आखिर नाइट सैक्स से बहतर कैसे है Morning Sex

प्यार करने वालों को कहां पता होता है कि प्यार करने का भी कोई वक्त होता है, उन्हें तो बस प्यार करने से मतलब होता है. आजकल के कपल्स सैक्स को सिर्फ एक प्रोसेस न समझ कर सैक्स को अच्छे से ऐंजौय और पूरी फील के साथ करने में विश्वास रखते हैं और इस के लिए कुछ कपल्स तो पूरी रिसर्च करते हैं कि सैक्स को किस तरफ से ऐंजौय किया जा सकता है.

मौर्निंग सैक्स के हैं बहुत फायदे

कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि सैक्स का वक्त सिर्फ रात का होता है और सोने से पहले सैक्स करना चाहिए पर यह बात पूरी तरह से गलत है. सैक्स को सुबह भी ऐंजौय कर सकते हैं.

पूरे दिन के थके हुए हम जब औफिस या अपने काम से घर आते हैं और खाना खाने के बाद सैक्स करने लगते हैं तो हमारी बौडी में पूरी तरह से ऐनर्जी नहीं रहती कि हम अपने पूरे पोटेंशियल से सैक्स कर पाएं.

तो ज्यादा देर तक कर पाएंगे सैक्स

ऐसे में अगर हम मौर्निंग में उठ कर सैक्स करते हैं तो हमारी बौडी पूरी तरह से चार्ज्ड होती है और हम अपनी पूरी ऐनर्जी के साथ सैक्स कर पाते हैं. रात के अकौर्डिंग सुबह हम देर तक सैक्स कर पाते हैं जिस से कि हमारी सैक्स लाइफ और भी ज्यादा मजेदार बन जाती है.

मौर्निंग सैक्स हमारी बौडी के लिए एक तरह से वर्कआउट का भी काम करता है क्योंकि सैक्स करते समय हम काफी ऐनर्जैटिक होते हैं तो ऐसे में हमारी बौडी का एक अच्छा वर्कआउट भी हो जाता है.

जवान रहने के लिए

नाइट सैक्स की तुलना में मौर्निंग सैक्स एक अच्छा स्ट्रैस रिलीवर माना गया है यानि कि सुबह सैक्स करने से हमारे दिमाग का स्ट्रैस गायब हो जाता है और पूरा दिन खुशहाल रहता है. और तो और मौर्निंग सैक्स हमें ज्यादा समय तक जवान रखता है.

स्टडीज बताती हैं कि मौर्निंग सैक्स हमें जवान दिखने में मदद करता है और इस से हमारा इम्यून सिस्टम भी बूस्ट होता है.

बिस्तर छोड़ने से पहले पत्नी को लें बांहों में

अगर आप ने अभी तक मौर्निंग सैक्स ट्राई नहीं किया है तो आप बहुत कुछ मिस कर रहे हैं. आप को मौर्निंग सैक्स जरूर ट्राई करना चाहिए और सुबर बिस्तर से उठने से पहले अपनी पत्नी को अपनी बांहों में भर लेना चाहिए जिस से कि आप दोनों सैक्स का एक अलग ही आनंद ले पाएं.

Masturbation : किशोरों में Porn Videos और मस्‍टरबेशन की लत

Masturbation :  आज के समय में हर उम्र के लोगों के हाथ में स्मार्टफोन है. वे जब चाहें कुछ भी सर्च कर सकते हैं. आजकल इंटरनैट पर सबकुछ उपलब्ध है और ऐसे में बङों की तो छोङिए, छोटे बच्चे और टीनएजर्स (teenagers) भी वे सब देखने लग जाते हैं जो उन को नहीं देखना चाहिए.

बढ़ती उम्र के बच्चों में कई सारे हारमोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में वे इंटरनैट पर पौर्न वीडियोज सर्च कर देखने लगते हैं. न सिर्फ पौर्न वीडियोज बल्कि पौर्न वीडियोज (Porn videos) देख कर मास्टरबेट यानि हस्तमैथुन (masturbation) भी करने लगते हैं। इस से उन का किसी और चीज में मन नहीं लगता.

आने लगते हैं गलत विचार

जिस उम्र में बच्चों को सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए उस उम्र में बच्चे खुद को अकेला पा कर पौर्न वीडियोज देखने लग जाते हैं. यों मास्टरबेट करना कोई गलत बात नहीं है बल्कि कई मामलों में इस कार्य को हैल्दी भी माना गया है पर जब कोई चीज हद से ज्यादा हो जाए तो नुकसानदायक भी साबित हो सकती है.

अधिक मास्टरबेट करने से बच्चों के मन में बहुत जल्दी गलत विचार आने लगते हैं और फिर वे लड़कियों को देख उन के साथ वही सब करने का सोचने लगते हैं जो उन्होंने पौर्न वीडियोज में देखा होता है.

बच्चों के दें सैक्स ऐजुकेशन

पेरैंट्स को इस बात की जानकारी जरूर होनी चाहिए कि उन का बच्चा अपने फोन में क्या क्या चीजें सर्च करता है या किस तरह की चीजें देखता है. भारतीय पेरैंट्स अपने बच्चों से खुल कर बात नहीं कर पाते जोकि काफी गलत है. उन्हें शुरुआत से ही बच्चों को सही और गलत के बारे में बताना चाहिए और खासतौर पर जब बच्चे अपनी टीनऐज में आ जाएं तब उन्हें सैक्स संबंधित जानकारी भी देनी चाहिए।

जानें अपने बच्चों के विचार

वैसे तो हस्तमैथुन (masturbation) की लत के बारे में हमारा दिमाग हमें खुद ही सावधान कर देता है क्योंकि अधिक हस्तमैथुन शरीर में कई सारे बदलाव लाता है. जल्दी थक जाना, सारा वक्त कमजोरी महसूस करना और किसी और चीज में ध्यान न लग पाना इस बात का संकेत देते हैं कि अधिक हस्तमैथुन नहीं करना चाहिए.

