बचपन में पड़ोस के एक अंकल ने अकेले में मेरा रेप कर दिया था, जिसके बाद से मैं शादी करने से घबराती हूं मैं क्या करुं?

सवाल

मैं 28 साल की एक कुंआरी लड़की हूं और शादी के नाम से घबराती हूं. दरअसलबचपन में पड़ोस के एक अंकल ने अकेले में मेरा रेप कर दिया था. इस के बाद उन्होंने मेरी बदनामी की बात कह कर कई बार मुझे अपनी हवस का शिकार बनाया था.मुझे सलाह दीजिए कि मैं अब क्या करुं?

जवाब

तब से मुझे मर्द जात से ही नफरत हो गई है और अब शादी का जिक्र आते ही मुझे वे अंकल दिखाई देने लगते हैं. घर वाले इस बात को नहीं जानते हैं. मैं इस जंजाल से कैसे बाहर निकलूं?

आप के साथ बहुत बुरा हुआ है और ऐसा कई लड़कियों के साथ होता है, लेकिन इस की वजह से आने वाली जिंदगी भी खराब न करें. शादी कर लें और सुख और खुशी से जिंदगी बिताएं.

शुरुआती सालों में पति को इस बारे में न बताएं. जब दोनों का आपस में भरोसा और प्यार पैदा हो जाए, तब, वह भी जरूरी लगे तो ही, उसे इस बारे में बताएं.

रही बात उस अंकल की, तो उसे पूरी हिम्मत से हड़का दें कि अब अगर कभी उस ने ऐसा किया, तो आप उसे बदनाम कर देंगी और जेल भी भिजवा देंगी.

यकीन मानें कि एक ही धौंस में उस की अक्ल ठिकाने आ जाएगी. अभी तक वह आप की मासूमियत और डर का फायदा उठाता रहा है.

सच्ची सलाह के लिए कैसी भी परेशानी टैक्स्ट या वौइस मैसेज से भेजें.

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मेरे पड़ोस की 35 साल की औरत मुझ से जबरन संबंध बनाती है, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल

मैं 23 साल का हूं. मेरे पड़ोस की 35 साल की औरत मुझ से हमबिस्तरी करती है और बदले में पैसे और कपड़े देती है. वह मुझे शादी करने से मना करती है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब


आप का धंधा तो काफी अच्छा चल रहा है. रोजाना की मस्ती के साथसाथ कपड़ों और पैसों का भुगतान हर किसी को तो नहीं मिलता. क्या उस औरत का पति हमेशा गायब रहता है? अगर आप उस की चपेट में आ गए, तो कहीं के नहीं रहेंगे.

अपने साथी के साथ सेक्स करने से आप बेहतर महसूस करते हैं और यह आपके लिए अच्छा भी है. जो भी व्यक्ति किसी स्वस्थ खुशनुमा रिश्ते में है या रह चुका है, वो इस बात से इंकार नहीं कर सकता. लेकिन इसके पीछे विज्ञान भी है. शोधकर्ता अनिक डेबरोत ने 2016 के इंटरनेशनल असोसीएशन फौर रेलेशन्शिप रीसर्च कांफ्रेंस के दौरान बताया. ‘दुनिया भर के देशों में हुई रिसर्च ये सिद्ध करती हैं कि अपने साथी के साथ अक्सर सेक्स करने से लोगों का जीवन खुशनुमा और संतुष्टिदायक होता है.”

सेक्स और लगाव

नियमित सेक्स रिश्तों के लिए अच्छा है, ये बात तो हम सब जानते हैं. लेकिन ऐसा क्यूं है, इस बारे में शोधकर्ता निश्चित नहीं थे. डेबरोत को विश्वास था कि ये सिर्फ शरीर की जरूरत और लाजवाब ओर्गैजम तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इसके पीछे एक और मीठी वजह थी, प्यार. जब आप और आपका साथी एक दूसरे को ये एहसास दिलाते हैं कि उन्हें आप और आपको वो बहुत पसंद हैं. लेकिन विश्वास होना और तथ्यों की पुष्टि होना दो अलग बातें हैं. इसलिए अपने शोधकर्ता दल के साथ मिलकर अनिक ने अधिक सेक्स करना, अच्छे एहसास का होना और लगाव होना के बीच के सम्बन्ध को लेकर खोजबीन शुरू की.

इस अध्यन के लिए उन्होंने ऐसे जोड़ों को शामिल किया जो गम्भीर रिश्तों में थे और उनसे दो तरह के लगाव के बारे में पूछा, पहला अपने साथी को स्पर्श करने के बारे में और दूसरा कोई भी ऐसी चीज जिससे उन्हें प्यार का एहसास होता है- फिर चाहे वो उसके द्वारा कहे गए शब्द हों या कोई ऐसा काम जो उनका साथी उनके लिए करता है. तीसरे चरण में उन्होंने इस बात पर ध्यान दिया कि इन लोगों के बीच सेक्स कितना नियमित है, अपने साथी के लिए उनके मन में कितना लगाव है और यह सब उनकी खुशी के लिए कितना मायने रखता है.

अधिक संतुष्ट रिश्ते

प्यार भरा स्पर्श बेशक एक अच्छा एहसास है, ऐसा रिसर्च ने दर्शाया. उन्होंने पाया कि जो लोग अधिक सेक्स करते हैं उनके जीवन में, खुशी और संतुष्टि के भाव थे और इसके पीछे का एक कारण उनके जीवन में शारीरिक प्यार का होना था.

लेकिन हम सिर्फ छोटे समय के लिए या सेक्स के तुरंत बाद के मूड या सोच के बारे में बात नहीं कर रहे. अध्ययन दर्शाता है कि अच्छे भाव, संतुष्टिपूर्वक सम्बन्ध समय के साथ बढ़ते हैं. रोज के घटनाक्रमों के आधार पर ये कहा जा सकता है कि सेक्स करने से एक दूसरे के प्रति सकारात्मक भावनाओं में बढ़त आती है जो आप दोनों के प्यार को और गहरा बनाती है.

