अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के टीकाकरण पर उत्तर प्रदेश का जोर

लखनऊ . कोरोना टीकाकरण को लेकर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की जनता से की गई अपील का असर मंगलवार को नजर आया. खासकर अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लोगों में टीकाकरण को लेकर काफी उत्‍साह नजर आया. लख्‍नऊ के छोटे इमामबाड़े में बनाए गए कोविड टीकाकरण केन्‍द्र पर सुबह से ही टीका लगवाने के लिए लम्‍बी लाइन दिखाई दी. इसे पहले इस्‍लामिक सेंटर आफॅ इंडिया ईदगाह में वैक्‍सीनेशन सेंटर बनाया गया है. इस मौके पर शिया धर्मगुरू मौलाना कल्‍बे जवाद व जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने टीकाकरण केन्‍द्र पहुंच कर व्‍यवस्‍थाओं का जायजा लिया. इस दौरान उन्‍होंने लोगों को टीकाकरण के फायदे बताए .

यूपी में मंगलवार से विश्‍व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरूआत हुई है. इस पूरे अभियान के दौरान एक करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जाएगा. उत्तर प्रदेश में 18 से 44 वर्ष की आयु के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में दो-दो और शहरी क्षेत्र में तीन-तीन विशेष टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं. बड़े जिलों में आवश्यकता के अनुसार दो केंद्र बढ़ाने की अनुमति दी गई है. वहीं 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों के लिए भी दो-दो विशेष टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं.

अल्‍पसंख्‍यक समुदाय में उत्‍साह

लखनऊ में हुसैनाबाद स्थित  छोटे इमामबाड़े में कोरोना वैक्‍सीनेशन के लिए बड़ा केन्‍द्र बनाया गया था. सुबह से ही लोग उत्‍साह के साथ टीकाकरण अभियान में शामिल हो रहे थे. इस मौके पर इमाम ए जुमा मौलाना कल्‍बे जवाद ने टीकाकरण केन्‍द्र पहुंच कर लोगों को टीके के फायदे बताए . उन्‍होंने कहा कि कोरोना से बचाव का एक मात्र तरीका कोरोना टीका है. उन्‍होंने लोगों से अपील की वह किसी भी तरह की अफवाह में न आए और अपना टीकाकरण कराए. टीकाकरण को लेकर अफवाहे फैलाने वाले मुस्लिम समुदाय के दुश्‍मन है.

हुसैनाबाद निवासी शहजाद ने बताया कि सरकार ने पुराने लखनऊ में बड़ा केन्‍द्र बनाकर लोगों को राहत दी है. पुराने लखनऊ के लोगों को टीका लगवाने के लिए काफी दूर जाना पड़ रहा था. ऐसे में जिन लोगों के पास साधन नहीं थे, वह टीका नहीं लगवा रहे थे. सरकार छोटा इमामबाड़े में केन्‍द्र लगाने से लोगों को काफी राहत पहुंची है. छोटे इमामबाड़े में 18 से 44 साल के लोगों का अलग टीकाकरण किया जा रहा था जबकि 44 से ऊपर के लोगों का टीकाकरण अलग से किया जा रहा था. टीकाकरण केन्‍द्र पर सेल्‍फी प्‍वाइंट भी बनवाया गया था. जहां पर युवाओं ने टीका लगवाने के बाद अपनी सेल्‍फी ली. वहीं, मौके पर मौजूद सिविल डिफेंस कर्मी लोगों के बीच सोशल डि‍स्‍टेंसिंग बनाने का काम कर रहे थे.

टीकाकरण केन्‍द्र पर बड़े पैमाने पर मुस्लिम महिलाएं भी उपस्थित थी. जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने छोटा इमामबाड़ा स्थित टीकाकरण केन्‍द्र का निरीक्षण किया. उन्‍होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से आसपास के इलाकों से टीकाकरण केन्‍द्र तक लाने के लिए विशेष बसों का संचालन भी किया गया था. इसमें बिल्‍लौचपुरा, अकबरीगेट आदि से बसें लोगों को टीकाकरण केन्‍द्र तक ला रही थी. वहीं, सरकार ने जून महीने में एक करोड़ टीके लगाकर इस संख्या को तीन करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.

सीरो सर्वे से पता लगेगा कितने लोगों में बन चुकी है एंटीबॉडी

लखनऊ . उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की गहन पड़ताल के लिए 04 जून से सीरो सर्वे शुरू किया जा रहा है. सभी 75 जिलों में होने वाले इस सर्वे के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि किस जिले के किस क्षेत्र में कोरोना का कितना संक्रमण फैला और आबादी का कितना हिस्सा संक्रमित हुआ. यही नहीं, इससे यह भी सामने आएगा कि कितने लोगों में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबाडी बन चुकी है.

सोमवार को राज्य स्तरीय टीम-09 की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीरो सर्वे को लेकर हो रही तैयारियों की जानकारी ली. अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि 04 जून से शुरू हो रहे इस सर्वे को लेकर कार्ययोजना तैयार हो चुकी है. सैम्पलिंग कर लिंग और आयु सहित विभिन्न मानकों पर सर्वेक्षण की रिपोर्ट तैयार की जाएगी. जिलेवार सर्वे करने वाले कार्मिकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके परिणाम जून के अंत तक आने को संभावना है.

पहली लहर में भी हुआ था सीरो सर्वे:

कोरोना की पहली लहर के दौरान पिछले साल सितंबर में 11 जिलों में सीरो सर्वे कराया गया था. यह सर्वे लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज, गाजियाबाद, मेरठ, कौशांबी, बागपत व मुरादाबाद में हुआ था. उस समय सीरो सर्वे में 22.1 फीसद लोगों में एंटीबाडी पाई गई थी.

