वर्जिन गर्लफ्रैंड से सेक्स की अनूठी चाह

नेहा और सोहन की दोस्ती को अभी 2 महीने ही हुए थे कि सोहन उसे बातबात में टच करने की कोशिश करता. जब उसे यह बात पता चली कि नेहा वर्जिन है, तो वह उसे बहाने से एकांत में, होटल वगैरा में ले जा कर सैक्स करने को उत्तेजित करता. सोहन की यह बात नेहा को पसंद न आई औैर उस ने साफ कह दिया कि मेरे लिए सैक्स शादी के बाद ही उचित है. यह बात सुन सोहन भड़क उठा, क्योंकि उस के दोस्त भी उस का मजाक बनाते थे कि यार तू कैसा लड़का है जो अपनी गर्लफ्रैंड को इतने समय में भी सैक्स के लिए राजी नहीं कर पाया. ऐसे में उस ने बिना सोचेसमझे नेहा से ब्रेकअप कर लिया.

ऐसा सिर्फ नेहा औैर सोहन के साथ ही नहीं बल्कि अधिकांश युवकों के साथ होता है, क्योंकि उन के लिए प्यार के माने गर्लफ्रैंड से सैक्स है. ऐसे में जब आप को पता चले कि आप की गर्लफ्रैंड वर्जिन है तो उस पर जबरदस्ती वर्जिनिटी तोड़ने का दबाव न डालें औैर न ही खुद किसी दबाव में आएं बल्कि संयम बरतते हुए उसे वक्त दें ताकि वह तैयार हो जाए, आपसी सहमति से रिलेशन बनाने के लिए.

जब गर्लफ्रैंड हो वर्जिन

1. रखें खुद पर संयम

गर्लफ्रैंड वर्जिन हो और आप का खुद पर कंट्रोल मुश्किल हो रहा हो तो भी आप को संयम बरतना होगा. ऐसा न हो कि मौका मिलते ही चालू हो जाएं. भले ही आप के लिए यह पहला मौका नहीं है लेकिन आप की गर्लफ्रैंड का यह पहला चांस है. ऐसे में उसे चीजों को समझने में वक्त लगेगा और आप को भी उस की फीलिंग्स की कद्र करनी पडे़गी, तभी यह रिश्ता लंबे समय तक चल पाएगा.

2. बातोंबातों में प्यार दें

अपनी गर्लफ्रैंड को कभी प्यार से हग करें तो कभी उस के गालों पर किस करें, जब वह आप के प्रति करीबी महसूस करने लगे तो उसे समझाएं कि यह भी खूबसूरत एहसास है.

3. वर्जिन गर्लफ्रैंड से न करें सैक्स

वर्जिन गर्लफ्रैंड के साथ सैक्स करने में उसे हर्ट हो सकता है, जिस कारण वह दोबारा कभी सैक्स करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी. अत: गर्लफ्रैंड के साथ सैक्स करने की जिद न करें.

4. वर्जिन गर्लफ्रैंड को न समझें दब्बू

बातबात पर उसे यह कह कर नीचा दिखाने की कोशिश न करें कि यार तेरे तो कुछ बस का ही नहीं है, तभी तो तू आज तक वर्जिन है. हर समय डरती रहती है. तू तो मुझे खुश करने के लिए कुछ भी नहीं करती जबकि रेखा को देख वह अपने बौयफ्रैंड के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है. तू तो हमेशा ऐसे ही ढीलीढाली बनी रहेगी.

आप की ऐसी बातें सुन कर जहां वह दुखी होगी वहीं आप से दूरी भी बना लेगी.

5. ड्रिंक पिला कर न करें जबरदस्ती

आप की गर्लफ्रैंड अभी रिलेशन बनाने के मूड में नहीं है, लेकिन आप उस पर बारबार दबाव डाल रहे हैं. ऐसे में अपने ऐंजौयमैंट के लिए आप नशीला ड्रिंक पिला कर उस के साथ जबरदस्ती करने लगेंगे तो इस से भले ही आप को कुछ पल का मजा मिल जाए, लेकिन यह मजा आप के लिए हमेशा की सजा भी बन जाएगा. इसलिए भूल कर भी यह गलती न करें.

6. वर्जिनिटी को न बनाएं इश्यू

आप की गर्लफ्रैंड वर्जिन नहीं है तो इस का अर्थ यह नहीं कि सैक्स के दौरान ब्रेकअप कर बैठें, जो ठीक नहीं है.

वर्जिनिटी की तय दकियानूसी बातें जैसे झिल्ली फटना आज के संदर्भ में महत्त्व नहीं रखतीं. आज युवतियां हर तरह के इवैंट्स में भाग लेती हैं. उन्हें स्वयं ही पता नहीं चलता कि कब उन की झिल्ली फट गई. इसलिए इन बातों को आधार बना कर अपनी प्रेम लाइफ को कष्टकारी न बनाएं.

7. वर्जिनिटी न पड़ जाए भारी

आप किसी पार्टी में गए हुए हैं और वहां आप की मुलाकात किसी ऐसी युवती से हो जाए जो वर्जिन हो. यह बात आप को उस से बात करने के दौरान पता चले औैर यह सुन कर ही आप उस से इंप्रैस हो कर उसे अपनी गर्लफ्रैंड बनाने का औफर दे डालें तो यह आप की सब से बड़ी भूल होगी.

हो सकता है कि वह अपने वर्जिन होने के ढोंग से आप को अपनी ओर आकर्षित करना चाह रही हो, जबकि इस के पीछे मकसद आप को फंसाना हो.

8. पोर्न वीडियोज देख कर न हों उत्तेजित

भले ही आप को सैक्स के बारे में नौलेज नहीं है, लेकिन बौयफ्रैंड को इंप्रैस करने के चक्कर में यदि आप पोर्न वीडियोज देखने लगें, तो इस का आप पर भी गलत प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इस में पार्टनर के साथ दिखाए गए अधिकांश ऐक्शंस वास्तविक नहीं होते, लेकिन अगर आप इन्हें अपनी वास्तविक सैक्स लाइफ में अप्लाई करेंगे तो इन से आप को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

9. युवतियां वर्जिनिटी को न बनाएं पार्टनर की कमजोरी

बातबात पर पार्टनर को यह कहना कि तुम्हें मुझ जैसी वर्जिन गर्लफ्रैंड कभी नहीं मिलेगी औैर यह कह कर हर बार फरमाइशों की लिस्ट उस के सामने न रख दें. ऐसे में आप का बौयफ्रैंड भले ही थोड़े समय के लिए आप की मांगों को पूरा कर दे लेकिन एक वक्त ऐसा आएगा जब वह आप से दूर जाने में ही भलाई समझेगा. इसलिए अगर आप का पार्टनर आप से सच्चे दिल से प्यार करता है तो उस की कद्र करें न कि उसे अपनी वर्जिनिटी से ब्लैकमेल करने की कोशिश करें.

जानिए पुरुष नसबंदी क्यों है जरूरी

अपनी पत्नी का सहयोग करने से उन की इस तथाकथित मर्दानगी को बट्टा लग जाता है तथा पत्नी पर रोब गांठने से उन की मर्दानगी में चारचांद लगते हैं.

वे प्यार में अपनी जान देने तक की बात तो कर सकते हैं, परंतु पत्नी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्वयं नसबंदी करवाने के बारे में सोच भी नहीं सकते जबकि चिकित्सा विज्ञान आज इतनी तरक्की कर चुका है कि दर्दरहित यह प्रक्रिया कुछ ही मिनटों में समाप्त हो जाती है.

इस के बावजूद हजार में से कोई 1 पुरुष ही है जो नसबंदी के लिए सहमत होता है और वह भी चोरीछिपे, रिश्तेदारों एवं समाज को बताए बिना. जबकि महिला नसबंदी खुले में शिविर लगा कर की जाती है. सरकार भी महिला नसबंदी का ही ज्यादा प्रचार करवाती है. नसबंदी करवाने के लिए महिलाओं को रुपए भी मिलते हैं.

ग्रामीण संस्था ‘आशा’ भी महिलाओं को ही नसबंदी के फायदे एवं नुकसान की जानकारी देती है. कुछ गांवों में तो टारगेट पूरा करने के लिए ट्रकों में भरभर कर महिलाओं को शिविरों में लाया जाता है. ये पैसों के लालच में यहां आ तो जाती हैं परंतु उचित देखभाल न होने के कारण कई बार हादसे का भी शिकार हो जाती हैं.

हमारे देश की यह विडंबना है कि परिवार नियोजन का सारा दारोमदार महिलाओं पर ही छोड़ दिया गया है. महिलाएं भी पुरुषों को कंडोम इस्तेमाल करने के लिए नहीं कह सकती हैं परंतु स्वयं बिना सोचेसमझे इस्तेमाल करने से नहीं हिचकतीं. बचपन से त्याग और कर्तव्य पालन की घुट्टी जो कूटकूट कर पिलाई जाती है उन्हें.

सरल है पुरुष नसबंदी

डेनमार्क में हुए एक शोध से पता चलता है कि गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करने वाली महिलाएं अकसर अवसाद में चली जाती हैं. आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की मानें तो सभी चिकित्सक यही कहते हैं कि महिला नसबंदी की तुलना में पुरुष नसबंदी अधिक सरल, सुरक्षित, आसान एवं कम खर्चीली है.

