मुझे एक मुसलिम लड़की से प्यार हो गया है, डरता हूं वह बेइज्जती न कर दे,सलाह दें

सवाल
मैं 20 साल का अविवाहित युवक हूं. मैं जहां नौकरी करता हूं वहां मुझे एक मुसलिम लड़की से प्यार हो गया है. चूंकि मैं हिंदू हूं, इसलिए उस से अपनी फीलिंग्स शेयर करने से डरता हूं. वह नहीं जानती कि मैं हिंदू हूं. लेकिन मैं जब भी उस की तरफ देखता हूं तो उसे भी अपनी तरफ देखता हुआ पाता हूं. मैं जिस दिन भी उसे नहीं देखूं, मुझे पूरा दिन अच्छा नहीं लगता. मैं सोचता हूं कि उस से अपनी फीलिंग्स शेयर करूं लेकिन डरता हूं कि कहीं वह चीखचिल्ला कर मेरी बेइज्जती न कर दे.

जवाब

आप जो भी सोच रहे हैं सिर्फ अपने मन में सोच रहे हैं कि कहीं वह लड़की आप के हिंदू होने की बात जान कर आप को रिजैक्ट न कर दे या वह भी आप को चाहती है. आप की समस्या का हल सिर्फ उस से खुल कर बात करने में है.

आप उस से बात करें व जानें कि वह आप के बारे में क्या सोचती है, तभी आगे बढ़ें. क्या पता उस के व उस के परिवार के लिए हिंदू मुसलिम वाली बात कोई महत्त्व ही न रखती हो या फिर उस के मन में आप के लिए कोई फीलिंग ही न हो, जैसा आप सोच रहे हैं.

इसलिए हर बात का खुलासा सिर्फ उस से बात करने से होगा. बिना डरे उस से अपने मन की बात कहें और हर परिस्थिति के लिए तैयार रहें.

सेक्स, क्या वाकई में प्यार है? आप भी जानिए

सच्चे प्रेम से खिलवाड़ करना किसी बड़े अपराध से कम नहीं है. प्रेम मनुष्य को अपने अस्तित्व का वास्तविक बोध करवाता है. प्रेम की शक्ति इंसान में उत्साह पैदा करती है. प्रेमरस में डूबी प्रार्थना ही मनुष्य को मानवता के निकट लाती है.

मुहब्बत के अस्तित्व पर सैक्स का कब्जा

आज प्रेम के मानदंड तेजी से बदल रहे हैं. त्याग, बलिदान, निश्छलता और आदर्श में खुलेआम सैक्स शामिल हो गया है.

प्रेम की आड़ में धोखा दिए जाने वाले उदाहरणों की शृंखला छोटी नहीं है और शायद इसी की जिम्मेदारी बदलते सामाजिक मूल्यों और देरी से विवाह, सच को स्वीकारने पर डाली जा सकती है. प्रेम को यथार्थ पर आंका जा रहा है. शायद इसी कारण प्रेम का कोरा भावपक्ष अस्त हो रहा है यानी प्रेम की नदी सूख रही है और सैक्स की चाहत से जलराशि बढ़ रही है.

विकृत मानसिकता व संस्कृति

आज के मल्टी चैनल युग में टीवी और फिल्मों ने जानकारी नहीं मनोरंजन ही परोसा है. समाज द्वारा किसी भी रूप में भावनाओं का आदर नहीं किया जाता. प्रेम का मधुर एहसास तो कुछ सप्ताह तक चलता है. अब तन के उपभोग की अपेक्षा है.

क्षणिक होता मुहब्बत का जज्बा

प्रेम अब सड़क, टाकीज, रेस्तरां और बागबगीचों का चटपटा मसाला बन गया है. वर्तमान प्रेम क्षणिक हो चला है, वह क्षणभर दिल में तूफान ला देता है और अगले ही पल बिलकुल खामोश हो जाता है. युवा आज इसी क्षणभर के प्रेम की प्रथा में जी रहे हैं.

एक शोध के अनुसार, 86% युवाओं की महिला मित्र हैं, 92% युवक ब्लू फिल्म देखते हैं, तो 62% युवक और 38% युवतियों ने विवाहपूर्व शारीरिक संबंध स्थापित किए हैं.

यही है मुहब्बत की हकीकत

एक नई तहजीब भी इन युवाओं में गहराई से पैठ कर रही है, वह है डेटिंग यानी युवकयुवतियों का एकांत मिलन.

शोध के अनुसार, 93% युवकयुवतियों ने डेटिंग करना स्वीकार किया. इन में से एक बड़ा वर्ग डेटिंग के समय स्पर्श, चुंबन या सहवास करता है. इस शोध का गौरतलब तथ्य यह है कि अधिकांश युवक विवाहपूर्व यौन संबंधों के लिए अपनी मंगेतर को नहीं बल्कि किसी अन्य युवती को चुनते हैं. पहले इस आयु के युवाओं को विवाह बंधन में बांध दिया जाता था और समय आने तक जोड़ा दोचार बच्चों का पिता बन चुका होता था.

अमीरी की चकाचौंध में मदहोश प्रेमी

मृदुला और मनमोहन का प्रेम कालेज में चर्चा का विषय था. दोनों हर जगह हमेशा साथसाथ ही दिखाई देते थे. मनमोहन की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. वह मध्यवर्गीय परिवार से था, लेकिन मृदुला के सामने खुद को थोड़ा बढ़ाचढ़ा कर दिखाने की कोशिश में रहता था. वह मृदुला को अपने दोस्त की अमीरी और वैभव द्वारा प्रभावित करना चाहता था. दूसरी ओर आदेश पर भी अपना रोब गांठना चाहता था कि धनदौलत न होने पर भी वह अपने व्यक्तित्व की बदौलत किसी खूबसूरत युवती से दोस्ती कर सकता है.

लेकिन घटनाचक्र ने ऐसा पलटा खाया कि जिस की मनमोहन ने सपने में भी कल्पना नहीं की थी. उस की तुलना में अत्यंत साधारण चेहरेमुहरे वाला आदेश अपनी अमीरी की चकाचौंध से मृदुला के प्यार को लूट कर चला गया.

मनमोहन ने जब कुछ दिन बाद अपनी आंखों से मृदुला को आदेश के साथ उस की गाड़ी से जाते देखा तो वह सोच में पड़ गया कि क्या यह वही मृदुला है, जो कभी उस की परछाईं बन उस के साथ चलती थी. उसे अपनी बचकानी हरकत पर भी गुस्सा आ रहा था कि उस ने मृदुला और आदेश को क्यों मिलवाया.

कालेज में मनमोहन की मित्रमंडली के फिकरों ने उस की कुंठा और भी बढ़ा दी.

प्रेम संबंधों में पैसे का महत्त्व

प्रेम संबंधों के बीच पैसे की महत्ता होती है. दोस्ती का हाथ बढ़ाने से पहले युवक की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रख कर निर्णय लेना चाहिए. प्रेमी का यह भय सही है कि यदि वह अपनी प्रेमिका को महंगे उपहार नहीं देगा तो वह उसे छोड़ कर चली जाएगी. कोई भी युवती अपने प्रेमी को ठुकरा कर एक ऐसा नया रिश्ता स्थापित कर सकती है, जिस का आधार स्वाभाविक प्यार न हो कर केवल घूमनेफिरने और मौजमस्ती करने की चाह हो. युवकों को पैसे के अनुभव के बावजूद अपनी प्रेमिकाओं और महिला मित्रों को प्रभावित करने के लिए हैसियत से ज्यादा खर्च करना होगा.