डेबरोत कहती हैं, “सेक्स आपके साथी के प्रति आपके लगाव को बढ़ावा देता है और आप दोनों में नज़दीकियां बढ़ाता है. यही है वो सेक्स का सकारात्मक पहलू जिससे जीवन में खुशियां बनी रहती हैं.”

जी हां, लगाव और स्नेह सेक्स और खुशियों के बीच की कड़ी है. कुछ और पहलू भी महत्व रखते हैं जैसे अपने साथी के स्पर्श से तनाव के हार्मोन कोर्टिसोल में कमी आती है और ऑक्सीटोसन के परवाह में वृद्धि, जो अंतरंगता को बढ़ाता है.

स्पर्श और लगाव

सेक्स के अलावा स्पर्श का क्या? एक और अध्ययन में डेबरोत ने पाया कि अपने साथी को यह महसूस कराना कि वो आपको बहुत अच्छे लगते हैं, आपके लिए अच्छा है. “यह अच्छा एहसास केवल उसी पल के लिए नहीं होता बल्कि धीरे धीरे और मज़बूत होता है और जीवन को ख़ुशनुमा बनाने में मदद करता है,” डेबरोत बताती हैं.

तो डेबरोत की शोध से हम क्या सीख ले सकते हैं? स्नेह का प्रदर्शन! “चाहे शब्दों के जरिए हो या प्यार भरे स्पर्श के जरिये, चाहे सेक्स के जरिए हो या उनकी छोटी खुशियों का ध्यान रखकर, ये हमेशा आपके रिश्ते और खुशियों के लिए मददगार ही होगा.”

मैं 31 वर्षीय शादीशुदा युवती हूं एक लड़के से प्यार करती हूं, शारीरिक संबंध भी बनाए हैं क्या यह सब ठीक है?

सवाल

मैं 31 वर्षीय शादीशुदा युवती व 4 वर्षीय बेटी की मां हूं. मैं एक लड़के से बहुत प्यार करती हूं. वह भी मुझ से बेइंतहा मुहब्बत करता है. मेरे विवाहिता व एक बच्ची की मां होने के बावजूद हम दोनों का प्रेम संबंध काफी घनिष्ठ है. हम ने बेखौफ हो कर शारीरिक संबंध भी बनाए हैं. लेकिन अब अचानक मुझे लगने लगा है कि यह सब अनाचार नहीं करना चाहिए, इसलिए मैं ने उस लड़के से दूरी बना ली है पर वह बारबार फोन करता है. मुझे मिलने के लिए बुलाता है. क्या एक बार मिल लूं? मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

आप शादीशुदा महिला हैं, बावजूद इस के किसी और लड़के से अवैध संबंध रख कर न केवल आप अपना दांपत्य जीवन दांव पर लगा रही थीं, बल्कि उस लड़के को भी गुमराह कर रही थीं. अच्छा है कि समय रहते आप को अपराधबोध हो गया और आप ने अपने कदम पीछे खींच लिए. आप पर न केवल आप के घरपरिवार की अपितु अपनी नन्ही बेटी की परवरिश की जिम्मेदारी है. इसलिए अपने फैसले पर अडिग रहें. अपने प्रेमी से साफसाफ कह दें कि आप उस से नहीं मिलना चाहतीं. वह आप से संपर्क साधने की कोशिश न करें.

मैं 36 साल का हूं मुझे सेक्स की बहुत इच्छा होती है मगर अंग साथ नहीं देता, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 36 साल का हूं. मुझे हमबिस्तरी की बहुत इच्छा होती है, मगर अंग साथ नहीं देता, मैं क्या करूं?

जवाब

आप किसी माहिर डाक्टर से मिल कर अपनी तकलीफ बताएं. आप में जो कमी होगी, वह डाक्टरी इलाज के बाद ही दूर हो सकेगी. इस मामले में किसी नीमहकीम के चक्कर में न पड़ें.

सेक्‍स एक ऐसी अनुभूति है, जिसमें आप पूरी तरह से खो जाते हैं. लेकिन जब दोनों को सेक्‍स के आनंद में होना चाहिए, तब कई महिलाएं खुद को अहसनीय दर्द में पाती है. यह समस्‍या केवल लाखों लोगों को प्रभावित ही नहीं करती, बल्कि उम्र के साथ बदतर होती जाती है. वास्‍तव में अमेरिका में सेक्‍स सर्वे के अनुमान के अनुसार, सेक्‍सुअल पेन 20 प्रतिशत अमेरिकी महिलाओं को- 15 प्रतिशत मेनोपॉज से पहले और 33 प्रतिशत उसके बाद प्रभावित करता है.

‘जो डिवाइन’ – सेक्स टॉय कंपनी की फॉर्मर नर्स और सीओ-फाउंडर सामन्था इवांस कहती हैं कि इसके कारण भिन्न हो सकते हैं. दर्द योनि के आस-पास मसल्‍स के टाइट होने या प्रवेश से पहले कामोत्‍तेजना की कमी के कारण होता है. वह कहती है कि बहुत ज्‍यादा कॉपी पीने या बहुत अधिक स्‍ट्रॉबेरी खाने से इसका कारण हो सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि इन खाद्य पदार्थों में ऑक्सलेट्स नामक तत्‍व बहुत अधिक मात्रा में होता है- जो संवदेनशील महिलाओं के यूरीन मार्ग में जलन पैदा करता है.

सेक्स दर्दनाक नहीं होना चाहिए 

सेक्‍स महिला और उसके पार्टनर दोनों के लिए एक सुखद अनुभव होना चाहिए. सेक्‍स के दौरान दर्द को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए. अगर आप सेक्‍स के दौरान या बाद में दर्द का अनुभव करते हैं, तो अपने डाक्‍टर से सलाह लेनी चाहिए.