पुरुष नसबंदी में स्पर्म्स को ले जाने वाली नलिका ‘वासडिफरैंस’ को कट कर दिया जाता है. इस के लिए शल्यचिकित्सक सब से पहले अंडकोषों के ऊपर वाली चमड़ी पर सूई लगा कर उसे सुन्न करते हैं और फिर एक खास तरह की चिमटी से बारीक सूराख कर के उस नली को बाहर निकाल कर अंडकोषों से वीर्य को पेशाब की नली तक पहुंचाया जाता है. पुन: इस थैली को बीच से काट कर दोनों कटे हुए सिरों को बांध कर उन के मुंह बंद कर दिए जाते हैं और वापस अंडकोष थैली के अंदर डाल देते हैं. इस प्रक्रिया में 20 से 25 मिनट लगते हैं. व्यक्ति को न तो एनेस्थीसिया की आवश्यकता होती है और न ही अस्पताल में भरती होना पड़ता है.

यह प्रक्रिया बिना किसी चीरे या टांके के संपूर्ण हो जाती है. इस प्रक्रिया के कुछ ही घंटों बाद व्यक्ति अपने पैरों से चल कर घर जा सकता है. यह गर्भनिरोध के लिए महिला नसबंदी जितना ही प्रभावशाली होता है.

सेक्स क्षमता पर प्रभाव

इस के विपरीत महिला नसबंदी में उक्त महिला को लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है तथा एक चीरा एवं टांका भी लगता है. महिला को पूरी तरह सामान्य होने में 1 हफ्ता लग जाता है. इस प्रक्रिया में महिला को संक्रमण और अंदरूनी भागों में चोट लगने का भी खतरा होता है. दूरबीन प्रक्रिया में तो औजार अंदाज से अंदर डाला जाता है.

अत: इस में गुरदा खराब होने एवं अंदरूनी रक्तस्राव होने की भी संभावना रहती है, जबकि पुरुषों में इस प्रकार की कोई समस्या नहीं होती और न ही उन के सेक्स ड्राइव में कोई कमी आती है.

जागरूकता जरूरी

हाल में ही प्रदर्शित एक फिल्म ‘पोस्टर बौयज’ में भी निर्देशक श्रेयस तलपड़े ने इसी समस्या को उठाया है. फिल्म के नायकों पर नसबंदी का शक मात्र हो जाने से उन के सामाजिक और पारिवारिक जीवन में भूचाल सा आ जाता है. एक गुनहगार की भांति उन्हें अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए कोर्ट तक का सहारा लेना पड़ता है. अंतत: मुख्यमंत्री के मुंह से पुरुष नसबंदी का संदेश दिलाया जाता है.

यह फिल्म एक तरह से पुरुष नसबंदी को ही प्रमोट करती है और यह संदेश देती है कि इस प्रक्रिया से पुरुषों में किसी भी तरह की कमजोरी नहीं होती है और न ही यह शर्मनाक कृत्य है, बल्कि परिवार नियोजन के अन्य साधनों की तरह यह भी एक साधन मात्र है.

10 टिप्स: जानें सैक्स पावर बढ़ाने के घरेलू उपाय

मानवीय शारीरिक ऊर्जा के जिस भाग को आप सैक्स यानि संभोग में लगाते है, उसको सैक्स पावर कहा जाता है. सेक्स सभी की जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इसको आनंदपूर्ण बनाने के लिए आपको अपनी सेक्स पावर को सही रखना होता है. सेक्स में शामिल होने वाले दोनों ही साथियों की सेक्स पावर स्वस्थ होने से शारीरिक व मानसिक स्तर पर कई तरह के लाभ मिलते हैं.

आज के दौर में अस्वस्थ दिनचर्या व दूषित वातावरण के कारण लोगों को कई तरह की बीमारियां हो जाती है. इसके चलते सेक्स पावर में भी कमी आ जाती है. आपकी इन सभी परेशानियों को देखते हुए आज आपको सेक्स पावर को बढ़ाने के उपाय और तरीके के साथ ही इसको बढ़ाने के घरेलू नुस्खों के बारे में बताया जा रहा है.

सैक्स पावर कम होने के लक्षण

सैक्स पावर होने पर पर आपको निम्न तरह के लक्षण महसूस होते हैं.

– यौन उत्तेजना न होना.

– शीघ्रपतन होना.

– चरम सुख (ओर्गेज्म) की अवधि कम होना.

– सैक्स के दौरान संतुष्टि प्राप्त न होना.

– यौन प्रदर्शन में कमी आना.

सैक्स पावर कम होने के कारण

सैक्स पावर कम होने के कई कारण हो सकते हैं. जिनमें से कुछ मुख्य कारणों के बारे में आगे बताया जा रहा है.

  • टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होना.
  • सेक्सुअल स्टेमिना में कमी आना.
  • नपुंसकता.
  • अधिक आयु होना.
  • तनाव व चिंता से ग्रसित होना.
  • दीर्घकालिक रोग, जैसे – डायबिटीज व हृदय रोग होना.

सैक्स पावर बढ़ाने के उपाय और तरीके

सैक्स पावर कैसे बढ़ाएं : सैक्स पावर बढ़ाने के लिए वैसे तो आपको कई उपाय बताएं गए हैं, परंतु इनके अलावा भी कुछ ऐसे उपाय है जिनके द्वारा आप अपनी सेक्स पावर को आसानी से बेहतर कर सकते हैं.

  1. सैक्स पावर बढाने के उपाय रखें तनाव से दूरी : सेक्स पावर को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने के लिए आपको तनाव से दूर रहना चाहिए. तनाव से आपके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. एक अध्ययन में इस बात का पता चला है कि तनाव व्यक्ति की सेक्सुअल गतिविधियों को प्रभावित करता है. तनाव के कारण हृदय गति असामान्य हो जाती है. इसके साथ ही साथ तनाव के कारण हाई बीपी की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है. यह दोनों ही रोग आपकी यौन गतिविधि पर बुरा असर डालते हैं.

इसके अलावा तनाव से उत्तेजना में कमी और चरम सुख पर पहुंचना भी कठिन हो जाता है. अगर आपका साथी तनाव में है, तो आपको उनके तनाव को दूर करने के लिए उनकी पूरी सहायता करनी चाहिए. कई बार तनाव के कारण ही व्यक्ति शराब व नशे का आदि हो जाता है. नशे की आदत के कारण भी सेक्स पावर कम हो जाती है.

2. सैक्स पावर बढाये सही पोजीशन से : बताए गए उपायों से सेक्स पावर की समस्या सही होने पर आप विभिन्न सेक्स पोजीशन की मदद से अपनी पार्टनर को पूर्ण संतुष्टि प्रदान कर सकते हैं. कई बार आप एक ही तरह की सेक्स पोजीशन को करते-करते ऊब जाते हैं. ऐसे में आपको लगता है कि आपकी सेक्स पावर कम हो गई है, जबकि ऐसा होता नहीं है. सेक्स पोजीशन को बदलकर आप अपनी सेक्स लाइफ को पहले की तरह की रोमांचकारी और बेहतर बना पाएंगे. सेक्स पोजीशन को अपनाते समय आपको अपनी सहुलियत से ज्यादा साथी की सहुलियत पर ध्यान देना होगा. एक बार आप और साथी किसी सेक्स पोजीशन में सहज हो जाएं तो बाद में आप अपनी सेक्स पावर को भी प्रदर्शित कर सकते हैं. वहीं कई ऐसी सेक्स पोजीशन भी होती हैं जिनके द्वारा आप कम जोश दिखाए हुए भी साथी को पूरी संतुष्टि प्रदान कर सकते हैं.

3. हस्तमैथुन करना हस्तमैथुन से आप अपनी सेक्स पावर को बढ़ा सकते हैं. अगर आप अपनी सेक्स पावर को बढ़ाना चाहते हैं तो आपको हस्तमैथुन से सहायता लेनी होगी, दरअसल इससे सेक्स करने की अवधि में वृद्धि होती है. इसको आप सेक्स करने से पहले की प्रैक्टिस की तरह भी देख सकते हैं. इसको करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि इसको ज्यादा करने से नुकसान भी हो सकता है.

4. रोजाना सैक्स न करें जिस तरह से किसी कार्य को रोजाना करने से आप उसमें बोरियत महसूस करने लगते हैं, ठीक ऐसे ही रोजाना सेक्स करने से आपको इससे बोरियत हो जाती है. सेक्स में बोरियत होने से आपके अंदर की यौनेच्छा में कमी आ जाती है. यौनेच्छा या कामेच्छा को बनाएं रखने के लिए आपको नियमित सेक्स करने की आदत को बदलना होगा. इसकी जगह पर आप एक या दो दिन के अंतराल में सेक्स करें. जिससे आपको सेक्स के दौरान बोरियत भी महसूस नहीं होगी और आप अपनी सेक्स पावर को महसूस भी कर पाएंगे.