टीनऐज में पेरैंट्स को इस बात का खास खयाल रखना चाहिए कि उन के बच्चे का ध्यान पढ़ाई में लग भी पा रहा है या नहीं और पेरैंट्स को अकसर बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए जिस से कि वे जान सकें कि उन के बच्चों के मन में किस तरह के विचार आते हैं.

कुदरती प्रकिया है Masturbation

बच्चों को डराना या डांटना बिलकुल नहीं चाहिए क्योंकि यह सब चीजें इस उम्र में काफी सामान्य और कुदरती हैं. बच्चों को इन्हीं सब बातों के बारे में समझाना चाहिए कि उन के लिए इस समय क्या जरूरी है और क्या नहीं.

याद रखें, हस्तमैथुन एक सामान्य क्रिया जरूर है मगर हद से अधिक करना मानसिक बीमारियों की वजह भी बन जाता है.

अच्छा यही होगा कि teenagers को सैक्स ऐजुकेशन के बारे में बताएं ताकि उन का ध्यान सैक्स से अधिक पढ़ाई पर हो. एक उम्र के बाद ही सैक्स लाइफ जीना उचित रहता है और उस समय तो कतई नहीं जब वक्त कैरियर बनाने की हो.

मेरी एक बेवकूफी की वजह से मैंने अपने बौयफ्रेंड को खो दिया, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं एक लड़के से प्यार करती हूं. वह भी मुझ से प्यार करता था पर मेरी एक बेवकूफी की वजह से उस ने मुझ से दूरी बना ली. अब न तो वह मेरा फोन उठाता है और न ही मुझ से मिलता है. दरअसल कुछ  समय पहले मेरे फोन पर एक अनजान नंबर से कौल आई. मैं ने फोन नहीं उठाया तो मैसेज आने लगे. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कौन मेरा नंबर और मेरा नाम भी जानता है. कई दिनों तक मैं ने कोई जवाब नहीं दिया. वह बहुत ही अच्छे मैसेज भेजता रहा. कुछ समय बाद मैं ने जवाब देना शुरू कर दिया. बाद में मुझे पता चला कि वह मेरे बौयफ्रैंड का कोई दोस्त था. उस ने मेरे सारे मैसेज उसे दिखा दिए. तब से ही उस ने मुझे से दूरी बना ली. अब तो वह मेरा फोन भी नहीं उठाता. मैं ने उसे माफी भी मांग ली पर वह मानता ही नहीं. मुझे समझ में नहीं आ रहा कि अब मैं क्या करूं?

जवाब
आजकल किसी का भी नाम और फोन नंबर पता करना मुश्किल नहीं है. आप को अनजान नंबर पर जवाब नहीं देना चाहिए था. आप ने नासमझी में जो किया वह आप के बौयफ्रैंड को नागवार गुजरा. उस की जगह कोई भी होता तो यही करता.

आप अपने बौयफ्रैंड का विश्वास तोड़ चुकी हैं और जब एक बार किसी रिश्ते में गांठ पड़ जाए तो उस रिश्ते का दोबारा पटरी पर आना मुश्किल हो जाता है. बेहतर होगा कि आप उसे भूल जाएं और जिंदगी में आगे बढ़ें.

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इन वजहों से देते हैं आप एक-दूसरे को धोखा?

अमेरिकी लेखिका पेगी वौगैन अपनी किताब दि मोनोगैमी मिथ में अनुमान लगाती हैं कि तकरीबन 60 प्रतिशत पुरुष और 40 प्रतिशत महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन के दौरान कभी-न-कभी अपने साथी को धोखा देते हैं. और अक्सर इसका कारण सेक्स नहीं होता.

बेवफाई रिश्तों में कुछ समय से चली आ रही समस्या का लक्षण है; ऐसे प्रेम-संबंधों की शुरुआत बेवजह या फिर इसलिए नहीं होती कोई व्यक्ति ‘बुरा इंसान’ है. लोग रिश्ते में किसी कमी के चलते बेवफाई करते हैं – स्नेह की कमी, ध्यान की कमी, सेक्स या आदर की कमी या फिर भावनात्मक जुड़ाव की कमी. अत: यदि अब आप कभी किसी को बेवफाई करते पाएं तो ये न सोचें कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि हम वे कारण बता रहे हैं.

वे सुरक्षित नहीं महसूस करते: यदि आप लगातार किसी बात को लेकर असुरक्षित महसूस करते हैं तो समझिए कि आपका रिश्ता टूटने की कगार पर है. वफादारी के पनपने के लिए जरूरी है कि पति-पत्नी के बीच प्यार और भरोसे का सतत प्रवाह बना रहे. ‘‘वैवाहिक रिश्तों में इन भावनाओं का होना अनमोल है और बहुत जरूरी भी. इससे सुनिश्चित होता है कि पति-पत्नी खुश और संतुष्ट हैं,’’ यह कहना है कोलकाता के साइकियाट्रिस्ट व रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ सिलादित्य रे का.

उनके पास बातचीत के लिए कुछ नहीं है: जब मेरे पति की और मेरी मुलाक़ात हुई थी, तब हम दोनों हौस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में काम करते थे,’’ यह बताते हुए रिलेशनशिप एग्जेक्यूटिव प्रिया नायर, 29, कहती हैं,‘‘कुछ समय बाद मैंने वह इंडस्ट्री छोड़ दी और जनसंपर्क के क्षेत्र में आ गई. सालभर बाद तो हमारे पास एक-दूसरे से जुड़ने और बातचीत के लिए कोई साझा मुद्दा ही नहीं बचा था. थोड़े समय बाद हम दोनों को कुछ ऐसी गतिविधियों की जरूरत महसूस होने लगी, जिनका आनंद हम साथ-साथ उठा सकें. फिर हमने दौड़ने की अपनी रुचि पर ध्यान देना शुरू किया. हम एक-दूसरे को प्रोत्साहित करते, साथ-साथ मैराथन की तैयारी करते और इस बारे में चर्चा करते. इससे हमारी सेहत में भी सुधार आया और परस्पर रिश्ते में भी.’’