प्रेम में पैसे का प्रदर्शन, बचकानी हरकत

छात्रा अरुणा का विचार है कि अधिकतर युवक इस गलतफहमी का शिकार होते हैं कि पैसे से युवती को आकर्षित किया जा सकता है. यही कारण है कि ये लोग कमीज के बटन खोल कर अपनी सोने की चेन का प्रदर्शन करते हैं. सड़कों, पान की दुकानों या गलियों में खड़े हो कर मोबाइल पर ऊंची आवाज में बात करते हैं या गाड़ी में स्टीरियो इतना तेज बजाते हैं कि राह चलते लोग उन्हें देखें.

हैसियत की झूठी तसवीर पेश करना घातक

अरुणा कहती है कि कुछ लोग प्रेमिका से आर्थिक स्थिति छिपाते हैं तथा अपनी आमदनी, वास्तविक आय से अधिक दिखाने के लिए अनेक हथकंडे अपनाते हैं. इसी संबंध में उन्होंने अपने एक रिश्तेदार का जिक्र किया जो एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे. विवाह के तुरंत बाद उन्होंने पत्नी को टैक्सी में घुमाने, उस के लिए ज्वैलरी खरीदने तथा उसे खुश रखने के लिए इस कदर पैसा उड़ाया कि वे कर्ज में डूब गए. कर्ज चुकाने के लिए जब उन्होंने कंपनी से पैसे का गबन किया तो फिर पकड़े गए.

परिणामस्वरूप अच्छीखासी नौकरी चली गई. इतना ही नहीं, पत्नी भी उन की ऐसी स्थिति देख कर अपने मायके लौट गई. अगर शुरू से ही वह चादर देख कर पैर फैलाते, तो यह नौबत न आती.

समय के साथ बदलती मान्यताएं

मीनाक्षी भल्ला जो एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, का कहना है कि प्यार में प्रेमीप्रेमिका दोनों ही जहां एकदूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने की भावना रखते हैं, वहीं अपने साथी से कुछ अपेक्षाएं भी रखते हैं.

व्यापार बनता आज का प्रेम

इस प्रकार के रवैए ने प्यार को एक प्रकार का व्यापार बना दिया है. जितना पैसा लगाओ, उतना लाभ कमाओ. कुछ मित्रों का अनुभव तो यह है कि जो काम प्यार का अभिनय कर के तथा झूठी भावुकता दिखा कर साल भर में भी नहीं होता, वही काम पैसे के दम पर हफ्ते भर में हो सकता है. अगर पैसे वाला न हो तो युवती अपना तन देने को तैयार ही नहीं होती.

नोटों की ऐसी कोई बौछार कब उन के लिए मछली का कांटा बन जाए, पता नहीं चलेगा. ऐसी आजाद खयाल या बिंदास युवतियों का यह दृष्टिकोण कि सच्चे आशिक आज कहां मिलते हैं, इसलिए जो भी युवक मौजमस्ती और घूमनेफिरने का खर्च उठा सके, आराम से बांहों में समय बिताने के लिए जगह का इंतजाम कर सके, उसे अपना प्रेमी बना लो.

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अगर बदले हुए लगे उनके मिजाज तो इन बातों का रखें ध्यान

भागदौड़ भरी जिंदगी और काम के अतिरिक्त बोझ से अगर पति पारिवारिक जीवन से सही तालमेल नहीं बैठा पा रहे हैं, तो घबराएं नहीं, उन का साथ दें. यकीनन दांपत्य महक उठेगा और सही माने में आप हैप्पी कपल कहलाएंगे.

जिंदगी का सफर उन पतिपत्नी के लिए और भी आसान बन जाता है, जो एकदूसरे को समझ कर चलते हैं. कई बार दिनबदिन बढ़ती जिम्मेदारियों व जीवन की आपाधापी की वजह से पति पारिवारिक जीवन में सही तालमेल नहीं रख पाते. जिस के कारण उन के व्यवहार में चिड़चिड़ापन व बदलाव आना स्वाभाविक होता है. ऐसी स्थिति में पत्नी ही पति के साथ सामंजस्य बैठा कर दांपत्य की गाड़ी को पटरी पर ला सकती है.

पति का सहयोग लें

पति की अहमियत को कम न आंकें. वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्याओं में उन की सलाह जरूर लें. परिवार की समस्याओं का समाधान अकेले न कर के उन का भी सहयोग लें. यकीनन उन के व्यवहार में बदलाव आएगा.

जब उम्मीदें पूरी नहीं होतीं

कई बार पति चाहते हैं कि घरेलू कामों में उन की साझेदारी कम से कम हो. लेकिन पत्नियां अगर कामकाजी हैं तो वे पति से घरेलू कामों में हाथ बंटाने की अपेक्षा करती हैं. इस स्थिति से उपजा विवाद भी पति के स्वभाव में बदलाव का कारण बनता है. ऐसे में कार्यों का बंटवारा आपसी सूझबूझ व प्यार से करें. फिर देखिएगा, पति खुशीखुशी आप का हाथ बंटाएंगे.

छोटी पोस्ट को कम न आंकें

एक प्राइवेट फर्म में मार्केटिंग मैनेजर की पोस्ट पर कार्यरत आराधना को यह शिकायत रहती थी कि उन के पति एक फैक्टरी में सुपरवाइजर की छोटी पोस्ट पर हैं. इसे ले कर दोनों में गाहेबगाहे तकरार भी होती थी, जिस से पति चिड़चिड़े हो उठे. घर में अशांति रहने लगी.

हार कर आराधना को साइकोलौजिस्ट के पास जाना पड़ा. उन्होंने समझाया कि पत्नी को पति के सुपरवाइजर पद को ले कर हीनभावना का शिकार नहीं बनना चाहिए और न ही पति की पोस्ट को कम आंकना चाहिए.

नजरिया बदलें

परिवार से जुड़ी छोटीछोटी समस्याओं का निबटारा स्वयं करें. रोज शाम को पति के सामने अपने दुख का पिटारा न खोलें. इस का सीधा असर पति के स्वभाव पर पड़ता है. वे किसी न किसी बहाने से ज्यादा समय घर के बाहर बिताने लगते हैं या स्वभाव से चिड़चिड़े हो जाते हैं.

संयुक्त परिवारों में रह रहे कपल्स में यह समस्या आम है. छोटीछोटी घरेलू समस्याओं का हल स्वयं निकालने से आप का आत्मविश्वास तो बढ़ेगा ही, पति भी आप जैसी समझदार पत्नी पर नाज करेंगे.

ज्यादा पजेसिव न हों

पति के पत्नी के लिए और पत्नी के पति के लिए जरूरत से ज्यादा पजेसिव होने पर दोनों में एकदूसरे के प्रति चिड़चिड़ाहट पैदा हो जाती है. अत: रिश्ते में स्पेस देना भी जरूरी है.

पति की महिला मित्रों या पत्नी के पुरुष मित्रों को ले कर अकसर विवाद पनपता है, जिस का बुरा असर आपसी रिश्तों पर व पतिपत्नी के व्यवहार पर पड़ता है. जीवनसाथी को हमेशा शक की निगाहों से देखने के बजाय उन पर विश्वास करना आवश्यक है.

ईर्ष्यालु न बनने दें

कभीकभी ऐसा भी होता है कि कैरियर के क्षेत्र में पत्नी पति से आगे निकल जाती है. इस स्थिति में पति के स्वभाव में बदलाव आना तब शुरू होता है, जब पत्नी अपने अधिकतर फैसलों में पति से सलाहमशवरा करना आवश्यक नहीं समझतीं.

ऐसे हालात अलगाव का कारण भी बन जाते हैं. अपनी तरक्की के साथसाथ पति की सलाह का भी सम्मान करें. इस से पति को अपनी उपेक्षा का एहसास भी नहीं होगा और रिश्ते में विश्वास भी बढ़ेगा.

खुल कर दें साथ

खुशहाल वैवाहिक जीवन जीने के लिए सैक्स संबंध में खुलापन भी बेहद जरूरी है. रोजरोज बहाने बना कर पति के आग्रह को ठुकराते रहने से एक समय ऐसा आता है कि पति आप से दूरी बनाने लगते हैं या कटेकटे से रहने लगते हैं, जिस से दांपत्य में नीरसता आने लगती है.