5. सैक्स पावर इनक्रीस करें सूर्य की किरणों से : सूर्य की किरणों से कई तरह की बीमारियों को इलाज किया जा सकता है. मेलाटोनिन (Melatonin; नींद की प्रक्रिया को नियमित करने वाला हार्मोन) के कम व ज्यादा होने का प्रभाव आपकी यौन इच्छा पर पड़ता है. कहा जाता है कि सर्दियों में यह हार्मोन अधिक स्त्रावित होता है. इससे बचने के लिए आपको सूर्य की किरणों में कुछ देर बैठना चाहिए. सेक्स पावर को बढ़ाने के लिए यह एक कारगर उपाय है. इतना ही नहीं सूर्य की किरणों में बैठने से आपका रक्त संचार सही होता है और आप पहले के मुकाबले अधिक सक्रिय हो जाते हैं.

6. प्याज है सैक्स पावर बढ़ाने का तरीका : अगर आप अपनी सेक्स पावर को बढ़ाने के बारे में सोच रहें हैं तो आपको अपने आहार में प्याज को शामिल करना होगा. प्याज और यौन स्वास्थ्य पर हुई रिसर्च में पाया गया कि प्याज के सेवन से सेक्स पावर को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए आपको सफेद प्याज को काटकर और उसको मक्खन में भूनना होगा. आप हर दिन एक चम्मच इस प्याज का सेवन करें. अपने स्वाद के लिए आप इसमें शहद भी मिला सकते हैं. हर सुबह खाली पेट इस प्याज का सेवन करें. यह उपाय सेक्स पावर और शीघ्रपतन की समस्या को दूर करता है.

7. सैक्स पावर बढ़ाएं लहसुन से : आप लहसुन के कई फायदों के बारे में पहले से ही जानते होंगे, मगर आज आपको लहसुन से सेक्स पावर को बढ़ाने के उपाय बताए जा रहें हैं. सेक्स पावर को इनक्रीज करने के लिए आप रोजाना लहसुन की कलियों का सेवन करें. इससे आपकी यौन इच्छा में प्राकृतिक रूप से बढ़ोतरी होती है. लहसुन से सेक्स पावर बढ़ने का राज यह है कि इससे यौन अंगों के रक्त संचार में तीव्रता आती है. जिससे सेक्स के समय यौन अंगों में उत्तेजना लंबे समय तक बनी रहती है और आप अधिक समय तक सेक्स कर पाते हैं.

8. सैक्सुअल पावर बढ़ाता है बादाम : सेक्स पावर को बढ़ाने वाले प्राकृतिक तरीकों में आप बादाम का भी प्रयोग कर सकते हैं. बादाम पर हुए एक अध्ययन में पाया गया कि यह आपके शरीर की सेक्सुअल पावर को बढ़ाते हैं. इसके साथ ही साथ बादाम खाने से प्रजन्न क्षमता में भी वृद्धि होती है. बादाम में उच्च मात्रा में पोषक तत्व व खनिज पाएं जाते हैं. इसमें जिंक, सेलेनियम और विटामिन ई होता है, जिससे यौन स्वास्थ व प्रजन्न शक्ति में बढ़ोतरी होती है. अध्ययन यह भी बताते हैं कि जिंक यौन इच्छा को बढ़ाने के लिए भी काफी उपयोगी माना जाता है. इस वजह से साथी को संतुष्ट करने के लिए आप बादाम का नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं.

9. सैक्स पावर मेडिसिन है डार्क चॉकलेट : वैसे तो आपने कई बार चॉकलेट खाई होगी, लेकिन आप डार्क चॉकलेट के इस फायदे से अब तक अंजान होंगे. सेक्स पावर को बढ़ाने के लिए डार्क चॉकलेट किसी दवा की तरह ही काम करती है. डार्क चॉकलेट के सेवन से एंड्रोफिन (Endropihn; आपको आनंदित महसूस कराने वाला हार्मोन) स्त्रावित होता है. इसके अलावा डार्क चॉकलेट का स्वाद सभी को पसंद आता है. इसको खाने से भी आपकी सेक्स पावर में बढ़ोतरी होती है. अगर आप अधिक समय तक सेक्स नहीं कर पाते हैं तो आपको डॉर्क चॉकलेट का सेवन अवश्य करना चाहिए, लेकिन आपको पहले से ही कोई समस्या हो तो आप डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करें.

10. सैक्स पावर बढ़ाने के लिए नशे से रहें दूर : सेक्स पावर को बढ़ाने के घरेलू नुस्खों में आपको अपनी बुरी आदतों को छोड़ना होगा. शराब पीना व धूम्रपान करने से कई तरह की हानि होती है. इससे आपकी सेक्स पावर में भी कमी आती है. एक अध्ययन के मुताबिक ऐसा इसलिए होता है क्योंकि धूम्रपान और शराब का सेवन करने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती है. इस वजह से पुरुषों में नंपुसकता की समस्या भी हो जाती है. इस समस्या से बचने के लिए आपको धूम्रपान और शराब की लत को छोड़ना होगा. इसकी जगह पर आप ताजे फल व सब्जियों का अधिक सेवन करें.

ये 10 टिप्स हनीमून की रात को यादगार बनाएंगे यादगार

सुहागरात पर नए जोड़े के मन में संकोच बना रहता है. यह सच है कि हर दंपती के जीवन का अनिवार्य हिस्सा है शारीरिक संबंध. लेकिन, इसे लेकर जो तमात आशंकाएं और बातें हमारे अवचेतन में कहीं बैठी हैं, उनके चलते कई लोग इसका भरपूर आनंद उठा नहीं पाते. भारतीय समाज में कामसूत्र जैसा महान ग्रंथ रचा गया, लेकिन बावजूद इसके हमारे यहां इस‍ विषय पर चर्चा करना वर्जनीय माना जाता है. जहां एक तरफ सुहागरात नई जिंदगी की शुरुआत है, वहीं दूसरी तरफ जिस्‍मानी संबंध भी इस रात का अहम हिस्‍सा माना जाता है. शादी की पहली रात को पुरुष शारीरिक संबंध के प्रति बेहद चिंतित रहते हैं. मन में यह चिंता होती है कि वे अपने साथी को खुश कर पाएंगे या नहीं. उन्‍हें इस बात का डर रहता है कि कहीं इस रात की कोई गलती उन्‍हें सारी उम्र के लिए परेशानी में न डाल दे. लेकिन हम आपको कुछ टिप्‍स बता रहे हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं.

शादी की पहली रात सेक्‍स के 10 टिप्‍स

1 – सुहागरात में शारीरिक संबंध बनाने से पहले रोमांटिक माहौल बनाइए. अपने कमरे में विशेष प्रकार के रंग और खुशबू का प्रयोग कीजिए. ये सेक्‍स हार्मोन को उकसाते हैं. इसके लिए अरोमा कैंडल जलाइए, हल्‍का संगीत बजाइए, हल्‍की रोशनी रखिए.

2 – सेक्‍स क्रिया करने के लिए जल्‍दबाजी न करें. इससे पहले एक-दूसरे को समझने की कोशिश कीजिए. ऐसा करने से दोनों के एक-दूसरे के करीब आएंगे और सेक्‍स करने में ज्‍यादा झिझक नही होगी.

3 – सेक्‍सुअल होने से पहले अपने साथी से अच्‍छी तरह बात कीजिए. अपनी सारी शंकाओं का समाधान बातचीत के जरिए पहले निकाल लीजिए नहीं तो सेक्‍स के दौरान मन में झुंझलाहट बनी रहेगी.

4 – सेक्‍स करने से पहले पार्टनर को सरप्राइज करने की कोशिश कीजिए. इसके लिए आप उसे कोई गिफ्ट दीजिए, हनीमून पैकेज या ज्‍वैलरी देकर आप अपने पार्टनर को खुश कर सकते हैं.

5 – सुहागरात में सेक्‍स से पहले फोरप्‍ले बहुत जरूरी है. फोरप्‍ले करने से सेक्‍स करने का आनंद बढ़ जाता है. इसके लिए उसे किस कीजिए. उसके खास अंगों पर आपकी प्‍यार भरी छुअन सेक्‍स हार्मोन उत्‍तेजित करने में मदद करेंगे.

6 – सेक्‍सुअल फैंटेसीज का भी सहारा ले सकते हैं. सुहागरात में पार्टनर से सेक्‍सी बातें करें, इससे दोनों उत्‍तेजित होंगे और सेक्‍स की इच्‍छा बढ़ेगी. वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र के बारे में बात कर सकते हैं.

7 – सुहागरात में एल्‍कोहल और सिगरेट बिलकुल न पियें. क्‍योंकि सेक्स से तुरंत पहले ज्यादा एल्कोहल लेने से पुरुषों में इरेक्टाइल प्रॉब्लम्स और स्त्रियों में वजाइनल ड्राइनेस की समस्या हो सकती हैं. इससे सेक्‍स के दौरान समस्‍या हो सकती है.

8 – सुहागरात में भी सेक्‍स करने से पहले सुरक्षा का ध्‍यान दीजिए. इसके लिए कंडोम का प्रयोग करें. इससे यौन बीमारियों के होने का खतरा कम होता है और बिना प्‍लानिंग के प्रेग्‍नेंसी का डर भी नही होता है.

9 – मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तौर पर फिट रहें. अंतरंग पलों से पहले अपने साथी की पसंदीदा ड्रेस पहनें. इससे सेक्स क्रिया रोमांचक बनेगी.