अक्सर आपका डॉक्टर समस्या का निदान कर आसानी से उसका समाधान कर देता है. हालांकि कई महिलाएं शादी और रिश्‍ते के टूटने के बाद सेक्‍स करने से बचती है. लेकिन अगर समस्‍या सच में दर्द को लेकर है तो अपने पार्टनर से इस बारे में खुल कर बात करें और एक दूसरे को समझते हुए सेक्‍स की प्रक्रिया में बदलाव करें. सेक्‍स के दौरान दर्द के कई कारण हो सकते हैं कुछ का इलाज आसानी से हो जाता है तो कुछ का समाधान करने में काफी समय लग जाता है.

आहार से परेशानी

आहार में ऑक्सलेट्स का उच्‍च स्‍तर के कारण संवदेनशील यूरीन मार्ग में जलन पैदा हो जाती है- पाइप से यूरीन शरीर से उत्‍सर्जित किया जाता है. जब बहुत ज्‍यादा ऑक्‍सलेट्स आंत के माध्‍यम से खून में अवशोषित होता है, वह कैल्शियम के साथ मिलकर तेज कैल्शियम-ऑक्‍सलेट्स बनाता है. यह शरीर में कहीं भी नाजुक ऊतकों के साथ जुड़कर, दर्द और नुकसान का कारण बनता है. जिन महिलाओं को इर्रिटेबल बॉउल सिंड्रोम (आईबीएस) की समस्‍या होती है वह आंतों की खराबी के कारण बहुत ज्यादा ऑक्‍सलेट्स को अवशोषित कर लेती है. 3-6 महीनों तक कम ऑक्‍सलेट्स आहार लेकर इसके लक्षणों में सुधार किया जा सकता है. उच्‍च ऑक्‍सलेट्स आहार में अजवाइन, कॉफी, सेम, बीयर, लीक, पालक, मीठा आलू और स्ट्रॉबेरी शामिल हैं.

लुब्रिकेशन की कमी

यह सेक्‍स के दौरान दर्द का प्रमुख कारण है. कामोत्‍तेजना में कमी का मतलब योनि में लुब्रिकेशन की कमी है, लेकिन कई महिलाएं में (जिनमें युवा महिलाएं भी शामिल है) पर्याप्‍त मात्रा में लुब्रिकेशन नहीं होता है. योनि में ड्राईनेस को हमेशा से महिलाओं के मेनोपॉज से जोड़ा जाता है, लेकिन युवा महिलाएं भी गर्भनिरोधक गोली, मासिक हार्मोनल परिवर्तन, तनाव और चिंता के कारण इससे प्रभावित होती है और उनका सेक्‍स करने को मन नहीं करता. सेक्‍स से पहले फोर प्‍ले में ज्‍यादा जयादा समय लगाने से महिला के यौन सुख में सुधार किया जा सकता है. हालांकि मेनोपॉज महिलाओं योनि में ड्राईनेस सामान्‍य स्‍थिति है लेकिन लुब्रिकेशन के उपाय वास्‍तव में आपकी मदद कर सकता है.

कामोत्तेजना की कमी

ज्‍यादातर महिलाएं को सेक्‍स करने से पहले वॉर्म होने की जरूरत होती है लेकिन कई पुरुष साथी के तैयार होने से पहले ही सेक्‍स के लिए जल्‍दबाजी करते हैं. सेक्‍स से पहले फोरप्‍ले आपके यौन सुख को बढ़ा सकता है. कई बार सेक्‍स करना संभव नहीं होता लेकिन आप इंटरकोर्स के बिना फोरप्‍ले से सेक्‍स का मजा ले सकते हैं.

एलर्जी की स्थिति

कई महिलाओं को नए प्रोडक्‍ट इस्‍तेमाल करने पर यानी नया शैम्पू या शॉवर जेल का प्रयोग करने से लेकर वाशिंग पाउडर तक सब खुजली या जलन का अनुभव होता है. यहां तक कि कुछ तरह के योनि लुब्रिकेशन भी एलर्जी का कारण बनते हैं, इसलिए अपने जननांगों की नाजुक त्‍वचा में कुछ भी इस्‍तेमाल करने से पहले सावधान रहें. साथ ही कुछ लाटेकस प्रोडक्ट जैसे कंडोम और सेक्‍स खिलौने और कुछ शुक्राणुनाशक क्रीम एलर्जी की प्रतिक्रिया कर सकते हैं.

तर्क

अगर एक महिला अपने रिश्‍ते में भावनात्‍मक दर्द का सामना करती है तो सेक्‍स के दौरान दर्द हो सकता है. क्‍योंकि ऐसे में वह अपने पार्टनर को दुश्‍मन की तरह अनुभव करती है. अगर आपको सेक्‍स के दौरान या बाद दर्द का अनुभव करते हैं तो चिकित्‍सक से सलाह लें. ऐसे में ‘परामर्शदाता या सेक्स चिकित्सक परामर्श से आपको मदद मिल सकती है. चुप्‍पी में पीड़ि‍त होने की जरूरत नहीं है.

मैं एक लड़की से प्यार करता हूं हम दोनों ने कई बार सैक्स किया है, लड़की के पिता शादी को तैयार नहीं हैं, क्या करूं?

सवाल

मैं एक लड़की से बहुत प्यार करता हूं. हम दोनों ने कई बार हमबिस्तरी भी की है. मेरे घर वाले हमारी शादी के लिए राजी हैं, पर लड़की के पिता तैयार नहीं हैं. मैं क्या करूं?

जवाब

आप खुद लड़की के पिता से बात कर के उन्हें समझाएं. लड़की भी जब आप के साथ सो सकती है, तो अपने पिता से दोटूक बात भी कर सकती है. जरूरत पड़ने पर आप अपने माता पिता की मदद भी ले सकते हैं. फिर भी लड़की के पिता न मानें, तो कोर्ट मैरिज कर लें. अलबत्ता, आप दोनों की उम्र शादी लायक होनी चाहिए.