कभीकभी ऐसा हो सकता है कि आप पति का सहयोग करने में असक्षम हों. ऐसे में पति को प्यार से समझाएं. सैक्स में पति का खुल कर साथ दें, क्योंकि यह खुशहाल दांपत्य की ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की भी कुंजी है.

घर का बजट

घर का बजट संतुलित रखने की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी पत्नी के कंधों पर होती है. अनापशनाप खर्चों का बोझ जब पति पर पड़ने लगे तो वे चिड़चिड़े होने लगते हैं. इस समस्या से निबटने का सब से सरल उपाय है महीने भर के बजट की प्लानिंग करना व खर्चों को निर्धारित करना. समझदार गृहिणी की तरह जब आप अपने बजट के अलावा बचत भी करेंगी, तो आप के पति की नजरों में आप के लिए प्यार दोगुना हो जाएगा.

Top 10 Dating Tips in Hindi : टॉप 10 डेटिंग टिप्स हिंदी में

डेटिंग पर जाना एक खूबसूरत अहसास होता है. दरअसल डेटिंग के दौरान कपल एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझ पाते हैं.  लेकिन कई लोग पहली डेट के दौरान काफी नर्वस होते हैं. तो आज हम आपको इस खबर में सरस सलिल की Top 10 Dating Tips Story बताएंगे. जिससे आप अपनी डेट को यादगार बना सकते हैं.

  1. Dating में भूलकर भी न पूछे ये 8 सवाल

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डेटिंग पर जाना अब रूटीन बन गया है. आप एक क्यूट युवक से पार्टी में मिलीं और अगले ही दिन उस ने आप को डेट पर बुलाया तो आप मना करने से रहीं. हां, उस से मिलने जाने से पूर्व इतना जरूर सोचेंगी कि क्या पहनूं, मेकअप कैसा करूं और ऐक्सैसरीज में क्या अलग करूं. माना कि आप का आउटलुक महत्त्वपूर्ण है, आप के दिखने से आप का स्टेटस बनताबिगड़ता है, लेकिन इस से भी ज्यादा फर्क इस बात से पड़ेगा कि आप वहां क्या बातें करेंगी, किस अंदाज से बोलेंगी, बातचीत के टौपिक क्या होंगे.

अगर यह आप की पहली औफिशियल डेट है तो आप यह भी नहीं चाहेंगी कि आप की बातों से उसे कुछ गलत सिगनल मिले या बनतेबनते बात बिगड़ जाए और पहली डेट आखिरी बन कर रह जाए. तो जानिए, क्या बोलना है, कितना बोलना है? साथ ही यह भी कि कौनकौन सी बातें आप को कम से कम ‘फर्स्ट डेट’ पर कभी नहीं पूछनी चाहिए?

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2. अट्रैक्शन बढ़ाने के लिए करें ये 8 Exercises

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जवान होती युवतियों के लिए उन के शरीर की बनावट व कसावट बड़े मायने रखती है, जिस की बदौलत कोई भी युवती किसी युवक को अपनी तरफ न केवल आकर्षित कर सकती है, बल्कि उस के कैरियर को भी प्रभावित करती है. ऐसे में युवतियों के शरीर की कसावट ही उन की सुंदरता का निर्धारण करती है. किसी भी युवती की सुंदरता उस के नितंब के आकार व कसावट, त्वचा, कमर व स्तनों के चुस्तदुरुस्त होने से ही आंकी जा सकती है. शरीर के इन अंगों में ढीलापन किसी भी युवती के लिए दूसरे को अपनी ओर सैक्सुअली अट्रैक्ट करने में बाधक बनता है.

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3. 50+पुरुष डेटिंग के वक्त फिर से घर बसाने की नहीं सोचता!

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55 वर्षीय राजेश की पत्नी का देहांत करीब 5 साल पहले हो गया था. राजेश के दो बच्चे हैं, दोनो की शादी हो चुकी है. दोनों वेल सेटेल्ड हैं. राजेश सरकारी कर्मचारी है. दिखने में अभी भी शरीर लम्बा-चैड़ा और सुडौल है. चूंकि राजेश बच्चों से अलग रहता है इसलिए अपनी शारीरिक जरूरतों के लिए किसी महिला दोस्त की तलाश में भी रहता है और इर्दगिर्द तांकझांक भी करता है. लेकिन इस उम्र में वह शादी नहीं करना चाहता. उसे महिला दोस्त तो चाहिए, मगर जीवनसंगिनी नहीं.

कहने की बात यह है कि 50 साल पार करने के बाद महिला व पुरुष की सोच में जमीन-आसमान का अंतर आ जाता है. महिला 50 साल बाद भी यदि अपनी जिंदगी को नए सिरे से शुरुआत करती हैं तो वह कोशिश करती है कि किसी के साथ सेटेल हो. जबकि 50+का पुरुष मौज मस्ती और जिंदगी जीने पर यकीन रखता है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि 25 वर्षीय युवा और 50 वर्षीय अधेड़ पुरुषों की सोच में अच्छा खासा पफर्क होता है. 50 साल का व्यक्ति ज्यादा समझदार, व्यवहारिक और लॉजिकल तरीके से सोचते वाला होता है. इसलिए दोनो का डेटिंग फंडा भी एक दूसरे से भिन्न होता है.

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4. Dating Tips: क्यों जरूरी है डेटिंग

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आज की व्यस्त जिंदगी में प्यार की राह में कदम बढ़ाने से पहले लड़का और लड़की एकदूसरे के बारे में काफी कुछ जान लेना चाहते हैं. इस के लिए वे डेट पर जाने का प्लान करते हैं. वैसे भी कुछ मुलाकातें किसी भी प्यार भरे रिश्ते को पूरा करने के लिए बहुत जरूरी होती हैं. ये मुलाकातें ही तय करती हैं कि आप का फ्यूचर कैसा होगा.

फिल्म लाइफ इन मैट्रोका हीरो

इरफान खान और हीरोइन कोंकणा सेन प्लान कर के पहली डेट पर मिलते हैं. लेकिन पहली बार मिलने पर इरफान की नजर कोंकणा पर कम उस के कपड़ों और फीगर पर ज्यादा होती है. ऐसे में कोंकणा का मूड खराब हो जाता है और वह सोचने लगती है कि कैसा है यह? इस का तो मेरे कपड़े और फीगर पर ही ध्यान है. अत: कोंकणा सेन को डेट पसंद नहीं आती है.

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5. भूलकर भी न करें मैरिड लोगों को डेट, ये हैं 5 वजह

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किसी भी मैरिड व्यक्ति से प्रेम करना और उसे लेकर अपने फ्यूचर के बारे में सोचना आपको परेशानी में डाल सकता है. रिसर्च के अनुसार,  शादीशुदा व्यक्ति से संबंध रखने में आपको कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. तो आइए जानते हैं, क्यों कहा जाता है कि मैरिड व्यक्ति से भूलकर भी दिल नहीं लगाना चाहिए.

किसी ने सच कहा है, ‘प्यार सोच समझकर नहीं किया जाता, ये तो बस हो जाता है. प्यार तो एक खूबसूरत एहसास है, जिसमें नफा-नुकसान कुछ भी दिखाई नहीं देता.’ ये दो दिलों को एक कर देता है. पर हां, रूकिये-रूकिये अगर आप किसी शादीशुदा महिला या पुरुष को डेट कर रहे हैं या करने जा रहे हैं  तो ये खबर जरूर पढ़ें.

