हर साँस को संजीदगी से सहेजने की कोशिश में लगी उत्तर प्रदेश सरकार

लखनऊ . मार्च/अप्रैल में कोरोना की आयी दूसरी लहर की संक्रमण दर पहले की तुलना में 30 से 50 गुना संक्रामक थी. इसी अनुपात में ऑक्सीजन (सांस) की चौतरफा मांग भी निकली. मांग में अभूतपूर्व वृद्धि के नाते ऑक्सीजन की कमी को लेकर देश के अधिकांश राज्यों को परेशान होना पड़ा. उत्तर पदेश में भी ऑक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकार मचा. लोग ऑक्सीजन के सिलिंडर को पाने के लिए परेशान हुए. और कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले अस्पताल भी मरीजों की साँस को सहेजने के लिए सरकार से ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की मांग करने लगे.

ऑक्सीजन रीफिलर के पास ऑक्सीजन के सिलिंडर लेने वालों की भीड़ लगने लगी तो ऑक्सीजन की इस भयावह कमी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूर करने का बीड़ा उठाया. उन्होंने कोरोना संक्रमित हर मरीज की सांसों को सहेजने के लिए अपनी बीमारी की भी परवाह ना करते हुए ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए जो योजना तैयार की, उसके चलते आज यूपी में ऑक्सीजन की कहीं कोई कमी नहीं है. राज्य के हर जिले में मरीजों की सांसों को सहेजने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन के सिलेंडर मौजूद हैं.

ऑक्सीजन की इस उपलब्धता के चलते अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होम आइसोलेशन में कोरोना संक्रमण का इलाज कर रहे लोगों को भी ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराये जाने का निर्देश दिया. यह काम शुरू भी हो गया और बीते 24 घंटे के दौरान होम आइसोलेशन में 3471 कोरोना संक्रमितों को 26.44 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई.

ऑक्सीजन को लेकर चंद दिनों पहले ऐसा सकारात्मक माहौल नहीं था. अभी भी प्रदेश से सटी दिल्ली में ऑक्सीजन कमी बनी हुई है. फिर उत्तर प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी को कैसे दूर किया? तो इसका जवाब है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देखरेख में चिकित्सा विशेषज्ञों की सलाह पर टीम -9 के अफसरों का एक सैनिक की तरह अपने टास्क को पूरा करने का जुनून. जिसके चलते आज यूपी में ना सिर्फ ऑक्सीजन की कमी खत्म हुई है बल्कि अब ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिसके चलते यूपी में कभी भी किसी अस्पताल को ऑक्सीजन की कमी होने ही नहीं पायेगी.

आखिर वह क्या योजना थी, जिसके चलते यूपी में ऑक्सीजन की कमी खत्म हुई. इस बारे चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले यह जाना कि ऑक्सीजन की कमी क्यों हो रही है और इसे कैसे दूर करने के लिए क्या -क्या किया जाए? इस पर उन्हें बताया गया कि मेडिकल ऑक्सीजन विश्व स्वास्थ्य संगठन की आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल है. कोरोना वायरस मरीजों के फेफड़ों को क्षति पहुंचाता है, जिससे बॉडी में ऑक्सीजन लेवल गिर जाता है. तब जान बचाने के लिए पेशेंट को ऑक्सीजन देने की जरूरत पड़ती है.

कोरोना की दूसरी लहर में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग बहुत ज्यादा बढ़ी है और खपत भी. लेकिन आपूर्ति में बाधा से कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी सामने आ रही है. ऑक्सीजन के वितरण की व्यवस्था की कमी इसकी कमी का सबसे प्रमुख कारण है.

यह जानने के बाद मुख्यमंत्री ने भविष्य की जरूरतों को  ध्यान में रखते हुए सभी जिलों में ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का फैसला किया है. इसके लिए बजट भी सरकार ने जारी कर दिया है. इसके साथ ही भारत सरकार, राज्य सरकार और निजी क्षेत्र द्वारा प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की कार्यवाही भी शुरू की गई है. विभिन्न पीएसयू भी अपने स्तर पर प्लांट स्थापित करा रही हैं. इसके साथ ही गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग और आबकारी विभाग द्वारा ऑक्सीजन जनरेशन की दिशा में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. यह विभाग प्रदेश के सभी 75 जिलों में ऑक्सीजन जनरेटर लगाएगा. एमएसएमई इकाइयों की ओर से भी ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के मामले में सहयोग मिल रहा है. इसके अलावा सरकार ने सीएचसी स्तर से लेकर बड़े अस्पतालों तक में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए हैं. यह सभी क्रियाशील रहें, इसे सुनिश्चित किया गया. और जिलों की जरूरतों के अनुसार और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे जाने की अनुमति भी दी गई है. इसके अलावा उन्होंने तकनीक का इस्तेमाल कर ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाने का निर्देश दिया. और  ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 24 घंटे साफ्टवेयर आधारित कंट्रोल रूम, ऑक्सीजन टैंकरों में जीपीएस और ऑक्सीजन के वेस्टेज को रोकने के लिए सात प्रतिष्ठित संस्थाओं से ऑडिट की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन मंगाने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस और वायु सेना के जहाजों की भी सहायता ली.

प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बेहतर करने के लिए उन्होंने टैंकरों की संख्या में इजाफा करने का भी फैसला किया. यूपी में ऑक्सीजन लाने के लिए 64 ऑक्सीजन टैंकर थे, जो अब बढ़कर 89 ऑक्सीजन टैंकर हो गए हैं. केंद्र सरकार ने भी प्रदेश को 400 मीट्रिक टन के 14 टैंकर दिए हैं. मुख्यमंत्री के प्रयासों से रिलायंस और अडानी जैसे निजी औद्योगिक समूहों की ओर से भी टैंकर उपलब्ध कराए गए हैं. इसे बाद भी ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों ने टैंकरों की संख्या बढ़ाने की सलाह दी. तो सरकार ने क्रायोजेनिक टैंकरों के संबंध में ग्लोबल टेंडर करने की कार्यवाही ही है. जिसके चलते अब ऑक्सीजन की और बेहतर उपलब्धता के लिए देश में क्रायोजेनिक टैंकरों के लिए ग्लोबल टेंडर करने वाला पहला राज्य यूपी बन गया है.

अब यूपी में ऑक्सीजन की कमी को पूरी तरह दूर कर दिया गया है. बीती 11 मई को 1011 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया. इसमें रीफिलर को 632 मीट्रिक टन ऑक्सीजन और मेडिकल कालेजों तथा चिकित्सालयों को 301 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई. जबकि 12 मई को प्रदेश में 1014.53 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया. जिसके तहत रीफिलर को 619.59 मीट्रिक टन ऑक्सीजन और मेडिकल कालेजों तथा चिकित्सालयों को 302.62 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई. और होम आइसोलेशन में इलाज कर रहे 4105 कोरोना संक्रमितों को 27.9 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई. इसी प्रकार 13 मई को प्रदेश में 1031.43 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया. जिसके तहत रीफिलर को 623.11 मीट्रिक टन ऑक्सीजन और मेडिकल कालेजों तथा चिकित्सालयों को 313.02 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई. और होम आइसोलेशन में इलाज कर रहे 3471 कोरोना संक्रमितों को 26.44 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई. प्राइवेट अस्पतालों को 95.29 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई है.

जाहिर है कि लोगों की सांसों को संजीदगी से सहेजने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ऑक्सीजन उपलब्धता की रणनीति कारगर साबित हो रही है.

योगी सरकार के कोविड प्रबंधन का कायल हुआ डब्‍ल्‍यूएचओ

लखनऊ- योगी सरकार के शानदार कोविड प्रबंधन पर एक बार फिर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने मुहर लगा दी है. ग्रामीण इलाकों में राज्‍य सरकार के कोरोना के माइक्रो मैनेजमेंट का डब्‍ल्‍यूएचओ भी कायल‍ है. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर यूपी सरकार के कोविड प्रबंधन की खुल कर तारीफ की है.

डब्‍ल्‍यूएचओ ने यूपी के ग्रामीण इलाकों में कोरोना को रोकने के लिए  चलाए जा रहे महा अभियान की चर्चा करते हुए अपनी रिपोर्ट में बताया  है कि राज्‍य सरकार ने किस तरह से 75 जिलों के 97941 गांवों में घर घर संपर्क कर कोरोना की जांच करने के साथ आइसोलेशन और मेडिकल किट की सुविधा उपलब्‍ध कराई.