सैक्स को गंभीरता से लें

कालेज में पढ़ने वाले युवाओं को सैक्स संबंध बनाना हो या फिर लिव इन रिलेशनशिप में रहना हो, उन्हें इस बारे में अधिक सोचविचार की आवश्यकता नहीं होती. एक समय था जब विवाहपूर्व सैक्स के बारे में सोचना गलत माना जाता था, लेकिन आज तमाम सर्वे पर नजर डालें तो न सिर्फ युवा बल्कि किशोरकिशोरियों को भी सैक्स से कोई परहेज नहीं है. यह बात सही हो सकती है, लेकिन बिना सोचेसमझे सैक्स और इसे गंभीरता से लिए बिना कोई कदम उठाना सही नहीं है. इस से खुद को ही नुकसान हो सकता है. इसलिए सैक्स को मजाक न समझें, बल्कि गंभीरता से लें.

यह मजाक नहीं है

कई बार युवा अपने दोस्तों की देखादेखी या फिर दोस्तों में लगी शर्त को पूरा करने के चक्कर में सैक्स संबंध स्थापित करते हैं, ताकि वे अपने दोस्तों के बीच दबदबा बना सकें. लेकिन उन्हें इस बात का पता ही नहीं रहता कि कुछ पलों के हंसीमजाक के चलते उन्होंने अपनी जिंदगी का कितना अहम कदम बिना सोचेसमझे उठा लिया है. इसलिए सैक्स को गंभीरता से लें.

शादी के बाद होगी मुश्किल

शादी के बाद पति को भी इस का पता चल सकता है. यदि अपनी किशोरावस्था में आप ने सैक्स को गंभीरता से नहीं लिया और अपने फ्रैंड से कई बार सैक्स संबंध बनाए तो हो सकता है शादी के बाद पति को इस बात की किसी तरह भनक लग जाए और अगर ऐसा हुआ तो आप की खुशहाल जिंदगी क्या करवट लेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता.

यौन संबंधी बीमारियों का डर

आमतौर पर विवाहपूर्व सैक्स संबंध शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर सुरक्षित नहीं माने जाते. असुरक्षित सैक्स से कई यौन रोग भी गले पड़ सकते हैं, जो जानलेवा होते हैं. यदि कम उम्र में ऐसे संबंध स्थापित किए जाते हैं तो इस का असर शारीरिक विकास पर पड़ता है. इस के साथ ही सामाजिक संबंधों पर भी इस का गहरा असर पड़ता है.

साथी के साथ ही करें सैक्स

सैक्स हमेशा उसी के साथ करें जिसे आप ने जीवनसाथी बनाना है. कोशिश करें कि शादी से पहले अपने बौयफ्रैंड से सैक्स संबंध न बनाएं, क्योंकि उस के मन में यह विचार आ सकता है कि जो लड़की मेरे साथ सैक्स कर सकती है उस ने औरों के साथ भी संबंध बनाए होंगे. किसी अजनबी के साथ सैक्स संबंध बनाना न तो ठीक है और न ही सुरक्षित. सैक्स संबंधों में जल्दबाजी न करें बल्कि जिस के साथ सैक्स करना है उस के बारे में अच्छी तरह जान कर व सोचसमझ कर ही आगे बढ़ें. यह भी ध्यान रहे कि वह संबंध बनाने की बात दूसरों को न बता दे.

जगह का चुनाव करें

सैक्स कहां कर रहे हैं, यह भी काफी माने रखता है. वह जगह सेफ न हुई या किसी ने होटल के कमरे में वीडियो क्लिपिंग बना ली तो क्या होगा, इसलिए जहां मन हुआ सैक्स कर लिया ऐसा नहीं होना चाहिए. सैक्स करने से पहले गंभीरता से सोचें कि इसे कहां किया जाए.

ब्लैकमेलिंग से बचें

बौयफ्रैंड के पास आप के कुछ पर्सनल फोटो हो सकते हैं, जिन से आगे चल कर वह आप को ब्लैकमेल भी कर सकता है, इस बात का भी ध्यान रखें, फिर चाहे वह बौयफ्रैंड हो या कोई और. सैक्स  से पहले यह बात जरूर सोच लें कि इस वजह से कहीं आप ब्लैकमेलिंग का शिकार न हो जाएं, इसलिए इन बातों का विशेष खयाल रखें.

प्रैग्नैंसी का खतरा

इस बात पर भी विचार करना जरूरी है कि अगर आप ने बिना सोचेविचारे जल्दबाजी में सैक्स संबंध बनाने का फैसला किया और उस दौरान कोई सावधानी नहीं बरती तो गर्भ ठहरने का खतरा भी बना रहता है. यदि ऐसा होता है तो आप मानसिक तनाव से घिर जाएंगी, क्योंकि इस का दुष्प्रभाव आप की पूरी जिंदगी पर पड़ेगा.

डिप्रैशन न हो जाए

जब कई बार इन संबंधों में दरार पड़ती है तो दोनों पक्षों को ही गहरा मानसिक आघात पहुंचता है. ऐसे में सामाजिक और नैतिक बंधनों के चलते विवाहपूर्व सैक्स संबंध बनाने की शर्म, ग्लानि, अविश्वास, तनाव तथा एकदूसरे के प्रति सम्मान की कमी जैसे कारक मुख्य भूमिका निभाते हैं.

डेटिंग को डेटिंग ही रहने दें

कई बार डेटिंग के दौरान भी सैक्स संबंध बन जाते हैं. जहां डेटिंग का मकसद एकदूसरे को भलीभांति जानना होता है वहीं वे उस मकसद को भूल सैक्स संबंध स्थापित कर लेते हैं. सैक्स के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है, लेकिन अभी समय एकदूसरे को जाननेसमझने का है. यह वक्त दोबारा नहीं आएगा, इसलिए पहले दोनों एकदूसरे को भलीभांति समझ लें और अपने रिश्ते को कुछ समय दें. उस के बाद इस पायदान पर आएं.

अच्छा नहीं उतावलापन

सैक्स के लिए उतावलापन अच्छा नहीं है इसलिए आप को प्रोफैशनल या बाजारू महिला या पुरुष के साथ सैक्स संबंध बनाने से बचना चाहिए. यह पूरी तरह गलत है. इस से आप गलत लोगों के चंगुल में भी फंस सकते हैं.