10 – किसी भी प्रकार का प्रयोग करने से बचें. सुहागरात में सेक्‍स संबंध बनाते वक्‍त ऐसे आसनों को अपनायें जो आसान हों और जिनको करने में कोई दिक्‍कत न हो.

Sex Problem: क्या आपकी पत्नी को भी हैं ये 5 सैक्स समस्याएं

कहते हैं कि सफल दांपत्य जीवन में सैक्स एक बहुत बड़ी भूमिका निभाता है और विवाह के बिखराव का एक कारण सेक्स भी हो सकता है. आम धारणा है कि पुरुष को ही सैक्स में ज़्यादा रुचि होती है और महिला अमूमन इससे बचती है. लेकिन ऐसा नहीं है. पुरुष की तरह महिलाओं की भी सेक्स इच्छा होती है. अधूरा और सही समय पर संभोग के पूरा न होने पर महिलाओं को शारीरिक और मानसिक परेशानी होती है. दरअसल महिलाओं का सेक्स केवल संभोग तक सीमित नहीं होता, बल्कि स्पर्श, चुंबन आदि से भी उन्हें संतुष्टि मिलती है.

आइए हम आपको बताते है कि कौन कौन सी सैक्स समस्याएं आती है और उनका समाधान क्या है.

सैक्स में कमी

महिलाओं में सेक्स में कमी डिप्रेशन, थकान या तनाव की वजह से हो सकती है. इसके अलावा और भी वजह हो सकती है जैसे पार्टनर जिस तरह छूता है, वह पसंद नहीं आना, पसीना से या उसके मुंह से पान-तंबाकू वगैरह की बदबू आना आदि. कई महिलाओं को शरीर के कुछ खास हिस्सों पर हाथ लगाने से दर्द महसूस होता है या अच्छा नहीं लगता. इससे भी वे सेक्स से बचने लगती हैं.

लुब्रिकेशन की कमी

महिलाओं के जनन अंग (vagina) में लुब्रिकेशन (गीलापन) को उत्तेजना का पैमाना माना जाता है. कुछ महिलाओं को कम लुब्रिकेशन की शिकायत होती है और ज़ाहिर है ऐसे में सैक्स काफी तकलीफदेह हो जाता है. लुब्रिकेशन में कमी तीन वजहों से हो सकती है. इन्फेक्शन, हार्मोंस में गड़बड़ी या फिर तरीके से फोर प्ले न करना.

सैक्स के दौरान दर्द

कुछ महिलाओं को सैक्स के दौरान दर्द होता है. कई बार यह दर्द बहुत ज़्यादा होता है और ऐसे में महिला सेक्स से बचने लगती है. साथी को इस दर्द का अहसास नहीं होता और उसे लगता है कि साथी महिला की दिलचस्पी नही है या फिर सहयोग नहीं कर रही है.

और्गेज्म न होना

महिलाओं में यह शिकायत आम होती है कि उनका पार्टनर उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाता यानी उनका और्गेज्म नहीं हो पाता. कुछ को और्गेज्म नहीं होता और कुछ को होता तो है पर महसूस नहीं होता. कुछ महिलाओं को लुब्रिकेशन के दौरान ही जल्दी ऑर्गेज्म हो जाता है. कुछ को बहुत देर से और्गेज्म होता है.

वैजाइनल पेन

कभी-कभी महिलाओं को नाभि के नीचे और प्यूबिक एरिया के आसपास दर्द महसूस होता है. यह दर्द वैसा ही होता है, जैसा पीरियड्स के दौरान होता है. इसकी वजह यह है कि उत्तेजना होने पर प्राइवेट पार्ट के आसपास खून का बहाव होता है. ऐसे में लुब्रिकेशन होता है पर क्लाइमैक्स नहीं होता. इससे इस एरिया में खून जम जाता है और दर्द होने लगता है.

समाधान

सैक्स समस्या का सबसे बड़ा कारण है पति-पत्नी का सैक्स समस्याओं के बारे में बात ही नहीं करना. पति और पत्नी दोनों को इस मामले में खुलकर बात करनी चाहिए और कोई भी छुपाना नहीं चाहिए. हो सकता है इस मामले में पत्नी पहल न करें तो ऐसे में पति को चाहिए कि उनका व्यवहार ऐसा हो कि उनकी पत्नी उनसे हर बात शेयर कर सकें. यदि आप चाहते हैं कि आप अपने साथी से सभी समस्याओं खासकर सेक्स समस्याओं के बारे में बातचीत कर सकें तो आपको अपने साथी को विश्वास में लेना होगा. यदि आप अपने साथी को अपनी कोई सैक्स समस्या के बारे में बताना चाहते हैं तो आप उसे सीधे-सपाट शब्दों में ना कहें बल्कि उसके लिए थोड़ा समय लें और अपने साथी को बातचीत और प्यार से सहज करें. इसके बात सामान्य बातचीत के बाद ही अपनी समस्या बताएं.

पिल्स या कंडोम ज्यादा सेफ क्या?

अकसर जवां लड़केलड़कियां जवानी के जोश में फिसल जाते हैं और जानेअनजाने ऐसी गलती कर बैठते हैं जिस का हर्जाना उन्हें लंबे समय तक भुगतना पड़ता है. जिस तरह इलाज से बेहतर रोकथाम है उसी तरह पिल्स से बेहतर है कंडोम उपयोग करना.

शादी से पहले सैक्स किसी भी तरह से उचित नहीं होता पर कई बार लड़केलड़कियां बहक जाते हैं. वे शादी से पहले ही शारीरिक संबंध बना लेते हैं. इस से उन के सामने कई तरह की परेशानियां पैदा हो जाती हैं. ऐसे में उन खतरों और उन से बचाव के तरीकों को जानना जरूरी होता है.

नेहा रिलेशनशिप में थी. उस का बौयफ्रैंड विकास कई बार सैक्स करने के लिए दबाव डालता था. नेहा यह कह कर टाल देती थी कि शादी से पहले सैक्स करना ठीक नहीं है. विकास पहले तो उस की बात मान लेता था लेकिन इस बार उस ने जिद पकड़ ली. नेहा को मजबूरी में विकास की बात माननी पड़ी.

विकास ने यूट्यूब पर वीडियो खोल कर दिखाया कि सैक्स से 72 घंटे के अंदर अगर इमरजैंसी पिल्स खा ली जाएं तो प्रैग्नैंसी का खतरा नहीं रहता है. नेहा ने भी देखा, बात सही थी. प्रैग्नैंसी के खतरे को भूल कर दोनों ने सैक्स का भरपूर मजा लिया. सुबह होते ही विकास मैडिकल स्टोर पर गया और इमरजैंसी पिल्स का पैकेट ले आया.

जिस तरह से पैकेट के ऊपर लिखा था उसी तरह से नेहा ने दवा खा ली. इस के बाद समय गुजरने लगा. नेहा का अगले माह पीरियड नहीं हुआ. दोचार दिन उस ने ध्यान नहीं दिया. कई बार पीरियड्स कई दिन बाद होते थे. जब एक सप्ताह गुजर गया तो उस ने अपनी जानने वाली डाक्टर नीरू मित्तल से पूरी बात बता कर अपनी परेशानी बताई.

डाक्टर नीरू मित्तल ने नेहा को सम?ाते हुए कहा, ‘नेहा, इमरजैंसी पिल्स 100 प्रतिशत सेफ नहीं होतीं. कई बार इस के खाने के बाद भी प्रैग्नैंसी कंसीव हो जाती है. ऐसे में तुम फौरन अपनी प्रैग्नैंसी की जांच कराओ.’

नेहा ने डाक्टर की सलाह मानी और अपना टैस्ट कराया. डाक्टर नीरू मित्तल का अंदाजा सही निकला. नेहा के मामले में इमरजैंसी पिल्स ने काम नहीं किया था. नेहा प्रैग्नैंट हो चुकी थी. उस ने पूरी बात विकास को बताई. दोनों ने यह तय किया कि वे एबौर्शन करा देंगे. नेहा और विकास की रिलेशनशिप का पता उन के घर वालों को था. ऐसे में विकास ने कहा, ‘मैं घर में बात कर के शादी कर लेता हूं. दोनों ने अपने घर वालों से बात की. घर वालों को भी नेहा की प्रैग्नैंसी के बारे में बता दिया. दोनों के ही घर वाले इस बात पर राजी हो गए. एक माह के अंदर ही दोनों की शादी हो गई.

हर किसी की कहानी नेहा जैसी सुखद नहीं होती. दीपा के साथ भी इसी तरह की दिक्कत हो गई. उन दोनों के घर वालों को कुछ पता भी नहीं था और वे शादी के लिए तैयार भी नहीं होते. ऐसे में दीपा ने इंटरनैट में छपी जानकारी के चलते गर्भपात यानी एबौर्शन करने वाली दवा खा ली. इस से एबौर्शन तो हुआ पर इस के बाद भी ब्लीडिंग हो रही थी. दीपा बीमार सी रहने लगी. उस ने अपनी डाक्टर को दिखाया तो उन्होंने अल्ट्रासाउंड कर के देखा, पता चला कि एबौर्शन की दवा से सही एबौर्शन नहीं हुआ था. भ्रूण के कुछ हिस्से बच्चेदानी में रह गए थे, जिस के कारण यह ब्लीडिंग हो रही थी. दीपा को डाक्टर के यहां भरती होना पड़ा. फिर से सही तरह एबौर्शन किया गया तब उस की परेशानी का समाधान हुआ.