इथेनॉल के जरिए गन्ने को ग्रीन गोल्ड बनायेगी यूपी सरकार

लखनऊ . प्रदेश सरकार अब इथेनॉल के जरिए गन्ने को ग्रीन गोल्ड बनाने की मुहिम में जुट गई है. इसके तहत राज्य में गन्ने से इथेनॉल बनाने के 54 और चावल, गेहूं, जौ, मक्का तथा ज्वार से इथेनॉल बनाने के सात प्रोजेक्ट लगाए जाने की कार्रवाई चल रही हैं. गन्ने से इथेनॉल बनाने के 54  प्रोजेक्ट में से 27 प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं, जबकि 27 प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं, आगामी सितंबर के अंत तह यह भी पूरे हो जायंगे. चावल, गेहूं, जौ, मक्का तथा ज्वार से इथेनॉल बनाने संबंधी प्रोजेक्ट में भी अगले चंद महीनों में उत्पादन शुरू हो जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ने से इथेनॉल बनाने संबंधी प्रोजेक्टों की समीक्षा करते हुए इनमें जल्द से जल्द इनमें उत्पादन शुरू करने के निर्देश हैं. उत्पादन शुरू करने के लिए एनओसी जारी करने में को विलंब ना हो, यह भी मुख्यमंत्री ने कहा है.

गन्ना राज्य के किसानों की एक मुख्य नगदी फसल है. बुन्देलखंड को छोड़ कर राज्य के हर जिले में किसान गन्ने की पैदावार होती हैं. कुछ समय पहले तक चीनी मिले, खंडसारी और गुड के कारोबारी ही गन्ने पैदावार के खरीददार थे लेकिन अब गन्ने से इथेनॉल भी बनाई जाने लगी हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही पहल पर राज्य में इथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में निवेश करने के लिए लोगों ने रूचि दिखाई है. जिसके चलते अब किसानों को चीनी मिलों या खांडसारी करोबारियों के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा. प्रदेश सरकार ने इथेनॉल उत्पादन को बढ़ाने की शुरुआत कर अब गन्ने को ग्रीन गोल्ड सरीखा बना दिया है. इस क्षेत्र में अब भारी निवेश हो रहा है. राज्य में गन्ने तथा अन्य अनाजों के जरिए इथेनॉल बनाने के लिए 61 प्रोजेक्ट लगाने के लिए लोगों का आगे आना इसका सबूत है. निवेश के इन प्रस्तावों के सूबे में आने से अब गन्ना उत्पादन में इजाफा होगा. सूबे के कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में राज्य में गन्ने तथा अन्य अनाजों से इथेनॉल बनाने संबंधी लगाए जा रहे कुल 61 प्रोजेक्टों से 25 लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा.

इन विशेषज्ञों का कहना है कि इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ाने तथा उसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने संबंधी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस योजना से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी क्योंकि इथेनॉल गन्ने,  मक्का और कई दूसरी फसलों से बनाया जाता है. ये विशेषज्ञों कहते हैं कि दो माह पहले केंद्र सरकार ने इथेनॉल को स्टैंडर्ड फ्यूल घोषित किया है. ऐसे में अब इथेनॉल की मांग में इजाफा होगा. जिसका संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने उचित समय पर इथेनॉल बनाने संबंधी प्रोजेक्ट लगाने में तेजी दिखाई है. प्रदेश सरकार के इस प्रयास से उत्तर प्रदेश इथेनॉल के उत्पादन सबसे अन्य राज्यों से बहुत आगे निकल जाएगा. अभी भी उत्तर प्रदेश से हर वर्ष 126.10 करोड़ लीटर इथेनॉल की आपूर्ति की जाती है. राज्य में करीब 50 आसवानियां इथेनॉल बना रही हैं. इस वर्ष इथेनॉल बनाने संबंधी नए प्रोजेक्टों में उत्पादन शुरू होने से इथेनॉल उत्पादन में प्रदेश देश में सबसे ऊपर होगा और राज्य के किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा. क्योंकि इन प्रोजेक्ट में गन्ना देने वाले किसानों को उनके गन्ने का भुगतान पाने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा. और किसान गन्ना की फसल बोने से संकोच नहीं करेंगे. गन्ना किसानों के किए सोने जैसा खरा साबित होगा. इसी सोच के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ने से इथेनॉल बनाने संबधी प्रोजेक्ट पर विशेष ध्यान देते हुए उनके शुरू करने की कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिया हैं.

क्या होता है  इथेनॉल  :

अगर आसान शब्दों में कहें तो इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है. एथेनॉल का उत्पादन वैसे तो गन्ने से होता है लेकिन अब प्रदेश सरकार ने चावल, गेहूं, जौ, मक्का तथा ज्वार से भी इसे तैयार करने के सात प्रोजेक्ट स्थापित करने की अनुमति दी है. पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार राज्य में स्थापित और नए लग रहे प्रोजेक्ट से उत्पादित इथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर 35 फीसदी तक कार्बन मोनोऑक्साइड कम किया जा सकता है. साथ ही, इससे सल्फर डाइऑक्साइड को भी किया जा सकता है. मौजूदा समय में केंद्र सरकार सरकार ने 2030 तक 20 फीसदी इथेनॉल पेट्रोल में मिलाने का लक्ष्य रखा है.पिछले साल सरकार ने 2022 तक पेट्रोल में 10 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा था. सरकार के इस फैसले से आम लोगों को प्रदूषण से राहत मिलेगी. इथेनॉल का उत्पादन बढ़ने से गन्ना किसानों को सीधा फायदा होगा. क्योंकि शुगर मिलों के पास आसानी से पैसा उपलब्ध हो जाएगा.

जनप्रतिनिधि लें गांव के अस्पताल गोद

लखनऊ . कोविड के संक्रमण से ठीक हुए लोगों की सेहत को लेकर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिक्रमंद हैं. करीब तीन हफ्ते पहले ही उन्होंने हर जिला हॉस्पिटल में पोस्ट कोविड केयर सेंटर बनाने के निर्देश दिए थे. इसी क्रम में अपने बस्ती दौरे के दौरान उन्होंने सभी जिलों में सौ बेड का पोस्ट कोविड वॉर्ड शुरू करने का निर्देश दिया.