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने योगी सरकार के कोविड मैनेजमेंट को धरातल पर परखने के लिए यूपी के ग्रामीण इलाकों में 10 हजार घरों का दौरा किया . डब्‍ल्‍यू एचओ की टीम ने खुद गांवों में कोविड मैनेजमेंट का हाल जाना. कोरोना मरीजों से उनको मिल रही चिकित्‍सीय सुविधाओं के बारे में पूछताछ की. इतना ही नहीं विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के विशेषज्ञों ने फील्‍ड में काम कर रही 2 हजार सरकारी टीमों के काम काज की गहन समीक्षा भी की है.

डब्‍ल्‍यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में  बताया है कि किस तरह यूपी के ग्रामीण इलाकों में किस तरह योगी सरकार ने सामुदायिक केंद्रों, पंचायत भवनों और स्‍कूलों में कोरोना मरीजों की जांच और इलाज की सुविधा दे रही है. जिले के हर ब्‍लाक में कोविड जांच के लिए राज्‍य सरकार की ओर से दो मोबाइल वैन तैनात की गई है. कोरोना के खिलाफ महाअभियान के लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की 141610 टीमें दिन रात काम कर रही हैं.

कोविड मैनेजमेंट की इस पूरे अभियान पर नजर रखने के लिए योगी सरकार ने 21242 पर्यवेक्षकों की तैनाती की है.

ग्रामीण इलाकों में कोविड समेत अन्‍य संक्रामक बीमारियों की  रोकथाम के लिए योगी सरकार ने बड़े स्‍तर पर स्‍वच्‍छता अभियान चला रखा है. 60 हजार से अधिक निगरानी समितियों के 4 लाख सदस्‍य गांवों में घर घर पहुंच कर न सिर्फ कोविड के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं बल्कि साफ, सफाई और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं से भी जोड़ रहे हैं. राज्‍य में इस तरह का अभियान चलाने वाला यूपी देश का पहला राज्‍य है.  गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान भी योगी सरकार के शानदार कोविड मैनेजमेंट की डब्‍ल्‍यूएचओ समेत देश और दुनिया में जम कर तारीफ हुई थी.

ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के मंत्र से प्रदेश सरकार कर रही कोरोना का मुकाबला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना महामारी के विरुद्ध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में दूसरी लहर का मुकाबला पूरा देश कर रहा है. ‘ट्रेस, टेस्ट व ट्रीट’ का जो मंत्र कोरोना महामारी से लड़ने के लिए सभी राज्यों को दिया गया है, उसको अपना कर उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेशवासियों को राहत पहुंचाने में काफी हद तक सफलता प्राप्त की है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 30 अप्रैल, 2021 की अपेक्षा 77,000 एक्टिव केस कम हुए हैं. पॉजिटिविटी घटी है और रिकवरी दर बढ़ी है. उन्होंने कहा कि वाराणसी मंडल में एक सप्ताह में 9285 एक्टिव केस आए हैं, जिसमें वाराणसी जनपद में 4500 से अधिक केस हैं. कोरोना की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर काफी तीव्र व संक्रामक रही है.

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूरे देश में ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस व इंडियन एयर फोर्स के विमान का इस्तेमाल ऑक्सीजन आपूर्ति में किया गया. इससे कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में सभी राज्यों को सुगमता हुई.

उन्होंने कहा कि जिस तेजी से कोरोना को संक्रमण बढ़ा, उसी तेजी से ऑक्सीजन की भी डिमांड बढ़ी. वर्तमान में लगभग 1000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही है. महामारी का मुकाबला सभी के सहयोग से किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार महामारी का मुकाबला मजबूती से कर रही है. इसके लिए हर स्तर पर संसाधन भी बढ़ाए जा रहे हैं. टीकाकरण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि दो स्वदेशी वैक्सीन अभी फिलहाल लग रही है और तीसरी वैक्सीन के लिए भी सहमति मिल गई है.

उन्होंने कहा कि सभी को टीके के लिए आगे आना चाहिए. आसानी से टीकाकरण किया जा सके, इसके लिए टीकाकरण केन्द्र बनाए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी चिकित्सा के क्षेत्र का हब है. पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित बिहार के लोग चिकित्सा सुविधा यहां प्राप्त करते हैं. 750 बेड के डी0आर0डी0ओ0 की मदद से बनाये गए अस्थायी अस्पताल जिसमें 250 बेड वेंटीलेटर के हंै, से वाराणसी के साथ ही आसपास के जिलों के लोगों को बड़ी राहत होगी. यहां आर्मी मेडिकल कोर के साथ ही बी0एच0यू0, स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी स्वास्थ्यकर्मियों के अलावा अन्य संसाधनों को समन्वय स्थापित कर मुहैया कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि भारत सरकार की ओर से पर्याप्त वैक्सीन मिल रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के सेकंड वेव को रोकने के लिए किये गये कार्यों की सार्थकता दिखाई दे रही है. पॉजिटिविटी घटी है और रिकवरी दर बढ़ी है. लेकिन अभी सतर्कता की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने जन सामान्य से अपील की कि वह बिना वजह अपने घरों से बाहर न निकलें और अपने घरों में ही सुरक्षित रहें. जरूरत पड़ने पर घरों से बाहर निकलने पर हर व्यक्ति कोविड नियम का पालन करे. चेहरे पर मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हर हालत में करें. हाई रिस्क कैटेगरी के लोग घरों से बाहर कतई न निकलें. वैक्सीन लगवाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराएं और वैक्सीन अवश्य लगवाएं. उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि ‘कोरोना हारेगा और देश जीतेगा’.

महिलाओं की सुरक्षा और आत्मसम्मान के प्रति सजग उत्तर प्रदेश सरकार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष ‘मिशन शक्ति’ की प्रगति, इसके द्वितीय फेज़ तथा इसमें विभिन्न विभागों द्वारा दिए गए योगदान के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा तथा आत्मसम्मान सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है. ‘मिशन शक्ति’ को इसी उद्देश्य से लागू किया गया था. उन्होंने कहा कि 08 मार्च, 2021 को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस है. इसके दृष्टिगत ‘मिशन शक्ति’ के तहत महिला सशक्तीकरण से सम्बन्धित विभिन्न विभागीय आयोजन 26 फरवरी, 2021 से ही शुरू कर दिए जाएं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस अभियान का सकारात्मक प्रभाव समाज पर पड़ा है और महिलाओं की सुरक्षा और आत्मसम्मान के प्रति समाज अब और जागरूक हो रहा है. उन्होंने राजस्व विभाग को घरौनी के तहत स्वामित्व का अधिकार घर की महिला को देने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए गए सामुदायिक शौचालयों में महिला कर्मी की तैनाती शीघ्र की जाए. उन्होंने सभी जनपदों में अपर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक रिपोर्टिंग चौकी स्थापित करने के निर्देश दिए, जहां महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के सम्बन्ध में सूचना दर्ज कर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कन्या सुमंगला योजना और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री जी के समक्ष नारी सुरक्षा, नारी सम्मान तथा नारी स्वावलम्बन के लिए चलाए जा रहे ‘मिशन शक्ति’-द्वितीय फेज़ का प्रस्तुतीकरण अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने किया.

उन्होंने ‘मिशन शक्ति’ के द्वितीय फेज़ के दौरान महिला थाने की रिपोर्टिंग पुलिस चौकी की स्थापना तथा इससे सम्बन्धित प्रस्ताव, महिला साइबर क्राइम सेल, साइबर बुलीइंग व साइबर स्टॉकिंग के लिए डूज़ व डोन्ट्स, कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत महिला सुरक्षा समिति के गठन, समिति के स्वरूप, महिला हेल्प डेस्क में प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा, अत्यधिक वृद्ध महिला कैदी/शारीरिक रूप से अशक्त महिला कैदियों की रिहाई, ‘मिशन शक्ति’ पुरस्कार इत्यादि के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया.

प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री जी के समक्ष ‘मिशन शक्ति’ में प्रतिभाग करने वाले विभिन्न विभागों जिनमें कृषि, पंचायती राज, राजस्व, महिला कल्याण तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, युवा कल्याण, बेसिक शिक्षा, समाज कल्याण, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास, चिकित्सा शिक्षा, संस्कृति, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, औद्योगिक विकास, ग्राम्य विकास, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, परिवहन, नगर विकास, पशुपालन, अल्पसंख्यक कल्याण, न्याय तथा सहकारिता विभाग शामिल हैं, ने अपने-अपने विभाग द्वारा किए गए कार्यों तथा उपलब्धियों के विषय में जानकारी दी.