वे नाराज हैं, पर इसे छुपा रहे हैं: यदि आपके बीच लड़ाई के दौरान अक्सर वे आपको ‘इमोशनल’ और आप उन्हें ‘संवेदनहीन’ कहती हैं तो साफ है कि आप दोनों एक-दूसरे की बात नहीं सुन रहे हैं. ऐसी टिप्पणियों से बचें और आरोप लगाने के बजाय एक-दूसरे से अपने एहसासात बांटें.

डॉ रे सलाह देते हैं,‘‘यदि उनकी किसी बात से आप आहत हो रही हैं तो उन्हें बताएं, पर इसका तरीका सही रखें. नकारात्मक भावनात्मक आवेग को बाहर निकालने का सेहतमंद रास्ता ढूंढ़ें. ये आपके वैवाहिक जीवन के लिए आवश्यक है.’’

उनके संकेतों को नजरअंदाज़ किया जा रहा है: हर रिश्ते की कुछ सीमाएं होती हैं, जिनका सम्मान करना आप दोनों के लिए ज़रूरी है. आपको शायद ये अच्छा नहीं लगता हो कि आपके पति अब भी अपनी पूर्व-प्रेमिका से बातचीत करते हैं, पर वे इस बारे में आपको अक्सर संकेत देते रहते हैं.

डॉ रे कहते हैं कि इस तरह की सांकेतिक सीमाओं को समझना चाहिए और इनका आदर भी करना चाहिए. यदि आप इन अनकहे नियमों को तोड़ते हैं तो आपका साथी अपनी वफादारी को संदेह की दृष्टि से देखना शुरू कर सकता है और बेवफाई की संभावना बढ़ जाती है.

अपने व्यवहार में खुलापन लाइए. यदि आपको कोई आकर्षक लगता है तो इस बारे में बात कीजिए, क्योंकि यदि आप छिपाएंगी तो आपके इरादों को नेक नहीं कहा जा सकता.

उन्हें सेक्स की जरूरत है: ‘‘यदि आपके सेक्शुअल संबंध सेहतमंद नहीं है तो जाहिर है, आपका साथी यह सुख कहीं और से पाने का प्रयास करेगा,’’ कहना है डा. रे का. अपने सेक्स जीवन पर ध्यान दीजिए और यदि ये आपके, आपके साथी के या फिर आप दोनों के लिए संतुष्टिदायक नहीं है तो इस समस्या का समाधान ढूंढि़ए. इस मामले में मूक दर्शक मत बनिए, बल्कि किसी काउंसलर की मदद लीजिए.

हमारा रिलेशनशिप कभी अच्छे से चला ही नहीं, मैं फिजिकली नहीं इमोशनली अटैच्ड होना चाहती हूं, क्या करूं?

सवाल…

मैं 21 साल की एक मिडिल क्लास फैमिली की लड़की हूं. मैं 3 साल से अपने बौयफ्रैंड के साथ रिलेशनशिप में हूं. पर हमारा रिलेशनशिप कभी अच्छे से चला ही नहीं. हम थोड़ा भी शारीरिक संबंध बनाते तो उस के 10 दिनों तक तो सब ठीक रहता है पर उस के बाद लड़ाइयां शुरू हो जातीं. वह कई दिन तक मेरे मैसेज का रिप्लाई तक नहीं करता, महीनों तक मिलता नहीं और जब भी मिलने की बात करता है तो सैक्स के लिए उतावला होता है. मैं फिजिकली नहीं, इमोशनली अटैच्ड होना चाहती हूं. मैं क्या करूं?

जवाब…

आप की बातों से साफ जाहिर है कि आप का बौयफ्रैंड आप के साथ केवल शारीरिक संबंध बनाना चाहता है. यह प्रेम नहीं है. प्रेम तो एक-दूसरे का ख्याल रखने, बातें करने और एक-दूसरे को समझने को कहते हैं. आप अपने बौयफ्रैंड से प्रेम करती हैं लेकिन वह आप को डिजर्व नहीं करता. वह केवल आप की खूबसूरती और अपने आनंद के लिए आप के साथ है. इस रिश्ते को जल्द से जल्द खत्म कर देना ही सही है.

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सवाल…

मैं 12वीं में पढ़ती हूं. हमारे घर में ऊपर की मंजिल पर एक पति-पत्नी रहते हैं जो आए दिन झगड़ते रहते हैं. उन के चीखने-चिल्लाने की आवाजें इतनी तेज होती हैं कि मैं पढ़ना तो दूर सहम जाती हूं. माता-पिता से बात करती हूं तो वे किराए की दुहाई दे कर मुझे चुप रहने के लिए कहते हैं. इस से  मेरा पढ़ाई में मन नहीं लगता है. मैं क्या करूं?

जवाब…

आप अपने माता-पिता को समझाएं कि किराए से ज्यादा अहम आप की पढ़ाई व कैरियर है. अगर आप लोग किराएदार हैं तो मकान बदल लें और खुद मकान मालिक?हैं तो दूसरा किराएदार रख लें. अगर कलह के चलते आप का रिजल्ट बिगड़ा तो उस की जिम्मेदारी  लेने कोई आगे नहीं आएगा. वैसे भी कलह के दूसरे भी नुकसान होते हैं, इसलिए झगड़ालू पड़ोसियों से दूर चले जाना ही बेहतर है?.

बेहद जरूरी है सैक्सुअल हाइजीन, जानें कैसे

स्वस्थ जीवन जीने के लिए जितना जरूरी बेसिक हाइजीन है उतना ही जरूरी सेक्सुअल हाइजीन है. आज भी हमारे देश में प्राइवेट पार्ट के हैल्थ और सेक्सुअल हाइजीन के बारे में उतनी गंभीरता से बातें नहीं बताई जाती, जितनी की बेसिक हाइजीन के बारे में, पर क्या आपको पता है सैक्सुअल हाइजीन को इग्नोर करने से कई तरह के गंभीर इंफैक्शन और सैक्सुअल प्रौब्लम हो सकती है. सैक्सुअल प्रौब्लम क्यों होती है और इसे रोकने के उपाय क्या हैं इस बारे में बता रही हैं कोलंबिया एशिया हौस्पिटल, गुड़गांव की कंसलटेंट औब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलौजिस्ट डाक्टर रितु सेठी.