बस्ती मंडल की समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलो में 01 जून से 18 से 44 वर्ष आयु के लोगों को कोविड-19 का टीका लगाया जाएगा . 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावको, न्यायिक अधिकारियों, सरकारी कर्मचारियों तथा मीडिया के प्रतिनिधियों को टीका लगाने के लिए अलग से काउंटर खोले जायेंगे. उन्होने जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे एक-एक सीएचसी/पीएचसी गोद लें और वहां नियमित रूप से विजिट करें. अधिकारियों को निर्देश दिया कि टीकाकरण, सैनिटाइजेशन तथा फागिंग की सूचना जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराएं जिससे वे इसका सत्यापन कर सके.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि   कि प्रत्येक जिले में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फागिंग, निगरानी समिति द्वारा स्क्रीनिंग एंव दवा किट वितरण, कोविड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर द्वारा फील्ड में किए जा रहे कार्य का सत्यापन तथा कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए अस्पतालों की तैयारी को  प्राथमिकता दें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात को देखते हुए इंसेफेलाइटिस डेंगू, चिकुनगुनियां आदि बीमारियों से सुरक्षा के लिए भी समुचित प्रबन्ध किए जाएं. इसके लिए हर गांव एवं वार्ड में दिन में सैनिटाइजेशन तथा रात में फागिंग किया जाय.

मच्छरों के लार्वा को खत्म करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए. उन्होंने ग्रामीणों को खुले में शौच न करने तथा शौचालय का उपयोग करने को लेकर जागरूकता बढाने पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर को रोकने में सभी ने अच्छा कार्य किया है, लेकिन तब भी हमें सर्तक रहना होगा. यह एक महामारी है इसलिए सामान्य बीमारी से इसकी तुलना करना उचित नहीं है.

प्रदेश के सभी जिलों को आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर जिले में प्लांट स्वीकृत किया गया है, उस पर काम भी चल रहा है. उन्होने निर्देश दिया कि प्रत्येक आक्सीजन प्लांट के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करें, जो कार्यदायी संस्था से समन्वय स्थापित करके इसको शीघ्र स्थापित कराए . सरकार ब्लैक फंगस से निपटने के लिए विशेष प्रयास कर रही है.

उन्होंने कहा कि सीएचसी/पीएचसी पर अभी ओपीडी शुरू नही की जाएगी, लेकिन जिला अस्पताल में नानकोविड अस्पताल संचालित करके गंभीर रोगों के मरीजो का इलाज किया जायेगा .

अन्य लोग टेली कन्सल्टेन्सी के माध्यम से डाक्टरों से परामर्श कर सकते हैं . साथ ही महिला एवं बच्चों के लिए अलग से अस्पताल संचालित किए जाने पर उन्होंने जोर दिया . सभी सीएचसी/पीएचसी में साफ-सफाई, रंगाई-पोताई अगले एक सप्ताह में कराने और सभी उपकरण एंव मशीन सही कराने के निर्देश दिए . उन्होंने जिले के अस्पतालों में जिलाधिकारी तथा मेडिकल कालेज में वहां के प्रधानाचार्य, पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति के संबंध में कार्रवाई शुरू करने को कहा .

पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स को मेडिकल कालेज से सम्पर्क करके टेनिंग दिलाए जाने की बात भी कही. उन्होंने वेंटीलेटर संचालित करने के लिए आईटीआई के छात्रों को ट्रेंड करने के निर्देश दिए.

जिले में कोई भूखा न रहे लिहाजा कम्युनिटी किचन का संचालन हो जिससे अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजन, मजदूर, स्ट्रीट वेंडर, पल्लेदार एवं फुटपाथ पर रह कर गुजारा करने वालों को दो वक्त का शुद्ध ताजा भोजन मिल सके.

उन्होने कोरोना कर्फ्यू के नियमों का कड़ाई से पालन कराने को कहा. साथ ही कंटेनमेंट जोन में कड़ाई बरते जाने को लेकर निर्देश दिए . उन्होंने कहा कि उद्योग, कृषि, सब्जी मण्डी खोलने की अनुमति दी गयी है, लेकिन वहां बेवजह की भीड़ एकत्र न होने दें. शादी-विवाह में 25 से अधिक लोगों को जाने की अनुमति न दें और इसका कड़ाई से पालन भी कराएं. जून माह में फ्री खाद्यान्न वितरित किया जाएगा. ऐसी व्यवस्था बनाये की पात्र व्यक्तियों को खाद्यान्न मिल सके .

फ्री टीकाकरण महाअभियान: चलेगा शहरों से लेकर गांवों तक

लखनऊ. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में फ्री टीकाकरण को लेकर एक जून से होने वाले महाअभियान का प्लान तैयार कर लिया गया है. शहर से लेकर गांवों तक होने वाले टीकाकरण के लिए कम आबादी वाले हर जिले में कम से कम रोजाना एक हजार लोगों का टीकाकरण होगा. ऐसे ही अधिक आबादी वाले बड़े जिलों में एक से दो अतिरिक्त कार्य स्थल पर कोविड वैक्सीनेशन सेंटर (सीवीसी) स्थापित किए जाएंगे. विभिन्न सरकारी कार्यों में फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व के सबसे बड़े निशुल्क टीकाकरण अभियान को और तेज गति से चलाने के निर्देश दिए हैं. कोविड वैक्सीनेशन संक्रमण से बचाव का सुरक्षा कवर है. देश में सबसे ज्यादा प्रदेश में 18 से 44 आयु वर्ग के युवाओं ने टीका लगवाया है. सीएम के निर्देश पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने फ्री टीकाकरण महाअभियान को लेकर शासनादेश जारी कर दिया है. एक जून से होने वाले टीकाकरण के लिए हर जिले में 18 से 44 आयु वर्ग के लिए रोजाना चार कार्य स्थल पर सीवीसी का आयोजन किया जाएगा. इसमें जिले स्तर पर न्यायालय के लिए, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग कार्यालय में अधिकारियों और मीडिया प्रतिनिधियों के लिए और सरकारी कार्य स्थल के लिए दो सत्र स्थापित किए जाएंगे.

अधिक आबादी वाले बड़े जिलों में एक से दो अतिरिक्त कार्य स्थल पर सीवीसी लगाए जाएंगे. आवश्यकतानुसार कार्य स्थल पर सीवीसी का स्थान परिवर्तित करते हुए राष्ट्रीयकृत बैंक कर्मी, परिवहन कर्मचारी, रेलवे और अन्य राजकीय कार्यालयों में भी टीकाकरण किया जाएगा. इसके अलावा एक सरकारी कार्य स्थल पर राजकीय और परिषदीय शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी. इसके अलावा हर जिले में रोजाना दो अभिभावक स्पेशल सीवीसी स्थापित किए जाएंगे, जिसमें 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के माता-पिता का टीकाकरण किया जाएगा.