उल्लेखनीय है कि ‘मिशन शक्ति’ की शुरुआत शारदीय नवरात्र 2020 से की गई थी. यह अभियान बासन्तिक नवरात्र 2021 तक चलेगा.

चुनावी साल में युवा, महिला और विकास पर केंद्रित है उत्तर प्रदेश का ‘योगी बजट’

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विधान सभा में प्रस्तुत वर्ष 2021-22 का बजट एक लोक कल्याणकारी, विकासोन्मुख व सर्व समावेशी बजट है. यह बजट ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की उत्कृष्ट लोकतांत्रिक भावना से परिपूर्ण है. यह बजट वैश्विक महामारी कोरोना के मध्य देश के सबसे बड़े राज्य को नयी आशा, नयी ऊर्जा देने के साथ ही, प्रदेश की नयी सम्भावनाओं को उड़ान देने का माध्यम बनेगा. इस बजट में हर घर को नल, बिजली, हर गांव में सड़क की व्यवस्था और उसे डिजिटल बनाने तथा हर खेत को पानी एवं हर हाथ को काम देने का संकल्प निहित है.

उन्होंने कहा कि प्रस्तुत बजट गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं तथा समाज के प्रत्येक तबके का प्रतिनिधित्व करने वाला बजट है. यह बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की भावना के अनुरूप है. रोजगार की व्यवस्था, सभी वर्गाें के उत्थान का इरादा, वंचितों, शोषितों एवं युवाओं के सुन्दर भविष्य की रूपरेखा और प्रदेश के नवनिर्माण की संरचना इस बजट में निहित है.
मुख्यमंत्री जी आज विधान सभा में राज्य सरकार के वर्ष 2021-22 का बजट प्रस्तुत किये जाने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश को पेपरलेस बजट प्रस्तुत करने वाला देश का पहला राज्य होने पर उन्होंने वित्त मंत्री व उनकी टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि आज ही प्रदेश में पहली बार ई-कैबिनेट बैठक सम्पन्न हुई. बजट से पूर्व हुई कैबिनेट की बैठक पहली ई-कैबिनेट थी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट का आकार 05 लाख 50 हजार 270 करोड़ 78 लाख रुपये का है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना काल में भी वित्तीय अनुशासन बनाये रखते हुए आधारभूत संरचना के विकास के साथ ही लोक कल्याण के लिए कदम उठाये. विगत वर्ष कोविड-19 से आमजन जीवन के साथ ही अर्थव्यवस्था भी व्यापक रूप से प्रभावित हुई. लक्ष्य के अनुरूप राजस्व की प्राप्तियां सम्भव नहीं हुईं. इसके बावजूद राज्य सरकार ने भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफआरबीएम की सीमा का पालन किया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार का वर्ष 2017-18 में पहला बजट किसानों को समर्पित था. वर्ष 2018-19 का दूसरा बजट औद्योगिक विकास तथा बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए था. वर्ष 2019-20 का बजट महिलाओं के सशक्तिकरण के माध्यम से समाज में उनके प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन के लिए था. वर्ष 2020-21 का बजट युवाओं तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए समर्पित था. वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट का केन्द्र बिन्दु प्रदेश के समग्र एवं समावेशी विकास द्वारा प्रदेश के विभिन्न वर्गाें का ‘स्वावलम्बन से सशक्तीकरण’ है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रस्तुत बजट के माध्यम से प्रदेश में ईज ऑफ लिविंग के लिए हर घर को पानी, बिजली, हर गांव को सड़क तथा डिजिटल बनाने के साथ ही राज्य के समग्र विकास की रूपरेखा प्रारम्भ की गयी है. कृषि क्षेत्र में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना को विस्तार दिया गया है. इस योजना के तहत अब किसान के साथ-साथ उसके परिवार का कमाऊ सदस्य, बटाईदार आदि को भी सम्मिलित किया गया है. दुर्घटना से मृत्यु की स्थिति में 05 लाख रुपये बीमा की व्यवस्था की गयी है. साथ ही, आयुष्मान भारत योजना से कवर न होने वाले किसान परिवारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 05 लाख रुपये के निःशुल्क चिकित्सा बीमा कवर की व्यवस्था की गयी है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रस्तुत बजट में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए नयी योजनाएं प्रारम्भ की गयी हैं. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को नया आयाम दिया गया है. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आच्छादन बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. प्रस्तुत बजट में एक नयी योजना मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना प्रस्तावित है. इसके अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत 06 माह से 05 वर्ष के चिन्हित कुपोषित बच्चों तथा एनीमिया ग्रस्त 14 वर्ष तक की स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिकाओं को अतिरिक्त पोषण प्रदान किया जाएगा. वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में महिला दुग्ध उत्पादकों के स्वयं सहायता समूहों की आजीविका बढ़ाने के लिए महिला सामर्थ्य योजना भी प्रस्तावित की गयी है. इसके लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को निःशुल्क कोचिंग के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना प्रारम्भ की गयी है. योजना के अन्तर्गत फिजिकली और वर्चुअली निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था है. इस योजना के अन्तर्गत 18 मण्डल मुख्यालयों पर 10 लाख से अधिक युवा जुड़ चुके हैं. प्रदेश में यह योजना तेजी से लोकप्रिय हो रही है. अन्य राज्यों में भी प्रतियोगी परीक्षार्थियों द्वारा इसकी डिमाण्ड की जा रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अन्तर्गत पात्र श्रेणी के परीक्षार्थियों को टैबलेट उपलब्ध कराये जाने का प्रस्ताव बजट में किया गया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कुल 18 मण्डल हैं. जिन मण्डलों में सैनिक स्कूल नहीं हैं, उन मण्डलों में सैनिक स्कूल की स्थापना की जाएगी. संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को गुरुकुल पद्धति के अनुरूप निःशुल्क छात्रावास एवं भोजन की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है. युवाओं को खेल-कूद के बेहतर अवसर सुलभ कराने के लिए ग्रामीण स्टेडियम एवं ओपेन जिम के निर्माण हेतु धनराशि की व्यवस्था प्रस्तुत बजट में प्रस्तावित है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन मण्डलों में राज्य विश्वविद्यालय नहीं हैं, वहां राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी. प्रदेश के 59 जनपदों में राजकीय अथवा निजी मेडिकल कॉलेज स्थापित हैं. मेडिकल कॉलेजों से असेवित 16 जनपदों में पी0पी0पी0 मोड पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी. इससे प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं अत्यन्त सुदृढ़ हो जाएंगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल खण्ड में संगठित व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए निःशुल्क राशन, भरण पोषण भत्ता उपलब्ध कराया गया. श्रमिकों के आवागमन के लिए भी सुविधा सुलभ करायी गयी. श्रमिकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा सुलभ कराने के लिए अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना करायी जा रही है. प्रदेश में असंगठित क्षेत्र में एक करोड़ से अधिक श्रमिक कार्यरत हैं. इनमें खेतों में काम करने वाले श्रमिकों सहित पल्लेदार, कुली आदि बड़ी संख्या में श्रमिक सम्मिलित हैं. असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना तथा चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने के लिए मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना प्रारम्भ करने के लिए धनराशि का प्रस्ताव किया गया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोवंश संरक्षण एवं निराश्रित पशुओं की देखभाल के लिए संचालित गो आश्रय स्थलों में 05 लाख 58 हजार गोवंश संरक्षित हैं. मुख्यमंत्री निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के अन्तर्गत 74,000 से अधिक गोवंश इच्छुक गोपालकों की सुपुर्दगी में दिये गये हैं. प्रस्तुत बजट में सभी न्याय पंचायतों मंे गो आश्रय स्थलों की स्थापना तथा इन्हें स्थानीय एवं स्वैच्छिक संगठनांे की सहभागिता से संचालित करने का प्रस्ताव किया गया है. वाराणसी के गोकुल ग्राम की तर्ज पर शहरों में भी गो संरक्षण की व्यवस्था की जाएगी. व्यापारियों के कल्याण के लिए संचालित मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत प्रति लाभार्थी को देय धनराशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाना प्रस्तावित है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन तथा टेलीकंसल्टेशन के माध्यम से चिकित्सा सुविधा को सुदृढ़ किया जाएगा. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी, पुणे की तर्ज पर लखनऊ में एक संस्थान बनाया जाएगा, जिससे भविष्य में कोरोना जैसे वायरस पर नियंत्रण के लिए प्रभावी प्रयास किये जा सकें. उन्होंने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में स्थापित किये जा रहे अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ हेतु बजट में धनराशि का प्रस्ताव है. प्रधानमंत्री स्वस्थ भारत योजना के अन्तर्गत एसजीपीजीआई, लखनऊ में लेवल-3 के बायो सेफ्टी लैब की स्थापना की जाएगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जल जीवन मिशन, हर घर नल पहुंचाने की योजना है. उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल की उपलब्धता से बीमारियों की आशंका आधी हो जाती है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में इन्सेफेलाइटिस पर नियंत्रण में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत निर्मित शौचालयों की महत्वपूर्ण भूमिका रही. बुन्देलखण्ड, विन्ध्य क्षेत्र तथा आर्सेनिक, फ्लोराइड की समस्या से प्रभावित क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रस्तुत बजट में 17,000 करोड़ रुपये की धनराशि प्राविधानित की गयी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों का दायरा बढ़ा है. प्रदेश के 10 नगर स्मार्ट सिटी मिशन तथा 60 शहर अमृत योजना से आच्छादित हैं. शहरी क्षेत्रों में नागरिकों के जीवन में व्यापक सुधार के लिए बजट में धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग’ में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. पिछले 03 वर्षाें में इस रैंकिंग में प्रदेश पूरे देश में द्वितीय स्थान पर आ गया है. वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान इसके प्रबन्धन के साथ ही औद्योगिक विकास के क्षेत्र में भी कार्य हुआ. प्रदेश में बड़ी मात्रा में निवेश आया. जनपद गौतमबुद्धनगर में डिस्प्ले यूनिट की स्थापना हो रही है. यह संयंत्र चीन से प्रदेश में आया है. डाटा सेण्टर पार्क की स्थापना से बड़ी मात्रा में निवेश हो रहा है. फर्नीचर व हाउस होल्ड में दुनिया की प्रख्यात कम्पनी आइकिया द्वारा प्रदेश में 5500 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था के क्षेत्र में व्यापक सुधार हुआ है. कानून-व्यवस्था की बेहतर स्थिति को निरन्तर बनाये रखने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं. फॉरेन्सिक साइंस में आवश्यक विशेषज्ञता व प्रशिक्षित जनशक्ति तैयार करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस और फॉरेन्सिक साइंस इंस्टीट्यूट की स्थापना की गयी है. सभी 18 रेन्ज में फॉरेन्सिक लैब स्थापित करने जा रहे हैं. हर जनपद में साइबर थाना बनाने का कार्य तेजी से आगे बढ़ाया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम का क्षेत्र रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर सृजित करने का महत्वपूर्ण माध्यम है. बन्द पड़ी कताई मिलों की परिसम्पत्तियों को पुनर्जीवित कर पी0पी0पी0 मोड पर औद्योगिक पार्क/आस्थान/क्लस्टर स्थापित करने के लिए धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित है. ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के अन्तर्गत धनराशि की व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है. प्रदेश के शिक्षित युवा बेरोजगारों को मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना से लाभान्वित करने के लिए भी बजट में धनराशि की व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र में उद्योग लगाने के लिए 1,000 दिनों तक लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अवस्थापना विकास के लिए निरन्तर कार्य किया गया. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का 88 प्रतिशत, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का 50 प्रतिशत तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का लगभग 25 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे को सैद्धान्तिक मंजूरी प्राप्त हो गयी है. गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि प्राप्त करने हेतु बजट में धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित है. उन्होंने कहा कि हर गांव को सड़क से जोड़ने तथा गांवों के डिजिटलीकरण के लिए धनराशि की व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में एयर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में किसी भी अन्य राज्य से अधिक कार्य किया गया है. जनपद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हवाई अड्डा, अयोध्या के निर्माण के लिए बजट व्यवस्था प्रस्तावित है. जेवर में निर्माणाधीन एयरपोर्ट में हवाई पट्टियों की संख्या 02 से बढ़ाकर 06 करने के लिए धनराशि प्रस्तावित है. यह एयरपोर्ट एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में विकसित होगा. कुशीनगर एयरपोर्ट को केन्द्र सरकार द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट घोषित किया गया है. प्रदेश में पुलिस के लिए अवस्थापना कार्याें हेतु बजट की व्यवस्था प्रस्तावित है. प्रत्येक जनपद में पुलिस के लिए बनाये गये आवासों का नामकरण महान क्रान्तिकारी एवं शहीद ठाकुर रोशन सिंह के नाम पर किये जाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि क्रान्तिकारियों व शहीदों के स्मारक स्थलों के जीर्णाेद्धार एवं सौन्दर्यीकरण के लिए बजट व्यवस्था प्रस्तावित है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में असीम सम्भावनाएं हैं. प्रयागराज कुम्भ-2019 में स्वच्छता, सुरक्षा व सुव्यवस्था के कारण 24 करोड़ श्रद्धालु और पर्यटक इसमें सम्मिलित हुए. उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काशी, नैमिष, विन्ध्यवासिनी धाम, चित्रकूट आदि का पर्यटन विकास कराये जाने की योजना है. अयोध्या को दुनिया के नये टूरिस्ट सेण्टर के रूप में विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के माध्यम से ईको व हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा. बजट में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति के लिए भी व्यवस्था है. जनजातीय संग्रहालय की स्थापना के लिए बजट धनराशि प्रस्तावित है.

इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, वित्त राज्यमंत्री श्री संदीप सिंह, मुख्य सचिव श्री आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव वित्त श्रीमती एस.राधा चौहान, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

अभ्युदय योजना से प्रदेश के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में मिलेगी मदद

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अभ्युदय योजना प्रदेश के युवाओं के उत्कर्ष का मार्ग प्रशस्त करने की राज्य सरकार की एक अभिनव योजना है. यह योजना प्रदेश के युवाओं के लिए समर्पित है. अभ्युदय योजना राज्य के युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगी. जब बड़ी-बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रदेश का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा, तो उसका लाभ भी प्रदेश को होगा.

मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर अभ्युदय योजना का शुभारम्भ करने के पश्चात इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने ने कहा कि युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग प्रदान करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक अभिनव पहल करते हुए यह योजना प्रारम्भ की गयी है. अभ्युदय योजना के अन्तर्गत 16 फरवरी, 2021 को बसन्त पंचमी से प्रदेश में क्लासेज शुरू हुई. जिन युवाओं का टेस्ट के माध्यम से चयन हुआ है, उन्हें मण्डल मुख्यालय में साक्षात क्लास अटेण्ड करने का अवसर मिलेगा. शेष अभ्यर्थी वर्चुअल माध्यम से ऑनलाइन क्लास से जुड़ सकेंगे. उन्होंने कहा कि युवाओं को जिस भी फील्ड में जाना हो, उसकी शुरुआत अच्छे से करें. मजबूत बुनियाद ही मजबूत इमारत का आधार होती है. अभ्युदय योजना को लेकर यही भाव रखा गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 लाख से अधिक लोगों ने इस योजना में रुचि दिखायी है. 05 लाख से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया, जो योजना की लोकप्रियता को स्वतः दर्शाता है. अभ्युदय योजना के माध्यम से प्रतियोगी युवाओं को आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, पीसीएस, सहित मेडिकल, आईआईटी के विशेषज्ञों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा. अभ्युदय योजना को सफल बनाने के उद्देश्य से बेहतर फैकल्टी की व्यवस्था की जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में यह बात सदैव याद रखनी चाहिए कि सकारात्मक सोच ही व्यक्ति को बड़ा बना सकती है. उन्होंने कहा कि आप सभी ने बेसिक शिक्षा के विद्यालयों में व्यापक परिवर्तन देखा होगा. इस परिवर्तन का आधार एक जिलाधिकारी की सोच का परिणाम है. आज प्रदेश के 90 हजार से अधिक विद्यालयों का कायाकल्प किया जा चुका है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्युदय योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत बनाने की नींव और मजबूत होगी. अभ्युदय योजना को पहले चरण में 18 मण्डल मुख्यालयों में प्रारम्भ किया जा रहा है. आने वाले समय में इसका विस्तार जनपदों में भी किया जाएगा.