देश में असुरिक्षत गर्भपात बहुत बड़ी समस्या है. सामाजिक दबाव के चलते लोग चोरीचुपके एबौर्शन कराते हैं. जो कई बार जानलेवा हो जाता है. इस का सब से बड़ा कारण अनसेफ सैक्स होता है. गर्भ को रोकने क लिए इमरजैंसी पिल्स का प्रयोग धड़ल्ले से होने लगा है.

यह अनसेफ होने के साथ ही साथ हैल्थ के लिए भी खतरनाक होती है. डाक्टर नीरू मित्तल कहती हैं, ‘ज्यादातर मामलों में इमरजैंसी पिल्स सफल रहती हैं. ऐसे में कई बार लड़कियां इस का नियमित प्रयोग करने लगती हैं. लड़कियों को यह जानकारी रखनी चाहिए कि यह नियमित प्रयोग के लिए नहीं है. यह नियमित गर्भनिरोधक दवाओं की श्रेणी में नहीं आती है. नियमित प्रयोग से यह हैल्थ पर बुरा प्रभाव डालती है.’

इमरजैंसी पिल्स के खतरे

दिनोंदिन इमरजैंसी गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. इस से युवतियों में कई तरह की स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं देखने को मिल रही हैं. एक स्टडी से पता चलता है कि 79 फीसदी दवा विक्रेताओं को इमरजैंसी गर्भनिरोधक गोलियों के साइड इफैक्ट और पीरियड से जुड़े अपेक्षित बदलाव के बारे में पता नहीं था.

85.71 फीसदी विक्रेताओं को यह भी पता नहीं था कि गोलियों के इस्तेमाल से गर्भाधारण से छुटकारा मिलेगा या नहीं. कई मरीज ऐसे थे जिन को अनियमित पीरियड और प्रैग्नैंसी रोक पाने में नाकामी की शिकायत थी. जब उन से पूछा गया तो उन लोगों ने गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल करने की बात स्वीकार की.

असुरक्षित गर्भपात के खतरे

भारत में गर्भपात से जुड़े आंकड़े बताते हैं कि देश में हर साल जितना भी गर्भपात होते हैं उन में से आधे सिर्फ इसलिए होते हैं क्योंकि वे अनचाहे गर्भ थे. लगभग 27 प्रतिशत महिलाएं एबौर्शन करवाने के लिए अस्पताल नहीं जाती हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने भारत में अविवाहित युवतियों को भी 24 हफ्तों तक गर्भपात का अधिकार दे दिया है. आंकड़े बताते हैं कि भारत में गर्भपात की सब से बड़ी वजह प्रैग्नैंसी का अनचाहा होना है. आंकडों के अनुसार, 47.6 प्रतिशत गर्भपात इसलिए होते हैं क्योंकि वे अनप्लान्ड थे.

भारत में गर्भपात को ले कर मैडिकल स्टैंडर्ड और सुरक्षा की कमी देखने को मिलती है. आंकड़े बताते हैं कि भारत में जितने गर्भपात होते हैं उस का लगभग 27 फीसदी घरों में होते हैं. यानी, महिलाएं/लड़कियां एबौर्शन के लिए अस्पताल नहीं जाती हैं बल्कि इस मैडिकल प्रक्रिया को खुद ही कर लेती हैं.

शहरों में 21.6 प्रतिशत गर्भपात महिलाएं स्वयं करवा लेती हैं जबकि ग्रामीण महिलाओं के लिए यह आंकड़ा 30 फीसदी है. भारत में आधे से अधिक लगभग 54.8 महिलाएं गर्भपात के लिए डाक्टर के पास जाती हैं. भारत में 3.5 प्रतिशत एबौर्शन तो दोस्त और रिश्तेदार करवा देती हैं.

संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड पौपुलेशन रिपोर्ट 2022 के अनुसार भारत में हर दिन असुरक्षित गर्भपात से जुड़े कारणों की वजह से लगभग 8 महिलाएं मौत का शिकार होती हैं. इस के अलावा असुरक्षित गर्भपात भारत में मातृ मृत्युदर की तीसरी बड़ी वजह है.

दिल्ली में गर्भपात का विकल्प चुनने वाली महिलाओं का अनुपात राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से ज्यादा है. राजधानी में गर्भवती हुई 5.7 फीसदी महिलाएं गर्भपात का विकल्प चुनती हैं. जबकि राजस्थान में यह आंकड़ा 1.5 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में 1.3 प्रतिशत है. 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गर्भपात का विकल्प चुनने वाली महिलाओं का अनुपात राष्ट्रीय औसत 2.9 से ज्यादा है.

पिल्स के मुकाबले कंडोम बेहतर

इमरजैंसी पिल्स के मुकाबले कंडोम का प्रयोग सुरक्षित होता है. जरूरत इस बात की होती है कि इस का प्रयोग सही तरह से किया जाए. कई बार इस का पहली बार प्रयोग करने में दिक्कत आती है, जिस की वजह से कंडोम के फटने और उतर जाने का खतरा रहता है.

ऐसे में कंडोम का प्रयोग करने से पहले उस के प्रयोग करने की सही जानकारी कर लेनी चाहिए. सही तरह से प्रयोग होने के बाद यह सब से सुरक्षित गर्भनिरोधक होता है. यह न केवल गर्भ को ठहरने से रोकता है बल्कि यौन संक्रमण से भी बचाता है. ऐसे में सही बात यह है कि यह सब से सुरक्षित गर्भ निरोधक है. इस का सेहत पर किसी तरह से कोई कुप्रभाव भी नहीं पड़ता है. कई पार्टनर्स होते हैं जिन में एसटीआई यानी यौन संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है. उन को गर्भनिरोधक के तौर पर कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए, न कि इमरजैंसी गोलियों का.

कंडोम का सही प्रयोग कैसे करें

कंडोम अनचाहे गर्भ से सुरक्षित रखता है. इस का उपयोग करने से यौन जनित रोगों से भी सुरक्षित रहा जा सकता है. सैक्स के दौरान कंडोम का उपयोग पूरी तरह से तभी सुरक्षित हो सकता है जब इस का सही इस्तेमाल किया जाए. अगर इस के इस्तेमाल में जरा भी चूक की जाए तो यह कई समस्याओं का कारण भी बन सकता है.

कंडोम रबड़ का बना हुआ एक कवर होता है जिस का इस्तेमाल पुरुष पेनिस को ढकने के लिए करते हैं. इस से सैक्स के दौरान पुरुष अपने शुक्राणुओं को महिला के गर्भाशय में प्रवेश करने से रोक सकते हैं. इसी तरह, महिलाओं के लिए भी कंडोम बने हुए हैं जिसे योनि के अंदर फिट किया जा सकता है. अगर कंडोम का उपयोग ठीक प्रकार से किया जाए तो यह गर्भधारण के जोखिम को 85 फीसदी से 98 फीसदी तक रोक सकता है. एक कंडोम का इस्तेमाल सिर्फ एक बार के लिए ही किया जा सकता है.

इंटरकोर्स करते समय लगाने के बजाय कुछ समय पहले उसे पहनने की कोशिश करें. अकेले में कुछ बार कंडोम पहनने की कोशिश करें और सीखें कि उसे कैसे और कितने समय में पहना जा सकता है. कंडोम का पैक खोलने से पहले उस के लेबल पर लिखे गए निर्देशों को सावधानी से पढ़ें

सेक्स का मजा लेना है तो अपनाएं ये टिप्स

4 सहेलियां कुछ अरसे बाद मिली थीं. 2 की जल्दी शादी हुई थी तो 2 कुछ बरसों का वैवाहिक जीवन बिता चुकी थीं. ऐसा नहीं कि उन में और किसी विषय पर बात नहीं हुई. बात हुई, लेकिन बहुत जल्द ही वह पहली बार के अनुभव पर आ टिकी.

पहली सहेली ने पूछा, ‘‘तुम फोन पर ट्रेन वाली क्या बात बता रही थी? मेरी समझ में नहीं आई.’’

दूसरी बोली, ‘‘चलो हटो, दोबारा सुनना चाह रही हो.’’

तीसरी ने कहा, ‘‘क्या? कौन सी बात? हमें तो पता ही नहीं है. बता न.’’

दूसरी बोली, ‘‘अरे यार, कुछ नहीं. पहली रात की बात बता रही थी. हनीमून के लिए गोआ जाते वक्त हमारी सुहागरात तो ट्रेन में ही मन गई थी.’’

तीसरी यह सुन कर चौंकी, ‘‘हाउ, रोमांटिक यार. पहली बार दर्द नहीं हुआ?’’

दूसरी ने कहा, ‘‘ऐसा कुछ खास तो नहीं.’’

तीसरी बोली, ‘‘चल झूठी, मेरी तो पहली बार जान ही निकल गई थी. सच में बड़ा दर्द होता है. क्यों, है न? तू क्यों चुप बैठी है? बता न?’’