सीएमओ को पहले दी जाएगी सूची, फिर होगा टीकाकरण

सूचना विभाग या मीडिया कर्मियों का टीकाकरण होने के बाद इसे सरकारी कर्मचारियों के कार्य स्थल में परिवर्तित कर दिया जाएगा और सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा.

जिले स्तर पर रोजाना लगने वाले टीके की सूची न्यायालयों में जिला जज के कार्यालय से, मीडिया कर्मियों की सूची जिला सूचना अधिकारी से, शिक्षकों की सूची डीआईओएस या बीएसए से और अन्य सरकारी कर्मियों की सूची डीएम कार्यालय से पूर्व से बनाकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिया जाएगा और उसी के अनुसार टीकाकरण कराया जाएगा. इन सभी कार्य स्थल पर सीवीसी में 45 और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए भी स्लाट रखे जाएंगे.

12 वर्ष से कम बच्चों के अभिभावकों को देना होगा प्रमाण पत्र

हर जिले में रोजाना दो अभिभावक स्पेशल सीवीसी लगाए जाएंगे, जिसमें 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के माता-पिता का टीकाकरण होगा. इसके लिए उन्हें पंजीकरण और टीकाकरण के समय अपने बच्चे की उम्र 12 वर्ष से कम होने का प्रमाण (आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र या कोई अन्य) पत्र देना होगा. अधिक आबादी वाले बड़े जिलों में एक अतिरिक्त अभिभावक स्पेशल सीवीसी लगाया जाएगा.

नगरों और गांवों पर भी फोकस

हर जिले में रोजाना तीन नगरीय क्षेत्रों में सीवीसी स्थापित किए जाएंगे. अधिक आबादी वाले बड़े जिलों में आवश्यकतानुसार अतिरिक्त नगरीय स्पेशल सीवीसी लगाया जाएगा. नगरीय क्षेत्र के पास टीकाकरण के लिए हर जिले में रोजाना एक सीवीसी लगाया जाएगा. ऐसे ही हर जिले में रोजाना ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दो सीवीसी स्थापित किए जाएंगे. अधिक आबादी वाले बड़े जिलों में आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त सीवीसी स्थापित किए जाएंगे.

स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फाॅगिंग से रुकेगा गांव में संक्रमण

लखनऊ . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति से प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में प्रभावी सफलता मिल रही है. पॉजिटिविटी दर में लगातार कमी तथा रिकवरी दर में निरन्तर वृद्धि हो रही है. राज्य में कोविड संक्रमण के मामलों में आशानुकूल तेजी से कमी आयी है. उन्होंने कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को इसी प्रकार प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री जी आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे. बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 3,371 नए मामले आए हैं. इसी अवधि में 10,540 संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार करके डिस्चार्ज किया गया है. प्रदेश में 30 अप्रैल, 2021 को संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक एक्टिव मामले 3,10,783 थे. वर्तमान में संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 62,271 हो गयी है. इस प्रकार विगत 30 अप्रैल के सापेक्ष एक्टिव मामलों की संख्या में लगभग 80 प्रतिशत की कमी आयी है.

मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है. वर्तमान में यह दर बढ़कर 95.1 प्रतिशत हो गयी है. प्रदेश में पिछले 24 घण्टों में रिकाॅर्ड 3,58,243 कोविड टेस्ट किए गए हैं. यह न केवल प्रदेश में एक दिन में किए गए सर्वाधिक कोरोना टेस्ट हैं, बल्कि सम्पूर्ण देश में एक दिन में सम्पन्न सर्वाधिक कोरोना टेस्ट हंै. मुख्यमंत्री जी ने इतनी बड़ी संख्या में टेस्ट को संक्रमण की रोकथाम में उपयोगी बताते हुए कहा कि प्रतिदिन लगभग इतने टेस्ट की संख्या को बरकरार रखने का प्रयास किया जाए. मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि इन टेस्ट में संक्रमण की पॉजिटिविटी दर 01 प्रतिशत से भी कम रही है. प्रदेश में अब तक कुल 4 करोड़ 77 लाख 20 हजार 695 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए वृहद जांच अभियान सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है. निगरानी समितियों द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है. प्रदेश में संक्रमण निरन्तर कम हो रहा है. निगरानी समितियों द्वारा मेडिकल किट के वितरण की कार्यवाही निरंतर और प्रभावी ढंग से जारी रखी जाए. लक्षण युक्त एवं संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को मेडिकल किट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा सेक्टर के प्रभारी अधिकारी को जवाबदेह बनाया जाए. यह अधिकारी हर लक्षण युक्त एवं संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति को मेडिकल किट की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं.