इस योजना में साप्ताहिक, मासिक टेस्ट भी होंगे, जिसके आधार पर स्क्रीनिंग की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रतिभा की कमी नहीं है. आवश्यकता है एक योग्य मार्गदर्शक की. अभ्युदय योजना के माध्यम से इस कार्य को एक स्वरूप प्रदान किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर की कोई कमी नहीं है. प्रदेश के सभी जनपदांे में विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज या अन्य संस्थान हैं, जिनमें अभ्युदय की कोचिंग संचालित की जा सकेगी. योजना को तकनीक के साथ जोड़ना होगा. फिजिकली क्लास में 50 से 100 विद्यार्थी इसका लाभ ले सकेंगे, वहीं सरकार का लक्ष्य वर्चुअली माध्यम से एक करोड़ युवाओं को योजना से जोड़ने का है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्युदय योजना प्रदेश के युवाओं को समर्पित योजना है. प्रदेश का युवा योजना के माध्यम से अपनी प्रतिभा का लोहा देश व दुनिया में मनवा सकेगा. वर्तमान राज्य सरकार द्वारा बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं. अब तक चार लाख से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्ति प्रदान की गयी है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने अभ्युदय योजना में 05 मण्डलों के पंजीकृत अभ्यर्थियों से संवाद किया. इसके अन्तर्गत उन्होंने जनपद वाराणसी के कपिल दुबे, जनपद गोरखपुर की साक्षी पाण्डेय, जनपद प्रयागराज की शिष्या सिंह राठौर, जनपद मेरठ के हिमांशु बंसल से वर्चुअल माध्यम से संवाद किया. जनपद लखनऊ कीप्रियांशु मिश्रा व अनामिका सिंह से मुख्यमंत्री ने साक्षात संवाद किया. पंजीकृत अभ्यर्थियों से संवाद के दौरान मुख्यमंत्री जी ने जीवन में सफल होने के कुछ मंत्र दिये. उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच से एकाग्रता आती है. व्यक्ति को संयमित जीवनचर्या रखनी चाहिए. विपत्ति में व्यक्ति का सबसे बड़ा मित्र धैर्य होता है.

संवाद के दौरान एक अभ्यर्थी द्वारा ओडीओपी पर पूछे गये प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ओडीओपी देश में परम्परागत उत्पाद को आगे बढ़ाने की एक महत्वपूर्ण योजना है. ओडीओपी योजना देश को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रही है.

एक अन्य अभ्यर्थी के प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार व राज्य सरकार किसानों के हितों में कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसानों की चिन्ता का समाधान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा किया गया है. प्रधानमंत्री जी द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से जमीन का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की कृषि मानसून आधारित है, ऐसे में कभी-कभी कृषकांे को काफी नुकसान होता है. इसके दृष्टिगत प्रधानमंत्री जी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से उन्हें सम्बल प्रदान करने का कार्य किया है. कृषि को तकनीक से जोड़कर किसानों के जीवन को बेहतर बनाने का कार्य किया गया है. किसानों को एमएसपी का लाभ दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री जी किसानों के हित में तीन नये कृषि कानून लाये हैं, जिससे किसानों को काफी लाभ होगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार कृषि विविधीकरण को बढ़ावा दे रही है. झांसी में स्ट्रॉबेरी की खेती इसी का परिणाम है.

एक अभ्यर्थी द्वारा कोविड प्रबन्धन के विषय में पूछे गये प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए एक रणनीति तैयार की गयी थी, जिसका परिणाम था कि प्रदेश में कोरोना पर प्रभावी अंकुश लगा. जब प्रदेश में पहला कोरोना केस आया था, तब प्रदेश में कोविड-19 की जांच की लैब नहीं थी. लेकिन आज प्रदेश में प्रतिदिन 02 लाख कोरोना जांच की क्षमता विकसित की गयी है. सभी जनपदों में डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल और इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर ने कोरोना को रोकने में महती भूमिका निभायी.

उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश का सर्वांगीण विकास हो रहा है. उन्होंने कहा कि अभ्युदय योजना प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए एक अच्छा प्लैटफॉर्म है. इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश में नकलविहीन परीक्षा सम्पन्न कराने का कार्य किया है. विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त हो सके, इसके लिए पाठ्यक्रमों में भी व्यापक बदलाव किया गया है.

समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जी अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को लाभान्वित करने के लिए संकल्पित हैं. निश्चित ही अभ्युदय योजना आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित होगी.

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना श्री नवनीत सहगल, पुलिस महानिदेशक श्री हितेश सी अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, मण्डलायुक्त लखनऊ श्री रंजन कुमार, आईजी रेन्ज लखनऊ श्रीमती लक्ष्मी सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

एक साल चलेगा चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि सामूहिकता की जिस शक्ति ने गुलामी की बेड़ियां को तोड़ा वही भारत को दुनिया की बड़ी ताकत बनाएगी. सामूहिकता की यह शक्ति, आत्मनिर्भर भारत की ताकत है. देश को आत्मनिर्भर बनाने में सामूहिक भागीदारी बढ़ाने का संकल्प लेने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि देश की एकता और सम्मान सबसे बड़ा है. इसी भावना से प्रत्येक देशवासी को साथ लेकर आगे बढ़ना है. उन्होंने विश्वास जताया कि देश के विकास की यात्रा एक नये भारत के निर्माण के साथ पूर्ण होगी.

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव का शुभारम्भ किया. उन्होंने इस अवसर पर चौरी चौरा की घटना पर केन्द्रित एक डाक टिकट भी जारी किया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर स्थित चौरी चौरा स्मारक स्थल से इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए. प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम के साथ जुड़ने के पश्चात संगीत नाटक एकेडमी द्वारा चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव का थीम सॉन्ग ‘चौरी चौरा के वीरों ने रचा नया इतिहास’ प्रस्तुत किया गया.

कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के सूचना विभाग द्वारा चौरी चौरा की घटना के सम्बन्ध में तैयार की गयी डॉक्यूमेण्ट्री भी प्रदर्शित की गयी. इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनी/स्टॉल भी लगाये गये.

प्रधानमंत्री ने कहा कि 100 वर्ष पहले चौरी चौरा की घटना का संदेश बहुत बड़ा और व्यापक था. अनेक कारणों से पहले जब इस घटना की बात हुई, इसे आगजनी के रूप में देखा गया. आगजनी किन परिस्थितियों में हुई, वह महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी व उनकी टीम को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि चौरी चौरा के इतिहास को आज जो स्थान दिया जा रहा है, वह प्रशंसनीय है.

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प्रधानमंत्री जी ने कहा कि चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के शुभारम्भ के साथ ही, पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रम होंगे. देश की आजादी के 75 वें वर्ष में प्रवेश के समय यह कार्यक्रम अत्यन्त प्रासंगिक हैं. चौरी चौरा की घटना आम मानवी का स्वतःस्फूर्त संग्राम था. इस संग्राम के शहीदों का बलिदान प्रेरणादायी है. बाबा राघवदास, महामना पं0 मदन मोहन मालवीय का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी कम घटनाएं होंगी, जिसमें 19 स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी गयी हो. अंग्रेज सरकार अनेक स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी देना चाहती थी, किन्तु बाबा राघवदास, महामना पं0 मदन मोहन मालवीय के प्रयासों से 150 से अधिक लोगों को फांसी से बचा लिया गया.