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6. बड़ी उम्र के पुरुषों से क्यों आकर्षित होती हैं लड़कियां

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कार्यालय में चर्चा का बाजार कुछ ज्यादा ही गरम था. पता चला कि नेहा ने अपने से उम्र में 15 साल बड़े अधिकारी प्रतीक से विवाह रचा लिया है. एक हफ्ते बाद जब नेहा से मुलाकात हुई तो वह बेहद खुश नजर आ रही थी. अपने से ज्यादा उम्र के व्यक्ति से विवाह करने की कोई लाचारी या बेचारगी का भाव उस के चेहरे पर नहीं था.

चूंकि उन के बीच चल रहे संबंधों की चर्चा पहले से होती थी, सो किसी को आश्चर्य नहीं हुआ. ऐसे एक नहीं अनेक किस्सों को हम हकीकत में बदलते देखते हैं. विशेषकर कार्यक्षेत्र में तो यह स्थिति अधिक देखने को मिलती है कि लड़कियां अपने से बड़ी उम्र के पुरुषों के प्रति अधिक आकर्षित हो रही हैं. आजकल यह आश्चर्यजनक नहीं, बल्कि सामान्य बात हो गई है.

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7. जानें, इन वजहों से देते हैं आप एक-दूसरे को धोखा!

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अमेरिकी लेखिका पेगी वौगैन अपनी किताब दि मोनोगैमी मिथ में अनुमान लगाती हैं कि तकरीबन 60 प्रतिशत पुरुष और 40 प्रतिशत महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन के दौरान कभी-न-कभी अपने साथी को धोखा देते हैं. और अक्सर इसका कारण सेक्स नहीं होता.

बेवफाई रिश्तों में कुछ समय से चली आ रही समस्या का लक्षण है; ऐसे प्रेम-संबंधों की शुरुआत बेवजह या फिर इसलिए नहीं होती कोई व्यक्ति ‘बुरा इंसान’ है. लोग रिश्ते में किसी कमी के चलते बेवफाई करते हैं – स्नेह की कमी, ध्यान की कमी, सेक्स या आदर की कमी या फिर भावनात्मक जुड़ाव की कमी. अत: यदि अब आप कभी किसी को बेवफाई करते पाएं तो ये न सोचें कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि हम वे कारण बता रहे हैं.

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8. पहली डेट: न लेट न वेट

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पहली नजर के प्यार सरीखी भले ही न होती हो, लेकिन पहली डेट आखिरकार पहली डेट होती है, जो यूथ की न केवल लव स्टोरी बल्कि लाइफ भी बदल देती है. दिल धाड़धाड़ करे, मन रोमांचित हो, दिमाग और दिल बारबार बेकाबू हों, कुछ भी अच्छा या बुरा न लग रहा हो, ऐसा बहुतकुछ पहली डेट पर जाते वक्त होता है और यह भी कि उसे कैसे कुछ इस तरह इंप्रैस किया जाए कि वह हमेशा के लिए मेरी या मेरा मुरीद हो कर रह जाए. यह मुमकिन है बशर्ते आप पहली डेट को सम झदारी से प्लान करें और खुद पर काबू रखते इन टिप्स पर शिद्दत से अमल करें-

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9. बारिश में इश्क की खुमारी!

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मानसून के मदमाते मौसम में तो उन का प्यार सावन के झड़ी बन कर एकदूसरे पर बरस जाता है. कल की ही बात है. दोनों सुबह ऑफिस जाने के लिए तैयार हो चुके थे. रीना साड़ी पहने हुई थी जबकि रंजन ने फॉर्मल पैंटशर्ट. इसी बीच बारिश ने अपना रंग दिखा दिया. पहले रिमझिम, उस के बाद तेज बरसात. रीना अपनी बालकनी में जा कर आसमान से बरसते पानी का लुत्फ़ लेने लगी. थोड़ी देर में वह भूल गई कि उसे ऑफिस जाना है. बेखयाली में वह थोड़ा सा भीग गई.

रंजन अपने ड्राइंगरूम में बैठा उस का भीगना देख रहा था. बेटी बैडरूम में सो रही थी. रीना का भीगना रंजन में इश्क का बवंडर उठा गया. वह चुपके से रीना के पास गया और उसे अपने आगोश में ले लिया. फिर क्या था, बारिश ने दो जवां दिलों में ऐसी आग लगाई की उन्होंने ऑफिस की सिरदर्दी भूल कर प्यार करने का भरपूर मजा लिया.

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10. मिडिल एज में रोमांस, रखें इन बातों का ध्यान

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शादी के बाद पतिपत्नी के जीवन में एक अलग सी चाहत होती है. एकदूसरे के साथ अधिक से अधिक समय तक करीब रहना, एकदूसरे को छूना, उत्तेजित हो जाना, सैक्स के लिए पोर्न फिल्में देखना, उसी तरह की चाहत रखना सामान्य बातें होती हैं. यही वजह है कि शादी के निजी पलों को खुल कर जीने के लिए लोग हनीमून के लिए जाते हैं.

शादी के बाद का आनंद जीवन में दोबारा तब आता है जब बच्चे होस्टल चले जाते हैं. पतिपत्नी के जीवन में आने वाला यह एकांत उन को बहका देता है. कई कपल्स तो ऐसे मौके का लाभ उठा कर सैकंड हनीमून तक प्लान कर लेते हैं. ऐसे में कई बार वैसी ही गड़बडि़यां हो जाती हैं जैसी शादी के बाद होती हैं. शादी के बाद अबौर्शन संभव हो जाता था पर सैकंड हनीमून के बाद ऐसी गड़बड़ी भारी पड़ सकती है. इसलिए जरूरी है कि गर्भधारण से बचने वाले उपाय व साधनों का प्रयोग करें.

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मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या मासिकधर्म के दौरान संबंध बनाने से गर्भ ठहर सकता है?

सवाल
मैं 21 वर्षीय युवती हूं, मेरा एक बौयफ्रैंड है जिस के साथ मेरे शारीरिक संबंध भी हैं. हाल ही मासिकधर्म के दौरान मैं ने बौयफ्रैंड के साथ शारीरिक संबंध बनाए लेकिन हम ने कोई गर्भनिरोधक उपाय नहीं अपनाया. अब मैं इस बात को ले कर चिंतित हूं कि कहीं मैं गर्भवती न हो जाऊं. मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या मासिकधर्म के दौरान संबंध बनाने से गर्भ ठहर सकता है. वैसे मेरा मासिकधर्म संबंध बनाने के बाद हो चुका है.

जवाब
सामान्य तौर पर मासिकधर्म के दौरान शारीरिक संबंध बनाने पर गर्भ ठहरने की संभावना नहीं होती है. लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप की माहवारी नियमित है या नहीं. अगर माहवारी नियमित हो तो गर्भ ठहरने की संभावना कम होती है. लेकिन गर्भ ठहरने की संभावना को पूरी तरह से नकारा भी नहीं जा सकता. क्योंकि अगर आप की माहवारी अनियमित हो और अंडाणु का विसर्जन अनियमित समय से हो जाए और उसी समय मासिकधर्म भी हो रहा है तो गर्भधारण की संभावना भी हो सकती है.

अगली बार ऐसा कुछ करने से पूर्व गर्भनिरोधक उपाय अवश्य अपना लें ताकि प्रैगनैंसी, एसटीडी और एड्स जैसी बीमारियों से बचाव हो सके. वैसे, वर्तमान स्थिति में आप का मासिकधर्म संबंध बनाने के बाद सामान्य हो चुका है तो घबराने की कोई बात नहीं है.

मासिक धर्म या माहवारी कुदरत का दिया हुआ एक ऐसा तोहफा है, जो किसी लड़की या औरत के मां बनने का रास्ता पक्का करता है. इस की शुरुआत 10 साल से 12 साल की उम्र में हो जाती है, जो  45 साल से 50 साल तक बनी रहती है. इस के बाद औरतों में रजोनिवृत्ति हो जाती है. इस दौरान उन्हें हर महीने माहवारी के दौर से गुजरना होता है. अगर वे अपने नाजुक अंग की समुचित साफसफाई न करें, तो तमाम तरह की बीमारियों की चपेट में आ सकती हैं.