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि बच्चों के लिए अलग से मेडिकल किट तैयार कर निगरानी समितियों को उपलब्ध कराने का प्रबंध हो रहा है. मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निगरानी समितियों द्वारा मेडिकल किट के वितरण के साथ ही, संबंधित व्यक्तियों की सूची बनाई जाए. यह सूची इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर (आई0सी0सी0सी0) तथा जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराई जाए. आई0सी0सी0सी0 द्वारा मेडिकल किट प्राप्त करने वाले व्यक्तियों से किट की उपलब्धता के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के साथ ही, उनका कुशलक्षेम भी लिया जाए. जनप्रतिनिधिगण द्वारा भी मेडिकल किट प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के साथ संवाद स्थापित कर उनका हालचाल प्राप्त किया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने राज्य में ब्लैक फंगस की दवाओं की उपलब्धता के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि ब्लैक फंगस के संक्रमण से प्रभावित सभी मरीजों को दवा उपलब्ध कराई जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों में ब्लैक फंगस की दवाओं की उपलब्धता रहे. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस संक्रमण की दवा की कालाबाजारी न होने पाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की सम्भावित थर्ड वेव की रोकथाम के लिए मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ किया जाना आवश्यक है. इसके लिए अभी से कार्यवाही किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में इंसेफेलाइटिस पर सफल नियंत्रण के अनुभव का उपयोग करते हुए कोरोना संक्रमण की भविष्य में किसी भी आशंका से निपटने की तैयारी की जानी चाहिए. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र के सभी सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर को सुदृढ़ बनाकर प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखा जाए. इन स्वास्थ्य केंद्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए एक व्यक्ति को जिम्मेदारी देकर कार्य व्यवस्थित, त्वरित तथा प्रभावी ढंग से संपन्न कराया जाए. साथ ही, मुख्यालय तथा जनपद स्तर पर नियमित समीक्षा भी की जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा विभाग में संचालित ऑपरेशन कायाकल्प की भांति जन सहयोग के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों तथा हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर में आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था तथा रखरखाव को बेहतर बनाया जाना चाहिए. इस सम्बन्ध में जनप्रतिनिधिगण का सहयोग प्राप्त करने का प्रयास किया जाए. मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित जिला चिकित्सालयों सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध सुविधाओं के सम्बन्ध में समग्र जानकारी उपलब्ध कराने वाला एक मोबाइल एप विकसित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री जी के अनुमोदन के उपरान्त इसे लॉन्च किया जाएगा.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भविष्य की आवश्यकता के दृष्टिगत कोविड बेड की संख्या में निरन्तर वृद्धि की जाए. आवश्यक मानव संसाधन की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी की जाए, इसके लिए भर्ती की कार्यवाही तेजी से सम्पन्न की जाए.

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि कोविड-19 के उपचार की व्यवस्था को प्रभावी बनाए रखने के लिए उनके निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की जा रही है. कोविड बेड की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है. विगत दिवस प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में 161 बेड की वृद्धि हुई है. इसमें आइसोलेशन बेड के अलावा लगभग 60 आई0सी0यू0 बेड भी शामिल हैं. मानव संसाधन में भी लगातार वृद्धि की जा रही है. विगत दिवस में 62 नए कर्मियों को भर्ती किया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) तथा निओनेटल आई0सी0यू0 (नीकू) के निर्माण की कार्यवाही युद्ध स्तर पर की जाए. इंसेफ्लाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अभी से पूरी सतर्कता बरती जाए. उपचार की व्यवस्था की भी अभी से पूरी तैयारी कर ली जाए.

ए0एन0एम0, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकत्र्रियों के प्रशिक्षण की कार्यवाही पूरी कर ली जाए. सभी जनपदों में उपलब्ध समस्त वेंटिलेटर कार्यशील अवस्था में रहें. खराब वेंटिलेटर की तुरन्त मरम्मत कराकर क्रियाशील किया जाए. वेंटीलेटर के संचालन के लिए आई0टी0आई0 में उपलब्ध टेक्निशियंस की जनपदवार सूची बनाकर राज्य स्तर पर फिजिकली ट्रेनिंग कराई जाए. ट्रेनिंग के पश्चात इन टेक्नीशियन की आवश्यकतानुसार तैनाती दी जाए. मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि पीकू और नीकू की स्थापना की कार्रवाई तेजी से गतिशील है. सभी मेडिकल कॉलेजों में 50 बेड का आई0सी0यू0 तथा 50 आइसोलेशन के बेड तैयार किए जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों तथा रीफिलर्स के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन बैकअप उपलब्ध है. होम आइसोलेशन के मरीजों में भी ऑक्सीजन की डिमाण्ड में कमी आयी है. विगत 24 घण्टों में राज्य में 663 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई. मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की कार्यवाही को त्वरित गति से आगे बढ़ाने के लिए जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी की तैनाती कर दैनिक समीक्षा की जाए. शासन स्तर पर भी ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना के संबंध में नियमित समीक्षा की जाए.

मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि कोविड वैक्सीनेशन की कार्यवाही व्यवस्थित, निर्बाध और सुचारु ढंग से जीरो वेस्टेज को ध्यान में रखकर संचालित की जाए.  वैक्सीनेशन सेंटर पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन आवश्यक रूप से हो. सेंटर पर भीड़-भाड़ से बचने के लिए वेटिंग एरिया तथा ऑब्जरवेशन एरिया की भी व्यवस्था अवश्य होनी चाहिए. उन लोगों को ही वैक्सीनेशन सेंटर पर बुलाया जाए, जिनका वैक्सीनेशन किया जाना है. ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीनेशन कार्य को त्वरित और प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए कॉमन सर्विस सेण्टर (सी0एस0सी0) को सक्रिय कर वैक्सीनेशन हेतु रजिस्ट्रेशन हेतु उपयोग किया जाए. मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि 1 जून, 2021 से सभी 75 जनपदों में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगांे के वैक्सीनेशन का कार्य प्रारंभ किया जाएगा. इस संबंध में गाइडलाइन आज जारी कर दी जाएगी.

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि उनके निर्देशानुसार प्रत्येक जनपद में 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों के लिए वैक्सीनेशन हेतु अभिभावक स्पेशल बूथ बनाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शहरी इलाकों से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में भी वैक्सीनेशन की व्यवस्था की जाए. सामान्यतया 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों की आयु 22 से 44 वर्ष के बीच होती है. यह प्रमुख कामकाजी वर्ग है. इनके वैक्सीनेशन के विशेष प्रयास आवश्यक हैं. भविष्य में कोरोना संक्रमण से बच्चों के प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए इस वर्ग को चिन्हित कर वैक्सीनेशन प्रभावी ढंग से कराया जाए. उन्होंने कहा कि भविष्य में वैक्सीनेशन कार्य को व्यापक पैमाने पर संचालित कराने के लिए आवश्यक मैन पावर की व्यवस्था कर प्रशिक्षण आदि संपन्न करा लिया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की कार्यवाही युद्ध स्तर पर जारी रखी जाए. ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर तथा घनी आबादी के क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फाॅगिंग का विशेष अभियान संचालित किया जाए. इसी प्रकार सभी नगर निकायों में भी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर पर स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग का कार्य कराया जाए. जल-जमाव को रोकने के लिए नाले व नालियों की सफाई करा ली जाए. स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन के कार्य में फायर ब्रिगेड तथा गन्ना विभाग के वाहनों एवं मशीनों का उपयोग किया जाए. मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत दिवस फायर ब्रिगेड के 394 फायर टेंडर्स ने स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन के कार्य में योगदान किया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू का प्रभावी ढंग से पालन कराया जाए. यह कार्यवाही सद्भाव पूर्ण होनी चाहिए. घर से बाहर निकलने वाले लोगों को मास्क के अनिवार्य प्रयोग तथा सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने के सम्बन्ध में जागरूक करने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का प्रभावी उपयोग किया जाए. इसके लिए इस व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जाए. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी गेहूं क्रय केन्द्र कार्यशील रहें. एम0एस0पी0 के तहत गेहूं खरीद तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न का वितरण कोविड प्रोटोकाॅल के पूर्ण पालन के साथ सुचारु ढंग से किया जाए. सभी जनपदों में कम्युनिटी किचन का प्रभावी ढंग से संचालन किया जाए. डोर स्टेप डिलीवरी  व्यवस्था सुदृढ़ रखी जाए. औद्योगिक गतिविधियां सुचारू ढंग से संचालित रहें.