क्यों होता है इंफैक्शन

एक सर्वे के अनुसार लगभग 93% शादीशुदा महिलाएं सेक्सुअल हाइजीन का खयाल नहीं रखती, दिल्ली, मुंबई और बैंगलुरू जैसे बड़े शहरों में एक सर्वे के मुताबिक 45% महिलाएं सामान्य वैजाइनल प्रौब्लम से ग्रसित हैं. लेकिन वे इसे चुपचाप सहती हैं. इस विषाय को किसी से शेयर नहीं करतीं, क्योंकि वे इंटिमेट हाइजीन को इतना महत्त्वपूर्ण ही नहीं समझती. दरअसल महिलाओं को इस बात का एहसास व समझ ही नहीं कि सेक्सुअल हाइजीन का सीधा संबंध सेक्सुअल इंफैक्शन से होता है और इस की कई वजह है.

सेक्सुअल इंफैक्शन की वजह महिलाओं में जागरूकता की कमी

महिलाओं में सैक्सुअल हाइजीन की जानकारी न होने की सब से बड़ी वजह हमारा सामाजिक ढांचा, जागरूकता व सर्तकता की कमी है. भारत में प्राइवेट पार्ट पर बात करने से लोग झिझकते हैं. यहां तक कि इस बारे में अपने डाक्टर्स से भी बात करने से कतराते हैं. सर्तकता और जागरूकता की कमी के चलते ही आज भी पढ़ीलिखी महिलाएं वैजाइनल हैल्थ व हाइजीन को अनदेखा कर रही है और कई गंभीर यौन रोग का शिकार हो रही हैं. जिस का परिणाम वैजाइना में गंध, खुजली और बैक्टीरियल इंफैक्शन आदि हो जाते हैं.

हाइजीन का ध्यान न देना

प्रकृति ने महिलाओं के वैजाइनल की संरचना कुछ ऐसे की है कि हाइजीन का ध्यान न रखने से वो इंफैक्शन के संपर्क में जल्दी आ जाती हैं जिस के कारण, यूरिन में जलन, फिजिकल रिलेशन बनाने के दौरान योनि में तेज जलन व दर्द, जैसी समस्याओं से हर महिला ग्रसित होती है.

वैजाइना और एनस का आसपास होना

महिलाओं में यूरिन इंफैक्शन की सब से बड़ी वजह उन के वैजाइना और (मलद्वार) एनस के बीच मामूली अंतर होना है अधिकांश महिलाओं में मलत्याग के बाद मल को साफ करने की प्रक्रिया बहुत गलत होती है, जिस से मल का टुकड़ा उन की योनि तक पहुंचना बेहद आसान हो जाता है और ऐसा अकसर होता है इसलिए मल के योनि तक पहुंचने का महिलाओं को पता ही नहीं चलता लेकिन इस के प्रभाव से वो इंफैक्शन का शिकार हो जाती हैं. लेकिन शायद ही महिलाएं इस के प्रति सचेत होती हैं. मल को साफ करने के लिए हाथ को आगे की तरफ न कर के पीछे की तरफ कर के मल की सफाई करें. वैजाइनल की क्लीनिंग का भी खास ध्यान रखें.

इनर वियर का साफ ना होना

महिलाएं अपनी पैंटी की साफसफाई की हमेशा से ही उपेक्षा करती हैं, जो यूरिन इंफैक्शन का कारण होती है. पैंटी का अंदरूनी हिस्सा, संक्रमित ल्यूकोरिया आदि के कारण संक्रमित हो जाता है जिस से पैंटी प्रदूषित रहती है. बाद में इसी पैंटी के जरिए योनि मार्ग से इंफैशन देखने में आता है.

पीरियड के समय सफाई न होना

खास कर पीरियड्स के दौरान अपनी पैंटी की साफसफाई का खास ध्यान न रखना, भी इंफैक्शन की वजह है, जिस से योनि से दुर्गंध युक्त पानी निकलना, प्रदर रोग, योनि व पेशाब में जलन खुजली एक बड़ी वजह हो जाती है.

सैक्सुअल हाइजीन को प्रभावित करने वाले कारक

महिलाओं में सेक्सुअल हाइजीन, हारमोनल परिवर्तन, पीरियड्स टाइम, बीमारी, प्रैगनैंसी, फिजिकल एक्टीविटीज और पैंटी पहनने के प्रकार से प्रभावित होती है. पीरियड्स के दौरान लंबे समय तक एक ही पैड का प्रयोग करने से इंफैक्शन और गंध हो जाती है.

सैक्स लाइफ को प्रभावित करते हारमोनल चेंजेज

महिलाओं में हारमोनल चेंजेज और खराब स्वास्थ्य के दौरान वैजाइनल डिसचार्ज होता है. जिस से योनि में गीलापन होता है और यही गीलापन ईचिंग का कारण होता है. इस के अलावा प्रैगनैंसी और डिलीवरी के दौरान वैजाइना की मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं जो सेक्सुअल हाइजीन को प्रभावित करती है.

महिलाओं में सेक्सुअल हाइजीन की कमी उन की सेक्स लाइफ को खत्म कर देती है.

हाइजीन पर ध्यान देने वाली खास बातें

महिलाओं में प्राइवेट हाइजीन के मूल मुद्दों को अकसर ही नजरअंदाज कर दिया जाता रहा पर हैल्दी रहने के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.