हमारे समाज में आज भी माहवारी के 4-5 दिनों तक लड़कियों व औरतों के साथ अछूत जैसा बरताव किया जाता है. यही नहीं, ज्यादातर लड़कियां और औरतें इस दौरान परंपरागत रूप से कपड़े का इस्तेमाल करती हैं और उसे धो कर ऐसी जगह सुखाती हैं, जहां किसी की नजर न पड़े.

सेहत के नजरिए से ये कपड़े दोबारा इस्तेमाल करने के लिए ठीक नहीं हैं. इस का विकल्प सैनिटरी नैपकिन हैं, लेकिन  महंगे होने की वजह से इन का इस्तेमाल केवल अमीर या पढ़ीलिखी औरतों तक ही सिमटा है.

आज भी देश के छोटेछोटे गांवों और कसबों की लड़कियां और औरतें सैनिटरी नैपकिन के बजाय घासफूस, रेत, राख, कागज या कपड़ों का इस्तेमाल करती हैं.

एक सर्वे के मुताबिक, 80 फीसदी औरतें और स्कूली छात्राएं ऐसा ही करती हैं. इन में न सिर्फ अनपढ़, बल्कि कुछ कामकाजी पढ़ीलिखी औरतें भी शामिल हैं.

फिक्की लेडीज आर्गनाइजेशन की सदस्यों द्वारा किए गए सर्वे में ऐसी बातें सामने आई हैं. संस्था की महिला उद्यमियों ने गांवों और छोटे शहरों में स्कूली छात्राओं और महिला मजदूरों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सब्जी बेचने वाली औरतों से बात की. उन से पूछा गया कि वे सैनिटरी हाईजीन के बारे में क्या जानती हैं?

कसबों में स्कूली बच्चियों से पूछने पर यह बात सामने आई कि कई लड़कियां हर महीने इन खास दिनों में स्कूल ही नहीं जातीं. कई मामलों में तो लड़कियों ने 5वीं जमात के बाद इस वजह से पढ़ाई ही छोड़ दी.

गांवदेहात की 38 फीसदी लड़कियां माहवारी होने की वजह से 5वीं जमात के बाद स्कूल छोड़ देती हैं. 63 फीसदी लड़कियां इस दौरान स्कूल ही नहीं जातीं. 16 फीसदी स्कूली बच्चियों को सैनिटरी नैपकिन की जानकारी नहीं है. 93 फीसदी पढ़ीलिखी व कामकाजी औरतें भी नैपकिन का इस्तेमाल नहीं करतीं.

चूंकि यह निहायत निजी मामला है और स्कूली छात्राओं में झिझक ज्यादा होती है, इसलिए महिला और बाल विकास के कार्यकर्ताओं द्वारा इस संबंध में स्कूलों में जा कर इन खास दिनों में बरती जाने वाली साफसफाई के बारे में समझाना चाहिए.

फिक्की लेडीज आर्गनाइजेशन द्वारा अनेक स्कूलों में नैपकिन डिस्पैंसर मशीनें लगाई गई हैं. इन मशीनों से महज 2 रुपए में नैपकिन लिया जा सकता है.

मध्य प्रदेश के कई स्कूलों में भी एटीएम की तरह सैनिटरी नैपकिन की मशीनें लगाई गई हैं, जहां 5 रुपए का सिक्का डालने पर एक नैपकिन निकलता है. ये सभी वे स्कूल हैं, जहां केवल लड़कियां ही पढ़ती हैं.

अगर माहवारी के दिनों में पूरी साफसफाई पर ध्यान न दिया जाए, तो पेशाब संबंधी बीमारियां हो सकती हैं. राख, भूसे जैसी चीजें इस्तेमाल करने के चलते औरतों को कटाव व घाव हो सकते हैं. लंबे समय तक ऐसा करने से बांझपन की समस्या भी हो सकती है.

सर्वे के दौरान कुछ ऐसे परिवार भी मिले, जहां एक से ज्यादा औरतें माहवारी से होती दिखाई दीं. सासबहू, मांबेटी, बहनबहन, ननदभाभी जब एकसाथ माहवारी से होती हैं और अपने अंगों पर लगाए गए कपड़ों को धो कर सुखाती हैं, तो बाद में यह पता लगाना बड़ा मुश्किल हो जाता है कि कौन सा कपड़ा किस का इस्तेमाल किया हुआ था? ऐसे में अगर ठीक से कपड़ा नहीं धुला, तो दूसरी को इंफैक्शन हो सकता है.

माहवारी के दौरान गर्भाशय का मुंह खुला होता है. इन दिनों अगर साफसफाई का ध्यान नहीं रखा जाए, तो इंफैक्शन होने का खतरा रहता है.

माहवारी के दिनों में घरेलू कपड़े के पैड के बजाय बाजारी पैड का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि कपड़े के पैड की तुलना में बाजारी पैड नमी को ज्यादा देर तक सोखता है, घाव नहीं करता व दाग लगने के डर से बचाता है.

माहवारी के दिनों में नहाना बहुत जरूरी है, खासकर प्रजनन अंगों की साफसफाई का ध्यान रखना चाहिए. पैंटी को भी रोजाना बदलना चाहिए.

माहवारी के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले बाजारी पैड को कागज में लपेट कर कूड़ेदान में डालें. इन्हें पानी के साथ न बहाएं और न ही खुले में डालें.

इस में कोई शक नहीं है कि अच्छी या नामीगिरामी कंपनियों के सैनिटरी नैपकिन काफी महंगे आते हैं. एक दिन में 4-5 पैड लग जाते हैं. यह खर्च उन के बजट से बाहर है. इस के अलावा उन्हें दुकान पर जा कर इसे खरीदने में भी शर्म आती है.

लड़कियों और औरतों की सेहत की खातिर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को चाहिए कि वे सैनिटरी नैपकिन बनाने वाली कंपनियों को अनुदान दे कर इस की लागत इतनी कम कर दें कि एक या 2 रुपए में वह मिलने लगे. यह औरतों और लड़कियों की भलाई की दिशा में एक अच्छा कदम होगा.

मैंने अपने ही कालेज के एक छात्र के साथ संबंध बनाए हैं, पर फिर भी मैं उसे नहीं पा सकी, क्या करूं?

सवाल
मैं ने फेसबुक के जरिए अपने ही कालेज के तृतीय वर्ष के एक छात्र से दोस्ती की. फिर वह मुझे रोज विश करने लगा. कुछ समय बाद हम कालेज में भी मिलने लगे और हमारे बीच रिलेशन बन गया, लेकिन उस के बाद उस की दिलचस्पी मुझ में कम दिखती है.

मैं उसे मिलने को कहूं तो पढ़ाई में हर्ज का बहाना बनाता है. फोन करूं तो उठाता नहीं. खुद मिलने जाऊं तो भी ज्यादा देर बात नहीं करता, जबकि मैं सब लुटा कर भी उसे नहीं पा सकी, क्या करूं समझ नहीं आता?

जवाब
आप का प्यार शुरू से ही एकतरफा रहा है, जिसे आप प्यार समझ रही हैं वह तो सिर्फ वासना है. आप ने अपनी तरफ से पहल की क्योंकि आप के मन में उस के प्रति आकर्षण था लेकिन उसे समझ नहीं पाईं कि उस के मन में क्या है. जाहिर है उस के मन में आप के शरीर के प्रति आकर्षण था जिसे आप के एकतरफा प्यार ने हवा दी और उस ने लपक लिया. अब इसी कारण वह आप से कटता फिर रहा है. अब भी देर नहीं हुई है, संभल जाइए.