चौथी सहेली ने कहा, ‘‘हां, वह तो है. दर्द तो सह लो पर आदमी भी तो मनमानी करते हैं. इन्होंने तो पहली रात को चांटा ही मार दिया था.’’

बाकी सभी बोलीं, ‘‘अरेअरे, क्यों?’’

चौथी ने बताया, ‘‘वे अपने मन की नहीं कर पा रहे थे और मुझे बहुत दर्द हो रहा था.’’

पहली बोली, ‘‘ओह नो. सच में दर्द का होना न होना, आदमी पर बहुत डिपैंड करता है. तुम विश्वास नहीं करोगी, हम ने तो शादी के डेढ़ महीने बाद यह सबकुछ किया था.’’

दूसरी और तीसरी बोलीं, ‘‘क्यों झूठ बोल रही हो?’’

पहली सहेली बोली, ‘‘मायके में बड़ी बहनों ने भी सुन कर यही कहा था, उन्होंने यह भी कहा कि लगता है मुझे कोई धैर्यवान मिल गया है, लेकिन मेरे पति ने बताया कि उन्होंने शादी से पहले ही तय कर लिया था कि पहले मन के तार जोडूंगा, फिर तन के.

‘‘मुझे भी आश्चर्य होता था कि ये चुंबन, आलिंगन और प्यार भरी बातें तो करते थे, पर उस से आगे नहीं बढ़ते थे. बीच में एक महीने के लिए मैं मायके आ गई. ससुराल लौटी तो हम मन से काफी करीब आ चुके थे. वैसे भी मैं स्कूली दिनों में खूब खेलतीकूदती थी और साइकिल भी चलाती थी. पति भी धैर्य वाला मिल गया. इसलिए दर्द नहीं हुआ. हुआ भी तो जोश और आनंद में पता ही नहीं चला.’’

पतिपत्नी के पहले मिलन को ले कर अनेक तरह के किस्से, आशंकाएं और भ्रांतियां सुनने को मिलती हैं. पुरुषों को अपने सफल होने की आशंका के बीच यह उत्सुकता भी रहती है कि पत्नी वर्जिन है या नहीं. उधर, स्त्री के मन में पहली बार के दर्द को ले कर डर बना रहता है.

आजकल युवतियां घर में ही नहीं बैठी रहतीं. वे साइकिल चलाती हैं, खेलकूद में भाग लेती हैं, घरबाहर के बहुत सारे काम करती हैं. ऐक्सरसाइज करती हैं, नृत्य करती हैं. ऐसे में जरूरी नहीं कि तथाकथित कुंआरेपन की निशानी यानी उन के यौनांग के शुरू में पाई जाने वाली त्वचा की झिल्ली शादी होने तक कायम ही रहे. कई तरह के शारीरिक कार्यों के दौरान पैरों के खुलने और जननांगों पर जोर पड़ने से यह झिल्ली फट जाती है, इसलिए जरूरी नहीं कि पहले मिलन के दौरान खून का रिसाव हो ही. रक्त न निकले तो पुरुष को पत्नी पर शक नहीं करना चाहिए.

अब सवाल यह उठता है कि जिन युवतियों के यौनांग में यह झिल्ली विवाह के समय तक कायम रहती है, उन्हें दर्द होता है या नहीं. दर्द का कम या ज्यादा होना झिल्ली के होने न होने और पुरुष के व्यवहार पर निर्भर करता है. कई युवतियों में शारीरिक कार्यों के दौरान झिल्ली पूरी तरह हटी हो सकती है तो कई में यह थोड़ी हटी और थोड़ी उसी जगह पर उलझी हो सकती है. कई में यह त्वचा की पतली परत वाली होती है तो कई में मोटी होती है.

स्थिति कैसी भी हो, पुरुष का व्यवहार महत्त्वपूर्ण होता है. जो पुरुष लड़ाई के मैदान में जंग जीतने जैसा व्यवहार करते हैं, वे जोर से प्रहार करते हैं, जो स्त्री के लिए तीखे दर्द का कारण बन जाता है. ऐसे पुरुष यह भी नहीं देखते कि संसर्ग के लिए राह पर्याप्त रूप से नम और स्निग्ध भी हुई है या नहीं. उन के कानों को तो बस स्त्री की चीख सुनाई देनी चाहिए और आंखों को स्त्री के यौनांग से रक्त का रिसाव दिखना चाहिए. ऐसे पुरुष, स्त्री का मन नहीं जीत पाते. मन वही जीतते हैं जो धैर्यवान होते हैं और तन के जुड़ने से पहले मन के तार जोड़ते हैं व स्त्री के संसर्ग हेतु तैयार होने का इंतजार करते हैं.

भले ही आप पहली सहेली के पति की तरह महीना, डेढ़ महीना इंतजार न करें पर एकदम से संसर्ग की शुरुआत भी न करें. पत्नी से खूब बातें करें. उस के मन को जानने और अपने दिल को खोलने की कोशिश करें. पर्याप्त चुंबन, आलिंगन करें. यह भी देखें कि पत्नी के जननांग में पर्याप्त गीलापन है या नहीं. दर्द के डर से भी अकसर गीलापन गायब हो जाता है. ऐेसे में किसी अच्छे लुब्रीकैंट, तेल या घी का इस्तेमाल करना सही रहता है. शुरुआत में धीरेधीरे कदम आगे बढ़ाएं. इस से आप को भी आनंद आएगा और पत्नी को दर्द भी कम होगा.

कई युवतियों के लिए सहवास आनंद के बजाय दर्द का सबब बन जाता है. ऐसा कई कारणों से होता है, जैसे :

कुछ युवतियों में वल्वा यानी जांघों के बीच का वह स्थान जो हमें बाहर से दिखाई देता है और जिस में वेजाइनल ओपनिंग, यूरिथ्रा और क्लीटोरिस आदि दिखाई देते हैं, की त्वचा अलग प्रकार की होती है, जो उन्हें इस क्रिया के दौरान पीड़ा पहुंचाती है. त्वचा में गड़बड़ी से इस स्थान पर सूजन, खुजली, त्वचा का लाल पड़ जाना और दर्द होने जैसे लक्षण उभरते हैं. त्वचा में यह समस्या एलर्जी की तरह होती है और यह किसी साबुन, मूत्र, पसीना, मल या पुरुष के वीर्य के संपर्क में आने से हो सकती है.

सहवास के दौरान दर्द होने पर तुरंत डाक्टर को दिखाना चाहिए. सहवास से पहले पर्याप्त लुब्रीकेशन करना चाहिए. पुरुष को यौनांग आघात में बल का प्रयोग नहीं करना चाहिए. वही काम मुद्राएं अपनानी चाहिए जिन में स्त्री को कम दर्द होता हो. इस से भी जरूरी बात यह है कि पहले मन के तार जोडि़ए. ये तार जुड़ गए तो तन के तार बहुत अच्छे और स्थायी रूप से जुड़ जाएंगे.    – सहवास के दौरान पर्याप्त लुब्रीकेशन न होने से भी महिला को दर्द का एहसास हो सकता है.

– महिला यौनांग में यीस्ट या बैक्टीरिया का इन्फैक्शन भी सहवास में दर्द का कारण बनता है.

– एक बीमारी एंडोमेट्रिआसिस होती है, जिस में गर्भाशय की लाइनिंग शरीर के दूसरे हिस्सों में बनने लगती है. ऐसा होने पर भी सहवास दर्दनाक हो जाता है.

– महिला के यौनांग की दीवारों के बहुत पतला होने से भी दर्द होता है.

– यूरिथ्रा में सूजन आ जाने से भी सहवास के दौरान दर्द होता है.

मेरे पति संबंध बनाते समय एक मिनट में ही पस्त हो जाते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी शादी को 6 महीने हो गए हैं? जब मैं पति के साथ संबंध बनाती हूं तो वे एक मिनट में ही पस्त हो जाते हैं. उन से अपने दिल की बात कहती हूं तो वे नाराज हो जाते हैं. इस के लिए हमें क्या करना चाहिए?

जवाब

समय से पहले पस्त होना यानी प्रीमैच्योर इजैकुलेशन तब होता है, जब कोई जिस्मानी रिश्ता बनाने से पहले या कुछ ही देर में अपनी इच्छा से पहले ही पस्त हो जाता?है. इस की वजह से सैक्स बहुत ही कम समय का और दोनों साझेदारों के लिए नाकाफी होता है. तनाव और परेशानी की वजह से यह समस्या बढ़ सकती है. आप को अपने साथी से सैक्स समस्याओं का इलाज करने वाले किसी ऐसे डाक्टर से मुलाकात करने के लिए कहना चाहिए, जो उन्हें कुछ ऐसी तकनीकें बता सके? जिन से दवाओं का इस्तेमाल किए बिना सैक्स के समय को बढ़ाया जा सके.