  1. सार्वजनिक शौचालयों के इस्तेमाल के समय हमेशा सचेत रहे हमेशा टौयलेट जाते समय फ्लश जरूर करें.
  2. पैंटी की सफाई किसी अच्छे डिटरजैंट से करें ताकि वह अच्छी तरह से साफ हो जाए.
  3. पैंटी को हमेशा सीधी दिशा में धूप में ही सुखाएं ताकि उस का अंदरूनी हिस्सा धूल, मिट्टी आदि से प्रदूषित न हो सके.
  4. रोज पहनने वाली पैंटी पर आयरन जरूर चलाएं. आयरन की गरमी से बैक्टीरिया का पूरी तरह से अंत हो जाता है और पैंटी इंफैक्शन से मुक्त हो जाती है.
  5. पीरियड्स के दौरान अपने पैड्स को 6 घंटे के अंतराल पर बदलें इसी समय इंफैक्शन होने का ज्यादा डर होता है.
  6. हमेशा लाईट कलर की पैंटी का प्रयोग करें व्हाइट कलर की पैंटी बेस्ट है इस में थोड़ी भी गंदगी साफ पता चलती है.
  7. पैंटी को डिटर्जेंट से धोने के बाद एक बार डिटौल व ऐंटीसैप्टिक की कुछ बूंदें डाल कर पानी में जरूर साफ करें इस से पैंटी बैक्टीरिया मुक्त हो जाती है और आप को फंगल या ऐसे किसी अन्य संक्रमण से बचाती है.
  8. सिंथेटिक की बजाए कौटन की पैंटी का प्रयोग करें और अपनी पैंटी को हर 3 महीने में चेंज जरूर करें.
  9. एक्सरसाइज के बाद पसीने से भीगी पैंटी को तुरंत बदल लें नमी के कारण उस में बैक्टीरिया पनपने का खतरा बढ़ जाता है.
  10. वैजाइना को गुनगुने पानी से अच्छी तरह से साफ करें.
  11. किसी भी सूरत में टैलकम पाउडर का इस्तेमाल न करें विशेष तौर पर निजी अंगों पर क्योंकि इस से ओवेरियन कैंसर होने की रिपोर्ट्स सामने आ रही है.
  12. बहुत ज्यादा टाइट पैंटी न पहनें.
  13. अपनी पैंटी को अपने अन्य कपड़ों के साथ कभी न धोएं उसे अलग से साफ करें.

महिलाओं के आवश्यक टैस्ट

नियमित तौर पर स्वास्थ्य जांच कराना भी बहुत जरूरी है, जिस से जीवनशैली संबंधी बीमारियों की जांच कर उन की रोकथाम की जा सके और साथ ही पैप स्मीयर्स जैसे महत्त्वपूर्ण टेस्ट भी हो सके, जिन्हें यौन संबंधों के कारण होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए किया जाता है, क्योंकि लंबी अवधि में ये बीमारियां सर्वाइकल कैंसर की वजह भी बन सकती हैं. सेक्सुअल तौर पर बेहद सक्रिय महिलाओं को ये जांच अवश्य कराने की सलाह देनी चाहिए.

कम उम्र में ही महिलाओं की जांच जीवनशैली संबंधी बीमारियों के लिए भी हो जानी चाहिए जैसे डायबिटीज. क्योंकि इस का महिलाओं की फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ता है और अगर इस की जांच सही समय पर नहीं हो तो यह महिलाओं के जीवन को युवा उम्र में ही प्रभावित कर सकती है. ऐसी स्थितियों की वजह से लंबी अवधि में महिला और उस के साथी के यौन स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.

सैक्सुअल हैल्थ के लिए जरूरी है सेफ सैक्स

अक्सर शर्म और झिझक के चलते महिलाएं अपने मेल पार्टनर से सेफ सेक्स पर बात नहीं करती लेकिन आप की सेहत आप के हाथ है. सेक्स के दौरान अपने पार्टनर से कंडोम यूज करने को कहें जिस से कई तरह के गंभीर व जानलेवा यौन संक्रमणों से बचा जा सकता है.

सेक्सुअल हैल्थ के लिए बैलैंस्ड डाइट बहुत जरूरी है. ये इंफैक्शन से बचाता है. यदि वैजाइनल ड्रायनैस है तो सोया प्रोडक्ट्स का अधिक इस्तेमाल करें क्योंकि इस में एस्ट्रोजन का एक प्रकार पाया जाता है जो नेचुरल लूब्रिकेशन को बढ़ाता है इस के साथ एक्सरसाइज भी बहुत जरूरी है.

ये सभी बातें महिलाओं के सेक्सुअल जीवन को बहुत प्रभावित करती हैं क्योंकि बारबार फंगल इंफैक्शन होने से फिजिकल रिलेशन के दौरान अत्यधिक दर्द और सूखापन हो जाता है जिस से महिलाएं इंटरकोर्स करने से कतराने लगती हैं इसलिए अगर इस की मूल वजह को सुधार दिया जाए और लड़कियों को युवा उम्र से ही अपनी साफसफाई रखने की बात सिखाई जाए तो इस से बेहद तेजी से बढ़ते यौन बीमारियों के मामले नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. मूल मुद्दों की जानकारी के अभाव के कारण ही अकसर लड़कियों में यूरिनरी ट्रैक्ट (मूत्रमार्ग) के इंफैक्शन हो जाते हैं और जेनिरी-यूरिनरी सिस्टम में भी फंगल इंफैक्शन हो जाता है. इसलिए जितनी जल्दी हो इस का खास ध्यान रखें.

इन Sex Problems की वजह से टूट जाती है शादी

सैक्स एक ऐसा शब्द है जिसे सुन कर हम सबके मन में एक अलग सी खुशी की लहर दौड़ने लगती है और दिल खुशनुमा सा होने लगता है. हम सब सैक्स को एंजौय करते हैं और हम सबको लगता है कि सैक्स ऐसा होना चाहिए कि कुछ देर के लिए तो बस ऐसी फीलिंग आए कि हम जन्नत में पहुंच गए हैं. हर इंसान अपनी लाइफ में बहुत बार सोचता है कि वे अपने सैक्स लाइफ को किस तरह से और भी ज्यादा इम्प्रूव कर सकता है.