अपना मन पढ़ाई में लगाइए व खुद को इस प्रेम से अलग कर लीजिए. अगर फिर भी बात न बने तो दूसरा साथी ढूंढि़ए, हां, भूल कर भी तनाव में न आएं व खुदकुशी आदि की तरफ न बढ़ें. कैरियर व कंपीटिशन की तरफ रुख करेंगी तो स्वत: ही इस ओर से ध्यान हटेगा. सुनहरा कैरियर बनेगा तो उस जैसे हजारों पलकें बिछाए खड़े मिलेंगे.

कहते हैं प्यार जब अपनी ऊंचाइयों पर पहुंचता है तो वह अपनी सारी हदें पार कर जाता है और इन हदों के परे सबकुछ एकाकार हो जाता है, चाहे वह मन हो या फिर तन. प्रेम में शारीरिक मिलन अकसर एक चुंबक की तरह काम करता है. तमाम नाकाम कोशिशों के बावजूद मिलन के इस आकर्षण से बचा नहीं जा सकता. म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग के साथ शुरू हुए इस रिश्ते में शुरू में तो खूब गर्माहट होती है, मरमिटने के कसमेवादे होते हैं, पर वक्त के साथसाथ ये सब फीके पड़ने लगते हैं, जब तक इसे संसर्गता की डोर से बांधा न जाए. अधिकतर प्लैटोनिक रिश्ते एक मोड़ पर आ कर टूट जाते हैं, बशर्ते वे किसी कमिटमैंट के साथ शुरू न किए गए हों.

ऐसा भी नहीं है कि सैक्सुअल बौंडिंग, लवबौंडिंग को बनाए रखने की एक अहम कड़ी है, पर हां, प्रेम की ताजगी को बनाए रखने के लिए शारीरिक संबंध बनाना बहुत जरूरी है. यदि एक स्त्री और पुरुष के बीच प्रेम है तो वह तब तक लगातार बना रहेगा जब तक उन में शारीरिक संबंध जारी रहेंगे. इसलिए अगर आप प्रेम करते हैं तो सहवास के लिए भी तैयार रहें. कभी भी अपने मन में कुंठा न पालें कि आप गलत कर रही हैं. वैसे भी प्यार में शारीरिक निकटता स्वाभाविक है. इस में कुछ भी अनैतिक नहीं है. हां, पर यह जरूरी है कि शारीरिक संबंध बनाने से पहले अपने पार्टनर की लोआयलिटी टैस्ट जरूर कर लें. रिश्तों की मजबूती व स्वयं की सुरक्षा के लिए बेहद आवश्यक है कि आप अपने पार्टनर को ठीक से जानसमझ लें.

फिजिकल रिलेशन बनाने से पहले इन बातों का खयाल जरूर रखें :

–       फिजिकल रिलेशन बनाने से पहले ट्रस्ट बिल्डिंग ऐक्सरसाइज जरूर करें.

–       फिजिकल रिलेशन आपसी रजामंदी पर निर्भर करते हैं इसलिए अपने पार्टनर पर एकतरफा दबाव न बनाएं.

–       फिजिकल बौंडिंग आप की रिलेशनशिप को सिर्फ स्मूद और स्ट्रौंग बनाती है, लेकिन यह लौंग लास्टिंग रिलेशन की कतई गारंटी नहीं देती. इसलिए सोचसमझ कर कदम बढ़ाएं.

–       फिजिकल रिलेशन आप के लवमेकिंग प्रोसैस को मजबूती प्रदान करते हैं पर इस के अच्छे और बुरे परिणाम के बारे में जरूर जानें. कभीकभी ज्यादा फिजिकल होना भी रिश्ते के लिए नुकसानदेह साबित होता है.

–       प्रेम की आड़ में शारीरिक संबंध बनाना कई युवकों का शगल होता है इसलिए अपने पार्टनर को परखें, जल्दबाजी न करें. कई बार फिजिकल होने के बाद युवकों का इंटरैस्ट खत्म हो जाता है और वे पार्टनर को नजरअंदाज करने लगते हैं, इसलिए इस हैबिट को रूटीन में लाने से पहले पार्टनर की ब्रेन मैपिंग जरूर करें.

–       अपनी सुरक्षा का पूरा खयाल रखें.  संबंध बनाते समय कंट्रासैप्टिक का इस्तेमाल जरूर करें.

प्रेम में यदि धोखा मिलना होगा तो मिलेगा ही, चाहे आप अपने पार्टनर के साथ फिजिकल हों या प्लैटोनिक, पर इस बात की तो पक्की गारंटी है कि फिजिकल रिलेशन आप के प्रेम को टिकाऊ और लचीला बनाता है और यह भी सही है कि प्लैटोनिक लव को ज्यादा लंबा नहीं खींचा जा सकता. प्रेम करने वालों को सैक्स का आकर्षण अपनी ओर खींच ही लेता है और क्या पता यही सैक्स आप के प्रेम के लिए टौनिक का काम कर जाए. लेकिन ध्यान रखें कि जिस्म की यह जरूरत कहीं वासना न बन जाए. कहीं इस की आड़ में आप का शोषण न हो.

आपसी समझ और साझेदारी ही दीर्घ रिश्ते की गारंटी है. आप अपने प्रेम को बनाए रखना चाहती हैं तो उस में सैक्स का फैवीकोल तो मिलाना ही पड़ेगा. प्रेम है तो सैक्स है और सैक्स है तो प्रेम जिंदा है, यही आज का फलसफा भी है.

मेरी पत्नि मेरे साथ नहीं रहती क्या करूं?

सवाल

मैं 30 साल का हूं. मेरी शादी को 10 साल हो चुके हैं और मेरे 3 बच्चे भी हैं. मेरी पत्नी मायके में ही रहती है और मेरे पास आने से मना करती है. अगर मैं उस से तलाक मांगता हूं तो वह मना कर देती है. इस समस्या का क्या हल हो सकता है?

जवाब

यह सच है कि आप की पत्नी आप के साथ ज्यादती कर रही है. अच्छा होगा कि आप तलाक के लिए अदालत का सहारा लें. शादी के 10 साल बाद पत्नी के मायके में रहने की जिद गले नहीं उतरती है. आप उस के घर वालों से भी बात करें कि वह क्यों आप के साथ नहीं रहना चाहती है और वे क्यों बेटी की गृहस्थी बरबाद कर रहे हैं.

आप उस की घर वापसी के लिए भी मुकदमा दायर कर सकते हैं. सवाल बच्चों के भविष्य का भी है.

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जानिए आखिर महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं

महिलाएं किसी पुरुष को आखिर क्‍यों पसंद करती हैं? और ऐसी कौन सी खास बात है जिससे प्रभावित होकर वह किसी पुरुष के साथ सेक्‍सुअल संबंध बनाने के लिए अपने आप को राजी करती हैं? इस तथ्‍य पर रिसर्च करने के बाद टैक्‍सास विवि के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर्स सिंडी मेस्टन और डेविड बस ने एक किताब लिखी है. इस किताब का नाम है वौय वुमन हैव सेक्‍स. किताब सेक्‍स संबंधों को लेकर महिलाएं क्‍या सोचती हैं? इस सवाल पर कई रोचक खुलासे करती है, किताब में इस बात के 200 कारण बताए गए है, जिनके चलते महिलाएं किसी पुरुष के साथ सेक्‍सुअल संबंध बनाती हैं या उसे पसंद करती हैं.

टेक्सस यूनिवर्सिटी में साइकौलजी के प्रोफेसर्स सिंडी मेस्टन और डेविड बस की लिखी किताब – वाय वुमेन हेव सेक्स ( महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं ) में करीब 200 कारणों को बताया गया है.

रिसर्च के दौरान देखा गया कि ज्यादातर पुरुषों को महिलाएं सेक्सुअली अट्रैक्टिव लगती हैं , जबकि महिलाओं को पुरुषों में ऐसी कोई बात नज़र नहीं आती. रिसर्च के दौरान 1000 महिलाओं का इंटरव्यू किया , जिसमें महिलाओं ने पुरुषों के साथ सोने के अपने कारण बताए.

