज्यादा पैसे की चाहत में वह मु झे किसी भी तरह पैसे कमाने को कहती है. मुझे पैसे बनाने की मशीन नहीं बनना है, पर वह तो इस बात को ले कर घर में कलह मचा देती है. मैं क्या करूं?

जवाब

लगता है कि पत्नी की नजर में आप की इमेज शुरू से ही खराब है, लेकिन परिवार पालने लायक पैसा कमा लेने से आजकल के जमाने में काम नहीं चलता. आप को सेहत का ध्यान रखते हुए अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए और ज्यादा काम करना चाहिए, जिस से खुद आप का और परिवार का भविष्य सुरक्षित रहे. शायद यही आप की पत्नी चाहती है, लेकिन कलह करने की गलती वह कर रही है. उसे प्यार से सम झाएं कि पैसा बहुतकुछ होता है, लेकिन सबकुछ  नहीं होता.

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मैं अपने घर के झगड़े से परेशान हूं, क्या करूं?

सवाल

मैं संयुक्त परिवार में रहती हूं. सासससुर अच्छे ओहदे पर थे. अब रिटायर्ड हैं जबकि मेरे पति और जेठजी अच्छी कंपनियों में काम करते हैं. ननद की शादी अभी नहीं हुई है. घर में किसी चीज की दिक्कत नहीं है यानी हर सुखसुविधा है पर आएदिन रोजरोज की किचकिच और झगड़े से परेशान रहने लगी हूं. पति चाहते हैं कि हम सब एक ही परिवार में रहें इसलिए चाह कर भी उन्हें अलग फ्लैट में रहने के लिए नहीं कह सकती. कृपया बताएं क्या करूं?

जवाब

घर में छोटीबड़ी बातों पर तकरार होना आम बात है. कहते हैं जहां तकरार होती है वहीं प्यार भी होता है. मगर जब मतभेद मनभेद में बदल कर बड़े झगड़े का रूप लेने लगें तो यह जरूर चिंता की बात होती है. फिलहाल, आप के घर में हालात इतने खराब नहीं हुए हैं कि पति के साथ अलग रहने की सोची जाए. घर का झगड़ा किसी बड़े झगड़े का रूप न ले, इस से बचने की पहल आप को खुद करनी होगी.
इस दौरान अगर कोई गुस्से में है अथवा कुछ बोल रहा हो तो फायदा इसी में है कि दूसरे को शांत रहना चाहिए. ताली एक हाथ से नहीं बजती.

संयुक्त परिवार में तकरार आमतौर पर कामकाज को ले कर भी होती है. इसलिए बेहतर यही होगा कि घर के कामकाज को भी व्यवस्थित रूप से मिलजुल कर करा जाए. छोटीबड़ी बातों को नजरअंदाज कर आगे बढ़ने में ही समझदारी है.

लोग एकल परिवारों में रहते हुए अपने सपनों को पंख नहीं दे पाते, जबकि संयुक्त परिवार इस के बेहतर अवसर देता है. संयुक्त परिवार में पलेबढ़े बच्चे भी आम बच्चों की तुलना में मानसिक व शारीरिक रूप से अधिक श्रेष्ठ होते हैं. इसलिए इस अवसर को आपसी झगड़ों में न गंवा कर मिलजुल कर रहने में ही भलाई है.

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वायग्रा सिर्फ सेक्स के लिए नहीं, जानें यहां

डायमंड के आकार वाली छोटी सी नीली गोली वियाग्रा सैक्स पावर को बढ़ाने के अलावा दूसरी बीमारियों में भी कमाल का असर दिखाती है. वियाग्रा में मौजूद दवा सिल्डेनाफिल को मर्दों की सैक्स संबंधी कमजोरियों को दूर करने में असरकारक माना जाता है लेकिन एक नई रिसर्च के अनुसार, वियाग्रा अन्य कई गंभीर रोगों में भी फायदेमंद है.

कई देशों में वियाग्रा के साइड इफैक्ट्स के बारे में शोध करने पर इस के कई फायदे सामने आए जो चौंकाने वाले हैं. अमेरिका में किए गए एक शोध के अनुसार, ठंड के मौसम में अकसर लोगों की उंगलियों में ऐंठन, दर्द होना, मुड़ न पाना, पीली पड़ जाना जैसी समस्याएं हो जाती हैं. ठंड से बच कर इन समस्याओं से बचा जा सकता है.

इस समस्या से जूझ रहे मरीजों को सिल्डेनाफिल देने पर उन्हें काफी फायदा हुआ. ऐसे?स्थान जहां अधिक बर्फ पड़ती है, वहां के लोगों को माउंटेन सिकनैस की समस्या हो जाती है. ऊंचे स्थानों पर औक्सीजन की कमी होने से ब्लड में इस का लेवल कम हो जाता है जिस से पल्मोनरी धमनियां संकरी हो जाती हैं. ऐसे में हृदय को पंपिंग करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है और व्यक्ति की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है.

पल्मोनरी हाइपरटैंशन जैसी समस्या में भी सिल्डेनाफिल काफी प्रभावशाली होती है. फेफड़ों की बीमारी व हृदय संबंधी गड़बडि़यां होने पर पल्मोनरी हाइपरटैंशन की समस्या हो सकती है. पल्मोनरी हाइपरटैंशन के इलाज के लिए पुरुष व स्त्री दोनों के लिए सिल्डेनाफिल की 20 एमजी की 1-1 खुराक दिन में 3 बार निर्धारित की गई है. क्लीनिकल ट्रायल्स में इस दवा के काफी बेहतर परिणाम मिले हैं.