प्रधानमंत्री जी ने कार्यक्रम से युवाओं को जोड़े जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे उन्हें इतिहास के अनकहे लोगों की जानकारी मिलेगी. भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय युवाओं को स्वतंत्रता सेनानियों एवं स्वतंत्रता संग्राम की घटनाओं पर किताबें व शोध पत्र लिखने के लिए कार्यक्रम चला रहा है. इससे चौरी चौरा की घटना के सेनानियों का व्यक्तित्व और कृतित्व सामने लाया जा सकता है. चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के कार्यक्रमों को लोककला और संस्कृति से जोड़े जाने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री जी व उनकी टीम की सराहना की.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि चौरी चौरा के संग्राम में किसानों की भरपूर भूमिका थी. वर्तमान सरकार ने विगत 06 वर्षाें में किसान को आगे बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास किया है. कोरोना काल में भी कृषि में वृद्धि हुई तथा रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन हुआ. केन्द्रीय बजट में किसान कल्याण के लिए कई प्राविधान हैं. 1000 मण्डियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा. इससे किसानों को मण्डी में अपनी फसल को बेचने में आसानी होगी. ग्रामीण क्षेत्र के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड को बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इससे किसान लाभान्वित और आत्मनिर्भर तथा कृषि लाभकारी होगी.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना का कार्य तेजी से संचालित है. यह योजना ग्रामीण विकास में सहायक है. इसके अन्तर्गत ग्रामीणों को उनके घर, जमीन के मालिकाना हक का अभिलेख उपलब्ध कराया जा रहा है. इससे ग्रामीण जमीन का मूल्य बढ़ेगा. कर्ज लेने में आसानी होगी.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के प्रयास से किस तरह देश व प्रदेश की तस्वीर बदल रही है, गोरखपुर इसका उदाहरण है. यहां खाद कारखाना फिर से शुरु हो रहा है. इससे किसानों को लाभ होगा व युवाओं को रोजगार मिलेगा.

पूर्वांचल में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया गया है. 04 लेन व 06 लेन की सड़कें बन रही हैं. गोरखपुर से 08 शहरों हेतु हवाई यात्रा सुविधा उपलब्ध हो गयी है. कुशीनगर में इण्टरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. यह सभी विकास कार्य स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि हैं.
कार्यक्रम स्थल चौरी चौरा, गोरखपुर में उपस्थित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने स्वागत सम्बोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी का कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए आभार प्रकट करते हुए कहा कि चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव भारत माता के अमर बलिदानी सपूतों के प्रति श्रद्धा व सम्मान व्यक्त करने का अवसर है. चौरी चौरा की घटना 04 फरवरी, 1922 को इसी स्थान पर हुई थी. प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के आयोजन का निर्णय लिया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि चौरी चौरा में आमजन और पुलिस की गोली से तीन लोग शहीद हुए. ब्रिटिश सरकार द्वारा 228 स्वतंत्रता सेनानियों पर मुकदमा चलाया गया. 225 स्वतंत्रता सेनानियों को सजा हुई. इनमें से 19 को मृत्यु दण्ड, 14 को आजीवन कारावास, 19 को आठ वर्ष का कारावास, 57 को पांच वर्ष का कारावास, 20 को तीन वर्ष का कारावास तथा 03 को दो वर्ष के कारावास की सजा दी गयी. इस घटना को ध्यान में रखकर वर्ष 1857 से वर्ष 1947 के मध्य के सभी शहीद स्मारकों एवं आजादी के बाद विभिन्न युद्धों में शहीद अमर बलिदानियों के शहीद स्थलों पर राज्य सरकार द्वारा वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला प्रारम्भ की जा रही है. उन्होंने कहा कि चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव का ‘लोगो’ ‘स्वरक्तैः स्वराष्ट्रं रक्षेत्’ अर्थात ‘हम अपने रक्त से अपने राष्ट्र की रक्षा करते हैं’, स्वतंत्रता आन्दोलन के शहीदों के जीवन आदर्शाें से ओतप्रोत है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सायंकालीन सत्र में सभी शहीद स्मारकों व शहीद स्थलों पर पुलिस बैण्ड द्वारा राष्ट्रभक्ति के गीतों का कार्यक्रम, कवि गोष्ठी का आयोजन तथा दीपोत्सव का कार्यक्रम होगा. स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी तिथियों पर अमर स्वाधीनता सेनानियों, उनसे जुड़े स्मारकों और शहीद स्थलों पर, उन तिथियों पर मुख्य आयोजन के साथ ही, प्रदेश में समस्त शहीद स्मारकों व शहीद स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे. विद्यालयों में लेखन, पेंटिंग, वाद-विवाद प्रतियोगिता, ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित साहित्य की प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी. स्वतंत्रता सेनानियों एवं घटनाओं के सम्बन्ध में विशिष्ट शोध को बढ़ावा देने का कार्यक्रम भी प्रारम्भ हो रहा है.

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को शॉल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. इनमें श्री रामनवल, श्री ओमप्रकाश, श्री लाल किशुन, श्री गुलाब, सुश्री सावित्री, श्री वीरेन्द्र, श्री रामआशीष, श्री मानसिंह यादव, श्री हरिलाल, श्री सौदागर अली, श्री लल्लन, श्री रामराज, श्री मैनुद्दीन, श्री सत्याचरण, श्री दशरथ और श्री राम नारायण त्रिपाठी सम्मिलित हैं. इसके अतिरिक्त उन्होंने 100 दिव्यांगजन को मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल का वितरण किया तथा हरी झण्डी दिखाकर उन्हें रवाना किया. इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने शहीद स्मारक, चौरी चौरा पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की. उन्होंने संग्रहालय का भ्रमण कर कराये जा रहे सौन्दर्यीकरण कार्याें का निरीक्षण किया तथा राष्ट्र गीत वन्दे मातरम के समवेतिक गान में प्रतिभाग किया.

कार्यक्रम के अन्त में पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकंठ तिवारी ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम को सांसद श्री कमलेश पासवान, विधायक श्रीमती संगीता यादव ने भी सम्बोधित किया.

इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री सहित जनप्रतिनिधिगण व अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे.

‘उत्तर प्रदेश दिवस’ में दिखा विकास का खाका, किया प्रतिभाओ का सम्मान

लखनऊ :  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर प्रदेश के विकास का खाका जनता के सामने रखा.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बसंत पंचमी से ‘अभ्युदय योजना’ का शुभारम्भ किए जाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले प्रदेश के युवाओं के लिए इस योजना के अन्तर्गत निःशुल्क कोचिंग दी जाएगी. प्रथम चरण में राज्य के सभी मण्डल मुख्यालयों पर यह कोचिंग संस्थान प्रारम्भ किये जाएंगे. इन संस्थानों में प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रतिभागी युवाओं के लिए फिजिकल और वर्चुअल, दोनों माध्यमों से मार्गदर्शन की व्यवस्था लागू की जाएगी. इन संस्थानों के लिए विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं राजकीय विद्यालयों का इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रयोग में लाया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने अवध शिल्पग्राम परिसर में उत्तर प्रदेश राज्य के ७१ वें स्थापना दिवस पर ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ समारोह के चतुर्थ संस्करण के उद्घाटन समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली विभूतियों को इस अवसर पर सम्मानित किया. समारोह के दौरान अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये. उन्होंने ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ समारोह के अवसर पर अवध शिल्पग्राम में आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया.

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मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान राजस्थान राज्य के कोटा तथा प्रदेश के जनपद प्रयागराज से प्रतियोगी विद्यार्थियों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने के अभियान के दौरान उनके द्वारा प्रदेश के युवाओं को राज्य में ही कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के सम्बन्ध मंे विचार-विमर्श किया गया था.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के अनेक प्रतिभाशाली लोगों ने अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से देश-दुनिया में उत्तर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है. राज्य सरकार द्वारा कला, संस्कृति, खेल, विज्ञान सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश का मान-सम्मान बढ़ाने वाली 03 से 05 विभूतियों को ‘यू0पी0 गौरव सम्मान’ से प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाएगा. विभूतियों को सम्मानित करने का यह कार्यक्रम इसी वर्ष प्रारम्भ किया जाएगा. सम्मान प्राप्त करने वाली विभूति को 11 लाख रुपए की धनराशि, प्रतीक चिन्ह, मेडल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा.

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मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 24 जनवरी, 2018 को प्रथम ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ समारोह का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना प्रारम्भ की गयी थी. प्रदेश के औद्योगिक विकास के निरन्तर प्रयासों की अभिनव कड़ी के रूप में राज्य सरकार द्वारा ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना प्रारम्भ की गयी. इसका उद्देश्य राज्य के विभिन्न जनपदों के परम्परागत और विशिष्ट पहचान वाले उत्पादों को प्रोत्साहित कर युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना है. वर्तमान में यह योजना देश की सर्वाधिक लोकप्रिय योजनाओं में से एक है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ की सराहना की है. इस योजना में प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने का सामथ्र्य है. केन्द्रीय बजट में भी इस योजना को सम्मिलित किया गया है. उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में एमएसएमई विभाग के अन्तर्गत एक जनपद, एक उत्पाद, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड से सम्बन्धित उद्यमियों व हस्तशिल्पियों को सम्मानित किया गया है. उन्होंने कहा कि यह योजनाएं प्रधानमंत्री जी की ‘वोकल फाॅर लोकल’ की संकल्पना को आगे बढ़ा रही हैं.