कोरोना काल में बिखरते परिवारों को जोड़ेगा राज्य महिला आयोग

लखनऊ. कोरोना महामारी के बीच राज्य महिला आयोग यूपी के विभिन्न जनपदों से आने वाले दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, महिलाओं के साथ छेड़छाड़, दुराचार के मामलों का निस्तारण करा रहा है. कोरोना काल में ही ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें पारिवारिक कलह से टूटते परिवारों को वापास जोड़ने का काम आयोग की सदस्यों ने पूरी संजीदगी के साथ किया है. राज्य महिला आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पीड़ित महिलाओं की शिकायतों के निस्तारण के लिये ऑनलाइन सेवा की शुरुआत की है. तो पति-पत्नी, बेटा-बहू के बीच रिश्तों में आई कड़वाहट को भी दूर करने का काम निरंतर जारी है.

कोरोना काल में 15 मार्च  से 17 मई  तक राज्य महिला आयोग ने यूपी के विभिन्न जनपदों से आई 6258 शिकायतों पर सुनवाई की है. इनमें से 3204 महिलाओं को न्याय दिलाया जा चुका है. जबकि 3054 शिकायतों पर कार्रवाई कर जल्द निस्तारित करने में आयोग के सदस्य जुटे हैं. इसके अलावा लखनऊ और अन्य जिलों से सदस्यों के मोबाइल पर आने वाली शिकायतों का रोज संज्ञान लिया जा रहा है. जिन जिलों से शिकायतें आयोग की सदस्यों के पास आ रही हैं वहां के संबंधित अधिकारियों से बात कर मामलों का निस्तारित कराया जा रहा है. उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल बताती हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर कोरोना काल में यूपी में पीड़ित महिलाओं को न्याय मिल रहा है. आयोग की सभी 25 सदस्य इस काम में दिन- रात जुटीं हैं. गौरतलब है कि योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा और उन्हें समाज में बराबरी का दर्ज दिलाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है. इनसे निरंतर पीड़ित महिलाओं को न्याय मिलना संभव हुआ है.

यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में आ रही कमी

कोरोना महामारी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश की महिलाओं को घर बैठे न्याय दिलाने की पहल राज्य महिला आयोग ने की है. पीड़ित महिलाओं को मिल रहे न्याय के कारण उनपर होने वाले अपराधों की संख्या काफी घटी है. महिला आयोग की अध्यक्ष और सदस्य जमीनी स्तर पर ठोस कार्ययोजना बनाकर महिलाओं को सशक्त बनाने में जुटी हैं.

पीड़ित महिलाएं व्हाट्सएप नम्बर 6306511708 पर भेज रही शिकायतें

प्रदेश के 75 जिलों में महिला आयोग की ओर से व्हाट्सएप नम्बर 6306511708 जारी किया गया है. उत्पीड़न की शिकार महिलाएं इसपर अपनी शिकायतें भेज रहीं है. अध्यक्ष और सदस्य अपने निजी ई-मेल पर भी शिकायत पत्र मंगा रहे हैं. जिससे पीड़ित महिलाओं की सुनवाई और शिकायतों का जल्द से जल्द निस्तारण किया जा सके.

न्याय के साथ बीमार महिलाओं को इलाज दिलाने में भी आयोग की सदस्य आगे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाना और अपराधों पर अंकुश लगाना है. उन्होंने राज्य महिला आयोग को अपनी भूमिका बढ़ाते हुए महिलाओं को अपने अधिकारों व सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर टीम बनाकर काम करने के निर्देश दिये हैं . कोरोना काल में पीड़ित महिलाओं को न्याय ही नहीं, बीमार महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती कराने के लेकर उनको इलाज दिलाने की मदद भी आयोग की महिला सदस्यों की ओर से किया जा रहा है.

ऑक्सीजन उपलब्धता में आत्मनिर्भर हो रहा उत्तर प्रदेश

लखनऊ . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के लिए बड़ी पहल की है. जल्द ही ऑक्सीजन को लेकर प्रदेश आत्मनिर्भर हो जाएगा और दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सीएम के निर्देश के बाद प्रदेश में युद्ध स्तर पर 485 ऑक्सीजन प्लांट में से 290 ऑक्सीजन प्लांट पर काम चल रहा है. जबकि 167 के प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे गए हैं.

सीएम योगी की पहल पर प्रदेश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं. सीएम योगी ने निजी मेडिकल कॉलेजों में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने के निर्देश दिए हैं. ऐसे निजी मेडिकल कॉलेज जिन्हें सरकार की ओर से टेकओवर किया गया है, उनमें अगर ऑक्सीजन प्लांट नहीं है, तो सरकार की ओर से ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा और इसकी प्रतिपूर्ति निजी मेडिकल कॉलेजों को दी जाने वाली धनराशि से की जाएगी.

प्रदेश में ऑक्सीजन आडिट और साफ्टवेयर आधारित ट्रैकिंग के बेहतर परिणाम मिल रहे हैं. मौजूदा समय में सभी जिलों में पर्याप्त बैकअप है. मेडिकल कॉलेजों में भी ढाई दिन तक का ऑक्सीजन स्टोर है, पिछले 24 घंटों में प्रदेश में 753 एमटी ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है. होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को भी ऑक्सीजन दिया जा रहा है.