जबरदस्ती सैक्स न करें

सैक्स जबरन नहीं करना चाहिए. आप को किसी के दबाव या किसी अन्य कारण से सैक्स करने से बचना चाहिए. साथ ही किसी डर की वजह से भी सैक्स नहीं करना चाहिए. मन के सारे भ्रम और आशंकाएं निकालने के बाद ही सैक्स संबंध बनाएं.

सही कदम

–       हर चीज समय पर ही अच्छी लगती है और सही भी रहती है. माना कि दिल किशोरावस्था में प्रेम की पींगें बढ़ाने को बेताब रहता है. प्रेम करना गलत नहीं है अवश्य करें, लेकिन सैक्स के लिए सही वक्त का इंतजार भी जरूरी है. तभी उस का असली मजा और आनंद ले पाएंगे वरना वह कुछ पलों का आनंद तो देगा लेकिन बाद में मन का सुकून भी छीन लेगा.

–       अगर फिर भी आप ने सैक्स का मन बना ही लिया है तो समय और स्थान का ऐसा चुनाव करें जो आप के लिए पूरी तरह सुरक्षित हो और बाद में किसी मुसीबत में फंसाने वाला न हो, इसलिए किसी भी कमजोर पल में सैक्स करने का फैसला न लें बल्कि यदि सैक्स करना भी है तो सोचीसमझी योजना के तहत करें.

–       सैक्स के बाद यदि प्रैग्नैंसी आदि का वहम हो रहा है तो बिना डाक्टर को दिखाए खुद ही किसी नतीजे पर न पहुंचें, बल्कि सब से पहले इस बारे में अपने घर पर बड़ी बहन, मां आदि को बताएं. यह सच है कि आप को बताने में हिचकिचाहट होगी, डर भी लगेगा और शायद शर्मिंदगी भी होगी, लेकिन यह शर्मिंदगी उस मुसीबत से कम होगी जो न बताने पर आप को झेलनी पड़ सकती है. वह आप के घर वाले हैं, इस बात को सुन कर चाहे लाख नाराज हों, आप को डांटें, लेकिन इस मुसीबत से निकालने की जिम्मेदारी लेने में उन्हें देर नहीं लगेगी. उस समय वह वही करेंगे जो आप के लिए उचित होगा. इसलिए उन पर विश्वास कर हिम्मत कर के एक बार उन से सच कह डालिए, फिर देखिए कैसे आप की परेशानी हल होती है.

–       अगर आप का कोई बौयफ्रैंड है जिस पर आप बहुत विश्वास करती हैं तो भी उसे अपना कोई वीडियो आदि न बनाने दें चाहे कुछ भी हो जाए. वह रिश्ता तोड़ने की धमकी देता है तो न डरें, क्योंकि जो युवक आप से ऐसी बात कह रहा है वह किसी भी तरह का रिश्ता रखने के लायक नहीं है.

–       अगर सैक्स करना भी है तो इस बात का खयाल रखें कि उस की वजह से आप की पढ़ाई में कोई बाधा न आए. यह समय आप के भविष्य बनाने का है. इस में किसी भी तरह का कोई व्यवधान नहीं आना चाहिए. सैक्स कर के कहीं हर वक्त उसी में खोए रह कर पढ़ाई करना न भूलें. पढ़ाई आप की पहली जरूरत है, बाकी सब बाद में.

मैं 5 सालों से हस्तमैथुन कर रही है, अब मुझे इसकी आदत लग गई है क्या करुं?

सवाल

मैं 23 साल की एक कुंआरी लड़की हूं. पिछले 5 साल से मैं हस्तमैथुन कर रही हूं. मेरी एक दोस्त की वजह से मुझे इस की जानकारी हुई थी, पर मुझे इस की आदत लग गई. अब मेरी शादी होने वाली है और मुझे चिंता है कि कहीं मेरे पति को पता न चल जाए कि मैं हस्तमैथुन करती थी. अगर ऐसा हुआ तो क्या मेरा पति मुझ से रिश्ता तोड़ लेगा? मैं ऐसा नहीं चाहती, क्योंकि अब मैं मानसिक रूप से शादी करने के लिए खुद को तैयार कर चुकी हूं. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

आप को चिंता करने की जरूरत नहीं है. सैक्स संतुष्टि के लिए शादी के पहले तकरीबन सभी लड़कियां और लड़के हस्तमैथुन करते हैं. आप ने कोई गुनाह नहीं किया है, जो इतना घबरा रही हैं.

पति अगर समझदार होगा तो इसे दिल पर नहीं लेगा और समझदार न हुआ तो उसे इस के बारे में भनक भी नहीं लगेगी. चूंकि खुद को दिमागीतौर पर तैयार कर चुकी हैं, इसलिए खुशीखुशी शादी और सुहागरात की तैयारियां कीजिए.

सच्ची सलाह के लिए कैसी भी परेशानी टैक्स्ट या वौइस मैसेज से भेजें. मोबाइल नंबर : 08826099608.सच्ची सलाह के लिए कैसी भी परेशानी टैक्स्ट या वौइस मैसेज से भेजें. मोबाइल नंबर : 08826099608.

बच्चा होने के कितने महीने बाद सेक्स करना चाहिए, क्या इस का कोई नियम है?

सवाल

बच्चा होने के कितने महीने बाद सेक्स करना चाहिए?

जवाब

इस का कोई तय नियम नहीं है. बच्चा होने के बाद जब बीवी जिस्मानी तौर पर पूरी तरह से सेहतमंद हो जाए, तभी सेक्स करना चाहिए.