ऐसा कई बार देखा गया है कि हम सब सैक्स तो करते हैं लेकिन सैक्स को लेकर हमारे मन में कई तरह के विचार आते रहते हैं जैसे कि –
– मैं सैक्स सही से तो कर रहा या कर रही हूं न ?
– मेरा पार्टनर मेरे साथ खुश तो है या नहीं ?
– मैं अपने पार्टनर को अच्छे से सैटिस्फाई कर पा रहा या कर पा रही हूं नहीं ?
– कहीं मेरे अंदर कोई कमी तो नहीं है न ?

ऐसे कई सारे विचार हमारे दिमाग में आए दिन आते हैं जिससे कि हमे डर लगा रहता है कि हमारे सैक्सुअल प्रौब्लम की वजह से हमारा पार्टनर हमें छोड़ तो नहीं देगा. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कुछ ऐसी सैक्सुअल प्रौब्लम्स और उनके सौल्यूशन्स के बारे में जिससे कि आप अपनी शादी या रिलेशनशिप को टूटने से बचा सकते हैं.

सैक्स टाइमिंग्स

सैक्स टाइमिंग्स को लेकर हमारे मन में कई सारे विचार आते हैं. हर पुरूष को ऐसा लगता है कि उसकी पत्नी या गर्लफ्रेंड चाहती है कि वह लम्बे समय तक सैक्स करते रहें जिससे कि वह सैटिस्फाई हो पाए पर यह गलत है. सैक्स चाहे लम्बे समय तक हो या ना हो पर सैक्स ऐसा होना चाहिए जो आपको और आपके पार्टनर को जन्नत की सैर करा दे. आपको अपने पार्टनर को सिर्फ सैक्स में ही नहीं बल्कि सैक्स से पहले भी सैटिस्फाई करना चाहिए जैसे कि ओरल सैक्स कर के, अपने पार्टनर के नाजुक अंगों को छेड़ कर और अपने पार्टनर की पूरी बौडी पर जमकर किस कर के. ऐसा करने से आपका पार्टनर सैक्स से पहले ही खुद को काफी हद तक सैटिस्फाई फील करेगा.

अगर फिर भी आप को या आप  के पार्टनर लगता है कि आप की सैक्स ड्यूरेशन बहुत ही कम है तो आप को कभी भी खुद से कोई दवाई या स्प्रे जैसा कुछ नहीं लेना चाहिए बल्कि एक अच्छे सैक्स स्पैशलिस्ट से मिलना चाहिए और उससे यह सब डिस्कस करना चाहिए.

लिंग का साइज

विदेशी पोर्न वीडियोज ने हमारे मन एक बात डाल दी है कि लिंग काफी लंबा होगा तभी लड़कियां सैटिस्फाई हो पाएंगी और इसी कारण कई लड़के इंटरनेट से पढ़ कर लिंग लम्बा करने की दवाइयां लेने लग जाते हैं जिस के कई साइड इफैक्ट्स होते हैं. ऐसा करना और ऐसा सोचना काफी हद तक बिल्कुल गलत है. आपका पार्टनर आपके लिंग के साइज से नहीं बल्कि आपकी परफौर्मेंस से सैटिस्फाई होता है.

अगर आपके लिंग का साइज ज्यादा लम्बा नहीं है पर आपकी परफौर्मेंस काफी अच्छी है तो आपके पार्टनर को आप से कभी कोई शिकायत नहीं होगी. अगर फिर भी आप को और आप के पार्टनर को लगता है कि आप के लिंग का साइज काफी छोटा है और ठीक से परफौर्म नहीं कर पा रहा तब आपको जरूर सैक्स स्पैशलिस्ट डौक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

प्री मैच्योर इजैक्यूलेशन

समय से पहले ही अपना स्पर्म लूज़ कर देना या हल्का सा कुछ होते ही पहले ही क्लाइमैक्स तक पहुंच जाने को प्री मैच्योर इजैक्यूलेशन कहा जाता है. प्री मैच्योर इजैक्यूलेशन आजकल काफी कौमन प्रौब्लम है. कई पुरूषों की यही समस्या है कि वह सैक्स करते समय पूरी परफौर्मेंस नहीं दे पाते और समय से पहले से स्पर्म लूज़ कर देते हैं जिससे कि उनकी गर्लफ्रेंड या पत्नी सैटिस्फाई नहीं हो पाती. प्री मैच्योर इजैक्यूलेशन कई चीजों पर डिपैन्ड करता है.

अगर आपको भी ऐसा लगता है कि आप सैक्स के समय अपनी पूरी परफौर्मेंस नहीं दे पा रहे हैं तो आपको जल्द से जल्द किसी अच्छे डौक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

याद रहे, डौक्टर्स पर जाने से हमें कभी शर्माना नहीं चाहिए और ना ही उनसे कुछ छिपाना चाहिए. सैक्स प्रौब्लम्स डिस्कस करने से किसी की मर्दानगी नहीं घटती बल्कि अगर आपने डौक्टर्स से डिस्कस किए बिना कोई गलत दवाई ले ली तो अपको लेने के देने भी पड़ सकते हैं. बेहतर यही है कि अच्छे स्पैशलिस्ट से संपर्क करें, अकसर ऐसे स्पैशलिस्ट आप की प्रौब्लम को खुद तक ही सीमित रखते हैं. सोसाइटी अब बदल चुकी है ऐसे मामलों में बोलने से वह हिचकती नहीं है और न ही दूसरे का मजाक उड़ाती है.

मैं गर्भधारण नहीं कर पा रही, कही इसकी वजह ये तो नहीं?

सवाल
मैं 21 वर्षीय विवाहिता हूं. विवाह को 1 साल हो चुका है. अभी तक मुझे मातृत्व सुख नहीं प्राप्त हुआ है. सहवास में निवृत्त होने के बाद मैं तुरंत खड़ी हो जाती हूं. क्या इसीलिए मैं गर्भधारण नहीं कर पा रही? गर्भधारण करने के लिए मुझे क्या करना चाहिए? क्या मुझे किसी तरह की जांच करानी चाहिए?