कई महिलाओं की शिकायत होती है कि उन के पति में अब पहले वाला जोश नहीं रहा और वे अब सेक्स में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते. कई बार पुरुष चाह कर भी यौन समागम नहीं कर पाते क्योंकि उन के मन में डर या संकोच बैठ जाता है कि क्या वे सफलतापूर्वक यौन संबंध नहीं बना पाएंगे और अपनी पत्नी को संतुष्ट नहीं कर पाएंगे. उन का पुराना जोश और उमंग वापस लौटा कर अपनी सेक्स लाइफ को आनंदमयी बनाने के लिए आप अपना सकती हैं ये उपाय:

भारी न पड़े काम

उन्हें प्रेमपूर्वक समझाएं कि आप का कैरियर बेशक बेहद महत्त्वपूर्ण है और उसे पूरा समय देना भी जरूरी है, लेकिन इसे बैडरूम में घुसा लेना ‘बैड हैबिट’ ही माना जाएगा. जितना औफिस का काम कैरियर लाइफ के लिए जरूरी है, उतना ही शयनकक्ष का काम पर्सनल लाइफ के लिए जरूरी है. कमाई सुख के लिए की जाती है और आप सुख से ही वंचित रह जाएं तो ऐसी कमाई से क्या फायदा? मस्तिष्क दूसरे जंजाल से मुक्त रहेगा तभी शरीर के दूसरे अंगों को अपना काम करने का सही निर्देश दे पाएगा. इसलिए औफिस का काम औफिस में ही छोड़ कर आएं ताकि घर पर एकाग्रता और सुकून के साथ घर का काम कर सकें.

एक बार और ट्राई करें

सफलता का जो फौर्मूला कैरियर लाइफ या ऐकेडमिक लाइफ में काम करता है, वही यहां भी काम करता है. अगर आप के पति एक बार सेक्स करने में विफल हो गए और इरैक्शन से वंचित रह गए, तो इस का मतलब यह कतई नहीं है कि ऐसा बारबार होगा. ‘ट्राई वन मोर टाइम’ का फौर्मूला यहां भी लागू होता है. उन से खुल कर बात करें और बताएं कि अगर आप हस्तमैथुन करते वक्त उत्तेजित हो जाते हैं और इंटरकोर्स के वक्त नहीं हो पाते, तो जाहिर है प्रौब्लम अंग में नहीं उमंग में है यानी आप के दिमाग में झूठा भय समा चुका है.

दुत्कारें नहीं पुचकारें

पति आप के पास आएं, आप को सहलाएं और चूमने की कोशिश करें तो उन्हें दुत्कार कर दूर न भगाएं. इस से उन का उत्साह ठंडा पड़ जाएगा और वे अच्छे तरीके से परफौर्म नहीं कर पाएंगे. आप भी उतनी ही गर्मजोशी से उन्हें पुचकारें, दुलारें, सहलाएं और चूमें. इस से उन के मन में आत्मवश्वास लौटेगा और सेक्स की भावना भी जाग्रत होगी. ज्यादतर मामलों में ऐसी स्थिति में इरैक्शन न होने की समस्या भी हल हो जाती है. आप का स्पर्श और चुंबन उन के लिए सेक्स के मामले में टौनिक का काम करेगा.

व्यायाम से बनेगा काम

उन्हें शारीरिक रूप से ऐक्टिव रहने और नियमित व्यायाम करने के लिए प्रेरित करें और जरूरत पड़े तो आप भी उन का साथ दें. वे टालमटोल करें, तो उन्हें समझाएं कि इस का असर उन के और आप के यौन जीवन पर पड़ रहा है. ऐक्सरसाइज न करने या ऐक्टिव न रहने से ब्लड सर्कुलेशन दुरुस्त नहीं रहता, जिस का सीधा असर उत्तेजना और इरैक्शन पर पड़ता है. इसलिए रोज पुश अप्स, स्पौट जौगिंग और वौकिंग के लिए समय जरूर निकालें.

धुएं में न उड़ाएं जिंदगी का मजा

सिगरेट को स्टाइल स्टेटमैंट समझना बंद कर दें. पति को समझाएं कि धुआं सिगरेट का नहीं उन की जिंदगी का उड़ रहा है. कई अध्ययनों से पता चल चुका है कि स्मोकिंग से नपुंसकता की समस्या हो सकती है. शराब पीना भी कोई अच्छी बात नहीं है. शराब पीने से सेहत चौपट हो जाती है, लिवर नष्ट होने लगता है और जाहिर सी बात है स्वास्थ्य दुरुस्त नहीं रहता, तो इरैक्शन में प्रौब्लम आती है.

वेट को करें सैट

मोटापा अपनेआप में ही एक बीमारी है और यह अपने साथ कई बीमारियों को भी लाता है. वजन ज्यादा रहेगा, तो शरीर में लचीलापन नहीं रहेगा. लचीलापन नहीं रहेगा, तो पुरुष सेक्स क्या खाक करेगा वजन अनियंत्रित रहने पर शरीर में शुगर बढ़ जाती है. नतीजा, डायबिटीज. डायबिटीज तो इरैक्शन का दुश्मन नंबर वन है. वैसे भी मोटापा हार्ट डिजीज, हाई ब्लडप्रैशर, हाई कोलैस्ट्रौल वगैरह का सबब बन सकता है. इसलिए उन्हें वजन कम रखने, पौष्टिक भोजन करने और अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रेरित करें.

सेक्स की गलतफहमी: पति-पत्नी के संबंधों में डालती दरार

‘तुम पापा बनने वाले हो…’ रमेश की नईनवेली पत्नी मोना ने जब शादी के एक महीने के बाद उसे फोन पर यह खुशखबरी दी, तो वह खुशी से झूमने लगा. उस की शादी के बाद पत्नी के साथ ज्यादा समय न बिताने की कसक मन से दूर हो गई थी. उस की आंखों के सामने उस का बच्चा घूमने लगा. उस ने पत्नी को अपना खयाल रखने की बात कही. इस के बाद वह फैक्टरी में काम करने चला गया.

रमेश की आंखों के सामने शादी से सुहागरात तक के पल घूमने लगे. वह 6 दिन की छुट्टी ले कर आया था. उन में से 3 दिन शादी में निकल गये थे. रमेश को सब से ज्यादा चिंता अपनी सुहागरात को ले कर थी.

घर पर रमेश को पता चला कि उस की सुहागरात तो 2 दिन बाद ही होगी, क्योंकि अभी घर में पूजा नहीं हुई है. उस की परेशानी बढ़ती जा रही थी. आखिरकार उसे छुट्टी के आखिरी दिन पत्नी के साथ सुहागरात मनाने का मौका मिला.

रमेश की नौकरी नई थी. इस वजह से वह अपनी छुट्टी रद्द नहीं कर सकता था. मन मार कर वह वापस मुंबई चला गया. उसे पता था कि अब 6 महीने के बाद ही उसे वापस आने को मिलेगा.

मुंबई पहुंच कर रमेश को बारबार पत्नी मोना की याद आती रही. मोबाइल पर उस से बातचीत करके मन को संतोष मिल रहा था. ऐसे करते एक महीने का समय कब गुजर गया पता ही नहीं चला.

आज फैक्टरी पहुंच कर रमेश बहुत खुश था. उस की खुशी किसी से छिपाए नहीं छिप रही थी. दोपहर खाने की छुट्टी हुई तो उस के दोस्त महेश ने पूछा, ‘रमेश भाई, क्या बात है, आज बहुत खुश नजर आ रहे हो?’

‘भाई, घर से पत्नी का फोन जो आया था,’ रमेश ने चुटीले अंदाज में जवाब दिया.

‘फोन तो रोज ही आता है. नईनई शादी के बाद कुछ दिन खूब फोन आते हैं. भाभी को तेरी याद जो आ रही होगी,’ दूसरे साथी रामपाल ने भी उसी मजाकिया लहजे में बात की.

‘आज का फोन कुछ खास था. आज उस ने खुशखबरी दी है कि मैं बाप बनने वाला हूं. आज शाम को आप सब को मिठाई खिलाता हूं.’

‘क्या… तुम बाप बनने वाले हो?पर कैसे? अरे भाई, तुम तो कह रहे थे कि तुम ने केवल एक बार ही पत्नी के साथ सेक्स किया है. कहीं एक बार सेक्स करने से कोई बाप बनता है भला. मुझे तो डाक्टर ने सलाह दी थी कि मैं अपनी पत्नी के साथ रोज सेक्स करूं. दिन में कई बार करूं तो जल्दी बच्चा ठहरेगा. इस के बावजूद 2 साल के बाद बच्चा ठहरा था,’ महेश बोला.

महेश की बातें सुन कर रमेश सोच में पड़ गया. उसे अपनी पत्नी पर शक होने लगा. महेश ने इस शक को और भी पुख्ता कर दिया, जब वह बोला, ‘भाई, आजकल की लड़कियों का कोई भरोसा नहीं होता. मेरी मान तो अपनी पत्नी से सही तरह से बात कर ले.’

रमेश की हिम्मत मोना से बात करने की तो नहीं हुई, पर उस ने मां से पूछा तो पता चला कि मोना तो शादी के बाद से अपने मायके तो क्या, घर बाहर ही नहीं गई. जब वह घर से बाहर जाती भी थी तो मां साथ होती थीं.

अपनी मां से बात करने के बाद भी रमेश के मन का वहम दूर नहीं हो रहा था. उस की फैक्टरी में हर बुधवार को एक डाक्टर साहब आते थे. वे बातचीत में खुले दिल के थे. रमेश ने सोचा कि क्यों न एक बार डाक्टर साहब से बात की जाए?