शारीरिक व मानसिक थकान

बच्चे के जन्म के बाद मानसिक व शारीरिक तौर पर एक औरत का थकना स्वाभाविक है. चूंकि प्रैग्नैंसी के 9 महीनों के दौरान उसे कई तरह के उतारचढ़ावों से गुजरना पड़ता है. बच्चे को जन्म देने के बाद भी उस के अंदर अनेक सवाल पल रहे होते हैं. कमजोरी और शिशु जन्म के साथ बढ़ती जिम्मेदारियां, रात भर जागना और दिन का शिशु के साथ उस की जरूरतें पूरी करतेकरते गुजर जाना आम बात होती है. औरत के अंदर उस समय चिड़चिड़ापन भर जाता है. नई स्थिति का सामना न कर पाने के कारण अकसर वह तनाव या डिप्रैशन का शिकार भी हो जाती है. मां बनने के बाद औरत कई कारणों की वजह से सैक्स में अरुचि दिखाती है. सब से प्रमुख कारण होता है टांकों में सूजन होना. अगर ऐसा न भी हो तो भी गर्भाशय के आसपास सूजन या दर्द कुछ समय के लिए वह महसूस करती है. थकावट का दूसरा बड़ा कारण होता है 24 घंटे शिशु की देखभाल करना, जो शारीरिक व मानसिक तौर पर थकाने वाला होता है. इसलिए जब भी वह लेटती है, उस के मन में केवल नींद पूरी करने की ही इच्छा होती है. कई औरतों की तो सैक्स की इच्छा कुछ महीनों के लिए बिलकुल ही खत्म हो जाती है.

अपने शरीर के बदले हुए आकार को ले कर भी कुछ औरतों के मन में हीनता घिर जाती है, जिस से वे यौन संबंध बनाने से कतराने लगती हैं. उन्हें लगने लगता है कि वे पहले की तरह सैक्सी नहीं रही हैं. स्टे्रच मार्क्स या बढ़ा हुआ वजन उन्हें अपने ही शरीर से प्यार करने से रोकता है. बेहतर होगा कि इस तरह की बातों को मन में लाने के बजाय जैसी हैं, उसी रूप में अपने को स्वीकारें. अगर वजन बढ़ गया है, तो ऐक्सरसाइज रूटीन अवश्य बनाएं.

दर्द होने का डर

अकसर पूछा जाता है कि अगर डिलीवरी नौर्मल हुई है, तो यौन संबंध कब से बनाने आरंभ किए जाएं? इस के लिए कोई निर्धारित नियम या अवधि नहीं है, फिर भी डिलीवरी के 11/2 महीने बाद सामान्य सैक्स लाइफ में लौटा जा सकता है. बच्चे के जन्म के बाद कई औरतें सहवास के दौरान होने वाले दर्द से घबरा कर भी इस से कतराती हैं. औरत के अंदर दोबारा यौन संबंध कायम करने की इच्छा कब जाग्रत होगी, यह इस पर भी निर्भर करता है कि उस की डिलीवरी कैसे हुई है. जिन औरतों का प्रसव फोरसेप्स की सहायता से होता है, उन्हें सैक्स के दौरान निश्चिंत रहने में अकसर लंबा समय लगता है. ऐसा ही उन औरतों के साथ होता है, जिन के योनिमार्ग में चीरा लगता है. सीजेरियन केबाद टांके भरने में समय लगता है. उस समय किसी भी तरह का दबाव दर्द का कारण बन सकता है. फोर्टिस ला फेम की गायनाकोलौजिस्ट डा. त्रिपत चौधरी कहती हैं, ‘‘प्रसव के बाद 2 से 6 हफ्तों तक सैक्स संबंध नहीं बनाने चाहिए, क्योंकि बच्चे के जन्म के बाद औरत न सिर्फ अनगिनत शारीरिक परिवर्तनों से गुजरती है, वरन मानसिक व भावनात्मक बदलाव भी उस के अंदर समयसमय पर होते रहते हैं. चाहे डिलीवरी नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से, दोनों ही स्थितियों में कुछ महीनों तक यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए. ‘‘डिलीवरी के बाद के जिन महीनों को पोस्टपार्टम पीरियड कहा जाता है, उस दौरान औरत के अंदर सैक्स संबंध बनाने की बात तक नहीं आती. प्रसव के बाद कुछ हफ्तों तक हर औरत को ब्लीडिंग होती है. ब्लीडिंग केवल रक्त के रूप में ही नहीं होती है, बल्कि कुछ अंश निकलने व डिस्चार्ज की तरह भी हो सकती है. वास्तव में यह पोस्टपार्टम ब्लीडिंग औरत के शरीर से प्रैग्नैंसी के दौरान बचे रह गए अतिरिक्त रक्त, म्यूकस व प्लासेंटा के टशू को बाहर निकालने का तरीका होती है. यह कुछ हफ्तों से ले कर महीनों तक हो सकती है.

‘‘डिलीवरी चाहे नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से औरत के योनिमार्ग में सूजन आ जाती है और टांकों को भरने में समय लगता है. अगर इस दौरान यौन संबंध बनाए जाएं तो इन्फैक्शन होने की अधिक संभावना रहती है. औरत किसी भी तरह के इन्फैक्शन का शिकार न हो जाए, इस के लिए कम से कम 6 महीनों बाद यौन संबंध बनाने की सलाह दी जाती है. योनिमार्ग या पेट में सूजन, घाव, टांकों की वजह से सहवास करने से उसे दर्द भी होता है.’’