जवाब
अभी आप की उम्र बहुत कम है और शादी में भी सिर्फ 1 वर्ष ही हुआ है, इसलिए मातृत्व को ले कर आप को अभी चिंतित होने की जरूरत नहीं है. अभी कुछ वर्ष आप वैवाहिक जीवन का आनंद लें. शारीरिक और मानसिक तौर पर जब आप मातृत्व वहन करने के योग्य हो जाएंगी तब इस विषय में सोचें. जहां तक सहवास के बाद खड़े हो जाने की बात है तो इस से गर्भधारण करने में कोई व्यवधान नहीं पड़ता.

सुहागरात पर मसाज का मजा लिया क्या?

अमूमन यह माना जाता है कि सुहागरात पर जिस्मानी रिश्ता तो हर कीमत पर बनना ही चाहिए. दूल्हे के दिमाग में तो यह भर दिया जाता है कि पहली रात को ही अपनी दुलहन को अपने जिस्म से मसल देना. बहुत सी लड़कियां भी सुहागरात पर ऐसा ही कुछ चाहती हैं कि उन का दूल्हा बादाम का दूध पीने के बाद उस की पूरी कीमत वसूले.

लेकिन एक बड़ा सच यह भी होता है कि अपनी शादी की रस्मों की थकावट के बाद दूल्हा और दुलहन इस कदर परेशान हो चुके होते हैं कि वे सुहारागत पर सेक्स से ज्यादा मसाज की चाहत रखते हैं. लिहाजा, जब दूल्हा-दुलहन अपने कमरे में बंद होते हैं तो वे एकदूसरे को मसाज दे कर शुरू होने वाले रिश्ते को नई गरमाहट दे सकते हैं.

उत्तर प्रदेश के एक नौजवान ने यही तरीका अपनाया था. उस की बरात बहुत दूर किसी ठेठ देहात में गई थी. शादी हुई और दुलहन चल पड़ी अपने ससुराल. हालांकि वह नौजवान कार से अपनी दुलहन को घर ला रहा था, पर रास्तेभर उस ने देखा कि उस की नई नवेली दुल्हन अपने भारी लहंगे और नींद की खुमारी में हद से ज्यादा परेशान थी.

ससुराल में भी रस्मों के नाम पर दुलहन की चकरघिन्नी बना दी गई. रात हुई तो उसे सुहाग सेज के लिए सजा दिया गया, पर असल में तो यह उस के लिए बहुत बड़ी सजा थी.

रात को जब पति कमरे में आया तो दुल्हन की सांसें ऊपर-नीचे होने लगीं, पर वह नौजवान बड़ा समझदार निकला. उस ने चंद बातें करने के बाद अपनी दुलहन को एक नाइटी गिफ्ट की और खुद भी कपड़े बदल कर बिस्तर पर एक तरफ लेट गया.

जब दुलहन नाइटी पहन कर कमरे में आई तो उस का हाथ पकड़ कर अपने पास लिटा लिया. थोड़ी देर में ही उस नौजवान के हाथ अपनी पत्नी के बदन से ऐसे खेलने लगे जैसे कोई मसाज करता है. पत्नी को थोड़ा आराम मिला तो पति ने लाइट बंद कर के उस की अपने मजबूत हाथों से इस तरह अच्छी मसाज की कि पत्नी उस के आगोश में ही सो गई. पत्नी की सारी थकावट जो उतर गई थी.

इस के बाद तो पत्नी की नींद सुबह 5 बजे ही टूटी. पति बगल में सो रहा था. पत्नी ने उसे प्यार से चूम लिया. पति की नींद खुल गई. उस ने दोबारा अपनी पत्नी को गले से लगा लिया.

पत्नी ने कहा, ‘‘अब मेरी बारी. आप भी तो बहुत थके हुए लग रहे हैं.’’

रात को पति से जो मसाज करने का गुर सीखा था, पत्नी ने वही अपनाया. कुछ देर बाद ही पति की नींद काफूर हो गई. अब तो वे दोनों पूरी तरह खुल चुके थे और बड़े तरोताजा लग रहे थे. पति ने इसी बात का फायदा उठाते हुए अपनी पत्नी को चूम लिया. इस के बाद उन दोनों के बीच वही हुआ जिस की सुहागरात पर उन से उम्मीद की जा रही थी और हुआ भी बड़े अच्छे तरीके से.

मेरा बौयफ्रेंड मुझ पर शादी का दबाव बना रहा है, क्या करूं?

सवाल 

मेरी उम्र 20 साल है. मैं एक लड़के से प्यार करती हूं. वह भी मुझ से बहुत प्यार करता है. वह मुझ से शादी करना चाहता है पर मैं चाहती हूं कि अभी कैरियर पर ध्यान दूं फिर शादी करूं. वह शादी के लिए बहुत दबाव बना रहा है और मेरे मना करने पर मुझ से बातचीत तक नहीं कर रहा. मैं क्या करूं?

जवाब 

आप बिलकुल सही हैं. आजकल लड़कियों को सब से पहले अपने कैरियर पर ही ध्यान देना चाहिए. इस के लिए आप अपने प्रेमी को समझाने की कोशिश कीजिए. अगर वह नहीं मानता है तो यह समय आप के पढ़ाईलिखाई के लिए यानी कैरियर बनाने के लिए है. बौयफ्रैंड से ज्यादा जरूरी आप का कैरियर है. अभी सिर्फ अपने कैरियर पर ही ध्यान दें तो ज्यादा बेहतर है.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz

सब्जेक्ट में लिखें-  सरस सलिल-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

अंग का आकार : क्या बड़ा है तो बेहतर है?

काफी समय पहले की बात है. करन जौहर अपने इंगलिश टेलीविजन शो ‘कौफी विद करन’ में अक्षय कुमार और उन की पत्नी ट्विंकल खन्ना से सवालजवाब कर रहे थे.

करन जौहर ने ट्विंकल खन्ना से पूछा कि अक्षय में ऐसा क्या है जो खान (शाहरुख, आमिर और सलमान वगैरह) में नहीं है?

इस पर ट्विंकल खन्ना ने तपाक से कहा, “कुछ इंच ज्यादा का फर्क है.”