33 ऑक्सीजन प्लांट लगे, 258 पर चल रहा काम

प्रदेश में 25 ऑक्सीजन प्लांट कार्य कर रहे हैं. पीएम केयर फंड से कुल 188 नए ऑक्सीजन प्लांट लगने हैं, जिसमें से पांच लग गए हैं और 16 पर काम चल रहा है. इसके अलावा 167 प्लांट के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. राज्य सरकार की ओर से 27, चीनी मिलों और आबकारी विभाग की ओर से 79, बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से 10, सांसद निधि से छह और विधायक निधि से 37, स्टेट डिजास्टर रीलिफ फंड (एसडीआरएफ) से 25 और पाथ की ओर से दो ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं. इसके अलावा सीएसआर फंड से 59 प्लांट लग रहे हैं, जिसमें तीन लग चुके हैं. सांसद निधि से दो, विधायक निधि से 20, एसडीआरएफ से पांच ऑक्सीजन प्लांट जल्द स्वीकृत होने की उम्मीद है.

इन 10 अस्पतालों में भी लगे रहे आक्सीजन प्लांट

प्रदेश के 10 अस्पतालों में लखनऊ के अवन्तीबाई, महिला चिकित्सालय और आरएसएम हास्पिटल-साढ़ामऊ, गौतमबुद्धनगर के 300 बेडेड कोविड हास्पिटल, कानपुरनगर के मान्यवर कांशीराम ट्रामा सेंटर, अमेठी के डीसीएच गौरीगंज, बिजनौर, देवरिया और इटावा के जिला चिकित्सालय, मथुरा के कम्बाइंड हास्पिटल वृन्दावन और पीलीभीत के जिला चिकित्सालय में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है.

उत्तर प्रदेश में गांव और वार्ड स्तर पर कोरोना को निगरानी से बदले हालत

लखनऊ . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर प्रभावी बनाए रखने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अत्यन्त सफल सिद्ध हो रही है. प्रदेश में कोविड संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आ रही है. रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है. इसके दृष्टिगत कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के प्रयासों को पूरी प्रतिबद्धता से जारी रखा जाये.

मुख्यमंत्री वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे. बैठक में मुख्यमंत्री जी को बातया गया कि विगत 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 7,735 केस आए हैं. इसी अवधि में 17,668 संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार करके  डिस्चार्ज किया गया है. प्रदेश में 30 अप्रैल, 2021 को संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक 3,10,783 मामले थे.

वर्तमान में संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 1,06,276 हो गयी है. इस प्रकार विगत 30 अप्रैल के सापेक्ष एक्टिव मामलों की संख्या में 2,04,507 की कमी आयी है.

मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है. वर्तमान में यह दर 92.5 प्रतिशत है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर लगातार कम हो रही है. प्रदेश में पिछले 24 घण्टों में 2,89,810 कोविड टेस्ट किए गए हैं. इनमें 1,32,226 कोरोना टेस्ट आर0टी0पी0सी0आर0 विधि से किये गये हैं.

ब्लैक फंगस से निपटने की तैयारी

प्रदेश में अब तक 4 करोड़, 61 लाख, 12 हजार 448 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा ब्लैक फंगस के उपचार के सम्बन्ध में दिये गए सुझावों एवं निर्देशों का यथाशीघ्र क्रियान्वयन किया जाए. महामारी अधिनियम-1897 के अन्तर्गत ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित किया जाए. प्रदेश में इस रोग से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार के सभी प्रबन्ध सुनिश्चित किये जाएं.

ब्लैक फंगस के संक्रमण से प्रभावित सभी मरीजों को दवा तत्काल उपलब्ध कराई जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों में ब्लैक फंगस की दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे. निजी अस्पतालों में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों को भी दवा उपलब्ध कराई जाए. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस संक्रमण की दवा की कालाबाजारी न होने पाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए संचालित वृहद जांच अभियान के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं.

गांव स्तर पर हो अच्छी देखभाल

प्रदेश में संक्रमण दर निरन्तर कम हो रही है. इसे और गति प्रदान करने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर जागरूकता सृजित की जाए. इसके अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ तथा शहरी क्षेत्रों में ‘मेरा वाॅर्ड, कोरोना मुक्त वाॅर्ड’ अभियान संचालित किया जाए. अभियान का संचालन व्यापक जनसहभागिता से किया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि कोविड बेड की संख्या में निरन्तर वृद्धि की जाए. आवश्यक मानव संसाधन की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी की जाए, इसके लिए भर्ती की कार्यवाही तेजी से सम्पन्न की जाए. मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि कोविड-19 के उपचार की व्यवस्था को प्रभावी बनाए रखने के लिए उनके निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की जा रही है. कोविड बेड की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है. विगत दिवस प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में 197 बेड की वृद्धि हुई है. इसमें आइसोलेशन बेड के अलावा आई0सी0यू0 बेड भी शामिल हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर को सुदृढ़ बनाकर प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखा जाए. इन केन्द्रों के मेडिकल उपकरणों के रख-रखाव, आवश्यक मानव संसाधन, पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू बनाया जाए. स्वास्थ्य केन्द्रों की साफ-सफाई तथा रंगाई-पुताई कराई जाए. जनपदवार सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर में उपलब्ध मेडिकल उपकरणों तथा तैनात चिकित्सकों तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सूची संकलित कर उपलब्ध कराई जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों में उपलब्ध समस्त वेंटिलेटर कार्यशील अवस्था में रहे. खराब वेंटिलेटर की तुरन्त मरम्मत कराई जाए. प्रत्येक जनपद के अस्पतालों तथा मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध कुल वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स तथा डायलिसिस यूनिट की संख्या तथा उनकी क्रियाशीलता के सम्बन्ध में विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने कहा कि आयुष विभाग द्वारा संचालित हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर को सक्रिय किया जाए. आयुष विभाग द्वारा प्राणायाम के अभ्यास के सम्बन्ध में व्यापक जानकारी दी जाए, इसका प्रचार प्रसार भी कराया जाए.