क्या करें

अगर बच्चा सीजेरियन से होता है, तो कम से कम 6 हफ्तों बाद यौन संबंध बनाने चाहिए. लेकिन उस से पहले डाक्टर से जांच करवानी जरूरी होती है कि आप के टांके ठीक से भर रहे हैं कि नहीं और आप की औपरेशन के बाद होने वाली ब्लीडिंग रुकी कि नहीं. यह ब्लीडिंग यूट्रस के अंदर से होती है, जहां पर प्लासेंटा स्थित होता है. यह ब्लीडिंग हर गर्भवती महिला को होती है, चाहे उस की डिलीवरी नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से. अगर डाक्टर सैक्स संबंध बनाने की इजाजत दे देते हैं, तो इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि टांके अगर पूरी तरह भरे नहीं हैं तो किस पोजीशन में संबंध बनाना सही रहेगा. पति साइड पोजीशन रखते हुए संबंध बना सकता है, जिस से औरत के पेट पर दबाव नहीं पड़ेगा. अगर उस दौरान स्त्री को दर्द महसूस हो, तो उसे ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि कई बार थकान या अनिच्छा की वजह से योनि में तरलता नहीं आ पाती. अगर औरत को दर्द का अनुभव होता हो तो पति पोजीशन बदल कर या ओरल सैक्स का सहारा ले सकता है. साथ ही, वैजाइनल ड्राईनैस से बचने के लिए ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करना अनिवार्य होता है. चूंकि प्रैग्नैंसी के बाद वैजाइना बहुत नाजुक हो जाती है और उस में एक स्वाभाविक ड्राईनैस आ जाती है, इसलिए नौर्मल डिलीवरी के बाद भी सैक्स के दौरान औरत दर्द महसूस करती है.

पोस्टपार्टम पीरियड बहुत ही ड्राई पीरियड होता है, इसलिए बेहतर होगा कि उस के खत्म होने के बाद ही यौन संबंध बनाए जाएं. प्रसव के 1-11/2 महीने बाद यौन संबंध बनाने के बहुत फायदे भी होते हैं. सैक्स के दौरान स्रावित होने वाले हारमोंस की वजह से संकुचन होता है, जिस से यूट्रस को सामान्य अवस्था में आने में मदद मिलती है और साथी के साथ दोबारा से शारीरिक व भावनात्मक निकटता कायम करने में यौन संबंध महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. प्रसव के बाद कुछ महीनों तक पीरियड्स अनियमित रहते हैं, जिस की वजह से सुरक्षित चक्र के बारे में जान पाना असंभव हो जाता है. इस दौरान गर्भनिरोध करने के लिए कौपर टी का इस्तेमाल करना या ओरल पिल्स लेना सब से अच्छा रहता है. अगर प्रसव के बाद कई महीनों तक औरत के अंदर यौन संबंध बनाने की इच्छा जाग्रत न हो तो ऐसे में पति को बहुत धैर्य व समझदारी से उस से बरताव करना चाहिए.

पति का सहयोग

जैसे ही औरत शारीरिक व भावनात्मक रूप से सुदृढ़ हो जाती है, संबंध बनाए जा सकते हैं. इस दौरान पति के लिए इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है कि वह पत्नी पर किसी भी तरह का दबाव न डाले या जबरदस्ती सैक्स संबंध बनाने के लिए बाध्य न करे. हफ्ते में 1 बार अगर संबंध बनाए जाते हैं, तो दोनों ही इसे ऐंजौय कर पाते हैं और वह भी बिना किसी तनाव के. पति को चाहिए कि वह इस विषय में पत्नी से बात करे कि वह संबंध बनाने के लिए अभी तैयार है कि नहीं, क्योंकि प्रसव के बाद उस की कामेच्छा में भी कमी आ जाती है, जो कुछ समय बाद स्वत: सामान्य हो जाती है.

मैं 2 साल पहले रिलेशन में थी पर वह लड़का आज भी मुझे दिमाग से नहीं निकाल पा रहा, क्या करूं?

सवाल
मैं 17 वर्षीय लड़की हूं. 2 साल पहले मैं एक लड़के के साथ रिलेशन में थी. मैं आज भी उसे मैसेज करती हूं, पर वह मुझे दिमाग से नहीं निकाल पा रहा. मैं क्या करूं?

जवाब
आप अपनी तरफ से ही श्योर नहीं हैं कि आप उस से आज भी रिश्ता रखे हुए हैं कि नहीं. यदि आप के मन में उस के प्रति हमदर्दी नहीं है तो यह सोचना छोड़ दें कि वह आप को दिमाग से नहीं निकाल पा रहा, और अगर आप अब भी उस की वैलविशर हैं तो उसे समझाइए कि वर्तमान में जीना सीखे और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे. आप उस से अच्छी दोस्ती रख कर भी ये सब कर सकती हैं.

17 साल की उम्र वह अवस्था है जहां विचार बदलते रहते हैं. आज कोई अच्छा लगता है तो कल कोई. आकर्षण के इस भंवर में खो कर ही वह आप को दिमाग से नहीं निकाल पा रहा है.

मेरे होने वाले पति का कहना है कि वह किसी लड़की से प्यार करता है और हमेशा करता रहेगा, मुझे क्या करना चाहिए ?

सवाल

मैं 25 साल की युवती हूं. सगाई हो चुकी है. सगाई के बाद हुई दूसरी मुलाकात में लड़के ने मुझे बता कर चौंका दिया कि वह किसी लड़की से प्यार करता है और हमेशा करता रहेगा. शादी वह दबाव में आ कर रहा है, क्योंकि घर वाले उस की प्रेमिका से जो तलाकशुदा है, शादी नहीं करने देंगे. उस का कहना है कि शादी से पहले ही अपने प्रेम संबंध के बारे में इसलिए बता रहा है ताकि शादी के बाद मैं उस से शिकायत न करुं कि उस ने मुझे धोखा दिया है. मैं समझ नहीं पा रही कि क्या करूं? हमारी सगाई काफी धूमधाम से हुई थी. तमाम सगेसंबंधी शामिल हुए थे. दोनों परिवार बहुत खुश थे. अब यदि वह सगाई तोड़ते हैं तो बहुत बदनामी होगी.

जवाब

प्यार करना था तक तो बात ठीक थी पर करता रहेगा गलत. आप को अपने घर वालों को यह बात बता देनी चाहिए. लोग क्या कहेंगे इस बात की चिंता छोड़ दें. लोगों के डर से आप जबरदस्ती के रिश्ते को नहीं ढोना चाहेंगी.

मैं एक लड़के से प्यार करती हूं जब हम संबंध बनाते हैं तो मिलन ठीक से नहीं हो पाता, क्या करें?