यह सुन कर अक्षय शरमा से गए और करन अपने चिरपरिचित अंदाज में खीसें निपोरने लगे.

उस समय बाद में चाहे ट्विंकल खन्ना ने कहा कि वे अक्षय के पैरों (जूते) के साइज का जिक्र कर रही थीं, पर उन की इस डबल मीनिंग वाली बात ने दर्शकों को हैरान के साथसाथ हंसने पर भी मजबूर कर दिया था.

आम जिंदगी की बात करें तो जवानी फूटते ही लड़कों को यह बात ज्यादा हैरानपरेशान करती है कि क्या उन के अंग का साइज इतना है कि वे अपनी पत्नी या प्रेमिका को जिस्मानी तौर पर संतुष्ट कर पाएंगे?

कभीकभी तो अपने अंग के साइज को ले कर नौजवान इतने आतंकित हो जाते हैं कि सार्वजनिक शौचालयों में चिपके नीमहकीमों के अंग के फौलादी और लंबे होने के इश्तिहारों पर इतने मुग्ध हो जाते हैं कि बिना सोचेसमझे उन से अधकचरी जानकारी ले लेते हैं और अपना पैसा लुटवा देते हैं.

रमेश के साथ ऐसा ही हुआ. शादी से पहले उस के दोस्तों ने उसे एक ब्लू फिल्म दिखा दी. उस फिल्म के मर्द कलाकार का अंग बहुत बड़ा था और इस वजह से औरत कलाकार को खूब मजे आए थे.

चूंकि रमेश का अंग उतना बड़ा नहीं था तो वह तनाव में आ गया. सुहागरात पर उस के मन में डर बैठ गया कि वह अपनी पत्नी को बड़े अंग का सुख नहीं दे पाएगा और उस की शादी शुरुआत में ही नरक बन जाएगी.

इस का नतीजा यह हुआ कि रमेश सुहागरात पर पत्नी के नजदीक जाने से कतराने लगा. उस रात तो पत्नी ने ज्यादा कुछ नहीं सोचा, पर जब हर रात रमेश उस से दूर रहने लगा तो उस का माथा ठनका.

ज्यादा जोर देने पर रमेश ने इस समस्या की तरफ इशारा किया. पत्नी पढ़ीलिखी और बहुत समझदार थी तो उस ने रमेश का यह वहम दूर करने के लिए एक काबिल सैक्स डाक्टर का सहारा लिया.

जब डाक्टर को यह बात पता चली तो उस ने रमेश को समझाते हुए कहा, “रमेश, यह अकेले तुम्हारी ही समस्या नहीं है, बल्कि बहुत से लोग इस छोटी सी बात का बड़ा बना कर अपनी शादीशुदा जिंदगी को खराब कर लेते हैं.

“दुनिया में हर मर्द के अंग का साइज, उस का मोटापन अलगअलग हो सकता है. अमूमन यह सख्त होने पर औसतन 5 से 6 इंच का होता है. किसी का अंग इस से छोटा या बड़ा भी हो सकता है. वैसे, अगर किसी का सख्त अंग, अगर वह 2 इंच का भी हो तो, औरत को संतुष्ट करने के लिए काफी होता है.”

यह सुन कर रमेश के कान खड़े हुए और उस ने पूछा, “वह कैसे?”

इस पर डाक्टर ने बताया, “किसी औरत का उस के अंग का अगला डेढ़ से 2 इंच का हिस्सा ही संवेदनशील होता है, जहां मरदाना अंग की रगड़ से उसे मजा आता है. बात अंग के साइज की नहीं रगड़ की होती है कि वह आप ने कितनी बार किया है.”

“मतलब?” रमेश ने पूछा.

मतलब यह कि तुम अपनी पत्नी के साथ कितनी देर तक जिस्मानी रिश्ता बनाते हो, वह ज्यादा जरूरी है न कि तुम्हारा अंग कितना बड़ा है. इस में फोरप्ले और आफ्टरप्ले का रोल भी बड़ा अहम होता है.”

“फोरप्ले और आफ्टरप्ले क्या बला है?

रमेश के यह पूछने पर डाक्टर ने कहा, “जिस्मानी रिश्ता बनाने से पहले और बाद का प्यार. फोरप्ले में पत्नी के अंगों को चूमना, मसलना, उन्हें सहलाना, प्यार भरी बातें करना होता है, जिस से तुम्हारे अंग में पूरा तनाव आ जाएगा और पत्नी को जोश. बहुत सी औरतों को यह फोरप्ले इतना पसंद आता है कि वे इस में पति का भरपूर साथ देती हैं और रात को रंगीन बना देती हैं. इस से जिस्मानी रिश्ता भी काफी देर तक टिक पाता है.

“जब पतिपत्नी जिस्मानी रिश्ता बना कर संतुष्ट हो चुके होते हैं, तब बहुत से थकेहारे मर्द मुंह फेर कर सो जाते हैं और पत्नी बेचारी सिसकती रहती है. यहां पर आफ्टरप्ले काम आता है. इस में भी पतिपत्नी का एकदूसरे की बांहों में समाना, बालों को सहलाना, चूमना और नींद के आगोश में ले जाना शामिल होता है.

“जब यह सब पूरा होता है तो इस से पतिपत्नी का प्यार ज्यादा बढ़ जाता है और वे जिस्मानी रिश्ता बनाने का भरपूर मजा लेते हैं.”

“इस का मतलब मेरे अंग के साइज में कोई दिक्कत नहीं है?”

बिलकुल नही, बल्कि कभीकभार तो ज्यादा बड़े और मोटे साइज का अंग औरत को दर्द दे सकता है और जिस्मानी सुख को फीका कर सकता है.”

यह सुन कर रमेश को बड़ी राहत मिली. उस ने उसी रात अपनी सुहागरात मनाई और फोरप्ले और आफ्टरप्ले का भी ध्यान रखा. इस का बड़ा ही सुखद नतीजा रहा, पति और पत्नी दोनों के लिए.

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