हृदय रोगियों के लिए हालांकि वियाग्रा सुरक्षित नहीं है लेकिन एक ही जगह पर रक्त की अधिकता, जिस की वजह से हार्ट फेल्योर की समस्या उत्पन्न होती है, के मरीजों के लिए सिल्डेनाफिल काफी प्रभावकारी होती है.  स्ट्रोक जैसी समस्या में सिल्डेनाफिल कमाल का असर दिखाती है. इस विषय पर शोध करने वाले जरमनी के डा. मैक रैपर का कहना है कि सिल्डेनाफिल मस्तिष्क के स्ट्रोक को दूर  करने में काफी अच्छा काम करती है.

सिल्डेनाफिल को ले कर नए शोध जारी हैं.  शोधों में इस से होने वाले लाभ और नुकसान के नतीजे सामने आ रहे हैं. बहरहाल, अब तक किए गए नतीजों से वियाग्रा एक लाभदायक दवा के रूप में भी सामने आई है. मगर ध्यान रहे, ऐसी कोई भी दवा बिना विशेषज्ञों की सलाह के बगैर न लें.

हम दोनों सगी बहनों ने शादी के बाद अपने पति बदल लिए हैं, अब क्या करें ?

सवाल
हमारी समस्या थोड़ी अजीब है. हम 2 सगी बहनें हैं और हमारा विवाह एक ही घर में 2 सगे भाइयों से हुआ था. लेकिन हम दोनों बहनों ने विवाह के 1 वर्ष बाद ही अपने अपने पतियों की सहमति से पति बदल लिए थे. इस समय हमारी उम्र 30 वर्ष है. पतियों की अदलाबदली वाली बात घर में हम चारों के अलावा और कोई नहीं जानता है और दोनों बहनों के पतियों में 1 वर्ष का अंतर है. चूंकि हमारी ससुराल अत्यंत धनाढ्य घराना है इसलिए ससुर ने अभी से वसीयत कर दी है और वसीयत का बंटवारा दोनों भाइयों में बराबरबराबर कर दिया है. पतियों की अदलाबदली से छोटी बहन जेठानी और मैं देवरानी हो गई हूं. हम बहनों और हमारे पतियों में अटूट प्रेम है. लेकिन हमें डर है कि अगर हम दोनों बहनों में से कोई भी एक पहले विधवा हो जाती है तो क्या इस का असर हमारी संपत्ति के बंटवारे पर पड़ेगा.

हमें ऐसा क्या करना चाहिए जिस से हमारे बीच का राज, राज ही बना रहे और संपत्ति को ले कर किसी को कोई नुकसान नहीं हो. इस के अलावा हमें अपने मायके की संपत्ति को ले कर भी डर है कि कहीं हमारी इस अदलाबदली से वहां की संपत्ति के बंटवारे में कोई विवाद तो नहीं हो जाएगा? सलाह दें.

जवाब
आप ने सही कहा, आप की समस्या अजीबोगरीब है और ऐसा आप बहनों की पतियों की अदलाबदली के निर्णय के कारण हुआ है. आप ने यह नहीं बताया कि आप ने विवाह के 1 वर्ष बाद पतियों की अदलाबदली का अजीबोगरीब निर्णय क्यों लिया? क्या इस के पीछे कोई खास वजह थी. अगर आप को पतियों की पसंद को ले कर कोई समस्या थी तो आप को यह अदलाबदली विवाह से पहले ही करनी चाहिए थी. आप ने विवाह के बाद ऐसा कर के बहुत बड़ा रिस्क लिया है. आप घरपरिवार वालों के सामने इस बदले रिश्ते को कैसे निभा पाते हैं, यह एक कठिन काम है. हालांकि अब आप ऐसा कर चुके हैं और आप ने ऐसा कर के वैवाहिक संबंधों को हंसीखेल बना दिया है.

जहां तक संपत्ति के बंटवारे को ले कर फायदेनुकसान की बात है तो यह बात आप सभी के पक्ष में हुई है कि आप के ससुर ने संपत्ति का बंटवारा दोनों भाइयों में बराबरबराबर किया है. अगर ऐसा नहीं होता तो आप लोगों के इस बेतुके निर्णय से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता था.

जहां तक आप का यह संशय कि अगर आप दोनों में से कोई पहले विधवा हुई तो क्या इस का असर आप लोगों की संपत्ति पर पड़ेगा तो इस का जवाब भी यही है कि ऐसा कोई असर आप लोगों की संपत्ति पर नहीं पड़ेगा क्योंकि संपत्ति का बंटवारा बराबरी से हुआ है. इस के अलावा जहां तक पतियों के अदलाबदली वाली बात का घर के अन्य सदस्यों को पता चलने का डर है तो वह तब तक किसी अन्य सदस्य को पता नहीं चलेगी जब तक आप लोगों में से कोई इस राज को जाहिर नहीं करेगा. और अगर पीहर की संपत्ति के बंटवारे की बात करें तो वहां भी आप के राज के बारे में किसी को पता नहीं है.

ऐसे में अगर आप के पिता अगर दोनों बहनों के बीच संपत्ति का बंटवारा बराबर करेंगे तो कोई समस्या नहीं होगी लेकिन अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो इस का खमियाजा या फायदा आप दोनों बहनों को ही उठाना पड़ेगा. इस के अलावा आप लोगों के पास कोई अन्य विकल्प नहीं है. यह सब आप को पतियों की अदलाबदली करने से पहले सोचना चाहिए था.

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