अस्पताल रहे तैयार

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों एवं राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) स्थापित किये जाने हैं. इस सम्बन्ध में की गई कार्रवाई की जानकारी प्राप्त करते हुए उन्होंने कहा कि पीकू की स्थापना की कार्यवाही को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाया जाए. प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाए. उन्होंने कहा कि पीकू के संचालन के लिए पीडियाट्रिशियन्स, टेक्नीशियन्स तथा पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण का कार्य भी साथ-साथ कराया जाए.

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में राज्य में 753 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है. विगत कुछ दिनों में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या में कमी आने से ऑक्सीजन की मांग में भी तेजी से कमी आई है. अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों तथा रीफिलर्स के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन बैकअप उपलब्ध है. होम आइसोलेशन के मरीजों में भी ऑक्सीजन की डिमाण्ड में कमी आयी है. मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि राज्य में ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की कार्यवाही को त्वरित गति से आगे बढ़ाया जाए.

कोविड वैक्सीन का रखे ध्यान

मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि कोविड वैक्सीनेशन की कार्यवाही निर्बाध और सुचारु ढंग से संचालित की जाए. जीरो वेस्टेज को ध्यान में रखकर टीकाकरण कार्य किया जाए. वैक्सीनेशन कार्य को व्यापक स्तर पर संचालित किए जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि आगामी 06 माह में लक्षित आयु वर्ग के सभी प्रदेशवासियों के वैक्सीनेशन के लक्ष्य के साथ योजनाबद्ध ढंग से तैयारी की जाए. ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीनेशन कार्य को त्वरित और प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए कॉमन सर्विस सेण्टर (सी0एस0सी0) को सक्रिय कर वैक्सीनेशन हेतु रजिस्ट्रेशन में उपयोग किया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की कार्यवाही सुचारु ढंग से जारी रखी जाए. ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर तथा घनी आबादी के क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फाॅगिंग का विशेष अभियान संचालित किया जाए. इसी प्रकार सभी नगर निकायों में भी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर पर स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग का कार्य कराया जाए. जलजमाव को रोकने के लिए नाले व नालियों की सफाई करा ली जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू का प्रभावी ढंग से पालन कराया जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि घर से बाहर निकलने वाले लोग मास्क का इस्तेमाल और दो-गज की दूरी का पालन करें. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी गेहूं क्रय केन्द्र कार्यशील रहे.

एमएसपी के तहत हो खरीददारी

एम0एस0पी0 के तहत गेहूं खरीद तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न का वितरण कोविड प्रोटोकाॅल के पूर्ण पालन के साथ सुचारु ढंग से किया जाए. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद बनाकर उन्हें खाद्यान्न वितरण के समय राशन की दुकानों का भ्रमण करने के लिए आमंत्रित किया जाए. डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था सुदृढ़ रखी जाए, जिससे आम जनता को असुविधा न हो.

कोरोना संक्रमण से बचाव में बच्चों के लिये ‘रक्षा कवच’ बनेगा ‘पीआईसीयू’

लखनऊ . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के बच्चों को कोविड के प्रकोप से बचाने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार कर अधिकारियों को कार्य करने के निर्देश दिए हैं. जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. प्रदेश में युद्धस्तर पर आईसीयू की तर्ज पर बच्चों के उपचार की व्यवस्था की जा रही है. प्रदेश के सभी जिलों में विशेष स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस पीडियाट्रिक वार्ड पीकू तैयार किया जा रहा है. जहां बच्चों को  एक जगह पर सभी तरह का इलाज मिलेगा.

लखनऊ समेत सभी महानगरों के अस्पतालों में बच्चों को बीमारी से बचाने के लिये आधुनिक संसाधनों से युक्त पीडियाट्रिक बेड ‘रक्षा कवच’ तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद विशेषज्ञों और डॉक्टरों से बातचीत करने में जुटे हैं. कोरोना की दूसरी वेव से लड़ाई लड़ने के दौरान उन्होंने भविष्य की संभावित आंशका को देखते हुए तत्काल सभी शहरों में 50 से 100 बेड के पीडियाट्रिक बेड (पीआईसीयू) बनाने के निर्देश दिये हैं.

यह बेड विशेषकर एक महीने से ऊपर के बच्चों के लिए होंगे. इनका साइज छोटा होगा और साइडों में रेलिंग लगी होगी. गंभीर संक्रमित बच्चों को इसी पर इलाज और ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

प्रतापगढ़, प्रयागराज, जालौन व कौशांबी में  पीडियाट्रिक वार्ड किए जा रहे तैयार

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ विशेष गुप्ता ने बताया कि प्रतापगढ़, प्रयागराज, जालौन कौशांबी में एक हफ्ते के भीतर ही पीकू बनकर तैयार हों जाएंगे. जिसमें प्रयागराज में 25, प्रतापगढ़ में 30,जालौन में 10 और कौशांबी में 20 बेड वाले पीडियाट्रिक वार्ड तैयार किए जा रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि झांसी, अमेठी, मथुरा, मुरादाबाद, अयोध्या, गोरखपुर, मेरठ, चित्रकूट, लखनऊ, आजमगढ़ में तेजी से कार्य चल रहा है.

डॉक्टरों ने कहा कि बच्चों के लिये वरदान साबित होंगे पीडियाट्रिक बेड

लखनऊ में डफरिन अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान खान ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से तत्काल सभी बड़े शहरों में 50 से 100 पीडियाट्रिक बेड बनाने के निर्णय को बच्चों के इलाज में कारगर बताया है. उन्होंने बताया कि एक महीने से ऊपर के बच्चों के लिये पीआईसीयू (पेडरिएटिक इनटेन्सिव केयर यूनिट), एक महीने के नीचे के बच्चों के उपचार के लिये एनआईसीयू (नियोनेटल इनटेन्सिव केयर यूनिट) और महिला अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों के लिये एसएनसीयू (ए सिक न्यूबार्न केयर यूनिट) बेड होते हैं. जिनमें बच्चों को तत्काल इलाज देने की सभी सुविधाएं होती हैं.

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