एक महिला ने बताया – वह सेक्स इसलिए करती है ताकि बोरियत दूर कर सके क्योंकि सेक्स करना लड़ने से कहीं आसान है. जबकि कुछ दूसरी महिलाओं के लिए यह माइग्रेन और सिरदर्द दूर भगाने का उपचार है.

रिसर्च में कुछ महिलाओं ने ऐसी बातें भी कहीं जिन्हें सुनकर हैरानी हो सकती है. कुछ महिलाएं महज दया की वजह से पुरुषों के साथ सोती हैं जबकि कुछ महिलाएं अपने स्वार्थ के लिए सेक्स का इस्तेमाल करती हैं जैसे रुपये – पैसों के लिए और दूसरी कीमतों चीजों को हासिल करने के लिए.

कुछ ने कहा – मैंने किसी पुरुष के साथ इसलिए संबंध बनाए क्योंकि उसने मेरे लिए एक शानदार डिनर का आयोजन किया या उसने मुझ पर काफी रुपये खर्च किए.

यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों पर किए गए इस सर्वे में 10 में से 6 ने माना कि वह आमतौर पर ऐसे पुरुष के साथ सो चुकी हैं जो उनका बौयफ्रेंड नहीं हैं. कुछ ने कहा – वह सेक्स इसलिए करती हैं ताकि अपनी सेक्सुअल परफौर्मंस को इंप्रूव कर सकें. यही बताते हुए एक विद्यार्थी ने कहा – मैंने अपने बौयफ्रेंड के साथ इसलिए सेक्स किया ताकि मैं अपने सेक्सुअल स्किल्स को और बेहतर बना सकूं.

इस रिसर्च में यह भी पता चला कि महिलाएं ऐसे पुरुषों पर ज्यादा आकर्षित होती हैं जो लंबे हों, जिनकी आवाज़ रौबदार हो और जिनके शरीर से मदहोश कर देने वाली महक आती हो.

मेरे एक लड़के से शारीरिक संबंध रहे हैं, क्या सुहागरात पर पति जान जाएंगे कि मेरा कौमार्य भंग हो चुका है?

सवाल
मैं 21 साल की युवती हूं. घर में मेरी शादी की बात चल रही है. इस से मैं चिंतित हो गई हूं. 3-4 वर्षों तक मैं एक लड़के से प्यार करती थी. उस के साथ 3 वर्षों तक शारीरिक संबंध भी रहे थे.

शादी के नाम पर मुझे इसीलिए घबराहट हो रही है, क्योंकि सुहागरात को ही पति जान जाएंगे कि मेरा पहले ही कौमार्य भंग हो चुका है. यह सचाई जान कर हो सकता हो कि वे मुझे घर से निकाल दें. उस स्थिति में मैं क्या करूंगी? घर वालों को सचाई बता नहीं सकती. कृपया बताएं मैं क्या करूं.

जवाब
विवाहपूर्व के संबंध भविष्य के लिए चिंता का सबब बनते हैं इसीलिए इस से यथासंभव बचने की हिदायत दी जाती हैं. पर आप ऐसी भूल कर चुकी हैं जिसे सुधारा तो नहीं जा सकता. अलबत्ता उसे भुलाना कठिन नहीं है.

बेहतर होगा कि सब कुछ भुला कर विवाह की तैयारी में लग जाएं. पति से अपने किसी प्रेमसंबंध या अनैतिक संबंधों की बाबत कुछ न कहें. जब तक आप स्वयं अपने मुंह से नहीं स्वीकारेंगी, आप के पति कुछ नहीं जान पाएंगे.

मैं जिससे प्यार करती हूं, उसकी शादी हो चुकी है और एक बेटा भी है, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं 20 साल की हूं और एक लड़के से प्यार करती हूं. लेकिन उस की शादी हो चुकी है और उस का एक बेटा भी है. मेरे घर वाले इस कारण मुझ से खुश नहीं हैं. मैं क्या करूं?

जवाब
सब से पहले तो आप ही सोचिए क्या आप एक बेटे के बाप के चक्कर में पड़ कर ठीक कर रही हैं? आप के घर वालों की नाराजगी जायज है. दरअसल, आप का प्यार एकतरफा है. वह आदमी, जो एक बच्चे का बाप है, आप को भी मूर्ख बना रहा है व अपने घर वालों को भी.

आप भावना में बह कर कोई ऐसा कदम न उठा बैठिएगा कि बाद में पछताना पड़े. अच्छा तो यही होगा कि आप अपने इस प्यार को यहीं समाप्त कर दें, क्योंकि यह सिर्फ आप की तरफ से एकतरफा है. वह आप का यौनशोषण करेगा और फिर छोड़ देगा. उस का तो परिवार है, आप अपना व अपने मातापिता का सम्मान भी खो बैठेंगी, साथ ही, अगर उस का आप के प्रति लगाव रहा तो उस का परिवार भी उजड़ेगा.

इधर, आप के मातापिता नाराज रहेंगे. सो, सब को बचाने की जिम्मेदारी आप की है. आंखों से एकतरफा प्यार की पट्टी उतार कर असलियत को देखिए.

शादी एक ऐसा समय है जब लड़का-लड़की एक साथ एक बंधन में बंधकर पूरा जीवन साथ में बिताने का वादा करते हैं. शादी को पुरूष आमतौर पर शारीरिक तौर पर अधिक देखते हैं. शादी का मतलब अधिकतर पुरूषों के लिए सेक्स संबध बनाना ही होता है लेकिन वे ये बात भूल जाते हैं कि शारीरिक संबंध से अधिक महत्वपूर्ण आत्मिक संबंध होता है.

यदि महिला और पुरूष आत्मिक रूप से एक-दूसरे से संतुष्ट‍ है तो फिर शारीरिक संबंधों में भी कोई दिक्कत नहीं होती. शादी से पहले यानी सगाई के बाद लड़के और लड़की को एकसाथ खूब समय बिताने को मिलता है लेकिन इसका ये अर्थ नहीं कि वे शादी से पहले फिजीकल रिलेशन बना ले या फिर प्री मैरिटल सेक्सू करें. शादी से पहले संयम बरतना जरूरी है. आइए जानें शादी और संयम के बारे में कुछ और दिलचस्प बातों को.

सगाई और शादी के बीच में संयम के बारे में कुछ और दिलचस्प बातें 

– सगाई के बाद लड़के और लड़की को आपस में एक-दूसरे से मिलना चाहिए और एक-दूसरे को जानना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही उन्हें संयम बरतना भी जरूरी है.

– यदि शादी से पहले फिजीकल रिलेशन बनाने के लिए लड़का-लड़की में से कोई भी पहल करता है तो दूसरे को मना करना चाहिए नहीं तो इससे इंप्रेशन अच्छा नहीं पड़ता.

– दोनों को समझना चाहिए कि प्री मैरिटल सेक्स से पहले उन्हें आपस में एक-दूसरे को जानने-सूझने का मौका मिला है जिससे वे पहले एक-दूसरे की पसंद-नापसंद इत्यादि के बारे में जान पाएं.

– ये जरूरी है कि मिलने वाले समय को लड़के व लड़की को समझदारी से बिताना चाहिए न कि फिजूल की चीजों में खर्च करना चाहिए.

– शादी से पहले संयम बरतने से न सिर्फ दोनों के रिश्तों में मजबूती आती है बल्कि दोनों का एक-दूसरे पर विश्वास भी बना रहता है. इसके साथ ही संबंधों में अंतरंगता का महत्व भी बरकरार रहता है.

– प्रीमैरिटल सेक्स में हालांकि कोई बुराई नहीं लेकिन दोनों के रिश्ते पर शादी के बाद मनमुटाव का ये कारण बन सकता है.