सवाल

मैं 21 साल की हूं और एक लड़के से प्यार करती हूं. जब हम हमबिस्तरी करते हैं, तो हमारा मिलन ठीक से नहीं हो पाता. क्या करें?

जवाब

चोरी छिपे और अनाड़ीपन से हमबिस्तरी करने पर ऐसा होता है. हो सकता है कि आप के अंग की झिल्ली अभी तक मौजूद होगी. यह झिल्ली कभीकभी मुश्किल से टूटती है. आप पहले अपने प्रेमी से शादी कर लें, फिर आराम से हमबिस्तरी करें.

अनिल और सुधा की शादी की पहली रात थी. शादी में आए लोगों के जातेजाते रात का 1 बज गया. तब अनिल की बहन को ध्यान आया कि इस नवविवाहित जोड़े को तो अपने कक्ष में भेजो. चूंकि रात काफी बीत चुकी थी, इसलिए अपने कक्ष में पहुंचते ही अनिल आननफानन सहवास करने लगा तो एक हलकी सी चीख के साथ सुधा उस के बाहुपाश से अलग हो गई. बोली कि नहीं, मैं यह बरदाश्त नहीं कर सकूंगी. मुझे दर्द होता है. बेचारा अनिल मन मसोस कर रह गया. सुधा की दिन पर दिन बीतते चले गए और फिर दर्द की तीव्रता भी बढ़ती चली गई. पहली रात की मिठास कड़वाहट में बदल गई थी. फिर एक दिन जब अनिल ने यह बात अपने दोस्त को बताई तो उस की सलाह पर वह पत्नी के साथ चिकित्सक के पास पहुंचा. तब जा कर दोनों सहवास का आनंद उठाने में कामयाब हो पाए.

वास्तव में सहवास परम आनंद देता है. मगर इस में इस तरह की कोई परेशानी हो जाए तो नौबत तलाक तक की भी आ जाती है.

आइए, जानें कि ऐसी स्थिति आने पर क्या करें:

– पतिपत्नी को चाहिए कि भले प्रथम 1-2 मिलन में दर्द हो, तो भी वे संपर्क बनाना न छोड़ें. कामक्रीड़ा करते रहें ताकि एकदूसरे के प्रति आकर्षण बना रहे और दर्द की बात मन में न बैठे.

– चूंकि यह शारीरिक से ज्यादा मनोवैज्ञानिक समस्या है, अत: मानसिक स्तर पर भी मजबूत बने रहें.

– ऐसे पतिपत्नी को चाहिए कि वे यह सोच कर कि सहवास नहीं करेंगे, प्रतिदिन यौनक्रीड़ा यानी आलिंगन, चुंबन, बाहुपाश में बांधना, सहलाना आदि करते रहें. यौनक्रीड़ा में बहतेबहते उन्हें पता भी नहीं चलेगा कि वे कब सहवास में सफल हो गए. तब सारा डर जाता रहेगा.

– यदि एकदूसरे के प्रति पूर्ण आकर्षण न हो कर कोई गिलाशिकवा, नफरत, गुस्सा हो तो उसे दिमाग से निकाल देने मात्र से दर्दयुक्त सहवास की समस्या समाप्त हो सकती है.

– यदि पहले कभी बलात्कार हुआ हो या आप के पुरुष साथी (वह पति ही क्यों न हो) ने यदि आप के जननांगों को चोट पहुंचाई हो तब भी ऐसी स्थिति में भी स्त्री को सहवास से भय पैदा हो जाता है. इस स्थिति का यथोचित समाधान आवश्यक है.

दर्दयुक्त सहवास के अन्य कारण पुरुषों में

– अंग में कड़ापन न आने के कारण भी सैक्स नामुमकिन हो जाता है.

– यदि आप अत्यधिक मोटापे से ग्रस्त हैं तब भी यह स्थिति पैदा हो जाती है.

– यौन संपर्क के प्रति नकारात्मक रवैया भी यह स्थिति पैदा कर देता है. इस के अलावा सैक्स के अन्य तरीकों को तवज्जो देना भी इस स्थिति के लिए उत्तरदायी हो सकता है.

– जननांग में कोई जन्मजात कमी.

स्त्रियों में

– यौन संपर्क के वक्त जननांग में स्थित खास प्रकार की ग्रंथियां कुछ लसलसा सा पदार्थ स्रावित करती हैं जो पुरुष के अंग को योनि में प्रवेश कराने में मददगार होता है. कई बार ये ग्रंथियां अपना यह कार्य करना बंद कर देती हैं. फलस्वरूप योनि में कथित सूखापन रहता है, जिस से सहवास में दर्द होता है. अकसर यह स्थिति डर या फिर गैरजिम्मेदाराना तरीके से स्थापित यौन संबंध से उत्पन्न होती है.

– यदि स्त्री को अत्यधिक मोटापा है या पैरों अथवा कूल्हों की हड्डियों का कोई रोग है, तब भी यह स्थिति आ सकती है.

– यदि जन्मजात योनि के ऊपर की झिल्ली (हाईमन) बहुत ज्यादा मोटी या सख्त हो तो भी सहवास के वक्त तकलीफ होती है.

– जिन स्त्रियों की शादी देर से होती है उन में योनि का लचीलापन कमजोर हो जाता है तथा मार्ग भी संकरा हो जाता है, जिस से मिलन के वक्त तकलीफ होती है.

– योनि मार्ग में अगर कोई सर्जरी हुई हो या वहां चोट आदि लगी हो तब भी संभोग के वक्त दर्द होता है.

– ऊपरी सतह पर कुछ व्याधियां भी सहवास को दर्दयुक्त बनाती हैं जैसे बवासीर, खूनी मस्से, पेशाब के मार्ग में संक्रमण, जन्म से ही योनि मार्ग की लंबाई कम होना आदि.

– इसी तरह अंदर की व्याधियां भी इस स्थिति के लिए उत्तरदायी होती हैं जैसे सर्विक्स संक्रमण, ओवरी का संक्रमण, गर्भाशय का क्षय रोग आदि.

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