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मुख्यमंत्री जी ने कहा कि द्वितीय ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ प्रारम्भ की गयी. यह योजना स्थानीय दस्तकारों तथा पारम्परिक कारीगरों के कौशल विकास हेतु संचालित की जा रही है. इसके अन्तर्गत पारम्परिक कारीगरों के आजीविका के साधनों का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि तृतीय ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के अवसर पर अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना की योजना का शुभारम्भ किया गया. इसके तहत, प्रदेश के सभी 18 मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत की संस्कृति और परम्परा पर गर्व की अनुभूति होती है. उत्तर प्रदेश भारत का हृदय स्थल है. यह देश की संस्कृति और परम्परा का केन्द्र स्थल है. उत्तर प्रदेश की देश में अग्रणी भूमिका रही है. विगत कुछ वर्षाें में यह भूमिका प्रभावित हुई. वर्तमान राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश को पुनः अग्रणी बनाने का कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि विगत 10 माह से पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना के विरुद्ध संघर्ष कर रही है. ऐसे समय में प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री जी के ‘जान भी, जहान भी’ मंत्र के अनुरूप कोविड प्रबन्धन के साथ ही, विकास कार्याें को पूरी गति से आगे बढ़ा रही है.

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मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज देश और दुनिया में उत्तर प्रदेश की छवि बदल रही है. प्रदेश की बेहतर कानून-व्यवस्था को अन्य राज्य माॅडल के रूप में अपनाना चाह रहे हैं. राज्य में कानून और व्यवस्था के उत्कृष्ट वातावरण से प्रदेश में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़े हैं. प्रदेश सरकार ने अब तक लगभग 04 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां उपलब्ध करायी हैं. निजी क्षेत्र में 15 लाख नौजवानों का नियोजन हुआ है. डेढ़ करोड़ से अधिक युवाओं को निवेश के माध्यम से रोजगार तथा लगभग 15 करोड़ नौजवानों को स्वतः रोजगार के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं से जोड़ने का कार्य विगत पौने चार वर्ष में हुआ है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में जो कार्य हुए हैं, उससे एक नई कार्य संस्कृति का जन्म हुआ है. यह नई कार्य संस्कृति हर एक क्षेत्र में प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की है. प्रदेश में हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सकती है. कृषि, जल संसाधन के क्षेत्रों में इस दिशा मंे उल्लेखनीय कार्य हुआ है. सूखाग्रस्त माने जाने वाले बुन्देलखण्ड व विन्ध्य क्षेत्र में ‘हर घर नल’ योजना कार्य कर रही है. वर्तमान राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों को 01 लाख 15 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया है. पर्यटन एवं संस्कृति क्षेत्रों के भी कार्य अत्यन्त उल्लेखनीय हंै. प्रयागराज कुम्भ-2019 के आयोजन को सुरक्षा, स्वच्छता एवं सुव्यवस्था ने विशिष्ट पहचान दी. यूनेस्को ने कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर कहा. प्रयागराज कुम्भ-2019 के पश्चात प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हुई.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 24 करोड़ जनसंख्या का राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश ने कोरोना प्रबन्धन के क्षेत्र में उदाहरण स्थापित किया है. राज्य ने यह साबित किया है कि किसी भी आपदा का मुकाबला टीमवर्क एवं दृढ़ इच्छा शक्ति के माध्यम से किया जा सकता है. लाॅकडाउन के दौरान प्रदेश में अन्य राज्यों से 40 लाख से अधिक श्रमिक व कामगार वापस आये. राज्य सरकार ने इनके रहने व खाने की व्यवस्था की. प्रदेश सरकार द्वारा ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ का गठन किया गया है. राज्य सरकार अपने पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों को शीघ्र सामाजिक, आर्थिक सुरक्षा की गारण्टी भी देगी. प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के हर वृद्ध, निराश्रित महिला एवं पात्र दिव्यांगजन को प्रतिमाह पेंशन प्रदान की जा रही है. हर व्यक्ति को आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है. इससे प्रदेश नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से देश में ही कोरोना का वैक्सीन तैयार किया गया है. ब्राजील के राष्ट्रपति ने यहां विकसित वैक्सीन को संजीवनी बूटी कहा है. भारत में विकसित वैक्सीन यहां के नागरिकों अलावा भूटान, नेपाल, माॅरीशस आदि दुनिया के दूसरे देशों के नागरिकों की जीवन रक्षा कर रहा है. प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण के पहले दिन 22 हजार हेल्थ वर्कर्स का वैक्सीनेशन किया गया. दूसरी तिथि को 01 लाख 01 हजार वैक्सीनेशन किये गये. आगामी 28 व 29 जनवरी को भी हेल्थ वर्कर्स का वैक्सीनेशन किया जाएगा.

समारोह को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश का सर्वांगीण विकास हो रहा है. राज्य औद्योगिक रूप से समृद्ध हो रहा है. साथ ही, युवाओं को रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध हो रहे हैं. नकल विहीन परीक्षा, मेधावी छात्राओं एवं शिक्षकों के सम्मान के माध्यम से उत्कृष्ट शैक्षिक वातावरण बनाया जा रहा है. विश्वविद्यालयों में शोध पीठ की स्थापना की जा रही है.

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज तथा पं0 दीनदयाल उपाध्याय की अन्त्योदय की संकल्पना को साकार कर रही है. प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री जी द्वारा इसके लिए ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’, ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ आदि योजनाएं क्रियान्वित की गयी हैं. इन योजनाओं को ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का ‘योगी माॅडल’ बताते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती पूरी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करती है. इससे सतत विकास सम्भव होता है.

‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना की प्रगति के सम्बन्ध में एक रिपोर्ट का विमोचन भी किया. इस अवसर पर स्टेट बैंक आॅफ इण्डिया के सी0जी0एम0 श्री अजय कुमार खन्ना एवं अपर मुख्य सचिव एमएसएमई श्री नवनीत सहगल के मध्य ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के सम्बन्ध में एक एमओयू का हस्तान्तरण किया गया. इसी प्रकार अपर मुख्य सचिव एमएसएमई श्री नवनीत सहगल एवं इण्डियन इंस्टीट्यूट आॅफ पैकेजिंग के डायरेक्टर श्री संजीव आनन्द के मध्य ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के उत्पादों की पैकेजिंग के सम्बन्ध में एक अन्य एम0ओ0यू0 का हस्तान्तरण किया गया. ‘उद्यम सारथी’ एप के माध्यम से ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के सम्बन्ध में समस्त जानकारी प्राप्त की जा सकती है. एप में युवाओं को प्रशिक्षित करने की भी व्यवस्था है. भविष्य में प्रदेश की सभी योजनाओं को एप से जोड़ा जाएगा.

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने समाज कल्याण विभाग द्वारा विद्यार्थियों को प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति का वितरण भी किया. उन्होंने बटन दबाकर 1,43,929 विद्यार्थियों के बैंक खातों में छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की 39 करोड़ रुपए की धनराशि का आॅनलाइन अन्तरण किया. उन्होंने 05 छात्र-छात्राओं को प्रतीकात्मक रूप से छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि प्रदान की. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के तहत 05 पारम्परिक कारीगरों तथा ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के 02 हस्तशिल्पियों को उन्नत टूल किट प्रदान किये. उन्होंने माटी कला बोर्ड के 02 माटी कारीगरों को भी पुरस्कृत किया.

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न खेलों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले पुरुष एवं महिला खिलाड़ियों को वर्ष 2019-20 के लिए क्रमशः ‘लक्ष्मण पुरस्कार तथा रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार’ से सम्मानित किया. ‘रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार’ से 08 महिला खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया है. इनमें 01 खिलाड़ी वेटरन वर्ग से हैं. साथ ही, 10 पुरुष खिलाड़ियों को ‘लक्ष्मण पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है. इनमें वेटरन वर्ग के 02 खिलाड़ी सम्मिलित हैं.