रमेश समय निकाल कर डाक्टर प्रशांत के पास गया और उन को पूरी बात बताई. साथी महेश ने जो कहा था, वह भी बताया.

रमेश की बात सुन कर डाक्टर प्रशांत समझ चुके थे कि नासमझी में महेश ने जो कह दिया है उस से रमेश के मन में शक का कीड़ा घुस गया है. जब तक पूरी बात नहीं समझाई जाएगी, तब तक बात सुलझेगी नहीं.

डाक्टर प्रशांत ने रमेश और महेश  दोनों को पास बुलाया और कहा, ‘देखो रमेश, जब एक बालिग उम्र के लोग सेक्स संबंध बनाते हैं, तो पहली बार में भी बच्चा ठहर सकता है. पेट में बच्चा ठहरने के लिए पत्नी के अंडाणु और पति के शुक्राणुओं का मिलना खास होता है. अंडाणु और शुक्राणु का यह मिलन कभी भी हो सकता है. कई बार यह मिलन पहली बार सेक्स संबंध बनाने में ही हो जाता है, तो कई बार लगातार सेक्स करने के बाद भी यह मिलन नहीं हो पाता है. कई बार पति या पत्नी के बीच लगातार सेक्स करने के बाद भी बच्चा नहीं ठहरता, तो डाक्टर दवा देने के साथसाथ कई बार सेक्स करने की भी सलाह देते हैं.’

डाक्टर प्रशांत के सामने महेश ने माना कि उसे शादी के 2 साल बाद तक तब बच्चा नहीं हुआ तो उस ने पत्नी के साथ अपना भी इलाज कराया था. तब डाक्टर ने कहा कि था कि दिन में कई बार सेक्स करोगे तो बच्चा जल्दी ठहरने की उम्मीद ज्यादा होती है.

डाक्टर प्रशांत ने उन दोनों को समझाते हुए कहा, ‘माहवारी के बाद कुछ दिन ऐसे होते हैं, जब सेक्स करने के बाद बच्चा ठहरने की उम्मीद सब से ज्यादा होती है. इन दिनों में औरत के अंडाणु बनते हैं. ये अंडाणु ताकतवर होते हैं. इन की गति तेज होती है. इन की संख्या भी ज्यादा होती है. ऐसे में आदमी के शुक्राणु से मिलने के बाद निषेचन की उम्मीद ज्यादा रहती है. निषेचन के बाद पेट में बच्चा ठहर जाता है.’

डाक्टर की बात सुन कर रमेश और महेश दोनों बहुत शर्मिंदा थे. महेश ने कहा, ‘डाक्टर साहब, आप का बहुतबहुत धन्यवाद. नासमझी में मैं ने रमेश के मन में शक बिठा दिया था. आप ने सही बात बता कर न केवल हमारे शक को दूर किया है, बल्कि रमेश की टूटती गृहस्थी को बचा लिया.’

इस के बाद रमेश और महेश मिठाई की दुकान पर गए. महेश ने कहा, ‘भाई, यह मिठाई हमारी ओर से अपनी नादानी दूर होने की खुशी में.’

मिठाई खाने से पहले रमेश ने अपनी पत्नी मोना को फोन कर उसे बधाई दी और कहा, ‘तुम अपना और बच्चे का खयाल रखना. हम तुम्हारे लिए झुमके ले कर जल्दी ही घर आ रहे हैं.’

रमेश मिठाई ले कर डाक्टर प्रशांत के पास गया और बोला, ‘डाक्टर साहब, आप ने मेरी शादी बचा ली, नहीं तो मैं अपनी पत्नी को चरित्रहीन मान चुका था. अपनी मां से पूछताछ भी कर डाली थी. मुझे तनाव के दलदल से बचाने के लिए आप का शुक्रिया.’

प्राइवेट पार्ट की इस तरह रखें साफ सफाई

– एम. कुमार मनोज

पूरे बदन की साफसफाई के प्रति लापरवाही न बरतने वाले मर्द भी अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई पर खास ध्यान नहीं देते हैं, जिस की वजह से वे कई तरह के खतरनाक इंफैक्शन के शिकार हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि प्राइवेट पार्ट की साफसफाई कैसे की जाती है और उस से होने वाले फायदों के बारे में:

बालों की छंटाई करें

प्राइवेट पार्ट के आसपास के अनचाहे बालों की समयसमय पर सफाई करनी चाहिए, वरना बाल बड़े हो जाते हैं. इस की वजह से ज्यादा गरमी पैदा होती है और इन बालों की वजह से ज्यादा पसीना निकलने लगता है. बदबू भी आने लगती है. बैक्टीरिया पैदा होने से इंफैक्शन फैल जाता है. इस वजह से चमड़ी खराब हो जाती है. खुजली, दाद वगैरह की समस्या पैदा हो जाती है.

देखा गया है कि अनचाहे बाल लंबे व घने हो जाने से उन में जुएं भी हो जाती हैं, इसलिए उन्हें समयसमय पर साफ करते रहना चाहिए. प्राइवेट पार्ट के अनचाहे बालों की सफाई के लिए कैंची से छंटाई करना अच्छा उपाय है. इस के अलावा ब्लेड  या हेयर रिमूवर क्रीम का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

सावधानी

प्राइवेट पार्ट के अनचाहे बालों की सफाई जल्दबाजी, हड़बड़ी या डर कर न करें.

छंटाई के लिए छोटी धारदार कैंची का इस्तेमाल करें. अनचाहे बालों को अगर रेजर से साफ करना चाहते हैं, तो नए ब्लेड का इस्तेमाल करें.

पहले इस्तेमाल किए ब्लेड से बाल ठीक तरह से नहीं कटते हैं. उलटा ब्लेड कभी न चलाएं, इस से चमड़ी पर फोड़ेफुंसी होने का डर रहता है.

हेयर रिमूवर क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले एक बार टैस्ट जरूर कर लें. अगर उस से एलर्जी होती है, तो इस्तेमाल न करें.

अंग दिखेगा बड़ा

प्राइवेट पार्ट के एरिया में बाल बड़े हो जाने से अंग उन में छिप जाता है, जिस से उस का आकार छोटा दिखाई देने लगता है. अनचाहे बालों को साफ करने से अंग का आकार बड़ा दिखने लगता है. इसे देख कर आप की पार्टनर ज्यादा मोहित होती है. प्यार के पलों के समय वह ज्यादा सहज महसूस करती है.

सेहतमंद महसूस करेंगे

प्राइवेट पार्ट के एरिया को साफ रखने से अंग सेहतमंद दिखाई देता है. आप भी संतुष्ट महसूस करते हैं, क्योंकि आप निश्चिंत हो जाते हैं कि अब आप को किसी तरह का इंफैक्शन नहीं है.

यह भी करें

अंग की नियमित सफाई करें. अंग के ऊपर की त्वचा को सावधानी के साथ पीछे की ओर ले जाएं. वहां सफेदपीला क्रीमनुमा चीज जमा होती है. यह पूरी तरह से कुदरती होती है. इस की नियमित सफाई न करने से बदबू आने या इंफैक्शन फैलने का डर बना रहता है. रोजाना नहाते समय कुनकुने पानी से इसे साफ करना चाहिए.

पेशाब करने के बाद अंग को अच्छी तरह से हिला कर अंदर रुके पेशाब को जरूर निकाल दें. इसे अपनी आदत में शुमार करें, क्योंकि अंग के अंदर रुका हुआ पेशाब बुढ़ापे में प्रोटैस्ट कैंसर के रूप में सामने आ सकता है.

माहिर डाक्टरों का कहना है कि अगर अंग के अंदर का पेशाब अच्छी तरह से निकाल दिया जाए, तो प्रोटैस्ट कैंसर का डर खत्म हो जाता है.

अंडरगारमैंट्स पर ध्यान दें

रोजाना नहाने के तुरंत बाद ही अपने अंडरगारमैंट्स को  बदलें. कई दिनों तक इस्तेमाल किए गए अंडरगारमैंट्स पहनने से प्राइवेट पार्ट के एरिया में इंफैक्शन फैलने का डर बढ़ जाता है. दूसरों के अंडरगारमैंट्स, साबुन वगैरह इस्तेमाल न करें. इस से भी इंफैक्शन फैलने का डर रहता है.

नहाने के बाद इस एरिया को तौलिए से अच्छी तरह से सुखा लें. हमेशा सूती अंडरगारमैंट्स पहनें. नायलौन के अंडरगारमैंट्स कतई न पहनें, क्योंकि उन में से हवा पास नहीं हो पाती है. इस वजह से प्राइवेट पार्ट के एरिया को भी अच्छी तरह से हवा नहीं मिल पाती है, जिस से कई तरह की बीमारियां पैदा हो सकती हैं.

सैक्स संबंध बनाने के बाद

सैक्स संबंध बनाने के बाद अंग को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए, क्योंकि सैक्स के समय व बाद में इस के अंदर कई तरह के स्राव बनते हैं. इन्हें साफ न करने पर इंफैक्शन हो सकता है. इस एरिया को पानी से साफ करें. सफाई करने के बाद अंग को अच्छी तरह से पोंछ कर सुखा लें.

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