– रिश्तों में खुलापन जरूरी है. चाहे तो शादी से पहले आप चीजों को डिस्कस कर सकते हैं. एक-दूसरे के साथ समय व्यतीत कर सकते हैं. एक-दूसरे के साथ घूम-फिर सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी नहीं कि फिजीकल रिलेशन ही बनाया जाए.

– शादी से पहले फिजीकल रिलेशन से रिश्तों में अवसाद पैदा होने की संभावना बनी रहती है क्योंकि इसके बाद हर समय मन में एक डर और बैचेनी रहने लगती है. इसीलिए इन सबसे बचना जरूरी है.

– सेक्ससुअल रिलेशंस आपके रिश्ते में करीबी ला भी सकते हैं और दूरी बढ़ा भी सकते हैं इसीलिए कोई भी कदम उठाने से पहले सोच-समझ कर विचार करना आवश्यक है.

शादी से पहले संयम बरतने में कोई नुकसान नहीं है बल्कि रिश्तों की मजबूती के लिए यह अच्छा है.

मेरा बौयफ्रैंड मेरे साथ फिजिकल होना चाहता था लेकिन मैंने उसे रोक दिया, उस दिन से वह बात नहीं कर रहा, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं एक 2 कमरे का मकान किराए पर ले कर रहती हूं. मेरा बौयफ्रैंड कभीकभी मुझ से मिलने आता रहता था. एक दिन मैं किचन में खाना बना रही थी तभी वह आया तो मैं ने उसे बैठने को कहा और चाय बनाने लगी, लेकिन वह कब किचन में आ गया और मुझे पीछे से ही बांहों में जकड़ लिया पता ही न चला. वह मुझे बांहों में जकड़े रूम में ले आया और संबंध बनाने को आतुर हुआ. लेकिन मैं ने उसे रोक दिया, अपने मन पर काबू रखना मुश्किल था पर उसे रोकना जरूरी. उस दिन के बाद से वह मुझ से कट रहा है. क्या करूं?

जवाब
आप का बौयफ्रैंड सिर्फ फ्रैंडशिप तक आप के साथ इन्वौल्व था या आप दोनों में प्रेम भी दस्तक दे चुका था, यह तो आप ने नहीं लिखा लेकिन बौयफ्रैंड की तरफ से यह प्रेम ही था जो आप से शारीरिक जरूरत पूरी करना चाहता था और जाहिर है उस दिन प्रेम में बहने से बच कर आप ने उस का मौका गंवाया, शायद इसी कारण वह आप से कटता है.

शरीर की भूख ने उस की दोस्ती और प्यार दोनों को खत्म कर दिया है. आप कोशिश कीजिए खुद में मस्त रहने की. सोचिए, अगर उस दिन आप उसे मर्यादा लांघने देतीं तो क्या होता और उस के बाद वह कटता तो आप को ज्यादा दुख होता कि मैं ने सबकुछ लुटा दिया, फिर भी वह मेरा न हुआ. अगर उसे सच में प्यार होगा तो खुद आएगा वरना उसे भूलना ही बेहतर है.

रोशन अली जब 45 साल का था, तब उस की पहली बीवी की मौत हो गई थी. इस के बाद उस ने 23 साला फातिमा के साथ दूसरा निकाह कर लिया था.

फातिमा का रंग गोरा था. उस का कमसिन बदन हर किसी की निगाह में चढ़ गया था, पर वह किसी को भी घास नहीं डालती थी. रोशन अली की ढलती उम्र व कड़ी मेहनतमजदूरी करने के चलते उस का शरीर भी ठंडा पड़ गया था. वह फातिमा को खुश नहीं कर पा रहा था, जिस के चलते वह हमबिस्तर होने से कतराती थी. इसी तनाव के चलते वह टीबीके मरीज की तरह खांसती रहती थी.उस का मन घर के कामों में भी नहीं लगता था.

रोशन अली ने फातिमा का खूब इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, क्योंकि फातिमा की बीमारी तो जिस्मानी तौर पर असंतुष्टि थी.

एक दिन रोशन अली ने गांव के तालाब के पास एक हकीम साहब का कैंप लगा देखा. उन की उम्र तकरीबन 30 साल थी. उन का दावा था कि वे हर तरह की बीमारी का शर्तिया इलाज करते थे. हिमालय की जड़ीबूटियों से तैयार की गई दवाएं लेने से 7 दिन में बीमारी से छुटकारा मिल जाता था, ऐसा हकीम साहब का कहना था.

रोशन अली फातिमा को ले कर उन के कैंप में गया और बीमारी का हाल सुनाया. हकीम असलम एकबारगी फातिमा को देख कर दंग रह गए. उस की जवानी, गोरे बलखाते बदन को देख कर उन की लार टपक गई.फातिमा भी हकीम साहब की जवानी देख कर मुसकरा उठी और वह ललचाई नजरों के साथ जमीन कुरेदने लगी.

हकीम ने उस की नब्ज देखने के बहाने हाथ से हाथ मिला कर कहा, ‘‘रोशन साहब, आप रात को 8 बजे इन्हें दोबारा यहां लाएं, ताकि फुरसत में पूरी तसल्ली से इन के शरीर की जांच की जा सके.’’

रोशन अली फातिमा को रात 8 बजे हकीम के कैंप में दोबारा ले गया. उसे बाहर इंतजार करने को कहा गया.हकीम साहब ने रोशन अली से दवाओं और सलाह के 5 सौ रुपए एडवांस में ले लिए.

रोशन अली ने देखा कि फातिमा के इलाज में ज्यादा समय लगेगा, इसलिए वह खाना खाने घर चला गया. इधर हकीम साहब ने फातिमा का हाथ पकड़ कर एक टेबल पर लिटा दिया और उसे नशे की गोलियां दे दीं, जिस से वह नशे की हालत में अंगड़ाइयां लेने लगी.

हकीम साहब ने अपना स्टैस्थोस्कोप निकाल कर कान में लगाया और फातिमा के ब्लाउज के बटन खोल कर उस के उभारों को सहलाना शुरू कर दिया. फातिमा नशे में चूर मुसकरा रही थी और मजा ले रही थी. इस तरह कुछ देर में दोनों में जोश जाग गया और टेबल पर ही वे एक हो गए. जब वे दोनों संतुष्ट हो गए, तो अलग हो गए.

हकीम साहब ने कहा, ‘‘7 दिन तक आती रहना. तुझे पूरी तरह संतुष्ट कर दूंगा और औलाद भी दे दूंगा.’’ फातिमा तो यही चाहती थी.

थोड़ी देर में रोशन अली भी आ गया. हकीम साहब ने दवा की पुडि़या पकड़ाते हुए कहा, ‘‘इन्हें 7 दिनों तक मेरे कैंप में ले कर आते रहना, जिस से इन की बीमारी का पूरा इलाज हो जाए.’’ इस तरह हकीम साहब ने 7 दिनों तक फातिमा को भोगा.

इस बीच हकीम साहब की करतूतों की कहानी कई गांवों में भी फैल चुकी थी, इसलिए कुछ गांव वाले एक सिपाही को ले कर उन के कैंप पर आ धमके.

छानबीन में जाली दस्तावेज, लाइसैंस, फोटो, गर्भ निरोधक वगैरह मिले. पूछताछ में हकीम ने सब सच उगल दिया और उन्हें जेल भेज कर मुकदमा दायर कर दिया गया. उन की चुपड़ी और 2-2 की पोल खुल गई.

लेकिन रोशन अली अब खुश है, क्योंकि फातिमा उस का बिस्तर पर बढ़चढ़ कर साथ देती है. जब उस ने बताया कि वह पेट से है, तो रोशन अली ने पूरे महल्ले में मिठाई बांटी.

सब ने मिठाई तो खाई, पर ज्यादातर लोग जानते थे कि असलियत क्या है, क्योंकि गांवों के कई घरों में बुजुर्ग होते मर्दों की बीवियों को अचानक उलटियां होने लगी थीं.

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