‘रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार’ से सम्मानित खिलाड़ियों में हैण्ड बाॅल की सुश्री स्वर्णिमा जायसवाल, एथलेटिक्स की सुश्री प्रियंका, वुशू की सुश्री साक्षी जौहरी, हाॅकी की सुश्री वन्दना कटारिया, शूटिंग की सुश्री हिमानी सिंह, तीरंदाजी की दिव्यांग खिलाड़ी सुश्री ज्योति, शूटिंग की दिव्यांग खिलाड़ी सुश्री आकांक्षा तथा वेटर्न वर्ग में एथलेटिक्स की श्रीमती विमला सिंह हैं.

‘लक्ष्मण पुरस्कार’ से सम्मानित खिलाड़ियों में कबड्डी के श्री नितिन तोमर, रोइंग के श्री पुनीत कुमार, कुश्ती के श्री गौरव बालियान, वुशू के श्री सूरज यादव, बैडमिन्टन के दिव्यांग खिलाड़ी श्री अबू हुबैदा, पावरलिफ्टिंग के दिव्यांग खिलाड़ी श्री सचिन चैधरी, शूटिंग के दिव्यांग खिलाड़ी श्री आकाश, एथलेटिक्स के दिव्यांग खिलाड़ी श्री वरुण सिंह भाटी तथा वेटर्न वर्ग में कुश्ती के श्री राजकुमार तथा एथलेटिक्स के श्री कुलदीप कुमार हैं.

मुख्यमंत्री जी द्वारा युवा कल्याण विभाग के राज्यस्तरीय ‘स्वामी विवेकानन्द यूथ अवाॅर्ड’ भी प्रदान किये गये. व्यक्तिगत श्रेणी में यह अवाॅर्ड 10 युवाओं को प्रदान किए गये हैं. मुख्यमंत्री जी ने यह पुरस्कार श्री सागर कसाना (गाजियाबाद), कु0 इशिका बंसल (आगरा) को प्रदान किये. राज्यस्तरीय ‘स्वामी विवेकानन्द यूथ अवाॅर्ड’ श्री कृष्ण पाण्डेय (गोरखपुर), श्री कलीम अतहर (पीलीभीत), श्री केतन मोर (झांसी), श्री शुभम मिश्रा (लखनऊ), श्री प्रवीण कुमार गुप्ता (अम्बेडकरनगर), श्री अजीत कुमार (लखनऊ), श्री अंकित मौर्य (लखनऊ) तथा रविकान्त मिश्रा (फतेहपुर) को भी दिया गया है. उन्होंने सामूहिक श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले युवक एवं महिला मंगल दल को सम्मानित किया.

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने हेतु कृषकों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘गोकुल पुरस्कार’ एवं ‘नन्द बाबा पुरस्कार’ वितरित किये. वर्ष 2018-19 में सर्वाधिक दूध उत्पादन के लिए दुग्ध संघ लखीमपुर खीरी की दुग्ध समिति बेलवामोती के सदस्य श्री वरुण सिंह को प्रथम पुरस्कार तथा दुग्ध संघ गोरखपुर की दुग्ध समिति माहोपार के सदस्य श्री धीरेन्द्र सिंह को द्वितीय पुरस्कार दिया. उन्होंने भारतीय गोवंश की गाय के माध्यम से सर्वाधिक दूध उत्पादन के लिए दुग्ध संघ मथुरा की दुग्ध समिति भूड़ासानी के सदस्य श्री हरेन्द्र सिंह को ‘नन्द बाबा पुरस्कार’ प्रदान किया. उन्होंने कृषि विभाग द्वारा दिये जाने वाले ‘कृषक पुरस्कार’ जनपद लखनऊ की डाॅ0 कामिनी सिंह, जनपद बाराबंकी के श्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह तथा जनपद बहराइच के श्री अनिरुद्ध को प्रदान किये. मुख्यमंत्री जी द्वारा ‘दृष्टि योजना’ के अन्तर्गत जनपद भदोही के एफ0पी0ओ0 हरियाली किसान समृद्धि प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड को योजना की प्रथम किस्त के रूप में 18 लाख रुपए का डमी चेक एवं स्वीकृति पत्र प्रदान किया गया.

कार्यक्रम के दौरान ‘इतिहास में महिला शक्ति’ पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. यूपी गुडविल ताइक्वाण्डो फेडरेशन की प्रशिक्षित महिलाओं द्वारा मार्शल आर्ट के विभिन्न करतब प्रदर्शित किए गये. इण्डियन ब्लाइण्ड जूडो फेडरेशन की बालिकाओं द्वारा आत्मरक्षार्थ जूडो का प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम के दौरान संस्कृति विभाग के कलाकारों ने थारू नृत्य प्रस्तुत किया.

इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री, दुग्ध विकास मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चैधरी, नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, नागरिक उड्डयन मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री उपेन्द्र तिवारी, महिला कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह, उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीराम चैहान, कृषि राज्य मंत्री श्री लाखन सिंह राजपूत, लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, सांसद श्री कौशल किशोर सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

सरकारी अस्‍पतालों में बेटियों का जन्‍मदिन मनाएगी योगी सरकार

उत्‍तर प्रदेश में पहली बार महिलाओं व बेटियों के लिए शुरू किए गए इस वृहद अभियान से उनमें उत्‍साह देखने को मिल रहा है. आधी आबादी को सशक्‍त बनाने के सरकारी प्रयास जमीनी स्‍तर पर रंग ला रहे हैं. प्रदेश की महिलाओं व बेटियों को इस अभियान से न सिर्फ सरकारी योजनाओं की जानकारी मिल रही है बल्कि उनको इन योजनाओं का लाभ भी सीधे तौर पर मिल र‍हा है.

इस दिशा में एक सकारात्‍मक कदम उठाते हुए 22 जनवरी को सरकारी अस्‍पतालों में जन्‍म लेने वाली बेटियों का जन्‍मदिवस मनाए जाने का फैसला लिया गया है जिसके तहत योगी सरकार की ओर से मां व बेटी को उपहार भी दिए जाएंगे.

 गुड्डा- गुड्डी बोर्ड

मिशन शक्ति के तहत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम को बढ़ावा देते हुए यूपी के जनपदों में एक जनवरी से 20 जनवरी तक जन्‍म लेने वाली बेटियों की संख्‍या के बराबर वृक्षारोपण का कार्य भी किया जाएगा. बता दें कि इन वृक्षों के संरक्षण का दायित्‍व पुरूषों को सौंपा जाएगा. बालिकाओं के निम्‍न लिंगानुपात वाले ब्‍लॉकों की सभी ग्राम सभाओं से डिजिटल एनालॉग गुड्डा-गुड्डी बोर्ड की शुरूआत की जाएगी. इसका क्रियान्‍वन करते हुए समस्‍त ग्राम पंचायतों में छह माह के अंदर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के साथ-साथ ग्राम पंचायत विकास योजनाओं में भी इसे शामिल किया जाएगा.

उत्‍तर प्रदेश में लगेगी प्रशासन की पाठशाला

प्रदेश में बेटियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए अभियान के जरिए प्रशासन की पाठशला कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिसके तहत उन बालिकाओं और महिलाओं की काउंसलिंग की जाएगी जो विभिन्‍न प्रशासनिक सेवाओं जैसे पुलिस, फौज, एयरफोर्स समेत मेडिकल, इंजीनियरिंग व उद्योग जगत में आगे बढ़ने का सपना देख रहीं हैं. कार्यक्रम में जिलाधि‍कारियों व उच्‍चधिकारियों द्वारा ऑफलाइन व ऑनलाइन कैरियर काउंसलिंग शिविरों का आयोजन कर उनकी काउंसलिंग की जाएगी.

हक की बात जिलाधिकारी के साथ

मिशन शक्ति अभियान के तहत हक की बात जिलाधिकारी के साथ कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश स्‍तर पर 24 फरवरी को किया जाएगा. इस बार जिलाधिकारी किशोरियों व महिलाओं से दो घंटें तक संवाद स्थापित कर यौन शोषण, लैंगिक असमानता, घरेलू हिंसा, कन्‍या भ्रूण हत्‍या, कार्यस्‍थल पर लैगिंक हिंसा और दहेज उत्‍पीड़न जैसे मुद्दों पर बात करेंगे. इन मुद्दों पर महिलाओं व बेटियों को संरक्षण, सुरक्षा, सुझाव और सहायता भी देंगें. उत्‍तर प्रदेश के सभी जनपदों के जिलाधिकारी वेबिनार, चौपालों, ऑनलाइन बैठक और वीडियो कान्‍फ्रेंसिंग के जरिए किशोरियों व महिलाओं से रूबरू होगें.

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